महाराष्ट्र
शरद पवार पर अजित पवार का बड़ा बयान – "पहले भी भगवान मानता था, अब भी मानता हूं"
10 Apr, 2025 03:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शरद पवार को लेकर बुधवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह कल भी शरद पवार को भगवान मानते थे और आज भी मानते हैं. उन्होंने यह बयान पिंपरी में विधानसभा के उपाध्यक्ष अन्ना बनसोडे के अभिनंदन समारोह में दिया.
बता दें कि शिवसेना के बाद भले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन हो गया हो, लेकिन दोनों गुटों के नेता किसी न किसी अवसर पर एक-दूसरे से मिलते हैं और एक-दूसरे से संवाद बनाए रखते हैं. दोनों गुटों का कहना है कि शरद पवार उनके भगवान हैं. इसलिए, अक्सर चर्चा होती है कि नेशनलिस्ट पार्टी के दोनों गुट फिर से एक हो जाएंगे. अब राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी ऐसा ही बयान दिया है.
अजित पवार ने कहा कि हम भी अपने परिवार में कल भी शरद पवार को भगवान मानते थे और आज भी मानते हैं, लेकिन आज देश को मोदी जैसा नेता मिल गया है. दुनिया में देश की प्रतिष्ठा बढ़ रही है. मुझे उनके साथ कहीं रहना है. इसलिए हमने उस स्थान पर निर्णय लिया.
अजित पवार ने पीएम मोदी को सराहा
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आयात शुल्क में अचानक वृद्धि का विश्व भर के कई देशों पर प्रभाव पड़ रहा है. कोरोना के बाद यह एक नया संकट है. हमें इसका सामना करना होगा. अजित पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विभिन्न देशों के साथ अच्छे संबंध हैं, जिसका हमें निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.
अजित पवार ने कहा कि भले ही हमने निर्णय ले लिया है, फिर भी कुछ लोग अभी भी अपनी खेती शुरू कर रहे हैं, ऐसा मत करो, देखो अन्ना तालाब और बगीचे में रहने के बजाय कहां चले गए.
कानून-व्यवस्था को लेकर कही ये बात
अजित पवार ने कहा कि अन्ना बनसोडे का पंटापारी से विधानसभा उपाध्यक्ष तक का सफर रहा है. बनसोड़े ने इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे. अजित पवार ने कहा कि एक सामान्य परिवार से आने वाले अन्ना इस स्थिति से उबरकर इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
अजित पवार ने अन्ना बनसोड़े को विधानसभा में काम करते समय जागरूकता के साथ काम करने और बोलने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “अब सबकी नजर आप पर होगी. सबकी नजर आपके व्यवहार और वाणी पर होगी. अपने बच्चों को भी कुछ बातें बताएं. आप जब ऊंचे पद पर पहुंच जाएंगे, तो आपके ही परिवार में कोई रिश्तेदार कुछ करेगा तो आपकी बदनामी होगी. इसलिए, जागरुकता से काम करें. ”
अजित पवार ने आश्वासन दिया कि इस तरह का गैंग,उस तरह का गैंग काम नहीं करेगा. पुणे में कानून और व्यवस्था बनाए रखें.
पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: पुलिस ने 2 और संदिग्धों को किया गिरफ्तार
9 Apr, 2025 03:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर 2024 को दशहरे के दिन उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने अब तक इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन अब पुलिस ने 2 और लोगों को गिरफ्तार किया है. सवाल है कि क्या इनका बाबा सिद्दीकी हत्याकांड से कोई संबंध है?
पंजाब पुलिस ने कहा कि उसने लॉरेंस बिश्नोई-रोहित गोदारा गिरोह के 2 गुर्गों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से एक पिस्तौल बरामद की है. पुलिस महानिदेशक (DGP) ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान राजस्थान के श्रीगंगानगर के निवासी जशनदीप सिंह उर्फ जशन संधू और श्री मुक्तसर साहिब के गुरसेवक सिंह के रूप में हुई है.
वहीं जालंधर में बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया के घर पर हुए ग्रेनेड अटैक के मुख्य अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जानकारी मिली कि इस मामले का मास्टरमाइंड ज़ीशान अख़्तर है, जो कि लॉरेंस बिश्नोई का करीबी साथी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ज़ीशान अख्तर बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में भी वांटेड है.
बता दें कि बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पूरी मुंबई को हिलाकर रख दिया था. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने इसकी जिम्मेदारी ली थी.
बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल
जानकारी के अनुसार बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में फरार आरोपियों में शुभम लोनकर और जीशान अख्तर शामिल हैं. कहा जा रहा है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या जीशान अख्तर के कहने पर की गई. अब तक की जांच में पता चला है कि जीशान अख्तर और शुभम लोनकर दोनों ही बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले सभी आरोपियों को निर्देश दे रहे थे. मुंबई पुलिस पिछले कई महीनों से जीशान अख्तर की तलाश में है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल का बयान, समाज में समानता लाने के लिए स्कूलों में सभी धर्मों की शिक्षा जरूरी!
9 Apr, 2025 03:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने जाति और धर्म के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह बहुत निराशाजन है कि कभी-कभी लोगों को उनकी जाति या धर्म की वजह से घर देने से मना कर दिया जाता है. इस तरह के भेदभाव को न करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए.
उन्होंने लोकमत अंतरधार्मिक संवाद के माध्यम से विश्व शांति और सद्भाव’ के कार्यक्रम में इसकी चर्चा की. उन्होंने कहा कि अंतरधार्मिक बातचीत की अवधारणा कोई नई नहीं है. यह विभाजन को पाट सकती है और लोगों के पूर्वाग्रहों को खत्म कर सकती है.
मनाया जाए सभी धर्मों का त्योहार
राधाकृष्णन ने कहा कि एक बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक समाज में ये जरूरी है कि सभी धर्मों के नागरिकों का सम्मान किया जाए. उन्होंने कहा कि हमें अपने नागरिकों को सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाना चाहिए.
इसका सबसे अच्छा जरिया उन्होंने स्कूल और कॉलेज को बताया. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत स्कूल और कॉलेज से होनी चाहिए. सभी स्कूल और कॉलेज को सभी धर्मों के त्योहार उत्साहपूर्वक मनाने चाहिए और छात्रों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हम अपने छात्रों को सभी धर्मों के त्योहार मनाने से रोक रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को अलग-अलग धर्मों के पूजा स्थलों से परिचित कराना चाहिए, जिससे दूसरे धर्मों के प्रति सम्मान और सहानुभूति बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि ये सुनकर दुख होता है कि लोगों को जाति या धर्म के आधार पर घर देने से मना किया जा रहा है. इसे हमेशा के लिए खत्म किया जाना चाहिए. विश्व शांति और सद्भाव केवल अंतरधार्मिक संवाद से ही बनाया जा सकता है. हमें हर नागरिकों को शांति और सद्भावना की ओर आगे बढ़ाना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि अंतरधार्मिक बातचीत लोगों के बीच विभाजन को पाट सकता है. लोगों के विचारों से पूर्वाग्रहों को खत्म कर सकता है. साथ ही मानवता की गहरी समझ को लोगों के बीच बढ़ा सकता है.
भारतीय संस्कृति भाषा और त्वचा का रंग नहीं बताती
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारतीय संस्कृति की पहचान भाषा, त्वचा के रंग या आस्था से नहीं होती है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जवाबदेही एक जरूरी अवधारणा है और इस बात पर जोर दिया कि जो होता है, वही होता है.
उन्होंने कहा कि हर काम के अपने नतीजे होते हैं. हमने कभी नहीं कहा कि विविधता हमें कमजोर बनाती है. हमने हमेशा कहा है कि विविधता, बहुलता प्राकृतिक नियम है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए.
इंडिगो फ्लाइट में बम से उड़ाने की धमकी, मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ाई गई
8 Apr, 2025 06:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जयपुर से मुंबई जा रही इंडिगो फ्लाइट को सोमवार को बम से उड़ाने की धमकी मिली. फ्लाइट में एक धमकी भरी चिट्ठी मिली. जिसके बाद सुरक्षा के तौर पर मुंबई एयरपोर्ट पर पूर्ण आपातकाल घोषित कर दिया गया. फ्लाइट रात 8 बजकर 50 मिनट पर छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड हुई थी.
बता दें कि फ्लाइट की लैंडिंग नॉर्मल थी और पैसेंजर्स के उतरने के बाद यह चिट्ठी बाथरूम में मिली, जिसके बाद तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी गई. जिसके बाद फ्लाइट की जांच की गई, जिसमें पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह चिट्ठी बाथरूम में किसने रखी और उसके पीछे क्या वजह थी.
सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
गनीमत रही कि एयरपोर्ट के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा. CSMIA एयरलाइन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से कोऑर्डिनेशन कर रहा है. इंडिगो ने बताया कि यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
विमान में मिला धमकी भरा नोट
CSMIA ने अपने बयान में कहा कि जयपुर (जेएआई) से मुंबई (बीओएम) जा रहे एक विमान में एक धमकी भरा नोट मिला. एहतियात के तौर पर, मुंबई एयरपोर्ट पर रात 8:43 बजे फुल इमरजेंसी घोषित कर दिया गया था. विमान 8 बजकर 50 मिनट पर सुरक्षित उतरा. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से एयरपोर्ट का संचालन अप्रभावित रहा.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
CSMIA ने यह भी कहा कि वे एयरलाइन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति पर पूरी नजर रख रहे हैं. यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. धमकी किसने दी, यह अभी पता नहीं चल पाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर की याचिका, एफआईआर के खिलाफ की चुनौती
7 Apr, 2025 08:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा इन दिनों सुर्खियों में हैं. कामरा ने शनिवार को अब बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दरअसल, कामरा ने हाल ही में एक पॉलिटीकल जोक किया था जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का अपमान किया है. इसी के बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी.
कुणाल कामरा ने मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ जो FIR दर्ज की है उसके खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. कुणाल कामरा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार और जीवन के अधिकार के आधार पर अपने खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. यह मामला 21 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एसवी कोटवाल और जस्टिस एसएम मोदक की बेंच के सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
मुंबई पुलिस ने तीन बार भेजा नोटिस
कुणाल कामरा पर दर्ज FIR के चलते मुंबई पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए तीन बार नोटिस भेजा था, लेकिन तीनों ही बार कामरा पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए. शिवसेना विधायक मुर्जी पटेल के शिकायत दर्ज कराने के बाद, एमआईडीसी पुलिस स्टेशन ने 24 मार्च को कामरा पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353(1)(बी) और 353(2) (सार्वजनिक शरारत पैदा करने वाले बयान) के साथ-साथ 356(2) (मानहानि) के तहत दंडनीय अपराध के लिए मामला दर्ज किया था. एमआईडीसी पुलिस ने बाद में जीरो एफआईआर खार पुलिस को ट्रांसफर कर दी.
मद्रास हाईकोर्ट ने दी राहत
पिछले महीने, मद्रास हाईकोर्ट ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी पर मुंबई में दर्ज एक एफआईआर के संबंध में कामरा को 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी. कामरा मद्रास हाईकोर्ट इस आधार पर गए थे कि उन्होंने कहा था कि वो तमिलनाडु जिले के स्थायी निवासी हैं और उसे महाराष्ट्र की यात्रा करने पर तत्काल गिरफ्तारी और शारीरिक क्षति की आशंका है. इसी आधार पर कामरा को अंतरिम जमानत दी गई थी.
कुणाल कामरा ने हाल ही में 23 मार्च को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपने शो की एक क्लिप पोस्ट की थी. इसी के बाद विवाद शुरू हुआ. इस वीडियो के सामने आने के बाद एकनाथ शिंदे के समर्थकों का गुस्सा फूटा और उन्होंने जिस स्टूडियो में शो किया गया वहां पर तोड़फोड़ मचाई. साथ ही कामरा पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई.
वक्फ बिल पर संसद में विरोध करने पर AIUMB महासचिव ने उद्धव ठाकरे को किया धन्यवाद
5 Apr, 2025 07:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के महासचिव बोनाई हसनी ने शनिवार को वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे के शुक्रगुजार हैं. साथ ही उन तमाम सांसदों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने संसद में इस बिल का विरोध किया है. हसनी का कहना है कि संसद द्वारा पारित बिल में बहुत खराबी है. आगे जाकर ऐसा सिख और ईसाइयों के साथ भी हो सकता है.
बोनाई हसनी ने इस दौरान कहा कि वक्फ को लेकर हिंदुस्तानी मुसलमान ही नहीं बल्कि ऐसे मुसलमान जिन्हें काला कानून और किसी जंगल के कानून से भी खतरा है, ये कानून उनके लिए भी खतरनाक है. सबसे खराब बात यह है कि वक्फ की प्रॉपर्टी पर यदि कोई सरकारी अधिकारी दावा करें कि यह जमीन सरकार की है, तो वक्फ और उस सरकारी अधिकारी के बीच का मामला एक दूसरा सरकारी अधिकारी ही सुलझाएगा. इसे हम किसी भी दूसरे कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकते हैं.
‘सारे काले कानून रात में ही पास किए जाते हैं’
ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के महासचिव ने कहा कि उन्होंने ऐसा कानून आज तक नहीं देखा है. ऐसे तो कोई भी मस्जिद, कब्रिस्तान, ईदगाह पर जाकर कहेगा कि यह सरकारी जमीन है. ऐसे तो वक्फ की सारी प्रॉपर्टी हड़प ली जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसा इस देश में सिर्फ मुसलमानों के साथ नहीं होगा, बल्कि कल सिख और ईसाइयों के साथ भी हो सकता है. हसनी ने कहा कि पिछले 10 साल के अंदर यह इतिहास रहा है कि सारे काले कानून रात में ही पास किए जाते हैं.
उन्होंने वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘हम उन तमाम सांसदों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इसका विरोध किया. हम बालासाहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे के शुक्रगुज़ार हैं. इस उम्मीद के साथ कि वे सभी मुस्लिम, माइनॉरिटी, दलित और अल्पसंख्यकों के साथ खड़े रहेंगे.’
बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर
संसद के दोनों सदन से वक्फ संशोधन बिल पारित हो चुका है. दोनों सदनों में करीब 12-12 घंटे लंबी चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया है. अब यह राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा, जिसके बाद यह बिल कानून का रुप ले लेगी. वहीं, सदन में पास होने के बाद इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. धार्मिक अधिकारों के हनन को लेकर कांग्रेस सांसद और मुस्लिम संगठनों ने इसको लेकर कोर्ट में रिट याचिका दायर की है.
सैफ पर हमले के आरोपी की जमानत खारिज, कोर्ट ने जताई भागने की आशंका
5 Apr, 2025 07:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अभिनेता सैफ अली खान पर हमले के मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि शरीफुल देश छोड़कर भाग सकता है या गवाहों-सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है. बता दें कि कोलकर मुंबई पुलिस ने अपने जवाब में जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि जांच से पता चला है कि आरोपी एक बांग्लादेशी नागरिक है और भारत में अवैध रूप से रह रहा है. इसलिए, अगर गिरफ्तार आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो इस बात की प्रबल संभावना है कि वह बांग्लादेश भाग जाएगा.
पुलिस ने कहा कि आरोपी शरीफुल का अपराध बहुत गम्भीर है और उसके खिलाफ पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं. अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो ऐसी संभावना है कि शिकायतकर्ता और गवाहों को लालच दिया जा सकता है या प्रभावित किया जा सकता है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वह बार-बार ऐसे अपराध करेगा.
आरोपी के खिलाफ मिले सबूत
मुंबई पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अभिनेता सैफ अली खान पर बांद्रा स्थित उनके घर में हुए हमले के दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी के पास फंसा चाकू का टुकड़ा और घटनास्थल पर मिला एक हिस्सा आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम के पास से बरामद हथियार से मेल खाता है.आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि तीनों टुकड़े उसी हथियार के थे, जिसका इस्तेमाल अभिनेता पर हमला करने के लिए किया गया था.
सैफ के घर में घुसकर हमला
दरअसल 16 जनवरी को बांद्रा में सैफ अली खान के 12वीं मंजिल के अपार्टमेंट में एक घुसपैठिए ने उनपर चाकू से कई वार किए थे.हमले के बाद सैफ (54) की रीढ़ की हड्डी के पास फंसा चाकू का टुकड़ा निकालने के लिए लीलावती अस्पताल में इमरजेंसी सर्जरी की गई थी. उन्हें पांच दिन बाद छुट्टी दे दी गई थी. बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम को दो दिन बाद हिरासत में लिया गया था.
एफएसएल की रिपोर्ट का हवाला
पुलिस ने जमानत याचिका के लिखित जवाब में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट का हवाला दिया. पुलिस के लिखित जवाब में कहा गया है कि आरोपी के पास से बरामद चाकू का टुकड़ा, अपराध स्थल पर मिला एक टुकड़ा और खान की रीढ़ के पास फंसा तीसरा टुकड़ा जांच के लिए एक चिकित्सा अधिकारी के पास भेजा गया था. जवाब में कहा गया है अधिकारी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार चाकू के टुकड़े एक दूसरे से मेल खाते हैं और एक ही हथियार के हैं.
9 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
आरोपी ने वकील अजय गवली के माध्यम से दायर अपनी जमानत याचिका में दावा किया कि प्राथमिकी पूरी तरह से झूठी है और उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है. जमानत याचिका में कहा गया है कि मामले की जांच व्यावहारिक रूप से पूरी हो चुकी है और केवल आरोपपत्र दाखिल किया जाना बाकी है.याचिका के अनुसार आरोपी ने जांच में सहयोग किया है और उसे हिरासत में नहीं रखा जाना चाहिए.मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी.
स्कूल मैनेजर की घिनौनी हरकत, 10 छात्राओं से शारीरिक शोषण; गिरफ्तार
4 Apr, 2025 10:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. राज्य के अकोला शहर के स्कूल में एक, दो नहीं बल्कि दस बच्चों के साथ छेड़छाड़ की गई. अकोला शहर के कौलखेड क्षेत्र के एक स्कूल में एक कर्मचारी ने दस बच्चों के साथ की. आरोपी की पहचान हेमंत विट्ठल चांदेकर के रूप में हुई है. पुलिस ने मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
घटना सामने आने के बाद जिला एवं महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत चाइल्ड हेल्पलाइन की महिला समन्वयक हर्षाली गजभिये की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया है कि घटना की आगे की जांच जारी है. स्कूल की कुछ महिला अध्यापिकाएं प्रशिक्षण के लिए 5 मार्च से शहर से बाहर गई हुई थी. ऐसे में स्कूल के प्रबंधन की जिम्मेदारी हेमंत चांदेकर को सौंपी गई.
चाइल्ड हेल्पलाइन को दी मामले की सूचना
मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने चौथी और सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली दस छात्राओं के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न किया. इस मामले से हड़कंप मच गया है. स्कूल में शिक्षक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद छात्रों ने उन्हें बताया कि उनके साथ क्या हुआ था? इसके बाद शिक्षकों ने स्कूल के प्रिंसिपल को घटना की जानकारी दी. इसके बाद निदेशक ने तत्काल मामले की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन को दी. पुलिस ने इस मामले में आरोपी हेमंत चांदेकर को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल आरोपी चांदेकर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
आगार में दलित छात्रा के साथ छेड़छाड़
यूपी के आगरा के बरहन के आंवलखेड़ा चौकी क्षेत्र में दलित छात्रा से छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी. ऐसे में भाई ने जब आरोपी के घर जाकर उससे शिकायत की तो उससे मारपीट की गई. छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी उसे दो महीने से परेशान कर रहा था. पीड़ित परिवार ने आजाद समाज पार्टी से भी कार्रवाई की मांग की है.
पाकिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात पर नितेश राणे का संजय राउत को करारा जवाब
4 Apr, 2025 09:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता नितेश राणे ने कहा है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाना चाहती है। मत्स्य और बंदरगाह विकास मंत्री राणे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह बयान दिया। उन्होंने अपने पोस्ट में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें राउत ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत को ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाना चाहते हैं। राणे ने लिखा, लेकिन हम पाकिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। इसे ध्यान में रखें और अपनी हद में रहें।
मंत्री का यह बयान शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित राउत के हालिया साप्ताहिक लेख के संदर्भ में माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने और भारत को ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाने की दिशा में ले जाने का आरोप लगाया था। इससे पहले, राणे ने छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। साथ ही, उन्होंने केरल को ‘मिनी पाकिस्तान’ भी कहा था।
जब नितेश राणे को भेजा कानूनी नोटिस
बता दें कि पिछले महीने नितेश राणे के एक बयान पर उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कानूनी नोटिस भेजी था। यह नोटिस शिवसेना नेता एवं पूर्व सांसद विनायक राउत के वकील असीम सरोदे की तरफ से भेजा गया था। इसमें कहा गया है कि नितेश राणे संविधान के अनुच्छेद 164(3) के अनुसार मंत्री पद की शपथ लेते समय अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं, जो उन्हें निभाना चाहिए। मत्स्य पालन एवं बंदरगाह विकास मंत्री राणे ने 13 फरवरी को सिंधुदुर्ग जिले के कुडाल में बीजेपी की रैली का आयोजन किया था। इस सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में चाहे जिला योजना निधि हो, पार्टी निधि हो या कोई भी सरकारी निधि हो, वह केवल महायुति के कार्यकर्ताओं को ही मिलेगी, किसी और को नहीं। राणे ने यह भी कहा कि मैं आपको पहले ही बता रहा हूं कि मैं उन गांवों को एक भी रुपया नहीं दूंगा जहां सरपंच या उद्धव बालसाहेब ठाकरे (UBT) और महाविकास अघाड़ी के पदाधिकारी हैं।
राज ठाकरे का बयान, 'मराठी न सीखी तो मुंबई में काम नहीं मिलेगा', बैंकों में आंदोलन ने मचाया हंगामा
3 Apr, 2025 07:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई और महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस का बैंक आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है. 30 मार्च को राज ठाकरे ने गुढ़ी पाडवा के दिन शिवाजी पार्क में अपने कार्यक्रताओं से कहा था कि वो बैंकों में जाकर देखें कि मराठी भाषा में बैंकिंग का कामकाज हो रहा है या नहीं. इसके बाद मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र भर में मनसे कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया है. हाथ में फूल लेकर मनसे कार्यकर्ता पहले बैंक मैनेजर को फूल देते हैं और फिर चेतावनी देते हैं कि अगर बैंकिंग कामकाज मराठी में नहीं किया तो आगे पत्थर मिलेंगे. वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मराठी भाषा के सम्मान के वे साथ हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई तो पुलिस सख्ती से निबटेगी, जबकि कोंग्रेस ने इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है.
बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में बैंकों के खिलाफ एक अनोखा आंदोलन शुरू किया है. एमएनएस कार्यकर्ता विभिन्न बैंकों में जाकर बैंक अधिकारियों से बैंकिंग कामकाज में मराठी को अनिवार्य बैंकिंग भाषा बनाने की मांग कर रहे हैं.
बैंकों में मराठी में काम करने की MNS की मांग
एमएनएस कार्यकर्ताओं का कहना है कि महाराष्ट्र में संचालित सभी बैंकों को मराठी भाषा में भी सेवाएं देनी चाहिए. उनका आरोप है कि कई बैंक अब भी मराठी भाषा को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं, जिससे आम मराठी भाषी ग्राहकों को कठिनाई होती है. वहीं, वर्सोवा के एक मार्ट में मराठी न बोलने को लेकर मनसे कार्यकर्ताओ ने कर्मचारी की जमकर पिटाई की और मराठी में माफी मंगवाई. अंधेरी के पवई इलाके में एलएनटी कंपनी के एक सिक्युरिटी गार्ड को भी मराठी न बोलने को लेकर मनसे कार्यकर्ताओं ने पीट दिया. थप्पड़ पर थप्पड़ जड़े और मराठी भाषा में माफी मंगवाई. इसी तरह से पुणे के लोनावाला से भी बैंक मैनेजर को थप्पड़ जड़े. बैंक में मराठी बोलने की जिद को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्त्याओने बँक कर्मचारी की पिटाई कर दी.
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलन पर कही ये बात
वहीं, इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा है कि मराठी भाषा का निवेदन देना गलत नहीं है लेकिन कानून हाथ में लिया तो पुलिस अपना काम करेगी, जबकि एकनाथ शिंद की पार्टी के नेता संजय निरुपम ने मनसे के इस कृत्य की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि मनसे वालों यह मराठी भाषा के नाम पर जो बेहूदा अभियान चल रहा है. मैं इसका हमेशा से विरोध किया हूं. महाराष्ट्र में निश्चित तौर पर यहां की स्थानीय भाषा मराठी है. सब को बोलनी चाहिए, लेकिन किसी गरीब को नहीं आती तो मारना पीटना ठीक नहीं है. ज्यादा फिक्र है तो मनसे वाले मराठी सीखने के लिए अलग सेंटर खोलें ताकि लोग जाकर सीख सकें. मनसे की मारने पीटने वाली हरकत गलत है वैसे भी यह खत्म हो चुके हैं. जबकि कोंग्रेस ने राज ठाकरे के इस मुद्दे पर समर्थन किया है. कांग्रेस नेता विजय वड्डेटीवार ने कहा कि मनसे का आंदोलन मराठी भाषा के लिए अच्छा है, क्योंकि मराठी अस्मिता को बचाए रखना जरूरी है. मराठी के लिए संघर्ष करना चाहिए।
अब तक किन इलाकों में हुए प्रदर्शन?
यह आंदोलन केवल मुंबई तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों और जिलों में इसका प्रभाव देखा गया है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं. मुंबई: घाटकोपर, अंधेरी, परेल, ठाणे, पुणे, नाशिक, अम्बरनाथ, लोनावाला, कल्याण, भिवंडी, पालघर, नवी मुंबई, संभाजीनगर में प्रदर्शन हुए. बैंकों के अधिकारियों का कहना है कि वे ग्राहकों की सुविधा के लिए सभी संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बैंकिंग प्रणाली में भाषा को लेकर कुछ तकनीकी और नीतिगत चुनौतियां भी हैं.
उद्धव ठाकरे का केंद्र पर तीखा हमला, वक्फ के बाद मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति पर नजर
3 Apr, 2025 07:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार को आडे़ हाथ लिया. उन्होंने दावा किया कि फिलहाल वक्फ बोर्ड की जमीन पर केंद्र सरकार की नजर है और अगली बारी मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों की जमीन की हो सकती है.उद्धव ठाकरे ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कपटपूर्ण रुख का उनकी पार्टी विरोध करती है. वास्तव में भाजपा की मंशा वक्फ की जमीन छीनना और अपने उद्योगपति मित्रों को देने की चाल है.उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी ईद हुई है. ईद के दौरान सभी ने ईद की पार्टियां मनाईं. अब, उन्होंने वक्फ बोर्ड बिल को धमाकेदार तरीके से पेश किया है. यह एक संयोग है कि किरण रिजिजू ने यह बिल पेश किया है.
आपस में लड़ाने की बीजेपी की साजिश
उन्होंने कहा कि यह संयोग है या योजनाबद्ध संयोग. मुझे नहीं पता कि भाजपा क्या करती है? वे कब कहते हैं कि वे औरंगजेब की कब्र खोदेंगे और उनके लोग कुदाल और फावड़े लेकर जाते हैं और फिर कहते हैं, ‘ओह, मिट्टी वापस डाल दो.’ उद्धव ठाकरे ने आलोचना करते हुए कहा, “फिर वे उसे मारने जाते हैं, वे उनसे कहते हैं कि अपने हथियार एक तरफ रख दो और मोदी को उपहार के रूप में ले लो. भाजपा ने लोगों को आपस में लड़ाने के लिए ऐसा कर रही है. “ उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं चर्चा देख रहा था. वक्फ बोर्ड में कुछ सुधार अच्छे हैं, लेकिन उनके दिखाने के दांत और खाने के दांत अलग-अलग हैं. गरीब मुसलमानों के प्रति उनकी नीति क्या है? हमने अनुच्छेद 370 का समर्थन किया था. कश्मीर के कई शरणार्थी इधर-उधर भटक रहे थे. शिवसेना प्रमुख ने उन्हें आश्रय दिया. अनुच्छेद 370 हटाया गया. कितने कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास किया गया? कितनों की जमीन उन्हें दी गई. उन्हें जवाब देना चाहिए कि कश्मीरी पंडित अपने घर क्यों नहीं जा सकते. “
ऐसे भाषण दे रहे, जो जिन्ना को शर्मिंदा कर दे
उन्होंने कहा कि उनकी नजर जमीन पर है. देश के इतिहास में मुसलमानों के लिए सबसे ज्यादा हमदर्दी वाला भाषण बीजेपी ने दिया. ये ऐसे भाषण थे जो जिन्ना को भी शर्मिंदा कर दें. वे मुसलमानों के पक्ष में हैं या नहीं? फिर हिंदुत्व का क्या हुआ? क्या उन्होंने हिंदुत्व को छोड़ दिया? बालासाहेब ने मुसलमानों को इज्तेमा करने की इजाजत दी थी. उन्होंने व्यापारियों के लिए व्यापारियों की जेब में वही जगह रखी. किरन रिजिजू से लेकर उन तक सभी नीचे देख रहे थे. क्या हो रहा है. क्या ये बिल मुसलमानों के हित में है? अगर ऐसा है, तो क्या आपने हिंदुत्व को छोड़ दिया या हमने छोड़ दिया?
एनडीए सहयोगी एनसीपी (अजीत पवार गुट) का रुख वक्फ विधेयक पर अब भी अस्पष्ट
3 Apr, 2025 06:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, 2024 लोकसभा से पास हो चुका है. बुधवार को निचले सदन में हुई वोटिंग में 288 सांसदों ने बिल के पक्ष में तो 232 सांसदों ने विरोध में वोट किया. हालांकि वोटिंग के बाद भी एनडीए की सहयोगी एनसीपी (अजीत पवार गुट) का रुख सामने नहीं आया. उसके सांसद सुनील तटकरे ने पार्टी की भूमिका बताए बिना ही मतदान किया. इससे वक्फ संशोधन विधेयक पर उसके रुख पर सस्पेंस बना हुआ है.
जब सभी पार्टियों को लोकसभा में अपनी बात रखने का मौका मिला, तो अजीत पवार की पार्टी ने अपनी राय क्यों नहीं रखी? यह सवाल अब उठने लगा है. एनसीपी को विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स ने बड़ी संख्या में वोट किया था. हसन मुशरिफ, सबा मालिक ये वो मुस्लिम नेता हैं जो एनसीपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
एनसीपी जता चुकी हैं चिंता
एनसीपी इससे पहले बिल पर चिंता चुकी है. एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने कहा था कि उनकी पार्टी मुसलमानों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी. पवार ने कहा था एनसीपी ने फैसला किया है कि अगर आपको (मुसलमानों को) इस विधेयक के बारे में कोई चिंता है, तो हम आपकी चिंताओं को सुनेंगे. हम अल्पसंख्यकों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि हमारे तीन सांसद हैं और ये हमारा वादा कि हम मुसलमानों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे.
10 घंटे से अधिक की चर्चा के बाद बिल पास
लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब 13 घंटे चर्चा हुई. बहस के बाद देर रात करीब दो बजे विधेयक को पारित किया गया जिसमें वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में एकरुपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का लक्ष्य है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में वक्फ संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने के कई विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक को मुसलमानों को बांटने वाला बताया जा रहा है, जबकि सरकार इसके जरिए शिया, सुन्नी समेत समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ ला रही है.
रिजिजू के जवाब के बाद सदन ने अनेक विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए 232 के मुकाबले 288 मतों से वक्फ (संशोधन) विधेयक को पारित किया.
एक लाख से ज्यादा वोट पाने वाले राजू शिंदे ने शिवसेना (ठाकरे गुट) से दिया इस्तीफा, चंद्रकांत खैरे पर गंभीर आरोप
2 Apr, 2025 08:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवसेना के गढ़ छत्रपति संभाजीनगर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. छत्रपति संभाजीनगर के पश्चिम विधानसभा अध्यक्ष राजू शिंदे ने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है. राजू शिंदे ने अपने इस्तीफे में पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, राजू शिंदे ने अपने इस्तीफे में पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे के प्रति अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. राजू शिंदे ने स्पष्ट किया है कि वह चंद्रकांत खैरे के लगातार हस्तक्षेप और व्यवहार के कारण इस्तीफा दे रहे हैं. राजू शिंदे के साथ कुछ सहकर्मियों ने भी इस्तीफा दे दिया है. बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे गुट के लिए यह बड़ा झटका है.
राजू शिंदे ने पत्र में क्या कहा?
राजू शिंदे ने पत्र में लिखा है कि मैं उद्धव ठाकरे और अंबादास दानवे पर विश्वास रखते हुए पार्टी में शामिल हुआ. आपने मुझ पर भरोसा किया और मुझे विधान सभा के लिए नामांकित किया. मैं और मेरे सहकर्मी इसके लिए आभारी हैं, लेकिन किसी कारणवश तथा पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे से मेरी नाराजगी के कारण मैंने अपने सभी समर्थकों व साथियों के साथ शिवसेना पार्टी व विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. राजू शिंदे ने पत्र में कहा है कि इसे स्वीकार किया जाना चाहिए.
राजू शिंदे को मिले थे 1 लाख वोट
राजू शिंदे विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से शिवसेना में शामिल हो गए थे. उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव ठाकरे गुट के संजय शिरसाट के खिलाफ लड़ा था। हालांकि अब चंद्रकांत खैरे से नाराजगी के चलते उन्होंने शिवसेना ठाकरे गुट से इस्तीफा दे दिया है. राजू शिंदे के इस्तीफे से छत्रपति संभाजीनगर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में ठाकरे गुट को बड़ा नुकसान होने की संभावना है. राजू शिंदे को विधानसभा चुनाव में 1 लाख 6 हजार 147 वोट मिले थे जबकि, संजय शिरसाठ को 1 लाख 22 हजार 498 वोट मिले थे.
इस बीच, राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि राजू शिंदे फिर से बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिवसेना (ठाकरे गुट) इन घटनाक्रमों पर क्या प्रतिक्रिया देती है.
शादी से पहले हत्या की साजिश: पुणे की महिला ने दी सुपारी, पांच आरोपी गिरफ्तार
2 Apr, 2025 08:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के पुणे से रूह कंपा देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक महिला ने अपने ही होने वाले पति को जान से मरवाने की कोशिश की. लेकिन उसकी इस करतूत का जब पता चला तो वह रातोरात कहीं गायब हो गई. हालांकन, महिला ने अपने मंगेतर को मारने के लिए जिन पांच लोगों को सुपारी दी थी, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, अहिल्यानगर जिले की एक महिला की शादी 23 वर्षीय सागर कदम के साथ तय हुई थी. दोनों का पहले से ही अफेयर था. सागर रसोइए की नौकरी करता था. कुछ दिन में दोनों वैवाहिक बंधन में बंधने वाले थे. मगर महिला सागर कदम के साथ शादी करने को इच्छुक नहीं थी. वो उससे बोर हो चुकी थी. लेकिन शादी से मना भी नहीं कर पा रही थी.
बाद में उसने यह बात हिम्मत करके मंगेतर को बताई. लेकिन मंगेतर ने शादी तोड़ने से इनकार कर दिया. बस यही बात महिला को नागवार गुजरी. इसलिए उसने क्राइम का रास्ता पकड़ा. महिला ने अपने ही मंगेतर की हत्या करवाने का प्लान बनाया. अपने ही पांच साथियों को 1.5 लाख रुपये की सुपारी दी. कहा- मेरे होने वाले पति को मार डालो.
पुलिस के मुताबिक, सागर बानेर में एक फास्ट फूड रेस्तरां में रसोइया है. महिला के कहने पर उसके पांच साथियों ने यवत के पास खामगांव में सागर की बेदर्दी से पिटाई की. अहिल्यानगर के कर्जत तालुका के रहने वाले सागर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. सागर कदम ने पुलिस को बताया कि हमलावर कह रहे थे कि पैर तोड़ दो ताकि यह शादी में शामिल न हो सके.
1 एक अप्रैल को पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. सागर कदम ने पुलिस को यह भी बताया कि 21 और 22 फरवरी को अज्ञात नंबर से धमकी भी मिल चुकी है. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांची और वारदात में शामिल महिला के चचेरे भाई को दबोचा. पूछताछ में आरोपित ने मामले का खुलासा कर दिया.
गैराज मालिक से भी प्रेम संबंध
पुलिस की मानें तो महिला का श्रीगोंडा के एक गैराज मालिक के साथ भी प्रेम संबंध था. वो बाद में गैराज मालिक से शादी करना चाहती थी, न कि सागर से. पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया है. 21 फरवरी को सागर और महिला का प्री-वेडिंग फोटोशूट था. इस दौरान महिला ने सागर से कहा था मैं शादी नहीं करना चाहती हूं. यह बात परिवार को बता दीजिए. मगर सागर ने ऐसा करने से मना कर दिया था.
पुणे लौटते वक्त रास्ते में की गई पिटाई
सागर के इनकार करने के बाद महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या करवाने की साजिश रची. 27 फरवरी को मंगेतर ने सागर से फिल्म देखने की इच्छा जताई. दोनों ने पुणे में फिल्म देखी. बाद में सागर ने अपनी प्रेमिका को शाम साढ़े सात बजे खामगांव के पास रिश्तेदार के घर पर छोड़ा. वहां से लौटते वक्त रास्ते में आरोपियों ने सागर की पिटाई की और शादी न करने की धमकी दी.
NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने वक्फ बिल पर जताई आपत्ति, धार्मिक संपत्तियों में हस्तक्षेप पर उठाए सवाल
1 Apr, 2025 07:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार ने साफ कर दिया है कि वो कल यानी बुधवार को दोपहर 12 बजे लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करेगी. इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. दूसरी तरफ सरकार के इस ऐलान के बाद से विपक्षी दल लामबंद हो गए हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर जल्दबाजी कर रही है और बिल एक विशेष समुदाय पर थोपा जा रहा है. इस बीच इस बिल पर एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड का बड़ा बयान सामने आया है और उन्होंने सवाल भी खड़े किए हैं.
जितेंद्र आव्हाड ने बयान देते हुए कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि वक्फ बोर्ड को जबरदस्ती लागू किया जा रहा है. यह जमीन किसी की निजी संपत्ति नहीं होती, बल्कि यह धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित जमीन होती है. मुस्लिम समाज अपने धर्म की रक्षा और धार्मिक कार्यों के लिए मस्जिद, मदरसे, कॉलेज, तालीम केंद्र, कब्रिस्तान आदि के निर्माण के लिए वक्फ जमीन का उपयोग करता है.
फिर सरकार इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रही है?
उन्होंने आगे कहा कि हमारे पूर्वज, जो अमीर लोग हुआ करते थे, वे दान के रूप में अपनी जमीन वक्फ दिया करते थे. इसे ही वक्फ कहा जाता है, और यह पूरी तरह से धार्मिक संपत्ति होती है. फिर सरकार इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रही है? भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जिन्हें कोई छू भी नहीं सकता, लेकिन पूंजीपतियों की उन पर नजर है.
दूसरों के धर्म में दखल देने की क्या जरूरत है?
उन्होंने आगे कहा कि यह शर्मनाक है कि कुछ मुस्लिम प्रतिनिधियों ने खुद ही वक्फ की जमीन बेचने में मदद की. जबकि यह जमीन गरीबों, समुदाय और धर्म के लोगों के हित में उपयोग होनी चाहिए थी. जो भी व्यक्ति भारत से प्रेम करता है और संविधान का सम्मान करता है, उसे इस विषय पर गंभीरता से सोचना चाहिए. दूसरों के धर्म में दखल देने की क्या जरूरत है? उन्हें उनके तरीके से जीने दो. यह क्या नया चलन शुरू हो गया है कि ‘यह मत खाओ, वह मत करो’ क्या भारत तुम्हारे बाप की जागीर है?