राजनीति
अब तेजस्वी ने भी किया महिलाओं को हर महीने देंगे 2500 रुपये देने का वादा
15 Dec, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दरभंगा । विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महिलाओ सौगात देने का वादा हर राज्नीतिक दल कर रहा है. अब राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी महिला वोटर्स को लुभाने के लिए माई बहन मान योजना की घोषणा की है। तेजस्वी ने कहा कि उनके सत्ता में आने पर इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे। यह पहली बार नहीं है जब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वोटर्स के लिए कोई घोषणा की है। इससे पहले उन्होंने बिहार में उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था।
दरभंगा में महिलाओं के लिए योजना का ऐलान करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, अगर राज्य में हमारी सरकार बनती है, तो हम माई बहन मान योजना शुरू करेंगे। माई बहन मान योजना के तहत, हम आर्थिक रूप से कमजोर माताओं और बहनों के खातों में सीधे 2500 रुपये देंगे। सरकार बनते ही हम एक महीने के अंदर इस योजना को शुरू कर देंगे।
तेजस्वी ने कहा कि हम लगातार यात्रा पर घूम रहे हैं और हमारे कार्यकर्ता से सारी जानकारी मिल रही है। लोग बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे हैं। हमने सरकार की कमियों को ने उजागर करने का काम किया है। हम लोग लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। मैंने उपमुख्यमंत्री रहते हुए पांच लाख लोगों को नौकरी दी। 3.5 लाख नौकरी का दरवाजा खोला। अब आधी आबादी को सम्मान देना होगा और सामाजिक न्याय के साथ हम लोग आर्थिक न्याय करेंगे।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भले हमारी उम्र कच्ची है, लेकिन जुबान कच्ची नहीं है। हम जो कर सकते हैं, वो करेंगे, हमें एक मौका दीजिए। हमने रात भर घूमकर व्यवस्था को सुधारा था। आज नीति आयोग की रिपोर्ट उठा कर देख लीजिए, आज भी पलायन में बिहार नंबर वन है। बेरोजगारी में नंबर वन है। हम काम करने वाले लोग हैं और हमारे पास विजन है, रोड मैप है। हम बिहार में 5 हजार करोड़ का निवेश लेकर आए थे। हम मिथिलांचल और सीमांचल के लिए एक अलग से आयोग बनाएंगे ताकि इस इलाके का विकास हो सके।
वन नेशन वन इलेक्शन को तैयार सरकार: सोमवार को लोकसभा में पेश होगा बिल
14 Dec, 2024 11:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। वन नेशन वन इलेक्शन कराने को केंद्र सरकार तैयार है। इसके लिए कई महीनों से तैयारी की गई और अब सोमवार को लोकसभा में बिल पेश किया जा रहा है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार को लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश करेंगे। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस बिल को चर्चा के लिए जेपीसी के पास भेजा जाएगा। लंबी चर्चा और आम सहमति बनाने के लिए सरकार इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजेगी। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा करेगी और इस प्रस्ताव पर सामूहिक सहमति की जरूरत पर जोर देगी।
32 दलों का समर्थन है और 15 विरोध में हैं
वन नेशन, वन इलेक्शन पर विचार करने के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति ने बताया कि इस प्रस्ताव को लेकर कई 32 राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन दिया, जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया। इस उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। रामनाथ कोविंद ने अक्टूबर में 7वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के दौरान कहा कि विरोध करने वाली 15 पार्टियों में से कई ने पहले कभी न कभी वन नेशन, वन इलेक्शन के विचार का समर्थन किया था।
21000 लोगों की प्रतिक्रिया के बाद तैयार हुआ बिल
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एजेंडा आजतक के मंच पर वन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़ी कई जरूरी बातें साझा की। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया कि इस रिपोर्ट को बनाने में मोटे तौर पर 6 महीने लगे। 3 महीने तो इनविटेशन में लग गए। फिर हमने इंटेरेक्शन शुरू किया। 2 महीने डे टू डे बेसिस पर इंटेरेक्शन किया। यह रिपोर्ट 18 हजार से ज्यादा पेजेस की है। मुझे जानकारी दी गई कि इतनी बड़ी रिपोर्ट आजतक भारत सरकार की किसी कमिटी ने नहीं सब्मिट किया। ये रिपोर्ट 21 वाल्यूम्स में बना हुआ है। हमने इसके लिए पब्लिक से सजेशन मांगे। इसके लिए 100 से अधिक विज्ञापन 16 भाषाओं में दिया। 21000 लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी। 80 प्रतिशत लोग इसके पक्ष में थे। इसके अलावा हमने हमने पूर्व चीफ इलेक्शन कमिशनर को भी बुलाया। फिक्की,आईसीसी, बार काउंसिल के प्रतिनिधियों को भी बुलाया।
सिर्फ 50 हजार करोड़ होंगे चुनाव पर खर्च
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया कि भारत में चुनाव कराने में 5 से साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। अगर ये बिल लागू हो जाएगा तो एक साथ चुनाव कराने में सिर्फ 50 हजार करोड़ रुपये ही लगेंगे। इससे काफी बचत होगी। बचा पैसा इंडस्ट्रियल ग्रोथ में लगेगा। कुल मिलाकर इस बिल के प्रभावी होने के बाद देश की जीडीपी तकरीबन एक से डेढ़ प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। ऐसे में ये वन नेशन, वन इलेक्शन भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित............क्या मां शीला दीक्षित की हार का लेंगे बदला
14 Dec, 2024 10:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली की राजनीति फिर से चर्चाओं में आ गई है। खासकर तब जब कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है। 2013 और 2015 में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराया था, जिससे यह चुनाव दीक्षित के लिए अपनी मां की हार का बदला लेने का एक खास मौका बन गया है।
संदीप दीक्षित ने लंबे समय से केजरीवाल पर राजनीतिक हमलों का सिलसिला जारी रखा है। इसलिए हाई प्रोफाइल मुकाबले में वे फिर से केजरीवाल के खिलाफ जमकर राजनैतिक हल्ला करने वाले है। बीजेपी ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन चर्चा है कि पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा चुनावी मैदान में हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तब यह मुकाबला दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों और केजरीवाल के बीच होगा।
कांग्रेस पार्टी ने आगामी चुनावों के लिए अपनी पहली सूची में 21 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में पार्टी ने अनुभव और युवा जोश का संतुलित मिश्रण प्रस्तुत किया है, जबकि परिवारवाद की भी झलक दिखाई देती है। अनुभवी उम्मीदवारों में पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद दीक्षित का नाम प्रमुख है, जो अपनी सशक्त राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते हैं। बदली से पूर्व विधायक और मौजूदा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव को भी मैदान में उतारा गया है। इन निर्णयों से कांग्रेस ने अपने सशक्त नेतृत्व को मैदान में उतारने का संकेत दिया है।
पटपड़गंज से कांग्रेस के पूर्व दिल्ली अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार को आम आदमी पार्टी के अवध ओझा के खिलाफ उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, सुल्तानपुर माजरा से कई बार विधायक रह चुके जय किशन को पुनः मौका मिला है। कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक वजीरपुर से और पूर्व मंत्री हारून यूसुफ बल्लीमारान से उतारा गया। साथ ही, सदर बाजार से अनिल भारद्वाज भी चुनाव मैदान में है।
कांग्रेस ने इस बार दिल्ली चुनाव में युवाओं को भी मौका दिया है। युवाओं में कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त, नांगलोई जट से एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष रोहित चौधरी, और मुस्तफाबाद से अली मेहंदी को टिकट मिला है, जो कांग्रेस की नई पीढ़ी के चेहरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं परिवारवाद के हिसाब से चांदनी चौक से पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल और आदर्श नगर से पूर्व मंत्री मंगतराम सिंघल के पोते शिवांक को टिकट दिया गया है, जो इस राजनीति के परिवारिक प्रभाव को दिखाता है।
ओवैसी ने संसद में बीजेपी को घेरा, कहा- देश में मस्जिदें खतरे में, वक्फ बोर्ड छीनने की हो रही कोशिश
14 Dec, 2024 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: संसद में संविधान पर चल रही बहस के दौरान (AIMIM)के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह चिंता व्यक्त की कि देश में मस्जिदों की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को छीनने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे मुस्लिम समुदाय को कमजोर किया जा रहा है। ओवैसी ने यह भी उल्लेख किया कि मुसलमानों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से रोका जा रहा है और वे चुनाव जीतने में असफल हो रहे हैं। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार डिलिमिटेशन प्रक्रिया को लागू नहीं किया जा रहा है, जो कि मुस्लिम समुदाय के लिए एक गंभीर मुद्दा है।
मुस्लिम संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा
ओवैसी ने यह भी कहा कि उर्दू भाषा और मुस्लिम संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने संविधान की सच्चाई पर जोर देते हुए कहा कि इसका अनुच्छेद 26 धार्मिक समुदायों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थाएं स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार प्रदान करता है। प्रधानमंत्री द्वारा वक्फ के संबंध में संविधान से कोई संबंध न होने की बात पर ओवैसी ने सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री को अनुच्छेद 26 का अध्ययन करना चाहिए।
सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को हड़पना
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को हड़पना है, जो कि मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि मुस्लिम समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित न किया जा सके। यह स्थिति न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा है, बल्कि यह देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को भी प्रभावित कर सकती है।
बीजेपी सांसद ने किसानों को लेकर दिया विवादित बयान, राजनीति गरमाई
14 Dec, 2024 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिसार। एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतार आए और टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के विवादित बयान दे दिया है जिससे राजनीतिक में उबाल आ गया है। जांगड़ा ने टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को नशेड़ी कह दिया और आंदोलन के दौरान ह्यूमन ट्रैफिकिंग का आरोप भी लगाया। इसके साथ ही उन्होंने किसान नेताओं पर चंदा वसूली और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप भी लगाया है।
किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी
बीजेपी सांसद जांगड़ा के इस बयान पर किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इनेलो और किसान-मजदूर संगठनों ने जांगड़ा से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के प्रधान सरवन सिंह पंढेर ने सांसद के बयान को किसान आंदोलन का अपमान बताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से किसानों के हौसले को दबाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, इनेलो की महिला प्रकोष्ठ की प्रधान महासचिव सुनैना चौटाला ने इसे किसानों के खिलाफ बीजेपी का दुर्भावनापूर्ण रवैया बताया। उन्होंने कहा कि किसानों और उनके आंदोलन को लेकर इस तरह के बयान निंदनीय हैं।
इनेलो पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है
सुनैना चौटाला ने कहा कि इनेलो के दोनों विधायक किसानों के लिए इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि किसानों की मांगों, विशेषकर एमएसपी की गारंटी को तुरंत पूरा किया जाए। जांगड़ा ने एक बयान में टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के नशेड़ी पिछले एक साल से आंदोलन के नाम पर बैठे हैं। आंदोलन के दौरान ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है और गांवों से 700 लड़कियां गायब हो चुकी हैं। उन्होंने किसान नेताओं राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी पर भी सवाल उठाए और आंदोलन के पीछे छुपे गलत मंसूबों का आरोप लगाया। जांगड़ा के बयान के बाद सियासत गरमा गई है।
इनेलो और अन्य विपक्षी दलों ने इसे किसानों का अपमान बताते हुए बीजेपी सांसद से तुरंत माफी मांगने की मांग की है। दूसरी ओर बीजेपी ने इस बयान पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। किसानों और विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी नेताओं के इस तरह के बयानों से किसानों की जायज मांगों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र नहीं दे रहा वायनाड को विशेष पैकेज, प्रियंका गांधी व विपक्षी सांसदों ने किया विरोध प्रदर्शन
14 Dec, 2024 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वायनाड। वायनाड सांसद प्रियंका गांधी समेत केरल के विपक्षी सांसदों ने शनिवार को वित्तीय मांग को लेकर संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार वायनाड को विशेष पैकेज देने से इनकार कर रही है। हमने गृहमंत्री से अनुरोध किया है, हमने पीएम को लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी इस तरह बड़े पैमाने पर तबाही देखी गई है और वहां कांग्रेस की सरकार है। वे केंद्र से मदद मांग रहे हैं और फिर भी दोनों मामलों में केंद्र सरकार राजनीति के कारण पीड़ितों को उनका हक नहीं दे रही है। प्रियंका गांधी ने कहा कि वे भारत के नागरिक हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। केरल आपदा के बाद के हालात से निपटने के लिए केंद्र से मदद मांग रहा है। राज्य को एक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने राज्य से हेलीकॉप्टर बचाव कार्यों और अन्य सेवाओं के लिए भुगतान करने को कहा है। इससे पहले बाढ़ से अस्त-व्यस्त हो चुके केरल के वायनाड को लेकर गृह मंत्री से प्रियंका गांधी ने मुलाकात की थी।
प्रियंका ने कहा "पीड़ितों में बहुत बुरा संदेश जाएगा"
प्रियंका ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन दिया है। वायनाड में में तबाही खत्म हो गई है। जो लोग प्रभावित हुए हैं उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है। ऐसे में अगर केंद्र कोई कदम नहीं उठा सकता तो इससे पूरे देश और खासकर पीड़ितों में बहुत बुरा संदेश जाएगा। पीएम ने दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी। इसके बाद जब मैं पीड़ितों से मिली तो उन्होंने उम्मीद जताई कि शायद उन्हें कुछ राहत मिलेगी। प्रियंका ने गृहमंत्री अमित शाह से वायनाड के लिए 2221 करोड़ का रिलीफ फंड जारी करने की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि अब चार महीने बीत चुके हैं और वह राहत नहीं मिल रही है।
अडानी मुद्दे पर शरद पवार ने भी छोड़ा कांग्रेस का साथ, अकेले पड़े राहुल गांधी
14 Dec, 2024 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। अडानी मुद्दे पर कांग्रेस अब अकेली पड़ती नजर आ रही है। अब इंडिया गठबंधन के साथ शरद पवार की पार्टी ने भी इस मामले में बढ़ते अलगाव का संकेत दिया है। एनसीपी शरद पवार ने कहा कि संसद के समय का बेहतर उपयोग होगा अगर वह किसानों और युवाओं के मुद्दों पर चर्चा करे, न कि व्यापारी के साथ संबंधों की। कांग्रेस के सहयोगी टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी) और समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस मुद्दे से दूरी बना रखी है, केवल कांग्रेस ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया है।
टीएमसी ने कहा है कि उद्योगपति गौतम अडानी पर चर्चा करने से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। अब शरद पवार के भी कांग्रेस के से पल्ला झाड़ने के बाद कांग्रेस पर दबाव बढ़ सकता है और वह अडानी मुद्दे से पीछे हट सकती है। शुक्रवार को लोकसभा में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस हुई थी। एनसीपी (एसपी) सांसद अमोल कोल्हे ने कहा कि संविधान ने संसद को संवैधानिक प्रणाली में प्रमुख स्थान दिया है। दुर्भाग्य से, कई बार हम अनुभव करते हैं कि इसे राजनीतिक युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है। व्यक्तिगत टिप्पणियों के कारण संसद को कई बार स्थगित किया जाता है।
सांसाद कोल्हे ने कहा कि हमें इस बात की ज्यादा चिंता होनी चाहिए कि हमारे किसानों और युवाओं की आवाज यहां उठती है या नहीं, बल्कि एक राजनीतिक नेता का एक कॉरपोरेट के साथ क्या संबंध है, कौन सा नेता किसी के पलायन में कहां गया है, या किस विदेशी नेता ने एक स्थानीय नेता को चंदा दिया है। हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं, न कि राजनीतिक नारों पर। यह कुछ ऐसा है जिससे सरकार और विपक्ष दोनों को अवगत होना चाहिए। सांसद सुप्रिया सुले जो कोल्हे के बगल में बैठी थीं, पूरे भाषण के दौरान अपनी सहमति जताती रहीं।
एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार, शरद पवार के भतीजे ने हाल ही में कहा था कि पांच साल पहले अडानी ने बीजेपी और एनसीपी के बीच महाराष्ट्र सरकार गठन की बात करवाई थी। यह तब था जब 2019 में महाराष्ट्र चुनावों में गठबंधन की जीत के बाद शिवसेना के एनडीए से बाहर निकलने के बाद अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बुधवार को संसद को बाधित करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। बनर्जी ने अडानी मुद्दे पर कांग्रेस के अटकने की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि हम यहां कुछ काम करने आए हैं। अडानी मुद्दा ही एकमात्र मुद्दा नहीं है। इतने सारे मुद्दे हैं। कांग्रेस अडानी से जुड़ी हुई है और बीजेपी जॉर्ज सोरोस से जुड़ी हुई है। क्या इसका मतलब यह है कि अन्य सभी मुद्दे दूर हो जाएंगे।
एनडीए सरकार में संविधान के तहत बनी संस्थाओं को किया जा रहा कमजोर:अशोक गहलोत
14 Dec, 2024 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर सदन में चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणियों पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार में संविधान के तहत गठित सभी संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज हम क्यों कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है? संविधान के तहत बनी संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, यह खतरा ही तो है। गहलोत ने आरोप लगाया कि संविधान पर खतरा मंडरा रहा है और सरकार द्वारा बिना किसी बहस के पारित किए जा रहे विधेयकों से अविश्वास की स्थिति पैदा हो गई है।
गहलोत ने कहा कि कई सरकारें बदलीं। बदलाव और संवैधानिक संशोधन होते रहे हैं लेकिन संविधान पर मंडराते खतरे को लेकर फर्क है। आज संविधान बचाओ दिवस मनाया जा रहा है तो फिर ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई? उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन के समय कुछ ऐसी प्रक्रियाएं अपनाई गई होंगी। कई बार मामलों पर बहस करनी पड़ती है लेकिन इस सरकार द्वारा शॉर्टकट तरीके से बिल पास करने से लोगों में अविश्वास पैदा हो गया है।
इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत राजनाथ सिंह ने की थी। उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण को हाइजैक करने के लिए पार्टी की आलोचना करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था। राजनाथ ने कहा कि देश का संविधान भारत के मूल्यों पर चलने वाले लोगों द्वारा बनाया गया था और एक विशेष पार्टी द्वारा इसे हाइजैक करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान-निर्माण के कार्य को हमेशा एक विशेष दल द्वारा हाईजैक करने का प्रयास किया जाता रहा है। हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। इसे भारत के लोगों द्वारा इस विविध राष्ट्र के मूल्यों और आकांक्षाओं को मूर्तरूप देते हुए बनाया गया था।
एक देश-एक चुनाव....फिर वन नेशन, वन एमएसपी भी लागू होना चाहिए : बजरंग पूनिया
14 Dec, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । शंभू बॉर्डर (हरियाणा-पंजाब बॉर्डर) पर शनिवार को किसानों ने प्रेसवार्ता कर बताया है कि 101 किसानों का जत्था रवाना होगा। इस बीच पहलवान बजरंग पूनिया का बयान सामने आया है। शंभू बॉर्डर रवाना होने से पहले पूनिया ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर कहा, देश में अगर वन नेशन, वन इलेक्शन की बात हो सकती है, तब वन नेशन, वन एमएसपी भी लागू होना चाहिए। कांग्रेस नेता और पहलवान पूनिया किसानों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। वे युवाओं और किसानों के काफिले के साथ सोनीपत से शंभू बॉर्डर के लिए रवाना हुए, जहां किसान लंबे समय से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस नेता पूनिया ने कहा, मैं पहले भी किसानों के साथ था, अब भी हूं और आगे भी किसानों के साथ खड़ा रहूंगा। उन्होंने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर आंदोलन को मजबूत करने की अपील की। पूनिया ने कहा कि किसान नेताओं से बातचीत कर सभी संगठनों को एक मंच पर लाने का प्रयास करुंगा। बजरंग पूनिया ने किसान नेता जगजीत सिंह डालेवाल की तारीफ कर कहा, उनका कोई स्वार्थ नहीं है। वे देश के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
किसान नेता डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से अनशन पर हैं। शनिवार को उनके अनशन को पूरे 19 दिन हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। डल्लेेवाल के आमरण अनशन को देखकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने भी उनके आंदोलन को समर्थन दिया है।
सत्ता और संविधान के बीच कांग्रेस ने हमेशा सत्ता को चुना : राजनाथ सिंह
14 Dec, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान निर्माण को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की और इसके इतिहास से जुड़े तथ्यों को छिपाने का प्रयास किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष कांग्रेस ने हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की। उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में 17 बार संविधान में संशोधन का हवाला देकर कांग्रेस पर संविधान को अपनी जरूरतों के हिसाब से ढालने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा, “विपक्ष के कई नेता आज संविधान की प्रति अपनी जेब में लेकर घूमते हैं। उन्होंने अपने परिवार में पीढ़ियों से जेब में रखने का ही तरीका सीखा है। लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर रखती है। हमारी सरकार संविधान के मूल्यों को पूरी ईमानदारी से लागू करती है।”
रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि सत्ता और संविधान के बीच कांग्रेस ने हमेशा सत्ता को प्राथमिकता दी। रक्षा मंत्र ने कांग्रेस को खरी-खरी सुनाकर कहा कि “कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किए, बल्कि दुर्भावना के साथ धीरे-धीरे इस बदलने का प्रयास भी किया। हमारी सरकार ने जो भी संशोधन किए, उनका उद्देश्य संविधान को सशक्त करना और सामाजिक कल्याण को बेहतर बनाना है। राजनाथ सिंह ने अनुच्छेद 370 को हटाने, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को भाजपा सरकार की संवैधानिक प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया।
अखिलेश का केंद्र पर हमला, देश की सीमाएं आज खतरे में और सुरक्षा में सेंध लगी हुई
14 Dec, 2024 01:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने और अल्पसंख्यकों को हाशियों पर धकेलने का आरोप लगाया। यादव ने कहा कि देश की सीमाएं आज खतरे में हैं। उन्होंने कहा, सीमाओं की रक्षा करना किसी भी सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सीमाएं सिकुड़ रही हैं और सीमा सुरक्षा में सेंध लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने देश में बढ़ती आर्थिक विषमता पर चिंता जताकर कहा, आज 82 करोड़ लोग सरकारी अन्न पर निर्भर हैं, जबकि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को ऊंचाई पर बताती है। उन्होंने सवाल उठाया कि देश की 60 प्रतिशत आबादी की प्रति व्यक्ति आय क्या है?
अल्पसंख्यकों के अधिकार और सुरक्षा
सपा प्रमुख अखिलेश ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों, को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उनके खिलाफ हिंसा और संपत्ति नुकसान की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। अखिलेश यादव ने संविधान को लोकतंत्र की प्राणवायु और 90 प्रतिशत जनता का सुरक्षा कवच बताया। उन्होंने कहा, संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा है और यही हमें समानता और न्याय की दिशा में ले जाती है।
उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से पूछा, बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए क्या कर रहे
14 Dec, 2024 12:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को संसद को बताना चाहिए कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए भारत क्या कदम उठा रहा है। मुंबई में पूर्व सीएम ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना कर कहा कि उसका हिंदुत्व केवल वोटों के लिए है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है, जहां पिछले कुछ महीनों में अल्पसंख्यक हिंदुओं को हिंसक हमलों का सामना करना पड़ा है।
ठाकरे ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में सुरक्षित हैं, लेकिन पड़ोसी देश में हिंदुओं का क्या? ठाकरे ने कहा, पीएम मोदी को संसद को बताना चाहिए कि भारत बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा दिया, तब उन्हें बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार भी रोकना चाहिए।
शिंदे को राजस्व और पीडब्ल्यूडी मंत्रालय की पेशकश
14 Dec, 2024 11:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महायुति गठबंधन से नाराज चल रहे एकनाथ शिंदे को भाजपा मनाने में जुटी है। शाह के साथ हुई मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की बैठक के बाद फडनवीस ने फोन पर एकनाथ शिंदे से चर्चा कर उनके गुट को 10 मंत्री पद के साथ पीडब्ल्यूडी और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का ऑफर दिया है, लेकिन शिंदे ने कहा कि हम भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं। ऐसे में हमारे पास कम से कम 12 मंत्री पद होना चाहिए। गौरतलब है कि राकांपा अजीत गुट को 10 मंत्री पद दिए जा रहे हैं, जबकि उनके विधायकों की संख्या शिवसेना से काफी कम है।
केंद्रीय नेतृत्व ने फडणवीस को खुली छूट, मंत्रिमंडल का गठन अपने हिसाब से करें
14 Dec, 2024 10:22 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कथित तौर पर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के गठन के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खुली छूट दे दी है। प्रोफाइल और विभाग आवंटित करने की जिम्मेदारी सीएम फडणवीस की ही होगी। राज्य के लिए महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार 14 दिसंबर को होगा। रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी को 20 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है, जबकि शिवसेना और एनसीपी को 10-10 विभाग मिलने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना चुका है। महाराष्ट्र भी विकास की कहानी का हिस्सा बनने की इच्छा रखता है। सीएम फडणवीस ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में भाजपा के संभावित मंत्रियों के नाम शॉर्टलिस्ट कर लिए गए हैं और अंतिम निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। पिछले माह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने भारी जीत दर्ज की थी। भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन ने 230 सीटें जीतीं, जबकि गठबंधन का हिस्सा छोटे दल पांच सीटों पर विजयी रहे।
फडणवीस के अलावा, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीति, उद्योग और मनोरंजन क्षेत्र के कई नेताओं की उपस्थिति में उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ ली। फडणवीस ने सत्ता-साझाकरण समझौते पर सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच मतभेदों की रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया।
पीएम मोदी ने किया भारतीय रेल की 1600 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पण
14 Dec, 2024 08:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया| इसी क्रम में उन्होंने भारतीय रेल की 1600 करोड़ की अधिक की परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पण किया| इसके तहत झूंसी-प्रयागराज लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के साथ गंगा नदी पर बना रेल पुल राष्ट्र को समर्पित किया गया जिसकी लागत 850 करोड़ है| इस परियोजना से महाकुंभ के दौरान भक्तों की यात्रा को सुगम बनाने में सहायता होगी। इसके साथ प्रयागराज जंक्शन की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग भी की गई। इससे ट्रेनों की आवाजाही और सुरक्षा दोनों बढ़ेगी। महानगरों तक क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बढ़ जाएगी। इसी क्रम में सुगम आवागमन के लिए प्रयागराज के आसपास के इलाकों को भी विकास से जोड़ा गया है। करीब 415 करोड़ की लागत से जिले के विभिन्न स्थानों पर 7 रोड ओवर ब्रिज और 3 रोड अंडर ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। इससे लेवल क्रॉसिंग तो खत्म हुआ साथ ही सड़क और रेल दोनों का सफर और अधिक सुरक्षित हो गया है। कुंभ के दौरान करोड़ों भक्त बिना किसी रुकावट और परेशानी के आ जा सकेंगे। इसके अलावा करीब 226 करोड़ की लागत से प्रयागराज जंक्शन, नैनी, झूसी,सुबेदारगंज, प्रयागराज छिवकी, प्रयागराज रामबाग जैसे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बनाई गई सुविधाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया गया| ज्ञातहो कि, इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए वेटिंग रुम और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सीसीटीवी कैमरे और लाइटिंग, पानी और शौचालय आदि की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रयागराज क्षेत्र में भी यात्रियों की सहूलियत के लिए सुविधाओं का विस्तार किया गया। इसी क्रम में पीएम मोदी द्वारा फाफामऊ, प्रयाग, नैनी, सूबेदारगंज, झूसी और प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन के रिडेवपलप्ड दूसरे प्रवेश द्वार को भी राष्ट्र को समर्पित किया गया है। इनसे यात्रियों का रेलवे स्टेशन और प्लेटफॉर्म तक पहुंचना और आसान हो सकेगा।