राजनीति
मलिक के बाद अब धनखड़ ने किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर उठाए सवाल
4 Dec, 2024 08:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन एक बार फिर चर्चा में आ गया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे को लेकर सीधे सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। जाट नेता धनखड़ किसानों के मुद्दे को जिस तरह से कृषि मंत्री के सामने बेलाग लपेट के उठाया है इससे सत्यपाल मलिक याद आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल रहे इस जाट नेता ने तो किसानों के मुद्दे पर सीधे पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। किसानों के मुद्दे पर जिस तरह से जाट नेता सवाल उठा रहे हैं, इससे बीजेपी के साथ केंद्र सरकार पर नैतिक दबाव पड़ेगा।
सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों के संदर्भ में पीएम मोदी को अहंकारी तक बता डाला था। मलिक ने जयपुर की एक सभा में कहा था कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री से मिलने गया, तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वह बहुत घमंड में थे। मलिक के मुताबिक जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए...तो उसने (मोदी) ने कहा कि मेरे लिए मारे गए हैं? मलिक (मैंने) कहा आपके लिए ही तो मरे थे, जो आप राजा बने हुए हो...मेरा झगड़ा हो गया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सवाल किया है कि आखिरकार किसानों से बातचीत क्यों नहीं हो रही है। धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री जी, हर पल आपके लिए महत्वपूर्ण है। किसान संकट में हैं और आंदोलन कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि किसानों से बातचीत क्यों नहीं हो रही है। यह स्थिति देश के समग्र कल्याण के लिए अच्छी नहीं है। क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, और वह वादा क्यों नहीं निभाया गया। हम वादा पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी आंदोलन हुआ था, इस साल भी आंदोलन और समय जा रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री जी, मुझे तकलीफ हो रही है। मेरी चिंता यह है कि अब तक यह पहल क्यों नहीं हुई। आप कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और जाट नेता सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। मलिक लगातार किसानों की सभाओं में केंद्र की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।
पंजाब, हरियाणा से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रति किसानों की नाराजगी स्पष्ट तौर पर उभर कर आती है। ऐसे में उपराष्ट्रपति ने जिस तरह से किसानों के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाए हैं इससे पार्टी के साथ ही सरकार को जवाब देना होगा। उपराष्ट्रपति ने इस तरह से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। विपक्ष ने उपराष्ट्रपति की तरफ से इस मुद्दे को उठाने के बाद सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने किसानों से जुड़े वादों को लेकर उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कहा कि वह भी सरकार से यही सवाल पूछ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने धनखड़ के बयान का हवाला देते हुए कहा कांग्रेस यही सवाल लगातार पूछ रही है चेयरमैन सर। एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी कब हकीकत का रूप लेगी? एमएसपी तय करने के लिए स्वामीनाथन फॉर्मूला कब लागू होगा? जिस तरह पूंजीपतियों को कर्ज से राहत दी गई है उसी तरह का लाभ किसानों को कब मिलेगा?
देवेंद्र फडणवीस के नए कार्यकाल में रहेगा नौतियों और अवसरों का संयोजन
4 Dec, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में सीएम पद का फैसला हो चुका है वहां बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस 5 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उनके तीसरे कार्यकाल को ज्योतिष के जानकार अपनी ही अलग नजर से देख रहे हैं।
ज्योतिषीय आंकलन के मुताबिक उनका नया कार्यकाल चुनौतियों और अवसरों का संयोजन रहेगा। उनकी कुंडली कर्क राशि और कुंभ लग्न की है। वर्तमान में वे शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में हैं, जो जीवन में दबाव, विरोध, और बड़ी जिम्मेदारियां लेकर आता है। शनि उनके दसवें भाव में बैठा है, जो नेतृत्व और सार्वजनिक समर्थन को बढ़ावा देता है।
फडणवीस की कुंडली में बृहस्पति चौथे भाव में मौजूद है, जो जनता से संबंधों और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है। यह उनकी लोकप्रियता और प्रशासनिक दक्षता में सहायक होगा। उनके कार्यकाल में नीतिगत सुधार और सामाजिक कल्याण के कदमों की संभावना ज्यादा है। शनि का दसवें भाव में होना उनके नेतृत्व को मजबूती देगा। यह उनकी कार्यकुशलता को बढ़ावा देता है और कठिन समय में सफलता हासिल करने में सहायक सिद्ध होता है।
शनि की साढ़ेसाती में दबाव और अप्रत्याशित समस्याएं आम होती हैं। यह समय आलोचना, राजनीतिक विरोध, और व्यक्तिगत स्तर पर तनाव का कारण बन सकता है। शनि की दृष्टि उनके निर्णयों में विलंब या विरोध का संकेत देती है। उन्हें अपने विरोधियों के साथ-साथ जनता की अपेक्षाओं को संभालने में सतर्कता बरतनी होगी। यह कार्यकाल उनके लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक विकास का अवसर होगा। कठिनाइयों के बावजूद अगर फडणवीस शनि के प्रभाव को अच्छे तरीके से संभालते हैं और बृहस्पति के सकारात्मक प्रभाव का लाभ उठाते हैं, तो यह अवधि उनके लिए बड़ी उपलब्धियां ला सकती है।
महायुति में असली लड़ाई: शिंदे और अजित पवार में किसकी पावर ज्यादा?
4 Dec, 2024 06:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में सीएम कौन होगा कौन नहीं होगा इससे भी बड़ा सवाल महायुति में पावर किसकी ज्यादा होगी इसको लेकर जंग छिड़ती नजर आ रही है। भले ही सीएम और डिप्टी सीएम की खींचतान खत्म हो गई, मगर असल लड़ाई तो अब शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच है। यह लड़ाई है आखिर महायुति में मझला भाई कौन। यानी महायुति में दूसरे नंबर की पार्टी कौन, किसे अधिक कैबिनेट बर्थ मिलेगा? दरअसल, महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के खाते में 132 सीटें गईं। इस तरह न वह केवल महाराष्ट्र की सिंगल लार्जेस्ट पार्टी है, बल्कि महायुति में बड़ा भाई भी है। भाजपा बड़ा भाई है, यह क्लियर है। मगर मझले भाई यानी सेकेंड नंबर की पार्टी को लेकर अब शिंदे की शिवसेना और अजित गुट की एनसीपी में खींचतान हो रही है। सीएम-डिप्टी सीएम की लड़ाई भले ही खत्म हो गई। पर महायुति में नंबर 2 की लड़ाई जारी है। अजित गुट की एनसीपी ने शिंदे की शिवसेना को नंबर 3 पार्टी बताया है। एनसीपी नेता छगन भुजबल का कहना है कि एनसीपी का स्ट्राइक रेट अच्छा है। इसलिए शिंदे की शिवसेना नंबर तीन और एनसीपी नंबर 2 पार्टी हुई। यह दलील देकर एनसीपी ने शिंदे की जितनी या उससे अधिक पोर्टफोलियो की मांग की है।
दिलचस्प है कि महायुति में सबसे कम सीटें आने के बावजूद अजित पवार की एनसीपी एनकनाथ शिंदे की शिवसेना के बराबर मंत्री पदों पर अड़ी हुई है। हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं। इस तरह 230 सीटों के साथ महायुती ने सरकार बनाई है। 132 सीट लेकर भाजपा बड़ा भाई बनी हुई है। नंबर 2 के लिए एनसीपी और शिवेसना में खींचतान है।सूत्रों का दावा है कि महायुति सरकार में अजित पवार की एनसीपी को एकनाथ शिंदे की शिवसेना से कम ही मंत्रिमंडल मिलेंगे। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अपने पास 20 से 22 पोर्टफोलियो रखेगी। एनकाथ शिंदे कैंप वाली शिवसेना को 10 से 12 पोर्टफोलियो मिल सकते है। वहीं, अजित पवार वाली एनसीपी को 8 से 10 पोर्टफोलियो मिल सकते हैं। अजित पवार गुट भी उतने ही पोर्टफोलियो मांग रहा है, जितने शिंदे कैंप को मिले हैं।
मगर बीजेपी और शिंदे कैंप उस पर राजी नहीं है। सूत्रों का दावा है कि एकनाथ शिंदे ने साफ कह दिया है कि महायुति में शिवसेना ही दूसरे नंबर की पार्टी है। जी हां, सीएम पद की रेस में अजित पवार की एनसीपी कहीं नहीं है। वह डिप्टी सीएम पद पाकर ही खुश है। मगर उसकी असल लड़ाई अब शिंदे की शिवसेना से है। यही वजह है कि अजित पवार की एनसीपी भाजपा पर शिंदे की शिवसेना से अधिक पोर्टफोलियो दिए जाने का दबाव बना रही है। एनसीपी के सीनियर नेता अधिक से अधिक कैबिनेट मंत्री पदों के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। एनसीपी प्रमुख अजित पवार, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे और दूसरे वरिष्ठ नेता पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हैं। ये नेता कैबिनेट गठन पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते हैं। एनसीपी शिवसेना के बराबर मंत्री पद चाहती है। महाराष्ट्र में दूसरी बार महायुती की सरकार बनी है।
महाराष्ट्र के लोगों का बीजेपी-एनडीए में है विश्वास : सीएम सैनी
4 Dec, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचे। यहां पर उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। सीएम सैनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि महाराष्ट्र के लोगों का बीजेपी और एनडीए में बड़ा विश्वास है। 5 दिसंबर को महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह है। मैं महाराष्ट्र के लोगों को शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर डबल इंजन की सरकार महाराष्ट्र के विकास की गति को तेजी से आगे बढ़ाएगी। पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप महाराष्ट्र जलेबी लेकर जाएंगे। इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल यहां से जलेबियां वहां खूब बंटी हैं और कल भी वहां खूब बंटेगी। बता दें कि महायुति के प्रचंड बहुमत हासिल करने बाद भी सीएम के नाम को लेकर बीते कई दिनों से मंथन चल रहा था। इस बीच महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी जारी है। समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। इस कार्यक्रम में 40 हजार लोगों के जुटने की उम्मीद है।
देवेंद्र फडणवीस ने माना जनता और गठबंधन का आभार
4 Dec, 2024 04:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में फिर देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया है। नेता चुने जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की बड़ी जीत एकता का परिणाम है। उन्होंने इस जीत के लिए जनता, गठबंधन के नेताओं एकनाथ शिंदे और अजित पवार का आभार व्यक्त किया है। फडणवीस ने विश्वास जताया कि नई सरकार महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
मुंबई में हुई बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने हिस्सा लिया। बैठक की शुरुआत में विजय रुपाणी ने विधायकों से मुख्यमंत्री पद के लिए नाम प्रस्तावित करने की अपील की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी विधायक अपने नाम का प्रस्ताव नहीं कर सकता। रुपाणी की इस टिप्पणी पर सभी विधायक ठहाके मारकर हंस पड़े और सभागार का माहौल खुशगवार हो गया। इसके बाद सुधीर मुनगंटीवार और चंद्रकांत पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा। अन्य विधायकों ने भी उनके नाम का समर्थन किया। किसी अन्य नाम का प्रस्ताव न होने पर विजय रुपाणी ने देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया।
शिंदे और पवार के साथ फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा किया पेश
4 Dec, 2024 03:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। भाजपा कोर कमेटी की बैठक के बाद हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस सरकार बनाने का दावा पेश करने एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से मुलाकात के बाद महायुति के नेता गुरुवार को शपथग्रहण समारोह की तैयारी में जुट गए हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही राज्यपाल से मिलकर देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। कल 05 दिसंबर गुरुवार को शाम 05 बजे दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित है। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अनेक केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहने की उम्मीद है। इस तरह देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
नागपुर में जश्न का माहौल
देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इससे पहले ही नागपुर में जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस के नागपुर स्थित आवास के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है और जश्न का माहौल बना हुआ है। देवेंद्र पहली बार 2014 में मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण किया। इसके बाद 2019 में वो महज 80 घंटे के ही सीएम रहे। यहां बताते चलें कि एकनाथ शिंदे की सरकार में उन्होंने डिप्टी सीएम की भी भूमिका सफलता के साथ निभाई थी। अब एक बार फिर वो मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, जिसे लेकर उनके निवास पर जश्न का माहौल है।
कांग्रेस-टीएमसी में बढ़ी तनातनी, ममता को इंडिया ब्लॉक का फेस घोषित करने की मांग पर खिंची तलवारें
4 Dec, 2024 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का चेहरा बनाने की मांग क्या उठी, सियासी घमासान तेज हो गया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ममता बनर्जी को INDIA ब्लॉक का फेस बनाने के विचार पर सवाल खड़े कर दिए। पूरा मामला टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद के एक बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बड़ा कोई नेता नहीं है। उन्हें इंडिया ब्लॉक का नेता होना चाहिए। आने वाले समय में वह प्रधानमंत्री भी बनेंगी। टैगोर ने इस सुझाव पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह एक अच्छा मजाक है। पूरा मामला INDIA गठबंधन में नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान का हिस्सा है।
कीर्ति आजाद ने लिया ममता बनर्जी का नाम
टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि ममता बनर्जी के पास बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकदम सही रिकॉर्ड है। ममता बनर्जी का रिकॉर्ड शानदार है। जब भी नरेंद्र मोदी को हार का सामना करना पड़ा है तो वह हमेशा पश्चिम बंगाल में ही हुआ है। हाल के उपचुनावों में भी, जहां बीजेपी के पास एक सीट थी और हमारे पास पांच, ममता दीदी ने छक्का मारकर बीजेपी को पश्चिम बंगाल की सीमा से बाहर कर दिया। हर बार बीजेपी की कोशिश ममता बनर्जी को घेरने की होती है। हालांकि, उन्हें झटका लगता है। हर बार टीएमसी की सीटें बढ़ जाती हैं।
बांग्लादेश के मुद्दे पर आजाद ने केंद्र को घेरा
बांग्लादेश की स्थिति पर भी कीर्ति आजाद ने रिएक्ट किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बांग्लादेश में गंभीर हालात के बावजूद कुछ नहीं कहा है। उन्होंने आगे ये भी जोड़ा कि अगर भारत सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो संयुक्त राष्ट्र को अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए, चाहे वे कहीं भी हों। ममता बनर्जी सिर्फ एक नेता नहीं हैं बल्कि पश्चिम बंगाल के हर घर में मौजूद एक आंदोलन हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ममता सबको साथ लेकर चलती हैं।
इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व को लेकर घमासान
कीर्ति आजाद ने कहा कि ममता दीदी ऐसी हैं जो सभी को साथ लेकर चलती हैं। वह लोगों को बैठकों के लिए बुलाने से पहले पूरी तैयारी करती हैं। कई बार इमरजेंसी बैठकें होती हैं, लेकिन वह सुनिश्चित करती हैं कि उनके सभी लोगों को सम्मान के साथ आमंत्रित किया जाए और अपने सहयोगियों के साथ बातचीत करें। टीएमसी, विपक्षी INDIA गठबंधन में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है। वह चाहती है कि गठबंधन में उसकी भी सुनी जाए, जबकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इसलिए विपक्ष का नेतृत्व करती है।
टीएमसी-कांग्रेस आए आमने-सामने
हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की हालिया चुनावी हार और बंगाल उपचुनावों में टीएमसी की जीत ने क्षेत्रीय पार्टी को कांग्रेस से अलग राह अपनाने के लिए प्रेरित किया है। इससे पहले, MVA के खराब प्रदर्शन का जिक्र करते हुए, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने कहा था कि नेता के अभाव में पूरा गठबंधन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। आज, अगर हम वास्तव में बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, तो INDIA गठबंधन को मजबूत होना चाहिए। इसे हासिल करने के लिए, एक निर्णायक नेता आवश्यक है। अब मुख्य सवाल यह है कि वह नेता कौन होगा?
टीएमसी से बढ़ा ममता का नाम तो कांग्रेस पलटवार
कल्याण बनर्जी ने बीजेपी और पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए ममता बनर्जी को एक संभावित दावेदार के रूप में इशारा करते हुए अपनी बात रखी। हालांकि, अब पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर का बयान आया है। उन्होंने ममता बनर्जी को विपक्ष का नेता बनाने के विचार को सिरे से खारिज कर दिया है। यह घटनाक्रम INDIA गठबंधन के भीतर चल रही उठापटक को उजागर करता है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते नेतृत्व का दावा करती है, जबकि अन्य दल भी अपनी महत्वाकांक्षाएं रखते हैं।
कांग्रेस-टीएमसी में कौन मारेगा बाजी
टीएमसी का मानना है कि ममता बनर्जी का बीजेपी के खिलाफ मजबूत रिकॉर्ड उन्हें इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व के लिए उपयुक्त बनाता है। हालांकि, कांग्रेस इस विचार से सहमत नहीं है। आने वाले समय में गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर और तकरार देखने को मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार कौन सा दल बाजी मारता है। INDIA गठबंधन की सफलता इसी बात पर निर्भर करेगी कि वे आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर चुनाव लड़ पाते हैं या नहीं।
राहुल और प्रियंका ने की पार्टी कार्यकर्ताओं से राहत कार्य में सहयोग की अपील
4 Dec, 2024 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल के कारण भारी बारिश और भूस्खलन ने काफी तबाही मचा रखी है। इस प्राकृतिक आपदा के दौरान एक परिवार के सात सदस्य मलबे में दब गए, जिसके बाद एनडीआरएफ और जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है।नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल की विनाशकारी खबर मिली है। इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ भी हैं जिन्होंने अपने घर और संपत्ति को खोया है। मैं राज्य के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों में मदद करें।
चक्रवात फेंगल के कारण हुई तबाही से मैं बहुत दुखी
इसी तरह वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक पोस्ट में इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, कि चक्रवात फेंगल के कारण हुई तबाही से मैं बहुत दुखी हूं। मेरी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि वे इस कठिन समय में प्रशासन के साथ मिलकर राहत और सहायता प्रदान करें। यहां बताते चलें कि सोमवार को चक्रवात फेंगल के कारण तमिलनाडु के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप कृष्णागिरी जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। उथांगरई तालुका में विशेष रूप से भारी बाढ़ आई, जिससे कई बसें पानी के तेज बहाव में फंस गईं। इस आपदा के मद्देनजर स्कूल और कॉलेज बंद करने का भी निर्णय लिया गया है।
फडणवीस के मनाने से क्या मान गए शिंदे? सस्पेंस से आज उठेगा पर्दा, जब CM फेस पर लगेगी मुहर
4 Dec, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरकरार है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, देवेंद्र फडणवीस ही सीएम होंगे, बुधवार को विधायक दल की बैठक में उनके नाम का ऐलान कर दिया जाएगा. माना जा रहा था कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे नाराज हैं, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने उनके घर पहुंचकर, उनसे आधे घंटे बात कर वो नाराजगी भी दूर कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना भी सरकार में शामिल होगी और उनके नेता भी 5 दिसंबर को शपथ लेंगे. लेकिन दोनों नेताओं के बीच क्या डील हुई है, इसे लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. उधर, अजित पवार अभी भी दिल्ली में हैं और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की कोशिश में हैं.सबसे बड़ी लड़ाई मंत्रालयों को लेकर है. शिवसेना और एनसीपी दोनों ही चाहते हैं कि उनके पास सबसे ज्यादा और महत्वपूर्ण विभाग रहें. दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने मंत्री पद के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है. लेकिन बीजेपी नेताओं का दावा है कि बात बन गई है. शिवसेना के एक नेता ने भी कहा, फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच बैठक में कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालयों को लेकर चर्चा हुई है.
तो फिर सस्पेंस क्यों
शिवसेना नेता ने कहा, शिवसेना के कुछ नेता भी सीएम के साथ शपथ लेंगे. उनके नाम का ऐलान पार्टी शपथग्रहण से पहले कर देगी. किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, इसके बारे में बाद में चर्चा की जाएगी. शिवसेना नेता उदय सावंत से पूछा गया कि क्या एकनाथ शिंदे नई सरकार में शामिल होंगे. इस पर उन्होंने कहा, कुछ तो सस्पेंस रहने दीजिए. जब शपथग्रहण होगा तो पता चल जाएगा कि कौन सीएम है और कौन डिप्टी सीएम होगा.
तो डील क्या हुई?
जब सीएम पद को लेकर चर्चा शुरू हुई और बीजेपी ने साफ कर दिया कि सीएम तो उनका ही होगा, तो सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे का नाम आगे बढ़ाया. हालांकि बाद में उनके बेटे श्रीकांत शिंदे ने स्पष्ट कर दिया कि वे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे. अब कहा जा रहा है कि बीजेपी श्रीकांत शिंदे को केंद्र सरकार में बड़ा मंत्रालय दे सकती है.
एनडीए के नेता रामदास अठावले ने कहा, एकनाथ शिंदे को महायुति का चेयरमैन बनाया जा सकता है. साथ में डिप्टी सीएम का पद भी दिया जा सकता है. लेकिन न तो उन्हें गृहमंत्रालय मिलेगा और न ही विधानसभा अध्यक्ष का पद देने को बीजेपी राजी है.
बीजेपी के सूत्रों का ये भी कहना है कि अगर शिंदे तैयार हों, तो उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, शिंदे गुट के नेताओं का मानना है कि इसके लिए एकनाथ शिंदे तैयार नहीं होंगे. क्योंकि वे महाराष्ट्र में रहकर महाराष्ट्र की राजनीति करना चाहते हैं.
बीजेपी नेता के बयान ने चौंकाया
बीजेपी के बड़े नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे सस्पेंस बढ़ गया है. उन्होंने कहा, विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक होगी, लेकिन पर्यवेक्षक नाम के साथ आते हैं. उनके सामने विधायक नेता का नाम तय करेंगे और घोषणा कर दी जाएगी. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने मुनगंटीवार के इस बयान की ओर इशारा किया है कि विधायक दल के नेता के नाम का प्रस्ताव दिल्ली से आएगा. इसीलिए दिल्ली में चौंकाने वाली रणनीति की चर्चा शुरू हो गई है.
क्या है आज का प्लान
बीजेपी के दोनों पर्यवेक्षक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विजय रुपाणी महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं. दोनों नेता पहले एकनाथ शिंदे और अजित पवार से बात करेंगे फिर बीजेपी विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि यह बैठक 10 बजे विधान भवन के सेंट्रल हॉल में होगी, जहां नेता के नाम का ऐलान किया जाएगा. इसके बाद महायुति के तीनों दलों के नेता गर्वनर के पास जाएंगे और सरकार बनाने का दाव पेश करेंगे.
किसे मिला न्योता
महाराष्ट्र में शपथग्रहण के लिए नेताओं और संतों को न्योता भेजा जा चुका है. बीजेपी नेताओं के मुताबिक, मुख्य स्टेज पर प्रधानमंत्री के अलावा मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री बैठेंगे. इसके अलावा बीजेपी के सभी राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ एनडीए के अन्य दलों के नेता भी बैठेंगे. आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्राबाबू नायडू और पवन कल्याण को भी न्योता दिया गया है.मुख्य स्टेज के पास में और एक स्टेज होगा, जिस पर साधु संत महात्मा बैठेंगे.
महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की जोरदार तैयारी
4 Dec, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन की गतिविधियां तेज हो गई हैं। नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शाम 5 बजे होगा और इस समारोह को भव्य बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 70 से ज्यादा वीवीआईपी नेता शामिल होंगे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत कैबिनेट के कई मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा गया है।
400 साधु-संतों को निमंत्रण
दिलचस्प बात यह है कि इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए देशभर के 400 से ज्यादा साधु-संतों को भी निमंत्रण भेजा गया है। साथ ही विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित संतों में जगतगुरु नरेंद्राचार्य महाराज, गोविंददेव गिरी महाराज, बागेश्वर बाबा, महामंडलेश स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज, जैन संत लोकेश मुनि, बंजारा संत, सिख संत, बौद्ध भिक्खु शामिल हैं। इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी और महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी समेत महाराष्ट्र के सभी प्रमुख मंदिरों के मुख्य पुजारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
झारखंड सरकार के नए मंत्रिमंडल का गठन 5 दिसंबर को संभव
4 Dec, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड सरकार के नए मंत्रिमंडल का गठन 5 दिसंबर को हो सकता है। इसी दिन दोपहर 12 बजे शपथ ग्रहण समारोह भी होने की उम्मीद है। कांग्रेस कोटे से चार विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण के लिए कांग्रेस की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को तिथि तय करने को कहा गया है। तिथि तय होने के बाद कांग्रेस मंत्री बनने वाले विधायकों की सूची सौंप देगी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि किसी सीनियर विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया तो उसे विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है।
सहयोगी दल राजद से सुरेश पासवान का नाम आगे
वहीं, गठबंधन के सहयोगी दल राजद से सुरेश पासवान का नाम आगे चल रहा है। हालांकि, संजय यादव भी मंत्री पद के दावेदार हैं। झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र 9 से 12 दिसंबर तक आयोजित किया जायेगा, जबकि झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) होंगे।झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81-सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट हासिल कर अपना बहुमत बनाए रखा, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 24 सीट मिलीं। चार दिनों से इस सत्र के दौरान सबसे पहले नवनिर्वाचित विधायकों को छठी झारखंड विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद हेमंत सोरेन बतौर मुख्यमंत्री सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे।
आज भारत में हमारे दिव्यांगजन इसी उत्साह से देश के सम्मान और स्वाभिमान की ऊर्जा बन रहे हैं - पीएम मोदी
4 Dec, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने मंगलवार को खास संदेश लिखा है। उन्होंने कहा कि आज जब पैरालंपिक का मेडल सीने पर लगाकर, मेरे देश के खिलाड़ी मेरे घर पर पधारते हैं, तो मेरा मन गौरव से भर जाता है। हर बार जब ‘मन की बात’ में मैं अपने दिव्यांग भाई-बहनों की प्रेरक कहानियों को आपके साथ साझा करता हूं, तो मेरा हृदय गर्व से भर जाता है।
पीएम मोदी ने अपनी वेबसाइट पर लिखे लेख में दिव्यांगों को बड़ा संदेश देते हुए लिखा,” आज 3 दिसंबर का महत्वपूर्ण दिन है। पूरा विश्व इस दिन को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के रूप में मनाता है। आज का दिन दिव्यांगजनों के साहस, आत्मबल और उपलब्धियों को नमन करने का विशेष अवसर होता है। भारत के लिए ये अवसर एक पवित्र दिन जैसा है। दिव्यांगजनों का सम्मान भारत की वैचारिकी में निहित है। हमारे शास्त्रों और लोक ग्रंथों में दिव्यांग साथियों के लिए सम्मान का भाव देखने को मिलता है।
रामायण में एक श्लोक है- उत्साहो बलवानार्य, नास्त्युत्साहात्परं बलम्। सोत्साहस्यास्ति लोकेऽस्मिन्, न किञ्चिदपि दुर्लभम्। श्लोक का मूल यही है कि जिस व्यक्ति के मन में उत्साह है, उसके लिए विश्व में कुछ भी असंभव नहीं है।
आज भारत में हमारे दिव्यांगजन इसी उत्साह से देश के सम्मान और स्वाभिमान की ऊर्जा बन रहे हैं। इस वर्ष ये दिन और भी विशेष है। इसी साल भारत के संविधान के 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं। भारत का संविधान हमें समानता और अंत्योदय के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।संविधान की इसी प्रेरणा को लेकर बीते 10 वर्षों में हमने दिव्यांगजनों की उन्नति की मजबूत नींव रखी है। इन वर्षों में देश में दिव्यांगजनों के लिए अनेक नीतियां बनी हैं, अनेक निर्णय हुए हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, ”ये निर्णय दिखाते है कि हमारी सरकार सर्वस्पर्शी है, संवेदनशील है और सर्वविकासकारी है। इसी क्रम में आज का दिन दिव्यांग भाई-बहनों के प्रति हमारे इसी समर्पण भाव को फिर से दोहराने का दिन भी बना है। मैं जब से सार्वजनिक जीवन में हूं, मैंने हर मौके पर दिव्यांगजनों का जीवन आसान बनाने के लिए प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने इस सेवा को राष्ट्र का संकल्प बनाया। 2014 में सरकार बनने के बाद हमने सबसे पहले ‘विक्लांग’ शब्द के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द को प्रचलित करने का फैसला लिया। ये सिर्फ शब्द का परिवर्तन नहीं था, इसने समाज में दिव्यांगजनों की गरिमा भी बढ़ाई और उनके योगदान को भी बड़ी स्वीकृति दी। इस निर्णय ने ये संदेश दिया कि सरकार एक ऐसा समावेशी वातावरण चाहती है, जहां किसी व्यक्ति के सामने उसकी शारीरिक चुनौतियां दीवार ना बनें और उसे उसकी प्रतिभा के अनुसार पूरे सम्मान के साथ राष्ट्र निर्माण का अवसर मिले। दिव्यांग भाई-बहनों ने विभिन्न अवसरों पर मुझे इस निर्णय के लिए अपना आशीर्वाद दिया। ये आशीर्वाद ही, दिव्यांगजन के कल्याण के लिए मेरी सबसे बड़ी शक्ति बना।”पीएम मोदी ने कहा,” हर वर्ष देश भर में हम दिव्यांग दिवस पर अनेक कार्यक्रम करते हैं। मुझे आज भी याद है, 9 साल पहले हमने आज के ही दिन सुगम्य भारत अभियान का शुभारंभ किया था। 9 सालों में इस अभियान ने जिस तरह से दिव्यांगजनों को सशक्त किया, उससे मुझे बड़ा संतोष मिला है। 140 करोड़ देशवासियों की संकल्प-शक्ति से ‘सुगम्य भारत’ ने ना सिर्फ दिव्यांगजनों के मार्ग से कई बाधाएं हटाई, बल्कि उन्हें सम्मान और समृद्धि का जीवन भी दिया। पहले की सरकारों के समय जो नीतियां थीं, उनकी वजह से दिव्यांगजन सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा के अवसरों से पीछे रह जाते हैं। हमने वो स्थितियां बदलीं। आरक्षण की व्यवस्था को नया रूप मिला। 10 वर्षों में दिव्यांगजन के कल्याण के लिए खर्च होने वाली राशि को भी तीन गुना किया गया। इन निर्णयों ने दिव्यांगजनों के लिए अवसरों और उन्नतियों के नए रास्ते बनाए। आज हमारे दिव्यांग साथी, भारत के निर्माण के समर्पित साथी बनकर हमें गौरवान्वित कर रहे हैं। मैंने स्वयं ये महसूस किया है कि भारत के युवा दिव्यांग साथियों में कितनी अपार संभावनाएं हैं। पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने देश को जो सम्मान दिलाया है, वो इसी ऊर्जा का प्रतीक है। ये ऊर्जा राष्ट्र ऊर्जा बने, इसके लिए हमने दिव्यांग साथियों को स्किल से जोड़ा है, ताकि उनकी ऊर्जा राष्ट्र की प्रगति की सहायक बन सके। ये प्रशिक्षण सिर्फ सरकारी कार्यक्रम भर नहीं है। इन प्रशिक्षणों ने दिव्यांग साथियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। उन्हें रोजगार तलाशने की आत्म शक्ति दी है।”
समाज के हर व्यक्ति में एक विशेष प्रतिभा जरूर है
उन्होंने कहा कि मेरे दिव्यांग भाई-बहनों का जीवन सरल, सहज और स्वाभिमानी हो, सरकार का मूल सिद्धांत यही है। आज हमारे दिव्यांग साथी भी विकसित भारत के निर्माण के लिए अपनी संपूर्ण शक्ति के साथ काम कर रहे हैं। भारत का दर्शन हमें यही सिखाता है कि समाज के हर व्यक्ति में एक विशेष प्रतिभा जरूर है। हमें उसे बस सामने लाने की जरूरत है। मैंने हमेशा अपने दिव्यांग साथियों की उस अद्भुत प्रतिभा पर विश्वास किया है। और मैं पूरे गर्व से कहता हूं, कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों ने एक दशक में मेरे इस विश्वास को और प्रगाढ़ किया है। मुझे यह देखकर भी गर्व होता है कि उनकी उपलब्धियां कैसे हमारे समाज के संकल्पों को नया आकार दे रही हैं। आखिर में पीएम मोदी ने लिखा,”आज जब पैरालंपिक का मेडल सीने पर लगाकर, मेरे देश के खिलाड़ी मेरे घर पर पधारते हैं, तो मेरा मन गौरव से भर जाता है। हर बार जब मन की बात में मैं अपने दिव्यांग भाई-बहनों की प्रेरक कहानियों को आपके साथ साझा करता हूं, तो मेरा हृदय गर्व से भर जाता है। शिक्षा हो, खेल या फिर स्टार्टअप, वे सभी बाधाओं को तोड़कर नई ऊंचाइयां छू रहे हैं और देश के विकास में भागीदार बन रहे हैं। मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि 2047 में जब हम स्वतंत्रता का 100वां उत्सव मनाएंगे, तो हमारे दिव्यांग साथी पूरे विश्व का प्रेरणा पुंज बने दिखाई देंगे। आज हमें इसी लक्ष्य के लिए संकल्पित होना है। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें, जहां कोई भी सपना और लक्ष्य असंभव ना हो। तभी जाकर हम सही मायने में एक समावेशी और विकसित भारत का निर्माण कर पाएंगे और निश्चित तौर पर मैं इसमें अपने दिव्यांग भाई-बहनों की बहुत बड़ी भूमिका देखता हूं। पुन: सभी दिव्यांग साथियों को आज के दिन की शुभकामनाएं।”
क्या रॉबर्ट वाड्रा करेंगे राजनीति में एंट्री, वीडियो शेयर कर कहा-मैं जल्द ज्वाइंन करूंगा
3 Dec, 2024 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। वायनाड सांसद प्रियंका गांधी के पति और गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा जल्द राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। टीवी न्यूज चैनल से बातचीत का एक पुराना वीडियो को शेयर किया है। इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए इस वीडियो के साथ कैप्शन में रॉबर्ट वाड्रा ने लिखा- मैं जल्द ज्वाइंन करूंगा। वीडियो में रॉबर्ट वाड्रा से पूछा गया आप इतना काम करते हैं। सोशल वर्क करते हैं। चुनावी राजनीति में हम रॉबर्ट वाड्रा को देखेंगे क्या? क्योंकि मैडम तो आ ही गई हैं। इसपर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा- अभी जो जनता चाहेगी वही होगा। मेरे चाहने से कुछ नहीं होगा। ये प्रियंका गांधी का समय है। मेरा समय नहीं है। मैं प्रियंका के लिए करूंगा। अपने लिए बाद में करूंगा। मैं बहुत खुश हूं कि वायनाड के लोगों ने उन्हें चुनकर सांसद बनाया है।बता दें प्रियंका गांधी हाल ही में वायनाड से रिेकॉर्ड तोड़ मतों से जीतकर लोकसभा सांसद चुनी गई हैं। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान रॉबर्ट वाड्रा अमेठी सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर चुके हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने तब उन्हें टिकट नहीं दिया था। ऐसे में अब देखना है कि वाड्रा का यह बयान कितना सही साबित होता है। बीजेपी पहले ही कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है।
बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल जाएगा
अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल जाएगा। रॉबर्ट वाड्रा पहले भी कई बार भविष्य में राजनीति में आने की बात कह चुके हैं लेकिन अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। उधर, राजनीतिक पंडित कई बार यह साफ कह चुके हैं कि राहुल गांधी नहीं बल्कि प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की अगली उत्तराधिकारी साबित हो सकती हैं। ऐसे वक्त पर रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री राजनीति में होती है तो पार्टी को इसका नुकसान होना तय है। इसके बावजूद रॉबर्ट वाड्रा अपनी राजनीति को चमकाने में जुटे हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकसभा की सदस्यता ग्रहण करने पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि प्रियंका के सांसद बनने से मेरा सपना हुआ पूरा। मैं भी सक्रिय राजनीति के लिए तैयार हूं। कांग्रेस जब चाहेगी तब मैं भी राजनीति में आ जाऊंगा। बीजेपी जिन मुद्दों को छुपाती है, उन सवालों को प्रियंका संसद में उठाएंगी। एजेंसियों के दुरुपयोग और महिलाओं से जुड़े मसले को प्रियंका गांधी उठाएंगी।
संसद में गूंजा संभल मुद्दा, अखिलेश बोले-ये लड़ाई संभल की नहीं, दिल्ली-लखनऊ की
3 Dec, 2024 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। संभल में हिंसा के बाद शुरू हुई सियासी जंग अब संसद तक पहुंच गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर संभल के मुस्लिमों ने तो धैर्य रखा, लेकिन अधिकारियों ने अपने प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाईं। सीओ ने लोगों से गालीगलौच की। लाठीचार्ज करवाया। अखिलेश ने संभल के डीएम और एसपी समेत प्रशासनिक अफसरों पर हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि ये लड़ाई संभल की नहीं, बल्कि दिल्ली और लखनऊ की है।
अखिलेश ने संसद के शीतकालीन सत्र में अपनी बात रखते हुए कहा कि संभल जो भाईचारे के लिए जाना जाता था। वहां भाईचारा सदियों पुराना है। अचानक संभल में यह घटना सोची समझी साजिश के तहत कराई गई है। वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। वहां खुदाई बीजेपी और उनके सहयोगी समर्थक बार-बार कर रहे हैं। यह देश के भाईचारा और सौहार्द को खो देगा।
उन्होंने आगे कहा कि यूपी चुनाव पहले 13 तारीख को होना था और इसे बढ़ाकर 20 तारीख कर दिया गया। संभल की जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर 2024 को सिविल जज के सामने याचिका लगाई गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर सर्वे के आदेश दे दिए। हैरानी की बात है डीएम के आदेश पढ़े जाने के बगैर दो घंटे के अंदर ही पुलिस बल के साथ मस्जिद पहुंच गए। मस्जिद कमेटी और सभी ने उन्हें सहयोग दिया, लेकिन 22 नवंबर को जुमे की नमाज के लिए जब लोग नमाज पढ़ने वहां पहुंचे तो वहां बैरिकेड लगा दिए गए, लेकिन लोगों ने शांति से नमाज पढ़ी।
अखिलेश ने कहा कि अगली तारीख सुनवाई के लिए तय की। अगले दिन सर्वे करने के लिए दोबारा कहा गया। तो कमेटी की तरफ से कहा गया कि अगर फिर सर्वे कराना है दोबारा आदेश लेकर आएं और सर्वे करा देंगे, लेकिन जिला अधिकारी और एसपी ने कोई सुनवाई नहीं की और तानाशही करते हुए शाही मस्जिद आ गए। कमेटी और मुस्लिम समाज समाज के लोगों ने धैर्य रखा और दोबारा सर्वे के लिए अंदर ले गए। जब दोबारा जनता को इसकी सूचना मिली तो वहां पहुंच गई। लोगों को देख सीओ ने उनसे गाली गलौच की और लाठीचार्ज करवाकर उन लोगों को घायल कर दिया। इसके बाद चंद लोगों ने पत्थर चलाए, जिसके बदले में पुलिस सिपाही से लेकर अफसरों ने सरकारी ओर प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाईं। पांच मासूम जो घर से सामान लेने निकले थे मारे गए। भारी हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिका दायर करने वालों के साथ पुलिस प्रशासन के लोग भी जिम्मेदार हैं इन पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी कोई घटना न हो सके। आखिर में उन्होंने कहा कि ये लड़ाई दिल्ली और लखनऊ की है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा- जो कभी दिल्ली पहुंचते थे जिस राह से, वही लखनऊ वाले उसी रास्ते पहुंचना चाहते हैं।
बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर आप नेता चड्ढा ने दिया राज्यसभा में स्थगन नोटिस
3 Dec, 2024 07:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को दिल्ली में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर राज्यसभा में स्थगन नोटिस देकर चर्चा की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में दिल्ली में आपराधिक गतिविधियां अपने चरम पर हैं। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और दिल्ली के आम लोगों का जीना दूश्वार हो चुका है। बता दें कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के हाथों में है। ऐसी स्थिति में वह केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। उधर, केंद्र सरकार दावा करती है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बिल्कुल ठीक है, लेकिन इसके विपरीत आप इन दावों को खोखला बताती है। ऐसे में चड्डा ने स्थगन नोटिस देकर दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की है।
राघव चड्डा ने राज्यसभा में स्थगन नोटिस दिया
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राघव चड्डा ने बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूहों द्वारा हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले पर चर्चा की मांग के लिए राज्यसभा में स्थगन नोटिस दिया है। राघव चड्ढा ने प्रस्ताव के नोटिस में कहा था कि राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के तहत, मैं प्रस्ताव पेश करने के अपने इरादे की सूचना देता हूं। उन्होंने कहा था कि यह सदन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल और दिन के लिए सूचीबद्ध अन्य कार्यों से संबंधित प्रासंगिक नियमों को निलंबित करे।