देश
शशि थरूर को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच, पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका में रखेंगे भारत का पक्ष
17 May, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश में भारत का पक्ष रखने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व करने वाले सांसदों के नाम की घोषणा कर दी है. मोदी सरकार ने इस मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर को बड़ी जिम्मेदारी दी है. इसी के साथ अब थरूर भारत का पक्ष अमेरिका में रखेंगे और पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे.
पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश जाने वाले सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडल को ये नेता करेंगे लीड : शशि थरूर – यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, विजयंत जय पांडा – ईस्टर्न यूरोप, कनिमोझी – रूस, संजय झा – साउथ ईस्ट एशिया, रविशंकर प्रसाद – मिडिल ईस्ट, सुप्रिया सुले – वेस्ट एशिया, श्रीकांत शिंदे – अफ्रीकी देश
पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर कड़ा संदेश दिया है. इस निर्णायक कार्रवाई को न सिर्फ जनता का बल्कि विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिला. देश में राजनीतिक दलों की विचारधारा भले ही अलग-अलग हो, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और आतंक के खिलाफ एकजुटता की आई तो समूचा राजनीतिक नेतृत्व एक सुर में खड़ा नजर आया.
8 देशों में भेजा जाएगा प्रतिनिधिमंडल
अब भारत की यही राजनीतिक एकता दुनिया भर में दिखाई देने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को 8 अलग-अलग देशों में भेजा जाएगा. इस कोशिश की अगुवाई संसदीय कार्य मंत्रालय कर रहा है, जिसने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस योजना को अंतिम रूप दिया है.
पहले चरण में 8 ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें से हर एक ग्रुप अलग-अलग देश का दौरा करेगा. इन ग्रुपों में सभी पार्टियों के सांसदों को शामिल किया जा रहा है, ताकि यह साफ हो सके कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश की है.
क्या होगा मकसद?
हर प्रतिनिधिमंडल में करीब आधा दर्जन सांसद शामिल होंगे और सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स इनमें नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे. इन सांसदों का मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह साफ करना होगा कि कैसे पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचों ने भारत की संप्रभुता पर हमला किया और उसके जवाब में किस तरह भारत ने संयम और संकल्प के साथ जवाब दिया है.
इन 8 प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य होगा—विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों, मीडिया संस्थानों और नीति-निर्माताओं को यह बताना कि भारत क्यों और कैसे इस जवाबी कार्रवाई के लिए विवश हुआ. साथ ही यह बताना भी होगा कि भारत किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए खड़ा हुआ.
कब जाएगा प्रतिनिधिमंडल
22 मई के बाद सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर जाना शुरू होगा. सूत्रों के मुताबिक विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में करीब 43/45 सांसदों का नाम शामिल होगा. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक इसमें इन सांसदों के नाम शामिल हैं- प्रेमचंद गुप्ता, आरजेडी, संजय झा, जेडीयू- जापान जायेंगे, रविशंकर प्रसाद, बीजेपी- मिडिलईस्ट जायेंगे, विजयंत जय पांडा- बीजेपी, अनुराग ठाकुर – बीजेपी, बृजलाल, बीजेपी, तेजस्वी सूर्या, बीजेपी, अपराजिता सारंगी, बीजेपी, राजीव प्रताप रूडी, बीजेपी, डी पुरंदेश्वरी – बीजेपी, श्रीकांत शिंदे – शिवसेना शिंदे, सुप्रिया सुले – एनसीपी (शरद पवार), सस्मित पात्रा – (बीजेडी), समिक भट्टाचार्य- (बीजेपी), मनीष तिवारी – (कांग्रेस), शशि थरूर – कांग्रेस, अमर सिंह- कांग्रेस, प्रियंका चतुर्वेदी – शिवसेना उद्धव, जॉन बिट्स- सीपीआई एम, असदुद्दीन ओवैसी- AIMIM
सुरक्षा बलों के समन्वय की सराहना, अमित शाह ने कहा – ऑपरेशन सिंदूर बना उदाहरण
17 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) नए रूप में सामने आया है। गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार नए मैक का उद्घाटन किया।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कही ये बात
अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ राजनीति इच्छा शक्ति के साथ ही खुफिया एजेंसियों की सटीक सूचना और तीनों सेनाओं की अचूक मारक क्षमता का प्रतीक बताया। उन्होंने माओवादियों के विरुद्ध ऐतिहासिक अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की भी प्रशंसा की।
अमित शाह के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग से लैस मैक का नया नेटवर्क आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा।
भविष्य की चुनौतियों से निपटने की क्षमता
उन्होंने कहा कि नया मैक जटिल एवं परस्पर जुड़ी हुई मौजूदा राष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को एक निर्बाध व इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म प्रदान करेगा और उनके बीच समन्वय भी स्थापित करेगा। इसे भविष्य की चुनौतियों से निपटने की क्षमता से युक्त किया गया है।
अमित शाह ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के पास अलग-अलग पड़े हुए सूचनाओं के डाटाबेस को इस प्लेटफार्म से जोड़ना होगा। इससे बड़ी मात्रा में मौजूद डाटा का विश्लेषण कर समस्याओं से निपटने की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
मैक नेटवर्क पर उपलब्ध डाटा विश्लेषण की गुणवत्ता ज्यादा बेहतर होगी
शाह के अनुसार, मैक नेटवर्क पर उपलब्ध डाटा विश्लेषण की गुणवत्ता ज्यादा बेहतर होगी और इससे समस्या का पैटर्न व ट्रेंड समझने में मदद मिलेगी। सटीक जानकारी के आधार पर समस्या के हॉटस्पाट की मैपिंग और उसके टाइमलाइन का विश्लेषण किया जा सकेगा। इससे समस्या का अनुमान लगाने के साथ ही उससे निपटने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि नया नेटवर्क संगठित अपराध से जुड़े आतंकी इकोसिस्टम को ध्वस्त करने में दूरगामी प्रभाव वाला साबित होगा।ध्यान देने की बात है कि कारगिल घुसपैठ के बाद 2001 में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए खुफिया ब्यूरो के अधीन मैक की स्थापना की गई थी।
नए स्वरूप में मैक का नेटवर्क पूरे देश में फैला
अमित शाह ने कहा कि नए स्वरूप में मैक का नेटवर्क पूरे देश में फैला है, जिसमें द्वीपों से लेकर उग्रवाद प्रभावित इलाके और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र भी शामिल हैं। एक सुरक्षित नेटवर्क के माध्यम से इस नेटवर्क पर दूरदराज के जिलों में बैठे पुलिस अधीक्षक (एसपी) तक को कनेक्टिविटी दी गई है।
ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में पाकिस्तान के साथ खड़े देशों पर व्यापारिक सख्ती
17 May, 2025 08:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़ा होने वाले तुर्किये और अजरबैजान का विरोध लगातार बढ़ रहा है। देशभर के 125 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने इन दोनों देशों के साथ व्यापार का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस बहिष्कार में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भी शामिल होगा। व्यापारी नेताओं ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की कि तुर्किये और अजरबैजान में शूटिंग न करें।
व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक तय हुए मुद्दे
शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक में तय किया गया कि दोनों देशों के साथ व्यावसायिक संबंधों की नीति पर पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाएगा।
व्यापारिक समुदाय ने स्पष्ट किया है कि फिल्म उद्योग से अपील की गई है कि वे इन दोनों देशों में शूटिंग न करें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉर्पोरेट हाउस तुर्किये और अजरबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन के लिए शूटिंग नहीं करेगा।
जिलास्तर पर तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी
आतंकियों और पाकिस्तान के खिलाफ सेना के शौर्य को सम्मानित करने के लिए जिलास्तर पर तिरंगा यात्रा निकालने और राष्ट्रीय रक्षा फंड में योगदान देने का निर्णय लिया गया है।
सम्मेलन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत 24 राज्यों से आए व्यापारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ये प्रतिनिधि विभिन्न ट्रेड जैसे परिधान, किराना, ऑटोमोबाइल, मार्बल, आइटी, जूते-चप्पल, सूखे मेवे और ज्वेलरी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात किया गया
सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एकजुटता जताते हुए उन ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया गया, जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं। कैट (कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अजरबैजान ने भारत की सद्भावना का लाभ उठाया, लेकिन आज आतंकवाद को समर्थन दे रहे हैं। उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है।
स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की राष्ट्रसेवा भावना की
बताया कि जल्द ही सेना का अभिनंदन करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी और राष्ट्रीय रक्षा फंड में भी आर्थिक सहयोग किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की राष्ट्रसेवा भावना की सराहना की और कैट से राष्ट्रीय रक्षा कोष में स्वेच्छा से योगदान देने का आग्रह किया।
उन्होंने स्वयं पूर्व सांसद के नाते मिलने वाले पेंशन को कोष में समर्पित करने की घोषणा की। सम्मेलन को स्वदेशी जागरण मंच के सह संगठक सतीश कुमार व सह संयोजक अश्विनी महाजन ने भी संबोधित किया। व्यापारी प्रतिनिधियों ने ई-कामर्स व क्विक कामर्स से खुदरा व्यापार को चुनौतियां तथा उससे निपटने के उपायों पर भी चर्चा की।
तुर्किये के सेब पर प्रतिबंध की उठी मांग
रिपोर्ट के अनुसार, हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसायटी के बैनर तले सेब उत्पादकों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से तुर्किये के सेब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि तुर्किये के सस्ते सेब के कारण देश के बागबानों को घाटा हो रहा है। तुर्किये से हर वर्ष एक लाख टन से अधिक सेब आयात होता है, जिससे स्थानीय बागबानों को नुकसान हो रहा है।
भीषण गर्मी और आंधी के कारण उत्तर भारत में कई स्कूल और कॉलेज हुए बंद
17 May, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर भारत इस समय भयंकर लू की चपेट में है। कई जगहों पर धूल भरी आंधी चलने से वायु प्रदूषण की दोहरी मार पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के बांदा में तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो देश में सर्वाधिक है। राज्य के 13 जिलों में दिन का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा।
आगामी 48 घंटों में लू के और तेज होने की आशंका को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 19 मई से उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
हीटस्ट्रोक की आशंका
राजधानी में दिनभर झुलसाने वाली गर्मी के बाद शाम को 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली और वर्षा हुई। इस दिन का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस सीजन का सर्वाधिक है। तापमान के साथ-साथ गर्म हवाओं और आद्रता के स्तर में भी वृद्धि हुई है, जो लगभग 60 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इससे हीटस्ट्रोक की आशंका बढ़ गई है।
राजस्थान में प्रचंड गर्मी
राजस्थान के श्रीगंगानगर में 45.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। चूरू में 45.6 और बीकानेर में 45.2 डिग्री तापमान रहा। पंजाब में भी धूप और लू का प्रकोप जारी है। बठिंडा में अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जम्मू-कश्मीर में भी अगले दो दिन प्रचंड गर्मी का अनुमान है।
पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बौछारें हो रही हैं
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बौछारें हो रही हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों में उमस बढ़ गई है। कुछ क्षेत्रों में आकाशीय बिजली चमकने और अंधड़ चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
बदला हुआ है मौसम का मिजाज
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत का कहना है कि असामान्य मौसमी गतिविधियां इस बार मई में तापमान बढ़ने नहीं दे रहीं। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं, जिससे आंधी और वर्षा के हालात बन रहे हैं। कई जगहों पर लू चलने की बजाय तापमान सामान्य के आसपास या उससे नीचे बना हुआ है।
समुद्र की सतह से डेढ़ किमी ऊपर हवा के ऊपरी स्तर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जो उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश की तरफ खिसक रहा है। वायु प्रदूषण बढ़ावायु प्रदूषण की स्थिति भी चिंताजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो इन्हें ''बहुत खराब'' श्रेणी में रखता है। गाजियाबाद और नोएडा जैसे आस-पास के क्षेत्रों की स्थिति भी गंभीर है, जहां एक्यूआइ स्तर ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंच गया है।
43 उड़ानों में देरी, 14 रद
इस बीच, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खराब मौसम के कारण 42 उड़ानों में देरी हुई और 14 उड़ानें रद कर दी गईं। यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा, खासकर श्रीनगर, लेह और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने वालों को।
प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें
एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे उड़ान की स्थिति की जानकारी पहले ही ले लें। चिकित्सकों का सुझावचिकित्सकों का सुझाव है कि बुजुर्ग, बच्चे और हृदय रोग से ग्रसित लोग इस दौरान अत्यधिक सावधानी बरतें। पीक घंटों के दौरान घर के अंदर रहें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, छायादार या ठंडी जगहों पर रहें और प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें।
शहर के नाम में ऐतिहासिक बदलाव, सरकार ने जोड़ा ‘जी’
16 May, 2025 11:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में लिए गए सबसे बड़े निर्णयों में से एक गया शहर का नाम परिवर्तन है। अब इस शहर को ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा।इसके अलावा, कैबिनेट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए जवानों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह निर्णय शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि की घोषणा की है। इस फैसले से राज्य के लाखों कर्मचारियों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
कैबिनेट ने प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब इन कार्यालयों की सफाई का जिम्मा जीविका दीदियों को सौंपा जाएगा। यह कदम न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देगा, बल्कि जीविका समूह की महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। राज्य सरकार ने प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए छपरा जिले के सोनपुर को नगर परिषद का दर्जा दे दिया है। इसके साथ ही, औरंगाबाद जिले के मदनपुर को अब नगर पंचायत के रूप में जाना जाएगा।
72 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण राशि स्वीकृत
वहीं, महत्वाकांक्षी जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की अवधि को बढ़ा दी गई है। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। कैबिनेट ने दरभंगा जिले की जलापूर्ति योजना के लिए 186 करोड़ रुपए और औरंगाबाद जिले की जलापूर्ति परियोजना के लिए 72 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण राशि स्वीकृत की है। इसके अलावा, सोनपुर मेला आयोजन क्षेत्र के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है, और बोधगया शहर के लिए भी एक नई जलापूर्ति परियोजना को हरी झंडी मिली है।
पंचायती राज विभाग के अंतर्गत राज्य के 900 ग्राम पंचायतों में सरकारी पंचायत भवन बनाने की योजना को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी। शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करते हुए, बिहार के कई जिलों में केंद्रीय विद्यालय संगठन के नए विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इससे राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के अधिक अवसर मिलेंगे।
बिहार सरकार लेगी लोन
विकास कार्यों को गति देने के लिए राज्य सरकार 58,193 करोड़ रुपए का ऋण लेगी। यह राशि विभिन्न विकास परियोजनाओं में इस्तेमाल की जाएगी। सहकारिता विभाग के अंतर्गत 498 नए पदों की स्वीकृति दी गई है। इससे विभाग के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। बिहार सरकार की नौकरियों में अब बिहार के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को ही क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह निर्णय दिव्यांगजनों के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है।
मुख्य जांच आयुक्त के कार्यालय में 125 नए पदों की स्वीकृति दी गई है, जिससे जांच कार्यों को और तेजी से किया जा सकेगा। राज्य में कैंसर की बीमारी से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘कैंसर केयर अप रिसर्च सोसायटी’ का गठन किया जाएगा। यह सोसायटी कैंसर की रोकथाम, उपचार और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करेगी।
डॉक्टरों को किया बर्खास्त
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सेवा से अनुपस्थित रहने के कारण पांच डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में अब शिक्षा विभाग के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जिससे इन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, भागलपुर, अररिया और गोपालगंज में नए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनेंगे।
पटना मेट्रो परियोजना के लिए दो करोड़ 56 लाख नौ हजार करोड़ रुपए के भुगतान की अनुमति कैबिनेट ने दे दी है, जिससे इस महत्वपूर्ण परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा। वहीं, जन्म और मृत्यु से संबंधित आवेदनों का निष्पादन अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही किया जाएगा, जिससे लोगों को सुविधा होगी और उन्हें ब्लॉक या अन्य कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बिहार के अंतर्गत उद्यान प्रशिक्षण निदेशालय के गैर-तकनीकी पदों की नियमावली में परिवर्तन किया गया है।
इसके साथ ही, भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय, इमामगंज, समस्तीपुर और भोजपुर के भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, ताकि छात्रों को बेहतर आवास और शिक्षा का माहौल मिल सके।
'ऑपरेशन सिंदूर' पर मंथन: पीएम मोदी ने की अहम बैठक, शामिल हुए डोभाल, शाह और जयशंकर
16 May, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की. बैठक खत्म होने के बाद एनएसए अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह बाहर निकले हैं. अभी तक इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इस बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ संकल्प, विभिन्न एजेंसियों द्वारा सटीक खुफिया जानकारी जुटाने और भारतीय सशस्त्र बलों की अचूक मारक क्षमता का प्रतीक है. ये बात उन्होंने एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी शेयर करने के मकसद से दिल्ली में एक नए केंद्र का उद्घाटन करने के बाद कही.
बहु एजेंसी केंद्र की स्थापना का मकसद
बता दें कि खुफिया ब्यूरो के तहत इस बहु एजेंसी केंद्र की स्थापना 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद की गई थी. इसका मकसद कानून प्रवर्तन में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच समय पर जानकारी शेयर करना है. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले और आतंकवाद के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने के बाद से लगातार बड़ी बैठकें जारी हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुक्रवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने दो टूक कहा किभारत नहीं चाहता कि वो जो पैसा आईएमएफ को देता है, उसका इस्तेमाल किसी भी तरह से पाकिस्तान या अन्य देशों में आतंकवाद का बुनियादी ढांचा तैयार करने में हो.मेरा मानना है कि पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक मदद आतंकवाद के वित्तपोषण से कम नहीं है.
राजनाथ सिंह ने आईएमएफ को दिया ये सुझाव
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर फिर से विचार करे. साथ ही भविष्य में किसी भी तरह की मदद देने से परहेज करे. उन्होंने कहा किऑपरेशन सिंदूर में भारत के सशस्त्र बल न केवल दुश्मन पर हावी रहे, बल्कि उन्हें नेस्तनाबूद करने में भी सफलता पाई.
IMF को राजनाथ सिंह की दो टूक– देखें पाकिस्तान उस पैसे का क्या करता है
16 May, 2025 06:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए भुज वायु सेना स्टेशन पहुंचे. वायु सेना का यह अड्डा उन सैन्य बुनियादी ढांचे में से एक है जिसे पाकिस्तान ने चार दिनों तक जारी सैन्य संघर्ष के दौरान निशाना बनाया था. राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा कि भारत चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे.
इससे एक दिन पहले भारत ने आईएमएफ से पाकिस्तान को दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. साथ ही कहा कि इस्लामाबाद इस सहायता का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर सकता है. राजनाथ सिंह ने सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत नहीं चाहता कि वह जो धन आईएमएफ को देता है उसका इस्तेमाल किसी भी रूप से पाकिस्तान या अन्य देश में आतंकवादी बुनियादी ढांचा तैयार करने में किया जाए.
क्या इसे IMF द्वारा वित्त पोषण नहीं माना जाएगा?
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता आतंकवाद के वित्तपोषण से कम नहीं है. भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे और भविष्य में किसी भी प्रकार की सहायता देने से परहेज करे.’ उन्होंने पूछा कि क्या इसे IMF, एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा अप्रत्यक्ष वित्त पोषण नहीं माना जाएगा?
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान अपने नागरिकों से वसूले गए कर से जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को करीब 14 करोड़ रुपए देगा, जबकि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है. पाकिस्तान सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है. निश्चित रूप से आईएमएफ की सहायता का एक बड़ा हिस्सा इसमें इस्तेमाल किया जाएगा.
हमारी कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी- रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन की शुरुआत पहलगाम में मारे गए निर्दोष लोगों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर की. उन्होंने घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि भुज 1965, 1971 और अब पाकिस्तान पर भारत की जीत का गवाह रहा है.
उन्होंने भुज को देशभक्ति की भूमि बताया, जहां सैनिक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अडिग संकल्प के साथ खड़े रहते हैं. उन्होंने वायु सेना और बीएसएफ के अन्य बहादुर सैनिकों और वायु सेना के जवानों के प्रति उनकी मातृभूमि की सेवा के लिए आभार व्यक्त किया. साथ ही स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हमारी कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी, अगर जरूरत पड़ी तो हम पूरी तस्वीर दिखाएंगे.
ऑपरेशन सिंदूर पर अमित शाह का बड़ा बयान, बताया पीएम मोदी के नेतृत्व का परिणाम
16 May, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी जुटाने की दक्षता, और भारतीय सशस्त्र बलों की बेजोड़ हमलावर क्षमता का प्रतीक है.
शाह ने यह टिप्पणी दिल्ली में एक उन्नत बहु-एजेंसी खुफिया केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर की. यह केंद्र विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच समय पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है.
गृह मंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, हमारी एजेंसियों की सटीक खुफिया जानकारी और हमारे तीनों सशस्त्र बलों की असाधारण क्षमता का अनूठा प्रतीक है. “
शाह ने नार्थ ब्लॉक में MAC का किया उद्घाटन
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी.
भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को सैन्य कार्रवाई को स्थगित करने पर सहमति जताई थी। हालांकि भारत ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक अस्थायी रोक है, और आगे की कार्रवाई पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगी.
ऑपरेश सिंदूर ने पाकिस्तान की दिखाई उसकी औकात
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति और न्याय के लिए अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया था. उन्होंने अपने 22 मिनट के संबोधन में कहा था, “यह अब नया सामान्य है. हमने केवल पाकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान को स्थगित रखा है, भविष्य की दिशा उनके व्यवहार पर निर्भर करेगी.”
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए यह भी कहा था कि भारत परमाणु ब्लैकमेल के सामने नहीं झुकेगा और दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि, “आतंक और व्यापार, आतंक और वार्ता—एक साथ नहीं चल सकते.”
पश्चिम बंगाल के पर्वतारोही की एवरेस्ट से लौटते वक्त मौत, शव लाने की कोशिश जारी
16 May, 2025 05:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पश्चिम बंगाल के 45 वर्षीय पर्वतारोही सुब्रत घोष की माउंट एवरेस्ट पर मौत हो गई. सुब्रत ने एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी कर तिरंगा फहराया था. इसी दौरान उन्हें बहुत थकान और ऊंचाई की बीमारी के लक्षण दिखाने लगे, जिसके बाद उन्होंने नीचे उतरने से इंकार कर दिया. उन्हें वापस नीचे लाने के लिए उनके शेर्पा गाइड ने बहुत कोशिश भी की, लेकिन वे माने नहीं. इसी दौरान उनकी मौत हो गई.
पर्वतारोही सुब्रत घोष की मौत हिलेरी स्टेप के ठीक नीचे हुई. फिलहाल उनके शव को वापस नीचे लाने की कोशिश की जा रही है. इस पूरे सीजन में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है.
चढ़ाई पूरी करने के बाद हुई मौत
सुब्रत घोष कृष्णनगर पर्वतारोहण संघ-स्नोई एवरेस्ट अभियान 2025 का हिस्सा थे और शनिवार दोपहर को शिखर पर पहुंचे थे, लेकिन उतरते समय उसमें थकावट और ऊंचाई से जुड़ी बीमारी के लक्षण दिखने लगे. अभियान का आयोजन करने वाली कंपनी स्नोई होराइजन ट्रैक के प्रबंध निदेशक बोधराज भंडारी ने कहा कि आखिरकार उसने नीचे की ओर जाने से इनकार कर दिया. उनके शेरपा गाइड चंपल तमांग ने उन्हें नीचे उतारने की कोशिश भी की लेकिन वे नहीं माने.
सुब्रत घोष के शव को बरामद करने और उसे वापस बेस कैंप में लाने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल मौत का सही कारण सामने नहीं आया है, पूरी जानकारी पोस्टमार्टम जांच के बाद ही आएगी.
डेथ जोन के मौजूद है हिलेरी स्टेप
हिलेरी स्टेप, जो “डेथ जोन” के भीतर मौजूद है. 8,000 मीटर से ऊपर का क्षेत्र जहां का लेवल बहुत कम है. ये स्टेप पर्वतारोहियों के लिए हमेशा ही बेहद खतरनाक साबित होता है. इस हफ्ते की शुरुआत में एक और पर्वतारोही फिलिप II सैंटियागो की मौत हो गई थी. घोष और सैंटियागो दोनों ही स्नोई होराइजन ट्रेक की तरफ से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय अभियानों का हिस्सा थे.
इस सीजन में, नेपाल के पर्यटन विभाग ने 459 परमिट जारी किए हैं एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए 100 से ज़्यादा पर्वतारोही और गाइड पहले ही शिखर पर पहुंच चुके हैं. अकेले इस हफ़्ते 50 से ज़्यादा पर्वतारोही सफलतापूर्वक शिखर पर चढ़ चुके हैं.
SC का वक्फ संशोधन कानून पर कड़ा रुख, याचिकाओं को सुनवाई से किया इनकार
16 May, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कुछ नई याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि हर कोई चाहता है कि उसका नाम अखबारों में छपे।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वह 20 मई को आने वाले लंबित मामले पर फैसला करेगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट मामले में अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुनवाई करेगा।
सॉलिसिटर जनरल ने जताई आपत्ति
दरअसल, शुक्रवार को एक और नई याचिका सुनवाई के लिए कोर्ट में आई, जिसके बाद केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं का 'अंतहीन' दायर होना संभव नहीं है। हालांकि, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने 8 अप्रैल को याचिका दायर की थी और 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा बताई गई खामियों को दूर कर दिया गया था, लेकिन उनकी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया। आईए जानते हैं कोर्ट में अभी तक क्या-क्या हुआ...
कोर्ट ने नई याचिकाएं की खारिज
सीजेआई ने कहा, "हर कोई चाहता है कि उसका नाम अखबारों में आए।" जब वकील ने पीठ से आग्रह किया कि उनकी याचिका को लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ा जाना चाहिए तो पीठ ने कहा, "हम इस मामले पर फैसला करेंगे।" इसके बाद पीठ ने इसे खारिज कर दिया।
जब इसी तरह की एक और याचिका सुनवाई के लिए आई तो पीठ ने कहा, "खारिज"। जब याचिकाकर्ता के वकील ने आग्रह किया कि उन्हें लंबित याचिकाओं में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जाए तो सीजेआई ने कहा, "हमारे पास पहले से ही बहुत सारे हस्तक्षेपकर्ता हैं।"
17 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने समक्ष कुल याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करने का निर्णय लिया।
अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाएं 15 मई को मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आईं।
याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे
पीठ ने कहा कि वह 20 मई को तीन मुद्दों पर अंतरिम निर्देश पारित करने के लिए दलीलें सुनेगी, जिसमें अदालतों द्वारा वक्फ, उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ या विलेख द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति शामिल है।
याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया दूसरा मुद्दा राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना से संबंधित है, जहां उनका तर्क है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर केवल मुसलमानों को ही काम करना चाहिए।
तीसरा मुद्दा एक प्रावधान से संबंधित है, जिसमें कहा गया है कि जब कलेक्टर यह पता लगाने के लिए जांच करता है कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, तो वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।
17 अप्रैल को केंद्र ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि वह 5 मई तक उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ सहित वक्फ संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित करेगा न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति करेगा।
तुषार मेहता ने 15 मई को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि किसी भी मामले में केंद्र की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ द्वारा स्थापित संपत्तियों सहित किसी भी वक्फ संपत्ति को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा।
केंद्र ने केंद्रीय वक्फ परिषदों और बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की अनुमति देने वाले प्रावधान पर रोक लगाने के अलावा उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ सहित वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना रद करने के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने के शीर्ष अदालत के प्रस्ताव का विरोध किया था।
बता दें, 25 अप्रैल को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने संशोधित वक्फ अधिनियम 2025 का बचाव करते हुए 1332 पन्नों का एक प्रारंभिक हलफनामा दायर किया और संसद द्वारा पारित संवैधानिकता के अनुमान वाले कानून पर अदालत द्वारा किसी भी सर्वव्यापी रोक का विरोध किया।
स्टालिन का केंद्र सरकार पर आरोप: कहा—संघीय ढांचे को कर रही है कमजोर
16 May, 2025 02:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऊटी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर लगातार तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल मामले में राष्ट्रपति की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण मुद्दे पर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं से चर्चा की जाएगी। सीएम स्टालिन ने कहा कि उनके विचारों और सुझावों के आधार पर इस मामले में उचित कार्रवाई तय की जाएगी। मुख्यमंत्री फिलहाल नीलगिरी जिले के ऊटी में पांच दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार सुबह सैर के दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की।
राज्यपाल आरएन रवि मामले पर स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। राष्ट्रपति द्वारा इस मामले में केंद्र से स्पष्टीकरण मांगने के फैसले को स्टालिन ने महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “हम कोई भी कदम उठाने से पहले अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्षी नेताओं से सलाह लेंगे। यह मुद्दा केवल तमिलनाडु तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी राज्यों के लिए चिंता का विषय है।”
इस पूरे मामले की जड़ में तमिलनाडु के राज्यपाल और सरकार के बीच का विवाद है। दरअसल, राज्यपाल ने कुछ बिल रोक दिए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को अहम फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा से पास हुए बिल को अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता। कोर्ट ने साफ किया कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल को वीटो (अस्वीकृति) देने का अधिकार नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि विधेयकों पर राष्ट्रपति और राज्यपालों को निर्णय लेने के लिए समयसीमा तय की जानी चाहिए।
इसको लेकर ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक खत लिख सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे। ये राष्ट्रपति और राज्यपाल की संवैधानिक शक्तियों से जुड़े हैं। सवाल संविधान के अनुच्छेद 200, 201, 361, 143, 142, 145(3) और 131 से जुड़े हैं। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम द्वारा इंडिया गठबंधन के कमजोर होने की टिप्पणी पर स्टालिन ने स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है। इंडिया गठबंधन मजबूत है और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद बढ़ेगा रक्षा बजट, शीतकालीन सत्र में मिल सकती है मंजूरी
16 May, 2025 12:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा प्रहार करते हुए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने अपने शौर्य का परचम लहराया और पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
अब केंद्र की मोदी सरकार ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर सकती है। इस बजट को नए हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ तकनीक की खरीद पर खर्च किए जाने की उम्मीद है।
शीतकालीन सत्र में मिल सकती है मंजूरी
सूत्रों के अनुसार, अनुपूरक बजट के जरिए 50 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान का प्रस्ताव रखा गया है और संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई गई है।
डिफेंस के लिए केंद्रीय बजट में रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये आंवटित किए गए, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 9.53 फीसदी ज्यादा है। केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद से 10 सालों में रक्षा बजट में तीन गुना ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
भारत का मजबूत एअर डिफेंस सिस्टम
भारत ने अपने एअर डिफेंस सिस्टम में पैसे खर्च किए हैं और उसका नतीजा है कि पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तान की ओर से दागे गए जितने भी ड्रोन्स और मिसाइल थी, सभी को भारतीय एअर डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया।
2014-15 में डिफेंस बजट 2.29 लाख करोड़ रुपये था और इस साल 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं,जो कुल बजट का 13.45% है।
पीएम मोदी ने दुनिया को दिया संदेश
पाकिस्तान से हुए टकराव के दौरान भारतीय सेना ने एडवांस सिस्टम और हथियारों की क्षमताओं का प्रदर्शन किया। पीएम मोदी ने 12 मई को अपने संबोधन में भी इस उपलब्धि की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "इस ऑपरेशन के दौरान हमारे मेड-इन-इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता मजबूती से स्थापित हुई। दुनिया अब मानती है कि 21वीं सदी की जंग में मेड-इन-इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट का वक्त आ गया है।"
हरे कृष्ण मंदिर विवाद में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश रद्द
16 May, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ISKCON संपत्ति विवाद: आज सुप्रीम कोर्ट ने इस्कॉन बैंगलोर और इस्कॉन मुंबई के बीच दशकों से चले आ रहे एक मंदिर के मालिकाना हक पर अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि इस्कॉन मुंबई का बैंगलोर के हरे कृष्ण मंदिर की संपत्ति पर अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब इस्कॉन बैंगलोर का हरे कृष्ण मंदिर पर नियंत्रण होगा।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने लंबी सुनवाई के बाद पिछले साल 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। और अब आज कोर्ट ने करीब 10 महीने बाद इस चर्चित मामले पर अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक जस्टिस ए.एस. ओका ने यह पूरा फैसला लिखा है।
पूरे विवाद को 4 पॉइंट में समझें
इस्कॉन बैंगलोर ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस्कॉन मुंबई के पक्ष में फैसला सुनाया था। यह पूरा विवाद बैंगलोर में सदियों पुराने हरे कृष्ण मंदिर और उसके शैक्षणिक संस्थान के मालिकाना हक को लेकर था। चूंकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इसका नियंत्रण मुंबई इस्कॉन को दे दिया था, इसलिए बेंगलुरु इस्कॉन को आपत्ति थी।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस्कॉन बेंगलुरु ने 2 जून 2011 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जबकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 23 मई 2011 को अपना फैसला सुनाया था। यानी सुप्रीम कोर्ट ने आज 14 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है। इस्कॉन बेंगलुरु की ओर से के. दास इस केस की पैरवी कर रहे थे।
उन्होंने हाई कोर्ट में भी केस लड़ा था। यह भी जान लें कि बेंगलुरु की एक स्थानीय अदालत ने इस्कॉन बेंगलुरु के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। लेकिन फिर हाई कोर्ट में केस पलट गया और मुंबई इस्कॉन को बढ़त मिल गई। यह अपने आप में एक दिलचस्प मामला था, जहां एक ही संगठन, जिनका आध्यात्मिक लक्ष्य भी एक ही है, एक-दूसरे के खिलाफ खड़े थे।
दरअसल, इस्कॉन बेंगलुरु कर्नाटक में पंजीकृत एक संगठन है। इस्कॉन बेंगलुरु ने कहा कि वह पिछले कई दशकों से स्वतंत्र रूप से हरे कृष्ण मंदिर चला रहा है। दूसरी ओर, इस्कॉन मुंबई ने तर्क दिया कि इस्कॉन बैंगलोर उनके अधीन एक संगठन है, इसलिए मंदिर पर उनका स्वामित्व है।
भुज एयरबेस पर सेना के जवानों से मिलेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
16 May, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद पीएम मोदी से लेकर तमाम नेता सेना का मनोबल बढ़ाने में लगे हुए हैं. इसके साथ ही वे उनसे मुलाकात कर रहे हैं. पहले पीएम मोदी पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे थे. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रीनगर एयरबेस पहुंचे. यहां उन्होंने सेना के जवानों से मुलाकात की. इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के दौरान के हालातों के बारे में जानकारी ली थी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को गुजरात के दौरे पर जाएंगे. इससे पहले वे गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर गए थे. आज शुक्रवार को वे भुज एयरबेस पर वायुसेना के अधिकारियों-कर्मचारियों से मुलाकात करेंगे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनाथ सिंह का ये पहला दौरा है. इसकी जानकारी खुद राजनाथ सिंंह ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म X पर दी है.
गुजरात भी पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है. पाकिस्तानी सेना ने पिछले दिनों संघर्ष के दौरान, गुजरात के कई शहरों में भी ड्रोन अटैक की कोशिश की थी. भुज पर भी पाकिस्तान ने ड्रोन से हमला किया था. हालांकि, भारतीय डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोनों को मुंहतोड़ जवाब दिया था. गुजरात और पाकिस्तान 508 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.
आतंकी कहीं भी नहीं सुरक्षित- राजनाथ सिंह
श्रीनगर में सेना से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है.
पीएम और रक्षा मंत्री के दौरे खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ये विजिट कई मायनों में खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तानी सेना की तरफ से ऐसा दिखाया गया था कि आदमपुर एयरबेस, श्रीनगर और भुज एयरबेस को हमलों में नुकसान हुआ है. इन विजिट से साफ है कि पाकिस्तानी हमलों से भारत की इन जगहों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. वे पूरी तरह से सेफ हैं.
अंतरिक्ष में जीवन के लिए भारत की खोज: जैविक प्रयोग से खुलेंगे नए रास्ते
16 May, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कई इतिहास रच चुका भारत अब अंतरिक्ष में इंसानों के रहने की संभावना तलाशने के लिए कमर कस चुका है। दुनिया में पहली बार भारत अंतरिक्ष में इंसानों के रहने की संभावना का अध्ययन करने के लिए जैविक प्रयोग करने वाला है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पोस्ट किया, दुनिया में अपनी तरह की पहली ऐतिहासिक पहल के तहत भारत अंतरिक्ष में मानव जीवन की स्थिरता का अध्ययन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जैविक प्रयोग करने जा रहा है।
एक्सिओम-4 मिशन के तहत होंगे प्रयोग
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सहयोग से एक्सिओम-4 मिशन के तहत ये प्रयोग किए जाएंगे। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे। यह परियोजना इसरो, नासा और डीबीटी की संयुक्त पहल है।
इसका उद्देश्य पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में विभिन्न शैवाल प्रजातियों के विकास मापदंडों और परिवर्तनों का विश्लेषण करना है। सरल शब्दों में कहें तो देखा जाएगा कि धरती पर जिस तरह से इन प्रजातियों का विकास होता है, उसकी तुलना में अंतरिक्ष में वे किस तरह विकसित होते हैं।
सूक्ष्म शैवाल प्रजातियों की पहचान
मिशन के दौरान खाद्य माइक्रोएल्गी की तीन प्रजातियों की वृद्धि, आनुवंशिक गतिविधि पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा। इससे अंतरिक्ष वातावरण में उपयोग के लिए सबसे उपयुक्त सूक्ष्म शैवाल प्रजातियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
दूसरे प्रयोग में यह पता लगाया जाएगा कि स्पाइरुलिना और साइनोकोकस जैसे साइनोबैक्टीरिया किस प्रकार बढ़ते हैं और यूरिया तथा नाइट्रेट आधारित पोषक माध्यमों का उपयोग करते हुए सूक्ष्मगुरुत्व में किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं। इससे अंतरिक्षयात्रियों के लिए विश्वसनीय खाद्य स्त्रोत सुनिश्चित हो सकेगा। अंतरिक्ष में मांसपेशियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा।
अब आठ जून को स्पेस स्टेशन जाएंगे शुभांशु शुक्ला
वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब आठ जून को आईएसएस के सफर पर रवाना होंगे। एक्सिओम-4 मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु के साथ अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्षयात्री भी होंगे। शुभांशु आईएसएस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय होंगे।
राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्षयात्री हैं। एक्सिओम-4 मिशन को 29 मई को लांच होना था, लेकिन इस मिशन में देरी हुई है। अब यह मिशन आठ जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार शाम 6:41 बजे लांच किया जाएगा।
अमेरिका स्थित वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान कंपनी एक्सिओम स्पेस और नासा ने यह घोषणा की है। शुभांशु स्पेसएक्स के 'ड्रैगन' अंतरिक्षयान से उड़ान भरेंगे। वह आईएसएस में 14 दिन रहेंगे। इस दौरान वह इस दौरान वह सात प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों में भारत के पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे कि मेथी और मूंग को अंतरिक्ष में अंकुरित करने का परीक्षण भी शामिल है।