देश
लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा, गृहमंत्री ने संपत्तियों के आंकड़ों पर किया खुलासा
3 Apr, 2025 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में बुधवार देर रात तक चली चर्चा के बाद रात 2 बजे वक्फ बिल पास कर दिया गया। बिल पर तय 8 घंटे से 4 घंटे ज्यादा बहस हुई। आज इस बिल को राज्यसभा में दोपहर 1 बजे पेश किया जाएगा। राज्यसभा में चर्चा का समय 8 घंटे तय किया गया है। हालांकि विपक्ष की मांग पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। इस बीच वक्फ की संपत्ति को लेकर देश में बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में आइये जानते हैं देश में वक्फ संपत्ति की शुरुआत कब से हुई।
ऐसे हुई वक्फ संपत्ति की शुरुआत
भारत में वक्फ संपत्ति का इतिहास 12वीं सदी के अंत में दो गांवों से शुरू हुई। अब यह बढ़कर 39 लाख एकड़ तक पहुंच गई है। भारत में वक्फ बोर्डों के तहत भूमि पिछले 12 सालों में दोगुनी हो गई है। वक्फ भूमि पर आंकड़ों का खुलासा गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान किया। शाह ने कहा कि 1913 से 2013 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 18 लाख एकड़ जमीन थी। 2013 से 2025 के बीच इसमें 21 लाख एकड़ जमीन और जुड़ गई है। गृहमंत्री ने कहा कि 39 लाख एकड़ में से 21 लाख एकड़ जमीन 2013 के बाद जोड़ी गई है। ये लोग कह रहे हैं कि इसका दुरुपयोग नहीं हुआ है।
वक्फ 8.72 लाख संपत्तियों का मालिक
गृहमंत्री ने बताया कि पहले के सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में वक्फ बोर्ड 9.4 लाख एकड़ क्षेत्र के 8.72 लाख संपत्तियों का स्वामित्व रखता है। बता दें कि वक्फ का तात्पर्य उन संपंत्तियों से है जो इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान की गई है। संपत्ति से प्राप्त आय समुदाय के उपयोग के लिए होती है ऐसी संपत्तियों को बेचा नहीं जा सकता।
20 हजार संपत्तियां बेची गईं
बता दें कि पूरे भारत में फिलहाल 30 वक्फ बोर्ड हैं। गृहमंत्री ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी और कुछ लोगों द्वारा उनके दुरुपयोग के बारे में बताया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड को पट्टे पर दी गई संपत्तियां 20 हजार थीं लेकिन 2025 रिकाॅर्ड के अनुसार ये संपत्तियां शून्य हो जाएंगी। ये संपत्तियां कहां गईं? किसकी अनुमति से इसे बेचा गया। भारत में वक्फ भूमि के दावे को लेकर काफी बहस और विवाद रहा है। वक्फ ने हाल ही में तमिलनाडु में 1500 साल पुराने चोल मंदिर और केरल के एक गांव जिसमें 600 से अधिक ईसाई परिवार रहते हैं जमीन पर दावा किया है। इसके अलावा कर्नाटक की एक 5 सितारा होटल पर भी ये दावा किया गया है।
वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में वोटिंग, पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट
3 Apr, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोदी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को लोकसभा में पास कराने में सफल रही है. निचले सदन में बिल पर बुधवार को वोटिंग हुई. पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े. बीजेपी भले ही बिल को पारित कराने में कामयाब रही, लेकिन इसमें विपक्ष की ताकत भी दिख गई. बात चाहे राज्यों के चुनाव हों या संसद में अडानी का मुद्दा…विपक्ष इनपर बिखरा हुआ था. लेकिन मुसमलानों के वक्फ वाले मुद्दे पर पूरा विपक्ष कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा. इस मुद्दे ने वो कर दिखाया है जो राहुल गांधी, अखिलेश यादव और शरद पवार हाल में हुए राज्यों में चुनाव में नहीं कर पाए थे.
शुरू से ही विपक्ष की आक्रामक बैटिंग
वक्फ संशोधन विधेयक पिछले साल आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था. विपक्ष की आपत्तियों के बाद में इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैठक में संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को अपनी मंजूरी दी थी. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी की रिपोर्ट विपक्षी दलों के हंगामे और वाकआउट के बीच 13 फरवरी को संसद में पेश की गई थी.
ये सब कुछ होने के बाद 2 अप्रैल को बिल को लोकसभा में पेश किया गया. जनता दल (यू) और टीडीपी के रुख के बाद ये तो साफ हो गया था कि बिल को पास कराने में बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं आनी वाली है और हुआ भी यही. विधेयक का पारित होना बीजेपी के लिए जीत तो है ही, वहीं उसके विरोध में 232 वोट पड़ना विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाला है, क्योंकि हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली जैसे राज्यों में हुए चुनाव में मिली हार के बाद उसका आत्मविश्वास गिरा हुआ था.
इंडिया गठबंधन की पार्टियां बिखरी हुई थीं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जैसे प्रमुख दल अलग-अलग रास्ते पर चल रहे थे. यहां तक कि जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में विधानसभा चुनाव तक वे साथ में नहीं लड़े. लेकिन अब माना जा रहा है कि तस्वीर बदलेगी और 232 का आंकड़ा उसके लिए बूस्टर डोज का काम करेगा.
सबने कही एक ही बात
विपक्ष पूरे होमवर्क के साथ बुधवार को लोकसभा में उतरा. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, DMK समेत कई विपक्षी दलों ने विधेयक को असंवैधानिक और मुसलमानों की जमीन हड़पने वाला बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया.
कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार का एकमात्र एजेंडा भारत माता को बांटना है. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह संशोधन विधेयक केवल एक मसौदा नहीं, बल्कि मानव अधिकारों का उल्लंघन करने का जरिया साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज सरकार की नजर मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर है, आगे अन्य धर्म के लोगों की संपत्तियों पर होगी. उन्होंने कहा कि कल बौद्ध निशाने पर होंगे और आने वाले समय में हिन्दुओं के मंदिरों को भी सरकार के इस दंश को झेलना पड़ेगा.
चर्चा में हिस्सा लेते हुए समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह ने कहा कि यह विधेयक न केवल मुसलमानों के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ बल्कि समानता के अधिकार के खिलाफ भी है और इसे मुसलमानों की जमात कभी मंजूर नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि मुसलमान इस मसौदा कानून को नहीं मानेंगे.
वाईएसआर कांग्रेस के पीवी मिथुन रेड्डी ने विधेयक का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 में प्रदत्त अधिकारों के खिलाफ है. माकपा के के. राधाकृष्ण ने भी विधेयक का विरोध किया. आप के गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि 11 साल से मुसलमानों के प्रति सरकार का क्या रवैया है, यह दिख रहा है. हेमंत सोरेन की पार्टी JMM के विजय कुमार हंसदाक ने भी विधेयक का विरोध किया.
ओवैसी का भी मिला साथ
कई अहम मुद्दों पर इंडिया गठबंधन से अलग राय रखने वाले ओवैसी तो शुरू से ही बिल के खिलाफ थे. उन्होंने बुधवार को लोकसभा में विधेयक का विरोध करते हुए इसके मसौदे की प्रति फाड़ दी. सदन में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा कि यह भारत के ईमान पर हमला है और मुसलमानों को अपमानित करने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा, इस विधेयक को लाकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ जंग छेड़ दी है.
इन मुद्दों पर बिखरा हुआ था विपक्ष
विपक्ष के बिखराव का जो सबसे ताजा मुद्दा है वो परिसीमन है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने हाल ही में चेन्नई में विपक्षी दलों की एक बड़ी बैठक बुलाई थी. ओडिशा और पंजाब के अलावा दक्षिणी राज्यों के कांग्रेस नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया. हालांकि हिंदी बेल्ट और महाराष्ट्र के दलों ने किनारा कस लिया. वहीं टीएमसी भी इस बैठक में शामिल नहीं हुई.
डीएमके ने इस बैठक में उत्तर की विपक्षी पार्टियों को आमंत्रित ही नहीं किया था. इसमें सपा और आरजेडी के अलावा भी कई दल शामिल थे. इसके अलावा महाराष्ट्र से शिवसेना और एनसीपी को भी शामिल नहीं किया गया. टीएमसी को मीटिंग में बुलाया गया था लेकिन टीएमसी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया.
इसके अलावा अडानी के मुद्दे पर भी विपक्ष एकसाथ नहीं रहा. लोकसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मुकर रही, लेकिन उसे सपा और टीएमसी का साथ नहीं मिला.
इसके अलावा इंडिया गठबंधन के नेतृत्व पर भी विपक्ष बिखरा हुआ है. टीएमसी चाहती है कि ममता बनर्जी गठबंधन को लीड करें, वहीं कांग्रेस की सोच अलग है. कुछ समय पहले ही यूपी में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच असहज स्थिति बनी थी. महाराष्ट्र चुनाव के दौरान भी सहयोगी दलों में तालमेल की कमी होने की बात सामने आई थी. बंगाल में पहले ही कांग्रेस और TMC एक-दूसरे के विरुद्ध हैं. इसी तरह, दिल्ली में AAP और कांग्रेस में गठजोड़ नहीं है.
गुजरात के जामनगर के बाहरी इलाके में फाइटर प्लेन क्रैश
3 Apr, 2025 10:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जामनगर । गुजरात के जामनगर के बाहरी इलाके में फाइटर प्लेन क्रैश हो गया । घटना कालावड रोड पर सुवरदा गांव के पास हुई। क्रैश में एक पायलट की मौत हुई है। एक घायल है। क्रैश के बाद प्लेन कई टुकड़ों में बंट गया। उसमें आग लग गई। क्रैश वाली जगह पर ग्रामीण, पुलिस और प्रशासन मौजूद है।
इससे पहले 7 मार्च को हरियाणा के पंचकूला में तकनीकी खराबी के एयरफोर्स का जगुआर फाइटर जेट क्रैश हुआ था। फाइटर जेट ने अंबाला एयरबेस से ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी।
इस हादसे में पायलट जेट से सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब हुआ था। इसी दिन पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में वायुसेना का परिवहन विमान रूसी मूल का एएन-32 लैंडिंग के बाद क्रैश हुआ था।
इंजीनियर राशिद ने वक्फ बिल पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर साधा निशाना
3 Apr, 2025 09:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पास हो गया है. वक्फ बिल की चर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, दुनिया को पता है कि बीजेपी ने खुलकर मुसलमानों को उनकी जगह याद दिलाई, यह सच्चाई है, इसमें कोई रोना है नहीं है, लेकिन जहां तक कांग्रेस की बात है तो यह सेक्युलरिज्म का खंजर डाल कर मुसलमानों के पीठ के पीछे घोंपते हैं. यह भी सच्चाई है.
उन्होंने बिल पास होने से पहले ही चर्चा के दौरान कहा था कि यह तो मालूम है कि बिल पास होना ही है क्योंकि नंबर इनके पास है. इस दौरान नंबर गेम को लेकर उन्होंने अल्लामा इकबाल के एक शेर को याद किया, जम्हूरियत इक तर्ज-ए-हुकूमत है कि जिस में बंदों को गिना करते हैं तौला नहीं करते
सांसद ने BJP-कांग्रेस को घेरा
सांसद इंजीनियर राशिद ने बिल का विरोध करते हुए 4 बातें कहीं. कांग्रेस पर हमला करते हुए इंजीनियर राशिद ने कहा, बाबरी मस्जिद का ताला तो राजीव गांधी ने खोला आप इनकार ही नहीं कर सकते बाकी इमारत उन लोगों (बीजेपी) ने बनाई. इस तरह UAPA का पौधा भी कांग्रेस ने लगाया. आर्टिकल 370 की बात करते हुए उन्होंने कहा कि 370 को तो कांग्रेस ने ही खोखला किया और जब चुनाव लड़ा अभी तो इन्होंने उमर साहब के साथ 370 के नाम पर वोट मांगे.
उन्होंने आगे गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कहा कि वो कह रहे हैं कि आर्टिकल 370 में कुछ नहीं हुआ उमर साहब तो सरकार चला रहे हैं. इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, जनाब वो तो आपने उनके हाथ में जो छोटे बच्चे को कहते हैं जब वो रोता है तो उसके हाथ में जहाज का खिलौना देते हैं, आपने वो जहाज का खिलौना दिया. सीएम उमर अब्दुल्ला को लेकर उन्होंने कहा कि वो तो खुद कहते हैं कि मैं तो म्युनिसिपालिटी का सीएम हूं.
साथ ही उमर अब्दुल्ला को लेकर उन्होंने कहा, उन में इतनी हिम्मत भी नहीं कि वो आप से यह कहे कि अगर 370 नहीं 35ए नहीं कम से कम राज्य का दर्जा तो वापस दे दीजिए. उन्होंने सरकार से कहा कि कश्मीर के लोगों से बात करने में आपको कौन सी चीज रोक रही है.
मुसलमानों से भी की बात
सांसद ने देश के मुसलमानों से कहा, हिन्दुस्तान के मुसलमान की अपनी पहचान है. इस पूरे हिन्दुस्तान में मुसलमानों का उतना ही अधिकार है जितना हमारे हिंदू भाइयों का है. भारतीय मुसलमानों को अपनी पहचान, अपनी वफादारी का प्रूफ बार-बार क्यों देना पड़ता है. मुसलमानों से राजनीतिक पार्टियों को लेकर उन्होंने कहा, आप इस नंबर गेम में मत पड़ो यह लोग पहले तलवार चला कर आपको जख्मी करते हैं और इनको वोट मिलता है और यह लोग उन जख्मों पर फिर थोड़ा मरहम लगा कर या नमक डाल कर वोट मारते हैं. आप बीच में मारे क्यों जा रहे हो. उन्होंने आगे कहा, अगर कल को प्रधानमंत्री भी आपका बनेगा तब भी आपकी तकदीर बदलने वाली नहीं है.
वक्फ बोर्ड को लेकर क्या कहा?
उन्होंने वक्फ बोर्ड को लेकर कहा कि मैं इस बिल के खिलाफ हूं लेकिन मुसलमानों को भी इस चीज को देखना है कि कहीं वक्फ की जमीनों का दुरुपयोग तो नहीं हुआ है, हम ने कितने अस्पताल बनाए, हमने कितनी यूनिवर्सिटी बनाई.
IMD का पूर्वानुमान: दिल्ली, राजस्थान में हीटवेव, छत्तीसगढ़ में बारिश से राहत
3 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गर्मी धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन कुछ जगहों पर बारिश की भी संभावना है। मौसम विभाग ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के लिए अलग-अलग पूर्वानुमान जारी किए हैं। दिल्ली में अधिकतम तापमान में इजाफा होने के आसार है।
वहीं मध्य प्रदेश में बारिश की संभावना है। उत्तर प्रदेश में गर्मी बढ़ रही है, जबकि राजस्थान के तापमान में भी बढ़ोतरी होगी, उत्तराखंड में गर्मी का प्रकोप जारी है, तो छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना है।
देश के कई राज्यों में अप्रैल से जून तक भीषण गर्मी होगी। मध्य प्रदेश में कई जगहों पर बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में गर्मी जारी रहने की आशंका विभाग ने जताई है।
दिल्ली में गर्मी से बुरा हाल
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को गर्मी से राहत के आसार नहीं मिल रहे हैं। तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। अगले 4 से 5 दिनों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है। बुधवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह इस मौसम के औसत तापमान से 4.6 डिग्री कम था।
मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। बीते दिनों प्रदेश के कई हिस्सों में लू का अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन अभी करीब 3 से 4 दिनों तक लू का दौर जारी रहेगा
बिहार में कैसा रहेगा मौसम?
बिहार में गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। यहां तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। बढ़ते तापमान के बीच आने वाले दिनों मौसम यू-टर्न मारने की तैयारी में है।
अगले 24 घंटे में तेलंगाना, मध्य प्रदेश, गोवा, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। कई राज्यों में आंधी और बिजली गिरने का पूर्वानुमान IMD ने जताया है।
यूपी में बदली मौसम की चाल
उत्तर प्रदेश में मौसम की चाल बदल गई है। यूपी के निवासियों को अब गर्मी से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में 20 से 30 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी, जिससे सुबह-शाम वाली ठंडक का एहसास होगा।
मोदी की दो दिवसीय थाईलैंड यात्रा, थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता तय
3 Apr, 2025 08:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक रवाना हो गए हैं। वह थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी
प्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद, वे श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि अगले तीन दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करूंगा, जहां मैं इन देशों और बिम्सटेक देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। आज बाद में बैंकॉक में, मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड मैत्री के सभी पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करूंगा।"
पीएम मोदी ने श्रीलंका यात्रा के बारे में भी जानकारी दी
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मेरी श्रीलंका यात्रा 4 से 6 तारीख तक होगी। यह यात्रा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की भारत की सफल यात्रा के बाद हो रही है। हम बहुआयामी भारत-श्रीलंका मैत्री की समीक्षा करेंगे और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मैं वहां होने वाली विभिन्न बैठकों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।
शंकराचार्य भारती स्वामी को मिला न्यायिक राहत, दुष्कर्म के आरोपों से मुक्त किया गया
3 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु। गोकर्ण स्थित श्री रामचंद्रपुरा मठ के श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को खारिज करते हुए कहा कि कथित घटना की शिकायत करने में नौ वर्ष की देरी को लेकर शिकायतकर्ता के पास कोई सही स्पष्टीकरण नहीं था।
मठ की एक पूर्व शिष्या ने शंकराचार्य पर लगाए आरोप
मठ की एक पूर्व शिष्या ने आरोप लगाया था कि 2006 में 15 वर्ष की आयु और फिर 2012 में 21 वर्ष की आयु में हिंदू संत ने दो बार उसके साथ दुष्कर्म किया।
स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट द्वारा इस संबंध में की गई पूरी कार्यवाही को चुनौती देते हुए इसे रद करने की मांग संबंधी एक याचिका 2021 में हाई कोर्ट के समक्ष दायर की थी। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही प्रभावित
आदेश में कहा गया कि आरोप पत्र को लेकर बेंगलुरु के प्रथम अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित कार्यवाही समेत सभी कार्यवाही को रद किया जाता है।
आदेश में कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही प्रभावित है। मामले में आगे के ट्रायल की अनुमति देना निस्संदेह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और न्याय की विफलता होगी। इस मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया।
महिला ने स्वामी जी पर लगाए गंभीर आरोप
आरोप-पत्र सीआइडी अधिकारी ने दाखिल किया है, जिसे इसका अधिकार नहीं था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 2006 में स्वामी जी ने अपने कमरे में भगवान का डर दिखाकर उसका यौन उत्पीड़न किया और किसी को बताए जाने पर पाप लगने की बात कही। इसके बाद स्वामी जी द्वारा मठ के ही एक सदस्य से उसकी शादी तय कर देने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
अश्विनी वैष्णव ने कहा- लालू, ममता और खरगे के समय से अब दुर्घटनाओं में आई गिरावट
2 Apr, 2025 03:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को अपनी सरकार की कामयाबी गिनाई. उन्होंने अपनी सरकार में रेलवे सुरक्षा में हुए सुधार पर बात की. उन्होंने कहा, रेलवे सुरक्षा में सुधार हुआ है और पिछले वित्तीय वर्ष में रेल दुर्घटनाओं की संख्या घटी है. पिछले वित्तीय वर्ष में रेल दुर्घटनाओं की संख्या 400 थी जो अब घटकर 81 हो गई है.
साथ ही रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा में बहुत अहम सुधार हुए हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल में रेल में हुई दुर्घटनाओं की संख्या की तुलना रेल मंत्री रहे लालू यादव, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यकाल से की. वैष्णव ने कहा, लालू जी के समय में हर साल लगभग 700 दुर्घटनाएं होती थीं, ममता जी के समय में लगभग 400 दुर्घटनाएं होती थीं, खरगे जी के समय में लगभग 385 दुर्घटनाएं होती थीं. हाल ही में वित्तीय वर्ष (2024-25) में यह संख्या 400 से घटकर 81 हो गई है जोकि बहुत महत्वपूर्ण सुधार है.
शून्य एफआईआर के लिए सिस्टम
रेलवे से संबंधित अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने में देरी के मामलों के बारे में उन से एक सवाल किया गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, प्रत्येक राज्य की जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) लगातार चर्चा करते हैं और शून्य एफआईआर के लिए सिस्टम के कार्यान्वयन से मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी.
पूर्व रेल मंत्रियों के कार्यकाल से की तुलना
इससे पहले भी रेल मंत्री ने राज्यसभा में 17 मार्च को लालू यादव और ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि रेल मंत्री के रूप में ममता बनर्जी और लालू यादव के कार्यकाल के दौरान हर दिन औसतन एक और दो दुर्घटनाएं होती थी या पटरी से ट्रेन उतरती थी.
रेल मंत्रालय के कामकाज पर बहस का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि 2005-06 में, जब राजद सुप्रीमो लालू यादव के हाथ में रेलवे था तब 698 दुर्घटनाएं और पटरी से ट्रेन के उतरने की घटनाएं हुईं. साथ ही उन्होंने आगे कहा, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के कार्यकाल के दौरान 395 दुर्घटनाएं और रेल के पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं और जब कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे रेल मंत्री थे, तब दुर्घटनाओं और पटरी से रेल उतरने की संख्या 38 थी.
अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए उन्होंने कहा था कि जहां कभी प्रतिदिन औसतन एक दुर्घटना होती थी, आज यह संख्या प्रति वर्ष मात्र 30 दुर्घटनाएं रह गई है. यहां तक कि अगर हम 43 ट्रेन के पटरी से उतरने की घटनाओं को भी शामिल कर लें, तो कुल संख्या 73 होती है. इसका मतलब है कि यह संख्या, जो पहले 700 के आसपास थी, अब 80 से भी कम हो गई है, जो 90% की कमी है.
लोकसभा में हंगामे के बीच पेश हुआ वक्फ संशोधन बिल, मुस्लिम महिलाओं का मिला समर्थन
2 Apr, 2025 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोकसभा में आज सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया है। कोई इस विधेयक के पक्ष में है तो कोई विपक्ष में है। सरकार को सदन में जेडीयू, टीडीपी और जेडीएस जैसे दलों का साथ मिला है। वहीं विपक्षी गठबंधन भी बिल के विरोध में लामबंद है। कांग्रेस ने विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया। सपा का कहना है कि बिल का विरोध किया जाएगा।
भोपाल में पीएम मोदी के समर्थन में लगे नारे
विपक्ष के विरोध के बीच दिल्ली और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से अलग तस्वीर सामने आई है। यहां मुस्लिम महिलाएं वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के समर्थन में उतरीं। भोपाल में बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहीं मुस्लिम महिलाओं के हाथों में पीएम मोदी के समर्थन वाली तख्तियां थीं। इनमें पीएम मोदी को धन्यवाद दिया गया है। महिलाओं ने नारे लगाए कि 'मोदी जी तुम संघर्ष करो... हम तुम्हारे साथ हैं।'
दिल्ली में भी महिलाओं ने किया समर्थन
दिल्ली में भी वक्फ विधेयक के समर्थन में मुस्लिम महिलाएं उतरीं। महिलाओं ने तख्तियां पकड़ रखी हैं। इनमें लिखा है कि 'वक्फ संपत्ति की आमदनी उसके हकदार तक पहुंचाने और वक्फ बोर्ड में महिलाओं व पिछड़े मुसलमानों की हिस्सेदारी देने के लिए मोदी जी का शुक्रिया।'
लोगों को अब सावधान हो जाना चाहिए
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के लोगों को अब सावधान हो जाना चाहिए कि भाजपा ने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर उन्हें अपने दोस्तों को देने की शुरुआत कर दी है। वे गुरुद्वारों, मंदिरों और चर्च की संपत्तियों के साथ भी ऐसा ही करेंगे। उधर, सुप्रिया सुले का कहना है कि हम विधेयक को देखेंगे। इस पर चर्चा चल रही है। हम I.N.D.I.A गठबंधन के साथ हैं और गठबंधन पूरी ताकत के साथ रहेगा।
हमारी पार्टी करेगी विरोध: कनिमोझी
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि हमारी पार्टी इसका विरोध कर रही है। हमारे सीएम एमके स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है। हम इस देश के अल्पसंख्यकों को ऐसे नहीं छोड़ेंगे। I.N.D.I.A गठबंधन इस विधेयक के खिलाफ एक साथ खड़ा है।
कुणाल कामरा के खिलाफ बढ़ रही कानूनी कार्रवाई, 5 अप्रैल को होगी पूछताछ
2 Apr, 2025 11:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा इस समय अपने शो में पॉलिटिकल जोक करने के चलते सुर्खियों में बने हुए हैं. उन्हें हाल ही में पुलिस ने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए तीसरी बार नोटिस जारी किया है. उन्हें 5 अप्रैल को पेश होने और अपना बयान दर्ज करवाने के लिए कहा गया है. हालांकि, मुंबई पुलिस ने कहा कि इससे पहले भी कुणाल कामरा को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वो दोनों ही बार पेश नहीं हुए.
कुणाल कामरा ने हाल ही में अपने एक शो का सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में दावा किया गया है कि उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. इसी के चलते उन पर एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने एफआईआर दर्ज कराई. उन्हें अब पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन अब तक जारी किए गए 2 नोटिस पर वो पेश नहीं हुए हैं. इसी के बाद अब उन्हें तीसरा नोटिस जारी किया गया है.
मद्रास हाईकोर्ट से मिली राहत
कुणाल कामरा ने इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. कॉमेडियन ने कोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था. वकीलों ने मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य बेंच के सामने तत्काल सुनवाई की मांग की थी. कामरा के खिलाफ महाराष्ट्र में मामला दर्ज है, लेकिन वो फिलहाल तमिलनाडु में हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने 7 अप्रैल तक कामरा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया.
कुणाल कामरा ने कोर्ट में कहा था कि वो साल 2021 में मुंबई से तमिलनाडु चले गए थे और तब से वो सामान्य रूप से इसी राज्य के निवासी हैं और उन्हें मुंबई पुलिस से गिरफ्तारी का डर है. इसी के बाद अब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से राहत मिल गई है.
शिंदे समर्थकों ने कराई FIR दर्ज
मुंबई पुलिस ने इससे पहले शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत के आधार पर 24 मार्च को एफआईआर दर्ज करने के बाद कामरा को दो समन भेजे थे. कॉमेडियन के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. मुंबई पुलिस के अनुसार, एक शिकायत जलगांव शहर के मेयर ने दर्ज कराई थी, जबकि अन्य दो नासिक के एक होटल व्यवसायी और एक बिजनेसमेन ने दर्ज कराई थी.
कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर 23 मार्च को वीडियो जारी किया था. कुणाल कामरा ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाना बनाते हुए 1997 की फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने के पैरोडी वरजन का इस्तेमाल किया था. उनके इस शो के खिलाफ शिंदे समर्थकों का गुस्सा फूटा. इसी के बाद शिंदे समर्थकों ने जिस स्टूडियो में यह शो किया गया था वहां पर तोड़फोड़ मचाई. स्टूडियो की लाइट, कुर्सियां तोड़ दी. महाराष्ट्र पुलिस अभी इस मामले में जांच कर रही है.
तेलंगाना का 42% आरक्षण प्रस्ताव दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध का कारण
2 Apr, 2025 11:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर तेलंगाना के पिछड़ा वर्ग संगठनों के प्रदर्शन में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक यह प्रदर्शन हाल ही में तेलंगाना विधानसभा में पारित उस विधेयक के क्रियान्वयन की मांग के समर्थन में हो रहा है, जिसमें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की बात की गई है.
सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के भी इस प्रदर्शन में शामिल होने की संभावना है. इस विधेयक को संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता है क्योंकि पिछड़ा वर्ग के लिए प्रस्तावित 42 प्रतिशत आरक्षण कोटा की 50 प्रतिशत सीमा से अधिक है.
तेलंगाना विधानसभा में दो विधेयक पारित
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की तेलंगाना यूनिट के अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़, सत्तारूढ़ दल के कई विधायक और मंत्री मंगलवार शाम दिल्ली रवाना हो गए. तेलंगाना विधानसभा ने 17 मार्च को दो विधेयक पारित कर पिछड़ा वर्ग आरक्षण को शैक्षणिक संस्थानों, नौकरियों और ग्रामीण एवं शहरी निकायों के चुनावों में बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का प्रावधान किया था.
पिछड़ा वर्ग संगठन करेंगे प्रदर्शन
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज दिल्ली के जंतर मंतर में तेलंगाना के पिछड़ा वर्ग संगठनों के प्रदर्शन में शामिल होंगे. ये संगठन 17 मार्च को तेलंगाना विधानसभा में पारित उस बिल के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की बात कही गई है.
62 प्रतिशत हो जाएगी आरक्षण की सीमा
बता दें कि अगर यह बिल लागू हो जाता है, तो तेलंगाना में आरक्षण की सीमा 62 प्रतिशत हो जाएगी. लेकिन भारत में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तय की गई है. ऐसे में इस बिल को लागू करन के लिए संसद की मंजूरी जरूरी है. इधर, तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष बोम्मा महेश कुमार गौड़ समेत राज्य के कई मंत्री और विधायक मंगलवार शाम दिल्ली रवाना हो गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम रेवंत रेड्डी भी प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी कोटा बढ़ाने का वादा किया था.
टोल दरों में बढ़ोतरी से यात्रियों की जेब पर पड़ेगा असर, NHAI ने जारी किया नोटिफिकेशन
2 Apr, 2025 11:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में संचालित किए जाने वाले हाइवे और एक्सप्रेसवे के टोल चार्जेस में औसत 4 से 5 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। इसकी वजह महंगाई के कारण बढ़ती लागत को समायोजित करना था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समायोजन एनएचएआई की वार्षिक समीक्षा का हिस्सा है, जो थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के साथ टोल दरों को संरेखित करता है और अतिरिक्त आय से हाइवे रखरखाव और विस्तार परियोजनाओं को सहायता मिलेगी।
एनएचएआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सराय काले खां से मेरठ जाने वाली कारों और जीपों के लिए एक तरफ का टोल अब 165 रुपये से बढ़कर 170 रुपये हो जाएगा, जबकि गाजियाबाद से मेरठ जाने के लिए टोल 70 रुपये से बढ़कर 75 रुपये हो जाएगा।
इस मार्ग पर हल्के वाणिज्यिक वाहनों और बसों को प्रति ट्रिप 275 रुपये देने होंगे, जबकि ट्रकों को 580 रुपये देने होंगे। एनएच-9 पर छिजारसी टोल प्लाजा पर कारों के लिए टोल 170 रुपये से बढ़कर 175 रुपये हो जाएगा, हल्के वाणिज्यिक वाहनों को 280 रुपये जबकि बसों और ट्रकों को 590 रुपये देने होंगे।
लखनऊ से होकर गुजरने वाले हाइवे पर यात्रा करने वाले मोटर चालकों को, जिनमें राज्य की राजधानी को कानपुर, अयोध्या, रायबरेली और बाराबंकी से जोड़ने वाले हाइवे भी शामिल हैं, हल्के वाहनों के लिए प्रति चक्कर 5 से 10 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, जबकि भारी वाहनों को 20 से 25 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
इसके अतिरिक्त, अब कारों के लिए मासिक पास की कीमत 930 रुपये से बढ़कर 950 रुपये हो जाएगी, जबकि कैब के लिए यह राशि 1225 रुपये से बढ़कर 1255 रुपये हो जाएगी। हल्के मोटर वाहनों और मिनी बसों के लिए एक तरफ का टोल 120 रुपये से बढ़कर 125 रुपये हो जाएगा।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर खेड़की दौला टोल प्लाजा पर निजी कारों और जीपों के लिए टोल वही रहेगा, लेकिन बड़े वाहनों पर प्रति ट्रिप 5 रुपये की बढ़ोतरी होगी। कारों के लिए मासिक पास की कीमत अब 930 रुपये से बढ़कर 950 रुपये हो जाएगी और वाणिज्यिक कारों और जीपों के लिए यह राशि 1225 रुपये से बढ़कर 1255 रुपये हो जाएगी। हल्के मोटर वाहनों और मिनी बसों के लिए सिंगल-ट्रिप टोल 120 रुपये से बढ़कर 125 रुपये हो जाएगा।
भारत के नेशनल हाइवे नेटवर्क पर लगभग 855 प्लाजा हैं, जिनमें से 675 सरकार के द्वारा फंडिंड हैं, जबकि लगभग 180 प्लाजा निजी ऑपरेटरों द्वारा मैनेज किए जाते हैं।
अमित शाह ने कहा- यह विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र के विकास में करेगा योगदान
2 Apr, 2025 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संसद ने देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। गुजरात के आणंद में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से पारित किया। यह विधेयक लोकसभा से 26 मार्च को पारित हो चुका है।
विश्वविद्यालय का इनके नाम पर रखा
विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवनदास किशिभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे और अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि यह सहकारी क्षेत्र के लिए पहला विश्वविद्यालय होगा और इस क्षेत्र में कार्यरत श्रमबल के क्षमता निर्माण तथा कुशल पेशेवरों की आवश्यकता को पूरा करेगा।
प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार होंगे
'त्रिभुवन' सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण देना, क्षमता निर्माण करना, डिग्री कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम वाले उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना और प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख प्रशिक्षित प्रोफेशनल तैयार करना है।
अमित शाह ने जताई खुशी
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज का दिन देश के सहकारी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। मोदी जी के विजनरी नेतृत्व में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी पारित हो गया। सहकार, नवाचार और रोजगार की त्रिवेणी लाने वाले इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देता हूँ।
देशभर के युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे
आगे कहा कि अब सहकारी शिक्षा भारतीय शिक्षा व पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनेगी और इस विश्वविद्यालय के माध्यम से देशभर के प्रशिक्षित युवा सहकारी क्षेत्र को अधिक व्यापक, सुव्यवस्थित और आधुनिक युग के अनुकूल बनाएँगे। सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी बहनों-भाइयों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत आभार।
विपक्ष ने वक्फ बिल पर किया विरोध का इरादा, सरकार की ओर से जवाब की तैयारी
2 Apr, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सभी दलों से व्यापक विमर्श के बाद वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। लगभग तय माना जा रहा है कि यह बुधवार को ही पारित हो जाएगा। इस दौरान भारी हंगामा होने के आसार हैं, क्योंकि विपक्ष के कई दल इसके पक्ष में नहीं हैं।
जदयू-तेदेपा सरकार के साथ
हालांकि सत्तारूढ़ राजग के प्रमुख सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) एवं तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) समेत अन्य पार्टियां भी सरकार के साथ मजबूती से खड़ी हैं और विधेयक के समर्थन में मतदान करेंगी। सदन में सत्ता पक्ष के पास संख्या भी पर्याप्त है। ऐसे में माना जा रहा है कि विधेयक को दोनों सदनों में आसानी से पारित करा लिया जाएगा।
संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि विधेयक के समर्थन में राजग के सभी दल पूरी तरह एकजुट हैं। यहां तक कि उन्होंने विपक्ष के भी कई सांसदों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया। रिजिजू ने बताया कि 12 बजे प्रश्नकाल समाप्त होने के तुरंत बाद वह विधेयक पेश करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह रहेंगे सदन में मौजूद
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में मंगलवार को सदन की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे चर्चा के लिए सहमति बनी है, जिसे सदन की भावना के अनुरूप बढ़ाया भी जा सकता है। हालांकि कांग्रेस एवं कई अन्य विपक्षी दलों ने अपनी आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए बैठक से बहिर्गमन किया। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता विधेयक पर चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं।
सरकार ने पिछले वर्ष आठ अगस्त को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण इसे जगदंबिका पाल के नेतृत्व में बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास विचारार्थ भेज दिया गया था। वक्फ संशोधन विधेयक में जेपीसी ने राजग के सहयोगी दलों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया है।
सांसदों के लिए व्हिप भी जारी
इसी का नतीजा है कि तेदेपा, जदयू, शिवसेना, लोजपा (रामविलास) हम, रालोद जैसे सभी सहयोगी दलों ने विधेयक के समर्थन की घोषणा कर दी है और अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिए हैं। जेपीसी ने मूल वक्फ संशोधन विधेयक में कुल 14 बदलावों का सुझाव दिया था, जिन्हें नए संशोधन विधेयक में शामिल कर लिया गया है।
संशोधनों के बाद अब इसे फिर लोकसभा में पेश किया जा रहा है। चूंकि यह सामान्य विधेयक है, इसलिए सत्ता पक्ष को इसे पारित कराने के लिए सदन में उपस्थित सदस्यों के सिर्फ बहुमत की ही जरूरत होगी।
आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर का मत स्पष्ट नहीं
सदन में सदस्यों की संख्या के हिसाब से राजग के पक्ष में स्पष्ट बहुमत दिख रहा है। लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या अभी 542 है, जबकि एक सीट रिक्त है। सदन में अकेले भाजपा के 240 सदस्य हैं और सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 293 सदस्य हैं। जबकि विपक्षी खेमे के सदस्यों की संख्या सिर्फ 237 है। कुछ ऐसे भी दल और निर्दलीय सदस्य हैं, जिन्होंने अभी तक अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। इनमें आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर शामिल हैं।
वॉकआउट कर सकता है विपक्ष
भाजपा का दावा है कि इनमें से भी अधिकतर का समर्थन उसे हासिल है। देखना रोचक होगा कि विपक्षी दलों में संख्या कितनी पहुंचती है क्योंकि माना जा रहा है कि विपक्ष के कुछ सदस्य सदन से वॉकआउट कर सकते हैं। विधेयक पेश करने की सरकार की घोषणा के बाद विपक्षी नेताओं ने मंगलवार शाम संसद भवन में एक बैठक की।
आइएनडीआइए के दलों ने संयुक्त बैठक के बाद कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंडे को परास्त करने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट है। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने अपने सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी कर दिया है।
राज्यसभा में गुरुवार को हो सकता है पेश
लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में विधेयक गुरुवार को पेश किए जाने की संभावना है। उच्च सदन की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी इस पर चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए गए हैं। राज्यसभा में वर्तमान में कुल 236 सदस्य हैं। विधेयक पारित कराने के लिए सत्ता पक्ष को कुल 119 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।
भाजपा के 98 सदस्य
भाजपा के 98 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दलों के 19 सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त छह मनोनीत सदस्य हैं। दो निर्दलीय सदस्यों का भी समर्थन भाजपा के पक्ष में है। इस तरह सत्तापक्ष को कुल 125 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जो बहुमत से छह ज्यादा हैं। दूसरी ओर विपक्षी खेमे में कांग्रेस के 27 सदस्य हैं और अन्य दलों के 60 सदस्य हैं।
विपक्ष की संख्या पहुंच रही 88
एक निर्दलीय को मिलकर कुल संख्या 88 तक ही पहुंच पा रही है। इसके अतिरिक्त वाईएसआर के सात, बीजद के नौ एवं अन्य छोटे दलों के सात सदस्यों ने अभी अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। उधर, कैथोलिक बिशप्स कान्फ्रेंस ऑफ इंडिया के बाद चर्च ऑफ भारत ने भी मंगलवार को विधेयक को अपना समर्थन दे दिया।
महाराष्ट्र, गोवा, केरल समेत 6 राज्यों में तेज बारिश की संभावना, IMD का पूर्वानुमान
2 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देशभर में मौसम का मिजाज बदल रहा है। कहीं तेज हवा, कहीं गर्मी, कहीं बूंदाबांदी तो कहीं लू देखने को मिल रही है। वहीं मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार 2 अप्रैल 2025 को उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी बढ़ने का अनुमान है।
दिल्ली NCR के लोगों पर गर्मी का सितम बढ़ रहा है। तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश,राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में अगले कुछ दिनों में पारा 30 ही नहीं बल्कि 40 डिग्री तक जा सकता है, जिसके चलते अप्रैल में ही लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र, गोवा, केरल समेत 6 राज्यों में तेज बारिश की संभावना है।
इन राज्यों में चलेंगी तेज हवाएं
अगले 24 घंटे के दौरान विदर्भ, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट, गोवा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में 40-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
इनमें से कई राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, वहीं 3-6 अप्रैल के बीच केरल और कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है।
यूपी में गर्मी ने दिखाए तेवर
उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने से दिन के समय गर्मी और बढ़ सकती है। बुधवार को भी प्रदेश में मौसम साफ रहने के कारण गर्मी पड़ सकती है। हालांकि 24 घंटे बाद प्रदेश का मौसम पूरी तरह से बदल सकता है।
दो दिन में होगी बारिश
3 अप्रैल को प्रदेश के दोनों हिस्सों में बूंदाबांदी के साथ ही हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। लेकिन इसके बाद फिर से प्रदेश में गर्मी का सिलसिला जारी हो सकता है।