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परमाणु आपूर्तिकर्ताओं की चिंता दूर करेगा भारत, दायित्व कानून में प्रस्तावित बदलाव
18 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत विदेशी खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिए परमाणु दायित्व कानूनों को आसान बनाने की योजना पर काम कर रहा है। सूत्रों के अनुसार भारत उपकरण आपूर्तिकर्ताओं पर परमाणु दुर्घटना से संबंधित जुर्माने की सीमा भी तय करेगा।
अमेरिका से बढ़ेगा व्यापार
तीन सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत अपने परमाणु दायित्व कानूनों को आसान बनाने की योजना बना रहा है ताकि उपकरण आपूर्तिकर्ताओं पर दुर्घटना से संबंधित जुर्माने की सीमा तय की जा सके।
यह कदम मुख्य रूप से उन अमेरिकी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए उठाया जा रहा है जो असीमित जोखिम के कारण पीछे हट रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह प्रस्ताव 2047 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 12 गुना बढ़ाकर 100 गीगावाट करने के साथ-साथ अमेरिका के साथ व्यापार और टैरिफ वार्ता में भारत को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम कदम है।
'भारत को परमाणु ऊर्जा की है जरूरत'
सूत्रों ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा तैयार किए गए मसौदा कानून में 2010 के असैन्य परमाणु दायित्व क्षति अधिनियम के एक महत्वपूर्ण खंड को हटा दिया गया है, जो दुर्घटनाओं के लिए आपूर्तिकर्ताओं को असीमित उत्तरदायित्व के दायरे में लाता है।
डेलॉइट साउथ एशिया के मुख्य विकास अधिकारी देबाशीष मिश्रा ने कहा, "भारत को परमाणु ऊर्जा की जरूरत है, जो स्वच्छ और आवश्यक है। दायित्व सीमा परमाणु रिएक्टरों के आपूर्तिकर्ताओं की बड़ी चिंता को दूर करेगी।"
भारत-अमेरिका का कैसे बढ़ेगा व्यापार?
भारत को उम्मीद है कि इन बदलावों से जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी और वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी जैसी अमेरिकी कंपनियों की चिंताएं कम होंगी, जो दुर्घटनाओं के मामले में असीमित जोखिम के कारण आगे नहीं आ रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि संशोधित कानून का पारित होना इस साल भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लिए बातचीत के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य पिछले साल के 191 बिलियन डॉलर से 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है।
क्या मिलेगा फायदा?
सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार को जुलाई में शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में संशोधनों को मंजूरी मिलने का भरोसा है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, दुर्घटना की स्थिति में आपूर्तिकर्ता से मुआवजा पाने का ऑपरेटर का अधिकार अनुबंध के मूल्य तक सीमित होगा।
फिलहाल, कानून में यह परिभाषित नहीं किया गया है कि ऑपरेटर आपूर्तिकर्ताओं से कितना मुआवज़ा मांग सकता है और वह अवधि क्या होगी जिसके लिए विक्रेता को जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी से बोहरा प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात, प्रमुख मांगें हुईं शामिल
18 Apr, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने संसद से पारित वक्फ संशोधन का स्वागत किया और इस कानून को पारित करवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। इस कानून में इस समुदाय की प्रमुख मांगों को शामिल किया गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी थे मौजूद
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दृष्टिकोण में विश्वास जताया। बैठक में उनके साथ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी थे। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के साथ बैठक हुई! हमने बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की।
पीएम मोदी एक्स पर कही ये बात
संवाद के दौरान में दाऊदी बोहरा समुदाय के एक सदस्य ने मोदी को बताया कि वे 1923 से ही वक्फ नियमों से छूट की मांग कर रहे थे। उन्होंने नए कानून के जरिये अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यकों का खयाल रखने के लिए उनकी सराहना की।
दाऊदी बोहरा शिया मुसलमानों के बीच एक अल्पसंख्यक उपसमूह है। यह समुदाय विश्वभर के 40 से अधिक देशों में बसा है। दुनियाभर में दाऊदी बोहरा समुदाय का मार्गदर्शन उनके नेता अल-दाई-अल-मुतलक द्वारा किया जाता है।
CISF पर भड़के रिटायर्ड अफसर, बोले—शाहरुख के साथ ऐसा बर्ताव क्यों?
18 Apr, 2025 10:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोशल मीडिया में वायरल मशहूर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के एक वीडियो ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस वीडियो में शाहरुख खान करीब 20 से अधिक सीआईएसएफ कर्मियों के घेरे में एयरपोर्ट के भीतर नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद भारतीय सेना में सेवारत रहे कई वरिष्ठ अधिकारियों ने नकेवल अपनी आपत्ति जाहिर की है, बल्कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को खरी-खरी सुनाई है.
सीआईएसएफ के इस रवैए पर आपत्ति जाहिर करने वालों में भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों और मेजर जनरल राजू चौहान वीएसएम जैसे बड़े नाम शामिल हैं. रिटायर्ड मेजर जनरल राजू चौहान ने सीआईएसएफ को खरी-खरी सुनाते हुए सीधे तौर पर कहा है कि ‘आप शाहरुख खान को एयरपोर्ट पर एस्कॉर्ट करने के लिए इतने सारे कर्मियों को तैनात करके अपने बल का अपमान क्यों कर रहे हैं? क्या आपके एसओपी ऐसा कहते हैं?’
रिटायर्ड मेजर जनरल राजू चौहान की इस आपत्ति पर सीआईएसएफ एयरपोर्ट सेक्टर हेडक्वार्टर की तरफ से जवाब दिया गया. अपने जवाब में सीआईएसएफ ने कहा कि ‘शाहरुख खान एक प्रसिद्ध फिल्मी हस्ती हैं, जिनके बहुत सारे प्रशंसक हैं. उनके इर्द-गिर्द लोगों की भीड़ होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, जिससे दूसरों को असुविधा हो सकती है. पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए सीआईएसफ की एक टीम तैनात की गई थी.’
हालांकि, इस जवाब से मेजर जनरल राजू चौहान संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने इस बाबत आगे कहा कि ‘ऐसी आकस्मिकताओं से निपटने के बेहतर तरीके हैं और आप उनसे अवगत हैं. 40 वर्षों तक वर्दी पहनने के बाद मुझे यह देखकर दुख होता है कि वर्दी में लोगों को ऐसे कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है जो उनके स्टेटस को नीचा दिखाते हैं. अगर आपको लगता है कि तैनाती उचित थी और इससे आपके गौरव को ठेस नहीं पहुंची, तो आपको सैल्यूट है.’ यह बात यहीं पर खत्म नहीं हुई.
अभिनेता शाहरुख खान की सिक्योरिटी को लेकर उड़े विवाद पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों ने भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यह बल का सरासर दुरुपयोग है. आपको बता दें कि रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों वह नाम है, जिन्होंने कश्मीर में सक्रिय आतंकवाद को कुचलने में बेहद अहम भूमिका निभाई है. उनकी उपलब्धियों के लिए आज भी कश्मीर में उनका नाम बेहद सम्मान से लिया जाता है.
भारतीय सेना के एक अन्य सेवानिवृत्त अफसर कर्नल ए के तिवारी ने अपनी बात ‘नॉनसेंस’ से शुरू की. उन्होंने कहा- नॉनसेंस! यह वर्दी और हमारे लड़कों का अपमान है. फेमस पर्सनालिटी को अपनी सिक्योरिटी का इंतजाम न केवल खुद करना चाहिए, बल्कि उसका खर्च भी उठाना चाहिए. वहीं, इस विवाद में अभिनेता के कुछ फैन भी आगे आ गए. द बटर फ्लाई एक्स एकाउंट से किए गए पोस्ट में लिखा गया कि ‘जब आपको शाहरुख खान के बराबर दर्जा मिल जाएगा तो आपके लिए भी एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के इसे ही पेश आना होगा, ताकि सिक्योरिटी लैप्स और भीड़ की बर्बरता से बचा जा सके.
इस पर मेजर जनरल ने जवाब दिया कि मुझे अपने स्टेटस पर गर्व है. कोई भी रील स्टार यूनिफार्म में सोल्जर के स्टेटस को मैच नहीं कर सकता है.
दिलीप घोष बंधेंगे शादी के बंधन में, कोलकाता में होगी सादगी से रस्में
18 Apr, 2025 10:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. वो शुक्रवार को अपने कोलकाता स्थित आवास पर रिंकी मजूमदार से शादी करेंगे. दिलीप घोष 60 साल की उम्र में पहली शादी कर रहे हैं. घोष 19 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े गए थे और अब 41 साल के बाद अपनी मां के कहने पर शादी करने का फैसला किया है. दिलीप घोष की मां अपने बेटे की शादी में शामिल होने के लिए कल ही कोलकाता पहुंच गई है.
दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार शुक्रवार को एक बहुत ही निजी समारोह में विवाह बंधन में बंध जाएंगे. दिलीप और रिंकू के करीबी रिश्तेदार ही शादी में शामिल होंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि दिलीप घोष की दुल्हन बनने जा रही रिंकी मजूमदार कौन है और कैसे उनकी दोस्ती अब शादी में बदलने जा रही है?
दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार कौन हैं?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार बनने जा रही हैं. रिंकी मजूमदार 50 साल की हैं और वो तलाकशुदा हैं. रिंकी का एक 25 साल का बेटा भी है, जो आईटी सेक्टर में नौकरी करता है. रिंकी मजूमदार बीजेपी की सक्रिय सदस्य हैं और पार्टी की महिला मोर्चा से जुड़ी हुई हैं. घोष और मजूमदार एक ही पार्टी में ही नहीं बल्कि एक ही इलाके कोलकाता के न्यूटाउन में रहते भी हैं.
कैसे करीब आए दिलीप और रिंकी मजूमदार
दिलीप घोष जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष थे, तभी एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात रिंकी मजूमदार से हुई थी. दिलीप घोष के कहने पर ही रिंकी मजूमदार बीजेपी में शामिल हुई थी. 2021 में रिंकी मजूमदार की दिलीप घोष से दोस्ती हुई और फिर उनकी दोस्ती प्रेम में बदल गई. 2024 में दिलीप घोष लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद काफी उदास थे, तो रिंकी मजूमदार ने दिलीप घोष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था.
रिंकी मजूमदार ने कहा था कि वे साथ मिलकर परिवार शुरू करना चाहती हैं, उन्होंने कहा कि अब उनके साथ कोई नहीं है और तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं. दिलीप घोष ने उस समय शादी से मना कर दिया था, लेकिन बाद में अपनी मां के आग्रह पर विचार कर सहमत हो गए. दिलीप घोष की शादी करने के लिए उनकी मां ने मनाने का काम किया था.
संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह भी एहसास हुआ कि जीवन का यह चक्र भी पूरा होना चाहिए. ईडन गार्डन स्टेडियम में तीन अप्रैल को केकेआर के आईपीएल मैच दिलीप घोष, रिंकी मजूमदार और उनका 25 साल का बेटा देखने गए थे.
रिंकी ने कैसे मनाया शादी के लिए
रिंकू मजूमदार ने दिलीप घोष को शादी के लिए तैयार करने के लिए काफी मशक्कत की है. रिंकी ने खुद दिलीप घोष की मां को अपने बेटे की शादी के लिए मनाने की कोशिश की थी. दिलीप अपनी मां पुष्पलता घोष को अपने न्यूटाउन स्थित घर ले आए हैं. बताया जाता है कि रिंकू ने वहां BJP नेता की मां से मुलाकात की और बातचीत की. इसके बाद ही पुष्पलता घोष ने अपने बेटे दिलीप घोष को शादी के लिए राजी किया.
दिलीप की मां चाहती थीं कि दिलीप शादी कर लें और परिवारिक जीवन शुरू करें. फिर वह अपनी बहू के साथ कुछ समय बिता सकेंगे. दिलीप की मां उनके साथ रहती है. दिलीप का जीवन राजनीतिक है. आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. बीजेपी उन्हें फिर से विधानसभा चुनाव में उतार सकती है. चुनावी अभियान के लिए उनकी जरूरत होगी. उन्हें पूरे राज्य का भ्रमण करना पड़ेगा.
दिलीप की शादी की खबर गुरुवार को मीडिया में फैलनी शुरू हुई, जब सीधे तौर पर उनसे मीडिया इस संबंध में पूछा तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि क्यों,क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना कोई अपराध है? इसके बाद ही फाइनल हो गया है कि दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया.
दिलीप की शादी की सियासी हलचल
दिलीप घोष अपने साल 60 साल के सफर में पहली शादी करने जा रहे हैं. दिलीप घोष 1984 में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए थे. 2014 से भाजपा में एक्टिव हुए हैं. संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते थे,लेकिन मां की बात मानते हुए रजामंद हुए हैं. दिलीप घोष की शादी को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है.
दिलीप घोष की शादी की खबर आते ही बीजेपी के अंदर बवाल मचा हुआ है. यह भले ही घोष का व्यक्तिगत मामला हो, लेकिन पार्टी में कुछ लोगों का कहना था कि दिलीप घोष को समय का ध्यान रखना चाहिए था. सूत्रों की मानें तो स्थिति को भांपते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित पार्टी के एक वर्ग ने दिलीप घोष को शादी न करने की सलाह दी, लेकिन अपने फैसले से पीछे नहीं हटे. हालांकि, पार्टी खेमे में इस बात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कि कहीं दिलीप की शादी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता के मन में उनकी छवि तो खराब नहीं कर दी है.
हाईकोर्ट की पहल, आज़म ख़ान की सजा पर कानूनी प्रक्रिया में तेजी
18 Apr, 2025 10:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को विशेष अदालत से मिली दो साल की कैद की सजा के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल रिवीजन पर ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड समन किया है. यह आदेश जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने दिया है.
मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने साल 2008 में सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने समर्थकों के साथ जाम लगाया था. कोर्ट ने पिता और बेटे दोनों को दो-दो साल की कैद की सजा सुनाई थी. सजा के खिलाफ अपील दाखिल की गई थी, जिसे एमपी एमएलए कोर्ट ने खारिज करते हुए सजा बरकरार रखी. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खान की ओर से सड़क जाम करने के मामले में एमपीएमएलए कोर्ट की ओर से सुनाई गई दो साल की सजा के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल रिवीजन पर ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड समन किया है.
आजम खान को मिली बड़ी राहत
इसी के साथ जहां एक तरफ सड़क जाम मामले में कोर्ट ने रिकॉर्ड समन किया है. वहीं, दूसरी तरफ आजम खान को बड़ी राहत भी मिली है. आजम खान की तरफ से चार मामलों में कोर्ट में बेल एप्लीकेशन लगाई गई थी. इसमें कोर्ट ने तीन मामलों में सपा नेता को रेगुलर बेल दे दी है तो वहीं एक मामले में कोर्ट ने बेल की अर्जी को खारिज कर दिया है. जिन मामलों में आजम खान को रेगुलर बेल मिली है, उनमें दो मामले हेट स्पीच और एक मामला शत्रु संपत्ति का है.
आजम खान के वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि तीन बेल स्पेशल जज एमपी एमएलए ने अलग कर दी है. एक बेल रिजेक्ट कर दी है. अभी आजम खान की क्रिमिनल अपील हाई कोर्ट में पेंडिंग है और एक बेल आज रिजेक्ट हुई है.
आजम खान का सियासी सफर
आजम खान साल 1989 में उत्तर प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए. इसके बाद 1991 में वो जनता पार्टी में शामिल हुए और फिर से विधायक बने. फिर आजम खान ने साल 1992 में सपा की स्थापना में मुलायम सिंह के साथ अहम भूमिका अदा की. 1993 में उन्होंने पहली बार सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
इसके साथ ही साल 1994 में वो सपा के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने रामपुर विधानसभा सीट से 9वीं बार जीत दर्ज की. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी जयाप्रदा को हराया और सांसद बन गए.
एएस दुलत के खुलासे पर बवाल, पीडीपी ने बताया 'जम्मू-कश्मीर के साथ धोखा'
18 Apr, 2025 09:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत की आगामी किताब को लेकर जम्मू कश्मीर में सियासी उबाल मचा है. दुलत का दावा कि धारा 370 को हटाने में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला भी दिल्ली के साथ थे, इस पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी हमलावर है और जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा करार दिया है. वहीं, अब इसपर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर पलटवार किया है.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमला करते हुए सवाल किया कि क्या खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की एक किताब में उनके पिता के बारे में लिखी गईं बातें भी सच हैं?. उमर ने कहा, ‘यदि महबूबा मुफ्ती मानती हैं कि दुलत ने जो कुछ लिखा है वह सच है, तो क्या हमें भी उनकी पहली किताब में उनके पिता के बारे में लिखी गई बातों को सच मान लेना चाहिए?’ महबूबा मुफ्ती के पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे.
यह जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा- महबूबा
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने दुलत की 18 अप्रैल को आने वाली नई किताब (द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई) में फारूक अब्दुल्ला के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि वह रॉ के पूर्व प्रमुख दुलत की नई पुस्तक में फारूक अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 को हटाने का निजी तौर पर समर्थन करने के खुलासे से बेसुध नहीं हैं. लेकिन यह जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है.
ऐसे दोस्तों के होते दुश्मनों की क्या जरूरत- CM अब्दुल्ला
वहीं, इसपर सीएम अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘दुलत की पहली किताब में उनके पिता के बारे में लिखी गईं बातें भी सच हैं? अगर हम मानते हैं कि यह सच है, तो महबूबा जी लोगों को कैसे समझा सकती हैं? उन्हें कृपया इसका जवाब देना चाहिए.’ सीएम उमर ने दुलत की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि किताबों की बिक्री बढ़ाने के लिए तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना उनकी आदत है. ऐसे दोस्तों के होते हुए दुश्मनों की क्या जरूरत है.
गर्मी से बेहाल उत्तर भारत, कुछ राज्यों में हल्की बारिश की संभावना
18 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली एनसीआर समेत यूपी हरियाणा और पंजाब में गर्मी से हाल बेहाल हो रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में गरज चमक के साथ भारी बारिश होगी। इसके साथ ही, हरियाणा और पंजाब में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान में गर्मी परेशान करेगी, यहां तापमान 40 के ऊपर जाने को तैयार है।
यूपी के कई जिलों में आंधी-बारिश और ओलों से हुआ नुकसान
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार शाम आंधी-बारिश और ओलों ने फसलों का नुकसान तो किया ही, 11 लोगों की जान भी ले ली। मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को भी तेज आंधी और बारिश की संभावना है। बाराबंकी और अयोध्या में पांच-पांच तथा अमेठी में एक की मौत हुई है। खेतों में गेहूं की फसल गिर गई तो कटे बोझ भीग गए। कई जगह पेड़ व खंभे गिरने से यातायात बाधित हुआ। सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हो गई।
बाराबंकी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा में ओले गिरने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। आम की फसल भी प्रभावित हुई है।दोपहर बाद मौसम ने करवट ली। पहले तेज आंधी आई, फिर चमक-दमक के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। कहीं-कहीं बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई।
बाराबंकी में दो बच्चों की मौत
बाराबंकी में मुर्गी फार्म की टिन शेड व खंभा गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई तो टिन शेड गिरने की एक अन्य घटना में भी महिला और युवक की मौत हो गई। इसके अलावा दीवार गिरने से वृद्धा की जान चली गई।
उधर, अयोध्या में तेज आंधी-तूफान में अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में पांच महिलाओं की मौत हो गई। गेहूं काटने खेत में गईं तीन महिलाएं आंधी आने पर एक ट्रैक्टर-ट्राली के नीचे छिप गईं। तेज आंधी-बारिश से असंतुलित हुई ट्राली तीनों पर पलट गई। तीनों की मौत हो गई। एक अन्य घटना में गेहूं काटने गई महिला ने आंधी से बचने के लिए टिन शेड के नीचे शरण ली।
अमेठी में वज्रपात से एक महिला की मौत
वहीं पहले से एक बच्चा भी खड़ा था। दीवार सहित टिन शेड उनके ऊपर गिर गया। महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बच्चा घायल है। इसके अलावा दूसरी घटना में चहारदीवारी गिरने से एक वृद्धा की मौत हो गई। अमेठी में वज्रपात से एक महिला की मौत हो गई।
दिल्ली में छाए रहेंगे बादल
मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 39 और 25 डिग्री रह सकता है। शनिवार को दिन भर बादल छाए रहेंगे। 50 किमी तक प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चलेगी और हल्की वर्षा भी हो सकती है। शनिवार के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। मौसम के इस बदलाव से तापमान में भी गिरावट आएगी और अगले कई दिन बनी रहेगी।
हिमाचल में तूफान से कई पेड़ गिरे, दो लोगों की मौत
मौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल के कई इलाकों में भारी बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात कुछ देर के लिए आया तूफान प्रदेशभर में भारी नुकसान कर गया। हमीरपुर जिले के बड़सर में मजदूरों की झुग्गियों पर चीड़ का पेड़ गिरने से आठ साल के अभिषेक और सरकाघाट के बलद्वाड़ा के चंच्याणी गांव में हवा के दबाव से छत से गिरी सुमना देवी की एम्स बिलासपुर में मौत हो गई।
अभिषेक के पिता स्वर्ण साहनी निवासी दरभंगापुर जिला नारायणपुर (बिहार) घायल हुए हैं। इसके अलावा चलती गाड़ी पर पेड़ गिरने से दो लोग घायल हो गए। कांगड़ा जिले में गगल के समीप सनौरां में पेड़ गिरने से घायल हुए चार लोगों को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा से छुट्टी मिल गई है।
तूफान के कारण बिजली ठप
सिरमौर जिले के पांवटा साहिब-कालाअंब राष्ट्रीय राजमार्ग पर तूफान के बीच चालक सहित कार खाई में गिर गई। चालक रातभर खाई में पड़ा रहा। सुबह लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। तूफान के कारण पेड़ गिरने से बाधित बिजली आपूर्ति कई स्थानों पर अभी भी ठप है।
शिंदे की आलोचना मामले में कुणाल कामरा को नहीं मिली राहत
17 Apr, 2025 05:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चेन्नई: कॉमेडियन और अभिनेता कुणाल कामरा को मद्रास हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में यूट्यूब पर आलोचना करने के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को बंद कर दिया है.
दरअसल, पिछले साल महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन ने जीत हासिल की थी, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बने थे. कुणाल कामरा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे की शिवसेना को तोड़कर भाजपा गठबंधन में शामिल होने और उपमुख्यमंत्री बनने की आलोचना की थी.
इस वीडियो के बाद मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जिसके बाद कुणाल ने अग्रिम जमानत (दूसरे राज्य में दर्ज मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए दायर याचिका) की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कुणाल का कहना था कि वह विल्लुपुरम में रहते हैं और अगर वह मुंबई गए तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी, इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए.
मद्रास हाईकोर्ट ने पहले कुणाल कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी. हाल ही में न्यायाधीश सुंदर मोहन के समक्ष मामले की फिर से सुनवाई हुई. कुणाल कामरा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता वी. सुरेश ने अदालत को बताया कि कुणाल कामरा द्वारा उनके खिलाफ मामले को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि फैसला सुनाए जाने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम राहत दिए जाने के बाद, मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि अब इस मामले को आगे बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है और कुणाल कामरा द्वारा अग्रिम जमानत की मांग करने वाली याचिका को बंद कर दिया.
गुजरात में दो भीषण सड़क हादसे: पाटन में 6 की मौत, राजकोट में बस ने मचाई तबाही
17 Apr, 2025 05:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजकोट: गुजरात के दो अलग-अलग जिलों में हुए भीषण सड़क हादसे में कुल 10 लोगों के मारे जाने की खबर है. ये दोनों सड़क हादसे राजकोट और पाटन जिले में हुई. पुलिस के मुताबिक, पाटन के सामी-राधनपुर राजमार्ग पर राज्य परिवहन निगम की बस ने ऑटोरिक्शा को टक्कर मार दी. इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई. दुर्घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया. सड़क हादसे की सूचना मिलने पर विधायक लविंगजी ठाकोर और उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. सभी मृतक राधनपुर के वादी कॉलोनी के बताए जा रहे हैं.
राजकोट में भीषण सड़क हादसा
गुजरात के राजकोट शहर में बुधवार को स्थानीय नगर निगम के लिए संचालित एक इलेक्ट्रिक बस ने यातायात सिग्नल से गुजरते समय कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है. इस दुर्घटना में चार लोग घायल बताए जा रहे हैं. CCTV फुटेज से पता चला है कि बस '150 फुट रिंग रोड' पर इंदिरा सर्किल के पास सिग्नल पर नहीं रुकी. इस दौरान बस ने 2 रिक्शा और फिर 7 से 8 दुपहिया वाहनों को टक्कर मार दी.
सिग्नल तोड़ती बस ने ली 4 जानें
इस घटना में सिटी बस के पहिये से कुचले जाने के कारण चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. CCTV फुटेज में बस को बिना रुके तेजी से सिग्नल पार करते हुए देखा गया. आशंका है कि, यह भीषण हादसा ड्राइवर के ब्रेक नहीं लगाने या फिर वाहन का ब्रेक फेल होने की वजह से हुई होगी. पुलिस जांच के बाद सही कारणों का पता चलेगा. आरएमसी ने बस चालक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं तथा जांच पूरी होने के बाद बस संचालन के लिए जिम्मेदार संबंधित निजी एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. मृतकों की पहचान आरएमसी कर्मचारी राजू गिडा (35), संगीता चौधरी (40), चिन्मय भट्ट (25) और किरण कक्कड़ (56) के रूप में की गई है.
नागरिक विमानन में भारत की उड़ान तेज़, 2026 तक रचेगा नया इतिहास
17 Apr, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हवाई अड्डों के समूह एयरपोर्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (AIC) ने बुधवार को कहा कि भारत 2026 में हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर में पड़ोसी देश चीन से आगे निकल जाएगा।
भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी
AIC का अनुमान है कि भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में एक भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर इस साल 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के लिए निर्धारित 12 प्रतिशत से कम है।
भारत की तुलना में पड़ोसी देश का विमानन बाजार काफी बड़ा है। AIC के एशिया-प्रशांत और मध्य पूर्व के महानिदेशक स्टेफनो बैरोन्सी ने कहा कि भारत एक ऐसा बाजार है जो विकसित हो रहा है और अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की प्रक्रिया में है।
भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत रहेगी
AIC एशिया-प्रशांत और पश्चिमी एशिया के 600 से अधिक एयरपोर्ट का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अनुमानों के अनुसार, भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत और 2027 में 10.3 प्रतिशत होगी, जबकि चीन की वृद्धि दर क्रमश: 8.9 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत होगी।
चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा
AIC के अनुसार, 2023-27 के लिए भारत में हवाई यात्री यातायात के लिए चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के 8.8 प्रतिशत से अधिक है। भारत 2023-2053 की अवधि के लिए 5.5 प्रतिशत सीएजीआर के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार होगा, जबकि चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा।
वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं
भारतीय विमानन बाजार के लिए उच्च विकास संभावनाओं को दर्शाते हुए, AIC ने कहा कि 2043 में देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक यात्राएं 2023 के 0.1 की तुलना में 0.4 होंगी। वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं।
सपरिवार भारत आएंगे जेडी वेंस, पत्नी ऊषा और बच्चों के साथ करेंगे ताजमहल का दीदार
17 Apr, 2025 11:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी ऊषा (पहली भारतीय-अमेरिकी मूल की द्वितीय महिला) 18 अप्रैल को भारत दौरे पर आ रहे हैं।
टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे भारत और अमेरिका
18 से 24 अप्रैल तक के इस दौरे में वेंस दंपती भारत के बाद इटली के दौरे पर जाएंगे। अपने भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे और संभवत: टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे।
विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल
ट्रंप प्रशासन के टैरिफ लगाने के ऐलान से विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल देखी जा रही है। ऐसे माहौल में पीएम मोदी और अमेरिकी उप राष्ट्रपति वेंस की यह मुलाकात खासी अहम मानी जा रही है।
जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे वेंस
सूत्रों के अनुसार वेंस दंपती अपने तीनों बच्चों इवान, विवेक और मीराबेल के साथ भारत आएंगे, जहां वह नई दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अनुसार उप राष्ट्रपति हरेक देश के नेताओं से वरीयता के आधार पर साझा आर्थिक और भूराजनीतिक विषयों पर चर्चा करेंगे।
उप राष्ट्रपति वेंस प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, उप राष्ट्रपति का परिवार उनके साथ नई दिल्ली, जयपुर और आगरा के सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेगा।
दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे
हालांकि वेंस की यह अपेक्षाकृत अधिक निजी यात्रा होगी लेकिन द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे। अमेरिकी नेशनल इंटेलीजेंस (डीएनआइ) की निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा के तुरंत बाद जेडी वेंस भारत जाने वाले दूसरे बड़े अमेरिकी नेता हैं।
अगले साल फरवरी-मार्च में तेजस-Mk2 की पहली उड़ान, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत
17 Apr, 2025 10:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई : हाल ही में कुछ मीडिया आउटलेट्स ने डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत के हवाले से कहा कि तेजस MkII की पहली उड़ान "6-12 महीनों" के भीतर होगी. जिससे अक्टूबर 2025 की शुरुआत में उड़ान की अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.
कैसे होगा तेजस एमके2 का प्रोडक्शन टाइमलाइन?
1. रोलआउट: अक्टूबर-नवंबर 2025… प्रोटोटाइप असेंबली लाइन से बाहर आएगा, जिससे इंजन ग्राउंड रन और सिस्टम जांच शुरू होगी.
2. टैक्सी ट्रायल: दिसंबर 2025-फरवरी 2026… निम्न और उच्च गति टैक्सी परीक्षण विमान के सिस्टम को मान्य करेंगे.
3. पहली उड़ान: फरवरी-मार्च 2026… पहली उड़ान बुनियादी उड़ान विशेषताओं का परीक्षण करेगी.
4. उत्पादन: 2028-2029 से शुरू, सालाना 18 इकाइयां.
तेजस MkII एक उन्नत 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो तेजस MkI और पांचवीं पीढ़ी के AMCA के बीच की खाई को पाटने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें शक्तिशाली F414-INS6 इंजन, उत्तम AESA रडार और उन्नत हथियार सूट है. 2035 तक 120-180 इकाइयों को शामिल करने की योजना है, जो पुराने लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे.
जानिए तेजस Mk2 का खासियत
तेजस मार्क 2 में नाइट विजन चश्मे से जुड़ा हुआ कॉकपिट होगा. यानी रात के समय या अंधेरे में भी इस फाइटर जेट से दुश्मन टारगेट पर हमला किया जा सके. इसमें HOTAS यानी हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक की व्यवस्था होगी. यानी जिस लीवर से फाइटर जेट कंट्रोल किया जाएगा, उसी से हथियार भी चलेंगे.
2223 km प्रतिघंटा की रफ्तार से चीरेगा आसमान
यह अधिकतम 2223 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ेगा. इसकी रेंज करीब 2500 किलोमीटर होगी. अधकितम 56,758 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर पाएगा. इस फाइटर जेट में 30 मिलिमीटर की एक GSh-30-1 गन लगी होगी. यह गन एक मिनट में 1500-1800 गोलियां दाग सकती है. जिसकी रेंज 200 से 1800 मीटर होगी.
एक से एक घातक हथियारों से किया जाएगा लैस
इस गन के अलावा इस फाइटर जेट पर 13 हार्डप्वाइंट्स होंगे. यानी 13 एक जैसे या अलग-अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें पांच तरह के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. जैसे- MICA, ASRAAM, Meteor, Astra और NG-CCM. इनकी तैनाती लगभग तय मानी जा रही है.
इनके अलावा हवा से सतह पर मार करने वाली चार मिसाइलें लगाई जाएंगी. जिनमें ब्रम्होस-एनजी ALCM, LRLACM, स्टॉर्म शैडो और क्रिस्टल मेज शामिल हैं. यही नहीं इनके अलावा इसमें एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 1/2/3 लगाने की भी योजना है. इसके अलावा इसमें चार प्रेसिशन गाइडेड बम एक लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर म्यूनिशन, लॉयटरिंग म्यूनिशन CATS ALPHA और अनगाइडेड बम लगाए जाएंगे.
वक्फ एक्ट 2025: सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दिन लंबी बहस
17 Apr, 2025 10:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट 2025 को लेकर सुनवाई चल रही है और इसके पहले ही दिन लंबी बहस चली. बुधवार को सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के पक्ष में केंद्र की ओर से पेश की गई उस दलील पर कड़ा संज्ञान लिया कि जिसके अनुसार, हिंदू जजों की बेंच को वक्फ से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई नहीं करनी चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच वक्फ एक्ट 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों के नामांकन की अनुमति देने वाले संशोधन अधिनियम (धारा 9 और 14) के प्रावधानों पर सवाल उठाया. सीजेआई खन्ना ने सवाल किया कि क्या हिंदू धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करने वाले बोर्डों में मुसलमानों को शामिल किया जा सकता है.
क्या अल्पसंख्यकों को शामिल किया जाएगाः CJI खन्ना
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा, “क्या आप ये सुझाव दे रहे हैं कि मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों को भी हिंदू धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन करने वाले बोर्ड में शामिल किया जाना चाहिए? कृपया इस पर खुलकर बताएं.”
इस पर मामले में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना बहुत ही सीमित है और इन निकायों की मुख्य रूप से मुस्लिम संरचना को प्रभावित नहीं करता है. सिर्फ 2 गैर-मुस्लिमों को ही शामिल किया जा सकता है, जबकि बोर्ड और परिषदों में अभी भी बहुसंख्यक मुस्लिम ही होंगे.
तो बेंच भी इस मामले की सुनवाई नहीं कर पाएगीः SG मेहता
उन्होंने यह भी कहा कि तार्किक रूप से देखा जाए तो गैर-मुस्लिम भागीदारी पर आपत्ति न्यायिक निष्पक्षता तक पहुंच सकती है और इस हिसाब से बेंच स्वयं मामले की सुनवाई करने को लेकर अयोग्य हो जाएगी. उनका कहना है कि यदि वैधानिक बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की उपस्थिति पर आपत्ति स्वीकार कर ली जाती है, तो वर्तमान बेंच भी मामले की सुनवाई नहीं कर पाएगी.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “तो, यदि हम उस तर्क पर चलते हैं, तो माननीय न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते.” इस बयान पर सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, “नहीं, माफ कीजिए मिस्टर मेहता, हम सिर्फ न्याय निर्णय की बात नहीं कर रहे हैं. जब हम यहां बैठते हैं, तो हम अपना धर्म खो देते हैं, हम पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष होते हैं. हमारे लिए, यह एक पक्ष या दूसरा पक्ष एक जैसा ही होता है.”
गवर्निंग बोर्ड की तुलना जजो के साथ कैसेः CJI खन्ना
उन्होंने आगे कहा, “जब हम धार्मिक मामलों की देखरेख करने वाली परिषद से निपट रहे होते हैं, तो समस्याएं पैदा हो सकती हैं. मान लीजिए, कल किसी हिंदू मंदिर में एक रिसीवर की नियुक्ति की जानी है या कोई प्रबंधन ट्रस्ट है. सभी हिंदू उस गवर्निंग बोर्ड के सदस्य हैं. आप इसकी तुलना जजों से कैसे कर रहे हैं, यह कहते हुए कि जज अलग-अलग समुदायों या बैकग्राउंड से होने चाहिए.”
एसजी मेहता ने स्पष्ट किया कि उनका यह सुझाव देने का इरादा नहीं था कि जज अलग-अलग बैकग्राउंड से होने चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक सलाहकार बोर्ड है. इस पर सीजेआई ने सुझाव दिया कि अगर यह एक सलाहकार बोर्ड है, तो इसमें मुस्लिम सदस्यों की बहुलता क्यों नहीं होनी चाहिए. मेहता ने संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट का भी हवाला दिया और कहा कि समिति ने स्पष्ट किया था कि पदेन सदस्यों को छोड़कर, गैर-मुस्लिमों की अधिकतम संख्या 2 होगी. मेहता ने कहा, “22 में से केवल दो गैर-मुस्लिम होंगे.”
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती: पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बोले ‘ आपके लिए देशहित रहा सर्वोपरि’
17 Apr, 2025 10:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ, 17 अप्रैल । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की जयंती के अवसर पर लोग उन्हें याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इन नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए चंद्रशेखर जी के राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समानता और जन कल्याण के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने अपनी राजनीति में देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण के उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, “शोषितों एवं वंचितों के प्रखर स्वर, लोकप्रिय राजनेता एवं राष्ट्रवादी चिंतक, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! राष्ट्र निर्माण, सामाजिक न्याय और जन कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हम सभी के लिए पाथेय है।”
वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा, “प्रखर वक्ता, लोकप्रिय जननेता तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर जी की जयंती पर शत-शत नमन।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की जयंती पर कोटिशः नमन। आप जीवन पर्यंत सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर रहे। पिछड़े और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित आपका जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है।”
चंद्रशेखर जी के बेटे नीरज शेखर ने अपने पिता को याद करते हुए एक्स पर लिखा, “दृढ़ संकल्प, अपार साहस और अटल ईमानदारी के प्रतीक, पूज्यनीय पिता श्री, पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय चंद्रशेखर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन। आपकी विचारधारा, कर्मठता और निस्वार्थ सेवाभाव आज भी हम सभी को प्रेरणा देते हैं। राष्ट्र निर्माण की राह में आपका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।”
समाजवादी पार्टी ने भी चंद्रशेखर जी को याद किया। सपा ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, “समाजवादी नेता, प्रखर वक्ता एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर सिंह जी की जयंती पर शत-शत नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि।”
लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने एक्स पर लिखा, “अपनी स्पष्टवादिता एवं निर्भीक छवि के कारण भारतीय राजनीति में विशिष्ट पहचान बनाने वाले प्रख्यात राजनेता, भारत के 8वें प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। मूल्य आधारित राजनीति को समर्पित आपका जीवन सत्य, साहस और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”
SC ने वित्त अधिनियम 2017 के क्रियान्वयन पर जताई नाराजगी
17 Apr, 2025 10:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने कल बुधवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि जब कोई कानून होता है, तो उसे लागू किया जाना चाहिए. साथ ही, उसने वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों के असंतोषजनक कार्यान्वयन पर चिंता जताई जिसमें नकद लेन-देन की सीमा 2 लाख रुपये तक सीमित कर दी गई थी. कोर्ट ने साफ कर दिया कि 2 लाख से ऊपर के लेन-देन का मामला सामने आने के बाद आयकर विभाग एक्शन ले सकता है और वह छापा भी मार सकता है.
इस संबंध कई निर्देश जारी करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा कि जब भी ऐसा कोई केस आता है, तो अदालतों को अधिकार क्षेत्र वाले आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी चाहिए, ताकि कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करके उचित कदम उठाया जा सके. इससे पहले सरकार ने वित्त अधिनियम 2017 के जरिए 1 अप्रैल, 2017 से 2 लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया.
यह IT Act की धारा 269ST का उल्लंघन- SC
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि एडवांस पेमेंट के रूप में 10 अप्रैल, 2018 को 75 लाख रुपये कैश के जरिए दिए गए थे.
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह केस न केवल लेन-देन के बारे में संदेह पैदा करता है, बल्कि कानून का उल्लंघन भी दर्शाता है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जब भी कोई केस दायर किया जाता है, जिसमें दावा किया जाए कि किसी लेन-देन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान कैश के रूप में किया गया है, तो अदालतों को लेन-देन और आयकर अधिनियम की धारा 269ST के उल्लंघन की पुष्टि करने के लिए अधिकार क्षेत्र वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए.
बड़े लेन-देन की जानकारी IT प्राधिकरण को दी जाए- SC
देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा, “हालांकि संशोधन 1 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हो गया है, लेकिन हम वर्तमान केस से यह पाते हैं कि इसमें कोई खास बदलाव नहीं आया है. जब कोई कानून होता है, तो उसे लागू करना होता है.” कोर्ट ने आगे कहा, “ज्यादातर मौकों पर देखा गया है कि ऐसे लेन-देन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है या आयकर अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाया जाता है.”
बेंच ने कहा, “यह स्थापित स्थिति है कि वास्तव में अज्ञानता क्षम्य है, हालांकि कानून में अज्ञानता क्षम्य नहीं होती है.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 269 एसटी 2 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन को डिजिटल बनाकर काले धन पर अंकुश लगाने के लिए पेश की गई थी और अधिनियम की धारा 271 डीए के तहत समान राशि का जुर्माना लगाने का विचार किया गया था.” कोर्ट ने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने नकद लेन-देन को सीमित करने और डिजिटल इकोनॉमी की ओर आगे बढ़ना उचित समझा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालने वाली काली अर्थव्यवस्था पर अंकुश लगाया जा सके. वित्त विधेयक, 2017 को पेश करने के दौरान बजट भाषण का संदर्भ देना उपयोगी होगा…”
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि जब भी कोर्ट या अन्य किसी माध्यम के जरिए ऐसी कोई सूचना मिलती है, तो क्षेत्राधिकार आयकर प्राधिकरण कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उचित कदम उठाएगा. कोर्ट के अनुसार, “जब भी रजिस्ट्रेशन के लिए पेश किए गए दस्तावेज में किसी अचल संपत्ति के ट्रांसफर के लिए कैश में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि का भुगतान किए जाने का दावा किया जाता है, तो क्षेत्राधिकार सब रजिस्टार को क्षेत्राधिकार आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी चाहिए, जो कोई भी कार्रवाई करने से पहले कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करेगा.