देश
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के अड्डों पर बमबारी, आतंकियों का नेटवर्क ध्वस्त
7 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है।
ये आतंकी ठिकाने किए गए ध्वस्त
अधिकारियों ने बताया कि एक सटीक ऑपरेशन में निशाना बनाए गए लक्ष्यों में बावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदाना बिलाल शिविर (सभी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह) शामिल थे।
मुरीदके में मरकज तैयबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में श्ववाई नाला शिविर (सभी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा) और कोटली में मकाज राहील शहिद और सियालकोट में महमूना जोया (प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के शिविरों और प्रशिक्षण केंद्र) निशाना बनाया गया।
कुल 9 ठिकानों पर हुई एयर स्ट्राइक
भारत द्वारा चुने गए लक्ष्यों में से चार पाकिस्तान में थे और शेष पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे। सूत्रों ने कहा कि रसद के अलावा, पाकिस्तानी सेना और ISI ने इन शिविरों में आतंकवादियों के प्रशिक्षण की सुविधा के लिए विशेष सेवा समूह (SSG) की सेवाओं का इस्तेमाल किया।
रक्षा मंत्रालय ने बयान किया जारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 नागरिकों की हत्या करने के दो सप्ताह बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सैन्य हमले किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने 1.44 बजे एक बयान में कहा, "थोड़ी देर पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और निर्देशित किया गया।"
इसमें कहा गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई "केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली" प्रकृति की रही है तथा किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है।
मॉक ड्रिल में ब्लैकआउट भी शामिल, बिजली गुल होने की स्थिति का अभ्यास, जाने Mock Drill के दौरान क्या-क्या होगा?
7 May, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं। युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं। दोनों देशों की फौजें कमर कसकर तैयार हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख तनाव की इस आग में लगातार अपने बयानों का घी डाल रहा है।
इस बीच भारत सरकार ने फैसला किया है कि 7 मई यानी बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की जाएगी। युद्ध तथा आपातकाल की स्थिति में इस तरह की ड्रिल की जाती है। इस दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाते हैं। ब्लैकआउट प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की ट्रेनिंग दी जाती है।
आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या वाकई युद्ध होने वाला है? और इस तरह की ड्रिल पिछली बार कब हुई थी? सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है? इसमें क्या होता है? परेशान होने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपके ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं।
देश में पहली बार 1971 के युद्ध के दौरान इस तरह की मॉक ड्रिल हुई थी, तब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ था।
7 मई को क्या होगा?
देश में 7 मई 2025 को आधिकारिक तौर पर नामित जिलों और विभागों में मॉक ड्रिल किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराने और निरीक्षण करने का निर्देश दिए जा चुके हैं।
मॉक ड्रिल में कौन-कौन शामिल होगा?
इसमें स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के वॉलिंटियर, नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के मेंबर और स्कूल व कॉलेजों के स्टूडेंट्स शामिल होंगे।
मॉक ड्रिल कैसे की जाएगी?
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर आज दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग हुई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सेना प्रमुख समेत कई बड़े अफसर मौजूद थे। गृह मंत्रालय ने देश के कुछ जिलों (सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स) को युद्ध के दौरान बचाव के तरीकों की ड्रिल के लिए चिन्हित किया है। सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स संवेदनशीलता के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं।
कैटेगरी-1 सबसे संवेदनशील
कैटेगरी -2 संवेदनशील
कैटेगरी-3 कम संवेदनशील
मॉक ड्रिल: स्टेप-बाई-स्टेप यहां पढ़ें…
हवाई हमले का सायरन
मॉक ड्रिल के दौरान एयर स्ट्राइक/हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन (Air Raid Sirens) बजाया जाएगा। इमरजेंसी में यह अलार्म सिस्टम लोगों को हवाई हमले के प्रति सचेत करते हैं ताकि लोग सेफ प्लेस पर पहुंच जाएं।
नागरिकों को ट्रेनिंग
आम लोगों के लिए स्कूल, ऑफिस और कम्युनिटी सेंटर्स में वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। यहां सिखाया जाएगा कि हमले के दौरान क्या करें। जैसे- ‘ड्रॉप एंड कवर’ तकनीक (झुककर छिप जाओ और कान बंद कर लो), नजदीकी शेल्टर का पता लगाना, प्राथमिक चिकित्सा देना और तनाव के समय शांत रहना सिखाया जाएगा।
क्रैश ब्लैकआउट
देश में अचानक ब्लैकआउट की प्रैक्टिस की जाएगी। इसमें लाइट कट कर दी जाएगी। रौशनी वाले सभी उपकरण बंद कर दिए जाएंगे ताकि हवाई हमले के दौरान दुश्मन की नजर से बचा जा सके। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान क्रैश ब्लैकआउट व्यापक तौर पर पालन किया गया था।
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज (Camouflage Exercises) यानी सैन्य ठिकानों, संसद, संचार टावरों और बिजली संयंत्रों जैसी रणनीतिक इमारतों और प्रतिष्ठानों को इस तरह ढक (छलावरण) दिया जाएगा कि सैटेलाइट या हवाई निगरानी के दौरान पहचाना ना जा सके।
इवैकुएशन ड्रिल्स
इवैकुएशन ड्रिल्स (Evacuation Drills), यानी अधिकारी अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों पर ले जाने की प्रैक्टिस करेंगे। इवैकुएशन ड्रिल्स में इमरजेंसी में सभी संभावित परेशानियों की पहचान कर संचालन को सुचारू करने में मदद मिलेगी।
मॉक ड्रिल की जरूरत क्यों पड़ी?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ। इसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर लगातार फायरिंग की जा रही है। दोनों देश जंग के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात दिनों में तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात कर तैयारियों और संभावित एक्शन प्लान पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा था कि साजिश करने वालों को उनकी सोच से भी बड़ी सजा मिलेगी।
इसके बाद मॉक ड्रिल कराए जाना भारत सरकार की ओर से एक रणनीतिक बदलाव का संकेत है, जिसमें सैन्य तैयारियों के साथ-साथ नागरिक तत्परता भी देखी जाएगी।
आइए अब आपको बताते हैं कि ब्लैकआउट एक्सरसाइज या मॉक ड्रिल क्या है...
मॉक ड्रिल क्या है?
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक तरह की प्रैक्टिस है, जिसमें यह देखा जाता है कि अगर कभी कोई इमरजेंसी जैसे- हवाई हमला या बम हमला हो जाए तो आम लोग और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी रिएक्ट करता है।
इसका उद्देश्य इमरजेंसी के समय दहशत को कम करना, अराजकता फैलने से रोकना और जान बचाना है। मॉक ड्रिल नागरिक सुरक्षा नियम (the Civil Defence Rules), 1968 के अंतर्गत कराया जाता है।
ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्या है?
ब्लैकआउट यानी एक तय समय के लिए पूरे इलाके की लाइटें बंद कर दी जाती हैं। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि अगर कभी कोई दुश्मन देश भारत पर हमला करता है तो पूरे इलाके को अंधेरे में कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। दरअसल, अंधेरे में निशाना साधने में परेशानी होती है।
मॉक ड्रिल में किन बातों पर जोर दिया जाएगा?
एयर स्ट्राइक/हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना।
हमले के दौरान आम लोगों को खुद की सुरक्षा करने की ट्रेनिंग देना।
मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट करना।
एयरबेस व ऑयल रिफाइनरी समेत अहम कारखानों और ठिकानों को हमले के वक्त छिपाना।
आम लोगों से जगह खाली कराना और उनको सुरक्षित जगह पहुंचाने की ट्रेनिंग।
लोगों की मदद करने वाली टीम, फायरफाइटर्स और रेस्क्यू ऑपरेशन का मैनेजमेंट किया जाएगा।
इमरजेंसी मे कंट्रोल रूम और सहायक कंट्रोल रूम की वर्किंग का रिव्यू होगा।
एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम की अलर्टनेस चेक करना।
एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो कम्युनिकेशन को जोड़ना।
मॉक ड्रिल के बाद क्या होगा?
जब मॉक ड्रिल हो जाएगी तो ड्रिल में शामिल होने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक Action Taken Report रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट में एक्शन, कार्यान्वयन (execution), निष्कर्ष (findings) और सुधार (improvement) के क्षेत्रों का विवरण होगा।
फिरोजपुर ने पेश की मिसाल
देशव्यापी मॉक ड्रिल से पहले कुछ क्षेत्रों में इस तरह की प्रैक्टिस हो चुकी है। रविवार रात को पंजाब के फिरोजपुर छावनी (Ferozepur Cantonment) में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई। फिरोजपुर भारत-पाकिस्तान की सीमा सटा हुआ है, यहां रात 9 से 9:30 बजे तक ब्लैकआउट रहा। करीब 30 मिनट तक लगातार हूटर बजते रहे।
पहलगाम अटैक के बाद भारत ने क्या-क्या एक्शन लिए?
23 अप्रैल, 2025
भारत ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।
अटारी वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट को तत्काल बंद कर दिया।
सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए।
भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को वापस भेज दिया।
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने का आदेश दिया।
26 अप्रैल, 2025
पहलगाम हमले से जुड़े आतंकवादियों के घर ध्वस्त किए गए।
30 अप्रैल, 2025
16 पाकिस्तानी यूट्यूचैनल और दर्जनों एक्स हैंडल्स व साइट्स को बैन कर दिया।
1 मई, 2025
भारत ने 23 मई 2025 तक पाकिस्तान विमानों के लिए इंडियन एयरस्पेस बंद कर दिया।
2 मई, 2025
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को दिए गए लोन की समीक्षा करने को कहा।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, चार क्रिकेटर का आधिकारिक यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम अकाउंट ब्लॉक किए।
3 मई 2025
भारत ने पाकिस्तान से होने वाले डायरेक्ट और इनडायरेक्ट इंपोर्ट पर पाबंदी लगाई।
4 मई 2025 भारत ने बगलिहार बांध के सारे गेट बंद कर दिए और चिनाब नदी का पानी रोका दिया।
मध्य प्रदेश : मेरिट लिस्ट से लेकर मिशन तक, होनहार छात्रों के सुनहरे सपने
6 May, 2025 07:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल, 6 मई । मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल के हायर सेकेंडरी और हाई स्कूल परीक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों की आंखों में बड़े सपने पल रहे हैं। बोर्ड परीक्षा में बेहतर तैयारी और परिश्रम के बल पर छात्र-छात्राओं ने बड़ी सफलता अर्जित की है।
बोर्ड की अध्यक्ष स्मिता भारद्वाज ने कहा है कि इस बार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने निजी विद्यालय के परीक्षार्थियों की तुलना में ज्यादा सफलता अर्जित की है। वहीं, जो छात्र असफल रहे हैं, उन्हें अपना परिणाम सुधारने के लिए 17 जून को दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। मेरिट सूची में जो छात्र आए हैं, उनमें से एक हैं रीवा जिले के अंकुर यादव, जिन्होंने हायर सेकेंडरी की परीक्षा में कला संकाय में प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है।
अंकुर ने 500 नंबर में से 489 अंक हासिल किए हैं। अंकुर आगे चलकर न्यायिक क्षेत्र में जाना चाहते हैं। अंकुर अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं। उन्होंने दसवीं में मैथ्स में 100 में 100 नंबर हासिल किए थे, फिर भी उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए आर्ट का विषय चुना था।
अंकुर के पिता प्रमोद यादव पेशे से शिक्षक हैं, माता उर्मिला यादव घरेलू महिला हैं। उनके भाई निखिल यादव, जिनके 12वीं में 93 प्रतिशत अंक आए थे, वेटनरी की पढ़ाई कर रहे हैं। 12वीं के अंकों की बात की जाए तो अंकुर के हिंदी और इंग्लिश में 100 में 99 नंबर हैं, वहीं इतिहास में 100 में 100 नंबर है। पॉलिटिकल साइंस और ज्योग्राफी में 96 नंबर हैं। अंकुर के पिता मैथ्स के ही टीचर हैं, लेकिन 100 में 100 नंबर आने के बावजूद अंकुर की इच्छा को देखते हुए उन्होंने अंकुर के आर्ट साइड में जाने के फैसले का समर्थन किया। 12वीं की परीक्षा में अंकुर का प्रदेश में पहला स्थान है।
इसी तरह बुरहानपुर जिले के हर्ष राजपूत ने भी बड़ी सफलता हासिल की है। उनके पिता राजेंद्र सिंह राजपूत ऑटो चलाते हैं। हर्ष ने जेईई मेन में सफलता हासिल की है। हर्ष ने कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई कर सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के छात्र के रूप में जिले में साइंस फैकल्टी की मेरिट लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है। उनका सपना सिविल सर्विस में जाना है।
उसका कहना है कि उसके पिता की मेहनत और मां की दुआओं ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने हार नहीं मानी और दिन-रात पढ़ाई में जुटा रहा। विद्यालय के शिक्षकों और प्राचार्य ने उसकी सफलता पर गर्व जताया और उसे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
छात्र की यह उपलब्धि उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है, जो विपरीत हालातों में भी सपनों को सच करने का हौसला रखते हैं। इसी तरह मैहर जिले के सिमरन स्कूल की छात्राओं ज्योतिषा मिश्रा और प्रिया साहू ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। दोनों ही छात्राओं ने कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई कर सिमरन स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की गाड़ी पर हमला
6 May, 2025 07:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बलूचिस्तान में एक बार फिर से पाकिस्तानी सेना के वाहन को निशाना बनाया गया है। यहां पर फ्रंटियर कोर के काफिले पर IED ब्लास्ट हुआ। इस घटना में एक अधिकारी समेत छह लोगों की मौत की खबर है। वहीं इस घटना में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की गाड़ी पर हमला। डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के बलूचिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां पर पाकिस्तानी सेना की गाड़ी को निशाना बनाया गया है। इस हमले में एक अधिकारी समेत 6 लोगों की मौत की खबर है। बताया गया है कि इस हमले में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, घटना स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11:45 बजे (0645 GMT) कच्छी जिले में हुई। यहां पर फ्रंटियर कोर के काफिले पर IED ब्लास्ट हुआ। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल को घेर लिया है। हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया। हमले में घायल हुए हैं, उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है।
योगी सरकार की बड़ी पहल, सस्ती दरों पर बिजली खरीदेगा उत्तर प्रदेश
6 May, 2025 06:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ, 6 मई । उत्तर प्रदेश सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को 1,600 मेगावाट क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1,500 मेगावाट ऊर्जा बिड प्रॉसेस के माध्यम से 25 वर्षों तक खरीदने का निर्णय लिया गया है।
बिडिंग प्रक्रिया में सबसे कम टैरिफ दर (5.38 रुपए प्रति यूनिट) की पेशकश करने वाली निजी कंपनी को परियोजना के लिए चुना गया है। इससे यूपी पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) को 25 वर्षों में लगभग 2,958 करोड़ रुपए की बचत होगी।
योगी सरकार की इस नई पहल से उत्तर प्रदेश को साल 2030-31 से 1,500 मेगावाट बिजली बेहद सस्ती दर पर मिलने लगेगी। यह नई परियोजना मौजूदा और आगामी तापीय परियोजनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा किफायती है, जहां जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर, पनकी जैसी परियोजनाओं से बिजली 6.6 रुपए से लेकर 9 रुपए प्रति यूनिट तक मिल रही है, वहीं डीबीएफओओ के तहत प्रस्तावित इस परियोजना के तहत 2030-31 में प्लांट के कमीशन होने के बाद बिजली सिर्फ 6.10 रुपए प्रति यूनिट की दर से प्राप्त होगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा की मांग को पूरा करने और उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमने कुछ ऊर्जा बिडिंग प्रोसेस से खरीदने का निर्णय किया है। उसी कड़ी में 1,600 मेगावाट पावर प्लांट को लेकर हम आगे बढ़े हैं। हमारी शर्त थी कि जब प्लांट उत्तर प्रदेश में लगेगा तभी बिजली खरीदेंगे। प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन इश्यू किया था, जिसमें 7 कंपनियां आई थीं।
इनमें से 5 कंपनियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (फाइनेंशियल बिड) में हिस्सा लिया। पांचों कंपनियों में जिस निजी कंपनी का कोटेशन सबसे कम था, उसके साथ निगोशिएन के बाद उन्होंने फिक्स्ड चार्ज में 3.727 रुपए प्रति यूनिट और फ्यूल चार्ज में 1.656 रुपए प्रति यूनिट समेत कुल टैरिफ 5.38 प्रति यूनिट की न्यूनतम बिड पेश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसी टैरिफ पर 25 वर्षों की अवधि के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) हस्ताक्षरित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसी निजी कंपनी ने पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र के साथ भी इसी प्रकार की प्रक्रिया की थी। उसकी अपेक्षा भी हमारी डील उससे कुछ सस्ती है। यही नहीं, इससे पहले भी हमारे बड़े पावर परचेज एग्रीमेंट्स हुए हैं, उसकी अपेक्षा भी मौजूदा डील सस्ती है। सार्वजनिक क्षेत्र के जो हमारे पावर प्लांट्स हैं, उनकी भी बिजली का जो अनुबंध हुआ है, उनकी अपेक्षा भी यह वर्तमान प्रक्रिया की बिजली काफी सस्ती पड़ेगी। 2030-31 में जब पावर प्लांट तैयार होगा तब भी टैरिफ 6.10 रुपए पड़ेगा, जो हमारे सार्वजनिक संयंत्रों की बिजली से सस्ता होगा।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्ययन के अनुसार, राज्य को वर्ष 2033-34 तक लगभग 10,795 मेगावाट अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की जरूरत होगी। इसके साथ ही 23,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी रोडमैप तैयार किया गया है। तापीय ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए डीबीएफओओ मॉडल के तहत बिड प्रक्रिया शुरू की गई।
यह तापीय परियोजना वित्तीय वर्ष 2030-31 में शुरू हो जाएगी। इससे न सिर्फ बेस लोड ऊर्जा की जरूरत पूरी होगी, बल्कि राज्य में उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को भी स्थिर और सस्ती बिजली मिल सकेगी।
डीबीएफओओ यानी डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन और ऑपरेट एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें निजी कंपनी परियोजना का निर्माण, वित्त पोषण, स्वामित्व और संचालन खुद करती है। सरकार सिर्फ कोयला लिंकेज देती है और बिजली खरीदती है।
सड़क हादसे में अब नहीं होगी इलाज की टेंशन, पूरे देश में लागू हुई कैशलेस स्कीम
6 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार ने देश भर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए एक अभूतपूर्व कैशलेस उपचार योजना की शुरुआत की है, जिससे प्रभावित लोगों के लिए तुरंत और परेशानी मुक्त चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, यह योजना 5 मई, 2025 से लागू हो गई है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना के शिकार हर व्यक्ति को प्रति हादसा अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।
दुर्घटना के बाद 7 दिनों तक मुफ्त इलाज की सुविधा
यह योजना पूरे देश में किसी भी सड़क पर होने वाली सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति पर लागू होती है। पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए निर्दिष्ट अस्पतालों में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं। यह पहल वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए बनाई गई है, जिसकी वजह से अक्सर महत्वपूर्ण चिकित्सा ध्यान में देरी होती है। हादसे के शिकार व्यक्ति को सरकारी या नामित अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए कोई पैसे नहीं देने होंगे। यह सुविधा सिर्फ उन अस्पतालों में पूरी तरह लागू होगी जो सरकार द्वारा ‘नामित’ किए गए हैं।
यह योजना कैसे काम करती है?
इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) को सौंपी गई है। यह संस्था पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्तरीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगी ताकि स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। यदि पीड़ित का किसी ऐसे अस्पताल में इलाज किया जाता है, जो कैशलेस स्कीम योजना के अंतर्गत नामित नहीं है तो उस स्थिति में उस अस्पताल में सिर्फ स्थिर हालत (स्टेबलाइजेशन) तक का इलाज ही इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। इस बारे में अलग से गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
राज्य स्तर पर रोड सेफ्टी काउंसिल होगी नोडल एजेंसी
हर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल इस योजना की नोडल एजेंसी होगी। यह काउंसिल इस बात की निगरानी करेगी कि योजना को ठीक से लागू किया जाए, अस्पतालों को योजना से जोड़ा जाए, मरीजों के रिकॉर्ड का प्रबंधन किया जाए, पीड़ितों का इलाज हो और भुगतान की प्रक्रिया सही ढंग से चले। यह योजना मार्च 2024 में शुरू की गई पायलट परियोजना पर आधारित है, जिससे सीख लेकर अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है। यह योजना सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
योजना की देखरेख कौन करेगा?
योजना की प्रभावी निगरानी के लिए केंद्र सरकार एक स्टीयरिंग कमेटी (निगरानी समिति) भी बनाएगी। जो यह सुनिश्चित करेगी कि योजना का सही तरीके से पालन हो रहा है या नहीं। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के लिए इस कैशलेस उपचार योजना की प्रगति की निगरानी और चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सड़क सचिव की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया है। इस समिति में बीमा और गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ एनएचए, गृह मंत्रालय, वित्त, स्वास्थ्य और चयनित राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
कैशलेस उपचार योजना का लाभ कैसे उठायें?
तुरंत चिकित्सा सहायता : यदि आप सड़क दुर्घटना के शिकार हैं तो योजना के तहत नामित अस्पताल में तुरंत उपचार ले सकते हैं। नामित अस्पतालों की सूची आमतौर पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद या राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगी।
अधिकारियों को सूचित करें: सुनिश्चित करें कि पुलिस को दुर्घटना के बारे में सूचित किया जाए, क्योंकि योजना के तहत दावे की प्रक्रिया के लिए उनकी रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी।
कोई अग्रिम भुगतान नहीं: सरकार द्वारा नामित अस्पताल में बिना अग्रिम भुगतान के इलाज प्राप्त किया जा सकता है। अस्पताल प्रति पीड़ित ₹ 1.5 लाख तक के दावे के निपटान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समन्वय करेगा।
डॉक्यूमेंट: सभी मेडिकल रिपोर्ट, बिल और पुलिस एफआईआर की प्रतियां रखें। किसी भी अनुवर्ती कार्रवाई या अतिरिक्त दावों के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है।
फॉलो अप केयर: यह योजना दुर्घटना की तारीख से 7 दिनों तक के इलाज को कवर करती है। आगे के इलाज के लिए पीड़ित को व्यक्तिगत बीमा या अन्य स्वास्थ्य सेवा विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
ड्रॉप-एंड-कवर, फर्स्ट एड और मेंटल हेल्थ – मॉक ड्रिल में सिखाई जाएंगी ज़रूरी स्किल्स
6 May, 2025 05:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। उम्मीद जताई जा रही है की भारतीय सेना आतंकियों और उसका साथ देने वालों पर निर्णायक कार्रवाई कर सकती है। हमले के बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में लगातार हाईलेवल मीटिंग चल रही है।
इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने को कहा है। देश भर के 244 चिन्हित जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आयोजन का निर्देश दिया गया है। साल 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के बाद पहला ऐसा अभ्यास होगा।
क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य?
स्कूलों, दफ्तरों और समुदाय केंद्रों में वर्कशॉप्स आयोजित होंगी जिनमें लोगों को गिरकर छिपने, नजदीकी शरण स्थलों का पता लगाना, प्राथमिक उपचार और मानसिक स्थिति को संभालना सिखाया जाएगा। इसके अलावा अचानक बिजली बंद कर दी जाएगी ताकि रात के समय हवाई हमले की स्थिति में शहर को दुश्मन की नजर से छिपाया जा सके।
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में मॉक ड्रिल की शुरुआत हो गई है।
जम्मू के एक स्कूल में छात्रों को मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एसडीआरएफ कर्मियों ने कल (7 मई) डल झील पर होने वाले मॉक ड्रिल की तैयारी के लिए अभ्यास किया।
मॉक ड्रिल के लिए गृह मंत्रालय के आदेश के बाद लखनऊ की पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया।
मणिपुर ने दमकल विभाग की टीम ने तैयारियों का आकलन किया।
क्यों बजाया जाएगा सायरन?
गौरतलब है कि मॉक ड्रिल में रेड वार्निंग सायरन भी बजाए जाएंगे। पिछले कुछ साल से रूस- यूक्रेन के बीच दोनों देशों में लोगों को मिसाइल हमलों से बचने के लिए चेतावनी के तौर पर रेड सायरन बजाया जाता है।
नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें बढ़ीं, हाई कोर्ट ने तुरंत राहत देने से किया इनकार
6 May, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पाकिस्तान के मामले में नेहा सिंह राठौर को लखनऊ हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. लखनऊ हाई कोर्ट के जज विवेक चौधरी और बीआर सिंह ने की सुनवाई के दौरान कोई राहत नहीं देते हुए 12 मई को अगली लगा दी है. इस मामले में सरकार की तरफ़ से AG विनोद शाही और GA वीके सिंह ने पक्ष रखा. हाल ही में हुए जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को नेहा सिंह राठौर ने बिहार चुनाव से जोड़ रही थीं, जिसे पाकिस्तान में बहुत पसंद किया गया और उसे वहां पर धड़ल्ले स शेयर भी किया जाने लगा. नेहा सिंह राठौर ने कहा कि ये हमला जानबूझकर कराया गया ताकि, बिहार विधान सभा चुनाव में मौजूदा सरकार को लाभ मिल सके. सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में नेहा सिंह राठौर ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को इस हमले का साजिशकर्ता बताया था.
दर्ज कराई गई थी शिकायत
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में सोशल मीडिया पर कथित ‘देशद्रोही’ पोस्ट को लेकर नेहा सिंह राठौर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की एक अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज की गई थी. शिवेंद्र सिंह नाम के शख्स ने ए़़डवोकेट मार्तंड प्रताप सिंह के जरिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 210 के तहत शिकायत दर्ज है. नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक पोस्ट में कहा कि सरकार से सवाल पूछने पर उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की कोई सीमा नहीं है. उन्होंने कहा कि देशद्रोह के नाम पर जिस तरह से इतने ज़्यादा फ़र्ज़ीमुक़दमे दर्ज़ किये जा रहे हैंक्या हमारी क़ानून-व्यवस्था इस बेहद गंभीर शब्द को लेकर यूज्ड टू नहीं हो जाएगी? क्या इसका फ़ायदा उन असली अपराधियों को नहीं मिलेगा जो सच में देशद्रोही होंगे?.
एयर इंडिया का बड़ा फैसला, सुरक्षा कारणों से तेल अवीव की सभी उड़ानें निलंबित
6 May, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एअर इंडिया की तेल अवीव के लिए उड़ानें अब आठ मई तक निलंबित रहेंगी। विमानन कंपनी ने सोमवार की देर शाम इसकी घोषणा की। पहले छह मई तक इजरायली शहर और भारत के बीच अपनी उड़ानें निलंबित करने का निर्णय लिया था।
यह कदम तेल अवीव में एयरपोर्ट के पास मिसाइल हमले के बाद उठाया गया था। एअर इंडिया ने रविवार को अपनी विमान सेवाओं को मंगलवार तक के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी। उस समय दिल्ली से तेल अवीव जा रही उसकी एक उड़ान को तेल अवीव के एयरपोर्ट के पास मिसाइल हमले के कारण अबू धाबी की ओर मोड़ना पड़ा था।
एक हफ्ते में तेल अवीव की होती हैं पांच उड़ानें
एअर इंडिया सामान्य रूप से तेल अवीव के लिए सप्ताह में पांच उड़ानें संचालित करती हैं। एअर इंडिया ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'तेल अवीव के लिए जाने और वहां से आने वाली हमारी उड़ानें आठ मई तक निलंबित रहेंगी।
एयरलाइन कंपनी ने कहा कि हमारी टीमें प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने में सहायता कर रही हैं। आठ मई तक की यात्रा के लिए वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को पुनर्निर्धारण शुल्क पर एक बार की छूट या रद कराने पर पूर्ण धन वापसी की सुविधा दी जाएगी।
54 साल बाद मॉक ड्रिल फिर... पुरे देशभर में बजेगा चेतावनी वाला सायरन; भारत-पाक तनाव के बिच युधोसतर तैयारी का बिगुल
6 May, 2025 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि रद्द करने और कई अन्य प्रतिबंध लगाने के बाद अब दोनों देश युद्ध की कगार पर खड़े हैं। संभावनाओं को देखते हुए भारत ने युद्ध की तैयारियां तेज कर दी हैं और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी बड़ा कदम उठाया है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कल 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। कल देश के सभी राज्यों में युद्ध सायरन बजाए जाएंगे। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्यों ने मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू कर दी है। आदेश के मुताबिक 7 मई को देश में कई जगहों पर मॉक ड्रिल की जाएगी। इसका मकसद सिविल डिफेंस की तैयारी को परखना और उसे बेहतर बनाना है। मॉक ड्रिल में जिला अधिकारी, सिविल डिफेंस वार्डन, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, कॉलेज और स्कूली छात्र भी हिस्सा लेंगे। सरकार का कहना है कि विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों और आपसी समन्वय को परखने के लिए यह मॉक ड्रिल जरूरी है।
इन जगहों पर बजेगा युद्ध सायरन
पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्य गुजरात के 18 स्थानों पर युद्ध सायरन के साथ मॉक ड्रिल करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार ने सायरन बजाने के लिए राज्य के इन सभी शहरों को तीन श्रेणियों में रखा है। पहली श्रेणी में तीन स्थानों- सूरत, वडोदरा और काकरापार को रखा गया है। सूरत और वडोदरा को व्यापार के लिए राज्य का बड़ा शहर माना जाता है। जबकि, काकरापार में परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जिसके कारण इसे अति संवेदनशील क्षेत्र में शामिल किया गया है।
दूसरी श्रेणी में गुजरात के 9 स्थान- अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, कांडला, नलिया, अंकलेश्वर, ओखा और वडिनार को शामिल किया गया है। जबकि, तीसरी श्रेणी में भरूच, डांग, कच्छ, महेसाणा, नर्मदा और नवसारी को रखा गया है। गृह मंत्रालय के आदेश पर राज्य सरकार ने मॉक ड्रिल की तैयारियां कर ली हैं।
युद्ध सायरन बजेंगे, नागरिकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले के सायरन, आम जनता को नागरिक सुरक्षा का प्रशिक्षण, ब्लैकआउट उपाय, महत्वपूर्ण स्थानों की छलावरण और निकासी योजना का अभ्यास किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालात में देश कई नए और जटिल खतरों का सामना कर रहा है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर वक्त पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।
देश में 54 साल बाद होने जा रही मॉक ड्रिल
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना बहुत बड़ा कदम है, यह ऐसा कदम है जो भारत ने 1965, 1971 और 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान भी नहीं उठाया था। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान भड़क गया है, पाकिस्तान ने कहा है कि पानी रोकना युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।
डोभाल और मोदी की मीटिंग से बढ़ी हलचल, क्या पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम तय?
6 May, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है। इस बीच एनएसए अजीत डोभाल पीएम मोदी से मिलने पहुंचे। प्रधानमंत्री के आवास पर ये मुलाकात हुई है।
केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की रणनीति तैयार करने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस हमले के बाद से लगातार उच्च-स्तरीय बैठकों का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटों में यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री ने अजीत डोभाल से मुलाकात की। यह मुलाकात राज्य सरकारों द्वारा मॉक ड्रिल आयोजित करने से एक दिन पहले हुई है।
पहलगाम हमले के बाद से हाई लेवल मीटिंग जारी
पिछले कुछ दिनों में नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और सेना, नौसेना और वायु सेना प्रमुखों के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं, जिससे लश्कर आतंकी समूह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री ने डोभाल और जनरल चौहान से मुलाकात की और सशस्त्र बलों को भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के 'तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी आजादी' दी।
मॉक ड्रिल को लेकर केंद्रीय गृह सचिव की बैठक खत्म
देशभर में 7 मई को प्रभावी नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन द्वारा दिल्ली में बुलाई गई बैठक संपन्न हुई। पिछली बार ऐसी ड्रिल 1971 में आयोजित की गई थी, जिस साल भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था।
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत में ये सबसे भयानक आतंकवादी घटना थी, इस आतंकवादी हमले में 40 सैनिक मारे गए थे।
EPFO लाया ये बड़े बदलाव: कर्मचारियों और खाताधारकों को कैसे मिलेगा फायदा, जानें विस्तार से
6 May, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए अहम खबर है। EPFO ने साल 2025 में कई बड़े और अहम बदलाव किए हैं। इनमें प्रोफाइल अपडेट करना, नौकरी बदलने पर PF अकाउंट ट्रांसफर करना या ज्यादा पेंशन से जुड़ी नीतियों से जुड़े नियम शामिल हैं।
उनका मकसद कर्मचारियों को कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सुविधा देना, प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इससे करोड़ों खाताधारकों को फायदा होगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस साल हुए बड़े बदलाव….
प्रोफाइल अपडेट करना हुआ आसान
EPF सदस्य अब बिना कोई दस्तावेज अपलोड किए अपने आधार से जुड़े UAN को अपडेट कर सकते हैं। अगर UAN आधार से लिंक है तो EPF सदस्य बिना कोई दस्तावेज अपलोड किए अपना नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता या माता का नाम, वैवाहिक स्थिति और अन्य निजी जानकारी अपडेट कर सकते हैं।
इसके लिए किसी दूसरे दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। इससे 6 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा। हालांकि, अगर सब्सक्राइबर का यूएएन 1 अक्टूबर 2017 से पहले का है, तो उसे कुछ बदलावों के लिए नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत पड़ सकती है।
नौकरी बदलते समय पीएफ अकाउंट ट्रांसफर
ईपीएफओ ने नौकरी बदलते समय पीएफ अकाउंट ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इससे 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा मेंबर्स को फायदा होगा। अभी तक पीएफ डिपॉजिट के ट्रांसफर में दो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ऑफिस शामिल होते थे- सोर्स ऑफिस, जहां से पीएफ की रकम ट्रांसफर की जाती थी और डेस्टिनेशन ऑफिस, जहां आखिरी में रकम जमा की जाती थी, लेकिन अब ईपीएफओ ने फॉर्म 13 में बदलाव किए हैं। इससे डेस्टिनेशन ऑफिस में ट्रांसफर क्लेम के अप्रूवल की जरूरत खत्म हो गई है। ट्रांसफर ऑफिस से ट्रांसफर क्लेम अप्रूव होने के बाद पिछले अकाउंट की रकम अपने आप डेस्टिनेशन ऑफिस में मेंबर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी।
अब क्लेम सेटलमेंट होगा आसान
ईपीएफओ ने ऑनलाइन पैसे निकालने के कुछ नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब कैंसल चेक और बैंक अकाउंट के लिए नियोक्ता (जिस कंपनी में आप काम करते हैं) से वेरिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, पीएफ खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालने के लिए आवेदन करते समय ईपीएफओ सदस्यों को यूएएन या पीएफ नंबर से जुड़े बैंक खाते के चेक लीफ या पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करनी होती है।
नियोक्ता को भी आवेदक के बैंक खाते के विवरण को स्वीकृत करना होता है, लेकिन अब ईपीएफओ सदस्यों को अपने बैंक खाते को सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनलाइन दावा दायर करते समय चेक या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की आवश्यकता पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है।
उमंग: यूएएन नंबर जेनरेट और एक्टिवेट करना आसान
ईपीएफओ ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) जेनरेट और एक्टिवेट करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक की सुविधा शुरू की है। अब कर्मचारी उमंग ऐप का उपयोग करके आधार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से अपने आप अपना यूएएन बना सकते हैं।
जिन सदस्यों के पास पहले से यूएएन है, लेकिन उन्होंने अभी तक इसे एक्टिवेट नहीं किया है, वे अब उमंग ऐप के जरिए आसानी से अपना यूएएन एक्टिवेट कर सकते हैं। आप प्लेस्टोर से उमंग ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
संयुक्त घोषणा की प्रक्रिया सरल हुई
ईपीएफओ ने 16 जनवरी 2025 को संयुक्त घोषणा (जेडी) की प्रक्रिया के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए। इस संबंध में पहले एसओपी संस्करण 3.0 लागू था, जिसे अब हटा दिया गया है और सदस्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
जैसे- जिनका यूएएन आधार आधारित है- वे ऑनलाइन जेडी कर सकते हैं। जिनका यूएएन पुराना है, लेकिन आधार से सत्यापित है- वे भी ऑनलाइन जेडी कर सकते हैं। जिनके पास यूएएन नहीं है, आधार सत्यापित नहीं है या सदस्य की मृत्यु हो गई है- उनके लिए फिजिकल जेडी का प्रावधान है।
सीपीपीएस पेंशन भुगतान की नई व्यवस्था
ईपीएफओ ने 1 जनवरी 2025 से सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (सीपीपीएस) नाम से नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत पेंशन योजना के तहत आने वाले पेंशनभोगी एनपीसीआई प्लेटफॉर्म के जरिए किसी भी बैंक या उसकी शाखा से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे।
नई व्यवस्था से ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे क्षेत्रीय कार्यालयों के बीच पीपीओ ट्रांसफर की जरूरत खत्म हो जाएगी। यदि कोई दावा गलती से किसी अन्य कार्यालय को भेज दिया गया है, तो उसे उसी कार्यालय को वापस भेज दिया जाएगा जहां से दावा आया था।
पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर नजर, अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं
6 May, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने सूचनाओं की निगरानी करने वाले दो प्रमुख मंत्रालयों से पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश के खिलाफ काम करने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया, इसकी जानकारी मांगी है. कमेटी ने 8 मई 2025 तक जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली कम्युनिकेशन एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी स्टैडिंग कमेटी ने इस बात को अपने संज्ञान में लिया है कि भारत में कुछ सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और प्लेटफार्म देश के हित के खिलाफ काम कर रहे हैं, जिससे हिंसा भड़कने की आशंका है.
दो मंत्रालयों को लिखा पत्र
कमेटी ने इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग और कम्युनिकेशन एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालयों को लिखे पत्र में आईटी अधिनियम 2000 और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी नियम, 2021 के तहत ऐसे मंचों पर प्रतिबंध लगाने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण मांगा है. सूत्रों के मुताबिक, पत्र दोनों मंत्रालयों के संबंधित सचिवों को भेजा गया है और उनसे आठ मई तक जानकारी देने को कहा गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ कथित तौर पर सामग्री पोस्ट करने के बाद कई सोशल मीडिया हैंडल प्रतिबंधित कर दिए गए हैं.
आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत
बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने कम से कम 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. इनमें ज्यादातर पर्यटक थे. भारत ने इस भयावह घटना के लिए पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार बताया है. कमेटी के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे से संबंधित कोई जानकारी नहीं है.
संसदीय समितियों की मर्यादा
उन्होंने दावा किया कि नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष कमेटी की मंजूरी के बिना कोई बयान जारी नहीं कर सकते. गोखले ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, एक सदस्य के रूप में मुझे न तो कोई जानकारी दी गई है और न ही मैंने यह कहते हुए कुछ भी हस्ताक्षर किया है. उन्होंने लिखा, संसदीय नियमों के तहत, कोई अध्यक्ष कमेटी की मंजूरी के बिना कोई भी पत्र जारी नहीं कर सकता. संसदीय समितियों की मर्यादा होती है और राजनीतिक एजेंडे के लिए उन्हें हाईजैक नहीं किया जाना चाहिए.
पहलगाम हमले के बाद बौखलाया पाकिस्तान, नियंत्रण रेखा पर बढ़ाई फायरिंग
6 May, 2025 11:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार 12वें दिन सीजफायर का उल्लंघन किया और बिना वजह फायरिंग की. उन्होंने नियंत्रण रेखा से सटे 8 सेक्टर्स में फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया.
पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए हैं. दोनों में खासा तनाव बना हुआ है. इस बीच पाकिस्तानी सेना की ओर से लगातार 12वीं रात उकसावे के लिए फायरिंग की जा रही है.
LoC के 5 जिलों में हो रही फायरिंग
जम्मू में रक्षा प्रवक्ता ने बताया, “5-6 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तानी सेना ने बारामुला, कुपवाड़ा, राजौरी, पुंछ, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के इलाकों में एलओसी के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से फायरिंग की.” उन्होंने कहा कि पाक की इस हरकत का भारतीय सेना की ओर से तुरंत और माकूल तरीके से जवाब दिया गया
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 7 जिले पाकिस्तान की सीमा से लगते हैं जिसमें 5 जिलों में सीमापार से फायरिंग हो रही है. हालांकि अभी तक सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग की कोई खबर नहीं है.
कुपवाड़ा-बारामूला में शुरू हुई फायरिंग
सीमा पार से की जा रही यह फायरिंग फरवरी 2021 में किए गए संघर्ष विराम समझौते के उलट है. पाकिस्तान की ओर से 740 किलोमीटर लंबी एलओसी पर लगातार फायरिंग के कारण यह समझौता काफी हद तक अप्रभावी हो गया है.
फायरिंग की नई घटना कश्मीर घाटी के उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामूला में शुरू हुई, और फिर दक्षिण की ओर पुंछ, राजौरी, अखनूर और जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ परगवाल सेक्टर तक फैल गई. सीमापार से की गई फायरिंग से 5 जिले कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी और जम्मू प्रभावित हुए.
पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए हैं. 22 अप्रैल के बाद से ही पाकिस्तान रोजाना भारतीय क्षेत्र में फायरिंग की घटना को अंजाम दे रहा है. पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर फायरिंग के अलावा अपने बयानबाजी के जरिए भी उकसावे की कार्रवाई कर रहा है.
भारत कर सकता है हमलाः पाक रक्षा मंत्री
कल पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह चेतावनी दी थी कि भारत कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास किसी भी समय सैन्य हमला कर सकता है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच तनाव चरम पर बना हुआ है।
आसिफ ने इस्लामाबाद से कहा, “ऐसी खबरें हैं कि भारत एलओसी के पास किसी भी जगह पर हमला कर सकता है. नई दिल्ली को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.” साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर “राजनीतिक लाभ के लिए क्षेत्र को परमाणु युद्ध के कगार पर धकेलने” का गंभीर आरोप लगाया.
देशव्यापी मॉक ड्रिल 7 मई को, हवाई हमले के सायरन से परखी जाएंगी 10 युद्धस्तरीय तैयारियाँ
6 May, 2025 10:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को सबक सिखाने वाली संभावित कार्रवाई और उसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी तेज हो गई है। गृह मंत्रालय ने राज्यों को 7 मई को व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि विदेशी हमले की स्थिति में आपातकालीन तैयारी को परखा और सुदृढ़ किया जा सके। यह अभ्यास देशभर में चिह्नित 244 ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ में आयोजित होंगे।
राष्ट्रविरोधी सोशल मीडिया एनफ्लुएंसरों पर कसेगा शिकंजा
इस बीच, सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) से संबंधित संसदीय समिति ने उन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जिनके पोस्ट राष्ट्रविरोधी प्रतीत होते हैं। समिति ने सरकार को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने और उसकी रिपोर्ट 8 मई तक पेश करने का निर्देश दिया है। समिति ने यह भी रेखांकित किया कि पहलगाम हमले के बाद इस्लामोफोबिक और कश्मीर विरोधी प्रवृत्तियां सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रही हैं, जिससे सांप्रदायिक तनाव और अधिक बढ़ सकता है।
दस तरह के अभ्यास होंगे
1- हवाई हमले की चेतावनी सायरनों का संचालन किया जाएगा।
2- विद्यार्थियों को नागरिक सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
3- तत्काल ब्लैकआउट का अभ्यास, ताकि हमलों के दौरान दृश्यता कम की जा सके।
4- महत्त्वपूर्ण ढांचों को छिपाना, ताकि दुश्मन की नजरों से बचाया जा सके।
5- निकासी योजना का पूर्वाभ्यास, ताकि आपात स्थिति में तुरंत सुरक्षित निकल सकें।
6- भारतीय वायु सेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार लिंक का संचालन।
7- वार्डन सेवाओं, अग्निशमन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता जांचना।
8- नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण करना।
9- बंकरों और खाइयों की सफाई करना।
10- नागरिक सुरक्षा योजनाओं को अपडेट करना एवं उनका पूर्वाभ्यास