धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
बिहार के काशी में बाबा उमानाथ की चमत्कारिक घटना जान, आप भी हो जाएंगे हैरान
4 Jan, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तरायण गंगा के तट पर स्थित 'बाढ़' नगर अपने अतीत में सदियों पुराने गौरवमयी इतिहास को छिपाए हुए है। गंगा तट पर होने के कारण ही इसे 'बिहार का काशी' कहा जाता है और यह एक प्राचीन तीर्थ के रूप में विख्यात है।
बाढ़ नगर 1865 में बना बिहार का सबसे पुराना अनुमंडल है। यह राजधानी पटना से मात्र 64 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने के लिए रेल और सड़क मार्ग दोनों सुलभ हैं। बाढ़ का सबसे प्राचीन और विश्वविख्यात उमानाथ (शिव) मंदिर गंगा के तट पर ही स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी कामना पूर्ति के लिए यहां गंगा स्नान व भगवान शिव के दर्शन करते हैं। इस प्राचीन तीर्थ स्थल की चर्चा गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस के उत्तरकांड में की है।
मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान श्रीराम ने शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद पिंडदान हेतु गया की ओर प्रस्थान किया था। भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस स्थान पर शिव की पूजा-अर्चना की थी। कहते हैं कि उमानाथ मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में किया गया था।
कुछ विद्वानों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। प्राचीनकाल में उत्तरायण गंगा के तट पर ऋषि-मुनि तप किया करते थे। तप व यज्ञों में असुर प्राय: विघ्न डाला करते थे, जिनके अत्याचार से ऋषि-मुनि त्रस्त थे। साधु-संतों को असुरों से मुक्ति दिलाने हेतु बिजली की चमक व भूतल की गड़गड़ाहट में एक मनोरम और दैदीप्यमान शिवलिंग का प्रादुर्भाव हुआ, जिसके गुण एवं प्रभाव को देखकर दैत्य वहां से हमेशा-हमेशा के लिए पाताल लोक चले गए।
History of Umanath Temple: मंदिर में स्थापित शिवलिंग के विषय में कहा जाता है कि एक सौ वर्ष पूर्व मंदिर में स्थापित शिवलिंग को उखाड़कर मंदिर के बीचों-बीच स्थापित करने की योजना यहां के पुजारियों और स्थानीय लोगों ने बनाई। शिवलिंग के किनारे-किनारे खुदाई का कार्य प्रारंभ करवाया गया और पचास फुट तक की खुदाई हो गई। इसी बीच एक चमत्कारिक घटना घटी कि शिवलिंग का आकार कमल की पंखुड़ियों के समान मोटा और लम्बा होता गया किन्तु शिवलिंग का अंत नहीं मिल रहा था। खुदाई के दौरान ही गड्ढे से काफी संख्या में सांप और बिच्छु के साथ एक कलश में जलता हुआ दीपक निकला।
यह देख कर खुदाई करने वाले मजदूर घबरा गए। एक रात स्वप्न में आकर सदाशिव ने खुदाई करने वाले लोगों को सावधान किया कि वे आदि उमानाथ हैं। उनकी प्रतिमा की खुदाई तुरंत बंद करें। लोगों ने अगली सुबह ही खुदाई बंद करवा दी।
मुगल बादशाह जहांगीर ने मनोकामना पूर्ण होने पर उमानाथ मंदिर को 270 एकड़ भूमि दान दी थी। सर गणेश दत्त सिंह द्वारा उमानाथ मंदिर में स्वर्ण कलश व ध्वज स्थापित किए गए। गिद्धौर महाराज ने भी उमानाथ मंदिर को दान दिया था। अनंत श्री ब्रह्मलीन पूज्यपाद धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज प्राय: उमानाथ आया करते थे। विख्यात मैथिली कवि और भगवान शंकर के परम भक्त विद्यापति दरभंगा महाराज केसवारी से प्रत्येक वर्ष उमानाथ दर्शनार्थ आया करते थे।
पद्म श्री ज्योतिषाचार्य पं. विष्णुकांत जी उमानाथ आकर शिव की पूजा अर्चना की एवं उमानाथ के संबंध में विस्तृत वर्णन किया था। डा. राजेंद्र प्रसाद ने भी बाबा उमानाथ के दर्शन किए थे। उमानाथ मंदिर के प्राचीन और धार्मिक महत्व के विषय में अंग्रेज इतिहासकारों ने भी अपनी पुस्तकों में चर्चा की है।
उमानाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय राजा मान सिंह को जाता है। सन् 1934 में आए विनाशकारी भूकंप से इस मंदिर के अधिकांश भाग क्षतिग्रस्त हो गए थे। आज भी प्राचीन स्थापत्य काल के सुंदर और बेजोड़ नमूनों के अवशेष मंदिर प्रांगण में मौजूद हैं। इस मंदिर से कुछ ही दूरी पर सती का मंदिर है, जिसके संबंध में कहा जाता है कि पति की मृत्यु हो जाने पर जब एक स्त्री पति की चिता पर बैठ गई तो अंग्रेज अफसरों ने उसे जबरन चिता से उठाकर जेल में डाल दिया और जेल में ही सती आकाशीय बिजली से जल कर भस्म हो गई। इस प्रकार तीन सौ वर्षों के अंतराल में तीन माताएं सती हुईं।
इसी महता के कारण ही सतियों की स्मृति में मंदिर का निर्माण करवाया गया। इसी मंदिर की बगल में है श्मशान। उत्तरायण गंगा प्रवाहित होने के कारण ही सती स्थान (शमशान) में प्रदेश के दूरदराज से व प्रदेश से बाहर के लोग शव को जलाने यहां आते हैं। शमशान के निकट ही है भूतनाथ मंदिर, जहां तंत्र-मंत्र से जुड़े लोग तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करते हैं। उमानाथ मंदिर के अतिरिक्त कई धार्मिक महत्व के मंदिर गंगा तट पर स्थित हैं, जिनमें अलखनाथ, सीढ़ी घाट, गौरी शंकर, गोपी नाथ, अमृत देव, रामजनकी मंदिर विशेष दर्शनीय हैं और धार्मिक महत्व रखते हैं। बाढ़ से पांच किलोमीटर दूर पंडारक में स्थित है प्राचीन पुण्यार्क सूर्य मंदिर। इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र सांबा ने यहां आकर भगवान सूर्य की आराधना की थी और कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई थी। इस सूर्य मंदिर का निर्माण भी सांबा ने ही करवाया था।
Granary of Bihar: व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह नगर अपना विशेष महत्व रखता है। क्षेत्र में दलहन की अधिक पैदावार के कारण फतुहां से बड़हिया तक के क्षेत्र को 'ग्रेनरी आफ बिहार' कहा जाता है। कभी यहां गुलाब और चमेली का भारी मात्रा में उत्पादन होता था और इसका निर्यात देश के विभिन्न हिस्सों में किया जाता था। आज भी यहां दलहन और लाल मिर्च का उत्पादन काफी अधिक होता है। यहां की रामदाने की लाई भी अपनी मिठास और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। पटना से हावड़ा की रेलयात्रा के दौरान बाढ़ की लाई आपको अवश्य मिल जाएगी।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (4 जनवरी 2023)
4 Jan, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- इष्ट मित्रों से धोखे की संभावना है सतर्कता से विरोध के बाद भी लाभ होगा।
वृष राशि :- समय हर्ष-उत्साह से बीतेगा धन लाभ अधिकारी वर्ग का समर्थन फलप्रद होगा।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटायेंगे तनावपूर्ण स्थिति से बचिये समय का ध्यान रखें।
कर्क राशि :- स्थिति में सुधार होगा स्त्री वर्ग से हर्ष व्यवसायिक क्षमता अनुकूल होगी।
सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष समय स्थिति को देखकर कार्य अवश्य करें।
कन्या राशि :- धन का व्यर्थ व्यय होगा दूसरों के कार्य में हस्ताक्षेप करने से तनाव अवश्य होगा।
तुला राशि :- कार्यगति अनुकूल होगी आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा मित्र सहयोग करेंगे।
वृश्चिक राशि :- सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा प्रभुत्व वृद्धि एवं कार्य कुशलता से संतोष होगा।
धनु राशि :- कार्य कुशलता से हर्ष योजना फलीभूत होगी रुके कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
मकर राशि :- अधिकारियों के कोप से बचें तनाव व क्लेश रहेगा आवेग व अशांति की स्थिति में धैर्य से काम लें।
कुंभ राशि :- उदविघ्नता व असमंजस का वातावरण रहने से मन क्लेशयुक्त रहेगा शांति व धैर्य रखें।
मीन राशि :- बिगड़े हुये कार्य बनेंगे योजनायें फलीभूत होंगी सफलता के साधन जुटायें।
साल 2023 की पहली एकादशी आज, जानें लें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
2 Jan, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पौष पुत्रदा एकादशी साल 2023 की पहली एकादशी है. पौष पुत्रदा एकादशी से महीने की शुरुआत काफी अच्छी होने जा रही है. पुत्रदा एकादशी पौष मास में आती है इसलिए इसे पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.
हिंदुओं में प्रत्येक एकादशी का विशेष महत्व है. लोग एकादशी के दिन भगवान विष्णु की भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं. पौष मास पुत्रदा एकादशी 02 जनवरी 2023 यानी आज मनाई जा रही है.
पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Paush Putrada Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
पौष पुत्रदा एकादशी 01 जनवरी 2023 को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन 02 जनवरी 2023 यानी आज शाम 08 बजकर 23 मिनट पर होगा. पौष पुत्रदा एकादशी का पारण 03 जनवरी 2023 को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से 09 बजकर 25 मिनट तक होगा. उदयातिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी आज यानी 02 जनवरी 2023 को ही मनाई जा रही है.
पौष पुत्रदा एकादशी पूजन विधि(Paush Putrada Ekadashi 2023 Pujan Vidhi)
पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले लोगों को व्रत से पहले दशमी के दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. व्रती को संयमित और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें. इसके बाद गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल पंचामृत से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए. इस व्रत में व्रत रखने वाले बिना जल के रहना चाहिए. यदि व्रती चाहें तो संध्या काल में दीपदान के पश्चात फलाहार कर सकती हैं. व्रत के अगले दिन द्वादशी पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए.
पौष पुत्रदा एकादशी महत्व (Paush Putrada Ekadashi 2023 Importance)
'पुत्रदा' शब्द का अर्थ है 'पुत्रों का दाता' और चूंकि यह एकादशी 'पौष' के हिंदू महीने के दौरान आती है, इसे 'पौष पुत्रदा एकादशी' के नाम से जाना जाता है. साल में दो पुत्रदा एकादशी आती हैं. पहली पुत्रदा एकादशी पौष मास में और दूसरी पुत्रदा एकादशी श्रावण मास में आती है. यह एकादशी मुख्य रूप से उन दंपतियों द्वारा मनाई जाती है जो पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं. जो भक्त बड़ी श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत करते हैं, भगवान विष्णु भक्तों को सुख, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं. दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में, पौष पुत्रदा एकादशी को 'वैकुंठ एकादशी', 'स्वर्गावथिल एकादशी' या 'मुक्तकोटि एकादशी' के रूप में मनाया जाता है.
पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भूलकर न करें ये गलतियां
1. एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें. तुलसी के पत्तों को एकादशी से एक दिन पहले तोड़ सकते हैं और इसे ताजा रखने के लिए रात भर पानी में रख सकते हैं.
2. मांसाहारी भोजन, प्याज और लहसुन का सेवन न करें क्योंकि यह भोजन तामसिक खाने में आता है.
3. इस दिन शराब और सिगरेट का सेवन न करें.
4. दूसरों के बारे में बुरा न बोलें.
5. एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि चावल का सेवन करना अशुभ माना जाता है.
पौष पुत्रदा एकादशी कथा
किसी समय भद्रावती नगर में राजा सुकेतु का राज्य था. उसकी पत्नी का नाम शैव्या था. संतान नहीं होने की वजह से दोनों पति-पत्नी दुखी रहते थे. एक दिन राजा और रानी मंत्री को राजपाठ सौंपकर वन को चले गये. इस दौरान उनके मन में आत्महत्या करने का विचार आया लेकिन उसी समय राजा को यह बोध हुआ कि आत्महत्या से बढ़कर कोई पाप नहीं है. अचानक उन्हें वेद पाठ के स्वर सुनाई दिये और वे उसी दिशा में बढ़ते चलें. साधुओं के पास पहुंचने पर उन्हें पौष पुत्रदा एकादशी के महत्व का पता चला. इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किया और इसके प्रभाव से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई. इसके बाद से ही पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व बढ़ने लगा. वे दंपती जो निःसंतान हैं उन्हें श्रद्धा पूर्वक पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए.
सोमवार सुबह करें ये काम, आर्थिक संकट से मिलेगी मुक्ति
2 Jan, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है वही सोमवार का दिन भगवान शिव शंकर की पूजा के लिए उत्तम बताया गया है मान्यता है कि इस दिन शिव आराधना करने से भक्तों के सभी दुखों का अंत हो जाता है और सुख में वृद्धि होती है
ऐसे में अगर आप सोमवार के दिन शिव पूजा कर रहे हैं, तो आज भोलेबाबा की चालीसा का पाठ जरूर करें मान्यता है कि इसका पाठ करने से धन संकट दूर हो जाता है और धन आगमन के स्तोत्रों में वृद्धि होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है शिव चालीसा पाठ।
शिव चालीसा-
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
20वीं सदी में 36 बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, क्यों आ रहा है ये अंतर?
2 Jan, 2023 06:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उज्जैन. मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन नदी स्नान और दान करने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस पर्व को देश में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
ये एक मात्र ऐसा त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार ये पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। किसी समय ये त्योहार 12 जनवरी को भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर्व की तारीख में अंतर क्यों आता है और आने वाले समय में ये पर्व कब मनाया जाएगा, आगे जानिए.
क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति पर्व?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भी सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश करता है तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। सूर्य का ये राशि परिवर्तन लगभग 14 जनवरी को ही होता है, इसलिए इसी दिन ये त्योहार मनाया जाता है। किसी समय सूर्य का राशि परिवर्तन 12-13 जनवरी को होता था और भविष्य में ये 15 जनवरी को होगा।
कभी 12-13 जनवरी को मनाते थे मकर संक्रांति
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, सन 1900 से 1965 के बीच लगभग 25 बार मकर संक्रांति का पर्व 13 जनवरी को मनाया गया था। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को मकर संक्राति पर ही हुआ था। 20 वीं सदी में मकर संक्रांति 13-14 जनवरी को, वर्तमान में 14 तो कभी 15 जनवरी को आती है। सूर्य की गति में आंशिक परिवर्तन होने से 21वीं सदी समाप्त होते-होते मकर संक्रांति 15-16 जनवरी को मनाई जाने लगेगी।
क्यों आता है मकर संक्रांति की तारीख में अंतर?
ज्योतिषिय गणना के अनुसार, सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करता है। एक राशि की गणना 30 अंश की होती है। सूर्य एक अंश की लंबाई 24 घंटे में पूरी करता है। अयनांश गति में अंतर के कारण 71-72 साल में एक अंश लंबाई का अंतर आता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से एक वर्ष 365 दिन व छह घंटे का होता है। ऐसे में प्रत्येक चौथा वर्ष लीप ईयर भी होता है। चौथे वर्ष में यह अतिरिक्त छह घंटे जुड़कर एक दिन बन जाता है। इसी कारण मकर संक्रांति हर चौथे साल एक दिन बाद यानी 15 जनवरी को मनाई जाती है। प्रतिवर्ष सूर्य का आगमन 30 मिनट के बाद होता है यानी इसकी गति में अंतर आता है, जिसके कारण हर तीसरे साल मकर राशि में सूर्य का प्रवेश एक घंटे देरी से होता है। 72 वर्ष में यह अंतर एक दिन का हो जाता है।
इन सालों में 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति-
2023, 2024, 2028, 2032, 2036, 2040, 2044, 2047, 2048, 2052, 2055, 2056, 2059, 2060, 2063, 2064, 2067, 2068, 2071, 2072, 2075, 2076, 2079, 2080, 2083, 2084, 2086, 2087, 2088, 2090, 2091, 2092, 2094, 2095, 2099 और 2100 में। (पंचांगों और पंडितों से मिली जानकारी के अनुसार।)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (2 जनवरी 2023)
2 Jan, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन का व्यय सम्भव है तनावपूर्ण वातावरण से बचियेगा ध्यान अवश्य रखेंं।
वृष राशि :- अधिकारियों के समर्थन से सफलता के साधन जुटायें तथा शुभ समाचार अवश्य मिलेंगे।
मिथुन राशि :- चिन्ताएं कम हो सफलता के साधन जुटायें तथा कार्य-कुशलता से संतोष होवेगा।
कर्क राशि :- बड़े-बड़े लोगो से मेल-मिलाप होवे तथा सुख-समृद्धि के साधन बनायें।
सिंह राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास होवे भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी कार्यगति उत्तम होवेगी।
कन्या राशि :- प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे संघर्ष से अधिकार प्राप्त करें भाग्य का सितारा साथ देवेगा।
तुला राशि :- कुटुम्ब और धन की चिन्ता बनी रहे सोचे कार्य परिश्रम से अवश्य ही बनेंगे।
वृश्चिक राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधाएं क्लेशयुक्त रखे स्थिति समर्थ के योग अवश्य बनेंगे।
धनु राशि :- भावनाऐं विक्षुब्ध रखें दैनिक कार्यगति मंद रहे परिश्रम से कार्य अवश्य बनेंगे।
मकर राशि :- तनाव-क्लेश व अशांति धन का व्यय मानसिक खिन्नता अवश्य ही बनेगी।
कुंभ राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष की प्राप्ति व्यावसायिक समृद्धि के साधन जुटायें।
मीन राशि :- कुटुम्ब के कार्यों में समय बीतेगा हर्षप्रद समाचार प्राप्त होने से प्रसन्नता होगी।
खाटू नरेश श्री श्याम प्रभु का होगा विशेष शृंगार, भंडारे में गुड़ की खीर का भोग
1 Jan, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्री श्याम मित्र मंडल की स्वर्ण जयंती पर 1 जनवरी 2023 (रविवार) को नव वर्ष (Happy New Year 2023) के अवसर पर हरमू रोड के श्री श्याम मंदिर (Sri Shyam Mandir Ranchi) में खाटू नरेश का विशेष शृंगार किया जायेगा.
अगरतला त्रिपुरा निवासी संदीप अग्रवाल व रीता अग्रवाल परिवार के साथ शृंगार व पंचमेवा प्रसाद की सेवा निवेदित करेंगी. इस अवसर पर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा.
इससे पहले श्री श्याम मंदिर में शनिवार को 43वां श्री श्याम भंडारा का आयोजन किया गया. मंडल के अध्यक्ष सुरेश सरावगी की निगरानी में गुड़ की खीर, छोला-भटूरा व गाजर के अचार का महाप्रसाद बनाया गया. श्री श्याम मंदिर में विराजमान गणेश जी, खाटू नरेश, लड्डू गोपाल, शालिग्राम, बजरंगबली, श्यामेश्वर महादेव व गुरुजनों को भंडारे का प्रसाद अर्पित किया गया.
श्री श्याम मित्र मंडल के महामंत्री विश्वनाथ नारसरिया के नेतृत्व में यजमान अग्रवाल परिवार ने खाटू नरेश का प्रिय भजन 'आओ आओ भोग लगाओ बाबा श्याम जी रुचि रुचि भोग लगाओ बाबा श्याम जी' का गायन किया. वर्धमान कंपाउंड निवासी राम किशोर अग्रवाल, रमालता अग्रवाल ,अशोक, शशि अग्रवाल, मंडल के सीए संजय अग्रवाल व प्रियंका अग्रवाल ने परिवार के साथ श्री श्याम भंडारे की सेवा निवेदित की.
देवताओं को लगे प्रसाद को भंडारे में मिलाकर मंदिर के आचार्य को प्रसाद व दक्षिणा दी गयी. इसके बाद खाटू नरेश के जयकारों के बीच श्री अग्रवाल परिवार ने भंडारे के वितरण का श्री गणेश किया. मंडल के महामंत्री विश्वनाथ नारसरिया, पूर्व सांसद अजय मारू, श्रवण ढांढणिया, प्रदीप राजगढ़िया, अनिल नारनौली, अनुज मोदी, आशीष डालमिया, मनोहर केडिया, राजीव रंजन मित्तल, स्नेह पोद्दार, रतन शर्मा, अरुण बुधिया सहित अन्य ने भंडारे के वितरण में सहयोग किया.
12 राशियों का वार्षिक भविष्यफल सन् 2023
1 Jan, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
१. मेष राशि- चू चे चो ला ली लू ले लो अ
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। दैनिक कार्यों में सुधार मान सम्मान की वृद्धि होगी पर्याप्त मेहनत से योजना सफल होगी। नए मेहमान के आने से हर्ष होगा। गृह उपयोगी वस्तु की खरीदी जाएगी समय के सदउपयोगी से कार्य व्यवसाय में लाभ होगा कानूनी वाद विवाद से बचे रहे घर में नई खुशी संभव है। जीवन साथी के स्वास्थ्य की चिन्ता बनी रहेगी नई परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है। बंधुओं से इच्छित सहयोग मिलेगा यात्रा छोटी सुखद होगी चल अचल संपत्ति का लाभ मिलेगा नवीन कार्य पूरा होगा मंगल उत्सव का अनुबंध होगा संयम बरते वरना हानि उठानी पड़ेगी। व्यवसाय के बदलाव के योग बन सकते है। रुका काम बनेगा स्थानातंरण तथा लंबी यात्रा के योग बनें कुसंगति से बचें व्यवसायिक गतिरोध होगा। नई चिन्ता का जन्म होगा पारिवारिक अतंर विरोध कुघटना चक्र को जन्म दे सकता है। आय व्यय से बचे कहीं से खुशी का समाचार मित्रों संग लंबी यात्रा ग्रहण से प्रति सचेत रहे। कुछ नया कार्य करने की इच्छा बलवती होगी आपके द्वारा चिरस्मरणीय कार्य संपन्न होगा नए मेहमान के आगमन से हर्ष होगा।
२. वृष राशि- इ उ ए ओ वा वी वु वे वो
आपकी राशि का स्वामी शुक्र हैं। विवादास्पद प्रकरण में नया मोड़ व्यापार फायदे में रहे। पारिवारिक खुशी की खबर मिलेगी। उत्तर दायित्व को निष्ठापूर्वक निभाए समय की चाल समझते हुए कार्य करें। व्यापार में किसी का सहयोग अपेक्षित रहेगा सफलता निश्चय मिलेगी। व्यवसायिक समझौते में लाभ होगा। कानूनी झमेले में पड़ सकते है। काम का बोझ भार बढ़ेगा राज समाज में सम्मान मिलेगा। नवीन विषय के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी नई परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता हे। सतकर्मो में रुचि बढ़ेगी समस्या का उचित समाधान मिलेगा खर्च का संतुलन बनाए रखे प्रेम प्रसंब के चक्कर में हानि उठानी पड़ सकती है। परिश्रम से सफलता मिलेगी देव दर्शन का सहयोग बनेगा। राजनीति चर्चा में परेशानी महिलाओं का समय खरीदी शृंगार में बीतेगा साथी की चिन्ता सतायेगी। परिवार में कटुता में सरसता पैदा होगी। लेनदेन में झंझट बढ़ सकती है। कार्य में लापरवाही ठीक नहीं होगी नौकरी पेशा वर्ग फायदे में रहेगा अधिक समय बाल बच्चों में व्यतीत होगा स्थानातंरण का सुयोग है। विरोधी षड़यंत्र रचेंगे पारिवारिक जीवन सुखी रहेगा लाभ के योग बनेंगे।
३. मिथुन राशि- का की कू घ ड छ के को ह
आपकी राशि का स्वामी बुध हैं। पहले से व्यय कम लाभ अधिक होगा परिस्थितियों में सुधार होगा। मर्यादाहीन व्यवहार से क्षोभ होगा। जनसंपर्क से प्रतिष्ठा बढ़ेगी आयोजन से लाभ गृह खर्च में वृद्धि होगी वाहन व अन्य वस्तु का लेनदेन होगा। कुछ योजना बनती बिगड़ती रहेगी। मिथ्या अभियोग बंधु विरोधक्षोभ का कारण बन सकता है। अप्रैल मास में नया काम करने में सफलता मिलेगी नव निर्माण तथा देव दर्शन की इच्छा बलवान होगी। मास गृहानुसार अति उत्तम रहेगा भौतिक सुख संपत्ति तथा व्यवसायिक वृद्धि का योग है। राजनैतिक परिचर्चा स्वास्थ्य हानि आलस्य प्रमाद से बचे रहे ध्यान रखे। उद्योग धंंधे में आश्चर्य जनक लाभ होगा अत्यधिक दौड़धूप का चक्र चलेगा ध्यान रखे। परिस्थितियों का डटकर सामना करें योजना पूर्ति से लाभ होगा भूमि भवन से लाभ होगा उच्चाधिकारियों की हाँ में हाँ मिलाते रहे तभी सुख समृद्धि बनेगी।
४. कर्क राशि- ही हू हे हो डा डी डू डे डो
आपकी राशि का स्वामी चन्द्रमा हैं। समाज से मान सम्मान मिलेगा। कारोबार में नया समझौता फायदा पहुंचायेगा शत्रु की गतविधियों का ध्यान रखें विश्वासघात से सर्तक रहे दूर समीप के समाचार प्राप्त होगा दामपत्य जीवन में वाद विवाद की स्थिति बन सकती है। सावधानी बरतने की आवश्यकता है। संपत्ति वाद विवाद का कारण बन सकती है। अधिकारी वर्ग की पदोन्नति शुभ संकेत है। माता से भरपूर स्नेह मिलगा श्रमाधिक्य शिक्षा में अवरोध होगा मेहनत के चलते सेहत का ध्यान रखे भाग्य का सितारा चमकेगा प्रतियोगिता परिणाम अनुकूल रहेगा जमा खर्च का संतुलन बना रहेगा व्यापार में वृद्धि होगी मन प्रसन्न रहेगा समझौते से व्यवसाय फायदेमंद रहेगा जीवन साथी से पूर्ण सहयोग मिलेगा विकास कार्यों को बल मिलेगा प्रियजन मिलन का सहयोग संयोग बनेगा धनाभाव की स्थिति आवेगी। विषम परिस्थिति में धैर्य न खोए आर्थिक मामलों में पूर्ण सफलता मिलेगी व्यापार में गुप्त शत्रुओं द्वारा हानि पहुंचाई जा सकती है। व्यर्थ के झगड़े झंझट में झमेलों में भाग न लेवे। पारिवारिक मांगलिक कार्यो में भाग लेने का मौका मिलेगा स्वस्थ्य विकार मंगल है घूमने फिरने में आनंद दायक समय बितेगा।
५. सिंह राशि- मा मी मु मे मो टा टी टू टे
आपकी राशि का स्वामी सूर्य हैं। गृह चाल उत्तम है। पुरुषार्थ की वृद्धि होगी झगड़े झंझटों से बचें क्रोध पर काबू रखे भूमि वाहन आदि का लेन देन होगा साहित्य संगीत में रुचि बढ़ेगी व्यवसाय में पर्याप्त विकास अन्न वस्त्रादि का पर्याप्त सुयोग है। लंबी यात्रा श्रेष्ठ नहीं है। विविध स्पर्धा में चिन्ता होगी। आगन्तुक मेहमान से गृह खर्च में वृद्धि होगी समारोह में मान सम्मान उपहार का लाभ मिलेगा। देश विदेश की यात्रा का सुयोग है। आलस्य प्रमाद हानि कारक है। पुरानी निराशा खतम होगी। बेवजह कानूनी विवाद में उलझ सकते है। सतर्कता की आवश्यकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। लाभ का नया मार्ग प्रशस्त होगा। शिक्षा प्रतियोगिता की दिशा में किया प्रयास सफल होगा संतान पक्ष में सहयोग मिलेगा। विरोधियों से परेशानी होगी। रोजगार में उन्नति होगी राजनीति क्षेत्र में वर्चस्व होगा। किसी खास वस्तु को पाने की इच्छा पूर्ति होगी। विवादस्पद प्रकरण नया मोड़े लेगा योजना का पूर्ण लाभ मिलेगा।
६. कन्या राशि- टो पा पी पू षा ण ठ पे पो
आपकी राशि का स्वामी बुध हैं। नौकरी में स्थानातरण शुभ नहीं नवनिर्माण की योजना कार्यरुप होगी जारी विवाद को विकराल रुप देने के पहले समाप्त करने का प्रयास करें। परिजनों की राय से आय के व्यक्तिव में बदलाव होगा तथा बुजुर्गों के सानिध्य में रहने का मौका मिलेगा पुराने रोग से छुटकारा मिलेगा समय के स्वरुप को देखते हुए कार्य करें व्यवसाय में उन्नति होगी राजनीति क्षेत्र में वर्चस्व कायम होगा चिर स्थायी योजना में धन खर्च होगा लाभ अधिक व्यय कम होगा घर गृहस्थी की समस्याएं सुलझेगी प्यार प्रीत का चक्कर चलेगा खास प्रयोजन में जाना पड़ेगा विचार योजन को कार्य रुप देने में सफलता मिलेगी कार्य में कोताही न बरते साथी पदोन्नति में बाधक बनेगा। शत्रु ईष्या का भाव रखेगा नया कार्य करने में आय सक्षम होगें खेती में लाभ होगा तथा सुखद समाचार मिलेगा चल रहे कार्योें में सफलता का सुयोग है परिवार में जायजाद संबंधी विवाद से परस्पर मनोमालिन्य संभव है। समय का सही उपयोग करें लाभ से खुशी होगी व्यापारी वर्ग नए समझौते में फायदे में रहेंगे गृहणियों का साज सज्जा में समय बीतेगा सामाजिक कार्य सम्पादन का योग है। मेहनत के चलते सेहत का ध्यान रखे।
७. तुला राशि- रा री रु रे रो त ती तू ते
आपकी राशि का स्वामी शुक्र हैं। भाग्योदय तथा उद्योग तथा धर्म शक्ति का विकास होगा घर गृहस्थी की जरुरत पूरी होगी भाग्योदय तथा उद्योग धर्म शक्ति का विकास होगा। घर गृहस्थी की जरुरत पूरी होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी आनंद का अनुभव करेंगे पुण्य लाभ मित्र मिलन की खुशी होगी तथा प्रतिकूल सूचना सावधानी से आगे बढ़े सफलता मिलेगी। प्रतियोगिता के परिणाम उत्तम सांसारिक सुख उपभोग तथा भाग्य का विकास का सुयोग है। अप्रैल आय के लिए कठिन समय है। विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ेगा चल रहे कार्यों में प्रगति का सुयोग है। बालबच्चों में हास्य रस चलता रहेगा मन प्रसन्न रहेगा समाचार मिलेगा विपरीत स्थिति में धैर्य से काम लेवे। समय समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करें तथा दैनिक कार्यों में सावधानी बरतें साझेदारी से घाटा हो सकता है। रोग ऋण से बचें राजनैतिक क्षेत्र में सितारा बुलंद होगा। निर्माणाधीन काम पूरा होगा। दोस्ती में प्रेम बढ़ाए कानूनी कार्रवाई का विचार छोड़े अनजान से दोस्ती का हाथ न मिलाए खरीद फरोख्त के धंधे में लाभ होगा अनावश्यक नई उलझनें पैदा कर सकता है। स्थानातंरण होगा स्वास्थ्य नरम-गरम रहेगा किसी की कही हुई बातों पर ध्यान न देवे पारिवारिक समस्या का समाधान होगा मनोवांछित कार्य सिद्ध का योग है। विरोधी चालों से सजग रहे कार्य विशेष में खुशी होगी।
८. वृश्चिक राशि- तो ना नी नू ने नो या वि यू
आपकी राशि का स्वामी मंगल हैं। आशा में निराशा होगी कंबल काला तेल दान कर देवे। अनजान व्यक्ति से सावधान रहे तथा विशेषता के काम करेंगे बढ़ती जिम्मेदारी को संभाले अच्छे लोगों के बीच व्यवहार बढ़ेगे तथा परिजनों की राय जीवन में बदलाव लाएगी गोचर के प्रभाव से पराक्रम बढ़ेगा कोई रुका हुआ काम सहयोग से पूरा होगा संतान की ओर से खुशी मिलेगी तथा परीक्षा में सफलता मिलेगी मन पूरी तरह जोश से भरा रहेगा अनजान व्यक्ति के व्यवहार से बचें आर्थिक मामलों में सफलता मिलेगी खास प्रयोजन से कहीं जाना होगा विवाद से बचें व्यवसाय में नई पहल से लाभ होगा। लंबी यात्रा का संयोग है घर गृहस्थी में कोई उपकरण खरीदा जाएगा। कानूनी विवाद कोई समझौते से सुलझेगा पड़ोसियों से संबंध अच्छे होंगे धर्म अध्यात्म में आस्था जागृत होगी घर गृहस्थी में सामंजस्य बनाए रखे विरोधी आपको नुकसान पहुंचा सकते है। वाहन क्रय विक्र का अवसर अवश्य मिलेगा।
९. धनु राशि- ये यो भा भी भू धा फा ढ भे
आपकी का स्वामी गुरु हैं। जनवरी मास की गृहचाल सामान्य फलदायक है। चिन्ताओं को आप हावी न होने देवे। मौसम की प्रतिकूलता से स्वास्थ्य हानि से बचे धार्मिक एवं लंबी यात्रा का योग बन सकता है। चौपाया तथा वाहन आदि का योग बनता है। अधिकारियों की घनिष्ठा से लाभ होगा। काम का अतिरिक्त कार्यभार बढ़ सकता है। प्रेम प्रसंग का चक्कर चल सकता है। चौपायों या वाहन तथा से सावधान रहें प्रिय वस्तु के मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। अनजान से दोस्ती का हाथ न मिलाए पड़ोसी से सदभाव बनाए रखे बढ़ते उत्तरदायित्व को न्िाष्ठापूर्वक निभाए विरोधी षड़यंत्र से बचें मंगलोत्सव में जाएंगे। व्यर्थ की राजनीति कुचक्र रचना से बचें वैवाहिक जीवन में खुशी भौतिक सुख भोग होगा साधन सुलभ होगें लंबी यात्रा का संयोग बनेगा। देश विदेश के समाचार मिलेगा।
१०. मकर राशि- भो जा जी खी खू खे खो गा गी
आपकी राशि का स्वामी शनि हैं। कार्य क्षेत्र में बढ़ते निष्ठा को उत्तम भाव से निभाए प्रियजन बिछोह से मन उदास होगा शुभ समाचार आएगा परिवार में सामंजस्य बनाए रखे। मेहनत करे भाग्य आय की प्रतीक्षा कर रहा है। पाप पुण्य कर्म से मन को शांति मिलेगी बड़े अधिकारियों से तालमेल बनाए रखना लाभप्रद सिद्ध होगा। दामपत्य जीवन सुखमय रहेगा कारोबार में नई उपलब्धि मिलेगी जमीन जायदाद मुकदमा संबंधी परेशानी हो सकती है। दुविधा मन के भाव में आय को तनाव होगा अध्ययन कार्य में रुचि बढ़ेगी विवाह मांगलिक कार्य पर कुछ खर्च होगा बच्चों का मन खेलकूद के साथ पढ़ाई में भी लगेगा मनोरंजन की सामग्री खरीदी जाएगी अनावश्यक भागदौड़ चिंता होगी। नवनिर्माण की इच्छा पूरी होगी अकारण ही कुछ समय उलझनों में बीतेगा व्यवसाय में लाभ होगा पुराने विवाद समाप्त होकर संबंधों में मधुरता आएगी। व्यवसाय में किया गया समझौता लाभप्रद होगा। दूर के मेहमान आएंगे व संदेशा आएगा पुराने रोग ऋण आदि से छुटकारा मिलेगा विवाद सुलझ जाएंगे राजनीति के क्षेत्रों में नया गठबंधन लाभदायक रहेगा दिनचर्या बिगड़ने न देवे स्थानांतरण फायदेमंद लाभकारी रहेगा।
११. कुंभ राशि- गू गे गो सा सी सू से सो दा
आपकी राशि का स्वामी शनि हैं। लंबी यात्रा श्रेष्ठ नहीं पारिवारिक कलह कुघटना चक्र को जन्म दे सकती है। मंगल कार्य में जाने का न्यौता मिलेगा दूर दराज की यात्रा होगी अचानक लाभ होगा। परिवार में वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो सकते है। शिक्षा एवं व्यवसाय में सफलता मिलेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा कहीं प्रेम प्रसंग का चक्कर चलेगा योजना में धन लगाना श्रेष्ठ है। अनजान से दोस्ती का खतरा न उठाए नए महानुभावों का आगमन होगा। विवेक पूर्ण की रुकावट दूर होगी पारिवारिक मेल मिलन बढ़ेगा व्यापार के नवीन अवसर मिलेंगे कोई नाहक झंझटों में उलझाने का प्रयास कर सकता है। परिवार में खरीदी होगी तथा देव दर्शन पर्यटन के सुअवसर आएंगे तथा मनोरथ सिद्ध होगा। व्यवसाय में नया समझौता फायदेमंद होगा घर गृहस्थी की समस्याएं सुलझ जाएगी। व्यापारी वर्ग विशेष सफलता हासिल करेगा।
१२.मीन राशि- दी दू थ झ ञ दे दो चा ची
आपकी राशि का स्वामी गुरु हैं। समय कुछ विशेषता लिए आ रहा है। नित्य आनंद सुयश वृद्धि विवाद निवृत्ति के योग बनेंगे तथा काम में तत्परता बनी रहेगी। कानूनी झंझटे छूट जाएंगे पठन पाठन में रुचि बढ़ती जाएगी। मंगल उत्सव में जाना होगा साधन सुगम होंगे उदर विकार से बचें आशातीत सफलता मिलें राजनीति में काम बनेगा कोई तुम्हे गुमराह करने की प्रयास करेगा घर गृहस्थी का सुख मिलेगा लक्ष्य कार्य में त्रुटि नवीन जोड़-तोड़ एवं कानूनी विवाद में उलझ सकते है। दूर की यात्रा तथा वाहन सुख मिलेगा भूमि भवन संबंधी कार्य होगे मित्र मिलन अचानक धन लाभ होगा। कार्ययोजना को पूर्ण करने में कठिनाई होगी स्वास्थ्य का ध्यान रखे वस्तु विशेष का लेन देन लाभदायक होगा कानूनी विवाद में सफलता मिलेगी परिवार में पर्याप्त सहयोग मिलेगा आपको मानसिक पीड़ा पहुंचा सकता है। उद्योगधंधे में सामान्य लाभ होगा।
नए साल के पहले रविवार करें ये उपाय, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
1 Jan, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित किया गया है वही रविवार का दिन भगवान श्री सूर्यदेव की पूजा के लिए समर्पित होता है इस दिन सूर्यदेव की पूजा पाठ करना उत्तम माना जाता है भक्त इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखकर पूजा करते हैं मान्यता है कि सूर्य कृपा जिस पर हो जाती है उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं ऐसे में अगर आप भी भगवान श्री सूर्य की कृपा चाहते हैं तो रविवार के दिन सूर्य आराधना के बाद श्री सूर्य अष्टकम का संपूर्ण पाठ करें मान्यता है कि ऐसा करने से पूरे साल सुख समृद्धि की कमी नहीं रहती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है श्री सूर्य अष्टकम पाठ।
श्री सूर्य अष्टकम ॥
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोSस्तु ते ॥1॥
सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥2॥
लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥3॥
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥4॥
बृंहितं तेज:पु़ञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥5॥
बन्धूकपुष्पसंकाशं हारकुण्डलभूषितम् ।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥6॥
तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज:प्रदीपनम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥7॥
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥8॥
इति श्रीशिवप्रोक्तं सूर्याष्टकं सम्पूर्णम् ।
सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम् ।
अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान् भवेत् ॥
अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने ।
सप्तजन्मभवेत् रोगि जन्मजन्म दरिद्रता ॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने ।
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोकं च गच्छति ॥
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (1 जनवरी 2023)
1 Jan, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान-प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे किन्तु कार्य व्यवसाय गति उत्तम होगी।
वृष राशि :- धन प्राप्त के योग बनेंगे नवीन मैत्री व मंत्रणा अवश्य प्राप्त होगी।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्र सहायक रहे व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि अवश्य होवेगी।
कर्क राशि :- सामाजिक मान प्रतिष्ठा कार्यकुशलता से संतोष रुके कार्य अवश्य बनेंगे।
सिंह राशि :- परिश्रम से समय पर सोचे कार्य पूर्ण होंगे तथा व्यावसाय गति मंद हो।
कन्या राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहे कार्य कुशलता से संतोष होगा।
तुला राशि :- दैनिक व्यवसाय गति उत्तम तथा व्यवसायिक चिन्ताएं कम रहेंगीं।
वृश्चिक राशि :- कार्यगति मेंं सुधार होगा असमंजस तथा सफलता न मिलेगी ध्यान दें।
धनु राशि :- स्थिति अनियंत्रित रहे किन्तु स्थिति नियंत्रित करना परम आवश्यक होगा।
मकर राशि :- मानसिक खिन्नता एवं भाव में अशांति उद्विघ्नता अवश्य बनेगी।
कुंभ राशि :- योजनाऐं फलीभूत होंगी विघटनकारी तत्व परेशान अवश्य करेंगे।
मीन राशि :- मनोबल उत्साह वर्धक होगा तथा कार्यकुशलता से संतोष होगा।