राजनीति
चिराग ने उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
12 Dec, 2024 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि देश के उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चिराग पासवान ने अपने एक्स पर पोस्ट पर लिखा कि देश के महामहिम उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष द्वारा पुनः एकबार सदन की गरिमा को गिराने का प्रयास किया गया। एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का अनादर करना विपक्षी दलों की पहचान रही है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक किसान परिवार से आने वाले व्यक्ति भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन है, ये हमसब देशवासियों के लिए गर्व की बात है। ऐसे में उनका अपमान कतई उचित नहीं है। जिन्हें देश की जनता कई बार नकार चुकी है, उनके द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाना बेहद हास्यास्पद है। विपक्ष पहले भी इन सब मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने का प्रयास कर चुका है।
राज्यसभा और लोकसभा में तीखी बहस, सद्गुरु ने कहा- संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक
12 Dec, 2024 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: राज्यसभा और लोकसभा में शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान सदन में काफी हंगामा देखने को मिल रहा है। विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया। इस मामले पर काफी विवाद देखने को मिल रहा है। इससे पहले कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने जगदीप धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इसके बाद राज्यसभा के सभापति ने भी पलटवार किया है। जयपुर में जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ ताकतें देश की तरक्की को पचा नहीं पा रही हैं। धनखड़ ने बिना नाम लिए विपक्ष पर परोक्ष रूप से आरोप लगाया कि देश को बांटने और देश की संस्थाओं का अपमान करने की साजिश हो रही है।
सद्गुरु ने दिया बयान
अब इस मामले पर ईशा योग केंद्र के संस्थापक सद्गुरु ने बयान दिया है। सद्गुरु ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'भारतीय संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक है, खासकर तब जब हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनने की आकांक्षा रखते हैं। भारत के धन सृजक और रोजगार प्रदाता राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनने चाहिए। अगर कोई विसंगतियां हैं तो उन्हें कानून के दायरे में निपटाया जा सकता है, लेकिन उन्हें राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय व्यवसाय फले-फूले। यही एकमात्र तरीका है जिससे भारत एक भव्य भारत बनेगा।'
जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस
राज्यसभा में इस बहस के बीच जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि जॉर्ज सोरो का सोनिया गांधी से क्या रिश्ता है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन का अपमान किया गया है। हम निंदा प्रस्ताव लाएंगे। नड्डा ने कहा कि देश की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी। देश को गुमराह करने की जो कोशिश की जा रही है, उसे देश माफ नहीं करेगा। जेपी नड्डा के बयान पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि सरकार सदन चलाना नहीं चाहती। खड़गे ने कहा कि भाजपा देश का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है
महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे पर फंसा पेंच
12 Dec, 2024 08:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे महायुति के लिए तनाव का एक नया दौर शुरू कर सकते हैं। जब देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार विभागों पर चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे तो हो सकता है कि शिंदे मौजूद नहीं हो। भाजपा और देवेंद्र फडणवीस के लिए किसको कौनसा मंत्रालय मिले और महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल का गठन अगली बड़ी चुनौती हो सकती है। खासकर तब जब दोनों सहयोगियों ने समर्थन के बदले बड़े विभागों की मांग की है। शिंदे का सेना गुट हाई-प्रोफाइल गृह मंत्रालय चाहता है, जो पिछली सरकार में देवेंद्र फड़णवीस के पास था। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी भी बराबरी की हिस्सेदारी चाहती है, भले ही उसने कम सीटों पर जीत दर्ज की हो, लेकिन पार्टी ने अपने दावे को साबित करने के लिए बेहतर स्ट्राइक रेट यानी लड़ी गई और जीती गई सीटों के प्रतिशत की ओर इशारा किया है। विशेष रूप से एनसीपी चाहती है कि पिछली सरकार में जो वित्त विभाग उनके पास था, उसे वापस किया जाए। यह मामला भाजपा के लिए परेशान करने वाला बन गया है क्योंकि शिवसेना भी वित्त चाहती है। हालांकि यह शिंदे की ऐसी इच्छा है, जिसका पूरा होना बेहद मुश्किल नजर आता है क्योंकि वित्त, योजना और सिंचाई विभाग एनसीपी के पास जा सकता है।
विभागों के आवंटन को लेकर पिछले महीने रूपरेखा बनी थी। इस समझौते के तहत बीजेपी को 22 सीटें, सेना को करीब 12 सीटें और एनसीपी को करीब नौ मंत्री पद मिलेंगे। विभागों का बंटवारा 16 दिसंबर तक लागू करना होगा क्योंकि उस वक्त नई विधानसभा की पहली बैठक होगी।
मुझे अपना चेहरा छिपाना पड़ता है… देश में बढ़ते सड़क हादसे पर लोकसभा में बोले नितिन गडकरी
12 Dec, 2024 07:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में रोजाना कहीं न कहीं सड़क हादसे होते ही रहते हैं और इन हादसों में बड़ी संख्या में लोग मारे भी जाते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी लगातार सड़क हादसों को रोकने की बात करते रहे हैं. गडकरी ने आज गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सड़क हादसों को लेकर हमारे देश का रिकॉर्ड इतना गंदा है कि अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के दौरान उन्हें अपना चेहरा छिपाना पड़ता है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से सड़क हादसों में कमी लाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए गए, लेकिन हादसों में कोई कमी नहीं आई, बल्कि इसमें इजाफा ही हो गया. उन्होंने यह भी कहा, “जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, हम लोगों का मानवीय व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लग सकेगा.”
कम होने की जगह बढ़ रहे हादसेः गडकरी
नितिन गडकरी के अनुसार, देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर साल 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है. इनमें से 60 फीसदी पीड़ित लोगों की उम्र 18 से 34 साल के बीच की होती है. उन्होंने सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या पर कहा, “इतने लोग न किसी जंग में मरते हैं, न ही कोविड जैसी महामारी में मरते हैं और न ही दंगे में मरते हैं.”सड़क हादसों से जुड़े खराब रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए सड़क मंत्री गडकरी ने कहा, “मैं जब भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में जाता हूं और वहां पर सड़क हादसों पर चर्चा होती है, तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं. इस मामले में हमारा रिकॉर्ड सबसे गंदा है.” उन्होंने सांसदों से कहा कि उन्हें भी सड़क हादसों को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए. परिवहन विभाग के सहयोग से सभी स्कूलों-संस्थाओं आदि में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करें.
ड्राइविंग लाइसेंस पर हो सख्ती
गडकरी के मुताबिक, नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि सड़क हादसों के शिकार 30 फीसदी लोगों की मौत सही समय पर जीवन रक्षक उपचार नहीं मिल पाने की वजह से हो जाती है. उन्होंने कहा, “इसलिए सरकार उपचार के लिए कैशलैस योजना लेकर आई है. उत्तर प्रदेश में इस पायलट परियोजना की शुरुआत हो रही है, फिर इसे देशभर में लागू कर दिया जाएगा.”केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सख्ती लाने की जरुरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, “दुनिया में अगर कहीं पर आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है तो उस देश का नाम भारत है. लेकिन हम इसमें सुधार कर रहे हैं.”
दिल्ली में विधानसभा चुनाव जीतने में हम सक्षम, नहीं मिलाएंगे कांग्रेस से हाथ
12 Dec, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने पर कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने हरियाणा में आप से हाथ मिलाया होता तो वह चुनाव जीत गए होते।
संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पिछले 10 साल से हरियाणा में चुनाव हार रही है। हरियाणा में आप को 2 फीसदी वोट शेयर मिला है। हरियाणा में आप से गठबंधन न करना कांग्रेस की गलती थी। अगर उन्होंने गठबंधन किया होता तो वे हरियाणा जीत गए होते। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप पिछले 15 साल से जीत रही है। हम अपने दम पर दिल्ली जीतने में सक्षम हैं। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की चुनाव आयुक्त के साथ बैठक पर संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम काटने का मुद्दा उठाया है। हम महाराष्ट्र और हरियाणा की तरह दिल्ली में चुनाव घोटाला नहीं होने देंगे।
दिल्ली के एलजी के पत्र के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों पर पुलिस के एक्शन पर संजय सिंह ने कहा कि अगर बांग्लादेशी दिल्ली पहुंचने में कामयाब हो गए हैं तो एलजी को पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सीमाएं असम, त्रिपुरा और बंगाल से लगती हैं। अगर वह सीमा पार करने और यूपी जैसे राज्यों को पार करके दिल्ली पहुंचने में कामयाब हो गए तो यह केंद्र सरकार की विफलता है। घुसपैठियों को निर्वासित करने के लिए कौन जिम्मेदार है- विदेश मंत्रालय।
महाराष्ट्र सीएम ने की राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और मंत्रियों से मुलाकात
12 Dec, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ लेने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की।
राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान सीएम फडणवीस ने उन्हें महाराष्ट्र के देवता भगवान विट्ठल-रुक्मिणी की मूर्ति भेंट की। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने यहां फडणवीस और धनखड़ की मुलाकात की तस्वीर साझा की है।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा- महाराष्ट्र के ऊर्जावान सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात हुई। मुझे विश्वास है कि तीसरी बार सीएम के रूप में उनका कार्यकाल महाराष्ट्र की विकास यात्रा को नई गति देगा। उन्हें आगे के सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दीं। फडणवीस ने बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले के साथ गडकरी से भी मुलाकात की थी।
राहुल गांधी को हाथरस की चार साल बाद याद आई वह राजनीति कर रहे हैं
12 Dec, 2024 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अचानक हाथरस दौरे पर यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि राहुल गांधी को चार साल बाद हाथरस की याद आई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस के राज में दलितों की बस्तियों को जलाया जाता था। आज ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं। कांग्रेस की सरकार में बड़े पैमाने पर दंगे और कर्फ्यू लगाया जाता था। अब ये मुद्दे शांत हो गए हैं और इनको उम्मीद है कि यह फिर से सत्ता में वापसी कर लेंगे, लेकिन जनता के साथ जो उन्होंने किया, उसका जवाब जनता दे रही है। उन्हें हाथरस जाना है तो जाएं।सदन में कार्यवाही स्थगित होने पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी राजनीति करते हैं और समाजवादी पार्टी अपनी राजनीति करती है। सपा चाहती है जिन मुद्दों पर वह स्टैंड ले रही हैं कांग्रेस उन्हीं मुद्दों को उठाए, लेकिन कांग्रेस को यह पसंद नहीं है। कांग्रेस खुद को राष्ट्रीय पार्टी और सपा को क्षेत्रीय पार्टी मानती है। इस तरह के व्यवहार से बचना चाहिए, लेकिन उनके बीच अंदरूनी कटुता है।
यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने विपक्षी नेताओं पर कसा तंज
उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना के नेता संजय राउत के बयान पर राजभर ने कहा कि अब ये व्यक्तिगत बयान नहीं रह गया है, ये लोकतंत्र है। लोकतंत्र में जनता ने तीसरी बार सरकार चुनी है। अगर महाराष्ट्र में हालात इतने खराब थे तो बीजेपी को पूर्ण बहुमत कैसे मिल गया? इसी तरह अगर हरियाणा में हालात प्रतिकूल थे तो बीजेपी वहां पूर्ण बहुमत कैसे ला पाई? इस पर भी विचार किया जाना चाहिए। वह नेता हैं, कैसा भी बयान दे सकते हैं, लेकिन बाद में कहते हैं कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। असम में एनआरसी और आधार कार्ड के मुद्दे पर राजभर ने कहा कि वहां की सरकार की यह पहल है। हर राज्य में सरकार अपने हिसाब से काम करती है। वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल द्वारा किसानों से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि जब सरकार में होते हैं तो उन्हें किसान, अल्पसंख्यक याद नहीं आते।
चुनाव जीतने के बाद पहली बार चाचा शरद पवार से मिलने पहुंचे अजित
12 Dec, 2024 01:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी नेता अजित पवार ने एमवीए के तहत बड़ी जीत दर्ज की है। वे राज्य में बनी फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। चुनाव में उन्होंने अपने चाचा और एनसीपी (एसपी) के शरद पवार को बड़ा झटका दिया। राज्य में बड़ी जीत के बाद अजित पवार पहली बार चाचा से मुलाकात की है। अजित ने एनसीपी के बड़े नेताओं से लेकर अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार के साथ चाचा शरद पवार के पास पहुंचे। यह मौका इसलिए खास रहा क्योंकि आज शरद पवार का जन्मदिन है। अजित ने शरद पवार को जन्मदिन की बधाई दी।
गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में सोनिया और सोरेस का पोस्टर लहराया
12 Dec, 2024 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत से सदन में अडानी और जॉर्ज सोरोस समेत कई मुद्दों को लेकर हंगामे का दौर जारी है। इंडिया गठबंधन की तरफ से अडानी मुद्दे को हवा दी जा रही है। बुधवार को कांग्रेस सांसदों ने सत्ता पक्ष के नेताओं को तिरंगा और गुलाब देकर अपना प्रदर्शन किया था। इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी अडानी की फोटो छपे बैग लेकर परिसर पहुंचे थे।
सदन में कांग्रेस अडानी तो बीजेपी सोरोस को लेकर कर रहे प्रोटेस्ट
अब बीजेपी ने सोरोस मुद्दे को लेकर संसद में प्रदर्शन शुरू किया है। बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में सोनिया और सोरेस का पोस्टर लहराया है। वहीं, विपक्ष की तरफ से भी संसद परिसर में प्रोटेस्ट हो रहा है। विपक्षी सांसदों ने देश बिकने नहीं देंगे नारे के साथ संसद में विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी ने 9 दिसंबर को राहुल गांधी पर भारत को कथित तौर पर अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस जैसी अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था।
खुश नहीं हैं शिंदे! महायुति का बर्ताव भी नहीं आ रहा पसंद, दिल्ली भी नहीं गए
12 Dec, 2024 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद भी महासंग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां महायुति के नेताओं में आपसी अनबन अभी भी दिखाई दे रही है। खबरें हैं कि आलाकमान से दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौजूद नहीं थे। कहा जा रहा है कि बड़े मंत्रालयों पर मतभेद सुलझने के बाद भी गठबंधन सरकार में कुछ मुद्दों पर रार जारी है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस सप्ताह कैबिनेट विस्तार हो सकता है।
शिंदे बुधवार को हुई बैठक में मौजूद नहीं थे
खबरों के अनुसार, शिवसेना प्रमुख के कार्यालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि शिंदे बुधवार को हुई बैठक में मौजूद नहीं थे। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य में विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा के साथ हुई मीटिंग में अजित पवार भी शामिल रहे थे। खास बात है कि पहले शिंदे भी बैठक में शामिल होने वाले थे, लेकिन बाद में उन्होंने नहीं जाने का फैसला किया। बताया गया है कि शहरी विकास विभाग के अलावा शिंदे पक्ष को कोई भी बड़ा मंत्रालय नहीं दिया गया है। वह राजस्व, लोक निर्माण, एमएसआरडीसी, आवास और उद्योग में दिलचस्पी दिखा रहे थे, लेकिन भाजपा ने मांग को स्वीकार नहीं किया।
हर चीज में तोल मोल करना पड़ा
खबर है कि शिंदे भाजपा की इस शर्त से भी खफा थे कि पिछली सरकार में जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन नेताओं को नहीं चुना जाएगा। शिंदे के एक करीबी ने कहा, इस पूरी प्रक्रिया में शिंदे उनके साथ हुए व्यवहार से भी खफा हैं। उन्होंने कहा, उन्हें हर चीज में तोल मोल करना पड़ा। उन्हें लगता है कि सत्ता में उन्हें उचित हिस्सा नहीं दिया गया। जबकि, महाराष्ट्र में महायुति की जीत में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है।ऐसे में वह ठाणे स्थित आवास में ही रहे और दिल्ली नहीं गए।
असम सरकार का बड़ा फैसला: एनआरसी के लिए आवेदन करने पर ही मिलेगा आधार कार्ड
12 Dec, 2024 10:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुवाहाटी। असम सरकार ने एनआरसी के लिए बड़ा फैसला लिया है। यहां अब एनआरसी के लिए आवेदन करने वालों को ही आधार कार्ड मिलेगा। जिन्होंने आवेदन नहीं किया है या करना नहीं चाह रहे है वे आधार कार्ड से वंचित रहेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि संकटग्रस्त बांग्लादेश के नागरिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिशों को देखते हुए कैबिनेट की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया।
उन्होंने कहा, पिछले 2 महीने में असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और बीएसपी ने बड़ी संख्या में घुसपैठियों को पकड़ा है। यही कारण है कि बांग्लादेश से घुसपैठ हमारे लिए चिंता का विषय है। हमें अपनी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है और इसीलिए हमने आधार कार्ड तंत्र को सख्त बनाने का निर्णय लिया है। सरमा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि अब से राज्य सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग आधार आवेदकों के सत्यापन के लिए नोडल एजेंसी होगा और प्रत्येक जिले में एक अतिरिक्त जिला आयुक्त संबंधित व्यक्ति होगा।उन्होंने कहा, प्रारंभिक आवेदन के बाद, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) इसे सत्यापन के लिए राज्य सरकार को भेजेगा। स्थानीय सर्किल अधिकारी (सीओ) पहले यह जांच करेगा कि आवेदक या उसके माता-पिता या परिवार ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन किया है या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर एनआरसी के लिए कोई आवेदन नहीं है, तो आधार अनुरोध को तुरंत खारिज कर दिया जाएगा और तदनुसार केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा नियम
सीएम ने कहा, अगर यह पाया जाता है कि एनआरसी के लिए कोई आवेदन था, तो सीओ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार क्षेत्र-स्तरीय सत्यापन के लिए जाएंगे। अधिकारी के पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद, आधार को मंजूरी दी जाएगी। हालांकि, सरमा ने कहा कि यह नया निर्देश उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं और जिन्होंने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है। उन्होंने कहा, इस तरह, हम अपने आधार जारी करने की प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक सख्त तंत्र लागू करेंगे ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति यह पहचान पत्र न पा सके।
दिल्ली विधानसभा चुनाव: ओबीसी को साधेगी भाजपा, 52 जातियों से संवाद करेंगे दिग्गज नेता
12 Dec, 2024 09:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए बड़ी रणनीति बना रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने ओबीसी को साधने के लिए पूरा प्लान तैयार किया है। इसके लिए 52 जातियों को एकजुट करेंगे और इन्हे एकजुट कर इनसे भाजपा के दिग्गज नेता संवाद करेंगे। कोशिश करेंगे कि किसी भी हाल में ओबीसी को भाजपा से सीधा कनेक्ट किया जाए ताकि वोट बैंक मजबूत हो सके।
1998 से दिल्ली में भाजपा सत्ता से बाहर
1998 से दिल्ली में भाजपा सत्ता से बाहर है। यहां पार्टी कई तरह के फॉर्मूले अपना चुकी है लेकिन कामयाबी से काफी दूर है। दिल्ली भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि अभियान की शुरुआत पाल समुदाय के सदस्यों की एक बैठक से हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में रवा राजपूत, कश्यप, राजभर, जोगी, लोधी और तेली समेत अन्य ओबीसी उपजातियों की बैठकें होंगी, जिनमें पार्टी के प्रमुख नेता भी भाग लेंगे।
ओबीसी समुदाय के लोग दिल्ली में मतदाताओं का सबसे बड़ा वर्ग
यादव ने कहा, ओबीसी समुदाय के लोग दिल्ली में मतदाताओं का सबसे बड़ा वर्ग हैं। अन्य पिछड़े वर्गों में से कई की संख्या कम है और वे इस अभियान का केंद्र हैं। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे। भाजपा 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर है। उन्होंने कहा कि बैठकों और सम्मेलनों के अलावा ओबीसी समुदाय से जुड़े प्रोफेशनल और महिलाओं की दो बड़ी बैठकें भी आयोजित करेगा।
भाजपा ओबीसी नेता नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताएंगे
ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि इन बैठकों में शहर के प्रमुख व्यक्ति, जिसमें प्रोफेशनल, उद्यमी, कारोबारी और ओबीसी समुदाय के अन्य प्रभावशाली सदस्य शामिल होंगे। यादव ने कहा कि भाजपा ओबीसी नेता नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताएंगे, जैसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देना और 127वां संविधान संशोधन पारित करना, जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पिछड़े वर्गों की अपनी सूची तैयार करने की अनुमति दी गई।
शिंदे के करीबियों को चुन-चुनकर साइड लाइन कर रहे सीएम फडणवीस
12 Dec, 2024 08:12 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और महायुति की सरकार गठित होने के बाद भी यहां कुछ न कुछ उठापटक चल रही है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे के करीबियों को साइडलाइन करना शुरु कर दिया है। इसमें पहला नंबर मंगेश चिवटे का लगा है। चिवटे शिंदे के करीबी है और रिलीफ फंड के हेड थे। अब उन्हे वहां से हटा दिया गया है और उनकी जगह पर फडणवीस के करीबी रामेश्वर नाइक को जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है ऐसे कई करीबी है जिन्हे जल्द ही दूसरे दायित्व दिए जाएंगे। जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने पद संभालते ही चिवटे को सीएम रिलीफ फंड की कमान सौंपी थी, लेकिन अब फडणवीस ने भी सत्ता बदलते ही चिवटे को हटा दिया है। रामेश्वर नाइक को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। वह फडणवीस के डिप्टी सीएम रहने के दौरान मेडिकल एड सेल का काम देख रहे थे। प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को सीएम रिलीफ फंड से मदद मिलती है। इसके अलावा घायलों को भी इसके जरिए राहत दी जाती है। आमतौर पर मुख्यमंत्री इस फंड की निगरानी के लिए किसी करीबी नेता को ही जिम्मेदारी देते हैं ताकि आसानी से लोगों की मदद की जा सके। इस तरह फडणवीस ने भी अपने करीबी रामेश्वर नाइक को यह कमान दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वह कुछ और बदलाव कर सकते हैं। चर्चा है कि शनिवार को महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार भी हो सकता है। इसके अलावा मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने की भी संभावना है।
कुछ मंत्रियों का पत्ता कट सकता है
खबर है कि कुछ मंत्रियों का इस बार कैबिनेट से पत्ता कट सकता है, जो एकनाथ शिंदे की ढाई साल की सरकार का हिस्सा थे। इन मंत्रियों में अब्दुल सत्तार और दिलीप वलसे पाटिल जैसे नेता शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इन लोगों के बारे में चर्चा है कि ये विधायकों से कट गए थे और कार्यकर्ता शिकायतें कर रहे थे। ऐसे में अब नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। बता दें कि शिवसेना के सूत्रों का भी कहना है कि तीन नेताओं को मंत्रालय नहीं मिलेगा, जो अब तक मंत्री पद पर थे। इसके अलावा एकनाथ शिंदे गुट को भाजपा ने साफ कर दिया है कि उन्हें गृह मंत्रालय नहीं मिल पाएगा। यही नहीं राजस्व विभाग देने से भी भाजपा ने साफ इनकार कर दिया है।
दुखी मन से लाए अविश्वास प्रस्ताव......
11 Dec, 2024 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, कि भारी मन और बड़े दुख के साथ हम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 बी के तहत यह अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने के लिए बाध्य हुए हैं।
प्रमोद तिवारी ने कहा विपक्ष को चुप कराया जा रहा
उन्होंने कहा कि यह महज मौजूदा एक सत्र की बात नहीं, बल्कि कई सत्रों से ऐसा चल रहा है। हमने देखा है कि विपक्ष के नेताओं को बोलने ही नहीं दिया जाता, पूरे विपक्ष को चुप करा दिया जाता है। सत्ता पक्ष के नेता किरेन रिजिजू तो बोल सकते हैं लेकिन दूसरे को बोलने का मौका ही नहीं दिया जाता। यह सरकार लोकतंत्र में विश्वास ही नहीं रखती। उन्होंने कहा कि जब सदन में हम नियमों के तहत अपनी बात ही नहीं रख सकते तो अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। इसलिए यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। गौरतलब है कि 10 दिसंबर को राज्यसभा में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया था। इसके बाद ही इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को प्रस्ताव सौंपा है।
धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सियासी घमासान
11 Dec, 2024 06:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी इंडिया गठबंधन द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी टकराव तेज हो गया है। इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया।
रिजिजू ने विपक्ष पर साधा निशाना
संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि 72 साल बाद एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना है और पूरे देश ने देखा कि उन्होंने सदन की गरिमा को किस तरह से बनाए रखा है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि हम सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस का रिश्ता नहीं जोड़ रहे, यह दुनिया कह रही है। विपक्ष भारत विरोधी तत्वों के साथ खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ जैसा चेयरमैन मिलना दुर्लभ है। रिजिजू के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्य सदन को चलने दो के नारे लगाते रहे। विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी भूमिका उच्च सदन की निष्पक्षता के लिए उपयुक्त नहीं है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री एवं जेडीएस के राज्यसभा सदस्य एचडी देवगौड़ा ने भी विपक्ष की आलोचना की और अविश्वास प्रस्ताव को अनुचित बताया। इस तीखी बहस के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए और उसके बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।