राजनीति
इस लोकसभा में 97 प्रतिशत उत्पादकता रही जिसमें विशेष रूप से महिला सांसदों की भागीदारी रही - लोकसभाध्यक्ष
11 Feb, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन अपने संबोधन में कहा कि इस लोकसभा में 97 प्रतिशत उत्पादकता रही जिसमें विशेष रूप से महिला सांसदों की भागीदारी रही। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सत्रों में अंतिम सत्र में यह सबसे अधिक कार्य उत्पादकता है।
सदन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे। बिरला ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय रहा कि इस सत्र में नारी वंदन विधेयक पारित हुआ।।।यह महिला सशक्तीकरण में अभूतपूर्व उपलब्धि थी।
उन्होंने कहा कि कई ऐतिहासिक विधेयक इस लोकसभा में पारित किए गए। बिरला का कहना था, ‘‘हमने भारतीय चिंतन को आगे बढ़ाने के लिए कानून पारित किए। 17वीं लोकसभा इसलिए भी विशेष है कि भारत के अमृतकाल में संसद के पुराने भवन और नये भवन दोनों में अपने संसदीय दायित्वों को हमने निभाया।
उन्होंने कहा कि इस लोकसभा में पहली बार शून्यकाल में सरकार ने सकारात्मक उत्तर देकर नई परंपरा शुरू की। बिरला ने भावुक होते हुए कहा कि संसद के सभी सदस्यों से उनका जुड़ाव हो गया है और सभी परिवार की तरह बन गए हैं। अपने कार्यकाल में कुछ सदस्यों को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित किये जाने जैसे फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कभी इस तरह के कदम उठाने के पक्षधर नहीं रहे और उन्हें इस तरह के फैसलों का दुख हुआ।बिरला ने कहा कि भविष्य में सभी सदस्य इस सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखेंगे, वह ऐसी आशा रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन की उच्च परंपरा, परिपाटियां और प्रतिष्ठा रही हैं। मैंने भी पूर्ववर्ती अध्यक्षों की तरह इन्हें बनाकर रखने का प्रयास किया है। 17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 222 कानून पारित किए गए।
बिरला ने कहा, ‘‘सत्रहवीं लोकसभा जिसकी पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस लोकसभा के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही। 17वीं लोकसभा में महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।
लोकसभा की उत्पादकता का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा, ‘‘17वीं लोकसभा में कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं जो 1354 घंटे तक चलीं। सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकर अपना कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस लोकसभा में व्यवधान के कारण कुल 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ।बिरला ने आगे कहा, ‘‘17वीं लोकसभा ने 222 कानून पारित किये। इस अवधि के दौरान 202 विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा 11 विधेयकों को सरकार द्वारा वापस लिया गया। उन्होंने 17वीं लोकसभा के दौरान पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘संसद के नये भवन के अंदर सर्वप्रथम ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया।
वर्तमान लोकसभा की अंतिम बैठक शनिवार को समाप्त हुई और निचले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस 17वीं लोकसभा में कामकाज की उत्पादकता 97 प्रतिशत रही और अनुच्छेद 370 हटाने और महिला आरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी अजित पवार की पार्टी में शामिल हुए, 3 दिन पहले छोड़ी थी कांग्रेस
11 Feb, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। सिद्दीकी पिछले 48 साल से कांग्रेस का हिस्सा थे। वरिष्ठ नेता बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ‘बाबा सिद्दीकी के नाम से लोकप्रिय हैं।
उन्होंने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि, कुछ निर्णय दर्दनाक होते हैं, लेकिन उन्हें लेना पड़ता है। वे मुंबई कांग्रेस का एक प्रमुख मुस्लिम चेहरा थे। जब महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता में था, तब वे मंत्री थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा जनवरी में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हुए थे। पिछले एक महीने में मुंबई कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता नेताओं देवड़ा और 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी ने पार्टी छोड़ी है।
बाबा सिद्दीकी ने सबसे पुरानी पार्टी छोड़ने का फैसला लेने से पहले ही अजित पवार की पार्टी में जाने का मन बना लिया था। उन्होंने एक्स पर अपने इस बड़े फैसले की घोषणा करने के तुरंत बाद कहा था, मैं अजित पवार ग्रुप के साथ जाऊंगा। मेरी यात्रा कांग्रेस से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तक होगी।
कांग्रेस को अलविदा कहते हुए सिद्दीकी ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में कहा था- ‘‘मैं एक युवा के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था और यह 48 वर्षों की महत्वपूर्ण यात्रा रही है। आज मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
उन्होंने कहा था- ‘‘बहुत कुछ है जिसे मैं व्यक्त करना चाहता हूं लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कुछ चीजों को अनकहा छोड़ देना ही बेहतर है। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जो इस यात्रा में हिस्सा रहे।
यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल एनसीपी के अजीत पवार गुट को इस सप्ताह की शुरुआत में चुनाव आयोग द्वारा वास्तविक एनसीपी के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद सामने आया है। चुनाव आयोग के फैसले से अजित पवार और उनके चाचा एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के बीच गुटीय खींचतान की अटकलें समाप्त हो गईं।
लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा सीएए : अमित शाह
10 Feb, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली।एक तरफ लोकसभा चुनाव की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी पूरे जोश के साथ मैदान में उतरने का मन बना रही है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा एलान करते हुए कह दिया, कि लोकसभा चुनाव से पहले ही पूरे देश में सीएए यानी नागरिकता संसोधन अधिनियम लागू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री शाह ने यह बात ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान कही।
समिट में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता को नहीं छीनेगा। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यह वादा मूल रूप से तो कांग्रेस ने ही उन लोगों से किया था। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा, हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर गुमराह करने का काम किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। गौरतलब है कि विगत वर्ष भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि सीएए को लागू होने से कोई रोक नहीं सकता है।
यह यह बतलाते चलें कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया था कि अगले सात दिन में ही सीएए लागू कर दिया जाएगा। यह विधेयक दिसंबर 2019 में ही संसद में पास हो चुका था। तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधेयक को मंजूरी भी प्रदान कर दी थी और इसके बाद यह कानून बन गया। सीएए को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। इसके विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाएं धरने पर बैठी थीं।
जेडीयू की बैठक में 15 मिनट मौजूद रहे नीतीश, कई विधायक नहीं पहुंचे
10 Feb, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले पटना में जेडीयू की बैठक हुई। इस अनौपचारिक बैठक में जहां सीएम नीतीश कुमार 15 मिनट मौजूद रहे, वहीं कई विधायक पहुंचे ही नहीं थे। जैसे ही सीएम बैठक से बाहर निकले तो इसके बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। जानकारी के अनुसार मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर शनिवार दोपहर में भोज का आयोजन किया गया था, उसमें 40 से कम विधायक ही पहुंचे। बिहार विधानसभा में जेडीयू विधायकों की संख्या 45 है। जेडीयू नेताओं का कहना है कि अधिकतर विधायक पहुंच गए हैं, जो नहीं आए वे भी पटना पहुंच रहे हैं। दूसरी ओर, आरजेडी के नेता लगातार सियासी खेला होने का दावा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गांधी मैदान में कृषि मेले का निरीक्षण करने के बाद मंत्री के आवास पर पहुंच गए। मगर उस समय तक पार्टी के सभी विधायक नहीं आए थे। सीएम नीतीश करीब 15 मिनट ही श्रवण कुमार के आवास पर रुके और फिर वहां से निकल गए।
हालांकि इसके बाद चर्चाएं उठने लगी हैं कि विधायकों की कम संख्या देखकर नीतीश नाराज हो गए और आवास से चले गए। बिहार विधानसभा में जेडीयू विधायकों की संख्या 45 है। अब तक मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर पहुंचने वाले विधायकों की संख्या 37 रही है। जेडीयू के जो विधायक इस बैठक में नहीं आए उनमें डॉ, संजीव, बीमा भारती, अमन कुमार, गोपाल मंडल, शालिनी मिश्रा, गुंजेश साह, सुदर्शन और दिलीप राय शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ विधायक रास्ते में हैं, वे शाम तक पटना पहुंच जाएंगे। हालांकि, जेडीयू के नेता अपने किसी भी विधायक के गायब या संपर्क से बाहर होने की बात से इनकार कर रहे हैं।
हिमाचल के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी का निधन, इलाज के लिए चंडीगढ़ ले जाते समय तोड़ा दम
10 Feb, 2024 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़ । हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री का शुक्रवार रात को निधन हो गया है। उप मुख्यमंत्री ने स्वयं अपने फेसबुक पेज पर शुक्रवार रात करीब 12:00 बजे इसकी जानकारी साझा की। उपमुख्यमंत्री ने लिखा कि हमारी प्रिय सिम्मी अग्निहोत्री हमारा और आस्था का साथ छोड़कर चली गईं। मुकेश अग्निहोत्री की बेटी का नाम आस्था है, वह आजकल विदेश में पढ़ाई कर रही हैं। बताया जा रहा है कि सिम्मी गोंदपुर जयचंद स्थित अपने घर में ही थी कि अचानक उनका रक्तचाप घटने लगा। इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ स्थित मैक्स अस्पताल ले जाया जा रहा था कि पंजाब के कुराली के पास उनकी मृत्यु हो गई। उस समय मुकेश अग्निहोत्री शिमला में कैबिनेट बैठक के बाद घर लौट रहे थे, जब उन्हें डॉ. सिम्मी के बीमार होने की सूचना मिली। डॉ. सिम्मी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कार्मिक प्रशासन विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं। उनकी एक पुस्तक इंपावरिंग ट्राइब्स, अ' पाथ टू वर्ड्स सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रकाशित हुई है, जिसका लोकार्पण राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने करीब तीन माह पहले किया था। सामाजिक और धार्मिक कार्यों में डॉ. सिम्मी की रुचि अधिक रही।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जताया दुख
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जी की धर्मपत्नी सिम्मी अग्निहोत्री जी के निधन की सूचना एक वज्रपात से कम नहीं है। इस दुखद समाचार से मैं बहुत व्यथित हूं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्मा को स्वर्ग में स्थान दे व परिवार जनों और परिजनों को इस दारुण दुःख को सहने की शक्ति दें।' मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू शनिवार दोपहर को गोंदपुर स्थित उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पैतृक गांव पहुंचे और शोक संतृप्त परिवार को ढाढ़स बंधाया। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी उपमुख्यमंत्री की पत्नी के निधन पर शोक जताया है।
नड्डा, बिंदल और जयराम ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी के निधन पर शोक प्रकट किया भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन, प्रभारी श्रीकांत शर्मा सहित प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, त्रिलोक कपूर, डॉक्टर सिकंदर कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, सतपाल सती ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी 56 वर्षीय डॉ. सिम्मी अग्निहोत्री का शुक्रवार रात को निधन हो गया। इस दुख की घड़ी में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री एवं उनकी पुत्री आस्था को भगवान संबल प्रदान करें। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने भी मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी के निधन पर शोक प्रकट किया है।
पीएम मोदी की जाति को लेकर राहुल गांधी के बाद खड़गे ने उठाए सवाल
10 Feb, 2024 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर आम चुनाव से पहले राजनीति तेज हो गई है। जहां कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले पीएम मोदी की जाति पर सवाल उठाए। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी राहुल का समर्थन कर पीएम मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। खरगे ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी को बिना सड़कों पर आंदोलन करे ओबीसी वर्ग का दर्जा मिला है, जबकि देश में करोड़ों लोग ओबीसी लिस्ट में खुद को शामिल करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
खड़गे ने कहा कि आजकल पूरे देश को मोदी जी सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहें हैं। उनकी जाति को ओबीसी दर्जा मिल गया। वे अपने आप को सबसे बड़ा ओबीसी भी कहने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी को बिना सड़कों पर आंदोलन करे ओबीसी वर्ग का दर्जा मिल गया, पर देश में करोड़ों लोग ओबीसी लिस्ट में अपने आप को शामिल कराने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि देश की कई सारी ऐसी पिछड़ी जातियां हैं, जो मोदी जी के जाति जनगणना के विरोध के चलते, अन्य पिछड़ा वर्ग दर्जा नहीं ले पाएगी। महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात में लाखों लोग कई वर्षों से अपनी जाति को ओबीसी का दर्जा दिलवाने के लिए सड़कों पर उतरें हैं।
खड़गे ने कहा कि ओबीसी में विश्वगुरु मोदी जी बन गए! पर ये नहीं बता रहे कि जातिगत जनगणना -जाति जनगणना कब होगा? सामाजिक न्याय को लागू करने के लिए जातिगत जनगणना- जाति जनगणना सबसे जरुरी है। कांग्रेस पार्टी का वादा है कि हम जाति जनगणना जरूर करवाएंगे! राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सामान्य वर्ग में पैदा हुए और सीएम बनने के बाद उन्होंने अपनी जाति ओबीसी में बदल दी।
पीएम मोदी ने लोकसभा में बोलकर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने ओबीसी के साथ अन्याय किया है, उसने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के नेताओं का अपमान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले दिनों कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा की जिन्हें 1987 में नेता प्रतिपक्ष के रूप में स्वीकार करने से कांग्रेस ने मना कर दिया और कारण बताया कि वह संविधान का सम्मान नहीं करते।
मोदी और राम मंदिर की लहर के बीच भाजपा का 400 सीटों का चक्रव्यूह...
10 Feb, 2024 10:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को एक बार फिर से भारत रत्न का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जन्मदाता एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया। केंद्र सरकार ने इस साल अब तक 5 लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा ने जो 400 पार का नारा दिया है उसको साधने के लिए चुनावी साल में भारत रत्न दिए जाने का नया रिकॉर्ड बन गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने 17 दिन के भीतर पांच शख्सियतों को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है। दरअसल, पीएम मोदी ने जाट, किसान और दक्षिण भारत पर फोकस करते हुए भारत रत्न सम्मानों की घोषणा की है।
शुक्रवार को एक दिन में तीन भारत रत्न की घोषणा किए जाने से चुनावी माहौल में चर्चाएं भी तेज हो गईं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम और जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया था। ये ऐलान कर्पूरी ठाकुर की जयंती से ठीक एक दिन पहले किया था। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 3 फरवरी को पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की। चुनावी साल में पांचों भारत रत्न के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
भाजपा लगातार मास्टर स्ट्रोक खेल रही
राम मंदिर उद्घाटन के बाद से ही भाजपा लगातार मास्टर स्ट्रोक खेल रही है और विपक्षी खेमे को नैरेटिव की लड़ाई में हराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। इन प्रयासों में काफी हद तक सफल भी दिख रही है। भाजपा जानती है कि नैरेटिव की लड़ाई जीतना भी उतना ही जरूरी है, जितना चुनावी मैदान में विपक्ष को हराना। मोदी और राम मंदिर की लहर तो चल ही रही है, लेकिन सीटों का टारगेट छूकर नए रिकॉर्ड बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। यही वजह है कि भाजपा 2019 में जिन सीटों पर कम वोटों के अंतर से चुनाव हारी थी, वहां दो साल से फोकस कर रही है। जिन राज्यों में खुद को कमजोर पाती है, वहां क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाने में पीछे नहीं हट रही है। बिहार में पूर्व सीएम दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा करके इंडिया ब्लॉक में भी तोडफ़ोड़ कर दी है और इस विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार जदयू प्रमुख नीतीश कुमार को वापस अपने पाले में कर लिया। वहीं लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने अपने संगठन को भी मैसेज दिया और यह बताया कि भाजपा में हर किसी के सम्मान का ख्याल रखा जाता है। आडवाणी से पहले अटल बिहारी वाजपेयी को भी भारत रत्न दिया गया था।
स्वामीनाथन के सहारे किसानों पर टारगेट
महान वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी मोदी सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान कर किसानों को साधने का प्रयास किया है। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति लाने का जनक माना जाता है। स्वामीनाथन ने धान की ज्यादा उपज देने वाली किस्में विकसित कीं। इससे कम आय वाले किसानों के घर खुशियां आ गईं और ज्यादा पैदावार करने का एक जरिया मिल गया। देश में वही हरित क्रंति थी। उसके बाद देश के किसानों ने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। अब सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर किसानों और दक्षिण भारत में अपनी पैठ मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
राव से साधा दक्षिण भारत
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है। पीएम मोदी ने नरसिम्हा राव को देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने वाला नेता बताया है। राजनीतिक लिहाज से देखें तो पीवी नरसिम्हा राव का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ और पढ़ाई तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हुई। दोनों राज्यों की राजनीति में प्रभावशाली भी बने रहे। नरसिम्हा राव के जरिए भाजपा ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वोटर्स को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। क्योंकि आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी का दबदबा है। इस बार चुनाव में एनडीए का खाता भी नहीं खुलने का अनुमान लगाया जा रहा है। आम चुनाव में भाजपा अकेले मैदान में उतर रही है।
चौधरी के सहारे जाटों पर नजर
एक और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी भारत रत्न दिए जाने का ऐलान कर सरकार ने पश्चिमी यूपी में जाट और किसानों को साधने की कोशिश की है। चौधरी चरण सिंह की विरासत को पहले उनके बेटे चौधरी अजित सिंह ने आगे बढ़ाया। अब अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी सियासी विरासत को आगे ले जा रहे हैं। आम चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में जाट, किसान और मुसलमानों को साधने की कवायद चल रही है। वैसे तो पिछले दो चुनावों में भाजपा जाटलैंड में छाई है। लेकिन वो इस बार क्लीन स्वीप के मूड में है और यही वजह है कि भाजपा ने जयंत की पार्टी आरएलडी को भी एनडीए में लाने के लिए हर शर्त पर मुहर लगा दी है। शुक्रवार को जब चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा हुई तो सबसे पहले जयंत चौधरी ने पीएम मोदी के पोस्ट को रीट्वीट किया और लिखा- दिल जीत लिया। उसके बाद अलायंस को लेकर कहा कि अब किस मुंह से मना कर सकते हैं। यानी भाजपा और आरएलडी का अलायंस फाइनल हो गया है।
भाजपा ने लोकसभा-राज्यसभा सांसदों को जारी किया व्हिप
10 Feb, 2024 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भाजपा ने लोकसभा-राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है। इसमें लिखा गया है कि कुछ जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, इस पर समर्थन के लिए सभी सांसद 10 फरवरी को सदन में मौजूद रहें। रिपोट्र्स के मुताबिक, सरकार राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश कर सकती है।
जानकारी के अनुसार संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में शनिवार को राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश होगा. इसे लेकर भाजपा ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है. बता दें कि पिछले महीने की 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य और भव्य आयोजन किया गया था। ये हिंदुओं के लिए 500 साल पुरानी मुराद पूरी होने जैसा था। इसे लेकर संसद में कल यानी 10 फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को शाम करीब 5 बजे 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में भाषण देंगे। भाजपा ने लोकसभा और राज्यसभा के अपने सभी सांसदों को 3 लाइन का व्हिप जारी कर 10 फरवरी को सदन में मौजूद रहने को कहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था और देश में कमजोर विपक्ष के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण में अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं होने के दावे पर विपक्ष से यह भी पूछ लिया कि कब तक विभाजन के बारे में सोचते रहेंगे? मैं देख रहा हूं, बहुत लोग चुनाव लडऩे का हौसला भी खो चुके हैं। मैंने सुना है कि बहुत लोग पिछली बार भी सीट बदले, इस बार भी सीट बदलने की फिराक में हैं। एक ही प्रोडेक्ट बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान में ताला लगने की नौबत आ गई है। पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल भी बहुत दूर नहीं है। ज्यादा से ज्यादा 100-125 दिन बाकी हैं। पूरा देश कह रहा है अबकी बार मोदी सरकार। मैं आमतौर पर आंकड़ों के चक्कर में नहीं पड़ता हूं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि देश का मिजाज एनडीए को 400 पार कराकर रहेगा और भाजपा को 370 सीटें अवश्य देगा। पीएम मोदी ने कहा था कि हमारा तीसरा कार्यकाल अगले 1000 सालों के लिए मजबूत नींव रखने का काम करेगा। बता दें कि 2019 में भाजपा 436 सीट पर लड़ी थी, 303 सीटों पर जीत मिली थी। 133 सीटों पर चुनाव हार गई थी।
अयोध्या के बाद मथुरा की ओर भाजपा
10 Feb, 2024 08:12 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भाजपा के एजेंडे में अयोध्या के बाद अब मथुरा शीर्ष पर रहेगा। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का प्रस्ताव लाने की तैयारी है। ठीक वैसे ही जैसे 1989 में श्रीराम जन्मभूमि का प्रस्ताव लाया गया था।दिल्ली के भारत मंडपम में 16 से 18 फरवरी के बीच भाजपा के राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी।
इसमें भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय परिषद के 8,000 प्रतिनिधि शामिल होंगे। सूत्र बता रहे हैं कि इस बैठक का प्रमुख एजेंडा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का प्रस्ताव हो सकता है।
अभी पार्टी के शीर्ष नेताओं में इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि इस प्रस्ताव को सीधे तौर पर खुद भाजपा पेश करे या फिर किसी अन्य संगठन जैसे विहिप आदि के जरिए लाया जाए। ज्यादातर नेताओं का मानना है कि पार्टी इसे खुद पेश करे और अन्य संगठनों-संस्थाओं से समर्थन का आग्रह करे।
अदालत जाने से पहले मुस्लिम पक्षों से भी बातचीत करेगी भाजपा
भाजपा इस मुद्दे पर कैसे आगे बढ़ेगी? भास्कर के इस सवाल पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- जब हम राम मंदिर का प्रस्ताव लाए थे, तब हालात अलग थे। हम विपक्ष में थे, इसलिए हमें लंबी अदालती कार्यवाही से होकर गुजरना पड़ा। अब केंद्र और यूपी, दोनों जगह हम सरकार में हैं। हम मुस्लिम पक्षों से बात करके हल निकालने की कोशिश करेंगे। यूपी सरकार जन्मभूमि को लेकर कानून भी बना सकती है। अदालत जाने का विकल्प सबसे आखिरी होगा।
प्रस्ताव कौन पेश करेगा, इस बात पर भी गहरा मंथन
श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर प्रस्ताव कौन लाएगा? इस सवाल पर पार्टी नेताओं का कहना है कि यह एक बड़ा संकल्प है और आने वाले कुछ साल में यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सत्ता संतुलन का कारक बन सकता है। एक विचार यह है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से प्रस्ताव लाया जाए। दूसरा विचार यह है कि राज्य इकाई प्रस्ताव लाए, जिसका अनुमोदन राष्ट्रीय परिषद करे। तीसरा विचार यह है कि धार्मिक या सांस्कृतिक संगठनों की तरफ से इस बारे में प्रस्ताव लाकर भाजपा से मांग पूरी करने को कहा जाए और फिर उस पर राष्ट्रीय परिषद की मुहर लगाई जाए।
अगले माह हो सकता है लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग
9 Feb, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां बहुत तेजी से चल रहीं है। इसके लिए जहां राजनैतिक दल अपनी रणनीति बना रहे हैं वहीं निर्वाचन आयोग भी अपनी तैयारियां कर रहा है। चुनाव आयोग की टीमों ने आंध्र प्रदेश का दौरा कर लिया है और वहां चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया है। अब 20 फरवरी को आयोग की टीम का बिहार दौरा है और उससे पहले ही 15 तारीख को ओडिशा में टीम पहुंचेगी। इस टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार समेत 8 अधिकारी शामिल होंगे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार आयोग की टीमें मार्च के पहले सप्ताह तक सभी राज्यों में तैयारियों को परख लेंगी। उसके बाद मार्च के ही दूसरे सप्ताह में चुनाव का ऐलान हो जाएगा।
ने सबसे पहले आंध्र प्रदेश का दौरा 10 और 11 जनवरी को किया था। अब 15 से 17 तक ओडिशा का प्लान है। इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में यहां ज्यादा तैयारियों की जरूरत होगी। ओडिशा के बाद टीम बिहार पहुंचेगी। फिर तमिलनाडु का प्लान है। सूत्रों के अनुसार इसी महीने के अंत तक यूपी और बंगाल का दौरा भी होगा। जम्मू-कश्मीर भी टीम जाएगी और वहां विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी व्यवस्थाओं को परखा जाएगा। कहा जा रहा है कि एक बार गृह मंत्रालय से सुरक्षा आदि पर मंजूरी मिलने के बाद वहां विधानसभा इलेक्शन भी कराए जा सकते हैं। चुनाव की शुरुआत ऐलान के कम से कम 28 दिन बाद ही हो सकती है। इस तरह पहले चरण का मतदान भी अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक होने की संभावना जताई जा रही है। चुनाव का यह पूरा कैलेंडर कमोबेश 2019 के आम चुनाव जैसा ही होगा, जब निर्वाचन आयोग ने 10 मार्च को इलेक्शन का ऐलान किया था और 24 मई को प्रक्रिया समाप्त हो गई थी। राज्यों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था समेत कई पहलुओं का जायजा चुनाव आयोग की टीमें लेती हैं। उसके बाद जब तैयारियों को परख लिया जाता है तो फिर प्रक्रिया शुरू की तैयारी होती है।
बता दें कि चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय रिटायर भी होने वाले हैं। ऐसे में लोकसभा इलेक्शन से पहले नए चुनाव आयुक्त का भी चयन होना है। इसे लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पहली मीटिंग कर ली है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव होने तक तीन निर्वाचन आयुक्त हो जाएंगे। अनुमान है कि इस बार लोकसभा चुनाव के लिए देश भर में करीब 11.8 लाख बूथ बनेंगे। यही नहीं देश भर में मतदाताओं की संख्या भी बढ़कर करीब 95 करोड़ हो सकती है। 2019 में यह आंकड़ा 90 करोड़ का था।
आप पार्टी पीएसी की बैठक में 3 राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला करेगी
9 Feb, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी 13 फरवरी को होने वाली राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में गोवा, हरियाणा और गुजरात लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों पर फैसला करेगी।
इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। केजरीवाल की आप इंडी गठबंधन का हिस्सा है जिसे विपक्षी दलों ने आगामी आम चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबला करने के लिए बनाया है। आप पहले ही गुजरात की एक सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। गुरुवार को पार्टी ने असम में तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की।
पंजाब में पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह इंडी गठबंधन के हिस्से में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। इस बीच आप के राज्यसभा सांसद और पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक पहले ही गठबंधन में फैसले लेने में हो रही देरी पर नाराजगी जता चुके हैं। संदीप पाठक ने कहा कि चुनाव बहुत नजदीक है हम कब तक सिर्फ बैठकें करते रहेंगे? चुनाव लड़ना है तो काम तो करना ही पड़ेगा। इसके लिए उम्मीदवारों के नाम फाइनल होने जरूरी हैं। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को असम में तीन लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने उम्मीद करते हुए तीन नामों की घोषणा की कि गठबंधन इन निर्वाचन क्षेत्रों से अनुमति देगा। मनोज धनोहर डिब्रूगढ़ से, भावेन चौधरी गुवाहाटी से और ऋषि राज सोनितपुर से आप के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाया अपनी जाति छुपाने का आरोप, कहा- मोदी ओबीसी नहीं, सामान्य वर्ग के
9 Feb, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राउरकेला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला। राहुल गांधी ने ओडिशा में कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने देश को अपनी जाति के बारे में झूठ बोला। वो ओबीसी नहीं, सामान्य वर्ग के हैं।
राहुल गांधी ने कहा, पीएम मोदी का जन्म ओबीसी वर्ग में नहीं हुआ था। वे गुजरात की तेली जाति में पैदा हुए थे। इस समुदाय को बीजेपी ने साल 2000 में ओबीसी का टैग दिया था। उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ था। वे कभी जातीय जनगणना नहीं होने देंगे, क्योंकि उनका जन्म ओबीसी में नहीं हुआ, उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ है।
नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान जारी
उन्होंने कहा कि जब भारत जोड़ो यात्रा खत्म हुई तो लोगों ने कहा कि आपने कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा तो कर ली लेकिन जो बाकी राज्य छूट गए उनका क्या। इसके बाद हमने मणिपुर से न्याय यात्रा शुरू की। इसलिए हमने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान जारी रखी।
अन्याय, हिंसा और नफरत बढ़ाना बीजेपी का काम
राहुल ने कहा कि बीजेपी का काम अन्याय बढ़ाओ और हिंसा, नफर बढ़ाओ है। लोगों के साथ आर्थिक अन्याय, सामाजिक अन्याय हो रहा है। मुझसे ओडिशा में पूछा आप जातीय जनगणना की बात करते हैं, पिछड़ों के हक की बात करते हैं, क्या इससे देश नहीं बंट रहा है। मैंने उन्हीं से पूछा- ये जो प्रेस कॉन्फ्रेंस है, आप लोग दूर-दूर से आए हैं, एक सिस्टम है इसमें कितने लोग पिछड़े वर्ग है। कितने अखबार मालिक दलित और पिछड़े हैं। वह पत्रकार चुप हो गया, बोल नहीं पाया।
ओबीसी, दलितों को उनका हक नहीं मिल रहा
राहुल गांधी ने कहा 50 फीसदी लोग ओबीसी, 23 फीसदी लोग दलित आदिवासी हैं। इसके बाद भी उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है। फिर भी ये लोग न तो ब्यूरोक्रेट हैं और न ही इनके हाथ में कोई अधिकार है, ऐसे में भारत कैसे जुड़ सकता है। 2 सौ कार्पोरेट में से टॉप मैनेजमेंट में न एक ओबीसी है, न दलित है और न ही आदिवासी। दिल्ली में 90 अफसरों में महज 3 ओबीसी हैं, एक आदिवासी, 3 दलित हैं।
पूर्व मंत्री ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
9 Feb, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। बाबा सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर बताया कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बाबा सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा मैं किशोरावस्था में कांग्रेस से जुड़ा था और बीते 48 साल की यह यात्रा बेहद अहम रही। आज मैं तुरंत प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं, लेकिन जैसा कहा जाता है कि कुछ बातें अनकही रहें तो अच्छा है। बाबा सिद्दीकी मुंबई में अल्पसंख्यक वर्ग के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा ने विहार में अपनी सरकार बनाने का संकल्प नहीं छोड़ा - सम्राट चौधरी
9 Feb, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में अपनी सरकार बनाने का संकल्प नहीं छोड़ा है। भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष चौधरी ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं से खचाखच भरे एक सभागार में यह बयान दिया।
चौधरी ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक कठिन फैसला था। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इसकी खूब चर्चा हुई और आखिरकार बिहार में ‘जंगलराज लाने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को सत्ता से बाहर करने का फैसला लिया गया। भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘हम जिस भी गठबंधन का हिस्सा हैं, उसका तब तक सम्मान करते हैं, जब तक वह बना हुआ है। हम नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही करेंगे, जिन्हें ‘इंडी एलायंस के लोगों ने प्रधानमंत्री पद के वादे के साथ लुभाया था, लेकिन उन्हें सही समय पर एहसास हुआ कि यह केवल भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए बनाया गया एक समूह है।
चौधरी ने कहा, ‘‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा पहली बार अनुच्छेद 370 के खिलाफ आवाज उठाए जाने के बाद पीढ़ियां गुजर गईं। जब नरेन्द्र मोदी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया, तो इसे (अनुच्छेद 370) इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्षों तक विरोधियों ने ‘मंदिर वहीं बनाएंगे के हमारे नारे का यह कहकर मजाक उड़ाया कि ‘तारीख नहीं बताएंगे। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में भाजपा ‘‘शराब माफिया, भूमि माफिया और रेत-खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
मौजूदा गठबंधन ‘स्थायी है और यह ‘सैदव बना रहेगा - नीतीश कुमार
9 Feb, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मौजूदा गठबंधन ‘स्थायी है और यह ‘सैदव बना रहेगा। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष कुमार दिल्ली से लौटने के बाद पटना में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे।पी। नड्डा सहित विभिन्न नेताओं से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस गठबंधन में वापस आ गया हूं, जहां का मैं हूं, और जिससे मैं कुछ समय के लिए दूर था। अब मैं हमेशा के लिए यहीं रहने वाला हूं। हमारे संबंध स्थायी रहेंगे।
उनके पाला बदलने को आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए विपक्ष द्वारा गठित ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के लिए झटका माना जा रहा है जिसके निर्माण में स्वयं उन्होंने मदद की थी। वह 1996 से भाजपा के सहयोगी रहे हैं। तब वह दिवंगत जॉर्ज फर्नांडीस की अध्यक्षता वाली समता पार्टी के साथ थे। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से उन्होंने पहली बार नाता 2013 में तब तोड़ा था जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा ने राष्ट्रीय राजनीति में लाने का फैसला किया था।
कुमार की 2017 में दोबारा राजग में वापसी हुई जो पांच साल तक चली और उन्होंने 2022 में भाजपा पर उनकी पार्टी जदयू को कमजोर करने की कोशिश का आरोप लगाकर नाता तोड़ लिया। राज्य के सबसे लंबे समय मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड कायम करने वाले कुमार बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने और विशेष आर्थिक पैकेज जैसी केंद्रीय मदद की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि क्या उन्हें अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान इन विषयों पर कोई आश्वासन मिला है, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा, ‘‘मैं 2005 से ही बिहार की प्रगति के लिए काम कर रहा हूं। चिंता का कोई कारण नहीं है। सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है।