उत्तर प्रदेश
27 साल पहले गुम हुआ युवक महाकुंभ में अघोरी साधु के रुप में मिला
30 Jan, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । प्रयागराज महाकुंभ में एक परिवार 27 साल बाद अपने बिछड़े हुए परिजन से मिला। परिवार ने अब उनके मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। उन्हें मान लिया था कि या तो वह इस दुनिया में नहीं है और या फिर वह किसी ऐसे स्थान पर चले गए हैं, जहां से वापस आना संभव नहीं है। हालांकि, दिल की किसी कोने में उनके मिलने की उम्मीद बाकी थी। मामला झारखंड के परिवार का है। गंगासागर यादव अब 65 वर्ष के हैं। वह ‘अघोरी साधु’ बन गए हैं। अब उनका नाम बाबा राजकुमार है।
उनके परिवार ने बताया कि 1998 में पटना की यात्रा के बाद गंगासागर लापता हो गए थे। उनकी पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटों कमलेश और विमलेश की अकेले परवरिश की।गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने कहा, हम उन्हें दोबारा देखने की उम्मीद खो चुके थे, लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर ली और हमें भेजी। इसके बाद मैं, धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ कुंभ मेला पहुंचा।मेले में पहुंचने पर परिवार का सामना बाबा राजकुमार से हुआ, लेकिन उन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पूर्व पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाबा राजकुमार ने वाराणसी का साधु होने का दावा किया। उन्होंने और उनकी साध्वी साथी ने पूर्व के किसी भी संबंध से इनकार किया।
हालांकि, परिवार अपने दावे पर अड़ा रहा, क्योंकि बाबा राजकुमार पूरी तरह से गंगासागर यादव से मिलते जुलते हैं, यहां तक कि उनके माथे और घुटने पर चोट के हूबहू वैसे ही निशान मिले जो गंगासागर यादव के थे।मुरली यादव ने कहा कि हम कुंभ मेले के अंत तक इंतजार करेंगे। अगर जरूरी हुआ तो डीएनए परीक्षण पर जोर देंगे। यदि परीक्षण में परिणाम मेल नहीं खाते तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे। इस बीच परिवार के कुछ सदस्य घर लौट आए हैं, जबकि अन्य अभी मेले में ही हैं। हम बाबा राजकुमार और साध्वी पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद भीड़ संभालना हुआ मुश्किल, बस-ट्रेन रोकी, 1 लाख यात्री फंसे
30 Jan, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद रेलमपेल भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने बस और ट्रेन के रोक दिया है। इससे लखनऊ में 50,000 तो प्रयागराज में 30 हजार और आस-पास करीब 20 हजार लोग फंसे हुए हैं। महाकुंभ में भगदड़ के बाद लखनऊ से प्रयागराज के लिए बुधवार सुबह से बसों का संचालन बंद कर दिया गया। इस बीच कई बसें बछरावां और रायबरेली में लगे जाम में फंस गईं। आगे जाने की अनुमति नहीं मिलने पर बसें वापस हो गईं। वहीं, रेलवे स्टेशनों पर अलग-अलग राज्यों और शहरों से आए यात्री भी आगे नहीं बढ़ सकें। इस बीच लखनऊ से शाम के समय प्रयागराज जाने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। निजी वाहनों से जाने वालों को भी टोल प्लाजा पर रोक दिया गया है संख्या लगभी 25 हजार बताई जा रही है। ऐसे में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु लखनऊ की सीमा में ही फंसकर रह गए। वहीं, लखनऊ वापस आने वाले 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भी प्रयागराज में फंसे हैं।
प्रशासन की तरफ से रोडवेज को सुबह ही बसों का संचालन रोकने के निर्देश दे दिए गए थे। हालांकि, 80 से ज्यादा बसें आलमबाग बस स्टेशन से यात्री लेकर रवाना हो चुकी थीं। अफसरों ने आनन-फानन में आलमबाग बस स्टेशन पर खड़ी करीब 20 बसों को रद्द किया। इनमें बैठे यात्रियों को भी उतारने के साथ ही बताया गया कि अगला आदेश आने तक बसों का संचालन नहीं होगा। ऐसे में यात्रियों ने रेलवे स्टेशन का रुख किया। तब तक इंटरसिटी समेत कई ट्रेनें रवाना हो चुकी थीं। दूसरी ट्रेनों से पहुंचे श्रद्धालुओं के पास भी कोई विकल्प नहीं बचा।
मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद लखनऊ वापसी में भी श्रद्धालुओं के पसीने छूटे। लखनऊ आने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हुई थीं। दोपहर तीन बजे तक विभिन्न ट्रेनों से करीब 12 हजार यात्री चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे। 14308 बरेली प्रयागराज एक्सप्रेस, 14242 नौचंदी एक्सप्रेस, 14210 लखनऊ प्रयाग इंटरसिटी, 14216 गंगा गोमती एक्सप्रेस और 15074 त्रिवेणी एक्सप्रेस से बड़ी संख्या में लोग आए। लखनऊ से प्रयागराज के लिए श्रद्धालुओं ने विमान सेवाओं का भी इस्तेमाल किया। इंडिगो की डायरेक्ट फ्लाइट 6ई-7935 से पहुंचे यात्रियों को स्नान के लिए मशक्कत करनी पड़ी। 10742 रुपये का टिकट लेकर पहुंचे आलमबाग के आनंद पाठक ने बताया कि अरैल की तरफ से घाट तक गए और स्नान किया। वहीं, कनेक्टिंग विमानों में भी यात्री सीटें ढूंढते रहे।
लखनऊ से प्रयागराज जाने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस 15074 बुधवार को निरस्त कर दी गई। एहतियात के तौर पर ट्रेनों से उतरे यात्रियों को प्रयाग स्टेशन पर ही रोका गया। लंबी दूरी की ट्रेनों को फाफामऊ में स्टॉपेज दिया गया। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि भगदड़ के बाद सतर्कता के तौर पर प्रयाग के रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई दी गई। प्रयाग स्टेशन के होल्डिंग एरिया में यात्रियों को रोका गया है। लंबी दूरी की ट्रेनों को फाफामऊ में स्टॉपेज देकर वहीं से रवाना किया गया। श्रद्धालुओं और यात्रियों की संख्या की वजह से आलमबाग बस स्टेशन पर बैठने की जगह कम पड़ गई। मजबूरी में यात्री जमीन पर ही बैठ गए। वहीं, कई यात्रियों ने रैन बसेरों का रुख किया। आसपास के जिलों से आए यात्री भी बसों और अन्य साधनों से लौटने को विवश हुए।
महाकुंभ हादसे से दुखी सीएम योगी हुए भावुक, मृतकों के परिजनों को देंगे 25 लाख
30 Jan, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज। महाकुंभ मेला क्षेत्र में हुई एक दर्दनाक भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे को बेहद दुखद बताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। सीएम योगी की आंखों में आंसू थे जब उन्होंने कहा कि यह घटना मर्माहत करने वाली है। सीएम योगी ने पीड़ितों के लिए राहत राशि और हादसे की जांच के लिए आयोग गठित करने के निर्देश दिए हैं।आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को समय सीमा के भीतर सौंपेगा। योगी सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए राहत राशि का ऐलान किया है। सरकार पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपए देने की घोषणा की है। योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ मेले में स्नान के लिए मंगलवार देर रात मची भगदड़ के कारणों की जांच के लिए न्यायिक जांच का आदेश दिया। जांच आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे और इसमें पूर्व आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) बीके सिंह भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि न्यायिक जांच के साथ-साथ पूरे मामले की अलग से पुलिस जांच भी की जाएगी। उन्होंने कहा, “पूरे मामले की तह तक जाना जरूरी है कि ऐसी घटना कैसे हुई।” योगी ने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश्क गहन जांच के लिए बृहस्पतिवार को महाकुंभ का दौरा करेंगे।
प्रयागराज महाकुंभ : सेक्टर 22 में लगी आग, कोई जन हानि नहीं
30 Jan, 2025 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टेंट जले, फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना के बाद एक बार फिर मेला क्षेत्र में आग लगने की खबर है। यह आग महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 22 में लगी, जिससे कई पंडाल जल कर राख हो गए। आग से किसी प्रकार की कोई जनहानि होने की कोई सूचना नहीं है। प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र से एक बार फिर आग लगने की बड़ी खबर सामने आई है। प्राप्त जानकारी अनुसार महाकुंभ एक बार फिर से आग लग गई है। महाकुंभ के सेक्टर-22 में आग लगी, जिसमें कई पंडाल जलकर खाक हो गए। राहत की बात यह है कि इस आग से किसी प्रकार की कोई जन हानि होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। यहां बताते चलें कि इससे पहले भी महाकुंभ में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। आग लगने की जानकारी देते हुए बताया गया है कि जैसे ही आग लगने की सूचना मिली मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई और देखते ही देखते आग पर काबू पा लिया गया। अग्निशमन टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है। सोशल मीडिया पर आग लगने के कुछ फोटो वायरल हुए हैं, जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आग कितनी भीषण रही होगी। इस अग्निकांड में फिलहाल किसी प्रकार की जन हानि की सूचना नहीं मिली है। आग किस कारण लगी इस संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है।
भगदड़ में हो चुकी है 30 लोगों की मौत
इससे पहले महाकुंभ में देर रात हुई भगदड़ के कारण 30 श्रद्धालुओं की दु:खद मृत्यु हो चुकी है, जबकि करीब 90 लोग घायल हुए थे। इन घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और प्रशासन काफी अलर्ट हो चुका है। आगे इस तरह की कोई घटना न हो इसके लिए शासन-प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रशासन हुआ सख्त, मेले क्षेत्र में किए पांच बड़े बदलाव
30 Jan, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ और दुखद मौतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं, जिसके तहत मेला क्षेत्र में पांच बड़े बदलाव किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन अंदर जाने की मनाही है। यही नहीं वीवीआईपी पास और ट्रैफिक को लेकर भी परिवर्तन किए हैं।
सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र के लिए पांच फैसले लिए गए हैं ताकि आने वाले समय में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके। पुलिस प्रशासन के लिए अब बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को कुशलता पूर्वक संपन्न कराने की चुनौती है जिसे देखते मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है जिसके तहत सभी प्रकार के वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंध रहेगा। मेला प्रशासन की ओर से वीवीआईपी पास भी रद्द कर दिए हैं। किसी भी विशेष पास के जरिए वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा। मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा रास्ते की व्यवस्था की है जिसके तहत श्रद्धालुओं के एक रास्ते से एंट्री मिलेगी और दूसरे रास्ते से बाहर आ सकेंगे। वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई है। प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर ही रोका जा रहा है। 4 फरवरी बसंत पंचमी का स्नान संपन्न होने तक यह प्रतिबंध लागू रहेंगे। शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन अब लापरवाही बरतने के मूड में नहीं हैं, इसलिए ये सख्त नियम लागू किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें।
झामुमो सांसद महुआ माजी और विधायक सीपी सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, 5 फरवरी को होगी सुनवाई
30 Jan, 2025 03:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन की अदालत में झामुमो की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी एवं विधायक सीपी सिंह के खिलाफ चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में जांच अधिकारी ने जांच पूरी करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है। अदालत ने सभी की उपस्थिति के लिए 15 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। प्राथमिकी संजीव कुमार गुप्ता की शिकायत पर रांची अंचल के तत्कालीन सीओ मुंशी राम ने हिंदपीढ़ी थाने में सात नवंबर 2024 को प्राथमिकी दर्ज कराई है। सहायक निर्वाची पदाधिकारी मुंशी राम ने आवेदन पत्र में आदर्श आचार संहिता संहिता के उल्लंघन से संबंधित विवरण दिया है।
इस वजह से हुआ एक्शन
चुनाव के दौरान हिंदपीढ़ी थाना के बुधिया बागान मोड़ तक लगे सरकारी बिजली के पोल एवं मारवाड़ी कालेज की तीसरी गली के बीचों बीच झामुमो एवं भाजपा प्रत्याशी का पोस्टर-बैनर पाया गया था। बता दें कि 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में रांची विधानसभा सीट पर सीपी सिंह ने बाजी मार ली थी। जबकि महुआ माजी को करारी शिकस्त मिली थी। सीपी सिंह ने महुआ माजी को 21949 वोटों से हरा दिया था। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेताओं पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था।
झारखंड सरकार: उच्च शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित होंगे शिक्षक, छात्र और संस्थान
30 Jan, 2025 03:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: झारखंड सरकार ने शैक्षणिक क्षेत्र में सराहनीय योगदान देने वाले शिक्षकों, छात्रों, प्रशासकों और संस्थानों के लिए बुधवार को पुरस्कारों की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने झारखंड राज्य उच्च शिक्षा पुरस्कार को मंजूरी दी। संयुक्त कैबिनेट सचिव राजीव रंजन ने बताया कि उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों, छात्रों, प्रशासकों और संस्थानों को सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार के रुप में मिलेंगे इतने रुपये
पुरस्कार की नौ श्रेणियां होंगी, जैसे झारखंड राज्य शोध रत्न। आदिवासी और गैर-आदिवासी भाषाओं के अलावा अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, प्रायोगिक विज्ञान और आधारभूत विज्ञान में छात्रों को झारखंड राज्य शोध रत्न पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। श्रेणी में पहला पुरस्कार दो लाख रुपये, दूसरा पुरस्कार डेढ़ लाख रुपये और तीसरा पुरस्कार एक लाख रुपये होगा। बैठक में मंत्रिमंडल ने कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी।
सरकारी कर्मचारियों को सरकार ने दी थी खुशखबरी
इससे पहले अभी हाल में ही हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड कैबिनेट ने पेंशनभोगियों और सरकारी कर्मचारियों को फायदा पहुंचाने वाले बड़े फैसले लिए थे। कैबिनेट ने 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। बड़ी घोषणाओं में राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत कर्मचारियों और उनके आश्रितों को सामान्य बीमारियों के लिए सालाना 5 लाख रुपये और गंभीर बीमारियों के लिए 10 लाख रुपये का कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
पेंशनभोगियों को मिलेगा बीमा योजना का लाभ
योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को अपने वेतन से 500 रुपये प्रतिमाह देने होंगे। सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी भी चाहें तो इस बीमा योजना का लाभ उठा सकेंगे। पेंशनभोगियों को सालाना 6,000 रुपये एकमुश्त जमा करने होंगे। सरकार का कहना है कि इस योजना से करीब 1.75 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। वहीं करीब 2.75 लाख पेंशनभोगी भी इसका लाभ ले सकते हैं।
एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर शिक्षक ने छात्रा से की छेड़छाड़, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
30 Jan, 2025 01:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: रांची में एक शिक्षक ने गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है. शिक्षक ने सारी मर्यादाएं पार करते हुए एक नाबालिग छात्रा के साथ अश्लील हरकत की. जानकारी के मुताबिक, शिक्षक ने छात्रा को एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर रोक लिया था. छात्रा ने शिक्षक की अश्लील हरकतों की जानकारी परिजनों को दी. नाबालिग छात्रा जिस शिक्षक के पास ट्यूशन पढ़ती थी. उसे मैथ पढ़ाने के बहाने एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर शिक्षक ने अकेले रोक लिया और उसके साथ अश्लील हरकत की. छेड़खानी की घटना को अंजाम देने लगा. नाबालिग छात्रा ने शिक्षक की अश्लील हरकते और मंशा को जान गई और किसी तरह से वो वहां निकले में कामयाब हो गई. शिक्षक गलत नीयत से छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने लगा और कहा कि यह सामान्य बात है. इधर शिक्षक की गलत मंशा को भापते हुए नाबालिग छात्रा किसी प्रकार इंसान से हैवान बने शिक्षक के चुंगल से खुद को छुड़ाकर भागते हुए घर पहुंची. और परिजनों को शिक्षक के कुकर्मों की जानकारी दी.
टीचर ने छात्रा से की अश्लील हरकत
नाबालिक छात्रा के साथ ट्यूशन टीचर द्वारा की गई अश्लील हरकत की सूचना मिलते ही गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने आरोपीय शिक्षक के घर पहुंचकर जमकर हंगामा किया. वहीं इसके साथ ही मामले की सूचना रांची के सदर थाना की पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने किया गिरफ्तार
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार की शाम शिक्षक सभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहे थे. इसी दौरान उन्होंने पीड़ित छात्रा को यह कह कर रोक लिया कि तुम्हारी गणित की एक्स्ट्रा क्लास है. बाकी सभी बच्चों को घर जाने को कह दिया. सभी बच्चों के घर जाने के बाद नाबालिक छात्रा को अकेला पाकर आरोपी शिक्षक उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा. गलत नीयत से छात्रा को छूने लगा, जोर जबरदस्ती शुरू कर दी. हालांकि छात्रा ने विरोध करते हुए खुद को आरोपी शिक्षक के चुंगल से छुड़ाते हुए भाग कर घर पहुंची और मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी. इससे आरोपी शिक्षा का कुकर्म सबके सामने आ गया और सदर थाने की पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है.
बिहार बोर्ड परीक्षा 2025: जूते-मोजे पहनने की दी अनुमति, सर्दी को देखते हुए बड़ा बदलाव
30 Jan, 2025 01:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Bihar Board Exam 2025: बिहार बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का ऐलान कर दिया है. 01 फरवरी से 15 फरवरी तक इंटरमीडिएट की परीक्षाएं कराई जाएंगी. इसके बाद 10वीं कक्षा की परीक्षा 17 फरवरी से शुरू होगी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए जरूरी सूचना और गाइडलाइन जारी की है. इसमें कहा गया है कि छात्रों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम दो घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना चाहिए. परीक्षा शुरू होने से आधे घंटे पहले परीक्षा केंद्र हॉल के मुख्य द्वार बंद कर दिए जाएंगे. BSEB ने स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड भी जारी किया था, जिसके अनुसार छात्र-छात्राओं को परीक्षा हॉल में जूते-मोजे पहनकर आने से मना किया गया था. समिति ने कहा था कि अगर कोई छात्र या छात्रा फिर भी पहनकर आती है तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि, अब इसमें बड़ा अपडेट सामने आया है.
जूते-मोजे पहनने की अनुमति
सर्दी के मौसम को देखते हुए BSEB ने अब स्टूडेंट्स को जूता-मोजा पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दे दी है, ताकि उनके स्वास्थ्य को ठंड बहुत ज्यादा प्रभावित न कर सके. इससे छात्रों को हवाई चप्पल या खुली सैंडल पहनकर ही परीक्षा केंद्र पर आने की सलाह दी गई थी. बोर्ड ने कहा था कि ऐसा करने से सुरक्षा जांच में आसानी रहती है, और परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सकता है. बोर्ड ने कहा था कि इस नियम का पालन करके छात्र अपनी परीक्षा में बिना किसी विघ्न के शामिल हो सकते हैं.
दो शिफ्टों में होगी परीक्षा
बता दें कि बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा 1 फरवरी से से 15 फरवरी 2025 तक दो शिफ्ट यानी सुबह सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.45 बजे तक और दोपहर दोपहर 2 बजे से शाम 5.15 बजे तक होगी. परीक्षा देने वाले छात्रों को अपने साथ एडमिट कार्ड के साथ वैलिड फोटो पहचान पत्र भी लेकर जाना होगा. बिना एडमिट कार्ड के छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
वैशाली में युवक की गला रेतकर हत्या, शव को जलाने का प्रयास
30 Jan, 2025 01:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैशाली: वैशाली जिले की जनदाहा थाना क्षेत्र के बहसी चौक के निकट झाड़ी में एक युवक का गला रेत कर हत्या का मामला समाने आया है. युवक का शव झाड़ी में फेंका हुआ जली अवस्था में मिला. बताया जा रहा है कि युवक का गला काटकर उसे तड़पता हुआ झाड़ी में फेंक दिया गया और आस-पास की झाड़ी में आग भी लगा दी गई थी. हत्या कर शव जलाने का अपराधियों ने प्रयास भी किया था. बताया जा रहा है कि महेश को जुआ खेलने की लत थी और कल देर रात युवा खेलकर किसी से विवाद हुआ था. उसके बाद साथ खेलने वालों ने ही गला रेतकर हत्या कर दी और पास की एक झाड़ी में फेंक दिया. पहचान ना मिले और शव भी बुरी तरीके से जल जाए. इसके लिए झाड़ी में आग लगा दी थी.
वहीं, घटना की सूचना पुलिस को मिली मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. शव का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में लगी है. बताया जा रहा है कि महेश जंदाहा थाना क्षेत्र के बहसी ही रहने वाला था, उसके पिता सुनील सहनी के रूप में पहचान की गई है. वहीं गुरुवार की सुबह हत्या से आक्रोशित जहां स्थानीय लोग और परिवार के लोगों ने जनदाहा चौक को पूरी तरीके से जामकर दिया.
भगदड़ हादसे पर नाराज हुए स्वामी यतींद्रानंद गिरि बोले-महाकुंभ को इवेंट बनाकर रख दिया
30 Jan, 2025 09:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । महाकुंभ मेले में भगदड़ को लेकर आम श्रद्धालुओं से लेकर अखाड़ों व संतों में बेहद नाराजगी देखी गयी। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने वीआईपी कल्चर के साथ ही महाकुंभ को एक इवेंट बना दिए जाने पर निशाना साधा है। संत ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि ने भी जमकर निशाना साधते हुए मेले की सुरक्षा को सेना के हवाले किए जाने की मांग उठाई।
महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि कुंभ मेला प्रयागराज मौनी अमावस्या के स्नान के वक्त मची भगदड़ एवं अनेक लोगों की की मृत्यु बहुत दुखद पीड़ा दायक है। कुंभ मेला प्रशासन की हठधर्मिता तथा नासमझी के चलते यह घटना घटी हमने अनेक कुम्भ किए हैं और देखे हैं। किंतु पहली बार किसी कुंभ में इतनी अव्यवस्था देखी है। अभी तक कुंभ समाप्ति की ओर है। किंतु कुंभ में किए जाने वाले कार्य अभी तक लंबित पड़े हैं। स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने वीडियो बयान जारी करते हुए लिखा कि परंपरागत साधु संतों और संस्थाओं को मिलने वाली सुविधाएं टैन्ट, शौचालय, नल के लिए अभी तक साधु संतों को परेशान होना पड़ रहा है। मेला प्रशासन के अधिकारी जहां प्रतीक कुंभ में अपने-अपने सेक्टर और पूरे मेले में शिवरों में घूम-घूम कर खुद संतों को मिलने वाली सुविधाओं का ध्यान रखते थे।
इस बार साधु-संत अधिकारियों को खोज रहे हैं प्रशासन अधिकारी केवल वीआईपी जनों की आवभगत और उनके सुख सुविधा में लगे हुए हैं। इस कुंभ मेले में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। जगह-जगह पुलिस केवल रास्ता और पुलों को बंद करने में लगी है क्योंकि रास्ते और पुल केवल वीआईपी लोगों की सुविधा के लिए है। मेला प्रशासन के अधिकारी कुंभ मेले की आध्यात्मिक और धार्मिक भावनाओं को ना जानते हैं और ना ही मानते हैं। मेले को भव्य और दिव्या कहा गया। किंतु वीआईपी और व्यावसायिक बनाकर भव्य बनाने का प्रयास तो हुआ किंतु मेले की आत्मा आध्यात्मिक और धार्मिकता जो की दिव्यता थी उसको दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन ने पूरा मेला एक इवेंट बनाकर रख दिया। कुंभ कोई इवेंट या व्यावसायिक मेला नहीं है। कुंभ एक धार्मिक और आध्यात्मिक मेला है यहां देवता आते हैं। साधु संत और कल्पवासी साधना करते हैं। शासन और प्रशासन दोनों के द्वारा देवताओं का मान सम्मान नहीं किया गया, उनको आदर नहीं दिया गया।
साधु संत तथा कल्पवासियों का आदर और उनकी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया जिसके चलते मकर संक्रांति का स्नान भी दुर्व्यवस्थाओं से भरा रहा तथा इस मेले का मुख्य स्नान मौनी अमावस्या का देवताओं की नाराजगी को प्रकट करते हुए स्वीकार नहीं किया है। मेले में भीड़ यह दुर्व्यवस्था का कारण नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे विश्व में निमंत्रण दिया 144 साल के बाद कुंभ आ रहा है। अतः यह महाकुंभ होगा ऐसा प्रचारित किया क्या कुंभ का इतिहास क्या केवल 144 वर्ष का है? प्रत्येक 12 वर्ष में लगने वाला कुंभ अपने आप में 144 वर्ष बाद आता है। यह महाकुंभ कैसे हो गया? सरकार खुद कहती थी 40 से 45 करोड़ लोग आएंगे। सरकार का जो अनुमान था। लोग उसी अनुमान के अंतर्गत ही आए हैं। उससे अधिक नहीं तो फिर शासन और प्रशासन ने उसी अनुमान के अनुसार व्यवस्था क्यों नहीं कि यह प्रश्न उठता है। समूचे मेले में चाहे मेला अधिकारी हो अपार मेला अधिकारी हो एसएसपी मेला, डीआईजी मेला। किसी भी अधिकारी का मिलना तो दूर, फोन तक उठना भी संभव नहीं है। पूरे मेले में केवल चार-पांच राजनीतिक और आर्थिक प्रभावशाली संतों के अलावा मेला प्रशासन ने किसी को भी महत्व नहीं दिया।
कुंभ मेले का दुखद पहलू यह है की साधु संत अपने परंपरागत स्नान को नहीं कर सके तथा अखाड़े के देवता भी स्नान से वंचित रहे। शायद मेला प्रशासन के व्यवहार से देवता संतुष्ट नहीं थे। इसलिए देवताओं ने स्नान नहीं किया। अब देखना है मेले की दुर्व्यवस्था आज की घटना की नैतिक जिम्मेदारी कौन लेता है। उत्तर प्रदेश सरकार कुंभ में पधारे साधु संत तपस्वी और कल्पवासियों तथा श्रद्धालु भक्तजनों की भावनाओं और पीड़ा को कितना समझ पाती है और ऐसे संवेदनहीन मेला प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर क्या कार्रवाई करती है। हम अखाड़ा परिषद के सभी पदाधिकारी को साधुवाद धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय किया क्योंकि अगर अमृत स्नान स्थगित ना होता तो आज प्रयाग में अकल्पनीय दुखद घटना निश्चित रूप से होती। क्योंकि मेला प्रशासन के पास अमृत स्थान कराने की ना कोई योजना थी ना तैयारी थी। और ना ही उनकी आंतरिक भावना थी। किंतु एक आश्चर्य है आखिर क्या बात है अखाड़ा परिषद, अखाड़ों के प्रमुख संत तथाकथित कुछ बड़े नाम वाले राजनीतिक संत और मीडिया इस दृष्टि से मौन और नेत्रहीन क्यों है।
इससे पहले महाकुंभ मेला में भगदड़ को लेकर निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि ने पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार को पता था कि कुंभ में इतने करोड़ लोग आएंगे तो महाकुंभ मेले का आयोजन सेना के माध्यम से क्यों नहीं कराया गया? प्रेमानंद गिरि ने कहा कि पिछले स्नान के बाद हम सभी अखाड़ों ने पूरे प्रशासन को सचेत किया था। प्रशासन को पता था कि 50 करोड़ लोग आने वाले हैं तो सेना के हवाले से कुंभ का आयोजन क्यों नहीं किया गया है। मैं उत्तर प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को व्यक्तिगत कहता रहा कि आप लोग सेना बुलवाई और कुंभ को सेना के हवाले कीजिए। इतनी भीड़ आने के बाद पुलिस-प्रशासन के बस की बात नहीं है और उसी का ही परिणाम है कि किसी का बाप चला गया तो किसी का पुत्र चला गया। बहुत दुखद समाचार है और व्यथित करने वाला है।
कुंभ स्पेशल ट्रेन पर पथराव, गेट नहीं खुलाने पर चढ़ने वाले यात्रियों ने किया हंगामा
30 Jan, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झांसी । झांसी से प्रयागराज जा रही एक विशेष ट्रेन पर हरपालपुर स्टेशन पर तब पथराव किया गया, जब प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे यात्रियों ने डिब्बों के दरवाजे बंद मिले। वीडियो में हमलावरों को ट्रेन पर पत्थर फेंकते और उसकी खिड़कियां तोड़ते हुए दिखाई दिए है, जबकि यात्री डर के मारे चीख रहे हैं। वीडियो में एक यात्री यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ट्रेन कल रात करीब 8 बजे झांसी स्टेशन से प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी।
ट्रेन हरपालपुर पहुंची और तभी हमला हुआ। उन्होंने ट्रेन को नुकसान पहुंचाया और अंदर पत्थर फेंके। उन्होंने यात्रियों को मारने की कोशिश की। यहां महिलाएं और बच्चे भी हैं। यह विशेष ट्रेन प्रयागराज में महाकुंभ के लिए चलाई जा रही है, जिसमें देश भर से पर्यटक आ रहे हैं। ट्रेन में सवार होने वाले ज़्यादातर यात्री आध्यात्मिक उत्सव में शामिल होने जा रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि कई लोग हरपालपुर (झांसी से करीब दो घंटे की दूरी पर) में ट्रेन में चढ़ने के लिए इंतजार कर रहे थे। लेकिन जब उन्होंने ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की तब उन्हें दरवाजे बंद मिले। इसके बाद यात्री हिंसक हो गए और डिब्बों पर पत्थर फेंकना शुरु कर दिया। उन्होंने ट्रेन के दरवाजों की खिड़कियां भी तोड़ दीं, जिससे अंदर बैठे यात्रियों में दहशत फैल गई।
BPSC छात्र आंदोलन: पटना में फिर से उतरेंगे अभ्यर्थी, परीक्षा रद्द करने की मांग
30 Jan, 2025 08:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थी बार फिर से आंदोलन तेज करने जा रहे हैं. अभी तक गर्दनीबाग में आंदोलन पर बैठे अभ्यर्थियों ने एक बार फिर से पटना की सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है. प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी आज यानी गुरुवार 30 जनवरी को पटना में सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक, पूरे प्रदेश से BPSC अभ्यर्थी पटना पहुंच रहे हैं. बुधवार की रात से ही पटना की सड़कों पर युवाओं का हुजूम दिखने लगा था. गर्दनीबाग धरना स्थल पर धरना पर बैठे BPSC अभ्यर्थियों ने ज्यादा से ज्यादा छात्रों से पटना आने की अपील की है.
हजारों छात्र पटना में करेंगे प्रदर्शन
आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का दावा है कि हजारों छात्र इस प्रदर्शन में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर ही आज पटना में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा. छात्र नेता सौरभ कुमार ने कहा कि आयोग जिस एक परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी की बात कर रहा था और परीक्षा कैंसिल की, उसकी जब दोबारा परीक्षा हुई तो 22 केंद्र पर परीक्षा आयोजित की गई. इस परीक्षा में प्रश्न भी स्तरीय नहीं पूछे गए. बहुत अनियमित हुई है जिसकी विरोध में तमाम अभ्यर्थी 30 जनवरी को पटना में शामिल हो रहे हैं.
लाठीचार्ज की आशंका
वहीं BPSC अभ्यर्थियों के हल्ला बोल को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है. इससे पहले जब BPSC छात्र सड़क पर उतरे थे तो उन पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया गया था. बता दें कि 25 दिसंबर को BPSC अभ्यर्थी पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ऑफिस के बाहर 70वीं परीक्षा रद्द की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया था. इस घटना के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की काफी आलोचना हुई थी, क्योंकि उन्होंने ही छात्रों को सड़कों पर उतरने की सलाह दी थी और लाठीचार्ज होते ही खुद वहां से चले गए थे.
मौनी अमावस्या पर अवधेशानंद गिरि, बाबा रामदेव और हेमा मालिनी ने किया स्नान
29 Jan, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात से ही भक्तों का सैलाब संगम तट पर उमड़ा। तभी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई। इसमें कई लोग घायल हुए हैं। इस भगदड़ के बीच बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने आस्था का डुबकी लगाई। इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और योग गुरु बाबा रामदेव ने भी पवित्र स्नान किया। संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है।
हेमा मालिनी ने स्नान करने के बाद कहा कि मुझे आनंद का अनुभव हो रहा है। ऐसा स्नान मैंने कभी नहीं किया और बहुत खास दिन है। यह मेरा सौभाग्य है। मुझे यहां स्नान का स्थान मिला, वह भी अपने गुरु स्वामी श्री अवधेशानंद जी के सानिध्य में। योग गुरु बाबा रामदेव भी यहां हैं। ये मेरा सौभाग्य है। महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर उन्होंने कहा कि इस घटना के बारे में सुना है। अभी मुझे इस घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर पीएम नरेंद्र मोदी नजर रख रहे हैं। पीएम मोदी घटना को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से 3 बार फोन पर बात कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि भगदड़ में कई लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। विशेष सतर्कता बरतते हुए अखाड़ा परिषद ने पहले अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया था। हालांकि, अब अखाड़ा परिषद ने कहा है कि भीड़ छंटने के बाद अखाड़े स्नान के लिए जाएंगे। लोगों को संगम क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए बैरिकैडिंग हटा दी गई है। अब भी संगम तट पर लोगों की भीड़ मौजूद है। भगदड़ के बाद भी लोग संगम तट की तरफ जाने की कोशिश कर रहे हैं। साधु-संत लोगों से संगम तट पर न जाने की अपील कर रहे हैं।
महाकुंभ भगदड़ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया दुख
29 Jan, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर गहरी संवेदना जाहिर की है। साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू ने हादसे में जान गंवाने वाले परिवार वालों के प्रति संवेदना जताकर घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना की।
राष्ट्रपति मुर्मू के कार्यालय ने पोस्ट पर लिखा,प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मैं हताहत हुए श्रद्धालुओं के परिवारजनों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि घायल हुए सभी श्रद्धालु शीघ्र ही स्वस्थ हों।
वहीं केंद्रीय मंत्री रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, महाकुंभ में हुई दुर्घटना अत्यंत पीड़ादायक है। इस हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है, उन शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश सरकार एवं स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव सहायता कर रहा है।
वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी हादसे पर दुख जताकर लिखा, महाकुंभ में हुए दुःखद हादसे से अत्यंत व्यथित हूं। दुर्घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ईश्वर उन्हें यह दुःख सहने की शक्ति दें। प्रशासन घायलों को अस्पतालों में उपचार दे रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं। जो भी श्रद्धालु आए उनके सकुशल स्नान को लेकर मुख्यसचिव, डीजीपी, मुख्यमंत्री कार्यालय के सचिव, एडीजी लॉ ऑडर अन्य पदाधिकारी मौजूद है। प्रयागराज में अब हालात नियंत्रण में है। भीड़ का दबाव है।