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मोदी की दो दिवसीय थाईलैंड यात्रा, थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता तय
3 Apr, 2025 08:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक रवाना हो गए हैं। वह थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी
प्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद, वे श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि अगले तीन दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करूंगा, जहां मैं इन देशों और बिम्सटेक देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। आज बाद में बैंकॉक में, मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड मैत्री के सभी पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करूंगा।"
पीएम मोदी ने श्रीलंका यात्रा के बारे में भी जानकारी दी
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मेरी श्रीलंका यात्रा 4 से 6 तारीख तक होगी। यह यात्रा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की भारत की सफल यात्रा के बाद हो रही है। हम बहुआयामी भारत-श्रीलंका मैत्री की समीक्षा करेंगे और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मैं वहां होने वाली विभिन्न बैठकों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।
शंकराचार्य भारती स्वामी को मिला न्यायिक राहत, दुष्कर्म के आरोपों से मुक्त किया गया
3 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। गोकर्ण स्थित श्री रामचंद्रपुरा मठ के श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को खारिज करते हुए कहा कि कथित घटना की शिकायत करने में नौ वर्ष की देरी को लेकर शिकायतकर्ता के पास कोई सही स्पष्टीकरण नहीं था।
मठ की एक पूर्व शिष्या ने शंकराचार्य पर लगाए आरोप
मठ की एक पूर्व शिष्या ने आरोप लगाया था कि 2006 में 15 वर्ष की आयु और फिर 2012 में 21 वर्ष की आयु में हिंदू संत ने दो बार उसके साथ दुष्कर्म किया।
स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट द्वारा इस संबंध में की गई पूरी कार्यवाही को चुनौती देते हुए इसे रद करने की मांग संबंधी एक याचिका 2021 में हाई कोर्ट के समक्ष दायर की थी। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही प्रभावित
आदेश में कहा गया कि आरोप पत्र को लेकर बेंगलुरु के प्रथम अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित कार्यवाही समेत सभी कार्यवाही को रद किया जाता है।
आदेश में कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही प्रभावित है। मामले में आगे के ट्रायल की अनुमति देना निस्संदेह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और न्याय की विफलता होगी। इस मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया।
महिला ने स्वामी जी पर लगाए गंभीर आरोप
आरोप-पत्र सीआइडी अधिकारी ने दाखिल किया है, जिसे इसका अधिकार नहीं था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 2006 में स्वामी जी ने अपने कमरे में भगवान का डर दिखाकर उसका यौन उत्पीड़न किया और किसी को बताए जाने पर पाप लगने की बात कही। इसके बाद स्वामी जी द्वारा मठ के ही एक सदस्य से उसकी शादी तय कर देने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
अश्विनी वैष्णव ने कहा- लालू, ममता और खरगे के समय से अब दुर्घटनाओं में आई गिरावट
2 Apr, 2025 03:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को अपनी सरकार की कामयाबी गिनाई. उन्होंने अपनी सरकार में रेलवे सुरक्षा में हुए सुधार पर बात की. उन्होंने कहा, रेलवे सुरक्षा में सुधार हुआ है और पिछले वित्तीय वर्ष में रेल दुर्घटनाओं की संख्या घटी है. पिछले वित्तीय वर्ष में रेल दुर्घटनाओं की संख्या 400 थी जो अब घटकर 81 हो गई है.
साथ ही रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा में बहुत अहम सुधार हुए हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल में रेल में हुई दुर्घटनाओं की संख्या की तुलना रेल मंत्री रहे लालू यादव, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यकाल से की. वैष्णव ने कहा, लालू जी के समय में हर साल लगभग 700 दुर्घटनाएं होती थीं, ममता जी के समय में लगभग 400 दुर्घटनाएं होती थीं, खरगे जी के समय में लगभग 385 दुर्घटनाएं होती थीं. हाल ही में वित्तीय वर्ष (2024-25) में यह संख्या 400 से घटकर 81 हो गई है जोकि बहुत महत्वपूर्ण सुधार है.
शून्य एफआईआर के लिए सिस्टम
रेलवे से संबंधित अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने में देरी के मामलों के बारे में उन से एक सवाल किया गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, प्रत्येक राज्य की जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) लगातार चर्चा करते हैं और शून्य एफआईआर के लिए सिस्टम के कार्यान्वयन से मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी.
पूर्व रेल मंत्रियों के कार्यकाल से की तुलना
इससे पहले भी रेल मंत्री ने राज्यसभा में 17 मार्च को लालू यादव और ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि रेल मंत्री के रूप में ममता बनर्जी और लालू यादव के कार्यकाल के दौरान हर दिन औसतन एक और दो दुर्घटनाएं होती थी या पटरी से ट्रेन उतरती थी.
रेल मंत्रालय के कामकाज पर बहस का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि 2005-06 में, जब राजद सुप्रीमो लालू यादव के हाथ में रेलवे था तब 698 दुर्घटनाएं और पटरी से ट्रेन के उतरने की घटनाएं हुईं. साथ ही उन्होंने आगे कहा, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के कार्यकाल के दौरान 395 दुर्घटनाएं और रेल के पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं और जब कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे रेल मंत्री थे, तब दुर्घटनाओं और पटरी से रेल उतरने की संख्या 38 थी.
अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए उन्होंने कहा था कि जहां कभी प्रतिदिन औसतन एक दुर्घटना होती थी, आज यह संख्या प्रति वर्ष मात्र 30 दुर्घटनाएं रह गई है. यहां तक कि अगर हम 43 ट्रेन के पटरी से उतरने की घटनाओं को भी शामिल कर लें, तो कुल संख्या 73 होती है. इसका मतलब है कि यह संख्या, जो पहले 700 के आसपास थी, अब 80 से भी कम हो गई है, जो 90% की कमी है.
लोकसभा में हंगामे के बीच पेश हुआ वक्फ संशोधन बिल, मुस्लिम महिलाओं का मिला समर्थन
2 Apr, 2025 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में आज सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया है। कोई इस विधेयक के पक्ष में है तो कोई विपक्ष में है। सरकार को सदन में जेडीयू, टीडीपी और जेडीएस जैसे दलों का साथ मिला है। वहीं विपक्षी गठबंधन भी बिल के विरोध में लामबंद है। कांग्रेस ने विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया। सपा का कहना है कि बिल का विरोध किया जाएगा।
भोपाल में पीएम मोदी के समर्थन में लगे नारे
विपक्ष के विरोध के बीच दिल्ली और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से अलग तस्वीर सामने आई है। यहां मुस्लिम महिलाएं वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के समर्थन में उतरीं। भोपाल में बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहीं मुस्लिम महिलाओं के हाथों में पीएम मोदी के समर्थन वाली तख्तियां थीं। इनमें पीएम मोदी को धन्यवाद दिया गया है। महिलाओं ने नारे लगाए कि 'मोदी जी तुम संघर्ष करो... हम तुम्हारे साथ हैं।'
दिल्ली में भी महिलाओं ने किया समर्थन
दिल्ली में भी वक्फ विधेयक के समर्थन में मुस्लिम महिलाएं उतरीं। महिलाओं ने तख्तियां पकड़ रखी हैं। इनमें लिखा है कि 'वक्फ संपत्ति की आमदनी उसके हकदार तक पहुंचाने और वक्फ बोर्ड में महिलाओं व पिछड़े मुसलमानों की हिस्सेदारी देने के लिए मोदी जी का शुक्रिया।'
लोगों को अब सावधान हो जाना चाहिए
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के लोगों को अब सावधान हो जाना चाहिए कि भाजपा ने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर उन्हें अपने दोस्तों को देने की शुरुआत कर दी है। वे गुरुद्वारों, मंदिरों और चर्च की संपत्तियों के साथ भी ऐसा ही करेंगे। उधर, सुप्रिया सुले का कहना है कि हम विधेयक को देखेंगे। इस पर चर्चा चल रही है। हम I.N.D.I.A गठबंधन के साथ हैं और गठबंधन पूरी ताकत के साथ रहेगा।
हमारी पार्टी करेगी विरोध: कनिमोझी
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि हमारी पार्टी इसका विरोध कर रही है। हमारे सीएम एमके स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है। हम इस देश के अल्पसंख्यकों को ऐसे नहीं छोड़ेंगे। I.N.D.I.A गठबंधन इस विधेयक के खिलाफ एक साथ खड़ा है।
कुणाल कामरा के खिलाफ बढ़ रही कानूनी कार्रवाई, 5 अप्रैल को होगी पूछताछ
2 Apr, 2025 11:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा इस समय अपने शो में पॉलिटिकल जोक करने के चलते सुर्खियों में बने हुए हैं. उन्हें हाल ही में पुलिस ने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए तीसरी बार नोटिस जारी किया है. उन्हें 5 अप्रैल को पेश होने और अपना बयान दर्ज करवाने के लिए कहा गया है. हालांकि, मुंबई पुलिस ने कहा कि इससे पहले भी कुणाल कामरा को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वो दोनों ही बार पेश नहीं हुए.
कुणाल कामरा ने हाल ही में अपने एक शो का सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में दावा किया गया है कि उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. इसी के चलते उन पर एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने एफआईआर दर्ज कराई. उन्हें अब पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन अब तक जारी किए गए 2 नोटिस पर वो पेश नहीं हुए हैं. इसी के बाद अब उन्हें तीसरा नोटिस जारी किया गया है.
मद्रास हाईकोर्ट से मिली राहत
कुणाल कामरा ने इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. कॉमेडियन ने कोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था. वकीलों ने मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य बेंच के सामने तत्काल सुनवाई की मांग की थी. कामरा के खिलाफ महाराष्ट्र में मामला दर्ज है, लेकिन वो फिलहाल तमिलनाडु में हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने 7 अप्रैल तक कामरा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया.
कुणाल कामरा ने कोर्ट में कहा था कि वो साल 2021 में मुंबई से तमिलनाडु चले गए थे और तब से वो सामान्य रूप से इसी राज्य के निवासी हैं और उन्हें मुंबई पुलिस से गिरफ्तारी का डर है. इसी के बाद अब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से राहत मिल गई है.
शिंदे समर्थकों ने कराई FIR दर्ज
मुंबई पुलिस ने इससे पहले शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत के आधार पर 24 मार्च को एफआईआर दर्ज करने के बाद कामरा को दो समन भेजे थे. कॉमेडियन के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. मुंबई पुलिस के अनुसार, एक शिकायत जलगांव शहर के मेयर ने दर्ज कराई थी, जबकि अन्य दो नासिक के एक होटल व्यवसायी और एक बिजनेसमेन ने दर्ज कराई थी.
कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर 23 मार्च को वीडियो जारी किया था. कुणाल कामरा ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाना बनाते हुए 1997 की फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने के पैरोडी वरजन का इस्तेमाल किया था. उनके इस शो के खिलाफ शिंदे समर्थकों का गुस्सा फूटा. इसी के बाद शिंदे समर्थकों ने जिस स्टूडियो में यह शो किया गया था वहां पर तोड़फोड़ मचाई. स्टूडियो की लाइट, कुर्सियां तोड़ दी. महाराष्ट्र पुलिस अभी इस मामले में जांच कर रही है.
तेलंगाना का 42% आरक्षण प्रस्ताव दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध का कारण
2 Apr, 2025 11:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर तेलंगाना के पिछड़ा वर्ग संगठनों के प्रदर्शन में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक यह प्रदर्शन हाल ही में तेलंगाना विधानसभा में पारित उस विधेयक के क्रियान्वयन की मांग के समर्थन में हो रहा है, जिसमें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की बात की गई है.
सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के भी इस प्रदर्शन में शामिल होने की संभावना है. इस विधेयक को संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता है क्योंकि पिछड़ा वर्ग के लिए प्रस्तावित 42 प्रतिशत आरक्षण कोटा की 50 प्रतिशत सीमा से अधिक है.
तेलंगाना विधानसभा में दो विधेयक पारित
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की तेलंगाना यूनिट के अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़, सत्तारूढ़ दल के कई विधायक और मंत्री मंगलवार शाम दिल्ली रवाना हो गए. तेलंगाना विधानसभा ने 17 मार्च को दो विधेयक पारित कर पिछड़ा वर्ग आरक्षण को शैक्षणिक संस्थानों, नौकरियों और ग्रामीण एवं शहरी निकायों के चुनावों में बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का प्रावधान किया था.
पिछड़ा वर्ग संगठन करेंगे प्रदर्शन
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज दिल्ली के जंतर मंतर में तेलंगाना के पिछड़ा वर्ग संगठनों के प्रदर्शन में शामिल होंगे. ये संगठन 17 मार्च को तेलंगाना विधानसभा में पारित उस बिल के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की बात कही गई है.
62 प्रतिशत हो जाएगी आरक्षण की सीमा
बता दें कि अगर यह बिल लागू हो जाता है, तो तेलंगाना में आरक्षण की सीमा 62 प्रतिशत हो जाएगी. लेकिन भारत में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तय की गई है. ऐसे में इस बिल को लागू करन के लिए संसद की मंजूरी जरूरी है. इधर, तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष बोम्मा महेश कुमार गौड़ समेत राज्य के कई मंत्री और विधायक मंगलवार शाम दिल्ली रवाना हो गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम रेवंत रेड्डी भी प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी कोटा बढ़ाने का वादा किया था.
टोल दरों में बढ़ोतरी से यात्रियों की जेब पर पड़ेगा असर, NHAI ने जारी किया नोटिफिकेशन
2 Apr, 2025 11:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में संचालित किए जाने वाले हाइवे और एक्सप्रेसवे के टोल चार्जेस में औसत 4 से 5 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। इसकी वजह महंगाई के कारण बढ़ती लागत को समायोजित करना था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समायोजन एनएचएआई की वार्षिक समीक्षा का हिस्सा है, जो थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के साथ टोल दरों को संरेखित करता है और अतिरिक्त आय से हाइवे रखरखाव और विस्तार परियोजनाओं को सहायता मिलेगी।
एनएचएआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सराय काले खां से मेरठ जाने वाली कारों और जीपों के लिए एक तरफ का टोल अब 165 रुपये से बढ़कर 170 रुपये हो जाएगा, जबकि गाजियाबाद से मेरठ जाने के लिए टोल 70 रुपये से बढ़कर 75 रुपये हो जाएगा।
इस मार्ग पर हल्के वाणिज्यिक वाहनों और बसों को प्रति ट्रिप 275 रुपये देने होंगे, जबकि ट्रकों को 580 रुपये देने होंगे। एनएच-9 पर छिजारसी टोल प्लाजा पर कारों के लिए टोल 170 रुपये से बढ़कर 175 रुपये हो जाएगा, हल्के वाणिज्यिक वाहनों को 280 रुपये जबकि बसों और ट्रकों को 590 रुपये देने होंगे।
लखनऊ से होकर गुजरने वाले हाइवे पर यात्रा करने वाले मोटर चालकों को, जिनमें राज्य की राजधानी को कानपुर, अयोध्या, रायबरेली और बाराबंकी से जोड़ने वाले हाइवे भी शामिल हैं, हल्के वाहनों के लिए प्रति चक्कर 5 से 10 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, जबकि भारी वाहनों को 20 से 25 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
इसके अतिरिक्त, अब कारों के लिए मासिक पास की कीमत 930 रुपये से बढ़कर 950 रुपये हो जाएगी, जबकि कैब के लिए यह राशि 1225 रुपये से बढ़कर 1255 रुपये हो जाएगी। हल्के मोटर वाहनों और मिनी बसों के लिए एक तरफ का टोल 120 रुपये से बढ़कर 125 रुपये हो जाएगा।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर खेड़की दौला टोल प्लाजा पर निजी कारों और जीपों के लिए टोल वही रहेगा, लेकिन बड़े वाहनों पर प्रति ट्रिप 5 रुपये की बढ़ोतरी होगी। कारों के लिए मासिक पास की कीमत अब 930 रुपये से बढ़कर 950 रुपये हो जाएगी और वाणिज्यिक कारों और जीपों के लिए यह राशि 1225 रुपये से बढ़कर 1255 रुपये हो जाएगी। हल्के मोटर वाहनों और मिनी बसों के लिए सिंगल-ट्रिप टोल 120 रुपये से बढ़कर 125 रुपये हो जाएगा।
भारत के नेशनल हाइवे नेटवर्क पर लगभग 855 प्लाजा हैं, जिनमें से 675 सरकार के द्वारा फंडिंड हैं, जबकि लगभग 180 प्लाजा निजी ऑपरेटरों द्वारा मैनेज किए जाते हैं।
अमित शाह ने कहा- यह विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र के विकास में करेगा योगदान
2 Apr, 2025 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संसद ने देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। गुजरात के आणंद में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से पारित किया। यह विधेयक लोकसभा से 26 मार्च को पारित हो चुका है।
विश्वविद्यालय का इनके नाम पर रखा
विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे और अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि यह सहकारी क्षेत्र के लिए पहला विश्वविद्यालय होगा और इस क्षेत्र में कार्यरत श्रमबल के क्षमता निर्माण तथा कुशल पेशेवरों की आवश्यकता को पूरा करेगा।
प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार होंगे
'त्रिभुवन' सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण देना, क्षमता निर्माण करना, डिग्री कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम वाले उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना और प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार करना है।
अमित शाह ने जताई खुशी
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज का दिन देश के सहकारी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। मोदी जी के विजनरी नेतृत्व में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। सहकार, नवाचार और रोजगार की त्रिवेणी लाने वाले इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देता हूँ।
देशभर के युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे
आगे कहा कि अब सहकारी शिक्षा भारतीय शिक्षा व पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनेगी और इस विश्वविद्यालय के माध्यम से देशभर के प्रशिक्षित युवा सहकारी क्षेत्र को अधिक व्यापक, सुव्यवस्थित और आधुनिक युग के अनुकूल बनाएँगे। सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी बहनों-भाइयों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत आभार।
विपक्ष ने वक्फ बिल पर किया विरोध का इरादा, सरकार की ओर से जवाब की तैयारी
2 Apr, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सभी दलों से व्यापक विमर्श के बाद वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। लगभग तय माना जा रहा है कि यह बुधवार को ही पारित हो जाएगा। इस दौरान भारी हंगामा होने के आसार हैं, क्योंकि विपक्ष के कई दल इसके पक्ष में नहीं हैं।
जदयू-तेदेपा सरकार के साथ
हालांकि सत्तारूढ़ राजग के प्रमुख सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) एवं तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) समेत अन्य पार्टियां भी सरकार के साथ मजबूती से खड़ी हैं और विधेयक के समर्थन में मतदान करेंगी। सदन में सत्ता पक्ष के पास संख्या भी पर्याप्त है। ऐसे में माना जा रहा है कि विधेयक को दोनों सदनों में आसानी से पारित करा लिया जाएगा।
संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि विधेयक के समर्थन में राजग के सभी दल पूरी तरह एकजुट हैं। यहां तक कि उन्होंने विपक्ष के भी कई सांसदों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया। रिजिजू ने बताया कि 12 बजे प्रश्नकाल समाप्त होने के तुरंत बाद वह विधेयक पेश करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह रहेंगे सदन में मौजूद
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में मंगलवार को सदन की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे चर्चा के लिए सहमति बनी है, जिसे सदन की भावना के अनुरूप बढ़ाया भी जा सकता है। हालांकि कांग्रेस एवं कई अन्य विपक्षी दलों ने अपनी आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए बैठक से बहिर्गमन किया। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता विधेयक पर चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं।
सरकार ने पिछले वर्ष आठ अगस्त को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण इसे जगदंबिका पाल के नेतृत्व में बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास विचारार्थ भेज दिया गया था। वक्फ संशोधन विधेयक में जेपीसी ने राजग के सहयोगी दलों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया है।
सांसदों के लिए व्हिप भी जारी
इसी का नतीजा है कि तेदेपा, जदयू, शिवसेना, लोजपा (रामविलास) हम, रालोद जैसे सभी सहयोगी दलों ने विधेयक के समर्थन की घोषणा कर दी है और अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिए हैं। जेपीसी ने मूल वक्फ संशोधन विधेयक में कुल 14 बदलावों का सुझाव दिया था, जिन्हें नए संशोधन विधेयक में शामिल कर लिया गया है।
संशोधनों के बाद अब इसे फिर लोकसभा में पेश किया जा रहा है। चूंकि यह सामान्य विधेयक है, इसलिए सत्ता पक्ष को इसे पारित कराने के लिए सदन में उपस्थित सदस्यों के सिर्फ बहुमत की ही जरूरत होगी।
आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर का मत स्पष्ट नहीं
सदन में सदस्यों की संख्या के हिसाब से राजग के पक्ष में स्पष्ट बहुमत दिख रहा है। लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या अभी 542 है, जबकि एक सीट रिक्त है। सदन में अकेले भाजपा के 240 सदस्य हैं और सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 293 सदस्य हैं। जबकि विपक्षी खेमे के सदस्यों की संख्या सिर्फ 237 है। कुछ ऐसे भी दल और निर्दलीय सदस्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। इनमें आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर शामिल हैं।
वॉकआउट कर सकता है विपक्ष
भाजपा का दावा है कि इनमें से भी अधिकतर का समर्थन उसे हासिल है। देखना रोचक होगा कि विपक्षी दलों में संख्या कितनी पहुंचती है क्योंकि माना जा रहा है कि विपक्ष के कुछ सदस्य सदन से वॉकआउट कर सकते हैं। विधेयक पेश करने की सरकार की घोषणा के बाद विपक्षी नेताओं ने मंगलवार शाम संसद भवन में एक बैठक की।
आइएनडीआइए के दलों ने संयुक्त बैठक के बाद कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंडे को परास्त करने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट है। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने अपने सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी कर दिया है।
राज्यसभा में गुरुवार को हो सकता है पेश
लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में विधेयक गुरुवार को पेश किए जाने की संभावना है। उच्च सदन की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी इस पर चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए गए हैं। राज्यसभा में वर्तमान में कुल 236 सदस्य हैं। विधेयक पारित कराने के लिए सत्ता पक्ष को कुल 119 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।
भाजपा के 98 सदस्य
भाजपा के 98 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दलों के 19 सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त छह मनोनीत सदस्य हैं। दो निर्दलीय सदस्यों का भी समर्थन भाजपा के पक्ष में है। इस तरह सत्तापक्ष को कुल 125 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जो बहुमत से छह ज्यादा हैं। दूसरी ओर विपक्षी खेमे में कांग्रेस के 27 सदस्य हैं और अन्य दलों के 60 सदस्य हैं।
विपक्ष की संख्या पहुंच रही 88
एक निर्दलीय को मिलकर कुल संख्या 88 तक ही पहुंच पा रही है। इसके अतिरिक्त वाईएसआर के सात, बीजद के नौ एवं अन्य छोटे दलों के सात सदस्यों ने अभी अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। उधर, कैथोलिक बिशप्स कान्फ्रेंस ऑफ इंडिया के बाद चर्च ऑफ भारत ने भी मंगलवार को विधेयक को अपना समर्थन दे दिया।
महाराष्ट्र, गोवा, केरल समेत 6 राज्यों में तेज बारिश की संभावना, IMD का पूर्वानुमान
2 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देशभर में मौसम का मिजाज बदल रहा है। कहीं तेज हवा, कहीं गर्मी, कहीं बूंदाबांदी तो कहीं लू देखने को मिल रही है। वहीं मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार 2 अप्रैल 2025 को उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी बढ़ने का अनुमान है।
दिल्ली NCR के लोगों पर गर्मी का सितम बढ़ रहा है। तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश,राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में अगले कुछ दिनों में पारा 30 ही नहीं बल्कि 40 डिग्री तक जा सकता है, जिसके चलते अप्रैल में ही लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र, गोवा, केरल समेत 6 राज्यों में तेज बारिश की संभावना है।
इन राज्यों में चलेंगी तेज हवाएं
अगले 24 घंटे के दौरान विदर्भ, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट, गोवा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में 40-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
इनमें से कई राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, वहीं 3-6 अप्रैल के बीच केरल और कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है।
यूपी में गर्मी ने दिखाए तेवर
उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने से दिन के समय गर्मी और बढ़ सकती है। बुधवार को भी प्रदेश में मौसम साफ रहने के कारण गर्मी पड़ सकती है। हालांकि 24 घंटे बाद प्रदेश का मौसम पूरी तरह से बदल सकता है।
दो दिन में होगी बारिश
3 अप्रैल को प्रदेश के दोनों हिस्सों में बूंदाबांदी के साथ ही हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। लेकिन इसके बाद फिर से प्रदेश में गर्मी का सिलसिला जारी हो सकता है।
केंद्र सरकार ने संसद में बताया, पीएम-किसान योजना में मणिपुर में अनियमितताओं की जांच जारी
2 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा कि एक ऑडिट रिपोर्ट में मणिपुर में पीएम-किसान योजना के कार्यान्वयन में कुछ ''अनियमितताएं'' सामने आई हैं और राज्य सरकार ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कराई है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अयोग्य किसानों को हस्तांतरित की गई किसी भी राशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने कहा, ''मणिपुर सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, महालेखाकार ऑडिट रिपोर्ट में कुछ अनियमितताओं की सूचना दी गई थी। तदनुसार, राज्य ने मामले में एफआइआर दर्ज कराई है।'' फरवरी, 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय योजना है जिसका उद्देश्य खेती योग्य भूमि वाले किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है।
इस योजना के तहत किसानों को प्रत्यक्ष लाभ
अंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने शुरुआत से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।
प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बिक्री पर जांच के निर्देश
रामनाथ ठाकुर ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक को चेन्नई के बाजारों में प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बिक्री के बारे में शिकायतें मिली हैं और उसने तमिलनाडु सरकार को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
चीनी लहसुन के आयात पर सितंबर, 2005 से प्रतिबंध लगा हुआ है, जब इस उत्पाद में फंगस एम्बेलिसिया एली और यूरोसाइटिस सेपुले पाया गया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने 2023-24 के दौरान 546 टन और 2024-25 के दौरान 507 टन चीनी लहसुन जब्त किया है।
संसद को बताया, वायनाड भूस्खलन में 298 की मौत
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि पिछले साल केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन में कुल 298 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि केंद्र सरकार भूस्खलन सहित अन्य आपदाओं के कारण होने वाली मौतों/लापता व्यक्तियों का डाटा नहीं रखती है, लेकिन केरल सरकार ने उन्हें बताया कि वायनाड में भूस्खलन के कारण कुल 298 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 32 लापता व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया है।
सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण दिव्यांगता की कोई घटना नहीं
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि 2014 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में असुरक्षित सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण दिव्यांगता की कोई घटना सामने नहीं आई है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में उन्होंने डाटा प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि 2019 से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के कारण 430 लोगों की मौत हुई है।
झारखंड में मालगाड़ियां टकराईं, 3 की मौके पर ही मौत
1 Apr, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घटना के कारण रेलवे लाइन पर मालगाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया
साहेबगंज। झारखंड के बरहेट में कोयला ढोने वाली दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं। यह हादसा मंगलवार सुबह करीब 3:30 बजे हुआ। इस रेल दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई। बताया गया है कि दोनों गाड़ियां गलती से एक ही पटरी पर आ गईं, जिसके कारण यह हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार, फरक्का से ललमटिया जा रही एक मालगाड़ी बरहेट में खड़ी थी। तभी ललमटिया से एनटीपीसी का कोयला लेकर फरक्का जा रही दूसरी मालगाड़ी ने उसमें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और उनमें आग लग गई। दुर्घटना के बाद तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझाया। इस घटना के कारण उस रेलवे लाइन पर मालगाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि लाइन को ठीक करने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। इस बीच, रेलवे विभाग घटना की जांच कर रहा है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दोनों गाड़ियां एक ही पटरी पर कैसे आ गईं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेलवे ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की भी घोषणा की है।
राम नवमी के मौके पर पीएम मोदी का तोहफा, 6 अप्रैल को होगा पंबन पुल का उद्घाटन
1 Apr, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के ऐतिहासिक पंबन पुल का एक नया अध्याय लिखा जाने वाला है। समुद्र की लहरों के ऊपर, तमिलनाडु के रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल सिर्फ लोहे और कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि भावनाओं, परंपराओं और विकास की एक नई पहचान है। 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आधुनिक रेलवे पुल का उद्घाटन करेंगे, जो 550 करोड़ रुपये की लागत से बना है। यह सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि यात्रियों के सपनों और उम्मीदों का मार्ग भी है। वर्षों बाद ट्रेन की सीटी फिर से इस पुल पर गूंजेगी, और सफर यादगार बन जाएगा।
पीएम मोदी 6 अप्रैल को करेंगे नए पंबन रेलवे पुल का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को तमिलनाडु में पंबन सागर पर बने नए रेलवे पुल का उद्घाटन करेंगे। यह पुल पुराने ब्रिटिश दौर के पंबन पुल के पास बनाया गया है जिसे कमजोर होने की वजह से 2022 में बंद कर दिया गया था। करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था और अब यह पूरी तरह तैयार है। भारतीय रेलवे और कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने सोमवार को इस पुल पर ट्रायल रन किया। इसमें ट्रेन चलाने, पुल के ऊपर वाले हिस्से को खोलने और एक कोस्ट गार्ड जहाज को गुजरने में कितना समय लगता है इसकी जांच की गई।
महत्वपूर्ण परीक्षण और तैयारियां
इस नए रेलवे पुल को कई अलग-अलग परीक्षणों से गुजारा गया, जिसमें पुल के ऊपर वाले हिस्से को ऊपर-नीचे करने की प्रक्रिया भी शामिल थी। 26 मार्च को दक्षिण रेलवे के प्रमुख R.N. सिंह और अन्य अधिकारी रामेश्वरम गए और पुल की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 6 अप्रैल को राम नवमी के दिन इस पुल का आधिकारिक उद्घाटन करेंगे। यह नया पुल नई टेक्नोलॉजी से लैस है और यह ट्रेनों की सही तरीके से आवाजाही को सुनिश्चित करेगा।
ट्रेन और जहाज की आवाजाही का समय
उद्घाटन से पहले अधिकारियों ने ट्रेन और जहाज के गुजरने का समय देख कर एक अभ्यास किया। ट्रायल में यह पाया गया कि 30 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेन को पुल पार करने में 1 मिनट 45 सेकंड का समय लगेगा। वहीं जहाज के गुजरने के लिए पुल को ऊपर उठाने और फिर नीचे लाने में 5 मिनट 10 सेकंड का समय लगेगा। कुल मिलाकर, पुल पर ट्रेन और जहाज की आवाजाही में लगभग 12 मिनट का समय लगेगा।
पीएम मोदी पुल से देखेंगे उद्घाटन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खास मौके पर पंबन रोड ब्रिज पर एक विशेष मंच से उद्घाटन देखेंगे। वह पूरे 12 मिनट तक पुल के काम को देखेंगे और इस महत्वपूर्ण परियोजना को देश को समर्पित करेंगे। यह नया पुल दक्षिण भारत के लिए एक बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना है, जो रामेश्वरम द्वीप को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ता है। नए पुल के शुरू होने से इस क्षेत्र में रेलवे सेवाएं फिर से शुरू होंगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नक्सलवाद के खिलाफ मोदी सरकार का संकल्प: अमित शाह ने किया दावा, भारत होगा नक्सल मुक्त
1 Apr, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा दावा किया है। मंगलवार को उन्होंने जानकारी दी कि सरकार नक्सलवाद का सफाया कर रही है। इसकी वजह से नक्सली तेजी से सिमटते जा रहे हैं। देश में अब नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या सिर्फ 6 रह गई है। पहले नक्सली 12 जिलों में सक्रिय थे। बीते कुछ महीनों से सरकार और सुरक्षा बलों ने जिस तरह अभियान को तेज किया है, उससे नक्सल प्रभावित इलाकों में राहत मिली है।
अमित शाह ने अपने संकल्प को फिर दोहराया। शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सलवाद मुक्त देश बन जाएगा। मोदी सरकार देश को सशक्त, समृद्ध और सुरक्षित देश बनाने की दिशा में काम कर रही है। भारत विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्हें उम्मीद है कि तय समय सीमा में नक्सलियों का सफाया कर दिया जाएगा। भारत सरकार नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार ने हासिल की बड़ी उपलब्धि
शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि नक्सल मुक्त भारत के निर्माण में सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 रह गई है। यह राहत की बात है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंकड़े भी जारी किए हैं, जिनके अनुसार वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित जिलों का ब्योरा दिया गया है। इन जिलों में नक्सली गतिविधियां एवं हिंसा अब भी जारी है।
10 साल में 29 जिले नक्सल मुक्त
इन जिलों को ‘सबसे अधिक प्रभावित जिले’ के तौर पर चिह्नित किया गया है। इस शब्दावली को 2015 में प्रयोग में लाया गया था। इसके अलावा एक उपवर्ग ‘चिंताजनक जिले’ की श्रेणी के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। यह उप श्रेणी 2021 में बनाई गई थी। पिछली बार गृह मंत्रालय की समीक्षा में 12 जिलों का ब्योरा दिया गया था, जो नक्सल प्रभावित थे। रिकॉर्ड के अनुसार 2015 में 35 जिलों में नक्सली सक्रिय थे।
2018 में संख्या घटकर 30 जिले रह गई। 2021 में सरकार ने आंकड़े जारी किए थे, जिनमें बताया गया था कि नक्सली सिर्फ 25 जिलों में सक्रिय हैं। अब आंकड़ा तेजी से कम हो रहा है। 10 साल में 29 जिलों से नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है। अब नक्सली सिर्फ 6 ही जिलों में सक्रिय हैं।
पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद लगी भीषण आग, 12 मजदूरों की मौत और 5 बुरी तरह जख्मी
1 Apr, 2025 03:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बनासकांठा| जिले के डीसा स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आग भड़क उठी| देखते ही देखते आग के विकराल स्वरूप धारण करने से वहां मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई| इस घटना में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 जितने श्रमिक बुरी तरह घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है| जानकारी के मुताबिक बनासकांठा जिले के डीसा जीआईडीसी में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई| फैक्ट्री में पानी गर्म करनेवाले बोइलर के फटने के बाद एक ब्लास्ट हुआ और उसके बाद आग भड़क उठी| पटाखा फैक्ट्री में ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग ने कुछ ही देर में भीषण रूप धारण कर लिया। इसकी जानकारी मिलने पर डीसा नगर पालिका के दमकल कर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं और आग पर काबू पाने की कोशिशें तेज कर दीं| फायर टीम के साथ-साथ डीसा तहसील पुलिस समेत प्रशासनिक टीम भी मौके पर पहुंच गई है और आगे की कार्रवाई शुरू की| फिलहाल पटाखा फैक्ट्री में लगी आग काबू में है| आग इस घटना में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए पालनपुर सिविल और डीसा सिविल अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है। आग लगने का स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है| आग पर काबू पा लिए जाने के बाद यह पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है कि अंदर कोई है या नहीं।