राजनीति
12 मार्च को ठाणे में राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से कांग्रेस के आएंगे अच्छे दिन
1 Mar, 2024 08:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ठाणे। मुंबई से सटा ठाणे जिला जो पहले कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस ठाणे जिले में कांग्रेस अपनी पकड़ खोती जा रही है. हालांकि इसकी मुख्य वजह कांग्रेस के कई नेताओं की ड्रायंग रूम पॉलटिक्स मानी जा रही है. क्योंकि उन्होंने जनता के बीच जाकर काम करने के बजाय अपने उधोग व्यापार को ही बढ़ावा दिया और इसके लिए उस वक्त के विपक्ष के साथ सांठगांठ रखी. परिणामस्वरूप जिले में कांग्रेस कमजोर होती चली गई. ठाणे महानगर पालिका में कांग्रेस के केवल तीन नगरसेवक हैं और जिला परिषद में एक भी सदस्य नहीं है। इसलिए कांग्रेस की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी मार्च महीने में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के मौके पर ठाणे जिले में आएंगे. क्या उनके आने से ठाणे जिले में कांग्रेस पार्टी के दिन एक बार फिर बहुरेंगे? ये देखना भी जरूरी होगा. मालूम हो कि राहुल ने बीजेपी को रोकने के लिए पूरे भारत में भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की है. पहले चरण में यात्रा का अच्छा स्वागत हुआ। उसके बाद अब दूसरे चरण में यह यात्रा फिर से जोर-शोर से शुरू हो गई है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि यह न्याय यात्रा 12 मार्च को ठाणे में दस्तक देगी. इसके मुताबिक, बुधवार को यात्रा की योजना बनाने के लिए बैठक भी की गई है. सूत्रों ने बताया कि इस बात की भी योजना तैयार की गई है कि ठाणे के किस हिस्से से यह यात्रा निकाली जाएगी। इसके मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि यह यात्रा ठाणे के कलवा, खारेगांव, शहरी क्षेत्र, कैडबरी, रेमंड आदि से घोड़बंदर होते हुए आगे बढ़ेगी। बहरहाल ठाणे जिले में हाशिये पर चल रही कांग्रेस पार्टी क्या अब राहुल गांधी के आने पर फिर पुनर्जीवित हो पायेगी ? यह तो आने वाले समय में ही पता चल पायेगा. लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि राहुल गाँधी के यहां आने से कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे।
ममता बनर्जी 73 मुस्लिम जातियों को देना चाहती हैं ओबीसी का दर्जा
29 Feb, 2024 11:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा राज्य की 73 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में शामिल करने का मामला राष्ट्रपति के पास पहुंचने वाला है। दरअसल पिछड़ा वर्ग आयोग इसे लेकर शिकायत करने जा रहा है। इससे ममता सरकार की नई मुसीबत खड़ी हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार कई दर्जन जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने की बंगाल सरकार की सिफारिश के खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत करने की तैयारी हो रही है। दरअसल राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने ओबीसी की केंद्रीय सूची में 83 जातियों को शामिल करने की राज्य की सिफारिश पर गंभीर आपत्ति जताई है। आयोग ने कुछ समुदायों को राज्य सूची में शामिल करने पर भी आपत्ति जताई है और इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिकायत करने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ममता सरकार ने जिन 83 जातियों को केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की सिफारिश की है उनमें से 73 मुस्लिम समुदाय से हैं।
इधर एनसीबीसी ने इसका कड़ा विरोध किया है। पिछड़ा वर्ग आयोग का कहना है कि राज्य सरकार ने इन जातियों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के ताजा आंकड़े पेश नहीं किए हैं। एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि यह मामला छह महीने से अधिक समय से हमारे संज्ञान में है। हमने मुख्य सचिव को चार बार तलब किया है। अधिकारी न तो पेश हुए हैं और न ही सरकार ने अपनी सिफारिश को सपोर्ट करने वाला कोई डेटा दिया है। अब हम इन प्रस्तावों को अस्वीकार करने के लिए मजबूर हैं। गौरतलब है कि कि वर्तमान में, केंद्रीय ओबीसी सूची में पश्चिम बंगाल की 98 जातियां शामिल हैं।
राज्य ने 87 और जातियों को शामिल करने की सिफारिश की है, जिसमें 83 जातियों को नए सिरे से शामिल करने और 4 जातियों के नाम में सुधार की सिफारिश की गई है। इस पर अहीर ने कहा कि नामकरण में सुधार की बात मान ली जाएगी। लेकिन 83 जातियों को ओबीसी में शामिल करना स्वीकार्य नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने इससे जुड़ा डेटा उपलब्ध नहीं कराया है। सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में उचित मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें सुनिश्चित करने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है। एनसीबीसी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की ओबीसी सूची में 179 जातियां शामिल हैं, जिनमें 61 हिंदू ओबीसी और 118 मुस्लिम ओबीसी सूची में शामिल हैं।
400 पार के लिए दक्षिण पर फोकस कर रहे पीएम मोदी
29 Feb, 2024 09:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भले ही कनार्टक में कांग्रेस सत्ता पर काबिज है, लेकिन राज्य की 28 में 25 लोकसभा सीटों पर भगवा परचम है। सूत्रों का कहना है कि इन सीटों को दुबारा से हासिल करने के लिए भाजपा करीब एक दर्जन पुराने चेहरों को बदलने वाली है। भाजपा ने इस बार कुछ केंद्रीय मंत्रियों को संसदीय चुनाव लड़ाने की योजना तैयार की है। इसमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर का नाम सबसे ऊपर है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि दोनों को ही कर्नाटक में चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि वे दोनों किन सीटों से चुनाव लड़ने वाले है।
इस बीच कई मौजूदा सांसदों ने अलग-अलग कारणों से चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की है। पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद सदानंद गौड़ा सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि वे अब चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। जी एम सिद्धेश्वर (72), रमेश जिंगजिंगानी (72) अधिक उम्र के कारण संभवत चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। वहीं अनंत हेगड़े ने भी अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला दिया है। इनके अलावा शिवकुमार उदासी निजी कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसके अलावा बी. एन. बच्चे गौड़ा (82), मंगला अंगाडी, जी. एस. बसवराज, वी. श्रीनिवास प्रसाद और वाय देवेंद्रप्पा जैसे सांसदों की चुनाव लड़ने की संभावना भी कम है।
राजनीतिक की जानकारों की मानें तब कर्नाटक में मतदाता पारंपरिक रूप से राज्य और राष्ट्रीय चुनावों में अलग-अलग पार्टियों को चुनते हैं। भाजपा 2018 के विधानसभा चुनावों में सत्ता पर काबिज हुई थी। हालांकि 104 सीटों के साथ वह बहुमत से चूक गई थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा का कर्नाटक में वोट शेयर 36 फीसदी था। वहीं 2019 हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर 54 फीसदी रहा था और भाजपा ने 25 सीटों पर भगवा लहराया। उधर दूसरी ओर मई 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में कर्नाटक में कांग्रेस का वोट शेयर 2018 के 38.1 फीसदी के मुकाबले इस बार बढ़कर 42.8 फीसदी रहा है। इसकारण कांग्रेस को भी लोकसभा चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
दक्षिण भारत के तहत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना राज्य आते हैं। इन राज्यों में लोकसभा की कुल 130 सीटें हैं। जिसमें से भाजपा के पास 22 फीसदी यानी की सिर्फ 29 लोकसभा सीटें हैं। 2019 में कर्नाटक में भाजपा ने 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं तेलंगाना की 17 सीटों में से भगवा पार्टी को सिर्फ 4 सीटें मिली थीं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में भाजपा के पास एक भी लोकसभा सीट नहीं है। इतना ही नहीं आंध्र प्रदेश और केरल में पार्टी के पास एक भी विधायक नहीं है।
लेकिन इस बार भाजपा अपने 400 पार के टारगेट को हासिल करने दक्षिण भारत पर फोकस कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी खुद दक्षिण भारत के कई दौरे कर चुके हैं। हाल के दिनों में पीएम मोदी ने तमिलनाडु, केरला और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का दौरा कर लोगों को करोड़ों रुपए की योजनाओं की सौगात दी थी। जानकारों का कहना है कि दक्षिण भारत में 130 लोकसभा सीटों में से काफी सीटें हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित करने के बाद ही भाजपा ने चुनावों में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया है।
अयोध्या में प्राणप्रतिष्ठा से ठीक 6 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के आंध्र प्रदेश और केरल पर रहे हैं। इसके अलावा बीते साल दिल्ली में संसद के नए भवन का उद्घाटन के दौरान सेंगोल को स्थापित किया था। इस दौरान देश के गृह मंत्री अमित शाह का दावा किया था कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त 1947 को तमिल पुजारियों के हाथों सेंगोल स्वीकार किया था।
पीएम मोदी का झारखंड में शंखनाद, एक मार्च को देंगे बड़ी सौगात
29 Feb, 2024 04:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनबाद । पीएम नरेंद्र मोदी एक मार्च को झारखंड के धनबाद आएंगे। वह इस दौरान झारखंड को एक साथ कई बड़ी सौगातें देने वाले हैं। मिली जानकारी के अनुसार सबसे पुरानी उर्वरक नगरी सिंदरी में 8939 करोड़ की लागत से स्थापित नए उर्वरक कारखाने का लोकार्पण करेंगे। पीएम कार्यक्रम के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देवघर से गोड्डा को सीधे जोड़ने वाली मोहनपुर-हंसडीहा नई रेल लाइन का उद्घाटन और देवघर-डिब्रूगढ़ ट्रेन का शुभारंभ भी करेंगे। गौरतलब है कि झारखंड के सिंदरी में स्थित देश का सबसे पहला उर्वरक कारखाना 2 मार्च 1951 को शुरू हुआ था, लेकिन तकनीक पुरानी पड़ जाने और लगातार नुकसान की वजह से यह कारखाना 31 दिसंबर 2002 को बंद कर दिया गया था। अब इसकी जगह हिन्दुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड के नये संयंत्र का पिछले साल निर्माण किया गया है। यहां से व्यावसायिक उत्पादन की शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन अब तक इस नए संयंत्र का औपचारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। इस कारखाने के पुनरुद्धार में देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर दिलचस्पी ली थी।
बता दें कि उन्होंने 25 मई, 2018 को उन्होंने खुद कारखाने के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी थी। यह उर्वरक संयंत्र कोल इंडिया लिमिटेड और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम है। इस संयंत्र से प्रतिदिन 2250 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 टन यूरिया के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यहां से उत्पादित होने वाला यूरिया नीम कोटेड होगा। कृषि के लिए इसे आदर्श उर्वरक माना जाता है। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के प्रबंध निदेशक एसपी मोहंती ने बताया कि 8939.25 करोड़ रुपये की लागत से लगभग चार साल में निर्मित हर्ल प्रोजेक्ट से इस साल 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया गया। आने वाले वर्ष में हमें सालाना 12 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करना है।
वहीं पीएम मोदी देवघर से गोड्डा को सीधे जोड़ने वाली मोहनपुर-हंसडीहा नई रेल लाइन के उद्घाटन करेंगे। इससे इलाके के लाखों लोगों की मांग भी पूरी हो जाएगी। रेलवे के अनुसार 753.48 करोड़ की लागत से मोहनपुर-हंसडीहा रेल लाइन का निर्माण हुआ है। इसकी लंबाई 38.110 किमी है। इस नयी रेल लाइन पर पहली बार चलने वाली देवघर-डिब्रूगढ़ ट्रेन को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। इस मार्ग पर ट्रेन चलने से देवघर, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया और कटिहार जैसे शहर कनेक्ट होंगे। इसके पहले डिब्रूगढ़ से नॉर्थ बैंक होते हुए देवघर तक सीधी रेल कनेक्टिविटी नहीं थी, जो अब मिलने जा रही है।
हिमाचल संकट से निकलने प्रतिभा सिंह को सीएम बना सकता हैं हाईकमान
29 Feb, 2024 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला । हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल जारी है। हिमाचल में राज्यसभा चुनाव की एक सीट पर कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद सीएम बदलने की तैयारी हो रही है, जिससे नाराज विधायकों को वापस लाया जा सके। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को हटाया जाता है। तब उनके विकल्प में पार्टी के दो-चार नामों को सीएम बनाए जाने की अटकलें हैं। इसमें वरिष्ठ नेता प्रतिभा सिंह का नाम भी फहरिश्त में शुमार है। बता दें कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रतिभा सिंह वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं, दिवंगत नेता सूबे के छह बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। प्रतिभा सिंह साल 1998 से राजनीति में सक्रिय थीं। उन्होंने हिमाचल के मंडी संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2004 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से भाग्य को आजमाया था। फिर साल 2012 में उनके पति वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया था। जिसके कारण साल 2013 में उपचुनाव हुआ था। इसमें प्रतिभा सिंह सियासी मैदान में उतरीं और जयराम ठाकुर को हराया था।
साल 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था। इसमें मोदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने प्रतिभा सिंह को 39 हजार से अधिक मतों से हराया था। प्रदेश में तब कांग्रेस सरकार थी। प्रतिभा की हार से सब दंग रह गए थे। 2021 में करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरीं और जीत दर्ज की थी। 26 अप्रैल 2022 को हाईकमान ने प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का 32वां अध्यक्ष बनाया था। प्रतिभा का जन्म 16 जून 1956 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। प्रतिभा सिंह की साल 1985 में वीरभद्र सिंह से शादी हुई थी। वह उनकी दूसरी पत्नी हैं। वीरभद्र सिंह की पहली शादी से बेटी अभिलाषा कुमारी ने गुजरात में जज के रूप में काम किया है। वीरभद्र सिंह की प्रतिभा सिंह से दूसरी शादी से उनके बेटे, विक्रमादित्य सिंह, शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं।
कभी चुनाव नहीं हारे भाजपा के हर्ष महाजन ने राज्यसभा में भी दिखाया दम
29 Feb, 2024 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला। बीजेपी नेता और हिमाचल से राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन आजतक कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं। यहां तक कि हाल ही में मनु सिंघवी को पटकनी देकर राज्यसभा में भी अपनी दावेदारी साबित कर दी। उन्होंने अपनी चाणक्य नीति से कांग्रेस उम्मदीवार अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा चुनाव में शिकस्त दी। 68 में से सिर्फ 25 विधायक होने के बाद भी उन्होंने ये जीत हासिल की है। हालांकि राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी जीत को आश्वस्त थी। लेकिन बीजेपी ने हर्ष महाजन को मैदान में उतार कर कांग्रेस के खेमे में हलचल मचा दी। क्योंकि हर्ष महाजन कई दशकों तक कांग्रेस में रहे हैं। हिमाचल में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। ऐसे में कई कांग्रेस विधायक उनके संपर्क में थे।
बता दें कि राज्यसभा चुनाव से पहले ही वो कह चुके थे कि कई कांग्रेस विधायक उनके पक्ष में वोट करेंगे। 27 जनवरी को उनकी बात सच साबित हुई और कांग्रेस के 6 विधायकों ने उनके पक्ष में वोट कर दिया। बता दें कि हर्ष आज तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं। हर्ष महाजन का जन्म 12 दिसंबर 1955 को हिमाचल के चंबा में हुआ था। वो अपने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में काफी सक्रीय थे। 1986 से 1995 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। हर्ष महाजन ने 1993 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। वो चंबा से विधायक बने। उन्होंने लगातार तीन बार चंबा विधानसभा सीट से जीत हासिल की
हर्ष महाजन हिमाचल पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबियों में से एक थे। वो उनके प्रमुख रणनीतिकार माने जाते थे। वीरभद्र सरकार में वो 2003 से 2008 तक पशुपाल मंत्री रहे। लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में रहे हर्ष महाजन ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि उनके इस कदम से बीजेपी को कोई फायदा नहीं हुआ। बीजेपी विधानसभा चुनावों में सिर्फ 25 सीटों पर ही सिमट गई थी। विधानसभा चुनावों में भले ही वो कुछ खास नहीं कर पाए हो लेकिन इस बार हर्ष महाजन ने कांग्रेस खेमे में सेंधमारी कर राज्य सभा संसद की जीत हासिल की है।
रणनीति बनाने में चूके अखिलेश यादव, विधायकों को नहीं सहेज पाये
29 Feb, 2024 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । यूपी में अखिलेश यादव के सामने चुनौती काफी बढ़ गई है। उनकी रणनीति बुरी तरह से फैल हो गई है। हालांकि राज्यसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव की रणनीति पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। भले ही अखिलेश अब कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके चाचा शिवपाल यादव बागी विधायकों को भटकती आत्मा और राम गोपाल यादव कुकुरमुत्ता कहकर संबोधित कर रहे हैं। लेकिन पार्टी को एकजुट रखने में नाकामयाबी का सेहरा तो अखिलेश यादव के ही सिर बंधेगा। संख्या बल के आधार पर सपा आराम से तीन उम्मीदवारों को जिता ले जाती, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सधी हुई राजनीति ने पार्टी को हार की तरफ धकेल दिया। अखिलेश यादव को लेकर अब कहा जा रहा है कि उन्होंने लड़ाई सही तरीके से लड़ी ही नहीं। यही कारण रहा कि पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भी अखिलेश को यूपी नगर निकाय चुनाव 2023 में करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस प्रकार दूसरे चुनाव में भी पार्टी बुरी तरह से हारी है।
प्रदेश में पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए की राजनीति करने की बात करने वाले अखिलेश पर राज्यसभा उम्मीदवारों के चयन को लेकर सवाल किया गया। इस दौरान आलोक रंजन और जया बच्चन पर सवाल किए गए। पूर्व आईएएस आलोक रंजन और फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन से पार्टी को फायदा मिलने पर सवाल किया गया। पार्टी विधायकों के इस प्रकार के सवालों ने अखिलेश यादव की पार्टी पर पकड़ को सवालों के घेरे में ला दिया है। पार्टी विधायकों को एकजुट रखने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
हालांकि राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा और सपा की रणनीति बिल्कुल अलग रही। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले लगातार बैठकें की। संगठन के स्तर पर विधायकों को ट्रेनिंग दी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने डिनर डिप्लोमेसी के जरिए विधायकों को रणनीति समझाई। यही वजह रही कि भाजपा के छह उम्मीदवारों को 38 वोट मिले। आरपीएन सिंह जीत के लिए जरूरी 37 वोट पाए। वहीं, भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ के पक्ष में 29 वोट पड़े। इसके बाद दूसरी वरीयता के वोटों में भाजपा के आठवें उम्मीदवार ने बाजी मार ली। सपा की ओर से अखिलेश यादव ने भी डिनर डिप्लोमेसी के जरिए विधायकों को जीत का समीकरण समझाया था, लेकिन वह काम नहीं आया।
राजनाथ सिंह ने कहा- माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराएंगे आंध्र प्रदेश
29 Feb, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ ने दावा करते हुए कहा है कि आंध्र प्रदेश में रेत,खनन,जमीन और शराब माफिया सक्रिय है। इनकी वजह से प्रदेश के विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। आम जनता काफी परेशान है। जनहित और जनकल्याण कोसो दूर चला गया है। इस बार आंध्र प्रदेश की जनता ने राज्य की वाईएसआरसीपी सरकार को सबक सिखाने का मन बना दिया है। रक्षा मंत्री ने दावा किया कि इस बार यहां भाजपा की सरकार आते ही सबसे पहले इस माफिया के चंगुल से आंध्र प्रदेश को मुक्त कराएंगे।
राज्य के एक दिवसीय दौरे पर आए राजनाथ सिंह ने इससे पहले विजयवाड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित किया और विशाखापत्तनम में बुद्धिजीवियों को भी संबोधित किया। उन्होंने पार्टी की कोर ग्रुप बैठक की भी अध्यक्षता की, जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी और अन्य नेता शामिल हुए।पिछले 10 वर्षों के दौरान भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा चौथी बार भी सत्ता में आएगी।भाजपा नेता ने रुपये के लिए वाईएसआरसीपी की आलोचना की। राज्य पर 7.5 लाख करोड़ का सार्वजनिक कर्ज है।उन्होंने कहा, यह वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाने के बावजूद है। मैं पूछना चाहता हूं कि पैसा किसकी जेब में जा रहा है। इसका पता लगाने की जरूरत है। उन्होंने पोलावरम परियोजना को पूरा नहीं करने के लिए वाईएसआरसीपी की आलोचना की और आरोप लगाया कि राज्य सरकार इसे पूरा करने में ईमानदार नहीं है।उन्होंने कहा, केंद्र ने पोलावरम के लिए 15,000 करोड़ रुपये दिए। इसे बहुत पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन राज्य सरकार की कमजोरी के कारण यह पूरा नहीं हो सका। उन्होंने राज्य में सड़कों की खराब हालत पर भी राज्य सरकार की आलोचना की। केद्रीय मंत्री ने कहा कि वाईएसआरसीपी केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में भी लापरवाही बरत रही है।उन्होंने कहा, केंद्र ने जल जीवन मिशन के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन चूंकि राज्य सरकार का कोई योगदान नहीं है, इसलिए इसे यहां लागू नहीं किया जा सका। यह एक जनविरोधी और क्रूर सरकार है।उन्होंने कहा कि जहां अन्य पार्टियां अपने परिवारों को भगवान मानती हैं, वहीं भाजपा लोगों को भगवान मानती है और गरीबों के कल्याण के लिए काम करती है
लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी, अब पार्टी खोलने वाली हैं वादों का पिटारा
28 Feb, 2024 07:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो गई है, जल्दी ही आचरण संहिता लगने वाली हैं। ऐसे में पार्टियों ने भी अपने वादों के पिटारे आम जनता के लिए खोलने तैयारी कर ली है। वहीं केन्द्रीय चुनाव आयोग की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। इधर सियासत के जानकार बता रहे हैं कि अब तक मिले संकेतों से यही लग रहा है कि बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिहाज से अभी मजबूत स्थिति में दिख रही है। लेकिन विपक्षी गठबंधन ने भी जीत की उम्मीद नहीं छोड़ी है। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी गठबंधन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी से मुकाबले के लिए इस बार लुभावाने वादों की झड़ी लगाने वाला है। कांग्रेस पहले ही किसानों को एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर फसल खरीद का वादा कर चुकी है। वहीं विपक्षी दलों का अलायंस इंडिया भी जल्द ही एक साझा घोषणापत्र जारी कर सकता है, जिसमें हर तबके के लिए लुभावने वादों की लिस्ट देखने को मिल सकती है।
वहीं भाजपा ने भी इस बार विपक्ष की मंशा को देखते हुए व्यापक घोषणापत्र बनाने की तैयारी की है। पार्टी ने दावा किया है कि वह देश में एक करोड़ से अधिक लोगों से बात करके अपना घोषणापत्र तैयार करेगी। जबकि इंडिया गठबंधन बड़े लोकलुभावन वादों के साथ आम चुनाव में उतर सकता है। इसमें महिलाओं और बेरोजगारों के लिए हर महीने पगार के अलावा कर्ज माफी तक के वादे हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों के अलायंस की ओर से ऐसे वादों की घोषणा जल्द हो सकती है। विपक्ष हाल में हुए विधानसभा चुनाव में सामने आए ट्रेंड को आगामी आम चुनाव में भी बढ़ाना चाहता है। विधानसभा चुनाव में लुभावने वादों को गेमचेंजर माना गया। मगर ऐसा नहीं हुआ कि सिर्फ विपक्षी दल ही ऐसे वादों के साथ मैदान में उतरे थे। भाजपा भी इसमें पीछे नहीं थी। जानकार बता रहे हैं कि पिछले कुछ सालों से समाज के कुछ तबकों को हर महीने तय राशि देने का ट्रेंड सफल साबित हुआ है। मध्य प्रदेश में चुनाव से तीन महीने पहले बीजेपी ने लाडली बहना योजना लॉन्च की थी। इस योजना में महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये राशि दी जाती है। वहां चुनाव में भी पार्टी इसी योजना के बेस पर मैदान में उतरी थी। इससे पहले कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन या सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करने जैसे वादों के साथ चुनाव जीतकर कांग्रेस ने इस तरह के वादों को सफल बताया। आम आदमी पार्टी ने इसकी शुरुआत दिल्ली से की और पंजाब में भी इसी के बल पर उसके लिए सत्ता का दरवाजा खुला।
डीएमके पर भड़के पीएम मोदी, झूठा क्रेडिट लेने की अब हद हो गई
28 Feb, 2024 06:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई। दक्षिण के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इस कार्यक्रम को बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और रेल मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित कर सत्ताधारी डीएमके पर खूब प्रहार किया और उस पर केंद्र की योजनाओं का श्रेय लेने का आरोप लगाया।
पीएम मोदी ने सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पर भी प्रहार करते हुए कहा, डीएमके एक ऐसी पार्टी है, जो काम करती नहीं, लेकिन झूठा क्रेडिट लेने के लिए आगे रहती है। ये लोग हमारी योजनाओं पर अपने स्टिकर चिपका देते हैं। अब डीएमके पार्टी ने हद कर दी, इन्होंने तमिलनाडु में इसरो लांच पैड का क्रेडिट लेने के लिए चीन का स्टिकर चिपका दिया है।
पीएम मोदी ने कहा, तमिलनाडु को प्रौद्योगिकी और नवाचार द्वारा परिभाषित किया गया है। यही बात तमिलनाडु को बीजेपी के करीब लाती है… सेवा का हमारा अभी तक का रिकॉर्ड लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि केवल बीजेपी ही राज्य को सही भविष्य की ओर ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और हम उन कुछ देशों में से एक हैं, जो नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, बच्चे, बूढ़े, नौजवान, महिलाएं, गरीब और मिडिल क्लास, तमिलनाडु का हर वर्ग, हर समाज आज पूरे विश्वास के साथ बीजेपी के साथ आ रहा है। तमिलनाडु के लोग बीजेपी को बड़ी आशाओं से देख रहे हैं। लोग देख रहे हैं कि कैसे बीजेपी ने देश में संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय की सकारात्मक राजनीति को आगे बढ़ाया है। तमिलनाडु का ये असीम प्रेम, ये विश्वास हमारे लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
बिहार में महागठबंधन में फूट, कांग्रेस और राजद के विधायक भाजपा में
28 Feb, 2024 11:06 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार में जहां 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और राजद को बड़ा झटका लगा है। दरअसल मंगलवार को महागठबंधन में फूट हो गई। राजद की एक महिला विधायक और कांग्रेस के दो विधायकों ने अपनी पार्टी का साथ छोड़कर एनडीए का दामन थमा लिया। जिन विधायकों ने कांग्रेस और राजद को छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है, उसमें कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ, कांग्रेस के ही विधायक मुरारी प्रसाद गौतम और राजद की विधायक संगीता देवी का नाम शामिल है। 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले इस महागठबंधन के लिहाज से बड़ा झटका माना जा रहा है। बीजेपी में शामिल हुए विधायक सिद्धार्थ पटना की बिक्रम सीट से विधायक हैं। वहीं गौतम महागठबंधन की सरकार में पंचायती राज मंत्री भी रह चुके हैं। वे रोहतास जिला की एक सीट से विधानसभा के सदस्य हैं।
मंगलवार को महागठबंधन का साथ छोड़ने वाले इन तीनों विधायकों को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी विधानसभा लेकर पहुंचे थे। मालूम हो कि इसके पहले नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्वाद यादव पाला बदल चुके हैं। राजद का छोड़ने वाले ये तीनों विधायक जेडीयू गुट में चले गए थे।
तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल
28 Feb, 2024 10:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । त्रिपुरा तृणमूल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे पीजूष कांती बिस्वास घर वापसी कर फिर कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस के त्रिपुरा प्रभारी गिरीश चोन्डनकर तथा त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि श्री बिस्वास त्रिपुरा के प्रसिद्ध वकील और वरिष्ठ नेता है। उनकी घर वापसी से कांग्रेस मजबूत होगी। श्री बिस्वास ने श्री चोन्डनकर और श्री साह तथा अन्य नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
पंचमहल लोकसभा सीट पर सास और बहु ने दर्ज करवाई दावेदारी
28 Feb, 2024 09:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद | लोकसभा चुनाव निकट हैं और राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं| एक ओर सीटों को लेकर घमासान मचा हुआ है तो दूसरी तरफ भाजपा ने गुजरात की 26 सीटों पर सेंस प्रक्रिया शुरू कर दी है| इस बीच, सास और बहु ने पंचमहल लोकसभा सीट के लिए सेंस प्रक्रिया के दौरान अपनी उम्मीदवारी दर्ज कराई। कालोल की पूर्व विधायक सुमनबेन चौहान और उनकी सास रंगेश्वरीबेन प्रभातसिंह चौहान ने पंचमहल लोकसभा सीट पर दावेदारी की है। रंगेश्वरीबेन चौहान पूर्व सांसद स्व. प्रभात सिंह चौहान की पत्नी हैं और सुमनबेन चौहान कालोल की पूर्व विधायक हैं। भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें अहमदाबाद सहित राज्य भर में लोकसभा उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया आयोजित की गई।
चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, एक और नेता भाजपा का हुआ
28 Feb, 2024 08:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाटन| लोकसभा चुनावों को कभी भी ऐलान हो सकता है और उसे लेकर भाजपा, कांग्रेस समेत राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं| दूसरी ओर गुजरात कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं| एक के बाद एक नेता पार्टी छोड़ भाजपा जॉइन कर रहा है| आज एक और नेता ने भाजपा का भगवा धारण कर लिया| उत्तर गुजरात के पाटन जिले के राधनपुर में रहने वाले और तहसील कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे नवीन चौधरी अपने समर्थकों के साथ औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए। भगवा धारण करते ही उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की| भाजपा जॉइन करने के बाद नवीन करमनभाई चौधरी ने कहा कि 2005 से कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने 2023 तक कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत की है| लेकिन जिन कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की उनकी कदर नहीं की गई| उन्होंने भाजपा और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह के नेतृत्व में देश के विकास को ध्यान में रखते हुए आश्वासन दिया कि वह आज ही भाजपा कार्यकर्ता के रूप में शामिल होकर देश और जिले के विकास में भागीदारी निभाएंगे। बता दें कि आज ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री नारण राठवा अपने बेटे संग्राम राठवा के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं| गुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटील ने एक साथ 10 हजार से ज्यादा नेता और कार्यकर्ताओं के भाजपा जॉइन करने का दावा किया है|
मध्यप्रदेश में 'मिशन 29' में जुटी भाजपा, कार्यकर्ताओं की क्लास लेंगे योगी, भजनलाल और फडणवीस
27 Feb, 2024 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा हाईकमान ने राज्यवार बैठकों को दौर शुरू कर दिया है। राज्यों में कार्यकर्ताओं में जोश भरने और तैयारियों में जुट जाने के लिए भाजपा ने अपने कद्दावर नेताओं को जमीन पर उतारने जा रही है। इसी के तहत राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल मंगलवार को मध्यप्रदेश मुरैना लोकसभा में पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मार्च के दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लगने की संभावना है। इससे पहले क्लस्टर मुख्यालयों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहुंचेंगे। इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भिंड, ग्वालियर या गुना में से किसी एक लोकसभा क्षेत्र में पहुंचेगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के लोकसभा क्षेत्रों में पहुंचने का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत समेत एक दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रियों के लगातार मध्यप्रदेश में दौरे होंगे। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में मध्यप्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों के दिग्गज नेता और मंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचेंगे। इन बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस दौरान ये पार्टी के नेता क्लस्टर मुख्यालयों में बूथ स्तरीय सम्मेलन, सामाजिक सम्मेलन और प्रबुद्धजनों से संवाद करेंगे।
लोकसभा सीटों के नामों की रायशुमारी शुरू
इधर, भाजपा ने सभी 29 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने रायशुमारी शुरू कर दी है। प्रदेश की एकमात्र हारी हुई सीट छिंदवाड़ा और विधानसभा चुनावों में विधायक चुने गए 5 सांसदों की खाली हुई सीटों पर पार्टी पूर्व में ही रायशुमारी कर चुकी है। इनमें मुरैना, दमोह, होशंगाबाद, सीधी और जबलपुर शामिल हैं।
भाजपा ने मंत्री विश्वास सारंग को भिंड, मंत्री प्रहलाद पटेल को ग्वालियर, मंत्री कृष्णा गौर को गुना, नारायण सिंह कुशवाह को सागर, प्रद्युम्न तोमर को टीकमगढ़, भगवानदास सबनानी को सतना, मंत्री तुलसी सिलावट को रीवा, नागर सिंह चौहान को शहडोल, दिलीप अहिरवार को सीधी, हेमंत खंडेलवाल को इंदौर, गोविंद राजपूत को खरगोन, रजनीश अग्रवाल को झाबुआ सीट पर रायशुमारी के लिए भेजा है।