राजनीति
महाराष्ट्र में शिंदे गुट को गृहमंत्रालय नहीं देगी भाजपा
10 Dec, 2024 11:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र को देवेंद्र फडणवीस के रुप में नया मुख्यमंत्री मिल चुका है, लेकिन अब तक मंत्रालयों को लेकर चर्चाएं जारी हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना को गृह मंत्रालय देने से मना कर दिया है। गुरुवार को हुए समारोह के दौरान फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चीफ अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने।रिपोर्ट में भाजपा के सूत्र के हवाले से बताया, भाजपा ने गठबंधन के साथ शिवसेना को दो कूट कह दिया है कि वह उन्हें गृहमंत्रालय नहीं दे सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने शिंदे को राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभागों में से चुनने के विकल्प दिए हैं। साथ ही अजित पवार को वित्त और योजना देने की बात कही है।फडणवीस ने कहा था कि 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार होगा। वहीं, रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिए थे कि कैबिनेट का विस्तार विशेष सत्र के दौरान 7 से 9 दिसंबर के बीच हो सकता है।
महायुति में शिवसेना की तरफ से गृह मंत्रालय मिलने का दबाव
बताया जा रहा हैं कि महायुति में शिवसेना की तरफ से गृह मंत्रालय मिलने का दबाव मिल रहा था। इधर, 288 में से 132 सीटें अपने नाम करने वाली भाजपा गृहमंत्रालय भी अपने पास रखने पर जोर दे रही है। फडणवीस ने हाल ही में कहा, केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार है। दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्रालय भाजपा के पास है। इसके बाद उसी पार्टी को गृहमंत्रालय मिलने से आपसी सहयोग आसान हो जाएगा।रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के सूत्रों ने बताया है कि भाजपा के पास 18 से 20 मंत्री हो सकते है। शिवसेना के पास 12 से 14 मंत्री और एनसीपी को 9 से 11 मंत्री हो सकते है। संभावनाएं हैं कि महायुति सरकार में 30 से 35 मंत्री बन सकते है। राज्य में सीएम सहित कुल 43 मंत्री रह सकते हैं। खबर है कि भाजपा ऊर्जा, जल संसाधन, आदिवासी कल्याण, आवास, ग्रामीण विकास, ओबीसी कल्याण और उच्च और तकनीकी शिक्षा भी लेने के मूड में है।पिछली सरकार में भाजपा के पास राजस्व और लोक निर्माण विभाग थे। अब अगर शिवसेना शहरी विकास संभालती है, तब राजस्व या लोक निर्माण भाजपा को मिलेगा। इधर, शिवसेना को उद्योग, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, अल्पसंख्यक विकास और वक्फ बोर्ड विकास, मराठी भाषा सहित कुछ विभागों में प्राथमिकता मिल सकती है।
कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना थल्ली की साड़ी का रंग बदला, कलश और मुकुट को हटाया
10 Dec, 2024 10:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद । कांग्रेस की रेवंत रेड्डी सरकार से फैसले से तेलंगाना में घमासान मचा है। दरअसन कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना थल्ली यानी तेलंगाना की माता की प्रतिमा का स्वरूप बदल दिया। कांग्रेस सरकार ने देवी के स्वरूप से तेलगू संस्कृति की प्रतीक वथकम्मा के कलश और मुकुट को हटाया है। उनकी साड़ी के रंग को भी बदल दिया है। बीजेपी ने इस बदलाव को तेलगू अस्मिता पर हमला करार दिया है। वहीं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने इसके खिलाफ तेलंगाना हाई कोर्ट में अर्जी लगा दी है।
भाजपा ने इसे तेलगू अस्मिता पर हमला करार दिया
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार राजनीतिक हितों के लिए तेलंगाना की सांस्कृति पहचान से छेड़छाड़ कर रही है। कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी पार्टी की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी को तेलंगाना की मां बोलते हैं। अब उन्हें खुश करने के लिए तेलंगाना की पहचान रही तेलंगाना थल्ली की छवि बदल रही है। कांग्रेस ने वथकम्मा कलश हटाकर देवी के हाथ खाली कर दिए हैं। उनके शरीर से तेलंगाना की समृद्धता की प्रतीक कमरबंद, पैरों में पहने जानी वाली विछुवा और गुलाबी साड़ी भी बदल दी है। गौरव का प्रतीक मुकुट भी हटाया गया है। बीजेपी का आरोप है कि यह संयोग नहीं, बल्कि सीएम रेड्डी ने नई मूर्ति के उद्घाटन के लिए सोनिया गांधी के जन्मदिन को चुना है। देवी के हाथ इसलिए खाली किए गए, वह कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है।तेलगू क्षेत्र में पहले से तेलगू थल्ली की धन्य-धान्य और समृद्धि देने वाली देवी के तौर पर पूजा होती रही है। उन्हें आंध्र माता कहा जाता है। नए राज्य तेलंगाना के आंदोलन के दौरान लोगों ने देवी का स्थानीय स्वरूप ‘तेलंगाना थल्ली’ दे दिया। इस प्रतीकात्मक मूर्ति को निर्मल जिले के निवासी बी वेंकटरमण ने डिजाइन किया था। यह मूर्ति तेलंगाना आंदोलन का प्रतीक भी बनी। 2003 में हैदराबाद के टीआरएस हेडक्वॉर्टर में ‘तेलंगाना थल्ली’ की पहली प्रतिमा लगाई गई। तेलंगाना के गठन के बाद यह प्रतिमा कई जगह लगाई गई।
गुलाबी साड़ी को हरा कर दिया गया
तेलंगाना थल्ली की पहली प्रतिमा में देवी को गडवाल और पोचमपल्ली के प्रसिद्ध रेशमी कपड़ों की प्रतीक गुलाबी साड़ी पहनाई गई। उनके हाथ में मक्के की बाली दी गई, जो भरपूर धन्य-धान्य और कृषि से जुड़ी थी। देवी के दूसरे हाथ में रखा गया बथकम्मा की कलश तेलंगाना के सबसे बड़े त्यौहार का प्रतीक था, जो नवरात्रों के दौरान मनाया जाता है। उन्हें समृद्धि का प्रतीक मुकुट भी पहनाया गया। उन्हें करीम नगर के प्रसिद्ध आभूषणों कमरबंद पहनाया गया और महिलाओं की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ी पैरों में पहनने वाले बिछुवा से सजाया गया था। अब नए डिजाइन में देवी का मुकुट गायब है। उनकी गुलाबी साड़ी को हरा कर दिया गया है। कमरबंद हटा दिए गए हैं। हाथ में बथकम्मा का कलश भी नहीं है। चूड़ियां भी लाल से हरी हो गई हैं।वहीं केसीआर के बेटे और पूर्व राज्य मंत्री के टी रामा राव ने कहा कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना से केसीआर की विरासत को मिटाने की जल्दबाजी में हैं। उन्होंने कहा कि देवी की नई प्रतिमा तेलंगाना की पहचान का अपमान है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में लौटने पर राज्य सचिवालय में स्थापित राजीव गांधी की प्रतिमा को हटा देगी और उसकी जगह तेलंगाना थल्ली की मूल प्रतिमा स्थापित करेगी।
बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई ने समाज के संरक्षक पद से इस्तीफा दिया
10 Dec, 2024 09:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई ने समाज के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, इसका कारण अब तक साफ नहीं है। वह एक दशक से ज्यादा समय तक पद पर रहे थे। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बिश्नोई परिवार ने गढ़ आदमपुर गंवा दिया था। हालांकि, भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर राज्य में सरकार बना ली थी।
महासभा के पद पर 12 वर्षों तक रहे कुलदीप
हिसार सांसद रह चुके कुलदीप अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। भाजपा नेता ने लिखा, मैं सभी संतों और समाज के सभी वर्ग के लोगों का मुझपर भरोसा करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। वह महासभा के पद पर 12 वर्षों तक रहे।उन्होंने पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद और त्यागपत्र भेज दिया है। साथ ही उन्हें नया संरक्षक भी बना दिया गया है। उन्होंने 29 सदस्यीय एक समिति भी गठित की है, जो महासभा के चुनाव का काम देखेगी। खास बात है कि पिता और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के निधन के बाद कुलदीप को महासभा का संरक्षक बनाया गया था।
आंध्र प्रदेश, ओडिशा और हरियाणा के लिए राज्यसभा दावेदारों की सूची जारी
10 Dec, 2024 08:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की। सूची में आंध्र प्रदेश, ओडिशा और हरियाणा के उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। भाजपा ने आंध्र प्रदेश से रयागा कृष्णैयाह, ओडिशा से सुजीत कुमार और हरियाणा से रेखा शर्मा को उतारा है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कार्यकाल 6 अगस्त को समाप्त हो गया था।
बीजेपी सीट को बरकरार रखने के लिए तैयार
उनका कार्यकाल हमेशा विवादों से घिरा रहा और आरोप लगे कि उन्होंने महिलाओं के खिलाफ, खासकर भाजपा शासित राज्यों में होने वाले अत्याचारों को अनसुना किया। वे अगस्त 2015 से आयोग की सदस्य थीं, फिर 2018 में इसकी प्रमुख बनने से पहले 29 सितंबर 2017 से अध्यक्ष के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभाला। एनसीडब्ल्यू के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से पहले, शर्मा हरियाणा के लिए भाजपा जिला सचिव और मीडिया प्रभारी थी। आंध्र प्रदेश में तीन, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा में एक-एक सीट खाली थी। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। पंवार का कार्यकाल 1 अगस्त 2028 तक था। बीजेपी इस सीट को बरकरार रखने के लिए तैयार है।
राज्यसभा में अचानक होने लगी महाभारत और धृतराष्ट्र की बात; सभापति बोले- सोचिए मेरे दिल पर कितनी...
9 Dec, 2024 01:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन यानी सोमवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा में भी नोकझोंक देखने को मिली। दोनों सदनों में अदाणी और जॉर्ज सोरोस-सोनिया गांधी के बीच सांठगांठ मामले पर हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में हंगामे के बीच विपक्ष की ओर से सदन चलाने की दुहाई दी जाती रही तो वहीं ट्रेजरी बेंच आक्रामक नजर आया। इसी बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जब परंपरा और पारित प्रस्ताव का हवाला देते हुए यह कहा कि सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही चलनी चाहिए, ऐसा हम चाहते हैं। इस पर सभापति जगदीप धनखड ने कुरुक्षेत्र दौरे का जिक्र करते हुए महाभारत के संजय का जिक्र कर मजाकिया अंदाज में जवाब दिया।
कल मैं कुरुक्षेत्र गया था...
सभापति धनखड़ ने कहा, 'कल मैं अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होने के लिए कुरुक्षेत्र गया था और वहां मुझे संजय की याद आई। तब कैसे संजय ने पूरा महाभारत देखकर धृतराष्ट्र को सुनाया था। यहां भी संजय हैं और इन्होंने भी पांच दिन देखा है कि सदन की कार्यवाही को किस तरह से बाधित किया गया, चलने नहीं दिया गया। संजय सिंह इस बार वेल में नहीं आए लेकिन देखा है कि कैसे बार-बार सदन को स्थगित करा दिया गया।'
क्या बोले थे आप सांसद?
इससे पहले आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'आपके समक्ष और इस सदन के समक्ष नेता सदन ने एक प्रस्ताव रखा कि शून्यकाल और प्रश्नकाल अनिवार्य रूप से चलना चाहिए, ताकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सारे सदस्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रख सकें।'
सोचिए मुझे कितनी पीड़ा होती होगी: धनखड़
उन्होंने आगे कहा कि सांसदों के इतने अहम मुद्दे लगे हैं। इस पर सदस्यों ने भी सहमति जताई कि बाधा ना डाली जाए। इस पर सभापति धनखड़ ने उन्हें टोका और कहा, 'सोचिए मुझे कितनी पीड़ा होती होगी। जो आप बात कह रहे हैं उसे आप ही पहले भूल गए। किसी भी तरफ से रुकावट डाली जाए चाहें इधर से या उधर से मेरे दिल को चोट लगती है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमने भारतीय संविधान को अपनाने की एक सदी की चौथी तिमाही में प्रवेश करके अपना वर्तमान सत्र शुरू किया है। पूरे सप्ताह सदन नहीं चल सका। किसी को भी सदन को बाधित नहीं करना चाहिए।'
आम आदमी पार्टी की 20 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी , सिसोदिया की बदली सीट अब यहां से लड़ेंगे चुनाव
9 Dec, 2024 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पीएसी की बैठक हुई। बैठक में 20 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। दूसरी लिस्ट में भी कई नेताओं के टिकट कटे हैं तो कई की सीटों को बदल दिया गया है। मनीष सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ेंगे। वहीं राखी बिड़ला मादीपुर से चुनाव लड़ेंगी। अभी हाल ही में आप में शामिल हुए अवध ओझा पटपड़गंज से चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा शाहदरा से जितेंद्र सिंह शंटी को चुनावी मैदान में उतारा है। अवध ओझा और जितेंद्र शंटी आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे।
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी की 20 उम्मीदवारों की सूची...
1. नरेला से दिनेश भारद्वाज
2. तिमारपुर से सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू
3. आदर्श नगर से मकेश गोयल
4. मुंडका से जसबीर कराला
5. मंगोलपुरी से राकेश जाटव धर्मरक्षक
6. रोहिणी से प्रदीप मित्तल
7. चांदनी चौक से पुनरदीप सिंह साहनी
8. पटेल नगर से परवेश रतन
9. मादीपुर से राखी बिड़ला
10. जनकपुरी से प्रवीन कुमार
11. बिजवासन से सुरेंद्र भारद्वाज
12. पालम से जोगिंदर सोलनकी
13. जंगपुरा से मनीष सिसोदिया
14. देवली से प्रेम कुमार चौहान
15. त्रिलोकपुरी से अंजना पारचा
16. पटपड़गंज से अवध ओझा
17. कृष्णा नगर से विकास बग्गा
18. गांधी नगर से नवीन चौधरी
19. शाहदरा से पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी
20. मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में अगले साल 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उम्मीद है कि फरवरी में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जनवरी में चुनाव आयोग चुनावों की तारीख का एलान भी सकता है। दिल्ली में कांग्रेस आप के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ है। वहीं भाजपा भी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है।
ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस के स्टैंड और कामकाज से असंतुष्ट, करेंगी नेतृत्व?
8 Dec, 2024 07:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बयान कहा है कि ‘इंडिया’ ब्लॉक के गठन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिन्हें नेतृत्व का जिम्मा मिला है और वे सही तरह से निभा नहीं कर पाते हैं तो ममता इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। ममता इसके पहले भी कई मौकों पर ‘इंडिया’ ब्लॉक का नेतत्व करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा चुकी हैं।
हाल ही में ममता बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस को संसद में सिर्फ अडानी का मुद्दा ही दिखता है। विपक्षी नेताओं में ममता पहली नेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश के मुद्दे पर सकारात्मक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सेना की तैनाती की पहल करनी चाहिए। ममता का यह बयान तब आया है, जब कांग्रेस के वरिष्ठ लीडर मणिशंकर अय़्यर और सलमान खुर्शीद ममता बनर्जी के ठीक उलट बोल रहे हैं कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह भारत में भी हो सकता है। ममता के इन दो बयानों से साफ है कि वे इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस के स्टैंड और कामकाज से असंतुष्ट हैं।
याद रहे कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर ही तणमूल कांग्रेस का गठन किया था। उनके कांग्रेस छोड़ने की वजह थी कि वे बंगाल की तत्कालीन वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही थीं, लेकिन कांग्रेस नरमी बरत रही थी। ममता ने बंगाल में वाम दलों की तरह कांग्रेस को भी नेस्तनाबूद करने में कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस से ममता की खुन्नस इससे समझी जा सकती है कि इंडिया ब्लॉक में रहते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से कोई समझौता नहीं किया। वाम दलों की तरह कांग्रेस को किनारे कर दिया था।
साल 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को जब तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिला, तब ममता ने विपक्षी एकता का अभियान चलाया था। विपक्ष को एक करने की उनकी अवधारणा में कांग्रेस कहीं नहीं थी। वह यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मिलीं। मुंबई जाकर एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से उन्होंने मुलाकात की थी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी उनकी कई मुलाकातें हुई थीं। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव तो ममता को अपनी बहन ही बताते हैं। हेमंत सोरेन से उन्होंने बात की। आड़े वक्त हेमंत सोरेन की उन्होंने मदद भी की थी, लेकिन उनकी इन मुलाकातों-बातों में कांग्रेस का जिक्र कहीं नहीं था। यह अलग बात है कि शरद पवार की वजह से तब माहौल नहीं बन पाया। पवार ने साफ कह दिया कि कांग्रेस को छोड़ विपक्षी एकता की बात बेमानी है। 2023 में बिहार में महागठबंधन का नेता रहते नीतीश कुमार ने जब विपक्षी एकता की पहल की और ममता बनर्जी से मिलने वे कोलकाता गए तो ममता की सलाह पर ही विपक्षी नेताओं की पहली बैठक पटना में रखी गई। इसके पीछे भी उनकी राजनीतिक चाल थी। वे जानती थीं कि दिल्ली में बैठक हुई तो कांग्रेस हावी हो जाएगी। खैर, पटना की बैठक में पहली बार विपक्ष के नेता एक साथ बैठे। जब नामकरण का समय आया तो ममता ने ‘इंडिया’ नाम का समर्थन किया था।
न्याय यात्रा: कड़कड़ाती ठंड में कांग्रेस नेताओं ने टेंट में बिताई रातें, समापन पर बोले- जनता के लिए कुछ भी करेंगे
8 Dec, 2024 06:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस ने 8 नवंबर को राजघाट से न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। यात्रा का मूल उद्देश्य था कि संविधान की रक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करना और आमजन को न्याय दिलाने के साथ कांग्रेस को मजबूत करना। इसके लिए कांग्रेस नेताओं ने सभी 70 विधानसभा सीटों में जाकर लोगों से संपर्क किया और उन्हे कांग्रेस के मूल उदृदेश्यों के प्रति अवगत कराया। इस दौरान कई कांग्रेस नेताओं ने कड़कड़ाती ठंड में टेंट में रातें बिताईं। जब उनसे ठंड के दिनों के यात्रा के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जनता के लिए कुछ भी करेंगे।
इस न्याय यात्रा का शनिवार को रोहिणी में समापान हो गया। यह यात्रा विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने और जनता से न्याय की अपील के लिए निकाली गई थी। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने बताया कि पहले दिन यात्रा में कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अजय माकन, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और अनिल चौधरी जैसे नेताओं ने हिस्सा लिया। दूसरे चरण में कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और बादली विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और एआईसीसी सचिव काजी निजामुद्दीन ने यात्रा में शामिल होकर पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया।
इस यात्रा के दौरान यादव और अन्य नेताओं ने कैंपों में रात बिताई और दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। यात्रा का उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाने और कांग्रेस की मजबूत वापसी का संदेश देना था। दिल्ली में कांग्रेस 1998 से 2013 तक सत्ता में रही, लेकिन 2015 और 2020 के चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा। फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले यह यात्रा पार्टी के लिए नई ऊर्जा का माध्यम मानी जा रही है।
केजरीवाल झुकेगा नहीं: आप का भाजपा पर पुष्पा वाला पलटवार
8 Dec, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा जहां अपने पोस्टरों में ‘आप’ के घोटालों को उजागर करने में जुटी है। वहीं ‘आप’ ने भी ‘पुष्पा’ स्टाइल में भाजपा पर पलटवार कर घेरना शुरू कर दिया है।भाजपा ने एक पोस्टर जारी कर ‘आप’ सरकार के कथित घोटालों का जिक्र किया। इस पोस्टर में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के फोटो भी लगाया गया है। इसके कैप्शन में ‘केजरीवाल के घोटालों का मकड़जाल’ के साथ शराब, मोहल्ला क्लीनिक, हवाला, सिक्योरिटी, राशन, पैनिक बटन, शीशमहल, दवाई, दिल्ली जल बोर्ड, क्लासरूम और सीसीटीवी घोटालों को दर्शाया गया है।
वहीं, इसके जवाब में आम आदमी पार्टी ने भी अपने पोस्टरों में दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं एक अन्य पोस्टर में ‘आप’ ने अरविंद केजरीवाल के हाथ झाड़ू दिखाते हुए ‘पुष्पा’ स्टाइल में फिर आ रहा है केजरीवाल कहते हुए भाजपा पर पलटवार किया है। इस फोटो के कैप्शन में ‘केजरीवाल झुकेगा नहीं’, केजरीवाल 4 टर्म कमिंग सून लिखा गया है।इसके बाद भाजपा के नारे पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी का ‘बदल के रहेंगे’ नारा दर्शाता है कि वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए सभी कार्यों को रोकना चाहती है। केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, उन्होंने आज आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि वे सब कुछ बदल देंगे। इसका मतलब है कि 24 घंटे बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी और हजारों रुपये के बिल के साथ लंबी बिजली कटौती होगी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा बंद हो जाएगी, सभी स्कूल बर्बाद हो जाएंगे, मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाएंगे और मुफ्त दवाइयां और इलाज भी बंद हो जाएगा।
एमवीए गठबंधन चुनाव में हार से न हो निराश, जनता के बीच जाएं
8 Dec, 2024 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोल्हापुर। एनसीपी (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद अपने सहयोगी नेताओं की हौंसला अफजाई की है। शरद पवार ने कहा कि विपक्ष को अपनी हार पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि उन लोगों के पास जाना चाहिए जो महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत से उत्साहित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की प्राथमिकता तय करना होगी कि सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा किए गए सभी चुनावी वादों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिसमें लाडकी बहिण योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता 1500 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए करना शामिल है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त मतों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है।
पवार ने कहा कि यह सच है कि हम हार गए हैं। हमें इस पर चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि लोगों के पास जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव परिणामों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें नाराजगी नजर आ रही है। बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी-राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतीं हैं। शरद पवार ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की ताकत कम है, लेकिन कई युवा विपक्षी विधायक एक-दो सत्रों के बाद अपनी क्षमता दिखाएंगे।
पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा डाले गए वोटों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 80 लाख वोट हासिल किए और 15 सीटें जीतीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 79 लाख वोट हासिल कर 57 सीटों पर विजयी हुई। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार की एनसीपी ने 58 लाख वोट हासिल किए और 41 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (एसपी) ने 72 लाख वोट प्राप्त कर केवल दस सीटें जीतीं हैं।
वहीं, महाराष्ट्र में नई सरकार के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वरिष्ठ नेता होने के नाते शरद पवार को देश को गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप हार स्वीकार करते हैं तो आप इससे बाहर निकल आएंगे। मैं आपसे अपने सहयोगियों को आत्मनिरीक्षण की सलाह देने की उम्मीद करता हूं। फडणवीस ने कहा कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 1,49,13,914 वोट हासिल किए हैं और नौ सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 96,41,856 वोट हासिल कर 13 सीटें जीतीं थीं। एमवीए गठबंधन चुनाव में हार से न हो निराश, जनता के बीच जाएं
-वरिष्ठ नेता शरद पवार ने अपने सहयोगियों का बढ़ाया हौंसला
कोल्हापुर,(ईएमएस)। एनसीपी (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद अपने सहयोगी नेताओं की हौंसला अफजाई की है। शरद पवार ने कहा कि विपक्ष को अपनी हार पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि उन लोगों के पास जाना चाहिए जो महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत से उत्साहित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की प्राथमिकता तय करना होगी कि सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा किए गए सभी चुनावी वादों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिसमें लाडकी बहिण योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता 1500 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए करना शामिल है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त मतों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है।
पवार ने कहा कि यह सच है कि हम हार गए हैं। हमें इस पर चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि लोगों के पास जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव परिणामों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें नाराजगी नजर आ रही है। बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी-राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतीं हैं। शरद पवार ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की ताकत कम है, लेकिन कई युवा विपक्षी विधायक एक-दो सत्रों के बाद अपनी क्षमता दिखाएंगे।
पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा डाले गए वोटों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 80 लाख वोट हासिल किए और 15 सीटें जीतीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 79 लाख वोट हासिल कर 57 सीटों पर विजयी हुई। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार की एनसीपी ने 58 लाख वोट हासिल किए और 41 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (एसपी) ने 72 लाख वोट प्राप्त कर केवल दस सीटें जीतीं हैं।
वहीं, महाराष्ट्र में नई सरकार के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वरिष्ठ नेता होने के नाते शरद पवार को देश को गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप हार स्वीकार करते हैं तो आप इससे बाहर निकल आएंगे। मैं आपसे अपने सहयोगियों को आत्मनिरीक्षण की सलाह देने की उम्मीद करता हूं। फडणवीस ने कहा कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 1,49,13,914 वोट हासिल किए हैं और नौ सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 96,41,856 वोट हासिल कर 13 सीटें जीतीं थीं।
जेपी नड्डा ने टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर को कम करने के लिए 100 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया
8 Dec, 2024 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंचकुला। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हरियाणा के पंचकुला में टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर को कम करने के लिए 100 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया। जेपी नड्डा ने कहा कि देश भर के 347 सबसे अधिक प्रभावित जिलों में टीबी रोगियों का शीघ्र पता लगाने और उनका इलाज करने के प्रयास के साथ यह 100 दिनों का एक केंद्रित अभियान होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि एक समय था जब टीबी को धीमी मौत माना जाता था और यहां तक कि इसके प्रसार को रोकने के लिए टीबी से पीड़ित परिवार के सदस्यों को भी अलग कर दिया जाता था। लेकिन 2018 में प्रधान मंत्री ने 2030 से बहुत पहले टीबी को समाप्त करने का दृष्टिकोण बनाया।
जेपी नड्डा ने कहा कि देश भर में 1।7 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के नेटवर्क की बदौलत आज टीबी का जल्द पता चल जाता है। केंद्र सरकार ने एक नए छोटे और अधिक प्रभावी आहार सहित संवेदनशील टीबी की दवाओं के दैनिक आहार की शुरुआत की, जिससे टीबी उपचार की सफलता दर में 87% तक सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि 1.17 करोड़ से अधिक टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 3,338 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। भारत में टीबी की गिरावट की दर 2015 में 8.3% से दोगुनी होकर आज 17.7% हो गई है, जो वैश्विक औसत से काफी आगे है। पिछले 10 वर्षों में भारत में टीबी से होने वाली मौतों में भी 21.4% की कमी आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयपुर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आगाज करेंगे
8 Dec, 2024 10:12 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जयपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सीतापुरा में जयपुर प्रदर्शनी सम्मेलन केंद्र (जेईसीसी) में 9-11 दिसंबर तक चलते वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल के साथ ही राजस्थान सरकार के मंत्री और देश दुनिया की सौ से अधिक कंपनियों के बड़े चेहरे यहां पर पहुंचेंगे। आयोजन के दौरान वैश्विक निवेशकों के लिए पर्यटन, सौर ऊर्जा, खनन और कपड़ा क्षेत्रों में राज्य की क्षमता को रेखांकित किया जाएगा।
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आरएएनए) के अध्यक्ष और न्यूयॉर्क स्थित सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम भंडारी ने शुक्रवार को बताया, इस शिखर सम्मेलन में राजस्थान के विकास के लिए नए मानक स्थापित करने की क्षमता है। भंडारी ने पर्यटन, सौर ऊर्जा और खनन उद्योगों में अग्रणी राज्य के रूप में उभरने की राजस्थान की क्षमता के बारे में बात करते हुए कहा कि इसके अलावा कपड़ा क्षेत्र में भी वृद्धि की बहुत अधिक क्षमता है।
राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के नेता नहीं - ममता बनर्जी के बयान पर बोले रामगोपाल यादव
8 Dec, 2024 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि, कांग्रेस किसी भी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि, यह कोई भी कह सकता है कि अभी राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के नेता नहीं हैं। रामगोपाल यादव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के विपक्ष के इंडिया गठबंधन का प्रमुख बनाए जाने की इच्छा जताने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि, राहुल गांधी तो अभी इंडिया गठबंधन के नेता नहीं हैं, यह कोई भी कह सकता है। राजनीति में कोई साधु संत तो बनकर आता नहीं है, सब पद चाहते हैं। संभवत: उन्होंने (ममता) इसलिए कहा होगा कि चाहे लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो कांग्रेस कहीं भी अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि, लोकसभा के चुनाव में हिमाचल प्रदेश में चार की चार सीट हार गए जबकि वहां इनकी सरकार है। इनकी सरकार कर्नाटक में भी है, वहां भी आधी सीटें हार गए। मध्यप्रदेश ओर छत्तीसगढ़ में एक सीट नहीं जीते। अगर वहां भी ठीक परफॉर्मेंस हो जाता तो आज मोदी प्रधानमंत्री होते ही नहीं।
भाजपा की नीयत मुफ्त की बिजली बंद करने की - केजरीवाल
8 Dec, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली बीजेपी के नारे अब नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे पर भड़के दिल्ली के पूर्व सीएम अरविन्द केजरीवाल ने आशंका जताई है कि सरकार में आने पर भाजपा मुफ्त की बिजली बंद कर देगी।
केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज इन्होंने अधिकारिक तौर पर ये ऐलान कर दिया कि वे सब कुछ बदल देंगे। यानी 24 घंटे बिजली बंद हो जाएगी, फिर लंबे-लंबे पावर कट लगने लगेंगे, फ्री बिजली बंद हो जाएगी। हर महीने बिजली का बिल हजारों रुपए आने लगेगा, महिलाओं का फ्री बस सफ़र बंद हो जाएगा।
केजरीवाल ने बीजेपी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जिसका डर था, वही हुआ। मैंने पहले ही कहा था कि अगर इनको वोट दे दिया, तो दिल्ली की जनता के साथ मिलकर 10 साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो काम किया है, वो सब काम ये लोग बंद कर देंगे। हर महीने बिजली का बिल हजारों रुपए आने लगेगा, महिलाओं का फ्री बस सफ़र बंद हो जाएगा, सभी सरकारी स्कूल फिर से बर्बाद हो जाएंगे, सभी मोहल्ला क्लिनिक बंद कर दिए जाएंगे, सभी सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली फ्री दवाइयां और इलाज बंद हो जाएगा।
बता दें कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अपनी पत्नी के साथ पार्टी के राज्य चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा, चुनाव समन्वय समिति के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत, बांसुरी स्वराज, योगेंद्र चंदोलिया, प्रवीण खंडेलवाल और अन्य की मौजूदगी में हवन किया। इस अवसर पर पांडा ने अब नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे का नया नारा दिया।
भाजपा के नारे पर तीखी टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी का बदलाव लाएंगे का नारा दर्शाता है कि वह दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए सभी कामों को रोकने का इरादा रखती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अब अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
ममता बनर्जी बनेंगी भारत की नई अध्यक्ष? समाजवादी पार्टी ने किया समर्थन, कांग्रेस ने किया विरोध
7 Dec, 2024 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विपक्ष के भीतर मतभेद तब स्पष्ट हो गया जब तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी द्वारा गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा के बारे में किए गए दावे के बारे में भारत गठबंधन के सहयोगियों ने परस्पर विरोधी राय व्यक्त की। समाजवादी पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में लगातार चुनावी हार के मद्देनजर गठबंधन को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया, जबकि कांग्रेस ने असहमति व्यक्त की। इसके विपरीत, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जोर देकर कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भारत ब्लॉक के पीछे के असली निर्माता थे। कांग्रेस पर भी आलोचना की गई, समाजवादी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) दोनों ने गठबंधन सहयोगियों के लिए अधिक प्रमुख भूमिका की वकालत करते हुए इसे आत्म-चिंतन में संलग्न होने का आग्रह किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने बनर्जी के प्रस्ताव पर भारत ब्लॉक द्वारा विचार-विमर्श करने की आवश्यकता पर जोर दिया और तृणमूल कांग्रेस के नेता को "100% समर्थन और सहयोग" की पेशकश की।
सिंह ने कहा
"अगर ममता बनर्जी ने कोई इच्छा जताई है, तो भारत गठबंधन के नेताओं को इस पर विचार करना चाहिए और उन्हें समर्थन देना चाहिए। इससे गठबंधन मजबूत होगा। ममता बनर्जी ने बंगाल में भाजपा को रोकने में अग्रणी भूमिका निभाई। हमें उनसे सहानुभूति है। ममता के साथ हमारा भावनात्मक रिश्ता पहले से है।"
उन्होंने हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनावी असफलताओं के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष भी किया। समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा, "जहां भी सरकार नहीं बन पाई, चाहे वह हरियाणा हो या महाराष्ट्र, वहां कांग्रेस मुख्य पार्टी थी। अगर अपेक्षित सफलता नहीं मिली है, तो इसकी जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।"
'कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत'
सीपीआई के महासचिव डी राजा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में हाल के चुनावों में अपने सहयोगियों को शामिल न करने के लिए कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस को अपने दृष्टिकोण पर विचार करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि अगर पार्टी भारत ब्लॉक में अपने सहयोगियों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से जुड़ती, तो लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों के नतीजे अधिक अनुकूल हो सकते थे।
लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद, जहाँ एनडीए की सीटें घटकर 293 रह गईं, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इंडिया ब्लॉक को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह विरोधाभास विभिन्न चुनावी संदर्भों में एकता और प्रभावशीलता बनाए रखने में गठबंधन के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है। कांग्रेस पार्टी ने ममता बनर्जी द्वारा इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व संभालने की धारणा का विरोध किया है, कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने जोर देकर कहा कि पार्टी अपने निर्देशों के तहत काम करती है। इसके अतिरिक्त, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने लालू प्रसाद यादव को विपक्षी गठबंधन के गठन के पीछे प्रेरक शक्ति होने का श्रेय दिया, उन्होंने भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपने-अपने राज्यों में विभिन्न नेताओं द्वारा नियोजित विविध रणनीतियों को रेखांकित किया। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इंडिया ब्लॉक के भीतर विभाजन और भी स्पष्ट हो गया, जहाँ टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने गौतम अडानी रिश्वतखोरी के आरोपों के बारे में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन से खुद को दूर कर लिया।