राजनीति
नरेश म्हास्के ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को औरंगजेब का आधुनिक संस्करण बताया
28 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को औरंगजेब का आधुनिक संस्करण बताया। शिवसेना सांसद म्हास्के ने वीडियो बयान साझा किया, इसमें उन्होंने ठाकरे और मुगल बादशाह के बीच तुलना कर बताया कि कैसे ठाकरे ने उनके पिता स्व. बालासाहेब को चोट पहुंचाई और संपत्ति को लेकर अक्सर अपने भाई-बहनों से झगड़ते रहे। सांसद म्हस्के ने कहा कि वह नए दौर के आधुनिक औरंगजेब हैं। उद्धव ने अपने भाइयों को औरंगजेब की तरह ही कष्ट दिए हैं। राज ठाकरे ने खुद कहा है कि उद्धव ने बालासाहेब ठाकरे को उनके अंतिम दिनों में बहुत कष्ट दिए थे।
उद्धव पर निशाना साधकर शिवसेना नेता म्हास्के ने कहा कि उन्होंने अपने पिता की विचारधारा का पालन नहीं किया। इसलिए उद्धव ठाकरे एक आधुनिक औरंगजेब हैं। उन्होंने उन लोगों से हाथ मिलाया जो ठाकरे और हिंदुत्व विचारधारा के दुश्मन थे। उन्होंने दावा किया कि उद्धव ने संपत्ति के मामले में अपने परिवार को भी अदालत में घसीटा।
इससे पहले शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा किभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह मुसलमानों को जहर देना चाहती है या भोजन। ठाकरे ने मुस्लिम परिवारों के लिए ‘सौगात-ए-मोदी’ कार्यक्रम को लेकर भाजपा की आलोचना कर यह बात कही। उन्होंने इस मुहिम को आगामी बिहार चुनाव के मद्देनजर सौगात-ए-सत्ता करार दिया। इस टिप्पणी पर भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई।
राजसभा हंगामे के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया, गेस्ट हाउस कांड पर कसा तंज
28 Mar, 2025 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए विवादित बयान पर लगातार हंगामा जारी है। इस मुद्दे पर राज्यसभा में बहस देखने को मिली है। रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना ने हमला किया था। समाजवादी पार्टी ने इस घटना का विरोध किया है। वहीं, अब इस पूरे मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। मायावती ने अखिलेश को गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाई है, जब बसपा प्रमुख पर हमला हुआ था।
गेस्ट हाउस कांड को याद रखना चाहिए- मायावती
मायावती ने कहा- "आगरा की घटना के साथ ही सपा प्रमुख को अपनी सरकार के दौरान 2 जून 1995 को लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस कांड में मुझ पर हुए जानलेवा हमले को भी याद रखना चाहिए और उसका पश्चाताप भी करना चाहिए। इसलिए अब सपा को आगरा की घटना की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी बंद कर देनी चाहिए और आगरा की घटना की तरह यहां दलितों का उत्पीड़न नहीं करना चाहिए।"
दलितों को अपनी चालों से सावधान रहना चाहिए- मायावती
मायावती ने ट्वीट कर कहा- "सपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके जो गंदी राजनीति कर रही है, यानी उन्हें नुकसान पहुंचाने में लगी हुई है, वह ठीक नहीं है। दलितों को उनकी सभी चालों से सावधान रहना चाहिए। आगरा की घटना बेहद चिंताजनक है। साथ ही, सपा द्वारा अपने हित में किसी समुदाय का अपमान करना ठीक नहीं है, जिसके कारण अब उन्हें एक समुदाय में बुरी गंध और दूसरे में अच्छी गंध मिल रही है। इससे समाज में शांति और सद्भाव खराब होगा, जो ठीक नहीं है।"
सांसद रामजी लाल सुमन ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को मेवाड़ के शासक राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की थी। रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को 'देशद्रोही' कहा था। उन्होंने कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मुगल बादशाह बाबर को भारत आमंत्रित किया था। इस बयान के बाद से ही रामजी लाल सुमन का विरोध हो रहा है। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नेताओं और संगठनों ने रामजी लाल सुमन के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
प्रवेश वर्मा द्वारा विपक्ष की नेता आतिशी पर टिप्पणी करने के बाद भारी हंगामा
28 Mar, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा द्वारा विपक्ष की नेता आतिशी पर टिप्पणी करने के बाद भारी हंगामा होग गया। मंत्री वर्मा सरकार की तीर्थयात्रा और धार्मिक यात्राओं के लिए वित्तीय सहायता पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। लेकिन तभी उन्होंने आतिशी ने बीच में ही टोक दिया। जवाब में उन्होंने संभवतः उन्हें एक सामान्य शब्द भाई से संबोधित किया, इससे 13 मिनट तक व्यवधान रहा और भाजपा और आप के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस टिप्पणी ने जल्द ही तनाव बढ़ा दिया।
दिल्ली सरकार में मंत्री वर्मा ने खुद का बचाव कर सवाल किया कि मैंने क्या कहा? भाई कहना गलत कैसे हो सकता है? आप विधायकों के साथ लगातार बहस के बीच उन्होंने साफ किया, आतिशी जी मेरी बहन हैं, भाई नहीं। वर्मा के स्पष्टीकरण के बावजूद, विपक्षी आप सदस्य नाराज रहे और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने टिप्पणी का विरोध करने के लिए खड़े हो गए। जैसे ही मंत्री ने अपना भाषण फिर से शुरू करने की कोशिश की, आतिशी और अन्य आप विधायकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन जारी रखा। अन्य आप विधायकों ने भी वर्मा पर अभद्रता का आरोप लगाकर उनका साथ दिया।
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने हस्तक्षेप कर आप सदस्यों से आपत्तिजनक शब्द की पहचान करने को कहा और कहा कि भाई आपत्तिजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे यह मुद्दा समझ में नहीं आ रहा है। हंगामा जारी रहने पर स्पीकर गुप्ता ने आप के दो विधायकों विशेष रवि और कुलदीप कुमार को सदन से बाहर निकाल दिया। बाद में विधायक मुकेश अहलावत को भी निलंबित कर दिया गया।
रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी के मुद्दे पर राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ
28 Mar, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे पर हंगामा करना शुरू कर दिया। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राणा सांगा देशभक्ति के प्रतीक हैं और उनके बारे में की गई अभद्र टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती। सभापति ने यह भी कहा कि सुमन द्वारा की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है।
रिजिजू और मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सभापति ने राणा सांगा के बारे में देश की भावना को दर्शाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी सुमन द्वारा कही गई बातों का खंडन करना चाहिए। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राणा सांगा के बारे में सभापति धनखड़ ने जो कहा है, उससे वह पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि उनके आवास पर हमला करना और बुलडोजर चलाना ठीक नहीं है। खड़गे ने यह भी कहा कि सुमन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
राधामोहन दास अग्रवाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी के राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि सुमन ने अपनी टिप्पणी वापस नहीं ली है, बल्कि कहा है कि वह मरते दम तक अपने बयान पर कायम रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता ने सुमन के दलित होने का मुद्दा उठाकर राणा सांगा का भी अपमान किया है। उन्होंने कहा कि जब तक सुमन और कांग्रेस माफी नहीं मांग लेते, भाजपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सुमन की टिप्पणी निंदनीय है और देश के वीरों का अपमान है। उन्होंने आसन से आग्रह किया कि सदन में सुमन की टिप्पणी की निंदा की जाए, ताकि सही संदेश जाए। इसके बाद सभापति ने सुमन को बोलने का मौका दिया। सुमन ने बोलना शुरू भी नहीं किया था कि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया।
सदन की कार्यवाही स्थगित
हंगामा बढ़ता देख सभापति ने करीब 11:29 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मालूम हो कि 21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बहस में हिस्सा लेते हुए रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आगरा में सांसद सुमन के आवास पर तोड़फोड़ की थी। सुमन के आवास पर हमले के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा की निंदा की और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सपा राणा सांगा की बहादुरी पर सवाल नहीं उठा रही है। उन्होंने दावा किया कि हमला 'सुमन के दलित होने के कारण' हुआ।
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी बोले, 'यह वह भारत नहीं है जिसे कांग्रेस बनाना चाहती थी'
28 Mar, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पार्टी की जिला इकाई के प्रमुखों की बैठक में कहा कि मौजूदा समय में कठिन वैचारिक लड़ाई चल रही है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस ने ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ाई लड़ी थी, जिसकी तुलना में भाजपा और आरएसएस एक 'मजाक' हैं। उन्होंने जिला कांग्रेस प्रमुखों की तीन निर्धारित बैठकों में से पहली बैठक में इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस की नींव को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। अगली दो बैठकें 3 और 4 अप्रैल को होंगी।
बैठक में क्या बोले राहुल गांधी?
उन्होंने बैठक में कहा, "भारत के दो विजन हैं, भारत की दो अवधारणाएं हैं। एक तरफ आरएसएस की अवधारणा है- तानाशाही, पदानुक्रम, पिछड़ी जातियों का दमन, कमजोर वर्गों का दमन, महिलाओं का दमन, महिलाओं का अपमान और दूसरी तरफ कांग्रेस की विचारधारा है, जिसने हमें आजादी दिलाई, जो सभी के साथ समान व्यवहार करती है।" बैठक के बाद अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "उनके बिना, पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती, सफल नहीं हो सकती। हमारी लड़ाई सिर्फ आरएसएस-बीजेपी के खिलाफ नहीं है, यह एक ऐसे भारत के लिए है जहां हर नागरिक, हर समुदाय को सपने देखने और हासिल करने का अधिकार है। साथ मिलकर हम एक मजबूत कांग्रेस और एक निष्पक्ष भारत का निर्माण करेंगे।"
कांग्रेस वैचारिक लड़ाई लड़ रही है: राहुल गांधी
अपने व्हाट्सएप चैनल पर साझा की गई बैठक के एक वीडियो में, गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कांग्रेस एक वैचारिक लड़ाई लड़ रही है। गांधी ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा सभी जातियों, सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करती है और भारत को एक निष्पक्ष और सामंजस्यपूर्ण स्थान बनाने की आकांक्षा रखती है। "आप जानते हैं कि भाजपा कितना विभाजन पैदा कर रही है। आप देख सकते हैं कि दो या तीन व्यवसायी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रहे हैं। वे सब कुछ के मालिक हैं, वे मीडिया के मालिक हैं, वे दूरसंचार बुनियादी ढांचे के मालिक हैं। उन्हें जो चाहिए वो मिलता है, उन्हें जमीन मिलती है, अगर उन्हें बंदरगाह चाहिए तो उन्हें बंदरगाह मिलते हैं, अगर उन्हें रक्षा अनुबंध चाहिए तो उन्हें रक्षा अनुबंध मिलते हैं," उन्होंने दावा किया।
राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा
गांधी ने कहा कि यह वह भारत नहीं है जिसे कांग्रेस बनाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि पार्टी का इरादा एक ऐसा भारत बनाने का है, जहां हर कोई आगे बढ़ने की आकांक्षा रख सके और हर कोई सपने देख सके। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह एक लड़ाई है। यह एक कठिन लड़ाई है, लेकिन हमने पहले भी इससे भी कठिन लड़ाइयां लड़ी हैं। अगर आपको याद हो, तो हमने ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ाई लड़ी थी और आरएसएस और भाजपा ब्रिटिश साम्राज्य के सामने एक मजाक हैं।"
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी टिप्पणी के बाद भाजपा के निशाने पर
28 Mar, 2025 10:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी टिप्पणी के बाद भाजपा के निशाने पर आ गई हैं।
ब्रिटेन की यात्रा के दौरान सीएम ममता बनर्जी से पूछा गया था कि क्या भारत 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने इस भविष्यवाणी को खारिज कर दिया, जिसके बाद भाजपा ने उनकी कड़ी आलोचना की।
साक्षात्कारकर्ता ने सवाल किया था, “हम ब्रिटेन में छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जल्द ही वह तीसरे नंबर पर होगा। मेरा अनुमान है कि भारत 2060 तक पहली सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”
इस सवाल के जवाब में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं इससे असहमत हूं।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन पर भारत की आर्थिक वृद्धि को स्वीकार करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना असंतोष व्यक्त करते हुए लिखा, “ममता बनर्जी को शर्म आनी चाहिए!” उन्होंने कहा, “विश्व मानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर है! यहां तक कि विदेशी धरती पर भी छोटे इंडिया गठबंधन के नेता भारत के बारे में अच्छा नहीं बोल सकते।”
वरिष्ठ भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी ममता बनर्जी के बयान की निंदा करते हुए इसे अपमानजनक बताया।
अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारत के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से परेशानी है। यह वाकई शर्मनाक है। विदेशी धरती पर ऐसा व्यवहार कौन कर सकता है?”
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारत के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से परेशानी है… यह वाकई शर्मनाक है। यह उनके संवैधानिक पद के लिए अपमान है। विदेशी धरती पर कौन इस तरह का व्यवहार करता है?”
शक्ति यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘थका हुआ सीएम’ बताया
28 Mar, 2025 09:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता शक्ति यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘थका हुआ सीएम’ बताया। उनके मुताबिक प्रदेश पर ‘रिटायर्ड अधिकारी’ हावी हैं, जिससे बिहार ‘भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढे’ में फंस चुका है।
दरअसल, गुरुवार को पटना में भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारिणी दास और अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर पड़ी ईडी रेड को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला। आरोप लगाया कि बिहार भ्रष्टाचार के दलदल में डूब गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार भ्रष्टाचार के दलदल में डूब गया है और यहां “थके हुए मुख्यमंत्री” और “रिटायर्ड अधिकारी” शासन चला रहे हैं। यादव ने इसे सरकार के भ्रष्टाचार पर सीधा हमला करार दिया।
शक्ति यादव ने कहा, “तारिणी दास पर ईडी का छापा कोई साधारण बात नहीं है। यह सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलता है। सत्ता में बैठे लोग रिटायर्ड अधिकारियों को बार-बार बिना कैबिनेट की मंजूरी के पदों पर बिठा रहे हैं। तारिणी दास को पहले उत्तर बिहार का मुख्य अभियंता बनाया गया। फिर कैबिनेट से बाद में मंजूरी लेकर इनका सेवा विस्तार किया गया। इतना ही नहीं, इन्हें भवन निर्माण निगम का भी जिम्मा दे दिया गया। यह सिर्फ एक उदाहरण नहीं है। रिटायर्ड अधिकारियों को ही बड़े पदों पर बैठाया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री थके हुए हैं और राज्य में रिटायर्ड अधिकारी हावी हैं। बिहार भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढे में फंस चुका है। जहां देखो, वहां भ्रष्टाचार दिखता है। लोग इन्हें भ्रष्टाचारियों का अड्डा यूं ही नहीं कहते। तारिणी दास जैसे लोगों की पहुंच ऊपर तक है। मुख्यमंत्री के आसपास बैठे कई मंत्री और नेता इन्हें संरक्षण दे रहे हैं। ये सब मिलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।”
यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह छापेमारी सत्ता के भ्रष्ट नायकों को बेनकाब कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की सरकार में नियम-कानून को ताक पर रखकर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। जो अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, उन्हें फिर से बड़े पद देना और सेवा विस्तार करना, यह सब भ्रष्टाचार को बढ़ाने का खेल है। बिहार की जनता यह सब देख रही है।
बता दें कि 27 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास के फुलवारी शरीफ स्थित पूर्णेंदु नगर के आवास पर छापेमारी की थी।
कई गाड़ियों में सवार होकर जांच टीम पूर्णेंदु नगर में स्थित तारिणी दास के घर पर पहुंची थी और गेट बंद कर दिया था, ताकि न कोई अंदर से बाहर जा सके और न कोई बाहर से अंदर आ सके। जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई कथित भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई थी। ईडी की टीम ने उनके घर से महत्वपूर्ण दस्तावेज और संपत्ति से संबंधित कागजात जब्त कर लिए थे।
घुसपैठियों को शरण देने का काम सीपीआई (एम) ने बहुत तेजी से किया
28 Mar, 2025 08:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल सरकार पर भारत-बांग्लादेश सीमा पर फेंसिंग नहीं करने, अवैध घुसपैठ को बढ़ावा देने, अवैध ढंग से आधार कार्ड बनवाने के आरोप पर गुरुवार को भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो काम पहले सीपीआई (एम) करती थी, वही काम आज तृणमूल कांग्रेस कर रही है।
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “घुसपैठियों को शरण देने का काम सीपीआई (एम) ने बहुत तेजी से किया था, उन लोगों का आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवाया था। उस समय ममता बनर्जी ने वोटर लिस्ट को संसद में उछालकर स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के मुंह पर फेंका था और घुसपैठियों का नाम वोटर लिस्ट से निकालने के लिए कहा था। लेकिन जब से ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी हैं, उन्होंने एक बार भी घुसपैठियों का नाम तक नहीं लिया। पहले जो काम सीपीआई (एम) करते थे, वही काम अब तेजी से ममता बनर्जी कर रही हैं।”
उन्होंने कहा, “करीब 450 किलोमीटर सीमा पर कटीले तार के बाड़ हो सकते हैं, लेकिन ममता बनर्जी जानबूझकर इसे होने नहीं दे रही हैं ताकि अवैध बांग्लादेशी यहां से भारत में आ पाएं और फर्जी तरीके से उनका वोटर और आधार कार्ड बन जाए। जितने वोटर लिस्ट में अवैध नाम होंगे, उसका फायदा टीएमसी को होगा। जो सरकार अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या को अपना वोट बैंक मानती है, वह कभी घुसपैठ पर लगाम नहीं लगाएगी। इस बार 2026 बंगाल चुनाव में टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकना है। गृह मंत्री अमित शाह ने जो कहा, वह बिल्कुल सही है।”
महाकुंभ में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नहीं जाने और रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर भाजपा नेता ने कहा, “कुंभ में राहुल गांधी और उनके परिवार के नहीं जाने पर निंदा हो रही है। इसलिए रॉबर्ट वाड्रा को स्पष्टीकरण देना पड़ा। उनके जाने से कुंभ में भीड़ बढ़ जाती और इसलिए वह नहीं गए, यह बात नहीं है। गांधी परिवार कुंभ को लेकर राजनीति करता है, जिसकी हम निंदा करते हैं। महाकुंभ आस्था की बात है, जिसमें सभी लोगों ने डुबकी लगाई। राहुल गांधी मंदिर में इतना माथा टेकते हैं, कम से कम एक बार कुंभ में जाकर नहा लेते, तो उनके सारे पाप धुल जाते।”
पी चिदंबरम ने अमेरिका के साथ 'टैरिफ वार' पर जताई चिंता, निर्यात घटने और महंगाई बढ़ने और व्यापार युद्ध शुरू होने जैसी आशंका
27 Mar, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को राज्यसभा में चेतावनी दी कि अगर अमेरिका के साथ 'टैरिफ वॉर' छिड़ता है तो भारत का निर्यात गिर सकता है, महंगाई बढ़ सकती है और दुनिया में व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है। इसके साथ ही चिदंबरम ने सरकार से जानना चाहा कि इस स्थिति से बचने के लिए उसका क्या रुख है और उसने अभी तक अपने पत्ते क्यों नहीं खोले हैं? उच्च सदन में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए चिदंबरम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान का जिक्र किया कि वह 2 अप्रैल को 'टैरिफ वॉर' शुरू करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात से वाकिफ हैं और जब उन्होंने ट्रंप के सामने इसका विरोध किया तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे नजरअंदाज करते हुए कहा कि वह भारत में टैरिफ वॉर शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट में कुछ शुल्कों में कटौती की घोषणा की है, लेकिन ट्रंप निश्चित रूप से इससे संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अखबारों की खबरों से पता चला है कि कुछ और शुल्कों में कटौती पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने ट्रंप की खूब तारीफ की। उन्होंने सरकार से पूछा कि अगर 'चापलूसी और शुल्कों में कमी' के बावजूद 2 अप्रैल को भारतीय निर्यात पर जवाबी शुल्क लगाया जाता है तो उसका क्या रुख होगा? उन्होंने कहा कि शुल्क युद्ध विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और अन्य अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन होगा और यह विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देगा। चिदंबरम ने कहा कि इस शुल्क युद्ध से दुनिया में व्यापार युद्ध छिड़ जाएगा।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर शुल्क युद्ध और व्यापार युद्ध छिड़ता है तो इससे निर्यात कम होगा, मुद्रास्फीति बढ़ेगी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कम होगा और मुद्रा का अवमूल्यन होगा। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों का समर्थन करके व्यापार युद्ध को रोकने की कोशिश करे जो समझदारी से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने प्रमुख चुनौतियां बढ़ती बेरोजगारी, खाद्य वस्तुओं, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महंगाई, घटती खपत, आय में कोई वृद्धि न होना, मुद्रा का गिरता मूल्य, घरेलू वस्तुओं से संबंधित कर्ज में वृद्धि आदि हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि सरकार ने स्वास्थ्य शिक्षा, सामाजिक कल्याण, कृषि, ग्रामीण और शहरी विकास, मध्याह्न भोजन योजना, जल जीवन मिशन, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में चालू वर्ष में बजटीय व्यय में 'बेरहमी' से कटौती की है। उन्होंने कहा कि उनके आंकड़े गलत साबित नहीं हो सकते, क्योंकि वे बजट दस्तावेज में प्रकाशित हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा है कि उनका प्रयास रहा है कि हर साल राजकोषीय घाटे के मामले में सरकार द्वारा लिया जाने वाला कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में कम हो। उन्होंने कहा कि वह सरकार की इस मंशा की सराहना करते हैं।
उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे के मामले में स्थिति वहीं पहुंच गई है जहां से इसकी शुरुआत हुई थी और सरकार इसके लिए कोविड महामारी को जिम्मेदार ठहराती है। उन्होंने कहा कि हर सरकार को कुछ ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान आए एशियाई आर्थिक संकट समेत विभिन्न संकटों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे के मामले में वह सरकार को 'विफल' तो नहीं कहेंगे, लेकिन इसे 'लो पास' जरूर कहना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि जीडीपी के अनुपात में सरकारी कर्ज के बोझ में कमी का सरकार का दावा सही नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तक सकल कर राजस्व जीडीपी की तुलना में 12 प्रतिशत से अधिक नहीं होता, तब तक राजकोषीय नीति का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में सकल कर राजस्व जीडीपी की तुलना में 11.15 प्रतिशत से 11.64 प्रतिशत के बीच अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम में संशोधन, कर संग्रह बढ़ाने के उपायों समेत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों के बावजूद यह वहीं अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्व के बिना आपके पास कोई राजकोषीय नीति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि राजकोषीय नीति दस्तावेज में कोई राजकोषीय रणनीति नजर नहीं आती। चिदंबरम ने सरकार पर अपने 10 साल के शासन में संरक्षणवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
लोकसभा स्पीकर ने की सड़क परिवहन मंत्री की तारीफ करते हुए एक टिप्पणी, बोले- 'क्या कोई मार्ग बचा है क्या'
27 Mar, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार को विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) के एक सदस्य ने देशभर में सड़क और राजमार्ग बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तारीफ की तो वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सड़क परिवहन मंत्री की तारीफ करते हुए एक टिप्पणी की। सदन में प्रश्नकाल के दौरान महाराष्ट्र के परभणी से शिवसेना यूबीटी सदस्य संजय जाधव ने गडकरी की तारीफ करते हुए कहा, "वे महाराष्ट्र के ऐसे बेटे हैं जिन्होंने देशभर में सड़कों पर खूब काम किया है।" उन्होंने कहा कि यह एक अभिनव मॉडल है और इस पर सरकार का एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है।
गडकरी ने कहा कि पुणे से छत्रपति संभाजीनगर तक की यात्रा में अभी छह से सात घंटे लगते हैं, लेकिन इस मार्ग के बनने के बाद यह दो घंटे में पूरी हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री के जवाब के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा, "क्या कोई रास्ता बचा है?" जम्मू-कश्मीर की बारामुल्ला संसदीय सीट से सांसद अब्दुल रशीद शेख के पूरक प्रश्न के उत्तर में गडकरी ने कहा कि उत्तरी राज्य में 2 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है और 105 सुरंगें बनाई जा रही हैं। गडकरी ने कहा कि वहां एशिया की सबसे बड़ी जोजिला सुरंग भी बनाई गई है।
हम बुनियादी ढांचे में पिछड़े राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं: गडकरी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार ने उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो बुनियादी ढांचे में पिछड़ गए हैं। अकेले जम्मू-कश्मीर में 2 लाख करोड़ रुपये के काम चल रहे हैं। 105 सुरंगें बनाई जा रही हैं। एशिया की सबसे बड़ी जोजिला सुरंग, जो 12 हजार करोड़ रुपये में बननी थी, वह 5.5 हजार करोड़ रुपये में बन रही है। इसका 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। कश्मीर में बीआरओ को भी काफी काम दिया गया है। एनएचआईडीसीएल को कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एनएचआई की तर्ज पर बनाया गया है। जम्मू कश्मीर में 105 सुरंगों पर काम चल रहा है। अकेले जम्मू से श्रीनगर तक 36 सुरंगों पर काम चल रहा है। 22 बनकर तैयार हो चुकी हैं। जम्मू से श्रीनगर पहुंचने में पहले 9 घंटे लगते थे, जो अब साढ़े तीन घंटे में पूरे हो जाएंगे। कटरा से सीधे दिल्ली 6 घंटे में पहुंच सकेंगे।
पलटफोर्म X पर जानकारी साझा करते अमित शाह ने दी ख़ुशख़बरी! हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों ने त्यागा अलगाववाद
27 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से जम्मू-कश्मीर लगातार बदलाव की राह पर है। इसी कड़ी में आज कश्मीर से एक बड़ी खबर आई है। हुर्रियत से जुड़े दो समूहों ने अलगाववाद छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकलाल और जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकमत ने अलगाववाद छोड़ दिया है।
JKPM और JKDPM ने भी छोड़ा अलगाववाद
बता दें कि इससे पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो घटक दलों जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) और J&K डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (JKDPM) ने अलगाववाद से अपने सभी नाता तोड़ने का ऐलान किया था। इसका ऐलान भी गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। उन्होंने कहा था कि इससे भारत की एकता मजबूत होगी। बता दें कि JKPM का नेतृत्व शाहिद सलीम करते हैं, जबकि JKDPM का नेतृत्व वकील शफी रेशी करते हैं।
संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली
सलीम ने एक बयान में कहा कि उन्होंने खुद को और अपने संगठन को अलगाववादी विचारधारा से अलग कर लिया है और भारत और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली है। सलीम ने यहां एक बयान में कहा, "मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं और मैं और मेरा संगठन दोनों भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं।" सलीम और रेशी के फैसलों का स्वागत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह कदम भारत की एकता को मजबूत करेगा और मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को 'खत्म' कर दिया है।
अलगाववादी समूहों पर प्रतिबंध
ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों का एक समूह है। इसके अधिकांश घटकों पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। सलीम ने अपने संदेश में कहा कि उन्हें और उनके संगठन को 'ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस' की विचारधारा से कोई सहानुभूति नहीं है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं और शिकायतों को दूर करने में सक्षम नहीं है। सलीम ने कहा, "मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं। मेरा संगठन और मैं किसी ऐसे संगठन या एसोसिएशन से जुड़े नहीं हैं, जिसका एजेंडा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत और उसके हितों के खिलाफ हो। मेरा संगठन और मैं दोनों ही भारत के संविधान के प्रति वफादार हैं।"
तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला
27 Mar, 2025 01:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में तमिलनाडु की डीएमके सरकार को भाषा नीति और परिसीमन विवाद के मुद्दे पर घेरा। जिस पर तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला और कहा कि योगी आदित्यनाथ कॉमेडी कर रहे हैं। अब इस पर तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने तमिलनाडु सीएम स्टालिन पर पलटवार किया है। अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'थिरु एमके स्टालिन, आप हमारे संविधान के और संघीय ढांचे के रक्षक के रूप में एक ठग कलाकार हैं। आमतौर पर ठग अमीरों को लूटते हैं, लेकिन डीएमके इस मामले में कोई भेदभाव नहीं करती और वे अमीर और गरीब दोनों को लूटते हैं। अब पूरा देश जानता है कि तमिलनाडु के सीएम के परिवार के कई निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें तीन भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, लेकिन इसे सरकारी स्कूलों में सभी छात्रों के लिए लागू करने का विरोध किया जा रहा है। लोग आपको पाखंडी कह रहे हैं।'
अन्नामलाई ने कहा कि 'तमिलनाडु के सीएम को लगता है कि उनके पार्टी के लोगों द्वारा यहा-वहां किए गए नाटक पूरे तमिलनाडु की आवाज को दर्शाते हैं। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपको अभी तक अहसास नहीं हुआ है कि लोगों का ध्यान महत्वहीन मामलों पर भटकाने के आपके प्रयासों का पर्दाफाश हो चुका है। अपनी अज्ञानता की दुनिया में जीते रहिए। हम आपको परेशान नहीं करेंगे।'
संसद में बोलने की इजाजत न दिए जाने के राहुल गांधी के दावे के सियासी गलियारे में जुबानी जंग तेज
27 Mar, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने गुरुवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संसद में बोलने की कथित अनुमति न देने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की आलोचना की। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक समय करार दिया। एएनआई से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, 'राहुल गांधी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं। अगर ऐसे नेता को स्पीकर संसद के अंदर बोलने की अनुमति नहीं देते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक समय नहीं तो और क्या है। अगर आपको विपक्ष को चुप कराना है तो आप संसद क्यों चला रहे हैं?'
उन्होंने लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, 'विपक्ष लोकतंत्र की आवाज है। अगर आप उस आवाज को ही चुप करा देंगे, तो एक दिन आप संसद भी बंद कर सकते हैं।' यह बयान उस समय आया है, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उन्हें सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई।
क्या है मामला?
दरअसल, बीते दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सख्त हिदायत दी थी। उन्होंने कांग्रेस नेता से सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करने को कहा था। इस पर राहुल की ओर से कहा गया कि मैंने तो कुछ भी नहीं बोला, मैं तो चुपचाप बैठा था। विपक्ष को बोलने ही कहा दिया जाता है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
इतना कहकर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान सदन से बाहर आए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, 'एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है। यहां हम जो कहना चाहते हैं, हमें कहने नहीं दिया जाता है। मैंने कुछ नहीं किया, मैं बिल्कुल शांति से बैठा था। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष की जगह होती है, लेकिन यहां विपक्ष की कोई जगह नहीं है। यहां केवल सरकार की जगह है। उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले के बारे में बोला, जिसमें मैं अपनी बात जोड़ना चाहता था। मैं बेरोजगारी के बारे में कुछ कहना चाहता था लेकिन मुझे नहीं बोलने दिया गया...।'
लोकसभा अलोकतांत्रिक तरीके से चल रही: राहुल
विपक्ष के नेता ने दावा किया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है और सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने उनके बारे में टिप्पणी की और फिर उन्हें बोलने का मौका दिए बिना सदन को स्थगित कर दिया। पिछले सप्ताह उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी
27 Mar, 2025 11:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। संसद सत्र के दौरान काफी हंगामा देखने को मिला है। आज भी हंगामे के आसार हैं। बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को संसद में सही आचरण करने की नसीहत दी तो राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा। साथ ही जज के घर से नकदी मिलने का मामला भी खूब गरमाया हुआ है।
सड़कों पर नमाज वाली प्रथा किसने शुरू की?
भाजपा सांसद रवि किशन ने संभल SDM के बयान पर कहा, 'जनमानस को तकलीफ न देते हुए, अपने त्योहारों को मनाएं। जितने भी आलिम और मौलाना हैं, वे सभी कहते हैं कि नमाज़ मस्जिद में कबूल होती है। सड़को वाली प्रथा किसने शुरू की है?'
संसद की कार्यवाही शुरू
संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
'राहुल गांधी को जवाब देने का अधिकार'
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भाजपा की ओर से लगभग दोहराया जाने वाला कथन बन गया है, जब भी वे नहीं चाहते कि सदन चले, वे सबसे हास्यास्पद आरोप लगाते हैं। पिछली बार भी जब दोनों सदन स्थगित हो गए थे, तो किसी को नहीं पता था। वे (राहुल गांधी) विपक्ष के नेता हैं। उन्हें जवाब देने का अधिकार है।' लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं... अगर ऐसे नेता को स्पीकर संसद के अंदर बोलने की अनुमति नहीं देते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक समय है... फिर आप संसद क्यों चला रहे हैं, अगर आपको विपक्ष को चुप कराना है... विपक्ष लोकतंत्र की आवाज है... अगर आप उस आवाज को चुप कराएंगे तो एक दिन आप संसद को बंद कर देंगे।'
सैलरी बढ़ने पर जब सवाल उठने पर मोदी सरकार की तरफ से मामले में सफाई आई
26 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। सांसदों की सैलरी बढ़ने पर जब सवाल उठने पर मोदी सरकार की तरफ से मामले में सफाई आ गई है। मोदी सरकार ने कहा है कि वेतन वृद्धि महंगाई के कारण हुई है। यह 2018 की नीति के मुताबिक हुई है। इस नीति में सैलरी को महंगाई के साथ जोड़ने का नियम है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार का कहना है कि 2018 में बनाया गया नियम सही और पूरी तरह पारदर्शी है। इस नियम के कारण मनमाने तरीके से सैलरी नहीं बढ़ सकती और आर्थिक मामलों में सावधानी बरती होती है। दरअसल, वित्त अधिनियम 2018 में सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम 1954 में बदलाव किया। बदलाव के बाद सांसदों की सैलरी महंगाई के साथ जोड़ दी गई।
साल 2018 में हुई बदलावों के बाद इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत प्रकाशित कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (सीआईआई) का इस्तेमाल होता है। सूत्रों के मुताबिक इस बदलाव से पहले, वेतन वृद्धि अचानक होती थी। हर बार संसद से मंजूरी लेनी पड़ती थी। तब बदलाव के पीछे प्रक्रिया को गैर राजनीतिक बनाने और वेतन समायोजन के लिए तंत्र बनाने का तर्क दिया गया था। साल 2018 से पहले आखिरी बार सैलरी में बदलाव 2010 में हुआ था। तब संसद ने सांसदों का मासिक वेतन 16 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का बिल पास किया था। इस फैसले की लोगों ने बहुत आलोचना की थी। तब लोगों ने कहा था कि सांसद खुद को 3 गुना वेतन दे रहे हैं।
हालांकि, कुछ नेताओं ने सैलरी 5 गुना तक बढ़ाने की मांग की थी। इसमें मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव शामिल थे। मुलायम और लालू सहित कई नेताओं का कहना था कि महंगाई बहुत बढ़ गई है इसलिए वेतन भी बढ़ना चाहिए। अब सरकार का मानना है कि 2018 में जो नियम बनाया गया है, वह सबसे अच्छा है। इससे सैलरी में बढ़ोतरी अपने आप हो जाती है।