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पीएम मोदी ने बिहार दौरे पर भागलपुर में पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की
24 Feb, 2025 04:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार दौरे पर हैं. भागलपुर में किसान सम्मान समारोह के मंच से पीएम मोदी ने पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की. साथ ही कई अन्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, महाकुंभ के समय में इस धरती पर आना अपने आप में बड़ा सौभाग्य है. इस धरती में आस्था भी है, विरासत भी है और विकसित भारत का सामर्थ्य भी है. इस धरती से आज किसान सम्मान निधि की एक और किस्त जारी की गई है. मैं बिहार और देश के सभी किसान परिवारों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं. पीएम मोदी ने कहा, मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं. इसमें गरीब, किसान, युवा और महिलाएं ये स्तंभ हैं. किसान कल्याण एनडीए सरकार की प्राथमिकता है. पहले किसानों की क्या स्थिति थी, ये सब जानते हैं. जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियों को नहीं बदल सकते. आज किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है. कोरोना के महासंकट में भी खाद की कमी नहीं होने दी
मोदी-नीतीश आपका हक किसी को नहीं खाने देंगे
प्रधानमंत्री ने कहा, पहले किसानों के हक का पैसा बिचौलिए हड़प लेते थे. मगर, मोदी और नीतीश आपका हक किसी को नहीं खाने देंगे. आज किसानों का हक सीधे उनके खाते में दिया जा रहा है. ये काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकता. कांग्रेस हो, जंगल राज वाले हों, इनके लिए किसानों की तकलीफ मायने नहीं रखती. पहले जब बाढ़ आती थी और सूखा पड़ता था तब ये लोग किसानों को अपने हाल पर छोड़ देते थे. 2014 में जब आपने एनडीए को आशीर्वाद दिया तो मैंने कहा, ऐसा नहीं चलेगा. सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना बनाई. इस योजना के तहत पौने दो लाख करोड़ रुपये का क्लेम किसानों को आपदा के समय मिल चुका है.
एनडीए सरकार ने इन स्थितियों को बदला
उन्होंने कहा, किसानों को खेती के लिए अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद चाहिए. किसानों को सिंचाई की सुविधा चाहिए. पशुओं का बीमारी से बचाव चाहिए और आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए. पहले इन सभी सुविधाओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था. एनडीए सरकार ने इन स्थितियों को बदला है. अब किसानों को अच्छे बीज और सस्ती खाद मिल रही है.
अगर एनडीए सरकार ना होती तो क्या होता?
पीएम मोदी ने कहा, बीते सालों में हमने सैकड़ों आधुनिक किस्म के बीज किसानों को दिए हैं. पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाता था. यूरिया की कालाबाजारी होती थी. अब किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है. अगर एनडीए सरकार ना होती तो क्या होता? अगर एनडीए सरकार ना होती तो आज भी किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती. एनडीए सरकार ना होती आज किसानों को यूरिया की एक बोरी 3 हजार की मिल रही होती.
तब शाम के बाद कोई घर से नहीं निकलता था
इससे पहले अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब हम 24 नवंबर 2005 में पहली बार सरकार में आए थे तब शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था. बुरा हाल था. समाज में बहुत विवाद थे. पढ़ाई और इलाज का हाल बेहाल था. राज्य की राजधानी पटना में केवल 8 घंटे बिजली आती थी. उसके बाद हमने कितना काम किया. अब किसी तरह का डर नहीं है. राज्य में प्रेम भाईचारा शांति का माहौल है. सभी क्षेत्रों में काम हो रहा है.
ललित मोदी ने भारत की नागरिकता छोड़ी, वनुआतु से नया पासपोर्ट हासिल किया
24 Feb, 2025 03:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय कानून से बचने के लिए IPL के पूर्व चीफ और जाने-माने बिजनेसमैन ललित मोदी ने एक नया दांव खेला है. उन्होंने भारत की नागरिकता छोड़कर प्रशांत महासागर स्थित एक छोटे से देश वनुआतु की नागरिकता हासिल कर ली है. अपने अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों से ललित मोदी के नए पासपोर्ट की एक कॉपी हाथ लगी है. , ललित मोदी ने करोड़ों रूपये खर्च करके वनुआतु की नागरिकता ली है. भारत की नागरिकता छोड़ विदेशी पासपोर्ट हासिल करने से ललित मोदी को अब प्रत्यर्पित कर वापस लाने की प्रक्रिया अत्यधिक जटिल बन गई है.
ललित मोदी ने वनुआतु को क्यों चुना?
ललित मोदी ने वनुआतु की नागरिकता इसलिए हासिल की क्योंकि यहां कोई टैक्स नहीं लगता. वनुआतु की सरकार गोल्डन वीजा प्रोग्राम चलाती है. गोल्डन वीजा प्रोग्राम के तहत रुपये देकर आसानी से नागरिकता हासिल कर ली जाती है. वनुआतु की नागरिकता के लिए करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं. वनुआतु का भारत या किसी भी देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है. वनुआतु से ललित मोदी का भारत में प्रत्यर्पण बहुत मुश्किल है. वनुआतु फर्जीवाड़े और घोटालों में शामिल लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना है.
मेहुल चौकसी की चाल चल रहे ललित मोदी
ललित मोदी का मामला भारत के हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी जैसा ही है. चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी. जब भारत ने उसके प्रत्यर्पण की कोशिश की, तो उसने नागरिकता और कानूनी अड़चनों का सहारा लेकर भारत वापसी से बचने की हरसंभव कोशिश की थी अबतक मेहुल चोकसी को नहीं लाया जा सका है. अब ललित मोदी ने भी वही रास्ता अपनाया है. वनुआतु की नागरिकता लेने के बाद, उनका भारतीय पासपोर्ट स्वतः ही रद्द हो गया और भारत सरकार के पास अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का दायरा सीमित हो गया है.
क्या अब भारत ला सकेगा ललित मोदी को?
भारत सरकार ललित मोदी को वापस लाने के लिए राजनयिक और कानूनी प्रयास कर सकती है, लेकिन वनुआतु के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने के कारण यह बेहद मुश्किल हो जाएगा.
अब आगे क्या?
.भारत इंटरपोल रेड नोटिस जारी कर सकता है.
.वनुआतु पर राजनयिक दबाव डालने की कोशिश की जा सकती है.
.मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य वैश्विक कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
फिलहाल ऐसा लगता है कि ललित मोदी ने भारत के कानून से बचने के लिए जो चाल चली है, वह कारगर साबित हो सकती है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए किस तरह की रणनीति अपनाती है.
मोटापे के बढ़ते खतरे पर पीएम मोदी चिंतित, लोगों को स्वस्थ आदतें अपनाने की सलाह
24 Feb, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (23 फरवरी) को 'मन की बात' कार्यक्रम में देश में बढ़ते मोटापे को लेकर चिंता जाहिर की है। मोटापे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा समेत 10 लोगों को नॉमिनेट किया है।
इन दस लोगों को किया गया नॉमिनेट
प्रधानमंत्री द्वारा नॉमिनेट किए गए लोगों में उमर अब्दुल्ला, आनंद महिंद्रा के अलावा भोजपुरी एक्टर और आजमगढ़ से पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, ओलंपियन मनु भाकर, मीराबाई चानू, साउथ एक्टर मोहनलाल, इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि, बॉलीवुड एक्टर आर माधवन, सिंगर श्रेया घोषाल और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति शामिल हैं।
हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त: पीएम मोदी
मोटापे से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से खाने में कम तेल का इस्तेमाल करने की अपील की है। पीएम मोदी ने कहा,"आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की समस्या से जूझ रहा है और बच्चों में ये समस्या चार गुना बढ़ गई है। उन्होंने WHO के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि साल 2022 में दुनियाभर में 250 करोड़ लोग मोटापे की समस्या से ग्रसित थे जोकि एक गंभीर विषय है।"
पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि अगर हर व्यक्ति खाने के तेल में 10 प्रतिशत की कमी करे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करे तो इस समस्या से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि खान-पान की आदतों में छोटे बदलाव कर हम हार्ट, शुगर और तनाव जैसी बीमारियों से बच सकते हैं।
उमर अब्दुल्लाह ने जाहिर की खुशी
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नॉमिनेट किए जाने पर उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने दस और लोगों को नॉमिनेट किया।
सीएम अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा, "मैं प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए मोटापे के खिलाफ अभियान में शामिल होकर बहुत खुश हूं। मोटापे के कारण कई तरह की जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जैसे हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, स्ट्रोक और सांस लेने की समस्याएं, साथ ही चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां भी होती हैं। आज मैं इन 10 लोगों को मोटापे के खिलाफ प्रधानमंत्री के अभियान में शामिल होने के लिए नामित कर रहा हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए 10-10 लोगों को नॉमिनेट करें।
उन्होंने पूर्व टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा, पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान, NCP नेता (शरद गुट) सुप्रिया सुले एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण जैसे हस्तियों को नॉमिनेट किया।
तेलंगाना टनल रेस्क्यू: सिलक्यारा टनल वाली टीम भी बचाव अभियान में शामिल
24 Feb, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद। 48 घंटे से अधिक समय से आठ लोग तेलंगाना की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में फंसे हैं। कीचड़ की वजह से राहत एवं बचाव अभियान में बाधा पहुंच रही है। भारतीय सेना की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है।
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को सफलतापूर्वक निकालने वाली टीम के छह सदस्य भी तेलंगाना पहुंच चुके हैं। टीम के सदस्य बचाव अभियान में जुटे हैं। सेना ने सिकंदराबाद के बाइसन डिवीजन के इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को तैनात किया गया है।
रिसाव को ठीक करने में जुटे थे मजदूर
तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में 44 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इस सुरंग में लगभग 14 किमी अंदर पानी का रिसाव हो रहा था। मजदूरों और इंजीनियरों की एक टीम इसे रोकने में जुटी थी। तभी सुरंग का लगभग तीन मीटर लंबा हिस्सा ढह गया।
चार मजदूर और सुरंग निर्माण में लगी कंपनी के चार कर्मचारी अंदर फंस गए। हादसे के वक्त मौके पर कुल 50 लोग मौजूद थे। हालांकि बाकी लोग वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे। बता दें कि हादसे से चार दिन पहले ही सुरंग निर्माण का काम दोबारा शुरू किया गया था।
सुरंग के 2 किमी हिस्से में भरा पानी
भारतीय वायुसेना और नौसेना की टीमें भी बचाव अभियान में शामिल हो रही हैं। विशाखापत्तनम से तीन हेलीकॉप्टरों में सेना की टीमों को श्रीशैलम भेजा गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के जवान सुरंग के अंदर 14 किलोमीटर बोरिंग मशीन तक पहुंच चुके हैं। मगर कीचड़ और मलबे की वजह से अभियान में बाधा आ रही है। सुरंग के लगभग 2 किमी हिस्से में पानी भरा है।
सुरंग के अंदर जाने वाली ट्रेन हुई खराब
राहत एवं बचाव अभियान में लगभग 300 से अधिक कर्मचारी जुटे हैं। भारी मोटारों के सहारे सुरंग में भरा पानी निकाला जा रहा है। इस बीच सुंरग के अंदर जाने वाली लोको ट्रेन भी 11 किमी अंदर खराब हो गई है। इससे भी अभियान में बाधा पहुंच रही है। ट्रेन को ठीक करने की कोशिश की जा रही है।
कोई आवाज नहीं आ रही
तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपली कृष्ण राव बचाव अभियान की निगरानी में जुटे हैं। मंत्री एक लोको ट्रेन की मदद से सुरंग के अंदर भी गए। बाहर आने के बाद मंत्री जुपली कृष्ण राव ने बताया कि बचाव दल को कोई आवाज नहीं सुनाई दे रही है। सुरंग में ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी है।
कहां हुआ हादसा?
सुरंग का एक हिस्सा डोमलपेंटा के पास अचानक ढह गया। मौके पर कुल 50 लोग काम में जुटे थे। हादसा सुंरग में 14 किमी अंदर हुआ है। सुरंग की छत का लगभग 3 मीटर का हिस्सा ढहने से दो मजदूरों को चोट आई है। वहीं आठ मजदूर अंदर ही फंस गए हैं। बाकी 42 मजदूर बचकर निकलने में सफल रहे। अंदर फंसे लोगों में दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और बाकी मजदूर हैं। ये सभी लोग झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर की तारीफ, जमैका के हाई कमिश्नर बोले – सबसे सक्रिय और उत्पादक मंत्री
24 Feb, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में जमैका के हाई कमिश्नर रजेसन हॉल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के वाराणसी दौरे के बाद उनकी तारीफ की। उन्हें आईआईटी वाराणसी में एक सेशन में भाग लेने के बाद सबसे सक्रिय, सबसे प्रोडक्टिव, सबसे कुशल विदेश मंत्रियों में से एक कहा। एएनआई से बात करते हुए हॉल ने सत्र के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालने के लिए जयशंकर की सराहना की।
उन्होंने कहा,
'हमने विदेश मंत्री के साथ अपने सेशन का विशेष रूप से आनंद लिया और हमें समय निकालने के लिए उनकी सराहना करनी चाहिए क्योंकि मुझे कहना होगा कि वह हमारे विदेश मंत्री के साथ-साथ सबसे सक्रिय, सबसे प्रोडक्टिव, सबसे कुशल विदेश मंत्रियों में से एक हैं और हम वास्तव में उनके आभारी हैं कि वह अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर यहां आए।
जमैका के हाई कमिश्नर ने क्या कहा?
हॉल ने कहा कि जब भी वह वाराणसी आते हैं, तो उन्हें अच्छा महसूस होता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्राचीन शहर को हजारों सालों के समय के साथ जोड़कर देखते हैं, जो शहर ने अनुभव किया है। बता दें कि विदेश मंत्री रविवार को वाराणसी पहुंचे थे, उन्होंने 45 देश के प्रतिनिधियों के साथ-साथ उन्होंने बीएचयू के आईआईटीयंस से संवाद किया।
असम भी गए विदेश मंत्री
इस बीच, जयशंकर गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोरहाट भी पहुंचे। जयशंकर 45 से अधिक देशों के मिशन प्रमुखों के साथ पहुंचे और उन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करने की भी योजना बनाई। असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने उनका स्वागत किया और उनके लिए एक पोस्ट किया
असम के कृषि मंत्री ने किया स्वागत
असम के कृषि मंत्री और असम गण परिषद (AGP) प्रमुख अतुल बोरा ने जयशंकर के दौरे पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, आज शाम जोरहाट एयरपोर्ट पर माननीय केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर जी और 45 से अधिक देशों के मिशन प्रमुखों का गर्मजोशी से स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात थी।
उनकी यात्रा में विश्व धरोहर स्थल, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की खोज और गुवाहाटी में "एडवांटेज असम 2.0" निवेश शिखर सम्मेलन में भाग लेना शामिल है।
इंडिगो फ्लाइट की खराब सीटों पर सुनील जाखड़ ने उठाए सवाल, कंपनी से मांगा जवाब
24 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल-दिल्ली एयर इंडिया की उड़ान में उन्हें आवंटित टूटी सीट दिखाए जाने के बाद अब पंजाब भाजपा के प्रमुख सुनील जाखड़ ने चंडीगढ़-दिल्ली उड़ान की टूटी सीटों की तस्वीरें साझा की हैं।
टूटी सीट पर बैठे पंजाब भाजपा अध्यक्ष
चौहान को टूटी सीट पर शनिवार को बैठना पड़ा था परंतु सुनील जाखड़ उनसे पहले 27 जनवरी को ऐसे अनुभव से गुजर चुके थे। जाखड़ ने एक्स पर लिखा-'ऐसा लगता है कि टूटी सीटें, जैसा कि शिवराज चौहानजी ने बताया है, एयर इंडिया का विशेष अधिकारक्षेत्र नहीं हैं।
27 जनवरी को इंडिगो की चंडीगढ़-दिल्ली उड़ान की कुछ तस्वीरें यहां हैं जिनमें कई सीटों पर ढीले कुशन लगे हुए हैं और सुरक्षा नियमों के अनुरूप नियमित रूप से फिट की गई सीटें नहीं हैं। केबिन क्रू ने हमेशा की तरह इस बारे में कुछ भी करने में असमर्थता जताई और कहा कि मुझे कंपनी की वेबसाइट पर शिकायत करनी चाहिए।
भाजपा नेता ने आगे इंडिगो, डीजीसीए व नागरिक उड्डयन मंत्री को टैग करते हुए कहा कि मैं ढीले कुशन या सीट के आराम को लेकर चिंतित नहीं हूं।
डीजीसीए को लिखा पत्र
चौहान ने आगे कहा मैं इसलिए लिख रहा हूं ताकि डीजीसीए यह सुनिश्चित करे कि इन दो प्रमुख एयरलाइनों का 'चलता है' रवैया विमान की सर्वि¨सग व रखरखाव के सुरक्षा मानदंडों के पालन तक न फैल जाए।
इंडिगो ने मांगी माफी
जवाब में इंडिगो ने लिखा कि हमारी सीटें हटाने योग्य कुशन के साथ डिजाइन की गई हैं जो वेल्क्रो द्वारा सुरक्षित हैं ताकि सफाई व रखरखाव में आसानी हो। कुशन कभी-कभी ढीले रह सकते हैं और बेहतर आराम के लिए उन्हें फिर से लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
एयरलाइन ने बल देकर कहा कि सुरक्षा उसके यात्रियों के लिए सर्वोपरि है और जाखड़ को आश्वासन दिया कि सुरक्षा आवश्यकताओं को बनाए रखते हुए समग्र सीट डिजाइन से समझौता नहीं किया जाएगा।
महाकुंभ के लिए नई दिल्ली से पांच विशेष ट्रेनें रवाना, रेलवे ने उठाए कड़े कदम
24 Feb, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। रेलवे ने शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के उपायों का सफल परीक्षण किया। इसके तहत बिना आरक्षण वाले यात्रियों की आवाजाही को एक ही प्लेटफार्म नंबर 16 तक सीमित कर दिया गया और जब मांग बढ़ी तो महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनों को उसी फ्लेटफार्म से चलाया गया।
नई दिल्ली से पांच विशेष ट्रेनें चलाई गईं
महाकुंभ के लिए यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शनिवार शाम को नई दिल्ली से पांच विशेष ट्रेनें चलाई गईं। मालूम हो कि पिछले दिनों नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी और कई घायल हुए थे।
रेलवे के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ स्नान के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। शनिवार शाम छह बजे से लेकर 11 बजे रात के मध्य 13 हजार 105 यात्रियों ने यहां से प्रयागराज के लिए ट्रेन पकड़ी।
अश्विनी वैष्णव ने खुद रखी नजर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव स्वयं रेलवे बोर्ड के वार रूम से स्थिति नजर रखे हुए थे और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लगातार दिशा-निर्देश दे रहे थे। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा इस दौरान नई दिल्ली स्टेशन पर बने मिनी कंट्रोल रूम में थे।
मंत्री वैष्णव ने रविवार शाम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा किया और व्यवस्थाओं और यात्री सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रयोग सफल साबित हुआ क्योंकि इससे अन्य प्लेटफार्मों पर भीड़भाड़ नहीं हुई और महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की निर्बाध प्रस्थान सुनिश्चित हुआ।
बिना आरक्षण वाले टिकटों की बिक्री की निगरानी
उधर, उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि शनिवार दोपहर 2.30 बजे से रात 11.30 बजे तक हमने हर आधे घंटे में बिना आरक्षण वाले टिकटों की बिक्री की निगरानी की। देखा कि 2.30 बजे से तीन बजे के बीच 969 टिकट बेचे गए। यह संख्या अगले 30 मिनट में घटकर 466 हो गई और शाम सात बजे तक 400 से 1,100 के बीच झूलती रही।
हालांकि, इसके बाद यह बढ़ने लगी। शाम छह बजे से सात बजे के मध्य प्रयागराज के लिए 2375 टिकट बेचे गए।
रात सात से आठ बजे के बीच 2950, आठ से नौ बजे के मध्य 3429, नौ से दस बजे के मध्य 2662 और रात दस बजे से 11 बजे के मध्य 1689 टिकटों की बिक्री हुई। इस दौरान प्रयागराज के लिए हर घंटे एक विशेष ट्रेन का संचालन किया गया।
केरल में रेल हादसे की साजिश, पटरियों पर रखा टेलीफोन पोल; समय रहते पकड़े गए आरोपी
24 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोल्लम। केरल के कोल्लम में रेल पटरियों पर टेलीफोन पोस्ट रखने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ने ट्रेन में तोड़फोड़ कर लोगों की जान को खतरे में डालने की कोशिश की।
कोल्लम-शेनकोट्टा मार्ग के बीच की घटना
कुंदरा पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आरोपितों ने कोल्लम-शेनकोट्टा मार्ग के बीच रेलवे ट्रैक पर एक टेलीफोन पोस्ट (टेलीफोन खंभे से जुड़ा लौह उपकरण) लगाया था, जिसका उद्देश्य वहां से गुजरने वाली ट्रेन में तोड़फोड़ करके जानमाल को नुकसान पहुंचाना था।
पलारुवी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की साजिश
आरोपितों की पहचान 33 वर्षीय राजेश निवासी पेरुम्पुझा और 39 वर्षीय अरुण निवासी इलमबल्लूर के रूप में हुई है, जिन्हें शनिवार को हिरासत में लिया गया और रविवार सुबह मौके पर साक्ष्य जुटाए गए। आरोपित कोल्लम जाने वाली पलारुवी एक्सप्रेस को पटरी से उतारना चाहते थे।
आरोपितों पर बीएनएस की धारा 327 (1) (रेल, विमान, डेक वाले जहाज को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के इरादे से शरारत) और रेलवे अधिनियम की धारा 150 (1) (ए) और 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
एफआइआर के अनुसार, यह घटना शुक्रवार रात 11.45 बजे से शनिवार सुबह 1.30 बजे के बीच कुंदरा पल्लीमुक्कू और नेदुम्बईकुलम के बीच रेलवे ट्रैक पर हुई। पुलिस ने रविवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कई राष्ट्रीय एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की थी।
हिमाचल प्रदेश में आया 3.7 तीव्रता वाला भूकंप, लोग घरों से आए बाहर
23 Feb, 2025 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला। हिमाचल प्रदेश की धरती रविवार सुबह कांप गई। हिमाचल के मंडी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई है। कुछ दिन पहले दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, तब तो लोग डरकर घर से बाहर निकल आए थे। अभी तक किसी जान माल की हानि की खबर नहीं है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में रविवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई और इसका केंद्र सुंदरनगर के किआरगी क्षेत्र में स्थित था। भूकंप के झटके सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर आए जिनकी गहराई करीब 5 किलोमीटर थी। धरती के कांपते ही कुछ लोग डर से घरों से बाहर निकल आए, हालांकि इसकी तीव्रता कम होने के कारण अधिकतर लोगों को इसका आभास नहीं हुआ।
टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने में जुटी सेना और एनडीआरएफ की टीम
23 Feb, 2025 02:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नागरकुरनूल। बीते रोज तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में सुरंग का एक हिस्सा गिरने से करीब 14 किमी अंदर 8 श्रमिक फंस गए हैं। उन्हे निकालने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। आठ श्रमिक अभी भी इसके अंदर फंसे हुए हैं। इसके अलावा, सेना ने भी बचाव कार्यों के लिए अपने इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) को तेजी से तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया कि आधुनिक तकनीक से लैस ईटीएफ दुर्घटना स्थल पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान चला रहा है।
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर नागरकुरनूल जिले में दुर्घटना स्थल पर संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार विशेषज्ञों की मदद ले रही है, जिनमें पिछले साल उत्तराखंड में इसी तरह की घटना में फंसे श्रमिकों को बचाने वाले लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की भी मदद ले रही है।
फंसे हुए लोगों में से दो व्यक्ति इंजीनियर और दो ऑपरेटर हैं। चार अन्य मजदूर हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। सूत्रों ने बताया कि फंसे हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरंग में ताजा हवा पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को फोन कर घटना की जानकारी ली और बचाव अभियान के लिए केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और सेना का एक दल वहां पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री को स्थिति से अवगत कराया तथा बताया कि फंसे हुए लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक रेड्डी ने यह भी बताया कि राज्य के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपल्ली कृष्ण राव घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे हैं।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरंग में प्रवेश करने वाली टीमों का मार्गदर्शन करने के लिए ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुरंग के अंदर 13 किलोमीटर तक रास्ता साफ है, और सुरंग के 14 किलोमीटर पर ढांचा ढह गया है। हालांकि, उन्होंने बताया कि बचाव दल सुरंग की समग्र स्थिति को लेकर आशंकित हैं।
सूत्रों ने बताया, घटनास्थल पर बहुत सारा मलबा जमा हो गया है, इसलिए बचाव दल आगे बढ़ने और किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। बचाव अभियान पूरी रात जारी रहेगा। सूत्रों ने बताया कि टीमें अंदर जाने से हिचकिचा रही हैं, क्योंकि अंदर से अभी भी तेज आवाजें आ रही हैं।
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, स्पेस साइंस में देश नई ऊंचाई छू रहा
23 Feb, 2025 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महिला दिवस पर महिलाओं को समर्पित रहेगा पीएम मोदी का सोशल एकाउंट
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में स्पेस साइंस पर विशेष चर्चा करते हुए क्रिकेट का भी खास जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन दिनों चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है और हर जगह क्रिकेट का ही माहौल है। क्रिकेट में सेंचुरी का रोमांच तो हम सभी भली-भांति जानते हैं, लेकिन आज मैं, आप सब से क्रिकेट की नहीं, बल्कि भारत ने स्पेस में जो शानदार सेंचुरी बनाई उसकी बात करने वाला हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 119वें एपिसोड में देश की प्रगति और विभिन्न क्षेत्रों में हो रही महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खासकर स्पेस साइंस, उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेल और स्वास्थ्य पर ध्यान देने खाद्य तेल के कम उपयोग पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा, कि इन दिनों चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है, लेकिन मैं आज आपसे क्रिकेट नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भारत द्वारा बनाए गए अद्भुत शतक के बारे में बात करूंगा। उन्होंने बताया कि पिछले महीने देश ने इसरो का 100वां रॉकेट लॉन्च देखा और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की लगातार बढ़ती उपलब्धियों की सूची का जिक्र किया। चाहे वो चंद्रयान, मंगलयान, आदित्य एल-1 की सफलता हो या फिर एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करने का अभूतपूर्व मिशन, भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाई छू रहा है।प्रधानमंत्री ने आगे कहा, कि भारत एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षेत्र में भी तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। हाल ही में पेरिस सम्मेलन में भारत की इस क्षेत्र में प्रगति की सराहना की गई। उन्होंने तेलंगाना के आदिलाबाद के शिक्षक थॉसम कैलाश का उदाहरण दिया, जो एआई का उपयोग करके आदिवासी भाषाओं को संरक्षित कर रहे हैं, खासकर कोलामी भाषा में गाने बनाने के लिए।
उत्तराखंड सशक्त खेल शक्ति के रुप में उभर रहा
इसके अलावा, पीएम मोदी ने उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों का भी उल्लेख किया, जहां देशभर के 11,000 से अधिक एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, यह खेलों की शक्ति है जो न केवल व्यक्तियों और समुदायों को बदलती है, बल्कि पूरे राज्य को भी सशक्त बनाती है। उत्तराखंड अब देश में एक सशक्त खेल शक्ति के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपनी सेना टीम को अधिकतम स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई दी और खेलों को युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने का एक माध्यम बताया।
महिला दिवस पर खास पहल का आगाज
महिला दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस बार महिला दिवस पर मैं एक ऐसी पहल करने जा रहा हूं जो हमारी नारी-शक्ति को समर्पित होगी। उन्होंने कहा कि इस विशेष अवसर पर मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट जैसे- एक्स, इंस्टाग्राम को देश की कुछ खास महिलाओं को, एक दिन के लिए सौंपने जा रहा हूं। ऐसी महिलाएं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर अलग पहचान बनाई हैं। इसके जरिये वो 8 मार्च को अपने कार्य और अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा करेंगी।पीएम मोदी ने वर्ल्ड लाइफ पर कहा कि अगले महीने की शुरुआत में हम वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाएंगे। ऐसे में मेरा आग्रह है कि आप सभी इससे जुड़े लोगों का हौसला जरूर बढ़ाएं। मन की बात कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए सशक्त बनाना है। यह कार्यक्रम उन लोगों की मेहनत और प्रयासों को उजागर करता है जो आमतौर पर बड़े दर्शक वर्ग तक नहीं पहुंच पाते।प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम के माध्यम से लाखों लोगों को प्रगति की दिशा में काम करने और सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है।
सुरक्षा बलों को मिला इनपुट, जम्मू में छिपे दर्जनों आतंकी, तलाशी शुरु
23 Feb, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में आतंकी सीमा पार से लगातार घुसपैठ कर भारत में आते हैं और कई घटनाओं को अंजाम देते हैं जिसमें सुरक्षाबलों के जवानों सहित बेकसूर लोगों की भी जानें भी चली जाती हैं। सुरक्षा बल खुफिया सूचनाओं के आधार पर वे जंगलों में छिपे बैठे आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी करते रहते हैं। एक खुफिया इनपुट के बाद सुरक्षाबल और सेना अलर्ट हो गई हैं और उन्होंने तलाशी अभियान बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया इनपुट मिले हैं कि जम्मू-कश्मीर में करीब 55 आतंकी छिपे हैं। इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। ये सभी आतंकी जम्मू संभाग में हैं। जम्मू के पुंछ, राजौरी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ के ऊपरी इलाकों में इनके छिपे होने की सूचना है। सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों को ढूंढने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। घने जंगलों के साथ सुरक्षाबल पहाड़ी क्षेत्रों, ओवर ग्राउंड वर्करों के घरों में भी दबिश दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर की जनता से अपील की है कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति दिखे तो तुरंत सूचित किया जाए ताकि समय रहते अप्रिय घटना को रोका जा सके।
महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने में में रेलवे की अग्रणी भूमिका
23 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद | आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया, लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका निसंदेह अग्रणी है। इस विशाल आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देशभर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है, बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है। हालांकि महाकुंभ अब समापन की ओर है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ माह के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ कहीं ना कहीं उठाया। दूसरे शब्दों में महाकुंभ के करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या अग़ल बग़ल के प्रमुख शहरों तक पहुंचने में ट्रेनों की ही मदद ली। इस बार प्रयागराज के महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को पूरा करने में रेलवे ने आगे बढ़कर भूमिका निभाई। यह बताने की जरूरत नहीं कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले अपने देश में रेलवे पर कितना दवाब है। ऐसे में महाकुंभ के आयोजन से बहुत पहले से ही रेलवे अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया था। इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ के दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं। यह आंकड़ा थोड़ा विस्मित भी करता है कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13,667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3,468 विशेष ट्रेनों की शुरुआत कुंभ एरिया से हुई, एवं 2008 ट्रेनें कुंभ एरिया के बाहर से आईं| शेष 8,211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार ट्रेनें का लाभ श्रद्धालुओं को मिला। प्रयागराज एरिया के किस स्टेशन से कितनी ट्रेनों की सुभिधा मिली (इसमें कुछ ट्रेन्स कई स्टेशनों पे रुक कर श्रद्धालुओं को ले कर चली।
सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन कर फरार हुए आयोजक, वर-वधु पक्ष ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप
23 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजकोट | राजकोट से एक चौंका देनेवाली घटना सामने आई है| राजकोट में आज सर्वजातीय सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था| जिसमें सुबह से ही 28 दूल्हा समेत बाराती और कन्या पक्ष के बड़ी संख्या में लोग विवाह मंडप में पहुंच गए थे| लेकिन ऐन मौके पर सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाले तीन आयोजकों के अचानक गायब हो जाने से हंगामा मच गया| आयोजकों के फोन भी बंद आ रहे थे| सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई है| सामूहिक विवाह के आयोजकों के फरार होने से अपने जीवनसाथी के साथ सात फेरों की तमन्ना लेकर लेकर आईं दुल्हनों समेत उनकी माताओं की आंखें भर आईं| जानकारी के मुताबिक राजकोट में ऋषिवंशी समाज सेवा संघ द्वारा आज सर्व ज्ञाति समुह लगन का आयोजन किया गया था| सामूहिक विवाह स्थल पर सुबह 6.30 बजे से दूल्हा-दुल्हन समेत बड़ी संख्या में लोगों को पहुंचना शुरू हो गया| विवाह करानेवाले पंडित भी स्थल पर पहुंच गए थे| विवाह समारोह शुरू होने वाला था, लेकिन 3 आयोजकों के कार्यक्रम स्थल पर मौजूद नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो सका| काफी देर तक आयोजकों के नदारद रहने से वर-वधू पक्ष के लोग परेशान हो गये। साथ ही आयोजकों को फोन करने पर पता चला कि उनके मोबाइल नंबर भी बंद हैं। रात तक आयोजक इन सभी के संपर्क में थे, लेकिन लोगों का आरोप है कि तीनों आयोजक चंद्रेश छत्रोला, दिलीप गोहेल और दीपक हिरानी सुबह फरार हो गए। इसकी सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई है| लोगों ने आयोजकों का पता लगाने और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की| वर-वधू पक्ष के लोगों ने आयोजकों पर पैसे लेकर धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया| पुलिस ने मामले के मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। शादी समारोह रुकते ही कुछ दुल्हनों और माताओं की आंखों में आंसू छलकने से माहौल देख सभी भावुक हो गए|
भारतीय सेना का दल भारत-जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ में भाग लेने के लिए जापान रवाना
23 Feb, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रीवा । भारतीय सेना का एक दल भारत-जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ में भाग लेने के लिए जापान रवाना हो गया। यह अभ्यास 24 फरवरी से 9 मार्च 2025 तक जापान के ईस्ट फूजी युद्ध प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित होगा। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी। ‘धर्म गार्जियन’ एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है जो बारी-बारी से भारत और जापान में आयोजित किया जाता है। इसका पिछला संस्करण फरवरी-मार्च 2024 में राजस्थान में हुआ था। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारत और जापान की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित करना है।
भारतीय दल में 120 सैनिक शामिल हैं जिनमें से अधिकांश मद्रास रेजिमेंट के जवान हैं। इनके साथ अन्य यूनिट्स के सैनिक भी भाग ले रहे हैं। जापान की ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के 34वें इन्फैंट्री रेजिमेंट के समान संख्या में सैनिक इस अभ्यास में शामिल होंगे।
इस दौरान दोनों सेनाएं संयुक्त रणनीति, सामरिक अभ्यास, शारीरिक फिटनेस और आपदा प्रतिक्रिया रणनीतियों पर जोर देंगी। इससे युद्ध कौशल विकसित करने, सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने और दोनों सेनाओं के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास अक्टूबर 2024 में भारत के थलसेना प्रमुख की जापान यात्रा के बाद रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा। भारत और जापान इस अभ्यास के जरिए क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और स्थिरता के प्रति अपनी साझी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। यह दोनों देशों की मजबूत सैन्य साझेदारी और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करेगा। ‘धर्म गार्जियन’ भारत-जापान की दोस्ती और विश्वास का प्रतीक है, जो उनके व्यापक रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाएगा।