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तीन माह की ट्रेनिंग मे हिमाचल सिखाएगा कैसे की जाती है NDPS केसों की जांच
6 Mar, 2024 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा व पंजाब के पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस के मामलों की जांच कैसे की जाती है, यह हिमाचल पुलिस सिखाएगी। एनडीपीएस के मामले में सुनवाई करते हुए हिमाचल में जांच के तरीके को कहीं बेहतर बताते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए हिमाचल के धर्मशाला में स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर भेजने का आदेश दिया है।एनडीपीएस के मामले में चरखी दादरी की अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सजा को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी द्वारा विभिन्न स्तरों पर चूक हुई है। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान ले लिया।हाईकोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हरियाणा व पंजाब के मुकाबले जांच बेहतर तरीके से की जाती है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को बेहतर ट्रेनिंग दी जाए ताकि जांच के तरीके में सुधार हो सके। हाईकोर्ट ने अब दोनों राज्यों के डीजीपी को आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर अधिकारियों का बैच तैयार किया जाए और इन्हें धर्मशाला में मौजूद दरोह पुलिस ट्रेनिंग सेंटर भेजा जाए। वहां पर इन अधिकारियों की ट्रेनिंग तीन माह में पूरी करवाई जाए।
नेपाल में फिर सत्ता में आई चीन की पिछल्गू सरकार....भारत के लिए चिंता
6 Mar, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काठमांडू । नेपाल में 2022 के केंद्रीय चुनाव के बाद ये तीसरी बार सरकार बदली है, हर बार प्रचंड खुद को प्रधानमंत्री बनाए रखने में सफल हुए हैं। अब फिर से कम्युनिस्ट पार्टियां एक साथ आई हैं, बताया जा रहा हैं कि नेपाल की राजनीति में आया बदलाव भारत और चीन के लिए समीकरण बदलेगा।
नए समीकरणों में माओवादी नेता और प्रधानमंत्री पुष्प दहाल कमल प्रचंड की पार्टी माओवादी सेंटर ने पूर्व पीएम केपी ओली की पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (यूएमएल) के साथ हाथ मिला लिया है। इसके साथ ही नेपाल की राजनीति में एक बार फिर कम्युनिस्ट पार्टियां एक साथ आ गई हैं। इसके पहले बीते साल फरवरी में प्रचंड और ओली की पार्टी ने गठबंधन तोड़ लिया था। नेपाल में इस नई राजनीतिक करवट को चीन के हित में देखा जा रहा है। वहीं भारत के लिए चिंता जाहिर की जा रही है। आखिर नेपाल की इस नई हलचल का भारत पर क्या असर होगा, दरअसल नेपाल की राजनीति में हुए बदलाव का मतलब है कि नेपाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस अब विपक्ष में बैठेगी। इसका भारत पर क्या असर होगा, यह समझने से पहले जरा नेपाल की राजनीति को समझना होगा। नेपाली कांग्रेस नेपाल की पुरानी राजनीतिक पार्टी है। नेपाल की सत्ता में इसका होना भारत के लिए अच्छा समझा जाता रहा है। वहीं, नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टियों का एक साथ आना चीन के लिए अच्छा माना जाता है। चीन की कोशिश होती है कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टियों में एकजुटता बनी रहे। सूत्रों ने बताया कि प्रचंड और ओली के बीच मेक-अप कराने के पीछे चीन काफी दिनों से लगा हुआ था।
खबरों से पता चलता है कि शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस और प्रचंड की माओवादी सेंटर के बीच पिछले कुछ हफ्तों से ठीक नहीं चल रहा था। हालांकि, इतनी जल्दी दोनों अलग हो जाएंगे ये उम्मीद नहीं थी। बीते सप्ताह नेपाली कांग्रेस की जनरल कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी सदस्यों ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी। यही नहीं, बैठक में माओवादी युद्ध अत्याचारों की याद भी दिलाई गई। नेपाली कांग्रेस के कई नेताओं का ये भी मानना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते उसे माओवादियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।
विश्लेषकों का मानना है कि कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ आने से नेपाल की विदेश नीति नहीं बदलेगी लेकिन नई दिल्ली और बीजिंग में उसके प्रति धारणा जरूर बदलेगी। नेपाली कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने और कम्युनिस्टों के वर्चस्व से भारत का चिंतित होना लाजमी है। कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ आने से चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) नेपाल की प्राथमिकता में आ सकता है। इसके पहले नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर के साथ वाली सरकार पर ये आरोप लगता रहा था कि वे चीन के प्रोजेक्ट को जानबूझकर आगे नहीं बढ़ने दे रही है।
हमें भूखा रखा जा रहा....जबरन जंग के लिए भेजा जा रहा
6 Mar, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मास्को । नेपाल के बाद यूक्रेन की जंग में फंसे भारतीय नागरिकों ने अपनी खौफनाक कहानी सुनाकर भारत सरकार से मदद मांगी है। ताजा मामले में 7 से ज्यादा भारतीयों के दल ने दो वीडियो जारी कर बताया किस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और जंग के मैदान में जबरन भेजा जा रहा है। इन भारतीयों की पहचान गगनदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, नरैन सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, हर्ष कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में हुई है। इसमें से 5 भारतीय पंजाब और दो अन्य हरियाणा के हैं। यह लोग वे टूरिस्ट वीजा पर रूस गए थे और रूसी पुलिस ने 10 साल जेल भेजने की धमकी देकर उन्हें हेल्पर के रूप में यूक्रेन की जंग में भेज दिया।
एक भारतीय ने बताया कि, हमें यह बताया गया कि हमें केवल हेल्पर के रूप में काम करना होगा। लेकिन उन्होंने हमें हथियारों और गोला बारूद की ट्रेनिंग के लिए शामिल कर लिया। अब हमें यूक्रेन भेजने की तैयारी है। रूसी सैनिक हमें भूखा रख रहे हैं और हमारे फोन को भी छीन लिया है। यह वीडियो 3 मार्च का बताया जा रहा है। रूस में फंसे भारतीय नागरिक ने बताया कि कई बार गुहार लगाई है, लेकिन रूसी सेना उनकी गुहार को अनसुना कर दे रही है। उन्होंने कहा, रूसी सेना ने हमें बताया कि हम एक साल के बाद ही जा सकते हैं। वे हमसे कह रहे हैं कि मदद करो ताकि रूस युद्ध जीत सके।
वहीं एक अन्य भारतीय ने कहा कि हम भारतीय दूतावास और भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी मदद करें। यह हमारा अंतिम वीडियो हो सकता है। रूसी सेना हमें यूक्रेन में युद्ध क्षेत्र में भेजने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 100 भारतीयों को पिछले एक साल में रूसी सेना में शामिल किया गया है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उनके कड़े विरोध के बाद कई भारतीयों को रूसी सेना से हटाया गया है। भारत ने कहा कि करीब 20 भारतीयों ने भारतीय दूतावास से मदद मांगी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत सरकार रूस के साथ पूरे मामले को लेकर संपर्क में है। इतना ही नहीं भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयास हो रहे हैं। इस खुलासे के बाद पुतिन सरकार चौतरफा घिर गई है।
अबॉर्शन का संवैधानिक अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश बना फ्रांस
6 Mar, 2024 11:19 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस। अबॉर्शन का संवैधानिक अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश फ्रांस बन गया है। फ्रांस के सांसदों ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र के दौरान देश में गर्भपात को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बनाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। विधेयक पर मतदान हुआ और इसके पक्ष में 780 जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। प्रधान मंत्री गेब्रियल अटल ने मतदान से पहले सांसदों से कहा, हम सभी महिलाओं को एक संदेश भेज रहे हैं: आपका शरीर आपका है और कोई भी आपके लिए निर्णय नहीं ले सकता।फ्रांस में 1974 के कानून के बाद से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है जिसकी उस समय कई लोगों ने कड़ी आलोचना की थी। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई और इस कदम की सराहना की। संसद के दोनों सदन नेशनल असेंबली और सीनेट पहले ही फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे चुके हैं ताकि महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी जा सके। जब मतदान के परिणाम की घोषणा एक विशाल स्क्रीन पर की गई तो पृष्ठभूमि में एफिल टॉवर चमक रहा था और माईबॉडीमायचॉइस संदेश प्रदर्शित हो रहा था, इसलिए मध्य पेरिस में एकत्र हुए गर्भपात अधिकार कार्यकर्ताओं ने खुशी मनाई और तालियां बजाईं। संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों की तुलना में फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को अधिक व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 80% फ्रांसीसी लोग इस तथ्य का समर्थन करते हैं कि गर्भपात कानूनी है।
मरयम को सीएम बनाना, पाकिस्तानी राजनीति में एक ‘मील का पत्थर’
6 Mar, 2024 10:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिका का कहना है कि पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में मरयम नवाज का चयन पाकिस्तानी राजनीति में एक ‘मील का पत्थर’ है। अमेरिका ने कहा कि वह पाकिस्तान की राजनीति में महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए इस्लामाबाद के साथ सहयोग को तैयार है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की 50 वर्षीय बेटी मरयम ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, मुख्यमंत्री के रूप में उनका (मरयम नवाज शरीफ का) चयन पाकिस्तान की राजनीति में एक मील का पत्थर है। मरयम को तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री 74 वर्षीय नवाज शरीफ का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को दी क्लीनचिट....चुनाव लड़ने का रास्ता हुआ साफ
6 Mar, 2024 09:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर लगाए प्रतिबंध को रद्द कर दिया। कोलराडो के टॉप कोर्ट ने 14वें संविधान संशोधन के तहत ट्रंप को चुनाव लड़ने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि राज्य अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर गया है। कोर्ट ने कैपिटल दंगे के लिए ट्रंप को जवाबदेह ठहराने के प्रयासों को खारिज कर दिया। इसके बाद अब ट्रंप का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। ट्रंप ने इस फैसले को अमेरिका के लिए बड़ी जीत करार दिया है।
जज ने सर्वसम्मति से लोअर कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया कि ट्रंप को छह जनवरी, 2021, कैपिटल दंगा मामले में उनकी कथित भूमिका के कारण सार्वजनिक पद धारण करने से अयोग्य घोषित किया था। कोलोराडो के सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी तरह के पहले फैसले में कहा था कि प्रावधान, धारा 3, ट्रंप पर लागू की जा सकती है। ट्रंप के वकीलों ने दलील दी कि छह जनवरी का दंगा विद्रोह नहीं था और अगर ऐसा था भी, तब ट्रंप दंगाइयों में शामिल नहीं हुए थे।
विज्ञान का चमत्कार, अब दुनिया में बच्चे अपंग पैदा नहीं होंगे
6 Mar, 2024 08:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । साइंस की दुनिया में फिर चमत्कार हुआ है। अक्सर सुनाने में आता हैं कि कई बच्चे जब पैदा होते हैं, तब उनके अंग पूरे विकसित नहीं होते। किसी बच्चे की आंखें नहीं खुलतीं, तब किसी का सिर आधा अधूरा बना रहता है। किसी के फेफड़े और किडनी पूरी तरह काम नहीं करते हैं। अब ऐसी जेनेटिक बीमारियों का इलाज की उम्मीद जगा गई है। वैज्ञानिकों ने पहली बार गर्भ में पल रहे शिशु के अंग लैब में तैयार करने की बात कही है। उनका दावा है कि उन्हें कुछ ऐसा फार्मूला मिला है, जिससे प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों में वे शिशुओं के अंगों और कोशिकाओं को विकसित कर सकते हैं। अजन्मे शिशुओं की स्टेम कोशिकाओं से मिनी अंग विकसित किए जा सकते है। अगर ये कामयाब रहा, तब दुनिया में बच्चे अपंग पैदा नहीं होंगे। क्योंकि गर्भ में ही उनके अंगों को विकसित किया जा सकेगा।
दुनिया में हर साल लाखों बच्चे गर्भ में विकसित हुई बीमारी के साथ पैदा होते हैं। सबसे ज्यादा डायाफ्राम हर्निया के चांस होते है, जिसमें पेट के सारे अंग अपनी जगह से खिसककर छाती में चले जाते हैं। दूसरी दिक्कत सिस्टिक फाइब्रोसिस की होती है, इसमें कुछ ग्रंथियों में से असामान्य रूप से गाढ़े पदार्थ का रिसाव होने लगता है, जो फेफड़ों और पाचन तंत्र सहित कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इस तरह की जेनेटिक बीमारी सिस्टिक किडनी डिसीज है। इसमें फ्लूड से भरी थैली यानी सिस्ट बन जाते हैं, जो किडनी के लिए गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसतरह के बीमारियों को नए फार्मूले के द्वारा ठीक किया जा सकेगा।
आमतौर पर प्रेग्नेंसी के 22वें हफ्ते में भ्रूण के साथ छेड़छाड़ करना गैरकानूनी होता है। इससे बच्चे को दिक्कत हो सकती है। इसीलिए जब तक बच्चे को कोई गंभीर बीमारी न हो, इन हफ्तों में डॉक्टर सर्जरी का खतरा मोल नहीं लेते। लेकिन विशेषज्ञों दावा है कि अब वे एमनियोटिक थैली में तैरती कोशिकाओं से छोटे अंग विकसित कर सकते हैं, वहां भी बच्चे को छुए बिना। एमनियोटिक द्रव भ्रूण द्वारा निर्मित होता है और गर्भ में बच्चे को घेरे रहता है। यह द्रव बच्चे के शरीर से बहता रहता है और कोशिकाओं तक डीएनए लेकर जाता है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की डॉ. मटिया गेरली ने कहा, नई रिसर्च हमें बच्चे को बिना छुए, उसके अंगों को ठीक करने की राह में आगे बढ़ रहे है। यह हमें आनुवंशिक बीमारियों के बारे में और अधिक सिखा सकती है। हम बेहतर तरीके से जान सकते हैं कि बच्चों में होने वाली जेनेटिक बीमारियों से कैसे निपटा जाए। हम इस रहस्य का भी खुलासा करने में सक्षम हो सकते हैं कि गर्भावस्था के बाद बच्चों का विकास किस तरह होता है। आमतौर पर हम लेट प्रेग्नेंसी के बारे में बहुत कम जानते हैं। अब हमने एम्नियोटिक द्रव कोशिकाओं से जो ऑर्गेनॉइड बनाए हैं, वे उन ऊतकों के कई कार्यों को दर्शाते हैं जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।
शोधकर्ताओं ने 12 प्रेग्नेंट महिलाओं के गर्भ से उनकी गर्भावस्था के 34 सप्ताह तक के फेफड़े, गुर्दे और छोटी आंत की कोशिकाओं को एकत्र किया। फिर लैब में उन पर रिसर्च की और एम्नियोटिक द्रव कोशिकाओं से छोटे-छोटे अंग विकसित किए। अब इनका अध्ययन किया जाएगा। डॉ. गेरली ने बताया कि जब हमने जन्मजात डायाफ्रामिक हर्निया वाले बच्चों पर इसका अध्ययन किया, तब देखा कि यह काम कर रहा है। उनके अंग फिर से पुरानी जगहों पर आ गए। सर्जन प्रोफेसर पाओलो डी कोप्पी ने कहा, यह पहली बार है जब हम जन्म से पहले किसी बच्चे की जन्मजात स्थिति के बारे में अच्छे से जान पा रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान में यह क्रांतिकारी कदम होगा। हालांकि, यह अभी ये दावा नहीं कर रहे कि हम इस कर ही सकते हैं, लेकिन नतीजे निश्चित रूप से उत्साह बढ़ाने वाले हैं।
तिब्बती बकरियों का क्लोन बनाया चीन ने
5 Mar, 2024 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग । चीन ने दावा किया है कि उसने पहली बार तिब्बत की बकरियों को क्लोन करने में सफलता पाई है और इसके लिए उसी तकनीक का उपयोग किया गया है जिसे दुनिया की पहली क्लोन की गई भेड़ के लिए इस्तेमाल किया गया था।
चीन ने एक बार फिर एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। इस तकनीक से चीन पहले ही बंदर की क्लोनिंग भी कर चुका है। वैज्ञानिकों ने सोमेटिक सेल क्लोनिंग तकनीक का उपयोग किया जिसें एक वयस्क कोशिका के केंद्रक को नई अंडे वाली कोशिका में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद इस अंडे को एक सेरोगेट मां के गर्भ में डाला गया जिसने ऐसे बकरी के बच्चे को जन्म दिया जिसमें उसका कोई डीएनए नहीं था। एक वीडियो के मुताबिक पहला बच्चा 7.4 पाउंड का था और स्वस्थ है लेकिन दूसरी बकरी के बारे में किसी तरह का कोई जिक्र नहीं किया गया। वे एक बड़े नर बकरी से क्लोन किए गए थे जिन्हें प्रजनन के लिए चुना गया था।
चीनी वैज्ञानिक बकरियों की जनसंख्या में से खास तरह के जेनेटिक पदार्थों की संरक्षित कर रहे हैं जो कि बकरी पालने वालों के लिए एक कठिन काम है। इसी के जरिए पूरी की पूरी जेनेटिक जानकारी को ही क्लोनिंग कर कॉपी की जा सकती है। इसका मकसद अनुवांशिकी संसाधनों की बढ़ाना और अच्छे से उपयोग कर पाना है जिससे स्थानीय किसानों की आय बढ़े और स्थानीय पशुपालन उद्योग का विकास हो सके। टीम ने ऐसे बकरों का क्लोन बनाया है जो भारी मात्रा में ऊन पैदा करते हैं।
इस प्रयोग का मकसद ऐसे नर बकरे बनाना है जो सबसे अच्छा ऊन पैदा करते हैं। इस उपलब्धि के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं दी गई लेकिन हां जिस जानवर से सोमेटिक कोशिका बनाई गई उसकी जानकारी जरूर सार्वजनिक कर दी गई है। इसी तकनीक ने स्कॉटलैंड में डॉली नाम की भेड़ को क्लोनिंग से बनाया गया था।
रेस्टोरेंट में माउथ फ्रेशनर खाने के बाद मुंह से निकलने लगा खून
5 Mar, 2024 05:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुरुग्राम। सेक्टर -90 में एक रेस्टोरेंट में खाना खाने गए दोस्त और परिवार के लोगों को वेटर द्वारा दिए गए माउथ फ्रेशनर खाने के बाद मुंह से खून निकलने के मामले में खेड़कीदौला थाने में साजिश व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।शिकायतकर्ता अंकित ने बताया कि वह अपनी पत्नी नेहा, मानिक अपनी पत्नी प्रीतिका और दीपक अरोड़ा अपनी पत्नी हिमानी के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाने गए थे। खाना खत्म होने के बाद उन्हें रेस्टोरेंट की महिला वेटर अमृतपाल कौर ने माउथ फ्रेशनर आफर किया।अंकित ने बताया कि उन्होंने अपनी एक साल की बेटी को गोद में लिया हुआ था, इसलिए उन्होंने माउथ फ्रेशनर नहीं खाया, जबकि उसकी पत्नी समेत पांच साथियों ने माउथ फ्रेशनर खा लिया। इसके बाद उनके मुंह में जलन पड़ने लगी। मुंह से खून निकलने लगा और उल्टी आने लगी।तबीयत ज्यादा खराब होने पर अंकित ने वेटर से माउथ फ्रेशनर का पैकेट अपने कब्जे में ले लिया। इसके बावजूद रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने उनकी कोई मदद नहीं की। उन्होंने खुद 100 नंबर पर फोन किया। सभी को निजी अस्पताल ले जाया गया।अंकित ने जब वह पैकेट डॉक्टर को दिखाया तो डाक्टर ने उसे ड्राई आइस बताया। डॉक्टर के अनुसार यह जानलेवा एसिड है। इसके सेवन से जान भी जा सकती है। खेड़कीदौला थाने के एसएचओ मनोज ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में जो लोग संलिप्त होंगे उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।
गुयाना की अर्थव्यवस्था में सारी दुनिया को चौंकाया
5 Mar, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुयाना । वेस्टइंडीज का एक छोटा सा देश गुयाना इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है गुयाना में तेल के भंडार मिले हैं। जिसके कारण सबसे ज्यादा कच्चा तेल का उत्पादन करने वाला देश गुयाना बन गया है। सबसे ज्यादा कच्चा तेल निर्यात करने वाला देश भी गुयाना हो गया है। इसके पहले सऊदी अरब,सबसे ज्यादा कच्चे तेल का उत्पादन करता था। अरब देशों की सबसे ज्यादा कमाई कच्चे तेल से होती थी। अरब देश तेल के उत्पादन और बिक्री में गुयाना से पिछड़ रहे हैं। सही मायने में गुयाना सारी दुनिया के देशों में सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। गुयाना की आर्थिक विकास दर 38 फ़ीसदी है।जो दुनिया के किसी भी देश की नहीं है।
8 लाख की आबादी वाले, इस छोटे से देश में, तेल का पैसा बरस रहा है। उसने गुयाना के पूरे आर्थिक तंत्र को बदलकर रख दिया है। गुयाना में 390000 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन हो रहा है। 2027 तक 100000 बिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है। जो 11 बिलियन बैरल होगा। तेल के कारण 2023- 24 में विश्व बैंक ने गुयाना की अर्थव्यवस्था में 38 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की है।विश्व बैंक के अनुसार अगले 5 वर्षों में गुयाना की प्रति व्यक्ति आय में 115 फ़ीसदी की वृद्धि होगी। जो विश्व के देशों में सबसे ज्यादा होगी।गुयाना के मजदूर अब के शेख बनने जा रहे हैं। इसमें भारतीय मूल के भी लाखों नागरिक होंगे। यदि इन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था को सही तरीके से बनाकर रखा।तो आर्थिक दृष्टि से प्रति व्यक्ति आय के मामले में सबसे ज्यादा संपन्न देशों में गुयाना शामिल होगा। भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में 5।8 फ़ीसदी के साथ आगे बढ़ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय 7 फ़ीसदी की दर से वृद्धि हो रही थी। गुयाना की अर्थव्यवस्था में अगले 10 वर्षों में न्यूनतम 50।8 फ़ीसदी की दर से वृद्धि होगी।ऐसा अनुमान विश्व बैंक ने लगाया है।
अभी तक गुयाना में कृषि और माइनिंग ही आए के स्रोत थे। अब सबसे ज्यादा आय कच्चे तेल से हो रही है। जिस तेज गति से गुयाना में पैसा आ रहा है।उसके बाद विभिन्न समस्याएं भी देखने को मिलने लगी हैं। सऊदी अरब, अमेरिका, कनाडा का व्यापारिक दबाव गुयाना पर अभी से पड़ने लगा है। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसका असर गुयाना की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थितियों में पडना तय माना जा रहा है। गुयाना में भारतीय मूल और फ्रांसीसी मूल के नागरिक निवास करते हैं उनकी जनसंख्या मात्र 8 लाख है। ऐसी स्थिति में दुनिया के विकसित राष्ट्र गुयाना में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करके अपना उल्लू सीधा करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है, गुयाना की लॉटरी खुल गई है। यहां का हर नागरिक भारी कमाई कर रहा है। गुयाना मे प्रति व्यक्ति आय बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। गुयाना वर्तमान स्थिति को देखते हुए, अपनी व्यापारिक समझ, विकास की योजनाएं और सुरक्षात्मक उपाय पूरी ताकत के साथ करने होंगे। यदि ऐसा नहीं कर पाए, तो अंतरराष्ट्रीयव्यापारिक और राजनीतिक दबाव के चलते गुयाना में भी अस्थिरता पैदा हो सकती है। इसके लिए गुयाना के शासको को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। दुबई से भी सबक लेने की जरूरत है।
निगम को ताला लगाने के आरोप में कांग्रेस सांसद गिरफ्तार
5 Mar, 2024 05:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लुधियाना। नगर निगम को ताला लगाने के आरोप में नामजद हुए सांसद रवनीत सिंह बिट्टू प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशू और जिला अध्यक्ष संजय तलवाड समेत 400 कांग्रेसियों द्वारा पुलिस कमिश्नर कार्यालय के समक्ष गिरफ्तारी देने के लिए प्रदर्शन किया गया। इन सभी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।पुलिस ने इन सभी को ज्यूडिशियल भेजने के लिए प्रमाण पत्र दायर किया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही कांग्रेसियों द्वारा अदालत में जमानत याचिका लगाई गई है, जिस पर बहस भी हो गई है। जज की तरफ से जमानत देने या फिर जेल भेजने के लिए फैसला सुरक्षित रखा है।ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट तनिष्ठ गोयल की अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई कल 6 मार्च को होगी। अदालत ने बिट्टू , सुरिंदर डावर, श्याम सुंदर मल्होत्रा और संजय तलवार को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये हैं। अदालत के आदेश के मुताबिक इनको जेल भेजा जायेगा।
हरियाणा : स्पेशल टास्क फोर्स में तैनात जवान की गोली मारकर हत्या
5 Mar, 2024 05:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के झज्जर के साल्हावास क्षेत्र के गांव भूरावास निवासी पूर्व फौजी व वर्तमान में हरियाणा पुलिस रोहतक की स्पेशल टास्क फोर्स में तैनात जवान की जेएनएल फीडर भूरावास के पास अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या किसने की है, फिलहाल पता नहीं लग सका है।मृतक को गोली उसकी दाहिने तरफ की कनपटी के पास लगी हुई थी तथा उसकी गाड़ी में सरकारी रिवाल्वर भी पड़ा हुआ मिला है। कार के अगले शीशे में दो गोलियां लगी हुई हैं तथा एक गोली का निशान कार की छत पर लगा मिला है। कार में ही मृतक के जूते पड़े हुए मिले हैं। गोली लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
यह घटना अलसुबह की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही डीआईजी अमरदीप सिंह, एसटीएफ एसपी वसीम अकरम, डीएसपी अनिल कुमार, थाना प्रभारी प्रकाश चंद ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस ने मृतक का शव अपने कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल झज्जर में भिजवाया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार भूरावास गांव निवासी सतवीर फौज से सेवानिवृत्त था और अब स्पेशल टॉस्क फोर्स रोहतक में था। उसकी शादी पाना बिधयान दुबलधन निवासी पूनम के साथ 24 मार्च 2001 में हुई थी। शादी के बाद से सतवीर वह गांव दुबलधन में अपनी ससुराल में ही रहता था। सोमवार रात्रि वह अपने पैतृक गांव भूरावास में अकेला ही आया हुआ था।गांव में किसी तरह का कोई समारोह भी नहीं था। पूर्व सैनिक की लाश सुबह जेएनएल फीडर भूरावास के पास मिली। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतक को गोली उसकी दाहिने तरफ की कनपटी के पास लगी हुई थी। उसकी गाड़ी में सतवीर का सरकारी रिवाल्वर भी पड़ा हुआ मिला है।
हैती में हिंसा का फायदा उठाकर 4 हजार कैदी जेल से फरार
5 Mar, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैती । हैती में हिंसा भड़क उठी है। हैती में हिंसा की ताजा लहर के बीच हथियारबंद गिरोह के सदस्यों ने हैती की मुख्य जेल पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद हजारों कैदी मौके का फायदा उठाकर मुख्य जेल से फरार हो गए है। बताया गया कि हमले के बाद भगदड़ ऐसी मची कि करीब 4 हजार कैदी जेल से भाग निकले। इसके बाद से ही सरकार परेशान है। दरअसल, मानवाधिकार वकील के अनुसार, राजधानी में विभिन्न गिरोहों के बीच समन्वित हमलों के बाद करीब पांच लोग मारे गए, जिनमें नेशनल पेनिटेंटरी जेल पर हमला भी शामिल था। जहां 100 से भी कम कैदी अपनी सेल में रह गए थे। बाकी सभी 4 हजार कैदी फरार हो गए है। हैती सरकार ने हिंसा के बाद सड़कों पर नियंत्रण फिर से हासिल करने की कवायद में रविवार देर रात आपातकाल और रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। इस हिंसा के दौरान सशस्त्र गिरोह के सदस्यों ने देश की दो सबसे बड़ी जेलों पर धावा बोल दिया था। देश में 72 घंटे का आपातकाल तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने देश में बढ़ते शक्तिशाली अपराध समूहों के साथ संघर्ष में स्थिरता लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित सुरक्षा बल की तैनाती के वास्ते समर्थन जुटाने की कोशिश में पिछले सप्ताह विदेश यात्रा की थी। बदमाशों ने पुलिस थानों, देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और यहां तक कि फुटबॉल स्टेडियम तक को निशाना बनाया है।
ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ते तापमान से अपरिपक्व जन्म का जोखिम बढ़ा
5 Mar, 2024 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के सेहत पर होने वाले बुरे असर पर तब बहुत सी बातें होती हैं। इस विषय पर तमाम तरह के शोध होते रहते हैं। शायद पहली बार जब वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते तापमान का बच्चों के पैदा होने से संबंधित समस्याओं से जोड़ा है। इस चौंकाने वाले अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने चेताया है कि चरम तापमान की वजह से प्री टर्म बर्थ यानी अपरिपक्व जन्म को जोखिम बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होने वाले चरम तापमान ने प्रीटर्म बर्थ का औसत इजाफा 60 फीसद तक पहुंच चुका है। इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने 163 वैश्विक सेहत अध्ययनों की समीक्षा की।
अभी दुनिया में 60 करोड़ लोग उन इलाकों में रहते हैं, जहां तापमान इंसान के अस्तित्व के लिए जरूरी आदर्श तापमान से अधिक रहता है। जलवायु परिवर्तन के पूर्वानुमान बताते हैं कि यह संख्या इस सदी के अंत तक करीब 3 अरब तक पहुंचने वाली है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि असामान्य मौसम, सूखे और जंगल की आग जैसी घटनाओं के कारण हवामें अन्य कणों के साथ एलर्जी फैलाने वाले कणों का काफी इजाफा हुआ है। इसका सांस के रोगों के रूप में गहरा असर हुआ है और साथ ही प्री नेटल नतीजे भी प्रभावित हुए हैं।
ग्लोबल इकोलॉजिस्ट कोरे ब्रैडशॉ का कहना है कि जलवायु परिवर्तन दुनिया के करोड़ों बच्चों में जीवन भर के लिए सेहत संबंधी समस्याएं पैदा कर रहा है। उन्होंने आंकड़ों को संकुचित कर दर्शाया कि कैसे भविष्य में अलग-अलग तरह के मौसमी घटनाएं जनसंख्याओं में सेहत संबंधी समस्याओं का और खराब कर देगा।
जब वर्जीनिया में ओबामा को बाइडेन समझ लिया ट्रूंप ने
5 Mar, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान चरम पर है। 5 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए इस बार भी जंग वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। दोंनों ही तरफ से एक-दूसरे पर जुबानी हमले भी लगातार जारी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की ओर से सार्वजनिक मंच पर कई बार ऐसी गलती हो जाती है, जिसके कारण सोशल मीडिया में उनका मजाक बनाया जाता है और उनकी बढ़ती उम्र को इसकी वजह भी बताया जाता है। लेकिन ट्रंप की तरफ से भी इस तरह की चूक हो रही है। एक रैली में ट्रंप ने बाइडेन की जगह पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अमेरिकी राष्ट्रपति बता दिया। ट्रंप ने वर्जीनिया में रैली में ओबामा को बाइडेन समझ लिया, जिससे संभावित रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की उम्र के बारे में और सवाल उठने लगे। क्रमशः 77 और 81 साल की उम्र के साथ ट्रम्प और बाइडेन अमेरिकी इतिहास में राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ने वाले सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं।
ट्रम्प ने कहा कि पुतिन के मन में ओबामा के लिए इतना कम सम्मान है कि वे परमाणु शब्द को उछालना शुरू कर रहे हैं। आपने वहां सुना वहां आज परमाणु हथियारों पर बात करना शुरू कर रहे हैं। कथित तौर पर भीड़ चुप हो गई क्योंकि ट्रम्प ने ओबामा का जिक्र किया जो सात साल से अधिक समय पहले ही व्हाइट हाउस छोड़ चुके हैं। पिछले छह महीनों में यह तीसरी बार है जब ट्रम्प से चूक हुई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की अन्य गलतियों में उनकी रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली को पूर्व हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के साथ भ्रमित करना शामिल है। ट्रम्प की गलती उस दिन सामने आई जब बाइडेन ने दो बार यूक्रेन और गाजा को भ्रमित किया जब उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका गाजा में फिलिस्तीनियों को मानवीय आपूर्ति प्रदान करेगा जो इजरायली बमबारी और नाकेबंदी के कारण भूख से मर रहे हैं।