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नेशनल कांफ्रेंस नेता हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने बरी करने के आदेश पर मुहर लगाई
1 Mar, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2021 में नेशनल कांफ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के आरोपित जम्मू-कश्मीर के राजनेता सुदर्शन सिंह वजीर को बरी किए जाने पर लगी रोक हटा दी है।
पीठ ने कही ये बात
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा बरी किए जाने पर लगी रोक बहुत कठोर है और यह आरोपित को दी गई स्वतंत्रता को कम या खत्म करने जैसी है।
पीठ ने कहा, ''इसलिए 21 अक्टूबर 2023 और 4 नवंबर 2024 को जारी विवादित आदेश को खारिज कर अलग रखा जाता है। हाई कोर्ट अब इस आदेश से प्रभावित हुए बिना पुनरीक्षण आवेदन पर निर्णय लेगा। पुनरीक्षण अदालत केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही बरी किए जाने के आदेश पर रोक लगा सकती है, जहां ऐसे आदेश प्रथम दृष्टया गलत हों।''
वजीर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था
वजीर को फरवरी 2023 में नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व एमएलसी की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने कहा कि बरी किए जाने पर रोक ने सत्र न्यायालय को आरोपित के खिलाफ आरोप तय करने और मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।
ट्रायल कोर्ट द्वारा अक्टूबर 2023 को वजीर को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी और 21 अक्टूबर को एकपक्षीय आदेश में इस राहत पर रोक लगा दी गई। दिल्ली हाई कोर्ट ने वजीर को ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद जमानत के लिए आवेदन को कहा था।
अभी न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''आरोपित को पहले सुनवाई का मौका दिए जाने के बाद ही बरी करने के आदेश पर रोक लगाई जा सकती है। हम आरोपित को चार सप्ताह के भीतर सत्र न्यायालय में उपस्थित होने और अदालत द्वारा तय किए गए नियमों पर पुनरीक्षण आवेदन के निपटारे तक प्रभावी जमानत देने का निर्देश देते हैं।'' अगर अपीलकर्ता ऐसा नहीं करता है तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा और पुनरीक्षण आवेदन के निपटारे तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।
'रोहिंग्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिल सकेगा प्रवेश', सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम निर्देश
देश के शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को एक बड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि रोहिंग्या बच्चे प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों से संपर्क कर सकते हैं और इनकार किए जाने की स्थिति में वे उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।
दरअसल, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त) कार्ड रखने वाले रोहिंग्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश देने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका का निपटारा किया।
भागीरथी नदी में समा रही सिराजुद्दौला की ऐतिहासिक संपत्तियां, कोर्ट ने दिए निर्देश
1 Mar, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में बंगाल के अंतिम नवाब सिराजुद्दौला की स्मृतियों के संरक्षण को लेकर कोई पहल नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने सिराजुद्दौला की स्मृतियों के संरक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि मुर्शिदाबाद में बंगाल के नवाब की संपत्तियां भागीरथी नदी में समा रही हैं।
उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक विरासत हैं। इनका संरक्षण जरूरी है। राज्य को एक सप्ताह के भीतर इस मामले में अपनी स्थिति से कोर्ट को अवगत कराना होगा। इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भी इस मामले में शामिल करने का आदेश दिया गया है।
हेरिटेज कमीशन को फटकार
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सिराजुद्दौला की स्मृतियों के संरक्षण को लेकर राज्य के हेरिटेज कमीशन ने भी कोई पहल नहीं की है। इस संदर्भ में उन्होंने महाबलीपुरम और कन्याकुमारी में विवेकानंद स्मारक शिला के संरक्षण की याद दिलाई। पुराने इतिहास को संरक्षित करने के बजाय उसे नष्ट किया जा रहा है।
सरकारी वकील सुमिता बंद्योपाध्याय ने दावा किया कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1758 में बंगाल के अंतिम नवाब सिराजुद्दौला की स्मृतियों को नष्ट कर दिया था। केवल नौ बीघा जमीन थी। वह भी भागीरथी के कटाव में बह रही है। इसके लिए थोड़े और समय की जरूरत है।
अगले सप्ताह मामले पर पुन: सुनवाई होगी। मालूम हो कि सिराजुद्दौला स्मृति सुरक्षा ट्रस्ट की प्रमुख समर्पिता दत्ता की ओर दायर याचिका में मुर्शिदाबाद में भागीरथी के पश्चिमी तट पर सिराजुद्दौला की संपत्तियों के जीर्णोद्धार, नवीनीकरण और संरक्षण की मांग की गई है।
हाईकोर्ट का एनएचएआई को झटका, लखनपुर और बन टोल प्लाजा पर नए टैक्स का आदेश रद्द
28 Feb, 2025 05:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने प्रदेश के आम लोगों के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि जब तक लखनपुर से लेकर उधमपुर तक नेशनल हाईवे का काम पूरा नहीं हो जाता और जब तक यहां ट्रैफिक पूरी तरह से सुचारू नहीं हो जाती, वाहन चालकों से लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर कुल टोल टैक्स का सिर्फ 20 प्रतिशत टोल टैक्स ही वसूल किया जाए.
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान व जस्टिस एमए चौधरी ने त्रिकुटा नगर निवासी सुगंधा साहनी की ओर से दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान उक्त निर्देश दिए.
सुगंधा साहनी की ओर से पांच फरवरी को यह जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर उस दिन बेंच ने कोई फैसला नहीं लिया और शुक्रवार को इस जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया व प्रदेश प्रशासन को उक्त निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू करने की हिदायत दी.
टोल प्लाजा टैक्स को लेकर कोर्ट ने दिए ये आदेश
जनहित याचिका में एनएचएआइ के उस आदेश को भी चुनौती दी गई, जिसमें अथॉरिटी ने 26 जनवरी 2024 से ठंडी खुई टोल प्लाजा बंद होने के बाद लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर लगने वाले टैक्स को दोबारा निर्धारित करने का फैसला लिया था. हाईकोर्ट ने इस आदेश को भी एक सप्ताह के भीतर वापस लेने का निर्देश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि जब-तक लखनपुर से उधमपुर तक नेशनल हाईवे निर्माण पूरा नहीं होता और ट्रैफिक सुचारू नहीं होती, तब-तक लखनपुर व बन टोल प्लाजा में 26 जनवरी 2024 से पूर्व जो टोल टैक्स था, उसका सिर्फ 20 प्रतिशत टैक्स वसूल किया जाए.
हाईकोर्ट ने कहा कि नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक सुचारू होने का एक निष्पक्ष एजेंसी से सर्वे कराकर रिपोर्ट लेनी होगी और जब एनएचएआइ को इसका प्रमाण पत्र मिल जाए. उसके बाद ही लखनपुर व बन टोल प्लाजा पर पूरे टैक्स की वसूली शुरू होनी चाहिए.
टोल प्लाजा की बढ़ती संख्या पर जताई नाराजगी
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में टोल प्लाजा की बढ़ती संख्या पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में टोल प्लाजा आम आदमी से वसूली करने का एक माध्यम बन चुका है.
हाईकोर्ट ने कहा कि एनएचएआइ दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित टोल प्लाजा की समीक्षा करें और अगर 60 किलोमीटर के भीतर कोई टोल प्लाजा है तो उसे अगले दो महीने के भीतर हटाया जाए.
हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि टोल टैक्स से अर्जित होने वाले राजस्व का इस्तेमाल विकास कार्यों पर होता है लेकिन टोल टैक्स जनता की जेब पर भारी नहीं पड़ना चाहिए.
हाईकोर्ट ने पाया कि 20 मार्च 2015 से 24 दिसंबर 2024 तक बन टोल प्लाजा पर 659.54 करोड़ की वसूली हुई, लखनपुर टोल प्लाजा पर 22 जुलाई 2020 से 24 दिसंबर 2024 तक 355.77 करोड़ की वसूली और ठंडी खुई टोल प्लाजा पर 11 अक्टूबर 2019 से 26 जनवरी 2024 तक 227.88 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया.
1243 करोड़ रुपये के टोल टैक्स की हुई वसूली
ऐसे में इन तीन टोल प्लाजा पर 1243 करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला गया. हाईकोर्ट ने पाया कि समाचार रिपोर्टों के अनुसार 2020 में भारत में 24 हजार करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूल किया गया और जनवरी 2020 में फास्ट टैग आने के बाद यह बढ़कर 34 हजार करोड़ हो गया. ऐसे में प्रतीत होता है कि टोल प्लाजा सिर्फ जनता पर बोझ डालने के लिए स्थापित किए जा रहे हैं.
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने एनएचएआइ से टोल प्लाजा का ठेका लेने वाले ठेकेदारों को भी कड़ी चेतावनी दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर किसी ठेकेदार ने टोल प्लाजा पर किसी अपराधिक छवि वाले कर्मी को रखा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
हाईकोर्ट ने कहा कि उनके ध्यान में भी आया है कि टोल प्लाजा पर वसूली के लिए गुंडा तत्वों को रखा जाता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने कहा कि टोल प्लाजा पर किसी भी कर्मी की नियुक्ति करने से पहले ठेकेदार को संबंधित पुलिस स्टेशन से उस व्यक्ति का सत्यापन करवाना पड़ेगा और इसमें अगर बाद में कोई भी कोताही पाई गई तो संबंधित क्षेत्र का एसएचओ जिम्मेदार होगा.
लखनपुर टोल प्लाजा के रेट- एक तरफा यात्रा
कार-जीप: 135 रुपये
छोटे व्यवसायिक वाहन: 210 रुपये
बस-ट्रक : 440 रुपये
तीन एक्सेल वाहन : 480 रुपये
चार से छह एक्सेल वाहन : 695 रुपये
छह एक्सेल से बड़े वाहन : 645 रुपये
बन टोल प्लाजा के रेट-एक तरफा यात्रा
कार-जीप : 170 रुपये
छोटे व्यवसायिक वाहन : 275 रुपये
बस-ट्रक: 585 रुपये
तीन एक्सेल वाहन: 635 रुपये
चार से छह एक्सेल वाहन: 910 रुपये
छह एक्सेल से बड़े वाहन: 1110 रुपये
छत्तीसगढ़ में बड़ा एक्शन, MBM नेता रघु मिडियामी आतंकी फंडिंग केस में गिरफ्तार
28 Feb, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ में आतंकी फंडिंग मामले में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकी संगठन से जुड़े एक फ्रंटल संगठन के शीर्ष नेता को गिरफ्तार किया है. मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) के नेता रघु मिडियामी को गुरुवार को एनआईए ने आरसी-02/2023/एनआईए/आरपीआर मामले में हिरासत में लिया. बता दें कि मूलवासी बचाओ मंच पर छत्तीसगढ़ सरकार ने भी प्रतिबंध लगा रखा है.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इससे पहले नवंबर 2023 में इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसे फरवरी 2024 में एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था.
पुलिस ने दोनों आरोपियों से 6 लाख रुपये नकद बरामद किए थे, जिनकी पहचान एमबीएम के सदस्य/ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) के रूप में की गई थी.
माओवादी नेता का था एमबीएम से कनेक्शन
बाद की जांच में पता चला कि रघु मिडियामी एमबीएम का नेता है. यह संगठन सीपीआई (माओवादी) के लिए धन संग्रह, भंडारण और वितरण में लगा हुआ है, ताकि उनके भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके.
एनआईए की जांच के अनुसार, रघु मिडियामी सीपीआई (माओवादी) के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के लिए स्थानीय स्तर पर धन के वितरण के लिए नोडल व्यक्ति था.
भाजपा नेता की हत्या के मामले में कई ठिकानों पर रेड
दूसरी ओर, एनआईए ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बिरजू राम ताराम की हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ में नक्सली संदिग्धों के कई ठिकानों की तलाशी ली.
एनआईए की टीम ने छत्तीसगढ़ के जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और सीमावर्ती महाराष्ट्र में छह स्थानों की तलाशी ली और संदिग्धों के परिसरों से मोबाइल फोन, लैपटॉप और प्रिंटर के साथ-साथ अन्य आपत्तिजनक सामग्री और दस्तावेज जब्त किए.
मामले में एनआईए की जांच के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के समर्थकों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई.
समर्थकों और ओजीडब्ल्यू पर बिरजू ताराम की नृशंस हत्या में शामिल सीपीआई (माओवादी) के सशस्त्र कैडरों को शरण देने, आश्रय देने और रसद सहायता प्रदान करने में शामिल होने का संदेह था. भाजपा नेता की अक्टूबर 2023 में इंसास राइफल से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
मुस्लिम लड़की ने धर्म बदलकर की हिंदू लड़के से शादी, बोली- हिंदू धर्म में महिलाओं को मिलता है सम्मान
28 Feb, 2025 03:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: 'रहिमा' ने रिद्धि बनकर करी दीपक से शादी। खबर दिल्ली झा पर एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू धर्म अपनाकर शादी कर ली। बरेली के शिव मंदिर में शुद्धिकरण के बाद रहीमा रिद्धि बन गई और हिंदू रीति-रिवाज से बरेली के दीपक मौर्य संग रचाइ शादी। परिवार की धमकियों के बावजूद रहीमा ने हिंदू धर्म में महिलाओं के सम्मान को देखते हुए यह कदम उठाया। रहीमा का कहना है कि उन्हें हिंदू धर्म की महिलाओं की तरह मांग में सिंदूर, हाथों में चूड़ियां और गले में मंगलसूत्र पहनना उसे पसंद है।
दरअसल, रहीमा और दीपक दोनों दिल्ली में साथ काम करते थे जहां उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो गया। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। रहीमा दिल्ली की रहने वाली हैं। दीपक उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला है। दोनों के अलग-अलग धर्म होने की वजह से रहीमा के परिवार ने शादी से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में रहीमा ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर शादी कर ली। रहीमा के परिवार ने उसे धमकाया, जिसकी वजह से दोनों की जान को खतरा भी है। घरवालों की धमकियों के बावजूद दिल्ली से रहीमा बरेली पहुंची। वहां वह घर लौटी और शिव मंदिर में जाकर उसका शुद्धिकरण किया गया। इस दौरान उसने गायत्री मंत्र का जाप किया। मंदिर में रहीमा का नाम रिद्धि रखा गया, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली। दीपक ने रिद्धि की मांग में सिंदूर भरा और उसे मंगलसूत्र पहनाया। दोनों ने सात फेरे लिए।
सिलाई फैक्ट्री में साथ काम करते हैं दोनों
दीपक बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र के गांव चुरेली का रहने वाला है। रहीमा दिल्ली की रहने वाली है। दोनों दो साल से सिलाई फैक्ट्री में साथ काम कर रहे हैं। इसी दौरान दोनों में प्यार हो गया और उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि दोनों का धर्म अलग-अलग था। दीपक हिंदू है और रहीमा मुस्लिम, जिसके चलते दोनों के परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं थे। हालांकि बाद में दीपक के परिवार वाले शादी के लिए राजी हो गए, लेकिन रहीमा के परिवार वाले राजी नहीं हुए, जिसके चलते रहीमा ने भागकर शादी कर ली।
हिंदुओं में होता महिलाओं का सम्मान- रहिमा (रिद्धि)
रहिमा कहती हैं कि उन्हें हिंदू धर्म की महिलाओं की तरह मांग में सिंदूर, हाथों में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र पहनना पसंद है। उन्होंने बताया कि हिंदुओं में महिलाओं का सम्मान किया जाता है। यहां शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है, जबकि हमारे धर्म में तीन बार तलाक बोलकर एक पल में जिंदगी बर्बाद कर दी जाती है।
नेपाल में भूकंप का असर बिहार तक, पटना में भी महसूस हुए झटके
28 Feb, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले 24 घंटे में असम से पाकिस्तान तक लगभग 6 बार धरती भूकंप के झटकों से हिली। शुक्रवार की रात नेपाल में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके बिहार और असम तक महसूस किए गए। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप भारतीय समयानुसार रात में 2:36 बजे आया। सुबह 5:14 बजे पाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। आइए जानते हैं पिछले 24 घंटे में कहां-कहां भूकंप आया?
नेपाल में केंद्र... पटना से दार्जिलिंग तक झटके
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के मुताबिक नेपाल में आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.5 थी। राजधानी काठमांडू से लगभग 65 किलोमीटर पूर्व सिंधुपालचौक जिले के भैरवकुंडा में इसका केंद्र था। हालांकि अभी तक किसी के हताहत या नुकसान होने की कोई खबर नहीं है। मगर झटके काफी तेज थे। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए थे। नेपाल में आए भूकंप के झटके पटना, सिक्किम और दार्जिलिंग तक महसूस किए गए। इसके अलावा तिब्बत तक धरती डोली है।
पाकिस्तान में भूकंप
शुक्रवार की सुबह 5:14 बजे दूसरा भूकंप पाकिस्तान में आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के बरखान के पास था। 16 फरवरी को भी पाकिस्तान में भूकंप आया था। हालांकि अभी तक यहां भी किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है।
यहां भी आए भूकंप
27 फरवर को म्यांमार, तिब्बत, ताजिकिस्तान और असम में भूकंप आया। असम के मोरीगांव में रात 2:25 बजे तेज झटकों से लोगों की नींद खुल गई। इसके झटके ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.0 मापी गई।
27 फरवरी को सुबह 6:27 बजे ताजिकिस्तान में भूकंप से धरती डोल उठी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 रही। यहां भी किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
तिब्बत में 27 फरवरी की दोपहर 2:48 बजे 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ घंटे बाद शाम 5:10 बजे म्यांमार में लोगों में भूकंप के झटके महसूस किए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 रही।
नेपाल में भूकंप का ज्यादा खतरा क्यों?
कुछ दिन पहले दिल्ली में भी 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। मगर इसके झटके काफी शक्तिशाली थे। दिल्ली सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में आता है। नेपाल भी दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में शामिल है। यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।
नेपाल में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट सालाना लगभग 5 सेमी की दर से यूरेशियन प्लेट को उठा रही है। इसकी वजह से हिमालय भी ऊपर उठ रहा है और पृथ्वी की सतह के नीचे भारी तनाव पैदा हो रहा है। जब यह तनाव चट्टानों की क्षमता से अधिक हो जाता है तो यह भूकंप बन जाता है। 2015 में नेपाल में एक विनाशकारी भूकंप आया था। 7.8 तीव्रता के इस भूकंप में 9,000 से अधिक लोगों की जान गई थी। 10 लाख से अधिक इमारतों को नुकसान पहुंचा था।
WTC और भूटानी ग्रुप पर ED का शिकंजा, क्या छिपा है टेकओवर के पीछे?
28 Feb, 2025 11:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दो रियल एस्टेट कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है. ईडी ने WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी की है. दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में यह छापेमारी की गई है. कथित तौर पर आरोप है कि निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में ये एक्शन लिया गया है. WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल हैं. भूटानी ग्रुप के फिलहाल 74 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं और यह कंपनी अब तक 90 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा का निर्माण कर चुकी है. डब्ल्यूटीसी ग्रुप की फरीदाबाद, नोएडा और कुछ और जगह पर प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं.
क्यों लिया गया एक्शन?
कंपनियों पर यह एक्शन खरीदारों के साथ धोखाधाड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर लिया गया है. साथ ही डब्ल्यूटीसी बिल्डर, उसके प्रवर्तक आशीष भल्ला और भूटानी समूह के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के बाद यह एक्शन लिया गया है. डब्ल्यूटीसी बिल्डर पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों से 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई, लेकिन पिछले 10-12 वर्षों में प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं किए. ईडी ने कई इलाकों में छापेमारी की और इस दौरान कई अहम दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन, डेस्कटॉप जब्त किया गया. ईडी की टीम धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत इस मामले में जांच कर रही है. नोएडा से लेकर लखनऊ, फरीदाबाद और गुरुग्राम में आरोपियों के परिसरों पर छापे मारे. लखनऊ में शहीद पथ पर भूटानी प्रोजेक्ट के ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया गया. साथ ही नोएडा के सेक्टर-90 में बिल्डर के दफ्तर पर भी तलाशी ली गई.
टेकओवर को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
इन दोनों कंपनियों पर की गई जांच के बाद एक बड़ा खुलासा किया गया है. जांच में सामने आया है कि भूटानी ग्रुप और डब्ल्यूटीसी के बीच बड़े लेनदेन के सबूत मिले हैं. साथ ही यह भी सामने आया है कि भूटानी ग्रुप डब्ल्यूटीसी को टेकओवर कर रहा था. जहां एक तरफ भूटानी ग्रुप के डब्ल्यूटीसी को टेकओवर करने की बात सामने आई है. वहीं, पिछले दिनों भूटानी ग्रुप ने सेक्टर-32 में लॉजिक्स ग्रुप के सिटी सेंटर मॉल को टेकओवर किया था. ऐसा पहली बार नहीं है कि भूटानी ग्रुप पर छापा मारा गया हो. इससे पहले भी पिछले साल जनवरी में आयकर विभाग ने छापा मारा था. इस दौरान कैश में संपत्तियों के खरीद-फरोख्त के इनपुट सामने आए थे और 700-1000 करोड़ के लेनदेन की पड़ताल भी की जा रही थी.
WTC पर क्यों हो रही जांच
सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूटीसी बिल्डर पर ईडी की जांच फंड डायवर्जन को लेकर हो रही है. दरअसल, ग्रुप के कई शहरों में प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. इन में से कई प्रोजेक्ट्स अधूरे हैं और इन्वेस्टर्स के पैसे इन प्रोजेक्ट्स में फंसे हुए हैं. ऐसे में यह जांच की जा रही है कि जब अभी तक परियोजना पूरी नहीं हुई है और इन्वेस्टर्स ने पैसे दे दिए हैं, तो निवेशकों का पैसा चला कहां गया है. वहीं, दूसरी तरफ अगर भूटानी ग्रुप WTC को टेकओवर कर रहा था तो कितने में डील डन हुई है, उस ने कितना पैसा दिया है. साथ ही टेकओवर करने पर जो पैसा भूटानी ग्रुप ने डब्ल्यूटीसी को दिया है उस ने उसका क्या किया है, वो कहां गया है. डब्ल्यूटीसी बिल्डर की तरफ से फरीदाबाद के सेक्टर-111 और 114 में लगभग 110 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए हैं. जिसमें प्लॉट बुकिंग के नाम पर पैसे लिए गए, लगभग 2 हजार निवेशकों से 500 एकडड़ रुपये से ज्यादा की राशि ली गई है लेकिन प्लॉट उन्हें हैंडओवर नहीं किया गया है. इसी के बाद अब इन के खिलाफ करोड़ों रुपये की धोखाधाड़ी की 20 से अधिक FIR दर्ज हो गई है जिसके तहत ईडी ने एक्शन लिया है.
गर्मियों की शुरुआत फरवरी में, क्या यह जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्या है
28 Feb, 2025 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर भारत में इस साल फरवरी में गर्मी का अहसास जल्दी शुरू हो गया है। ये पिछले 15 सालों के सबसे गर्म फरवरी महीनों में से एक होने वाला है। इससे उत्तर भारत में सर्दी के जल्दी खत्म होने का संकेत मिलता है। इस बीच लोगों के मन में ये सवाल आना लाजमी है कि क्या इस साल हमें लंबी और कड़ी गर्मी का सामना करना पड़ेगा? इसका जवाब है 'जरूरी नहीं'। दरअसल पिछले सालों के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में गर्मी का मतलब ये नहीं है कि उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ेगी।
10 साल के सबसे गर्म महीनों का किया एनालिसिस
1971 से उत्तर भारत के मासिक औसत अधिकतम तापमान का एनालिसिस किया। इसमें फरवरी के 10 सबसे गर्म महीनों को चुना गया। इनमें से पांच सालों में, अप्रैल का महीना सामान्य से ज्यादा गर्म रहा। लेकिन बाकी के पांच सालों में, अप्रैल का तापमान या तो सामान्य के करीब रहा (चार साल) या सामान्य से कम रहा (एक साल)।10 साल के सबसे गर्म महीनों का किया एनालिसिस
मार्च होता है मौसमी बदलाव का महीना
फरवरी और अप्रैल के महीनों को इस विश्लेषण के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि उत्तर भारत में फरवरी सर्दियों का आखिरी महीना होता है। अप्रैल में पूरी तरह से गर्मी शुरू हो जाती है। मार्च को आमतौर पर मौसमी बदलाव का महीना माना जाता है। फरवरी और अप्रैल के तापमान में कोई सीधा संबंध नहीं है। इन दो महीनों का तापमान कई कारकों पर निर्भर करता है। इनमें अल नीनो (या ला नीना) जैसी बड़ी घटनाएं और पश्चिमी विक्षोभ जैसी मौसम संबंधी घटनाएं शामिल हैं।
फरवरी और अप्रैल के तापमान में कोई संबंध नहीं
हाल के सालों के रुझान इस बात को साबित करते हैं कि फरवरी और अप्रैल के तापमान में कोई संबंध नहीं है। 2023 में उत्तर भारत में फरवरी में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी, लेकिन अप्रैल सामान्य से ठंडा था। 2023 का फरवरी 1901 के बाद से सबसे गर्म था, जिसका औसत अधिकतम तापमान 1971-2024 के औसत से 3.5 डिग्री ज़्यादा था। हालांकि, उस साल अप्रैल आठ सालों में सबसे ठंडा रहा, जिसका औसत अधिकतम तापमान 1971-2024 के औसत से लगभग 1 डिग्री कम था। इसके उलट 2022 में हुआ। उस साल उत्तर भारत में अप्रैल रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म था, जबकि फरवरी में तापमान सामान्य के करीब था।
इडली में प्लास्टिक का इस्तेमाल अब गैरकानूनी, कर्नाटक सरकार ने जारी किए नए आदेश
28 Feb, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इडली बनाने में प्लास्टिक के उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने की गुरुवार को घोषणा की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में पता चला है कि 52 होटल इडली तैयार करने के लिए पॉलिथीन शीट का उपयोग कर रहे थे।
पॉलिथीन शीट से कैंसर होने का खतरा
पॉलिथीन शीट से कैंसर होने का खतरा होता है। इसके बावजूद होटल इन शीट का इस्तेमाल कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस मामले में राज्यभर में 54 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, खाद्य सुरक्षा विभाग ने पूरे कर्नाटक में 251 स्थानों से इडली के नमूने एकत्र किए। पहले इडली पकाने के लिए कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन हमें जानकारी मिली कि होटलों ने हाल ही में प्लास्टिक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इसलिए अधिकारियों ने विभिन्न स्थानों पर गए और जांच की।
251 होटलों में से 52 होटल प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पाए गए
मंत्री ने कहा, 251 होटलों में से 52 होटल प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पाए गए। होटल कारोबारियों को ऐसा कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि प्लास्टिक कार्सिनोजेनिक है, जिसका अर्थ है कि यह कैंसर का कारण बन सकता है। पॉलिथीन शीट का इस्तेमाल करने से कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के इडली में पहुंचने का खतरा है।
इडली पकाने में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध
मंत्री ने कहा कि इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बाद में स्वास्थ्य मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, में, इडली तैयार करने में प्लास्टिक (पालिथीन) का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहा है। लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इडली पकाने में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इडली तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग स्वास्थ्य को गंभीर खतरा
जब इडली तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, तो जहरीले रसायन भोजन में घुल जाते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा होता है। मैं सभी होटलों से इस प्रथा को तुरंत रोकने और स्टेनलेस स्टील प्लेट या केले के पत्तों जैसे सुरक्षित विकल्पों का उपयोग करने का आग्रह करता हूं।
पुणे पुलिस की बड़ी कार्रवाई, स्वारगेट दुष्कर्म मामले में आरोपी को ड्रोन और खोजी कुत्तों से पकड़ा
28 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस ने पुणे के स्वारगेट बस अड्डे पर युवती से दुष्कर्म करने वाला आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे को गिरफ्तार कर लिया है। हिस्ट्रीशीटर आरोपी की तलाश में 13 टीमें जुटी थीं। इस अभियान में खोजी कुत्ते से लेकर ड्रोन तक की मदद ली गई।
करीब 70 घंटों के बाद पुलिस ने आरोपी को पुणे के शिरूर तहसील के गुनात गांव के शिवर से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान दत्तात्रय रामदास गाडे के नाम से हुई है।
सिर पर था 1 लाख का इनाम
पुलिस ने आरोपित का सुराग देने वाले को एक लाख का इनाम देने का एलान भी किया था। गाडे ने 25 फरवरी को पुणे के व्यस्ततम बस अड्डे स्वारगेट पर सुबह छह बजे एक 26 वर्षीय युवती के साथ राज्य परिवहन की एक खड़ी बस में दुष्कर्म किया था।
सीसीटीवी कैमरों से हुई पहचान
पुलिस ने आरोपित की पहचान बस अड्डे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से की है। कैमरे में वह युवती के साथ निर्जन स्थान पर खड़ी बस की ओर जाता दिख रहा है।
गन्ने के खेतों में छिपा था आरोपी
पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद आरोपी एक सब्जी के ट्रक में छुपकर अपने गांव गुनात पहुंचा।
घर पहुंचने के बाद उसने कपड़े और जूते बदले और वहां से भाग गया। पुलिस को संदेह था कि वह गांव के आसपास ही गन्ने के खेतों में छिपा है।
गुरुवार दोपहर को कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और 100 से अधिक पुलिसकर्मी गुनात गांव पहुंचे और खोजी कुत्तों व ड्रोनों की मदद से खेतों में तलाशी अभियान चलाया।
हिस्ट्रीशीटर था आरोपी
पुलिस ने गाडे की करीबी एक महिला को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उसने बताया कि गाडे अक्सर कई महिलाओं को परेशान करता था और उनके फोन नंबर उसके माध्यम से मांगता था। पुलिस के अनुसार गाडे पर चेन खींचने और चोरी जैसे करीब आधा दर्जन मामले पहले से दर्ज हैं।
बस में किया था रेप
पुणे के स्वर्गेट महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) जो सबसे बड़ा बस डिपो में से एक है, वहीं ये रेप की घटना घटी। पीड़िता के अनुसार, वह मंगलवार सुबह करीब 5:45 बजे सतारा जिले के फलटण के लिए एक प्लेटफॉर्म पर बस का इंतजार कर रही थी, तभी गाडे ने उसे बातों में उलझा लिया।
गाडे उसे 'दीदी' कहकर बुलाने लगा और कहने लगा कि सतारा के लिए बस दूसरे प्लेटफॉर्म पर आ गई है। वह उसे दूसरी जगह खड़ी एक खाली 'शिव शाही' एसी बस में ले गया। चूंकि बस के अंदर की लाइटें जल नहीं रही थीं, इसलिए वह बस में चढ़ने से हिचकिचाई, लेकिन उस आदमी ने उसे आश्वस्त किया कि यह सही वाहन है।
मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाली महिला ने पुलिस को बताया कि इसके बाद गाडे भी उस बस में चढ़ा और उसने उसके साथ बलात्कार किया।
पीएम मोदी से मिलेंगी यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट, भारत-ईयू सहयोग पर बनेगा नया रोडमैप
28 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सला वोन डेर लेयेन गुरुवार को अपनी बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच गईं। उनके साथ यूरोपीय आयोग के 22 देशों के आयुक्त भी भारत आ रहे हैं। यह पहला मौका है, जब 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के इतने सारे देशों के आयुक्त एक साथ किसी देश की यात्रा पर हैं। इससे यह पता चलता है कि यूरोपीय संघ भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व दे रहा है।
आज द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगी
पीएम नरेन्द्र मोदी और प्रेसीडेंट उर्सला लेयेन की अध्यक्षता में 28 फरवरी को द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगी। कूटनीतिक विशेषज्ञ इन दोनों की वार्ता को उसी दिन कुछ घंटों के अंतराल पर अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की के बीच होने वाली बैठक से जोड़कर देख रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन-रूस युद्ध में यूरोपीय देशों की मदद करने की अमेरिकी नीति को पूरी तरह से बदलते हुए अब रूस के साथ खड़े होते दिख रहे हैं। इससे यूरोपीय संघ के लिए भारत के साथ संबंधों का महत्व काफी बढ़ गया है।
भारत व ईयू आपसी रणनीतिक संबंधों के अगले पांच वर्षों का रोडमैप जारी करेंगे
शुक्रवार को पीएम मोदी और प्रेसीडेंट उर्सला की अगुवाई में होने वाली बैठक को लेकर यूरोपीय संघ और भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक कारोबार, रक्षा, प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों से जुड़े अहम मुद्दों पर बात होगी। भारत व ईयू आपसी रणनीतिक संबंधों के अगले पांच वर्षों का रोडमैप जारी करेंगे।
संभवत: इसे रोडमैप 2030 के नाम से जारी किया जाएगा। मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर दोनों के बीच विमर्श जारी है, जिसे फिर से शुरू करने पर सहमति बनेगी। हालांकि, एफटीए को लेकर किसी बड़ी घोषणा की संभावना नहीं है।
यूरोपीय संघ के निर्यात पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना
वजह यह बताया गया है कि अमेरिका की नई शुल्क नीति के असर का दोनों पक्ष अभी आकलन करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने 26 फरवरी को यह घोषणा की है कि वह शीघ्र ही यूरोपीय संघ से आने वाले उत्पादों पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने जा रहे हैं। इससे यूरोपीय संघ के निर्यात पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।
ईयू के एक वरिष्ठ राजनयिक ने स्वीकार किया कि अमेरिका की नई टैरिफ नीति से अपने हितों की सुरक्षा के लिए यूरोपीय देशों को चीन व भारत की जरूरत होगी। साथ ही ईयू कारोबार व आर्थिक तौर पर पूरी तरह से चीन पर भी नहीं निर्भर रहना चाहता। इसलिए, भारत के साथ संबंधों को नए उत्साह के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है।
सीडेंट उर्सला की भारत यात्रा का वैश्विक महत्व
ईयू के सदस्य स्वीडन के नई दिल्ली में राजदूत जान थेसीफ ने बताया कि जिस तरह से वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं, उसे देखते हुए प्रेसीडेंट उर्सला की भारत यात्रा का वैश्विक महत्व है। भारतीय पीएम के साथ उनकी होने वाली बातचीत द्विपक्षीय रिश्तों को बहुत ही व्यापक बनाने में मददगार साबित होगी।
ईयू की मांग
यूरोपीय देशों के शराब व कारों पर आयात शुल्क घटाया जाए
कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजार खोले जाएं
पर्यावरण अनुकूल उत्पादों के निर्माण पर ज्यादा ध्यान दें
भारत की मांग
भारतीयों को काम करने की ज्यादा आजादी मिले
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसान हो
स्टील जैसे धातुओं के निर्यात को पर्यावरण सुरक्षा से न जोड़ें
लंबे समय तक ईयरफोन लगाने के नुकसान! स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की अहम चेतावनी
27 Feb, 2025 05:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप घंटों-घंटों तक कान में ईयरफोन और हेडफोन लगाए रहते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इससे सुनने की क्षमता कम हो जाएगी और आप बहुत जल्द बहरे भी हो सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर चेतावनी दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों को इसको लेकर लेटर जारी किया है. खासकर स्वास्थ्य मंत्रालय की ये चेतावनी युवाओं को लेकर है क्योंकि सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल यही लोग करते हैं. हेल्थ मिनिस्ट्री ने राज्यों और मेडिकल कॉलेजों से इसके लंबे समय तक उपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कहा है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस प्रोफेसर डॉ अतुल गोयल ने बच्चों के लिए स्क्रीन समय सीमित करने के महत्व पर भी जोर दिया है. उन्होंने कहा कि लगातार मोबाइल देखने से मस्तिष्क के संज्ञानात्मक विकास में देरी हो सकती है, जिससे सोशल इंटरैक्शन और कम्युनिकेशन प्रभावित हो सकता है. प्रोफेसर गोयल ने कहा कि लोग 50 डेसिबल से अधिक ध्वनि वाले ऑडियो उपकरणों का इस्तेमाल न करें बल्कि प्रतिदिन दो घंटे से अधिक ध्वनि वाले ऑडियो उपकरणों का उपयोग करें और सुनने के सत्र के दौरान ब्रेक लें.
DGHS ने 20 फरवरी को जारी किया था लेटर
उन्होंने कहा कि संभव हो अच्छी तरह से फिट या शोर-रद्द करने वाले हेडफोन का इस्तेमाल करें ताकि ऑडियो को कम मात्रा में चलाया जा सके. डॉक्टर गोयल ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को भी कम करने को कहा है. साथ ही बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के संपर्क में नहीं आने देने को कहा है. सार्वजनिक कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए डॉ गोयल ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि स्थानों पर अधिकतम औसत ध्वनि स्तर 100 डेसिबल से अधिक न हो. DGHS ने 20 फरवरी को यह लेटर जारी किया था.
DGHS के लेटर में क्या कहा गया है?
इस लेटर में कहा गया है कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन इसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है. लगातार और लंबे समय तक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की समस्या हो सकती है. युवा वर्ग इसके ज्यादा आदि हैं और उन्हीं को यह प्रभावित करेगा. हाल के अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है.
अगर एक बार सुनने की समस्या आ जाएगी तो फिर इसे ठीक होना मुश्किल हो सकता है. लंबे समय तक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल की प्रक्रिया एक अवसाद को जन्म दे सकता है, जो फिर कभी ठीक नहीं हो सकता है. एक बार जब श्रवण स्थायी रूप से खराब हो जाता है, तो श्रवण यंत्र या कॉक्लियर प्रत्यारोपण द्वारा सामान्य श्रवण कभी भी बहाल नहीं किया जा सकेगा.
दोस्ती में हिंसा: कान काटकर निगलने वाली घटना से पुलिस भी हैरान
27 Feb, 2025 05:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Thane: महाराष्ट्र के ठाणे से हैवानियत की सारी हदें पार कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक ठाणे निवासी एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपने दोस्त के कान का एक हिस्सा काट लिया और उसे निगल भी गया. मामले से जुड़ी और अधिक जानकारी देते हुए कासरवडावली थाने के अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह घटना बुधवार सुबह पाटलीपाड़ा इलाके में एक पॉश हाउसिंग सोसाइटी में हुई. अपनी शिकायत में श्रवण लीखा (37) ने कहा कि वह और आरोपी विकास मेनन (32) दोस्तों के साथ पार्टी कर रहे थे, तभी दोनों के बीच झगड़ा हो गया.
कान काटकर निगल गया दोस्त
लीखा ने आरोप लगाया कि मेनन अचानक हिंसक हो गया और उसने उसके कान का एक हिस्सा काट लिया एवं उसे निगल लिया. लीखा ने कहा कि इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मेनन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 117 (2) के तहत स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया है. इस मामले ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है, हर कोई हैरान है कि कोई शख्स इतना हिंसक कैसे हो सकता है. दो दोस्तों के बीच हुई ऐसी लड़ाई की खबरें आम हैं, कई बार तो लोग चंद पैसों के लिए ही एक-दूसरे की जान ले लेते हैं.
पुणे में बर्थडे पार्टी पर हुई हत्या
ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के पुणे से सामने आया था, जब एक शख्स को बर्थडे पार्टी के दौरान गोली मार दी गई. 14 फरवरी को पिंपरी चिंचवड़ के देहु रोड इलाके में जन्मदिन पार्टी को लेकर हुए विवाद में 37 वर्षीय एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क किनारे यादव की भतीजी का जन्मदिन मना रहे विक्रम गुरुस्वामी रेड्डी और उनके दोस्त नंदकिशोर यादव से लोगों का एक ग्रुप भिड़ गया. भीड़ ने जश्न पर आपत्ति जताई और बहस के कारण मारपीट हो गई जिसमें नंदकिशोर यादव घायल हो गए और फिर रेड्डी बीच-बचाव करने आए. आरोपियों में से एक ने रेड्डी पर गोलियां चला दीं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने DNPA कार्यक्रम में मीडिया जगत के बदलाव पर डाली रोशनी
27 Feb, 2025 05:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
'डीएनपीए कॉन्क्लेव' 27 फरवरी यानी आज नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस कॉन्क्लेव क सब्जेक्ट 'एआई के युग में मीडिया परिवर्तन' था। दिन भर चलने वाले इस कॉन्क्लेव में डिजिटल न्यूज मीडिया के भविष्य, उभरती संभावनाओं और एआई द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों पर बातचीत करने के लिए दुनिया भर के एक्सपर्ट, मंत्री एक साथ, एक मंच पर आएं '।
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव इस अवसर पर चीफ गेस्ट थे। माननीय मंत्री जी का डीएनपीए सम्मेलन के लिए संदेश आया है, क्योंकि वे आज प्रयागराज की अपरिहार्य यात्रा के कारण व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके।
इस दौरान उन्होंने कहा, मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए DNPA में अपने सभी सहकर्मियों को बधाई और आभार व्यक्त करता हूं। यह एक शानदार सम्मेलन है। इस सम्मेलन के माध्यम से, आज के डिजिटल मीडिया परिदृश्य और विकसित होती दुनिया में पारंपरिक मीडिया से नए मीडिया में परिवर्तन पर बेहतरीन चर्चाएं होंगी। मैं निश्चित रूप से इन चर्चाओं से निकलने वाले सुझावों को जानना चाहूंगा।
पारंपरिक मीडिया में अपनी भूमिका को कैसे देखते हैं?
मित्रों, मीडिया जगत आज एक महत्वपूर्ण बदलाव से गुजर रहा है। पारंपरिक मीडिया के साथ-साथ, जिसमें समाचार पत्र और टेलीविजन प्रमुख माध्यम हैं, डिजिटल मीडिया भी महत्वपूर्ण रूप से उभरा है। कई क्षेत्रों में, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच, पारंपरिक मीडिया से डिजिटल मीडिया की ओर पूर्ण बदलाव हुआ है। ऐसे में, हम पारंपरिक मीडिया में अपनी भूमिका को कैसे देखते हैं? हम इस बदलाव के लिए खुद को कैसे ढालते हैं?
'हम मदद करने के लिए तैयार हैं'
हम मीडिया उद्योग से संबंधित रोजगार के अवसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इस बदलाव का प्रबंधन कैसे करते हैं? हम कॉपीराइट मुद्दों को कैसे संबोधित करते हैं और उनके लिए समाधान कैसे खोजते हैं? हम पारंपरिक मीडिया के लिए उचित मुआवजे की दिशा में कैसे काम कर सकते हैं?
इस बात पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि उत्पादकों और सामग्री निर्माताओं के महत्व और विशेष रूप से प्रकाशित होने से पहले संपादकीय जांच से गुजरने वाले कंटेट को उचित मान्यता कैसे मिलती है। इन सभी विषयों पर इस DNPA सम्मेलन में विस्तार से चर्चा की जानी चाहिए ताकि इस मंच से स्पष्ट नीति निर्देश और नीति सिफारिशें सामने आ सकें। सरकार की ओर से, हम इस बदलाव के दौरान आवश्यक किसी भी सहायता को प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
'मीडिया को बड़ी जिम्मेदारी से देखता है देश'
पूरा देश मीडिया को बड़ी जिम्मेदारी से देखता है, और उम्मीद है कि इस सम्मेलन से बहुमूल्य सुझाव आएंगे कि मीडिया उद्योग में यह परिवर्तन कैसे सुचारू रूप से और बिना किसी व्यवधान के किया जा सकता है। मैं एक बार फिर आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।
'परिवर्तन को लाने के लिए सही तरीके खोजेंगे'
मुझे उम्मीद है कि आप वास्तव में व्यावहारिक सुझावों के साथ आ पाएंगे, और दुनिया को बहुत खुले दिमाग से देखेंगे, इस परिवर्तन को सुचारू रूप से करने के सही तरीके खोजेंगे। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपको शुभकामनाएं।
माननीय मंत्री का भाषण बहुत ही अच्छी तरह से व्यक्त किया गया था, जिसमें उद्योग की प्रमुख चिंताओं और आगे के रास्ते को संबोधित किया गया । यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचे, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अपने संबंधित प्रकाशनों में भाषण प्रकाशित करें और इसकी पहुंच को अधिकतम करने में मदद करें।
युवाओं ने अकबर-बाबर रोड पर कालिख पोती, नाम बदलने की उठी मांग
27 Feb, 2025 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली में सरकार बदलने के साथ ही इलाके के नाम को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को विधायकों ने कुछ इलाकों के नाम बदलने की सिफारिश की, नजफगढ़ से विधायक नीलम पहलवान ने शून्य काल में अपने विधानसभा का नाम बदलने की सिफारिश की गई. अब वक्त आ गया ही जब हम अपने पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकें. राजा नागरसिंह को सही मायने में तभी श्रद्धांजलि दी जा सकती है जब उनके नाम से क्षेत्र का नाम हो.
नजफगढ़ नाहरगढ़ क्यों!
नीलम पहलवान ने बताया कि मुगलकालीन समय में नजफ खान को इस इलाके का सूबेदार बना दिया गया. उसके बाद से ही इलाके का नाम नजफगढ़ बन गया. उन्होंने कहा कि 1857 की लड़ाई में जाटों ने अभूतपूर्व योगदान दिया. राजा नागरसिंह जी ने 1857 के विद्रोह में ना केवल अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि ब्रिटानिया सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी कोशिश किया. यही वजह है कि हम यह मांग करते हैं कि मेरे विधानसभा का नाम बदलकर नाहरगढ़ किया जाए.
मोहम्मदपुर बने माधोपुरम
दिल्ली के आरके पुरम के विधायक ने मांग किया की उनके इलाके में जो मोहम्मदपुर है, उसका नाम बदलकर माधोपुरम किया जाए. उन्होंने कहा कि चुनाव ही नहीं बल्कि काफी लंबे समय से वहां की जनता ने इस मांग को रखा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम ने पहले से ही इस इलाके का नाम बदलने की अनुशंसा कर चुकी है।.
मुस्तफाबाद का नाम शिव विहार
विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि यह तय है कि आने वाले दिनों में मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिव विहार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह चुनावी वादा था और हम यह जनता को दिया गया वादा पूरा करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि मुस्तफाबाद में मुस्तफा करके एक एरिया है वह एरिया मुस्तफा ही रहेगा, लेकिन पूरी विधानसभा चुनाव का नाम बदलकर शिव विहार किया जाएगा.
पहले भी उठाई थी आवाज
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा की नाम बदलने को लेकर नीलम पहलवान ने पहले भी उनसे बात की थी. यह उनके पुराने लोकसभा इलाके का क्षेत्र है जिसको जिसके नाम को बदलने को लेकर उन्होंने उनसे बात की थी. उन्होंने कहा कि उसे वक्त भी नाम बदलने को लेकर वह राजी थे और आज भी नीलम पहलवान के डिमांड का वह समर्थन करते हैं.