देश
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी कंपनियों और सरकार से जवाब मांगा
28 Apr, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, जिसमें मांग की गई है कि ओटीटी और सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली अश्लील सामग्री को विनियमित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह मामला बेहद चिंताजनक है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट ने न सिर्फ केंद्र सरकार को बल्कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, ऑल्ट बालाजी, उल्लू डिजिटल, मुबी समेत ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, गूगल, मेटा और एप्पल को भी इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इन संस्थानों को इसलिए भी बुलाया है, क्योंकि कोर्ट का मानना है कि ऐसे मामलों में उनकी भी जिम्मेदारी है।
सरकार ने कोर्ट में क्या कहा
इस तरह देश की सर्वोच्च अदालत ने ओटीटी, सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाने की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा। कोर्ट ने कहा कि प्रसारण पर रोक लगाने की याचिका बेहद चिंताजनक है। मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज और भावी मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा है कि हमने देखा है कि बच्चों को कुछ समय के लिए व्यस्त रखने के लिए उन्हें फोन आदि थमा दिए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मैं इस मामले को किसी भी विपरीत तरीके से नहीं ले रहा हूं।
मेरी एकमात्र चिंता यह है कि यह सब बच्चों के सामने है। कुछ कार्यक्रमों में भाषा ऐसी है जो ठीक नहीं है और दो लोग एक साथ बैठकर इसे देख भी नहीं सकते। मेहता ने कहा कि उनके पास एकमात्र मानदंड यह है कि यह 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए आदेश में दर्ज किया कि कार्यपालिका और विधायिका को ओटीटी/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभद्र सामग्री को रोकने के लिए उपाय करने होंगे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कुछ नियम पहले से ही हैं और उन पर विचार किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर घिबली स्टाइल फोटो शेयर करना पड़ा भारी, स्मिता सभरवाल का तबादला
28 Apr, 2025 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद। तेलंगाना कैडर की आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल का तबादला कर दिया गया है। स्मिता कुछ दिनों पहले ही एआई की तस्वीर शेयर करके विवादों में आईं थीं। इस घटना को अभी 1 महीने भी नहीं बीते कि तेलंगाना सरकार ने 20 अधिकारियों का तबादला कर दिया और इस लिस्ट में स्मिता सभरवाल का नाम भी शामिल है।
तेलंगाना पुलिस ने जारी किया था नोटिस
हाल ही में स्मिता को एआई तस्वीर शेयर करने के लिए तेलंगाना पुलिस ने नोटिस जारी किया था। इस दौरान स्मिता का कहना था कि उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। स्मिता की इस पोस्ट को 2,000 से ज्यादा लोगों ने दोबारा शेयर किया था। ऐसे में स्मिता ने सवाल उठाए थे कि क्या रीशेयर करने वाले 2,000 लोगों के खिलाफ भी पुलिस यही कदम उठाएगी?
कहां हुआ तबादला?
बता दें कि स्मिता सभरवाल वर्तमान में युवा उन्नति, पर्यटन और संस्कृति (YAT&C) की मुख्य सचिव हैं। साथ ही वो पुरातत्व निदेशक भी हैं। हालांकि, अब उन्हें तेलंगाना के वित्त आयोग में सदस्य सचिव नियुक्त कर दिया गया है। 2024 में स्मिता इसी पद से YAT&C की मुख्य सचिव बनीं थीं और अब उन्हें फिर से उनके पुराने पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
सीएम की सचिव रह चुकी हैं स्मिता
पिछली बीआरएस सरकार में आईएएस स्मिता सभरवाल मुख्यमंत्री की सचिव थीं। हालांकि राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और उन्हें वित्त आयोग का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया था।
कौन हैं IAS स्मिता सभरवाल?
19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जन्मीं स्मिता सभरवाल साल 2000 में चौथी रैंक लगाकर UPSC टॉपर बनीं थीं। IAS की ट्रेनिंग के बाद उन्हें तेलंगाना कैडर मिला। स्मिता को तेलंगाना की वरिष्ठ अधिकारियों में गिना जाता है।
फोटो शेयर करने पर हुआ विवाद
31 मार्च 2025 को स्मिता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर AI की घिबली फोटो साझा की थी। इस तस्वीर में 1 मोर और 2 हिरण खड़े हैं, जिनकी तरफ बुलडोजर तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्मिता ने यह तस्वीर हैदराबाद विश्वविद्यालय के संदर्भ में पोस्ट की थी। दरअसल हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ जमीन है, जहां आईटी पार्क बनाने पर बात चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक
सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। कई छात्र और पर्यावरणविद भी इस आईटी पार्क का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में स्मिता ने इसी से जुड़ी AI जनरेटेड फोटो साझा कि तो तेलंगाना पुलिस ने उनपर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगते हुए नोटिस जारी कर दिया था।
सीमा हैदर की नागरिकता पर उठा विवाद, पूर्व पति ने की कार्रवाई की मांग
28 Apr, 2025 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई बेकसूरों की जान चली गई. इस हमले के बाद से भारत से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है. इसी बीच अपने प्रेमी सचिन के लिए पाकिस्तान छोड़कर आई सीमा हैदर भी एक बार से सुर्खियों में आ गई है. सीमा के पहले पति गुलाम हैदर का बयान सामने आया है, जिसमें उसने कहा कि भारत में कुछ भी बड़ा हो सकता है.
इसके साथ ही गुलाम हैदर ने ये भी कहा कि सीमा हैदर पिछले दो सालों से भारत में अवैध तरीके से रह रही है. वीजा लेकर गए लोगों को तो भारत वापस भेज रहा है और अवैध तरीके से भारत में रह रही सीमा पर किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. यही नहीं गुलाम हैदर ने ये भी कहा कि सीमा के पास जो बच्चे हैं. वह पाकिस्तानी हैं. उसने उन्हें भी पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कहा.
एपी सिंह को सजा देने की मांग
गुलाम हैदर ने सीमा हैदर को जेल में डाले जाने की भी बात कही. सीमा के साथ-साथ वकील एपी सिंह को भी देश का दुश्मन बताया. उसने दोनों को सख्त सजा दिए जाने की बात कही. गुलाम ने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में कुछ भी बड़ा हो सकता है. बड़ी साजिश हो रही है.” साथ ही अपने बच्चों को भी पाकिस्तान ही बुला रहा है. गुलाम ने ये बातें ये एक वीडियो शेयर कर कही हैं.
अब फैसले का समय आ गया
गुलाम ने ये भी कहा कि सीमा अभी भी मेरे साथ निकाह में है. मेरा अभी तक सीमा के साथ तलाक नहीं हुआ है. अब फैसले का समय आ गया. सचिन और सीमा को उनके किए का फल मिलेगा. एपी सिंह अपना चेहरा चमकाने के लिए उनका केस देख रहा है. उसको खुद भी नहीं पता कि वो क्या बोलता है. 2 साल से मैं इंसाफ के लिए चिल्ला रहा हूं. सीमा अवैध तरीके से घुसकर रबूपुरा में बैठी है, उसे जेल भेजा जाए. मेरे 4 बच्चों को डिपोर्ट किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. वकील एपी सिंह लोगों को गलत मैसेज देता है. वो इंसान नहीं, हैवान है.
“अब मैं हिंदुस्तान की बहू हूं”
गुलाम ने कहा कि मैं हर बार भारत सरकार से अपने बच्चों को वापस भेजने की मांग करता हूं और एपी सिंह कहता है कि मैं अपने बच्चों को मारूंगा. अरे वो बच्चे मेरे जिगर के टुकड़े हैं. मैंने उनके लिए कितना कुछ किया. वह पाकिस्तानी बच्चे हैं. इधर सीमा का पहला पति उसे पाकिस्तानी बता रहा है. वहीं सीमा हैदर ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि उसे भारत में रहने देने की इजाजत दे दी जाए. सीमा ने कहा था वह पाकिस्तान की बेटी थी, लेकिन अब वह हिंदुस्तान की बहू है.
सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तीन उग्रवादी मारे गए, दो मजदूरों को किया गया रेस्क्यू
28 Apr, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोहिमा। अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग जिले के पंगचाओ क्षेत्र से दो निर्माण मजदूरों के अपहरण के आरोप में एनएससीएन (केवाईए) समूह के तीन उग्रवादियों को ढेर कर दिया गया। एक मजदूर के बचा लिया गया है।
उग्रवादियों ने दो निर्माण श्रमिकों का अपहरण कर लिया गया था
मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने बताया कि 25 अप्रैल की रात को लोंगडिंग के पंगचाओ क्षेत्र से दो निर्माण श्रमिकों का अपहरण कर लिया गया था।
भारतीय सेना और असम राइफल्स ने चलाया अभियान
भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने 27 अप्रैल को पंगचाओ क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान शुरू किया। इस दौरान एनएससीएन (केवाईए) समूह के तीन उग्रवादियों को ढेर कर दिया। उग्रवादियों के पास से गोला-बारूद के साथ चार हथियार बरामद किए गए है। आपरेशन में एक निर्माण श्रमिक को बचा लिया गया, जबकि दूसरे की तलाश जारी है।
वहीं, इस मामले में भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने बयान जारी किया है, जिसमें कहा है कि 25 अप्रैल 2025 (शुक्रवार) की रात को अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग जिले के पंगचाओ के सामान्य क्षेत्र से दो निर्माण श्रमिकों का अपहरण कर लिया गया।
एक प्रतिबंधित समूह के तीन कैडरों को मार गिराया गया
विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने 27 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग जिले के पंगचाओ के सामान्य क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया। संपर्क स्थापित किया गया और आगामी गोलीबारी में, एक प्रतिबंधित समूह के तीन कैडरों को मार गिराया गया।
अभियान में चार स्वचालित हथियार, गोला-बारूद और युद्ध जैसे सामान भी बरामद किए गए। अभियान में एक निर्माण श्रमिक को बचा लिया गया और दूसरे की तलाश जारी है।
तीन साल की कैद या 3 लाख जुर्माना: भारत नहीं छोड़ने पर पाकिस्तानी भुगतेंगे अंजाम, क्या कहते हैं नियम?
28 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित समयसीमा के भीतर भारत नहीं छोड़ने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। इस अपराध के लिए उन्हें तीन वर्ष तक के कारावास या अधिकतम तीन लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत छोड़ने का नोटिस जारी किया था। सार्क वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की समयसीमा 26 अप्रैल निर्धारित की गई थी।
मेडिकल वीजा धारकों के लिए समयसीमा 29 अप्रैल है। जबकि 12 श्रेणियों के वीजा धारकों के लिए समयसीमा 27 अप्रैल थी जिनमें आगमन पर वीजा, कारोबारी, फिल्म, पत्रकार, ट्रांजिट, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, यात्रा, समूह पर्यटन, तीर्थयात्रा एवं समूह में तीर्थयात्रा वीजा शामिल हैं।
आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 क्या कहता है?
चार अप्रैल से प्रभावी हुए आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के अनुसार वीजा अवधि से अधिक रुकने, वीजा शर्तों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित क्षेत्रों का अतिक्रमण करने पर तीन वर्ष तक का कारावास या तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया था और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा था कि कोई भी पाकिस्तानी देश छोड़ने के लिए निर्धारित समयसीमा से अधिक नहीं रुकने पाए। इसके बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी और उन्हें इसी आशय के निर्देश दिए थे।
अटारी के रास्ते 509 पाकिस्तानियों ने छोड़ा भारत
शुक्रवार से तीन दिनों के दौरान 509 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बार्डर पोस्ट के रास्ते भारत छोड़ चुके हैं, इनमें नौ राजनयिक हैं। जबकि इस दौरान इसी रास्ते से 745 भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं जिनमें 14 राजनयिक हैं।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार को अटारी-वाघा बार्डर पोस्ट के रास्ते 237 पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत छोड़ा जिनमें नौ राजनयिक व अधिकारी शामिल थे। जबकि 26 अप्रैल को 81 और 25 अप्रैल को 191 पाकिस्तानियों ने भारत छोड़ा था।
इसी तरह एक राजनयिक समेत 116 भारतीय रविवार को स्वदेश लौटे, जबकि 13 राजनयिकों समेत 342 भारतीय 26 अप्रैल को और 287 भारतीय 25 अप्रैल को स्वदेश आए थे।
अधिकारियों का कहना है कि कुछ पाकिस्तानियों ने संभवत: एयरपोर्ट के जरिये भी भारत छोड़ा होगा क्योंकि दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा नहीं होने के कारण वे दूसरे देशों के रास्ते गए होंगे।
पीएसएल से जुड़े 23 भारतीय भी स्वदेश पहुंचे
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने उन 23 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है जो पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) मैचों के प्रोडक्शन एवं ब्राडकास्ट के लिए पाकिस्तान में थे। इन्हें एक कंपनी ने हायर किया था। पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि ये सभी भारतीय वाघा सीमा के रास्ते लाहौर से भारत पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने सभी भारतीयों नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए 30 अप्रैल की समयसीमा निर्धारित की है।
डेविड लैमी की जयशंकर से मुलाकात, सीमा पार आतंकवाद रहा मुख्य मुद्दा
28 Apr, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी को आतंकवाद के प्रति भारत की ''जीरो टालरेंस'' की नीति से अवगत कराया और पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों पर चर्चा की।
ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया
आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंधों में गंभीर तनाव के बीच लैमी ने पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार से भी बातचीत की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पहलगाम में हुए भीषण हमले के पीछे सीमा पार संबंधों का हवाला देते हुए भारत ने इस हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की बात कही है। ब्रिटिश विदेश मंत्री के साथ फोन पर बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद के प्रति ''शून्य सहनशीलता'' के महत्व को रेखांकित किया।
डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं
दूसरी तरफ, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उपप्रधानमंत्री डार ने लैमी से बात की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देते हुए अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के पाकिस्तान के अटूट संकल्प को दोहराया। डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं।
सड़कों पर चिपकाए पाकिस्तानी झंडे के स्टीकर लगा जताया आक्रोश
पहलगाम में बैसरन में हुए आतंकी हमले के विरोध में लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। रविवार को कई जगहों पर युवाओं के द्वारा कैंडिल मार्च निकाले जाने के साथ ही पाकिस्तानी झंडे के पोस्टर भी सड़कों पर चिपका कर विरोध जताया गया।
नोएडा के साथ हरियाणा के गोहाना में जगहों पर पाकिस्तान के झंडे के स्टीकर सड़कों पर चिपकाए गए। इस दौरान कुछ जगहों पर इन स्टीकरों पर लात मार कर नाराजगी भी जाहिर की गई।
उधर धर्मशाला में कोतवाली बाजार में एक महिला द्वारा इन पोस्टरों को सडक से निकालने का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। इस पर वहां मौजूद लोगों ने महिला को रोका भी,लेकिन महिला लगातार पाकिस्तानी झंडे के स्टीकर सड़क से निकालती नजर आई।
नोएडा में लगाए पाकिस्तानी झंडे के पोस्टर
नोएडा में रविवार को एडोब चौराहा और सेक्टर 12/22 की सड़कों पर युवाओं ने बाइक रैली के दौरान पाकिस्तान के झंडे का स्टीकर चिपका कर उस पर लात मारकर नाराजगी जाहिर की।
पाकिस्तान सीजफायर तोड़ने से नहीं आ रहा बाज: एलओसी पर तीसरे दिन भी हुई गोलीबारी जिसका भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब
27 Apr, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बिना उकसावे के गोलीबारी की। शनिवार देर रात टुटमारी गली और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से फायरिंग की गई, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। लगातार तीसरे दिन संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि 26-27 अप्रैल की दरमियानी रात को पाकिस्तान ने कई चौकियों से गोलीबारी की। भारतीय सैनिकों ने प्रभावी ढंग से जवाब देते हुए स्थिति को नियंत्रण में रखा। हाल के दिनों में पाकिस्तान द्वारा 24 अप्रैल को भी इसी तरह की फायरिंग की गई थी। हालांकि, इन घटनाओं में अब तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। यहां बताते चलें कि ये घटनाएं ऐसे समय में हो रही हैं जबकि घाटी में पहले से ही तनाव का माहौल है। 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
आतंकवादियों को भारत हर संभव सजा देकर रहेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि आतंकवादियों, उनके मददगारों और समर्थकों को दुनिया के किसी भी कोने में ढूंढ़कर सजा दी जाएगी। वहीं, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और आतंकियों के खिलाफ हरसंभव बल के प्रयोग का निर्देश दिया।
साइंस ग्रेजुएट आदिल कैसे बन गया 26 मासूमों का हत्यारा, पुलिस ने रखा 20 लाख का इनाम
27 Apr, 2025 05:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रेल को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कड़ी कार्रवाई की। इस हमले में शामिल आतंकी आदिल हुसैन थोकर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा, गोरी इलाके में स्थित घर को शुक्रवार को आईईडी से उड़ा दिया गया। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की गई। गौरतलब है कि आदिल थोकर ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को बैसरन घाटी में हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बता दें कि पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
साइंस से ग्रेजुएट, उर्दू से MA
आदिल हुसैन कभी अपने घर पर बच्चों को पढ़ाता था। उसने साइंस से ग्रेजुएट की है और उर्दू से एमए कर रहा था। अब आदिल पर सरकार ने 20 लाख का इनाम रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2018 में आदिल अपना घर छोड़कर छात्र वीजा पर पाकिस्तान चला गया था। वह भारत छोड़ने से पहले ही सीमा पार से संचालित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों के संपर्क में था।
परिवार से तोड़ा संपर्क
दरअसल, पाकिस्तान में जाने के बाद आदिल ने अपने परिवार से संपर्क तोड़ दिया। करीब आठ महीने तक उसकी मौजूदगी का कोई सुराग नहीं मिल सका।
2024 में वापस आया भारत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी आदिल ने अक्टूबर 2024 में एलओसी पार की थी। जम्मू-कश्मीर में घुसने के बाद आदिल ने जंगल और पहाड़ी रास्तों का इस्तेमाल करके खुद को पुलिस की पकड़ से बचा लिया। वहीं खुफिया सूत्रों का कहना है कि उसने अपने साथ घुसपैठ करने वाले कम से कम एक पाकिस्तानी नागरिक को जंगल में या सुनसान गांवों में पनाह दी थी।
अरब सागर में दिखाई दी भारत की समुद्री ताकत, नौसेना ने ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल का किया सफल परीक्षण
27 Apr, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नौसेना ने अपनी युद्ध तैयारी का दमदार प्रदर्शन करते हुए अरब सागर में कई सफल एंटी-शिप फायरिंग की। नौसेना ने अत्याधुनिक ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, जिसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर है।
इस परीक्षण के साथ ही भारतीय नौसेना ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी प्रकार से राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय और भविष्य के लिए सक्षम है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और तेज कर दिया है। हमले के 48 घंटे के भीतर भारतीय नौसेना ने अपने विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस सूरत से सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस दौरान आईएनएस सूरत ने समुद्र में एक लक्ष्य को सटीकता से भेदा।
इसके अलावा, हाल ही में डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी वर्टिकल-लॉन्च्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का भी सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण 26 मार्च को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया था, जिसमें मिसाइल ने कम ऊंचाई पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को सटीकता से नष्ट किया।
गौरव का भी सफल परीक्षण
भारतीय रक्षा क्षमता को और मजबूती देते हुए, इसी महीने भारत ने लड़ाकू विमान से दागे जाने वाले लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का भी सफल परीक्षण किया है। 8 से 10 अप्रैल के बीच सुखोई-30 एमकेआई विमान से किए गए ट्रायल्स के दौरान गौरव बम ने लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्यों पर अत्यधिक सटीक निशाना साधा। इस परियोजना में अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज ने भी भागीदारी निभाई।
इन परीक्षणों के जरिए भारत ने न केवल अपने आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है, बल्कि मौजूदा हालात में अपने दुश्मनों को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना — सभी मोर्चों पर पूरी तरह तैयार हैं।
झारखंड में रह रहे 10 पाकिस्तानी नागरिकों पर सस्पेंस, लॉन्ग टर्म वीजा बना ढाल, पुलिस भी लाचार
27 Apr, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड में 10 पाकिस्तानी नागरिक अब भी रह रहे हैं, जबकि भारत सरकार ने वीजा लेकर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं। इनमें से 7 बालिग और 3 नाबालिग हैं। खास बात यह है कि सभी बालिग नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर भारत में रह रहे हैं, जिसके चलते उनके तत्काल निष्कासन पर कानूनी अड़चनें सामने आ रही हैं।
इस मामले में स्थानीय पुलिस और विदेश शाखा के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम निर्णय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, लॉन्ग टर्म वीजा धारकों के मामले में केंद्र सरकार ने कुछ नरमी दिखाई है, और इन्हें तुरंत देश छोड़ने के लिए बाध्य नहीं किया गया है।
परिवारिक संबंध बना वजह
बताया जा रहा है कि इन पाकिस्तानी नागरिकों का झारखंड से जुड़ाव अंतरराष्ट्रीय वैवाहिक संबंधों के चलते हुआ है। कई नागरिक भारतीय नागरिकों से विवाह कर यहां बसे हैं। तीन नाबालिग बच्चे अपने ननिहाल (मातृ पक्ष) में रह रहे हैं। ये नागरिक रांची, धनबाद, जमशेदपुर और हजारीबाग जैसे शहरों में अलग-अलग जगहों पर बसे हुए हैं।
केंद्र सरकार की कड़ी नजर
देशभर में चल रही इस प्रक्रिया के तहत हर राज्य की पुलिस और विदेशी शाखा पाकिस्तानी नागरिकों का विवरण एकत्र कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज रही है। गृह मंत्रालय ही तय करेगा कि किसे भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी और किसे वापस भेजा जाएगा। झारखंड में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के भविष्य को लेकर स्थिति फिलहाल अनिश्चित है।
क्या है लॉन्ग टर्म वीजा?
लॉन्ग टर्म वीजा भारत सरकार द्वारा उन नागरिकों को दिया जाता है जो किसी भारतीय नागरिक से विवाह के बाद या अन्य मानवीय आधार पर भारत में रहना चाहते हैं। ऐसे वीजा धारकों को विशेष सुरक्षा और कानूनी संरक्षण प्राप्त होता है, और उन्हें सामान्य वीजा धारकों की तरह अचानक देश छोड़ने के आदेश नहीं दिए जा सकते।
मन की बात: पीएम मोदी ने कहा- आतंक के खिलाफ पूरी दुनिया भारत के साथ, अब बख्शेंगे नहीं
27 Apr, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में आतंकियों को कड़ा संदेश दे दिया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि इस बार कायराना हरकतें करने वालों को किसी भी हाल में छोड़ेंगे नहीं। पीएम मोदी ने कहा भारत का विकास देखकर दुश्मनों का मन कुंठित है वे कश्मीर को फलता फूलता देखना नहीं चाहते। वे नहीं चाहते कि कश्मीर के युवाओं को रोजगार मिले, यहां पर्यटन बढ़े और स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो। इसके लिए कायराना हरकतें की जाती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर के लोगों ने संवेदना व्यक्त की है। मेरा मन बहुत दुखी है, हर भारतीय गुस्से से उबल रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पहलगाम में कुंठित कायरता दिखाई है। दुश्मनों को देश का विकास रास नहीं आ रहा है। आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन पर बेहद कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ पूरी दुनिया भारत के साथ है और पहलगाम के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंक के सरपरस्तों की हताशा साफ दिख रही है। उनकी कायरता नजर आ रही है। जब कश्मीर में शांति लौट रही है और स्कूल कॉलेजों के निर्माण में एक तेजी है। लोकतंत्र मजबूत हो रहा है। पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है तो दुश्मनों को यह सब रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा का आतंक के आका यही चाहते हैं कि कश्मीर फिर से तबाह हो और इसीलिए इतनी साजिशें की जा रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस चुनौती का सामना संकल्पों को मजबूत करके करना है। मैं पीड़ित परिवारों को भरोसा देता हूं कि न्याय मिलकर रहेगा। हमले के दोषियों को कठोरतम सजा दी जाएगी।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे चंपारण सत्याग्रह का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि अप्रैल महीने में हुए इस सत्याग्रह को महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश शासकों द्वारा बिमार किसानों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। यह सत्याग्रह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के लिए एक अहम पड़ाव साबित हुआ और महात्मा गांधी के नेतृत्व में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को लोकप्रिय बनाने का काम किया। पीएम मोदी ने आगे बताया कि इस सत्याग्रह को लेकर देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने एक किताब लिखी थी। हर युवा को यह किताब पढ़नी चाहिए। दरअसल, उस वक्त अंग्रेजों द्वारा चंपारण के किसानों से जबरदस्ती नील की खेती करवाई जाती थी, जिसमें उन्हें बहुत कम मूल्य पर नील बेचने के लिए मजबूर किया जाता था। इसके साथ ही, इन किसानों को अत्यधिक कर और शोषण का सामना करना पड़ता था।
सत्याग्रह के आगे अंग्रेजों को झुकना पड़ा
महात्मा गांधी को चंपारण में किसानों के शोषण की जानकारी मिली और उन्होंने वहां जाकर किसानों की मदद करने का निर्णय लिया। गांधी जी के नेतृत्व में इस आंदोलन की शुरुआत हुई, और किसानों के अधिकारों के लिए उन्होंने सत्याग्रह किया। गांधी जी ने सत्याग्रह के द्वारा ब्रिटिश अधिकारियों के सामने किसानों की समस्याओं को रखा। उन्होंने अहिंसा और असहमति के शांतिपूर्ण तरीकों से आंदोलन को नेतृत्व किया। गांधी जी ने किसानों की स्थिति का अध्ययन किया और अधिकारियों को यह समझाया कि वे नील की खेती करने के लिए मजबूर नहीं किए जा सकते हैं। इस सत्याग्रह का परिणाम यह हुआ कि ब्रिटिश सरकार ने चंपारण के किसानों के साथ हो रहे अन्याय को स्वीकार किया और किसानों को कुछ राहत प्रदान की। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया।
मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाएं
मासिक रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम अभियान का जिक्र किया और कहा कि देश के हर एक नागरिको को पर्यावरण की ओर ध्यान देना चाहिए और कम से कम अपनी मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि अहमदाबाद में ही कम से कम 70 लाख पेड़ लगाए गए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व इसरो चीफ और वैज्ञनिक के कस्तूरीरंगन को भी श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार को उनका निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि कस्तूरीरंगन पूरी जिंदगी देश की निस्वार्थ सेवा करते रहे। देश के निर्माण के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
रूस-यूक्रेन जंग में शामिल हुआ केरल का युवक, घायल हो वापस घर लौटा
27 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तिरुवनंतपुरम। केरल का एक युवक, जैन टी कुरियन, जो रूस की सेना द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भेजे जाने पर मजबूर हुआ था, अंततः अपनी मातृभूमि लौट आया है। 27 वर्षीय जैन, जो रूस के युद्ध में घायल हो गया था की गुरुवार को घर वापसी हुई है। उसकी घर वापसी भारतीय दूतावास की मदद और उनके परिवार द्वारा की गई लगातार कोशिशों से संभव हो सकी है।
यहां बताते चलें कि जैन टी कुरियन त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी का निवासी है और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान जनवरी में एक ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हमले में उनके रिश्तेदार बिनिल टी बी (32) की मौत हो गई थी। हालांकि, बिनिल का शव अब तक भारत नहीं पहुंच पाया है। जैन को इलाज के लिए रूस में चार महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा और उन्हें यह डर था कि इलाज के बाद उन्हें फिर से युद्ध में भेज दिया जाएगा।
जैन ने बताया कि 6 जनवरी को उन्हें रोस्तोव-ऑन-डॉन के पास चोटें आईं थीं, जो मॉस्को से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर स्थित है। वहां उनके पेट में गंभीर चोटें आईं, और उन्हें कई सर्जरी से गुजरना पड़ा। जैन को 22 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फिर से युद्ध में भेजने का आदेश दिया गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय दूतावास को सूचित किया, जिसके बाद उनकी वापसी सुनिश्चित हो पाई।
पारिवारिक ने ली राहत की सांस
जैन के घर लौटने पर उनके परिजनों ने राहत की सांस ली और उन्हें गले से लगा लिया। उनका परिवार लंबे समय से उनके सुरक्षित घर लौटने की प्रार्थना कर रहा था। जैन और बिनिल उन भारतीयों में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल अप्रैल में रूस में सेना के सहायक कार्यों के लिए नौकरी की उम्मीद में कदम रखा था। बताया जा रहा है कि रूस पहुंचते ही उन्हें भारतीय पासपोर्ट छोड़ने, स्थायी निवास लेने, और सेना में भर्ती होकर युद्ध में जाने के लिए मजबूर किया गया था। जैन और बिनिल ने अपनी जान को खतरे में बताते हुए कई बार मदद की गुहार लगाई थी।
सिक्किम में भूस्खलन, भारी बारिश के कारण सड़कें बंद, महाराष्ट्र के 100 से ज्यादा पर्यटक फंसे
27 Apr, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घूमने गए पर्यटकों पर हुए हमले से पूरा देश स्तब्ध है। इस घटना में 27 पर्यटकों की मौत हो गई। इनमें से 6 मृतक महाराष्ट्र के थे। इस घटना के बाद महाराष्ट्र पर एक और संकट आ पड़ा है। दरअसल अब जानकारी सामने आई है कि भूस्खलन और हिमस्खलन के कारण सिक्किम में महाराष्ट्र के 100 से ज्यादा पर्यटक फंस गए हैं। जानकारी के अनुसार सिक्किम के लाचुंग में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है। इस त्रासदी में राज्य के पुणे, मुंबई, अकोला और नागपुर के पर्यटक वहां फंस गए हैं। इसमें अकोला के चार नामचीन डॉक्टरों के परिवार के 16 लोग फंस गए हैं। लाचुंग सिक्किम के मंगन जिले का एक मशहूर हिल स्टेशन है। बहरहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा सिक्किम में फंसे पर्यटकों को वहां से लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या जुलाई में भारत पर परमाणु हमला कर देगा पाकिस्तान
27 Apr, 2025 08:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा कदम उठाया है, जिसकी गूंज इस्लामाबाद की सत्ता तक सुनाई दी है। भारत सरकार ने पहली बार सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। यह वहीं समझौता है, जो 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था और दशकों तक समझौते को दोनों देशों ने निभाया, चाहे हालात युद्ध जैसे क्यों न रहे हों। लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के निर्णय ने पाकिस्तान को हिला दिया है। पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत ने सिंधु नदी के पानी को रोकने या मोड़ने की कोशिश की, तब पाकिस्तान अपनी पूरी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें परमाणु हथियारों का उपयोग शामिल है। भारत सरकार के कदम को पाकिस्तान ने युद्ध की कार्रवाई करार देकर चेतावनी दी है कि अगर जल आपूर्ति पर कोई भी खतरा मंडराया, तब इस्लामाबाद तुरंत प्रतिक्रिया देगा। जुलाई से इस संकट का असर दिख सकता है, और यह कदम पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था और पानी की आपूर्ति के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।
मोदी सरकार के फैसले ने पाकिस्तान की चिंता को चरम पर पहुंचा दिया है। सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी पश्चिमी नदियों से अधिकतर पानी मिलता है। यही पानी पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था की रीढ़ है। भारत के इस फैसले से डर है कि अब उसकी खेतों को सींचने वाली धाराएं सूख सकती हैं। पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा, खासकर पंजाब और सिंध प्रांत, इन नदियों पर पूरी तरह निर्भर है। यदि भारत जल प्रवाह को सीमित करता है या मोड़ता है, तो पाकिस्तान में खाद्य संकट के हालात भी पैदा हो सकते हैं।
पाकिस्तानी मीडिया और रक्षा विशेषज्ञों ने इतना तक कह दिया कि अगर भारत ने डैम बनाना शुरू किया या जल को रोकने की कोई कोशिश की, तब पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
भारत के इस कदम से पाकिस्तान में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी है। भारत हर साल मानसून से पहले पाकिस्तान को बाढ़ संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराता रहा है। अगर भारत यह डेटा शेयर करना बंद करता है, तब पाकिस्तान बिना किसी पूर्व चेतावनी के प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ सकता है। तीन साल पहले आई भीषण बाढ़ में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही बुरी तरह लड़खड़ा चुकी है। अब यदि भविष्य में बाढ़ की जानकारी समय पर नहीं मिली, तब हालात और बदतर हो सकते हैं। भारत के इस निर्णय को लेकर राजनीतिक गलियारों में यह बात सामने आ रही है कि यह फैसला सिर्फ एक जल समझौते को लेकर नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति का प्रतीक है। पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादी संगठनों को शरण देने के आरोपों से घिरा रहा है और बार-बार चेतावनी के बावजूद आतंकी हमलों में शामिल रहा है। अब भारत ने सीधे उसकी जीवनरेखा-पानी- को निशाना बना दिया है।
पाकिस्तान के पूर्व सिंधु जल आयुक्त जमात अली शाह ने बयान में कहा है कि भारत एकतरफा इस संधि को रद्द नहीं कर सकता, क्योंकि यह एक स्थायी समझौता है और इसके लिए दोनों देशों की सहमति आवश्यक है। हालांकि भारतीय अधिकारियों का तर्क है कि भारत ने पूरी तरह रद्द नहीं किया, बल्कि स्थगित किया है, यानी जब तक पाकिस्तान अपनी आतंक-समर्थन की नीति नहीं बदलता, तब तक सहयोग की कोई गुंजाइश नहीं है। भारत ने संकेत दिए हैं कि यह स्थगन पश्चिमी नदियों पर चल रही भारत की जल परियोजनाओं को तेज़ी देने के लिए भी रास्ता खोलता है। पाकल दुल, रतले, किरू और सावलकोट जैसे डैम और पनबिजली प्रोजेक्ट्स अब प्राथमिकता के साथ पूरे हो सकते हैं, जिससे पाकिस्तान को भविष्य में पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
युवाओं को रोजगार देने में हिमाचल सरकार पूरी तरह विफल : अनुराग ठाकुर
26 Apr, 2025 07:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), 26 अप्रैल । हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर पहुंचे भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने शनिवार को राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने और महिलाओं को 1,500 रुपए मासिक भत्ता देने में पूरी तरह विफल रही है।
अनुराग ठाकुर ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नेगी की मृत्यु के कारणों पर अब भी प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। उनकी मौत किन परिस्थितियों में हुई, इस पर स्पष्टता नहीं है, जिससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में प्रदेश में उच्च अधिकारियों के इस्तीफों को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक अधिकारी अपने पद छोड़ रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि प्रशासन में किस प्रकार दबाव और भय का माहौल बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एक डायरी और एक पेन ड्राइव भी बरामद हुई है, जो इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। पेन ड्राइव में किस-किस का नाम सामने आया है, यह जांच का विषय है और इस पूरे मामले की व्यापक और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर अव्यवस्था फैलाने, केंद्र से मिले फंड का दुरुपयोग और कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा था कि प्रदेश में “नॉन-परफॉर्मिंग गवर्नमेंट” नजर आ रही है और जनता अब कांग्रेस को सत्ता सौंपने के अपने फैसले पर पछता रही है। उन्होंने सुक्खू सरकार के बार-बार यह कहने पर कि केंद्र से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा, पर तंज कसते हुए कहा था, “मैं कांग्रेस सरकार से पूछना चाहता हूं कि केंद्र ने कौन सा पैसा नहीं दिया?”
उन्होंने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने आपदा राहत के लिए हिमाचल को 1,782 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन राज्य सरकार इनका सही ढंग से वितरण नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार 31 मार्च को ट्रेजरी बंद रही, जबकि पहले इस दिन रात तक काम होता था। नड्डा ने इसे कुप्रबंधन का सबसे बड़ा उदाहरण बताया।