राजनीति
संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना कहा- कार्रवाई समान रूप से हो
24 Mar, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर कसे तंज को लेकर कॉमेडियन कुणाल कामरा सुर्खियों में हैं। कामरा के खिलाफ मुंबई के मामला दर्ज किया गया है। कॉमेडियन के खिलाफ कार्रवाई पर शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है।
संजय राउत ने कुणाल कामरा को प्रमोट करने के सवाल पर कहा कि कौन कहता है कि मैंने उसे प्रमोट किया है। हालांकि, मैंने कल एक्स पर एक पोस्ट किया है। कुणाल कामरा को मैं पहले से जानता हूं। उसने हम पर भी टिप्पणी की है। कामरा ने अगर व्यक्तिगत तौर पर टिप्पणी नहीं की है, तो आपको स्वीकार करना चाहिए। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि उसका ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया। यह गुंडागर्दी है। संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में गुंडाराज चल रहा है। मुंबई पुलिस कमिश्नर का तबादला होना चाहिए।
राउत ने कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि नागपुर हिंसा में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई दंगाइयों से करेंगे। कुणाल कामरा का ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया है उसकी भरपाई कौन करेगा? महाराष्ट्र को बहुत ही कमजोर गृह मंत्री मिला है। वह गृह मंत्रालय नहीं चला पा रहे हैं। कहीं दंगे हो रहे हैं, गुंडागर्दी हो रही है, उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा है। मैं दिल्ली जाकर बात करूंगा। महाराष्ट्र में जो चल रहा है, उसके लिए आवाज उठानी होगी। कॉमेडी एक कला है, इस पर सेंसरशिप लाने के सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि यदि अपनी मर्यादा में कोई काम करता है, तो उसे कंट्रोल करने की क्या जरूरत है। कामरा के पॉडकास्ट मैंने देखे हैं। अगर आप किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं है।
नागपुर हिंसा के आरोपी फहीम खान के घर पर बुलडोजर कार्रवाई पर संजय राउत ने कहा कि दंगा दोनों तरफ से हुआ है। हिंसा की शुरुआत किसने की? वह तुम्हारे ही पार्टी के कार्यकर्ता थे। औरंगजेब की कब्र का मुद्दा किसने उठाया? वह तुम्हारे ही कैबिनेट में मंत्री हैं। क्या कोंकण में बुलडोजर चलाओगे? क्या पुणे में बुलडोजर भेजोगे? तुम्हारे नेताओं की बयानबाजी ने ही यह माहौल बनाया है। कार्रवाई समान रूप से होनी चाहिए।
नड्डा ने कहा- धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता
24 Mar, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को कर्नाटक आरक्षण मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। दरअसल, कर्नाटक में सरकारी टेंडरों में अल्पसंख्यक ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इसे लेकर बीजेपी का कहना है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने आरक्षण की धज्जियां उड़ा दी हैं। राज्यसभा में बीजेपी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सफाई मांगी गई। उधर हंगामा बढ़ने पर राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
हंगामे के बीच खड़गे ने कहा कि कोई भी बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को नहीं बदल सकता। हम हर हाल में संविधान की रक्षा करेंगे। हालांकि, कर्नाटक में मुस्लिमों को आरक्षण देने पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने खड़गे से कांग्रेस का रुख साफ करने को कहा। नड्डा ने कहा कि कर्नाटक के डेप्युटी सीएम बोल रहे हैं कि इसके लिए जरूरत पड़ी तो संविधान में बदलाव करेंगे। नड्डा ने कहा कि संविधान में ये लिखा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन कर्नाटक सरकार ने ऐसा बिल पास किया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारे नोटिस में ये अहम मामला आया है कि कांग्रेस के एक सीनियर लीडर ने बयान दिया है कि वह संविधान में संशोधन करेंगे जिससे कि मुस्लिम समुदाय को आरक्षण दिया जा सके। ये बयान संविधान पर हमला है। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे इस बात को स्पष्ट करें। इस मामले पर संसद में आगे भी हंगामे के आसार हैं।
संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा- फैसला पार्टी पर निर्भर
24 Mar, 2025 02:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने साफ कर दिया है कि बीजपेी के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर उसका बीजेपी के साथ कोई मतभेद नहीं है। संघ ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से बीजेपी पर निर्भर है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया कि बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव जल्द होगा, जिससे इस मामले को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग जाएगा।
शनिवार को बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान एक संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने बीजेपी अध्यक्ष के लंबित चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि संघ के सदस्य 32 संबद्ध संगठनों में काम करते हैं। हर संगठन स्वतंत्र है और उसकी अपनी फैसले लेने की प्रक्रिया है। उनकी अपनी सदस्यता संरचना और स्थापित प्रक्रियाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए समन्वय समिति की बैठक नहीं होगी। बीजेपी और आरएसएस में कोई अंतर नहीं है। हम समाज और देश के लिए मिलकर काम करते हैं। आज भी हम उसी विश्वास और समझ के साथ काम कर रहे हैं। पार्टी की प्रक्रिया चल रही है, सदस्यता पूरी हो चुकी है और कई स्तरों पर समितियों का गठन हो चुका है. आने वाले दिनों में बीजेपी अध्यक्ष का चुन लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पार्टी के ढांचे के अंदर ही पूरी होगी। बस कुछ दिन इंतजार कीजिए, सब कुछ साफ हो जाएगा। वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जो केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री भी हैं अपने कार्यकाल को विस्तार देते हुए इस पद पर बने हुए हैं। चर्चा यह भी है कि बीजेपी और आरएसएस किसी उपयुक्त उम्मीदवार पर सहमत नहीं हो पाए हैं, जिससे दोनों संगठनों के बीच टकराव की अटकलें लगाई जा रही हैं।
अरुण कुमार ने आगे कहा कि हमारे राष्ट्रीय जीवन की एक अलग पहचान है और सभी को इसकी रक्षा करनी चाहिए। इस देश में कई भाषाएं हैं, लेकिन भावनाएं एक ही हैं। सभी भाषाओं का सार एक है। महान व्यक्तित्व कभी भी अपने राज्य तक सीमित नहीं रहे, वे पूरे राष्ट्र से जुड़ाव की भावना रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई धर्म, अलग-अलग खान-पान और अलग-अलग संस्कृतियां हैं, फिर भी मूल्य एक जैसे हैं। हमारी संस्कृति एक है। हमारा विश्वास ‘एक लोग, एक राष्ट्र’ में है। ऐतिहासिक रूप से जबकि देश के भीतर अलग-अलग राज्य थे, लोग हमेशा स्वतंत्र रूप से घूमते रहे हैं, जहां भी वे चाहते थे, बस गए। यह हमारी विशिष्टता है। भाषा या संस्कृति को लेकर कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें ब्रिटिश शासन द्वारा छोड़ी गई कमियों को दूर करना होगा। आखिरकार जैसा कि संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है, ‘हम, भारत के लोग’ ‘हम’ शब्द परिभाषित करने वाला तत्व है। धर्म, भाषा और अन्य पहलुओं में मतभेद यहीं खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान एक है। संघ का मानना है कि हम भारत के लोगों को सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। हमने इसे स्वीकार किया है और जबकि कोई भी व्यवस्था परिपूर्ण नहीं है, हमने राज्यों और राष्ट्र के साथ एक संरचना बनाई है। मूल विचार हमेशा देश के बारे में सोचना होना चाहिए।
अरुण कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जो देशभक्ति, एकता, निस्वार्थता, अनुशासन और राष्ट्र प्रथम की मानसिकता को बढ़ावा दे। अगर समाज मजबूत और संगठित है, तो चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सकेगा। लोगों की गुणवत्ता देश की नियति तय करती है। कुछ महान व्यक्तियों के कारण कोई राष्ट्र महान नहीं बनता, बल्कि महान नागरिक ही राष्ट्र को महान बनाते हैं। यही हमारा काम है। हम जिस समाज की कल्पना करते हैं, वह संघ को आकार देने के हमारे तरीके में झलकता है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह भावना बढ़ेगी, परिवर्तन भी होगा। शताब्दी समारोह के दौरान यह प्रक्रिया और तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज की ताकत सर्वोपरि है। जब हम कहते हैं कि आरएसएस पूरे देश में फैल रहा है, तो इसका मतलब सिर्फ संख्यात्मक वृद्धि नहीं है। इसका मतलब है समाज की ताकत का जागरूक होना। आरएसएस का अंतिम लक्ष्य समाज को बदलना है। संघ केवल एक संगठन नहीं है, यह सामाजिक परिवर्तन के लिए एक विशाल जन आंदोलन है। हम लगातार प्रयास करते रहते हैं और उन पहलों का लगातार मूल्यांकन किया जाता है।
कुणाल कामरा की टिप्पणी से मचा सियासी बवाल! शिवसैनिक भड़के, यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने किया कामरा का सपोर्ट
24 Mar, 2025 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी करना स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को महंगा पड़ गया है। शिंदे पर की गई टिप्पणी के बाद हंगामा मच गया। गुस्साए शिवसेना समर्थकों ने 'द यूनिकॉन्टिनेंटल मुंबई' के दफ्तर में तोड़फोड़ की। शिवसेना समर्थकों ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की।
कुणाल कामरा को मिली धमकियां
पार्टी नेताओं ने कॉमेडियन को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने चेतावनी दी कि उन्हें सांप की पूंछ पर पैर नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा किराए के कॉमेडियन हैं और वे चंद पैसों के लिए हमारे नेता पर टिप्पणी कर रहे हैं। महाराष्ट्र तो छोड़िए, कुणाल कामरा पूरे भारत में कहीं भी खुलेआम नहीं घूम सकते, शिवसैनिक उन्हें उनकी जगह दिखा देंगे।
कुणाल कामरा को करारा जवाब मिलेगा
उन्होंने आगे कहा कि हमें संजय राउत और शिवसेना (यूबीटी) पर तरस आता है कि उनके पास हमारे नेता पर टिप्पणी करने के लिए कोई पार्टी कार्यकर्ता या नेता नहीं बचा है, इसलिए वे इस काम के लिए उनके (कुणाल कामरा) जैसे लोगों को काम पर रख रहे हैं। हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का पालन करते हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कुणाल कामरा न तो महाराष्ट्र में और न ही देश में कहीं भी स्वतंत्र रूप से घूम सकें। कुणाल कामरा को करारा जवाब मिलेगा और वह आकर अपनी गलती के लिए माफी मांगेंगे।
1 बजे उसकी पिटाई करेंगे- संजय निरुपम
वहीं, शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कामरा को धमकी दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वह सुबह 11 बजे कुणाल कामरा की 'पिटाई' करेंगे।
स्टैंड-अप कॉमेडी शो के लिए पसंदीदा जगह मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो ने बंद करने का फैसला किया है। अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में, द हैबिटेट ने कहा कि जब तक हम खुद को और अपनी संपत्ति को खतरे में डाले बिना स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं खोज लेते, तब तक बंद करने का फैसला किया है।
मिलिंद देवड़ा ने प्रतिक्रिया दी
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का मजाक उड़ाया गया। एक ऐसा नेता जो ऑटो चालक से लेकर भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य का सीएम अपने दम पर बना। उस पर की गई टिप्पणियों में अहंकार झलकता है।
आदित्य ठाकरे ने कुणाल कामरा का समर्थन किया
शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कुणाल कामरा की टिप्पणियों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कामरा द्वारा गाया गया गाना बिल्कुल सच था। उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा कि शिंदे के कायर गिरोह ने कॉमेडी शो का मंच तोड़ दिया, जहां कॉमेडियन कुणाल कामरा ने एकनाथ पर गाना गाया, जो 100 प्रतिशत सच था। केवल एक असुरक्षित कायर ही किसी के गाने पर प्रतिक्रिया देगा।
शिवसेना के 20 समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ हैबिटेट स्टैंडअप कॉमेडी सेट पर तोड़फोड़ करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। बीएनएस और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
पूर्णिया सांसद ने नीतीश को खलनायक बताने पर आरजेडी पर हमला बोला
24 Mar, 2025 11:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को राजद द्वारा खलनायक बताए जाने पर आरजेडी और कांग्रेस के बीच का मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार के साथ दो-दो बार सरकार में थे और अभी गठबंधन टूटे हुए एक साल भी नहीं हुआ है। उस दौरान सदन में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया गया था, तब इन लोगों ने चुप्पी साध ली थी। तब पीएम मोदी ने भी आपत्ति जताई थी।
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने कहा कि आरजेडी का यह कृत शर्मनाक है। राजनीति में मर्यादा बरकरार रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने जिससे सदन में राजनीति सीखी उसके खिलाफ ऐसे पोस्टर नहीं लगाने चाहिए। पप्पू यादव ने लालू प्रसाद यादव की बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि वह भी कई मुद्दों पर बहक जाते हैं इसका मतलब उन्हें लेकर भी राजनीति की जाए?
सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मुद्दों की राजनीति होनी चाहिए न कि इस तरह की शर्मनाक राजनीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, विशेष पैकेज नहीं दिया गया, पलायन नहीं रुका इन सब मुद्दों को क्यों नहीं उठाया जा रहा है। बता दें शनिवार को पटना आरजेडी कार्यालय के बाहर सीएम नीतीश कुमार का पोस्टर लगाया गया था जिसमें लिखा था में हूं खलनायक जिसको लेकर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने आरजेडी पर हमला बालो है।
वही जब पप्पू यादव से पूछा गया कि क्या तेजस्वी यादव को इंडी गठबंधन में सीएम उम्मीदवार के रूप आप पसंद करेंगे तो इस पर उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि उन्हें (पप्पू) को भी सीएम बनने का शौक है, लेकिन कांग्रेस को दरकिनार करके कोई सीएम नहीं बन सकता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे तीन महीने के अंदर भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे, किसी भी कीमत पर दंगा नहीं होने देंगे और प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक नहीं होने देंगे। उन्होंने लालू यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि खुद को किंग मेकर कहने वाले लोग जब यह कहते है कि हमने देवगौड़ा और गुजराल को पीएम बनाया तो उस वक्त 65 फीसदी आरक्षण क्यों नहीं लिया, निजी क्षेत्र में आरक्षण क्यों नहीं लागू करवा पाए।
एकनाथ शिंदे पर तंज कसे जाने से शिवसैनिक हुए नाराज
24 Mar, 2025 10:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के एक शो को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. रविवार को खार इलाके में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने एक होटल में जमकर हंगामा किया. यह वही जगह थी जहां कामरा का शो शूट किया गया था. विवाद की जड़ बना कामरा का वीडियो, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसा था. वीडियो में “गद्दार” शब्द का इस्तेमाल किया गया, जिससे शिवसैनिक भड़क गए.
होटल में शिवसैनिकों का कोहराम
कामरा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद शिवसेना कार्यकर्ता होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में पहुंचे और तोड़फोड़ मचाई. उन्होंने मांग की कि कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जैसे ही यह वीडियो सामने आया, पार्टी कार्यकर्ताओं ने होटल के ऑडिटोरियम में जाकर हंगामा किया.
“भारत से भागना पड़ेगा!”
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने सीधे तौर पर कुणाल कामरा को धमकी दी. उन्होंने कहा, “शिवसेना कार्यकर्ता पूरे देश में तुम्हारा पीछा करेंगे. तुम्हें भारत से भागना पड़ेगा.” म्हस्के ने यह भी आरोप लगाया कि कामरा, उद्धव ठाकरे से पैसे लेकर एकनाथ शिंदे को निशाना बना रहे हैं. उनका कहना था कि शिंदे की आलोचना करने के गंभीर नतीजे होंगे.
राउत ने कहा – “कुणाल का कमाल”
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने इस मामले में कामरा का समर्थन किया. उन्होंने ‘एक्स’ (Twitter) पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा – “कुणाल का कमाल.” राउत ने कहा, “कामरा एक प्रसिद्ध स्टैंड-अप कॉमेडियन हैं. उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति पर एक पैरोडी बनाई, जिससे शिंदे गुट नाराज हो गया और स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी.”
परिसीमन मामले में दक्षिण राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में बोले स्टालिन- हमारी पहचान खतरे में
23 Mar, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई, लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर शनिवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई में चेन्नई में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों सहित 14 नेता शामिल हुए। बैठक में परिसीमन के संभावित प्रभावों पर चिंता जताई गई और केंद्र सरकार से दक्षिणी राज्यों के प्रतिनिधित्व को बनाए रखने की मांग की गई।
इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधियों से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, कि परिसीमन के मुद्दे पर हमें एकजुट रहना होगा, वरना हमारी पहचान खतरे में पड़ जाएगी। संसद में हमारे प्रतिनिधित्व में कटौती नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि एक संयुक्त कार्रवाई समिति बनाई जाए, जो इस मुद्दे पर लोगों में जागरूकता फैलाए और केंद्र तक अपनी बात पहुंचाए। स्टालिन ने कहा कि हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि एक्सपर्ट्स पैनल गठित कर कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाए, ताकि इस राजनीतिक लड़ाई को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
केरल सीएम पिनाराई बोले- यह मुद्दा तलवार की तरह लटक रहा
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने चिंता जाहिर की और कहा, कि परिसीमन का मुद्दा दक्षिणी राज्यों के लिए तलवार की तरह लटक रहा है। भाजपा सरकार इस पर बिना किसी परामर्श के आगे बढ़ रही है। उत्तर भारत में भाजपा का प्रभाव अधिक है, इसलिए वहां सीटें बढ़ाने और दक्षिण में घटाने की योजना बनाई जा रही है, जो असमानता को बढ़ावा देगा।
बैठक में शामिल हुए कई बड़े नेता
इस अहम बैठक में दक्षिण और अन्य राज्यों के बड़े राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया, जिनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ ही केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन समेत तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास और बीजू जनता दल के नेता संजय कुमार दास बर्मा प्रमुख रहे।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की कि किसी भी राज्य के लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व में कटौती न की जाए। उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिए कि सदन की कुल सीटों की संख्या प्रभावित न हो।
तमिलनाडु भाजपा का विरोध, काले झंडे दिखाए गए
परिसीमन बैठक का तमिलनाडु भाजपा ने विरोध किया। पार्टी अध्यक्ष के. अन्नामलाई और अन्य भाजपा नेताओं ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को काले झंडे दिखाए। अन्नामलाई ने स्टालिन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, डीएमके सरकार पिछले 4 वर्षों से तमिलनाडु के हितों की अनदेखी कर रही है। यह पूरी बैठक केवल एक कृत्रिम मुद्दे को खड़ा करने के लिए थी।
इस बैठक के बाद विपक्षी दलों की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी हैं। संयुक्त कार्रवाई समिति की घोषणा और कानूनी पहल इस मुद्दे को कितना आगे ले जाएगी, यह देखने वाली बात होगी।
परिसीमन के जरिए बीजेपी सरकार दक्षिण में कम करना चाहती है सीटें: मोइली
23 Mar, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हुबली। कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि पार्टी में सत्ता के बंटवारे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। यह तय है कि सरकार ऐसी चर्चाओं से असुरक्षित है। विपक्षी दल इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
कांग्रेस नेता मोइली ने कहा कि एक बहुत मजबूत भावना है कि अगले परिसीमन के जरिए बीजेपी सरकार की मंशा दक्षिण में सीटें कम करने की है।
हालांकि, बीजेपी कहती है कि हम इसे कम नहीं करेंगे, लेकिन साथ ही वे यह आश्वासन भी नहीं देते कि वे उत्तर भारत में इसे नहीं बढ़ाएंगे। इसलिए अगर वे उत्तर भारत में इसे बढ़ाते हैं, तो इसका मतलब है कि दक्षिण में चुनाव है। वे सिर्फ दक्षिण भारत के लोगों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जिस पर दक्षिण को ध्यान देना होगा। दक्षिण भारत ने हमेशा वित्तीय अनुशासन, जनसंख्या नियंत्रण में अनुशासन बनाए रखा है और मुझे लगता है कि यह यहां के लिए अभिशाप नहीं हो सकता बल्कि यह देश के लिए वरदान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह परिसीमन के मामले में दक्षिण के लिए अभिशाप नहीं बनना चाहिए। परिसीमन सिर्फ जनसंख्या के आधार पर नहीं किया जा सकता।
मोइली ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी देश को विघटित करना चाहती है। देश को एकीकृत करने के लिए किसी भी राज्य को लोकसभा सीट या विधानसभा सीट के आवंटन के मामले में निराशा महसूस नहीं करनी चाहिए। साथ ही, जिस तरह से आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार कुछ दुस्साहस कर रही है, इससे देश बंट सकता है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बोले-मुस्लिमों को आंख दिखाने वाले को बख्शेंगे नहीं
23 Mar, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र में लगातार नेताओं की बयानबाजी जारी है। इस बीच डिप्टी सीएम अजित पवार ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। अजित पवार ने कहा कि जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भडक़ाकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा।
पवार ने ये बयान पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिमखाना में शुक्रवार को दी गई इफ्तार पार्टी के दौरान दिया। पवार ने ये भी कहा- रमजान सिर्फ एक धर्म तक सीमित नहीं है। यह हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है। भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और शाहू जी महाराज ने जातियों को एकसाथ लाकर समाज के उत्थान का मार्ग दिखाया। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है। उधर, मीडिया रिपोट्र्स में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
2 थाना क्षेत्रों से कफ्र्यू हटाया गया
पुलिस ने 2 थाना क्षेत्रों से कफ्र्यू हटा लिया है। रिपोट्र्स के मुताबिक, नंदनवन और कपिलनागर पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी (इंटरनेट सर्विस बंद) खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, अन्य थाना क्षेत्रों में दोपहर 2 से 4 बजे तक कफ्र्यू में राहत दी गई है। 9 थाना क्षेत्रों में हिंसा के छठे दिन यानी शनिवार को भी कफ्र्यू बरकरार रखा गया है। कफ्र्यू हटाने का फैसला हाई लेवल रिव्यू मीटिंग के बाद लिया जाएगा।
नागपुर हिंसा में घायल एक शख्स की मौत, फडणवीस बोले-नुकसान की भरपाई दंगाइयों से होगी, जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाएंगे
23 Mar, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रदर्शन के बाद 17 मार्च को नागपुर में हिंसा हुई थी। घटना के पांचवें दिन शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा किहिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति बेचकर वसूली जाएगी। जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीडि़तों को जल्द ही नुकसान की भरपाई की जाएगी। जिन्होंने पुलिस पर हमला किया, उनके खिलाफ कठोर से कठोर धाराएं लगाई जाएंगी। उन्होंने विपक्ष के आरोप पर कहा कि हिंसा इंटेलिजेंस फेल्योर या राजनीतिक साजिश नहीं थी। लेडी कॉन्स्टेबल के साथ छेड़छाड़ की खबर सच नहीं है। उन पर पत्थर जरूर फेंके गए थे।
फडणवीस ने बताया कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि हिंसा में कोई विदेशी या बांग्लादेशी एंगल था। हालांकि इसकी जांच की जा रही है। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल नागपुर दौरे पर आया था, उसमें एक सदस्य अकोला हिंसा में आरोपी है। उन्होंने बताया कि हिंसा के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नागपुर दौरा प्रभावित नहीं होगा।
हिंसा के पांचवें दिन एक शख्स की मौत
नागपुर हिंसा में घायल 40 साल के इरफान अंसारी की शनिवार दोपहर 1:20 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। वह 17 मार्च से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। वेल्डर अंसारी सोमवार रात करीब 11 बजे नागपुर रेलवे स्टेशन से इटारसी के लिए ट्रेन पकडऩे के लिए घर से निकला था। हिंसा से प्रभावित इलाकों में से एक नागपुर रेलवे स्टेशन भी है।
एक और गिरफ्तारी, जांच क्राइम ब्रांच को
इस बीच नागपुर हिंसा के मामले में शुक्रवार देर रात हामिद इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया। हामिद माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष है। रिपोट्र्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
परिसीमन के लिए केवल जनसंख्या ही मानदंड क्यों होनी चाहिए? परिसीमन पर बैठक के बाद बोले केटी रामा राव
22 Mar, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
परिसीमन के मुद्दे पर आज चेन्नई में मुख्यमंत्रियों और सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक को संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) नाम दिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने की। वहीं, तेलंगाना के मुख्य विपक्षी दल बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव भी इस बैठक में शामिल हुए। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केटी रामा राव (केटीआर) ने कहा, 'हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि केंद्र सरकार को राज्य के अंदर विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि जहां भी जनसंख्या में वृद्धि हो, वहां प्रतिनिधित्व, बेहतर प्रशासन और विकेंद्रीकरण की चुनौतियों से निपटा जा सके... क्योंकि सांसदों की संख्या से छेड़छाड़ से संघीय संतुलन बिगड़ जाएगा।'
'परिसीमन के लिए जनसंख्या ही मानदंड क्यों हो?'
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक केटीआर ने आगे कहा, 'अगर आप सांसदों की सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए दृढ़ हैं, तो या तो राष्ट्रीय औसत वृद्धि दर लें या हर राज्य के लिए समान अनुपात बनाए रखें... परिसीमन के लिए केवल जनसंख्या ही मानदंड क्यों हो? राजकोषीय योगदान, विकास या प्रगति क्यों नहीं?... हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व को पुराने घावों को भरने की कोशिश करनी चाहिए, न कि नए घाव बनाने की... अगर भारत को वास्तव में 2047 तक महाशक्ति बनना है, तो सहकारी संघवाद की जरूरत है, न कि बलपूर्वक संघवाद की।'
JAC ने परिसीमन को लेकर दो बड़े प्रस्ताव रखे
इस दौरान केटीआर ने परिसीमन पर पहली संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की बैठक में कहा, 'हमने दो बातें कही, पहली, अगर परिसीमन अधिक प्रतिनिधित्व के लिए है, तो हम हर राज्य में विधायकों की सीटों की संख्या क्यों नहीं बढ़ाते, यह हमारा प्रस्ताव है। दूसरी बात, अगर संसद में सीटों की संख्या बढ़ानी है, तो उन्हें उसी अनुपात में बढ़ाना होगा, जैसा कि आज है। अन्यथा, यह उन राज्यों के साथ वास्तव में अन्याय होगा, जिन्होंने हर संकेतक पर असाधारण प्रदर्शन किया, चाहे वह शिक्षा हो, सामाजिक संकेतक हों, या यहां तक कि जनसंख्या नियंत्रण और स्वास्थ्य आदि।'
जयराम रमेश ने अमित शाह के भाषण पर साधा निशाना, पूछा- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
22 Mar, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कल राज्यसभा में दिए गए बयानों के बाद अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शाह पर निशाना साधा है। जयराम ने अमित शाह से पूछा कि वह जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब लौटाएंगे।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर विस्तार से बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि जब हालात बदल चुके हैं तो जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।
जनगणना को लेकर उठाए सवाल
रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री से पूछा कि 2021 में जो जनगणना होनी थी, वह क्यों नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि जनगणना न कराने का एक बड़ा नतीजा यह है कि करीब 14 करोड़ भारतीयों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ नहीं मिल रहा है और 15 करोड़ लोग राशन से वंचित हैं।
अमित शाह के भाषण पर निशाना
जयराम रमेश ने अमित शाह के दो घंटे लंबे भाषण को चुनावी भाषण करार दिया जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकारों पर निशाना साधा लेकिन महाराष्ट्र, मणिपुर और नागालैंड जैसे गंभीर मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं की। रमेश ने आरोप लगाया कि शाह ने वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया।
बांग्लादेश के हिंदू वर्ग के साथ, संघ ने मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए एकजुटता की कही बात
22 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बंगलूर: बंगलूर में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में बांग्लादेश का मुद्दा उठाया गया और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जताई गई। सह-महासचिव अरुण कुमार ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा का कारण सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि धार्मिक भी है।
'बांग्लादेश में हो रही हिंसा का कारण भी धार्मिक'
अरुण कुमार ने बयान में कहा कि हम बांग्लादेश के हिंदू तबके के साथ एकजुटता दिखाते हैं। हमने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जताई है। हमें यह नहीं मानना चाहिए कि इस हिंसा का कारण सिर्फ सत्ता परिवर्तन के कारण राजनीतिक है बल्कि इसके धार्मिक कारण भी हैं। अल्पसंख्यकों और हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
'भारत और पड़ोसी देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश'
अरुण कुमार ने कहा कि 'धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा कोई नई बात नहीं है। 1951 में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 22 फीसदी थी जो अब घटकर 7.95 फीसदी रह गई है। यह बड़ी गिरावट है। इस बार जो हिंसा हो रही है, उसे सरकार और सरकारी संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है। वहां भारत विरोधी भावना बढ़ती जा रही है। हमने अपने प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय ताकतों को लेकर भी चिंता जताई है। भारत और उसके पड़ोसी देश सिर्फ देशों का समूह नहीं हैं, बल्कि उनका साझा इतिहास है। हमारे बीच बहुत कुछ समान है। कई वैश्विक शक्तियां भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। हिंसा की इन घटनाओं पर कई देशों ने चिंता जताई। भारत ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई। हालांकि, इसके बावजूद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय कट्टरपंथियों के निशाने पर बना हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुक्रवार से बेंगलुरु में चल रही है। यह संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। इस बैठक के दौरान बांग्लादेश हिंसा के साथ-साथ मणिपुर, भाषा विवाद और आरएसएस शताब्दी समारोह पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।
'भाजपा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया जारी'
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बारे में पूछे जाने पर अरुण कुमार ने कहा कि 'संघ के अधीन 32 से अधिक संगठन काम करते हैं। हर संगठन अपने आप में स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्र निर्णय प्रक्रिया है। हर संगठन के अपने सदस्य होते हैं, चुनाव होते हैं और उनकी पूरी प्रक्रिया अलग होती है। भाजपा और संघ में कोई अंतर नहीं है। हम देश और समाज के लिए मिलकर काम करते हैं। संगठन की प्रक्रिया चल रही है और जिला और प्रदेश स्तर पर कमेटियां गठित हो चुकी हैं। भविष्य में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।'
परिसीमन के मुद्दे पर दक्षिण भारतीय नेता एकजुट: भाजपा ने कहा, 'भ्रष्टाचार' से ध्यान हटाने का प्रयास
22 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को चेन्नई में परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की बैठक से पहले कई प्रमुख विपक्षी नेताओं का स्वागत किया। इस बैठक में दक्षिण भारत और देश भर के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया है। चर्चा से पहले स्टालिन ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और बीआरएस नेता केटी रामा राव का स्वागत किया। आपको बता दें कि मुख्य रूप से दक्षिण भारत के राज्य परिसीमन के मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए बैठक में शामिल नहीं हुईं। हालांकि, सत्र के दौरान उनके समर्थन को व्यक्त करने वाला एक पत्र पढ़ा गया। ओडिशा के बीजू जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए। पवन कल्याण के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश एनडीए सहयोगी जन सेना पार्टी ने कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा। सत्र की शुरुआत तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा बैठक के महत्व पर सभा को संबोधित करने से हुई।
परिसीमन का मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है?
परिसीमन जनसंख्या परिवर्तन के अनुसार संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों को फिर से परिभाषित करने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग समान संख्या में लोग रहते हों। दूसरे शब्दों में, परिसीमन सीधे आकार से जुड़ा हुआ है। अधिक जनसंख्या वाले राज्यों को कम आबादी वाले राज्यों की तुलना में संसद में अधिक प्रतिनिधित्व मिलता है। कई दक्षिणी राज्यों को चिंता है कि उत्तर भारत के अधिक आबादी वाले राज्यों को परिसीमन में अधिक सीटें मिलेंगी, जिससे संसद में उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा।
'विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए नाटक'
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु भर में काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन कर रही है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डीएमके और मुख्यमंत्री स्टालिन राज्य में व्याप्त "भ्रष्टाचार" से ध्यान हटाने के लिए परिसीमन बैठक का उपयोग कर रहे हैं। पार्टी ने एक बयान में कहा, "यह डीएमके की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए एक राजनीतिक नाटक के अलावा और कुछ नहीं है।"
बिहार CM को लेकर चिंतित विपक्ष, चुनाव पास, बदलते व्यवहार से बीजेपी भी परेशान
22 Mar, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: बिहार में चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर सियासत गरमा गई है. इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष लगातार नीतीश के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठा रहा है. वहीं चुनावी साल में नीतीश कुमार के बदलते व्यवहार से बीजेपी भी चिंतित नजर आ रही है. दरअसल, बीजेपी नीतीश के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार है, लेकिन नेता भी अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।
क्यों उठ रहे हैं सवाल
आपको बता दें कि हाल ही में पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में आयोजित सेपक टाकरा विश्व कप 2025 के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान की घोषणा होने पर वह अचानक मंच से नीचे उतर आए. उन्होंने खिलाड़ियों से बात की. वहीं, जब राष्ट्रगान बजा तो वह मुस्कुराते रहे और अपने प्रधान सचिव से बात करने की कोशिश करते रहे और मीडियाकर्मियों का अभिवादन करने लगे. इसके बाद विपक्ष ने नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
'नीतीश कुमार की तबीयत ठीक नहीं'
राज्य विधानसभा के दोनों सदनों में विपक्ष ने राष्ट्रगान का अपमान करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की। वहीं, कांग्रेस और राजद इसे आगामी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाएंगे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत ठीक नहीं है।
तेजस्वी और प्रशांत उठा रहे सवाल
पिछले दो सालों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार और बयानों की हर जगह चर्चा हो रही है। इसी आधार पर राजद नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार नीतीश कुमार की सेहत पर टिप्पणी कर रहे हैं। दोनों नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार अब सीएम पद पर बने रहने लायक नहीं हैं।
कब बदला नीतीश का व्यवहार
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश के व्यवहार में बदलाव देखा गया हो। इससे पहले भी नीतीश के व्यवहार में बदलाव देखा गया था। आपको बता दें कि 15 अक्टूबर 2024 को गांधी मैदान में रावण वध समारोह में नीतीश ने रावण पर निशाना साधने के लिए दिया गया तीर-धनुष फेंक दिया था। वहीं प्रगति यात्रा के दौरान उन्होंने महिलाओं पर टिप्पणी की थी, उनकी टिप्पणियां सुर्खियां बनती रहीं। देखिए नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच जुबानी जंग...
पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने साधा निशाना
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि अगर उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और अपने बेटे या किसी और को सीएम बना देना चाहिए।
मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग उठी
अब बिहार में नीतीश कुमार का मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग उठी है। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने सीएम नीतीश कुमार का मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार का व्यवहार बदला है। हमें उनसे सहानुभूति है लेकिन राज्य के हित में मेडिकल रिपोर्ट जारी होनी चाहिए।
बीजेपी ने किया बचाव
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर उठ रहे सवालों पर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि किसी भी नेता के स्वास्थ्य पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।