किसी अनमोल ख़जाने सी होती हैं “यादें”

समय समय पर खंगालते रहना ज़रूरी है

अनुराधा श्रीवास्तव

सह संपादक  

कभी कभी यूँ ही किसी दिन मन की सफाई करते करते भविष्य की चिंता फ़िक्र जिम्मेदारियों से इतर अतीत की यादों पर जमी धूल की परत हटाकर देखिये, कितना कुछ गुज़र जाता है जीवन में साल दर साल और हम कभी क्षण भर बैठकर उसके बारे में सोच नहीं पाते या सोचना नहीं चाहते। जीवन हमारी अच्छी बुरी यादों का एल्बम ही तो है, जीवन में हर वक़्त अच्छा हो, ये ज़रूरी नहीं तो यादें सिर्फ अच्छी कैसे हो सकती हैं। जैसा जीवन हमने जिया यादों का एल्बम भी वैसा ही तैयार होता है जिसमे कुछ तस्वीरें हंसती खिलखिलाती होती हैं, तो कुछ दुःख और पीड़ा से भरी, वैसे ही कुछ यादें आपके मन को खुशियों से भरने वाली होती हैं, तो कुछ यादें दर्द और ज़ख्म को ताज़ा कर देने वाली जो समय के साथ धुंधली पड़ने लगती हैं। यादें भले ही समय के साथ धुंधली पड़ जाएँ, पर उनका एहसास, उनकी महक हमेशा जिंदा रहती है। शायद यही जीवन की खूबसूरती है, हर अच्छे-बुरे पल का एक निशान छोड़ जाना, जो हमें बताता है कि हमने क्या जिया और क्या सीखा।

रोजमर्रा की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में से कुछ वक़्त निकालकर इन यादों की एल्बम को खंगालकर देखिये, कितनी ही कहानियां निकल कर आएँगी हमारे जीवन के हर दौर से जुड़ी। जिन्हें याद करके आपके होठों पर मुस्कान भी आ सकती है और आँखों में नमी भी पर दोनों ही बहुत अनमोल हैं क्योंकि ये हमारी अपनी यादें हैं, हमसे जुड़ी, हमारे जीवन का हिस्सा।

दरअसल यादें हमारे जीवन का वो अनमोल हिस्सा हैं, जो हमें सिर्फ बीते हुए पलों की सैर ही नहीं करातीं, बल्कि हमें अपने आप से भी जोड़े रखती हैं। कभी-कभी ये यादें एक पुरानी तस्वीर की तरह होती हैं, जिसे देखते ही उस वक्त की हवा, उसकी खुशबू, और उस पल की आवाज़ें तक जैसे हमारे आसपास मंडराने लगती हैं। और कभी ये एक धुंधली-सी छाया की तरह होती हैं, जिन्हें हम पूरी तरह देख तो नहीं पाते, पर उनके होने का अहसास हर कदम पर हमारे साथ चलता है।

इन यादों की खास बात ये है कि ये हमें वो सबक भी याद दिलाती हैं, जो हमने जीवन की राह में सीखे। मासूमियत से भरा बचपन, परिवार के साथ बिताया ख़ास दिन या दोस्तों के साथ बिताया कोई बेपरवाह समय, या फिर किसी अपने के जाने का दर्द, हर याद अपने साथ एक कहानी लाती है, और हर कहानी अपने साथ एक सबक। ये छोटी-छोटी यादें ही हमें वो ताकत देती हैं, जो मुश्किल वक्त में हमें संभालती हैं। जब भविष्य का बोझ कंधों पर भारी पड़ने लगता है, तो ये यादें एक हल्की-सी ठंडी हवा की तरह आकर मन को सुकून देती हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि हम इन यादों को कितना संजोकर रखते हैं? आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम नए अनुभव तो बनाते हैं, पर पुराने को सहेजने का वक्त शायद ही निकाल पाते हैं। एक वक्त था जब लोग अपने एल्बम को बड़े जतन से सजाते थे, हर तस्वीर को जगह देते, उसके पीछे तारीख और छोटी-सी याद लिखते। आज डिजिटल दुनिया में तस्वीरें तो हज़ारों हैं, पर उनमें वो एहसास कहीं खो-सा गया है। हमें फिर से उस पुराने तरीके को अपनाना चाहिए, न सिर्फ तस्वीरों को, बल्कि उन पलों को भी सहेजना चाहिए, जो हमारे मन के किसी कोने में दबे हुए हैं।

सच कहूँ तो यादों के एल्बम की एक ख़ास बात ये है कि ये कभी पूरी नहीं होती। हर दिन, हर पल, इसमें कुछ नया जुड़ता जाता है। कल जो आज है, वो कल एक याद बन जाएगा। इसलिए इन पलों को जीना, इन्हें महसूस करना, और फिर इन्हें अपने मन के किसी कोने में संभालकर रखनायही तो जीवन का असली मज़ा है। तो अगली बार जब आप अपने मन की सफाई करें, तो थोड़ा वक्त निकालिए, बैठिए चुपचाप, और अपने इस यादों के एल्बम को पलटिए। शायद कोई पुरानी याद आपको फिर से हंसा दे, या कोई आंसू आपको फिर से अपने भीतर की गहराई से मिला दे।