धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (22 मई 2023)
22 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- समय विफल हो, कार्यगति में बाधा, चिन्ता, व्यर्थ भ्रमण, कार्य अवरोध होगा।
वृष राशि :- इष्ट-मित्रों से सुख, अधिकारियों से मेल-मिलाप होगा तथा रुके कार्य अवश्य होंगे।
मिथुन राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे, समय का लाभ होगा।
कर्क राशि :- भाग्य प्रबल हो, रुके कार्य बना लेवें, समस्याओं का समाधान बन ही जायेगा।
सिंह राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, कुटुम्ब की समस्यायें सुलझें, स्त्री-वर्ग से हर्ष होगा।
कन्या राशि :- भावनायें संवेदनशील रहें, कुटुम्ब से सुख व धन अवश्य प्राप्त होगा।
तुला राशि :- समय अनुकूल नहीं, स्वस्थ नरम रहे, किसी धारणा की अनदेखी अवश्य होगी।
वृश्चिक राशि :- स्त्री-शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी, स्वाभाव में असमर्थता अवश्य ही होगी।
धनु राशि :- आशानुकूल सफलता, स्थिति में सुधार, व्यावसाय गति उत्तम होगी।
मकर राशि :- धन का व्यर्थ व्यय, मानसिक उद्विघ्नता हानिप्रद होगी, ध्यान अवश्य रखें।
कुंभ राशि :- इष्ट-मित्र सहयोगी, कार्य बनेंगे, कार्यगति अनुकूल होगी, समय का ध्यान रखें।
मीन राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य अवश्य ही बन जायेंगे, समय का ध्यान रखें।
कुत्ते को रोटी खिलानें से शनि देव होते हैं प्रसन्न, अपमान करने से देते हैं भयंकर परिणाम
21 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश या दुनिया में जो भी होता है, किसी के साथ भी होता है, इसके पीछे आपके ग्रह होते हैं। हर कोई उस जानवर को चाहता है। ग्रह सभी को प्रभावित करते हैं, चाहे वह मनुष्य हो या पशु।
हर प्राणी हो या मनुष्य ग्रहों के प्रभाव में रहता है। इसमें आज हम बात करेंगे कुत्ते की, शनि, राहु, केतु ग्रहों को शांत रखने के लिए कुत्ता सबसे अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि कुत्ता पालने से शनि, राहु, केतु ग्रह शांत होते हैं। एक कुत्ता आपकी नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है। इसलिए घर में कुत्ता पालना काफी फायदेमंद बताया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि अगर आप अपने घर में काला कुत्ता पालते हैं तो इससे आपके सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। आइए जानें कि अगर आप घर में कुत्ता पालते हैं तो आपको किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
कुत्ते को कभी मत मारो
यह बात बिल्कुल सही है कि कुत्ते को कभी नहीं मारना चाहिए क्योंकि कुत्ते की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं, जब आप कुत्ते को मारते हैं तो शनिदेव नाराज हो सकते हैं।
कुत्ते को खिलाओ
मान्यता है कि कुत्ते को सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए। कुत्ते को रोटी खिलाने से शनि दोष दूर होता है और बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं।
कुत्ते की सेवा करें
कुत्ते की सेवा करनी चाहिए, इसके लिए आप घर में कुत्ता पाल सकते हैं, यदि कुत्ता नहीं रख सकते तो बाहर कुत्ते की सेवा कर सकते हैं, उसे खाना खिला सकते हैं और पानी पिला सकते हैं।
घर में कुत्ता पालने के फायदे
घर में कुत्ता होने से शनि और केतु शांत होते हैं। माना जाता है कि कुत्ता आपकी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है। यदि आप पर नजर लग जाती है तो कुत्ता भी उसे समाप्त कर देता है। काला कुत्ता शनि और केतु ग्रह से प्रभावित होता है।जैसे गाय की सेवा करते हैं और गाय को रोटी या चारा खिलाते हैं, वैसे ही कुत्ते की भी सेवा करें, इससे पुण्य मिलता है। किसी भी व्यक्ति या जानवर की मदद करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और हमेशा आप पर उनकी कृपा बनी रहती है।
इस बार सावन का एक महीना 59 दिनों का होगा, कब से कब तक होगा
21 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सावन के महीने का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि सावन के महीने में पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
इस साल सावन 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस वर्ष श्रावण मास अधिक होने के कारण दो माह का रहेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2023 में चार के बजाय आठ पूर्ण श्रावण सोमवार होंगे। कहा जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के महीने में कुछ उपाय किए जाएं तो भगवान शिव प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं, साथ ही सुख, धन, सम्मान आदि की प्राप्ति होती है।
सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें यह उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए रोजाना दूध से अभिषेक करना चाहिए। इससे वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मनचाहा फल देते हैं।
मान्यता है कि सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए. शिव को जल चढ़ाने का महत्व समुद्र मंथन से जुड़ा है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान विष पीने से शिव का कंठ नीला पड़ गया था। उसे प्रसन्न करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उसे जल अर्पित किया। इसलिए भगवान शिव की पूजा में जल चढ़ाया जाता है।
ज्ञात हो कि बिल्वपत्र के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी है। कहा जाता है कि बिल्वपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसलिए इनकी पूजा में बिल्वपत्र चढ़ाया जाता है, जिससे ये प्रसन्न होकर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा में आकृति को फूल चढ़ाने से सोने के दान के समान फल मिलता है।
धतूरा भगवान शिव को भी अति प्रिय है। शिवजी को धतूरा चढ़ाने से हर संकट दूर हो जाता है। यह भी कहा जाता है कि शिव को धतूरा चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है।
अच्छे दिन शुरू होने के पहले मिलते हैं 10 संकेत
21 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जीवन में कई तरह की समस्याएं और संकट है। हर कोई सेहतमंद और सुखी होना चाहता है। इसके लिए धन की जरूरत तो पड़ती ही है। हम कई बार ईश्वर से इसके लिए प्रार्थना करते हैं, ध्यान करते हैं या अपने कर्मो के प्रयास करते हैं परंतु हमारी प्रार्थना कब सुनी जाएगी या हमारे प्रयास कब सफल होंगे इसके हमें पहले से ही संकेत मिलना प्रारंभ हो जाते हैं।
1. पहला संकेत : अचानक से आपके घर में काले रंग की चिंटियां आकर वर्तुल बनाकर कुछ खाने लगे तो समझ लेना की आपके घर में महालक्ष्मीजी का आगमन होने वाला और आपको अपार धन मिलने वाला है। ऐसे में उन चिंटियों को नमस्कार करें और उन्हें शक्कर मिला आटा खिलाएं।
2. दूसरा संकेत : यदि आपके घर में कोई चिड़िया आकर घोंसला बना लें तो यह बहुत ही शुभ संकेत माना गया है। आप मान लें कि अब आपके घर में महालक्षमी का आगमन होने वाला है।
3. तीसरा संकेत : घर में यदि अचानक तीन छिपकलियां एक ही स्थान पर दिखाई दें तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। यह महालक्ष्मीजी के आगमन का संकेत है। यह भी कहते हैं कि यदि छिपकलियां एक दूसरे का पीछा करती हुई दिखाई दें तो यह घर की उन्नती का संकेत है। दीपावली के दिन तुलसी के पौधे में छिपकली का दिखाई देना तो अत्यंत ही शुभ माना जाता है। यह अपार धन मिलने का संकेत है।
4. चौथा संकेत : यदि आपकी दाहिनी हथेली में लगातार खुजली हो रही है तो यह भी धन प्राप्ति का शुभ संकेत है।
5. पांचवां संकेत : यदि सपने में झाडू, उल्लू, घड़ा, बंसी, हाथी, नेवला, शंख, छिपकली, तारा, सांप, गुलाब आदि दिखाई दे तो यह धन प्राप्ति का संकेत है।
6. छठा संकेत : ऐसा कहा जाता है कि सुबह उठते ही शंख की आवाज सुनाई दें और शाम को भी सुनाई दे तो यह महालक्ष्मी के आगमन का संकेत है।
7. सातवां संकेत : यदि आपको घर से बाहर जाते हैं गन्ना दिखाई दो तो यह भी धन प्राप्ति का संकेत है।
8. आठवां संकेत : मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू आपको अपने घर के बाहर बहुत दिन से दिखाई दे रहा हो तो मान लीजिये की आपके घर पर महालक्ष्मी का आगमन होने वाला है और आपको जल्द ही अपार धन की प्राप्ति होगी।
9. नौवां संकेत : यदि आप किसी काम से कहीं बाहर जा रहे हो और रास्ते में कोई कुत्ता अपने मुंह में खाने वाली कोई शाकाहारी चीज़ या रोटी लाता हुआ दिखाई देता है तो यह इस बात की ओर संकेत करता है कि आपको कहीं से धनलाभ होने वाला है।
10. दसवां संकेत : यदि आपको सुबह-सुबह घर से बाहर निकलते ही कोई झाडू लगाता दिखाई दे और ऐसा लगातार कई दिनों तक चलता रहे तो समझ लें कि आप बहुत जल्द धनवान बनने वाले हैं।
शंख से जुड़े ये उपाय दूर करेंगे हर परेशानी, मां लक्ष्मी भी होंगी मेहरबान
21 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में शंख को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया हैं ये माता लक्ष्मी को भी प्रिय हैं हिंदू धर्म में होने वाले सभी धार्मिक कार्यक्रम, पूजा पाठ और अनुष्ठान में शंख का प्रयोग उत्तम माना गया हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर शंख को घर में रखा जाए तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलते हैं साथ ही घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती हैं।
ज्योतिष में शंख से जुड़े कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती हैं साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा से धन संबंधी दिक्कतें भी दूर हो जाती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शंख से जुड़े अचूक और आसान उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
शंख से जुड़े उपाय-
मान्यता है कि अगर घर में शंख को स्थापित कर इसकी रोजाना विधिवत पूजा की जाए तो ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और पूरे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं जिससे घर में सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती हैं इसके अलावा अगर आप लंबे वक्त से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं या फिर कर्ज का बोझ सिर चढ़ गया हैं तो ऐसे में आप हर शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें पूजन के बाद शंख जरूर बजाएं। ऐसा करने से घर में बरकत होने लगती हैं।
साथ ही वास्तुदोष और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिल जाती हैं इसके अलावा अगर आपके घर में नकारात्मकता का वास रहता हैं जिस कारण घर में आए दिन क्लेश व झगड़े होते रहते हैं तो ऐसे में आप घर के सदस्यों की तरक्की व गृहक्लेश को समाप्त करने के लिए शंख में जल भकर इसे पूरे घर में छिड़कें। ऐसा करने से नकारात्मकता दूर हो जाती हैं।
आज शनि जयंती पर करें ये काम, पूरी होगी हर मुराद
20 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन शनि जयंती का पर्व बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता हैं इस बार शनि जयंती 19 मई दिन शुक्रवार यानी आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा हैं इसी दिन वट सावित्री का व्रत भी किया जा रहा हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी पावन दिन पर सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था ऐसे में इसे शनि जन्मोत्सव के तौर पर भी मनाया जाता हैं इस दिन भक्त भगवान शनिदेव की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं माना जाता हैं कि आज के दिन व्रत पूजन करने से शनि प्रसन्न होकर करते हैं शनि जयंती के दिन शनि मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ भी देखने को मिलती हैं।
इस दिन व्रत पूजन के अलावा अगर सच्ची श्रृद्धा और भाव के साथ श्री शनि रक्षा स्तवम् का पाठ किया जाए तो भगवान भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं और सुख समृद्धि व तरक्की का आशीर्वाद देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये पाठ।
श्री शनि रक्षा स्तवम्-
श्री नारद उवाच
ध्यात्वा गणपतिं राजा धर्मराजो युधिष्ठिरः ।
धीरः शनैश्चरस्येमं चकार स्तवमुत्तमम् ॥
विनियोगः
ॐ अस्य श्रीशनिस्तवराजस्य सिन्धुद्वीप ऋषिः । गायत्री छन्दः ।
श्रीशनैश्चर देवता । श्रीशनैश्चरप्रीत्यर्थे पाठे विनियोगः ॥
ऋष्यादिन्यासः
शिरसि सिन्धुद्वीपर्षये नमः । मुखे गायत्रीछन्दसे नमः ।
हृदि श्रीशनैश्चरदेवतायै नमः ।
सर्वाङ्गे श्रीशनैश्चरप्रीत्यर्थे विनियोगाय नमः ॥
स्तवः
शिरो मे भास्करिः पातु भालं छायासुतोऽवतु ।
कोटराक्षो दृशौ पातु शिखिकण्ठनिभः श्रुती ॥
घ्राणं मे भीषणः पातु मुखं बलिमुखोऽवतु ।
स्कन्धौ संवर्तकः पातु भुजो मे भयदोऽवतु ॥
सौरिर्मे हृदयं पातु नाभिं शनैश्चरोऽवतु ।
ग्रहराजः कटिं पातु सर्वतो रविनन्दनः ॥
पादौ मन्दगतिः पातु कृष्णः पात्वखिलं वपुः ॥
फलश्रुतिः
रक्षामेतां पठेन्नित्यं सौरेर्नामाबलैर्युतम् ।
सुखी पुत्री चिरायुश्च स भवेन्नात्र संशयः ॥
इति श्री शनि रक्षा स्तवः ॥
नवग्रहों की शुभता पाने के लिए जरूर करें ये आसान उपाय
20 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर व्यक्ति के जीवन में ग्रह नक्षत्र और कुंडली महत्वपूर्ण मानी जाती हैं ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली के ग्रह नक्षत्र अगर मजबूत है तो इसका शुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी देखने को मिलता हैं लेकिन अगर ग्रहों की स्थिति कमजोर हैं तो ऐसे में वे अशुभ असर डालते हैं जिससे जातक को जीवन में आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता हैं साथ ही तरक्की में भी बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
ज्योतिष अनुसार अगर कुंडली के नौ ग्रह शुभ होते हैं तो जातक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती हैं तो ऐसे में अगर आप भी नौ ग्रहों की शुभता पाना चाहते हैं तो रोजाना नियम से नवग्रह चालीसा का पाठ जरूर करें मान्यता है कि इस पाठ को करने से सभी ग्रहों की स्थिति मजबूत होती हैं और ये शुभ फल प्रदान करते हैं जिससे जीवन में शारीरिक, मानसिक और आर्थिक सुख के साथ तरक्की व सफलता के भी योग बनते हैं।
नवग्रह चालीसा-
।। दोहा ।।
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ।
जय जय रवि शशि सोम बुध,
जय गुरु भृगु शनि राज ।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ।
।। चौपाई ।।
।। श्री सूर्य स्तुति ।।
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।
।। श्री चन्द्र स्तुति ।।
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।
।। श्री मंगल स्तुति ।।
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।
।। श्री बुध स्तुति ।।
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।
।। श्री बृहस्पति स्तुति ।।
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।
।। श्री शुक्र स्तुति ।।
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।
।। श्री शनि स्तुति ।।
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।
।। श्री राहु स्तुति ।।
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।
।। श्री केतु स्तुति ।।
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।
।। नवग्रह शांति फल ।।
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ।
।। दोहा ।।
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ।
यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ।
किन 5 पारंपरिक पकवानों का लगाएं भोग
20 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वट सावित्री व्रत के दिन वट की पूजा के लिए दूध की खीर, हलवा, गुलगुले, पूरी, पंचामृत आदि बनाने के विधान है। इस दिन इन पकवानों से भगवान को भोग लगाया जाता है। आइए जानें किन 5 पकवानों का लगाएं भोग, पढ़ें सरल विधियां-
खीर
सामग्री : 2 लीटर गाढ़ा दूध, 2 मुट्ठी चावल, 1/4 कटोरी मेवा कतरन, 4 बड़े चम्मच शकर, 1/2 चम्मच पिसी इलायची, 3-4 लच्छे केसर दूध में भीगे हुए।
विधि : खीर बनाने से एक-दो घंटे पूर्व चावल धोकर पानी में गला दें। दूध को मोटे तले वाले बर्तन में डालकर गैस पर चढ़ा दें। चार-पांच उबाल लें। पूरा पानी निथार कर चावल को दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें और गाढ़ा होने तक पकाएं।
चावल पकने के बाद शकर डाल दें और शकर पिघलने तक लगातार चलाती रहें, बीच में छोड़े नहीं। अब इसमें मेवे की कतरन और पिसी इलायची डाल दें। अब कटोरी में रखी भीगी केसर को मैश कर दें और उबलते खीर में डाल दें। खीर अच्छी गाढ़ी होने के पश्चात गैस बंद कर दें। तैयार खीर से भोग लगाएं।
पंचामृत
सामग्री : 250 मिली गाय का ताजा दूध, 2 टेबल स्पून मिश्री (पिसी), 1 टेबल स्पून शहद, 1 टी स्पून देशी घी, 2 टेबल स्पून ताजा दही, कुछ तुलसी के पत्ते, केले की कतलें (ऐच्छिक)।
विधि : दूध में पिसी मिश्री, शहद, दही एवं घी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। इसमें तुलसी के पत्ते एवं केले की कतलें मिलाएं। पंचामृत तैयार है।
आटे का हलवा
सामग्री : 100 ग्राम गेहूं आटा, 100 ग्राम चीनी, 1 बड़ा चम्मच शुद्ध घी, इलायची पाउडर, 4-5 केसर के लच्छे, मेवे की कतरन।
विधि : एक कड़ाही में घी गरम करके आटा डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेकें। एक बर्तन में अलग से पानी गरम करके आटे में डाल कर जल्दी-जल्दी चलाएं। थोड़ा गाढ़ा होने पर चीनी मिलाएं और चलाएं। ऊपर इलायची पाउडर, मेवे की कतरन डाल दें। जब हलुआ घी छोड़ने लगे तब उतार लें। लीजिए तैयार है आटे का शाही हलुआ। तैयार हलवा का भगवान को नैवेद्य दिखाकर फिर परोसें।
मीठे गुलगुले
सामग्री : 250 ग्राम गेहूं का आटा, 100 ग्राम शकर, एक चम्मच इलायची पाउडर, एक छोटी चम्मच खसखस, तलने के लिए तेल।
विधि : सबसे पहले आटे शकर डालकर उसका गाढ़ा घोल करके आधे घंटे के लिए रख दें। तत्पश्चात उसमें इलायची पाउडर, खसखस के दाने डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। अब एक कड़ाही में तेल गरम करके तैयार मिश्रण के गोल-गोल कुरकुरे गुलगुले पकौड़े तल लें। लीजिए तैयार है मीठे गुलगुले।
पूरी
पूरी सामग्री : 200 ग्राम गेहूं का आटा, आधा चम्मच शकर, थोड़ा-सा नमक और तेल अथवा घी।
विधि : आटे और नमक को साथ में छान लें, उसमें छोटा आधा चम्मच शकर डालें। एक बड़ा चम्मच घी अथवा तेल का मोयन मिलाएं। पानी के साथ आटे के टाइट गूंथ लें। अपनी पसंद के अनुसार आटे की गोलियां बना लें। अब पूरी बेलकर गरम तेल में तल लें और भगवान को नैवेद्य दिखाएं।
पूजन स्थल पर कभी ना रखें देवी-देवताओं की ऐसी प्रतिमा, धन-धान्य की होती है हानि
20 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता हैं और इसमें व्यक्ति के जीवन और उससे जुड़ी चीजों के रख रखाव के बारे में बताया गया हैं जिसका अगर पालन किया जाए तो सकारात्मक परिणाम मिलता हैं लेकिन अनदेखी समस्याओं को पैदा करती हैं।
वास्तुशास्त्र में घर के पूजन स्थल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं जिसके अनुसार मंदिर में देवी देवताओं की कुछ मूर्तियों को भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। वरना घर का माहौल नकारात्मकता से भर जाता है जिसके कारण व्यक्ति को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता हैं साथ ही धन धान्य की भी हानि होती हैं तो आइए जानते हैं कि वो कौन सी चीजें हैं।
पूजन स्थल से जुड़े नियम-
वास्तु अनुसार घर के मंदिर में भूलकर भी देवी देवताओं की खंडित प्रतिमा को नहीं स्थापित करना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता हैं तो उसे पूजन का पूर्ण फल नहीं मिलता हैं इसके साथ ही भगवान की रौद्र रूप की प्रतिमा या तस्वीर को भी नहीं रखना चाहिए। हमेशा पूजन स्थल में भगवान की सौम्य रूप वाली व आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्तियों को ही स्थापित करना चाहिए ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहती हैं। वास्तु की मानें तो घर के पूजन स्थल का स्थान उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में होना चाहिए। क्योंकि इन दिशाओं में देवी देवताओं का वास होता हैं और मंदिर का मुख कभी भी उत्तर या दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए इसे शुभ नहीं माना जाता हैं।
अगर आपने पूजन स्थल पर शिवलिंग की स्थापना की हैं तो ऐसे में शिवलिंग का आकार अंगूठे से अधिक नहीं होना चाहिए या तो अंगूठे के बराबर हो या फिर इससे छोटा होना चाहिए। घर के पूजन स्थल पर बड़ा शिवलिंग रखना शुभ नहीं माना जाता हैं। इसके अलावा शिव के नटराज स्वरूप वाली प्रतिमा को भी घर में नहीं रखना चाहिए।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (20 मई 2023)
20 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मानसिक बेचैनी, दुर्घटनाग्रस्त होने से बचें तथा अधिकारियों से तनाव बनेगा।
वृष राशि :- योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन जुटायें, विशेष लाभ होगा।
मिथुन राशि :- अचानक उपद्रव कष्टप्रद होगा, विशेष कार्य स्थगित रखें, कार्य अवरोध होगा।
कर्क राशि :- परिश्रम से कुछ सफलता मिले, कार्य-व्यवस्था की विशेष चिन्ता बनेगी।
सिंह राशि :- किसी अपवाद व दुर्घटना से बचें, व्यावसायिक क्षमात में बाधा होगी।
कन्या राशि :- व्यावसायिक गति उत्तम बनेगी, चिन्ता कम होगी, अवरोध के बाद कार्य बनेंगे।
तुला राशि :- मानसिक बेचैनी, उद्विघ्नता के योग बनें तथा कुटुम्ब में क्लेश व अशांति होगी।
वृश्चिक राशि :- सामर्थ्य वृद्धि के बाद तनाव, झगड़ा-झंझट अवश्य बनेगी, ध्यान दें।
धनु राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें कष्टप्रद हों, तनाव तथा धन का व्यर्थ व्यय होगा।
मकर राशि :- योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन अवश्य जुटायें तथा कार्य बन जायेंगे।
कुंभ राशि :- स्वभाव में खिन्नता, मानसिक बेचैनी, अनेक कार्य बिगड़ सकते हैं।
मीन राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति बनेगी, परिश्रम विफल होगा, कार्यगति मंद होगी।
रोजाना पूजा में करें ये काम, दुख-दरिद्रता का होगा नाश
19 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई अपने जीवन में सुख शांति चाहता हैं इसके लिए लोग खूब प्रयास भी करते हैं लेकिन अगर फिर भी परेशानियों व दुखों का सामना करना पड़ रहा हैं तो ऐसे में आप रोजाना भगवान भैरव की विधिवत पूजा करते हैं।
इस साथ ही स्वर्णाकर्षण भैरव स्तोत्रम् का पाठ करें मान्यता है कि इस चमत्कारी पाठ को करने से दुख दरिद्रता का नाश हो जाता हैं और सुख सम्पत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये शक्लिशाली पाठ।
स्वर्णाकर्षण भैरव स्तोत्रम्-
ॐ अस्य श्रीस्वर्णाकर्षणभैरवस्तोत्रं मन्त्रस्य बह्मऋषिः
अनुष्टुप् छन्दः श्रीस्वर्णाकर्षणभैरवदेवता
ह्रीं बीजं क्लीं शक्तिः सः कीलकं मम दारिद्र्य नाशार्थे पाठ विनियोगः ।
ऋष्यादिन्यासः
ब्रह्मर्षये नमः शिरसि ।
अनुष्टुप्छन्दसे नमः मुखे ।
स्वर्णाकर्षणभैरवाय नमः हृदि ।
ह्रीं बीजाय नमः गुह्ये ।
क्लीं शक्तये नमः पादयोः ।
सः कीलकाय नमः नाभौ ।
विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे ।
ह्रां ह्रीं ह्रूं इति कर षडङ्गन्यासः ॥
अथ ध्यानम् -
पारिजात द्रुम कान्तारे स्थिते माणिक्यमण्डपे
सिंहासन गतं वन्दे भैरवं स्वर्णदायकं
गाङ्गेय पात्रं डमरूं त्रिशूलं वरं करः सन्दधतं त्रिनेत्रं
देव्यायुतं तप्तस्वर्णवर्ण स्वर्णाकर्षणभैरवमाश्रयामि ॥
मन्त्रः
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय ह्रां ह्रीं ह्रूं
अजामल वद्धाय लोकेश्वराय स्वर्णाकर्षणभैरवाय
मम दारिद्र्य विद्वेषणाय महाभैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐम् ।
अथ स्तोत्रम् -
ॐ नमस्ते भैरवाय ब्रह्मविष्णुशिवात्मने ।
नमस्त्रैलोक्य वन्ध्याय वरदाय वरात्मने ॥ १॥
रत्नसिंहासनस्थाय दिव्याभरण शोभिने ।
दिव्यमाल्यविभूषाय नमस्ते दिव्यमूर्तये ॥ २॥
नमस्तेऽनेक हस्ताय अनेक शिरसे नमः ।
नमस्तेऽनेक नेत्राय अनेक विभवे नमः ॥ ३॥
नमस्तेऽनेक कण्ठाय अनेकांसाय ते नमः ।
नमस्तेऽनेक पार्श्वाय नमस्ते दिव्य तेजसे ॥ ४॥
अनेकायुध युक्ताय अनेक सुर सेविने ।
अनेक गुण युक्ताय महादेवाय ते नमः ॥ ५॥
नमो दारिद्र्यकालाय महासम्पद्प्रदायिने ।
श्रीभैरवी संयुक्ताय त्रिलोकेशाय ते नमः ॥ ६॥
दिगम्बर नमस्तुभ्यं दिव्याङ्गाय नमो नमः ।
नमोऽस्तु दैत्यकालाय पापकालाय ते नमः ॥ ७॥
सर्वज्ञाय नमस्तुभ्यं नमस्ते दिव्यचक्षुषे ।
अजिताय नमस्तुभ्यं जितमित्राय ते नमः ॥ ८॥
नमस्ते रुद्ररूपाय महावीराय ते नमः ।
नमोऽस्त्त्वनन्तवीर्याय महाघोराय ते नमः ॥ ९॥
नमस्ते घोरघोराय विश्वघोराय ते नमः ।
नमः उग्राय शान्ताय भक्तानां शान्तिदायिने ॥ १०॥
गुरवे सर्वलोकानां नमः प्रणवरूपिणे ।
नमस्ते वाग्भवाख्याय दीर्घकामाय ते नमः ॥ ११॥
नमस्ते कामराजाय योषितकामाय ते नमः ।
दीर्घमायास्वरूपाय महामायाय ते नमः ॥ १२॥
सृष्टिमायास्वरूपाय निसर्गसमयाय ते ।
सुरलोकसुपूज्याय आपदुद्धारणाय च ॥ १३॥
नमो नमो भैरवाय महादारिद्र्यनाशिने ।
उन्मूलने कर्मठाय अलक्ष्म्याः सर्वदा नमः ॥ १४॥
नमो अजामलवद्धाय नमो लोकेश्वराय ते ।
स्वर्णाकर्षणशीलाय भैरवाय नमो नमः ॥ १५॥
मम दारिद्र्य विद्वेषणाय लक्ष्याय ते नमः ।
नमो लोकत्रयेशाय स्वानन्दं निहिताय ते ॥ १६॥
नमः श्रीबीजरूपाय सर्वकामप्रदायिने ।
नमो महाभैरवाय श्रीभैरव नमो नमः ॥ १७॥
धनाध्यक्ष नमस्तुभ्यं शरण्याय नमो नमः ।
नमः प्रसन्न आदिदेवाय ते नमः ॥ १८॥
नमस्ते मन्त्ररूपाय नमस्ते मन्त्ररूपिणे ।
नमस्ते स्वर्णरूपाय सुवर्णाय नमो नमः ॥ १९॥
नमः सुवर्णवर्णाय महापुण्याय ते नमः ।
नमः शुद्धाय बुद्धाय नमः संसारतारिणे ॥ २०॥
नमो देवाय गुह्याय प्रचलाय नमो नमः ।
नमस्ते बालरूपाय परेषां बलनाशिने ॥ २१॥
नमस्ते स्वर्ण संस्थाय नमो भूतलवासिने ।
नमः पातालवासाय अनाधाराय ते नमः ॥ २२॥
नमो नमस्ते शान्ताय अनन्ताय नमो नमः ।
द्विभुजाय नमस्तुभ्यं भुजत्रयसुशोभिने ॥ २३॥
नमोऽनमादि सिद्धाय स्वर्णहस्ताय ते नमः ।
पूर्णचन्द्रप्रतीकाश वदनाम्भोजशोभिने ॥ २४॥
नमस्तेऽस्तुस्वरूपाय स्वर्णालङ्कारशोभिने ।
नमः स्वर्णाकर्षणाय स्वर्णाभाय नमो नमः ॥ २५॥
नमस्ते स्वर्णकण्ठाय स्वर्णाभाम्बरधारिणे ।
स्वर्णसिंहानस्थाय स्वर्णपादाय ते नमः ॥ २६॥
नमः स्वर्णभपादाय स्वर्णकाञ्चीसुशोभिने ।
नमस्ते स्वर्णजङ्घाय भक्तकामदुधात्मने ॥ २७॥
नमस्ते स्वर्णभक्ताय कल्पवृक्षस्वरूपिणे ।
चिन्तामणिस्वरूपाय नमो ब्रह्मादिसेविने ॥ २८॥
कल्पद्रुमाघः संस्थाय बहुस्वर्णप्रदायिने ।
नमो हेमाकर्षणाय भैरवाय नमो नमः ॥ २९॥
स्तवेनानेन सन्तुष्टो भव लोकेश भैरव ।
पश्य मां करुणादृष्ट्या शरणागतवत्सल ॥ ३०॥
श्री महाभैरवस्येदं स्तोत्रमुक्तं सुदुर्लभम् ।
मन्त्रात्मकं महापुण्यं सर्वेश्वर्यप्रदायकम् ॥ ३१॥
यः पठेन्नित्यमेकाग्रं पातकै स प्रमुच्यते ।
लभते महतीं लक्ष्मीमष्टैश्वर्यमवाप्नुयात् ॥ ३२॥
चिन्तामणिमवाप्नोति धेनु कल्पतरुं ध्रुवम् ।
स्वर्ण राशिमवाप्नोति शीघ्नमेव न संशयः ॥ ३३॥
त्रिसन्ध्यं यः पठेत्स्तोत्रं दशावृत्या नरोत्तमः ।
स्वप्ने श्री भैरवस्तस्य साक्षाद्भूत्वा जगद्गुरुः ॥ ३४॥
स्वर्णराशि ददात्यस्यै तत्क्षणं नात्र संशयः ।
अष्टावृत्या पठेत् यस्तु सन्ध्यायां वा नरोत्तमम् ॥ ३५॥
लभते सकलान् कामान् सप्ताहान्नात्र संशयः ।
सर्वदः यः पठेस्तोत्रं भैरवस्य महात्मनाः ॥ ३६॥
लोकत्रयं वशीकुर्यादचलां लक्ष्मीमवाप्नुयात् ।
नभयं विद्यते क्वापि विषभूतादि सम्भवम् ॥ ३७॥
म्रियते शत्रवस्तस्य अलक्ष्मी नाशमाप्नुयात् ।
अक्षयं लभते सौख्यं सर्वदा मानवोत्तमः ॥ ३८॥
अष्ट पञ्चाद्वर्णाढ्यो मन्त्रराजः प्रकीर्तितः ।
दारिद्र्य दुःखशमनः व स्वर्णाकर्षण कारकः ॥ ३९॥
य एन सञ्चयेद्धीमान् स्तोत्रं वा प्रपठेत् सदा ।
महा भैरव सायुज्यं स अन्तकालेलभेद् ध्रुवम् ॥ ४०॥
॥ इति रुद्रयामलतन्त्रे स्वर्णाकर्षणभैरवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
बरगद के ये आसान उपाय कराएंगे धन वर्षा, नहीं रहेगी कोई कमी
19 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई अपने जीवन में धनवान बनना चाहता हैं इसके लिए लोग दिनों रात मेहनत भी करते हैं लेकिन फिर भी अगर उन्हें मनमुताबिक फल की प्राप्ति नहीं होती हैं या फिर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में व्यक्ति निराश और परेशान हो जाता हैं।
अगर आप भी धन संकट से जूझ रहे हैं या फिर धनवान बनने की इच्छा हैं तो ऐसे में आप बरगद से जुड़ा उपाय कर सकते हैं शास्त्रों में बरगद के वृक्ष को बेहद पूजनीय माना गया हैं इसमें त्रिदेवों का वास होता हैं ऐसे में वट वृक्ष से उपाय अगर सच्चे मन से किए जाए धन वर्षा होती हैं और जीवन में कोई कमी नहीं रहती हैं तो आज हम आपको वट वृक्ष से जुड़े उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बरगद के आसान उपाय-
अगर आपकी कोई विशेष इच्छा है जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं तो ऐसे में आप अपनी मनोकामना को मन में कहते हुए बरदग के पेड़ की विधिवत पूजा करें और चारों ओर धागा लपेटें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से हर इच्छा पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा अगर आपको बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा हैं या फिर मनचाही नौकरी नहीं मिल रही है तो ऐसे में आप बरगद के पेड़ के नीचे घी का एक दीपक जलाएं। इस उपाय को अगर लगातार किया जाए तो सभी काम बनने लगते हैं साथ ही मनचाही नौकरी की इच्छा भी पूरी हो जाती हैं।
अगर आप लंबे वक्त से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और इससे छुुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में आप शुक्रवार के दिन वट वृक्ष का एक साबुत पत्ता लेकर उस पर गीली हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद इस पत्ते को अपने घर के पूजन स्थल या धन रखने वाली जगह पर रख दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन लाभ के योग बनने लगते हैं।
संध्याकाल पूजा में करें ये काम, मां तुलसी का मिलेगा आशीर्वाद
19 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता हैं। इस धर्म को मानने वाले अधिकतर घरों में यह पौधा लगा होता हैं और लोग रोजाना इसकी पूजा करते हैं और संध्याकाल में घी का दीपक जलाते हैं मान्यता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता हैं और ये पौधा श्री हरि विष्णु को बेहद प्रिय हैं।
ऐसे में अगर आप भी तुलसी माता की कृपा पाना चाहते हैं तो रोजाना पूजा पाठ के साथ श्री तुलसी स्तोत्र का पाठ जरूर करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और देवी तुलसी की कृपा बरसती हैं जिससे धन धान्य की कमी दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि बढ़ती हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री तुलसी स्तोत्र।
श्री तुलसी स्तोत्र-
जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।
यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥
नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।
नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥
तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा ।
कीर्तिता वापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥
नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुं ।
यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्याः मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥
तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरं ।
या विनर्हन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः ॥
नमस्तुलस्यतितरां यस्यै बद्धाञ्जलिं कलौ ।
कलयन्ति सुखं सर्वं स्त्रियो वैश्यास्तथाऽपरे ॥
तुलस्या नापरं किञ्चिद्दैवतं जगतीतले ।
यथा पवित्रितो लोको विष्णुसङ्गेन वैष्णवः ॥
तुलस्याः पल्लवं विष्णोः शिरस्यारोपितं कलौ ।
आरोपयति सर्वाणि श्रेयांसि वरमस्तके ॥
तुलस्यां सकला देवा वसन्ति सततं यतः ।
अतस्तामर्चयेल्लोके सर्वान् देवान् समर्चयन् ॥
नमस्तुलसि सर्वज्ञे पुरुषोत्तमवल्लभे ।
पाहि मां सर्व पापेभ्यः सर्वसम्पत्प्रदायिके ॥
इति स्तोत्रं पुरा गीतं पुण्डरीकेण धीमता ।
विष्णुमर्चयता नित्यं शोभनैस्तुलसीदलैः ॥
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी ।
धर्म्या धर्मानना देवी देवदेवमनःप्रिया ॥
लक्ष्मीप्रियसखी देवी द्यौर्भूमिरचला चला ।
षोडशैतानि नामानि तुलस्याः कीर्तयन्नरः ॥
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत् ।
तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरिप्रिया ॥
तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।
नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥
इति श्रीपुण्डरीककृतं तुलसी स्तोत्र॥
कब रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, जानें भगवान कार्तिकेय की पूजा विधि और महत्व
19 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू मान्यता के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली स्कंद षष्ठी तिथि पर विधि-विधान से भगवान कार्तिकेय के लिए व्रत और पूजन करने पर साधक को मनचाहा फल प्राप्त होता है.
मान्यता है कि इसी पावन तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था. यही कारण है कि लोग इस तिथि पर उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं. पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि स्कंद षष्ठी कहलाती है. मई महीने में यह पावन तिथि 25 मई 2023 को पड़ेगी.
भगवान कार्तिकेय जी की पूजा और व्रत उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में ज्यादा रखा जाता है. दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को मुरुगन के नाम से पूजा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान मुरुगन देवताओं के सेनापति हैं, जो अपने भक्तों को बड़े से बड़े संकट से पलक झपकते बाहर निकाल लाते हैं.
स्कंद षष्ठी पर कैसे करें पूजा
स्कंद षष्ठी तिथि पर भगवान कार्तिकेय की पूजा करने के लिए सुबह सूर्यादय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद भगवान कार्तिकेय के बाल स्वरूप की फोटो या मूर्ति को जल से पवित्र करने के बाद उन्हें पुष्प, चंदन, धूप, दीप, फल, मिष्ठान, वस्त्र, आदि चढ़ाएं और उसके बाद स्कंद षष्ठी व्रत की कथा पढ़ें. भगवान कार्तिकेय के साथ माता पार्वती और महादेव की पूजा जरूर करें. पूजा के अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती करें और पूजा में भूलचूक की माफी मांगते हुए अपनी मनोकामना कहें.
स्कंद षष्ठी की पूजा का महाउपाय
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान कार्तिकेय को मोरपंख बहुत पसंद है क्योंकि मोर उनकी सवारी है. ऐसे में स्कंद षष्ठी की पूजा में साधक को विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय को मोर पंख अर्पित करना चाहिए.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (19 मई 2023)
19 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- बेचैनी, उद्विघ्नता से बचिये, सोचे कार्य समय पर पूरे होंगे, कार्य अवश्य ही बनेंगे।
वृष राशि :- चिन्तायें कम हों, सफलता के साधन जुटायें, अचानक लाभ के योग अवश्य ही बनेंगे।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन बनेंगे, अचानक लाभ के योग अवश्य ही बन जायेंगे।
कर्क राशि :- व्यर्थ धन का व्यय, समय व शांति नष्ट होगी, विघटनकारी तत्व परेशान करें।
सिंह राशि :- भोग-एश्वर्य, स्वास्थ्य नरम रहे तथा विरोधी वर्ग अवश्य परेशान करेंगे।
कन्या राशि :- समय व धन नष्ट होगा, क्लेश व अशांति से बचिये, यात्रा से कष्ट, चिन्ता अवश्य होगी।
तुला राशि :- परिश्रम से सफलता के कार्य अवश्य ही जुटायें, कार्य बाधा, अवरोध होगा।
वृश्चिक राशि :- चोटादि से बचिये, क्लेश व अशांति से बचिये, समय नष्ट होगा।
धनु राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, क्लेश व अशांति से बचिये, समय नष्ट होगा।
मकर राशि :- समय नष्ट हो, चिन्ता व यात्रा, व्याग्रता, स्वास्थ्य नरम-गरम होगा।
कुंभ राशि :- आकस्मिक घटना से चोटादि का भय होगा, समय का ध्यान अवश्य रखें।
मीन राशि :- अधिकारियों से कष्ट, इष्ट-मित्र सहायक न होंगे, समय व धन नष्ट होगा।