राजनीति
'नफरत की राजनीति को नकारने का मन बना लिया', राहुल गांधी- आगामी असम विधानसभा चुनाव को लेकर बोले
28 Feb, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस नेतृत्व ने गुरुवार को असम के अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पार्टी के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा, लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई और राज्य के कई अन्य नेता शामिल हुए। बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा से एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया गया। बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि असम की जनता ने नफरत की राजनीति को नकारते हुए कांग्रेस की प्रेम और प्रगति की राजनीति को अपनाने का फैसला किया है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बात की, जिसमें उन्होंने पार्टी के आगामी चुनाव अभियान को मजबूत बनाने के लिए असम के नेताओं के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री राज्य को बेच रहे हैं
असम कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, आज की इस बैठक में असम के हर क्षेत्र से कांग्रेस नेता मौजूद थे। इस बैठक में आगामी असम विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई। उन्होंने दावा किया, "बैठक में यह भी मुद्दा उठाया गया कि असम के मुख्यमंत्री राज्य को बेच रहे हैं, माफियागिरी कर रहे हैं और 'सिंडिकेट' चला रहे हैं, जिससे असम के लोगों को काफी परेशानी हो रही है।" सिंह के अनुसार, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी असम का दौरा करेंगे और वहां उनकी रैलियां होंगी। उन्होंने दावा किया कि असम में भाजपा और उसके मुख्यमंत्री घबराए हुए हैं, जबकि कांग्रेस पूरी मजबूती से काम कर रही है और असम के लोगों के लिए लड़ रही है।
"भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेंगे"
भूपेन बोरा ने कहा, "हमने संकल्प लिया है कि हम सभी एकजुट होकर आगामी चुनावों में असम से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।" उन्होंने दावा किया, "हिमंत बिस्वा सरमा देश के सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं और हमने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार से जुड़े सभी सबूत शीर्ष नेतृत्व के सामने रख दिए हैं।" बोरा ने कहा, "हम और हमारे सभी नेता लोगों के बीच जाएंगे और भ्रष्टाचार के इन सबूतों को उनके सामने रखेंगे।"
चुनाव से पहले वार-पलटवार शुरू
असम में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं सरमा और भाजपा ने हाल ही में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी पर पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' से संबंध होने का आरोप लगाया था। गोगोई ने इस आरोप को 'हास्यास्पद' करार देते हुए खारिज कर दिया।
अब केरल के पार्टी नेताओं के साथ बैठक
कांग्रेस नेतृत्व शुक्रवार को केरल के पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेगा। केरल के कांग्रेस नेताओं की बैठक इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इन दिनों पार्टी सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर की नाराजगी की अटकलें लगाई जा रही हैं। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर द्वारा एक अखबार में लिखे गए हाल के लेख को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस लेख में उन्होंने केरल में निवेश के माहौल को बढ़ावा देने के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की तारीफ की है। इसके लिए वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ नेताओं के निशाने पर हैं। केरल में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। अगले साल मार्च-अप्रैल में केरल और असम में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
शशि थरूर ने कहा कि कई सांसदों ने ऐसी राय जाहिर की कि मंत्रालय की ताकत को बढ़ाया जाना चाहिए
28 Feb, 2025 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेश मामलों की संसदीय समिति ने दुनिया में भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ाने के लिए विदेश मंत्रालय के स्तर पर अधिक फंडिंग की जरूरत बताई। यह ऐसे समय में और भी ज्यादा जरूरी है जब भारत वैश्विक स्तर पर एक बड़ी भूमिका निभाना चाहता है। वर्ष 2025-26 के लिए मंत्रालय की अनुदान मांगों पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की ब्रीफिंग के दौरान समिति ने मंत्रालय के कर्मियों के प्रशिक्षण और मानव संसाधन बढ़ाने पर भी जोर दिया।संसदीय समिति की बैठक के बाद इसके अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि कई सांसदों ने ऐसी राय जाहिर की कि मंत्रालय की ताकत को बढ़ाया जाना चाहिए, खासकर विदेशी सेवा-स्तर के कैडर में। उन्होंने कहा, सभी संबंधित पक्षों ने इस पर कुछ सहमति जताई। हालांकि, मंत्रालय की तरफ धनराशि देने में संसाधन संबंधी कुछ बाधाएं हैं। हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए सुझावों के बारे में कोई ब्योरा देने से इन्कार कर दिया कि जब तक समिति अपनी रिपोर्ट स्वीकार नहीं कर लेती, तब तक वे विवरण का खुलासा करने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं।थरूर ने कहा कि समिति ने मंत्रालय के बजट दस्तावेज को देखने और विदेश में भारत की आवाज को आगे बढ़ाने के लिए इसकी जरूरतों पर मिस्री से सवाल करने में काफी रुचि दिखाई। मिस्री ने समिति को यह भी बताया कि भारत 2028 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निर्वाचित सीट के लिए चुनाव लड़ेगा।
योगी सरकार मंत्रिमण्डल में फेरबदल की दिशा में आगे कदम बढ़ाने वाली है
28 Feb, 2025 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने के बाद अब मंत्रिमण्डल में फेरबदल की दिशा में आगे कदम बढ़ाने वाली है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जल्द की योगी मंत्रिमण्डल का विस्तार होगा। इस दौरान कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी होगी तो वहीं कुछ नए चेहरों को मंत्रिमण्डल में स्थान मिल सकता है। वहीं विभागों में भी फेरबदल होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार यूपी में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पार्टी हाईकमान ने हरी झण्डी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ ऐसे मंत्रियों जिनके विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं या वे अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं, उन्हें हटाया जाएगा। चर्चा है कि पश्चिमी उप्र के भी दो चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। वहीं, विस्तार में 75 वर्ष की आयु सीमा का भी ध्यान रखा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश स्तर से इस संबंध में फीडबैक लिया जा चुका है। अगले 8-10 दिनों में विस्तार होने की पूरी संभावना है।
बंगाल में भाजपा फर्जी वोटरों के नाम जुड़वा रही :ममता बनर्जी
28 Feb, 2025 09:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चुनाव आयोग पर हमलावार दिखाई दी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग को मोदी सरकार ने अपने प्रभाव में रखा है। ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में भाजपा की ओर से फर्जी वोटरों का नाम जुड़वाया जा रहा है। उनके नाम इसलिए जोड़ रहे हैं ताकि चुनाव के दौरान उनके वोटों से नतीजे को बदला सके। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने पिछले दिनों हुए कई राज्यों के चुनावों के नतीजों में भी धांधली का आरोप लगाया। ममता ने कहा कि हम उन फर्जी मतदाताओं की पहचान करने वाले हैं, जिन्हें भाजपा की मदद से पंजीकृत किया है। दरअसल आप प्रमुख और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बाहरी वोटरों के नाम जुड़वाने का आरोप लगाया था। हालांकि आयोग ने इस संबंध में केजरीवाल से सबूत मांगते हुए आरोपों को खारिज कर दिया था।
ममता ने कहा, अगर जरूरत हुई तब मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं को हटाने की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग कार्यालय के समक्ष धरना दूंगी। उन्होंने चुनावी जंग को बाहरी बनाम बंगाली बनाने का भी प्रयास किया।
ममता ने कहा कि हम बाहरी लोगों को बंगाल पर कब्जा नहीं करने देने वाले है। ज्ञानेश कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने पर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। अभी से ही बंगाल में फर्जी वोटर जोड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक निर्वाचन आयोग निष्पक्ष नहीं होगा, तब तक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। ममता दीदी ने कहा था कि दिल्ली में कांग्रेस जीतने की स्थिति में नहीं है। वहां भाजपा का मुकाबला आम आदमी पार्टी से ही है और हम चाहते हैं कि उसे ही जीत मिले।
आज राष्ट्रपति से मिलने जाएंगी आतिशी
28 Feb, 2025 08:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विपक्ष की नेता आतिशी और आप के अन्य विधायकों को गुरुवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने विधानसभा के बाहर ही करीब 7 घंटे तक धरना दिया। आप की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में सत्ता में आने के बाद भाजपा तानाशाही की सभी हदें पार कर रही है। दरअसल, मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।
आप विधायकों का कहना है कि वह सीएम कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर को कथित तौर पर हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इस क्रम में गुरुवार को आप नेताओं ने विधानसभा परिसर के गेट के बाहर धरना दिया। इस दौरान डफली की थाप के साथ आप नेताओं ने अंबेडकर की तस्वीरों वाली तख्तियां पकड़ीं और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारे लगाए - भाजपा सुन ले, जय भीम, जय भीम, भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी। करीब सात घंटे चले विरोध प्रदर्शन के बाद विधानसभा में नेता विपक्ष आतिशी ने कहा कि शुक्रवार को सबसे पहले राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे।
आतिशी ने राष्ट्रपति को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के दफ्तरों से आंबेडकर और भगत सिंह की फोटो कथित तौर पर हटाए जाने का मुद्दा उठाया। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, आपके संज्ञान में एक अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील विषय लाना चाहती हूं, जो भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी की तस्वीरें हटा दी हैं। यह न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है।
थालापति विजय ने डीएमके और बीजेपी का उड़ाया मजाक, कहा- भाषा को लेके 'बच्चों की तरह लड़ रही हैं'
27 Feb, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फिल्म अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) पार्टी के प्रमुख थलपति विजय ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके (DMK) का मजाक उड़ाया। विजय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग विवाद शुरू करने के लिए दोनों पार्टियों पर निशाना साधा है। विजय ने कहा है कि बीजेपी और डीएमके भाषा विवाद जैसे गंभीर मुद्दे को महत्वहीन बना रहे हैं।
थलपति विजय ने क्या कहा?
टीवीके की पहली वर्षगांठ का जश्न बुधवार को चेन्नई के पास मामल्लापुरम में मनाया गया। इस दौरान विजय ने कहा कि त्रिभाषा नीति बीजेपी ने डीएमके के 'गेट आउट मोदी' का जवाब 'गेट आउट स्टालिन' से दिया। ठीक वैसे ही जैसे एलकेजी और यूकेजी के बच्चे लड़ते हैं। विजय ने कहा- "फंड देना केंद्र का कर्तव्य है और फंड प्राप्त करना राज्य का अधिकार है। लेकिन हमारे राजनीतिक और वैचारिक दोनों दुश्मन सोशल मीडिया पर हैशटैग के साथ खेल रहे हैं। यहां क्या हो रहा है? दोनों लड़ने का नाटक कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि हम इस पर यकीन करें?"
हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं- विजय
अभिनेता विजय ने कार्यक्रम में कहा कि उनकी पार्टी सभी भाषाओं का सम्मान करती है। हालांकि, वह किसी अन्य भाषा के लिए अपना स्वाभिमान नहीं छोड़ेगी। रैली में आए लोगों को संबोधित करते हुए विजय ने कहा- "कोई भी व्यक्ति कोई भी भाषा सीख सकता है, लेकिन सहकारी संघवाद और राज्य की स्वायत्तता का उल्लंघन करना और किसी अन्य भाषा को थोपकर और राजनीतिक रूप से लागू करके राज्य की भाषा पर सवाल उठाना अस्वीकार्य है।"
अन्नामलाई ने विजय पर निशाना साधा
दूसरी ओर, तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने त्रिभाषा नीति के खिलाफ डीएमके में शामिल होने पर थलपति विजय पर निशाना साधा है। अन्नामलाई ने कोयंबटूर में कहा- "कोई भी भाषा नहीं थोप रहा है। आप (विजय) जो कहते हैं, उसका पालन करते हैं, झूठ नहीं बोलते।"
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली कैबिनेट का बुधवार को विस्तार किया गया
27 Feb, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। इस साल बिहार विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले नीतीश कुमार की अगुवाई वाली कैबिनेट का बुधवार को विस्तार किया गया। इस कैबिनेट विस्तार में 7 नए मंत्री बनाए गए हैं। सभी सातों मंत्री बीजेपी कोटे से हैं, जिन सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है, उनमें से एक ऐसे हैं जो कभी भी बीजेपी के टिकट पर विधानसभा सदस्य निर्वाचित नहीं हुए। साल 2020 में भी दूसरे दल के सिंबल पर ही विधानसभा पहुंचे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। बता दें चार नेता ऐसे हैं जो दूसरे दलों की सियासत का अनुभव रखते हैं।
नीतीश सरकार के नए मंत्रियों में विजय मंडल दल-बदल की सियासत का सबसे माहिर चेहरा हैं। विजय मंडल के पास आनंद मोहन की अगुवाई वाली बिहार पीपुल्स पार्टी से लेकर लालू यादव की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), लोक जनशक्ति पार्टी का भी अनुभव है। विजय मंडल 1995 के बिहार चुनाव में पहली बार आनंद मोहन की पार्टी से अररिया सीट से विधायक चुने गए थे। तब वह इस पार्टी के इकलौते विधायक थे। साल 2000 में वे निर्दलीय चुनाव जीते। 2005 में आरजेडी के टिकट पर मैदान में उतरे लेकिन वह चुनाव हार गए थे।
2005 में अररिया से विधायक बने प्रदीप कुमार सिंह 2009 के आम चुनाव में लोकसभा का चुनाव जीत का सांसद बन गए और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। रिक्त हुई अररिया विधानसभा सीट से उपचुनाव में विजय मंडल लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा। 2010 में एलजेपी ने विजय को सिकटी से टिकट दिया लेकिन वे हार गए। इसके बाद विजय ने फिर से पाला बदला और बीजेपी में शामिल हो गए जिसके उम्मीदवार से शिकस्त मिली थी। 2015 और 2020 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। निर्दलीय को भी दल के रूप में गिन लें तो विजय मंडल के पास पांच दलों का अनुभव है।
कैबिनेट विस्तार में मंत्री बनाए गए राजू सिंह भी राजनीतिक दलों के अनुभव के आधार पर विजय मंडल के करीब ही हैं। मुजफ्फरपुर के साहेबगंज से विधायक राजू को चार दलों से राजनीति करने का अनुभव है। फरवरी 2005 के बिहार चुनाव में पहली बार विधायक बने राजू अक्टूबर, 2005 के चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) से विधायक बने। 2010 में भी जेडीयू विधायक रहे राजू 2015 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2020 के बिहार चुनाव में वह मुकेश सहनी की अगुवाई वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से चुनाव जीते और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। चार पार्टियों का अनुभव रखने वाले राजू सिंह ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा तो लेकिन पार्टी के सिंबल पर कभी विधानसभा नहीं पहुंचे।
बिहार कैबिनेट के विस्तार में जेडीयू कोटे से एक भी नहीं था लेकिन इसमें दो मंत्री ऐसे हैं जो नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी से ही बीजेपी में आए हैं। इन मंत्रियों की सूची में बिहारशरीफ के विधायक डॉ सुनील कुमार और अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू के नाम हैं। दो बार बीजेपी विधायक डॉ सुनील तीसरी बार विधायक हैं। सुनील 2010 के बिहार चुनाव में जेडीयू के टिकट पर विधानसभा सदस्य चुने गए थे। डॉक्टर सुनील की तरह कृष्ण कुमार मंटू भी 2015 और 2020 में बीजेपी के टिकट पर विधायक बने लेकिन पहली बार 2010 में विधानसभा का चुनाव जेडीयू से जीते थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सफाई देते हुए सैम पित्रोदा बोले- 'न मेरी कोई जमीन नहीं, न ही रिश्वत लेन-देन से संबंध
27 Feb, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने बुधवार को एक भाजपा नेता द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है। भाजपा नेता एन आर रमेश ने आरोप लगाया है कि वन विभाग के अधिकारियों सहित पांच वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मदद से सैम पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलहंका में 150 करोड़ रुपये की 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की है।
भाजपा नेता ने ईडी और कर्नाटक लोकायुक्त से शिकायत की
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद रमेश ने ईडी और कर्नाटक लोकायुक्त से शिकायत की है। पित्रोदा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक बयान में कहा, "भारतीय मीडिया में हाल ही में टेलीविजन और प्रिंट दोनों पर आई रिपोर्टों के मद्देनजर, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं - मेरे पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।"
'मैंने अपने पूरे जीवन में कभी रिश्वत नहीं ली और न ही दी'
अमेरिका में रहने वाले कांग्रेस नेता ने कहा, "इसके अलावा, भारत सरकार के साथ काम करते हुए - चाहे 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ या 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ - मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया।" पित्रोदा ने कहा, "इसके अलावा, मैं यह स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि मैंने अपने पूरे जीवन (83 साल) में भारत या किसी अन्य देश में कभी भी रिश्वत नहीं ली और न ही दी। यह पूर्ण सत्य है।"
10 मार्च से पहले बन सकती है मैतेई सरकार
27 Feb, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंफाल । मणिपुर में भाजपा एक बार फिर से मैतेई कम्युनिटी के नेता को मुख्यमंत्री बना सकती है। सीएम की रेस में तीन नाम आगे चल रहे हैं। तीनों मैतेई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह भी मैतेई समुदाय के हैं। हालांकि, कुकी के साथ भाजपा के कई मैतेई विधायक अब उनके खिलाफ हैं।मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच 3 मई 2023 से हिंसा हो रही है। बीरेन सिंह पर हिंसा के दौरान मैतेइयों को कुकी के खिलाफ उकसाने के आरोप हैं। 9 फरवरी को उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। नए सीएम के नाम पर विधायकों में सहमति नहीं बनने पर केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। राज्य में अभी विधानसभा भंग नहीं हुई है। इसके बाद भाजपा 10 मार्च से पहले सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। 60 सीटों वाले मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं। इसमें 27 मैतेई, 6 कुकी, 3 नगा और 1 मुस्लिम हैं। एनडीए के कुल 42 विधायक हैं। इसमें नेशनल पीपल्स फ्रंट के भी 5 विधायक शामिल हैं। वहीं एक मैतेई भाजपा विधायक ने बताया, ज्यादातर विधायकों के बीच मुख्यमंत्री के तौर पर थोकचोम सत्यब्रत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह और थोकचोम राधेश्याम सिंह के नाम पर चर्चा हो रही है। 22 विधायक इनके समर्थन में हैं। तीनों में टी सत्यब्रत हम लोगों की पहली पसंद हैं। यदि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व खेमचंद सिंह और राधेश्याम सिंह को मुख्यमंत्री बनाता हैं तब भी हमें मंजूर होगा।
शिवसेना-एनसीपी का कब खत्म होगा इंतजार
27 Feb, 2025 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा की समिति के विभाजन की घोषणा कर दी गई है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 11 विधायकों को विभिन्न समितियों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। हालांकि, महायुति के सहयोगी दल शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के विधायकों को अब तक समितियों में स्थान नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और विधायक रणधीर सावरकर के नेतृत्व में इन विधायकों को इन समितियों में नियुक्त किया गया है।
समितियों में जगह पाए 11 बीजेपी विधायकों में - सार्वजनिक उपक्रम समिति - राहुल कुल, पंचायत राज समिति - संतोष दानवे-पाटिल, आश्वासन समिति - रवि राणा, अनुसूचित जाति कल्याण समिति - नारायण कुचे, अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति - राजेश पाडवी, महिला अधिकार और कल्याण समिति - मोनिका राजले, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति - किसन कथोरे, मराठी भाषा समिति - अतुल भातखलकर, विशेष अधिकार समिति - राम कदम, धर्मादाय निजी अस्पताल जांच समिति - नमिता मुंदडा एवं विधायक निवास व्यवस्था समिति - सचिन कल्याणशेट्टी हैं।
इस कदम को भाजपा विधायकों के लिए राजनीतिक रूप से पुनर्वास के अवसर के रूप में देखा जा रहा है, विशेष रूप से उन विधायकों के लिए जो मंत्री पद से वंचित रह गए थे। हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी के नेता अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महायुति के हर सहयोगी दल को विधायी समितियों में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सत्ता के वितरण को लेकर किसी भी प्रकार की रस्साकसी नहीं हो रही है।
शिवसेना और एनसीपी के पास 9-9 समितियां
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 29 विधायी समितियां हैं, जिनमें से भाजपा ने पहले ही 11 महत्वपूर्ण समितियों पर दबदवा कायम कर लिया है। वहीं, शिवसेना और एनसीपी के पास 9-9 समितियां हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना और एनसीपी को उनके समिति सदस्यों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा है, लेकिन अब तक उन्होंने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महत्वपूर्ण बैठक बुलाई,एकनाथ शिंदे नहीं हुए शामिल
27 Feb, 2025 10:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र के नासिक में कुंभ की तैयारी की समीक्षा और चर्चा के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। हालांकि, इसमें डीसीएम एकनाथ शिंदे शामिल नहीं हुए। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी।
यहां आपको बता दें कि इस बैठक में एकनाथ शिंदे शामिल नहीं हुए क्योंकि उनके तय कार्यक्रम के अनुसार वह सिंधुदुर्ग जिले के दौरे पर हैं। इससे पहले डीसीएम एकनाथ शिंदे ने नासिक कुंभ की तैयारी के लिए नासिक जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक अलग बैठक की थी। शिंदे ने दावा किया कि उन्होंने यह बैठक इसलिए की क्योंकि वे जिले में एक रैली करने आए थे।
महायुति में भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे शीत युद्ध के बीच डीसीएम एकनाथ शिंदे द्वारा सीएम देवेंद्र फडणवीस की बैठकों में शामिल न होने और अलग-अलग समानांतर बैठकें करने का मुद्दा सामने आया है, जिससे दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच दरार खुलकर सामने आ गई है।
इसके अलावा, नासिक जिले के पालक मंत्री का मुद्दा अभी भी अनसुलझा है, क्योंकि डीसीएम एकनाथ शिंदे के हस्तक्षेप के बाद सीएम फडणवीस ने नासिक जिले के पालक मंत्री के रूप में मंत्री गिरीश महाजन की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।
असम एक छोटा राज्य है और इतनी बड़ी समिट आयोजित करना राज्य के लिए संभव नहीं था:हिमंत बिस्वा सरमा
27 Feb, 2025 09:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उनकी सराहना की है। उन्होंने “एडवांटेज असम 2.0 इन्वेस्टमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर समिट” को असम के लिए ऐतिहासिक बताया और कहा कि गुजरात के अलावा किसी भी राज्य में इतनी बड़ी निवेश समिट नहीं हुई है।
सीएम सरमा ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि असम एक छोटा राज्य है और इतनी बड़ी समिट आयोजित करना राज्य के लिए संभव नहीं था। उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री मोदी हमारे साथ न होते तो हम सिर्फ कुछ पड़ोसी देशों को आमंत्रित कर सकते थे। लेकिन आज, असम के लिए एक नया युग शुरू हो रहा है।
इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने एडवांटेज असम 2.0 समिट 2025 का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह समिट असम की संभावनाओं को वैश्विक स्तर से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। साथ ही, उन्होंने पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत की भारत के विकास में अहम भूमिका को स्वीकार किया।
समिट में पीएम मोदी ने 2013 में दिए गए अपने बयान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने तब कहा था कि जल्द ही ‘ए फॉर असम’ एक प्रसिद्ध पहचान बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही दुनिया में कई चुनौतियां हैं लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि भारत अगले 25 वर्षों के लिए एक लंबी योजना के साथ काम कर रहा है और दुनिया भारत के युवाओं की प्रतिभा और कौशल पर भरोसा कर रही है। एडवांटेज असम 2.0 समिट से राज्य में बड़े निवेश आने की उम्मीद है जिससे असम की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।
किरण चौधरी का कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कटाक्ष
27 Feb, 2025 08:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा नेता किरण चौधरी ने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें भाजपा में लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले से ही भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जब तक बाप-बेटा कांग्रेस में हैं, पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती।’’
भिवानी में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में किरण चौधरी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया और अब पार्टी के ‘‘खत्म’’ होने के पूरे आसार हैं।
उन्होंने दावा किया कि निकाय चुनावों में भाजपा पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज करेगी।हुड्डा के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर तंज कसते हुए चौधरी ने कहा, ‘‘हुड्डा तो शुरू से हमारे (भाजपा के) साथ हैं और हमारा ही काम कर रहे हैं। इसके लिए मैं उनका आभार जताती हूं।’’
हुड्डा के नेता प्रतिपक्ष बनने की संभावनाओं पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘जब तक बाप-बेटा (भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा) कांग्रेस में बैठे हैं, तब तक पार्टी उभरने नहीं वाली। ऐसे नेताओं की वजह से ही कांग्रेस खत्म हो रही है।’’
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर विरोध जताया
26 Feb, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर विरोध जताया है और यहां तक कह रहे हैं कि हम भाषा को लेकर एक और लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। यही नहीं उन्होंने 5 मार्च को तमिलनाडु के सभी दलों की एक मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में वह 2026 में होने वाले परिसीमन को लेकर बात करने वाले हैं।
अब तमिलनाडु में ऐसी मीटिंग हुई और विरोध बढ़ा तो फिर कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी ऐसा हो सकता है। खासतौर पर इन राज्यों में कांग्रेस उत्तरी राज्यों की तुलना में मजबूत है। ऐसे में वह भी चाहेगी कि परिसीमन के मामले पर ही सही, लेकिन वह भाजपा सरकार के खिलाफ एक नैरेटिव खड़ा करे। फिलहाल स्टालिन ने तमिलनाडु की सभी 40 पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों को मीटिंग में बुलाया है। स्टालिन ने कहा, तमिलनाडु को उसके अधिकारों के लिए नई जंग में धकेला जा रहा है। परिसीमन के नाम पर हमारे हकों को छीना जा सकता है। उनका कहना है कि हमारे 39 सांसद हैं और परिसीमन के बाद यह संख्या 31 ही रह सकती है। सीएम स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु से फिलहाल 39 लोकसभा सांसद चुने जाते हैं और परिसीमन के बाद हमसे 8 सीटें छीनी जा सकती हैं। यही नहीं इस बहाने वह दक्षिण बनाम उत्तर वाली बहस को भी तेज करने की कोशिश में हैं। उनका कहना है कि तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण की नीति का अच्छे से पालन किया है। क्या हमें इसके बदले में सीटें कम करके सजा दी जाएगी। वह डर दिखा रहे हैं कि यूपी, बिहार, राजस्थान, एमपी की सीटें बढ़ सकती हैं।
आप ने अटकलों को किया खारिज
26 Feb, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा में जाने की अटकलों पर पार्टी ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने साफ शब्दों में कहा कि केजरीवाल राज्यसभा नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरें गलत हैं और अरविंद केजरीवाल किसी एक पद या सीट तक सीमित नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, की पहले मीडिया सूत्र कह रहे थे कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे, अब कहा जा रहा है कि वह राज्यसभा जाएंगे। ये दोनों ही अटकलें गलत हैं। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, और उनकी भूमिका सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं हो सकती।
हाल ही में आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के पंजाब उपचुनाव लड़ने की खबरों के बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि उनकी जगह अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जा सकते हैं। इस चर्चा को तब और बल मिला जब दिल्ली में सत्ता गंवाने और अपनी सीट हारने के बाद केजरीवाल के भविष्य की राजनीति पर अटकलें तेज हो गईं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जाते, तो यह आप के लिए एक नई रणनीति हो सकती थी। इससे केजरीवाल संसद में सरकार को घेरने का एक नया मंच हासिल कर सकते थे। हालांकि, पार्टी की प्रतिक्रिया से साफ हो गया है कि वह सड़क की राजनीति और संगठनात्मक नेतृत्व को ही प्राथमिकता दे रहे हैं।
केजरीवाल के राज्यसभा में नहीं जाने की घोषणा से यह भी साफ होता है कि वह अभी भी दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय बने रहेंगे। आप इस समय दिल्ली, पंजाब और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है। पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी रणनीति बना रही है, जिसमें केजरीवाल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।