राजनीति
पीएम मोदी ने कहा- मैं भी इंसान हूं कोई भगवान नहीं, मुझसे भी गलतियां होतीं हैं
10 Jan, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा कि मैं कोई भगवान नही हूं, मैं भी आपकी तरह एक इंसान हूं, गलतियां हमसे भी होती हैं। पीएम मोदी ने दुनिया में युद्ध की स्थिति, राजनीति में युवाओं की एंट्री, पहले और दूसरे टर्म के बीच अंतर पर जवाब देते हुए कहा कि गलतियां होती हैं, मुझसे भी होती होंगी। मैं भी मनुष्य हूं, कोई देवता नहीं।
पीएम मोदी से पूछा कि अगर युवा को राजनेता बनना है तो उसमें क्या टैलेंट होना चाहिए। इस पर पीएम ने जवाब दिया कि राजनीति में लगातार अच्छे लोग आते रहने चाहिए। मिशन लेकर आएं, एंबीशन लेकर नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मेरा एक भाषण था, जिसमें कहा था कि गलतियां होती हैं, मुझसे भी होती होंगी। मैं भी मनुष्य हूं, कोई देवता थोड़ी हूं।
कई देशों के बीच चल रहे युद्ध पर पूछा कि आज पूरी दुनिया युद्ध की ओर चल रहा है। क्या हमें चिंतित होना चाहिए? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने लगातार कहा है कि हम न्यूट्रल नहीं हैं, मैं शांति के पक्ष में हूं। वहीं, जब प्रधानमंत्री से पहले और दूसरे टर्म के अंतर के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि पहले टर्म में लोग मुझे समझने की कोशिश करते थे और मैं भी दिल्ली को समझने की कोशिश करता था। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई इंटरव्यूज देते रहे हैं, लेकिन यह उनका पहला पॉडकास्ट इंटरव्यू है। एक दिन पहले ही पॉडकास्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिससे सस्पेंस बढ़ गया था। हालांकि, उन्होंने पीएम मोदी का नाम नहीं बताया था, लेकिन हंसने की आवाज से पीएम मोदी को कई लोगों ने पहचान लिया था। अब गुरुवार को निखिल ने पॉडकास्ट का पहला ट्रेलर लॉन्च किया है।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा का दावा- दिल्ली में पूर्ण बहुमत से बनेगी भारतीय जनता पार्टी की सरकार
10 Jan, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गुरुवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रबंधन समिति के साथ बैठक कर चुनाव के मद्देनजर पार्टी की संगठनात्मक व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इस बैठक में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा, सह-चुनाव प्रभारी अतुल गर्ग (सांसद), सह प्रभारी डॉ अल्का गुर्जर, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा, प्रदेश चुनाव संचालन समिति प्रमुख हर्ष मल्होत्रा (सांसद) एवं सह-प्रमुख मनोज तिवारी (सांसद) भी उपस्थित रहे।
नड्डा ने पहले भाजपा की दिल्ली चुनाव संचालन समिति के साथ बैठक की और तत्पश्चात चुनाव प्रबंधन के अलग-अलग विभागों की बैठक की और पार्टी की चुनाव तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने प्रदेश भाजपा चुनाव संचालन समिति एवं चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों को पार्टी की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने का मार्गदर्शन दिया। नड्डा ने कहा कि दिल्ली का यह विधानसभा चुनाव झूठ एवं भ्रष्टाचार रूपी अरविंद केजरीवाल और सच एवं विकास रूपी भाजपा के बीच चुनाव का अवसर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल रूपी आप-दा से मुक्त होने का मन बना लिया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि दिल्ली की महान जनता इस चुनाव में सच एवं विकास को चुनेगी और दिल्ली को आम आदमी पार्टी से मुक्त करवाएगी।
तेजस्वी के साथी विधायक ने कहा- भाजपा के लोग गोमांस खाते हैं, मचा गया सियासी बवाल
10 Jan, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
समस्तीपुर। विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के सीपीआईएम विधायक अजय कुमार ने बीजेपी नेताओं को लेकर विवादित बयान दिया है। दरअसल अजय कुमार ने विभूतिपुर के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं पर गौ मांस खाने का आरोप लगाया है। यह बातें अजय कुमार ने बीते 3 जनवरी को विभूतिपुर के दिवंगत पत्रकार ब्रजकिशोर ब्रजेश के श्रद्धांजलि सभा के दौरान अपने भाषण के बीच कही।
अजय कुमार ने कहा कि इस देश की जो सबसे बड़ी बीफ कंपनी है, उसका नाम सुनने पर लगता है कि वह किसी मुसलमान का है। लेकिन, वह मुस्लिम का नहीं है वह हिंदू की है और वह आरएसएस से जुड़ा हुआ है। उस पर वे लोग कोई प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहे हैं क्योंकि वे लोग चुनाव में पैसा देते हैं। उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव और कॉमन सिविल कोड कि वह बातें नहीं करता। वे लोग पूरे देश में इसके सारे संप्रदाय एकता की जहर घोलकर एक बार फिर इस देश के अंदर हिंदुत्व की भावना को जगा कर अपनी बहुमत हासिल करना चाहता है। पिछले चुनाव में जो 63 सीट वे लोग हार गए हैं, उसे हासिल करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी की हुकूमत है, गोवा, पुडुचेरी और अरुणाचल प्रदेश के अंदर वहां के लोग क्या कहते हैं? वह मांसाहारी ही नहीं जिस पर बीजेपी के लोग राजनीति करते हैं। गाय हमारी माता है, इसके सिवाय हमको कुछ नहीं आता है। वहीं भाजपा के लोग गाय का मांस खाते हैं। वह इतने पर ही नहीं रुके। इसको लेकर उन्होंने बीजेपी और आरएसएस के लोगों को चुनौती तक दे डाली कि वह इस पर उनसे बात करें। वह इस मुद्दे पर वह बात करने के लिए तैयार है।वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य गुंजा मिश्रा ने कहा कि यह लोग आज तक देश की सत्ता में नहीं आ सके। यह लोग केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को गाली देने का काम किए हैं। समूचे हिंदुओं को गाली देने का काम किया है। भाजपा नेता ने कहा कि विधायक अपनी गलती इस बयान के लिए माने नहीं तो भाजपा के लोग इस पर बड़ा निर्णय लेंगे। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस पर सख्ती कार्रवाई करने की मांग की है।
दिल्ली चुनाव में भाजपा और आप के बीच पोस्टर वॉर तेज
10 Jan, 2025 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच पोस्टर वॉर तेज हो गया है। पिछले 9 दिनों में दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप के पोस्टर और एडिटेड वीडियो शेयर किए हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़ी चार पोस्टर साझा किए, जिसमें एक में उन्हें गोविंदा की फिल्म राजा बाबू के रूप में दिखाया गया, वहीं दूसरे पोस्टर में केजरीवाल के साथ एक टॉयलेट शीट की फोटो लगाकर टॉयलेट चोर का आरोप लगाया। इसके अलावा भाजपा ने केजरीवाल को दुलकर सलमान की फिल्म लकी भास्कर के पोस्टर के रूप में भी पेश किया।
भाजपा के इन पोस्टरों के जवाब में आप ने भी 8 पोस्टर और एडिटेड वीडियो शेयर किए। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं, जो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। आप ने पहले ही अपनी पूरी सूची उम्मीदवारों की घोषित कर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव मैदान में है। इस बीच, कांग्रेस ने भी अपनी तीन लिस्ट में 48 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा को कालकाजी सीट से प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में 29 उम्मीदवारों का ऐलान किया है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली से उम्मीदवार बनाया गया है।
बजट से पहले सरकार की प्रशासनिक सर्जरी, पांडे को राजस्व विभाग का प्रमुख बनाया
10 Jan, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्रीय बजट के आने में एक माह से भी कम का समय बचा है। बजट आने से पहले मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। केंद्र ने अपने सबसे वरिष्ठ सचिव तुहिन कांत पांडे को नई जिम्मेदारी सौंपी है। पांडे को मोदी सरकार ने राजस्व विभाग का प्रमुख नियुक्त किया। पांडे अरुणीश चावला के स्थान पर नियुक्त किए गए हैं, जिन्होंने करीब 14 दिन पहले ही राजस्व सचिव का पदभार संभाला था। वहीं चावला को तुहिन कांत पांडे के स्थान पर निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में सचिव बनाया है।
केंद्र की नियुक्ति समिति (एसीसी) के निर्णयों का हवाला देकर एक सरकारी आदेश में कहा गया है, चावला, आईएएस (बीएच:92) नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव और संस्कृति मंत्रालय के सचिव के पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभालने वाले है। जारी आदेश में कहा गया, पांडे, आईएएस (ओआर:87) को वित्त सचिव (एफएस) के पद पर नियुक्त किया जाना जारी रहेगा।” वित्त मंत्रालय में वरिष्ठतम सचिव को वित्त सचिव के रूप में नामित किया जाता है। तुहिन कांत पांडे 28 अगस्त 2016 से वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और प्रधान सचिव के पद पर सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
पांडे 22 अक्टूबर, 2019 से दीपम सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं और सरकार की विनिवेश रणनीति में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 24 के संशोधित अनुमानों से विनिवेश के लिए कोई विशिष्ट संख्या देना बंद कर दिया और इसके बजाय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा धन सृजन पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें लाभांश और लाभ शामिल थे।
फरवरी 2024 में अंतरिम बजट के बाद पांडे ने कहा कि हम अब मूल्य सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि सार्वजनिक संपत्तियों और उद्यमों के मूल्यों को अनुकूलित किया जा सके। कुछ मूल्यों को मुद्रीकरण के माध्यम से निपटाया जा सकता है, अन्य लाभांश के रूप में आय हो सकते हैं। यहां तक कि निपटान को भी परिसंपत्ति के सही मूल्य से जोड़ा जाना चाहिए।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि डॉ. चावला एक प्रतिभाशाली अधिकारी हैं और उनका लंबा अनुभव है, लेकिन आगामी बजट में राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण मामलों को संभालने के लिए अधिक अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता थी।” चावला को इस पद पर तब नियुक्त किया गया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एसीसी ने 11 दिसंबर, 2024 से तीन साल की अवधि के लिए तत्कालीन राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी थी। अधिकारी ने कहा, “बजट के समय उनकी अचानक पदोन्नति से एक खालीपन पैदा हो गया था, जिसके लिए अनुभव की आवश्यकता थी।”
बिहार कैडर के 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी चावला ने 1 नवंबर, 2023 से रसायन और उर्वरक मंत्रालय में फार्मास्यूटिकल्स विभाग में सचिव के रूप में कार्य किया। फार्मास्यूटिकल्स विभाग में सचिव के रूप में कार्य करने से पहले, चावला ने मेट्रो रेल परियोजना पटना के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया; और आर्थिक मामलों के विभाग के माध्यम से विदेशी असाइनमेंट पर वरिष्ठ अर्थशास्त्री, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के मंत्री (आर्थिक); और वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया।
केंद्रीय मंत्री बोले- महाकुम्भ का कलाग्राम आगंतुकों के लिए अनुपम स्मृति साबित होगा
10 Jan, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में बनाए जा रहे कलाग्राम का भ्रमण कर तैयारियों को देखा और कहा कि ‘कलाग्राम’ का भ्रमण आगंतुकों के लिए एक अनुपम स्मृति साबित होगा। दिल्ली से प्रयागराज पहुंचे शेखावत ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर-सात में बन रहे कलाग्राम का जायजा लिया। शेखावत ने कहा कि महाकुम्भ ऐसा अवसर है जहां पूरे भारत की विविधता का एक जगह अनुभव किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जो लोग भारत के महान धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में शामिल होंगे। कलाग्राम उनका भारत की सांस्कृतिक विविधता से परिचय कराएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की सभी सांस्कृतिक विविधताओं कला, हस्तशिल्प और स्थानीय भोजन, का अनुभव कराने के लिए कलाग्राम को विकसित किया है।
सुबह राज्यपाल से मिले नीतीश, दोपहर तक चार विश्वविद्यालयों में नए कुलपति नियुक्त
10 Jan, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने चार विश्वविद्यालयों में नए कुलपति नियुक्त किए हैं। मुंगेर, पूर्णिया, नालंदा खुला विश्वविद्यालय और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में नई नियुक्तियां हुई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत के बाद राज्यपाल ने यह फैसला लिया। यह राज्यपाल खान का पहला बड़ा फैसला है।
राज्यपाल खान ने चार विश्वविद्यालयों के लिए नए कुलपतियों की घोषणा की। प्रो. संजय कुमार को मुंगेर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रो. विवेकानंद सिंह पूर्णिया विश्वविद्यालय के नए कुलपति बने है। प्रो. रविंद्र कुमार नालंदा खुला विश्वविद्यालय की कमान दी गई है। डॉ. इंद्रजीत सिंह को बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है। गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश राजभवन गए। राज्यपाल के शपथ ग्रहण के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। बताया जा रहा इसी बैठक में कुलपतियों के नामों पर अंतिम मुहर लगी। इसके बाद राजभवन ने आधिकारिक रूप से नियुक्तियों की घोषणा की।
कौन बने किस यूनिवर्सिटी के कुलपति
प्रो.कुमार (पटना विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के अध्यक्ष) को नालंदा खुला विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। वे बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर के पूर्व प्रो-वीसी भी रह चुके हैं। पूर्व कुलपति प्रो. केसी सिन्हा के रिटायर होने के बाद से यह पद प्रभारी कुलपति के नेतृत्व में चल रहा था।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय अब तक बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के अधीन था। अब प्रो. सिंह को इस विश्वविद्यालय का स्वतंत्र कुलपति बनाया गया है। मुंगेर विश्वविद्यालय की कमान नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के प्रो-वीसी प्रो. संजय कुमार को सौंपी गई है। पूर्णिया विश्वविद्यालय का नेतृत्व एनआईटी पटना के प्रो-वीसी प्रो. विवेकानंद सिंह को दी गई है। अगस्त 2024 से दोनों विश्वविद्यालय प्रभारी कुलपतियों के अधीन चल रहे थे। राजभवन के प्रधान सचिव वीएल चोंगथू द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि सभी नए कुलपतियों का कार्यकाल तीन साल का होगा।
यूसीसी: बरेली में बोले सीएम धामी-विधेयक तैयार
10 Jan, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बरेली। उत्तराखंड जनकल्याण समिति की ओर से आयोजित उत्तरायणी मेले में शामिल हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लैंड जेहाद बड़ी समस्या थी इसपर अंकुश के लिए कानून के तहत पांच हजार एकड़ जमीन कब्जामुक्त कराई। वहीं, थूक जेहाद पर भी कार्रवाई की। क्योंकि दुनिया भर में देवभूमि शुद्धता के लिए पहचानी जाती है। लिहाजा थूक जेहाद पर कार्रवाई का नियम बनाया। बाबा साहब ने संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिकता कानून का प्रावधान किया था। ताकि प्रदेश और देश ने समान नागरिक कानून संहिता लागू हो। इसका विधेयक उत्तराखंड में तैयार हो गया है और इसी माह यह लागू करने का प्रयास है। देवभूमि से पवित्र नदियों की भांति प्रवाहित होकर यह संहिता देश भर में अपनी पहचान बनाएगा, इसी उम्मीद है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में बड़ी तादाद में धर्मांतरण हो रहा था। लालच देकर। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए धर्मांतरण रोधी कानून बनाया। हल्द्वानी में दंगा भडक़ा था जिसे देखते हुए दंगा नियंत्रण कानून बनाया। जो दोषी होगा उसी से पूरी वसूली की जाएगी। सख्त नकल कानून नकल रोकने में देश के अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण है। क्योंकि नकलमाफिया के चलते गरीबों को नौकरी नहीं मिल पाती थी। हुनर, बौद्धिकता के बावजूद वे असफल रहते थे। जो भी नकल में संलिप्त थे उन्हें जेल भेजा, सौ नकल माफिया पर कार्रवाई की। नतीजा रहा कि तीन साल में 19 हजार लोगों को नौकरी मिली। जबकि 19 वर्षों में सिर्फ 14 हजार लोगों को नौकरी मिली। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बीते वर्ष इन्वेस्टर्स मीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे और उन्होंने डेस्टिनेशन वेडिंग के तौर पर उतराखंड आने की अपील लोगों से की थी। लिहाजा इसके विकास का खाका खींचा जा रहा है। इसके।अलावा फिल्म शूटिंग के तौर पर भी क्षेत्र का विकास चल रहा है। प्रदेश में होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना, स्वरोजगार योजना अन्य योजना लागू की है। ताकि बेरोजगारी से निजात मिल सके। कहा कि महिलाएं ऐसे उत्पाद बना रही हैं, जो इंटरनेशनल लेबल के हैं। खिलौने, प्रसाद, कपड़े आदि तैयार कर रहे हैं। हाउस ऑफ हिमालय के तौर पर प्रसिद्द कर रहे हैं।
हरिद्वार से ऋषिकेश तक बनेगा गंगा कॉरिडोर
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक विरासत के पुनर्जागरण का यज्ञ शुरू हुआ है। चौतरफा विकास हो रहा है। चाहे काशी कॉरिडोर हो या उज्जैन में। महाकाल लोक या फिर अयोध्या में मंदिर का निर्माण हो। यह आधार है सांस्कृतिक विरासत का। हमारी सरकार उत्तराखंड में विरासत को सहेजने का प्रयास कर रही हैं। जहां एक ओर बाबा केदारनाथ के धाम का निर्माण हो रहा है तो दूसरी ओर हाल में हुए उपचुनाव में बड़ी विजय मिली। उत्तराखंड के बैजनाथ धाम में करोड़ों की लागत से मास्टरप्लान पर कार्य हो रहा है। मानस खण्ड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के जितने भी पौराणिक मंदिर हैं, उनके सुंदरीकरण, पुनर्निर्माण का कार्य हो रहा है। प्रतिवर्ष चार करोड़ लोग उत्तराखंड कांवड़ लेने या लेकर जाते हैं। 25 वर्षों में संख्या तेजी से बढ़ेगी। गंगा कॉरिडोर हरिद्वार से ऋषिकेश तक बनाने का निर्णय लिया है। ताकि धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़े। मां पूर्णागिरी दर्शन के लिए सर्वाधिक भक्त पहुंचते हैं।
दिल्ली चुनाव में महिला वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियों में मची होड़...राजनीतिक दलों ने निकाला सत्ता हथियाने का नया फॉर्मूला
10 Jan, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। मप्र, महाराष्ट्र और झारखंड के बाद अब दिल्ली में भी महिला वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ शुरू हो गई है। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि हाल के वर्षों में वोटिंग करने वाली महिलाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इसे देखते हुए दिल्ली में भी अब राजनीतिक दलों ने महिला वोटरों को वोट बैंक के रूप में देखना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि तीनों ही दल महिला वोटरों के लिए अपनी योजनाओं पर फोकस कर रहे हैं। दिल्ली चुनाव में सभी दल मुफ्त योजना के रास्ते पर चल रहे हैं। आप की मुफ्त योजनाएं, जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और बस यात्रा, इस बार भी चर्चा में है। आम आदमी पार्टी के बाद अब दूसरे दलों की तरफ से भी इस तरह की घोषणा होती रही है। भाजपा इसे रेवड़ी कल्चर कहते हैं और तर्क देते हैं कि ऐसी योजनाएं सरकारी खजाने पर भारी बोझ डालती हैं। दिल्ली के मतदाताओं को मुफ्त योजनाओं का सीधा लाभ मिलता है। आप की लोकप्रियता के पीछे इसे अहम फैक्टर माना जाता है।महिला मतों को लुभाकर पार्टियां सरकार भले ही बना लें पर जहां राज्य की अर्थव्यवस्था को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, वहीं महिलाओं का भी कुछ स्थायी और पर्याप्त भला नहीं हो रहा है। महिलाओं को नकद राशि बांटने की घोषणा दिल्ली की आर्थिकी चौपट कर सकती है। महिला मतदाताओं की संख्या में वृद्धि ने पार्टियों को महिला लुभावन घोषणाओं के लिये मजबूर कर दिया है, लेकिन उनकी घोषित योजनाएं महिला मतदाताओं के लिए स्थाई सामाजिक, आर्थिक उन्नति तथा राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व एवं अधिकारों की बढ़ोत्तरी से जुड़ी नहीं है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी मुफ्त योजनाओं और कामकाजी मॉडल के दम पर मैदान में उतर रही है। वहीं भाजपा मोदी फैक्टर और विकास एजेंडा पर जोर देगी। कांग्रेस के पास खोने के लिए दिल्ली में कुछ भी नहीं है ऐसे में पार्टी अपने आप को मजबूत करना चाहेगी।
आप और कांग्रेस योजनाओं की कर चुकी हैं एलान
दिल्ली सरकार ने हाल ही में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना शुरू की है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीते माह कहा था कि अगर फिर से आप की सरकारी बनती है तो महिलाओं को 1000 रुपये नहीं, बल्कि 2100 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, कांग्रेस की ओर से प्यारी दीदी योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। इसमें महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देने की घोषणा की गई है। दूसरी तरफ भाजपा की ओर से अभी फिलहाल कोई योजना की घोषणा नहीं की गई है। फिर भी भाजपा की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री ने भाजपा शासित अन्य राज्यों में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं का जिक्र किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा महिलाओं से जुड़ी योजना की जल्द घोषणा कर सकती है।
71,73,952 महिला गेम चेंजर
राजधानी में कुल मतदाताओं की संख्या 1.55 करोड़ से अधिक पहुंच गई है, जिसमें महिला मतदाताओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाताओं में 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। ऐसे में सभी पार्टियों का फोकस महिला मतदाताओं पर है। आम आदमी पार्टी तो पहले ही महिला सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये देने का वादा कर चुकी है। यही नहीं, महिलाओं में इस योजना का भरोसा दिलाने के लिए अपने ही स्तर पर उनका रजिस्ट्रेशन शुरू किया है। हालांकि इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा है कि चुनाव के बाद अगर वो सत्ता में आती है तो महिलाओं को सम्मान राशि दी जाएगी। कांग्रेस ने भी इसी तरह की योजना का वादा करते हुए महिलाओं को 2500 रुपये देने का वादा करना शुरू कर दिया है। इन दोनों ही दलों को देखते हुए भाजपा भी महिलाओं के लिए अपने चुनाव घोषणा पत्र में इसी तरह का वादा करने की योजना बना रही है। हालांकि अभी वह इस बात का आकलन कर रही है कि महिलाओं को दी जाने वाली ये राशि कितनी रखी जाए।
2020 में जीत का एक्स फैक्टर बनी थी महिलाएं
दिल्ली की राजनीति समझने वाले एक्सपट्र्स का मानना है कि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में महिलाओं की बड़ी मतदान दर ने ही आम आदमी पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 70 सीटों पर 62.59 फीसदी मतदान हुआ, जिसमें कुल पुरुष वोटरों के 62.66 और कुल महिला वोटरों के 62.52 फीसदी ने मतदान किया। आम आदमी पार्टी ने इसी गणित को देखते हुए वक्त-वक्त पर महिलाओं के लिए योजनाओं को लागू किया। आप की दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए बस यात्रा फ्री कर दी थी और इस बार उसने महिला सम्मान योजना का वादा कर दिया है। आप की इस कामयाबी के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक में ये फॉम्र्यूला अपनाया और वहां उसने कामयाबी पायी। इसी तरह से भाजपा ने भी पहले मध्यप्रदेश और फिर महाराष्ट्र में जीत हासिल की।
ये फैक्टर भी रहेंगे हावी
बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दे हमेशा दिल्ली के दिल में रहा है। दिल्ली की महिलाएं सुरक्षा के मामले में बेहद जागरूक हैं। आप ने महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा जैसी योजनाएं शुरू करके एक भरोसेमंद छवि बनाने की कोशिश की है। दिल्ली में वायु प्रदूषण हर साल गंभीर समस्या बनता है। स्मॉग, निर्माण कार्यों से धूल, और वाहनों का धुआं बड़े मुद्दे हैं। हर सरकार की तरफ से दावा होते रहे हैं कि प्रदूषण का समाधान किया जाएगा हालांकि अब तक कोई ठोस समाधान दिल्ली के प्रदूषण को लेकर नहीं देखने को मिला है। दिल्ली में झुग्गी क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं के लिए आवास और पुनर्वास बड़ी चिंता है। आप ने जहां झुग्गी, वहीं मकान योजना शुरू की है। यह देखना होगा कि जनता इसे कितना स्वीकार कर रही है। माना जाता है कि आम आदमी पार्टी की झुग्गी वोटर्स में मजबूत पकड़ है। दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथ है। अरविंद केजरीवाल की तरफ से लगातार इसे लेकर आवाज उठाए जाते रहे हैं। दिल्ली की कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रही है। दिल्ली की जनता विधानसभा चुनाव में इसे भी एक फैक्टर के तौर पर रख सकती है।
संकट में फडणवीस सरकार, दिल्ली पहुंचे अजित पवार ने शाह के सामने रखी अपनी बात
9 Jan, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही सियासी विवाद थमा नहीं है। ऐसे ही आपसी अनबन के चलते राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं। यह दौरा अहम माना जा रहा है क्योंकि धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है। बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है और इससे महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है।
महाराष्ट्र पुलिस ने हत्या मामले से जुड़े जबरन वसूली मामले में वाल्मिक कराड को गिरफ्तार किया है। कराड मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी हैं। खुद मुंडे ने भी इस बात को स्वीकार किया है। बीजेपी विधायक सुरेश धस लगातार मुंडे का जिक्र कर रहे हैं। ऐसे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की चुप्पी चर्चा का विषय है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार चुप क्यों हैं? जहां ये सवाल राजनीतिक गलियारे में हर कोई पूछ रहा है वहीं एक बड़ा अपडेट सामने आया है।
मंत्री धनजंय मुंडे के इस्तीफे के लिए सभी पार्टी नेताओं का दबाव बढ़ रहा है ताकि संतोष दशमुख की हत्या की जांच निष्पक्ष रूप से हो सके। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले सभी पार्टी के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने धनंजय मुंडे के इस्तीफे की भी मांग की। इसके बाद धनंजय मुंडे ने आनन-फानन में अजित पवार से मुलाकात की। इस्तीफे का दबाव बढ़ने के बाद धनंजय मुंडे ने मंत्रालय के हॉल में अजित पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद चर्चा है कि अजित पवार अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। अजित पवार की अमित शाह से करीब 15 मिनट तक चर्चा हुई। प्रारंभिक जानकारी है कि यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में हुई है। दूसरी वजह ये है कि सुनेत्रा पवार को मिले सरकारी बंगले का निरीक्षण करने वह दिल्ली पहुंचे थे। धनंजय मुंडे के इस्तीफे पर भी चर्चा होने की संभावना है। अजित पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
इंडिया गठबंधन की दम पर भाजपा से पंजा लड़ाने वालों ने कांग्रेस को दे दिया झटका
9 Jan, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भाजपा से भिड़ने के लिए तमाम विपक्षी दलों ने एक इंडिया महागठबंधन का गठन किया था। इसमें शामिल दलों का दावा था कि एनडीए से मुकाबले के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा। तभी हम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर पाएंगे। ये तमाम वादे और दावे उस वक्त धरे रहे गए जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेतृत्व पर सवाल उठा दिए। फिर क्या था एक के बाद एक कई दलों ने हाथ झटका और इंडिया गठबंधन को ठेंगा दिखा दिया।
सबसे पहले बंगाल की सीएम और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती दी। फिर एक-एक कर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी नेता शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने ममता बनर्जी के नेतृत्व करने के प्रस्ताव पर सहमति जता दी। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ममता बनर्जी की तरह अपना दुश्मन ही मान लिया है। अब तो लालू यादव के पुत्र और बिहार में महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने इंडिया ब्लॉक को सिर्फ लोकसभा चुनाव तक के लिए की गई व्यवस्था बता कर इसके खात्मे की ही मुनादी कर दी है। इंडिया ब्लॉक में बिखराव का बीजारोपण सबसे पहले ममता बनर्जी ने किया था। देश भर में विपक्षी पार्टियों ने इंडिया ब्लॉक के बैनर तले उम्मीदवार उतारे, लेकिन बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस और वाम दलों को भाजपा की तरह ही दुश्मन बता कर दूरी बना ली। टीएमसी, कांग्रेस और वाम दलों ने अलग-अलग उम्मीदवार उतारे। ममता ने यह साबित भी कर दिया कि बंगाल में भाजपा से टक्कर लेने के लिए वे अकेले ही काफी हैं। टीएमसी संसदीय चुनाव में 22 सीटें जीत कर लोकसभा में चौथी बड़ी पार्टी बन गई। इंडिया ब्लाक में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बाद टीएमसी तीसरी बड़ी पार्टी है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने 18 जनवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। उसी दिन राहुल गांधी भी पटना आ रहे हैं। वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। शायद तेजस्वी को कांग्रेस के इरादे की जानकारी मिल गई है कि सीटों पर वह अड़ सकती है। कांग्रेस को अपनी छवि भी दुरुस्त करनी है कि वह आरजेडी की पिछलग्गू नहीं है। यह सच भी है कि आरजेडी के सहारे कांग्रेस बिहार में 1990 के बाद से ही रही है। राहुल गांधी सीटों को लेकर मुंह न फाड़ें, इसलिए तेजस्वी ने अपने बयान से उनकी बोलती बंद करने की कोशिश की है।
देश में 2019 से ही भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने का प्रयास होता रहा है। पहली बार 2019 में आंध्र प्रदेश के सीएम और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नेता चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की पहल की थी। तब वे एनडीए से बाहर थे। दूसरी बार 2021 में बंगाल फतह करने के बाद ममता बनर्जी ने प्रयास किया। निराशा हाथ लगने पर दोनों ने मौन धारण कर लिया था। तीसरा प्रयास महागठबंधन में रहते बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने किया। उन्हें सफलता जरूर मिली, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले ही उन्होंने अपनी राह अलग कर ली। उन्होंने फिर से भाजपा के साथ जाना पसंद किया। बची कसर जनता ने पूरी कर दी, जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ बहुमत से दूर रह गया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को भाव नहीं दिया। हरियाणा में तालमेल को लेकर कांग्रेस के रुख से आहत आप ने बिना किसी से तालमेल किए सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। बिहार में भी आरजेडी पिछली बार की तरह कांग्रेस को तवज्जो देने के मूड में नहीं है। 2020 में आरजेडी से 70 सीटें कांग्रेस ने ले ली थीं, लेकिन जीतीं सिर्फ 19 सीटें। तेजस्वी यादव और लालू यादव को अब तक इस बात का मलाल है कि कांग्रेस को उतनी सीटें नहीं मिली होतीं तो तेजस्वी ही शायद सीएम होते। दर्जन भर सीटों की कमी से तेजस्वी चूक गए थे।
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही तीनों राजनीतिक दलों की निगाहें अब सोशल मीडिया पर मशहूर शख्सियतों पर टिक गई हैं
9 Jan, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही तीनों राजनीतिक दलों की निगाहें अब सोशल मीडिया पर मशहूर शख्सियतों पर टिक गई हैं। वह ऑनलाइन कंटेंट में सियासी संदेश को घोलने के लिए ऐसे प्रचारक की तलाश में हैं, जिनकी पहचान कविता-कहानी, लिखने-पढ़ने, मीम्स-कार्टून बनाने, स्टैंडअप कॉमेडी और लोकगीत व संगीत सुनाने से बनी है। इसमें सियासतदां होना जरूरी नहीं, लेकिन लिखावट में कसावट और पोस्ट में तुकबंदी होनी चाहिए। साथ में पहुंच भी लाखों में हो। वहीं, अलग-अलग इलाकों में सक्रिय यूट्यूबर भी इसमें फिट हैं।
नाम उजागर न करने की शर्त पर पार्टी रणनीतिकार भी मानते हैं कि इस तरह का चलन इस चुनाव में तेजी से बढ़ा है। पूर्वांचल, उत्तराखंड, पंजाब समेत ऐसे राज्यों से दिल्ली में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बुलाए जा रहे हैं, जिनकी स्थानीय पहचान है। दिल्ली में इनको उसी इलाके में भेजा जा रहा है, जहां उनके प्रदेश के लोगों की आबादी ज्यादा है। इनकी रील्स, यूट्यूब ब्लॉग, मीम्स, कार्टून, फोटो पोस्ट, छोटे-छोटे, लेकिन प्रभावी पॉडकास्ट व सनसनीखेज खबरों के जरिये आम यूजर की जिंदगी में दबे पांव सियासी संदेश घोला जा रहा है। इन्फ्लूएंसर व यू-ट्यूबर को इसके बदले अच्छी कीमत का प्रस्ताव भी रखा जा रहा है। आलम यह है कि जितनी अधिक फॉलोइंग, हर पोस्ट के लिए उतनी ही अधिक रकम भी।
नाव में होगा सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल
राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया की परामर्शदाता कंपनी दक्ष न्यू कम्यूनिकेशन के डायरेक्टर आशुतोष मिश्रा बताते है कि यू-ट्यूब समेत सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म दिल्ली चुनाव में बड़ा बाजार बनकर उभरे हैं। इससे पलक झपकते ही नेताजी के बयान, दिनचर्या और सियासी मुद्दे बड़ी आबादी तक पहुंच रहे हैं। त्वरित टिप्पणी या बार-पलटवार एक क्लिक पर लोगों की नजरों के सामने होता है। अपने पसंददीदा कंटेंट क्रिएटर को किसी पार्टी की तारीफ करते देख लोग उस पर जल्दी भरोसा भी कर लेते हैं।
मुंबई की सोशल मीडिया मार्केटिंग कंपनी की एक्सपर्ट स्वीटी टंडन बताती हैं कि सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफार्म बनकर उभरा है, जिससे हम हर घर तक दस्तक दे सकते हैं। इन दिनों हर हाथ में मोबाइल है। चाहे वह झुग्गी-झोपड़ी में रहने बाले लोग हों या रेहड़ी-पटरी वाले। काम के बीच में या बोर होने पर लोग इंस्टा पर रील देख लेते हैं या यूट्यूब पर अपने गांव के व्लॉगर का चैनल खोजते हैं। डेटा अनलिमिटेड है ही।
दिल्ली में बसे पहाड़ के लोगों में लोकप्रिय एक हास्य कलाकार की फॉलोइंग करीब एक लाख है। उनका कहना है कि बीते एक सप्ताह से इनबॉक्स में अलग-अलग दलों से मैसेज आए हैं। हर वीडियो पर हजारों रुपये देने का ऑफर है। इसके बदले में उनके पक्ष में वीडियो बनाकर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड करना होगा।राजनीतिक दलों की निगाहें ऑनलाइन कंटेंट में सियासी संदेश को घोलने के लिए ऐसे प्रचारक की तलाश में हैं, जिनकी पहचान कविता-कहानी, लिखने-पढ़ने, मीम्स-कार्टून बनाने, स्टैंडअप कॉमेडी और लोकगीत व संगीत सुनाने से बनी है।
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही तीनों राजनीतिक दलों की निगाहें अब सोशल मीडिया पर मशहूर शख्सियतों पर टिक गई हैं। वह ऑनलाइन कंटेंट में सियासी संदेश को घोलने के लिए ऐसे प्रचारक की तलाश में हैं, जिनकी पहचान कविता-कहानी, लिखने-पढ़ने, मीम्स-कार्टून बनाने, स्टैंडअप कॉमेडी और लोकगीत व संगीत सुनाने से बनी है। इसमें सियासतदां होना जरूरी नहीं, लेकिन लिखावट में कसावट और पोस्ट में तुकबंदी होनी चाहिए। साथ में पहुंच भी लाखों में हो। वहीं, अलग-अलग इलाकों में सक्रिय यूट्यूबर भी इसमें फिट हैं।
नाम उजागर न करने की शर्त पर पार्टी रणनीतिकार भी मानते हैं कि इस तरह का चलन इस चुनाव में तेजी से बढ़ा है। पूर्वांचल, उत्तराखंड, पंजाब समेत ऐसे राज्यों से दिल्ली में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बुलाए जा रहे हैं, जिनकी स्थानीय पहचान है। दिल्ली में इनको उसी इलाके में भेजा जा रहा है, जहां उनके प्रदेश के लोगों की आबादी ज्यादा है। इनकी रील्स, यूट्यूब ब्लॉग, मीम्स, कार्टून, फोटो पोस्ट, छोटे-छोटे, लेकिन प्रभावी पॉडकास्ट व सनसनीखेज खबरों के जरिये आम यूजर की जिंदगी में दबे पांव सियासी संदेश घोला जा रहा है। इन्फ्लूएंसर व यू-ट्यूबर को इसके बदले अच्छी कीमत का प्रस्ताव भी रखा जा रहा है। आलम यह है कि जितनी अधिक फॉलोइंग, हर पोस्ट के लिए उतनी ही अधिक रकम भी।
दिलचस्प यह, एक्स पर पोस्ट/रिपोस्ट करने से लेकर इंस्टाग्राम में 24 घंटों के लिए स्टोरी डालने की कीमत महज 300 रुपये से शुरू है। इसमें आपको पैसे देने वाली पार्टी की बढ़ाई या उसके द्वारा किए गए कार्य को हाईलाइट करना होगा। ये रकम यूट्यूब व्लॉग या इंस्टा रील तक पहुंचते-पहुंचते पांच से दस हजार रुपये तक भी पहुंच जाती है। एक्स पर राजनीतिक पेजों के डीएम पर इसको लेकर हजारों रुपये के प्रस्ताव हैं। कई मामलों में तीस से पचास हजार रुपये तक भी दिए जा रहे हैं।
चुनाव में होगा सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल
राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया की परामर्शदाता कंपनी दक्ष न्यू कम्यूनिकेशन के डायरेक्टर आशुतोष मिश्रा बताते है कि यू-ट्यूब समेत सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म दिल्ली चुनाव में बड़ा बाजार बनकर उभरे हैं। इससे पलक झपकते ही नेताजी के बयान, दिनचर्या और सियासी मुद्दे बड़ी आबादी तक पहुंच रहे हैं। त्वरित टिप्पणी या बार-पलटवार एक क्लिक पर लोगों की नजरों के सामने होता है। अपने पसंददीदा कंटेंट क्रिएटर को किसी पार्टी की तारीफ करते देख लोग उस पर जल्दी भरोसा भी कर लेते हैं।
मुंबई की सोशल मीडिया मार्केटिंग कंपनी की एक्सपर्ट स्वीटी टंडन बताती हैं कि सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफार्म बनकर उभरा है, जिससे हम हर घर तक दस्तक दे सकते हैं। इन दिनों हर हाथ में मोबाइल है। चाहे वह झुग्गी-झोपड़ी में रहने बाले लोग हों या रेहड़ी-पटरी वाले। काम के बीच में या बोर होने पर लोग इंस्टा पर रील देख लेते हैं या यूट्यूब पर अपने गांव के व्लॉगर का चैनल खोजते हैं। डेटा अनलिमिटेड है ही।
दिल्ली में बसे पहाड़ के लोगों में लोकप्रिय एक हास्य कलाकार की फॉलोइंग करीब एक लाख है। उनका कहना है कि बीते एक सप्ताह से इनबॉक्स में अलग-अलग दलों से मैसेज आए हैं। हर वीडियो पर हजारों रुपये देने का ऑफर है। इसके बदले में उनके पक्ष में वीडियो बनाकर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड करना होगा।
इंडिया गठबंधन पर उमर अब्दुल्ला ने कहा- न कोई नेतृत्व न कोई एजेंडा, आगे साथ रहेंगे या नहीं? कोई स्पष्टता नहीं... तो इसे बंद करिए
9 Jan, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: दिल्ली में इंडिया अलायंस के घटक दलों आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के अलग-अलग चुनाव लड़ने से राजनीतिक गलियारों में दोनों दलों के बीच मतभेद की खबरें हैं। इस पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली चुनाव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने दिल्ली में भाजपा के खिलाफ लड़ रहे दलों को सलाह दी कि भाजपा से सबसे बेहतर तरीके से कैसे लड़ा जाए, इसका फैसला आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और वहां मैदान में उतरने वाली पार्टियों को करना चाहिए। आप को पिछले दो लगातार चुनावों में सफलता मिली थी। हमें इंतजार करना होगा कि इस बार दिल्ली की जनता क्या फैसला लेती है।
इस दौरान उनसे एक और सवाल पूछा गया कि राजद के एक नेता ने कहा है कि इंडिया अलायंस लोकसभा के लिए है। इसका जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जहां तक मुझे याद है, इस पर कोई समय सीमा नहीं रखी गई थी दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया अलायंस के साथियों को बुलाकर ये बातें स्पष्ट करनी चाहिए। अगर ये सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था तो इसे बंद कर दीजिए, फिर हम अपना काम अलग-अलग करेंगे। अगर लोकसभा चुनाव के बाद ये विधानसभा के लिए भी है तो हमें मिलकर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का किया उद्घाटन, ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
9 Jan, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस भव्य कार्यक्रम में दुनिया भर से आए हजारों प्रवासी भारतीयों ने भाग लिया। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने एक पर्यटक ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासी समुदाय की अद्वितीय भूमिका और उनके योगदान को सराहा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों को भारत का राष्ट्रदूत बताया और कहा कि उन्होंने अपने परिश्रम और मूल्यों के माध्यम से विश्व मंच पर भारत का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जब भी वे विदेशी दौरों पर भारतीय समुदाय से मिलते हैं, उन्हें अपार स्नेह और सम्मान प्राप्त होता है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष रूप से शुरू की गई एक पर्यटक ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई। यह ट्रेन तीन सप्ताह तक भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की यात्रा करेगी, जिससे प्रवासी भारतीय अपनी जड़ों से और अधिक जुड़ सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इस पहल को भारत के पर्यटन और सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
वैश्विक मंच पर भारत का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय प्रवासियों के योगदान को केवल व्यवसाय और निवेश तक सीमित न मानते हुए कहा कि वे अपनी संस्कृति, जीवनशैली और मूल्यों से भी वैश्विक समाज को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां की परंपराओं का सम्मान करते हैं और विकास में भागीदार बनते हैं।
भारत की प्रगति की झलक
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने 21वीं सदी में भारत की तेज़ी से बढ़ती विकास यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि बीते दस वर्षों में भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और अब यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत अब वैश्विक दक्षिण की मजबूत आवाज बन चुका है।
अंतरिक्ष और नवीकरणीय ऊर्जा में भारत का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान मिशन, नवीकरणीय ऊर्जा, मेट्रो, बुलेट ट्रेन और मेड इन इंडिया उत्पादों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब केवल प्रगति की बात नहीं करता, बल्कि अपने कार्यों से दुनिया को प्रेरित करता है।
ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की सराहना
ओडिशा की संस्कृति और इतिहास की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राज्य भारत की आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने राज्य की कला, परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों को भारतीय संस्कृति का अमूल्य खजाना बताया।
विशेष पर्यटक ट्रेन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन का उद्घाटन किया। यह ट्रेन तीन सप्ताह तक विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा कर प्रवासी भारतीयों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगी।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तित्व
इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, ओडिशा सरकार के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तित्व उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने अंत में सभी प्रवासी भारतीयों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी निष्ठा और समर्पण भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक है।
मिजोरम के नए राज्यपाल वीके सिंह का शपथ ग्रहण समारोह टला, अब 15 को होगा
9 Jan, 2025 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आइजोल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सेना प्रमुख (सेवानिवृत्त) जनरल विजय कुमार सिंह का मिजोरम के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण समारोह, जो 9 जनवरी को निर्धारित था, उसे स्थगित कर दिया गया है। अब यह समारोह 15 जनवरी को होगा। इससे पहले, मिजोरम सरकार के अधिकारियों ने कहा था कि जनरल वीके सिंह 8 जनवरी को आइजोल पहुंचेंगे और शपथ ग्रहण समारोह अगले दिन यानी 9 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। वीके सिंह अब 15 जनवरी को आइजोल पहुंचेंगे और शपथ ग्रहण समारोह अगले दिन आयोजित किया जाएगा। मिजोरम में वर्तमान में कोई राज्यपाल नहीं है, क्योंकि मौजूदा राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति जो तीन साल और पांच महीने से अधिक समय तक इस पद पर रहे वह दो जनवरी को राज्य छोड़कर चले गए और अगले दिन ओडिशा में राज्यपाल का कार्यभार संभाल लिया। अधिकारियों ने कहा कि नए राज्यपाल पदभार संभालने के बाद अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद बजट सत्र बुलाने की संभावना है।
राजभवन और मिजोरम सरकार के अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित करने के कारणों का खुलासा नहीं किया। एक अधिकारी ने कहा कि जनरल वीके सिंह ने मिजोरम में अपने आगमन और राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित कर दिया है। सूत्रों के हवाले से एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह स्थगन उनके परिवार के किसी सदस्य के चिकित्सा उपचार के कारण हो सकता है।