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ऑपरेशन सिंदूर: सोशल मीडिया पर छाया वायुसेना का वीडियो, दिखा एयरस्ट्राइक का पराक्रम
20 May, 2025 05:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में बाद भारतीय सेना के शौर्य के किस्से पूरी दुनिया में सुनने को मिल रहे हैं. पाकिस्तान में तबाही मचाने में भारतीय वायुसेना की भी अहम भूमिका रही है. वहीं, आज वायुसेना ने एक वीडियो जारी किया है, जिसने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए हैं.
भारतीय वायुसेना ने इस वीडियो का टाइटल 'इंडियन एयर फोर्स - रिस्पॉन्ड विद रिजॉल्व ऑलवेज' दिया है. वायुसेना ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है.
वायुसेना का वीडियो
वीडियो की शुरुआत भारतीय वायुसेना के प्रतीक चिह्न से होती है. वहीं, वीडियो के बैकग्राउंड में 'गुलाल' फिल्म का गाना 'आरंभ है प्रचंड' सुनने को मिलता है, जिसे मशहूर सिंगर पीयूष मिश्रा ने गाया है. इस वीडियो में भारतीय वायुसेना को एयर स्ट्राइक करते हुए दर्शाया गया है. वीडियो में वायुसेना के तीन अहम विमान भी दिखाए हैं, जिन्हें तेज, घातक और फुर्तीला बताया गया है.
ऑपरेशन सिंदूर में निभाया अहम रोल
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इस दौरान वायुसेना के जवान बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को भी तबाह करके सुरक्षित लौटे थे. वहीं पाकिस्तान के ड्रोन हमलों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने पाकिस्तान के 11 एअरबेस तबाह कर दिए थे. इस लिस्ट में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय नूर खान एअरबेस और रहीम यार खान एअरबेस का नाम भी शामिल था.
बेंगलुरु में बादलों का कहर, 20 झीलों में ओवरफ्लो की स्थिति
20 May, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की सिलिकॉन वैली कहा जाने वाला बेंगलुरु इस वक्त बारिश से बेहाल है। पिछले 12 घंटे में बेंगलुरु में 130 मिमी बारिश हुई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बारिश के कारण बेंगलुरु की 20 से ज्यादा झीलें ओवरफ्लो की स्थिति तक पहुंच गई हैं।
बताया जा रहा है कि दो निम्न दबाव वाले सिस्टम के मिलने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। मौसम विभाग ने अभी अगले 5 दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया है। बेंगलुरु के कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं। अंडरपास पानी में डूब गए हैं।
घुटनों तक पानी में जाने को मजबूर लोग
कई घरों में भी पानी घुस गया है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। रेस्क्यू टीमें नाव, जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। बेंगलुरू में घुटनों तक पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए आवश्यक सामग्री से भरी नावें और ट्रैक्टर ट्रेलर तैनात किए गए हैं।
सिल्क बोर्ड जंक्शन के पास रहने वाले स्थानीय निवासी उभय अधिकारी ने बताया कि यह सरकार की विफलता है। उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। निचले इलाकों से आने वाले लोग सोमवार को आफिस जाने के लिए बीबीएमपी द्वारा तैनात की गई नावों में सवार होकर गए।
राज्य एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी बेंगलुरु में इतनी भारी बारिश की उम्मीद नहीं की थी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मई में इतनी भारी बारिश आम बात नहीं है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में यहां आखिरी बार इतनी भारी बारिश 18 मई, 2022 को हुई थी। यहां मई महीने में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 153.9 मिमी है, जो छह मई 1909 को हुआ था।
अब स्कूलों में पढ़ाई जाएगी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की वीरगाथा
20 May, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंद्रयान की तरह अब ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को घुटने के बल लाने वाली ब्रम्होस और आकाश मिसाइलों के शौर्य की कहानी भी स्कूली बच्चे पढ़ेंगे। शिक्षा मंत्रालय जल्द ही इसे सभी भारतीय भाषाओं में स्कूली बच्चों तक पहुंचाने की तैयारी में है। जो स्कूलों में बच्चों तक पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियां और भारतीय भाषाओं को सिखाने के क्रम में रोचक तरीके से पहुंचाएगी जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को एक कार्यक्रम में इसके संकेत दिए और कहा कि ब्रम्होस और आकाश की ताकत हमारी शिक्षा व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है। ऐसे में हमें शोध पर अधिक बल देना चाहिए। इसके लिए पीएम रिसर्च फंड में जरूरी बदलाव किए जा रहे है।
बच्चों को पढ़ाई जाएगी सफलता की कहानी
माना जा रहा है कि इस पहल से बच्चों के मन में ऐसे शोधों के प्रति रूझान बढ़ेगा, जो राष्ट्रीय हितों के प्रति जुड़ाव ब़ढ़ाने वाले हो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बच्चों में स्कूली स्तर से ही ऐसे बीच रोपने की सिफारिश की गई है, ताकि वह आगे चलकर शोध और इनोवेशन के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर सकें।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान की सफलता की कहानी को बच्चों के बीच जिस रोचक तरीके से पहुंचाया गा था, साथ ही वह बच्चों की जुबान पर छा गया है, उसे देखते हुए ब्रम्होस और आकाश मिसाइलों की सफलता की कहानी भी बच्चों की बीच पहुंचायी जाएगी।
इनमें यह बताया जाएगा कि कैसे इन मिसाइलों ने पाकिस्तान की मिसाइलों को हवा में ही मार न सिर्फ ध्वस्त किया बल्कि इन मिसाइलों ने पाकिस्तान के सारे सुरक्षा तंत्र को भेदते हुए उसके भीतर घुसकर उसके हवाई अड्डों और आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इन मिसाइलों का प्रहार इतना विकराल थी कि पाकिस्तान कुछ ही घंटों में घुटने के बल आ गया औऱ शांति की गुहार लगाने लगा।
ये है मिसाइलों की खासियत
ब्रम्होस मिसाइल: रफ्तार- 9878 किमी प्रति घंटा, रेंज- 400 किमी, वजन- 1290 किलोग्राम, लंबाई- 8.4 मीटर, भार ले जाने की क्षमता- 3000 किलोग्राम।
आकाश मिसाइलः रफ्तार- 3087 किमी प्रति घंटा, लंबाई 5.78 मीटर, वजन- 720 किलोग्राम, रेंज- 80 किलोमीटर, भार ले जाने की क्षमता-60 किलोग्राम।
CISF की महिला अधिकारी ने एवरेस्ट पर लहराया परचम, देश को किया गौरवान्वित
20 May, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीआईएसएफ की महिला उप-निरीक्षक गीता समोटा ने इतिहास रच दिया है। गीता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई कर दी है। ऐसा करने वाली वह सीआईएफएफ की पहली अधिकारी बन गई हैं।
राजस्थान के सीकर जिले स्थित चक गांव में जन्मी गीता की स्कूल और कॉलेजी की पढ़ाई स्थानीय संस्थानों में हुई। वह कॉलेज में हॉकी खेलती थी, लेकिन एक चोट के कारण उन्होंने खेल का सफर वहीं रोक दिया। 2011 में उनका चयन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में हुआ।
गीता के हौसले के आगे पस्त दुनिया
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस प्रशिक्षण संस्थान में उन्हें पर्वतारोहण पाठ्यक्रम के लिए चयनित किया गया था। 2017 में उन्होंने पर्वतारोहण ट्रेनिंग पूरी कर ली और ऐसा करने वाली वह सीआईएसएफ की पहली और एकमात्र कर्मी बनीं।
अपने हौसले की बदौलत उन्होंने उत्तराखंड की माउंट सतोपंथ और नेपाल की माउंट लोबुचे पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई कर ली। सीएपीएफ के इतिहास में ऐसा करने वाली वो पहली महिला थीं। 2021 में माउंट एवरेस्ट के लिए निर्धारित सीएपीएफ अभियान में उनका चयन हुआ, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे रद कर दिया गया।
कई अवॉर्ड से हुई हैं सम्मानित
गीता ने सातों महाद्वीप की सर्वोच्च चोटियों पर चढ़ाई करने को अपना लक्ष्य बनाया। 2022 की शुरुआत तक उन्होंने इनमें से 4 पर सफलतापूर्वक चढ़ाई भी कर ली। इसके लिए उन्होंने महज 6 महीने और 27 दिन का समय लिया। लद्दाख के रूपशु क्षेत्र में गीता ने 3 दिन में 5 चोटियों पर चढ़ाई की।
गीता को दिल्ली महिला आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 और सिविल एविएशन मंत्रालय द्वारा गिविंग विंग्स टू ड्रीम्स अवॉर्ड 2023 से सम्मानित किया गया है। गीता की सफलता से प्रेरित होकर सीआईएसएफ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए पर्वतारोहण दल भेजने दी की योजना बना रहा है।
अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले श्राइन बोर्ड में बदलाव, LG सिन्हा ने 9 सदस्यों की नियुक्ति की
20 May, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड का पुनर्गठन किया है. उन्होंने तीन वर्षों के लिए नौ विशिष्ट लोगों को सदस्य नियुक्त किया है. इनमें प्रशासनिक, धार्मिक और शैक्षिक क्षेत्रों से जुड़ी बड़ी हस्तियां शामिल हैं.इस संबंध में सूचना जारी की गई है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जो स्वयं श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष हैं, उन्होंने पुनर्गठन और सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी. इनका कार्य अमरनाथ यात्रा की सुविधाओं, तीर्थयात्रियों की सुविधाओं और धार्मिक पर्यटन के विकास को सुनिश्चित करना है
बोर्ड में नामित किए गए नए सदस्यों में शामिल हैं:
स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज, प्रोफेसर कैलाश मेहरा साधु, के.के. शर्मा, के.एन. राय, मुकेश गर्ग, डॉ. शैलेश रैना, डॉ. सिमरिधि बिंद्रू, सुरेश हावरे, प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री इन सदस्यों का चयन उनके सामाजिक, शैक्षिक, सरकारी और धार्मिक योगदान को देखते हुए किया गया है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आस्था को सुरक्षित रखने के लिए यह पुनर्गठन एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
सीएम उमर क्या बोले?
अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होगी. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि सरकार फिलहाल आगामी अमरनाथ यात्रा को बिना किसी दुर्घटना के सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले से पर्यटन को काफी नुकसान पहुंचा है और इस गर्मी में कश्मीर में बहुत कम पर्यटक आए हैं. अभी हमारा ध्यान अमरनाथ यात्रा पर है. हम चाहते हैं कि यह बिना किसी दुर्घटना के संपन्न हो और सभी यात्री सुरक्षित और स्वस्थ वापस लौटें. उसके बाद हम पर्यटन को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार करेंगे.
'अप्सरा' रिएक्टर के निर्माता डॉ. श्रीनिवासन का निधन, देश ने खोया विज्ञान का सितारा
20 May, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के परमाणु कार्यक्रमों को दिशा प्रदान करने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.एम.आर.श्रीनिवासन का मंगलवार को 95 वर्ष की उम्र में ऊटी में निधन हो गया। उन्हें भारत के परमाणु कार्यक्रमों के जनक कहे जाने वाले महान वैज्ञानिक डा.होमी जहांगीर भाभा के साथ काम करने का अवसर मिला था। डॉ. भाभा के साथ डा. श्रीनिवासन ने भारत के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर ‘अप्सरा’ के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने अगस्त 1956 में पूर्णता प्राप्त कर ली थी।
होमी भाभा की योजनाओं को किया साकार
1955 में जब डा. एम.आर श्रीनिवासन मुंबई स्थित भारतीय परमाणु प्रतिष्ठान में शामिल हुए, तब उनकी उम्र सिर्फ 25 वर्ष थी। उसी दौरान उन्हें भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक महान होमी जहांगीर भाभा के साथ काम करने का मौका मिला और वह भाभा की टीम का हिस्सा बने। जब 24 जनवरी 1966 को डा. भाभा का आल्प्स पर्वत श्रृंखला के बीच एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया, उससे पहले उन्होंने आने वाले दशकों में क्या करना है, इसकी योजना बना ली थी। डा. श्रीनिवासन भाभा की इस योजना को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण कड़ी साबित हुए।
परमाणु कार्यक्रम की कमान संभाली
होमी भाभा के समकक्ष रहे विक्रम साराभाई द्वारा भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की कमान संभालने के बाद श्रीनिवासन ने डा.होमी सेठना के साथ मिलकर परमाणु कार्यक्रमों की कमान संभाली। डा. श्रीनिवासन परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव भी रहे। वह भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के संस्थापक अध्यक्ष थे।
डॉ. श्रीनिवासन का शुरुआती जीवन
बेंगलुरु में जन्मे डा. मलूर रामासामी श्रीनिवासन (5 जनवरी 1930 - 20 मई 2025) का मंगलवार को ऊटी में 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए। उन्होंने मैसूर के इंटरमीडिएट कॉलेज से विज्ञान में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जहां उन्होंने अध्ययन के लिए संस्कृत और अंग्रेजी को अपनी भाषा के रूप में चुना।
गैस टरबाइन प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता
भौतिकी उनका पहला प्यार होने के बावजूद, उन्होंने एम. विश्वेश्वरैया द्वारा हाल ही में शुरू किए गए इंजीनियरिंग कालेज (वर्तमान में यूवीसीई) में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने 1950 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1952 में अपनी मास्टर डिग्री पूरी की और 1954 में मैकगिल यूनिवर्सिटी, मॉन्ट्रियल, कनाडा से डाक्टर आफ फिलासफी की डिग्री प्राप्त की। उनकी विशेषज्ञता का क्षेत्र गैस टरबाइन प्रौद्योगिकी था।
परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष बने
डा. श्रीनिवासन 1955 में परमाणु ऊर्जा विभाग में शामिल हुए। अगस्त 1959 में उन्हें भारत के पहले परमाणु ऊर्जा स्टेशन के निर्माण के लिए प्रधान परियोजना इंजीनियर नियुक्त किया गया। डॉ. श्रीनिवासन ने राष्ट्रीय महत्व के कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। 1987 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। उसी वर्ष, वे एनपीसीआईएल के संस्थापक-अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयाँ विकसित की गईं।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित
भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री (1984), पद्म भूषण (1990) और पद्म विभूषण (2015) से सम्मानित किया गया। वह 1996 से 1998 तक भारत सरकार के योजना आयोग के सदस्य रहे, जहाँ उन्होंने ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभागों का कार्यभार संभाला। वे 2002 से 2004 तक और फिर 2006 से 2008 तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी रहे।
तेलंगाना से बिहार तक: देवर-भाभी ने कैसे रची ₹792 करोड़ की ठगी की साजिश?
20 May, 2025 01:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेलंगाना के हैदराबाद से ठगी का मामला सामने आया है. ये कोई छेटी-मोटी नहीं, 4000 करोड़ की ठगी है. ठगी करने वाले देवर-भाभी बताए जा रहे हैं. इस ठगी के मामले में आरोपी देवर-भाभी को बिहार के दानापुर से गिरफ्तार किया गया है. ये कार्रवाई तेलंगाना और दानापुर पुलिस ने संयुक्त रूप से की है. आरोपियों की पहचान सुषमा राज और रविंद्र कुमार सिंह के रूप में हुई है. दोनों बिहार के आरा जिले के रहने वाले हैं.आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकदी, सोने-हीरे के गहने और लग्जरी सामान मिला है. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी पिछले कुछ समय से पटना के दानापुर में स्थित विजय नगर के विनस पाराडाइज अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छिपकर रह रहे थे. पहले तेलंगाना पुलिस को इनकी लोकेशन के बारे में जानकरी मिली. फिर दानापुर पुलिस के सहयोग से छापा मारा गया और दोनों को गिरफ्तार किया गया.
आरोपी लग्जरी लाइफ जी रहे थे
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से 8 लाख 30 हजार 910 रुपये नकद, 6 पासपोर्ट, 10 मोबाइल फोन, बैंक के क्रेडिट कार्ड, 3 पासबुक, 16 पहचान पत्र, 8 महंगी घड़ियां, और 11 पीस सोने और हीरे के जेवर मिले हैं. सामन की कीमत जानकर पुलिस भी हैरानी में पड़ गई. दोनों आरोपी लग्जरी लाइफ जी रहे थे. शुरुआती जांच में पता चला है कि सुषमा राज और रविंद्र कुमार सिंह ने हैदराबाद में एक कंपनी के माध्यम से निवेशकों को अधिक लाभ का लालच दिया. फिर उनसे ठगी की.
पुलिस ने आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लिया
कंपनी द्वारा निवेशकों से भारी रकम जमा कराई गई. इसके बाद कंपनी फरार हो गई. पीड़ित निवेशकों ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. फिर तेलंगाना पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की, जिसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल पुलिस कोशिश कर रही है कि इस मामले में पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए. तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लिया है. वो आरोपियों को लेकर हैदराबाद रवाना हो चुकी है. इस मामले में आरोपियों से पूछताछ के बाद और लोग भी पुलिस की गिरफ्त में आ सकते हैं.
साइबर ठगों पर शिकंजा कसने को तैयार सरकार, शुरू हुआ e-Zero FIR सिस्टम
20 May, 2025 12:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के जरिए अपराधियों को पकड़ने के लिए नई e-Zero FIR पहल की शुरू की है. इसे दिल्ली के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है. नया सिस्टम NCRP या 1930 पर दर्ज साइबर शिकायतों को खुद ही FIR में बदल देगा. नया सिस्टम जांच में तेजी लाएगा, जिससे साइबर अपराधियों पर सख्ती हो सकेगी, और जल्द ही इसका विस्तार पूरे देश में किया जाएगा.
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया, यह नया सिस्टम, एनसीआरपी या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराधों को स्वतः एफआईआर में परिवर्तित करेगा. शुरू में यह 10 लाख रुपए से ऊपर की सीमा के लिए होगा.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रही है. गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने किसी भी अपराधी को अभूतपूर्व गति से पकड़ने के लिए नई ई-जीरो एफआईआर पहल शुरू की है.
क्या-क्या होगा फायदा?
Zero FIR का मतलब है कि कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी स्थान से किसी भी थाने में शिकायत दर्ज करवा सकता है, शुरुआत में यह 10 लाख रुपए से ऊपर की धोखाधड़ी के लिए लागू होगा।शिकायतकर्ता 3 दिनों के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो FIR को नियमित FIR में परिवर्तित कर सकते हैं.
कैसे करेगा पूरा सिस्टम काम?
यह नया सिस्टम तीन मुख्य संस्थानों भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), दिल्ली पुलिस की e-FIR सिस्टम, और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का CCTNS नेटवर्क की संयुक्त पहल है. इसके तहत शिकायत आने पर यह दिल्ली के e-Crime पुलिस स्टेशन को खुद भेज दी जाएगी और फिर उसे स्थानीय साइबर थाने को ट्रांसफर किया जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bhartiya Nagrik Suraksha Sanhita – BNSS) की धारा 173 (1) और 1(ii) के तहत अमल में लाई गई है.
वक्फ एक्ट में बदलाव को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा अहम फैसला
20 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वक्फ संशोधन कानून 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत इस मामले में अंतरिम आदेश पारित कर सकता है। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने 15 मई को सुनवाई 20 मई तक टालते हुए कहा था कि वह तीन मुद्दों पर अंतरिम निर्देश पारित करने के लिए दलीलें सुनेगी।
इनमें पहला मुद्दा 'वक्फ बाई यूजर' या 'वक्फ बाई डीड' द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने से संबंधित है। याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया दूसरा मुद्दा राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना से संबंधित है।
जानिए क्या है याचिकाकर्ताओं का तर्क
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर केवल मुसलमानों को ही इसका संचालन करना चाहिए। तीसरा मुद्दा उस प्रविधान से संबंधित है, जिसके अनुसार, जब कलेक्टर यह पता लगाने के लिए जांच करेगा कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, तो वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।
क्या होता है वक्फ बाय यूजर का मतलब?
वक्फ बाय यूजर का मतलब होता है ऐसी संपत्ति जिसका लंबे समय से वक्फ संपत्ति के रूप में उपयोग होता रहा है, भले ही उसके नाम पर कोई लिखित वक्फ डीड या दस्तावेज न हो उसे वक्फ संपत्ति माना जाएगा। पीठ ने कानून की वैधता को चुनौती देने वालों की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अन्य तथा केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से सोमवार 19 मई तक अपने लिखित नोट्स जमा करने को कहा था।
हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मूल वक्फ कानून 1995 पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा। दोनों पक्षों के वकीलों ने पीठ को सूचित किया था कि जजों को दलीलों का अध्ययन करने में और समय लग सकता है।
पिछली सुनवाई में केंद्र ने कोर्ट को दिया था ये भरोसा
पूर्व में हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को भरोसा दिया गया था कि फिलहाल पंजीकृत और अधिसूचित वक्फ जिसमें वक्फ बाई यूजर भी शामिल है, को गैर अधिसूचित नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी कहा था कि केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। इससे पहले, मामले में पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही थी। जस्टिस खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए और मामलों को जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ को भेज दिया गया था।
वक्फ मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा केरल
केरल सरकार ने वक्फ संशोधन कानून 2025 की संवैधानिक वैधता के खिलाफ याचिकाओं में हस्तक्षेप करने के लिए शीर्ष न्यायालय का रुख किया है। राज्य सरकार ने दलील दी है कि 2025 का संशोधन मूल वक्फ अधिनियम, 1995 के दायरे से भटक गया है और वक्फ संपत्ति रखने वाली इसकी मुस्लिम आबादी को आशंका है कि संशोधन संविधान के तहत उनके मौलिक अधिकारों को प्रभावित करेगा और उनकी वक्फ संपत्तियों की प्रकृति को बदल देगा।
याचिका में कहा गया है, राज्य सरकार को लगता है कि केरल में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की यह आशंका वाजिब है कि धार्मिक मामलों, वक्फ और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के अधिकार के मामले में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। संशोधन अधिनियम के कई प्रविधान अत्यधिक अन्यायपूर्ण हैं।
25 अप्रैल को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने वक्फ संशोधन कानून 2025 का बचाव करते हुए हलफनामा दायर किया था और संसद द्वारा पारित कानून पर अदालत द्वारा किसी भी पूर्ण रोक का विरोध किया था।
मौसम में बदलाव: क्या मानसून की शुरुआत में कोई रुकावट आएगी?
20 May, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश भर में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। मई के महीने में असामान्य मौसम देखा गया, गरज और धूल भरी आंधी के साथ देश के अधिकतम हिस्सों में तापमान सामान्य से भी कम रहा। वहीं विशेषज्ञ ने मानसून को लेकर लेटेस्ट जानकारी दी है।
उन्होंने कहा, मौसम में आ रहे इन बदलावों का दक्षिण-पश्चिम में आने वाले मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञ के मुताबिक, ये मानसून मई के आखिरी हफ्ते तक आएगा।
मई के आखिर तक कैसा होगा मौसम?
मई में भारत में असामान्य मौसम देखा गया, जिसमें देश के कई राज्यों में बार-बार बारिश और धूल भरी आंधी दर्ज की गई। बता दें, देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों का दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिसके मई के अंतिम सप्ताह में आने की उम्मीद है।
देश में सामान्य मानसून के लिए एक महत्वपूर्ण कारण उत्तर-पश्चिम भारत में 'हीट लो' का आना है। इससे कम दबाव की एक परत बनती है जो मानसून गर्त से नम हवा को खींचती है। इसके अभाव में, मानसून कम हो सकता है। अभी कोई हीट लो नहीं है।
सामान्य से कम रहा तापमान
आईएमडी के महानिदेशक ने मानसून को लेकर बताया है,
'लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण, हम बीच-बीच में गरज के साथ बारिश और सामान्य से अधिक बारिश देख रहे हैं।' मई के दौरान, राजस्थान को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से कम या सामान्य रहा है, वहीं कुछ क्षेत्रों में गर्मी की लहर दर्ज की जा रही है। लेकिन यह मौसम तेजी से बदल सकता है।
इन राज्यों में बढ़ेगी गर्मी
आईएमडी के महानिदेशक ने आगे कहा, मई के आखिरी हफ्ते के दौरान हम उम्मीद कर रहे हैं कि गर्मी की लहर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को कवर करेगी हमने पूर्वानुमान लगाया है। वहीं हम 27 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी और केरल में मानसून के जल्दी आने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन इसकी शुरुआत को बारिश की मात्रा से नहीं जोड़ा जा सकता। कितनी बारिश होगी, यह देखने और निगरानी करने की जरूरत है।
मालदीव में सामुदायिक विकास के लिए भारत का सहयोग, 13 अहम एमओयू पर हस्ताक्षर
20 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
माले। भारत ने मालदीव के साथ 13 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इनमें 10 करोड़ मालदीव रुपये के अनुदान से फेरी सेवाओं को बढ़ाने, समुद्री संपर्क का विस्तार करने और सामुदायिक आजीविका को बढ़ाने वाली परियोजनाएं शामिल हैं। रविवार को एमओयू पर किया गया हस्ताक्षर उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना चरण-3 के तहत लागू की जाने वाली परियोजनाओं के लिए है।
मालदीव सरकार की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील और मालदीव में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। मालदीव में भारत के उच्चायोग ने कहा कि भारत, मालदीव के लोगों के लिए समुद्री संपर्क बढ़ाने के लिए सरकार के साथ साझेदारी कर खुश है।
दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत
विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने कहा कि शुरू की गई परियोजनाएं महज ढांचागत विकास से कहीं अधिक हैं। वे लोगों के लिए जीवनरेखा हैं, जिन्हें स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने और स्थायी सामाजिक-आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है। इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।
इस साल परियोजना पूरा होने की उम्मीद
परिवहन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री मोहम्मद अमीन ने देश भर में हाई-स्पीड फेरी नेटवर्क स्थापित करने में तेजी से हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला। यह अब नौ एटोल के 81 द्वीपों को जोड़ रहा है। भारत के साथ यह समझौता इन सेवाओं को और विस्तार देगा। इसे पहले 2027 में पूरा करने की योजना थी, लेकिन अब परियोजना के इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
अतिरिक्त और स्थायी जजों को मिलेगी एक जैसी पेंशन: न्यायालय का निर्देश
20 May, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट के सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए समान पेंशन लाभ का निर्देश दिया, चाहे उनकी नियुक्ति का तरीका या कार्यकाल कुछ भी हो। न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद के संबंध में 'वन रैंक, वन पेंशन' का सिद्धांत होना चाहिए।
निर्णय में कहा गया कि सभी मामलों में पेंशन के भुगतान में भेदभाव नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को समान पेंशन मिलनी चाहिए। अतिरिक्त न्यायाधीशों को भी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के समान पेंशन मिलेगी।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवाई और जस्टिस आगस्टिन जार्ज मसीह और के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्णय दिया कि पेंशन लाभ में किसी भी प्रकार का वर्गीकरण, चाहे न्यायाधीश बार से आए हों या जिला न्यायपालिका से, या चाहे वे स्थायी या अतिरिक्त न्यायाधीश हों, भेदभावपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।
सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को समान पेंशन देने की आवश्यकता
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि क्या एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पूर्ण पेंशन से वंचित किया जा सकता है, अगर उनकी सेवा में अंतर है। प्रधान न्यायाधीश ने 63 पृष्ठों के निर्णय में कहा कि एक रैंक, एक पेंशन का सिद्धांत उच्च न्यायालय के सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को समान पेंशन देने की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा कि हम पाते हैं कि जब एक जज हाई कोर्ट के न्यायाधीश के पद पर कार्यभार ग्रहण करता है और संवैधानिक वर्ग में प्रवेश करता है, तो नियुक्ति की तिथि के आधार पर कोई भिन्नता स्वीकार्य नहीं होगी। जब एक उच्च न्यायालय का न्यायाधीश कार्यरत होता है, तो उनके प्रवेश के स्त्रोत की परवाह किए बिना, उन्हें समान वेतन और भत्ते प्राप्त होते हैं।
पीठ ने कहा कि जब सभी हाई कोर्ट के जज कार्यरत होते हैं, समान वेतन, भत्ते और लाभ के हकदार होते हैं, तो उनके बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।
मामले में कोर्ट ने और क्या कहा?
न्यायालय ने यह भी कहा कि एक न्यायिक अधिकारी जो न्यायिक सेवाओं से हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनता है और दूसरा बार के सदस्य का अनुभव लेकर उच्च न्यायालय का जज बनता है, उसको भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। जिला जज के रूप में सेवानिवृत्त होने की तिथि और हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि के बीच की सेवा में अंतर पेंशन के भुगतान के लिए आधार नहीं हो सकता। ऐसे न्यायाधीशों की पेंशन को हाई कोर्ट के जजों के रूप में प्राप्त वेतन के आधार पर होना चाहिए।
एक व्यक्ति जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होता है, भले ही उसे नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू होने के बाद राज्य न्यायपालिका में नियुक्त किया गया हो, उसे हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों के अधिनियम, 1954 के तहत सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) का लाभ प्राप्त होगा।
पीठ ने कहा कि स्थायी न्यायाधीश और अतिरिक्त न्यायाधीश के बीच कृत्रिम भेदभाव करना परिभाषा के साथ अन्याय होगा। इसलिए, हम यह स्पष्ट करते हैं कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त अतिरिक्त न्यायाधीशों को भी समान मूल पेंशन, अर्थात 13.50 लाख रुपये प्रति वर्ष प्राप्त होगी। पीठ ने फैमिली पेंशन और ग्रेच्युटी के मुद्दे पर इसे स्पष्ट रूप से मनमाना करार दिया।
सिक्किम दौरे की संभावना, PM मोदी के स्वागत में जुटी राज्य सरकार
19 May, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर सकते हैं. राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पीएम मोदी 29 मई को सिक्किम के 50वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के लिए यहां लिए आ सकते हैं.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित यात्रा के बारे में प्रधानमंत्री ऑफिस से अंतिम पुष्टि अभी नहीं मिली है, लेकिन अन्य तरह की सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं.
आजादी के समय संरक्षित राज्य था सिक्किम
सीएम तमांग ने राजधानी गंगटोक में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, “उस दिन पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पलजोर स्टेडियम में करीब एक लाख लोग मौजूद रहेंगे. पहले हमने मनन केंद्र में कार्यक्रम के आयोजन की योजना बनाई थी, लेकिन वह जगह इतनी बड़ी भीड़ को समायोजित करने में सक्षम नहीं थी, इसलिए हमने कार्यक्रम स्थल को बदल दिया है.”
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी खुद राज्य का दौरा कर लोगों को इस ऐतिहासिक अवसर पर बधाई देना चाहते हैं. कमोबेश इसकी पुष्टि हो गई है. यह राज्य के साथ-साथ देश के लिए भी ऐतिहासिक अवसर की तरह है, इसलिए वह निश्चित रूप से यहां आएंगे.” अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की गई.
आजादी के समय संरक्षित राज्य था सिक्किम
इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता मुख्य प्रशासक-सह-कैबिनेट सचिव वीबी पाठक और मुख्य सचिव आर तेलंग ने की. उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के लिए रसद और सुरक्षा पहलुओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी पर चर्चा की गई. बैठक में पीएम मोदी के दौरे के दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई और उद्घाटन तथा शिलान्यास से जुड़े प्रोजेक्ट्स की लिस्ट को अंतिम रूप दिया गया.
बैठक में कई अन्य विभागों के प्रमुख और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. साल 1947 में देश की आजादी के बाद भारतीय संघ के तहत सिक्किम को संरक्षित राज्य का दर्जा मिला हुआ था लेकिन बाद में जनमत संग्रह के बाद 16 मई 1975 को यह भारतीय राज्य बन गया. साल 2025 में सिक्किम को पूर्ण राज्य बने 50 साल पूरे हो रहे हैं.
फ्लाइट में नहीं चला AC, गर्मी से बेहाल हुए यात्री, एअर इंडिया पर फूटा गुस्सा
19 May, 2025 12:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विमान से यात्रा करने वाले यात्रियों की शिकायतों में इन दिनों इजाफा देखने को मिला है। हाल में ही एअर इंडिया की फ्लाइट में बैठे कुछ यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दरअसल, दिल्ली एअयरपोर्ट पर यात्रियों ने शिकायत की है कि रविवार को उन्हें बिना एअर कंडीशन वाले विमान में बैठाया गया, जिसके कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, एअर इंडिया की एक फ्लाइट दिल्ली से पटना जाने वाली थी। इस विमान में बैठे यात्रियों ने शिकायत की है कि उनको एसी ना चलने के करण यात्रा के दौरान परेशानी हुई। एक वीडियो भी इससे संबंधित पोस्ट किया है।
विमान में बैठे यात्रियों ने बताई पूरी बात
इस विमान में बैठे राष्ट्रीय जनता दल के विधायक ऋषि मिश्रा फ्लाइट के अंदर का दृश्य दिखाते हुए एक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि यह पटना के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट है। आज 18 मई है और शाम के 4 बजे हैं। हम एक घंटे से बिना एयर-कंडीशनिंग के विमान के अंदर हैं। आप देख सकते हैं कि हमें कितना पसीना आ रहा है। बच्चे प्रभावित हैं, कई लोग प्रभावित हैं, लेकिन इस मामले को देखने वाला कोई नहीं है।
सामने आए एक अन्य वीडियो में यात्रियों को इनफ्लाइट रीडिंग मटीरियल को हाथ के पंखे के रूप में इस्तेमाल करते देखा गया। किसी तरीके से यात्री गर्मी से बच रहे थे। विमान में यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि AI2521 दिल्ली से पटना की फ्लाइट में एसी नहीं चलने के कारण सैकड़ों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। करीब तीन घंटे तक यात्री बिना एसी के रहे। कई यात्रियों की इसमें तबीयत खराब हो गई। क्या आप कृपया भविष्य के लिए इसे ठीक कर सकते हैं?
एअरलाइन दिया ये जवाब
सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद एअरलाइन भी हरकत में आई है। एअर इंडिया की ओर से एक्स पोस्ट का जवाब दिया गया कि परिचालन कारणों से उड़ान में देरी हुई है। कृपया निश्चिंत रहें, हमारी टीम को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सूचित कर दिया गया है। आशा है कि आप इसे समझेंगे। बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, रविवार को दिल्ली में दिन का तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा।
विदेश मंत्री जयशंकर की छह दिवसीय विदेश यात्रा, आतंकवाद पर होगा बड़ा संदेश
19 May, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की छह दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को उजागर किए जाने की उम्मीद है। बता दें कि भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष के बाद यह जयशंकर की पहली विदेश यात्रा होगी। यह यात्रा भारत की चल रही कूटनीतिक गतिविधियों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रणनीतिक संबंधों को गहरा करना और प्रमुख यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग बढ़ाना है।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को दी जानकारी
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा करेंगे। उम्मीद है कि जयशंकर तीनों देशों में अपने समकक्षों को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के भारत के फैसले से भी अवगत कराएंगे।
भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को कर दिया था नष्ट
आतंकी हमले के बाद भारत ने सात मई को पाकिस्तान और गुलाम जम्मू कश्मीर में नौ आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया था। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया था।