राजनीति
महाकुंभ में बैठक को राजनीतिक बताया, कहा- वक्फ की जमीन पर कब्जा करना चाहती है भाजपा- सपा प्रमुख अखिलेश यादव
22 Jan, 2025 02:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बुधवार को सपा ने जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि मनाई। कार्यक्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। उन्होंने जनेश्वर मिश्र को श्रद्धांजलि दी और नमन किया। इस मौके पर सपा प्रमुख ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने महाकुंभ में हो रही योगी कैबिनेट की बैठक को राजनीतिक बताया। सपा प्रमुख ने कहा कि महाकुंभ राजनीति की जगह नहीं है। भाजपा वहां राजनीति कर रही है। उन्होंने पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने मिल्कीपुर चुनाव को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर चुनाव को लेकर भाजपा ने पुलिस को आगे कर दिया है। सपा प्रमुख ने एक दिन पहले वक्फ संशोधन अधिनियम पर लखनऊ में हुई जेपीसी की बैठक पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग वक्फ की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। ये लोग समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव: राहुल-प्रियंका पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में भरेंगे जोश
22 Jan, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, लेकिन कांग्रेस के लोकल नेताओं व पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमीनी कार्य करने में जोश नहीं दिखाया है, जिसे लेकर पार्टी शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है। इसे लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत अन्य शीर्ष नेताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव प्रचार-प्रसार की रणनीति बनाने और उस पर सौ प्रतिशत कार्य करने की नसीहत दे दी है।
कांग्रेस सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और वायनाड सांसद व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी दिल्ली चुनाव प्रचार अभियान को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं, इसे देखते हुए स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता पार्टी के चुनावी प्रयासों को कमजोर करती दिखी है। यही वजह है कि बीते सोमवार राहुल और प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। इस मीटिंग में चुनाव प्रचार की धीमी रफ्तार और स्थानीय नेताओं के कम उत्साह पर सख्त नाराजगी जताई गई। इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा, कि चुनाव सिर्फ शीर्ष नेतृत्व के भरोसे नहीं जीता जा सकता। जबकि प्रियंका गांधी ने स्थानीय नेताओं को आक्रामक प्रचार रणनीति अपनाने और जनता के बीच कांग्रेस की योजनाओं को ले जाने जैसे निर्देश दिए हैं।
स्थानीय नेताओं को सख्त निर्देश
कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन और प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने स्थानीय नेताओं को निर्देश दिया कि वे आक्रामक अभियान चलाएं और पार्टी की योजनाओं को जनता तक प्रभावी तरीके से पहुंचाएं।
कांग्रेस की पांच गारंटियां
यहां बताते चलें कि कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में पांच गारंटियों को प्रमुखता दी है। इनमें महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष घोषणाएं शामिल हैं। रिपोर्ट बताती है कि स्थानीय नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता के चलते पार्टी का यह संदेश जनता तक प्रभावी तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है। इसे देखते हुए राहुल गांधी दिल्ली चुनाव में अब सक्रिय हो रहे हैं और लगातार रैली और जनसभाओं के जरिए मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने को तैयार हैं।
राहुल की रैलियां
राहुल गांधी अब अपनी जनसभाओं की ताबड़तोड़ शुरुआत करने जा रहे हैं, इसके तहत-
22 जनवरी: सदर बाजार – मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण मतदाताओं पर नजर।
23 जनवरी: मुस्तफाबाद – मुस्लिम बहुल क्षेत्र।
24 जनवरी: मादीपुर – अनुसूचित जाति की सुरक्षित सीट, जहां सिख मतदाताओं का भी प्रभाव है।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पूरी सक्रियता से प्रचार अभियान में जुटा है, लेकिन स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता पार्टी के लिए चुनौती बन सकती है। राहुल गांधी की आगामी रैलियां कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास हैं। अब देखना होगा कि क्या कांग्रेस अपने स्थानीय नेताओं को सक्रिय कर दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत कर पाती है।
शाह की हुंकार.....नक्सलवाद देश में आखिरी सांसे ले रहा
22 Jan, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ हुई जोरदार मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गए हैं। प्रशासन ने बताया है कि फिलहाल मुठभेड़ जारी है। सोमवार को शुरू किए गए ऑपरेशन में दो महिला माओवादी और एक जवान घायल हो गए। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद आज देश में आखिरी सांसे ले रहा है। उन्होंने इस ऑपरेशन को नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता बताया।
केंद्रीय मंत्री शाह ने लिखा, नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से, नक्सलवाद आज अंतिम सांस ले रहा है।
रायपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल अमरेश मिश्रा ने कहा, सोमवार को दो माओवादी मारे गए और मुठभेड़ जारी है। मंगलवार को, सेना और पुलिस ने माओवादियों के कम से कम एक दर्जन शव बरामद किए। यह एक ट्रैप हो सकता है और माओवादियों ने शवों के नीचे आईईडी लगा रखे हो सकते है। मुठभेड़ अभी भी जारी है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद हो सकता हैं कि नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा बॉर्डर से पांच किलोमीटर दूर कुलारीघाट रिजर्व वन में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया। जिसमें जिला रिजर्व गार्ड, केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन और ओडिशा के विशेष अभियान समूह की संयुक्त टीम शामिल थी। पुलिस ने बताया कि उन्होंने हथियारों का जखीरा बरामद किया है।
भाजपा ने खेला ‘मुफ्त’ कार्ड
22 Jan, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा, ऑटो वालों के लिए वेलफेयर बोर्ड
नई दिल्ली । दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा ने एक और संकल्प पत्र जारी कर दिया है। इस संकल्प पत्र में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई बड़े वादे किए गए हैं। एक तरफ केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा का ऐलान हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ ऑटो वाले और कैब वालों के लिए अलग से वेलफेयर बोर्ड बनाने की बात कही गई है। इसके अलावा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बड़ा वादा किया गया है।
भाजपा के बड़े संकल्प
दिल्ली के सरकारी शिक्षण संस्थानों में दिल्ली के जरूरतमंद छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
आप सरकार द्वारा दिल्ली में किये कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाते हुए एसआईटी का गठन किया जायेगा
बिना किसी बहाने या आरोप, पड़ोसी राज्य, एमसीडी, एनडीएमसी और केंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली के नागरिकों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे
दिल्ली के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 15,000 की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएंगे
घरेलू कामगारों के लिए वेलफेयर बोर्ड, 10 लाख का जीवन बीमा, 5 लाख का दुर्घटना बीमा, उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और 6 महीने की पेड मैटरनिटी लीव
आटो-टैक्सी चालकों के लिए वेलफेयर बोर्ड, 10 लाख का जीवन बीमा, 5 लाख का दुर्घटना बीमा एवं वाहन बीमा और उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को ‘डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टाइपेंड योजना’ के तहत 1,000 प्रति माह का स्टाइपेंड दिया जाएगा
मेरी एकमात्र जिम्मेदारी पार्टी और सरकार को बचाना है: डीके शिवकुमार
21 Jan, 2025 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों कई तरह की अटकलें चल रही हैं। चर्चा थी कि राज्य की कांग्रेस सरकार में बड़ा बदलाव हो सकता है। सिद्धारमैया सत्ता का शीर्ष पद छोड़ सकते हैं। उनकी जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इस बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा कि उनका अपनी पार्टी में किसी से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि उन्हें किसी विवाद में न घसीटा जाए।
"किसी से कोई मतभेद नहीं"
शिवकुमार ने साफ किया कि उनकी एकमात्र जिम्मेदारी पार्टी और सरकार को बचाना है। पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, "मेरी एकमात्र जिम्मेदारी पार्टी को बचाना और सरकार को स्थिर रखना है। इसके अलावा मेरी कोई और जिम्मेदारी नहीं है। मेरा किसी से कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है। कृपया मेरा नाम किसी विवाद या अनावश्यक चर्चा में न घसीटें।" पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग:
डीके शिवकुमार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ मंत्रियों और विधायकों ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग की है। कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने हाल ही में यह टिप्पणी की थी कि पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए मंत्री ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। इस पर शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी और कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह के आंतरिक मतभेद से परे काम कर रहे हैं।
"फर्जी विवाद न खड़ा करें"
शिवकुमार ने कहा, "यह पार्टी, हाईकमान और मेरे बीच का मामला है। कृपया पार्टी के भीतर किसी तरह का झगड़ा या फर्जी विवाद न खड़ा करें।" जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी में कोई आंतरिक मतभेद है, तो उन्होंने कहा, "पार्टी में कोई दरार नहीं है। मैं कांग्रेस की कर्नाटक इकाई का अध्यक्ष हूं और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ समान व्यवहार करता हूं। सभी को साथ लेकर चलना मेरा कर्तव्य है।"
23 से योगी 26 के बाद मोदी दिल्ली में दिग्गजों की सभाओं से और चढ़ेगा सियासी पारा
21 Jan, 2025 03:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा का मेगा चुनाव प्रचार अभियान इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा। इसमें पार्टी के प्रमुख केंद्रीय नेताओं के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री एवं अन्य नेता जुटेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 जनवरी से अपनी सभा की शुरुआत करेंगे। गणतंत्र दिवस के बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सभाएं होंगी। भाजपा ने अपनी प्रबंधन टीमों के साथ प्रचार अभियान की टीमें भी पूरी तरह तैयार कर दी हैं। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में हर दिन किसी न किसी प्रमुख नेता की सभा होगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री के बाद सबसे ज्यादा मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। योगी एक दर्जन से ज्यादा सभाएं व रोड शो करेंगे। प्रचार अभियान के दौरान गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख नेता सामाजिक समीकरणों के हिसाब से सभाएं, रैलियां, रोड शो और पदयात्राओं में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री की 3 से 5 सभाएं हो सकती हैं। इस बीच भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत चुनाव प्रबंधन के लिए अपने तमाम प्रमुख नेताओं को मैदान में उतार दिया है। एक दर्जन से ज्यादा इन नेताओं में केंद्रीय मंत्री, राज्यों के प्रमुख नेता और संगठन से जुड़े नेता शामिल हैं। एक नेता के पास दो विधानसभा क्षेत्र की प्रबंधकीय जिम्मेदारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश विधानसभा का काम देखेंगे। भूपेंद्र यादव को महरौली और बिजवासन विधानसभा सीट, मनसुख मंडाविया को शकूरबस्ती और मादीपुर में राजनीतिक प्रबंधन का काम सौंपा गया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर विधानसभा, गजेंद्र सिंह शेखावत को नरेला और बवाना, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को दिल्ली के आदर्श नगर और बुराड़ी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर, विनोद तावड़े को जनकपुरी और उत्तम नगर, तरुण चुग को लक्ष्मी नगर और कृष्णा नगर, अरुण सिंह को मॉडल टाउन और मोती नगर में राजनीतिक प्रबंधन का काम दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर विधानसभा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मटियाला और नजफगढ़ पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी को मुंडका और नांगलोई जाट, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव को कस्तूरबा नगर और नई दिल्ली, बिहार से लोकसभा सांसद विवेक ठाकुर को द्वारका और विकासपुरी, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन को गांधीनगर और विश्वास नगर की जिम्मेदारी गई है।
बिहार में ताकत दिखाने में जुटी महागठबंधन की सहयोगी भाकपा माले...बदलो बिहार महाजुटान का आयोजन 9 मार्च को
21 Jan, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की सहयोगी पार्टी भाकपा माले वोट बैंक को मजबूत करने के लिए जमीन पर उतार गई है। माले की ओर से बदलो बिहार महाजुटान का आयोजन किया गया। खास बात यह कि स्कीम वर्करों को एकजुट करने की कोशिश की गई। भाकपा माले 10 लाख स्कीम वर्कर के द्वारा विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत बढ़ाने में लगी है। 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान में बदलो बिहार महाजुटान में बड़ी संख्या में लोगों को जुटाने की तैयारी है। अलग-अलग संगठनों से कहा गया है कि इसमें अपने-अपने बैनर के साथ आकर ताकत दिखाएं।
माले एमएलसी शशि यादव कहा कि प्रमंडल स्तर पर बिहार में इस तरह का आयोजन हो रहा है। माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य पदयात्रा भी करने वाले है। ऐसा माहौल इसलिए बनाया जा रहा है कि हिंदू-मुस्लिम के एजेंडे पर चुनाव की जगह आम लोगों के मुद्दे हावी हो। पुरानी पेंशन स्कीम भी लागू करने की हमारी मांग है। हम चाहते हैं कि पार्टियां चुनावी घोषणा-पत्र में इन आंदोलनकारियों की मांग को शामिल करें।
चुनाव से पहले महागठबंधन की साथी पार्टियों को माले अपनी ताकत दिखा रही है, ताकि चुनाव में अधिक सीटों की मांग कर सके। इस सवाल पर यादव ने कहा कि महागठबंधन एकजुट है। आपस में ताकत दिखाने जैसी कोई बात नहीं है। हमलोग एकजुट होकर एनडीए को अपनी ताकत दिखाएंगे। माले की ताकत लगातार बढ़ रही है। जो भी लड़ने वाली ताकतें हैं वह सरकार के खिलाफ माले के साथ आ रही हैं।
आंदोलनकारियों को नजरबंद किया जा रहा है
माले के राष्ट्रीय महासचिव भट्टाचार्य कहते हैं कि नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर निकले हैं, लेकिन यह यात्रा दबंग यात्रा है।नीतीश जहां जा रहे हैं वहां आंदोलनकारी संगठनों के जुड़े लोगों को थाना में रोक कर रखा जा रहा है और घरों में नजरबंद किया जा रहा है।
कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मचा बवाल, विधायकों ने खोला मोर्चा
21 Jan, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रभारी शिवराज सिंह बोले- नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कराया जाएगा चुनाव
बेंगलुरु। नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से पहले कर्नाटक बीजेपी में गुटबाजी और कलह इतनी बढ़ गई है कि पार्टी के नेता सार्वजनिक सभाओं में एक-दूसरे की खिंचाई कर रहे हैं। कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ विधायक बसनगौड़ा आर पाटिल यतनाल और रमेश जारकीहोली ने मोर्चा खोल दिया है। विधायक जारकीहोली ने उन्हें बच्चा बताया और दावा किया वह लंबे समय तक पार्टी अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे।
विजयेंद्र ने आरोप लगाया है कि दोनों विधायक कांग्रेस के इशारे पर पार्टी में कलह कर रहे हैं और उनके पिता बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ अनाप-शनाप बोल रहे हैं। इसकी शिकायत केंद्रीय नेतृत्व से करेंगे ताकि उन्हें पार्टी से बाहर किया जा सके। कर्नाटक में बीजेपी के दो गुटों में लंबे समय से खींचतान चल रही है। कर्नाटक बीजेपी चीफ को लेकर बवाल मचा है। पार्टी के कई नेता और विधायक पार्टी में यदियुरप्पा के वर्चस्व को चुनौती दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक बीजेपी के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए हैं कि राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के विरोधी गुट के नेता और मुखर हो गए। दोनों गुटों में जुबानी जंग छिड़ गई है। विजयेंद्र ने पूर्व सीएम येदियुरप्पा को भला-बुरा कहने के लिए गोकक विधायक रमेश जारकीहोली को चेतावनी दे दी है।
विजयेंद्र ने कहा कि रमेश जारकीहोली को अपनी जुबान पर काबू रखें। येदियुरप्पा एक राजनेता और कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अनंत कुमार के साथ मिलकर राज्य के कोने-कोने की यात्रा करके पार्टी का निर्माण किया है। जारकीहोली हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। दिग्गज नेता के बारे में अनाप-शनाप बोलकर वह पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। उन्होंने विधायक जारकीहोली को सलाह दी कि अगर उन्हें पार्टी के कामकाज से समस्या है तो दिल्ली में नेताओं के साथ बात करनी चाहिए।
इसके जवाब में विधायक रमेश जारकीहोली ने बीवाई विजयेंद्र को चुनौती दे दी। उन्होंने कहा कि विजयेंद्र ने मुझे चेतावनी दी है कि मैं राज्य में कहीं भी स्वतंत्र रूप से नहीं घूम सकता। अब मैं शिकारीपुरा जाऊंगा और विजयेंद्र के घर के सामने अपना आंदोलन शुरू करूंगा। मैं कोई पुलिस या बंदूकधारी के साथ नहीं बल्कि अकेले जाऊंगा। बेलगावी में एक सार्वजनिक रैली में बोलते हुए जारकीहोली ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि विजयेंद्र, आप एक बच्चा हैं। आप प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहेंगे। येदियुरप्पा हमारे नेता हैं और हमने हमेशा उनका सम्मान किया है।
दोनों विधायकों के बयान के बाद विजयेंद्र समर्थकों और पूर्व मंत्रियों एमपी रेणुकाचार्य और कट्टा सुब्रमण्य नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यतनाल और जरकीहोली को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। विजयेंद्र समर्थकों ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पहले ही राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं और अपने संगठनात्मक कौशल के माध्यम से अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं। उनके खिलाफ अब इस तरह की आलोचना बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस बीच बीजेपी के राज्य महासचिव और पूर्व मंत्री वी सुनील कुमार संगठनात्मक पद छोड़ने की इच्छा जताई है। पार्टी सूत्रों ने का कहना है कि उन्हें अभी तक सुनील कुमार से इस संबंध में कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है।
राहुल गांधी ने बिहार में हुई जातिगत गणना को बताया ‘फर्जी’, क्या तेजस्वी की उपलब्धि पर पानी फेरने की कोशिश
21 Jan, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार की जातिगत गणना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बदला हुआ रुख सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में पटना में आयोजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में राहुल गांधी ने बिहार में हुई जातिगत गणना को ‘फर्जी’ करार दिया। राहुल गांधी का कहना था कि इस प्रक्रिया के जरिये राज्य की जनता को गुमराह किया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान ने न सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बल्कि तब सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव को भी राजनीतिक रूप से असहज कर दिया है।
2024 के शुरुआती दिनों में, राहुल गांधी ने जातिगत गणना का श्रेय तेजस्वी और कांग्रेस के दबाव को दिया था। उन्होंने जनगणना करने को बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की बड़ी जीत बताया था। लेकिन अब, ठीक विधानसभा चुनावों से पहले, राहुल गांधी के बयान पूरी तरह बदल गया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जातीय जनगणना की सबसे बड़ी पैरोकार है और जातिगत जनगणना को पूरे देश में लागू करेगी।
जहां राहुल गांधी के बयान को केवल नीतीश के खिलाफ नहीं, बल्कि तेजस्वी पर भी अप्रत्यक्ष हमला बताया जा रहा है। क्योंकि तेजस्वी ने जातिगत गणना को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया था। लेकिन अब राहुल गांधी इसी जातिगत जनगणना को फर्जी करार देकर तेजस्वी की उपलब्धि को कमजोर करने की कोशिश करते दिख रहे हैं।
दरअसल बिहार की राजनीति में इस बदलाव को लेकर सवाल उठने लाजिमी हैं। क्या यह राहुल गांधी की लालू और तेजस्वी यादव के साथ सियासी दबाव बनाने की रणनीति है? या यह इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व को लेकर बढ़ती खींचतान का संकेत है?
दिल्ली चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच साफ-साफ टकराव देखने को मिला सकता है। वहां कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ रही है, जबकि आप को ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का समर्थन मिला हुआ है। अब सवाल उठता है कि क्या बिहार में भी कांग्रेस इसी राह पर चलेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला करेगी?
हाल फिलहाल कांग्रेस के बदले हुए रुख से यह संभावना बनती दिख रही है कि पार्टी आने वाले विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे में ज्यादा हिस्सेदारी मांग सकती है। राहुल गांधी ने हाल ही में क्षेत्रीय दलों को विचारधारा के अभाव वाला बताया था, इससे कांग्रेस को “राष्ट्रीय पार्टी” के रूप में बड़ी भूमिका मिल सके।
दरअसल लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी का यह बयान नीतीश और तेजस्वी यादव के लिए बिहार विधानसभा चुनाव में नई चुनौती है। खासकर तब, जब बिहार में बीजेपी पहले ही नीतीश के जातिगत समीकरणों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
राहुल गांधी के जातिगत गणना पर बदले हुए रुख ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। यह न केवल इंडिया ब्लॉक के भीतर बढ़ते तनाव को दिखाता है, बल्कि कांग्रेस की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को भी सामने लाता है। अब देखना यह होगा कि यह बयानबाजी गठबंधन को मजबूत करेगी या बिहार में राजनीतिक समीकरणों को और उलझा देगी।
भाजपा नेता का विवादित बयान, राहुल ओरिजिनल गांधी नहीं......नकली गांधी
21 Jan, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बक्सर । पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राहुल गांधी को ओरिजिनल गांधी नहीं कहते हुए गांधी फतिंगा की संज्ञा दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौबे ने राहुल गांधी के परिवार को नकली गांधी और संविधान का हत्यारा भी बता दिया। यह बयान राहुल गांधी की ओर से पटना में बिहार की जातिगत जनगणना को फर्जी बताने के बाद आया है। चौबे ने आप नेता अरविंद केजरीवाल और राजद नेता और पूर्व् उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ये असली गांधी नहीं हैं, ये केवल एक ‘गांधी फतिंगा’ हैं, जो बरसात में आते हैं, टिमटिमाता है और फिर नष्ट हो जाते है। असली गांधी तब बापू जी थे, जो आज भी लोगों के पूज्य हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार की जातिगत जनगणना को फर्जी बताया था। इस पर भाजपा नेता चौबे ने पलटवार कर कहा कि जब इंडिया गठबंधन बना था तब ये लोग जाति जनगणना का गुणगान करते नहीं थकते थे। अब उसी जातिगत जनगणना पर सवाल उठा रहे हैं। चौबे ने राहुल गांधी को शुतुरमुर्ग बताकर उनकी जाति पूछी और कहा कि वे पहले अपनी ही जाति बता दें फिर हम इनकी बात को सही मान सकते है। उन्होंने कहा कि ये लोग कितना भी नाक रगड़ लें, यह वंशवाद सत्ता में कभी नहीं आएगा।
चौबे ने राहुल गांधी को बाबा साहेब अंबेडकर का दत्तक पुत्र भी बताया। उन्होंने कहा, अगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी नहीं होते, तब अंबेडकर को ये लोग संसद में घुसने तक नहीं देते। चौबे ने राहुल गांधी और उनके परिवार पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया। इसके पहले जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को हर चीज फर्जी दिखाती है, जबकि वे खुद ही पूरे फर्जीवाड़ा के सरदार हैं। भाजपा नेता चौबे का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
शाह पर टिप्पणी मामला: राहुल पर केस नहीं चलेगा
21 Jan, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने झारखंड सरकार और भाजपा नेता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले झारखंड के चाईबासा में अपने एक भाषण के दौरान गांधी ने शाह को हत्यारा बताया था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा ने राहुल गांधी पर अमित शाह के खिलाफ 2019 में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप के साथ मानहानि का केस किया था।
सुनवाई के दौरान राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कई न्यायिक फैसलों में कहा गया है कि केवल पीडि़त व्यक्ति ही आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत किसी तीसरे पक्ष की ओर से दायर की गई थी। मानहानि मामले में ऐसा करना स्वीकार्य नहीं है। सिंघवी ने पूछा- यदि आप पीडि़त व्यक्ति नहीं हैं, तो शिकायत दर्ज करने के लिए प्रॉक्सी कैसे ले सकते हैं?
प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई
21 Jan, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। नई दिल्ली सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल और आप के कार्यकर्ताओं पर नई दिल्ली सीट पर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन का आरोप लगाया है। अपनी लिखित शिकायत में प्रवेश वर्मा ने कहा है कि सर, आपका ध्यान नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के आप उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के गलत कामों की ओर खींचना चाहता हूं। उन्होंने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए साजिश रची और गंदी चाल चली है। 19-1-2025 को ईस्ट किदवई नगर, नई दिल्ली में इस निर्वाचन क्षेत्र में अरविंद केजरीवाल ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से आरडब्ल्यूए को कुर्सियां वितरित करने के लिए भेजा ताकि मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके।
इससे पहले नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी ने पुलिस को प्रवेश वर्मा पर लगे आचार सहिंता के उल्लंघन के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया थे। वर्मा पर आरोप था कि उन्होंने आचार सहिंता का उल्लंघन करते हुए वाल्मीकि मंदिर में मतदाताओं को जूते बांटे थे। हालांकि, वर्मा ने दावा था किया कि उन्होंने मंदिर में सफाई कर्मचारियों के पैरों में जूते पहनाकर उनका सम्मान किया और जूते वितरित नहीं किए गए।
चुनाव आयोग ने दिल्ली में मतदान से 48 पहले प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन पर लगाई रोक
21 Jan, 2025 08:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों और समाचार पत्रों को निर्देश दिया है कि वे मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व अनुमोदन के बिना मतदान से 48 घंटे पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी न करें। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा। ऐसे में 4 और 5 फरवरी को कोई भी राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार एमसीएमसी की पूर्व अनुमति के बिना समाचार पत्रों में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकेगा। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने राजनीतिक दलों के अलावा मीडिया संस्थानों को भी इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया है। इस पत्र में कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान के एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा, जब तक कि राजनीतिक विज्ञापनों की सामग्री को राज्य व जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणित नहीं करा लिया जाता है।
आतिशी ने लगाया बीजेपी पर आरोप, हार के डर से केजरीवाल पर करा रही हमले
20 Jan, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर शनिवार को हुए हमले को लेकर सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर हमला हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला बीजेपी के गुंडों ने किया है। सभी ने वीडियो देखा और इतने बड़े पत्थर से हमला किया गया कि अगर किसी को लग जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। कौन थे ये लोग, जिन्होंने केजरीवाल जी पर हमला किया। मारपीट के वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम है शैंकी है जो बीजेपी का उपाध्यक्ष हैं। प्रवेश वर्मा के पोस्टर अपने एरिया में लगाता हैं और अक्सर प्रवेश वर्मा के साथ नजर आता है। उन्होंने आगे कहा कि अब कौन है ये राहुल उर्फ शैंकी। ये एक हार्डकोर क्रिमिनल बैकग्राउंड का व्यक्ति है। शैंकी पर लूट के प्रयास के आरोप हैं। आर्म्स एक्ट के केस हैं। छतरपुर थाने में एफआईआर है। अभी भी इस पर डकैती का केस चल रहा है। अगला केस पहाड़गंज थाने में डकैती का दर्ज है। चोरी के दौरान हमला करने और किसी को मारने का केस भी शैंकी पर दर्ज है। इससे साफ है कि अरविंद केजरीवाल पर हमला करने के लिए गुंडों को मारने के लिए भेजा गया। ऐसे गुंडों को भेजा गया, जिन पर पहले ही डकैती और डकैती के दौरान मर्डर के केस चल रहे हैं।
आतिशी ने कहा कि इस हमलें में अन्य लोग शामिल हैं, उनका नाम है रोहित त्यागी। इसके फेसबुक पेज पर प्रवेश वर्मा के साथ फोटो है। वह प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार में लगातार शामिल है। ये भी हार्डकोर क्रिमिनल हैं। इनपर तीन सीरियस मुकदमें चल रहे हैं जिसमें मर्डर करने का आरोप शामिल है। वहीं एक अन्य आरोपी के बार में बताते हुए आतिशी ने कहा कि तीसरे व्यक्ति का नाम सुमित है, जिसपर चोरी, डकैती, मर्डर करने के प्रयास के केस अगल-अलग थानों में दर्ज हैं। ये सारे मुकदमे दिखाते हैं कि बीजेपी के जिन गुंडों ने केजरीवाल पर हमला किया ये बीजेपी के सधे हुए गुंडे हैं। अगर ऐसे लोगों को केजरीवाल पर हमला करने के लिए भेजा गया तो ये बिल्कुल साफ है कि बीजेपी अपनी हार की बैखलाहट से केजरीवाल पर हमला करवा रही है। वोट काटने से काम नहीं चला, फर्जी वोट जोड़ने से काम नहीं चला, तो अब वह केजरीवाल पर जानलेवा हमला करना चाहते हैं। यह सब दिल्ली की जनता देख रही है इसका जवाब विधानसभा चुनाव में देगी।
मायावती का दिल्ली से यूपी को संदेश
20 Jan, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती का जन्म दिल्ली में हुआ। पढ़ाई-लिखाई से लेकर नौकरी तक दिल्ली में की, लेकिन सियासी बुलंदी को उत्तर प्रदेश में छुआ। मायावती ने दिल्ली की सियासत में बसपा की जड़ें जमाने के लिए हर एक सियासी दांव आजमाए, लेकिन दिल्ली में बहुत ज्यादा कामयाब नहीं हो सकीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा एक बार फिर से पूरे दमखम के साथ किस्मत आजमा रही और 70 सीटों में से 69 सीट पर अकेले चुनाव लड़ रही है। मायावती ने दिल्ली की 69 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। दलित-मुस्लिम का सियासी प्रयोग करने वाली मायावती ने दिल्ली की किसी भी मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट पर मुस्लिम समाज से प्रत्याशी नहीं उतारा है। चाहे वो पुरानी दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटें हों या फिर पूर्वी दिल्ली की सीटें। ऐसे में साफ है कि दिल्ली को फतह करने से ज्यादा मायावती का फोकस उत्तर प्रदेश की सियासत पर है, जिसके तहत ही पूरा सियासी ताना बाना बुना है। दिल्ली चुनाव से मायावती यूपी को सियासी संदेश देने की कवायद कर रही हैं।
दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर मजबूत दलित और मुस्लिम समीकरण होने के बावजूद बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी देने के बजाय दलित और अति पिछड़ी जाति से आने वाले नेताओं पर ही दांव खेला है। इस तरह से क्या मायावती ने दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटों पर हिंदू उम्मीदवार उतारकर बसपा पर लगे बीजेपी के बी-टीम के नैरेटिव को तोड़ने की कवायद की है? बसपा ने दिल्ली की 69 विधानसभा सीटों पर चुनावी किस्मत आजमा रही, जिसमें से पांच सीट पर मायावती ने मुस्लिम को टिकट दिया है। बसपा ने दिल्ली के आदर्श नगर से मो. अब्दुल जब्बार, रिठाला से मो। नियाज खान, संगम विहार से जकिउल्लाह, तुगलकाबाद से अमजद हसन और लक्ष्मी नगर सीट से वकार चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अलावा बाकी सीटों पर बसपा ने हिंदू उम्मीदवार उतारे हैं। दिल्ली की सियासत में आदर्श नगर, संगम विहार, रिठाला, तुगलकाबाद और लक्ष्मी नगर सीट को मुस्लिम बहुल सीट की श्रेणी में नहीं गिना जाता है क्योंकि यहां पर 15 फीसदी से कम मुस्लिम वोटर्स हैं। इसके बाद भी मायावती ने इन 5 सीटों पर मुस्लिम उतारे हैं और जिन सीटों पर 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं, उन पर हिंदू समुदाय से प्रत्याशी उतारे हैं।
दिल्ली की सीलमपुर, बल्लीमारान, चांदनी चौक, मटिया महल, मुस्तफाबाद, ओखला, बाबरपुर, करावल नगर और किराड़ी सीट पर 30 फीसदी से 65 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इसके बावजूद मायावती ने इन 9 मुस्लिम बहुल सीटों पर किसी भी मुस्लिम को उम्मीदवार बनाए जाने के बजाय हिंदू समाज से प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा ने बल्लीमारान से सोनू कुमार, मटिया महल से तेजराम, चांदनी चौक सीट से कालीचरण, ओखला से सतीश कुमार, सीलमपुर से दीपक कुमार, मुस्तफाबाद से अशोक कुमार, किराड़ी से जुगवीर सिंह, करावल नगर से देवेंद्र कुमार और जंगपुरा से रवींद्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है। बाबरपुर सीट से बसपा ने कैंडिडेट ही नहीं उतारा है। दलित-मुस्लिम समीकरण होने के बाद भी बसपा ने मुस्लिम को टिकट देने के बजाय गैर-मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं।
दिल्ली में मुस्लिम और दलित समीकरण सत्ता तक पहुंचने का रास्ता माना जाता है। दिल्ली में 12 फीसदी मुस्लिम और 17 फीसदी दलित वोटर हैं। इस तरह दलित और मुस्लिम मिलकर 29 फीसदी के करीब होते हैं। दिल्ली में कांग्रेस ने दलित-मुस्लिम समीकरण के सहारे 15 साल राज किया है और केजरीवाल भी 11 साल से अपना कब्जा जमाए हुए हैं। दलित-मुस्लिम वोटों का केजरीवाल के पक्ष में लामबंद हो जाने के चलते कांग्रेस और बसपा दोनों ही दिल्ली में सियासी हाशिए पर पहुंच गई हैं। हालांकि, दिल्ली में दलित और मुस्लिम मिलकर 25 से ज्यादा सीटों पर हार जीत तय करने की ताकत रखते हैं।