राजनीति
पशुपति पारस का बड़ा राजनीतिक फैसला, NDA छोड़ थामा महागठबंधन का दामन
15 Apr, 2025 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: बिहार चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस NDA का साथ छोड़ आज महागठबंधन में शामिल हो गए. सोमवार को उन्होंने केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ NDA से अलग होने की घोषणा की थी. आज उन्होंने महागठबंधन का दामन थाम लिया. NDA छोड़ने का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा था कि 'हमारी पार्टी बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर अपनी पार्टी को मजबूत करेगी'.
पशुपति पारस NDA छोड़ महागठबंधन में शामिल
रालोजपा और दलित सेना की ओर से सोमवार को पटना में आयोजित अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित संकल्प महासम्मेलन के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि उनकी पार्टी का अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से कोई नाता नहीं रहेगा. उन्होंने कहा, "हम अब एक नया बिहार बनाएंगे और राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर पार्टी को मजबूत करेंगे. चुनाव के समय तय किया जाएगा कि किस गठबंधन के साथ जाएंगे." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो गठबंधन उचित सम्मान देगा, वहां जाएंगे.
'हमारे साथ अन्याय हुआ'
सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान पशुपति पारस ने कहा, "हम लोग NDA गठबंधन के वफादार और ईमानदार साथी थे. लोकसभा चुनाव के समय NDA के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ नाइंसाफी की. इसके बावजूद राष्ट्रहित में हमारी पार्टी NDA के साथ रही. लोकसभा चुनाव गुजरने के छह महीने बाद जब कभी NDA की बैठक हुई, तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के एक बयान में NDA के पांच पांडव की बात कही गई. इसमें हमारी पार्टी का कहीं नाम नहीं रहा. हमारे साथ अन्याय किया गया."
हम गांव-गांव जा रहे, सदस्यता अभियान चला रहे
उन्होंने कहा था कि रालोजपा 'चलो गांव की ओर' के तहत पिछले चार महीने से गांव-गांव जा रही है और सदस्यता अभियान भी चला रही है. पार्टी की सहमति से आगे कदम बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि हम लोग सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं. अब तक मैंने 22 जिलों का दौरा किया है, अब सिर्फ 16 जिले शेष हैं. अधिकतर जिलों में जनता सरकार बदलने के मूड में है. पार्टी जनआंदोलन की तैयारी में है, और दलितों, पिछड़ों, और समाज के वंचित वर्गों के हितों के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
संघ का योगदान: केवल स्वयं नहीं, समाज की भलाई भी
15 Apr, 2025 11:09 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कानपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार को नवनिर्मित संघ भवन और भीमराव अंबेडकर सभागार का उद्घाटन किया। इस दौरान लोगों को संबोधित कर उन्होंने कहा कि हम आपसी मतभेदों में उलझे और इसका विदेशी आक्रांताओं ने इसका फायदा उठाया। भागवत ने कहा, संघ केवल अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए काम करता है, देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए संघ हमेशा काम करता है। संघ प्रमुख भागवत ने विशाल जनसमूह की ओर देकर कहा, यहां उत्सव का वातावरण कई बार आया, लेकिन इतनी भीड़ कभी नहीं देखी।
उन्होंने कहा कि अपने समाज में लोग बीते दो हजार वर्षों से आपसी स्वार्थों में लगे रहे, आपसी मतभेद भी रहे। इसके कारण विदेशी आक्रांताओं ने हमें पीटा और फायदा भी उठाया।
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि बाबा साहेब को जीवन में बड़ी विषमताओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने बचपन से ही विषमता को देखा। उन्होंने जीवन भर समाज को एकजुट करने का काम किया। संघ प्रमुख की 15 तथा 16 अप्रैल को संघ के छह आयाम में से एक सेवा विभाग के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी। इसमें पर्यावरण, सामाजिक समरसता के प्रांत स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ अलग-अलग समय पर बैठक होगी।
वे 15 अप्रैल को कानपुर के पूर्व भाग कोयला नगर और 16 अप्रैल को निराला नगर की शाखा में जाने वाले है। इसके बाद 17 अप्रैल को संघ की प्रांत कार्यकारिणी के साथ, संघ शताब्दी वर्ष में संघ के पंच परिवर्तन, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली, सामाजिक समरसता, पारिवारिक मूल्य, स्वबोध जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे और प्रांत में उस दिशा में बढ़ रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
इस दौरान संघ प्रमख को बताया गया कि नवनिर्मित चार मंजिल के संघ भवन को काफी अच्छे ढंग से बनाया गया है। भवन के बेसमेंट में पार्किंग के अलावा एक बड़ी लाइब्रेरी की स्थापना भी की गई है। पूरी बिल्डिंग में वेंटिलेशन का ध्यान रखा गया है। जगह-जगह खिड़कियां बनाई गई हैं। दिन में बिल्डिंग में लाइट जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जातिगत जनगणना और कर्नाटकी राजनीति: क्या कांग्रेस ने अपनी ही राजनीति पर कुल्हाड़ी मारी?
15 Apr, 2025 10:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। कर्नाटक में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले ही प्रदेश की सियासत में जबरदस्त हलचल शुरु हो गई है। रिपोर्ट के कुछ आंकड़ों के लीक होते ही राज्य की दो प्रमुख जातियों वोक्कालिगा और लिंगायत में बैचेनी दिख रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 17 अप्रैल को रिपोर्ट पर विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई है, लेकिन यह अब महज प्रशासनिक मामला नहीं रहा, बल्कि कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़े राजनीतिक मोड़ में बदल गया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम समुदाय की है, इसके बाद अनुसूचित जातियां और जनजातियां हैं। वहीं, अब तक सत्ता संतुलन में अहम भूमिका निभाने वाली वोक्कालिगा और लिंगायत जातियों की जनसंख्या अपेक्षाकृत कम दिखाई गई है। इसकारण इन जातियों में असंतोष तेजी से उभर रहा है और कांग्रेस के भीतर भी मतभेद होने लगे हैं।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, जो खुद वोक्कालिगा जाति से आते हैं, इस रिपोर्ट को लेकर असहज दिख रहे हैं। वहीं, लिंगायत समुदाय से आने वाले उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने आंकड़ों को खारिज कर दावा किया है कि उनकी जाति की संख्या एक करोड़ से अधिक है, जबकि रिपोर्ट में यह आंकड़ा काफी कम है। रिपोर्ट में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 73.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें एसी के लिए 15 प्रतिशत और एसटी के लिए 7.5 प्रतिशत शामिल हैं। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों को अलग-अलग श्रेणियों में क्रमश: 7 और 8 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, लेकिन वर्गीकरण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
बीजेपी ने रिपोर्ट को कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति करार देकर आरोप लगाया है कि मुस्लिमों को बहुसंख्यक बताकर वोट बैंक साधने की कोशिश हो रही है। वोक्कालिगा संघ और वीरशैव महासभा जैसे संगठनों ने रिपोर्ट जारी होने पर विरोध की चेतावनी दी है। 16 अप्रैल को मठ प्रमुखों की बैठक में अगली रणनीति तय की जाएगी। कांग्रेस एक तरफ सामाजिक न्याय के नाम पर नए वोट बैंक को साधना चाहती है, तो दूसरी ओर पुराने समर्थकों को नाराज करने का खतरा भी मोल ले रही है।
हालांकि, इन आंकड़ों में स्पष्टता की कमी और समुदायों के विभाजन के तरीके ने आरक्षण नीति को एक और जटिल मोड़ पा ला दिया है। ये आंकड़े जहां कुछ समुदायों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आए हैं, वहीं प्रभावशाली जातियों में असंतोष और राजनीतिक बेचैनी बढ़ा रहे हैं। विपक्ष के नेता आर अशोक ने संख्याओं की हेराफेरी’ बताकर कहा कि मुसलमानों को ‘बहुसंख्यक’ बताने की कोशिश सीधे-सीधे कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा है। बीजेपी पहले ही कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय को सरकारी टेंडरों में आरक्षण देने के फैसले को लेकर बवाल मचा रही थी, अब यह नया मुद्दा और धार दे रहा है।
ममता बनर्जी और कोलकाता मेयर के बयान पर भाजपा का तीव्र विरोध, कहा- भड़काने वाला
15 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच पर दो पोस्ट करते हुए बंगाल की हिंसा के मामले में ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर दो पोस्ट किए। इसमें एक पोस्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वीडियो बयान है तो दूसरे में कोलकाता के मेयर और ममता सरकार के पूर्व मंत्री फिरहाद हकीम का बयान है।
ममता बनर्जी का वीडियो बयान पोस्ट करते हुए अमित मालवीय ने लिखा, पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा पूर्व नियोजित और राज्य प्रायोजित है। 18 फरवरी, 2025 को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में बोलते हुए एक खास धार्मिक समूह को सीधे तौर पर विरोध-प्रदर्शन के लिए उकसाया। अमित मालवीय ने लिखा- ममता बनर्जी ने बेहद गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ टिप्पणी में कहा, “अगर वे आंदोलन का आह्वान करते हैं, तो क्या आप खुद को नियंत्रित कर पाएंगे?”
भाजपा नेता ने बताया कि यह बयान सीधे तौर पर उकसावे के समान था, जिससे हिंसक विरोध को बढ़ावा मिला, जिससे आम नागरिकों को नुकसान और व्यापक व्यवधान हो सकता था। ममता बनर्जी के नेतृत्व में ही पश्चिम बंगाल में इस तरह की अशांति और विनाश फैलने लगा है।
अपने दूसरे पोस्ट में अमित मालवीय ने कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम का एक बयान शेयर किया है। जिसमें फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद वहां से हो रहे पलायन को उचित ठहरा रहे हैं। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- यह किसी विडंबना से कम नहीं है कि सांप्रदायिक और भड़काऊ बयानबाजी के लिए चर्चित फिरहाद हकीम कोलकाता के मेयर हैं। सुभाष चंद्र बोस, देशबंधु चित्तरंजन दास जैसे दिग्गज लोग जिस कोलकाता में कभी मेयर थे, उसी पद फिरहाद हकीम का काबिज होना परिष्कृत भद्रलोक संवेदनाओं के क्षरण का प्रतीक है।
अमित मालवीय ने लिखा कि यह चिंताजनक है कि वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और ममता बनर्जी के भरोसेमंद फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के विस्थापन को न केवल उचित ठहरा रहे हैं, बल्कि उस पर संतोष भी व्यक्त कर रहे हैं। भाजपा नेता ने मुर्शिदाबाद से हो रहे पलायन को कश्मीरी पंडितों के पलायन से जोड़ते हुए लिखा कि बंगाली हिंदू कश्मीरी पंडितों की तरह अपनी ही मातृभूमि में शरणार्थी बनकर रह गए हैं, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए कश्मीर से भागकर जम्मू और शेष भारत में शरण लेनी पड़ी थी।
फिर उन्होंने फिहाद हकीम के उस विवाद का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कोलकाता के एक हिस्से को “मिनी पाकिस्तान” कहा था। अमित मालवीय ने आगे लिखा कि अगर ममता बनर्जी अपनी चुप्पी जारी रखती हैं, तो वह एक ऐसे व्यक्ति को सशक्त बनाने का जोखिम उठाती हैं, जिसकी वैचारिक महत्वाकांक्षाएं अंततः उनके नेतृत्व को चुनौती दे सकती हैं और बंगाल के इस्लामीकरण की दिशा में एक गहरा धक्का दे सकती हैं।
वक्फ संपत्ति पर नज़र डालने पर सांसद ने दी गंभीर चेतावनी, 'आंखें निकाल ली जाएंगी'
15 Apr, 2025 08:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा के बाद भी तनाव का माहौल बना हुआ है। ऊपर से राजनेता के विवादित बयान आग में घी का काम कर रहे हैं। टीएमसी सांसद बापी हलदर ने विवादित बयान देकर कहा कि अगर कोई भी वक्फ की संपत्ति पर नजर उठाकर भी देखता हैं तब उसकी आंखें निकल ली जाएगी, और हडड़ी तोड़ दी जाएगी। अब बीजेपी ने सांसद पर पलटवार कर गिरफ्तारी की मांग की है। सांसद हलदर ने कहा, जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, तब तक आपके पूर्वजनों की अमानत को बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। यह किसी के बाप की संपत्ति नहीं है। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सवाल किया है कि आखिर राज्य की पुलिस हलदर के खिलाफ क्या कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को पलायन करना पड़ रहा है। यहां कट्टरपंथी चाहते हैं कि हिंदुओं का अस्तित्व मिट जाए। बता दें कि मुर्शिदाबाद के सूती, धुलियान, समसेरगंज और जंगीपुरा में हुई हिंसा में कम से कम 3 लोगों की जान चली गई थी। शुक्रवार के बाद से ताजा हिंसा की कोई खबर नहीं है। मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों, खासतौर पर सुती, शमशेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में रही। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। इसके चलते संबंधित क्षेत्रों में सड़कें सुनसान दिखीं और दुकानें बंद रहीं। प्रभावित इलाकों में इंटरनेट बंद है, जबकि सुरक्षाबल मुख्य सड़कों पर वाहनों की जांच कर रहे हैं।
बैठकों का दौर शुरू, आगामी बिहार चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे और गठबंधन पर होगी चर्चा
14 Apr, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर अब बैठकों का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे, जिसमें आगामी बिहार चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे और गठबंधन पर चर्चा होगी। राजद सांसद मनोज झा ने सोमवार को यह जानकारी दी।
20 अप्रैल को बक्सर में खड़गे की रैली
बिहार विधानसभा चुनाव करीब छह महीने में होने की उम्मीद है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। बिहार में कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी कही जाने वाली राजद भी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है। खड़गे के आवास पर राजद-कांग्रेस की बैठक होने की उम्मीद है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के 20 अप्रैल को बिहार के बक्सर जिले में एक जनसभा को संबोधित करने की भी उम्मीद है।
कांग्रेस की पुरानी सहयोगी पार्टी राजद
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने दिल्ली में समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'यह एक औपचारिक बैठक है। कांग्रेस पार्टी के सहयोगियों पर नजर डालें तो राजद आज तक की सबसे पुरानी सहयोगी रही है। इस औपचारिक बैठक में पूरे परिदृश्य पर चर्चा की जाएगी।'
6-8 महीने बाद होने वाले चुनाव
बैठक में बिहार के पूरे संदर्भ पर चर्चा के बारे में बोलते हुए झा ने कहा, 'यह बैठक बिहार के पूरे संदर्भ को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। करीब 6-8 महीने बाद चुनाव होने हैं। इसलिए इस पर चर्चा की जाएगी।'
बिहार में कन्हैया ने निकाली 'नौकरी दो' रैली
बता दें कि कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बिहार में पलायन का मुद्दा उठाया है। पलायन रोकने और युवाओं के लिए रोजगार सृजन की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार से आग्रह करने के लिए 'नौकरी दो' रैली निकाली गई है। 7 अप्रैल को बेगूसराय में यात्रा के लिए कन्हैया कुमार के साथ राहुल गांधी भी शामिल हुए।
अमित शाह ने लालू यादव पर साधा निशाना
इससे पहले 30 मार्च को बिहार में पार्टी के लिए चुनावी बिगुल बजाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव पर 1990-2005 के बीच 'जंगल राज' और भ्रष्टाचार का नेतृत्व करने का आरोप लगाया था।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर बड़ी खबर! मिल सकता है बड़ा पद
14 Apr, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस महासचिव और केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी को पार्टी बड़ा पद देने पर विचार कर रही है। सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के जिला अध्यक्षों को सशक्त बनाने और उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी देने के पायलट प्रोजेक्ट का खाका तैयार किया है। कांग्रेस पार्टी इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत गुजरात से करेगी, अगर यह सफल रहा तो इसे व्यापक स्तर पर लॉन्च करेगी।
उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है- सूत्र
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने समेत कई अन्य विकल्पों पर पार्टी में चर्चा चल रही है, हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। आपको बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा फिलहाल पार्टी की महासचिव हैं, लेकिन उनके पास अभी कोई प्रभार नहीं है। वह पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभा रही हैं, जिसका एक उदाहरण गुजरात में जिला अध्यक्षों को ज्यादा ताकत देने का पायलट प्रोजेक्ट है, जो गुजरात में सफल रहा तो इसे अन्य राज्यों में भी शुरू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी अब संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यात्मक बदलावों पर ज्यादा जोर देगी और पार्टी अपने संगठन में कई और बदलाव करेगी, ताकि पार्टी के कामकाज में व्यापक सुधार हो सके।
बीजेपी ने साधा था निशाना
गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था, इस अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे थे। लेकिन प्रियंका गांधी इस अधिवेशन से दूर रहीं, जिस पर बीजेपी ने भी हमला बोला था। बीजेपी ने कहा था कि प्रियंका का राष्ट्रीय अधिवेशन से नदारद रहना गांधी भाई-बहन के अंदरूनी मामलों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह पहली बार नहीं है। एक और हाई प्रोफाइल इवेंट से उनकी गैरमौजूदगी साफ संदेश दे रही है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है।
'BSF की मिलीभगत से हिंसा की योजना बनाई गई', कुणाल घोष ने साधा भजपा पर निशाना
14 Apr, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण है और भाजपा ने इस हिंसा के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मुर्शिदाबाद में स्थिति भयावह है और कई हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने कहा है कि कानून को हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है।
टीएमसी का बड़ा आरोप
तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा, "हमें कुछ इनपुट मिल रहे हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी। इस साजिश में केंद्रीय एजेंसियों का एक हिस्सा, बीएसएफ का एक हिस्सा और दो-तीन राजनीतिक दलों का एक हिस्सा शामिल था। बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से सीमा का उल्लंघन किया गया। कुछ उपद्रवी घुस आए, अराजकता फैलाई और उन्हें वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया गया। मैं 'सीमा' और 'बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से' शब्दों का इस्तेमाल करता हूं; यह सच है या नहीं, इसकी उचित जांच की जरूरत है। घोष ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों को कोई जाना-पहचाना चेहरा नहीं मिल पा रहा है। मास्टरमाइंड कौन हैं? पुलिस कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। लेकिन मुख्य मास्टरमाइंड कहां से आए और कहां चले गए? आरोप है कि पश्चिम बंगाल को बदनाम करने और बीएसएफ की मदद से उन इलाकों में कुछ पाप करने की गहरी साजिश है। ताकि भाजपा और विपक्ष उन पापों का अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकें।
हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही भाजपा
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा के पास यहां कोई मुद्दा नहीं है। आप भाजपा की पोस्ट में देखिए, उन्होंने कुछ तस्वीरें इस्तेमाल की हैं। हमने बताया है कि ज्यादातर तस्वीरें दूसरे राज्यों की हैं और वे इसे मुर्शिदाबाद के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। वे बंगाल के लोगों को भड़काने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारी राज्य सरकार और ममता बनर्जी के नेतृत्व में हमारी पार्टी इस साजिश का मुकाबला करने और इसे सामान्य बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रही है।
महागठबंधन की रणनीतिक बैठक 17 अप्रैल को, सीट शेयरिंग और नेता पर होगी बात
14 Apr, 2025 06:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर 17 अप्रैल को महागठबंधन की बैठक होने वाली है। इस बैठक में आरजेडी, कांग्रेस, माले समेत सभी घटक दलों के नेता शामिल होंगे। इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस और राजद की दिल्ली में अलग से बैठक होगी। यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तेजस्वी यादव के बीच होगी। यह बैठक खड़गे के घर पर होगी। इसमें राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं।
17 अप्रैल की बैठक में सीट बंटवारा, सीएम चेहरे समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के साथ प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी इस बैठक में शामिल होंगे। पहली बार अल्लावरू आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ बैठेंगे। चुनावी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले 6 अप्रैल को दिल्ली एम्स में भर्ती लालू यादव से अल्लावरू ने मुलाकात की थी, लेकिन अभी तक तेजस्वी से मुलाकात नहीं हुई।
वहीं, राहुल गांधी के बाद अब मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार आ रहे हैं। 19 और 20 अप्रैल को दो दिवसीय बिहार दौरे पर रहेंगे। खड़गे 19 अप्रैल को बक्सर तो 20 अप्रैल को पटना में रैली करेंगे।
अखिलेश यादव का बयान: पीडीए की एकजुटता से ही बचेगा आरक्षण और संविधान
14 Apr, 2025 02:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ, 14 अप्रैल । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के पावन अवसर पर सबको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। आइए ‘सामाजिक न्याय के राज’ की स्थापना के लिए अपने ‘स्वाभिमान-स्वमान’ की अनुभूति को और सुदृढ़ करके, एकजुट होकर बाबासाहेब की देन व धरोहर ‘संविधान और आरक्षण’ बचाने के पीडीए के आंदोलन को नई ताकत प्रदान करें और दोहराएं कि ‘संविधान ही संजीवनी’ है और ‘संविधान ही ढाल है’ और ये भी कि जब तक संविधान सुरक्षित रहेगा, तब तक हम सबका मान-सम्मान-स्वाभिमान और अधिकार सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने आगे लिखा कि ‘स्वमान’ के तहत हमने अपने सौहार्दपूर्ण, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक मानक और मूल्यों के साथ ही अपनी ‘स्वयं की एकता’ के मूल्य को समझकर, इस पीडीए रूपी एकजुटता की परिवर्तनकारी शक्ति का भी मान समझें। ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के माध्यम से ही पीडीए समाज के लोग अपनी निर्णायक शक्ति हासिल करके उत्पीड़न, अत्याचार और पीड़ा से मुक्त होकर, स्वाभिमान से जीने का हक और अधिकार पा पाएंगे और दमनकारी, उत्पीड़नकारी, वर्चस्ववादी, प्रभुत्ववादी, शक्तिकामी नकारात्मक ताकतों को संवैधानिक जवाब दे पाएंगे।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा कि पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी, पीडीए की एकजुटता ही सुनहरा भविष्य बनाएगी। आइए अपने ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के इस संघर्ष को समारोह में बदल दें।
ज्ञात हो कि भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती सभी दल बड़ी धूमधाम से मना रहे हैं। भाजपा सरकार ने तो 13 अप्रैल से ही इसका आयोजन शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। आज सभी जिलों के अधिकारी, कर्मचारी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण का कार्यक्रम कर रहे हैं। इस दिन राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिनमें डॉ. अंबेडकर के विचारों एवं संविधान निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित किया जाएगा। मुख्य सचिव द्वारा समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्वयं इन आयोजनों में भाग लें।
विविध अंचलों में पर्वों की रंगत, प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
14 Apr, 2025 01:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली, 14 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में मनाए जा रहे पारंपरिक त्योहारों की देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अलग-अलग पोस्ट के माध्यम से उड़िया नववर्ष, केरल और दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले विशु, तमिल नववर्ष पुथांडु और असम के बोहाग बिहू (रोंगाली बिहू) के अवसर पर लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले ओडिशा वासियों को उड़िया नववर्ष की बधाई देते हुए लिखा, “महा बिसुबा पना संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं। आने वाला वर्ष आपके सभी सपनों की पूर्ति का प्रतीक हो। हर जगह खुशियां, सद्भाव और समृद्धि हो।” इस मौके पर उन्होंने ओडिया संस्कृति और उसकी समृद्ध परंपराओं की भी सराहना की।
इसके बाद, केरल और दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले त्योहार विशु की बधाई देते हुए लिखा, “आप सभी को विशु की हार्दिक शुभकामनाएं! नए साल की शुरुआत के साथ, यह सभी के जीवन को नई आशा, शांति और भरपूर खुशी से भर दे। यह नई शुरुआत और ढेर सारी सफलता लेकर आए।”
फिर तमिल भाषियों को पीएम मोदी ने कहा, “पुथांडु के हर्षोल्लासपूर्ण अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं! यह नव वर्ष समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों का आगमन करे। सभी को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिले।”
अंत में उन्होंने असम के प्रमुख त्योहार बोहाग बिहू के अवसर पर भी शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में उन्होंने लिखा, “आपको एक खुशहाल और जीवंत बोहाग बिहू की शुभकामनाएं! नया साल आपके लिए नई शुरुआत, खुशियां और समृद्धि लेकर आए। सभी के अच्छे स्वास्थ्य और सभी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करता हूं।”
बता दें कि उड़िया नववर्ष, केरल और दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला विशु, तमिल नववर्ष पुथांडु और असम का बोहाग बिहू (रोंगाली बिहू) इस वर्ष 14 अप्रैल को देशभर में पारंपरिक उल्लास और सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इन्हें अलग-अलग राज्यों में विशिष्ट रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। इन अवसरों पर लोग पारंपरिक पोशाक पहनते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं, और अपने घरों को सजाकर नए साल का स्वागत करते हैं। ये पर्व न केवल कृषि और मौसम से जुड़ी सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाते हैं, बल्कि सामाजिक एकता और समृद्धि की कामना के प्रतीक भी होते हैं।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर गिरिराज सिंह का बयान, ममता बनर्जी पर वक्फ को लेकर निशाना
14 Apr, 2025 12:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेगूसराय, 14 अप्रैल । केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह हिंसा सरकार की नाकामी का सबूत है और ममता बनर्जी हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर कर रही हैं। साथ ही, उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप विपक्षी नेताओं पर लगाया।
गिरिराज सिंह ने मुर्शिदाबाद की हिंसा को “दुखद” बताते हुए कहा कि यह घटना जम्मू-कश्मीर के 1990 के दशक की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि लोगों की दुकानें लूटी गईं, घर जलाए गए। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इतनी बड़ी घटना बिना सरकार की शह के नहीं हो सकती। ममता बनर्जी रक्षक थीं, लेकिन अब भक्षक बन गई हैं। क्या बंगाल कश्मीर या बांग्लादेश बन जाएगा?
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में लोगों को अपनी बात रखने का हक है, लेकिन संपत्ति और जान-माल की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है, जिसमें ममता सरकार पूरी तरह विफल रही है।
उन्होंने आगे कहा कि इस हिंसा ने बंगाल को “बांग्लादेश से भी आगे” पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि जब माझी ही नाव डुबोए, तो क्या किया जाए? ममता बनर्जी की नीतियां हिंदुओं को बंगाल छोड़ने पर मजबूर कर रही हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
वक्फ कानून को लेकर हो रहे विरोध पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ मौलानाओं और विपक्षी नेताओं, खासकर राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी, द्वारा लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। वक्फ कानून में सुधार किया गया है। यह स्पष्ट है कि किसी की संपत्ति नहीं ली जाएगी। फिर भी भ्रम फैलाकर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश हो रही है। कोई एक सबूत दिखाए कि यह कानून किसी के खिलाफ है।
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाने के लिए है, लेकिन विपक्ष इसे गलत तरीके से पेश कर रहा है।
गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी से सवाल किया कि क्या वह बंगाल को अराजकता की ओर ले जाना चाहती हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने अंबेडकर को किया नमन, दी 'ज्ञान का सूर्य' की उपाधि
14 Apr, 2025 12:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई, 14 अप्रैल । देशभर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। तमिलनाडु में इस अवसर को “समथुवा नाल” यानी “समानता दिवस” के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने चेन्नई के राजा अन्नामलाई पुरम स्थित अंबेडकर मणि मंडपम पहुंचकर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ डॉ. अंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर भी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ज्ञान की मशाल से जाति की हजार साल पुरानी गंदगी को जलाने वाले क्रांतिकारी नई दुनिया के अतुलनीय बुद्ध, कानूनी प्रतिभा अंबेडकर की जयंती, (हैशटैग) समानता दिवस! ज्ञान के सूर्य अंबेडकर अमर रहें, जो हमेशा दबे-कुचले और पिछड़े लोगों के अधिकारों को जीतने की हमारी यात्रा में हमारा मार्गदर्शन करेंगे!”
‘सबके लिए सब कुछ’ के लक्ष्य की ओर हमारी द्रविड़ मॉडल यात्रा में, हम अंततः उस समतावादी भारत को देख सकें जिसकी बाबासाहेब ने इच्छा की थी! जयभीम!
समारोह के दौरान डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और उनके चित्र पर भी श्रद्धा के साथ पुष्प चढ़ाए गए। इसके बाद मुख्यमंत्री स्टालिन चेन्नई के सैदापेट क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने एमसी राजा मॉडर्न कॉलेज के एक नए छात्रावास भवन का उद्घाटन किया। यह भवन छात्रों को बेहतर रहने की सुविधा प्रदान करेगा और शिक्षा के लिए एक समुचित माहौल सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री ने चेन्नई के कलैवनार इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक सरकारी समारोह में भी भाग लिया, जहां उन्होंने विभिन्न योजनाओं और विकासात्मक परियोजनाओं की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों के लिए आवास की सुविधा, शैक्षणिक संस्थानों के विस्तार, समुदायों के समग्र विकास, पढ़ाई के अनुकूल वातावरण तैयार करने और आदिवासी परिवारों के लिए आवासीय योजनाओं का उद्घाटन किया।
इस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 49,542 लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभ वितरित किया। उन्होंने इस अवसर पर एक मुख्य भाषण भी दिया, जिसमें उन्होंने डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों और उनके समाज सुधार के कार्यों को याद किया।
नायब सिंह सैनी ने की घोषणा, बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा तय
14 Apr, 2025 08:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुरुग्राम । भाजपा के कद्दावर नेता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हम सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बिहार का चुनाव जीतेंगे। यह बयान दिया गया । नायब सिंह सैनी जब यह बोल रहे थे तब वहां बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के साथ-साथ एनडीए एक और सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय हो कि अभी तक बिहार एनडीए के कई नेता समय-समय पर यह कहते नजर जरूर आए हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन चुनाव के बाद वही मुख्यमंत्री बनेंगे ये तय नहीं है।
ऐसे में सम्राट चौधरी को लेकर हरियाणा के सीएम का यह बयान काफी मायने रखता है। मालूम हो कि बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी साल सितंबर-अक्टूबर में होना है। चुनाव को लेकर सभी पार्टी अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी है। इस बीच नायब सिंह सैनी का यह कहना कि हम सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बिहार का चुनाव जीतेंगे, सियासी हलचल को बढ़ाने वाला है।
दरअसल, दिल्ली से सटे गुरुग्राम में रविवार को ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज ने महात्मा ज्योतिबा फूले की जयंती के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय जागृति महासम्मेलन का आयोजन किया था। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा समेत कई नेता मौजूद थे।
विपक्षी ताकतों का एक वर्ग लोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता हासिल करने में विफल होने के बाद पश्चिम बंगाल में अशांति फैला रहा - अभिषेक बनर्जी
13 Apr, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को विपक्षी ताकतों के एक वर्ग पर आरोप लगाया कि वे लोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता हासिल करने में विफल होने के बाद पश्चिम बंगाल में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
कोलकाता के उत्तरी उपनगर सोदपुर में जगन्नाथ गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए बनर्जी ने कहा कि कुछ समूह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में राजनीतिक रूप से विफल होने के बाद समुदायों के बीच कलह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने निजी स्वास्थ्य सेवा सुविधा के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल में विकास की पहल को पटरी से उतारने में विफल रहने के बाद, ये लोग अब अशांति फैलाने के लिए शैतानी खेल खेल रहे हैं। वे नहीं चाहते कि सांप्रदायिक सद्भाव कायम रहे। वे नहीं चाहते कि हमारे राज्य में शांतिपूर्ण कानून और व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। हमें ऐसे षड्यंत्रकारियों से सावधान रहना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, आदतन झूठ बोलने वाले लोग झूठ फैलाते रहेंगे, वे कभी लोगों के पक्ष में नहीं हो सकते। सच्चे जनप्रतिनिधियों का काम लोगों के पक्ष में होना है। हम उनकी चाल को नाकाम कर देंगे। हम सभी को सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने कहा, पिछले लोकसभा चुनाव में मैं डायमंड हार्बर सीट से 7 लाख वोटों के बड़े अंतर से निर्वाचित हुआ था। चुनावी रूप से हमसे निपटने में विफल रहने के बाद, वे बंगाल को जलाने की साजिश रच रहे हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने बंगाल के निवासियों के लिए निर्धारित कल्याण निधि को जानबूझकर रोके रखने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, केंद्र की भाजपा सरकार 59 लाख मनरेगा लाभार्थियों को उनका बकाया आवंटित न करके उनके खिलाफ साजिश कर रही है। वे लोगों को भूख से मारना चाहते हैं। उन्होंने आवास योजना के फंड को भी रोक दिया, जिससे हजारों लाभार्थी प्रभावित हुए।
2016 एसएससी भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण 26,000 शिक्षण-गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी को अमान्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में उन्होंने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। हालांकि, हमें यह टिप्पणी करने का अधिकार है कि आदेश ने हजारों योग्य उम्मीदवारों को कैसे प्रभावित किया।
बनर्जी को उद्धृत करते हुए, टीएमसी ने बाद में अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, भाजपा और सीपीआई (एम) की पश्चिम बंगाल इकाइयां राज्य को अराजकता और अराजकता में डुबाने की साजिश कर रही हैं। वे चाहते हैं कि नफरत की लपटें राज्य को अपनी चपेट में ले लें। लेकिन यह बता दें कि हम पूरी ताकत से लड़ने के लिए तैयार हैं। हमने कभी भी अपने लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया और इस बार भी कोई दोस्त नहीं होगा। पोस्ट के साथ भाषण का एक वीडियो भी संलग्न किया गया था।