राजनीति
बिहार में पीएम मोदी की जनसभाओं में सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 प्रोटोकॉल की तैयारी
24 Apr, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर भारत क्या प्रतिक्रिया देगा, इस पर बहस तेज हो गई है। कई लोगों की नजर इस बात पर है कि प्रधानमंत्री मोदी क्या निर्णय लेंगे। यह जानने के प्रयास चल रहे हैं कि पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पाकिस्तान पर हवाई हमला करने वाला भारत अब क्या करेगा। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी आज गुरुवार यानी 24 अप्रैल को इस सवाल का जवाब देंगे। पहलगाम की घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहली सार्वजनिक रैली आज गुरुवार को बिहार के मधुबनी जिला के झंझारपुर प्रखंड के लोहना उत्तरी पंचायत में भैरव स्थान थाना के निकट है। 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। उस समय सीआरपीएफ के वाहनों को निशाना बनाकर हमला किया गया था। इसके बाद राजस्थान के चुरू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उन्होंने सुरक्षा बलों को उचित कार्रवाई करने की पूरी आजादी दी है। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में हवाई हमले कर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। यह ऑपरेशन सीधे पाकिस्तान जाकर अंजाम दिया गया। इसके चलते अब देशभर की निगाहें इस बात पर है कि पीएम मोदी आज गुरुवार को बिहार में क्या कहेंगे ?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने दिया ऐसा विवादित बयान
23 Apr, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने लोगों के पहचान पत्र देखकर उनकी हत्या की, क्योंकि उन्हें लगता है कि देश में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। रॉबर्ट वाड्रा के इस बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने रॉबर्ट वाड्रा पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इसे शर्मनाक बयान बताया है।
रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मुझे बहुत बुरा लग रहा है और मेरी गहरी संवेदनाएं इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों के साथ हैं। हमारे देश में हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। अगर आप इस आतंकी हमले का विश्लेषण करें, अगर वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा हो गया है।
'मुस्लिम खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं'
उन्होंने कहा कि इससे ऐसे संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। पहचान देखना और फिर किसी की हत्या करना, यह प्रधानमंत्री के लिए संदेश है, क्योंकि मुसलमान और अल्पसंख्यक खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। ऊपर से यह संदेश आना चाहिए कि हम अपने देश में सुरक्षित और धर्मनिरपेक्ष महसूस करते हैं और हम इस तरह की हरकतें होते नहीं देखेंगे।
बीजेपी ने इसे 'शर्मनाक' बयान बताया
बीजेपी ने रॉबर्ट वाड्रा के बयान को शर्मनाक बताया है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी, रॉबर्ट वाड्रा द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी के इशारे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों का बचाव करने, इस्लामिक जिहाद के इस अपराध को क्लीन चिट देकर उसे सफेद करने और हिंदुओं को दोषी ठहराने और आतंकवाद को सही ठहराने के लिए दिया गया सबसे शर्मनाक, नृशंस बयान है। 26/11 के बाद उन्होंने हिंदुओं को दोषी ठहराया, पुलवामा हमले के बाद उन्होंने सुरक्षा बलों को दोषी ठहराया।
अमित मालवीय ने दिया चौंकाने वाला बयान
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए आश्चर्य जताया। बीजेपी नेता ने लिखा कि चौंकाने वाला! सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा बेशर्मी से आतंकवादी कृत्य का बचाव कर रहे हैं और उनकी निंदा करने के बजाय आतंकवादियों को संरक्षण दे रहे हैं। वह यहीं नहीं रुकते बल्कि पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए भारत को दोषी ठहरा रहे हैं।
रिजिजू का बयान: संसद से पारित कानूनों को राज्य नहीं कर सकते खारिज
23 Apr, 2025 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन अधिनियम लागू करने से इन्कार के लिए मंगलवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और कहा कि संघीय ढांचे के तहत कोई राज्य संसद से पारित कानून को लागू होने से रोक नहीं सकता।
रिजिजू ने सीएम ममता को लेकर कही ये बात
रिजिजू ने कहा कि कुछ गुमराह मुसलमान और वोट बैंक के तुष्टीकरण में लगे राजनेता वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसे लोगों को बेनकाब करेगी। उन्होंने ये टिप्पणियां मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कीं।
बंगाल में वक्फ अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा- सीएम ममता
ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि बंगाल में वक्फ अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा और वह अल्पसंख्यकों तथा उनकी संपत्तियों की रक्षा करेंगी। बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, 'हम संघीय ढांचे के तहत काम करते हैं। वह सैद्धांतिक रूप से अधिनियम का विरोध कर सकती हैं, लेकिन यह नहीं कह सकतीं कि वह संसद से पारित कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगी।'
PM मोदी का त्वरित एक्शन मोड: आतंकियों के खिलाफ रणनीति पर एयरपोर्ट पर ही हुई बैठक
23 Apr, 2025 10:25 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का अपना दौरा बीच में ही समाप्त कर दिया। प्रधानमंत्री बुधवार सुबह ही दिल्ली लौट आए हैं और अब से कुछ ही देर में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह निर्णय उन्होंने हमले की गंभीरता को देखते हुए लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साऊदी अरब से वापस आते ही कश्मीर में पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
मंगलवार को कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में आतंकवादियों ने घातक हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में अधिकतर पर्यटक बताए जा रहे हैं। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा और जानलेवा आतंकी हमला माना जा रहा है। पूरे देश में इस हमले के खिलाफ गम और गुस्से का माहौल है।
सऊदी अरब में भी उठा कश्मीर का मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच यह मुद्दा विशेष तौर पर उठाया गया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद की निंदा की और रणनीतिक साझेदारी परिषद की सह-अध्यक्षता करते हुए द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर बल दिया। मोहम्मद बिन सलमान ने हमले को ‘अमानवीय और निंदनीय’ बताया और भारत के साथ एकजुटता जताई।
बैठक में हुई देरी, लेकिन लिया स्थिति का जायज़ा
जेद्दा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने क्राउन प्रिंस के साथ अपनी निर्धारित बैठक में लगभग दो घंटे की देरी की ताकि कश्मीर की ताज़ा स्थिति का जायज़ा ले सकें। सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट मंगवाई गई और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के संपर्क में रहकर पल-पल की जानकारी ली गई।
रात्रिभोज में नहीं हुए शामिल
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता तो पूरी की लेकिन सऊदी शहज़ादे के साथ निर्धारित रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए। उन्होंने अपनी दो दिवसीय यात्रा को छोटा करते हुए मंगलवार रात को ही स्वदेश लौटने का फ़ैसला किया। यह फैसला दिखाता है कि सरकार इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है।
श्रीनगर में भी हाई-लेवल मीटिंग
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। यह बैठक सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ की गई।
प्रधानमंत्री मोदी का कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वह पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने लिखा, "जो लोग इस जघन्य वारदात के ज़िम्मेदार हैं, उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमारी लड़ाई अडिग है और हम इस नापाक हरकत का जवाब ज़रूर देंगे।"
नीति आएगी जब समय आएगा: तबादला नीति पर मंत्री ने दी दो टूक प्रतिक्रिया
23 Apr, 2025 10:24 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नर्मदापुरम: भारतीय जनता पार्टी द्वारा लगातार विभिन्न संगोष्ठी, संवाद जैसे अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी को लोगों के इतिहास की जानकारी लग सके. इसी कार्यक्रम के चलते मंगलवार को भाजपा कार्यालय में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी पर संगोष्ठी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया.
नीति आएगी जब पता चलेगा, अभी तो भविष्य है
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह पहुंचे. उन्होंने शिक्षा विभाग में शिक्षकों के अटैचमेंट को लेकर बताया कि, ''शिक्षकों की आदत बदलने के लिए ही समय-समय पर शिक्षकों के अटैचमेंट कैंसिल किए जाते हैं.'' इस दौरान नई तबादला नीति के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि, ''नीति आएगी जब पता चलेगा, अभी तो भविष्य में है.''
अंबेडकर के जीवन पर विचार गोष्ठी
मंत्री रावत उदय प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि, ''भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से अभियान चल रहा है. जिसमें अलग-अलग विषयों पर संवाद कार्यक्रम संगोष्ठी कार्यक्रम हो रहा रहे हैं. जन जागरण जैसी चीज समाज के नौजवानों को और आने वाली पीढ़ी को समय रहते पता चलना चाहिए. इसके चलते नर्मदापुरम में हमारे संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर विचार गोष्ठी आयोजित की गई. उनके विचार, उनके कार्य पद्धति, देश के लिए उनका योगदान, विषम परिस्थितियों में देश में रहकर राष्ट्र निर्माण में उनकी क्या भूमिका रही है, उसको लेकर संवाद किया.''
इसलिए होते हैं शिक्षकों के अटैचमेंट कैंसिल
उन्होंने शिक्षा विभाग में हो रहे अटैचमेंट को लेकर बताया कि, ''समय-समय पर आवश्यकता के हिसाब से शिक्षकों को अटैच किया जाता है. अभी जैसे कोई अभियान चल रहा है, कुछ फीडिंग करना है, कंप्यूटर में कंप्यूटर एक्सपर्ट टीचर हैं तो कुछ समय के लिए उनका उपयोग करने के लिए अटैचमेंट किया जाता है. लेकिन यह आदत का दुरुपयोग ना हो इसलिए बीच-बीच में सारे अटैचमेंट कैंसिल कर दिए जाते हैं. इसी को लेकर पिछले दिनों भी हुआ है.'' उन्होंने बताया कि ''हमारे द्वारा यथासंभव कोशिश होती है कि शिक्षण व्यवस्था शिक्षक के जिम्मे हो बाकी अन्य काम आउटसोर्स के माध्यम से कराया जाए.''
जिले में लंबे समय से संभागीय मुख्यालय में आरटीओ अधिकारी न होने को लेकर उन्होंने बताया कि, ''जिनका यहां स्थानांतरण हुआ है, उन्होंने ज्वाइन नहीं किया है, इसको लेकर कार्यवाही की जा रही है. एक दो दिन में इसकी व्यवस्था की जाएगी. इस दौरान उनसे नई तबादला नीति पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा ''नीति आएगी जब पता चलेगा, अभी तो भविष्य में हैं.''
पप्पू यादव ने एक बार फिर दिया बड़ा बयान, पश्चिम बंगाल में बीजेपी की जीत की गड़ना को लेकर साधा निशाना
22 Apr, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. इस बार उन्होंने पश्चिम बंगाल में बीजेपी पर निशाना साधा है. पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी इस जन्म में पश्चिम बंगाल में नहीं जीत सकती. उन्होंने कहा कि बीजेपी ममता दीदी को चुनौती नहीं दे सकती, इसलिए वो पिछले दरवाजे से बंगाल पर राज करना चाहती है. आपको बता दें कि इससे पहले भी पप्पू यादव अपने बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं.
क्या कहा पप्पू यादव ने
दरअसल, पप्पू यादव से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर सवाल किया गया था. इस पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, "हम भाजपा की तरह संविधान के खिलाफ बात नहीं करेंगे। भाजपा कभी भी भारत में अकेले चुनाव नहीं जीत सकती। वे किसी के कंधे पर बंदूक रखकर ही जीत सकते हैं। भाजपा किसी की मदद से ही जीत सकती है और उसे मारकर अपनी सरकार बना सकती है। जहां भाजपा सरकार नहीं बनाएगी, वहां वह राष्ट्रपति शासन के तहत शासन करना चाहती है। भाजपा इस जन्म में बंगाल में नहीं जीत सकती, वे ममता दीदी को चुनौती नहीं दे सकते, इसलिए अब वे पिछले दरवाजे से बंगाल पर शासन करना चाहते हैं।"
केजरीवाल ने भी दिया था बयान
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल का एक बयान काफी तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वे भाजपा को चुनौती देते नजर आए थे। एक वीडियो क्लिप में आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल यह कहते हुए सुने गए थे कि "मैं नरेंद्र मोदी जी से कहना चाहता हूं, मोदी जी, इस जन्म में आप हमें नहीं हरा सकते, दिल्ली में आम आदमी पार्टी, आपको दूसरा जन्म लेना पड़ेगा।" हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा ने दिल्ली में जीत हासिल की थी।
महाविकास अघाड़ी MVA को लगा बड़ा झटका! पूर्व कांग्रेस विधायक भाजपा में हुए शामिल
22 Apr, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व विधायक संग्राम थोपटे भाजपा में शामिल हो गए हैं। थोपटे मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने थोपटे का पार्टी में स्वागत किया। पुणे की भोर विधानसभा सीट से तीन बार जीत चुके थोपटे को 2024 के विधानसभा चुनाव में राकांपा उम्मीदवार शंकर मांडेकर ने हराया। उनका परिवार कांग्रेस की परंपरा से जुड़ा है। थोपटे कांग्रेस के दिग्गज नेता अनंतराव थोपटे के बेटे हैं। उनके पिता भी भोर सीट से छह बार चुनाव जीत चुके हैं। वे राकांपा (सपा) प्रमुख शरद पवार के कट्टर प्रतिद्वंद्वी थे। थोपटे ने पिछले हफ्ते कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
संग्राम थोपटे ने कहा कि मैं कट्टर कांग्रेसी था। मैंने पार्टी और महा विकास अघाड़ी के लिए काम किया। लेकिन मेरे काम और वफादारी को मान्यता नहीं मिली। कांग्रेस की विचारधारा जमीनी स्तर तक पहुंचे, इसके लिए मैंने और मेरे पिता ने पार्टी के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के वफादार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया। भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में काम करती है, इसलिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। थोपटे ने कहा कि मैं फडणवीस को कई सालों से जानता हूं, लेकिन मैंने कभी इस रिश्ते का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं किया। अब मैं भाजपा में शामिल हो गया हूं।
न्यायपालिका बनाम कार्यपालिका बहस के बीच उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सवाल उठाए
22 Apr, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यायपालिका बनाम कार्यपालिका की बहस के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि संसद सर्वोच्च है। हर संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा बोला गया हर शब्द सर्वोच्च राष्ट्रहित से जुड़ा होता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारों के अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट को घेरा गया। उन्होंने कहा कि संविधान कैसा होगा, यह वे लोग तय करेंगे, जो चुने गए हैं। इससे ऊपर कोई नहीं होगा। संसद सर्वोच्च है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की दो टिप्पणियों का हवाला दिया। इसमें गोरखनाथ केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है। जबकि दूसरे केशवानंद भारती केस में कोर्ट ने कहा था कि यह संविधान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि किसी भी संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा बोला गया हर शब्द राष्ट्र के सर्वोच्च हित से निर्देशित होता है। मुझे यह काफी दिलचस्प लगता है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक और सजावटी हो सकते हैं।
इस देश में हर व्यक्ति की भूमिका के बारे में गलतफहमी से कुछ भी दूर नहीं हो सकता, चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लगातार सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और टिप्पणियों पर सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राष्ट्रपति द्वारा फैसले लेने और सुपर पार्लियामेंट के तौर पर काम करने के लिए न्यायपालिका द्वारा तय की गई समयसीमा पर सवाल उठाया था और कहा था कि सुप्रीम कोर्ट लोकतांत्रिक ताकतों पर परमाणु मिसाइल नहीं दाग सकता।
उन्होंने न्यायपालिका के लिए ये कड़े शब्द राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहे थे, कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा विचार के लिए रखे गए विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा की मांग की थी। इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा था, 'तो, हमारे पास ऐसे जज हैं जो कानून बनाएंगे, जो कार्यकारी काम करेंगे, जो सुपर पार्लियामेंट के तौर पर काम करेंगे और उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता।'
सुप्रीम कोर्ट ने कसा था तंज
उपराष्ट्रपति धनखड़ और भाजपा नेताओं के बयानों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान तंज कसा था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा था, 'आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश जारी करें? इसी तरह, हम पर कार्यपालिका (क्षेत्र) पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया जा रहा है।'
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर हमला बोला, कह- समय आ गया है कि कांग्रेस को अपना चुनाव चिन्ह हाथ से बदलकर लुंगी कर लेना चाहिए
22 Apr, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने धेमाजी और तिनसुकिया जिलों में एनडीए उम्मीदवारों के लिए पंचायत चुनाव अभियान की शुरुआत की। सोमवार को धेमाजी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और तंज कसते हुए कहा, "कांग्रेस को अब अपना चुनाव चिन्ह 'हाथ' छोड़कर 'लुंगी' कर लेना चाहिए।" उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व की आलोचना के तौर पर की।
कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाए
मीडिया के मुताबिक, सरमा का यह बयान कांग्रेस के खिलाफ उनकी चल रही आलोचना का हिस्सा है। वह पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं। इस बार उनका यह तंज कांग्रेस के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है, खासकर तब जब देश में लोकसभा चुनाव 2024 की चर्चाएं जोरों पर हैं।
एक्स पर पोस्ट किया
हिमंत ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, "कांग्रेस का चुनाव चिन्ह 'हाथ' नहीं बल्कि 'लुंगी' होना चाहिए!" इस पोस्ट के साथ उन्होंने भाजपा असम इकाई को टैग किया और एक तस्वीर भी शेयर की। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं
इस बयान पर कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह विवादित बयान राजनीतिक हलकों में बहस का विषय बनेगा।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान से एक बार फिर मचा बवाल! अब जज पर करी टिप्पणी
22 Apr, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू पर निशाना साधा और दावा किया कि 1967-68 में मुख्य न्यायाधीश बने वांचू ने औपचारिक रूप से कानून की पढ़ाई नहीं की थी। दुबे का यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। निशिकांत दुबे ने अपने बयान में कहा, "क्या आप जानते हैं कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने कानून की बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की थी।" उन्होंने यह दावा तब किया जब वे न्यायपालिका और उसके इतिहास पर अपनी राय व्यक्त कर रहे थे।
दुबे के इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि कैलाशनाथ वांचू एक सम्मानित न्यायाधीश थे जिन्होंने भारतीय न्यायपालिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया। निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि कांग्रेस के संविधान बचाओ की एक रोचक कहानी है, बहारुल इस्लाम साहब ने 1951 में असम में कांग्रेस की सदस्यता ली, तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने उन्हें 1962 में राज्यसभा का सदस्य बनाया, छह साल बाद 1968 में सेवा के लिए उन्हें फिर से राज्यसभा का सदस्य बनाया गया, कांग्रेस को उनसे बड़ा चाटुकार नहीं मिला, उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा दिलाए बिना ही 1972 में हाईकोर्ट का जज बना दिया गया, फिर 1979 में उन्हें असम हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया, बेचारे 1980 में रिटायर हो गए, लेकिन ये कांग्रेस है, जो जज जनवरी 1980 में रिटायर हुए उन्हें दिसंबर 1980 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया गया, 1977 में उन्होंने पूरी निष्ठा से इंदिरा गांधी जी के खिलाफ भ्रष्टाचार के सारे मामले खत्म कर दिए, फिर खुश होकर कांग्रेस ने उन्हें 1983 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर कर दिया और 1983 में ही कांग्रेस से तीसरी बार राज्यसभा का सदस्य बना दिया। मैं कुछ नहीं बोलूंगा?
कौन हैं कैलाशनाथ वांचू?
कैलाशनाथ वांचू, जो 1967 से 1968 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे। हालांकि, दुबे के इस दावे ने उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इतिहास के अनुसार, वांचू ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी और वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले एक प्रतिष्ठित वकील थे। उनके पास कानून की डिग्री न होने को लेकर इतिहासकारों और कानूनी विशेषज्ञों में मतभेद हैं, लेकिन यह सच है कि उस दौर में कई लोग बिना किसी औपचारिक कानून की डिग्री के भी अपनी प्रतिभा और अनुभव के दम पर ऊंचे पदों पर पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट पर विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब निशिकांत दुबे ने न्यायपालिका को लेकर विवादित टिप्पणी की हो। इससे पहले भी वह सुप्रीम कोर्ट और उसके फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं, जिसके चलते उनकी आलोचना हुई थी। कई लोग उनके ताजा बयान को न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा पर हमला मान रहे हैं। विपक्षी दलों ने इसे "न्यायपालिका को बदनाम करने की साजिश" करार दिया है, जबकि कुछ कानूनी विशेषज्ञों ने इसे गैरजिम्मेदाराना और तथ्यों से परे बताया है। दुबे के बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनेताओं को ऐतिहासिक और संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए। विवाद तब और गहरा गया जब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने वांचू के शैक्षणिक और पेशेवर रिकॉर्ड को सामने लाकर उनके दावों का खंडन किया।
राजा इकबाल का ताज: भाजपा की दिल्ली में मजबूत पकड़
22 Apr, 2025 11:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर का ताज इस बार भाजपा के सरदार राजा इकबाल सिंह के सिर सजेगा है। एमसीडी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के कारण मेयर पद भाजपा के पास जाना तय है। दिल्ली के मुखर्जी नगर से भाजपा के पार्षद राजा इकबाल सिंह फिलहाल एमसीडी में विपक्ष के नेता हैं।
दिल्ली में एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव 25 अप्रैल को होगा। आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आप के मेयर का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। राजा इकबाल सिंह इसके पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं। वह अभी भाजपा की तरफ से निगम में नेता विपक्ष हैं। साथ ही भाजपा के पार्षद यादव उपनेता विपक्ष के पद पर हैं। वर्तमान में मेयर पद पर आप का कब्जा है। महेश कुमार खिंची ने नवंबर 2024 में केवल 3 वोटों से मेयर का चुनाव जीता था। 51 साल के सिंह इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं। वह अभी भाजपा की तरफ से निगम में नेता विपक्ष हैं।
राजा इकबाल सिंह ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से वर्ष 2007-2010 एलएलबी की पढ़ाई की है। इससे पहले नॉर्थ कैंपस दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज से वर्ष 1989-1992 से बीएससी की पढ़ाई की थी। इकबाल सिविल लाइन जोन में वार्ड समिति के पूर्व अध्यक्ष और मुखर्जी नगर वार्ड 13 के पूर्व पार्षद रह चुके हैं।
वह दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं। पहली बार उन्होंने 2017 में तत्कालीन नॉर्थ एमसीडी का चुनाव जीता था और 2022 में भी वह निगम पार्षद का चुनाव जीते।
बात दें कि बीते कुछ महीनों में ‘आप’ के कई पार्षदों के पार्टी छोड़कर जाने के बाद एमसीडी में भाजपा की संख्या 119 हो गई है। एमसीडी में मनोनीत सांसद और विधायक दोनों ही मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए होने वाले चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।
आगामी 25 अप्रैल 2025 को एमसीडी के नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव होने हैं। भाजपा के पास 117 पार्षद हैं, जबकि ‘आप’ के पास 113 पार्षद हैं। कांग्रेस के 8 पार्षद हैं। अब भाजपा के पास 117 पार्षद, 11 विधायक और सात लोकसभा सांसद को मिलाकर 135 वोट हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 113 पार्षद, तीन विधायक और तीन राज्यसभा सांसद को मिलकर 119 वोट हैं।
एमसीडी के 2022 के चुनाव में आप ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत दर्ज कर एमसीडी पर कब्जा किया था, जबकि भाजपा को 104 वार्ड मिले थे। हालांकि, इस साल 15 फरवरी को ‘आप’ के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
दिल्ली नगर निगम के मौजूदा कार्यकाल का यह तीसरा साल है और अब चौथी बार निगम को वर्ष 2025-26 महापौर 25 अप्रैल को मिलेगा। इससे पहले संयुक्त दिल्ली नगर निगम की पहली मेयर फरवरी 2022 में आम आदमी पार्टी की पटेल नगर से पार्षद डॉ. शैली ओबरॉय चुनी गई थीं। इसके बाद दूसरे मेयर का कार्यकाल अप्रैल 2022 में शुरू हुआ, इसमें फिर से डॉ. शैली ओबरॉय चुनी गईं। इसके बाद नवंबर 2024 में आम आदमी पार्टी के पार्षद महेश कुमार खींची चुने गए।
प्रधानमंत्री पुरस्कार 2024: सुश्री नेहा मीणा को लोक प्रशासन में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
22 Apr, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली/इन्दौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में झाबुआ कलेक्टर सुश्री नेहा मीणा को वर्ष 2024 के प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
झाबुआ जिले को आकांक्षी ब्लाक श्रेणी में ब्लाक रामा में मोटी आई अभियान, सिकल सेल उन्मूलन के लिए जनजातीय क्षेत्रों में 3000 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, ब्लाक के 100% किसानों को मृदा कार्ड जारी करने, हर घर जल योजना के अंतर्गत 26 हजार से अधिक घरेलू नल कनेक्शन और पीएम आवास योजना में 83.5% से अधिक लक्ष्य प्राप्ति जैसे कार्यक्रमों के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया है। सम्मान के रूप में ट्रॉफी, स्क्रॉल और जिले में परियोजनाओं के लिए 20 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है।
राजस्थान में गरजे राजनाथ सिंह, कहा- आज भारत की बात दुनिया गौर से सुनती है
22 Apr, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक योगी और सैनिक में खास अंतर नहीं बताते हुए कहा कि साधक के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य और ध्येय मानवता की सेवा करना ही होता है। सैनिक और साधक दोनों एक सुरक्षित, बेहतर और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए कार्य करते हैं।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिक और साधक को एक समान बताते हुए कहा है कि सुरक्षा बलों के जवानों के समर्पित होकर काम करने से आज भारत राष्ट्र के रूप में चारों ओर से सुरक्षित है और दुनियाभर में तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद भारत प्रगति कर रहा है। सिंह ने सोमवार को यहां ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा शुरू किए जा रहे देशव्यापी स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण (सेल्फ एम्पॉवरमेंट) अभियान की दीप प्रज्जवलन कर लांचिंग की और पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया।
‘मानसिक शक्ति होना भी जरूरी’
उन्होंने कहा कि हमारे जवान सीमाओं पर महीनों गुजार देते हैं, परिवार से कोई संपर्क नहीं हो पाता है। ऐसे वीर जवानों की वजह से ही भारत के लोग चैन की सांस ले पा रहे हैं। सैनिक घने जंगलों से लेकर ग्लेशियर के बीच लड़ाइयां लड़ते हैं। इसके लिए भुजबल के साथ मानसिक शक्ति होना भी जरूरी है और सैनिक को विपरीत परिस्थिति में लड़ने की ऊर्जा उनके अंतर्मन से आती है। लंबे समय तक विपरीत परिस्थितियों में सेवा करने के कारण सैनिक का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है, ऐसे में ब्रह्माकुमारीज़ का सैनिक के कल्याण के लिए आगे आना सराहनीय कदम है।
‘योगी और सैनिक में खास अंतर नहीं’
उन्होंने एक योगी और सैनिक में खास अंतर नहीं बताते हुए कहा कि साधक के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य और ध्येय मानवता की सेवा करना ही होता है। सैनिक और साधक दोनों एक सुरक्षित, बेहतर और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि आज एआई का दौर चल रहा है। हमें देश-दुनिया की पल-पल की खबरें पता चल रही हैं, लेकिन हमें यह पता नहीं चल रहा है कि हमारे भीतर क्या चल रहा है। हम पूरी दुनिया की खबर रखते हैं, लेकिन अपनी खबर नहीं रखते हैं।
सिंह ने कहा कि कई साल पहले दुनिया के देशों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यदि कोई जाकर बोलता था तो भारत की बातों को उतनी गंभीरतापूर्वक नहीं लिया जाता था, लेकिन आज भारत का कद और सिर इतना ऊंचा हो गया है कि भारत जब बोलता है तो पूरी दुनिया कान लगाकर सुनती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की थीम ‘आत्म सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण’ जो अपने आप में बेहद दिलचस्प है। पूरी दुनिया में फिलहाल इस तरह की स्थितियां हैं। इसलिए यह थीम और भी प्रासांगिक हो जाती है। यह कैंपेन राष्ट्र को और मजबूत करेगा।
जेडी वेंस ने की पीएम मोदी से मुलाकात, ट्रंप को भारत आने का न्योता
22 Apr, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की, जो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. दोनों नेताओं ने ऊर्जा, रक्षा, रणनीतिक प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया.
'विकसित भारत 2047' और 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का संगम
इस मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी में वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ हुई सकारात्मक चर्चाओं को याद किया, जिसमें भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया था. इस रोडमैप में "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" (MAGA) और "विकसित भारत 2047" की ताकत का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को अपनी शुभकामनाएं भी दीं और इस साल के अंत में उनकी भारत यात्रा की उम्मीद जताई.
क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी
भारत इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वेंस ने पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ता में "महत्वपूर्ण प्रगति" का स्वागत किया.दोनों नेताओं ने आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और संवाद और कूटनीति के माध्यम से आगे बढ़ने पर सहमति जताई.
द्विपक्षीय सहयोग पर जोर
प्रधानमंत्री कार्यालय की विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ हुई सार्थक चर्चा को याद किया, जिसमें भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग के लिए रोडमैप तैयार किया गया था.प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति वेंस ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की और इसका सकारात्मक मूल्यांकन किया. उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता में हुई प्रगति का स्वागत किया.इसके अतिरिक्त, उन्होंने ऊर्जा, रक्षा, रणनीतिक प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला.
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति, द्वितीय महिला और उनके बच्चों को भारत में सुखद प्रवास की शुभकामनाएं दीं.बाद में, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी होगी जो दोनों देशों के लोगों और दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगी.
उन्होंने लिखा, "नई दिल्ली में अमेरिकी उपराष्ट्रपति @JDVance और उनके परिवार का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है. मैंने अमेरिका की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के बाद तेजी से हो रही प्रगति की समीक्षा की. हम व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी हमारे लोगों और दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए 21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी होगी."
चुनाव आयोग को लेकर कांग्रेस प्रमुख की टिप्पड़ी पड़ी भारी, इसको लेकर भाजपा नेता ने हमला बोला
21 Apr, 2025 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तीखा हमला बोला है। नकवी ने राहुल गांधी को 'डिज्नीलैंड पार्टी का प्रवासी प्रोफेसर' करार देते हुए कहा कि वह जहां भी जाते हैं, भारत की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। नकवी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है और विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
'विदेश में बकवास बहादुरी, देश में हंगामा बहादुरी'
भाजपा नेता ने कहा, वंशवाद को लोकतंत्र के डिज्नीलैंड के रूप में पेश करने वाले प्रवासी प्रोफेसर साहब के पाठ्यक्रम में ऐसे पाठ पढ़ाए जाते हैं। जब 'पप्पू जी' अपने स्कूल जाएंगे तो देश में हंगामा बहादुरी और विदेश में बकवास बहादुरी जरूर करेंगे। कांग्रेस पर संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बार-बार इन संस्थाओं पर हमला करते रहे हैं, वे अब इनके नाम पर हंगामा कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा पर जताई चिंता:
इस बीच, नकवी ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा और सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, संवैधानिक कानून की आड़ में सांप्रदायिक हिंसा का माहौल बनाना धर्मनिरपेक्ष देश के लिए खतरे का संकेत है। सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि निरीक्षण कर रहा है, जो एक अलग विषय है।
वक्फ कानून पर भी की टिप्पणी
नकवी ने वक्फ कानून पर भी टिप्पणी की और कहा कि यह कोई 'आसमानी कानून' नहीं है, बल्कि संसद द्वारा बनाया गया जमीनी कानून है, जिसे संशोधित करना संसद का अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ लोग सांप्रदायिक उन्माद के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को हाईजैक करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। नकवी ने उत्तर प्रदेश के 2027 के विधानसभा चुनाव पर भी कटाक्ष किया और कहा, समाजवादी पार्टी के 'टीपू' हों या कांग्रेस के 'सुल्तान', चाहे वे अकेले लड़ें या साथ, चुनावी चौपाल में उनकी हार होगी।