राजनीति
लोस चुनाव : सीट बंटवारे पर इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों के बीच असंतोष
1 Jan, 2024 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं। शिवसेना ने हाल ही में कुल 23 सीटों पर दावा ठोका था और कहा था कि कांग्रेस को महाराष्ट्र में जीरो से शुरुआत करनी होगी। इसके बाद कांग्रेस की बारी आई।
कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र की 22 सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य के शीर्ष नेताओं के बीच एक बैठक के बाद 48 लोकसभा सीटों में से 22 पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई थी। बैठक में महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने खड़गे के साथ राज्य के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की और उन्हें पार्टी के लिए गढ़ मानी जा रही सीटों पर एक रिपोर्ट दी। सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेताओं ने सुझाव दिया कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में राज्य की 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेताओं में से एक ने यह सुझाव दिया कि पार्टी को कम से कम 22 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जहां उसके जीतने की अच्छी संभावना है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों कि एनसीपी के शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। कहा जाता है कि कांग्रेस नेताओं ने खड़गे को बताया है कि एनसीपी में अजित पवार के विद्रोह और एकनाथ शिंदे के कारण शिवसेना में हुए विभाजन के बाद किसी भी सहयोगी दल के पास अपना पारंपरिक चुनाव चिन्ह पर नियंत्रण नहीं है। सिर्फ कांग्रेस के पास ही अपने चुनाव चिन्ह पर पूरा कंट्रोल है। सूत्रों का कहना है कि खड़गे और राज्य के नेता प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की स्थिति के आधार पर सहयोगियों के साथ कुछ सीटों के आदान-प्रदान की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
बताया जाता है कि नेताओं ने शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत द्वारा सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने पर भी नाराजगी व्यक्त की है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव सीट-बंटवारे में 23 सीटें चाहती है। इस बीच खड़गे ने महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं को गठबंधन या सीट बंटवारे के बारे में ऐसा कोई बयान नहीं देने की सलाह दी है। सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर फैसला लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान अगले हफ्ते शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी के शरद पवार गुट से मिलने वाला है।
साल 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ एक सीट जीती थी। एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार पर जीत हासिल की थी। वहीं, शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में थी, उसने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 पर जीत हासिल की थी।
ललन सिंह ने झूठा प्रचार कर छवि खराब करने का लगाया आरोप
1 Jan, 2024 10:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया है। उन्होंने गलत अभियान चलाकर उनकी छवि खराब करने बा आरोप लगाया है। एक कैबिनेट मंत्री के कार्यालय में जद-यू विधायकों के एक समूह की बैठक में मौजूद होने की खबर को गलत बताते हुए ललन सिंह ने कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दिल्ली में थे। शनिवार को जारी पत्र में सिंह ने कहा कि वह खबर चलाने वालों मीडिया तथा चैनलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जद-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने लोकसभा क्षेत्र की देखभाल करनी है। इस बीच, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को दावा किया कि सिंह 12 से 13 विधायकों की मदद से जदयू को तोड़ने की कोशिश में शामिल थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंह तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश भी लगातार कर रहे हैं। जबकि ललन सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया है।
लोस चुनाव : भ्रष्टाचार से खाली हो गया सरकारी खजाना : सैलजा
1 Jan, 2024 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़ । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी ने आरोप लगाया कि सीएम मनोहर लाल अपनी ही घोषणाओं पर अमल नहीं करवा पा रहे, कोई भी काम समय पर नहीं हो रहा है । प्रदेश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार से सरकारी खजाना खाली हो गया। जबकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिखा रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश में बहुत काम किया है। पिछले दो साल में उन्होंने 1770 घोषणाएं की जिनमें से मात्र 262 ही पूरी हुई है, 355 ऐसी घोषणाएं है जिन पर काम ही शुरू नहीं हुआ है। इस सरकार के कार्यकाल में एक से बढकऱ एक बड़ा घोटाला हुआ, सरकार ने हर बार कहा कि जांच करवाकर दोषी पर कार्रवाई करेंगे पर कोई जांच शुरू नहीं हुई अगर जांच होती तो अपनो के ही हाथ काले मिलते।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को लीव पर भेजना कोई सजा नहीं अगर अधिकारी ने लापरवाही की है तो उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए पर इस सरकार के कार्यकाल में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह से हावी है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है, उसकी हर नीति से जनता परेशान रही है, अब चुनाव का समय समीप आने पर अब दिखावा कर रहे है कि उन्होंने प्रदेश में बहुत काम किया है, जबकि धरातल पर कुछ भी नहीं है।
विधानसभा सत्र में सरकार ने माना ही भ्रष्टाचार के 721 मामले सामने आए है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भ्रष्टाचार को लेकर हंगामा रहा, फरीदाबाद नगर निगम को 200 करोड़ का, गुरूग्राम नगर निगम का 180 करोड़ का भिवानी नगर परिषद में 03 करोड़ 83 लाख रुपये का, अंबाला नगर निगम में 05 करोड़ रुपये का और यहीं पर स्टेडियम निर्माण में 86 करोड़ का, पंचकूला नगर निगम में करोडों रुपये के घोटाले का मुद्दा उठा पर सरकार खुद को बचाने में लगी रही। उन्होंने कहा कि इन घोटालों की जांच करवाकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा निमंत्रण पर आप की दो टूक
1 Jan, 2024 08:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को लेकर आप ने दो टूक जवाब दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राम मंदिर पूरे देश से ताल्लुक रखता है। बीजेपी कौन होती है किसी को न्योता देने वाली। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भगवान राम का मंदिर पूरे देश का है। भारतीय जनता पार्टी यह कहने वाली कौन होती है कि इनको बुलाएंगे और उनके नहीं बुलाएंगे। भगवान राम का मंदिर है जिसको मन करेगा जाएगा, जब मन करेगा जाएगा। वो कौन होते हैं, वो क्यों ठेकेदारी ले रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राम मंदिर को लेकर बीजेपी धर्म की राजनीति कर रही है। जिस तरह से बीजेपी राम मंदिर पर राजनीति कर रही है इससे धर्म को नुकसान पहुंचता है।
बता दें कि अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा। यह आयोजन काफी भव्य होगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन उससे पहले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों और मेहमानों को न्योता भी भेज रहा है। कई विपक्षी दलों को आमंत्रण दिया गया और कई दलों को आमंत्रण अभी तक नहीं भी मिला है। लेकिन अभी इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। अब आदमी पार्टी की तरफ से भी इसपर प्रतिक्रिया दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रण दिया गया है।
आयोजन के सूत्रों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को यहां अपना संबोधन भी दे सकते हैं, जिसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। कई क्रिकेटरों, फिल्मी सितारों, उद्योगपतियों और साधु-संतों को इस कार्यक्रम में आने का न्योता दिया गया है। कई राजनीतिक पार्टियों ने इस कार्यक्रम में आने के लिए हामी भी भरी है तो कुछ पार्टियां बीजेपी पर आऱोप लगा रही है कि वो इसके बहाने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट करने में जुटी हुई है।