धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
रुद्राक्ष धारण करने से पहले जानिए जरूरी नियम, तभी मिलेगा पूर्ण फल
27 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता हैं जो कि भगवान शिव से जुड़ा हैं मान्यता है कि रुद्राक्ष शिव के आसुओं से निर्मित हैं। अधिक लोग रुद्राक्ष को धारण करना पसंद करते हैं कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से जीवन की सभी परेशानियों व दुखों का अंत हो जाता हैं साथ ही भगवान शिव की कृपा भी बरसती हैं।
लेकिन रुद्राक्ष को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से ही व्यक्ति को इसे धारण करने का लाभ मिलता हैं लेकिन अगर कोई रुद्राक्ष से जुड़े नियमों की अनदेखी करता है तो उसे शिव के क्रोध को सहना पड़ता है ऐसे में अगर भी रुद्राक्ष धारण करने का विचार बना रहे हैं तो इससे पहले नियमों के बारे में जरूर जान लें तो आज हम आपको रुद्राक्ष से जुड़े नियम बता रहे हैं।
रुद्राक्ष से जुड़े जरूरी नियम-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार, पूर्णिमा और अमावस्या को माना जाता हैं मान्यता है इन दिनों में अगर शिव का रुद्राक्ष धारण किया जाए तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं इसकी के साथ रुद्राक्ष की माला कम से कम 27 मनके की होनी चाहिए तभी लाभ मिलता हैं। धार्मिक तौर पर रुद्राक्ष को पवित्र बताया गया हैं ऐसे में इसे हमेशा स्नान करने के बाद ही धारण करें और सोने से पहले इसे घर की पवित्र जगह पर उतार कर रख दें।
रुद्राक्ष की माला धारण करते वक्त शिव का स्मरण करते हुए ऊं नम: शिवाय इस मंत्र का जाप जरूर करें। रुद्राक्ष की माला हमेशा ही पीले और लाल रंग के धागे से ही बनी हुई पहननी चाहिए। लेकिन भूलकर भी इसे काले रंग के धागे में नहीं धारण करना चाहिए ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता हैं।
महेश नवमी पर करें ये काम, मिलेगा मनचाहा वरदान
27 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में शिव शंकर को महादेव कहा जाता हैं और इनकी पूजा आराधना के लिए वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार और दिन समर्पित हैं लेकिन महेश नवमी बेहद खास हैं जो कि शिव आराधना के लिए श्रेष्ठ मानी जाती हैं।
इस दिन भक्त भगवान शिव के संग माता पार्वती की विधिवत पूजा करते हैं कहा जाता है कि ऐसा करने से शिव पार्वती का आशीर्वाद साधकों को मिलता हैं।
इस बार महेश नवमी का त्योहार 29 मई को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ के साथ साथ उपवास भी रखते हैं ऐसा करने से जीवन के सभी दुखों व परेशानियों का अंत हो जाता हैं ऐसे में अगर आप भी भोलेबाबा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो महेश नवमी के शुभ दिन पर आप भगवान शिव के 108 नामों का जाप जरूर करें ऐसा करने से मनचाहा वरदान मिलता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शिव के 108 नाम।
शिव के 108 नाम-
1. ॐ कालाय नमः
2. ॐ स्थिराय नमः
3. ॐ स्थाणवे नमः
4. ॐ प्रभवे नमः
5. ॐ भीमाय नमः
6. ॐ प्रवराय नमः
7. ॐ वरदाय नमः
8. ॐ वराय नमः
9. ॐ सर्वात्मने नमः
10. ॐ सर्वविख्याताय नमः
11. ॐ सर्वस्मै नमः
12. ॐ सर्वकराय नमः
13. ॐ भवाय नमः
14. ॐ जटिने नमः
15. ॐ चर्मिणे नमः
16. ॐ शिखण्डिने नमः
17. ॐ सर्वाङ्गाय नमः
18. ॐ सर्वभावनाय नमः
19. ॐ हराय नमः
20. ॐ हरिणाक्षाय नमः
21. ॐ सर्वभूतहराय नमः
22. ॐ प्रवृत्तये नमः
23. ॐ निवृत्तये नमः
24. ॐ नियताय नमः
25. ॐ शाश्वताय नमः
26. ॐ ध्रुवाय नमः
27. ॐ श्मशानवासिने नमः
28. ॐ भगवते नमः
29. ॐ खचराय नमः
30. ॐ गोचराय नमः
31. ॐ अर्दनाय नमः
32. ॐ अभिवाद्याय नमः
33. ॐ महाकर्मणे नमः
34. ॐ तपस्विने नमः
35. ॐ भूतभावनाय नमः
36. ॐ उन्मत्तवेषप्रच्छन्नाय नमः
37. ॐ सर्वलोकप्रजापतये नमः
38. ॐ महारूपाय नमः
39. ॐ महाकायाय नमः
40. ॐ वृषरूपाय नमः
41. ॐ महायशसे नमः
42. ॐ महात्मने नमः
43. ॐ सर्वभूतात्मने नमः
44. ॐ विश्वरूपाय नमः
45. ॐ महाहणवे नमः
46. ॐ लोकपालाय नमः
47. ॐ अन्तर्हितत्मने नमः
48. ॐ प्रसादाय नमः
49. ॐ हयगर्धभये नमः
50. ॐ पवित्राय नमः
51. ॐ महते नमः
52. ॐनियमाय नमः
53. ॐ नियमाश्रिताय नमः
54. ॐ सर्वकर्मणे नमः
55. ॐ स्वयंभूताय नमः
56. ॐ आदये नमः
57. ॐ आदिकराय नमः
58. ॐ निधये नमः
59. ॐ सहस्राक्षाय नमः
60. ॐ विशालाक्षाय नमः
61. ॐ सोमाय नमः
62. ॐ नक्षत्रसाधकाय नमः
63. ॐ ग्रहपतये नमः
64. ॐ वराय नमः
65. ॐ अत्रये नमः
66. ॐ अत्र्या नमस्कर्त्रे नमः
67. ॐ मृगबाणार्पणाय नमः
68. ॐ अनघाय नमः
69. ॐ महातपसे नमः
70. ॐ घोरतपसे नमः
71. ॐ अदीनाय नमः
72. ॐ दीनसाधकाय नमः
73. ॐ संवत्सरकराय नमः
74. ॐ मन्त्राय नमः
75. ॐ प्रमाणाय नमः
76. ॐ परमायतपसे नमः
77. ॐ योगिने नमः
78. ॐ योज्याय नमः
79. ॐ महाबीजाय नमः
80. ॐ महारेतसे नमः
81. ॐ महाबलाय नमः
82. ॐ सुवर्णरेतसे नमः
83. ॐ सर्वज्ञाय नमः
84. ॐ सुबीजाय नमः
85. ॐ बीजवाहनाय नमः
86. ॐ दशबाहवे नमः
87. ॐ अनिमिशाय नमः
88. ॐ नीलकण्ठाय नमः
89. ॐ उमापतये नमः
90. ॐ विश्वरूपाय नमः
91. ॐ स्वयंश्रेष्ठाय नमः
92. ॐ बलवीराय नमः
93. ॐ अबलोगणाय नमः
94. ॐ गणकर्त्रे नमः
95. ॐ दिग्वाससे नमः
96. ॐ कामाय नमः
97. ॐ मन्त्रविदे नमः
98. ॐ परमाय मन्त्राय नमः
99. ॐ सर्वभावकराय नमः
100. ॐ कमण्डलुधराय नमः
101. ॐ धन्विने नमः
102. ॐ बाणहस्ताय नमः
103. ॐ कपालवते नमः
104. ॐ सर्वकामाय नमः
105. ॐ लोकधात्रे नमः
106. ॐ गुणाकराय नमः
107. ॐ सिंहशार्दूलरूपाय नमः
108. ॐ कालयोगिने नमः
सूरज डूबने के बाद कभी ना करें ये काम, घर में छा जाएगी शोक और दरिद्रता
27 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हम सभी ने अपने बड़े बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि कुछ कार्य शाम के वक्त यानी सूरज ढलने के बाद नहीं करने चाहिए। अगर कोई इन कार्यों को करता हैं तो उसे दुख दर्द, शोक और दरिद्रता का सामना करना पड़ता हैं।
धार्मिक तौर पर हर दिन और खास मौकों को लेकर नियम बताए गए हैं जिसके अनुसार सूर्यास्त के बाद कुछ कार्यों को करना अशुभ माना जाता हैं अगर कोई इन नियमों की अनदेखी करता हैं तो इसे अशुभ परिणाम भुगतना पड़ सकता हैं लेकिन इनका पालन करने वाले को जीवन में सुख समृद्धि और लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कि वो कौन से काम हैं जिन्हें भूलकर भी संध्याकाल में नहीं करने चाहिए वरना माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाती हैं तो आइए जानते हैं।
सूर्यास्त के बाद न करें ये काम-
धार्मिक और ज्योतिष की मानें तो सूरज ढलने के बाद कभी भी झाड़ू नहीं लगाना चाहिए और ना ही कूड़ा कचरा घर से बाहर फेंकना चाहिए। मान्यता है कि संध्याकाल में माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं। ऐसे में इस दौरान साफ सफाई के कार्य को करने से बचना चाहिए वरना दरिद्रता का सामना करना पड़ता हैं इसके अलावा सूरज ढलने के बाद हल्दी किसी को नहीं देना चाहिए और ना ही इसका दान करना चाहिए ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता हैं इससे कुंडली का गुरु कमजोर हो जाता हैं और सौभाग्य दुर्भाग्य में बदलने लगता हैं।
वास्तुशास्त्र की मानें तो शाम के वक्त यानी सूरज डूबने के बाद सफेद चीजों जैसे दूध, दही, पनीर, चीनी, नमक आदि का दान भी करना अच्छा नहीं माना जाता हैं ऐसा करने से धन हानि का समाना करना पड़ता है साथ ही घर में गरीबी छा जाती हैं। सूरज डूबने के बाद वस्त्रों को धोना और सूखाना भी अच्छा नहीं माना जाता हैं ऐसा करने से घर में नकारात्मकता प्रवेश करती हैं जो दुख परेशानियों को पैदा देती हैं।
बिगड़ी किस्मत बनाते हैं शनिवार के ये चमत्कारी उपाय
27 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित किया गया हैं वही शनिवार का दिन कर्मों के दाता भगवान शनि की पूजा को समर्पित हैं इस दिन भक्त शनिदेव की भक्ति में लीन रहते हैं और प्रभु को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं।
मान्यता है कि शनि महाराज की कृपा जिस पर हो जाती हैं उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं ऐसे में अगर आप भी शनिदेव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो हर शनिवार के दिन कुछ अचूक उपाय जरूर करें। इन आसान से उपायों को करने से बिगड़ी किस्मत भी संवर जाती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शनिवार के उपाय।
शनिवार के अचूक उपाय-
अगर आप शनिदेव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो हर शनिवार के दिन शनि देव के बीज़ मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप जरूर करें। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप आप रोजाना भी कर सकते हैं ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होकर कृपा करते हैं।
वही इसके अलावा अगर आप शनि की बाधा से परेशान हैं और इससे मुक्ति का मार्ग तलाश रहे हैं तो ऐसे में आप शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की विधिवत पूजा करें और इसके साथ ही श्री हनुमान चालीसा का पाठ पूरे मन से करें मान्यता है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि की बाधाओं से छुटकारा मिल जाता हैं। शनिदेव को समर्पित शनिवार के दिन अगर मंदिर जाकर शनिदेव के समक्ष तिल के तेल का दीपक जलाया जाए तो इससे भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (27 मई 2023)
27 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, अधिकारी का समर्थन फलप्रद होगा, समय का ध्यान रखे।
वृष राशि - योजनायें फलीभूत हो, शुभ समाचार संभव होगा तथा रुके कार्य उत्तम बन जाएंगे।
मिथुन राशि - धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष, बिगड़े हुए कार्य अवश्य ही बन जाएंगे।
कर्क राशि - अर्थ व्यवस्था की चिन्ता बनी ही रहेगी, कार्य कुशलता से संतोष होगा, कार्य बने।
सिंह राशि - भोग-ऐश्वर्य की प्रप्ति होगी, कार्यगति उत्तम होगी, सुख के साधन अवश्य बन जायेंगे।
कन्या राशि - आर्थिक योजना पूर्ण हो, समय पर सोचे कार्य पूर्ण हो, समय ठीक चल रहा है।
तुला राशि - पारिवारिक बाधायें परेशान करेंगी, विरोधी तत्व कष्टप्रद, कार्य अवश्य करें।
वृश्चिक राशि - मानसिक उद्विघ्नता से बचें तथा समय से लाभ अवश्य ही होगा।
धनु राशि - चिन्ताएं संभव होगी, मनोबल बना रहे, कार्य व्यवसाय में विशेष लाभ हो।
मकर राशि - तनाव क्लेश व अशांति, मानसिक विभ्रम तथा धन का लाभ अवश्य ही होगा।
कुंभ राशि अशांति, धन का व्यय, कष्टप्रद स्थिति रहेगी, मित्रों से मेल मिलाप।
मीन राशि - प्रयत्न करने पर भी सफलता दिखाई न देवे, इष्ट मित्र सहयोगी अवश्य होंगे।
गंगा दशहरा पर जरूर करें पवित्र गंगा स्तोत्रम का पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना
26 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में गंगा को केवल नदी नहीं बल्कि मां का दर्जा प्राप्त है. गंगा को अति पवित्र माना जाता है जिस वजह से गंगा दशहरा के पर्व की विशेष अहमियत होती है.
गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है गंगा का अवतरण. गंगा दशहरा के दिन स्नान एवं दान की बहुत अहमियत होती है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. इस बार गंगा दशहरा 30 मई 2023, मंगलवार को मनाई जाएगी. वही यदि आप इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का पुण्य लाभ नहीं ले पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें तथा पवित्र गंगा स्तोत्रम का पाठ करें। यह स्तोत्र आपको कई गुना ज्यादा फल देगा।
पवित्र गंगा स्तोत्रम:-
देवि सुरेश्वरि भगति गंगे त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे ।
शंकरमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ।।1।।
भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यात: ।
नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम ।।2।।
हरिपदपाद्यतरंगिणि गंगे हिमविधुमुक्ताधवलतरंगे ।
दूरीकुरू मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम ।।3।।
तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम ।
मातर्गंगे त्वयि यो भक्त: किल तं द्रष्टुं न यम: शक्त: ।।4।।
पतितोद्धारिणि जाह्रवि गंगे खण्डितगिरिवरमण्डितभंगे ।
भीष्मजननि हेमुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ।।5।।
कल्पलतामिव फलदां लोके प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके ।
पारावारविहारिणि गंगे विमुखयुवतिकृततरलापांगे ।।6।।
तव चेन्मात: स्रोत: स्नात: पुनरपि जठरे सोsपि न जात: ।
नरकनिवारिणि जाह्रवि गंगे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुंगे ।।7।।
पुनरसदड़्गे पुण्यतरंगे जय जय जाह्रवि करूणापाड़्गे ।
इन्द्रमुकुट मणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ।।8।।
रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम ।
त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ।।9।।
अलकानन्दे परमानन्दे कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये ।
तव तटनिकटे यस्य निवास: खलु वैकुण्ठे तस्य निवास: ।।10।।
वरमिह: नीरे कमठो मीन: कि वा तीरे शरट: क्षीण: ।
अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिकुलीन: ।।11।।
भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये ।
गंगास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो य: सजयति सत्यम ।।12।।
येषां ह्रदये गंगाभक्तिस्तेषां भवति सदा सुख मुक्ति: ।
मधुराकान्तापंझटिकाभि: परमानन्द कलितललिताभि:
गंगास्तोत्रमिदं भवसारं वांछितफलदं विमलं सारम ।
शंकरसेवकशंकरचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्त: ।।
इस तरह कमाए हुए धन से व्यक्ति हो जाता है कंगाल, दरिद्रता नहीं छोड़ती कभी पीछा
26 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महान अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है। इस नीति शास्त्र में उन्होंने जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया है।
अपनी नीतियों का द्वारा चाणक्य ने जरूरी और कड़े संदेश भी दिए हैं, जिसमें उन्होंने धन, संपत्ति, स्त्री, दोस्त, करियर और दांपत्य जीवन से जुड़ी तमाम बातों का जिक्र किया है। आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में धन कमाने के तरीके को लेकर भी कुछ बातें बताई हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार गलत तरीके से कमाया हुआ धन इंसान के पास ज्यादा दिन नहीं टिकता है। चाणक्य कहते हैं कि ऐसी संपत्ति का विनाश होना तय है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में श्लोक का जिक्र किया है, जिसमे गलत तरीके से कमाए गए धन के बारे में बताता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति
प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति ।।
चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्मी चंचल होती हैं। ऐसे में यदि व्यक्ति चोरी, जुआ, अन्याय या किसी को धोखा देकर धन कमाता है तो वह धन शीघ्र नष्ट हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को कभी भी गलत तरीके से धन अर्जित नहीं करना चाहिए।
आत्मापराधवृक्षस्य फलान्येतानि देहिनाम् ।
दारिद्रयरोग दुःखानि बन्धनव्यसनानि च ।।
इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहते हैं कि निर्धनता, रोग, दुख, बंधन और बुरी आदतें ये सभी मनुष्य के कर्मों का ही फल होती हैं। जो जैसा बीज बोता है उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है। इसलिए व्यक्ति को सदैव अच्छे ही कर्म करने चाहिए।
धनहीनो न च हीनश्च धनिक स सुनिश्चयः ।
विद्या रत्नेन हीनो यः स हीनः सर्ववस्तुषु ।।
इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को कभी धनहीन नहीं समझना चाहिए। व्यक्ति अज्ञान से हीन होता है न कि धन से, जो व्यक्ति विद्या के रत्न से हीन होता है वास्तव में वही सभी प्रकार के सुख-सुविधाओं से हीन हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को कभी भी विद्या अर्जित करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
निर्जला एकादशी पर घर लाएं कामधेनु गाय की प्रतिमा, होगा धन आगमन
26 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन एकादशी व्रत विशेष मानी जाती हैं जो हर माह पड़ती हैं एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक हैं इस दिन भक्त भगवान श्री हरि की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं।
पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता हैं जो कि इस बार 31 मई को पड़ रही हैं निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे अधिक कठिन माना जाता हैं क्योंकि इस दिन अन्न और जल दोनों का त्याग कर उपवास रखा जाता हैं इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं लेकिन इसी के साथ ही अगर निर्जला एकादशी के दिन कामधेनु गाय की मूर्ति घर लाकर स्थापित की जाए तो परिवार में सुख शांति और धन हमेशा बना रहता हैं।
धार्मिक और ज्योतिष अनुसार कामधेनु गाय की प्रतिमा को घर में स्थापित करना उत्तम माना जाता हैं ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि और शांति हमेशा बनी रहती हैं। ऐसे में आप निर्जला एकादशी के शुभ दिन पर कामधेनु गाय की प्रतिमा घर लेकर आएं और उसकी विधिवत पूजा करके इसे पवित्र स्थल पर स्थापित करें।
इसके बाद रोजाना कामधेनु गाय की पूजा करें आपको बता दें कि इस प्रतिमा को आप घर के ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में रख सकते हैं क्योंकि ये दिशा देवी देवताओं की होती हैं यहां पर कामधेनु गाय की प्रतिमा को स्थापित करने से धन आगमन होता हैं। इसके अलावा आप कामधेनु गाय की मूर्ति को घर के प्रवेश द्वार पर भी रख सकते हैं ऐसा करने से सकारात्मक शक्ति का संचार घर में होता हैं।
घर में लगी है तुलसी, तो जानिए जरूरी नियम
26 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिन्हें पवित्र और पूजनीय माना जाता हैं जिनमें से एक तुलसी का पौधा भी है जो बेहद शुभ बताया गया हैं ये पौध घर में लगा होता है और लोग रोजाना तुलसी की पूजा करते हैं और संध्याकाल में दीपक जलाते हैं।
शास्त्रों में तुलसी को लेकर कई नियम बताएं गए हैं जिसका पालन करने से लाभ मिलता हैं मगर अनदेखी समस्याओं को पैदा कर सकती हैं ऐसे में अगर आपके घर में भी तुलसी का पवित्र पौधा लगा हुआ हैं तो इससे जुड़े जरूर नियम जान लेना आपके लिए अहम हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं भगवान विष्णु के प्रिय पौधे तुलसी के नियम।
तुलसी से जुड़े जरूरी नियम-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का प्रयोग पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान में अधिक किया जाता है और इस पवित्र पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता हैं ऐसे में अगर आप घर में तुलसी का पौधा लगाने जा रहे हैं तो इसे घर के आंगन में चौकोर आगकार के खाने में या फिर गमले में लगाना शुभ होता हैं वास्तु अनुसार तुलसी को ऐसे लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं इसके अलावा गोल आकार वाले गमले में भी इसे अच्दा अच्दा माना जाता है।
मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मकता का संचार होता हैं। इस पौधे को लगाने की सबसे शुभ दिशा उत्तर पूर्व की मानी जाती हैं यहां पर लगाने से ग्रहदोष और वास्तुदोष का नाश हो जाता हैं और घर धन धान्य से परिपूर्ण रहता हैं। भूलकर भी अमावस्या, द्वादशी और चतुर्दशी की तिथि पर तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा रविवार और एकादशी के दिन भी ऐसा करना वर्जित माना जाता हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (26 मई 2023)
26 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, अधिकारी का समर्थन फलप्रद होगा, मनोनुकूल कार्य बनेंगे।
वृष राशि - योजनायें फलीभूत होंगी, शुभ समाचार प्राप्त होगा, रुके कार्य बनेंगे।
मिथुन राशि - धन लाभ होगा, आशानुकूल सफलता से हर्ष, बिगड़े कार्य बनेंगे।
कर्क राशि - कार्य-व्यवसाय की चिन्ता होगी, प्रसाय करने पर लाभ होगा, कार्य पर ध्यान दें।
सिंह राशि - भोग-ऐश्वर्य की प्रप्ति होगी, कार्यगति उत्तम होगी, सुख के साधन बनेंगे।
कन्या राशि - आर्थिक योजना पूर्ण होगी, सोचे कार्य समय पर पूर्ण होंगे, रुके कार्य बनेंगे।
तुला राशि - पारिवारिक बाधायें परेशान करेंगी, विरोधी तत्व कष्टप्रद होंगे, धैर्य रखकर कार्य करें।
वृश्चिक राशि - मानसिक बेचैनी, उद्विघ्नता से बचें, कार्य से लाभांवित होंगे, समय का ध्यान रखें।
धनु राशि - कुटुम्ब की समस्यायें कष्टप्रद होंगी, व्यर्थ भ्रमण से धन का व्यय होगा ध्यान दें।
मकर राशि - योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन जुटायेंगे, कार्य पर ध्यान दें।
कुंभ राशि - स्वभाव में खिन्नता, मानसिक बेचैनी तथा मानसिक कष्ट से शरीर पीड़ा का कारण बनेगी।
मीन राशि - तनाव, क्लेश व अशांति का वातावरण बनेगा, परिश्रम विफल होगा, कार्यगति मंद होगी।
भगवान श्रीकृष्ण की हर लीला भक्तों के मन को है लुभाती
25 May, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भक्ति की परंपरा में भगवान श्रीकृष्ण सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले भगवान हैं। योगेश्वर रूप में वे जीवन का दर्शन देते हैं तो बाल रूप में उनकी लीलाएं भक्तों के मन को लुभाती है।आज पूरब से लेकर पश्चिम तक हर कोई कान्हा की भक्ति से सराबोर है। चैतन्य महाप्रभु के भक्ति आन्दोलन के समय श्रीकृष्ण का जो महामंत्र प्रसिद्ध हुआ, वह तब से लेकर अब तक लगातार देश दुनिया में गूंज रहा है। आप भी मुरली मनोहर श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए उनके मंत्र के जाप की शुरुआत कर सकते हैं।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे॥
१५वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु के भक्ति आन्दोलन के समय प्रसिद्ध हुए इस मंत्र को वैष्णव लोग महामन्त्र कहते हैं। इस्कान के संस्थापक के श्रील प्रभुपाद जी अनुसार इस महामंत्र का जप उसी प्रकार करना चाहिए जैसे एक शिशु अपनी माता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए रोता है।
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
भगवान श्रीकृष्ण के इस द्वादशाक्षर (12) मंत्र का जो भी साधक जाप करता है, उसे सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। प्रेम विवाह करने वाले अभिलाषा रखने वाले जातकों के लिए यह रामबाण साबित होता है।
कृं कृष्णाय नमः
यह पावन मंत्र स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया है। इसके जप से जीवन से जुड़ी तमाम बाधाएं दूर होती हैं और घर-परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है।
ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम्।
जीवन में आई विपदा से उबरने के लिए भगवान श्रीकृष्ण का यह बहुत ही सरल और प्रभावी मंत्र है। इस महामंत्र का जाप करने से भगवान श्रीकृष्ण बिल्कुल उसी तरह मदद को दौड़े आते हैं जिस तरह उन्होंने द्रौपदी की मदद की थी।
आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।
माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
श्रद्धा और विश्वास के इस मंत्र का जाप करने से न सिर्फ तमाम संकटों से मुक्ति मिलती है, बल्कि सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। सुख, समृद्धि और शुभता बढ़ाने में यह महामंत्र काफी कारगर साबित होता है।
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 1 ।।
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 2 ।।
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 3 ।।
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् ।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 4 ।।
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम् ।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 5 ।।
गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा ।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 6 ।।
गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम् ।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 7 ।।
गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 8 ।।
कन्हैया की स्तुति करने के लिए तमाम मंत्र हैं लेकिन यह मंत्र उनकी मधुर छवि का दर्शन कराती है। इस मंत्र की स्तुति में कान्हा की अत्यंत मनमोहक छवि उभर कर सामने आती है। साथ ही साथ योगेश्वर श्रीकृष्ण के सर्वव्यापी और विश्व के पालनकर्ता होने का भी भान होता है।
हनुमान जी की तस्वीर दक्षिण दिशा की ओर लगायें
25 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म वास्तु और ज्योतिष की मानी जाए तो किसी भी प्रकार की तस्वीर या मूर्ति को घर में रखने से पहले कुछ बातों का जानना बहुत ज़रूरी है।वास्तु और ज्योतिष के साथ-साथ हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में भी देवी-देवताओं की प्रतिमाएं को रखने से चमत्कारी प्रभाव देती हैं। इसलिए शास्त्रों में इनकी प्रतिमाओं और तस्वीरों को रखने के बहुत से महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।हनुमान जी की तस्वीर का महत्व और उससे जुड़े कुछ वास्तु नियम-
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनकी तस्वीर बेडरूम में न रखकर घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है।
वास्तु वैज्ञानिकों के अनुसार हनुमान जी का चित्र दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए क्योंकि हनुमान जी ने अपना प्रभाव अत्यधिक इसी दिशा में दिखाया है जैसे लंका दक्षिण में है, सीता माता की खोज दक्षिण से आरंभ हुई, लंका दहन और राम-रावण का युद्ध भी इसी दिशा में हुआ। दक्षिण दिशा में हनुमान जी विशेष बलशाली हैं।
इसी प्रकार से उत्तर दिशा में हनुमान जी की तस्वीर लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर नकारात्मक शक्ति को हनुमान जी रोक देते हैं। वास्तु अनुसार इससे घर में सुख और समृद्धि का समावेश होता है और दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत को हनुमान जी रोक देते हैं।
जिस रूप में हनुमान जी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हों ऐसी तस्वीर को घर में लगाने से किसी भी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश असंभव है।
सूर्यदेव की लकड़ी की प्रतिमा होती है शुभ
25 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मान्यता है कि भगवान गणेश के साथ-साथ सूर्य देव की उपासना करना बहुत फलदायी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। इसीलिए इसकी शुभ-अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्य देव की अलग-अलग प्रतिमाएं रखना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी इच्छानुसार घर में सूर्य देव की प्रतिमाएं रखी जा सकती हैं। तो आइए आज जानते हैं कि सूर्य देव की कौन सी प्रतिमा को घर में रखा जा सकता है।
लकड़ी की प्रतिमा
ज्योतिष और वास्तु के अनुसार सूर्यदेव की लकड़ी की प्रतिमा घर रखना बहुत अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इसके निरंतर पूजा-पाठ करने से घर के लोगों का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। इसके साथ ही उन्हें भाग्य का साथ मिल जाता है।
मिट्टी की प्रतिमा
जिस जातक की कुंडली में सूर्य दोष हो और उसके सभी कामों में बार-बार बाधाएं आ रही हो तो वो इंसान घर में पत्थर या मिट्टी की सूर्य प्रतिमा रख सकता है। कहा जाता है कि इसकी पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।
तांबे की प्रतिमा
कहते हैं कि घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए हर किसी को तांबे से बनी प्रतिमा रखनी चाहिए। इसके शुभ असर से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
चांदी की प्रतिमा
कार्य क्षेत्र में अधिकार बनाए रखने के लिए चांदी की सूर्य प्रतिमा रख सकते हैं।
सोने की प्रतिमा
सोने से बनी सूर्य प्रतिमा घर में रखने और उसकी पूजा करने से घर में धन-धान्य बढ़ता है, सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हथेली के ये निशान होते हैं शुभ
25 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हथेली पर कई शुभ निशान बने होते हैं। ज्योतिष के अनुसार इन भाग्यशाली निशानों के बनने से व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करता है। ये खास निशान व्यक्ति को धन लाभ का खास योग का निर्माण करता है। जिस किसी व्यक्ति की हथेली पर शनि पर्वत उठा हुआ होता है वह बहुत ही भाग्यशाली व्यक्ति माना जाता है। उसके जीवन में उसे धनलाभ होता है। मणिबंध से शुरू होकर अगर भाग्यरेखा सीधे शनि पर्वत पर जाकर मिलती हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत धनवान और भाग्यशाली होता है। हथेली में किसी भी जगह पर त्रिशूल का चिन्ह बनता हो वह व्यक्ति भाग्य का धनी होता है। अगर त्रिशूल का निशान मंगल पर्वत के ऊपर बनता हो तो यह और भी शुभकारी हो जाता है। जिसका सीधा सा संकेत आपका धनवान, गुणवान और समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के अधिकारी होते हैं। स्वस्तिक का निशान काफी शुभ माना जाता है। जिसके हाथ में यह निशान बनता है उसके भाग्य में धन-सम्पदा का योग रहता है। जिनकी छोटी उंगली पर तिल का निशान होता है वह धन संपत्ति के मामले में भाग्यशाली होते हैं। बुध पर्वत सबसे छोटी उंगली के नीचे पर बना होता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (25 मई 2023)
25 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - कार्य मामले में आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, रुके कार्य बन ही जायेंगे।
वृष राशि - योजना पूर्ण होगी, शुभ सामचार से मन प्रसन्न होगा, सोचे कार्य अवश्य ही बनेंगे।
मिथुन राशि - कार्य व्यवसाय में थकावट, बेचैनी, कार्य में असफलता, सावधानी से कार्य करें।
कर्क राशि - दैनिक व्यवसाय गति मंद रहेगी, असमर्थता का वातावरण बनेगा, र्धर्य रखें।
सिंह राशि - आलोचना से बचिये, कार्य कुशलता से पूर्ण संतुष्टी तथा संतोष होगा।
कन्या राशि - भोग-ऐश्वर्य में समय बीतेगा, शरीरिक थकावट व बेचैनी होगी, कार्य में वृद्धि होगी।
तुला राशि - मित्र वर्ग विशेष फलप्रद रहेगा, आशानुकूल सफलता से संतोष अवश्य होगा।
वृश्चिक राशि - मित्र वर्ग विशेष फलप्रद रहेगा, कार्य में सफलता प्राप्त होगी, रुके कार्य बनेंगे।
धनु राशि - तनावपूर्ण वार्तालाभ होगी, सुख वृद्धि के योग, समय का ध्यान अवश्य रखें।
मकर राशि - कार्यवृत्ति में सुधार, सामाजिक कार्य में मान-प्रतिष्ठा, काम पर ध्यान दें।
कुंभ राशि - कार्य व्यवसाय गति मंद, चोटादि का भय होगा, शारीरिक शिथिलता बनेगी।
मीन राशि - आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बिगड़ी कार्ययोजना बनेगी ध्यान दें।