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भारत-म्यांमार सीमा पर मुठभेड़, असम राइफल्स ने चलाया सफल अभियान
15 May, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंफाल। मणिपुर के चंदेल जिले में असम राइफल्स की एक इकाई के साथ बुधवार को हुई मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान अभी भी जारी है।
असम राइफल्स इकाई ने कल अभियान शुरू किया था
सेना की पूर्वी कमान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-म्यांमार सीमा के पास चंदेल जिले के खेंगजॉय तहसील के न्यू समतल गांव के पास सशस्त्र कैडरों की आवाजाही की विशेष खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स इकाई ने 14 मई को एक अभियान शुरू किया।
संदिग्ध कैडरों द्वारा सैनिकों पर गोलीबारी की गई
अभियान के दौरान, संदिग्ध कैडरों द्वारा सैनिकों पर गोलीबारी की गई, जिस पर उन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी, फिर से तैनात हुए और एक संतुलित और मापा तरीके से जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद हुई गोलीबारी में, 10 संदिग्धों को मार गिराया गया और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
केरल, कर्नाटक, आंध्र और महाराष्ट्र में तेज़ बारिश का अनुमान
15 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देशभर में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। कई राज्यों में बारिश के बाद आज फिर तेज धूप निकल गई है। दिल्ली NCR समेत कई राज्यों में आज सुबह से ही धूल भरी आंधी चल रही है। वहीं बताया जा रहा है आने वाले दिनों में दिल्ली में तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है।
मौसम रोजाना करवट ले रहा है, मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के कई इलाकों में अगले 4 दिन तक गरज चमक के साथ बारिश भी हो सकती है।
यूपी में कैसा रहेगा मौसम?
साथ ही बात करें यूपी के मौसम की तो यूपी में तेज धूप और गर्म हवाओं के चलते अधिकतम तापमान में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। लू यानी 15 मई तक देश के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में भी फैल सकती है। वहीं 16 से 20 मई तक यूपी में बारिश का अनुमान है।
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में तेज धूप निकलने के कारण उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। हालांकि, पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश का क्रम जारी है। पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। चमोली, रुद्रप्रयाग सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से गर्मी से राहत मिली है, जबकि मैदानी जिले तप रहे हैं।
बिहार में लगातार बदल रहा मौसम का मिजाज
वहीं बात करें बिहार के मौसम की तो बिहार में कई जगहों पर भीषण गर्मी पड़ रही है, तो कुछ जगहों पर बारिश हो रही है। बिहार के 33 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में तेज हवा और बिजली गिरने की संभवना है।
राजस्थान के कई जगहों में लू का अलर्ट
साथ ही राजस्थान के कई इलाकों में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी दिनों में जोधपुर, बीकानेर संभाग के सीमावर्ती क्षेत्रों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज सतही धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है।
राजस्थान के कई जिले में 15 से 17 मई तक पारा 44-45 डिग्री सेल्सियस और कहीं- कहीं पर लू का नया दौर शुरू होने की संभावना है।
संगरूर में 42 डिग्री पहुंचा तापमान,पंजाब में हीटवेव का अलर्ट जारी; कब मिलेगी राहत?
इन जगहों पर होगी बारिश
वहीं अगले 3-5 दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र केरल और तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़
15 May, 2025 07:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक तीव्र मुठभेड़ शुरू हो गई। कश्मीर जोन पुलिस के अनुसार, यह ऑपरेशन दक्षिण कश्मीर के त्राल क्षेत्र में नदिर गांव के पास चलाया जा रहा है। सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया था, जो आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 से 3 आतंकी इस क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
ऑपरेशन में जुटे सुरक्षाबल
सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और आतंकियों के साथ गोलीबारी जारी है। यह एक समन्वित आतंकवाद-रोधी अभियान है, जिसमें पुलिस और सेना मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। कश्मीर जोन पुलिस ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “अवंतीपोरा के त्राल क्षेत्र में नदिर के पास मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षाबल ऑपरेशन में जुटे हैं। आगे की जानकारी जल्द साझा की जाएगी।”यह मुठभेड़ उस समय हुई है, जब हाल ही में मंगलवार को शोपियां जिले के शुकरो केलर के जंगल में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया था। भारतीय सेना के अनुसार, उस ऑपरेशन (ऑपरेशन केलर) में राष्ट्रीय राइफल्स की एक यूनिट को आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली थी। जैसे ही तलाशी अभियान शुरू हुआ, आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी कार्रवाई की और आतंकियों को ढेर कर दिया।
त्राल में चल रहा यह ऑपरेशन भी कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का हिस्सा है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित हो रही है, सभी की निगाहें इस अभियान के परिणाम पर टिकी हैं। क्षेत्र में तनाव बना हुआ है, और सुरक्षाबल किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आगे की जानकारी का इंतजार है।
पानी की किल्लत से जूझता पाकिस्तान, सिंधु जल संधि पर भारत से की अपील
14 May, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Indus Water Treaty: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रेल को आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई सख्त कदम उठाए। वहीं भारत ने सिंधु जल संधि को रोकने का ऐलान किया था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है। अब फिर भारत के सामने पाकिस्तान गिड़गिड़ाने लगा है। पाकिस्तान ने भारत से अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने की गुहार लगाई है।
पाकिस्तान ने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने एक पत्र लिखा है। पत्र में पाकिस्तान ने अपील की है कि भारत के इस कदम से पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा हो सकता है। इसलिए इस निर्णय पर पुनर्विचार करे। पत्र में कहा गया कि पाकिस्तान इस मसले पर बात करने के लिए तैयार है।
PM मोदी ने दिया था सख्त संदेश
बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने कहा था कि भारत अब तीन नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। इस पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया है।
क्या है सिंधु जल समझौता
सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर 1960 को विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित एक जल बंटवारा समझौता है। यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों—सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज—के जल के उपयोग को नियंत्रित करता है।
स्वदेशी आकाश मिसाइल बना भारत का गर्व, कई देश खरीदने को बेताब
14 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जब अजरबैजान-अर्मेनिया, रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इजराइल जैसे देश युद्ध के मैदान में आमने-सामने खड़े हुए, तो हमारी सेना को भी यह एहसास हुआ कि भविष्य के युद्धों के लिए एक मजबूत और आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम कितना जरूरी है। इसी संदर्भ में भारत की तीनों सेनाओं ने न केवल अपनी युद्ध नीति और रणनीति को बदला, बल्कि अपने हथियारों और रक्षा प्रणाली को भी अपग्रेड करना शुरू कर दिया। इसी का परिणाम है कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम लगातार सशक्त होता जा रहा है।
स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम की ताकत
आपको बता दें कि आज जब दुनिया में कई देशों के बीच युद्ध चल रहे हैं, तो एयर डिफेंस सिस्टम की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। एक समय था जब भारतीय सेना एक सुई तक के लिए विदेशों पर निर्भर रहती थी, लेकिन आज भारत की ताकत का लोहा पूरी दुनिया मान रही है।
भारतीय सेना की ताकत में हाल ही में एक और शानदार इजाफा हुआ है, स्वदेशी “आकाश” एयर डिफेंस सिस्टम। इसे DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर विकसित किया है। अब अन्य देशों की भी इस मिसाइल सिस्टम पर नजर है। जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया, तो पूरी दुनिया ने इसकी क्षमताओं को देखा और सराहा।
आकाश मिसाइल की खासियतें
यह एक शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल है।
यह 20 किमी तक की ऊँचाई और 25 किमी तक की दूरी तक लक्ष्य को पहचान कर नष्ट कर सकती है।
एक साथ चार हवाई लक्ष्यों को एंगेज कर सकती है।
यह मिसाइल पूरी तरह ऑटोमैटिक है।
लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और ड्रोन जैसे लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है।
यह 20 फीट लंबी है, वजन 710 किलोग्राम है और 60 किलोग्राम का वॉरहेड ले जा सकती है।
आकाश मिसाइल सिस्टम के वेरिएंट्स
मार्क-1 – प्रारंभिक संस्करण
आकाश-1S – इंडीजिनियस सीकर के साथ अपग्रेडेड संस्करण
आकाश प्राइम – उच्च ऊंचाई और कम तापमान पर ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया
आकाश-NG – अगली पीढ़ी का एडवांस वर्जन
तकनीकी ताकत और रडार सिस्टम
18–20 किमी ऊंचाई तक मारक क्षमता
80 किमी मल्टी-फंक्शन रडार द्वारा कवरेज
120 किमी तक की रेंज वाला केंद्रीय अधिग्रहण रडार
एक बार में 8 मिसाइलों को निर्देशित कर सकती है
एक साथ 4 लक्ष्यों पर हमला कर सकती है
प्रत्येक बैटरी में 4 लॉन्चर होते हैं, हर लॉन्चर में 3 मिसाइलें होती हैं
निर्यात और वैश्विक मांग
भारत ने 6,000 करोड़ रुपये की डील के तहत आकाश सिस्टम को आर्मेनिया को निर्यात किया है। अब ओमान से भी इसके लिए बातचीत जारी है। यह भारत के लिए एक बड़ा रक्षा निर्यात उपलब्धि है।
महिलाएं युद्ध कर सकती हैं, पर कानूनी सेवा में सीमित क्यों? SC ने पूछी तीखी बात
14 May, 2025 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक सवाल किया है, जो काफी ज्यादा सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने सवाल करते हुए पूछा है कि यदि भारतीय वायुसेना में (IAF) में एक महिला राफेल लड़ाकू विमान उड़ा सकती है, तो सेना की जज एडवोकेट जनरल (JAG) ब्रांच के जेंडर-न्यूट्रल पदों पर कम हमला अधिकारी क्यों हैं?
क्या है मामला?
दो महिला अधिकारियों अर्शनूर कौर और आस्था त्यागी ने याचिका दायर की थी कि उनके चौथा और पांचवां रैंक होने के बावजूद, मेरिट में अपने पुरुष साथियों की तुलना में ज्यादा होने के बाद भी, महिलाओं के लिए कम वैकेंसीज की वजह से जेएजी डिपार्टमेंट के लिए उन्हें सेलेक्ट नहीं किया गया।
इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें, दोनों महिला अधिकारियों ने पुरुषों और महिलाओं के लिए असमानुपातिक रिक्तियों को चुनौती दी थी और कहा था कि उनका चयन नहीं किया जा सकता क्योंकि कुल छह पदों में से महिलाओं के लिए केवल तीन रिक्तियां थी।
SC ने दिए यह निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा, "पहली नजर में हम याचिकाकर्ता अर्शनूर कौर द्वारा स्थापित मामले से संतुष्ट हैं। हम प्रतिवादियों को निर्देश देते हैं कि वे जज एडवोकेट जनरल (JAG) के रूप में नियुक्ति के लिए अगले ट्रेनिंग कोर्स में उसे शामिल करने से जो भी कार्रवाई जरूरी है, उसे शुरू करें।"
बेंच ने एक अखबार के लेख का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि एक महिला पायलट राफेल लड़ाकू विमान उड़ाएगी और कहा कि ऐसी स्थिति में उसे युद्ध बंदी के रूप में भी लिया जा सकता है।
जस्टिस दत्ता ने केंद्र और सेना की ओर से पेश एडशिनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा, "अगर इंडियन एयरफोर्स में किसी महिला के लिए राफेल लड़ाकू विमान उड़ाना जायजा है, तो सेना के लिए जेएजी में ज्यादा महिलाओं को अनुमति देना इतना मुश्किल क्यों है?"
क्या दलील पेश की गई?
बेंच को बताया गया कि दूसरी याचिकाकर्ता आस्था त्यागी कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान भारतीय नौसेना में शामिल हो गई थीं। इसके बाद अदालत ने पदों को जेंडर-न्यूट्रल होने का दावा करने के बावजूद महिलाओं के लिए कम पद निर्धारित करने के लिए केंद्र से सवाल किया।
ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सेना में जेएजी ब्रांच सहित महिला अधिकारियों की भर्ती और नियुक्ति इसकी परिचालन तैयारियों को ध्यान में रखते हुए एक प्रगतिशील प्रक्रिया है।
सुप्रीम कोर्ट के सवाल
सर्वोच्च न्यायालय ने आगे पूछा कि पदों को जेंडर-न्यूट्रल क्यों कहा गया है, जबकि उच्च योग्यता वाली महिला उम्मीदवार योग्य नहीं थीं, क्योंकिय रिक्तियां अभी भी लिंग के आधार पर विभाजित हैं।
जस्टिस मनमोहन ने कहा कि अगर 10 महिलाओं योग्यता के आधार पर जेएजी के लिए योग्य हैं, तो क्या उन सभी को जेएजी ब्रांच के अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
भारत का दमदार प्रहार, एक साथ दो दुश्मनों को दिया जवाब
14 May, 2025 03:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान की जमकर पिटाई करने के बाद भारत आक्रामक होकर खेल रहा है. वो शहबाज और जनरल मुनीर को तो औकात दिखा ही रहा है साथ ही चीन और अमेरिका को भी जवाब दे रहा है. भारत का ये रुख देखकर दुनिया हैरान है. उसके गुस्से को शांत करने की कोशिश की जा रही है. दरअसल, भारत को क्रोध पाकिस्तान ने दिलाया. अमेरिका ने उस गुस्से को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन इसी बीच चीन ने अपनी वही पुरानी आदत दोहरा दी. उसने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की, जिससे भारत ने खारिज कर दिया.
PAK ने दिलाया गुस्सा
सबसे पहले बात करते हैं पाकिस्तान के हरकत की. शहबाज शरीफ का देश वैसे तो नापाक हरकतें करता रहता है, लेकिन 22 अप्रैल को उसने पहलगाम में जो किया वो किसी भी भारतीय को बर्दाश्त नहीं हुआ. 26 मासूम लोगों की हत्या के बाद देश का खून खौल गया. पाकिस्तान के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए. एक्शन की मांग उठने लगी. सरकार देख रही थी कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है.
घटना के दो हफ्ते होने के बाद भी पाकिस्तान चुप बैठा रहा. आतंकियों को बचाता रहा. भारत में भी बदले का प्लान तैयार हो रहा था. उसे जमीन पर 6-7 मई को उतारा गया. 25 मिनट तक पाकिस्तान और पीओके में जबरदस्त कार्रवाई हुई. 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया. आतंकियों के खिलाफ एक्शन से पाकिस्तान बौखला गया.
मुनीर की सेना जम्मू, राजस्थान, गुजरात और पंजाब में ड्रोन अटैक करना शुरू कर दी. भारत भी शांत बैठने वाला नहीं था. उसने भी ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए. इस बार फिर वो घर में घुसकर पाकिस्तान को मारा. उसके कई एयरबेस को तबाह कर दिया. भारत की कार्रवाई देख पाकिस्तान कांप गया. अमेरिका की शरण में पहुंचा. कहा मुझे बचा लो. अमेरिका ने कहा कि तुम भारत से पहले बात करो.
भारत के सामने झुका
अमेरिका के आदेश को मानते हुए पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को कॉल किया. शांति की मांग की गई. भारत अपनी शर्तों पर तैयार हो गया. उधर 10 मई यानी शनिवार शाम को अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान किया. इस घोषणा के कुछ देर बाद पाकिस्तान ने बॉर्डर पर फिर नापाक हरकत की. भारत का खून फिर खौल गया. पाकिस्तान को लग गया कि खतरा मोल लिया. ड्रोन अटैक और फायरिंग रोक दी.
अमेरिका को मैसेज
जब ये सब कुछ हो रहा था तब ही ट्रंप सीजफायर का क्रेडिट ले रहे थे. लेकिन भारत ट्रंप को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा. खुद पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान से अब बात आतंकवाद और पीओके पर होगी. ट्रंप उम्मीद कर रहे थे कि कश्मीर का हल मिलकर बैठकर निकालेंगे, लेकिन पीएम मोदी ने कश्मीर को पाकिस्तान की सिलेबस से ही हटा दिया. उन्होंने मैसेज दे दिया कि कश्मीर को भूल जाओ.
चीन के खिलाफ भी कार्रवाई
10 मई को सीजफायर का ऐलान हुआ था. 13 मई तक भारत सरकार ट्रंप और पाकिस्तान को जवाब देती रही. इसके बाद तारीख आई 14 मई यानी आज. चीन ने अरुणाचल का मामला उठा दिया. उसने वहां के नामों को बदलने का प्रयास किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया. भारत ने कहा कि अरुणाचल हमारा था, है और रहेगा. चीन पर एक्शन लेते हुए उसने उसके मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ब्लॉक कर दिया. ग्लोबल टाइम्स पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया.
पाकिस्तान-चीन के खिलाफ एक्शन और अमेरिका को मैसेज देकर भारत ने बता दिया कि वो अब किसी के सामने झुकने वाला नहीं है. वो किसी पर भी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. वो पाकिस्तान को घर में घुसकर मारने से भी नहीं बचेगा और चीन-अमेरिका जैसे बाहुबलियों को कड़ी प्रतिक्रिया देने में भी पीछे नहीं हटेगा.
भारत की रणनीति तेज, पीएम मोदी और राष्ट्रपति दोनों ने की सैन्य नेतृत्व से बात
14 May, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत- पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल और सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की प्रमुख बैठकों की अध्यक्षता की. यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई. पीएम के साथ इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, एनएसए अजीत डोभाल शामिल हुए. इसी के साथ दूसरी तरफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सेना के प्रमुखों के साथ ऑपेरशन सिंदूर को लेकर मीटिंग की और ऑपरेशन को लेकर जानकारी हासिल की.
प्रधानमंत्री के साथ यह बैठक पूरी हो चुकी है. हालांकि, कैबिनेट के बाद करीब 45 मिनिट अलग से बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद गृहमंत्री, रक्षामंत्री, एनएसए और प्रधानमंत्री के बीच मीटिंग हुई. यह हाई-लेवल बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद हुए सीजफायर और ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा करने को लेकर हुई.
राष्ट्रपति ने की सेना के प्रमुखों के साथ बैठक
जहां एक तरफ पीएम मोदी ने सीसीएस बैठक की अध्यक्षता की वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना के प्रमुखों के साथ मीटिंग की. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी.
राष्ट्रपति की इस मीटिंग के बाद राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, राष्ट्रपति ने इस दौरान सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की.
ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला हुआ. इस हमले में आतंकवादियों ने बेरहमी से 26 टूरिस्ट को मार दिया. इसी के बाद पूरे देश में पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ खून खौल रहा था. भारत ने पहलगाम में हुए अटैक के बाद कई कदम उठाए. फिर 6-7 मई की रात को देश की तरफ से पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया और उन्हें ढेर किया गया. इस ऑपरेशन में 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया.
इसी के बाद पाकिस्तान की तरफ से भी भारत पर हमला करने की नाकाम कोशिश की गई, लेकिन भारत ने इसका करारा जवाब दिया और पाकिस्तान के हमले को पूरी तरह से फेल कर दिया.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को पूरे देश को संबोधित किया था. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा था कि साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में एयर स्ट्राइक के बाद ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ पॉलिसी है.
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है. इसी को लेकर पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी तो वो सिर्फ आतंकवाद और उसके अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को खाली कराने पर होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक नया बेंचमार्क सेट किया है.
ग्लोबल टाइम्स का एक्स अकाउंट भारत में बैन, चीनी दुष्प्रचार पर बड़ा एक्शन
14 May, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय सेना पर अपुष्ट दावे फैलाने पर केंद्र सरकार ने बुधवार को चीन के सरकारी एक्स हैंडल पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है जब कुछ दिन पहले चीन में भारतीय दूतावास ने मीडिया आउटलेट को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करने की सख्त चेतावनी दी थी।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ग्लोबल टाइम्सन्यूज, हम आपको सलाह देंगे कि इस तरह की गलत सूचना को आगे बढ़ाने से पहले आप अपने तथ्यों को सत्यापित कर लें और अपने स्रोतों की जांच कर लें।
दूतावास ने बताई सच्चाई
इसके बाद दूतावास ने पोस्ट में कहा, "कई पाकिस्तान समर्थक हैंडल #ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में गलत दावे फैला रहे हैं, जिससे जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। जब मीडिया आउटलेट स्रोतों की पुष्टि किए बिना ऐसी जानकारी साझा करते हैं, तो यह जिम्मेदारी और पत्रकारिता नैतिकता में गंभीर चूक को दर्शाता है।"
दूतावास की यह टिप्पणी पाकिस्तानी अकाउंट्स और कुछ मीडिया द्वारा वायरल पोस्ट के बाद आई थी, जिसमें कहा गया था कि बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल जेट को मार गिराया गया है।
PIB ने किया फैक्ट चेक
हालांकि, पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने ऐसी ही एक वायरल तस्वीर को भ्रामक बताते हुए कहा कि यह तस्वीर 2021 में पंजाब के मोगा जिले में हुए मिग-21 क्रैश की है। पीआईबी ने अपने पोस्ट में चेतावनी दी, "वर्तमान संदर्भ में पाकिस्तान समर्थक हैंडल द्वारा शेयर की गई पुरानी तस्वीरों से सावधान रहें।"
अरुणाचल में स्थानों का नाम बदलने पर विदेश मंत्रालय ने चीन को दिया जवाब
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भी अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का खंडन किया और राज्य में स्थानों का नाम बदलने के उसके प्रयास पर कड़ी आपत्ति जताई।
विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में दोहराया कि चीन के 'नामकरण' से इस निर्विवाद वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने देखा है कि चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नामकरण के अपने व्यर्थ और निरर्थक प्रयासों में लगा हुआ है। हम इस तरह के प्रयासों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।"
समुद्र की गहराइयों में भारत की छलांग, जल्द लॉन्च होगा स्वदेशी 'समुद्रयान' मिशन
14 May, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोच्चि। भारत का पहला मानवयुक्त गहरा समुद्र मिशन छह हजार मीटर की गहराई तक समुद्र के रहस्य को खंगालेगा। राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइओटी) के निदेशक बालाजी रामकृष्णन ने मंगलवार को कहा कि पनडुब्बी 2026 के अंत तक रवाना हो सकता है।
रामकृष्णन ने आइसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआइ) में कहा, मिशन के तहत छह हजार मीटर की गहराई तक गहरे समुद्र में सागर के रहस्यों का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा।
समुद्र के सफर पर होगा रवाना
तीन विज्ञानियों को लेकर समुद्र के सफर पर रवाना होगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत एनआइओटी गहरे समुद्र मिशन की नोडल एजेंसी है। स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है
स्वदेशी तकनीक से विकसित, 25 टन के चौथी पीढ़ी के यान को विशेष रूप से गहरे समुद्र में अत्यधिक दबाव और तापमान का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें टाइटेनियम से बना पतवार है। समुद्र अनुसंधान के लिए गेम-चेंजर रामकृष्णन ने कहा, यह मिशन भारत के गहरे समुद्र अनुसंधान के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
गहरे समुद्र से इकट्ठा करेगा नमूने
यह गहरे समुद्र में संसाधनों के आकलन, और समुद्र पर्यटन की संभावनाओं के लिए नए रास्ते खोलेगा। मिशन गहरे समुद्री क्षेत्र से महत्वपूर्ण नमूने एकत्र करने में सहायक होगा, जिससे विज्ञानियों को क्षेत्र में जीवों और पानी की अनूठी विशेषताओं को समझने के अवसर मिलेंगे। चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत की लांचिग की जाएगी।
500 मीटर गहराई तक होगा टेस्ट
इस साल के अंत तक 500 मीटर गहराई तक परीक्षण किया जाएगा। गोता लगाने की यात्रा में चार घंटे लगेंगे, और बाहर आने में भी उतना ही समय लगेगा।-विकसित की गई है नामक नवीन तकनीक विकसित की गई है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर खुले समुद्र में उन्नत कृषि पर ध्यान केंद्रित करना है।
यह तकनीक वर्तमान में प्रदर्शन चरण में है। ये इलेक्ट्रानिक रूप से निगरानी किए जाने वाले मछली पिंजरे अपतटीय क्षेत्रों के लिए डिजाइन किए गए हैं।
पोषण से भरपूर गहरे समुद्र के वातावरण का लाभ उठाकर मछली की वृद्धि को अनुकूलित करने के लिए इसका उपयोग हो सकेगा। विभिन्न सेंसरों के साथ मछली बायोमास, वृद्धि और गति और पानी की गुणवत्ता के मापदंडों की दूरस्थ निगरानी करने में सक्षम है। यह तकनीक भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत: पाकिस्तान ने 21 दिन बाद BSF जवान को लौटाया
14 May, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत के हवाले कर दिया। कुमार को 23 अप्रैल को पाकिस्तानी रेंजर्स में पकड़ लिया था। यह प्रक्रिया पंजाब स्थित अटारी-वाघा सीमा चौकी पर सुबह 10:30 बजे हुई।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से जवान को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को सौंपा गया और यह पूरा ट्रांसफर शांतिपूर्वक और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार पूरा किया गया।
बता दें कि पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स ने 23 अप्रैल को भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फिरोजपुर जिले से पकड़ लिया था। यह पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद की घटना थी।
बीएसएफ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, आज बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, अमृतसर के जरिये लगभग 10:30 बजे भारत को सौंप दिया गया। वह 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे। यह ट्रांसफर शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया।”
पाकिस्तान के दावों पर भारत का जवाब: एस-400 की मौजूदगी से झूठी कहानी खत्म
14 May, 2025 12:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के सीमावर्ती आदमपुर एयरबेस के अचानक दौरे के दौरान कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई लक्ष्मण रेखा बिल्कुल स्पष्ट है और नई दिल्ली भविष्य में किसी भी हमले का जोरदार जवाब देगा. यह दौरा शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा गया.
रूस के एस-400 मिसाइल लांचर की पृष्ठभूमि में मोदी ने पाकिस्तान के साथ हाल के चार दिवसीय संघर्ष में सशस्त्र बलों की उपलब्धियों की सराहना की. साथ ही सशस्त्र प्रतिक्रिया में संयुक्तता की भी प्रशंसा की और कहा कि पड़ोसी देश में आतंकवादी आकाओं को अब पता चल गया है कि भारत पर किसी भी हमले का परिणाम उन्हें नष्ट करना होगा.
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में अपने करीब 30 मिनट के संबोधन में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लक्ष्मण रेखा अब बिल्कुल स्पष्ट हो गई है. अगर कोई आतंकी हमला होता है तो भारत उसका कड़ा जवाब देगा और हमारी प्रतिक्रिया हमारे द्वारा चुने गए समय, हमारी शर्तों और हमारे तरीके से होगी. मैं आज यहां हमारे बहादुर सैनिकों के दर्शन के लिए आया हूं. आपने इतिहास रच दिया है और आप इस पीढ़ी और भविष्य के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे.
पाकिस्तान के झूठे दावे को किया फेल, आदमपुर एयरबेस सुरक्षित
अधिकारियों ने कहा कि मोदी का आदमपुर एयरबेस का दौरा पाकिस्तान के उस व्यापक दुष्प्रचार अभियान को विफल करने के लिए किया गया था, जिसमें 7-10 मई के संघर्ष के दौरान एयरबेस सहित कई भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की बात कही गई थी. आदमपुर भारतीय वायु सेना के प्रमुख ठिकानों में से एक है, जो जालंधर शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित है. यह उन ठिकानों में से एक है जिन पर पाकिस्तान ने झूठा दावा किया था कि उसने हमला किया है. पाकिस्तान ने दावे में कहा था कि वहां तैनात रूसी मूल के एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों को खत्म कर दिया, रनवे और लड़ाकू विमानों को भी नष्ट कर दिया और एक रडार साइट को भी निशाना बनाया.
भारतीय वायुसेना के मिग-29 लड़ाकू विमानों के अड्डे एयरबेस से ली गई तस्वीरों में प्रधानमंत्री की एक तस्वीर भी शामिल है, जिसमें वे एस-400 लांचर के सामने खड़े हैं और वायुसेना कर्मियों को संबोधित कर रहे हैं. यह भारतीय वायुसेना में लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली की पहली सार्वजनिक तस्वीर है. बेस पर मौजूद पुरुषों और महिलाओं से बातचीत करते हुए मोदी की एक और तस्वीर में पृष्ठभूमि में पूरी तरह से सुरक्षित रनवे के साथ एक मिग-29 लड़ाकू विमान दिखाया गया है.
विदेश मंत्रालय का जवाब: अरुणाचल प्रदेश पर चीन की कोशिशें बेबुनियाद और अस्वीकार्य
14 May, 2025 12:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत का चीन के साथ भी तनाव की स्थिति बनी रहती है. चीन सीमा से सटे राज्यों में कुछ न कुछ ऐसी गतिविधियां करता ही रहता है. चीन अब अरुणाचल प्रदेश के कई जगहों के नाम बदलने की कोशिश में लगा है. भारत ने उसकी इस हरकत का पुरजोर विरोध किया और इसे बेतुका करार दिया.
भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ जगहों के नाम बदलने की चीन की कोशिशों को सिरे से खारिज कर दिया. भारत ने आज बुधवार को कहा कि इस तरह की बेतुकी कोशिशों के बावजूद यह निर्विवाद सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और आगे भी रहेगा. हालांकि चीन काफी समय से यह दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का दक्षिणी भाग है.
नाम बदलने की कोशिश व्यर्थ और बेतुकीः MEA
भारत ने उक्त टिप्पणी अरुणाचल प्रदेश के कुछ जगहों के लिए चीन की ओर से उसके नए नामों की ऐलान किए जाने पर की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने नोटिस किया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के नाम बदलने की व्यर्थ और बेतुकी कोशिश की है.”
चीन को लेकर विदेश मंत्रालय का जवाब
उन्होंने आगे कहा, “हम इस तरह की कोशिशों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप सिरे से अस्वीकार करते हैं.” रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल का जवाब देते कहा, “रचनात्मक नाम रख देने से यह निर्विवाद वास्तविकता नहीं बदली जा सकेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा.”
अरुणाचल प्रदेश को मानता है अपना हिस्सा
हालांकि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता रहा है और उसे अपना हिस्सा मानता है. वह अरुणाचल के लोगों को चीन आने के लिए वीजा तक जारी नहीं करता है, उसका कहना है कि वो चीन का ही हिस्सा है, ऐसे में उनके लिए वीजा की जरुरत ही नहीं है. पिछले साल भी चीन ने अरुणाचल के अलग-अलग स्थानों के 30 नए नामों की सूची जारी की, जिसे तब भारत ने नकार दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस बीआर गवई ने शपथ ली
14 May, 2025 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस बीआर गवई ने शपथ ले ली है और राष्ट्रपति भवन में आयोजिक समारोह में राष्ट्रपति ने उन्हें शपथ दिलाई है। जस्टिस गवई भारत के पहले बौद्ध CJI हैं और आजादी के बाद देश में दलित समुदाय से वे दूसरे सीजीआई हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में उनका कार्यकाल छह महीने का होगा।जस्टिस बी. आर. गवई ने 14 मई 2025 को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। यह शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में दिलाई। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद, जस्टिस गवई ने भावुक होकर अपनी मां के पैर छुए, जो उनके लिए एक प्रेरणास्त्रोत रही हैं। यह दृश्य भावनात्मक था और उनके परिवार के प्रति सम्मान और आभार को दर्शाता है।
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ था। उन्होंने 1985 में वकालत शुरू की और 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। उनकी नियुक्ति से पहले, वे महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के चांसलर और नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं।उनकी नियुक्ति सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे भारत के दूसरे दलित CJI हैं। इससे पहले, जस्टिस के. जी. बालकृष्णन ने यह पद 2010 में संभाला था। जस्टिस गवई ने अपने कार्यकाल के दौरान सामाजिक और राजनीतिक न्याय के लिए प्रतिबद्धता जताई है, और उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के समानता और गरिमा के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। उनकी न्यायिक सेवा में निष्पक्षता और संवेदनशीलता के लिए उन्हें जाना जाता है। उनकी नियुक्ति से भारत की न्यायपालिका में विविधता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
नए CJI के रूप में शपथ लेंगे जस्टिस बीआर गवई, जानिए उनके अहम फैसले
14 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Justice BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई आज देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शपथ दिलाएंगी। जस्टिस गवई देश की न्यायपालिका के इतिहास में दलित समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। इससे पहले वर्ष 2007 से 2010 तक केजी बालकृष्णन इस पद पर रहे थे।
6 महीने का होगा कार्यकाल
जस्टिस गवई की नियुक्ति निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद की जा रही है। वे 23 नवंबर, 2025 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे। जस्टिस गवई, प्रमुख अंबेडकरवादी नेता और पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई के पुत्र हैं। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी की डिग्री लेने के बाद 1985 में वकालत शुरू की थी। वर्ष 2003 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बनाए गए और 2005 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए। मई 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था।
कई ऐतिहासिक फैसलों में निभाई अहम भूमिका
जस्टिस गवई की न्यायिक यात्रा कई संवेदनशील और ऐतिहासिक मामलों से जुड़ी रही है। वे सुप्रीम कोर्ट की उस संविधान पीठ का हिस्सा रहे हैं, जिसने अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। इसके अलावा वे चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करने वाली पांच सदस्यीय पीठ में भी शामिल थे।
नोटबंदी को वैध ठहराया: जस्टिस गवई ने 2016 की नोटबंदी योजना को 4:1 बहुमत से वैध ठहराते हुए कहा था कि यह निर्णय आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच विचार-विमर्श के बाद लिया गया था और यह असंवैधानिक नहीं था।
ईडी निदेशक के कार्यकाल को बताया अवैध: जुलाई 2023 में उन्होंने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के तीसरे कार्यकाल को अवैध करार दिया और 31 जुलाई तक पद छोड़ने का आदेश दिया।
बुलडोजर कार्रवाई पर सख्त रुख: 2024 में, उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपी होने के आधार पर किसी की संपत्ति को ध्वस्त करना असंवैधानिक है और ऐसी कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक है।
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई: 2022 में उनकी पीठ ने 30 साल से जेल में बंद छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था, यह कहते हुए कि राज्यपाल ने तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर कार्रवाई नहीं की थी।
वणियार आरक्षण को असंवैधानिक करार: 2022 में तमिलनाडु सरकार द्वारा वणियार समुदाय को दिए गए विशेष आरक्षण को उन्होंने असंवैधानिक बताया था, क्योंकि इससे अन्य पिछड़ा वर्गों के साथ भेदभाव होता।
तीस्ता सीतलवाड़ को राहत: 2023 में उन्होंने तीस्ता सीतलवाड़ को नियमित जमानत दी, जो 2002 के गोधरा दंगों से संबंधित एक मामले में जेल में थीं।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर फैसला: वे उस संविधान पीठ का हिस्सा रहे, जिसने कहा कि मंत्रियों और सार्वजनिक अधिकारियों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस गवई का कार्यकाल न्यायपालिका में सामाजिक प्रतिनिधित्व, संविधान की रक्षा और जनहित के मामलों में संतुलित दृष्टिकोण के लिए एक अहम अध्याय साबित हो सकता है।
भारत के CJI को कितनी मिलती है सैलरी
भारत के मुख्य न्यायाधीश को हर महीने 2.80 लाख रुपए वेतन मिलता है। इनकी पेंशन 16.80 लाख रुपये प्रति वर्ष और साथ में महंगाई राहत और 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलती है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को वेतन के अलावा हर महीने 45,000 रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। एक साथ 10 लाख रुपये फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर भुगतान किया जाता है।
सुविधाओं की बात करें तो भारत के CJI को ये सुविधाएं मिलती हैं-
—दिल्ली में सबसे उच्च श्रेणी यानी टाइप VIII का बंगला
—सरकारी गाड़ी और ड्राइवर की सुविधा
—बंगले पर 24 घंटे सुरक्षा, नौकर-चाकर और क्लर्क आदि रहते हैं
—गाड़ी के लिए हर महीने 200 लीटर तक ईंधन
—पीसीओ
—यात्रा भत्ता