राजनीति
बिरला ने राहुल गांधी को सदन में मर्यादा में रहने की हिदायत दी
26 Mar, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब भी मैं सांसद में बोलेने के लिए खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। दरअसल राहुल गांधी ने ये टिप्पणी तब की जब सदन में बोलने के लिए खड़े होने के बाद भी उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। जैसे ही वे बोलने के लिए खड़े हुए, सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने उन्हें सदन के नियमों का पालन करने की नसीहत दी। वहीं इस पर राहुल गांधी अपनी बात रख पाते अध्यक्ष ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
इसके पहले लोकसभा स्पीकर ने राहुल गांधी से कहा कि सदन के आचरण और मर्यादा का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ घटनाएं ऐसी आई हैं, जो सदन के लिहाज से ठीक नहीं थीं, और इसलिए उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में राहुल सदन की गरिमा का पालन करे।
राहुल गांधी के आचरण को लेकर यह टिप्पणी दी गई थी, विशेष रूप से तब जब उन्होंने सदन में बीच-बीच में प्रदर्शन कर कुछ टिप्पणियां कीं। बिरला ने यह सुनिश्चित करने की अपील की कि सदन में सभी सदस्य उचित आचरण का पालन करें।
सोनिया गांधी ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत कम बजट मिलने का आरोप लगाया
26 Mar, 2025 04:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत बहुत कम बजट आवंटित करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इसके तहत गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ की पूरी राशि प्रदान की जानी चाहिए। शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत महिलाओं को मातृत्व लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है।
'केवल 5000 रुपये देने का प्रावधान किया गया'
सोनिया ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संसद ने सितंबर 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का आधार यही था। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत अनौपचारिक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये दिए जाने थे। उन्होंने कहा कि 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में यह अधिकार प्रदान किया जाना था, लेकिन इसके तहत ऐसी महिलाओं को केवल 5000 रुपये देने का प्रावधान किया गया। इसमें दूसरे बच्चे के जन्म पर भी ऐसी सहायता देने की बात कही गई, बशर्ते वह बच्चा लड़की हो।
'12000 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत'
सोनिया ने कहा कि 2022-23 में किए गए विश्लेषण के अनुसार, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 68 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म के अवसर पर पहली किस्त प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि लेकिन अगले ही वर्ष इसमें भारी गिरावट आई और यह केवल 12 प्रतिशत रह गई। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि ऐसा क्यों होने दिया गया? उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत मातृत्व लाभ को पूरी तरह से लागू करने के लिए सालाना 12,000 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी।
कांग्रेस नेता ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया
सोनिया ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि बजट दस्तावेजों में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत किए गए आवंटन का अलग से उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत इसके लिए एक कार्यक्रम ‘समर्थ’ है, जिसके लिए वर्ष 2025-26 में कुल बजटीय आवंटन 2521 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए बहुत कम बजट उपलब्ध कराया जा रहा है।
लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष के लिए जगह होती है लेकिन यहां विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं', लोकसभा पर आरोप लगते राहुल
26 Mar, 2025 03:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है. राहुल गांधी ने कहा, 'एक परंपरा है कि विपक्ष के नेता को बोलने दिया जाता है. जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता. मुझे नहीं पता कि सदन कैसे चल रहा है।
राहुल ने और क्या कहा?
राहुल ने कहा, 'यहां हमें वो नहीं कहने दिया जाता जो हम कहना चाहते हैं. मैंने कुछ नहीं किया, मैं बहुत शांति से बैठा था. लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष के लिए जगह होती है लेकिन यहां विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है. यहां सिर्फ सरकार के लिए जगह है. उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले के बारे में बात की, जिसमें मैं अपनी बात जोड़ना चाहता था. मैं बेरोजगारी के बारे में कुछ कहना चाहता था लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया।
लोकसभा में सांसदों के आचरण को लेकर स्पीकर ने दी नसीहत
खबर यह भी है कि लोकसभा में सांसदों के आचरण को लेकर स्पीकर ने नसीहत दी है. दरअसल, दो दिन पहले राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी से अजीबोगरीब अभिवादन किया था. इस पर स्पीकर की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई. इसके बाद कांग्रेस सांसदों ने भी सदन में कहा कि जब पीएम सदन में आते हैं तो बीजेपी के सभी सांसद खड़े हो जाते हैं, यह सदन का अपमान है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का बयान सामने आया
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'आपसे सदन की मर्यादा और शालीनता के उच्च मानदंडों को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है. मेरी जानकारी में ऐसे कई मामले हैं, जब सांसदों का आचरण सदन की मर्यादा और परंपराओं के उच्च मानदंडों को बनाए रखने के अनुरूप नहीं था. पिता, बेटी, मां, पत्नी और पति इस सदन के सदस्य रहे हैं. इसलिए, इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से नियमों के अनुसार आचरण करने की अपेक्षा करता हूं. विपक्ष के नेता से विशेष रूप से अपने आचरण को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है।
आज तक महात्मा गांधी के सपने को पूरा क्यों नहीं किया गया? राहुल गांधी को तंज कसते हुए बोले सीएम योगी
26 Mar, 2025 02:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में विपक्ष के नेता, राहुल गांधी को एक 'नमूना' के रूप में वर्णित करते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि पार्टी अयोध्या में 'विवाद' को जीवित रखना चाहती है। एएनआई को एक साक्षात्कार में, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पिछले दस दशकों में कांग्रेस द्वारा किए गए काम पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'एक भारत को श्रेष्ठ भारत नहीं होना चाहिए? तो आपको उनसे पूछना चाहिए कि वे छह से दस दशकों से क्या कर रहे थे? उन्हें अपने दादा, दादी और पिता से पूछना चाहिए था। उस समय उसने ऐसा क्यों नहीं किया? पूरे भारत को मोदी जी का समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस ने ऐसा क्यों नहीं किया? वह हमेशा अयोध्या विवाद को विवाद बने रहना चाहता था। "
'मोदी जी ने गांधी के सपनों को पूरा किया'
सीएम योगी ने कहा, "काशी की संकीर्ण सड़क में, वह गांधीजी के नाम पर अपना सारा जीवन राजनीति कर रहे हैं। लेकिन 1916 में, गांधी ने काशी की संकीर्ण सड़क पर एक मजबूत टिप्पणी की। अयोध्या, राम मंदिर भी बनाया गया है।
भारत की यात्रा पर सीएम योगी का ताना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के 'भारत जयर यात्रा' को 'भारत कोषो अभियान' बताया और कहा कि सभी को उनके इरादों से अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा, "भरत जीनो यात्रा भारत ब्रेको अभियान का हिस्सा है। वह भारत के बाहर भारत की आलोचना करता है। देश ने अपने स्वभाव और इरादों को समझा है। भारत की राजनीति में, भरतिया जनता पार्टी के लिए राहुल जैसे कुछ नाम होने चाहिए, जिसमें एक रास्ता साफ और अच्छा है।" आइए हम आपको बताते हैं कि राहुल गांधी की भारत जीटो यात्रा 130 दिनों में 3,970 किमी की यात्रा की और 12 राज्यों और दो केंद्र क्षेत्रों को कवर किया।
सीएम योगी ने एसपी पर हमला किया
उत्तर प्रदेश के सीएम ने कांग्रेस के सहयोगी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर भी हमला किया और कहा कि जिन्ना की प्रशंसा करने वालों को इतिहास नहीं पढ़ाना चाहिए। सीएम योगी ने कहा, "यह हमारी संस्कृति में कहा गया है कि जो कुछ भी पूजा जाता है, हम राम, कृष्ण, शिव का सम्मान करते हैं, उनकी पूजा करते हैं। इसलिए एक तरह से उनकी अच्छाई भी हमारे साथ है। सीएम योगी ने आगे कहा, "हम जिन्ना की महिमा करने वालों के इतिहास को जानते हैं। हमें याद है कि इस उत्तर प्रदेश में, हम जनायक वल्लभभाई पटेल की एकता के लिए अभियान कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे। हमने इसके लिए देश के सभी लोगों को आमंत्रित किया था। हम बजेड और सभी पार्टियों को आमंत्रित करते थे। औरंगज़ेब और जिन्ना "तो देश के प्रति उनकी भावनाएं क्या होंगी? भारत की विरासत के प्रति उनकी भावनाएं क्या होंगी? भारत के महापुरुषों के प्रति उनकी भावनाएं क्या होंगी? इसे से देखा जा सकता है। और ये लोग अवसरवादी हैं। "
जिन्ना पर अखिलेश यादव का बयान
नवंबर 2021 में, समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने कहा, "राष्ट्र महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मुहम्मद अली) के पिता सरदार पटेल ने एक ही संस्थान में अध्ययन किया और एक बैरिस्टर बन गए। उन्होंने (भारत) ने स्वतंत्रता लाने में मदद की और कभी भी किसी भी संघर्ष से पीछे हटने में मदद की।"
कुणाल कामरा विवाद पर सीएम योगी ने क्या कहा?
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उप -मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों से विवाद उठाया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर तेजी से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाना नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो देश में मतभेद पैदा कर रहे हैं।
'कानून को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए'
एएनआई को एक साक्षात्कार में, सीएम योगी ने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानून के दायरे में है। यह संवैधानिक मूल्यों के दायरे में होना चाहिए। और उस दायरे के भीतर, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। आपके व्यक्तित्व की स्वतंत्रता का उपयोग किसी और पर हमला करने के लिए नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ने देश को विभाजित करने और विस्तार करने के लिए इस व्यक्ति की स्वतंत्रता पर विचार किया है।"
‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ : मानसून सत्र तक बढ़ा जेपीसी का कार्यकाल
26 Mar, 2025 11:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले दो विधेयकों पर विचार हेतु गठित संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट सौंपने के लिए कार्यकाल मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक के लिए बढ़ाया गया। इस संयुक्त समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पीपी चौधरी ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव लोकसभा में रखा, इस सदन ने ध्वनमति से मंजूरी दे दी गई।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति विचार कर रही है। समिति को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट देने को कहा गया था। इन विधेयकों को पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में नरेन्द्र मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था और समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस अवधारणा का जोरदार समर्थन किया था। इसके बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और मोदी सरकार ने लोकसभा में दो विधेयक पेश किए, जिनमें से एक संविधान संशोधन विधेयक भी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा सांसद एवं पूर्व कानून राज्य मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित की थी।
बता दें कि 1951 से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ होते थे। 1999 में विधि आयोग की रिपोर्ट में भी इसकी सिफारिश हुई थी। 2015 में संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट में एक साथ चुनाव कराने के तरीके बताए गए। मोदी सरकार का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से खर्च और समय दोनों ही बचेगा।
बंगाल में हिंदू और हिंदी बोलने वालों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे, शुभेंदु अधिकारी का दावा
26 Mar, 2025 08:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सोमवार को कहा कि टीएमसी मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने की आड़ में हिंदू और हिंदी भाषी मतदाताओं के नाम हटा रही है। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अधिकारी ने दावा किया कि 27 फरवरी के बाद से कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा, 'हिंदू मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। मैं निर्वाचन आयोग से कृष्णानगर के बीडीओ को बर्खास्त करने का आग्रह करता हूं।'
राजद को लगा बड़ा झटका! लालू यादव की इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचा कोई कांग्रेस नेता
26 Mar, 2025 12:06 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी खबर है की लालू प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के दिग्गज नदारद दिख रहे हैं. लालू प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आपको बता दें की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु इस इफ्तार में नहीं पहुंचे, जिससे सियासी गलियारों में राजद-कांग्रेस के रिश्तों में तनाव की अटकलें तेज हो गई हैं.
कांग्रेस नेताओं की गैरमौजूदगी पर राजद की चुप्पी
राजद के ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब फिलहाल नहीं आया है. वहीं जब इसके बारे में विधायक भाई वीरेंद्र से सवाल किया गया तो उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा कि आप यह सवाल अब्दुल बारी सिद्दीकी से पूछें. वहीं, जब अब्दुल बारी सिद्दीकी से सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे रमजान के अंतिम दिनों में कांग्रेस नेताओं की व्यस्तता बताकर टाल दिया. हालांकि, कांग्रेस की विधायक प्रतिमा दास इफ्तार में शामिल हुईं, लेकिन बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी से चर्चा तेज हो गई.
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी रहे नदारद
इस सियासी ड्रामे के बीच एक और बड़ा नाम विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी भी इफ्तार में नहीं पहुंचे. इससे सियासी गलियारों में और हलचल मच गई. हालांकि, वीआईपी पार्टी की ओर से सफाई दी गई कि मुजफ्फरपुर में पहले से इफ्तार पार्टी आयोजित थी, इसलिए मुकेश सहनी वहां मौजूद रहे.
चिराग पासवान की इफ्तार में भी दिखी खास रणनीति
इधर, चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी में भी मुस्लिम संगठनों की कम भागीदारी देखने को मिली, लेकिन बड़ी संख्या में आम लोग पहुंचे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं चिराग की इफ्तार में पहुंचे, लेकिन लालू यादव की इफ्तार में कांग्रेस के दिग्गजों की अनुपस्थिति की चर्चा सबसे ज्यादा होती रही.
क्या कांग्रेस बना रही नई रणनीति?
बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के बाद से कृष्णा अल्लावरु और अन्य कांग्रेस नेताओं ने लालू यादव से मुलाकात नहीं की है. यहां तक कि कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने भी पदभार संभालने के बाद लालू से मिलने की जरूरत नहीं समझी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस अपनी रणनीति बदल रही है? क्या यह राजद पर दबाव बनाने की कोशिश है, या फिर कांग्रेस खुद को अलग राह पर ले जाने की तैयारी कर रही है?
चुनाव को लेकर पटना निर्वाचन कार्यालय में अहम बैठक
25 Mar, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। इस साल बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। अक्टूबर-नवंबर में चुनाव की संभावना है। इससे पहले चुनाव आयोग तैयारियों में जुट गया है। चुनाव को लेकर पटना निर्वाचन कार्यालय में अहम बैठक होगी। बैठक मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास की अध्यक्षता में होगी, जिसमें जिलास्तरीय स्वीप नोडल अधिकारी भी शामिल होंगे। चुनाव में मतदाता सहभागिता बढ़ाने और जागरूकता अभियान तेज करने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
निर्वाचन विभाग चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रहा है। इस संबंध में अवर सचिव प्रमोद कुमार पहले ही सभी जिलों के डीएम को पत्र भेज चुके हैं। बैठक में उन बूथों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा, जहां मतदान प्रतिशत में अंतर देखा गया है। कम मतदान वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए वहां मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विभाग का प्रयास है कि वोटरों को ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए प्रेरित करें ताकि बिहार में वोटिंग प्रतिशत को राष्ट्रीय औसत तक लाया जा सके या उससे ऊपर बढ़ाया जा सके।
चुनाव आयोग के आंकड़े
2020 बिहार विधानसभा चुनाव- 57.34 फीसदी वोटिंग
2024 लोकसभा चुनाव- 56.28 फीसदी (मतदान में गिरावट)
2019 लोकसभा चुनाव (राष्ट्रीय औसत) – 67.40 अफीसदी
2024 लोकसभा चुनाव (राष्ट्रीय औसत) - 66.10 फीसदी
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और हास्य कलाकार कुणाल कामरा के बीच शुरू हुआ विवाद गहराता जा रहा
25 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और हास्य कलाकार कुणाल कामरा के बीच शुरू हुआ विवाद गहराता ही जा रहा है। इसको लेकर शिंदे ने कहा है कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है वहीं कुणाल कामरा ने अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार करते हुए फिर कई कटाक्ष किए हैं। इस बीच मुंबई पुलिस ने कामरा को उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण के सिलसिले में खार पुलिस के सामने पेश होने को कहा है।
पुलिस ने कहा है कि कामरा को नोटिस जारी किया है। उनके खिलाफ मामले की जांच शुरू हो गई है। बता दें कि इस पूरे प्रकरण में एकनाथ शिंदे के साथ जिस तरह महाराष्ट्र के सीएम समेत गठबंधन के तमाम नेता मजबूती से खड़े हैं उससे उनके राजनीतिक कद में इजाफा हुआ है। वहीं एकनाथ शिंदे की ओर से कुणाल कामरा की विवादित टिप्पणी पर पहली प्रतिक्रिया आइई है। बता दें कि उन्होंने उन पर किए गए कटाक्ष की तुलना ‘‘सुपारी लेकर किसी के खिलाफ बोलने’’ से की है। उन्होंने कहा है कि कटाक्ष करते समय मर्यादा बनाए रखनी चाहिए, अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।
बता दें सोमवार को शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में भाषण देते हुए कहा था कि उन्होंने अपने कॅरियर में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति के सिद्धांत का पालन किया है। शिंदे की यह टिप्पणी राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद आई है, जिसमें उन्हें इस महीने की शुरुआत में वारकरी समुदाय के प्रतिष्ठित पुरस्कार आद्य जगतगुरु श्री संत तुकाराम महाराज पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई दी गई थी। यह प्रस्ताव स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा शिवसेना नेता शिंदे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच आया है।
संत तुकाराम के नाम पर पुरस्कार प्राप्त करने के लिए उन्हें बधाई देने वाले प्रस्ताव पर अपने जवाब में शिंदे ने कहा कि यह पुरस्कार राज्य की जनता का है और वह इसे जनता को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने जो काम किया, उसकी वजह से बीजेपी, शिवसेना और राकांपा वाली महायुति को भारी जीत मिली। हम लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगे। हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है।
आपदा प्रबंधन संशोधन बिल से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह बोले- मैनुअल से मॉनिटरिंग एआई आधिरित होंगे अपग्रेड
25 Mar, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक 2024 से जुड़े सवालों के जवाब दिए. उन्होंने इस विधेयक के अहम बिंदुओं का जिक्र किया. उन्होंने यह भी बताया कि यह संशोधन क्यों जरूरी है. अपने जवाब में अमित शाह ने विपक्ष पर भी कटाक्ष किया और कहा कि अगले 15-20 साल तक किसी की बारी नहीं आने वाली है. अमित शाह ने कहा कि आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक के जरिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की जिम्मेदारियों को नए सिरे से परिभाषित किया गया है. चिंता है कि सत्ता का केंद्रीकरण होगा. लेकिन अगर आप इस पूरे विधेयक को पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि डीडीएमए के पास सबसे ज्यादा ताकत होगी. ऐसे में कहीं से भी केंद्र बढ़ाने की बात नहीं है. अमित शाह ने कहा, "आपदा प्रबंधन अधिनियम सबसे पहले 2005 में लागू किया गया था। इसके तहत एनडीएमए, एसडीएमए और डीडीएमए का गठन किया गया... अब चिंता जताई जा रही है कि सत्ता का केंद्रीकरण हो जाएगा। अगर आप पूरे विधेयक को ध्यान से पढ़ेंगे तो क्रियान्वयन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी जिला आपदा प्रबंधन की है, जो राज्य सरकार के अधीन है, इसलिए संघीय ढांचे को कहीं भी नुकसान पहुंचाने की संभावना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ सदस्यों ने सवाल उठाया कि संशोधन की क्या जरूरत है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगर समय रहते किसी इमारत की मरम्मत नहीं की जाती है तो वह गिर जाती है... उन्हें लगता है कि शायद वे आकर इसे बदल देंगे लेकिन अगले 15-20 साल तक किसी की बारी नहीं आएगी। जो भी करना है, हमें खुद ही करना है..."
आपदा प्रबंधन में संशोधन की क्या जरूरत है
नई तरह की आपदाएं आती रहती हैं, दुनिया की बेहतरीन प्रथाओं को शामिल करके बदलाव किए जा रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है। अगर उनकी मंशा हमारे सत्ता में आने पर बदलाव करने की है, तो बहुत देर हो चुकी है। 15-20 साल तक कोई नहीं आने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संशोधन के जरिए हम मैनुअल मॉनिटरिंग से एआई आधारित मॉनिटरिंग की ओर बढ़ने जा रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि इस संशोधन से पहले हमने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी सुझाव लिए हैं। हमने घरेलू और विदेशी एनजीओ से भी सुझाव लिए हैं। जिसके बाद हम यह संशोधन विधेयक लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि इस संशोधन के जरिए भारत के गांवों से राजधानी दिल्ली तक आने वाली किसी भी आपदा का बेहतर तरीके से प्रबंधन किया जा सकेगा।
राघव चड्ढा ने AI के क्षेत्र में भारत की धीमी प्रगति पर चिंता जताई, बोले- भारत प्रबल पर AI उत्पादक बनने में देरी
25 Mar, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सदन में भरोसा जताया कि भारत 'विश्व गुरु' बनेगा। शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी एआई के कार्यबल का हिस्सा है, फिर भी भारत इस क्षेत्र में वह प्रगति नहीं कर पा रहा है जो उसे करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्व गुरु वही होगा जिसके पास एआई की शक्ति होगी, इसलिए भारत को 'मेक इन इंडिया' के साथ-साथ 'मेक एआई इन इंडिया' के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। इस पर सभापति धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, 'विश्व गुरु तो भारत ही होगा।'
'कहां है भारत का जनरेटिव एआई मॉडल?'
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आज एआई क्रांति का युग है और अमेरिका के पास चैटजीपीटी, जेमिनी, एंथ्रोपिक ग्रोक जैसे मॉडल हैं, जबकि चीन ने डीपसीक जैसा सबसे सक्षम और सबसे कम लागत वाला एआई मॉडल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के पास अपने स्वदेशी मॉडल हैं लेकिन भारत कहां है, उसका अपना जनरेटिव एआई मॉडल कहां है? चड्ढा ने कहा कि वर्ष 2010 से 2022 तक दुनिया में पंजीकृत पेटेंट में से 60 प्रतिशत अमेरिका और 20 प्रतिशत चीन ने हासिल किए, जबकि भारत केवल 0.5 प्रतिशत ही हासिल कर पाया।
'एआई दक्षता में भारत तीसरे स्थान पर'
राघव चड्ढा ने राज्यसभा में कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने पिछले 4-5 वर्षों में एआई पर काफी शोध किया और इसमें निवेश और प्रयोग किए। उन्होंने कहा कि कुल एआई कार्यबल का 15 प्रतिशत भारतीय है। उन्होंने कहा, 'भारत में प्रतिभा है, मेहनती लोग हैं, दिमागी ताकत है, डिजिटल अर्थव्यवस्था है, हमारे पास 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, फिर भी यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर एआई के संदर्भ में दिखाई नहीं देता है। वह एआई उत्पादक बनने के बजाय एआई उपभोक्ता बन गया है।' आप सदस्य ने कहा कि 4.5 लाख भारतीयों में से लगभग 15 प्रतिशत भारत के बाहर एआई के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और एआई दक्षता में भारत तीसरे स्थान पर है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर केरल बीजेपी के नए अध्यक्ष होंगे
25 Mar, 2025 11:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तिरुवनंतपुरम। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर केरल बीजेपी के नए अध्यक्ष होंगे। राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। चंद्रशेखर के निर्विरोध अध्यक्ष बनने की संभावना जताई जा रही है। राजीव चंद्रशेखर के नाम का ऐलान आज हो सकता है। बीजेपी ने केरल में अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए प्रह्लाद जोशी को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है। चंद्रशेखर प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन की जगह लेंगे। केरल में अगले साल विधानसभा चुनावों को देखते हुए केरल बीजेपी चीफ की नियुक्ति को काफी अहम माना जा रहा है।
60 साल के राजीव चंद्रशेखर के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। वह पूर्व में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता व जल शक्ति विभागों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वह तीन बार कर्नाटक से राज्यसभा गए हैं। इसके साथ ही वह पूर्व में बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में काम कर चुके हैं। तिरुवनंतपुरम से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह कांग्रेस के शशि थरूर से हार गए थे। दिलचस्प बात यह है कि चंद्रशेखर का गुजरात से भी कनेक्शन है। गुजरात के अहमदाबाद में केरल मूल के परिवार में जन्मे चंद्रशेखर का त्रिशूर से पारिवारिक नाता है।
केरल में मई, 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में राजीव चंद्रशेखर के पास एक साल का समय है। उनके ऊपर राज्य में बीजेपी को मजबूत करने की जिम्मेदारी होगी। 2021 के चुनावों में बीजेपी को राज्य में 11.30 फीसदी वोट मिले थे लेकिन पार्टी खाता नहीं खोल पाई थी, हालांकि पार्टी ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में अपने वोट प्रतिशत में इजाफा किया था। पार्टी को राज्य में 38 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। पार्टी का वोट प्रतिशत 19.24 हो गया था। पार्टी ने एक सीट जीती थी। राजीव चंद्रशेखर के सामने विधानसभा में अच्छे प्रदर्शन करने का टारगेट होगा।
कपिल सिब्बल ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को सार्वजनिक तौर पर ‘एकजुट’ दिखना चाहिए, न कि बिखरा हुआ
25 Mar, 2025 10:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को सार्वजनिक तौर पर ‘एकजुट’ दिखना चाहिए, न कि बिखरा हुआ जैसा कि वह आम तौर पर दिखाई देता है। सिब्बल ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों को भविष्य के लिए एक सुसंगत नीति, वैचारिक ढांचे और कार्यक्रम पर काम करने की जरुरत है।
हाल में राज्य विधानसभा चुनावों में ‘इंडिया’ के सहयोगी दलों के बीच हुई तकरार पर सिब्बल ने कहा कि मेरा मानना है कि इस दौरान (इंडिया) एकजुट दिखना चाहिए, न कि बिखरा हुआ जैसा कि यह आम तौर पर दिखाई देता है। इंडिया’ में शामिल दलों को एक सुसंगत नीति, एक सुसंगत वैचारिक ढांचा और भविष्य के लिए एक सुसंगत कार्यक्रम की आवश्यकता है।
राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा कि मैं राज्य या राष्ट्रीय स्तर की बात नहीं कर रहा हूं। राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सोचने के तरीके में एकरूपता आनी चाहिए और जब तक वह तंत्र स्थापित नहीं हो जाता और जब तक गठबंधन के प्रवक्ता नहीं होने वाले, जो इसके विचारों को सामने रख सकें, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सकता है। सिब्बल ने हालांकि विपक्षी गठबंधन के भविष्य को लेकर भरोसा जताया।
बात दें कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गठन लोकसभा चुनाव से पहले किया था। मौजूदा बजट सत्र के दौरान पेश किए जा सकने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक और विपक्ष के पास मौजूद विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि यह देखना होगा कि एनडीए गठबंधन के सहयोगी इस मामले में क्या करते हैं क्योंकि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है।
सिब्बल ने कहा कि देखते हैं कि उनका रुख क्या है। बिहार में चुनाव होने वाले हैं। मुझे लगता है कि अगर वे विधेयक पेश करते हैं तो उन्हें इस बात की चिंता हो सकती है कि इसका बिहार में चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। इसलिए मुझे नहीं पता कि इसका क्या नतीजा होगा। इसलिए हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए। यदि विधेयक पारित हो जाता है तो निश्चित रूप से इसे चुनौती देने के इच्छुक लोगों के पास विकल्प मौजूद हैं।
विवादित परिसीमन मुद्दे पर सिब्बल ने कहा कि देश की राजनीति के लिए इसके बहुत गंभीर निहितार्थ हैं, इसीलिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बैठक बुलाई और कांग्रेस सहित कई दलों के नेताओं ने इसमें भाग लिया।
विपक्ष कर चुका है नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग, बेटे को सीएम बनाने का भी दिया सुझाव
25 Mar, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अजीब हरकतों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। 20 मार्च को पटना के एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान बजने के दौरान ही वह हंसी-ठिठोली करते नजर आए थे। वहीं प्रधान सचिव दीपक कुमार ने सीएम को हाथ देकर सावधान मुद्रा में रहने का इशारा किया तो नीतीश पत्रकारों को प्रणाम करने लगे। पूर्व सीएम रबड़ी देवी ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार का दिमाग खराब है, तो उन्हें गद्दी छोड़कर अपने बेटे को सीएम बना देना चाहिए।
बता दें नीतीश कुमार ने पाटलिपुत्र खेल परिसर में राष्ट्रगान को शुरू होने से पहले रुकवा दिया। नीतीश ने मंच से इशारों में कहा कि पहले स्टेडियम का चक्कर लगाकर आते हैं, फिर शुरू कीजिएगा। सीएम का संकेत मिलते ही मंत्री विजय चौधरी ने राष्ट्रगान बंद करवा दिया। फिर से राष्ट्रगान शुरू हुआ, लेकिन नीतीश अजीब हरकतें करते नजर आए। वहीं 15 मार्च 2025 को पटना में होली मिलन समारोह में नीतीश कुमार बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के पैर छूने के लिए झुके। हालांकि रविशंकर ने उन्हें रोक दिया। पास खड़े जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने भी सीएम नीतीश का हाथ पकड़ लिया। इसके बाद नीतीश ने रविशंकर को गले लगा लिया। नीतीश, रविशंकर से 4 साल बड़े हैं।
नीतीश कुमार ने 2 बार पीएम मोदी के पैर छूने की कोशिश भी कर चुके हैं। पहली बार 7 जून 2024 को, जब दिल्ली में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद एनडीए की बैठक हुई थी। दूसरी बार 13 नवंबर 2024 को जब पीएम मोदी दरभंगा एम्स के शिलान्यास कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान अपना भाषण खत्म कर सीएम नीतीश अपनी कुर्सी की ओर जा रहे थे। बीच में रुके और पीएम मोदी के पैर छू लिए।
30 जनवरी 2025 को पटना में भी राष्ट्रपति महात्मा गांधी की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। यहां सीएम नीतीश महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद ताली बजाने लगे थे। विधानसभा स्पीकर नंदकिशोर यादव ने उन्हें रोका था। 30 नवंबर 2024 को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन नीतीश कुमार सदन में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के ब्रेसलेट से खेलने लगे। सीएम का ये अंदाज देखकर मंत्री अशोक चौधरी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए थे।
15 अक्टूबर 2024 को गांधी मैदान में दशहरा पर रावण वध समारोह का आयोजन हुआ। इसमें नीतीश ने रावण पर चलाने के लिए दिए गए तीर-धनुष को फेंक दिया। 21 सितंबर 2024 को नीतीश कुमार मंत्री अशोक चौधरी के कंधे पर सिर रखकर उनसे लिपट गए थे। सीएम नीतीश ने कहा था- हम इनसे बहुत प्रेम करते हैं। नीतीश कुमार के इस तरह के व्यवहार को विपक्ष ने मानसिक बीमारी बताया और इस्तीफे की मांग की।
लालू यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था कि राष्ट्रगान का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। बिहारवासियों, अब भी कुछ बचा है? वहीं राबड़ी देवी ने विधानसभा में कहा था कि अगर सीएम नीतीश कुमार का दिमाग खराब है, तो उनको गद्दी छोड़नी चाहिए और अपने बेटे को सीएम बना देना चाहिए। बेटा नहीं बनता तो किसी दूसरे अपने को कुर्सी सौंप दें।
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार के लिए कल काला दिवस था। पीएम मोदी के लाडले सीएम ने राष्ट्रगान का अपमान किया है। लाडले सीएम पर पीएम मोदी क्या कहेंगे? भारत माता की जय करने वाले बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम गायब हैं। सीएम नीतीश कुमार को रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। राष्ट्रगान को अपमान करने वाले को तीन साल की सजा होती है। जनसुराज के प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। यह बात पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी जानते हैं, लेकिन वोट के लालच में कुछ नहीं कर रहे हैं। नवंबर 2023 में बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में कहा था कि नीतीश किसी गंभीर मानसिक बीमारी के शिकार हैं। ऐसे शख्स के भरोसे पूरा बिहार छोड़ा हुआ है।
संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना कहा- कार्रवाई समान रूप से हो
24 Mar, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर कसे तंज को लेकर कॉमेडियन कुणाल कामरा सुर्खियों में हैं। कामरा के खिलाफ मुंबई के मामला दर्ज किया गया है। कॉमेडियन के खिलाफ कार्रवाई पर शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है।
संजय राउत ने कुणाल कामरा को प्रमोट करने के सवाल पर कहा कि कौन कहता है कि मैंने उसे प्रमोट किया है। हालांकि, मैंने कल एक्स पर एक पोस्ट किया है। कुणाल कामरा को मैं पहले से जानता हूं। उसने हम पर भी टिप्पणी की है। कामरा ने अगर व्यक्तिगत तौर पर टिप्पणी नहीं की है, तो आपको स्वीकार करना चाहिए। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि उसका ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया। यह गुंडागर्दी है। संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में गुंडाराज चल रहा है। मुंबई पुलिस कमिश्नर का तबादला होना चाहिए।
राउत ने कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि नागपुर हिंसा में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई दंगाइयों से करेंगे। कुणाल कामरा का ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया है उसकी भरपाई कौन करेगा? महाराष्ट्र को बहुत ही कमजोर गृह मंत्री मिला है। वह गृह मंत्रालय नहीं चला पा रहे हैं। कहीं दंगे हो रहे हैं, गुंडागर्दी हो रही है, उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा है। मैं दिल्ली जाकर बात करूंगा। महाराष्ट्र में जो चल रहा है, उसके लिए आवाज उठानी होगी। कॉमेडी एक कला है, इस पर सेंसरशिप लाने के सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि यदि अपनी मर्यादा में कोई काम करता है, तो उसे कंट्रोल करने की क्या जरूरत है। कामरा के पॉडकास्ट मैंने देखे हैं। अगर आप किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं है।
नागपुर हिंसा के आरोपी फहीम खान के घर पर बुलडोजर कार्रवाई पर संजय राउत ने कहा कि दंगा दोनों तरफ से हुआ है। हिंसा की शुरुआत किसने की? वह तुम्हारे ही पार्टी के कार्यकर्ता थे। औरंगजेब की कब्र का मुद्दा किसने उठाया? वह तुम्हारे ही कैबिनेट में मंत्री हैं। क्या कोंकण में बुलडोजर चलाओगे? क्या पुणे में बुलडोजर भेजोगे? तुम्हारे नेताओं की बयानबाजी ने ही यह माहौल बनाया है। कार्रवाई समान रूप से होनी चाहिए।