राजनीति
जेडी वेंस ने की पीएम मोदी से मुलाकात, ट्रंप को भारत आने का न्योता
22 Apr, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की, जो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. दोनों नेताओं ने ऊर्जा, रक्षा, रणनीतिक प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया.
'विकसित भारत 2047' और 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का संगम
इस मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी में वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ हुई सकारात्मक चर्चाओं को याद किया, जिसमें भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया था. इस रोडमैप में "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" (MAGA) और "विकसित भारत 2047" की ताकत का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को अपनी शुभकामनाएं भी दीं और इस साल के अंत में उनकी भारत यात्रा की उम्मीद जताई.
क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी
भारत इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वेंस ने पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ता में "महत्वपूर्ण प्रगति" का स्वागत किया.दोनों नेताओं ने आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और संवाद और कूटनीति के माध्यम से आगे बढ़ने पर सहमति जताई.
द्विपक्षीय सहयोग पर जोर
प्रधानमंत्री कार्यालय की विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ हुई सार्थक चर्चा को याद किया, जिसमें भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग के लिए रोडमैप तैयार किया गया था.प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति वेंस ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की और इसका सकारात्मक मूल्यांकन किया. उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता में हुई प्रगति का स्वागत किया.इसके अतिरिक्त, उन्होंने ऊर्जा, रक्षा, रणनीतिक प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला.
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति, द्वितीय महिला और उनके बच्चों को भारत में सुखद प्रवास की शुभकामनाएं दीं.बाद में, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी होगी जो दोनों देशों के लोगों और दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगी.
उन्होंने लिखा, "नई दिल्ली में अमेरिकी उपराष्ट्रपति @JDVance और उनके परिवार का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है. मैंने अमेरिका की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के बाद तेजी से हो रही प्रगति की समीक्षा की. हम व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी हमारे लोगों और दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए 21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी होगी."
चुनाव आयोग को लेकर कांग्रेस प्रमुख की टिप्पड़ी पड़ी भारी, इसको लेकर भाजपा नेता ने हमला बोला
21 Apr, 2025 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तीखा हमला बोला है। नकवी ने राहुल गांधी को 'डिज्नीलैंड पार्टी का प्रवासी प्रोफेसर' करार देते हुए कहा कि वह जहां भी जाते हैं, भारत की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। नकवी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है और विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
'विदेश में बकवास बहादुरी, देश में हंगामा बहादुरी'
भाजपा नेता ने कहा, वंशवाद को लोकतंत्र के डिज्नीलैंड के रूप में पेश करने वाले प्रवासी प्रोफेसर साहब के पाठ्यक्रम में ऐसे पाठ पढ़ाए जाते हैं। जब 'पप्पू जी' अपने स्कूल जाएंगे तो देश में हंगामा बहादुरी और विदेश में बकवास बहादुरी जरूर करेंगे। कांग्रेस पर संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बार-बार इन संस्थाओं पर हमला करते रहे हैं, वे अब इनके नाम पर हंगामा कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा पर जताई चिंता:
इस बीच, नकवी ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा और सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, संवैधानिक कानून की आड़ में सांप्रदायिक हिंसा का माहौल बनाना धर्मनिरपेक्ष देश के लिए खतरे का संकेत है। सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि निरीक्षण कर रहा है, जो एक अलग विषय है।
वक्फ कानून पर भी की टिप्पणी
नकवी ने वक्फ कानून पर भी टिप्पणी की और कहा कि यह कोई 'आसमानी कानून' नहीं है, बल्कि संसद द्वारा बनाया गया जमीनी कानून है, जिसे संशोधित करना संसद का अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ लोग सांप्रदायिक उन्माद के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को हाईजैक करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। नकवी ने उत्तर प्रदेश के 2027 के विधानसभा चुनाव पर भी कटाक्ष किया और कहा, समाजवादी पार्टी के 'टीपू' हों या कांग्रेस के 'सुल्तान', चाहे वे अकेले लड़ें या साथ, चुनावी चौपाल में उनकी हार होगी।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकियां, क्या यह गठबंधन का संकेत है?
21 Apr, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जिस शिवसेना के लिए बालासाहेब ठाकरे का परिवार कभी बंट गया था और दोनों भाइयों के बीच दरार पड़ गई थी, वह शिवसेना भी आज बंट चुकी है। 20 साल पहले बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना का उत्तराधिकारी बनने को लेकर दो भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे अलग हो गए थे। आज ठाकरे भाइयों के फिर से साथ आने की खूब चर्चा हो रही है। दोनों की बातों से ऐसा लग रहा है कि लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी अब खत्म हो सकती है और दोनों भाई जल्द ही एक हो सकते हैं।
क्या ठाकरे भाई एक होंगे?
दरअसल, अभिनेता और फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर के यूट्यूब चैनल पर शनिवार को प्रसारित पॉडकास्ट में राज ठाकरे ने अपने भाई उद्धव से कहा था, 'हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, विवाद हैं, झगड़े हैं, लेकिन महाराष्ट्र के सामने ये सब बहुत छोटी बात है। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित के लिए साथ आना कोई बड़ी समस्या नहीं है। सवाल सिर्फ इच्छाशक्ति का है।'
उद्धव ठाकरे ने भी राज ठाकरे के बयान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, लेकिन उन्होंने एक शर्त भी रखी। उद्धव ने कहा, 'मैं छोटे-मोटे विवादों को नजरअंदाज करने को तैयार हूं, लेकिन महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों से कोई रिश्ता नहीं रखूंगा।' वहीं, उद्धव की शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि उद्धव एक शर्त पर राज से बात करने को तैयार हैं, अगर राज महाराष्ट्र और शिवसेना के दुश्मनों को अपने घर में जगह नहीं देंगे। इसके साथ ही अंबादास दानवे ने यह भी कहा कि उद्धव और राज दोनों भाई हैं, लेकिन उनकी राजनीति अलग है, उनका तरीका अलग है। अगर दोनों साथ आना चाहते हैं तो दोनों भाइयों को आमने-सामने बात करनी चाहिए, यह सब टीवी पर नहीं होना चाहिए।
साथ आने की जरूरत क्यों
महाराष्ट्र की राजनीति में मनसे प्रमुख राज ठाकरे की बात करें तो उनकी पार्टी कमजोर हो गई है और दूसरी तरफ उद्धव की शिवसेना में दरार और एकनाथ शिंदे के अलग होने से उनकी पार्टी भी कमजोर हो गई है। शिंदे और भाजपा की दोस्ती और अजित पवार के साथ किया गया गठबंधन मजबूत है और विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उत्साहित भी है। मौजूदा परिप्रेक्ष्य में देखें तो बीएमसी चुनाव आने वाले हैं और एनडीए के इस गठबंधन को हराने के लिए ठाकरे भाइयों का एकजुट होना जरूरी है। दोनों ही अपने राजनीतिक जनाधार को फिर से हासिल करने के लिए साथ आने की योजना बना रहे हैं।
कैसे अलग हुए दोनों भाइयों के रास्ते
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों ही बाला साहब के लाडले थे। एक तरफ राज ठाकरे जो बिल्कुल बाला साहब की तरह दिखते हैं, उनकी तरह बोलते हैं, उतने ही आक्रामक हैं, बाला साहब की तरह कार्टून बनाते हैं, वहीं दूसरी तरफ कम बोलने वाले, शांत और शर्मीले स्वभाव के उद्धव ठाकरे हैं। राज ठाकरे के तेवर और बाला साहब ठाकरे की फोटो कॉपी कहे जाने के कारण सभी को लगा कि वे ही शिवसेना के उत्तराधिकारी होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
साल 2002 में बाला साहब ने मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव की जिम्मेदारी अपने बेटे उद्धव को दी और इस चुनाव में जीत से पार्टी पर उद्धव की पकड़ मजबूत हुई और राज ठाकरे का कद कम हुआ।
2003 में राज ठाकरे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बन गए और राज ठाकरे की नाराजगी बढ़ती गई और उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली।
2005 में राज ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। उन्होंने शिवसेना नेता के पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन कहा कि बालासाहेब ठाकरे मेरे भगवान थे, हैं और रहेंगे।
साल 2006 आया, जब राज ठाकरे ने नई पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई और तब से बालासाहेब की शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई और राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे अलग हो गए।
17 नवंबर 2012 को बालासाहेब ठाकरे का निधन हो गया और राज और उद्धव के बीच दरार और गहरी हो गई।
साथ आना जरूरी, दोनों की बड़ी मजबूरी
महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव आने वाले हैं और यह चुनाव कई मायनों में अहम होने वाला है लेकिन राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है। लेकिन अगर दोनों साथ आते भी हैं तो दोनों भाइयों की पार्टियों के नेताओं को एकमत होना पड़ेगा और सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि साथ आने के बाद शिवसेना का नया स्वरूप क्या होगा और कमान किसके हाथ में होगी, क्योंकि नेतृत्व के मुद्दे पर ही दोनों अलग हुए थे।
मोदी 3.0 सरकार का तीसरा कार्यकाल पूरा होने पर बीजेपी ने पालफॉर्म X पर जारी किया वीडियो, अब UCC को लेकर चर्चा
21 Apr, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने से पहले बीजेपी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में पार्टी ने वक्फ कानून के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाने की तैयारी के संकेत दिए हैं. बीजेपी के एक्स हैंडल से शेयर किए गए वीडियो का शीर्षक है- मोदी 3.0 के तहत बड़े कदम, यात्रा अभी शुरू हुई है... .
बीजेपी ने गिनाई मोदी 3.0 की उपलब्धियां
वीडियो में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल पर विपक्ष की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि विपक्ष ने तीसरे कार्यकाल को कमजोर बताया था और गठबंधन टूटने का अनुमान लगाया था, लेकिन सरकार ने मजबूत कदम उठाए हैं. इसमें सरकार के कई बड़े फैसलों का भी जिक्र है. वीडियो में यह भी संकेत दिया गया है कि सरकार अब समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की दिशा में काम कर रही है.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में क्या हुआ?
नेशनल हेराल्ड केस - सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
पीएनबी घोटाले में कार्रवाई - मेहुल चोकसी बेल्जियम से गिरफ्तार
26/11 मुंबई हमले का मामला - मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया गया।
भूमि घोटाला - ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की
वक्फ संशोधन विधेयक - संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित
विधानसभा चुनाव - दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में शानदार जीत
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
समान नागरिक संहिता का मतलब है एक देश और एक कानून। जिस भी देश में समान नागरिक संहिता लागू होती है, उस देश में विवाह, तलाक, बच्चे को गोद लेने, संपत्ति के बंटवारे और अन्य सभी विषयों को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं, उनका सभी धर्मों के नागरिकों को समान रूप से पालन करना होता है।
महाराष्ट्र चुनाव पर राहुल गांधी का हमला, अमेरिका में उठाया मुद्दा
21 Apr, 2025 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका पहुंच चुके हैं। अमेरिकी शहर बोस्टन स्थित ब्राउन विश्वविद्यालय में राहुल गांधी ने छात्रों के एक सत्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव व निर्वाचन आयोग की पारदर्शिता का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर सवाल
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में वहां के वयस्कों से अधिक लोगों ने मतदान किया। चुनाव आयोग ने शाम को साढ़े पांच बजे मतदान के आंकड़े जारी किए। शाम 5:30 से 7:30 के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। मगर यह शारीरिक रूप से संभव नहीं है।राहुल गांधी ने तर्क दिया कि एक वोट डालने में लगभग 3 मिनट का समय लगता है। अगर आप थोड़ी सी भी गणित लगाएंगे तो इसका अर्थ यह हुआ कि रात दो बजे तक लोगों की लाइन लगी रही होगी। मगर ऐसा नहीं हुआ।
कानून बदलने का लगाया आरोप
राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया कि जब हमने पूछा कि क्या वीडियोग्राफी हो रही है तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। न केवल इनकार किया बल्कि कानून भी बदल दिया। अब आपको वीडियोग्राफी के बारे में पूछने की अनुमति नहीं है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है। यह भी स्पष्ट है कि व्यवस्था में बड़ी गड़बड़ी है। सार्वजनिक रूप से कई बार मीडिया और अन्य माध्यमों से हमने यह मुद्दा भी उठाया।
भाजपा ने बयान पर साधा निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र विरोधी, भारत विरोधी राहुल गांधी, जो भारतीय मतदाताओं का विश्वास नहीं जीत सके, विदेशी धरती पर भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे हैं। राहुल हमेशा विदेशी धरती पर भारत को बदनाम क्यों करते हैं? जॉर्ज सोरोस का एजेंट, जो भारतीय राज्य से लड़ रहा है, यही आज राहुल गांधी का इरादा है!'
सैम पित्रोदा ने किया स्वागत
राहुल गांधी 20 अप्रैल को अमेरिका पहुंचे। यहां इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने उनका स्वागत किया। एक्स पोस्ट में पित्रोदा ने लिखा, "राहुल गांधी, आपका अमेरिका में स्वागत है! युवाओं, लोकतंत्र और बेहतर भविष्य की आवाज। आइए सुनें, सीखें और साथ मिलकर निर्माण करें।"राहुल गांधी यहां एनआरआई समुदाय के सदस्यों, पदाधिकारियों और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सदस्यों से भी बातचीत कर सकते हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी दी।उन्होंने लिखा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को अमेरिका के रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे। वे एक भाषण देंगे और छात्रों से बातचीत करेंगे। पिछले साल सितंबर महीने में भी राहुल गांधी ने अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा की थी।
फारूक अब्दुल्ला का बयान: सांप्रदायिक विभाजन ने बढ़ाई बंगाल में हिंसा
21 Apr, 2025 10:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने रविवार को कहा कि बंगाल (Bengal violence) में हाल ही में हुई हिंसा देश में बढ़ते हिंदू-मुस्लिम विभाजन का सीधा नतीजा है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक नफरत के कारण देश कमजोर हो रहा है। उन्होंने लोगों से एकजुट होने और एकता का प्रदर्शन करने का अनुरोध किया।
धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों से खतरा: फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि खतरा पाकिस्तान या चीन से नहीं बल्कि देश के भीतर उन लोगों से है, जो धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं। जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र मढ़ में सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहन लाल कैथ का पार्टी में स्वागत करने के लिए अपनी पार्टी द्वारा आयोजित एक जनसभा को संबोधित करने के बाद वह पत्रकारों से बात कर रहे थे।स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद पिछले साल विधानसभा चुनाव में असफल रहे कैथ ने कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा करने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने का फैसला किया और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया।
'बंगाल में हुई हिंसा सांप्रदायिक विभाजन का नतीजा'
भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हाल ही में बंगाल में हुई हिंसा देश भर में फैले सांप्रदायिक विभाजन का नतीजा है। फारूक ने कहा कि मुस्लिम विरोधी बयानबाजी और समुदाय के घरों, मस्जिदों और स्कूलों पर बुलडोजर चलाने से वे चरम पर पहुंच गए हैं।सरकार उनकी कार्रवाई की वैधता साबित नहीं कर सकती, जिस पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि देश में हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कानून नहीं हैं।
वक्फ बिल पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद कुछ भाजपा नेताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर डॉ. फारूक ने कहा कि लोकतंत्र के चार स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया देश में लोकतंत्र को जीवित रखते हैं।उन्होंने कहा अगर कोई गलत कानून पेश किया जाता है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है और उसके अनुसार वह अपना फैसला सुनाता है। उन्होंने ऐसे नेताओं को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोलने से बचने की सलाह दी।उन्होंने कहा कि वक्फ मुद्दा विचाराधीन है और सभी को अदालत के अंतिम फैसले तक इंतजार करना चाहिए, जिसने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं।
धर्म के नाम पर फैलाई गई नफरत देश को कर रही कमजोर
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि विविधता में एकता देश की ताकत है और उन्होंने लोगों से हाथ मिलाने और एकता का प्रदर्शन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर जो नफरत फैलाई गई है, वह देश को कमजोर कर रही है। हमें पाकिस्तान या चीन का डर नहीं है बल्कि हमें इस नफरत का डर है।हमें इससे उबरना होगा और तभी सब ठीक होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू के लोग पानी की कमी और बिजली के संकट से जूझ रहे हैं जबकि पानी की कमी नहीं है और इससे पैदा होने वाली बिजली उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समझौते के अनुसार राजस्थान और उत्तर प्रदेश को बेची जा रही है।उन्होंने कहा कि यह हमारा पानी है और इस पर पहला अधिकार हमारा है। उन्होंने सिन्हा की दरबार मूव की सदियों पुरानी परंपरा को रोकने के लिए आलोचना की जिसके तहत सरकार छह-छह महीने श्रीनगर और जम्मू से काम करती थी।
हिन्दू समाज में समरसता के लिए RSS प्रमुख का फॉर्मूला: 'एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान
21 Apr, 2025 09:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में हिंसा का भयावह मंजर देखने के बाद कई लोग हिन्दू एकता का आह्वान कर रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिन्दुओं से एक रहने की अपील की है। उनका कहना है कि सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए हिन्दुओं के बीच जातिगत विभाजन को पाटना होगा। इसी कड़ी में मोहन भागवत ने एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान का फॉर्मूला पेश किया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अलीगढ़ के दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने अलीगढ़ के एचबी इंटर कॉलेज और पंचन नगरी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
अलीगढ़ में संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि संघ के सभी परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर आधारित समुदाय का निर्माण करना होगा। इसके अलावा उन्होंने स्वयंसेवकों को समाज के सभी वर्गों तक सक्रिय रूप से पहुंचने और जमीनी स्तर पर एकता बनाए रखने के लिए कहा है।आरएसएस प्रमुख ने कहा कि परिवार की भूमिका समाज की मूलभूत इकाई बनी हुई है। ऐसे में हमें लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि सभी त्योहार सामूहिक रूप से मनाने चाहिए। इससे राष्ट्रवाद और सामाजिक एकता को और मजबूती मिलती है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह दौरा 17 अप्रैल को शुरू हुआ था। इस दौरान मोहन भागवत ब्रज क्षेत्र के आरएसएस प्रचारकों के साथ रोजाना बैठक कर रहे हैं। आरएसएस को 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस साल विजयादशमी मौके पर आरएसएस का शताब्दी समारोह देखने को मिलेगा। मोहन भागवत का यह दौरा भी उन्हीं तैयारियों का हिस्सा है।
JMM नेताओं का निशिकांत दुबे के बयान पर विरोध, बाबूलाल मरांडी को भी लपेटा
21 Apr, 2025 08:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। सुप्रीम कोर्ट के संदर्भ में गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने लोकतंत्र विरोधी करार दिया है। झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य और वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय ने कहा कि असल बात यह है कि भाजपा देश में मनुस्मृति लागू करना चाहती है।
निशिकांत दुबे का बयान लोकतंत्र विरोधी
भाजपा को देश के संवैधानिक ढ़ांचे पर विश्वास ही नहीं है। चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर कब्जा किया जा चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर भी इन्हें आपत्ति है। आखिरकार भाजपा इस देश को कहां ले जाना चाहती है? उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने निशिकांत दुबे के बयान पर चुप्पी क्यों साध रखी है? बात-बात पर बयान जारी करने वाले बाबूलाल मरांडी क्यों नहीं इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं करते?न्यायपालिका पर देश के गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों का अटूट भरोसा है। भाजपा अब अपने नेताओं के जरिए न्यायपालिका पर हमले करा रही है।
झामुमो ने की बर्खास्तगी की मांग
ये(भाजपा) मनमुताबिक निर्णय नहीं होने पर न्यायपालिका पर दबाव बना रहे हैं। भाजपा के सांसद पहले भी संताल परगना को झारखंड से अलग करने की बातें कई बार कर चुके हैं। इनकी सोच विभाजनकारी है। भाजपा के नेताओं को अगर न्यायपालिका पर विश्वास है तो निशिकांत दुबे को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।झारखंड मुक्ति मोर्चा न्यायपालिका समेत अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे की भाजपाई मनोवृति को किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा। भाजपा देश में हिन्दू-मुस्लिम का आरोप लगाकर नफरत पैदा करने के प्रयास में है।ये देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को समाप्त करना चाहते हैं। निशिकांत दुबे अपने मन से ऐसा नहीं बोल रहे हैं, इसके पीछे भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी सोच है।
ईस्टर के दिन चर्च पहुंचे भाजपा नेता सुरेश गोपी और राजीव चंद्रशेखर
20 Apr, 2025 05:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तिरुवनंतपुरम: केरल के त्रिशूर में ईस्टर के दिन केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने चर्चों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने त्रिशूर आर्चडायोसिस मुख्यालय में आर्कबिशप मार एंड्रयूज थजाथ से मुलाकात की.
जानकारी के मुताबिक सुरेश गोपी ने त्रिशूर में पुथनपल्ली (अवर लेडी ऑफ लूर्डेस मेट्रोपॉलिटन कैथेड्रल) और ओल्लूर चर्च का दौरा किया. इसके बाद वे आर्चडायोसिस मुख्यालय गए, जहां आर्कबिशप मार एंड्रयूज थजाथ ने उनका स्वागत किया.
दोनों ने सद्भावना के संकेत के रूप में ईस्टर की मिठाइयों का आदान-प्रदान किया. आर्कबिशप मार एंड्रयूज थजाथ ने सुरेश गोपी की यात्रा पर खुशी व्यक्त की और सभी को ईस्टर की शुभकामनाएं दीं. इस मौके पर सुरेश गोपी ने कहा, "अगर आप गिर जाते हैं, तो ईस्टर यह संदेश देता है कि आपका पुनरुत्थान होगा ." उन्होंने आगे कहा, "आशा के बिना जीवन नहीं है. परिवार, राज्य और राष्ट्र सभी आशा के माध्यम से आगे बढ़ते हैं. ईस्टर यही संदेश लेकर आता है." सुरेश गोपी के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) त्रिशूर शहर जिला अध्यक्ष जस्टिन जैकब और अन्य लोग भी मौजूद थे.
राजीव चंद्रशेखर ने पलायम लूर्डेस फोरेन चर्च का दौरा किया
ईस्टर के दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने पलायम लूर्डेस फोरेन चर्च का दौरा किया. उन्होंने सिरो-मालाबार चर्च के आर्कबिशप कार्डिनल मार जॉर्ज एलेनचेरी से मुलाकात की. दोनों ने ईस्टर की शुभकामनाएं दीं.राजीव चंद्रशेखर ने फेसबुक पर लिखा, "प्रभु यीशु द्वारा दिया गया प्रेम का महान संदेश और इस पवित्र दिन का आशीर्वाद हमें एक विकसित केरल की ओर ले जाए."
केरल का दौरा कल से शुरू होगा
बता दें कि राजीव चंद्रशेखर का राज्यव्यापी दौरा कल से शुरू होगा, जिसमें 'विकास केरलम' सम्मेलन और जिला नेतृत्व बैठकें शामिल होंगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका संभालने के बाद यह उनका पहला राज्य स्तरीय दौरा है। कार्यक्रम 21 अप्रैल से 10 मई तक चलेंगे
जिला कोर कमेटी के सदस्य और मंडलम अध्यक्ष बैठकों और सम्मेलनों में भाग लेंगे
सभी जिलों में आयोजित विकास केरलम सम्मेलनों के दौरान राजीव भाजपा के "मिशन 2025" को प्रस्तुत करेंगे. 21 अप्रैल को सुबह त्रिशूर सिटी जिले में और दोपहर में त्रिशूर दक्षिण जिले में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. 22 अप्रैल को सुबह मलप्पुरम पश्चिम और शाम को त्रिशूर उत्तर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. कार्यक्रमों का समापन 10 मई को पलक्कड़ पश्चिम जिले में एक सम्मेलन के साथ होगा.
क्या है अनुच्छेद 142, जिसको जगदीप धनखड़ ने बताया 'परमाणु मिसाइल'? कपिल सिब्बल ने की उपराष्ट्रपति की आलोचना
20 Apr, 2025 04:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीते गुरुवार को राष्ट्रपति द्वारा राज्यों की ओर से पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की. वह तमिलनाडु राज्य बनाम राज्यपाल मामले में 8 अप्रैल के फैसले का जिक्र कर रहे थे, जिसे पूरे भारत में राज्यों की जीत के रूप में देखा गया था.राज्यों द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा समयसीमा निर्धारित करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए धनखड़ ने न्यायपालिका द्वारा जवाबदेही का आह्वान किया. उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 को न्यायपालिका के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल के रूप में भी वर्णित किया.
अनुच्छेद 142 क्या है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र के प्रयोग में ऐसा आदेश पारित कर सकता है या ऐसा आदेश दे सकता है जो उसके समक्ष लंबित किसी मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक हो.इसका मतलब है कि यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को किसी भी मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कोई भी आदेश पारित करने या कोई भी निर्णय देने की विवेकाधीन शक्ति देता है. सु्प्रीम कोर्ट की पूर्ण शक्ति के रूप में भी जाना जाता है.यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को किसी व्यक्ति को न्यायालय में पेश करने, न्यायालय में किसी भी दस्तावेज की खोज या न्यायालय की अवमानना के लिए किसी को दंडित करने के उद्देश्य से कोई भी आदेश देने की शक्ति देता है.
आर्टिकल 142 से जुड़े कुछ फैसले
सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने 142 का इस्तेमाल करते हुए ही रामलला को जमीन देने का आदेश दिया. साथ ही मुस्लिम पक्ष को भी 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बोफोर्स घोटाले में भी इसी अनुच्छेद का इस्तेमाल करते हुए एक आरोपी को राहत दी थी.सहारा-सेबी केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छे 142के तहत मिली अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया था. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंडरट्रायल निवेशकों को पैसा वापस दिलवाने के लिए सहारा ग्रुप की संपत्तियों की बिक्री के आदेश दिए थे. इसकी तरह यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी के मामलों में भी कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत कंपनियों को राहत दी.
BJP सांसदों की सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा, कहा-पार्टी डैमेज कंट्रोल में लगी है
20 Apr, 2025 03:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को भाजपा सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिक पर की गई कथित टिप्पणियों से खुद को अलग करने को डैमेज कंट्रोल बताया. साथ ही कहा कि उनके खिलाफ न्यूनतम कार्रवाई पार्टी से उनका निष्कासन होना चाहिए.
विपक्षी दल ने यह भी पूछा कि दोनों सांसदों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और उन्हें कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी के दो सांसदों द्वारा न्यायपालिका पर की गई टिप्पणी के बाद पार्टी अध्यक्ष का उनसे किनारा करना कोई मायने नहीं रखता है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि नड्डा वैसे भी जाने वाले हैं.
रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'जब नफरत फैलाने वाले भाषण की बात आती है तो ये सांसद बार-बार अपराध करते हैं और अक्सर जी2 द्वारा समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों पर हमला करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है. भाजपा अध्यक्ष का स्पष्टीकरण कुछ और नहीं बल्कि डैमेज कंट्रोल है.'
'निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष' न्यायपालिका पर अस्वीकार्य टिप्पणियों पर पूरी तरह से चुप हैं. कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि संविधान पर बार-बार हो रहे हमलों पर पीएम मोदी की चुप्पी एक तरह से मौन समर्थन है क्योंकि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की गई. उन्होंने पूछा क्या नड्डा जी ने इन दोनों सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है?'
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने रमेश की एक्स पर टिप्पणी को टैग किया और कहा कि सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ 'सबसे घृणित टिप्पणी' करने वाले भाजपा सांसदों के खिलाफ न्यूनतम कार्रवाई उन्हें पार्टी से निष्कासित करना है. वासनिक ने कहा, 'लेकिन क्या भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष सांसदों को चेतावनी देने से आगे कुछ करेंगे? हम जानते हैं कि कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.'
भाजपा ने शनिवार को दुबे और शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट की आलोचना से खुद को अलग कर लिया और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन टिप्पणियों को उनका निजी विचार बताया. नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पार्टी का सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका के ऊपर की गई टिप्पणी से कोई वास्ता नहीं है. ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं. बीजेपी उन दोनों सांसदों की टिप्पणी से सहमति नहीं रखती है किसी भी तरह से समर्थन नहीं करती है.'
'नीतीश नहीं तो कोई नहीं', क्या बिहार में फिर से 'दुलरुआ' के सामने होंगे PM मोदी के 'हनुमान'?
20 Apr, 2025 10:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना. क्या बिहार चुनाव 2025 में ‘दुलरुआ’ वर्सेज ‘हनुमान’ में फिर से जंग देखने को मिलगा? बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से हलचल अचानक से बढ़ गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सियासत पहले से ही तेज थी, लेकिन अब केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की भी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा ने माहौल को गर्मा दिया है. पीएम मोदी के ‘हनुमान’ ने सर्वे रिपोर्ट के उत्साह में आकर बड़ी बात कह दी है, जिससे पीएम मोदी के ‘दुलरुआ’ यानी नीतीश कुमार को मिर्ची लग सकती है. दूसरी ओर नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का दावा है कि उनके पिता ही एनडीए के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे. ‘नीतीश नहीं तो कोई नहीं’ वाला बयान एनडीए में तूफान मचा सकता है. चिराग पासवान की एंट्री ने इसमें और नया ट्विस्ट दे दिया है.
इस बार के बिहार चुनाव में युवा नेतृत्व की पूरी फौज उतरने जा रही है, जिसमें प्रशांत किशोर, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, निशांत कुमार, मुकेश सहनी और पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे जैसे चेहरे शामिल हैं. निशांत कुमार के बयान के बाद चिराग पासवान भी एनडीए के भीतर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुट गए हैं. चिराग ने हाल के बयानों में नीतीश के नेतृत्व पर सीधा सवाल तो नहीं उठाया, लेकिन उनकी सक्रियता और युवा वोटरों को लुभाने की कोशिशें यह संकेत देती हैं कि वह भविष्य में बड़ी भूमिका की तैयारी में हैं. सी वोटर के हाल के सर्वे में उनकी लोकप्रियता में 2% की बढ़ोतरी से वह काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.
क्या नया सियासी समीकरण बनने जा रहा है?
दूसरी ओर, बीजेपी की चुप्पी इस सियासी ड्रामे को और रहस्यमय बनाती है. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बयान, जिसमें उन्होंने सम्राट चौधरी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी, ने जेडीयू खेमे में हड़कंप मचा दिया. हालांकि, बीजेपी ने बाद में स्पष्ट किया कि नीतीश ही एनडीए का चेहरा होंगे, लेकिन संसदीय बोर्ड की मंजूरी की शर्त ने संदेह के बीज बो दिए. नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर विपक्ष, खासकर तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर, लगातार सवाल उठा रहे हैं.
सर्वे से बिहार में भूचाल?
हाल के सर्वे में नीतीश की लोकप्रियता में 3% की गिरावट देखी गई, जबकि तेजस्वी पहले और प्रशांत किशोर दूसरे स्थान पर हैं. वक्फ बिल पर नीतीश के बीजेपी के समर्थन ने उनके मुस्लिम वोट बैंक को भी नाराज किया है, जिससे जेडीयू की स्थिति कमजोर हो सकती है. बीजेपी के पास बिहार में जेडीयू से ज्यादा सीटें हैं और वह महाराष्ट्र की तर्ज पर अपना मुख्यमंत्री लाने की रणनीति बना सकती है. सम्राट चौधरी का नाम लव-कुश समीकरण के तहत उछाला जा रहा है, लेकिन नीतीश के कद का कोई नेता बीजेपी के पास अभी नहीं है. बीजेपी की चुप्पी इस बात का संकेत हो सकती है कि वह माहौल भांप रही है.
चिराग पासवान क्या फिर करेंगे खेला?
दूसरी ओर, चिराग पासवान एनडीए में अपनी पार्टी की सीटों की संख्या बढ़ाने और युवा वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश में हैं. 2020 में नीतीश की सीटें कम करने में उनकी भूमिका अहम थी और अब वह केंद्र में मंत्री होने का फायदा उठाकर बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. अगर बीजेपी नीतीश को ही चेहरा बनाए रखती है तो एनडीए 2010 जैसा बहुमत हासिल करने की कोशिश करेगा. लेकिन नीतीश की घटती लोकप्रियता और मुस्लिम वोटों का नाराज होना चुनौती है. अगर बीजेपी सम्राट चौधरी या किसी अन्य नेता को आगे लाती है तो जेडीयू के साथ गठबंधन टूट सकता है. नीतीश के पास अभी भी विपक्ष के साथ जाने का विकल्प बचा है, हालांकि यह मुश्किल लगता है.
कुल मिलाकर बिहार की सियासत में नीतीश कुमार का अनुभव, बीजेपी की रणनीति, चिराग की महत्वाकांक्षा, नए युवा नेताओं का उभार और विपक्ष की आक्रामकता मिलकर एक जटिल सियासी समीकरण बना रहे हैं. फिलहाल, नीतीश का नेतृत्व एनडीए का आधिकारिक चेहरा बना हुआ है, लेकिन बीजेपी के अगले कदम और चुनावी सर्वे इस खेल को नई दिशा दे सकते हैं.
न्यायपालिका का आदेश सिर माथे! दुबे और शर्मा के बयानों से बीजेपी का लेना-देना नहीं, नड्डा की सफाई
20 Apr, 2025 09:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: अपने सांसदों की ओर से सुप्रीम कोर्ट पर चलाए गए तीरों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने खुद को दो टूक शब्दों में अलग कर लिया. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा के बयान पूरी तरह व्यक्तिगत हैं और पार्टी इनसे कोई इत्तेफाक नहीं रखती. जेपी नड्डा ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, ‘इन बयानों से न तो भाजपा का कोई लेना-देना है और न ही पार्टी कभी भी ऐसे विचारों का समर्थन करती है. हम इन बयानों को सिरे से खारिज करते हैं.’ बीजेपी का यह स्टैंड ऐसे समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट और संविधानिक संस्थाओं को लेकर बयानबाज़ी बढ़ती जा रही थी. नड्डा ने कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं को और पार्टी के सभी जनप्रतिनिधियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी कोई टिप्पणी न करें जो न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाए.
न्यायपालिका पर BJP का स्टैंड साफ
नड्डा ने जोर देकर कहा कि भाजपा हमेशा से न्यायपालिका का सम्मान करती आई है. उन्होंने कहा, ‘हमने सुप्रीम कोर्ट समेत सभी अदालतों के आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है. लोकतंत्र में न्यायपालिका संविधान की आत्मा है और भाजपा उसे पूरी श्रद्धा से मानती है.’ पार्टी अध्यक्ष का यह बयान न केवल संगठन की लाइन क्लियर करता है, बल्कि उन आलोचनाओं को भी शांत करने की कोशिश है जो पार्टी के सांसदों के विवादित बयानों के बाद उठी थीं.
क्या था मामला?
दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक के बाद एक विवादास्पद टिप्पणियां की थीं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाए, तो संसद को बंद कर देना चाहिए. इसके बाद उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें ‘सिविल वॉर’ का जिम्मेदार ठहराया था. राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी अदालतों की भूमिका पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद विपक्ष और कानूनी समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस ने इन बयानों को ‘मानहानिपूर्ण’ और ‘लोकतंत्र के खिलाफ’ बताया.
विपक्ष हमलावर, कोर्ट सख्त
कांग्रेस के जयराम रमेश और इमरान मसूद जैसे नेताओं ने सीधे तौर पर भाजपा पर आरोप लगाया कि वह संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है. उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उसने चुनाव आयोग, वक्फ एक्ट और इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मामलों में सरकार से जवाब मांगा है.
राज ठाकरे ने उद्धव से गठबंधन के लिए बढ़ाया हाथ, शिवसेना UBT प्रमुख ने दिए ये संकेत
20 Apr, 2025 08:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने भाई और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन पर बड़ा बयान देकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. राज ठाकरे ने अभिनेता महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में गठबंधन के संकेत दिए. वहीं, उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के गठबंधन के प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.मुंबई में कामगार सेना के एक कार्यक्रम के दौरान, उद्धव ठाकरे ने कहा कि, वह राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि, क्या दोनों भाई हाथ मिलाएंगे और क्या पूरे महाराष्ट्र का सपना पूरा होगा.
मुंबई में कामगार सेना के कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि, वे भी छोटे-मोटे विवादों को छोड़कर साथ आने के लिए तैयार हैं. वे सभी से महाराष्ट्र के हित में और सभी मराठी लोगों के हित में साथ आने की अपील भी कर रहे हैं. हालांकि, इसमें उनकी एक शर्त है, जब वे लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि महाराष्ट्र की परियोजनाओं को गुजरात ले जाया जा रहा है. ठाकरे ने कहा कि, अगर हमने उस समय इसका विरोध किया होता, तो आज यहां मराठी लोगों के हित में सरकार बनती. यह सरकार महाराष्ट्र में भी नहीं बनती.
उन्होंने कहा, "मैं महाराष्ट्र के हित के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को मनोरंजन नहीं दूंगा और मैं उसे अपने घर नहीं बुलाऊंगा. मैं उसके साथ कतार में नहीं बैठूंगा. पहले यह तय करें और फिर महाराष्ट्र के हित में काम करें." उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण के दौरान यह बात कही.
दिग्गज अभिनेता महेश मांजरेकर ने इंटरव्यू में राज ठाकरे से सीधा सवाल पूछा, "क्या उद्धव ठाकरे और आप साथ आएंगे?" इस सवाल पर कोई टालमटोल किए बिना या इस सवाल पर बात करने से बचते हुए राज ठाकरे ने महेश मांजरेकर के सवाल का जवाब दिया.
इस इंटरव्यू के दौरान राज ठाकरे का यह जवाब कि, महाराष्ट्र के मुद्दों और समस्याओं के सामने हमारे मतभेद और विवाद मामूली हैं, ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है. महेश मांजरेकर के सवाल का जवाब देते हुए राज ठाकरे ने कहा, महाराष्ट्र बहुत बड़ा है. इस राज्य के लोगों के मुद्दों और समस्याओं के सामने हमारे दोनों भाइयों के बीच मतभेद और विवाद बहुत मामूली हैं.
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने जवाब दिया, महाराष्ट्र में मराठी लोगों के अस्तित्व के सामने ये सारी बातें महत्वहीन हैं. मुझे नहीं लगता कि हमारे लिए एक साथ आना और साथ रहना बहुत मुश्किल है. मुद्दा केवल इच्छाशक्ति का है. क्योंकि यह सिर्फ मेरे तक सीमित नहीं है. मेरी राय है कि सभी मराठी लोगों को एक साथ आना चाहिए और एक पार्टी बनानी चाहिए."
भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार पर जोरदार राजनीतिक हमला बोलते तेजस्वी बोले- सबका 30% कमीशन होता है फिक्स
19 Apr, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर जोरदार राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने साफ कहा कि भ्रष्टाचार इतना व्याप्त है कि सभी विभागों में टेंडर जारी किए जा रहे हैं, जिसमें सभी विभागीय मंत्रियों के लिए 30 प्रतिशत कमीशन तय है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें इससे चुनाव खर्च चलाना है।
पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वे चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, उनकी सरकार नहीं बनने वाली है। इसीलिए जल्दबाजी में टेंडर जारी किए जा रहे हैं। महज तीन महीने में हुई कैबिनेट की बैठक में सिर्फ 76 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसमें ज्यादातर योजनाएं निर्माण से जुड़ी हैं।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार हर साल 25 से 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज चुकाती है। ब्याज की बात तो छोड़ ही दीजिए। बिहार सरकार सरकारी खजाने से चुनाव के लिए यात्रा और राजनीतिक प्रचार कर रही है। जनता इसका जवाब मांग रही है। अब महिला संवाद किया जा रहा है, जिसके लिए दिल्ली से 600 वैन यहां बुलाई गई हैं। नल के पानी में भी बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। कई गांवों में अभी तक नल का पानी नहीं पहुंचा है।