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सीएम मनोहर लाल आज देंगे 3385 करोड़ की सौगात
7 Mar, 2024 03:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। हरियाणा के लोगों को आज 656 नई परियोजनाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंचकूला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 386 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे, जबकि 270 परियोजनाओं का शिलान्यास होगा। इन परियोजनाओं पर 3385 करोड़ रुपये खर्च होंगे।पंचकूला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम के अलावा जिला स्तर पर भी परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें स्थानीय सांसद-विधायक मौजूद रहेंगे। सबसे ज्यादा परियोजनाएं सीएम सिटी करनाल को मिली हैं और इसके बाद सिरसा व महेंद्रगढ़ को। फरीदाबाद और पलवल के हिस्से में सबसे कम परियोजनाएं आई हैं।डेढ़ दर्जन से अधिक सरकारी विभागों से जुड़ी इन परियोजनाओं से आमजन को काफी फायदा होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरे राज्य को एक इकाई मानकर समान विकास किया है। इस बार के बजट में भी इनमें से कई परियोजनाओं का प्रविधान है। विकास की यह गति इसी तरह से जारी रहेगी।
प्लॉट बेचने के नाम पर शख्स से 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी
7 Mar, 2024 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुरुग्राम। डीएलएफ फेस तीन निवासी एक व्यक्ति के साथ प्लॉट बेचने के नाम पर 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। आरोपितों ने डीएलएफ द्वारा आवंटित किए गए प्लॉट को पीड़ित व्यक्ति को बेच दिया और कब्जा भी दे दिया।चारदीवारी बनाने के बाद व्यक्ति को कोर्ट से आए नोटिस में यह जानकारी मिली कि आरोपितों ने पहले ही यह प्लॉट किसी दूसरे को बेच दिया था। पुलिस आयुक्त से शिकायत के बाद बुधवार को थाने में केस दर्ज किया गया।डीएलएफ फेस तीन निवासी ईश्वर यादव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने दिल्ली के रणजीत नगर निवासी सुदेश खन्ना व उनके बेटे तुषार खन्ना से यह प्लॉट जून 2023 में खरीदा था। तब आरोपितों ने कहा था कि उन्हें यह प्लॉट डीएलएफ ने 1991 में अलाट किया था।इसके कागज इनके पास नहीं थे। क्योंकि प्लॉट खाली था और किसी के नाम पर म्यूटेशन नहीं था तो डीएलएफ से दोबारा इसके कागजात तुषार खन्ना के नाम पर कर दिए गए। ईश्वर ने 2023 में प्लॉट खरीदने से पहले डीएलएफ से भी पूछताछ की और तसल्ली के बाद उन्होंने 84 लाख रुपये में प्लॉट खरीद लिया।
तीसरे विश्व यूद्ध की आहट: अमेरिका रूस पर कर सकता है हमला
7 Mar, 2024 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉस्को। रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों का एक सैन्य गठबंधन बनाकर रूस पर हमला कर सकता है। अमेरिका के नेतृत्व में जॉइंट ऑपरेशनल फोर्स रूस के अहम सैन्य ठिकानों पर ग्लोबल स्ट्राइक कर सकते हैं। अमेरिकी और पश्चिमी देशों के हमले में फाइटर जेट और अलग-अलग तरह की मिसाइलों के साथ रूस पर अचानक और ज़ोरदार हमला होगा। पश्चिमी सैन्य गठबंधन का लक्ष्य एक साथ किए गए हमले में रूसी ठिकानों को तबाह करने का होगा। रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिससे पूरी दुनिया में सनसनी मच गई है। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़ दो साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में जल्द ही सबसे खतरनाक मोड़ आने वाला है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों के हरसंभव मदद के बावजूद यूक्रेन पीछे हटने को मजबूर है। रूस को रोकने के लिए नाटो सहयोगियों की तरफ से अलग-अलग तरह के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं। फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने नाटो सैनिकों को यूक्रेन भेजने का प्रस्ताव दिया था। जर्मनी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के हाल में लीक हुए आडियो के मुताबिक़ क्रीमिया पुल को उड़ाने के लिए जर्मनी में रणनीति बनाई जा रही थी। रूस का मानना है कि लगातार हो रही पराजय से अमेरिका एवं पश्चिमी देशों में बैचेनी है और ऐसे में एक सैन्य गठबंधन के नाम पर अमेरिका अपने कुछ सहयोगी देशों के साथ मिलकर रूस पर स्ट्राइक कर सकता है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के इस सैन्य रणनीति का खुलासा रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक पत्रिका में किया है। रूसी रक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक़ रूस और नाटो की सीधी जंग से पहले इस तरह का एक बड़ा और सरप्राइज़ हमला होने की बहुत अधिक संभावना है। अमेरिका के नेतृत्व में ज्वाइंट ऑपरेशनल फ़ोर्स बनाने की बात लगभग वैसी ही है जैसा कि मध्य-पूर्व में हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए अमेरिका और सहयोगी देशों ने ओपरेशन गार्जियन बनाया है। जानकारों का मानना है कि इस तरह का गठबंधन अमेरिका या पश्चिमी देशों को यूक्रेन जंग में सीधी एंट्री का मौका भी दे देगी और नाटो के सभी देशों को इस युद्ध में शामिल होने की बाध्यता भी नहीं होगी।
चीन 60 करोड़ कैमरों से करेगा नागरिकों की जासूसी
7 Mar, 2024 10:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग। चीन की सबसे खास बात ये है वहां सरकार के खिलाफ बोलने की अनुमति नहीं है। सरकार ने जो कानून लागू किया है उसे चुपचाप मानना ही पड़ेगा। इसलिए कहा जाता है कि चीन में लोकतंत्र नहीं है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमेशा कुर्सी जाने का डर सताता है। इसलिए वे अपने अफसरों और नागरिकों की जासूसी कराने में ज्यादा विश्वास करते हैं। अब चांद से अपने नागरिकों की जासूसी की योजना तैयार की गई है। इसके लिए 60 करोड़ कैमरे लगाए जाएंगी।
चीन चंद्रमा से अपने लोगों की निगरानी की योजना बना रहा है। सर्विलांस का ये मून मिशन चीन की सत्ता को अगले पचास साल तक बनाए रखने के लिए किया जा रहा है। चीन का मून मिशन चांग-ई 2007 से चल रहा है और अब चीन ने मून मिशन का दायरा बढ़ा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, चीन के नागरिकों की अब चांद से जासूसी की जाएगी। इसके साथ ही ड्रैगन अपने दुश्मन देशों पर भी यहां से नजर रख सकता है। चीन पहले भी अपने नागरिकों की जासूसी करता था।चीन की राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली “स्काईनेट प्रोजेक्ट के तहत देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर 20 करोड़ से अधिक कैमरे तैनात हैं, जोकि ‘लाइव निगरानी और रिकॉर्डिंग’ करते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा निगरानी नेटवर्क है, इसे चीन की रक्षा करने वाली आंखें” कहा जाता है।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के वैज्ञानिकों ने कहा कि स्काईनेट को चंद्रमा पर ले जाने की चीन की योजना उसके प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन की दीर्घकालिक स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की इच्छा से उभरी है। चांद पर चीन का बेस डिज़नीलैंड से भी बड़ा है, जोकि 3.7 मील में फैला है और इसमें एक कमांड सेंटर, एक पावर स्टेशन, एक संचार केंद्र, वैज्ञानिक सुविधाएं और रोबोटों का एक बेड़ा शामिल है. इसके पास रिमोट सेंसिंग, नेविगेशन और संचार के लिए अपने स्वयं के उपग्रह भी होंगे। चीन की तरफ से कहा गया है कि स्काईनेट प्रणाली एक प्राचीन चीनी कहावत में निहित है, जो सर्वव्यापी न्याय के सिद्धांत का प्रतीक है. इसमें कहा गया है कि कानून सर्वदर्शी है और गलत काम करने वालों को अंततः प्रतिशोध का सामना करना पड़ेगा। चीन की तरफ से कहा जाता है कि यह अपराधियों पर नजर रखने के लिए है, लेकिन शी जिनपिंग इसका उपयोग अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने और अपने दुश्मनों पर नजर रखने के लिए करते हैं। चीन ने इस प्रोग्राम का नाम स्काईनेट दिया है और यह एआई-संचालित चिप्स से लैस होंगे। स्काईनेट में 60 करोड़ से अधिक कैमरों को यूज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि हर व्यस्क चीनी नागरिक की निगरानी के लिए कम से कम दो कैमरे होंगे और यह देश के हर कोने को कवर करेगा। ये कैमरे (जिनमें से प्रत्येक का वजन केवल 100 ग्राम) एआई-संचालित चिप्स से लैस होंगे जो “संदिग्ध लक्ष्यों की स्वतंत्र रूप से पहचान करेंगे और उसको टॉरगेट करेंगे। बताया गया है कि कुछ भी संदिग्ध होने पर सिस्टम तुरंत अलार्म सिग्नल भेजा और उचित प्रतिक्रिया उपाय शुरू करेगा। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह उपाय क्या होंगे।
यूरोप में फैल रही पैरेट फीवर नाम की जानलेवा बीमारी
7 Mar, 2024 09:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। यूरोप के कई देशों में एक जानलेवा बीमारी फैल रही है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इस बीमारी को पैरेट फीवर नाम दिया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ये बेहद खतरनाक है। इससे अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक पैरेट फीवर पक्षियों में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया की वजह से फैल रहा है। अगर इस बैक्टीरिया से संक्रमित पक्षी किसी इंसान को काट लेता है या उसके संपर्क में आता है तो वो शख्स बीमार पड़ जाता है। हालांकि यह बीमारी संक्रमित जानवरों को खाने से नहीं फैलती है।
अमेरिकी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ के हवाले से लिखा है कि पैरेट फीवर को सिटाकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसने यूरोपीय देशों में रहने वाले लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। साल 2023 की शुरुआत में भी इस बीमारी से लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन अब इससे लोगों की जान जाने लगी है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार ऑस्ट्रिया में 2023 में 14 मामलों की पुष्टि हुई थी, लेकिन इस साल अब तक मार्च में ही 4 मामले सामने आ चुके हैं। कुल मामले 18 हो गए। वहीं, डेनमार्क में 27 फरवरी तक 23 मामलों की पुष्टि हुई थी। जर्मनी में 2023 में 14 मामले सामने आए थे। इस साल अब तक 5 मामले सामने आए हैं। कुल 19 मामले हो गए हैं। अब तक 3 देशों में कुल 60 लोग पैरेट फीवर से संक्रमित पाए गए हैं। नीदरलैंड में भी 21 मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ क ने कहा कि हाल ही मिले अधिकांश मामले पालतू या जंगली पक्षियों के संपर्क में आने से सामने आए हैं।
कई रिसर्च में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन से बीमारियां फैल रही हैं। निचली और गर्म जगहों पर रहने वाले जानवर बढ़ते तापमान को झेल नहीं पा रहे हैं इसलिए ऊंची और ठंडी जगहों की तरफ माइग्रेट हो रहे हैं। इनके साथ बीमारियां भी उन इलाकों तक पहुंच रही हैं, जहां पहले नहीं थीं। इंसानों ने डेवलपमेंट के नाम पर जंगलों को काटकर यहां घर और इंडस्ट्रीज बना लीं। इस कारण हमारा जानवरों, मच्छरों, बैक्टीरिया, फंगस से संपर्क बढ़ गया है। दूसरी तरफ ये सभी जीव-जंतु खुद को बदलती क्लाइमेट कंडीशन्स के अनुकूल बना रहे हैं और हमारे वातावरण में ही रह रहे हैं। इनसे कई बीमारियां फैल रही हैं, जो हमारे जीवन के लिए खतरनाक हैं। इंसान अपने जीवन के लिए कई जीवों पर निर्भर करते हैं। वो सर्वाइवल के लिए इन्हें खा लेते हैं। इससे होता ये है कि इंसान इन जीवों में पनपने वाले बैक्टीरिया या इनसे फैलने वाली बीमारियों के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आ जाते हैं। इधर, बढ़ते तापमान का दंश झेलने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हर साल करीब 2 करोड़ लोग जलवायु परिवर्तन के चलते विस्थापित होते हैं। ये सभी फैक्टर्स बीमारियों के फैलने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां बना रहे हैं। पहले खत्म हुई और नई बीमारियां दोनों ही बढ़ती जा रही हैं। इससे डेथ रेट बढ़ रहे हैं। ऐसे में रिसर्चर्स इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि क्लाइमेट चेंज हमारी उम्र पर भी असर डाल रहा है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, मौसम में होने बदलावों का असर तेजी से इंसानों के जीवन पर हो रहा है। 2030 से 2050 तक केवल मलेरिया या दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से ढाई लाख मौतें हो सकती हैं।
भारतवंशी निक्की 14 राज्यों में हारीं
7 Mar, 2024 08:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिका में नवंबर 2024 में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन यानी राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। इसके पहले डेमोक्रैट और रिपब्लिकन पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों का चुनाव कर रही हैं। तस्वीर निक्की हेली और ट्रम्प की है। अमेरिका में राष्ट्रपति कैंडिडेट चुनाव चल रहा है। इस इलेक्शन प्रोसेस में एक शब्द इस्तेमाल किया जाता है- सुपर ट्यूजडे। इसमें भारतीय समयानुसार आज 15 राज्यों में वोटिंग हुई। रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रम्प ने 14 राज्यों में जीत हासिल कर भारतवंशी निक्की हेली को हराया है। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी से बाइडेन सभी 15 राज्यों में जीते हैं। इधर, बाइडेन का कहना है कि अगर ट्रम्प जीते तो वो अमेरिका को अंधकार और हिंसा में धकेल देंगे।
दिनदहाड़े रिटायर्ड कर्नल के परिवार पर बदमाशों ने किया हमला
6 Mar, 2024 05:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंचकूला में दिनदहाड़े हत्या का मामला सामने आया है। पंचकूला के सेक्टर 2 में घर में घुसकर एक रिटायर्ड कर्नल के पिरवार पर तीन अज्ञातों ने जानलेवा हमला कर दिया।हमलावरों ने तेजधार हथियारों से वार किया। हमले में रिटायर्ड कर्नल राज कृष्ण शर्मा की पत्नी सुशीला शर्मा की मौत हो गई। वहीं रिटायर्ड कर्नल आरके शर्मा की हालत भी बेहद गंभीर बताई जा रही है।पंचकूला के निजी अस्पताल में इलाज जारी है। हमलावरों ने घर में काम कर रही नौकरानी संतोष पर भी तेजधार हथियार से हमला किया। हमले में नौकरानी भी गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद मौके पर पंचकूला पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू कर जांच में जुट गई है।
बंद घर से लाखों के आभूषण व नकदी चोरी
6 Mar, 2024 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा । सोनीपत के ककरोई रोड स्थित श्याम नगर में चोर बंद घर के ताले तोडक़र लाखों रुपये के आभूषण और 75 हजार रुपये की नकदी चोरी कर ले गए। पीड़ित परिवार जब वापस लौटा तो चोरी का पता लगा। जिस पर पुलिस को अवगत कराया गया। सिटी थाना पुलिस ने चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी खंगाल रही है।श्याम नगर निवासी दिलबाग सिंह ने बताया कि उनके भाई सुरेंद्र सिंह सेक्टर-23 में रहते है। वह अपने घर पर ताला लगाकर 4 मार्च को अपने परिवार साथ अपने भाई के घर पर गए थे। जब वह 5 मार्च को वापस लौटे तो देखा कि बाहर व अंदर दोनों स्थानों पर गेट के ताले टूटे थे। जब उन्होंने अंदर जाकर देखा तो सामान बिखरा मिला।उन्होंने अलमारी की जांच की तो उसमें से 75 हजार रुपये की नकदी, सोने की चेन, हार, तीन अंगूठी, कानों की बालियां, मंगलसूत्र, चांदी का हथफूल, दो जोड़ी पाजेब व दो जोड़ी चुटकी चोरी मिले। उन्होंने अपने स्तर पर जांच के बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करने के बाद चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम क्षेत्र में लगे सीसीटीवी खंगाल रही हैं।
तीन माह की ट्रेनिंग मे हिमाचल सिखाएगा कैसे की जाती है NDPS केसों की जांच
6 Mar, 2024 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा व पंजाब के पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस के मामलों की जांच कैसे की जाती है, यह हिमाचल पुलिस सिखाएगी। एनडीपीएस के मामले में सुनवाई करते हुए हिमाचल में जांच के तरीके को कहीं बेहतर बताते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए हिमाचल के धर्मशाला में स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर भेजने का आदेश दिया है।एनडीपीएस के मामले में चरखी दादरी की अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सजा को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी द्वारा विभिन्न स्तरों पर चूक हुई है। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान ले लिया।हाईकोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हरियाणा व पंजाब के मुकाबले जांच बेहतर तरीके से की जाती है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को बेहतर ट्रेनिंग दी जाए ताकि जांच के तरीके में सुधार हो सके। हाईकोर्ट ने अब दोनों राज्यों के डीजीपी को आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर अधिकारियों का बैच तैयार किया जाए और इन्हें धर्मशाला में मौजूद दरोह पुलिस ट्रेनिंग सेंटर भेजा जाए। वहां पर इन अधिकारियों की ट्रेनिंग तीन माह में पूरी करवाई जाए।
नेपाल में फिर सत्ता में आई चीन की पिछल्गू सरकार....भारत के लिए चिंता
6 Mar, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काठमांडू । नेपाल में 2022 के केंद्रीय चुनाव के बाद ये तीसरी बार सरकार बदली है, हर बार प्रचंड खुद को प्रधानमंत्री बनाए रखने में सफल हुए हैं। अब फिर से कम्युनिस्ट पार्टियां एक साथ आई हैं, बताया जा रहा हैं कि नेपाल की राजनीति में आया बदलाव भारत और चीन के लिए समीकरण बदलेगा।
नए समीकरणों में माओवादी नेता और प्रधानमंत्री पुष्प दहाल कमल प्रचंड की पार्टी माओवादी सेंटर ने पूर्व पीएम केपी ओली की पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (यूएमएल) के साथ हाथ मिला लिया है। इसके साथ ही नेपाल की राजनीति में एक बार फिर कम्युनिस्ट पार्टियां एक साथ आ गई हैं। इसके पहले बीते साल फरवरी में प्रचंड और ओली की पार्टी ने गठबंधन तोड़ लिया था। नेपाल में इस नई राजनीतिक करवट को चीन के हित में देखा जा रहा है। वहीं भारत के लिए चिंता जाहिर की जा रही है। आखिर नेपाल की इस नई हलचल का भारत पर क्या असर होगा, दरअसल नेपाल की राजनीति में हुए बदलाव का मतलब है कि नेपाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस अब विपक्ष में बैठेगी। इसका भारत पर क्या असर होगा, यह समझने से पहले जरा नेपाल की राजनीति को समझना होगा। नेपाली कांग्रेस नेपाल की पुरानी राजनीतिक पार्टी है। नेपाल की सत्ता में इसका होना भारत के लिए अच्छा समझा जाता रहा है। वहीं, नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टियों का एक साथ आना चीन के लिए अच्छा माना जाता है। चीन की कोशिश होती है कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टियों में एकजुटता बनी रहे। सूत्रों ने बताया कि प्रचंड और ओली के बीच मेक-अप कराने के पीछे चीन काफी दिनों से लगा हुआ था।
खबरों से पता चलता है कि शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस और प्रचंड की माओवादी सेंटर के बीच पिछले कुछ हफ्तों से ठीक नहीं चल रहा था। हालांकि, इतनी जल्दी दोनों अलग हो जाएंगे ये उम्मीद नहीं थी। बीते सप्ताह नेपाली कांग्रेस की जनरल कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी सदस्यों ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी। यही नहीं, बैठक में माओवादी युद्ध अत्याचारों की याद भी दिलाई गई। नेपाली कांग्रेस के कई नेताओं का ये भी मानना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते उसे माओवादियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।
विश्लेषकों का मानना है कि कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ आने से नेपाल की विदेश नीति नहीं बदलेगी लेकिन नई दिल्ली और बीजिंग में उसके प्रति धारणा जरूर बदलेगी। नेपाली कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने और कम्युनिस्टों के वर्चस्व से भारत का चिंतित होना लाजमी है। कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ आने से चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) नेपाल की प्राथमिकता में आ सकता है। इसके पहले नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर के साथ वाली सरकार पर ये आरोप लगता रहा था कि वे चीन के प्रोजेक्ट को जानबूझकर आगे नहीं बढ़ने दे रही है।
हमें भूखा रखा जा रहा....जबरन जंग के लिए भेजा जा रहा
6 Mar, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मास्को । नेपाल के बाद यूक्रेन की जंग में फंसे भारतीय नागरिकों ने अपनी खौफनाक कहानी सुनाकर भारत सरकार से मदद मांगी है। ताजा मामले में 7 से ज्यादा भारतीयों के दल ने दो वीडियो जारी कर बताया किस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और जंग के मैदान में जबरन भेजा जा रहा है। इन भारतीयों की पहचान गगनदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, नरैन सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, हर्ष कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में हुई है। इसमें से 5 भारतीय पंजाब और दो अन्य हरियाणा के हैं। यह लोग वे टूरिस्ट वीजा पर रूस गए थे और रूसी पुलिस ने 10 साल जेल भेजने की धमकी देकर उन्हें हेल्पर के रूप में यूक्रेन की जंग में भेज दिया।
एक भारतीय ने बताया कि, हमें यह बताया गया कि हमें केवल हेल्पर के रूप में काम करना होगा। लेकिन उन्होंने हमें हथियारों और गोला बारूद की ट्रेनिंग के लिए शामिल कर लिया। अब हमें यूक्रेन भेजने की तैयारी है। रूसी सैनिक हमें भूखा रख रहे हैं और हमारे फोन को भी छीन लिया है। यह वीडियो 3 मार्च का बताया जा रहा है। रूस में फंसे भारतीय नागरिक ने बताया कि कई बार गुहार लगाई है, लेकिन रूसी सेना उनकी गुहार को अनसुना कर दे रही है। उन्होंने कहा, रूसी सेना ने हमें बताया कि हम एक साल के बाद ही जा सकते हैं। वे हमसे कह रहे हैं कि मदद करो ताकि रूस युद्ध जीत सके।
वहीं एक अन्य भारतीय ने कहा कि हम भारतीय दूतावास और भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी मदद करें। यह हमारा अंतिम वीडियो हो सकता है। रूसी सेना हमें यूक्रेन में युद्ध क्षेत्र में भेजने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 100 भारतीयों को पिछले एक साल में रूसी सेना में शामिल किया गया है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उनके कड़े विरोध के बाद कई भारतीयों को रूसी सेना से हटाया गया है। भारत ने कहा कि करीब 20 भारतीयों ने भारतीय दूतावास से मदद मांगी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत सरकार रूस के साथ पूरे मामले को लेकर संपर्क में है। इतना ही नहीं भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयास हो रहे हैं। इस खुलासे के बाद पुतिन सरकार चौतरफा घिर गई है।
अबॉर्शन का संवैधानिक अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश बना फ्रांस
6 Mar, 2024 11:19 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस। अबॉर्शन का संवैधानिक अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश फ्रांस बन गया है। फ्रांस के सांसदों ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र के दौरान देश में गर्भपात को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बनाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। विधेयक पर मतदान हुआ और इसके पक्ष में 780 जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। प्रधान मंत्री गेब्रियल अटल ने मतदान से पहले सांसदों से कहा, हम सभी महिलाओं को एक संदेश भेज रहे हैं: आपका शरीर आपका है और कोई भी आपके लिए निर्णय नहीं ले सकता।फ्रांस में 1974 के कानून के बाद से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है जिसकी उस समय कई लोगों ने कड़ी आलोचना की थी। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई और इस कदम की सराहना की। संसद के दोनों सदन नेशनल असेंबली और सीनेट पहले ही फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे चुके हैं ताकि महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी जा सके। जब मतदान के परिणाम की घोषणा एक विशाल स्क्रीन पर की गई तो पृष्ठभूमि में एफिल टॉवर चमक रहा था और माईबॉडीमायचॉइस संदेश प्रदर्शित हो रहा था, इसलिए मध्य पेरिस में एकत्र हुए गर्भपात अधिकार कार्यकर्ताओं ने खुशी मनाई और तालियां बजाईं। संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों की तुलना में फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को अधिक व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 80% फ्रांसीसी लोग इस तथ्य का समर्थन करते हैं कि गर्भपात कानूनी है।
मरयम को सीएम बनाना, पाकिस्तानी राजनीति में एक ‘मील का पत्थर’
6 Mar, 2024 10:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिका का कहना है कि पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में मरयम नवाज का चयन पाकिस्तानी राजनीति में एक ‘मील का पत्थर’ है। अमेरिका ने कहा कि वह पाकिस्तान की राजनीति में महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए इस्लामाबाद के साथ सहयोग को तैयार है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की 50 वर्षीय बेटी मरयम ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, मुख्यमंत्री के रूप में उनका (मरयम नवाज शरीफ का) चयन पाकिस्तान की राजनीति में एक मील का पत्थर है। मरयम को तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री 74 वर्षीय नवाज शरीफ का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को दी क्लीनचिट....चुनाव लड़ने का रास्ता हुआ साफ
6 Mar, 2024 09:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर लगाए प्रतिबंध को रद्द कर दिया। कोलराडो के टॉप कोर्ट ने 14वें संविधान संशोधन के तहत ट्रंप को चुनाव लड़ने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि राज्य अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर गया है। कोर्ट ने कैपिटल दंगे के लिए ट्रंप को जवाबदेह ठहराने के प्रयासों को खारिज कर दिया। इसके बाद अब ट्रंप का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। ट्रंप ने इस फैसले को अमेरिका के लिए बड़ी जीत करार दिया है।
जज ने सर्वसम्मति से लोअर कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया कि ट्रंप को छह जनवरी, 2021, कैपिटल दंगा मामले में उनकी कथित भूमिका के कारण सार्वजनिक पद धारण करने से अयोग्य घोषित किया था। कोलोराडो के सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी तरह के पहले फैसले में कहा था कि प्रावधान, धारा 3, ट्रंप पर लागू की जा सकती है। ट्रंप के वकीलों ने दलील दी कि छह जनवरी का दंगा विद्रोह नहीं था और अगर ऐसा था भी, तब ट्रंप दंगाइयों में शामिल नहीं हुए थे।
विज्ञान का चमत्कार, अब दुनिया में बच्चे अपंग पैदा नहीं होंगे
6 Mar, 2024 08:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । साइंस की दुनिया में फिर चमत्कार हुआ है। अक्सर सुनाने में आता हैं कि कई बच्चे जब पैदा होते हैं, तब उनके अंग पूरे विकसित नहीं होते। किसी बच्चे की आंखें नहीं खुलतीं, तब किसी का सिर आधा अधूरा बना रहता है। किसी के फेफड़े और किडनी पूरी तरह काम नहीं करते हैं। अब ऐसी जेनेटिक बीमारियों का इलाज की उम्मीद जगा गई है। वैज्ञानिकों ने पहली बार गर्भ में पल रहे शिशु के अंग लैब में तैयार करने की बात कही है। उनका दावा है कि उन्हें कुछ ऐसा फार्मूला मिला है, जिससे प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों में वे शिशुओं के अंगों और कोशिकाओं को विकसित कर सकते हैं। अजन्मे शिशुओं की स्टेम कोशिकाओं से मिनी अंग विकसित किए जा सकते है। अगर ये कामयाब रहा, तब दुनिया में बच्चे अपंग पैदा नहीं होंगे। क्योंकि गर्भ में ही उनके अंगों को विकसित किया जा सकेगा।
दुनिया में हर साल लाखों बच्चे गर्भ में विकसित हुई बीमारी के साथ पैदा होते हैं। सबसे ज्यादा डायाफ्राम हर्निया के चांस होते है, जिसमें पेट के सारे अंग अपनी जगह से खिसककर छाती में चले जाते हैं। दूसरी दिक्कत सिस्टिक फाइब्रोसिस की होती है, इसमें कुछ ग्रंथियों में से असामान्य रूप से गाढ़े पदार्थ का रिसाव होने लगता है, जो फेफड़ों और पाचन तंत्र सहित कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इस तरह की जेनेटिक बीमारी सिस्टिक किडनी डिसीज है। इसमें फ्लूड से भरी थैली यानी सिस्ट बन जाते हैं, जो किडनी के लिए गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसतरह के बीमारियों को नए फार्मूले के द्वारा ठीक किया जा सकेगा।
आमतौर पर प्रेग्नेंसी के 22वें हफ्ते में भ्रूण के साथ छेड़छाड़ करना गैरकानूनी होता है। इससे बच्चे को दिक्कत हो सकती है। इसीलिए जब तक बच्चे को कोई गंभीर बीमारी न हो, इन हफ्तों में डॉक्टर सर्जरी का खतरा मोल नहीं लेते। लेकिन विशेषज्ञों दावा है कि अब वे एमनियोटिक थैली में तैरती कोशिकाओं से छोटे अंग विकसित कर सकते हैं, वहां भी बच्चे को छुए बिना। एमनियोटिक द्रव भ्रूण द्वारा निर्मित होता है और गर्भ में बच्चे को घेरे रहता है। यह द्रव बच्चे के शरीर से बहता रहता है और कोशिकाओं तक डीएनए लेकर जाता है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की डॉ. मटिया गेरली ने कहा, नई रिसर्च हमें बच्चे को बिना छुए, उसके अंगों को ठीक करने की राह में आगे बढ़ रहे है। यह हमें आनुवंशिक बीमारियों के बारे में और अधिक सिखा सकती है। हम बेहतर तरीके से जान सकते हैं कि बच्चों में होने वाली जेनेटिक बीमारियों से कैसे निपटा जाए। हम इस रहस्य का भी खुलासा करने में सक्षम हो सकते हैं कि गर्भावस्था के बाद बच्चों का विकास किस तरह होता है। आमतौर पर हम लेट प्रेग्नेंसी के बारे में बहुत कम जानते हैं। अब हमने एम्नियोटिक द्रव कोशिकाओं से जो ऑर्गेनॉइड बनाए हैं, वे उन ऊतकों के कई कार्यों को दर्शाते हैं जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।
शोधकर्ताओं ने 12 प्रेग्नेंट महिलाओं के गर्भ से उनकी गर्भावस्था के 34 सप्ताह तक के फेफड़े, गुर्दे और छोटी आंत की कोशिकाओं को एकत्र किया। फिर लैब में उन पर रिसर्च की और एम्नियोटिक द्रव कोशिकाओं से छोटे-छोटे अंग विकसित किए। अब इनका अध्ययन किया जाएगा। डॉ. गेरली ने बताया कि जब हमने जन्मजात डायाफ्रामिक हर्निया वाले बच्चों पर इसका अध्ययन किया, तब देखा कि यह काम कर रहा है। उनके अंग फिर से पुरानी जगहों पर आ गए। सर्जन प्रोफेसर पाओलो डी कोप्पी ने कहा, यह पहली बार है जब हम जन्म से पहले किसी बच्चे की जन्मजात स्थिति के बारे में अच्छे से जान पा रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान में यह क्रांतिकारी कदम होगा। हालांकि, यह अभी ये दावा नहीं कर रहे कि हम इस कर ही सकते हैं, लेकिन नतीजे निश्चित रूप से उत्साह बढ़ाने वाले हैं।