महाराष्ट्र
मुंबई से राजकोट के बीच दौड़ेगी तेजस सुपरफास्ट एक्सप्रेस
18 Apr, 2025 07:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा तथा स्पेशल रूप से ग्रीष्मकाल के दौरान उनकी यात्रा मांग को पूरा करने के उद्देश्य से मुंबई सेंट्रल और राजकोट स्टेशनों के बीच विशेष किराये पर सुपरफास्ट तेजस स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक के अनुसार इस ट्रेन से गुजरात के सौराष्ट्र को मुंबई के लिए तेज कनेक्टिविटी मिल सकेगी। ट्रेन संख्या 09005/09006 मुंबई सेंट्रल–राजकोट सुपरफास्ट स्पेशल कुल 34 फेरे लगाएगी। इससे मुंबई और गुजरात के सौराष्ट्र के बीच आवाजाही करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
तेजस एक्सप्रेस का टाइम टेबल
ट्रेन संख्या 09005 मुंबई सेंट्रल–राजकोट स्पेशल प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को मुंबई सेंट्रल से 23.20 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन 11.45 बजे राजकोट पहुंचेगी। यह ट्रेन 21 अप्रैल से 28 मई, 2025 तक चलेगी। इसी प्रकार, ट्रेन संख्या 09006 राजकोट–मुंबई सेंट्रल स्पेशल प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को राजकोट से 18.30 बजे प्रस्थान करेगी तथा अगले दिन 07.30 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी। ऐसे में तेजस एक्सप्रेस 11 घंटे में यह सफर पूरा करेगी।
कब चलेगी यह ट्रेन?
यह ट्रेन 22 अप्रैल से 29 मई, 2025 तक चलेगी। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में बोरिवली, वापी, सूरत, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद, विरमगाम, सुरेन्द्रनगर एवं वांकानेर स्टेशनों पर रुकेगी। इस ट्रेन में फर्स्ट एसी, एसी 2-टियर एवं एसी 3-टियर कोच होंगे। ट्रेन संख्या 09005 एवं 09006 की बुकिंग दिनांक 19 अप्रैल 2025 से सभी पीआरएस काउंटरों एवं आईआरसीटी वेबसाइट पर प्रारंभ होगी। वेस्टर्न रेलवे के अनुसार इस ट्रेन के संचालन से यात्रियों को अतरिक्त सहूलियत मिलेगी। मुंबई से राजकोट की कुल दूरी 714 किलोमीटर है। तेजस एक्सप्रेस को 200 किलोमीटर की अधिकतम स्पीड के साथ डिजाइन किया गया है, लेकिन यह ट्रेन अभी 125 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड से चलती है।
महाराष्ट्र में पानी का हाहाकार, गांव-शहर सब बेहाल
18 Apr, 2025 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र में गर्मी की शुरुआत के साथ ही जल संकट ने भयावह रूप ले लिया है. राज्य के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी बहुमंजिला इमारतों तक, हर जगह पानी की एक-एक बूंद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. वाशिम, पालघर, ठाणे, बुलढाणा जैसे जिलों के सैकड़ों गांवों में लोग आज भी साफ पानी के लिए कांटो भरे रास्तों से गुजर रहे हैं.
वाशिम जिले का खैरखेड़ा गांव, जो एक पहाड़ी पर बसा है, वहां की 3 हजार से अधिक आबादी में ज्यादातर आदिवासी और बंजारा समुदाय के लोग रहते हैं. यहां महिलाओं को पानी भरने के लिए रोज़ एक किलोमीटर दूर घाट रोड तक पैदल चलना पड़ता है. उबड़-खाबड़ रास्ते, कांटे, पत्थर और चिलचिलाती धूप ये सब इन महिलाओं के रोज़ाना के साथी बन चुके हैं.
पालघर: 75 घर, सिर्फ एक हैंडपंप
पालघर जिले की वाडा तहसील के नदीपाड़ा गांव की स्थिति भी चिंताजनक है. यहां 300 से 400 लोगों की आबादी के लिए सिर्फ एक हैंडपंप है वह भी कई बार सूखा ही रहता है. महिलाएं दिन में 5 से 6 बार 1-2 किलोमीटर दूर जाकर लाइन में खड़ी होती हैं, पर पानी न मिलने पर मायूस लौट जाती हैं. 20 साल से इस गांव की यही कहानी है संघर्ष, इंतजार और निराशा.
मोखाडा का बेरिस्ते गांव: एक कुआं, 700 लोग
मोखाडा तहसील के बेरिस्ते गांव में 150 घर हैं, और पूरे गांव की प्यास बुझाने के लिए सिर्फ एक पुराना कुआं बचा है. कुएं का पानी गंदा है, लेकिन यही एकमात्र विकल्प है. महिलाएं और स्कूली बच्चियां कई किलोमीटर दूर से इसी पानी को छानकर घर लाती हैं. यहां दो दिन में एक बार एक टैंकर आता है, जो कुछ ही लोगों को नसीब होता है.
स्थानीय निवासी ने बताया, “प्रधानमंत्री की जल जीवन योजना सिर्फ कागजों पर है. ठेकेदारों का पैसा अटका हुआ है और हम आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.”
ठाणे का शाहपुर तालुका: पहाड़ों के बीच से पानी की खोज
शाहपुर तालुका के कोलभौंडे और कोथले जैसे गांवों में महिलाएं 2 से 3 किलोमीटर पहाड़ी रास्तों से होकर पानी लेने जाती हैं. सरपंच जया वाख कहती हैं, “प्रेग्नेंट महिलाएं तक दिन में 6-7 बार पानी लेने आती हैं. चार-पांच घंटे सिर्फ पानी ढोने में चले जाते हैं.”
65 साल की एक बुजुर्ग महिला कहती हैं, “10 साल से पानी भरने के लिए पहाड़ चढ़ रही हूं. अब शरीर जवाब दे रहा है, लेकिन पानी नहीं मिलेगा तो कैसे जिएंगे?”
मुंबई में भी प्यासा ‘रेनफॉरेस्ट’
मुंबई जैसे महानगर की भी हालत कुछ कम नहीं. अंधेरी की कनकिया रेनफॉरेस्ट सोसाइटी में पिछले 5 दिनों से पानी की आपूर्ति बंद है. बीएमसी के आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू करने के बावजूद निजी टैंकर सेवा ठप्प है. करीब 600 परिवार बिना पानी के रह रहे हैं बाथरूम सूखे पड़े हैं, लोग स्नान नहीं कर पा रहे और रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
जल संकट की जड़ें और चुनौतियां
राज्य के कई जिलों में जल जीवन योजना की घोषणा जरूर हुई है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिखता. टैंकरों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, और गर्मी के मौसम में यह आपूर्ति मांग से कहीं पीछे रह जाती है. महिलाओं और बच्चों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है- समय, श्रम और स्वास्थ्य की कीमत चुकानी पड़ रही है.
क्या अब भी चेतेंगे जिम्मेदार?
सवाल सिर्फ पानी का नहीं है, यह सवाल है एक सम्मानजनक जीवन का, जहां हर इंसान को शुद्ध जल तक पहुंच मिले. ये गांव हमें बार-बार याद दिला रहे हैं कि विकास की दौड़ में बुनियादी ज़रूरतें कहीं पीछे छूट रही हैं. अब वक्त आ गया है कि घोषणाएं नहीं, जमीन पर बदलाव दिखे.
मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा खुलासा, बैंकॉक जाने के लिए पासपोर्ट से छेड़छाड़
17 Apr, 2025 04:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुणे के रहने वाले एक व्यक्ति ने ऐसा कारनाम कर डाला जो उसके गले की फांस बन गया। बैंकॉक की अपनी यात्रा की जानकारी परिवार से छिपाने के लिए उसने पासपोर्ट के पन्ने ही फाड़ डाले। इस मामले में 51 साल के व्यक्ति को मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया है।
आरोपित का नाम विजय भालेराव है। सोमवार सुबह छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसे इमिग्रेशन अधिकारियों ने जांच के लिए रोका।
शख्स ने क्यों किया ऐसा, जानें पूरा मामला
जांच के दौरान पता चला कि पासपोर्ट के कुछ पन्ने फटे हुए हैं। एक पुलिस के अधिकारी ने बताया कि भालेराव पिछले साल चार बार बैंकॉक गया था। इस महीने की शुरुआत में वह मुंबई हवाई अड्डे से इंडोनेशिया गया था। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि उसने परिवार से बैंकॉक की यात्रा को छिपाने के लिए अपने पासपोर्ट के पन्ने फाड़ दिए थे।
आगे की जांच जारी
भालेराव को सहार थाने ले जाया गया और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और पासपोर्ट अधिनियम के तहत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। अधिकारी ने बताया कि आगे की जांच जारी है।
एकनाथ शिंदे बोले – महायुति सरकार विकास के पथ पर, सबकी भूमिका अहम
17 Apr, 2025 04:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि जब पिछली महायुति सरकार का विकास का विमान उड़ा, तब वो पायलट और देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सह-पायलट थे. शिवसेना अध्यक्ष पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में एक एयरपोर्ट और एक वाणिज्यिक यात्री उड़ान सेवा के उद्घाटन के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर वर्तमान मुख्यमंत्री फडणवीस और उप मुख्यमंत्री पवार भी इवेंट में मौजूद थे.
उप मुख्यमंत्री शिंदे ने उद्धव ठाकरे की पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि अमरावती एयरपोर्ट का काम तब शुरू हुआ जब 2014-2019 के दौरान फडणवीस मुख्यमंत्री थे, लेकिन 2019 में उद्धव ठाकरे-नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) के सत्ता में आने पर यह काम रुक गया था. उन्होंने कहा कि जब 2022 में जनता की सरकार (उनके नेतृत्व वाली महायुति सरकार) सत्ता में आई तो एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से पूरा हुआ.
“मैं विमान का पायलट था”
शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए दावा किया कि महायुति सरकार आने से पहले कई प्रोजेक्ट, कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी गई थीं और विकास बाधित हो गया था. डिप्टी सीएम शिंदे ने कहा, जब विकास और कल्याणकारी योजनाएं शुरू हुईं, तो मैं विमान का पायलट था और देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सह-पायलट थे. अब, फडणवीस पायलट हैं और हम दोनों सह-पायलट हैं. अब पायलट बदल गया है, लेकिन विकास का विमान वही है और हम उसी स्पीड से आगे बढ़ रहे हैं.
सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं. विपक्षी एमवीए में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं.
“महायुति में सब ठीक”
इससे पहले हाल ही में महाराष्ट्र में महायुति सरकार में फूट पड़ने की बात सामने आ रही थी. जिसको उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने मतभेद की बात को लेकर कहा था कि महायुति के अंदर फूट पड़ने की बात महज अफवाह है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है. शिंदे ने कहा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ ठीक है और अगर कोई मुद्दा होगा तो उसे बातचीत से सुलझा लिया जाएगा.
नासिक में दरगाह निर्माण को लेकर बवाल, पथराव में 31 पुलिसकर्मी घायल
16 Apr, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के नासिक में दरगाह के निर्माण को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. मंगलवार की रात इसको लेकर बवाल हो गया. शहर के काटे गली इलाके में रात के समय पथराव की घटना हुई, जिसमें 31 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 57 संदिग्ध मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं. पुलिस ने 15 लोगों को अरेस्ट किया है. बताया जाता है कि दरगाह को लेकर फैली अफवाह के चलते भीड़ भड़क गई, जिसके बाद बिजली कट होने का फायदा उठाकर भीड़ ने पथराव कर दिया.
जिस वक्त बवाल हुआ तब भीड़ की संख्या 400 से ज्यादा थी और रात में 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. नगर निगम ने कोर्ट के आदेश पर 1 अप्रैल को दरगाह को नोटिस भेजा था. जिसमें कहा गया था कि दरगाह में अवैध निर्माण खुद हटाएं, वरना कार्रवाई की जाएगी. नगर निगम द्वारा आज अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है.
पुलिस ने छोड़ी आंसू गैस
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का उपयोग किया. जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई. बताया जा रहा है कि नगर निगम के नोटिस के बाद एक टीम दरगाह पर हुए अवैध निर्माण को हटाने पहुंची थी. इसी बीच अफवाह फैल गई कि दरगाह की ढहाया जा रहा है. इसी पर भीड़ उग्र हो गई और पथराव कर दिया. भीड़ द्वारा की गई पथराव की घटना में 2 सहायक पुलिस आयुक्त समेत 31 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पथराव करने वाली भीड़ में से 15 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
बुलडोजर से ढहाया जा रहा अवैध निर्माण
धार्मिक स्थल के अवैध निर्माण पर कार्रवाई जारी है. अतिक्रमण हटाने का काम एक बार फिर सुबह से शुरू हो गया है. दरगाह के पास पुलिस बंदोबस्त काफी बढ़ाया गया है. दरगाह के आसपास तीनो तरफ के सड़क पर पुलिस तैनात की गई है और किसी भी बाहरी व्यक्ति या गाड़ी को अंदर आने नही दिया जा रहा है. पुलिस वैन लगाकर सड़क को बेरिकेट किया गया है. दरगाह कमेटी का कहना है कि पीर बाबा की यह दरगाह 350 साल पुरानी है. जबकि, सकल हिंदू समाज ने इसे ध्वस्त कर यहां हनुमान मंदिर बनाए जाने की मांग की है.
एमएनएस चीफ राज ठाकरे से मिले 'फुले' फिल्म निर्माता, समर्थन की उम्मीद
16 Apr, 2025 03:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनंत महादेवन के निर्देशन में बनी फिल्म फुले पर महाराष्ट्र में विवाद छिड़ा है. यह फिल्म पहले 11 अप्रैल को सिनेमा घरों में रिलीज होने वाली थी लेकिन ब्राह्मण महासंघ की आपत्ति के बाद इसकी रिलीज टल गई. इसके बाद सेंसर बोर्ड ने भी इसमें कुछ संशोधन का सुझाव दिया. अब यह फिल्म 25 अप्रैल को रिलीज होगी. फिल्म के सब्जेक्ट को लेकर कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं. विवाद बढ़ने के बाद अब फुले के निर्देशक और उनकी क्रिएटिव टीम ने एमएनएस चीफ राज ठाकरे से मुलाकात की है.
निर्देशक अनंत महादेवन राज ठाकरे के आवास ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे. यहां उन्होंने फिल्म के सब्जेक्ट और विवाद पर चर्चा की. उन्होंने जानना चाहा कि फिल्म फुले के बारे में राज ठाकरे आखिर क्या सोचते हैं. निर्देशक अनंत महादेवन ने राज ठाकरे को फिल्म का ट्रेलर भी दिखाया गया. और बताया कि यह फिल्म महिला शिक्षा, जाति उन्मूलन और सामाजिक परिवर्तन जैसे विषय पर केंद्रित है. यह फिल्म महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के संघर्ष और उपलब्धियों को दर्शाती है.
फुले सटीक कहानी कहती है- राज ठाकरे
राज ठाकरे से मुलाकात के बाद निर्देशक अनंत महादेवन ने कहा- उन्हें ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में पूरी जानकारी है. उन्होंने फिल्म का ट्रेलर देखा. जिसके बाद राज ठाकरे ने भी कहा कि फिल्म सटीक है. उन्होंने कहा कि फिल्म फुले को जल्द से जल्द सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना चाहिए. ताकि समय पर अधिक से अधिक दर्शक इसे देखे और इतिहास की जानकारी हासिल कर सके.
निर्देशक ने बताया कि फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद राज ठाकरे ने हमारा और भी हौसला बढ़ाया. उन्होंने यह भी कहा कि सभी सीन सही लिखे गए हैं. इतिहास में जो हुआ, वही इस फिल्म में दिखाया गया है. इसलिए सिर्फ ट्रेलर देखकर इसकी आलोचना नहीं होनी चाहिए. पूरी फिल्म देखकर ही लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दें.
फिल्म में इतिहास सही तो परेशानी नहीं
महाराष्ट्र नवनिर्माण चित्रपट कर्मकार सेना की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी ठाकरे ने कहा कि फुले फिल्म में अगर सही इतिहास दिखाया गया है, तो इसमें कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है. फिल्म को बिना किसी आपत्ति के रिलीज किया जाना चाहिए. राज ठाकरे ने यह भी कहा है कि यह फिल्म फुले की जयंती पर रिलीज होनी चाहिए थी. इसमें कोई जातिगत राजनीति नहीं है. राज ठाकरे ने सवाल उठाया कि महापुरुषों को जातिगत राजनीति में क्यों लाया जा रहा है.
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनंत महादेवन ने इस फिल्म का निर्देशन किया है. इसमें अभिनेत्री पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले और स्कैम 1992 फेम प्रतीक गांधी ज्योतिराव फुले की भूमिका में नजर आएंगे, जिन्हें महात्मा फुले भी कहा जाता है.
दोस्ती को निगल गई जलन! — कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर दोस्त को मारने की साजिश
15 Apr, 2025 08:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के नागपुर में एक युवक ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी. युवक ने अपने दोस्त की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी. क्योंकि उसका दोस्त उससे ज्यादा अमीर था, जिससे उसे जलन होती थी. इसलिए युवक ने अपने दोस्त को कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर दे दिया. इसके बाद दोस्त की हालात बिगड़ गई. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका चार दिन इलाज चला, लेकिन युवक बच नहीं पाया और उसकी मौत हो गई.
दरअसल ये मामला नागपुर के हुडकेश्वर थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां जलन में एक दोस्त ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी. दोनों के बीच किसी भी बात को लेकर कभी कोई झगड़ा नहीं था, लेकिन एक दोस्त अमीर था और दूसरा मिडिल क्लास फैमिली से था. इसलिए वह अपने ही दोस्त से जलन रखता था. एक दिन दोनों बाहर घूमने गए और वहीं दोस्त ने अपने दोस्त को जहर दे दिया.
कोल्ड ड्रिंक में जहर मिला दिया
मृतक का नाम वेदांत खंडाडे और आरोपी का नाम मिथिलेश चकोले है. वेदांत और मिथिलेश दोनों दोस्त थे. वेदांत के घर की स्थिति अच्छी थी. उसके पिता कुछ दिन पहले ही पुश्तैनी खेत भी बेचकर हुडकेश्वर क्षेत्र में रहने आ गए थे. इसके बाद वेदांत और मिथिलेश दोस्त बन गए. मिथिलेश एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता था. दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे. 8 अप्रैल को दोनों घूमने गए थे. दोनों ने पान की टपरी पर कोल्ड ड्रिंक ली. तभी मिथिलेश ने वेदांत की कोल्ड ड्रिंक में जहर मिला दिया. इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और फिर अस्पताल में चार दिन भर्ती रहने के बाद वेदांत ने दम तोड़ दिया.
आरोपी दोस्त को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच भी शुरू कर दी है. मिथिलेश से इस मामले को लेकर पूछताछ की जा रही है, साथ ही वेदांत और मिथिलेश दोनों ही परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ हो रही है. पुलिस को शुरुआत में ये मामला नॉर्मल मौत का लग रहा था, लेकिन जांच के बाद आरोपी दोस्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और हत्या का केस दर्ज कर लिया.
काम का रिपोर्ट कार्ड चाहिए, न कि डीएनए रिपोर्ट — सीएम योगी पर अखिलेश यादव का तंज
15 Apr, 2025 07:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी का दामन थामा. इसमें पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री इब्राहिम यूसुफ सहित अन्य नेता शामिल हैं. इस मौके पर पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अखिलेश ने कहा कि देश में तय हो चुका है अगर बीजेपी से कोई लड़ रहा है तो वो समाजवादी पार्टी है. हमारी कोशिश है इसे राष्ट्रीय पार्टी बनाया जाए. बीजेपी पीडीए की ताकत से घबराई हुई है. अभी कुछ दिन पहले यूपी के सीएम को जीरो-जीरो याद आ रहा था. हिंदी में जीरो को अंडा भी बोलते हैं. आज डंडा बोल रहे हैं. डंडे और टोटी वाली भाषा मुख्यमंत्री की नहीं होनी चाहिए. इतिहास न पलटे तो ही अच्छा है. मुख्यमंत्री डीएनए की बात करते हैं, डीएनए टेस्ट क्यों होना चाहिए. क्या वो साइंटिस्ट या डॉक्टर हैं?
अखिलेश यादव ने कहा, यूपी में जो बड़े-बड़े काम हुए हैं वो समाजवादी पार्टी की देन है. स्वास्थ्य विभाग की क्या हालत है, ये सब जानते हैं. आए दिन अस्पतालों में आग लग रही है. कुछ लोग ये भी कहते हैं कि पिछले 7-8 साल में जो खराब क्वालिटी का सामान लगा है, उसे छिपाने के लिए आग लगाई जा रही है. हमारा किसान आय दोगुनी के बारे में सोच रहा था लेकिन पूरा गेहूं कहां जा रहा है. अगर सरकार आढ़तियों में ही कंपटीशन होने देती तो किसानों की आय ज्यादा होती.
गोरखपुर, अयोध्या और कानपुर में कौन प्रॉपर्टी बना रहा?
सपा अध्यक्ष ने कहा, जो लोग प्रॉपर्टी बना रहे हैं, वो पावर्टी जीरो की बात कर रहे हैं. गोरखपुर, अयोध्या और कानपुर में कौन प्रॉपर्टी बना रहा है. इससे पहले ये लॉ एंड ऑर्डर में जीरो टॉलरेंस की भी बात कर रहे थे. मगर भ्रष्टाचार में इनके एक आईएएस को ही भागना पड़ा. वह मुख्यमंत्री आवास में ही छिपा होगा. ये सरकार लगातार जीरो की बात कर रही है क्योंकि ये जीरो होने जा रही है. इनके फैसले पहले से ही पता चल जाते हैं. एक फैसला (डीजीपी को लेकर) अभी जो होगा उसमें दो चीजें तो हमें भी पता हैं. उसमें एक कार्यवाहक होगा और एक सिंह होगा. बीच में क्या होगा ये नहीं कह सकते.
दिल्ली वालों और लखनऊ वालों के बीच बन नहीं रही
अखिलेश ने कहा, कल मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मेट्रो चलाई है. वो बताएं तो किस जगह मेट्रो बनाई है. प्रदेश में जहां मेट्रो चल रही है और बनी है, वो समाजवादी पार्टी की देन है. जो सरकार पुरानी सरकार के इन्सेंटिव की बात कर रही है, उनका इंसेंटिव ही कमिशन है. मैंने और नड्डा जी ने मिलकर पहला मेडिकल कॉलेज शाहजहांपुर में शुरू किया था. सही बात तो ये है कि दिल्ली वालों और लखनऊ वालों के बीच बन नहीं रही है.
बीजेपी सरकार में कोई किसी की जान ले सकता है
उन्होंने कहा, जो सरकार अभी लैंड बैंक तैयार कर रही हो वो क्या करेगी? फिक्की वाले खुद जानते होंगे कितना भ्र्ष्टाचार है. जो नई भर्ती हुई है, उसकी पूरी लिस्ट नहीं जारी की गई. खुलेआम लोग कह रहे हैं कि गोली मार देंगे, जान ले लेंगे. बीजेपी सरकार में कोई किसी की जान ले सकता है. टोटी वाली भाषा डंडे वाले के पीछे नहीं भाग रहे हैं. एक नासमझ के पीछे पड़े हैं. बीजेपी को सोशल मीडिया पर लिखने की छूट है. मैं अपने कार्यकर्ताओं को कहूंगा कि बुरा मत लिखो.
लाडली बहन योजना में लाभ की राशि घटाकर 500 रुपये की गई
15 Apr, 2025 03:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है. महाराष्ट्र सरकार ने योजना में एक बार फिर बदलाव किया है. योजना के तहत 8 लाख महिलाओं को 1500 रुपये के बजाय सिर्फ 500 रुपये मिलेंगे. सरकार के नियम के मुताबिक, 1500 रुपये उन्हीं लाभार्थियों को दिए जाएंगे, जिन्हें दूसरी किसी योजना का फायदा नहीं मिल रहा है.
बदलाव के बाद जिन महिला किसानों को “नमो किसान सम्मान निधि” का लाभ मिल रहा है अब उन्हें लाडली बहन योजना में सिर्फ 500 रुपये ही मिलेंगे.
इन महिलाओं को मिलेंगे 500 रुपये
दरअसल, नमो किसान सम्मान योजना में राज्य सरकार 6 हजार और केंद्र सरकार 6 हजार ऐसे कुल 12 हजार सालाना मिलते हैं, जबकि लाडली बहन योजना में 18 हजार मिलते हैं. इस लिए किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रही लाडली बहनों को सिर्फ डिफरेंस के तौर पर बचे 6 हजार सालाना और हर महीने के हिसाब से 500 रुपए मिलेंगे.
दरअसल, लाडली बहन योजना के लाभार्थियों के लिए शर्त ही है कि सरकार की अन्य योजना का लाभ मिल रहा होगा तो इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
विपक्ष ने साधा निशाना
अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष का कहना है की चुनाव के वक्त वोट पाने के लिए सरकार यह योजना लाई थी. अब धीरे-धीरे इस योजना में कटौती कर सरकार यह योजना बंद कर देगी. सरकार लाडली बहनों के साथ धोखा कर रही है. जबकि सरकार का कहना है जो महिला इस योजना के लिए शर्तों का पालन कर रही है उनकी रकम में कोई कटौती नहीं होगी, विपक्ष भ्रम फैला रहा है.
स्कीम को लेकर हुई जांच
इसी के साथ सरकार लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की जांच भी कर रही है ताकि सिर्फ सही लोगों को ही इसका फायदा मिले. अक्टूबर में इस योजना के लिए लगभग 2.63 करोड़ आवेदन किए गए थे. जांच के बाद फरवरी तक यह संख्या 11 लाख से घटकर 2.52 करोड़ हो गई. फरवरी और मार्च में, सिर्फ 2.46 लाख महिलाओं को ही पैसे मिले.
बदलते सियासी समीकरण: उद्धव की प्रवक्ता संजना घाड़ी ने पकड़ा शिंदे गुट का दामन
14 Apr, 2025 09:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (UBT) को जोरदार झटका लगा है. पार्टी की प्रवक्ता संजना घाड़ी और उनके पति संजय घाड़ी रविवार (13 अप्रैल) को एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही कई कार्यकर्ताओं ने भी शिंदे गुट का दामन थाम लिया है. इन सभी लोगों ने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्या ली.
संजना घाडी ने ठाकरे गुट छोड़कर शिंदे गुट में शामिल होने का ऐलान किया था. रविवार को संजना और सैंकड़ों कार्यकर्ता एकनाथ शिंदे के आवास पर पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ली. इस दौरान विधान परिषद की उपसभापति और शिवसेना नेता विधायक डॉ. नीलम गोर्हे उपस्थित थीं. शिंदे ने सभी को पार्टी का पटका पहनाया. इस मौके पर सभी लोगों ने खुशी जाहिर की.
ठाकरे गुट से नाराज थीं संजना
संजना घाडी को मुंबई में शिवसेना ठाकरे गुट का अहम नेता माना जाता रहा है. वह पार्षद भी रह चुकी हैं. बताया जा रहा है कि संजना ठाकरे गुट से नाराज चल रही थी. दरअसल कुछ दिन पहले ठाकरे गुट ने प्रवक्ताओं की सूची जारी की थी जिसमें संजना घाडी का नाम नहीं था. हालांकि आखिरी समय में उनका नाम इस लिस्ट में जोड़ दिया. माना जा रहा है कि इसी से नाराज होकर उन्होंने पार्टी बदलने का मन बना लिया था.
शिंदे ने शेयर की तस्वीरें
शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने संजना घाड़ी और उनके पति, पूर्व नगरसेवक संजय घाड़ी के शामिल होने पर फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की. उन्होंने लिखा ‘उद्धव गुट की उपनेता और प्रवक्ता संजना घाड़ी और उनके पति, पूर्व नगरसेवक संजय घाड़ी ने आज शिवसेना पार्टी में औपचारिक प्रवेश किया. इस दौरान संजना घाड़ी को पार्टी की ओर से शिवसेना उपनेता और प्रवक्ता की दोहरी जिम्मेदारी दी गई.
ठाकरे गुट पर एकनाथ शिंदे का तंज
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में महायुती सरकार ने लोगों के जीवन को सुनहरा बनाने का काम किया. एक तरफ विकास की योजनाएं और दूसरी तरफ लोक कल्याणकारी योजनाएं इन दोनों का समन्वय बनाने का काम सरकार ने किया, जिसकी वजह से विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने महायुती को ऐतिहासिक जीत दिलाई. ठाकरे गुट पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि 80 सीटों पर चुनाव लड़कर 60 सीटें हमने जीती जबकि कुछ लोगों ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ा और जीत सिर्फ 20 सीटों पर ही मिली.
‘हमने आरोप से नहीं बल्कि विकास कार्यों से जवाब दिया’
शिंदे ने आगे कहा कि इससे पता चलता है कि असली शिवसेना कौन सी है?. जनता ने इस पर मुहर लगा दी है. उद्धव गुट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके आरोपों को हमने आरोप से नहीं बल्कि विकास कार्यों से करारा जवाब दिया है. बालासाहेब ठाकरे हमेशा कहा करते थे कि सत्ता आती जाती रहती है, लेकिन नाम नहीं जाना चाहिए. उस नाम को टिकाए रखने का काम हमने किया है. शिंदे ने कहा कि बालासाहेब और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों के मुताबिक उनकी सरकार काम कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि मुंबई में 10 से 20 साल पहले जो काम होने चाहिए थे उन कार्यों को हम लोगों ने पिछले ढाई वर्षों में करना शुरू किया. मुंबई में अटल सेतु, कोस्टल रोड का निर्माण हुआ. बालासाहेब ठाकरे अपना दवाखाना शुरू किया गया. महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना के तहत बीमा सुरक्षा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार काम करने वाली सरकार है. यह काम करने वाली शिवसेना है. शिंदे ने कहा कि हमारी निशानी धनुष-बाण है. धनुष-बाण और भगवा झंडा यह हमारी आस्था, श्वास और अभिमान है.
पटियाला हाउस कोर्ट का बड़ा फैसला, तहव्वुर राणा की रिमांड मंजूर
14 Apr, 2025 05:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई 26/11 हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने 18 दिनों की रिमांड पर भेजा है. रिमांड नोट में लिखा है कि साजिश की सीमा भारत से बाहर तक फैली है. कोर्ट ने कहा कि यह साजिश सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. इसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हैं. कई शहरों को टारगेट किया गया था. इसमें भारत के कई शहरों सहित राष्ट्रीय राजधानी (दिल्ली) को निशाना बनाया गया. तहव्वुर राणा और उसके साथियों द्वारा की गई रेकी की जांच जरूरी है.
कोर्ट ने कहा कि तहव्वुर राणा को उन सबूतों से रूबरू कराना जरूरी है, जो उसके द्वारा की गई रेकी (जांच-पड़ताल) से जुड़े हैं. गवाहों, फॉरेंसिक और दस्तावेजी सबूतों से उसका सामना जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि गवाहों और अन्य सबूतों के साथ उसका आमना-सामना कराना जरूरी है. गहराई से पूछताछ की जरूरत है. साजिश बहुत गहरी है. इसलिए तह तक पहुंचने के लिए पुलिस हिरासत में लगातार पूछताछ जरूरी है.
जांच एजेंसी को पूरा मौका मिले
कोर्ट ने कहा कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. ये मामला भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा है. जज ने कहा कि जांच एजेंसी को पूरा और निष्पक्ष मौका मिलना चाहिए. ताकि वो कोर्ट के सामने सभी तथ्यों को पेश कर सके. बता दें कि एनआईए ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जिन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है, उनमें मौत की सजा का भी प्रावधान है.
इन धाराओं में दर्ज है मामला
ऐसे में देश की न्यायपालिका उसे मृत्युदंड की सजा सुना सकती हैं. राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा-120बी, 121, 121-A, 302, 468, 471 में मामला दर्ज है. इसके अलावा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम-यूएपीए और आतकंवादी गतिविधियों के खिलाफ धारा 18 और 20 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
राणा का दाऊद कनेक्शन!
बताया जा रहा है किएनआईए उसके फोन पर हुई बातचीत का रिकॉर्ड खंगाल रही है. इनमें से अधिकांश अन्य आरोपी डेविड हेडली के साथ हैं. जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस बातचीत में दाऊद की संलिप्तता के भी संकेत हो सकते हैं.एनआईए का मानना है कि मुंबई हमलों की योजना 2005 से ही बनाई जा रही थी. राणा भी उस योजना का हिस्सा था.
संजय राउत का तीखा सवाल- राणा पर मुकदमा होगा या श्रेय की राजनीति
11 Apr, 2025 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने 26-11 मुंबई अटैक के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत लाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है लेकिन इसी के साथ कुलभूषण जाधव को लेकर उन्होंने भारत सरकार पर तंज भी कसा है. संजय राउत ने कहा कि तहव्वुर राणा को अमेरिका से लाया जाना सराहनीय है. लेकिन इसी के साथ उन्होंने सवाल भी पूछा कि राणा को मुकदमा चलाने और फांसी पर चढ़ाने के लिए लाया गया है या एक पार्टी को इसका श्रेय लेने के लिए भेजा गया है?
संजय राउत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वे लोग राणा महोत्सव क्यों मना रहे हैं? उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को कानूनी प्रक्रिया के जरिए लाया गया है जैसे कि पहले अबू सलेम को पुर्तगाल से लाया गया था. यह केवल भारत सरकार नहीं बल्कि हमारी एनआईए और विदेश मंत्रालय की सफलता है. इसका किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं है.
राणा और हेडली पर2009 मेंदर्ज हुई FIR
संजय राउत ने कहा कि भारत सरकार 2009 से ही तहव्वुर राणा को लाने की कोशिश कर रही है. यह नहीं भूलना चाहिए कि तब केंद्र में यूपीए सरकार थी न कि मोदी सरकार. साल 2009 में एनआईए ने राणा और हेडली दोनों के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की थी. उस समय एनआईएच की टीम शिकागो गई थी और दोनों से पूछताछ भी की थी.
संजय राउत ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, तत्कालीन विदेश सचिव अमेरिका गए थे. उन्होंने हिलेरी क्लिंटन जो अमेरिकी सरकार में तब विदेश मंत्री थीं, उनसे राणा को भारत भेजने के बारे में चर्चा की थी. यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसका पालन होने से समय लगता है.
कुलभूषण जाधव को क्यों नहीं ला पाए?
संजय राउत ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. पुलवामा का श्रेय ले लें लेकिन एक सच ये है कि कुलभूषण जाधव को रिहा नहीं कर पाए हैं, जोकि पाकिस्तानी जेल में बंद हैं. संजय राउत ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वे घर में घुसकर मारेंगे, लेकिन वे लोग ही कुलभूषण जाधव, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को लेकर नहीं आ सके हैं.
संजय राउत ने मांग की है कि देश में वित्तीय घोटालों के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भी भारत लाया जाए. हमें राणा जैसे किसी व्यक्ति को भारत लाकर यह नहीं दिखाना चाहिए कि यह एक बड़ी जीत है. उसे भारत लाने का श्रेय तत्कालीन सरकार को जाता है. राउत ने कहा कि यह प्रक्रिया उसी समय शुरू हो गई थी.
महाराष्ट्र सरकार पर भी राउत का हमला
संजय राउत ने इसी के साथ राज्य में कानून और व्यवस्था का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आज कानून नाम की कोई चीज नहीं है. देवेंद्र फडणवीस को यह नहीं पता कि वह गृह मंत्री हैं. नागपुर, मुंबई और राज्य में हर दिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं.
पुलिस की तत्परता से ब्लैकमेलर धराया, डॉक्टर से कर रहा था 5 लाख की डिमांड
11 Apr, 2025 04:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई में एक डॉक्टर से उसका निजी वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 5 लाख रुपए मांगने वाले ब्लैकमेलर को वडाला टीटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने 26 वर्षीय डॉक्टर को निजी वीडियो लीक करने की धमकी दी. इसके बाद डॉक्टर पुलिस के पास पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई. आरोपी का नाम राजा वेणु नायकर उर्फ केडी राजा है.
जानकारी के अनुसार, आरोपी राजा वेणु नायकर उर्फ केडी राजा के खिलाफ 15 से अधिक मामले दर्ज हैं. इनमें जबरन वसूली, हमला, धमकी और चोरी जैसे अपराध शामिल हैं. इससे पहले भी कई बार उनके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. पुलिस के मुताबिक, जबरन वसूली की यह घटना करीब एक महीने पहले 6 मार्च को हुई थी.
डॉक्टर को फोन पर निजी तस्वीरें दिखाकर पैसे ऐंठे
6 मार्च को आरोपी राजा वेणु नायकर उर्फ केडी राजा 26 वर्षीय शिकायतकर्ता डॉक्टर से मिलने आया था. इसके बाद आरोपी डॉक्टर के क्लिनिक में गया और उनको अपने मोबाइल फोन से एक निजी फोटो दिखाई. इसके बाद आरोपी ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए डॉक्टर से 60,000 रुपये मांगे, लेकिन डॉक्टर डरा हुआ था. वह परिणामों को लेकर बहुत चिंतित था. डॉक्टर ने अभी इतने पैसे न होने की बात कहते हुए आरोपी को 10 हजार रुपए दे दिए.
बार-बार की पैसों की मांग
हालांकि, आरोपी नहीं सुधरा और डॉक्टर को ब्लैकमेल करना जारी रखा. कुछ दिनों बाद आरोपी डॉक्टर के क्लिनिक पर दोबारा आया और उसे धमकाते हुए 5 लाख रुपये की मांग की. आखिरकार डॉक्टर ने हिम्मत जुटाई और मामले की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
हालांकि, यह पता लगाने के लिए कि आरोपी को वीडियो कहाँ से मिला तथा और इसकी प्रामाणिकता सत्यापित करने के लिए फॉरेंसिक जांच की जा रही है.
काटने की घटना पर बॉम्बे हाई कोर्ट की टिप्पणी – ‘दांत सिर्फ चबाने के लिए ,नहीं बन सकता है हथियार’
10 Apr, 2025 04:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला ने दांत को खतरनाक हथियार मानने को लेकर शिकायत की थी और इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. कोर्ट ने इस केस को खारिज करते हुए कहा कि मानव दांतों को खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता.
कोर्ट ने कहा कि मानव दांत खतरनाक हथियार नहीं है, जिससे गंभीर नुकसान हो. दरअसल, महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसकी भाभी ने उसे दांत से काटा है, जिस वजह से उसे गंभीर चोट लग गई है.
हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के जज विभा कंकनवाड़ी और संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के मेडिकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों के निशान से केवल मामूली चोट लगी है.
भाभी से हुआ था झगड़ा
महिला की शिकायत पर अप्रैल 2020 में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, हाथापाई के दौरान उसकी एक भाभी ने उसे काट लिया, जिससे उसे खतरनाक हथियार से नुकसान पहुंचा है. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत खतरनाक हथियारों से नुकसान पहुंचाने, किसी को चोट पहुंचाने और चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है.
इस मामले पर कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मानव दांतों को खतरनाक हथियार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है. इसने आरोपी की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और एफआईआर को खारिज कर दिया.
भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे हथियार के जरिए होनी चाहिए जिससे मौत हो गई हो या फिर गंभीर नुकसान होने की संभावना हो.
बिना वजह मुकदमा चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग
हाई कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता के मेडिकल रिपोर्ट इस बात साफ सबूत है कि दांतों की वजह से उन्हें कोई भी गंभीर चोट नहीं लगी है. ये निशान एक साधारण से चोट का है. कोर्ट ने कहा कि जब ये घटना धारा 324 के तहत अपराध में नहीं आती है तो आरोपी पर मुकदमा चलाना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.
हाई कोर्ट ने कहा FIR को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच संपत्ति का मामला समझ में आ रहा है, जिसकी वजह से इस तरह की शिकायत की गई है.
जनता परेशान, अफसर हाईटेक! महाराष्ट्र सरकार देगी मंत्रियों को Apple iPad, करोड़ों की होगी लागत
10 Apr, 2025 04:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र सरकार ने ई-कैबिनेट प्रणाली के क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत राज्य के मंत्रियों और चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को एप्पल आईपैड मुहैया कराए जाएंगे. राज्य सरकार 1.16 करोड़ रुपये की लागत से मंत्रियों और आला अधिकारियों के लिए एप्पल आईपैड खरीदेगी.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि टचस्क्रीन टैबलेट पीसी खरीदने से मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों की प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठकों को कागज रहित तरीके से आयोजित करने में सहायता मिलेगी.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य मुख्य सचिव ने सभी मंत्रियों और कुछ आला अधिकारियों के लिए 50 आईपैड खरीदने का प्रस्ताव भेजा था. प्रस्ताव में ककहा गया है कि आईपैड ऊर्जा, उद्योग और श्रम विभाग की ओर से अनुशंसित तकनीकी विनिर्देशों के अनुरूप खरीदे जाएंगे.
1.16 करोड़ रुपये की लागत से खरीदेगी एप्पल आईपैड
बयान में बताया गया है कि करों सहित आईपैड की कुल कीमत 1,16,65,000 रुपये होगी. ये आईपैड कैबिनेट मंत्रियों और मंत्रिपरिषद के सदस्यों को उपलब्ध कराए जाएंगे.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आईपैड उच्च श्रेणी के एप्पल मॉडल होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 1 या 2 टीबी स्टोरेज होगी. बयान में कहा गया है कि इससे महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों को कामकाज में सुविधा होगी.
दूसरी ओर, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मुंबई में चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए एशियाई विकास बैंक की सहायता के बारे में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.
सीएम ने चिकित्सा सेवा की समीक्षा के लिए की बैठक
इस बैठक के दौरान, एडीबी के सहयोग से, स्वास्थ्य केंद्रों से अस्पतालों तक, राज्य भर में स्वास्थ्य संस्थानों को उन्नत करने के लिए एक मिशन-मोड परियोजना तैयार करने का निर्देश दिया. समय पर रेफरल सेवाओं और कीमोथेरेपी और विकिरण जैसे उपचारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, राष्ट्रीय कैंसर उपचार नीति के साथ संरेखित करने पर जोर दिया.
इस अवसर पर सीएम दोनों विभागों को नवीन दृष्टिकोणों के साथ स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने की योजनाओं का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया. नए कॉलेजों वाले जिलों में स्वतंत्र अस्पतालों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उच्च मांग वाले क्षेत्रों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों जीएमसी और अस्पतालों के निर्माण की समीक्षा की.
सीएम ने धाराशिव में एक अस्पताल की आवश्यकता पर जोर दिया. चल रहे अस्पताल परियोजनाओं और एक स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के विकास की समीक्षा की महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को केंद्र के रूप में एक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है, और एक समर्पित अंग दान और प्रत्यारोपण संस्थान की स्थापना की जा रही है.