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कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: पांच साल बाद फिर से शुरू, श्रद्धालुओं का इंतजार हुआ ख़त्म
26 Apr, 2025 05:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेश मंत्रालय ने शनिवार 26 अप्रैल को कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की औपचारिक घोषणा कर दी. जिसके मुताबिक यात्रा जून से अगस्त 2025 के दौरान आयोजित की जाएगी. पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से फिर से शुरू होने जा रही है, जिसे श्रद्धालुओं का लंबा इंतजार खत्म हो गया. यात्रा का संचालन प्रदेश सरकार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल पांच बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे. उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे. ऐसे ही 10 बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे, सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे. आवेदन स्वीकार करने के लिए http://kmy.gov.in वेबसाइट खोल दी गई है. विदेश मंत्रालय की ओर से एक निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से यात्रियों का चयन किया जाएगा और उनको विभिन्न मार्ग एवं बैच आबंटित किए जाएंगे.
मार्ग और बैच में बदलाव नहीं होगा
बताया जा रहा है कि कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया के जरिए यात्रियों को एक बार मिले मार्ग और बैच में आम तौर पर बदलाव नहीं होगा. हालांकि अगर जरूरी हो तो चयनित यात्री बैच में परिवर्तन के लिए अनुरोध कर सकते हैं. यह परिवर्तन खाली स्थान उपलब्ध होने पर ही किया जा सकेगा. इस मामले में मंत्रालय का निर्णय ही अंतिम होगा.
कुमाऊं मंडल विकास निगम को देने होंगे 56 हजार रुपए
वहीं इस बार श्रद्धालुओं को कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) को 35,000 की जगह 56 हजार रुपए चुकाने पड़ेंगे. KMVN इन पैसे से यात्रियों के आने-जाने, ठहरने और उनके खाने पीने आदि का इंतजाम करेगा. इसके अलावा श्रद्धालुओं को मेडिकल जांच, चीन का वीजा, कुली, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और चीन सीमा में अलग से खर्च करना पड़ेगा. कुमाऊं मंडल विकास निगम लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रबंध करता है. इस बार रजिस्ट्रेशन के साथ श्रद्धालुओं को भोजन, आने-जाने और ठहरने के लिए KMVN को 56000 रुपए देने होंगे.
कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा यात्रा का संचालन
उत्तराखंड की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा. यह यात्रा दिल्ली से शुरू होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास मार्ग से संचालित की जाएगी. पहला दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास से होते हुए चीन में प्रवेश करेगा. अंतिम यात्रा दल 22 अगस्त को चीन से भारत के लिए प्रस्थान करेगा. प्रत्येक दल दिल्ली से प्रस्थान कर टनकपुर, धारचूला में एक-एक रात, गुंजी व नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद चीन में प्रवेश करेगा. कैलाश दर्शन के बाद वापसी में चीन से प्रस्थान कर बूंदी, चौकोड़ी, अल्मोड़ा में एक-एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा. प्रत्येक दल की 22 दिनों की यात्रा की जाएगी.
2020 से संचालित नहीं हो पाई थी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड महामारी के कारण साल 2020 से संचालित नहीं हो पाई थी. हालांकि, पांच साल बाद शुरू हो रही है जो श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है. यात्रा फिर से शुरू करने को भारत और चीन द्वारा संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है. पिछले साल अक्टूबर में दोनों देशों ने एक समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले शेष दो बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी कर ली थी.
सरहद पर बिखरे सपने: बच्चों से बिछड़ गईं वो माएं, जो लौटना चाहती थीं घर
26 Apr, 2025 05:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम हमले के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर अपने मुल्क लौटने का आदेश जारी हुआ। इस निर्देश के तहत शुक्रवार को अमृतसर के अटारी बॉर्डर से 191 पाकिस्तानी नागरिकों को सीमा पार भेजा गया, जबकि 287 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत लौटे। लेकिन इस प्रक्रिया के बीच कुछ पाकिस्तानी महिलाओं के लिए अटारी बॉर्डर एक अनघट दुख का ठिकाना बन गया। BSF अधिकारियों ने इन महिलाओं को बॉर्डर पर ही रोक लिया, जिससे उनकी जिंदगी एक अनिश्चितता के भंवर में फंस गई।
मां की ममता पर लगी सरहद की दीवार
अधिकारियों का तर्क था कि इन महिलाओं के पास पाकिस्तानी नागरिकता नहीं है और भारतीय पासपोर्ट धारकों को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हैरानी की बात यह रही कि इन महिलाओं के साथ आए बच्चों को, जिनके पास पाकिस्तानी नागरिकता थी। बॉर्डर पार करने की इजाजत दे दी गई, लेकिन उनकी मांओं को रोक लिया गया। इन महिलाओं का कहना था कि वे भारत में पली-बढ़ी हैं, लेकिन उनकी शादी पाकिस्तान में हुई है। वे अपने मायके आई थीं, और अब अपने परिवार, अपने शौहर और बच्चों के पास लौटना चाहती हैं। मगर उनकी दलीलें और आंसुओं का अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ।
शनीजा की दर्दभरी दास्तान
दिल्ली की रहने वाली शनीजा की आंखों में बेबसी और दर्द साफ झलक रहा था। उसने बताया कि 15 साल पहले उसकी शादी कराची में हुई थी। वह अपने माता-पिता से मिलने दिल्ली आई थी। सरकार के आदेश के बाद वह वापस पाकिस्तान जाने के लिए अटारी बॉर्डर पहुंची, लेकिन उसे रोक लिया गया। शनीजा की नागरिकता का मामला पाकिस्तानी कोर्ट में लंबित है और इस अनिश्चितता ने उसे बॉर्डर पर लाचार छोड़ दिया। उसकी आवाज में सिसकियां थीं जब उसने कहा, "मेरे शौहर वाघा बॉर्डर के पार मेरा इंतजार कर रहे हैं। मेरी बस इतनी अपील है कि मुझे मेरे बच्चों के पास जाने दिया जाए।"
अफसीन का टूटता सपना
राजस्थान के जोधपुर की अफसीन जहांगीर की कहानी भी कम दुखद नहीं है। उसकी शादी भी कराची में हुई, और उसके बच्चे पाकिस्तानी नागरिक हैं। बच्चों को तो बॉर्डर पार करने की इजाजत मिल गई, लेकिन उसे रोक लिया गया। अफसीन की आंखों में अपने बच्चों से बिछड़ने का दर्द साफ दिखाई दे रहा था। वह कहती हैं, "मेरे बच्चे वहां हैं, और मैं यहां अकेली फंस गई हूं। क्या यह इंसाफ है?".
अरूदा की बेबसी
पाकिस्तान की अरूदा, जो 20 साल पहले शादी के बाद वहां बसी थी, अपने दो बच्चों के साथ एक महीने पहले भारत आई थी। उसका मायका भारत में है, और वह अपने परिवार से मिलने की खुशी में यहां थी। 27 अप्रैल को उसकी वापसी की टिकट थी, लेकिन माहौल बिगड़ने के बाद वह जल्दी ही अटारी बॉर्डर पहुंच गई। मगर यहां उसे रोक लिया गया। उसके बच्चे, जिनके पास पाकिस्तानी नागरिकता थी, बॉर्डर पार कर गए, लेकिन अरूदा को पीछे छोड़ दिया गया। वह कहती हैं, "किसी ने ढंग से बात तक नहीं की। हम तो बस अपने घर, अपने बच्चों के पास लौटना चाहते हैं।"
बॉर्डर पर बिखरे परिवार
अटारी बॉर्डर पर इन महिलाओं की कहानियां सिर्फ कागजी कार्रवाई या नागरिकता के सवालों तक सीमित नहीं हैं। यह उन परिवारों की त्रासदी है, जो दो मुल्कों की सियासत और सख्त नियमों के बीच पिस रहे हैं। इन महिलाओं की आंखों में अपने शौहर और बच्चों से मिलने की बेचैनी, और अनिश्चित भविष्य का डर साफ दिखाई देता है। उनके लिए बॉर्डर सिर्फ एक रेखा नहीं, बल्कि एक दीवार बन चुकी है, जो उन्हें उनके अपनों से अलग कर रही है।
रोजगार मेला बना उम्मीद की किरण, पीएम मोदी ने युवाओं को दिया सुनहरा अवसर
26 Apr, 2025 01:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 15वें रोजगार मेले के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान के अनुसार, रोजगार मेला देश भर में 47 स्थानों पर आयोजित किया गया और यह रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की केंद्र की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
कई विभागों के लिए शामिल हुए चयनित उम्मीदवा
इस राष्ट्रव्यापी पहल का उद्देश्य युवा सशक्तीकरण के लिए सार्थक अवसर प्रदान करना और उन्हें देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देने में सक्षम बनाना है। भारत के विभिन्न भागों से चयनित नए उम्मीदवार राजस्व विभाग, कार्मिक और लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रेल मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में शामिल हुए।
अक्टूबर 2022 में रोज़गार मेला शुरू होने के बाद से केंद्र सरकार ने 10 लाख से ज़्यादा स्थायी सरकारी नौकरियां दी हैं। पिछले साल दिसंबर में आयोजित रोजगार मेले के 14वें संस्करण के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि 71,000 नौकरियों के प्रस्ताव वितरित किए गए थे।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि रोज़गार मेले सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोज़गार पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ प्रदान किया जाए।
कब हुई थी रोजगार मेले की शुरुआत
22 अक्टूबर, 2022 को शुरू हुए रोज़गार मेले के पहले संस्करण में 75,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे, जो युवाओं के लिए मज़बूत रोज़गार के अवसर पैदा करने के सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रोजगार सृजन को सुगम बनाने तथा नौकरी चाहने वालों और विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के बीच की खाई को खत्म करने के लिए 10 लाख कर्मियों की भर्ती अभियान शुरू किया गया था।
इस पहल को न केवल बेरोजगारी को कम करने, बल्कि युवा व्यक्तियों को भारत की विकास गाथा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
कई देशों से हुआ है रोजगार समझौता
पिछले संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि भारत ने हाल के वर्षों में 21 देशों के साथ प्रवासन और रोजगार समझौते किए हैं। इनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम और इटली के साथ-साथ कई खाड़ी देश शामिल हैं।
पहलगाम में मारे गए लोगों की हत्या के पीछे 'धार्मिक पहचान' की घिनौनी सोच
26 Apr, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई। अब इस हमले को लेकर जांच काफी तेज गति से जारी है और प्रारंभिक जांच में कई तरह की बातें सामने आ रही है।
सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त जांच टीम ने मृतकों के कपड़े देखकर चौंकाने वाली बात कही है। जांचकर्ताओं ने पाया कि 20 मृतकों की पैंट नीचे खिसकी हुई थीं या फिर जिप खुली हुई थी।
'खतना' देखकर की हत्या
यह सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकियों ने पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा और फिर गोली मारकर हत्या कर दी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि आतंकियों ने पीड़ितों से आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान पत्र मांगे। फिर 'कलमा' पढ़ने को कहा और फिर उनकी पैंट उतारकर खतना की जांच की।
आतंकियों ने बर्बर तरीके से उनके हिन्दू होने की जांच की और फिर नजदीक से किसी के सिर में तो किसी के सीने में गोली मारकर हत्या कर दी। जब ये हमला हुआ उस वक्त मृतकों के परिजन काफी ज्यादा सदमे में थे, जिस वजह से उनका ध्यान कपड़ों में नहीं गया होगा।
26 मृतकों में 25 थे हिन्दू पुरुष
यहां तक की कर्मचारियों ने भी शवों को उसी स्थिति में उठाया जैसे वे थे और फिर शवों को कफन से ढक दिया। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें से 25 लोग हिन्दू पुरुष थे।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है और संदिग्धों को हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ की जा रही है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
भारत ने क्या-क्या एक्शन लिया
भारत ने अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला किया है। इसके अलावा, देश ने सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत जारी किए गए सभी वीजा को रद करने का फैसला किया है और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था।
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। सुरक्षा उपाय के रूप में, भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है।
पोप के अंतिम संस्कार में शामिल होंगी राष्ट्रपति मुर्मू, कई वैश्विक नेता भी होंगे मौजूद
26 Apr, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के फ्यूनरल में शामिल होने के लिए वेटिकन पहुंच चुकी हैं. वहां पहुंचकर उन्होंने सेंट पीटर्स बेसिलिका में पोप को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति के साथ अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डि’सूज़ा भी मौजूद रहे.
राष्ट्रपति की यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने तस्वीरें शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वेटिकन सिटी में सेंट पीटर बेसिलिका में परम पावन पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी.
राष्ट्रपति मुर्मू के साथ मंत्री किरेन रिजिजू और राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन भी श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे. राष्ट्रपति मुर्मू शुक्रवार को ही रोम पहुंच गई थीं और शनिवार को होने वाले पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होंगी.
आज होगा पोप का अंतिम संस्कार
श्रद्धांजलि सभा के बाद अब पोप फ्रांसिस के ताबूत को कार्डिनल केविन फैरेल की अध्यक्षता में समारोह के दौरान ही सील कर दिया गया. उनके चेहरे को उनके लंबे समय के समारोह संचालक, आर्कबिशप डिएगो रवेली ने ढका हुआ था. इस दौरान कार्डिनल केविन फैरेल ने शव पर पवित्र जल छिड़का. पोप का अंतिम संस्कार आज यानी 26 अप्रैल को किया जाएगा. अंतिम संस्कार में दुनियाभर के नेता और आम लोग जुटेंगे.
दुनिया भर के ये दिग्गज होंगे शामिल
अंतिम संस्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों, जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक और निवर्तमान चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, रूसी संस्कृति मंत्री ओल्गा ल्यूबिमोवा, और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनकी पत्नी ओलेना जेलेंस्का उन बड़े नेताओं में शामिल हैं जो पोप के अंतिम संस्कार समारोह के दौरान मौजूद रहेंगे. पोप लंबे समय से बीमार चल रहे थे. निमोनिया की शिकायत पर फ्रांसिस पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे जहां से उन्हें छुट्टी मिल गई थी, उसके लगभग एक महीने बाद उनका निधन हो गया.
पूर्वी और मध्य भारत में 26 अप्रैल तक जारी रहेगी हीटवेव की स्थिति
26 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर भारत के लगभग आधे हिस्से में अगले दो से तीन दिनों तक तापमान में वृद्धि के आसार हैं। आइएमडी ने इन क्षेत्रों के लिए हिट वेव की चेतावनी जारी की है। 30 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा में कई स्थानों पर आंधी-पानी का अनुमान है।
इस दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में दो से तीन डिग्री तक वृद्धि हो सकती है। हालांकि दिल्ली का तापमान स्थिर रहने की उम्मीद है। दो दिन बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार-झारखंड के कुछ स्थानों पर मानसून पूर्व वर्षा से थोड़ी राहत मिल सकती है।
तापमान में पिछले दो दिनों से लगातार वृद्धि
जम्मू-कश्मीर में पहाड़ों पर आए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव ज्यादा नहीं है। वह आगे की ओर खिसक रहा है और इसी दौरान पाकिस्तान के बलूचिस्तान से गर्म हवाओं का संचरण पश्चिमी भारत की ओर हो रहा है, जिससे एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई स्थानों के तापमान में पिछले दो दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है।
आइएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 29 अप्रैल तक और पूर्वी एवं मध्य भारत में 26 अप्रैल तक हीटवेव (लू) की स्थिति बनी रह सकती है। हालांकि दिल्ली के तापमान में 27 अप्रैल के बाद ज्यादा वृद्धि नहीं होगी।
30 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा में कई स्थानों पर आंधी-पानी का अनुमान है। इसके प्रभाव से दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई स्थानों के तापमान में गिरावट आएगी। किंतु इसके पहले पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के अधिकतम तापमान में 1-3 डिग्री की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना
इस बीच बिहार, झारखंड, बंगाल एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई स्थानों में प्री मानसून बारिश के चलते तापमान में 3-5 डिग्री तक की गिरावट का अनुमान है। पूर्वोत्तर के राज्यों में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसके अलावा पूर्वी और मध्य भारत में 26 से 29 अप्रैल तक बारिश, तूफान, बिजली और तेज हवाएं चल सकती हैं।
केरल तथा तमिलनाडु के कई जिलों में बारिश की संभावना
पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ के असर से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 26 एवं 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी राजस्थान, बिहार, झारखंड, बंगाल एवं छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आंध्र प्रदेश दक्षिणी कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु के कई जिलों में बारिश की संभावना है। उत्तर पूर्वी राज्यों में भारी बारिश के साथ बिजली की गरज और चमक तथा तेज हवाएं चल सकती हैं।
तनाव के बीच केंद्र सरकार का बड़ा कदम – पाकिस्तानी नागरिकों पर शिकंजा
25 Apr, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार लगातार कड़े फैसले ले रही है. हमले के अगले ही दिन मोदी सरकार ने कई सख्त फैसले लिए जिसमें पाकिस्तानी वीजा स्थगित करना भी शामिल है. इस आदेश में भारत आए पाकिस्तानी लोगों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश जारी दिया गया था. गृह मंत्रालय ने अब एक और बड़ा फैसला लेते हुए सभी पाकिस्तानियों को बाहर करने और पाकिस्तान से जुड़े सारे वीजा कैंसिल करने के निर्देश दिया है.
गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान से जुड़े सारे वीजा कैंसिल करने को कहा है. साथ ही उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से बात भी की है. उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उनकी शीघ्र पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं. गृह मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ये बड़ा फैसला लिया है.
हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों के LT वीजा पर लागू नहीं
इससे पहले भारत ने कल गुरुवार को 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द किए जाने का ऐलान किया था, साथ ही पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द स्वदेश लौटने की सलाह दी थी. साथ ही विदेश मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया कि वीजा रद्द करने का फैसला हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से जारी दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर लागू नहीं होगा और उनके वीजा वैध रहेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 2 दिन पहले बुधवार को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाने का फैसला लिया गया. तब विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी मौजूदा वैध वीजा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे. साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को जारी मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध बने रहेंगे.
पाकिस्तान से जल्द वापस लौटे भारतीय नागरिकः MEA
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा अवधि खत्म होने से पहले देश छोड़ देना चाहिए. साथ ही भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा नहीं करने की सलाह भी दी और पाकिस्तान में मौजूद भारतीय लोगों को जल्द वापस स्वदेश लौटने की सलाह दी.
पहलगाम में आतंकवादी हमले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. इस हमले में 28 लोग मारे गए थे. इससे पहले भारत ने साल 2008 में 26 नवंबर को मुंबई आतंकी हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की थी.
ISRO के पूर्व प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन, अंतरिक्ष जगत में शोक
25 Apr, 2025 03:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख और प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन का 84 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बेंगलुरु में अंतिम सांस ली।
27 अप्रैल को लोग कर सकेंगे अंतिम दर्शन
के कस्तूरीरंगन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदा समिति के अध्यक्ष भी थे। अधिकरियों ने बताया कि आज सुबह उनका निधान हुआ है। 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) में रखा जाएगा।
एनईपी में सूचीबद्ध शिक्षा सुधारों के पीछे के व्यक्ति के रूप में जाने जाने वाले कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था।
राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "यह जानकर दुख हुआ कि डॉ. कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन अब हमारे बीच नहीं रहे। इसरो के प्रमुख के रूप में उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
राष्ट्रपति ने दुख जताते हुए लिखा, "ज्ञान के प्रति अपने जुनून के साथ, उन्होंने विविध क्षेत्रों में भी बहुत योगदान दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने में मदद की, जो पहले से ही अगली पीढ़ी के निर्माण पर गहरा प्रभाव डाल रही है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
पीएम मोदी ने दुख प्रकट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व इसरो प्रमुख के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मैं भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूं। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।"
पीएम मोदी ने लिखा, "उन्होंने इसरो में बहुत मेहनत से काम किया, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिसके लिए हमें वैश्विक मान्यता भी मिली। उनके नेतृत्व में महत्वाकांक्षी उपग्रह प्रक्षेपण भी हुए और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया गया।"
राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं कस्तूरीरंगन
डॉ. कस्तूरीरंगन साल 2003 से लेकर 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे और तत्कालीन भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्य किया था। कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बैंगलोर के निदेशक भी रहे।
राजस्थान से उत्तराखंड तक सुरक्षा सख्त, पुलिस अलर्ट मोड में
25 Apr, 2025 03:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर राजस्थान और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से सटे श्रीगंगानगर जिले में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। श्रीगंगानगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव यादव ने स्थानीय अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है।
श्रीगंगानगर में पुलिस अलर्ट
एसपी गौरव यादव ने बताया कि श्रीगंगानगर जिला अतंरर्राष्ट्रीय सीमा पर है और बेहद संवेदनशील इलाका है। पहलगाम घटना के बाद से यहां भी पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।
गौरव यादव के अनुसार,
थाने में रखे सभी हथियारों की जांच की जा रही है। खासकर लंबी दूरी तक जाने वाले हथियारों की चेकिंग चल रही है। इसके अलावा श्रीगंगानगर में मौजूद ठहरने की जगहें जैसे होटल और धर्मशालाओं की भी जांच हो रही है।
नैनीताल में सुरक्षा सख्त
उत्तराखंड के नैनीताल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिल रहे हैं। नैनीताल के कुमाऊं क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। कुमाऊं की आईजी रिद्धिमा अग्रवाल ने बताया कि पूरे जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सार्वजनिक स्थानों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।
आईजी रिद्धिमा अग्रवाल के अनुसार,
हमने अलर्ट जरी कर दिया है। सभी जिलों में एसएसपी को भीड़भाड़ वाले इलाकों की निरंतर जांच के आदेश दिए गए हैं। सीमा चौकियों पर भी जांच चल रही है। हमने खुफिया इकाई को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी आने-जाने वालों पर पुलिस की नजर बनी हुई है।
भारत सरकार ने उठाए कड़े कदम
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द करने से लेकर पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को 1 हफ्ते के भीतर देश छोड़ने और सार्क वीजा के तहत भारत में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश से जाने का आदेश दिया है।
26 लोगों की गई थी जान
पहलगाम आतंकी हमले पर सख्त रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि मंगलवार को पहलगाम के बैसरन में आतंकियों ने कई पर्यटकों को निशाना बनाया। इस दौरान 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की जान चली गई। 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद यह सबसे घातक आतंकी हमला था, जिसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है।
कपिल सिब्बल की केंद्र को सलाह – आतंकवाद पर सभी दलों को साथ लाएं
25 Apr, 2025 03:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी घटना को लेकर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार को कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं। यह हमला पहलगाम के बैसारन घाटी में हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को मुंबई के 26/11 हमले के बाद सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। कपिल सिब्बल ने इस गंभीर घटना पर चर्चा के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाने की मांग केंद्र सरकार से की है।
कपिल सिब्बल ने किया सुझाव दिया?
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "मेरे पास प्रधानमंत्री के लिए कुछ सुझाव हैं। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी से सुझाव लेने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। देश इस समय उनके साथ खड़ा है।"
उन्होंने स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का सुझाव दिया।
'अलग-अलग देशों में भेजना चाहिए प्रतिनिधिमंडल'
सिब्बल ने कहा, "हमें अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रूस और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए, ताकि हम उन्हें वैश्विक स्तर पर स्थिति के बारे में बता सकें। अगर हम यह कदम नहीं उठाते हैं तो हम कूटनीतिक दबाव नहीं बना पाएंगे।"
कपिल सिब्बल ने कहा, "हमें पाकिस्तान के साथ व्यापार करने वाले सभी प्रमुख देशों को बताना चाहिए कि अगर वे पाकिस्तान के साथ व्यापार करते हैं तो वे हमारे बाजार में नहीं आ सकते। हमें हर कूटनीतिक पहल में इस बिंदु को रखना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को दबाव बनाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए और हमें देखना चाहिए कि चीन इसका समर्थन करता है या इसके खिलाफ जाता है। हमें ये कूटनीतिक पहल करनी होंगी।"
सिब्बल ने पाकिस्तान को 'आतंकी देश' घोषित करने की मांग की
वरिष्ठ वकिल सिब्बल ने इससे पहले कहा था कि पाकिस्तान को सिर्फ एक पड़ोसी देश नहीं बल्कि एक ऐसा संगठन मानना चाहिए जो आतंकवाद फैला रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस दर्ज करे ताकि दुनिया को यह साफ संदेश जाए की भारत अब ऐसे आतंकी हमलों को नजरअंदाज नहीं करेगा।
कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री अमित शाह से अपील करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे युद्ध अपराध करने वालों पर इंटरनेशनल कोर्ट में केस चलता है, वैसे ही पाकिस्तान पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
आतंकवाद के खिलाफ RSS का शक्ति प्रदर्शन, संत समाज की अगुवाई में जंतर-मंतर पर जुटान
25 Apr, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में आतंकियों की बर्बर हमले को लेकर उपजा आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को भी देशभर में प्रदर्शन हुए। जगह-जगह लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने लोगों ने प्रदर्शन कर गुस्से का इजहार किया। करीब तीन सौ लोगों ने उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया।
पाकिस्तानी उच्चायोग के पास सुरक्षा व्यवस्था हटाई
इस बीच, पुलिस ने उच्चा आयोग के आसपास लगे बैरिकेड हटा लिए हैं। आतंकियों की करतूत के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली बंद का एलान किया गया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में लगादार दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ।
पंजाब में पाकिस्तान का पुतला फूंक घटना की कड़ी निंदा की
पंजाब के छह शहरों होशियारपुर, मुक्तसर, आनंदपुर साहिब, अमृतसर के जंडियाला गुरु, पठानकोट व कपूरथला में बाजार भी बंद रहे। होशियारपुर में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। विरोध में राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस, आप व अकाली दल के अलावा विभिन्न सामाजिक, हिंदू व धार्मिक संगठनों ने भी प्रदर्शन किया और पाकिस्तान का पुतला फूंक घटना की कड़ी निंदा की।
गुरुग्राम के हिंदू व अन्य संगठनों ने दूसरे दिन भी प्रदर्शन कर रोष जताया। पटौदी में कांग्रेसियों ने कैंडल मार्च निकाला। बिहार में दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ। पटना में सिख समुदाय के लोगों ने तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब के मुख्य द्वार से कैंडल मार्च निकाला।
कई जिलों में कांग्रेस, भाजपा, विद्यार्थी परिषद, एआइएसएफ, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल समेत विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। देहरादून के मुस्लिम बहुल क्षेत्र के व्यापारियों ने सुबह दो घंटे व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। पौड़ी के कोटद्वार व दुगड्डा में भी बाजार बंद रहे।
विहिप-बजरंग दल आज करेंगे प्रदर्शन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समवैचारिक संगठन संतों की अगुवाई में 25 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। जंतर-मंतर पर संत समाज भी आतंकवाद के विरुद्ध हुंकार भरेगा। विहिप व बजरंग दल ने देश के सभी प्रखंड व जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली के 700 से अधिक बाजार बंद रहेंगे
एकल अभियान से जुड़े दो लाख गांवों में एक ही समय सुबह नौ से 11 बजे के बीच प्रदर्शन किया जाएगा। व्यापारी संगठनों ने शुक्रवार को दिल्ली बंद और प्रदर्शन का एलान किया है। इस दौरान चांदनी चौक, कनॉट प्लेस, चावड़ी बाजार, सदर बाजार व कश्मीरी गेट समेत 700 से अधिक बाजार बंद रहेंगे।
नेपाल के लोगों में भी आक्रोश बढ़ने लगा
दवा, सब्जी जैसे आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, ढुलाई और पेट्रोल पंप अछूते रहेंगे। नेपाल में भी आक्रोश, आतंकियों का किया पुतला दहनपहलगाम में आतंकी हमले के विरुद्ध नेपाल के लोगों में भी आक्रोश बढ़ने लगा है।
आतंकवाद मुर्दाबाद, आतंकियों का सफाया हो के नारे लगाए
जनकपुरधाम में विश्व हिंदू परिषद, हिंदू सम्राट व जानकी सेना सहित विभिन्न संघ-संगठन के लोगों ने पहलगाम घटना के विरुद्ध प्रतिशोध मार्च किया। इसका नेतृत्व नेपाल विश्व हिंदू परिषद के धनुषा जिलाध्यक्ष संतोष साह ने किया।
लोगों ने जानकी मंदिर परिसर से जनक चौक तक आतंकवाद मुर्दाबाद, आतंकियों का सफाया हो के नारे लगाए। इसके बाद हमले में मृत सभी सैलानियों को दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी। आतंकियों का पुतला दहन किया।
मजबूत भारत की बुनियाद बनेगा इस्पात क्षेत्र – पीएम मोदी का उद्योग को संदेश
25 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उद्योग जगत से 'मजबूत, हितकारी बदलावों को तेजी से आगे बढ़ाने वाला और इस्पात जैसा सु²ढ़ भारत' बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने इंडिया इस्पात 2025 कार्यक्रम को 'आनलाइन' संबोधित करते हुए यह भी कहा कि देश को कच्चे माल की सुरक्षा के लिए अपनी वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने की आवश्यकता है।
इस्पात उभरता हुआ क्षेत्र- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने इस्पात को 'उभरता हुआ क्षेत्र' बताते हुए इसका उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि यह विकास की रीढ़ है। उन्होंने नई प्रक्रियाओं को अपनाने, नवोन्मेष करने, सर्वोत्तम गतिविधियों का आदान-प्रदान करने और कोयले का आयात कम करने पर भी विचार करने को कहा।
इस्पात उद्योग के प्रतिनिधियों को अपने संबोधन में मोदी ने कहा, 'आइए, हम एक मजबूत, और इस्पात जैसा सु²ढ़ भारत बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करें।' उन्होंने स्वीकार किया कि कच्चा माल प्राप्त करना इस्पात क्षेत्र के लिए एक बड़ी चिंता है।
एक बड़ी चिंता कच्चे माल की सुरक्षा है- मोदी
उन्होंने सभी से वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने और आपूर्ति व्यवस्था को सुरक्षित करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, 'एक बड़ी चिंता कच्चे माल की सुरक्षा है। हम अभी भी निकल, कोकिंग कोयला और मैंगनीज के लिए आयात पर निर्भर हैं। और इसीलिए, हमें वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना चाहिए, आपूर्ति व्यवस्था को सुरक्षित करना चाहिए और प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।''
निष्क्रिय पड़ी नई खदानों में खनन कार्यों में तेजी लाएं
मोदी ने कहा कि कई नई खदानें हैं, जिनका उपयोग नहीं हो पाया है। उनका उचित और समय पर उपयोग किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगाह किया कि ऐसा नहीं होने पर देश और उद्योग दोनों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि देश को कोयला गैसीकरण (कोयला से गैस बनाना) और कोयला आयात को कम करने के लिए अपने भंडार के बेहतर उपयोग जैसे विकल्पों की भी तलाश करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग को भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए और नई प्रक्रियाओं, नए स्तर और नए पैमाने को अपनाना चाहिए।
2030 तक इस्पात की प्रति व्यक्ति खपत 160 किलो करने का लक्ष्य मोदी ने कहा कि देश का लक्ष्य 2030 तक इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन करना है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 17.9 करोड़ टन था।
साथ ही प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत भी इसी अवधि में वर्तमान 98 किलो से बढ़ाकर 160 किलो करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देश 1,300 अरब डालर की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन को भी 'आगे बढ़ा रहा है' और शहरों को बड़े पैमाने पर स्मार्ट शहरों में बदलने के लिए 'व्यापक कार्य चल रहा है'।
चंद्रयान मिशन पर बोले पीएम मोदी
मोदी ने कहा, 'सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और पाइपलाइन में विकास की गति इस्पात क्षेत्र के लिए नए अवसर उत्पन्न कर रही है।' उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं की बढ़ती संख्या उच्च स्तर के इस्पात की मांग को बढ़ाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत और चंद्रयान मिशन में इस्तेमाल किया गया इस्पात स्थानीय स्तर पर विनिर्मित किया गया था।
पहलगाम हमले पर कांग्रेस का शांतिपूर्ण विरोध, सभी जिलों में होंगे कैंडल मार्च
25 Apr, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम हमले के विरोध में कांग्रेस शुक्रवार को देशभर में कैंडल मार्च निकालेगी। 25 और 26 अप्रैल को होने वाली सभी संविधान बचाओ रैलियां स्थगित कर दी गई हैं।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता जताने और इस अमानवीय कृत्य के विरोध में सभी राज्यों के जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता 25 अप्रैल को कैंडल मार्च निकालेंगे।
संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर शुरू होंगी
25 और 26 अप्रैल को होने वाली सभी संविधान बचाओ रैलियां स्थगित कर दी गई हैं। संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर शुरू होंगी।
आतंकियों से कभी भी हो सकता है हिसाब-किताब
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित खून के प्यासे आतंकियों ने जिस तरह से निर्दोष लोगों का खून बहाया, उसका हिसाब-किताब तो कभी भी हो सकता है, लेकिन उन महिलाओं का सूना जीवन कैसे भरेगा जिनका जीवन अब पूरी तरह से अंधकारमय हो गया है।
उन माताओं का क्या होगा जिनके बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। उन बच्चों का क्या होगा जो अनाथ हो गए। खौफ और तबाही का वो ऐसा मंजर था कि हताशा में महिलाओं द्वारा 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना भी काम न आया। उनकी आंखों के सामने ही पतियों को गोली मार दी गई।
अल्लाह हू अकबर चिल्लाने लगे
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र के भी कई लोग मारे गए हैं। मृतकों में पुणे के दो लोग कौस्तुभ गणबोटे और संतोष जगदाले शामिल हैं। कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी ने ऐसी ही भयावहता साझा की। आतंकियों ने पूछा कि क्या हम अजान पढ़ सकते हैं। हताशा में हमने 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना शुरू कर दिया। फिर भी उन्होंने हमारे पतियों को गोली मार दी।
पहलगाम हमले के घायलों का मुफ्त इलाज कराएंगे मुकेश अंबानी
25 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के उद्योगपति और रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में घायल हुए लोगों का मुंबई स्थित अपने अस्पताल में मुफ्त इलाज कराने की पेशकश की है।
घायलों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने की घोषणा
उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसके अलावा, मुंबई के लीलावती अस्पताल व रीसर्च सेंटर ने भी पहलगाम आतंकी हमले के घायलों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने की घोषणा की है।
मुकेश अंबानी ने जताया दुख
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में निर्दोष भारतीयों की मौत पर शोक व्यक्त करने में रिलायंस परिवार के सभी लोग मेरे साथ हैं। हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम हमले में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
अस्पताल सभी घायलों का मुफ्त इलाज करेगा
आगे कहा कि मुंबई में हमारा रिलायंस फाउंडेशन सर एच.एन. अस्पताल सभी घायलों का मुफ्त इलाज करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसे किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति द्वारा समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए। हम आतंकवाद के खतरे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में अपने माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार और पूरे देश के साथ खड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में लोगों को उनका धर्म पूछकर गोलियों से छलनी किया गया था। इस हमले में करीब 28 लोग मारे गए और कम से कम बीस लोग घायल हुए हैं।
लीलावती अस्पताल के लोग इस आतंकी घटना से स्तब्ध
जबकि लीलावती अस्पताल के स्थायी ट्रस्टी राजेश मेहता ने एक बयान जारी करके कहा कि लीलावती अस्पताल के लोग इस आतंकी घटना से स्तब्ध हैं। वह इस हमले में घायल हुए लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे। जिन्हें भी चिकित्सा व देखभाल की आवश्यकता हो वह अस्पताल से तुरंत संपर्क करें।
ओवैसी का सवाल – आतंकवादी सीमा पार कर भारत तक कैसे पहुंचे?
24 Apr, 2025 04:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में मंगलवार को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इन आतंकयों के खात्मे से ही उन लोगों के परिवार को न्याय मिलेगा, जिनकी इसमें हत्या हुई है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'एक ऐसी जगह जहां इतने सारे पर्यटक थे, वहां एक भी पुलिस कर्मी या सीआरपीएफ कैंप नहीं था। क्विक रिएक्शन टीम (QRT) को मौके पर पहुंचने में एक घंटे से अधिक का समय लगा और इन कमीनों-हरमजादों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें गोली मार दी।'
ओवैसी ने उठाए सवाल?
उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान से आए थे और पाकिस्तान उनका समर्थन करता है। वे सीमा कैसे पार कर गए? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वे पहलगाम पहुंचे गए तो श्रीनगर भी पहुंच सकते थे... न्याय तभी होगा जब जवाबदेही तय होगी... हम आतंकी हमले की निंदा करते हैं।
पीएम से सर्वदलीय बैठक का आग्रह
बता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि पहलगाम सर्वदलीय बैठक के लिए संसद में सदस्यों की संख्या की परवाह किए बिना सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाए।
ओवैसी ने रिजिजू से की फोन पर बात
ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने बुधवार रात केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से बात की और उन्हें बताया गया कि एनडीए सरकार केवल 'पांच या 10 सांसदों' वाले दलों को आमंत्रित करने पर विचार कर रही है।
ओवैसी ने यह भी कहा कि जब उन्होंने पूछा कि कम सांसदों वाले दलों को क्यों नहीं? तो केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि बैठक 'बहुत लंबी' हो जाएगी और उन्होंने मजाक किया कि एआईएमआईएम नेताओं की आवाज वैसे भी बहुत तेज है।
गुरुवार शाम को होने वाली बैठक में केंद्र विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देगा और उनके विचार सुनेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह नेताओं को जानकारी देंगे। सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
आतंकवादियों को करारा जवाब जरूरी
ओवैसी ने कहा कि यह भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आंतरिक बैठक नहीं है, बल्कि आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ एक मजबूत और एकजुट संदेश भेजने के लिए एक सर्वदलीय बैठक है। क्या नरेंद्र मोदी सभी दलों की चिंताओं को सुनने के लिए एक घंटा अतिरिक्त नहीं दे सकते?