देश
उज्जैन से बैद्यनाथ तक गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे
26 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज देशभर में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। उज्जैन से लेकर बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। शिवरात्रि का बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।
महाशिवरात्रि के अवसर पर उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आरती की गई। साथ ही महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में विशेष भस्म आरती की गई।
काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती की गई
महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं, महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती की गई।
दिल्ली और गाजियाबाद के शिव मंदिरों में पहुंच रहे भक्त
महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा करने के लिए महिपालपुर के शिव मूर्ति मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी और गाजियाबाद के महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा-अर्चना के लिए श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भारी भीड़
महाराष्ट्र के नासिक में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
केंद्रीय मंत्री पहुंचे उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सुबह की आरती में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के पवित्र दिन पर महाकाल के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। यहां व्यवस्था बहुत अच्छी है। हम प्रार्थना करते हैं कि देश की और भी बेहतर सेवा करने की शक्ति मिले।
अरविंद केजरीवाल की नई पारी: पंजाब से राज्यसभा जाने की चर्चाएं, AAP नेता ने किया खंडन
25 Feb, 2025 06:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और नई दिल्ली सीट अरविंद केजरीवाल की हार के बाद अब उनके सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. केजरीवाल अपनी नई पारी का आगाज पंजाब से कर सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वे पंजाब से राज्यसभा जा सकते हैं. हालांकि अब तक इस बात को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है और पंजाब के ज्यादातर आम आदमी पार्टी के नेता, प्रवक्ता और सरकार के मंत्री इस बात को नकार रहे हैं. अरविंद केजरीवाल राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की जगह ले सकते हैं. वहीं संजीव अरोड़ा उप-चुनाव के जरिए राज्य की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं. खबरें हैं कि संजीव अरोड़ा आगामी लुधियाना पश्चिम सीट से विधानसभा उप-चुनाव लड़ सकते हैं. लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट विधायक गुरप्रीत गोगी के अकस्मात निधन की वजह से खाली हुई है. संजीव अरोड़ा पंजाब के एक बड़े बिजनेसमैन है और लुधियाना से भी संबंध रखते हैं. अरविंद केजरीवाल के साथ भी उनकी काफी नजदीकी मानी जाती है.
आम आदमी पार्टी ने दावों को नकारा
पंजाब विधानसभा का सत्र जारी है और इस मामले को लेकर पंजाब की राजनीति भी गरमा गई. जिसके बाद पंजाब सरकार के मंत्रियों और पार्टी के प्रवक्ताओं की फौज इस खबर का खंडन करने के लिए सामने आ गई. अरविंद केजरीवाल को पंजाब के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की सीट खाली करवा कर राज्यसभा भेजे जाने की खबरों को आम आदमी पार्टी ने नकार दिया है.
पंजाब के माइनिंग मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि ये महज अफवाह है जो कि कुछ विपक्षियों द्वारा फैलाई जा रही है ऐसी कोई बात अब तक पार्टी के पटल पर नहीं आई है और ना ही इस पर चर्चा हुई है.वहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब के मुख्य प्रवक्ता नील गर्ग ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि अब तक पार्टी के लेवल पर इस तरह की कोई चर्चा ना तो हुई है और ना ही उनके पास ऐसी कोई जानकारी है.
पार्टी बोली- विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तक का मुद्दा उठा रही
पंजाब के वित्त मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता हरपाल चीमा ने कहा कि पार्टी के स्तर पर अभी तक इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई है. हरपाल चीमा ने कहा कि विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा है. विपक्ष के नेता विधानसभा के अंदर कोई मुद्दा उठा नहीं सकते ना ही कुछ बोल सकते हैं इसलिए इस प्रकार के मुद्दे गुमराह करने के लिए उठा रहे हैं.
वहीं पठानकोट से बीजेपी विधायक और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पीछे के दरवाजे से पंजाब में लाने की तैयारी की जा रही है और इसी वजह से उनको राज्यसभा में पंजाब से भेजे जाने की चर्चा है, लेकिन ये पंजाब के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा होगा क्योंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी को मैंडेट भगवंत मान के चेहरे पर मिला था ना कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे लोगों के चेहरे पर जोकि दिल्ली में चुनाव हार गए हैं और अब पंजाब में राजनीति और पावर के लिए आना चाहते हैं. अश्विनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पावर हंगरी आदमी है और वो सत्ता में आने के लिए ये सब कर रहे हैं.
बाजवा बोले- पिछले दरवाजे से पंजाब की सत्ता में दाखिल होना चाहते हैं
वहीं, कांग्रेस ने भी अरविंद केजरीवाल के पंजाब से राज्यसभा जाने के मामले पर कहा कि वो तो पहले से ही कह रहे हैं कि दिल्ली के नेता पंजाब को ओवरटेक करना चाहते हैं. पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वो ये बात पहले भी कह चुके हैं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब की सत्ता अपने हाथों में लेना चाहते हैं और अब ये बात साफ है कि केजरीवाल पिछले दरवाजे से पंजाब की सत्ता में दाखिल होना चाहते हैं.
वहीं कांग्रेस विधायक और पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में आकर सीधे चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते जनता उन्हें मैंडेट दे देगी और पता लग जाएगा कि क्या वो पंजाब में राज कर सकते हैं या नहीं. परगट सिंह ने कहा कि भगवंत मान तो अपने किले यानी अपनी सरकारी कोठी में कैद है जबकि पूरी पंजाब सरकार तो अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली की टीम ही चल रही है.
तेलंगाना के श्रीशैलम SLBC सुरंग में हादसा, 8 मजदूर फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
25 Feb, 2025 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में ऊपरी हिस्सा ढहने से 8 मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें से 2 यूपी, 4 झारखंड, 1 जम्मू-कश्मीर और 1 मजदूर पंजाब का रहने वाला है. बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. हालांकि, अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. सेना के साथ ही एनडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाल रखा है. इस बीच तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि देश की 10 बड़ी एजेंसियों के साथ ही बैठक की है. बता दें कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल में ये हादसा शनिवार को हुआ था. आज चौथा दिन है. अभी भी आठ लोग अंदर फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए जीएसआई और एनजीआरआई के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है. उधर, नागरकुरनूल के डीएम बी. संतोष ने कहा कि आगे कोई भी कदम उठाने से पहले टनल की स्थिरता पर फोकस किया जाएगा. पानी निकालने का काम जारी है.
अब तक हम मजदूरों से संपर्क नहीं कर पाए हैं
बी संतोष ने बताया कि अब तक हम टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क नहीं कर पाए हैं. हम भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और कुछ अन्य लोगों की सलाह ले रहे हैं. अभी पानी निकाला जा रहा है. रेस्क्यू टीम आगे बढ़ रही है लेकिन आखिरी 40 या 50 मीटर तक हम नहीं पहुंच पाए हैं. जीएसआई और एनजीआरआई के साथ ही एलएंडटी के एक्सपर्ट भी यहां पहुंच चुके हैं.
उन्होंने कहा, रेस्क्यू टीम आखिरी 50 मीटर तक नहीं जा पा रही हैं. इसी जगह 8 लोग फंसे हुए हैं. वहां कीचड़ और मलबा जमा हो गया है. जीएसआई और एनजीआरआई के अलावा एलएंडटी के एक आस्ट्रेलियाई एक्सपर्ट को भी मौके पर बुलाया गया है. उन्हें टनल संबंधी कार्यों का बड़ा अनुभव है.
मजदूरों के बचने की संभावना बहुत कम
बताया जा रहा है कि सेना, नौसेना, सिंगरेनी कोलियरीज और अन्य एजेंसियों के 584 कुशल कर्मियों की एक टीम ने 7 बार सुरंग का निरीक्षण किया है. उन्होंने बताया कि मेटल रॉड को काटने के लिए लगातार गैस कटर का यूज किया जा रहा है. इससे पहले तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार को कहा था कि सुरंग में फंसे मजदूरों के बचने की संभावना बहुत कम है.
सुप्रीम कोर्ट में असम के मटिया ट्रांजिट कैंप मामले की सुनवाई, 21 मार्च तक टली
25 Feb, 2025 05:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
असम के मटिया ट्रांजिट कैंप में 270 विदेशी नागरिकों के डिपोर्ट न किए जाने के मामले को लेकर मंगलवार (25 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है और फैसला 21 मार्च तक लिया जाएगा. इसलिए 21 मार्च तक सुनवाई टाल दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का अनुरोध स्वीकार कर लिया और सुनवाई 21 मार्च तक के लिए टाल दी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने पहले के दिए निर्देश के पालन को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा. वहीं आज तारीख न बताए जाने पर कोर्ट ने 21 मार्च की डेडलाइन तय कर दी. केंद्र की तरफ से कहा गया कि मामले पर विचार-विमर्श जारी है और इसके लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है.
निर्वासन के मुद्दे को उच्चतम स्तर पर निपटाया जा रहा
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अपील पर जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने आज सुनवाई स्थगित कर दी. वहीं इससे पहले बेंच ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि विदेशियों के निर्वासन के मुद्दे को उच्चतम स्तर पर निपटाया जा रहा है, अगर समय मिलता है, तो वह इसे लेकर अधिकारिक फैसले को रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे. SG ने इस मामले पर केंद्र की प्रतिक्रिया बताने के लिए अधिक समय की मांग थी. सोमवार को उन्होंने कोर्ट को आश्वासन देते हुए 2 हफ्ते का और समय मांगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट विदेशियों को निर्वासित करने के बजाय उन्हें अनिश्चितकाल तक कैद में रखने को लेकर असम सरकार को फटकार भी लगा चुका है. कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या सरकार उन्हें वापस भेजने के लिए किसी मुहूर्त का इंतजार कर रही है. बेंच ने कहा था कि असम तथ्यों को छिपा रहा है और हिरासत में लिए गए लोगों के विदेशी होने की पुष्टि होते ही उन्हें तत्काल निर्वासित कर दिया जाना चाहिए.
बेंच ने असम सरकार से कहा था कि आपने यह कहकर निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करने से इनकार कर दिया कि नागरिकों के पते मालूम नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कहा कि यह हमारी चिंता क्यों होनी चाहिए? आप नागरिकों को उनके देश भेज दें. क्या आप किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं?.
कोर्ट ने असम सरकार की इस सफाई पर आश्चर्य जताया कि वह विदेश मंत्रालय को राष्ट्रीयता सत्यापन फॉर्म इसलिए नहीं भेज रही है, क्योंकि विदेश में बंदियों का पता मालूम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह अब तक निर्वासित किए गए लोगों की सजानकारी दे, साथ ही यह भी बताए कि वह आगे इस तरह के बंदियों के मामले में कैसे निपटेगा, जिनकी राष्ट्रीयता अज्ञात है.
1984 सिख दंगे: सज्जन कुमार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई
25 Feb, 2025 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 के सिख दंगे से जुड़े मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. सज्जन सिंह पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से इन्हीं सिख दंगों से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. सज्जन कभी दिल्ली में चाय की दुकान चलाया करते थे. सियासत में कदम रखने के बाद राजनीतिक बुलंदी को छुआ. सिख दंगे में उम्रकैद की सजा पाने वाले सज्जन कुमार आखिरकार कौन हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसे आगे बढ़ा? दिल्ली में एक चाय की दुकान से लेकर निगम पार्षद और लोकसभा सांसद तक का सफर तय करने वाले सज्जन कुमार की एक समय तूती बोलती थी. निगम पार्षद के चुनाव से संजय गांधी की नजर में आए और फिर सियासत में पलटकर नहीं देखा. 1994 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगे में सज्जन कुमार का अहम रोल रहा था.
सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा
सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगे से जुड़े एक और मामले में दोषी पाए जाने के बाद उम्रकैद की सजा दी गई है. यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार में भीड़ को भड़काने से जुड़ा है, जिसमें जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या हुई थी. अभियोजन पक्ष ने कहा था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को उकसाकर बड़े स्तर पर सिखों के घरों-दुकानों पर लूट और आगजनी कराई. इसी दौरान एक घर में लूट और आग लगाने से पहले भीड़ ने सिख समुदाय के दो लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया था. इसी मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई है. इसके अलावा सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक दूसरे मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 2018 में सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वो तिहाड़ जेल में बंद हैं
जानें कौन हैं सज्जन कुमार
कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार का जन्म बाहरी दिल्ली के एक जाट परिवार में हुआ है. सज्जन कुमार का जन्म 23 सितंबर 1945 को हुआ. उनके पिता का नाम रघुनाथ सिंह है. सज्जन कुमार ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है और अपने परिवार के भरण पोषण के लिए दिल्ली में चाय की छोटी दुकान चलाते थे. जाट परिवार से होने के नाते दबंग माने जाते थे, जिसके चलते सियासत से जुड़ गए. दिल्ली में नगरपालिका का चुनाव जीतकर राजनीति में आए. इसी दौरान सज्जन कुमार पर संजय गांधी की नजर पड़ी. फिर धीरे-धीरे संजय गांधी के करीब आ गए.
1977 में सज्जन कुमार ने दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सबको चौंका दिया. उन्होंने दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री रहे ब्रह्म प्रकाश को चुनाव में हरा दिया था. बाहरी सीट से सज्जन कुमार सांसद चुने गए, जिसके बाद संजय गांधी की नजर में उनकी सियासी अहमियत और भी ज्यादा बढ़ गई. संजय गांधी की कांग्रेस में उस समय तूती बोला करती थी. ऐसे में सज्जन कुमार उनके करीबी नेताओं में गिने जाने लगे. संजय गांधी ने सज्जन कुमार को पार्टी में अहम भूमिका सौंपी थी.
सिख दंगों में सज्जन कुमार की भूमिका
1984 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके सिख बॉडी गार्ड ने गोली मारी, जिसके बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में सिख विरोधी दंगा शुरू हो गया. इस दंगे में सैकड़ों सिख मारे गए. 1984 के सिख विरोधी दंगों में जिन लोगों के नाम सामने आए, उनमें सज्जन कुमार भी एक थे. सज्जन कुमार पर भीड़ को उकसाने के आरोप लगे. इसके अलावा सज्जन कुमार पर गुरुद्वारा में आग लगाने, डकैती और सिखों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने सहित तमाम आरोप लगे.
सज्जन कुमार का नाम दिल्ली में सिखों के खिलाफ दंगों को भड़काने में आता है. खासकर दिल्ली के सुल्तानपुरी, मंगलोपुरी, कैंट और पालम कॉलोनी जैसे इलाकों में. दंगों के पीड़ितों के मुताबिक, 1 नवंबर 1984 को दिल्ली में भीड़ को संबोधित करते हुए सज्जन कुमार को कहते सुना गया था- ‘हमारी मां मार दी, सरदारों को मार दो.’ सज्जन सिंह के खिलाफ दायर मामलों में कई गवाहों ने अपने बयान में कहा कि सज्जन सिंह ने निजी तौर पर सिखों के घरों की पहचान करवाकर भीड़ को हमले के लिए उकसाया था. आरोप ये भी थे कि सज्जन सिंह के समर्थकों ने दिल्ली में वोटर लिस्ट के जरिए सिखों के घर और बिजनेस की पहचान की और उनमें तोड़फोड़ की या आग लगा दी और कई सिखों को उनके घरों से निकालकर मारा गया था.
हीरा सिंह सज्जन को सियासत में लाए
सज्जन कुमार की एक समय दिल्ली की सियासत में तूती बोलती थी. दिल्ली में वो लंबे सालों तक कांग्रेस पार्टी के भीतर किंगमेकर की भूमिका में रहे. सिख विरोधी दंगे के चलते सज्जन कुमार की पहचान एक वक्त दिल्ली में दबंग नेता के रूप में भी होती थी. सज्जन कुमार को भले ही आगे संजय गांधी ने बढ़ाया हो लेकिन सियासत में उन्हें चौधरी हीरा सिंह लेकर आए थे. सज्जन कुमार चाय की दुकान चलाया करते थे लेकिन उन्हें निगम पार्षद के चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिलाने में चौधरी हीरा सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी.
हीरा सिंह जाट समुदाय के उस वक्त बड़े नेता माने जाते थे. हीरा सिंह ने कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के जरिए सज्जन कुमार को पार्षद का टिकट दिलवाया. निगम चुनाव में सज्जन कुमार की जीत भी हुई और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो बाहरी दिल्ली सीट से जीतकर तीन बार लोकसभा भी पहुंचे. 77 में जब देश में कांग्रेस विरोधी लहर चली उसका असर दिल्ली में भी हुआ.
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी काफी कमजोर हो गई. इसके बाद दिल्ली में सज्जन कुमार को अगले चुनाव में लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया और वो बाहरी दिल्ली से जीत गए. इस चुनाव में सज्जन कुमार की जीत बड़ी थी. सज्जन कुमार ने दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री और दिल्ली के शेर कहे जाने वाले चौधरी ब्रह्म प्रकाश को मात दी थी. हालांकि, 1984 में सिख विरोधी दंगों के बाद पार्टी ने अगले चुनाव में टिकट काट दिया. 1991 के चुनाव में उन्हें फिर टिकट मिला और वो जीतकर लोकसभा पहुंचे.
सज्जन कुमार ने 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेता साहिब सिंह वर्मा को शिकस्त देते हुए बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से जीत हासिल की. इसके बाद उन्हें 2004 में फिर कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया और वो चुनाव जीतने में सफल रहे लेकिन 2009 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सज्जन कुमार राजनीति से दूर चले गए.
साल 2009 की बात है जब सज्जन कुमार पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया लेकिन सिख पत्रकार की ओर से तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम की ओर जूता उछाले जाने की घटना के बाद पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. सज्जन कुमार अपने भाई रमेश कुमार को दक्षिण दिल्ली से टिकट दिलाने में कामयाब रहे और रमेश कुमार ने जीत भी हासिल की. हालांकि, 2014 के चुनाव में रमेश कुमार को हार का सामना करना पड़ा और उसके बाद के चुनाव में सज्जन कुमार के भाई को टिकट भी नहीं मिला. 2018 में सज्जन कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया.
कांग्रेस का जाट चेहरा माने जाते थे
सज्जन कुमार कांग्रेस का जाट चेहरा माने जाते थे. दिल्ली के जाट समाज के बीच उनकी मजबूत पकड़ रही है. सज्जन कुमार अपने सियासी रसूख के दम पर दिल्ली में शीला दीक्षित तक के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया था. शीला दीक्षित लाख कोशिशों के बाद भी सज्जन कुमार की सियासत पर ब्रेक नहीं लगा सकीं. कांग्रेस उन्हें दिल्ली ही नहीं हरियाणा और पश्चिमी यूपी की सियासत में भी जाट चेहरे के तौर पर पेश करती रही लेकिन सिख दंगे के चलते कांग्रेस ने फिर दूरी बनानी शुरू कर दी.
सज्जन कुमार के नाम को लेकर जब कांग्रेस की आलोचना हुई तो उन्होंने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. वक्त ने उन्हें ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया कि दिल्ली की सियासत में गुमनाम की तरह हो गए हैं.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र पर हमला बोला, तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति लागू करने से किया इंकार
25 Feb, 2025 03:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एमके स्टालिन : नई शिक्षा नीति को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि उनका राज्य एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार है, क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के माध्यम से कथित हिंदी थोपने को लेकर केंद्र के साथ तनाव बढ़ रहा है. हिंदी को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच जुबानी जंग और तीखी हो गई. उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर राज्य में नई शिक्षा नीति लागू नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने केंद्र पर शिक्षा का राजनीतिकरण करने और राज्य से महत्वपूर्ण पैसा रोकने का आरोप लगाया है. स्टालिन ने साफ किया कि वे तमिलनाडु एनईपी पर हस्ताक्षर करेंगे. भले ही कुछ हो जाए.
2000 करोड़ के लिए अधिकार नहीं छोड़ सकते- स्टालिन
स्टालिन ने कहा कि हम 2,000 करोड़ के लिए अपने अधिकारों को नहीं छोड़ सकते हैं, अगर ऐसा करते हैं तो तमिल समाज 2000 साल पीछे चला जाएगा. उन्होंने कहा कि मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन कभी ऐसा पाप नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सामाजिक न्याय को कमजोर करती है, ये तमिल भाषा को खतरे में डाल सकती है. ये सीधे तौर पर हमारे तमिल लोगों और तमिलनाडु के खिलाफ है. इससे हमारे बच्चों के भविष्य पर सीधा खतरा है. हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन हम हमेशा थोपने वाली हर भाषा का विरोध करेंगे. स्टालिन ने स्पष्ट किया कि एनईपी का उनका विरोध केवल इसलिए नहीं है क्योंकि यह हिंदी को बढ़ावा देती है, बल्कि इसलिए है क्योंकि नीति छात्रों को स्कूलों से बाहर कर देती है.
क्या है पूरा विवाद
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बीच बीते कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है. बीते दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तमिलनाडु में लागू करने से स्टालिन के इनकार पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नाराजगी जाहिर की थी. वहीं स्टालिन, केंद्र सरकार पर जबरन राज्य में इसे लागू करने का आरोप लगा रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र सरकार की तरफ से उसे फंड नहीं दिया जाएगा.
कर्नाटक के सरकारी स्कूल को 2.18 करोड़ रुपये का डोनेशन, कॉफी उद्यमी संतोष का बड़ा योगदान
25 Feb, 2025 02:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के मुदिगेरे तालुका में मौजूद एक सरकारी स्कूल को 10-20 लाख का नहीं बल्कि दो करोड़ से भी ज्यादा का डोनेशन मिला. स्कूल को ये डोनेशन एक कॉफी उद्यमी ने दिया. उन्होंने सरकारी स्कूल को 2.18 करोड़ रुपये का दान दिया. इतने बड़े उद्यमी होने के बावजूद वह अपने बेटे को भी सरकारी स्कूल में ही पढ़ा रहे हैं. स्कूल को 2 करोड़ से ज्यादा का डोनेशन देने वाले कॉफी उद्यमी का नाम संतोष है, जो मुदरेमने कॉफी क्योरिंग यूनिट के मालिक हैं. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और बाद में कॉफी उद्योग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. वह वर्तमान में कॉफी एक्सपोर्ट का बिजनेस कर रहे हैं. संतोष ने मुत्तिगेपुरा गांव में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 2.18 करोड़ रुपये डोनेट किए.
8 फर्निश्ड क्लासरूम बनाए गए
जिस स्कूल को संतोष ने पैसे डोनेट किए हैं. वह 1973 में स्थापित किया गया था, जिसमें आज 363 छात्र पढ़ते हैं. संतोष के दान की मदद से स्कूल में 8 फर्निश्ड क्लासरूम बनाए गए हैं. इस स्कूल के लिए बेहतरीन हॉल बना गया है, जिसे 10 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है. दान की मदद से ‘विवेक योजना’ के तहत 56 लाख रुपये जुटाए गए.
12 कक्षाओं का उद्घाटन
इसके अलावा और क्लासरूम भी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 28 फरवरी को इस स्कूल की कुल 12 कक्षाओं का उद्घाटन किया जाएगा. मुत्तिगेपुरा के इस स्कूल को कई लोगों से दान मिल रहा है. हाल ही में इस गांव के सऊदी अरब में रहने वाले व्यवसायी सिद्दीकी ने स्कूल को 60,000 रुपए का दान दिया और साथ ही 1.5 करोड़ रुपये का शुद्ध पेयजल यूनिट भी स्कूल को दान किया.
कई जगह से आता है डोनेशन
इसके अलावा शर्लिन विलियम्स नाम की कंपनी ने स्कूल को 18 लाख रुपए और फर्नीचर दान दिया. यूथ फॉर सर्विस ने आठ कंप्यूटर और उनके इस्तेमाल के लिए टेबल मुहैया कराए. स्कूल परिसर और कक्षाओं में 20 सीसीटीवी कैमरे भी डोनेशन के जरिए लगाए गए हैं. मिड डे में बच्चों को मिलने वाले भोजन के लिए 5 लाख रुपये दान किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10.5 करोड़ रुपये की लागत से एक हाईटेक किचन भी स्कूल के लिए बनाने के लिए दान किए हैं. एसडीएमसी अध्यक्ष मधु कुमार ने कहा कि स्कूल राज्य में एक मॉडल बन रहा है और लोग स्कूल को मॉडल बनाने में मदद कर रहे हैं.
भारत में ट्रांसपोर्ट क्रांति की तैयारी, पहली हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक ने सबका ध्यान खींचा
25 Feb, 2025 12:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक बड़ी क्रांति आने वाली है। देश की पहली हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक पर पूरी तरह से तैयार है और इसका वीडियो खुद रेल मंत्रालय में जारी कर ये साफ किया कि भारत हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा चुका है।
यह ट्रैक 422 मीटर लंबा है और इसे IIT मद्रास ने तैयार किया है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे ने आईआईटी मद्रास को आर्थिक मदद प्रदान की है।
क्या है हाइपरलूप
हाइपरलूप एक ऐसी तकनीक है, जिसमें ट्रेन को एक खास ट्यूब में टॉप स्पीड पर चलाया जाता है। इस तकनीक की मदद से लोगों को बहुत तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव होगा। ट्रायल सफल रहने के बाद यह तकनीक भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को पूरी तरह से बदल सकती है।
बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा है रफ्तार
हाइपरलूप ट्रेनें 1100 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी। बुलेट ट्रेन की टॉप स्पीड के बारे में बात करें तो उसकी स्पीड 450 किलोमीटर होती है। हाइपरलूप के जरिए दिल्ली के यात्री सिर्फ 30 मिनट में ही जयपुर तक का सफर तय कर सकेंगे।
अब उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही इस हाइपरलूप ट्रैक पर ट्रायल रन शुरू होंगे। ट्रायल सफल रहने पर भारत में इस अत्याधुनिक तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बड़ा बदलाव
भारत में हाइपरलूप ट्रेन अगर शुरू होती है तो आने वाले समय में रेलवे और सड़क यात्रा का ढांचा बदल जाएगा। भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो हाइपरलूप तकनीक को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
उत्तराखंड की रैट माइनर्स ने तेलंगना में शुरू किया बचाव कार्य, मजदूरों को बाहर निकालने में लगी जुटान
25 Feb, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद। भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के काफी प्रयासों के बाद भी तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में छत का एक हिस्सा ढह जाने से 14 किमी अंदर फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में 60 घंटे के बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है।
रेस्क्यू में जुटे रैट माइनर्स
वर्ष 2023 में उत्तराखंड के सिल्कयारा बेंड-बरकोट सुरंग में फंसे निर्माण श्रमिकों को बचाने वाले खनिकों (रैट माइनर्स) की एक टीम भी इन आठ लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, सेना और अन्य के साथ बचाव कार्य में शामिल हो गई है।
बचाव अभियान के लिए सोमवार को एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे सुरंग में लाए गए। इस अभियान में सहायता के लिए एनडीआरएफ डॉग स्क्वायड को भी तैनात किया गया है। उधर, इस दुर्घटना में जीवित बचे कर्मचारियों को अपने सहकर्मियों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद है।
नींद संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं श्रमिक
सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को अवसाद व नींद की समस्या हो रही है। बता दें, नवंबर 2023 में उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसने के बाद बचकर निकले एक तिहाई श्रमिकों की जांच करने पर पता चला कि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य और नींद संबंधी समस्याएं हुईं थी।
शोधकर्ताओं ने 33 श्रमिकों से उनकी दैनिक दिनचर्या, चिंताओं, नींद के बारे में पूछा तो पता चला है कि उनमें से लगभग एक तिहाई को समय संबंधी भ्रम का सामना करना पड़ा जिसके कारण उन्हें नींद और मानसिक अवसाद संबंधी समस्याएं हुईं।
झारखंड से तेलंगना पहुंचे श्रमिकों के एक-एक परिजन
तेलंगाना में टनल में फंसे झारखंड के गुमला के चार श्रमिकों के परिवारों से एक-एक सदस्य सोमवार को विमान से वहां पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, कार्यदायी संस्था जयप्रकाश एसोसिएट्स एलटीएस ने टनल में फंसे मजदूरों के स्वजन को तेलंगाना बुलाया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने मजदूरों के एक-एक स्वजन को विमान से तेलंगाना भेजने की व्यवस्था कराई।
आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम, भारतीय वायुसेना में स्वदेशी इंजन निर्माण हुआ प्रारंभ
25 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़ : भारतीय वायुसेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चंडीगढ़ स्थित 3 बेस रिपेयर डिपो (3 बीआरडी) में अब एमआइ-17वी5 हेलीकाप्टर के लिए वीके-2500-03 इंजन का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। यह वायुसेना के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
विजय कुमार गर्ग ने कार्यक्रम का शुभारंभ
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ वायुसेना मेंटेनेंस कमांड के प्रमुख एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग ने वर्चुअली किया। इस दौरान यूनिवर्सल टेस्ट बेड का भी आनलाइन उद्घाटन किया, जिसे 3बीआरडी के इंजन टेस्ट हाउस में स्थापित किया गया है।
एयरोस्पेस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य होगा मजबूत
यह आधुनिक टेस्टिंग सुविधा वीके-2500-03 समेत विभिन्न इंजन माडल की जांच और प्रमाणन में मदद करेगी। एयर मार्शल गर्ग ने इस उपलब्धि को वायुसेना के दृढ़संकल्प, मेहनत और दूरदर्शिता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम वायुसेना के एयरोस्पेस उत्पादन और रखरखाव में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को मजबूत करेगा।
वीके-2500-03 इंजन का उत्पादन भारत और रूस के बीच जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और भारतीय वायुसेना के आफसेट करार का हिस्सा है। चंडीगढ़ स्थित 3बीआरडी में इस इंजन की पहली मरम्मत और ओवरहॉलिंग भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है, जो स्वदेशी उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
HAL की मदद से मिली कामयाबी
यूनिवर्सल टेस्ट बेड को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के एयरो इंजन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने विकसित किया है। यह वायुसेना को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
यह टेस्ट बेड टीवी वी3-117एमटी, टीवी 3-117वीएम, टीवी 3-117वी और वीके-2500-03 इंजन की जांच और प्रमाणन के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना की तकनीकी सक्षमता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।
30 ट्रिलियन डॉलर का सपना: अमिताभ कांत का मानना, जल प्रबंधन में सुधार से होगा बड़ा परिवर्तन
25 Feb, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि यदि जल संसाधनों का उचित प्रबंधन किया जाए तो भारत की अर्थव्यवस्था को 30 ट्रिलियन डालर तक पहुंचाया जा सकता है। देश की आबादी और जल संसाधनों के बीच भारी असमानता है।
भारत में वैश्विक आबादी का 17 प्रतिशत हिस्सा रहता है, लेकिन दुनिया के मीठे पानी के संसाधनों के केवल चार प्रतिशत तक ही उसकी पहुंच है। वर्तमान में 75 प्रतिशत घरों में पीने के पानी की पहुंच नहीं है।
अमिताभ कांत जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से फिक्की की ओर से आयोजित 10वें भारत उद्योग जल कान्क्लेव और फिक्की जल अवार्ड्स समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल सुरक्षा की चुनौतियां महत्वाकांक्षी आर्थिक विकास लक्ष्यों को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकती हैं।
पर्यावरणीय हितैषी तरीके से विकास करने और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की हमारी क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि हम इस महत्वपूर्ण संसाधन का प्रबंधन कैसे करते हैं। इसके लिए जरूरी है कि स्थानीय जल निकायों को बहाल किया जाए। उसकी निगरानी के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग हो तथा समुदाय आधारित जल प्रबंधन को बढ़ावा मिले।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक ने कहा कि हमें खेती में जल मितव्ययता को बढ़ावा देने के साथ प्रति बूंद अधिक शुद्ध आय प्राप्त करने की आवश्यकता है और किसानों को सूक्ष्म ¨सचाई उन्नत तकनीकी उपलब्ध कराने के मामले में उद्योग बड़ी सहायता कर सकता है। फिक्की जल मिशन की अध्यक्ष और फिक्की की पूर्व अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने सतत जल उपयोग में उद्योग की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
सीए हिमंत बिस्वा सरमा के स्वागत में पीएम मोदी का असम दौरा, पारंपरिक धुनों के साथ
25 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुवाहाटी। असम के चाय बागान के आदिवासी समुदाय के विशाल सामूहिक 'झुमोर बिनंदिनी' लोकनृत्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित किया गया। पीएम मोदी ने चाय के जरिये असम से अपने गहरे रिश्ते को बयान करते हुए कहा कि चाय की खुशबू और रंग को एक चाय बेचने वाले से बेहतर कौन जानता है?
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर ने मुझे अपने सर्वश्रेष्ठ ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में चुन लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को गुवाहाटी में सरुसजाई स्टेडियम में असम सरकार की ओर से 'झुमोर बिनंदिनी' कार्यक्रम में भाग लिया, जो यहां के चाय उद्योग के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है।
सीएम ने किया पीएम मोदी का स्वागत
पीएम मोदी के यहां पहुंचने पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और प्रतिभागियों ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि इस जबरदस्त तैयारी में चाय के बागानों की खुशबू और खूबसूरती है और जैसे आपका चाय बागान संस्कृति से एक विशेष रिश्ता है, वैसे ही मेरा भी चाय बागानों से एक विशेष रिश्ता है। जब आप सभी कलाकार इतनी बड़ी संख्या में झुमोर नृत्य प्रस्तुत करेंगे तो यह अपने आप में एक रिकार्ड बन रहा है।
पीएम ने परंपरागत वाद्ययंत्र ढूमसा भी बजाया
इस अवसर पर पीएम मोदी ने असम का परंपरागत वाद्ययंत्र ढूमसा भी बजाया, जिसे आमतौर पर चाय बागान में काम करने वाले आदिवासी किसान बजाते हैं। राज्य की चाय जनजातियों के पारंपरिक लोकनृत्य झुमोर के अभूतपूर्व प्रदर्शन में असम के 27 जिलों के करीब नौ हजार नर्तक और संगीतकारों ने भाग लिया। इस आयोजन से विश्व रिकार्ड स्थापित करने और वैश्विक मंच पर असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने की उम्मीद है।
चाय उद्योग की 200वीं वर्षगांठ
असम के चाय उद्योग की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर होने वाले इस कार्यक्रम में दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा झुमोर नृत्य का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं असम के काजीरंगा में रुकने वाला, दुनिया को उसकी जैव विविधता के बारे में बताने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं। हमने कुछ ही महीने पहले असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी दिया है।
अलग-अलग देशों के 60 से अधिक राजदूत पहुंचे असम
पीएम ने का कि असम के लोग अपनी भाषा के इस सम्मान का इंतजार दशकों से कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये भव्य आयोजन असम के गौरव से जुड़े हैं और भारत की समृद्ध विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। विभिन्न देशों के 60 से अधिक राजदूत असम का अनुभव लेने के लिए यहां आए हैं। असम के चराइदेव मोइदाम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस मान्यता को प्राप्त करने में भाजपा सरकार के प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी ने राजनीति में कदम रखा, नई पार्टी का गठन
24 Feb, 2025 06:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर जमात-ए-इस्लामी अब आधिकारिक तौर पर राजनीति में उतर गई है. इसके साथ ही जमात-ए-इस्लामी ने एक नई राजनीतिक पार्टी भी शुरू की है. जो संगठन के मुताबिक क्षेत्र के विकास और शांति की दिशा में काम करेगी. नई पार्टी का नाम जम्मू कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट रखा गया है. फ्रंट की ओर से जारी बयान के मुताबिक अपनी पहल के तहत पार्टी कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और मोर्चे की नई समितियों के गठन के लिए प्रतिबद्ध है. जो लोगों के कल्याण और हितों के लिए सक्रिय रूप से काम करेगी. इस फ्रंट द्वारा आधिकारिक रूप से शुरू किए गए पहले कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष शमीम अहमद थोकर, महासचिव सियार रेशी और सलाहकार मुहम्मद अहसान लोन समेत मोर्चे के प्रमुख नेता मौजूद थे.
फ्रंट सद्भाव को बढ़ावा देने में निभाएंगी सक्रिय भूमिका
सभा को संबोधित करते हुए फ्रंट के वरिष्ठ सदस्यों ने एक शांतिपूर्ण और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर के अपने दृष्टिकोण पर जोर दिया वहीं, जारी बयान के अनुसार, नवगठित राजनीतिक दल एक समावेशी मंच बनाने का प्रयास करता है, जहां लोगों की आवाज सुनी जाए और उनकी चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जाए. फ्रंट के नेतृत्व ने आश्वासन दिया है कि पार्टी की नई समितियां जनता की शिकायतों को हल करने, सद्भाव को बढ़ावा देने और क्षेत्र में समग्र विकास सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगी.
यह एक एक स्वागत योग्य कदम है- PDP
वहीं, जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता इकबाल त्रंब ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि इस उभरते राजनीतिक दल, जिसकी घोषणा कल जमात के कुछ पूर्व सदस्यों ने की, इसको जमात का समर्थन है या नहीं? त्रंब ने कहा, लोकतंत्र में किसी भी राजनीतिक दल का उभरना एक स्वागत योग्य कदम है. जमात पहले भी करीब 35 साल पहले चुनावों में भाग लेती थी. लेकिन उसके बाद उन्होंने भाग नहीं लिया. यह अच्छी बात है क्योंकि ऐसी चीजें लोकतंत्र के लिए फायदेमंद हैं.
जनता फैसला करेगी स्वीकार करेंगे या नहीं- रफी मीर
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता रफी मीर कहते हैं कि जमात कभी एक राजनीतिक पार्टी थी. रफी मीर कहते हैं, वे पहले भी राजनीति में रहे हैं और फिर बहिष्कार की राजनीति में आ गए. अगर वे फिर से लोगों के सामने आते हैं, तो वे उनकी सेवा करना चाहते हैं. यह तो समय ही बताएगा कि वे कैसे आएंगे और लोग कैसे जवाब देंगे. वे उन्हें स्वीकार करेंगे या अस्वीकार करेंगे. यह लोगों का फैसला होगा.
आईआईटी मंडी के स्थापना दिवस पर राजनाथ सिंह ने छात्रों को दिया विकास और अवसर का संदेश
24 Feb, 2025 05:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मंत्री राजनाथ सिंह: भारत का तकनीकी क्षेत्र बढ़ रहा है और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनकर उभर रहा है. अगले पांच साल में इसके 300-350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. आज सबसे बड़ी चुनौती न केवल तेजी से बदलती तकनीक के साथ तालमेल बिठाना है, बल्कि नई तकनीकें बनाना भी है. ये बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईआईटी मंडी के 16वें स्थापना दिवस पर कहीं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों को विकास और अवसर के इस टाइम का फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित किया. राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में आईआईटी मंडी से रक्षा-संबंधी टेक्नोलॉजी में अधिक भूमिका निभाने के लिए कहा. उन्होंने डीआरडीओ के साथ मौजूदा सहयोग की सराहना की. साथ ही स्वदेशी एआई चिप, साइबर सुरक्षा और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में और अधिक योगदान देने के लिए कहा.
2029 तक 50 हजार करोड़ होगा रक्षा निर्यात
रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता में भारत की प्रगति को लेकर कहा कि देश ने गोला-बारूद उत्पादन में 88% आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है. 2023-24 में रक्षा निर्यात करीब 23 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. हमारा लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाना है.
हम अद्वितीय डिजिटल क्रांति के दौर में हैं
राजनाथ सिंह ने देश में मजबूत रक्षा उद्योग बनाने में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने देश की उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि भारत का दूरसंचार क्षेत्र अब दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है. UPI जैसी पहलों की सफलता के साथ भारत डिजिटल लेनदेन में वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है. हम अद्वितीय डिजिटल क्रांति के दौर में हैं.
चुनौतियों का सामना करने के लिए दृढ़ रहें
राजनाथ सिंह ने छात्रों से 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए आईआईटी के सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी. राजनाथ सिंह ने उन्हें ज्ञान की खोज में साहसी बनने और चुनौतियों का सामना करने के लिए दृढ़ रहने के लिए भी प्रेरित किया. उन्होंने देश के भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और लचीलेपन की आवश्यकता के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, आज सबसे बड़ी चुनौती तेजी से बदलती तकनीक के साथ तालमेल बिठाना है, लेकिन नई तकनीकें बनाना भी है.
कर्नाटक में बेलगावी में मराठी में बात करने पर कंडक्टर पर हमला, मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने जताया समर्थन
24 Feb, 2025 04:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कर्नाटक में एक बार फिर से भाषाई विवाद तूल पकड़ता दिख रहा है. कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने आज सोमवार को बस कंडक्टर महादेवप्पा हुक्केरी के प्रति अपना समर्थन जताया जिन पर मराठी में नहीं बोलने पर बेलगावी में कथित तौर पर हमला कर दिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि उनका विभाग और राज्य के लोग हुक्केरी के साथ खड़े हैं. यह घटना पिछले हफ्ते शुक्रवार की है जब एक युवक और लड़की बस में चढ़े. इस दौरान बस कंडक्टर ने उनसे टिकट मांगा, तो लड़के ने मराठी भाषा में जवाब दिया.
मराठी नहीं बोलने पर हुआ हमला
इस पर बस कंडक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें मराठी भाषा समझ में नहीं आती है और उनसे कन्नड़ में जवाब देने और टिकट मांगने के लिए कहा, इससे नाराज युवक ने तुरंत अपने दोस्तों को बुलाया और उस पर तथा ड्राइवर पर हमला कर दिया. हमले के खिलाफ शिकायत किए जाने के बाज मामले से जुड़े 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी युवक के साथ सफर कर रही नाबालिंग लड़की ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि हुक्केरी ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया था.
जानबूझकर POCSO केसः मंत्री
परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने अस्पताल में कंडक्टर से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, बस में करीब 90 लोग सवार थे. हर कोई कह रहा है कि कंडक्टर के खिलाफ जानबूझकर POCSO का केस दर्ज किया गया है. रेड्डी ने आगे कहा, हम सभी स्थानीय नेताओं, नागरिकों, मीडिया और राज्य के लोगों सहित कंडक्टर महादेवप्पा हुक्केरी के साथ हैं. साथ ही मंत्री ने इस केस में पुलिस कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया.
रेड्डी ने कहा, यहां (बेलगावी) आने के बाद मुझे पता चला कि हुक्केरी पर हमले में कम से कम 15 लोग शामिल थे, लेकिन सिर्फ 5 लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है. जबकि अन्य आरोपी लोगों को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए. अगर हम उन्हें बिना किसी सजा के छोड़ देंगे तो वे आगे भी ऐसी गतिविधियों में लिप्त रहेंगे.
पुलिस तत्काल कार्रवाई करेः गृह मंत्री
बस कंडक्टर पर इस हमले ने एक बार फिर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को फिर से हवा दे दी है. पहले भी महाराष्ट्र और कर्नाटक के राज्य सड़क परिवहन निगमों के बस चालकों और कंडक्टरों पर हमले होते रहे हैं. तुमकुरु में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने महाराष्ट्र सरकार से इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया. उन्होंने आगे कहा, महाराष्ट्र बॉर्डर पर बेलगावी में अक्सर भाषा के आधार पर विवाद होते रहे हैं. हमें सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा. यह महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों राज्यों पर लागू होता है क्योंकि हमें इसे और आगे बढ़ने नहीं देना चाहिए. परमेश्वर ने इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक इस तरह की घटनाओं से जुड़े मामलों में पुलिस तत्काल कार्रवाई करे और महाराष्ट्र से भी ऐसा करने का अनुरोध किया.