राजनीति
दिल्ली विधानसभा स्पीकर ले रहे राजनीति से संन्यास
5 Dec, 2024 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने इस बारे में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। संयास लेने का कारण गोयल ने बढ़ती उम्र को बताया है। इसके साथ ही गोयल ने पार्टी और समाज की सेवा जारी रखने का आश्वासन भी दिया है।दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने पार्टी व विधायकों का आभार जताते हुए राजनीति से सन्यास लेने संबंधी पत्र में लिखा है, कि पिछले 10 सालों से शहादरा विधानसभा के विधायक और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मैंने अपने दायित्व निभाए। पार्टी और विधायकों ने मुझे जो सम्मान दिया, उसके लिए मैं आभारी हूं। बढ़ती उम्र के कारण मैं चुनावी राजनीति से दूर होना चाहता हूं। हालांकि, पार्टी में रहते हुए मैं सेवा करता रहूंगा और जो भी दायित्व सौंपा जाएगा, उसे निभाने का प्रयास करूंगा। गोयल के इस पत्र पर दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामनिवास गोयल जी का चुनावी राजनीति से अलग होना एक बड़ा क्षण है। उनका मार्गदर्शन हमें सदन के भीतर और बाहर हमेशा प्रेरित करता रहा है। उनका अनुभव और सेवाएं पार्टी के लिए हमेशा मूल्यवान रहेंगी। वह हमारे परिवार के अभिभावक थे, हैं, और हमेशा रहेंगे।
रामनिवास गोयल का राजनीतिक सफर
रामनिवास गोयल के राजनीतिक सफर की शुरुआत बीजेपी से हुई थी, उन्होंने 1993 में पहली बार शहादरा सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए। बाद में बीजेपी छोड़ गोयल आम आदमी पार्टी आप में शामिल हुए। शहादरा से 2013 और 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर लगातार जीत दर्ज की। इसी के साथ पिछले 10 वर्षों से गोयल दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष का पदभार संभाले हुए हैं।
संजय राउत ने यह कह शिंदे की बढ़ा दी टेंशन
5 Dec, 2024 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता खत्म होती दिख रही है। हालांकि, शिंदे गुट और बीजेपी के बीच बढ़ते तनाव और शिवसेना (उद्धव गुट) की तीखी आलोचनाओं से यह साफ है कि महायुति सरकार को अपने अंदरूनी विवादों से पार पाना होगा। इसी बीच संजय राउत ने यह कहकर शिंदे की टेंशन बढ़ा दी है कि भाजपा अपनी आदत के मुताबिक पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर सकती है। एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने ना ना करते हुए स्वीकार कर लिया है। शिंदे गृह मंत्रालय चाह रहे हैं, लेकिन यह मंत्रालय बीजेपी के पास ही रहने की उम्मीद है। ऐसे में शिंदे की नाराजगी बनी रहने के आसार हैं और अपनी शर्तें बार-बार दोहराते देखे जा सकते हैं। ऐसे माहौल में संजय राउत ने एक भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि शिंदे की पार्टी टूट सकती है। दरअसल राउत ने कहा कि शिंदे की पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा सकती है। उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा की पुरानी रणनीति है कि अपने सहयोगियों को कमजोर कर सत्ता पर पकड़ बनाए रखे। इससे शिंदे की टेंशन बढ़ना लाजमी है। इसी के साथ आने वाले समय में इस गठबंधन की स्थिरता पर सबकी नजरें रहने वाली हैं।
महाराष्ट्र में महाशपथ, 21वें मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस, शिंदे और पवार बने उपमुख्यमंत्री
5 Dec, 2024 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। आख़िरकार लंबे जद्दोजहद के बाद गुरुवार को महाराष्ट्र में महाशपथ ग्रहण समारोह हो गया और देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस ने 21वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया। बता दें कि वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सी।पी। राधाकृष्णन ने फडणवीस को मुख्यमंत्री एवं शिंदे तथा पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में आयोजित किए गए इस महाशपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चव्हाण, निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई मंत्री शामिल हुए। साथ ही 19 मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इस समारोह का हिस्सा बने। राजनीतिक क्षेत्रों के अलावा व्यापार, फिल्मी और खेल जगत की भी कई हस्तियां मौजूद रहीं। इनमें मुकेश अंबानी और नीता अंबानी, कुमार मंगलम बिरला, अजय पिरामल, उदय कोटक, गीतांजलि किर्लोस्कर, मानसी किर्लोस्कर, अभिनेता सलमान खान, शाहरुख खान, संजय दत्त, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, मशहूर फिल्मकार बोनी कपूर उनकी बेटी जानह्वी कपूर और बेटे अर्जुन कपूर, अमृता फडणवीस, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर तथा उनकी पत्नी अंजलि भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुई। वहीं आजाद मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में 40000 से अधिक लोग शामिल हुए। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। 4 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया था। इनमें से 3,500 पुलिसकर्मी और 520 पुलिस अधिकारी शामिल थे।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी हुए शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित हुए।
चंद राज्यों में बची कांग्रेस के भीतर सिर फुटव्वल, कर्नाटक में सीएम के पद को लेकर फिर शुरु हो सकती है रार
5 Dec, 2024 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कांग्रेस का ग्राफ बढ़ाने के हो रहे प्रयास उस वक्त धरे के धरे रह जाते हैं जब पार्टी के भीतर ही असंतोष झलकने लगता है। लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से थोड़ी उम्मीद जगी थी लेकिन उसके बाद के विधानसभा चुनावों में पार्टी लगातार विफल साबित हो रही है। हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र चारों राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उसकी हालत पतली देखी गई। वह देश के गिने-चुने राज्यों में अपने दम पर सरकार में है। लेकिन वहां भी उसके भीतर का क्लेश थमने का नाम ले रहा है।
कांग्रेस पार्टी इस वक्त देश के तीन राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में अपने दम पर सत्ता में है। इसमें सबसे बड़ा राज्य कर्नाटक है। लेकिन, यहां पार्टी के भीतर ही सिर फुटव्वल हो रहा है। सीएम पद की लड़ाई राज्य के दो बड़े नेताओं में जारी है। यह लड़ाई एक बार फिर सामने आ गई है। बुधवार को राज्य के सीएम सिद्दारमैया ने उन बयानों को खारिज कर दिया जिसमें डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि पार्टी आलाकमान ने राज्य में पावर शेयरिंग का एक फॉर्मूला तैयार करवाया था। और अब पार्टी हाईकमान राज्य के सीएम पद को लेकर फैसला लेगा। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने ये बाते कही थी। दरअसल, 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद सीएम पद को लेकर लंबे समय तक विवाद चला था। सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार दोनों बड़े दावेदार थे। फिर केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद दोनों के बीच पावर शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया गया। डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री के पद के साथ प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी दिया गया था। इंटरव्यू में शिवकुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि 2023 में नई सरकार के गठन से पहले ही उनके और सिद्दारमैया के बीच सीएम पद को लेकर एक समझौता हुआ था।
लेकिन, अब सिद्दारमैया के बयान के बाद शिवकुमार अपने बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान अंतिम है। हम सीएम और पार्टी के प्रति वफादार हैं। शिवकुमार ने आगे कहा कि अब कोई बहस नहीं है। उधर, कर्नाटक में मंत्रिमंडल के विस्तार या उसमें बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सिद्दारमैया ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। मीडिया से सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि यह मेरा विशेषाधिकार है। क्या मैंने आपसे कुछ कहा है? तो फिर क्यों ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला होगा हाईकमान करेगा। गुरुवार को हासन में कांग्रेस की एक रैली है। इस रैली के नाम को लेकर भी विवाद है। पहले इस रैली का नाम ‘जन कल्याण समावेश’ था। लेकिन इसका नाम बदल दिया गया है। इस बारे में पूछे जाने पर सिद्दारमैया ने कहा कि उनके समर्थन यह रैली कर रहे हैं। इसका नाम स्वाभिमानी ओक्कुटा रखा गया है। कांग्रेस पार्टी इस रैली का समर्थन कर रही है।
हेमा मालिनी ने संसद में उठाया मुद्दा बोलीं- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं
5 Dec, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पिछले कई महीनों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। उनके घरों और प्रतिष्ठानों को जलाए जाने की खबरें भी आ रहीं है। अब यह मुद्दा भारतीय संसद में भी उठाया जा रहा है। भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संत चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी की बुधवार को संसद में निंदा की। लोकसभा में शून्य काल के दौरान हेमा मालिनी ने कहा, कि मैं स्वयं कृष्ण भक्त हूं और इस्कॉन की अनुयायी हूं। मैं कृष्ण की पावन नगरी मथुरा की प्रतिनिधि हूं। हम धर्म पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह विदेश नीति का विषय नहीं है, बल्कि हमारी भावना का विषय है। बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह कार्रवाई करे और हमारे इस्कॉन भक्तों, हिंदू भाइयों को सुरक्षा दे। हम चुप नहीं रह सकते। यह कूटनीति का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी भावनाओं और श्री कृष्ण के प्रति भक्ति से जुड़ा है। असम के दारांग-उदलगुड़ी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सदस्य दिलीप सैकिया ने कहा, कि हम चाहते है कि संसद एक प्रस्ताव पारित करे, जिससे बांग्लादेश सरकार को संदेश दिया जा सके कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पूरी तरह से बंद हो। साल 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद से लाखों बांग्लादेशी मुसलमान असम में घुसपैठ कर चुके हैं और राजनीतिक और चुनावी प्रणाली में निर्णायक कारक बन गए हैं।
भाजपा गिना रही उपलब्धि, कांग्रेस का सरकार को घेरने का प्लान
5 Dec, 2024 05:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मप्र की मोहन सरकार 13 दिसंबर को 1 साल का कार्यकाल पूरा कर लेगी। इसे पहले प्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया है। पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। पिछले एक सप्ताह की बात करें तो जहां कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है। वहीं भाजपा सरकार के मंत्री विश्वास सारंग और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब दिया है। बीजेपी के 1 साल पूरे होने पर कांग्रेस जहां सरकार को घेरने का प्लान तैयार कर रही है, वहीं बीजेपी सरकार के 1 साल में किए गए कामों की उपलब्धि जन-जन तक पहुंचने में जुटी हुई है। दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेसवार्ता कर मोहन सरकार के एक सालों का हिसाब मांगा हैं। और कहा है कि विपक्ष भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने पर 16 दिसम्बर को विधानसभा का घेराव कर हिसाब दो जवाब दो आंदोलन करेगा। इसके लिए कांग्रेस प्रदेश भर को लोगों को इक्कठा करने का प्लान बना रही है। इसके लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इधर प्रदेश में बढ़ते कर्ज को लेकर पीसीसी चीफ पटवारी ने आरोप लगाया है कि सीएम मोहन यादव कर्ज लेने में शिवराज सरकार से दो कदम आगे है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि, 13 दिसंबर को मोहन यादव को मुख्यमंत्री की शपथ लिए एक साल हो जाएगा। एक साल लंबा पीरियड होता है। इस एक साल में मप्र ने क्या-क्या देखा।
कांग्रेस आंकड़े भी सही नहीं बता पाए
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के आरोप को लेकर मोहन सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग में बीजेपी का पक्ष सामने रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी पुरानी रणनीति की तरह काम कर रही है। कांग्रेस इतनी जल्दबाजी में है कि सही आंकड़े तक प्रस्तुत नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है। जनता के कल्याण आर्थिक अनुशासन की बात करते हुए हर प्रकार से बजट की व्यवस्था कर रही है। पटवारी के आरोप सरासर गलत है।
गांव-गांव तक चलाएंगे अभियान
इधर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 16 दिसंबर को कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा का घेराव किया जाएगा। गांव गांव तक इसको लेकर एक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। गांव-गांव तक घर-घर तक बात पहुंचेंगे और जनता को उनके अधिकार दिलाने की कोशिश करेंगे। कुल मिलाकर सीएम मोहन एक साल पूरे होने प्रदेश सरकार को घेरने के लिए जीतू पटवारी और उमंग सिंघार की जोड़ी ने खास रणनीति बना ली है।
हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार: 11 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ, 06 नए चेहरे शामिल
5 Dec, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का कैबिनेट विस्तार गुरुवार को हो गया। कैबिनेट विस्तार में 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर गठबंधन की साझेदारी को संतुलित किया गया है।
हेमंत सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राधाकृष्ण किशोर को सबसे पहले मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। उन्होंने राज्य के छतरपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की है और विधानसभा में यह उनका चौथा टर्म है।
उनके अलावा जेएमएम के दीपक बिरुवा, चाईबासा सीट से चौथी बार विधायक, दूसरे स्थान पर शपथ लेने वाले मंत्री बने। चमरा लिंडा (जेएमएम) ने बिशुनपुर सीट से लगातार तीसरी बार विधायक चुने जाने के बाद पहली बार मंत्री पद की शपथ ली। आरजेडी के संजय प्रसाद यादव, गोड्डा सीट से विधायक, पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए। कांग्रेस के इरफान अंसारी, जामताड़ा से तीसरी बार विधायक, कैबिनेट में जगह पाने वाले प्रमुख चेहरों में से एक रहे। हफीजुल हसन (जेएमएम) ने उर्दू में शपथ ली, जो अपनी अल्पसंख्यक पहचान और अनुभव के कारण कैबिनेट में लगातार तीसरी बार शामिल किए गए हैं।
कैबिनेट में कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी के विधायकों को उचित प्रतिनिधित्व देकर एक संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। हेमंत सोरेन ने सभी नए और पुराने मंत्रियों को बधाई देते हुए उनसे राज्य के विकास और जनता की सेवा के प्रति निष्ठा बनाए रखने का आग्रह किया है।
विजेंद्र गुप्ता के बयान पर बिफरे रामनिवास गोयल
5 Dec, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला। दरअसल, दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने बुधवार को कहा कि प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को सदन से माफी मांगनी चाहिए। वे कह रहे हैं कि कानून व्यवस्था इस सदन का मुद्दा नहीं है। इस मामले में आप नेताओं को कहना है कि दिल्ली में अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और बीजेपी प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है। बीजेपी विधायक और प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के इस बयान का आप विधायक सदन में प्लेकार्ड लेकर विरोध कर रहे हैं। आप विधायक बीजेपी की इस रुख के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं। आप विधायकों के हंगामे को देखते हुए कि स्पीकर रामनिवास गोयल ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया। स्पीकर रामनिवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता के बयान पर इतना नाराज हुए कि उन्होंने प्रतिपक्ष के नेता को फटकार लगाते हुए कहा, ये जो बोल रहे हैं, उसे रिकॉर्ड कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि लॉ एंड आर्डर सदन का विषय क्यों नहीं है। आपको शर्म आनी चाहिए। क्या ये विजेंद्र गुप्ता बोल रहे हैं? इस मामले में आप नेताओं को कहना है कि दिल्ली में अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और बीजेपी प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है। दरअसल, बीजेपी विधायक और सदन में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने बहस के दौरान कहा दिया कि लॉ एंड आर्डर सदन का मुद्दा नहीं है। इस मसले को सदन में चर्चा के लिए आप विधायकों ने उठाया था। आप विधायकों ने दिल्ली में आपराधिक घटनाओं को लेकर केंद्र और बीजेपी पर हमला बोला था। इस मसले पर सदन के बाहर भी आप विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। आप विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे दिल्ली की कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है। वो पूरी तरह से विफल रहे हैं। विधायक संजीव झा ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। दिन दहाड़े हत्याएं हो रही है। एक परिवार के ही कई लोगों को मार दिया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है। गृह मंत्री अमित शाह के घर से 10 किलोमीटर की दूरी पर इस तरह की हत्याएं हो रही हैं और वह कुछ नहीं कर पा रहे है। सुखबीर बादल पर हुए हमले के बाद बीजेपी भी आप सरकार पर सवाल उठा रही है। पंजाब के हालात पहले कैसे थे ये सभी को पता है। उड़ता पंजाब जैसी फिल्में बनती थी पंजाब पर। जब से भगवंत मान की सरकार आई है, तब से पंजाब के हालात सुधरे हैं। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन किया है। नशे के कारोबार को कम किया है। दिल्ली की कानून व्यवस्था इन लोगों से संभल नहीं रही है। ये पंजाब पर सवाल उठा रहे है।
पूर्व बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा लड़ेंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव केजरीवाल के खिलाफ उतारने की तैयारी
5 Dec, 2024 12:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में अगले कुछ महीनों में ही विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके लिए आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्व सीएम केजरीवाल के खिलाफ बड़ी रणनीति तैयार कर रही है। सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली सीट से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है। जानकारी के मुताबिक, संसद सत्र के बाद बीजेपी दिल्ली में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगी। वहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि आम आदमीं पार्टी के कुछ विधायक और पार्षद बीजेपी के संपर्क में हैं यानी आने वाले दिनों में दिल्ली में बड़ी सियासी लड़ाई देखने को मिल सकती है। इसके अलावा खबर है कि बीजेपी के कई बड़े चेहरे भी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, कस्तूरबा गांधी नगर या विश्वास नगर से टिकट चाहते हैं। कैलाश गहलोत, बिजवासन से चुनाव लड़ने के इच्छा जता रहे हैं जबकि बीजेपी उन्हें नजफगढ़ सीट से ही चुनाव लड़ाने के पक्ष में है। रमेश बिधूड़ी कालका सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं पर पार्टी उनको तुगलकाबाद से चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी ग्रेटर कैलाश से चुनाव लड़ना चाहती हैं,पूर्व सीएम मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना मोतीनगर सीट से टिकट की रेस में शामिल हैं औरदिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय मालवीयनगर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यही नहींमनजिंदर सिंह सिरसा राजौरी गार्डन सीट से टिकट मांग रहे हैं तो वहींओम प्रकाश शर्मा को बीजेपी वर्तमान सिटिंग सीट विश्वासनगर से ही उतार सकती है। इसके अलावाविजय गोयल और डॉ हर्षवर्धन भी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने फिलहान इन नेताओं को लेकर मन नहीं बनाया है।
राहुल-प्रियंका संभल नहीं जा सके, गाजीपुर बॉर्डर से लौटे
5 Dec, 2024 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली/संभल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बुधवार को उत्तर प्रदेश के संभल नहीं जा सके। यहां उन्हें हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन से मिलना था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक लिया। इससे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस पर 4 घंटे तक 5 किमी लंबा जाम लगा रहा। इससे ट्रैफिक में फंसे लोग नाराज हो गए। उनकी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से झड़प हुई। लोगों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीट दिया। इससे पहले राहुल ने भी अफसरों से बातचीत की। कहा- मैं पुलिस की गाड़ी में अकेले जाने को तैयार हूं। लेकिन अफसर राजी नहीं हुए। राहुल हाथ में संविधान लेकर कार पर चढ़ गए। मीडिया को संबोधित किया। इसके बाद राहुल-प्रियंका दिल्ली लौट गए। उन्होंने कहा- अब 6 दिसंबर को संभल जाएंगे।
संभल में कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। इस दौरान हिंसा भडक़ गई थी, जिसमें गोली लगने से चार युवकों की मौत हो गई थी। इससे पहले, शनिवार को सपा और रविवार को कांग्रेस के डेलिगेशन ने भी संभल जाने का ऐलान किया था। हालांकि, पुलिस ने जगह-जगह घेराबंदी करके किसी को संभल नहीं जाने दिया।
उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री शिवराज से पूछा किसानों से किए वादे क्यों नहीं निभाए
5 Dec, 2024 10:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीधे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल किए। उन्होंने शिवराज की ओर इशारा करते हुए कहा, कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है और भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है कि कृपया करके मुझे बताइए कि किसान से क्या वादा किया गया था? और जो वादा किया गया था, वह क्यों नहीं निभाया गया?वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? बीते साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है। हम कुछ नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह के में ये बातें कहीं। कार्यक्रम में शिवराज भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने उपराष्ट्रपति के सवालों का जवाब नहीं दिया। शिवराज ने कहा- भारत अपने किसानों के बिना समृद्ध देश नहीं बन सकता।
हिंदुस्तान का किसान असहाय
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीडि़त क्यों है? यह समय मेरे लिए कष्टदायक है, क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का प्रधानमंत्री आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है। मोदी ने दुनिया को संदेश दिया है कि समाधान केवल बातचीत से ही निकल सकता है। ऐसे में किसानों की समस्या दूर की जाए। विकसित राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए प्रत्येक नागरिक की आय में आठ गुना वृद्धि करनी होगी। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है, जो असहाय है।
महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन आज... सीएम पद की शपथ लेंगे फडणवीस...
5 Dec, 2024 10:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन गुरूवार को होगा। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। फडणवीस ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, एनसीपी लीडर अजित पवार के साथ राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान भाजपा के ऑब्जर्वर्स विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण भी मौजूद थे। वहीं सूत्रों के मुताबिक, वह डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने को तैयार हो गए हैं। मतलब शिंदे भी सरकार का हिस्सा होंगे। एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम के साथ-साथ गृह मंत्रालय भी मांग रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर गृह मंत्रालय नहीं मिलता है तो वो सरकार में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, फडणवीस ने एकनाथ शिंदे से इस मसले पर लगभग घंटेभर तक चर्चा की। उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वो उनकी इस मांग पर हाईकमान से बात करेंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है। इसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी नेता चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुनगांटीवार ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। इस पर सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता चुना। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में महाराष्ट्र विधानसभा भवन में विधायक दल की बैठक हुई। पांच दिसंबर को शाम पांच बजे दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद फडणवीस ने दल के सभी सदस्यों का आभार जताया। साथ ही छत्रपति शिवाजी, अटल बिहारी वाजपेयी और अहिल्याबाई होल्कर को याद किया। वहीं उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बने और अब मैं भी तीसरी बार सीएम बन गया हूं। उन्होंने कहा, मैं विधायक दल के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं कि आप सभी ने मुझे सर्वसम्मति से चुना। मैं हमारे केंद्रीय पर्यवेक्षकों विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण का भी आभार जताता हूं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ये ऐतिहासिक चुनाव थे और इन चुनावों ने साबित कर दिया है कि एक हैं तो सेफ हैं और मोदी है तो मुमकिन है।
दादा को सुबह-शाम शपथ लेने का अनुभव
राज्यपाल से मुलाकात के बाद इसके बाद फडणवीस, शिंदे और पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया ने सवाल पूछा कि शिंदे और पवार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे। इस पर अजित पवार ने कहा- कोई ले रहा है, या नहीं, ये अलग बात है, पर मैं तो शपथ ले रहा हूं यह तय है। इस पर शिंदे ने कहा कि अजित दादा को दिन में और शाम को शपथ लेने का अनुभव है। फडणवीस और शिंदे दोनों ने कहा कि कितने और कौन-कौन मंत्री शपथ लेंगे, इसकी जानकारी दे दी जाएगी। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम गुरूवार को 5:30 बजे आजाद मैदान में होगा। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम होगा।
हम तीनों एक
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम तीनों नेता एक हैं। डिप्टी सीएम और सीएम सिर्फ तकनीकी पद हैं। कौन-कौन शपथ लेगा, ये शाम तक बता दिया जाएगा। मैंने एकनाथ जी से सरकार में शामिल होने और डिप्टी सीएम बनने का अनुरोध किया था। एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुझे क्या मिल रहा है, यह सवाल ही नहीं था। हमारे मन में सिर्फ यह भावना थी कि महाराष्ट्र को क्या मिला। इसी पर हमने काम किया। महायुति में कोई ऊंच-नीच नहीं है। सब ठीक है। पिछली बार देवेंद्र फडणवीसजी ने मेरे नाम की सिफारिश की थी। इस बार मैं उनका नाम मुख्यमंत्री के तौर पर ले रहा हूं।
सीएम, डिप्टी सीएम सिर्फ तकनीकी पद
राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महायुति ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। मैं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे नाम का समर्थन किया है। एनसीपी नेता अजित पवार ने भी मेरे नाम की सिफारिश की। कल शाम 5.30 बजे आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। सीएम, डिप्टी सीएम सिर्फ तकनीकी पद हैं। पिछले ढाई साल में हमने साथ मिलकर काम किया है। आगे भी हम सब मिलकर अच्छी सरकार देने का प्रयास करेंगे। हमारा प्रयास होगा कि हमने जो वादे जनता से किए हैं वे हम पूरे करें। महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प पूरा करेंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मेरे जैसे एक कार्यकर्ता को लगातार नेतृत्व करने का अवसर दिया। हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभाने वाले रामदास अठावले, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं। हम महाराष्ट्र को नया विजन देंगे।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए हाई सिक्योरिटी
महाराष्ट्र में गुरुवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण होना है। देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के लिए मुंबई में हाई सिक्योरिटी है। मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर सत्य नारायण चौधरी ने बताया कि 5 एडिशनल कमिश्नर, 15 डीसीपी और 700 से ज्यादा अधिकारियों के अलावा 3 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आठ हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। बड़ी संख्या में महिला अधिकारियों और कॉन्स्टेबल को भी तैनात किया गया है।
प्रियंका गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर वायनाड में भूस्खलन प्रभावित लोगों की मदद का आग्रह किया
5 Dec, 2024 08:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने केरल के कई सांसदों के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर वायनाड में भूस्खलन प्रभावित लोगों की मदद का आग्रह किया. संसद भवन परिसर स्थित शाह के कार्यालय में यह मुलाकात हुई. इस मुलाकात के दौरान केरल से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस, आईयूएमएल और आरएसपी के सांसद के मौजूद थे.
शाह से मुलाकात के बाद वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने गृह मंत्री जी से मिलकर उन्हें वायनाड के हालात से अवगत करवाया है. वहां के लोगों के जीवन पर भूस्खलन का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है. लोगों के परिवार और घर उजड़ गए हैं, उनके पास कोई सहयोग तंत्र नहीं बचा है.उन्होंने कहा, ‘‘इन हालात में केंद्र सरकार अगर कुछ न करे, तो लोग किससे उम्मीद करेंगे. हमने गृह मंत्री जी से अपील की है कि राजनीति को परे वायनाड के लोगों की मदद की जाए.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां पीड़ितों से मिले थे, तब लोगों को मदद की उम्मीद जगी थी, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है. वायनाड में इस साल जुलाई में भूस्खलन के कारण भारी तबाही हुई थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.
मलिक के बाद अब धनखड़ ने किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर उठाए सवाल
4 Dec, 2024 08:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन एक बार फिर चर्चा में आ गया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे को लेकर सीधे सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। जाट नेता धनखड़ किसानों के मुद्दे को जिस तरह से कृषि मंत्री के सामने बेलाग लपेट के उठाया है इससे सत्यपाल मलिक याद आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल रहे इस जाट नेता ने तो किसानों के मुद्दे पर सीधे पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। किसानों के मुद्दे पर जिस तरह से जाट नेता सवाल उठा रहे हैं, इससे बीजेपी के साथ केंद्र सरकार पर नैतिक दबाव पड़ेगा।
सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों के संदर्भ में पीएम मोदी को अहंकारी तक बता डाला था। मलिक ने जयपुर की एक सभा में कहा था कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री से मिलने गया, तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वह बहुत घमंड में थे। मलिक के मुताबिक जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए...तो उसने (मोदी) ने कहा कि मेरे लिए मारे गए हैं? मलिक (मैंने) कहा आपके लिए ही तो मरे थे, जो आप राजा बने हुए हो...मेरा झगड़ा हो गया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सवाल किया है कि आखिरकार किसानों से बातचीत क्यों नहीं हो रही है। धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री जी, हर पल आपके लिए महत्वपूर्ण है। किसान संकट में हैं और आंदोलन कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि किसानों से बातचीत क्यों नहीं हो रही है। यह स्थिति देश के समग्र कल्याण के लिए अच्छी नहीं है। क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, और वह वादा क्यों नहीं निभाया गया। हम वादा पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी आंदोलन हुआ था, इस साल भी आंदोलन और समय जा रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री जी, मुझे तकलीफ हो रही है। मेरी चिंता यह है कि अब तक यह पहल क्यों नहीं हुई। आप कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और जाट नेता सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। मलिक लगातार किसानों की सभाओं में केंद्र की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।
पंजाब, हरियाणा से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रति किसानों की नाराजगी स्पष्ट तौर पर उभर कर आती है। ऐसे में उपराष्ट्रपति ने जिस तरह से किसानों के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाए हैं इससे पार्टी के साथ ही सरकार को जवाब देना होगा। उपराष्ट्रपति ने इस तरह से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। विपक्ष ने उपराष्ट्रपति की तरफ से इस मुद्दे को उठाने के बाद सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने किसानों से जुड़े वादों को लेकर उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कहा कि वह भी सरकार से यही सवाल पूछ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने धनखड़ के बयान का हवाला देते हुए कहा कांग्रेस यही सवाल लगातार पूछ रही है चेयरमैन सर। एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी कब हकीकत का रूप लेगी? एमएसपी तय करने के लिए स्वामीनाथन फॉर्मूला कब लागू होगा? जिस तरह पूंजीपतियों को कर्ज से राहत दी गई है उसी तरह का लाभ किसानों को कब मिलेगा?
देवेंद्र फडणवीस के नए कार्यकाल में रहेगा नौतियों और अवसरों का संयोजन
4 Dec, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में सीएम पद का फैसला हो चुका है वहां बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस 5 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उनके तीसरे कार्यकाल को ज्योतिष के जानकार अपनी ही अलग नजर से देख रहे हैं।
ज्योतिषीय आंकलन के मुताबिक उनका नया कार्यकाल चुनौतियों और अवसरों का संयोजन रहेगा। उनकी कुंडली कर्क राशि और कुंभ लग्न की है। वर्तमान में वे शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में हैं, जो जीवन में दबाव, विरोध, और बड़ी जिम्मेदारियां लेकर आता है। शनि उनके दसवें भाव में बैठा है, जो नेतृत्व और सार्वजनिक समर्थन को बढ़ावा देता है।
फडणवीस की कुंडली में बृहस्पति चौथे भाव में मौजूद है, जो जनता से संबंधों और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है। यह उनकी लोकप्रियता और प्रशासनिक दक्षता में सहायक होगा। उनके कार्यकाल में नीतिगत सुधार और सामाजिक कल्याण के कदमों की संभावना ज्यादा है। शनि का दसवें भाव में होना उनके नेतृत्व को मजबूती देगा। यह उनकी कार्यकुशलता को बढ़ावा देता है और कठिन समय में सफलता हासिल करने में सहायक सिद्ध होता है।
शनि की साढ़ेसाती में दबाव और अप्रत्याशित समस्याएं आम होती हैं। यह समय आलोचना, राजनीतिक विरोध, और व्यक्तिगत स्तर पर तनाव का कारण बन सकता है। शनि की दृष्टि उनके निर्णयों में विलंब या विरोध का संकेत देती है। उन्हें अपने विरोधियों के साथ-साथ जनता की अपेक्षाओं को संभालने में सतर्कता बरतनी होगी। यह कार्यकाल उनके लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक विकास का अवसर होगा। कठिनाइयों के बावजूद अगर फडणवीस शनि के प्रभाव को अच्छे तरीके से संभालते हैं और बृहस्पति के सकारात्मक प्रभाव का लाभ उठाते हैं, तो यह अवधि उनके लिए बड़ी उपलब्धियां ला सकती है।