महाराष्ट्र
शिरडी के साईं बाबा मंदिर को मिली बम से उड़ाने की धमकी, प्रशासन सतर्क
3 May, 2025 03:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के शिरडी के साईं बाबा मंदिर संस्थान को धमकी भरा मेल है, जिसमें साई मंदिर को पाइप बम से उड़ाने की धमकी दी गई है. एक अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल के जरिए धमकी दी है. मिली जानकारी के अनुसार, मेल शुक्रवार सुबह आया था. मेल में क्या लिखा था? इस पर साईबाबा संस्थान और शिरडी पुलिस ने जानकारी देने से इनकार किया है.
इससे पहले भी साई संस्थान को धमकी भरे मेल और पत्र मिल चुके हैं. हालांकि, पहले की घटनाओं में मेल और पत्र फर्जी निकले थे. पहलगाम घटना के चलते पहले से ही माहौल तनावपूर्ण है.ऐसे में साई संस्थान को दोबारा धमकी मिलने से हड़कंप मच गया है. यह किसी की शरारत है या इसके पीछे कुछ और है? इसकी कोई वजह सामने नहीं आई है. साई संस्थान और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
धमकी भरे मेल से मचा हड़कंप
सुरक्षा अधिकारी रोहिदास माळी की शिकायत पर शिरडी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह साईंबाबा मंदिर संस्थान को पाइप बम से उड़ाने की धमकी वाला मेल मिला था. मेल मिलते ही मंदिर संस्थान में हड़कंप मच गया. जानकारी पुलिस को दी गई, जिसके बाद सुरक्षा संबंधी इंतजाम में इजाफा किया गया है. मेल के बारे में पुलिस और मंदिर संस्थान ने कोई जानकारी नहीं दी है.
2012 में भी मिली थी धमकी
इससे पहले साल 2012 में भी शिरडी के साईं बाबा मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भरा लेटर मिला था, जिसमें लिखा था कि नए साल की 1 जनवरी 2013 को मंदिर को बम से उड़ा दिया जाएगा. लेटर में यह भी लिखा था कि इसके लिए उन्हें इसके लिए 350 करोड़ रुपये मिले हैं. मंदिर संस्थान ने लेटर को पुलिस को सौंपा था. यह लेटर मराठी में लिखा था, जिसपर तीन लोगों के साइन थे. उसपर बुलढाना जिले की एक डाकघर की मुहर लगी थी.
मुंबई में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ पुलिस का बड़ा ऑपरेशन
3 May, 2025 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही देश में छिपे अवैध पाकिस्तानियों और बांग्लादेश के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस ने पहले गुजरात के अहमदाबाद से 1200 से ज्यादा बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया. इसके बाद अब पुलिस ने मुंबई से 60 से ज्यादा बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है.
मुंबई पुलिस को अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश मिले हैं, जिसके तहत यह विशेष अभियान चलाया गया. पुलिस ने अवैध घुसपैठियों की तलाश के लिए विशेष टीमों का गठन किया है. हर टीम को एक निश्चित क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है. इसके बाद से ही लगातार बांग्लादेशियों पर कार्रवाई की जा रही है.
नाम और पहचान बदलकर रह रहे थे बांग्लादेशी
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों पर कार्यवाही तेज हो चली है. भिवंडी के कोनगांव और नारपोली पुलिस ने 6 दिन में कुल 11 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई है जो अवैध रूप से रह रहे थे. इनमे याकूब मजहर मियां शेख (52) ,मोहम्मद शामूल मोहम्मद शफी खान और प्यारू शफीक शेख (36) शामिल है जो भिवंडी में नाम और पहचान बदलकर रह रहे थे.
सब्जी मार्केट में डेरा जमाए थे बांग्लादेशी
नवी मुंबई के वाशी इलाके में एशिया के सबसे बड़े सब्जी और फल बाजार में नवी मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी कर 50 से ज्यादा बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है. इनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है. इसके साथ ही एक्सपोर्ट और इंपोर्ट होने वाले फलों की बॉक्स भी जांच किया, ड्रग्स तस्करी का शक के बिनाह पर कई लोगों से पूछताछ भी की जा रही है. अब तक पुलिस ने 15 लोगों से अलग-अलग पूछताछ की है. पिछले कई दिनों से पुलिस की तरफ से धरपकड़ जारी है. अधिकारियों की माने तो आने वाले दिनों ऐसी कई और कार्रवाई देखने को मिल सकती हैं.
गुजरात में मिले थे एक हजार से ज्यादा बांग्लादेशी
पिछले दिनों गुजरात में अवैध बांग्लादेशियों पर सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई थी. यहां पुलिस टीमों ने आधी रात को अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के ठिकानों पर छापा मारा और करीब 1000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया था. इन बांग्लादेशियों के पास बंगाल के कागजात मिले थे. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी और उन्हें अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करने और उनके देश वापस भेजने की अपील की थी. इसके बाद से ही लगभग देश के सभी राज्यों में अवैध रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
‘इतनी अश्लीलता!’ – एजाज खान के शो पर भड़के सांसद, पूछा- अब तक बैन क्यों नहीं हुआ?
2 May, 2025 07:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिग बॉस 7 के पूर्व कंटेस्टेंट एजाज खान एक बार फिर अपने अश्लील शो 'हाउस अरेस्ट' को लेकर मुश्किल में फंस गए हैं। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने रियलिटी सीरीज पर बैन लगाने की मांग की है और कहा है कि यह 'अश्लीलता का प्रतीक है।'
चित्रा वाघ ने एक्स पर शो की एक क्लिप शेयर की है। क्लिप में, एजाज कंटेस्टेंट को बातचीत में उलझाते और उन्हें अश्लील सीन करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
'अश्लीलता को खुली छूट देना बंद करें'
इसके बाद महिला मोर्चा की अध्यक्ष चित्रा वाघ का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा,
'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता को खुली छूट देना बंद करें! एजाज खान के शो 'हाउस अरेस्ट' पर प्रतिबंध लगाएं।' खुद को एक्टर कहने वाले एजाज खान का शो 'हाउस अरेस्ट' अश्लीलता की पराकाष्ठा के अलावा और कुछ नहीं है।
माननीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री @AshwiniVaishnaw जी, न केवल उल्लू एप पर बल्कि इस प्रकार के कंटेट बनाने वाले सभी एप्स पर तुरंत प्रतिबंध लगाएं।
चित्रा वाघ ने आगे कहा, उल्लू नामक एप पर स्ट्रीम किए गए इस शो के क्लिप अब सोशल मीडिया पर खुलेआम वायरल हो रहे हैं और वे बेहद घिनौने हैं। इस तरह के कंटेट बच्चों के मोबाइल फोन पर आसानी से उपलब्ध है।'
क्या बोलीं कांग्रेस सांसद?
शो के क्लिप सामने आने के बाद से कई और राजनीतिक नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि केंद्र ने अभी तक स्ट्रीमिंग एप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया है। उन्होंने कहा, 'मैंने स्थायी समिति में यह मुद्दा उठाया है कि उल्लू एप और ऑल्ट बालाजी जैसे एप पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया।
केंद्रीय मंत्री से एप पर बैन लगाने की अपील
वहीं चित्रा वाघ कह रही हैं,' इस तरह के शो सांस्कृतिक मूल्यों को कम करते हैं और आने वाली पीढ़ियों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह के शो न केवल हमारी संस्कृति का अपमान हैं, बल्कि हमारे समाज के नैतिक स्वास्थ्य पर भी हमला हैं।
साथ ही भाजपा सांसद दुबे ने भी क्लिप पर संज्ञान लिया और आश्वासन दिया कि ऐसे कंटेट की अनुमति नहीं दी जाएगी।
छत्रपति संभाजीनगर में मैदान बचाने उतरे इम्तियाज जलील, वक्फ दफ्तर में जताया कड़ा ऐतराज
2 May, 2025 06:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील गुरुवार को छत्रपति संभाजी नगर के वक्फ दफ्तर पहुंचे. यहां उन्होंने अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई. मामला एक खुले मैदान पर वक्फ का कार्यालय बनाने का था. इसका एआईएमआईएम विरोध कर रही है. एमआईएम का कहना है कि छत्रपति संभाजी नगर में पहले ही खुले मैदान की बेहद कमी है. ऐसे में वक्फ की जमीन पर जो मैदान है, उस पर वक्फ का कार्यालय बनाना गलत है.
शहर के बीच में आमखास मैदान पर वक्फ बोर्ड का कार्यालय शुरू करने के लिए खुदाई का काम शुरू हो गया है. जैसे ही इस निर्माण कार्य की जानकारी मिली पूर्व सांसद इम्तियाज जलील अपने कार्यकर्ताओं के साथ आमखास मैदान पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि शहर में पहले से ही गिने-चुने खुले मैदान बचे हैं. ऐसे में वक्फ बोर्ड का कार्यालय बनाकर इस मैदान को खत्म करने की साजिश रची जा रही है.
मैदान में वक्फ बोर्ड का कार्यालय नहीं बनने देंगे
उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में हम आमखास मैदान में वक्फ बोर्ड का कार्यालय नहीं बनने देंगे. इससे पहले एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बुधवार को वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा बुलाए गए ‘बत्ती बंद’ प्रदर्शन में शामिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने कहा कि ये आंदोलन सफल रहा और उन्होंने इसमें भाग लेने वालों को धन्यवाद दिया. ओवैसी ने बताया कि लोगों ने रात 9 बजे से 9:15 बजे तक 15 मिनट के लिए बत्तियां बंद रखीं.
संविधान का उल्लंघन करता है ये कानून
ओवैसी ने कहा कि इस प्रदर्शन का मकसद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को ये संदेश देना है कि ये कानून केवल वक्फ बोर्ड को खत्म करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि ये कानून असंवैधानिक है और संविधान का उल्लंघन करता है. एआईएमपीएलबी दो सप्ताह बाद मानव शृंखला और गोलमेज सम्मेलन जैसे आयोजन भी करेगी. यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती.
मराठा विरासत की वापसी: रघुजी भोंसले की तलवार लाई गई भारत
30 Apr, 2025 04:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र सरकार ने 18वीं सदी के मराठा सेनापति रघुजी भोंसले की प्रसिद्ध 'रघुजी तलवार' को लंदन में एक नीलामी में 47.15 लाख रुपये में खरीदा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी देते हुए बताया कि नागपुर के भोंसले राजवंश के संस्थापक राजे रघुजी भोंसले ने 1745 में बंगाल के नवाब के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था।
बिचौलिए के माध्यम से खरीदा गया तलवार
सीएम ने बताया कि तलवार को सीधे तौर पर नहीं बल्कि कुछ तकनीकी मुद्दों के कारण एक बिचौलिए के माध्यम से खरीदा गया है। नीलामी आयोजित करने वाली सोथबी ने अपने पोर्टल पर जानकारी दी कि बाल्केट-हिल्ट तलवार 38,100 पाउंड में बेची गई है। नीलामी से पहले अनुमान 6000 से 8000 पाउंड के बीच था।
सोथबी ने बताया कि रीढ़ पर देवनागरी लिपि में लिखे शिलालेख से पता चलता है कि इसे मराठा सेनापति रघुजी भोंसले (1739-55) के लिए बनाया गया था, जिन्होंने दक्कन के उत्तर में नागपुर शहर पर केंद्रित एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया था।
राजघराने के सदस्य ने सरकार को दी बधाई
नीलामी में तलवार खरीदने के बाद नागपुर राजघराने के राजे मुधोजी भोंसले ने महाराष्ट्र सरकार को बधाई दी और धन्यवाद दिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके प्रतिनिधियों ने भी उनकी ओर से बोली प्रक्रिया में हिस्सा लिया और 35 लाख रुपये तक की बोली लगाई थी।
मुधोजी भोंसने ने केंद्र और राज्य सरकार से तलवार को देश में वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया था और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें फोन करके आश्वासन दिया था कि तलवार वापस लाई जाएगी।
मराठा शैली की तलवार
यह तलवार मराठा शैली की थी जिसमें एक धार वाला पत्ता और सोने की नक्काशी की गई थी। यूरोपीय नकली पत्ते उस समय काफी मशहूर थे इस तलवार में लगे पत्ते के पीछ सोने के पानी से लिखा है 'श्रीमंत राघोजी भोंसले सेनासाहेबसुभा'। 1817 ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर में भोंसले के खजाने को लूटा था।
मुंबई को मिला नया पुलिस कमिश्नर, देवेन भारती ने संभाली कमान
30 Apr, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: देवेन भारती मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर होंगे। वे विवेक फनसालकर के सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यभार संभालेंगे। विवेक आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। देवेन भारती 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
56 वर्षीय देवेन भारती मुंबई और कई अन्य स्थानों पर भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। 2023 में उन्हें राज्य सरकार द्वारा मुंबई का विशेष पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था। मुंबई पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इस तरह का पद सृजित किया गया है।
26/11 की जांच में भी रहे हैं शामिल
देवेन भारती मुंबई के सबसे लंबे समय तक सेवारत संयुक्त पुलिस आयुक्तों (कानून और व्यवस्था) में से एक थे, जो शहर के सभी पुलिस स्टेशनों की देखरेख करने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यालय है।
इसके अलावा, उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जैसे कि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) का पद और महाराष्ट्र राज्य आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) का नेतृत्व किया। भारती शहर में दर्ज कई बड़े अपराधों की जांच में शामिल रहे हैं, जिसमें 26/11 आतंकवादी हमला भी शामिल है।
देवेन भारती के बारे में ये भी जानें...
देवेन भारती बिहार के दरभंगा से हैं। उन्होंने झारखंड से मैट्रिक और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक किया है।
उन्होंने मुंबई में डीसीपी, जोन 7 (बांद्रा से अंधेरी) और डीसीपी, क्राइम ब्रांच के रूप में काम किया।
जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में थी, तब वह अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त तथा तत्पश्चात संयुक्त आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) रहे।
वह महाराष्ट्र में पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) भी रहे तथा एटीएस के प्रमुख भी रहे।
जब महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने सत्ता संभाली, तो उन्हें अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में राज्य सुरक्षा निगम में स्थानांतरित कर दिया गया।
महाराष्ट्र दिवस पर झंडा फहराने पर सियासी संग्राम, NCP और शिंदे गुट आमने-सामने
29 Apr, 2025 06:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र की सत्ताधारी अजित पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं के बीच एक बार फिर तकरार देखने को मिल रही है. इस सरकार के बनने यानी 2024 से लेकर अब तक कई बार इन दो राजनीतिक दलों के बीच विवाद और बयानबाजी सामने आ चुकी है. ताजा मामला 1 मई के ध्वजारोहण से जुड़ा है. विवाद इस बात का है कि राज्य सरकार कैबिनेट मंत्री अदिति तटकरे के जिलाधिकारी कार्यालय पर ध्वजारोहण करने का सम्मान देना चाहती है. वही शिवसेना इसके विरोध में है. इसके पीछे कारण है रायगढ़ जिले के गार्जियन मंत्री पद जिसे अजित पवार की पार्टी की मंत्री अदिति तटकरे को दिया गया लेकिन एकनाथ शिन्दे की पार्टी के स्थानीय विधायक भरत गोगवाले और विधायक महेंद्र दलवी के विरोध के बाद रायगढ़ में गार्जियन मंत्री का पद अब तक खाली रखा गया है.
गार्जियन मंत्री को लेकर दोनों दलों में तनातनी
रायगढ़ से एनसीपी अदिति को ही गार्जियन मंत्री बनाने पर अड़ी है जबकि शिवसेना हर हाल में रायगढ़ के अपने विधायक और मंत्री भरत गोगवाले को गार्जियन मंत्री बनाना चाहती है.5 महीने से पेंच यही फंसा है और अब तक सुलझने का नाम नही ले रहा. मंत्री आदिती तटकरे को इस साल महाराष्ट्र राज्य के स्थापना दिवस पर ध्वजारोहण करने का मान मिलने की चर्चा के बीच शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक महेंद्र शेठ दळवी ने इसका विरोध किया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि यदि आदिती तटकरे को यह मान दिया गया तो हम विरोध करेंगे. दरसल आदिती तटकरे रायगढ़ से विधायक हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) की वरिष्ठ नेता सुनील तटकरे की बेटी हैं. रायगढ़ जिले की राजनीति में तटकरे परिवार का प्रभाव वर्षों से बना हुआ है. हालांकि, हाल के वर्षों में शिवसेना (शिंदे गुट) ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की है और विधायक महेंद्र दळवी यहां से निर्वाचित हुए हैं.
शिवसेना बोली- ध्वजारोहण कार्यक्रमों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए
शिवसेना का आरोप है कि ध्वजारोहण जैसे सरकारी कार्यक्रमों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. विधायक दळवी का कहना है कि महाराष्ट्र दिवस राज्य की अस्मिता का प्रतीक है, और ऐसे कार्यक्रमों में जिलाधिकारी जैसे प्रशासनिक अधिकारी को यह सम्मान मिलना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक व्यक्ति को. इस पूरे विवाद पर रायगढ़ प्रशासन अब तक चुप है. सूत्रों के मुताबिक, अभी तक किसी को औपचारिक रूप से निमंत्रण नहीं भेजा गया है, लेकिन विधायक दळवी के सार्वजनिक बयान के बाद प्रशासन पर निर्णय को लेकर दबाव बढ़ गया है.
शिवसेना इसे अस्मिता से जोड़कर देख रही
शिवसेना इस मुद्दे को स्थानीय अस्मिता से जोड़कर देख रही है. अंदरखाने यह भी माना जा रहा है कि आने वाले नगर निगम,जिला परिषद चुनावों को देखते हुए शिवसेना इस तरह के मुद्दों के जरिए तटकरे परिवार के प्रभाव को सीमित करने की रणनीति पर काम कर रही है. वहीं, अब तक मंत्री आदिती तटकरे या उनकी पार्टी की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पार्टी इसे अनावश्यक विवाद मान रही है और फिलहाल टकराव से बचने की नीति अपना रही है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि रायगढ़ प्रशासन किसे महाराष्ट्र दिवस के ध्वजारोहण का सम्मान सौंपता है और यह विवाद किस दिशा में जाता है.
पहलगाम हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि, राज्य सरकार ने किया 50-50 लाख मुआवज़े का ऐलान
29 Apr, 2025 06:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई. इस हमले में मारे जाने वालों में महाराष्ट्र के 6 लोग भी शामिल हैं. अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है. आज हुई कैबिनेट बैठक में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई. उसके बाद ये एलान किया गया.
मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य सरकार इन परिवारों की शिक्षा और रोजगार पर भी ध्यान देगी. इस हमले में मारे गए पुणे के संतोष जगदाले की बेटी को सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कैबिनेट बैठक में की.
मृतकों में महाराष्ट्र का कौन-कौन
बता दें कि मृतकों में पुणे के संतोष जगदाले के साथ-साथ डोंबिवली के रहने वाले तीन भाई तुल मोने, संजय लेले और हेमंत जोशी, पूणे के कौस्तुभ गणबोटे और नवी मुंबई के दिलीप देसले शामिल हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार के अध्यक्ष शरद पवार ने आतंकवादी हमले में मारे गए कौस्तुभ गणबोटे के परिवार से मुलाकात की थी. गणबोटे की पत्नी शश्रुनारायण ने शरद पवार को बताया कि किस प्रकार वह पूरा भयावह और जानलेवा हमला पर्यटकों पर किया गया था.
25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक बना हमले का शिकार
गोरतलब है कि मंगलवार, 22 अप्रैल की दोपहर को पहलगाम की बैसरन घाटी में घूमने गए पर्यटकों पर आतंकवादियों ने बर्बर हमला कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि वो बिना बताए पर्यटकों के पास पहुंचे. इसके आतंकियों ने पर्यटकों से पूछा कि उनमें से कौन हिंदू है और कौन मुस्लिम. आतंकियों ने पर्यटकों से कलमा पढ़ने को कहा. जो नहीं पढ़ पाए, आतंकियों की गोली के शिकार बने. इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल है.
मुंबई ED कार्यालय में आग, एजेंसी ने कहा– सभी जरूरी फाइलों का बैकअप सुरक्षित
28 Apr, 2025 07:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुंबई स्थित कार्यालय में आग लग गई थी। इस आग में न सिर्फ ढेर सारा फर्नीचर जलकर राख हो गया बल्कि कई फाइलें भी आग की चपेट में आ गईं थीं। वहीं, अब प्रवर्तन निदेशालय ने आग पर चुप्पी तोड़ी है। ED का कहना है कि इस आग से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। जो भी फाइलें जलीं हैं उनकी ऑनलाइन कॉपी ED के पास मौजूद है।
ED ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए बताया था कि रात लगभग 2:25 बजे कैसर-ए-हिंद की बिल्डिंग के चौथी मंजिल पर स्थित ED के दफ्तर में अचानक आग लग गई। शुरुआती जांच में सामने आया कि इस आग की वजह शॉर्ट सर्किट था।
ED ने मामले की जानकारी देते हुए कहा था कि मामले की छानबीन चल रही है। इस आग में कितना नुकसान हुआ है, इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। काफी सारा फर्नीचर और जरूरी दस्तावेज आग में जलकर राख हो गए हैं।
वहीं अब ED ने इस घटना में हुए सभी नुकसानों की जानकारी साझाकी है। ED ने कहा-
आग में कई सबूतों से जुड़े दस्तावेज जल गए थे। मगर, इन दस्तावेजों को ऑनलाइन भी स्टोर किया जाता है। यह डिजिटल रिकॉर्ड के रूप में हमारे पास सुरक्षित है। इसके अलावा कुछ केस में गवाहों के बयान से जुड़े दस्तावेज भी जल गए हैं। लेकिन, यह सारे दस्तावेज समय-समय पर कोर्ट में जमा किए गए हैं, जहां से इन्हें दोबारा प्राप्त किया जा सकता है। इस घटना की वजह से कोई भी जांच प्रभावित नहीं होगी।
ED का ऑफिस बदला
ED के बयान से साफ है कि दफ्तर में आग के बावजूद कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। आग की घटना के बाद ED के दफ्तर को कैसर-ए-हिंद की बिल्डिंग से शिफ्ट कर दिया गया है। अब ED का नया कार्यालय जन्मभूमि चैंबर्स में बनाया गया है।
आधी रात को लगी थी आग
आग की जानकारी देते हुए ED ने कहा कि आग को सबसे पहले स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड्स ने देखा था। इसकी जानकारी फौरन पुलिस को दी गई। पुलिस ने 2:30 बजे फायर ब्रिगेड को फोन किया। फायर ब्रिगेड के 50 से ज्यादा कर्मचारियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया था। इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है।
कांग्रेस का फडणवीस पर हमला– 'आतंकी हमले मजहब से नहीं, मंशा से होते हैं, देश की सुरक्षा से समझौता नहीं'
28 Apr, 2025 07:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने एक ऐसा बयान दिया, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के पास इतना समय नहीं है कि वह धर्म पूछकर मारे।कांग्रेस नेता के इस बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निशाना साधा। कहा कि इस तरह के बयान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के लिए "जख्मों पर नमक छिड़कने" वाले हैं।
फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, "इस तरह के बयान उन लोगों के लिए जख्मों पर नमक छिड़कने वाले हैं जिन्होंने अपने रिश्तेदारों को खो दिया है। हम सभी ने देखा है कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने क्या कहा है।"
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल
बता दें कि सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था?
बुलेट ट्रेन परियोजना पर सीएम फडणवीस ने क्या कहा?
आगामी बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में भी सीएम फडणवीस ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस पर काम 2028 के अंत तक पूरा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि परियोजना में देरी इसलिए हुई क्योंकि पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने इसे रोकने का फैसला किया था।
सीएम फडणवीस ने कहा, "बुलेट ट्रेन का काम 2028 के अंत तक पूरा हो सकता है, क्योंकि यह तेजी से किया जा रहा है। पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कारण बुलेट ट्रेन के काम में 2.5 साल की देरी हुई थी, क्योंकि उन्होंने इसे रोकने का फैसला किया था। हालांकि, नई सरकार के सत्ता में आने के साथ ही हमने बुलेट ट्रेन के लिए अनुमति दे दी है। हमें उम्मीद है कि इसे नई समयसीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।"
नितेश राणे का बयान विवादों में, विपक्ष ने बताया ‘नफरत फैलाने की कोशिश’
26 Apr, 2025 06:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से की आग में जल रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने शुक्रवार को कहा कि हिंदुओं को किसी भी दुकानदार से कुछ भी खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए. दुकानदार से को अगर हनुमान चालीसा नहीं आती है तो उससे सामान नहीं खरीदना चाहिए. मंत्री राणे का ये बयान पहलगाम हमले के बाद सामने आया है. मंत्री के इस बयान के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
रत्नागिरी जिले के दापोली शहर में एक सभा को संबोधित करते हुए राणे ने कहा कि उन्होंने मारने से पहले हमारा धर्म पूछा है. इसलिए हिंदुओं को भी कुछ खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए. अगर वे आपका धर्म पूछ रहे हैं और आपको मार रहे हैं, तो आपको भी कुछ खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग हिंदू संगठनों को भी उठानी चाहिए.
सामान खरीदने से पहले सुने हनुमान चालीसा
भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि कुछ दुकानदार अपना धर्म नहीं बताएं या अपनी आस्था के बारे में झूठ बोलें. उन्होंने भीड़ से कहा कि जब भी आप खरीदारी के लिए जाएं, तो उनका धर्म पूछें. अगर वे कहते हैं कि वे हिंदू हैं तो उन्हें हनुमान चालीसा सुनाने के लिए कहें. अगर उन्हें हनुमान चालीसा नहीं आती तो उनसे कुछ भी न खरीदें.
पहलगाम में 26 लोगों की गई थी जान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आतंकवादियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले उनका नाम और धर्म पूछा था. लोगों ने यह भी बताया कि हमलावरों ने कुछ पर्यटकों से ‘कलमा’ पढ़ने को कहा और जो ऐसा नहीं कर पाए उन्हें गोली मार दी गई. इस घटना के बाद से ही पूरा देश पाकिस्तान से बदला लेने की बात कह रहा है.
कुणाल कामरा को बड़ी राहत, बॉम्बे हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक
25 Apr, 2025 02:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कामरा को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई ‘गद्दार’ टिप्पणी के लिए मुंबई पुलिस की तरफ से उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही केस रद्द करने वाली याचिका को भी स्वीकार कर लिया है. हालांकि कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया है. इस मामले में शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने एफआईआर दर्ज कराई थी.
कोर्ट ने कहा कि मुंबई पुलिस इस मामले में जांच करना चाहती तो उन्हें पूछताछ चेन्नई में ही करनी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि कामरा का घर तमिलनाडु में है. कोर्ट ने ये आदेश कामरा की तरफ से लगाई गई एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर दिया गया है. कोर्ट ने 16 अप्रैल को कामरा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी, जिसे अब स्थायी कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
कुणाल कामरा ने पिछले महीने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में एक शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर उन्हें ‘गद्दार’ बताया था, जिसके बाद भारी बवाल देखने को मिला था. यहां तक जिस स्टूडियो में शूटिंग हुई थी वहां भी तोड़फोड़ की गई थी. मामला बढ़ता देख पुलिस ने इस मामले कुणाल कामरा के खिलाफ केस दर्ज किया था.
इसी के खिलाफ कामरा ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था. पूरे मामले में कामरा ने साफ कर दिया था कि वे किसी भी कीमत पर माफी नहीं मांगेंगे. इस मामले में शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत का साथ कामरा को मिला था.
कामरा ने ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने की पैरोडी करते हुए शिंदे को गद्दार कह दिया था. उन्होंने मजाक उड़ाते हुए इस गाने के जरिए शिवसेना और NCP में विभाजन को लेकर कमेंट किया था. वीडियो सामने आने के बाद से ही बवाल मच गया था. शिवसेना चाहती थी कि कुणाल कामरा माफी मांगें.
महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की राजनीतिक साझेदारी से बड़ा बदलाव, INDIA गठबंधन पर असर
23 Apr, 2025 08:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र की सियासत में कुछ बड़ा होने की आहट सुनाई दे रही है. ठाकरे बंधुओं के बीच सुलह समझौते की पठकथा लिखी जा रही है तो ‘पवार परिवार’ में भी एकता की स्क्रिप्ट तैयार हो रही है. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने 20 साल बाद एक साथ आने के संकेत दे दिए हैं तो पवार परिवार में चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच लगातार तीन मुलाकातें हो चुकी हैं. ऐसे में शरद की बेटी सांसद सुप्रिया सुले ने भी पवार परिवार की एकता को लेकर बड़े संकेत दिए हैं.
शरद पवार की उंगली पकड़कर राजनीति का ककहरा सीखने वाले डिप्टी सीएम अजित पवार ने पौने दो साल पहले अपनी सियासी राह अलग चुन ली थी. शरद पवार के हाथों से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी छीन ली और फिर बीजेपी के साथ हाथ भी मिला लिया था.
महाराष्ट्र में अभी पुनर्मिलन का दौर
इन दिनों चाचा-भतीजे के बीच फिर से मेल-जोल बढ़ रहा है और हाल ही में दोनों दिग्गजों के बीच 3 मुलाकातें हो चुकी हैं. फिलहाल अजित पवार एनडीए में हैं और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में काम कर रहे हैं. वहीं, शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) महाविकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव गुट के साथ है.
शरद-अजित पवार की मुलाकातों से कयासों का दौर शुरू हो गया है और सवाल उठ रहा है कि ‘पवार परिवार’ क्या फिर से एक हो पाएगा? ये सवाल सिर्फ पवार फैमिली का नहीं बल्कि देश भर के लोग सोचते हैं. चाचा-भतीजे अगर फिर से एक होते हैं तो उसका सियासी असर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली की राजनीति पर पड़ेगा?
सुप्रिया सुले ने भी दिए बड़े संकेत
शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पवार परिवार कभी अलग ही नहीं हुआ था, सभी भाई-बहन हमारे पूर्वजों के सिखाए मूल्यों के साथ पले बढ़े हैं. हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमने उससे अपने निजी संबंधों को प्रभावित नहीं होने दिया. अजित के ओर से शरद पवार पर नरम रूख अपनाने के सवाल पर सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर दादा नरम हो गए हैं, तो सभी ने इसका स्वागत किया है. ऐसे में दोनों धड़ों के एक होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला, लेकिन शरद पवार और अजित पवार जो भी निर्णय लेंगे उसे स्वीकार किया जाएगा.
शरद पवार के पोते विधायक रोहित पवार ने भी अजित पवार और शरद पवार के बीच हुई मीटिंग पर कहा था कि पवार परिवार को फिर से एक होना चाहिए. रोहित पवार ने कहा था कि इस तरह के पुनर्मिलन के लिए एनसीपी के दो गुटों में से एक को अपनी विचारधारा को अलग रखना होगा. एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार और एनसीपी प्रमुख अजित पवार दोनों ही फैसला करेंगे. पवार छह दशकों से अपनी विचारधारा पर अड़े हुए हैं. एनसीपी नेताओं और पवार परिवार की इच्छा के बाद सभी के मन में सवाल है कि शरद पवार और अजित पवार का साथ आना क्या संभव है?
चाचा-भतीजे के बीच एकता होगी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सियासी स्थिति बदल गई है. विधानसभा चुनाव की बाजी जीतकर अजित पवार भले ही पावरफुल नजर आ रहे हों, लेकिन सत्ता की बागडोर संभालने का सपना अभी भी अधूरा है. मतलब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने का. अजित पवार भले ही काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हों, और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से भी बेहतर स्थिति में दिख रहे हों. बावजूद इसके अजित पवार खेमे को लगता है कि शरद पवार के आने से कई सियासी मुश्किलें भी आसान हो सकती हैं.
वहीं, अजित पवार के सियासी उभार के बाद शरद पवार के सामने कुछ नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. शरद पवार के सामने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को सियासी तौर पर स्थापित करने की चुनौती खड़ी हो गई है. इसके चलते ही एनसीपी के दोनों धड़े एक होने की वकालत कर रहे हैं और साथ सारे गिले और शिकवे भुलाने की बात कर रहा है. ऐसे में पवार परिवार की एकता महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है, और इसका असर न सिर्फ राज्य की सियासत पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन की रणनीति और संतुलन पर भी पड़ेगा.
चाचा-भतीजे की एकता का असर
अगर महाराष्ट्र की सियासत में पवार परिवार फिर से एकजुट हो जाता है यानी शरद पवार, अजित पवार और सुप्रिया सुले मिलते हैं तो एनसीपी फिर से एक मजबूत राजनीतिक ताकत बन सकती है. इसका असर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक की सियासत पर पड़ेगा. शरद पवार राजनीति के मंझे खिलाड़ी हैं, वे इंडिया गठबंधन में जरूर हैं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस तक से उनके अच्छे संबंध हैं. अजित-शरद के साथ आने से एकनाथ शिंदे की राजनीति पर जरूर असर पड़ेगा.
पिछले 11 सालों से शरद पवार सत्ता से बाहर हैं जबकि अजित पवार महाराष्ट्र की सरकार में डिप्टी सीएम हैं. ऐसे में साफ है कि अजित पवार खुद तो सत्ता नहीं छोड़ेंगे और शरद पवार को ही समझौता करना होगा. एनसीपी नेता माजिद मेनन भी ऐसा ही मानते हैं कि अजित पवार के लिए सत्ता छोड़ना आसान नहीं है. इस तरह साफ है कि शरद पवार को ही एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनना पड़ेगा.
सुप्रिया सुले क्या केंद्र में बनेंगी मंत्री
शरद पवार इंडिया गठबंधन के मुख्य नेता गिने जाते हैं. ऐसे में अगर अजित पवार से वो हाथ मिलाते हैं तो इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा. विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका होगा. इसके अलावा शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री बनवा सकते हैं. सुप्रिया सुले मोदी सरकार में मंत्री बन सकती है. अजित पवार महाराष्ट्र की सियासत में मजबूत होंगे. इस तरह अजित पवार की बगावत से जो छवि धूमिल हुई हैं, उन्हें दोबारा से मजबूती मिल सकती है.
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को फिलहाल अजित पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना का समर्थन हासिल है. शरद पवार और अजित पवार एक हो जाते हैं तो महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे की निर्भरता कम होगी. बीजेपी फ्रंटफुट पर खेलेगी और शिंदे ही नहीं बल्कि ठाकरे परिवार की राजनीति पर भी असर पड़ेगा. यही वजह है कि शरद-अजित पवार की मुलाकात उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के निशाने पर है.
मुंबई में जैन मंदिर का विध्वंस
19 Apr, 2025 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई के विले पार्ले के कांबलीवाड़ी स्थित 35 साल पुराने पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बुधवार को मुंबई नगर निगम ने ध्वस्त कर दिया. इसके बाद देशभर में जैन समुदाय नाराज है. मंदिर विध्वंस के खिलाफ शनिवार को सुबह 9:30 बजे अहिंसक रैली निकाली जाएगी. इस रैली में मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, विधायक पराग अलवानी और जैन समाज के संत शामिल होंगे.
बीएमसी द्वारा इस मंदिर को ध्वस्त किए जाने के बाद आज सभी दलों के नेता इस कार्रवाई के खिलाफ मार्च निकालेंगे. इस बात पर भी निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या किया जाए. बीएमसी की कार्रवाई के बाद जैन समुदाय में भारी रोष व्यक्त किया जा रहा है. इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
बीएमसी ने जारी किया था जैन समुदाय को नोटिस
महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है. बीएमसी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिसके बाद उसकी जिम्मेदारी फिलहाल सरकार के पास है. बीएमसी ने मंदिर को गिराने के संबंध में प्रबंध समिति को नोटिस जारी किया था. जैन समुदाय ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाईरकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले की सुनवाई गुरुवार को तय गई थी, लेकिन इससे पहले बुधवार को बीएमसी की टीम ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया.
मंदिर के ट्रस्टी ने क्या कहा?
जैन समुदाय का ओर से कहा गया है कि कोर्ट के फैसले के बाद बीएमसी प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए थी. मंदिर के ट्रस्टी अनिल शाह ने कहा कि बीएमसी ने कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं किया. मंदिर के ट्रस्टी ने कहा कि बीएमसी को पता था कि हमने हाईकोर्ट में अपील दायर की है, लेकिन बीएमसी प्रशासन ने जल्दबाजी में मंदिर को ध्वस्त कर दिया.
विरोध प्रदर्शन से पहले जैन बंधुओं ने की आरती
मंदिर के ट्रस्टी ने कहा कि हमने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि वो कोर्ट के फैसले तक इंतजार करें, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. अनिल शाह ने कहा कि जैन बंधु आज विध्वंस के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन से पहले जैन बंधुओं ने उस मंदिर में आरती की, जहां यह कार्रवाई की गई थी. इसके अलावा जैन बंधुओं ने यह प्रश्न पूछा है कि यह मंदिर किसके आदेश पर ध्वस्त किया गया.
महाराष्ट्र के गांव में नई बीमारी से संकट, बालों के बाद नाखूनों में भी सड़न
19 Apr, 2025 01:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के गांवों में अचानक लोगों के बाल झड़ने से हड़कंप मच गया था. तीन महीने बीत जाने के बाद भी इस बीमारी का कोई उचित इलाज नहीं मिल पाया है. अब इन्हीं में एक गांव में चौंकाने वाली घटना सामने आई है. जिन लोगों के बाल झड़ गए थे, अब उनके हाथ-पैर के नाखूनों में सड़न हो रही है, जिससे नाखून भी निकलकर गिर रहे हैं. सरपंच और गांव वालों ने महाराष्ट्र सरकार पर इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है.
बता दें कि बुलढाणा जिले के शेगांव, खांमगाव और नादुरा तालुका के कुछ गांवों में जनवरी महीने में अचानक से एक ऐसी बीमारी उभरकर सामने आई, जिसने सभी गांव वालों को सकते में डाल दिया. जनवरी के महीने में अचानक से कई ग्रामीणों के बाल झड़ने लगे थे. यह देख ग्रामीण काफी डर गए थे. बाल झड़ने की खबर के बाद केंद्र से आईसीएमआर (ICMR) विशेषज्ञों की एक टीम भी बुलढाणा पहुंची थी.
अभी तक नहीं आई ICMR की रिपोर्ट
आईसीएमआर टीम ने इन गांवों में जाकर जांच के लिए मरीजों के बालों के और अन्य सैंपल लिए थे, लेकिन अभी तक ICMR की रिपोर्ट नही आई है. हालांकि जांच-पड़ताल में सामने आया था कि शरीर में सेलिनियम की मात्रा बढ़ जाने से बाल झड़ने की समस्या हुई थी. वहीं अब फिर से इन गांवों में एक और नई मुसीबत का सामने आ गई है.
जांच करने गांव पहुंची टीम
शेगांव तहसील के बोंडगांव में बाल झड़ने वाले मरीजों के हाथ और पैरों के नाखून भी सड़कर टूटने और झड़ने लगे हैं, जिससे गांव वाले हैरान हैं. बाल झड़ने के बाद नाखून खराब होकर झड़ने की शिकायत से स्वास्थ्य विभाग के सामने फिर से नई चुनौती खड़ी हो गई. नाखून झड़ने की नई वजह का पता लगाने के लिए राज्य की मेडिकल टीम CMO, CO गांव में पहुंचे.
25-30 लोगों के नाखून खराब हो गए
बोंडगांव के सरपंच राजन बनसोडे ने बताया कि अब तक 25-30 लोगों के नाखून खराब होकर गिरे हैं. इनमें से ज्यादातर मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पहले बाल झड़ने की समस्या हुई थी और अब उनके नाखुन भी झड़ रहे हैं. वहीं कुछ मरीज ऐसे भी है, जिन्हें पहले बाल झड़ने की समस्या नहीं हुई, लेकिन नाखुन निकल रहे हैं. जिस कारण लोगों में डर का माहौल है, सरकार इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है. अभी तक ICMR की जांच रिपोर्ट भी नहीं सामने आई है.