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ऑपरेशन ब्लू स्टार बरसी, आज बंद रहेगा अमृतसर
6 Jun, 2025 11:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमृतसर। ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मद्देनजर दल खालसा की तरफ से शुक्रवार को अमृतसर बंद का आहवान किया गया है। जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई और शिक्षण संस्थानों ने भी इसे लेकर सावधानी के तौर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शहर में 62 नाके लगाए गए हैं। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने अपने सभी कॉलेजों में 6 जून को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार 6 जून को होने वाली सभी वार्षिक और समेस्टर परीक्षाओं को प्रबंधकीय कारणों के चलते स्थगित किया गया है। ये सभी थ्यूरी परीक्षाएं अब 20 जून को शुक्रवार को पहले निर्धारित समय के अनुसार परीक्षा केंद्रों में होंगी। इस संबंधित सारी जानकारी स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
समलैंगिक जोड़े को लेकर मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी, भले ही कानूनी मान्यता नहीं मिली...लेकिन जोड़े परिवार बना सकते
6 Jun, 2025 09:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई । समलैंगिक जोड़ों को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई कर कोर्ट ने कहा कि भले ही समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता नहीं मिली है लेकिन इसके बाद भी इसतरह के जोड़े परिवार बना सकते हैं। परिवार बनाने के लिए शादी करना ही एकमात्र तरीका नहीं है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में यह मानने से इंकार किया था कि समलैंगिक जोडों को विवाह करने का मौलिक अधिकार है।
हाईकोर्ट की यह टिप्पणी एक समलैंगिक जोड़े के बचाव में की। 25 वर्षीय लेस्बियन महिला को उसके परिवार वालों ने बंद करके रखा था। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन की पीठ ने कहा कि चुने हुए परिवार की अवधारणा अब अच्छी तरह से स्थापित हो चुकी है और इस स्वीकार भी किया गया है।
इस मामले में पीड़िता की मां ने कहा कि उसकी बेटी ड्रग लेती थी। याचिकाकर्ता ने बेटी को गुमराह किया था। इस पर न्यायालय ने पीड़िता से बात कर उसकी मां के दावे को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा, पीड़िता के ऊपर किसी भी तरह की लत का आरोप लगाना गलत होगा। लड़की ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी साथी के साथ जाना चाहती है।
न्यायालय ने जस्टिस लीला सेठ का जिक्र कर कहा कि हर कोई जस्टिस लीला नहीं हो सकता, जो अपनी संतान की यौन रुझान को समझ कर स्वीकार कर सकें। पीड़िता की मां लीला सेठ जैसी नहीं है। वह चाहती हैं कि उनकी बेटी एक सामान्य जिंदगी जिए, एक सीधी-सादी महिला की तरह शादी करें। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की है कि लड़की बालिग है और उसे अपनी जिंदगी जीने का हक है, लेकिन हमारी कोशिश बेकार रही है। आपको बता दें कि जस्टिस लीला सेठ ने अपने बेटे के यौन रुझान को स्वीकार करते हुए स्वीकार किया था।
बेंगलुरु भगदड़ मामले में बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर समेत 8 अफसर सस्पेंड
6 Jun, 2025 08:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु । बेंगलुरु भगदड़ मामले में सीएम सिद्धारमैया ने पुलिस को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और डीएनए इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी के अफसरों को अरेस्ट करने का आदेश दिया। साथ ही बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर समेत 8 अफसरों को सस्पेंड कर दिया।
सस्पेंड किए गए अधिकारियों में पुलिस कमिश्नर के अलावा एडिश्नल पुलिस कमिश्नर, कब्बन पार्क थाना प्रभारी, एसीपी, डीसीपी सेंट्रल डिवीजन, क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी, स्टेशन हाउस मास्टर, स्टेशन हाउस ऑफिसर शामिल हैं।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज माइकल डी कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग बनाया गया है। आयोग 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगा। इस कार्यक्रम के आयोजन में जो लोग जिम्मेदार थे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी के अफसरों की गिरफ्तारी होगी।
"चारधाम यात्रा में अब तक 80 श्रद्धालुओं की मौत, आखिर क्यों नहीं साथ देती पहाड़ों में सांस?"
6 Jun, 2025 12:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देहरादून
हर साल लाखों लोग पवित्र चारधाम यात्रा के लिए जाते हैं। इस बार भी यह यात्रा शुरू हो चुकी है। हालांकि इस बार की चारधाम यात्रा एक दुखद वजह से भी चर्चा में है। इस साल यात्रा के दौरान अब तक 80 लोगों की जान जा चुकी है। आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि पहाड़ों की ऊंचाइयों पर सांसें अटक रही हैं? अगर आप भी पहाड़ पर किसी यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो किन बातों का ख्याल रखें? आइए समझते हैं।
लाखों लोग करते हैं चारधाम यात्रा
हर साल मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) श्रद्धालुओं के लिए आस्था का सबसे बड़ा पड़ाव मानी जाती है। लेकिन इस बार यात्रा शुरू होने के बाद से ही मौत के आंकड़े डराने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल अब तक 80 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मौतें ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, हार्ट अटैक और सांस लेने में तकलीफ की वजह से हुई हैं।
पहाड़ों की ऊंचाई है सांसों का दुश्मन!
चारधाम के मंदिर समुद्र तल से 3 हजार से साढ़े 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं।पहाड़ों पर जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हवा में ऑक्सीजन का स्तर कम होता जाता है। समुद्र तल पर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा 21% होती है, लेकिन 3,000 मीटर की ऊंचाई पर यह स्तर काफी कम हो जाता है। इसे मेडिकल भाषा में 'हाइपोक्सिया' कहते हैं। खासकर उन लोगों के लिए, जो मैदानी इलाकों से सीधे पहाड़ों पर चढ़ जाते हैं, यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि बिना तैयारी के ऊंचाई पर चढ़ने से 'एक्यूट माउंटेन सिकनेस' (AMS) का खतरा बढ़ जाता है, जिसके लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी और सांस फूलना शामिल हैं।
किन लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा?
मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा प्रभावित बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग हैं। हार्ट रोग, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और सांस की बीमारियों से जूझ रहे श्रद्धालु इस ऊंचाई पर सबसे ज्यादा जोखिम में होते हैं। इसके अलावा, कई लोग बिना मेडिकल जांच और तैयारी के यात्रा पर निकल पड़ते हैं, जो खतरे को और बढ़ा देता है।
क्या है प्रशासन की तैयारी?
इन मौतों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन इस स्थिति को संभालने के लिए तैयार है? उत्तराखंड सरकार ने यात्रा मार्गों पर मेडिकल कैंप, ऑक्सीजन सिलेंडर और आपातकालीन सेवाएं शुरू की हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के सामने ये सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। इसके अलावा, मौसम की मार भी यात्रियों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही है। अचानक बारिश, भूस्खलन और ठंड यात्रा को और जोखिम भरा बना देती है।
ये टिप्स बचा सकते हैं जान
अगर आप भी चारधाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो कुछ सावधानियां आपकी जान बचा सकती हैं…
मेडिकल जांच जरूरी: यात्रा से पहले डॉक्टर से सलाह लें और अपनी सेहत की पूरी जांच कराएं।
ऊंचाई की आदत डालें: सीधे ऊंचाई पर न चढ़ें। पहले कुछ दिन कम ऊंचाई वाले इलाकों में रुकें, ताकि शरीर को ऑक्सीजन की कमी की आदत पड़ सके।
सही कपड़े और दवाएं: ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े और जरूरी दवाएं साथ रखें।
हाइड्रेशन जरूरी: खूब पानी पिएं, ताकि शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बना रहे।
"यह युद्ध नहीं, आतंक पर सर्जिकल वार था: पाक की गोलाबारी पर शशि थरूर का बयान"
5 Jun, 2025 10:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
India Pakistan conflict Shashi Tharoor 2025: भारत-पाक के बीच हालिया संघर्ष (India Pakistan conflict 2025) पर कांग्रेस के शीर्ष नेता शशि थरूर ने अमेरिका में एक कूटनीतिक मंच से बड़ा बयान (Shashi Tharoor Pakistan remarks) दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से की गई अंधाधुंध गोलाबारी केवल “हताशा और रणनीतिक कमजोरी का प्रमाण” है। भारत ने आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जबकि पाकिस्तान के पास भारत में ऐसा कोई लक्ष्य नहीं था-इसलिए उन्होंने नागरिकों (Civilian attacks by Pakistan) को निशाना बनाया।
भारत का फोकस आतंक के खिलाफ था
थरूर ने वाशिंगटन डीसी में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के एक आयोजन में बोलते हुए कहा कि भारत का फोकस आतंक के खिलाफ था, न कि पाकिस्तान के आम नागरिकों के खिलाफ। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच यह संघर्ष असमान था-हम आतंकियों पर हमला कर रहे थे, वे हमारे निर्दोष लोगों पर।”
भारत में कोई आतंकी अड्डा नहीं है
उन्होंने अमेरिका के पूर्व राजदूत केनेथ आई. जस्टर सहित वैश्विक नीति-निर्माताओं को बताया कि पाकिस्तानी सेना की यह रणनीति साफ दिखाती है कि भारत में कोई आतंकी अड्डा नहीं है, और नागरिकों पर हमला करना मानवाधिकारों के खिलाफ है।
भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया
थरूर ने इस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जो “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत की कूटनीतिक पहल का हिस्सा था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया।
ड्रोन और रिमोट-टारगेटेड अटैक के नए युग की ओर ध्यान दिलाया
थरूर ने कहा, “यूक्रेन युद्ध के बाद से आधुनिक युद्ध की परिभाषा बदल चुकी है।” उन्होंने ड्रोन और रिमोट-टारगेटेड अटैक के नए युग की ओर ध्यान दिलाते हुए बताया कि दोनों देशों की सेनाओं ने इस संघर्ष के दौरान एक-दूसरे की हवाई सीमा में प्रवेश नहीं किया-सब कुछ ‘डिजिटल दूरी’ से किया गया।
पाकिस्तान की गोलाबारी को ‘गंभीर चिंता’ का विषय बताया
उन्होंने पाकिस्तान की ओर से की गई अनियंत्रित गोलाबारी को ‘गंभीर चिंता’ का विषय बताया और कहा, “भारत में कोई ऐसा संगठन नहीं है जो UN या किसी वैश्विक संस्था द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया हो। तो पाकिस्तान किसे निशाना बना रहा है?”
भारत की नीति आतंक के खिलाफ है : थरूर
थरूर ने कहा कि भारत की नीति ‘आतंक के खिलाफ’ है, ‘पाकिस्तान के खिलाफ’ नहीं। “हमारा मकसद निर्दोषों को नुकसान पहुँचाना नहीं था-हमने दिखाया कि सटीक, नियंत्रित प्रतिक्रिया भी एक रणनीतिक संदेश दे सकती है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
थरूर ने पाकिस्तान से पूछा, इन संगठनों को बैन क्यों नहीं करते?
थरूर ने पाकिस्तान से तीखे सवाल पूछे: “अगर आप हमले से बचना चाहते हैं, तो अपने देश में आतंक के अड्डों को खत्म क्यों नहीं करते? इन संगठनों को बैन क्यों नहीं करते? फंडिंग क्यों नहीं रोकते ?”
ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट नीति बताया
उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिंदूर को केवल एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट नीति बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, यह “एक सैद्धांतिक बदलाव था—भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि पेशेवर और सटीक तरीके से कार्य करता है।”
भारत की कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई (Terror camp strikes India)
गौरतलब है कि भारत की यह कार्रवाई उस भयानक आतंकी हमले के बाद हुई, जिसमें पाकिस्तान-समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके बाद भारत ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए।
हैदराबाद में बनेगा राफेल का मुख्य ढांचा: भारत में पहली बार फ्रांस के बाहर निर्माण
5 Jun, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Rafel Manufacture in India: भारत में फ्रांसीसी फाइटर जेट राफेल (Rafel) की बॉ़डी बनाई जाएगी। राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault) ने टाटा ग्रुप (TATA) के साथ बड़ी डील फाइनल की है। दसॉल्ट अब टाटा ग्रुप के साथ मिलकर भारत (India) में फाइटर जेट (Fighter Jet) की बॉडी का निर्माण करेगी। दसॉल्ट एविएशन ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ भारत में लड़ाकू विमान राफेल की बॉडी पार्ट के निर्माण के लिए 4 प्रोडक्शन ट्रांसफर एग्रीमेंट पर साइन किए हैं। यह समझौता भारत के एयरोस्पेस विनिर्माण को मजूबत करेगा। साथ ही, ग्लोबल सप्लाई चेन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। इसे भारत में सैन्य विमान के निर्माण की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
इन हिस्सों को भारत में बनाया जाएगा
राफेल के अहम हिस्सों का निर्माण भारत में किया जाएगा। टाटा ग्रुप की कंपनी ज्वाइंट वेंचर के तहत विमान का फ्यूजलेग, जेट के पीछे का पूरा हिस्सा, सेंट्रल फ्यूजलेग और जेट के सामने का हिस्सा का निर्माण करेगी। जानकारी के अनुसार, इस प्रोडक्शन प्लांट के तहत 2028 तक राफेल जेट का पहला फ्यूजलेग असेंबली लाइन से बाहर आ जाएगा। जब फैक्ट्री पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी, तब हर महीने 2 फ्यूजलेग तैयार होंगे।
पहली बार राफेल के फ्यूजलेग का फ्रांस से बाहर होगा निर्माण
डील के बाद दसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रैपियर ने कहा कि पहली बार राफेल के फ्यूजलेग का उत्पादन फ्रांस के बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भारत में हमारी सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में निर्णायक कदम है। दसॉल्ट के CEO ने TASL (Tata Advanced Systems limited) का शुक्रिया अदा किया है।
भारतीय एयरोस्पेस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
TASL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक सुकरन सिंह ने कहा कि यह साझेदारी भारतीय एयरोस्पेस कि दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि देश में संपूर्ण राफेल फ्यूजलेग का निर्माण TASL की टाटा एडवांस सिस्टम की क्षमताओं में बढ़ते हुए भरोसे और दसॉल्ट एविएशन के साथ हमारे सहोयग की ताकत को दर्शाता है। यह भारत द्वारा मजबूत एयरोस्पेस विनिर्माण ईको सिस्टम स्थापित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति है। इस समझौते पर हस्ताक्षर भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की पहल के प्रति दसॉल्ट एविएशन के मजबूत कमिटमेंट को दर्शाता है।
26 राफेल विमान खरीदने की मंजूरी
भारत और फ्रांस ने भारतीय नौसेना (India Navy) के लिए 26 राफेल विमान की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित, राफेल-मरीन एक लड़ाकू विमान है। जो समुद्री क्षेत्र में पूर्ण रूप से चलने में सक्षम है। इन विमानों की डिलीवरी साल 2030 तक पूरी हो जाएगी। इससे पहले भारतीय वायुसेना भी राफेल फाइटर जेट को अपने बेड़े में शामिल कर चुका है। भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के पास राफेल विमानों की दो स्क्वाड्रन हैं, जो अंबाला (हरियाणा) और हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) में तैनात हैं।
"बेंगलुरु हादसे में 11 मौतें, विराट की टीम के खिलाफ FIR; जानें किन धाराओं में मामला दर्ज"
5 Jun, 2025 09:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Bengaluru stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL 2025 जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 33 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। पुलिस स्टेशन में विराट कोहली की टीम RCB, DNA (इवेंट मैनेजर), KSCA प्रशासनिक समिति और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं FIR में धारा 105, 125 (1)(2), 132, 121/1, 190 R/w 3 (5) लगाई गई हैं।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
वहीं इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सरकार से घटना के कारणों, सुरक्षा उपायों और अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और 10 जून तक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
RCB ने की 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, RCB ने ‘RCB Cares’ नामक एक फंड स्थापित करने की भी घोषणा की है, जो इस हादसे में घायल हुए प्रशंसकों की मदद के लिए होगा। RCB ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “बेंगलुरु में कल हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने RCB परिवार को बहुत पीड़ा पहुंचाई है। सम्मान और एकजुटता के प्रतीक के रूप में, RCB ने मृतकों के 11 परिवारों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।”
सीएम ने भी किया 10 लाख रुपये देने की घोषणा
वहीं इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।
सत्ता का समीकरण और जाति का आँकड़ा: क्यों ज़रूरी है जातीय जनगणना?
5 Jun, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Caste census india: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव (Cabinet Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस (Congress) की सरकार ने जाति जनगणना (Caste Census) का विरोध किया। 1947 के बाद से जातीय जनगणना नहीं हुई। मोदी सरकार ने आगामी जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल करने का फैसला किया है। भारत में आखिरी बार जनगणना साल 2011 में हुई थी, जबकि जाति जनगणना 1931 में ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी।
दो फेज में कराई जाएगी जातीय जनगणना
देश में जातीय जनगणना दो फेज में कराई जाएगी। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा। दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च 2027 से होगी। पहले चरण में चार राज्यों में जाति जनगणना कराई जाएगी। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। जातीय जनगणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना भी कराने का फैसला लिया गया है। इससे जुड़ा नोटिफिकेशन 16 जून 2025 को आधिकारिक राजपत्र में पब्लिश किए जाने की उम्मीद है। जनगणना 2027 देश में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी।
नीतीश के जातीय सर्वे से बाद उठी देश व्यापी जातीय जनगणना की मांग
साल 2022 में नीतीश कुमार (nitish kumar) ने जब बिहार में महागठबंधन का हाथ थामा था। उसके बाद उन्होंने बिहार में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया, लेकिन कोर्ट के दखल के बाद इसे जातीय सर्वे का नाम दे दिया गया। जातीय सर्वे को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सामाजिक न्याय की जीत कहा। उसके बाद से देश भर में जातीय जनगणना की मांग होने लगी।
विपक्षी पार्टियों ने की जातीय जनगणना की मांग
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी जतीय जनगणना की मांग की। कांग्रेस भी जातीय जनगणना के समर्थन में उतर आई, जबकि एक वक्त था, जब कांग्रेस ने नारा दिया था, न जात पर-न पात पर, इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में जमकर जातीय जनगणना को चुनावी मुद्दा बनाया। वह तब से लगातार जातीय जनगणना की बात करते रहे। वामपंथी दलों ने भी जातीय जनगणना कराने के फैसले का स्वागत किया है। सीपीआई (एम) के महासचिव एमए बेबी ने कहा कि जातिगत आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण आवश्यक है।
क्यों पड़ी जातीय जनगणना की जरूरत
देश में जब मंडल आयोग लागू हुआ था, तब कहा गया था कि देश में ओबीसी (OBC) वर्ग की आबादी 52 फीसदी है। इसका आधार 1931 में ब्रिटिश शासनकाल में हुए जातीय जनगणना को माना गया था। अब बीते कुछ सालों से तर्क दिया जा रहा है कि समय के साथ-साथ जातीय जनगणना में बदलाव हुआ है। ओबीसी वर्ग की आबादी बढ़ गई है।
जातीय जनगणना के समर्थन में तर्क
जातीय जनगणना का समर्थन करने वाले लोगों का मनाना है कि इससे सरकार को विकास की योजनाओं का खाका तैयार करने में मदद मिलेगी। सरकार देश व राज्य के विकास के लिए कई तरह की नीतियां बनाती है, लेकिन इसमें जातीय जनगणना के पुख्ता प्रमाण न होने से कई बार दिक्कतें आती हैं। जातीय जनगणना हो जाने से विकास का पैमाना दुरुस्त हो जाएगा। साथ ही, जातीय जनगणना से यह साफ हो जाएगा कि कौन सी जाति आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर पिछड़ी हुई है। उन जातियों तक सीधा लाभ पहुंचाने के लिए सरकार नए सिरे से योजना बना सकती है। जातीय जनगणना पिछड़ी हुई जातियों को उचित जगह दिलाने में मदद करेगी।
जातीय जनगणना के विरोध में तर्क
जाति जनगणना का विरोध करने वाले लोगों का मानना है कि अगर जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक हो जाएंगे तो जो जातियां पिछड़ी हुई पायी जाएंगी, वह राजनीतिक दलों के सीधे टारगेट पर होंगी। सभी राजनीतिक दल उस जातीय समूह को अपना वोट बैंक बनाने की कवायद में जुट जाएंगे। जिससे समावेशी विकास की अवधारणा धूमिल होगी। साथ ही, जिस जाति की संख्या कम होगी। वह अपनी संख्या बढ़ाने के होड़ में लग सकते हैं। इससे जन्म दर में बढ़ोतरी होगी। इसका सीधा असर परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रम पर पड़ेगा। जनसंख्या को काबू में रखने की कवायद को झटका लग सकता है।
बेंगलुरु भगदड़ पर गृह मंत्री का कड़ा रुख: "चाहे कोई हो, सख्त कार्रवाई तय"
5 Jun, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
18 साल बाद आईपीएल ट्रॉफी उठाने वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) टीम की जीत के जश्न के दौरान बुधवार को बेंगलुरु में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ पर टिप्पणी करते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने गुरुवार को कहा कि सरकार जीत के जश्न के लिए खिलाड़ियों को बेंगलुरु नहीं लाना चाहती थी। गुरुवार को बेंगलुरु में मीडिया को संबोधित करते हुए, गृह मंत्री परमेश्वर ने एक सवाल का जवाब देते हुए दावा किया, “हमने इस संबंध में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) फ्रेंचाइजी या कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) से कोई अनुरोध नहीं किया था, और उन्होंने जीत का जश्न मनाने का कार्यक्रम आयोजित किया था।”
परमेश्वर ने कहा, “सरकार ने यह भी महसूस किया कि उसे खिलाड़ियों को सम्मानित करना चाहिए और जश्न का हिस्सा बनना चाहिए क्योंकि यह बेंगलुरु की टीम थी। बस इतना ही।” उन्होंने आगे कहा, “केएससीए और आरसीबी ने जश्न मनाने के लिए टीम को बेंगलुरु में लाया। सभी पहलुओं की जांच की जाएगी और जानकारी उपलब्ध होने के बाद सभी सवालों के जवाब दिए जाएंगे।”
एचएम परमेश्वर ने कहा, “सौभाग्य से, विधान सौधा में कुछ भी नहीं हुआ। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और मुझे इस पर बहुत दुख है। ग्यारह निर्दोष लोगों की जान चली गई। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे परिवारों को इस दुख को सहने की शक्ति दें और सरकार भी उनके साथ है,” । उन्होंने आगे कहा कि जब तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती, तब तक वे इस त्रासदी के बारे में कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने कहा, “यदि कोई चूक पाई जाती है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे कोई भी हों।” एचएम परमेश्वर ने कहा कि इस तरह से मौतें नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “निर्दोष लोगों की जान नहीं जानी चाहिए। उनके शवों को देखना दुखद है। मृतकों में से कई की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। वे जीत का जश्न मनाने आए थे। मुझे नहीं लगा था कि वे अपनी जान गंवा देंगे। हम चूक की पहचान करेंगे और सख्त कदम उठाएंगे।”
गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि इस त्रासदी में अब तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 56 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से 46 लोग उपचार के बाद अपने घर लौट चुके हैं। शेष 10 का अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है। “ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और गृह विभाग एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा। भविष्य में पुलिस विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बड़े कार्यक्रम, सम्मेलन और समारोह आयोजित करने के निर्देश जारी किए जाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु शहरी जिले के डिप्टी कमिश्नर द्वारा मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है और जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, “हम कुछ नहीं कह पाएंगे।” उन्होंने कहा कि मुआवजे की घोषणा कर दी गई है और सरकार 10 लाख रुपये दे रही है, जबकि कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) 5 लाख रुपये मुआवजा दे रहा है और प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, “मैं घटनास्थल का दौरा कर रहा हूं। मैं अधिकारियों और केएससीए अधिकारियों के साथ इस त्रासदी पर चर्चा करूंगा और उनका दृष्टिकोण भी जाना जाएगा। घटना के बारे में बहुत सारे सवाल हैं। पहले जांच होने दीजिए। रिपोर्ट में निश्चित रूप से चूक की ओर इशारा किया जाएगा और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
11 मौत लेकिन FIR नहीं
इस बीच, कर्नाटक पुलिस ने भगदड़ के दौरान 11 लोगों की मौत से जुड़ी घटना के संबंध में अप्राकृतिक मौत के मामले दर्ज किए हैं। कब्बन पार्क पुलिस ने 11 यूडीआर मामले दर्ज किए हैं और घटनाक्रम के संबंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इस कदम से लोगों में आक्रोश फैल गया है, क्योंकि पुलिस विभाग के पास कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) और प्रभावशाली इवेंट मैनेजमेंट कंपनी पर मामला दर्ज करने का विकल्प था। सूत्रों ने आगे पुष्टि की कि अभी तक कोई भी व्यक्ति जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आया है। सूत्रों ने बताया कि यूडीआर मामले वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार उठाए गए थे।
बेंगलुरु भगदड़ कांड: बेंगलुरु हादसे पर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से मांगी रिपोर्ट
5 Jun, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु: चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु में भगदड़ ने पूरे देश को हिला दिया है। इस घटना में अब तक 11 लोगों की दुखद मौत हुई है। मामले में सियासत गरमाई गई है। कर्नाटक सरकार सवालों के घेरे में है। आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। इसी बीच घटना पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने खुद ही एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है। हाई कोर्ट ने कांग्रेस सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
वकील ने हाई कोर्ट में क्या कहा
कोर्ट में मौजूद सीनियर वकील हेमंत राज और जीआर मोहन ने घटना की जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षा में हुई चूक के बारे में भी बताया। वकीलों ने कोर्ट को बताया कि आरसीबी (RCB) के खिलाड़ियों के सम्मान समारोह को देखने के लिए बहुत भीड़ जमा हो गई थी। लोग विधान सौधा के सामने स्थित हाई कोर्ट की बिल्डिंग पर भी चढ़ गए थे।
इस बीच, कर्नाटक पुलिस ने 11 लोगों की मौत के मामले में अप्राकृतिक मृत्यु का मामला (UDR) दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कब्बन पार्क पुलिस ने 11 UDR मामले दर्ज किए हैं। अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है।
लोगों में बेंगलुरु पुलिस के खिलाफ नाराजगी
पुलिस के इस कदम से लोग नाराज हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती थी। सूत्रों ने बताया कि अभी तक किसी ने भी इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। सूत्रों के अनुसार, UDR मामले वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर दर्ज किए गए हैं।
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत
सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने गुरुवार को कब्बन पार्क पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, KSCA के पदाधिकारियों और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कृष्णा ने अपनी शिकायत में मांग की है कि पुलिस BNS अधिनियम की धारा 106 के तहत मामला दर्ज करे।
शिकायत की एक कॉपी कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच को भी भेजी गई है। याचिका में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह एक गंभीर मामला है। याचिका डीजी और आईजीपी, और बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त को भी भेजी गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह गंभीर चिंता का विषय है और इसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य शक्तिशाली लोगों की भूमिका शामिल है। शिकायत की एक कॉपी मुख्य न्यायाधीश और अन्य को भेजी गई थी।
रात भर हुए पोस्टमॉर्टम
इस बीच, अधिकारियों ने विक्टोरिया और बोवरिंग अस्पतालों में 11 मृतकों का पोस्टमॉर्टम पूरा कर लिया है। शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। परिवारों को शव जल्दी सौंपने के लिए पोस्टमॉर्टम रात भर किया गया। कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए हैं।
बेंगलुरु हादसे पर खुलासा: तैयारी का समय मांग रही थी पुलिस, नजरअंदाज कर गया RCB मैनेजमेंट
5 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु: पुलिस सूत्रों के मुताबिक बुधवार के फंक्शन के आयोजन के लिए सुरक्षा के बंदोबस्त को लेकर बेंगलुरु पुलिस ने असमर्थता जाहिर की थी, RCB की रिक्वेस्ट पर बेंगलुरु पुलिस ने कहा कि इतने बड़े आयोजन की तैयारी के लिए कम से कम दो दिन चाहिए अगर ये आयोजन रविवार को किया जाए तो बेहतर होगा.
सूत्रों के मुताबिक RCB प्रबंधन की ओर से कहा गया कि फैंस को ज्यादा इंतजार करवाना ठीक नहीं रहेगा. फ्रेंचाइस के इस अप्रोच के बाद सरकार की ओर से खास तौर पर DCM की ओर से पुलिस पर दबाव पड़ा और कुछ ही घण्टों की तैयारी के साथ पहले विधानसभा में RCB के ख़िलाडियों के सम्मान और फिर चिन्ना स्वामी स्टेडियम में फैन्स ग्रीटिंग का कार्यक्रम फिक्स कर दिया गया.
हालांकि RCB मैनेजमेंट इसमें विधानसभा से लेकर चिन्ना स्वामी स्टेडियम तक ओपन बस में विक्ट्री परेड का भी आयोजन करना चाहता था लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी.
शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच से मिली अंतरिम जमानत, पासपोर्ट होगा जमा
5 Jun, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि शर्मिष्ठा पनोली को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनका देश छोड़कर भागने का कोई प्लान नहीं है. साथ ही कहा गया कि शर्मिष्ठा को 10000 रुपये की जमानत राशि और जांच के लिए पासपोर्ट जमा करना होगा. कोर्ट ने आदेश दिया कि इस बीच शर्मिष्ठा देश नहीं छोड़ सकती. जहां कोलकाता हाई कोर्ट ने अब शर्मिष्ठा को अंतरिम जमानत दे दी है. वहीं, इससे पहले 3 जून को इन्फ्लुएंसर की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.
अपनी गलतियों से सीखेगी
बेटी को अंतरिम जमानत मिलने के बाद शर्मिष्ठा के पिता पृथ्वीराज पैनोली का बयान सामने आया है. पिता ने बेटी को लेकर कहा कि वो बहुत होशियार लड़की है और मैं उसे उसका भविष्य खुद तय करने दूंगा. वो अपनी गलतियों के प्रति सचेत है और मुझे उम्मीद है कि वो अपनी गलतियों से सीखेगी.
क्या था आरोप?
पुणे की 22 वर्षीय लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा पानोली को कोलकाता पुलिस ने ऑपरेशन सिन्दूर पर एक वीडियो बनाने को लेकर गिरफ्तार किया था. कथित तौर पर शर्मिष्ठा पर आरोप था कि उसने अपनी एक वीडियो में धार्मिक भावनाओं को आहत किया था. इसी आरोप के चलते शर्मिष्ठा को गुरुग्राम में गिरफ्तार किया गया था. उनकी एक इंस्टाग्राम वीडियो को कथित तौर पर एक विशेष धर्म के प्रति अपमानजनक माना गया था. हालांकि, पैनोली ने वीडियो हटा दिया था और 15 मई को माफी भी मांगी थी.
जमानत याचिका हुई थी खारिज
पनौली ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बॉलीवुड अभिनेताओं की चुप्पी पर सवाल खड़े किए थे. इस वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर साम्प्रदायिक टिप्पणियां भी की थीं. इसी के चलते इन्फ्लुएंसर को 30 मई की रात को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले गई थी और शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां उसकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी.
हालांकि, अब उसको अंतरिम जमानत दे दी गई है. कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी शर्मिष्ठा के खिलाफ विभिन्न समुदायों के बीच धार्मिक भावनाएं आहत करने की नीयत से दुर्भावनापूर्ण काम करने, जानबूझकर अपमान करने और शांति भंग करने के इरादे से उकसाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया.
भारत-पाक बॉर्डर पर लगेगी हाईटेक फेंसिंग, सुरक्षा होगी और मजबूत
5 Jun, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: BSF ने सुरक्षा के लिहाज से बड़ा फैसला लिया है. BSF की ओर से बॉर्डर फेंसिंग को अपडेट किया जाएगा. जहां बॉर्डर पर फेंसिंग पुरानी हो गई वहां पर नई फेंसिंग लगाई जाएगी. ये बदलाव बॉर्डर की हर उस लोकेशन पर किया जाएगा जहां फेंसिंग पुरानी हो गई है और जहां BSF की तैनाती है. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर नई फेंसिंग लगाई जा रही है, उनमें एडवांस सुरक्षा तकनीक भी शामिल हैं. यह फेंसिंग घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी.
नई फेंसिंग से BSF को होगा फायदा
BSF को नई फेंसिंग से निगरानी क्षमता और बेहतर प्रतिक्रिया समय मिलेगा. मॉर्डन और टेक्निकली अपडेटेड फेंसिंग से बॉर्डर की सुरक्षा और भी मजबूत होगी.
नई फेंसिंग की खासियत:
एंटी-कट डिजाइन: यह फेंसिंग आसानी से नहीं काटी जा सकती, जिससे घुसपैठ करना मुश्किल हो जाएगा.
स्मार्ट तकनीक: इसमें कैमरे, सेंसर और अन्य निगरानी उपकरण शामिल हैं, जो सीमा पर हर हलचल की निगरानी करते हैं.
सीसीटीवी कैमरे: यह फेंसिंग सीसीटीवी कैमरों से लैस है, जिससे BSF को सीमा पर किसी भी हलचल का पता चल सकता है.
सेंसर: सेंसर का इस्तेमाल घुसपैठ या अन्य संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के लिए किया जाएगा.
फेंसिंग का मकसद
घुसपैठ रोकना: यह फेंसिंग घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी.
सीमा सुरक्षा बढ़ाना: यह फेंसिंग सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगी और BSF की निगरानी क्षमता को बढ़ाएगी.
सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा: यह फेंसिंग सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा में भी मदद करेगी.
कहां-कहां की जाएगी अपडेट
राजस्थान भारत-पाक सीमा पर एक नई फेंसिंग लगाई जा रही है, जिसमें एंटी-कट डिजाइन, सेंसर और कैमरे शामिल हैं. पंजाब में भी नई फेंसिंग लगाई जा रही है, जो घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर का LoC रीजन और बांग्लादेश के पास बॉर्डर पर भी पुरानी हो चुकी फेंसिंग को बदला जाएगा. वहीं बॉर्डर पर BSF को उपलब्ध स्निफर डॉग की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा. इससे संदिग्ध वस्तु की पहचान और भी आसान हो जाएगी और रिस्पॉन्स टाइम में कमी आएगी.
हैदराबाद के व्यापारी ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के झांसे में 3.28 करोड़ गंवाए, मोबाइल लिंक से हुई शुरुआत
5 Jun, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद: तेलंगाना में एक 59 साल के बिजनेसमैन से साइबर अपराधियों ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 3.28 करोड़ रुपये ठग लिए. साइबर फ्रॉड से जुड़ा यह बड़ा मामला हैदराबाद के जुबली हिल्स की है. पीड़ित की शिकायत के बाद तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) ने मामला दर्ज कर इस केस की जांच में जुट गई है.
अधिकारियों के मुताबिक, पीड़ित बिजनेसमैन काफी समय से ऑनलाइन फॉरेक्स ट्रेडिंग से जुड़े हुए थे. कुछ दिन पहले, उनके मोबाइल फोन पर एक लिंक आया, जिसमें दावा किया गया कि यह एक प्रतिष्ठित ट्रेडिंग कंपनी से है.
60 लाख टैक्स मांगा और फिर भी खाते खाली
लिंक पर क्लिक करने के बाद, उन्हें एक ग्रुप में जोड़ा गया, जहां उन्हें ट्रेडिंग जारी रखने के लिए अपनी भारतीय मुद्रा को USDT (अमेरिकी डॉलर से जुड़ी एक क्रिप्टोकरेंसी) में बदलने की सलाह दी गई. इस प्रक्रिया पर भरोसा करते हुए, व्यापारी ने 8 जनवरी से 19 मई तक घोटालेबाजों द्वारा दिए गए बैंक खातों में ऑनलाइन धनराशि ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. इस दौरान धोखेबाजों ने बिजनेसमैन को मुनाफे और खाते को अपग्रेड करने के वादों के झांसे में फंसाए रखा.
हालांकि, जब उन्होंने निवेश की गई राशि निकालने का प्रयास किया, तो उसे पहले कर शुल्क के रूप में 60 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया. कमाल की बात यह रही कि, धोखाधड़ी यहीं खत्म नहीं हुई.
बाद में उन्हें पहले 88,888 और 8,88,888 परीक्षण निकासी के रूप में निकालने का निर्देश दिया गया. जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो घोटालेबाजों ने कहा कि, उन्होंने गलत प्रविष्टि की है और अब उन्हें सुरक्षा जमा के रूप में 80 लाख का भुगतान करने की आवश्यकता है. जब पीड़ित ने भुगतान में देरी की, तो उन्हें आगे 32 लाख रुपये विलंब शुल्क और फिर 35 लाख मुद्रा विनिमय कमीशन के रूप में भुगतान करने के लिए कहा गया.
क्रेडिट स्कोर के नाम पर मांगे 1.22 करोड़ रुपये
इन भुगतानों के बाद भी, धोखेबाजों ने उन्हें वीआईपी सदस्य का लेबल दिया और बैंक सेवा शुल्क की मांग की. बिजनेसमैन को अंतिम झटका तब लगा जब उन्होंने कहा कि उनका क्रेडिट स्कोर बहुत कम है और जब तक वह क्रेडिट रिपेयर डिपॉजिट के रूप में अतिरिक्त 1.22 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते, तब तक धनराशि नहीं निकाली जा सकती.
व्यापारी समझ चुका था कि, उसके साथ बड़ा फ्रॉड हुआ है. उसके बाद पीड़ित ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल किया और शिकायत दर्ज कराई. TGCSB के अधिकारी घोटाले की जांच कर रहे हैं, जिसने ऑनलाइन व्यापारियों का शोषण करने के लिए साइबर अपराधियों द्वारा वेल प्लांड रणनीतियों को उजागर किया है.
विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने लगाया 'सिंदूर का पौधा', दिया शांति और शक्ति का संदेश
5 Jun, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने आवास पर सिंदूर का पौधा लगाया. इस पौधे को उन्हें 1971 के युद्ध के दौरान उल्लेखनीय साहस दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने उपहारस्वरूप दिया था. इस पहल को हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
कच्छ की यात्रा के दौरान महिलाओं ने किया था गिफ्ट
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- यह पौधा देश की महिलाओं की वीरता और प्रेरणा का एक मजबूत प्रतीक बना रहेगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में कच्छ की यात्रा के दौरान, 1971 के युद्ध के दौरान उल्लेखनीय साहस दिखाने वाली महिलाओं के एक ग्रुप ने उनसे मुलाकात की और ये पौधे भेंट किए. उन महिलाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए पीएम ने वादा किया कि वह अपने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर इस पौधे को लगाएंगे.
विश्व पर्यावरण दिवस पर सिंदूर के पौधे का चयन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत करने के लिए अपने सैन्य कार्रवाई का नाम ऑपरेशन सिंदूर दिया था. सिंदूर पारंपरिक रूप से विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा लगाया जाता है, जो उनके सुहाग का प्रतीक होता है.
हर देश को स्वार्थ से ऊपर उठना होगा-पीएम मोदी
एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो मैसेज में पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक जलवायु की सुरक्षा के लिए हर देश को स्वार्थ से ऊपर उठना होगा. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस का विषय है और भारत पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार इस पर काम कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि मिशन लाइफ, जो संसाधनों के सोच-समझकर इस्तेमाल और टिकाऊ जीवन शैली को अपनाने की वकालत करता है, दुनिया भर में एक सार्वजनिक आंदोलन बन रहा है. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने अपने दैनिक जीवन में कम करें, दोबारा इस्तेमाल करें और रीसाइकिल करें के मंत्र को अपनाया है. एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने लोगों से ग्रह की रक्षा करने और पर्यावरणीय चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अपने प्रयासों को और बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "मैं उन सभी लोगों की भी सराहना करता हूं जो हमारे पर्यावरण को हरा-भरा और बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं."
क्या है सिंदूर के पौधे की खासियत?
सिंदूर के पौधे को वैज्ञानिक रूप से बिक्सा ओरेलाना के नाम से जाना जाता है. यह एक औषधीय और सांस्कृतिक महत्व का पौधा है. इसे कुमकुम ट्री, कमीला ट्री, या लिपस्टिक ट्री भी कहा जाता है. यह पौधा दक्षिण अमेरिका, मैक्सिको और कुछ एशियाई देशों में पाया जाता है. भारत की बात करें तो यह मुख्य रूप से महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है.
इस पौधे के फल और बीजों से लाल या नारंगी रंग का प्राकृतिक डाई प्राप्त होता है, जिसे सिंदूर के रूप में उपयोग किया जाता है. यह रंग शुद्ध और केमिकल-मुक्त होता है, जो त्वचा के लिए सुरक्षित है.इसके बीजों को पीसकर पाउडर या लिक्विड रूप में सिंदूर बनाया जाता है, जिसका उपयोग धार्मिक कार्यों, माँग भरने और सौंदर्य प्रसाधनों में होता है.
औषधीय गुण: यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है. इसके बीजों और रस का उपयोग एंटीपायरेटिक (बुखार कम करने), एंटी-डायबिटिक, और रक्त शोधन के लिए किया जाता है. यह हृदय की शक्ति बढ़ाने और रक्त संचार में सुधार करने में भी मदद करता है.