धर्म एवं ज्योतिष
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
18 Aug, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- इष्ट-मित्रों से लाभ, भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, रुके कार्य एक-एक करके बनेंगे।
वृष राशि :- अपने प्रत्येक कार्य में बाधा, लाभकारी कार्य हाथ से निकल सकता है, सावधानी से लाभ होगा।
मिथुन राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष, कार्यगति में सुधार, कार्य अनुकूल बनेगा।
कर्क राशि :- योजनायें फलीभूत होंगी, दैनिक सफलता के साधन जुटायें, प्रलोभन से बचें।
सिंह राशि :- प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, अनेक समस्यायें असमंजस में रखें तथा कार्य की बेचैनी बढ़ेगी।
कन्या राशि :- स्त्री-वर्ग से तनाव के बाद शांति तथा भाग्य का सितारा साथ देगा, मानसिक प्रसन्नता रहेगी।
तुला राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, समय अनुकूल है, कार्य-कुशलता से संतोष अवश्य ही होगा।
वृश्चिक राशि :- आर्थिक योजना सफल होगी, सोचे कार्य समय पर बनेंगे, कार्य-योजना पर विचार होगा।
धनु राशि :- अर्थ-लाभ, कार्य-कुशलता में बाधा, स्वास्थ्य नरम रहेगा, पराक्रम उत्साहवर्धक अवश्य होगा।
मकर राशि :- उद्विघ्नता बनी ही रहेगी, किसी उत्तम समाचार से हर्ष अवश्य ही होगा, प्रसन्नता बनी रहे।
कुंभ राशि :- विरोधियों से परेशानी, चिन्ता व्याग्रता बनी ही रहेगी, विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।
मीन राशि :- आय-व्यय सामान्य रहेगा, शारीरिक कष्ट, कार्य-क्षमता में भेद होगा, कार्य में रुकावट बनेगी।
राखी के साथ थाली में जरूर शामिल करें ये चीजें, भाई बहन में बढ़ेगा प्यार,
17 Aug, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिन्दू धर्म मे राखी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यह भाई-बहन के रिश्ते का खास दिन भी माना जाता है.राखी के त्योहार को मनाने के लिए बहने खास तैयारी करती है. जिसमें पूजा की थाली का विशेष महत्व रखते है.
इस दिन राखी की थाली की सजावट की खासियत को और भी बढ़ा देती है. इस राखी पर अपनी पूजा थाली में कुछ विशेष चीजें जोड़कर इसे और भी यादगार बना सकते हैं. जानिए उज्जैन के पंडित आंनद भारद्वाज से की राखी की थाली मे कौनसी चीजे रखना शुभ होती है.
राखी की थाली मे जरूर रखे यह चीजे
– राखी की थाली में कुमकुम या रोली का होना सबसे ज्यादा जरूरी है. हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले कुमकुम या रोली से माथे पर तिलक लगाया जाता है. इसे लंबी उम्र व विजय का प्रतीक भी माना जाता है.
– राखी की थाली में अक्षत बहुत जरूरी होता है. अक्षत का अर्थ कच्चा सफेद चावल है. अक्षत को शुभ माना जाता है.किसी भी पूजा में अक्षत अवश्य शामिल करना चाहिए. तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत लगाया जाता है. थाली में चावल के कुछ दाने या अक्षत रखें.
– राखी की थाली में दीपक का बड़ा ही महत्व है.ऐसा कहा जाता है कि राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारने से भाई को बुरी नजर नहीं लगती. इसलिए थाली में आरती या दीपक जरूर रखें.
– राखी की थाली में मिठाई का बड़ा ही अधिक महत्व है. राखी बांधने के बाद भाई-बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं. मिठाइयां उनके रिश्ते में मिठास लाती हैं.इसलिए रक्षाबंधन की थाली सजाते समय उसमें मिठाई भी रखनी चाहिए.
– राखी की थाली में नारियल का बड़ा ही अधिक महत्व है. कुछ जगहों पर रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में तिलक करने के बाद बहन अपने भाई को नारियल देती है. इसे श्रीफल भी कहा जाता है.इसे देवी लक्ष्मी का फल माना जाता है.मान्यता है कि यह भाई को दने से उसकी तरक्की के रास्ते खुलते हैं.
-सनातन धर्म में माना जाता है कि रक्षा सूत्र बांधने से शारीरिक दोषों से छुटकारा मिलता है. अगर शरीर में कोई बीमारी इन दोषों से जुड़ी हो, तो राखी के साथ रक्षा सूत्र भी बांधें.
रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया, राखी बांधने के ये हैं 2 शुभ मुहूर्त, काशी के ज्योतिषी से जानें सही समय
17 Aug, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाई बहन के प्यार का पवित्र पर्व रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस बार यह पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन के इस पर्व पर भद्रा का साया भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र भद्रा रहित और शुभ मुहूर्त में बांधना चाहिए. इससे भाई बहन के रिश्ते की डोर और मजबूत होती है और भाई को आरोग्यता का वरदान मिलता है.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन के दिन सावन का सोमवार भी है. इसके अलावा इस दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं, जो इस भाई बहन के प्रेम के अटूट रिश्ते को और मजबूत करेगा. इस बार रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र बांधने के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं.
इस समय तक रहेगा भद्रा
संजय उपाध्याय के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक भद्रा का साया है.यह भद्रा पाताल लोक में लग रहा है. ऐसे में रक्षाबंधन के दिन राखी दोपहर 1 बजकर 14 मिनट के बाद ही बांधी जाएगी.
ये दो समय है बेहद शुभ
19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम के 3 बजकर 32 मिनट तक का समय रक्षासूत्र बांधने के लिए बेहद शुभ है. इसके अलावा शाम को प्रदोष काल के समय भी भाइयों के कलाई पर राखी बांधी जा सकती है. शाम को 5 बजकर 32 मिनट से लेकर 6 बजकर 55 मिनट का समय भी बेहद शुभकारी है.इस समय में भाइयों के कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से भाइयों को न सिर्फ दीर्घायु का वरदान मिलेगा बल्कि उनका भाग्योदय भी होगा.
सावन में इस मंदिर में करें परिक्रमा, मां लक्ष्मी हो जाएंगी खुश! जीवन में आएगी शांति
17 Aug, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मंदिरों में आपने बहुत से लोगों को परिक्रमा करते हुए देखा होगा. अगर आप भी प्रभु की कृपा पाने चाहते हैं तो आपको सावन के दौरान वृंदावन में परिक्रमा जरूर करनी चाहिए. मान्यता के अनुसार वृन्दावन में सावन के दौरान परिक्रमा करने से सुख और समृद्धि मिलती होती है. श्रावण मास में वृंदावन की परिक्रमा लगाने से कष्ट भी दूर हो जाते हैं. कहा जाता है की ब्राह्मण के देवी देवता यहां विराजमान होते हैं.
परिक्रमा करने से मां लक्ष्मी की होती है कृपा
वृंदावन का नाम मुख पर आते ही एक अलग ही अनुभूति होती है. यहां राधा कृष्ण अद्भुत लीलाओं के भी दर्शन आपको देते हैं. श्रावण मास में अगर कोई व्यक्ति वृंदावन की परिक्रमा लगा ले, तो उसको मनवांछित फल प्राप्त होता है. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने वृंदावन परिक्रमा का महत्व बताते हुए कहते हैं, ‘श्रावण मास में पृथ्वी पर सभी देवी देवता आ जाते हैं. यहां भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के दर्शन करते हैं. पृथ्वी पर 33 कोटी देवी देवता आकर वृंदावन में वह लागू पुण्य के साक्षी बनते हैं.’
पुण्य की होती है प्राप्ति
वो आगे रहते हैं, ‘वृंदावन एक पुण्य भूमि है और कृष्ण की लीलाओं की लीला स्थल है.’ श्रीनाथ ने यह भी बताया कि वृंदावन में जो लोग परिक्रमा करते हैं, उनके सभी दु:ख दूर हो जाते हैं. कष्ट उनके पास नहीं आते. यहां आकर सभी भक्त राधे कृष्ण की भक्ति में डूब जाते हैं. श्री कृष्ण राधा और गोपियों के साथ महारास करते हैं. महारास का वह अद्भुत और आलोक की नजर कोई भी नहीं देख पता है, शिवाय देवी देवताओं के.
आर्थिक तंगी से कैसे मिलता है छुटकारा?
श्रावण मास में वृंदावन की परिक्रमा करने से बहुत ही फल प्राप्त होता है. मान्यता है कि वृंदावन की परिक्रमा करने से न सिर्फ श्री कृष्ण बल्कि तुलसी माता का आशीर्वाद भी मिलता है. घर से आर्थिक तंगी हमेशा के लिए दूर हो जाती है. परिक्रमा लगाने वाले व्यक्ति के घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. परिक्रमा लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
17 Aug, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- विरोधी तत्वों से परेशानी, अधिकारियों से तनाव तथा इष्ट-मित्र कष्टप्रद बने रहेंगे।
वृष राशि :- कार्य-कुशलता से लाभ होगा, व्यावसायिक गति में सुधार तथा कार्य-योजना अवश्य ही बनेगी।
मिथुन राशि :- इष्ट-मित्रों से लाभ होगा, स्त्री से मन प्रसन्न रहेगा, मनोवृत्ति संवेदनशील बनी रहेगी।
कर्क राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, कार्य-कुशलता से संतोष होगा, कार्य-व्यावसाय उत्तम होगा।
सिंह राशि :- चोट-चपेट होने का डर, कार्यगति में बाधा होगी किन्तु अधिकारियों का सहयोग मिलेगा।
कन्या राशि :- व्यावसायिक गति उत्तम, धैर्य से कार्य अवश्य ही बना लेवें, स्थिति में सुधार होगा।
तुला राशि :- अधिकारी वर्ग सहायक होगा तथा भाग्य का सितारा साथ देगा, रुके कार्य बन जायेंगे।
वृश्चिक राशि :- किसी के धोखे से विवाद होने की संभावना तथा धन हानि, व्यर्थ भ्रमण होगा, ध्यान दें।
धनु राशि :- मनोवृत्ति संवेदनशील रहे, भोग-ऐश्वर्य में समय बीते तथा कार्य में बाधा अवश्य होगी।
मकर राशि :- स्थिति में सुधार होते हुये सफलत फलप्रद नहीं, कार्य विफलत्व चिन्ताप्रद होगी।
कुंभ राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, कार्य बनें, अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहेगा।
मीन राशि :- समय अनुकूल नहीं, विशेष कार्य स्थिगित रखें तथा कार्य अवरोध अवश्य ही होगा।
डिजाइन देखकर नहीं... इस रक्षाबंधन राशि के अनुसार बांधें राखी, भाई-बहन दोनों की चमक जाएगी किस्मत!
16 Aug, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सावन का पूर्णिमा बेहद खास दिन माना जाता है. सावन के आखिरी दिन भाई बहन की प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है. वह रक्षा सूत्र हमेशा मुसीबत से भाई की रक्षा करता है. इसके बदले में भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता है. यह पर्व भाई बहन की खूबसूरत रिश्तो को समर्पित है. इस दिन बहन भाई की राशि के अनुसार इस रंग की राखी बांधे तो उस राखी का महत्व दो गुना हो जाता है.आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है. किस राशि वाले को कौन सी राखी बांधनी चाहिए?.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने कहा कि इस साल सावन पूर्णिमा 19 अगस्त को है. उसी दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा. लेकिन रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया पड़ रहा है. भूल कर भी भद्रा में राखी नहीं बंधवाना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है.भद्रा 1बजकर 25मिनट के बाद समाप्त हो रहा. उसके बाद ही राखी बंधवाये. उस दिन भाई के राशि के अनुसार उसी रंग के राखी बांधना चाहिए. इससे भाई के कुंडली मे सकरात्मक प्रभाव पड़ता है. यह ग्रह नक्षत्र के जो दोष है. वह समाप्त हो जाता है.
राशि के अनुसार बांधे राखी:
ज्योतिषाचार्य बताते है की भाई को राशि के अनुसार राखी बांधना चाहिए.
मेष राशि वाले भाई को लाल रंग के राखी बांधना चाहिए. इससे मंगल ग्रह मजबूत होंगे.
वृषभ राशि वाले भाई को सफेद रंग की राखी बांधनी चाहिए. इससे शुक्र ग्रह मजबूत होंगे.
मिथुन राशि वाले भाई को हरे रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे बुध ग्रह मजबूत होंगे.
कर्क राशि वाले भाई को सफेद रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे चंद्र ग्रह मजबूत होंगे.
सिंह राशि वाले भाई को पीला या लाल रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे सूर्य ग्रह मजबूत होंगे.
कन्या राशि वाले भाई को हरे रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे बुध ग्रह मजबूत होंगे.
तुला राशि वाले भाई को सफेद रंग की राखी बांधनी चाहिए. चंद्र और शुक्र ग्रह मजबूत होंगे.
वृश्चिक राशि वाले भाई को लाल रंग के राखी बांधनी चाहिए. इससे मंगल ग्रह मजबूत होंगे.
धनु राशि वाले भाई को रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे गुरु ग्रह मजबूत होंगे.
मकर राशि वाले भाई को नीला रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे शनि ग्रह मजबूत होंगे.
कुंभ राशि वाले भाई को आसमानी रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे शनि ग्रह मजबूत होंगे.
मीन राशि वाले भाई को पीले रंग का राखी बांधनी चाहिए. इससे गुरु ग्रह मजबूत होंगे.
महादेव के अनोखे भक्त! 9 बाइक और 17 दोस्त, पहले समस्तीपुर से पहुंचे देवघर, फिर निकले रजरप्पा, बताया कारण
16 Aug, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सावन के अवसर पर झारखंड के देवघर में देशभर से श्रद्धालु लाखों की भीड़ में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में कई बार अनोखे भक्त भी देखने को मिलते हैं, जो देवघर अलग साज सज्जा और निष्ठा के साथ मंदिर पहुंचते हैं. ऐसा ही एक अनूठा समूह बिहार के समस्तीपुर जिले के 17 दोस्तों का है, जो 9 बाइकों पर सवार होकर बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे. बाबा बैद्यनाथ के जलाभिषेक के बाद अब ये सभी रजरप्पा मंदिर में मां छिन्नमस्तिका के दर्शन के लिए जा रहे हैं.
रोमांचकारी और भक्ति से भरपूर यात्रा
बाइक यात्रा में मौजूद श्रद्धालु विकास ने लोकल 18 को बताया कि देवघर की बाइक यात्रा ही काफी रोमांचकारी और भक्ति से भरपूर थी और बीते दो वर्षों से सावन के अवसर पर वह अपने दोस्तों के साथ देवघर आ रहे हैं. इस बार उनकी यात्रा 11 अगस्त को समस्तीपुर से शुरू हुई उसके बाद उन्होंने बासुकीनाथ, देवघर में दर्शन किया. फिर तरापीठ में दर्शन के बाद अब आखरी बार रजरप्पा मंदिर में दर्शन के बाद वह सभी घर वापस लौट जाएंगे. क्योंकि सभी लोग अलग पेशे और पृष्ठभूमि से आते हैं. और व्यस्त जीवन से समय निकालकर एक साथ इस यात्रा पर निकले हैं.
दोस्तों के साथ समय बिताने का दिया मौका
यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए विकास ने बताया कि सफर के दौरान उन्होंने अपना समय कांवरिया सेवा केंद्र और होटलों पर रात्रि विश्राम करते थे. वहीं दिन में बाइक यात्रा पर सभी निकल जाते थे और अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने झारखंड के प्राकृतिक सुंदरता का सभी लोगों ने खूब आनंद लिया है. उनकी इस यात्रा ने उन्हें न केवल धार्मिक आस्था में डूबने का मौका दिया, बल्कि दोस्तों के साथ जीवन के अनमोल क्षण भी जोड़े.
90 साल बाद सावन के अंतिम सोमवार पर ग्रहों का अद्भुत महासंयोग, हर मनोकामना होगी पूरी!
16 Aug, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व माना जाता है.यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है.सावन के चार सोमवार बीत चुके है और पांचवा और अंतिम सोमवार आने वाला है.सावन के अंतिम सोमवार पर ग्रह,नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है.जो सावन के अंतिम सोमवार को और भी शुभ और फलदायी बना रही है.
काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि सावन के अंतिम और पांचवें सोमवार के दिन कुल 4 शुभ योग बन है.इस दिन श्रवण नक्षत्र के साथ सौभाग्य और सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.इसके अलावा इस दिन पूर्णिमा तिथि भी है.करीब 90 साल बाद सावन के सोमवार के दिन यह सभी महासंयोग बन रहे है.जिसमें भगवान शिव की पूजा और साधना से हर मनोकामना पूरी होगी.
पूरे दिन शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार,19 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक सौभाग्य योग है. इसके अलावा पूरे दिन पूर्णिमा तिथि और श्रवण नक्षत है.श्रवण नक्षत्र से ही सावन महीने की उत्पत्ति हुई है.
शनि पीड़ा से मिलेगी मुक्ति
इन सब के अलावा इस दिन शनि पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए भी शुभ योग है. इस दिन शनि के राशि में चंद्रमा का भ्रमण होगा.ऐसे में जो शनि पीड़ा से परेशान है उन्हें इस दिन काला तिल और चावल शिवलिंग पर अर्पित करके भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. इससे शनि ग्रह का दोष कम होता है.
इस समय बांधेंगे राखी
इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी है.रक्षाबंधन के दिन भद्रा भी लग रहा है.भद्राकाल का समय दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक है.ऐसे में इस दिन 1 बजकर 24 मिनट के बाद भाइयों के कलाई पर राखी बांधनी चाहिए.
फूल पत्ती के हिंडोले में विराजमान होकर राजाधिराज ने दिए अपने भक्तों को दर्शन
16 Aug, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है. इस मास में मथुरा स्थित द्वारकाधीश मंदिर में विशेष उत्सवों का आयोजन होता है, जहां भगवान को विशेष रूप से लाड-प्यार दिया जाता है. इस पवित्र माह में ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में भगवान श्री कृष्ण फूल-पत्तियों की घटा में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं, जिससे भक्तगण कृतार्थ महसूस करते हैं.
फूल-पत्तियों की घटा में ठाकुर जी का दर्शन
द्वारिका के राजा श्री कृष्ण ने मथुरा में अपनी बाल लीलाओं से भक्तों को आनंदित किया. यहां उन्होंने कई राक्षसों का वध किया, गोपियों के वस्त्र चुराए और गोचारण लीला भी की. श्रावण मास में द्वारकाधीश मंदिर में भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है. मंदिर में भगवान के बाल स्वरूप की सेवा विशेष रूप से की जाती है, और इस दौरान हजारों श्रद्धालु ठाकुर द्वारकाधीश के दर्शन के लिए आते हैं.
फूल-पत्तियों की घटा का आयोजन
श्रावण मास में मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया जाता है. इस बार ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में फूल-पत्तियों की घटा का आयोजन किया गया, जिसमें मंदिर को हरे-भरे फूलों और पत्तियों से सजाया गया. रंग-बिरंगी लाइटें श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं, और भगवान का यह अलौकिक स्वरूप भक्तों के मन में गहरी भक्ति की भावना उत्पन्न कर रहा था.
भक्तों को मिलती है अनोखी सुख की अनुभूति
मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि द्वारकाधीश के दर्शन का सौभाग्य उन्हीं को मिलता है, जिन पर भगवान की विशेष कृपा होती है. मंदिर को हरी-भरी फूल-पत्तियों से सजाया गया है, और जो भी श्रद्धालु यहां आता है, वह भक्ति में डूब जाता है. रंग-बिरंगी लाइटें न केवल मंदिर की शोभा बढ़ा रही हैं, बल्कि भक्तों को एक अलग ही सुखद अनुभूति भी प्रदान कर रही हैं. दर्शन के बाद हर भक्त भगवान की कृपा से अपने मन को शांति और संतोष का अनुभव करता है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
16 Aug, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, इष्ट-मित्र सहयोगी होंगे, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
वृष राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, मनोबल बनाये रखें, उत्साहहीनता से हानि अवश्य होगी।
मिथुन राशि :- इष्ट-मित्रों से परेशानी, कष्ट व अशांति, दैनिक कार्यगति अनुकूल अवश्य ही बनेगी।
कर्क राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि, स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास होगा, समृद्धि के साधन जुटायेंगे।
सिंह राशि :- कार्यगति अनुकूल हो, समाज में प्रभुत्व वृद्धि होगी एवं प्रतिष्ठा अवश्य ही बढ़ेगी, ध्यान रखें।
कन्या राशि :- कुटुम्ब की परेशानी, चिन्ता, व्याग्रता तथा विघ्नता से बचिये, कार्य अवरोध होगा।
तुला राशि :- धन हानि, शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी, व्यर्थ भ्रमण, धन का व्यय संभव होगा।
वृश्चिक राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा अवश्य ही होगा, ध्यान दें।
धनु राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, दैनिक समृद्धि के साधन अवश्य ही बनेंगे, समय का ध्यान रखें।
मकर राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार, योजना फलीभूत होगी, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे, ध्यान अवश्य दें।
कुंभ राशि :- विशेष कार्य स्थगित रखें, दैनिक मानसिक विभ्रम किन्तु उद्विघ्नता से अवश्य बचें।
मीन राशि :- कार्य-विफलत्व, सफलता मेहनत पर भी दिखायी न दे, कार्य अवरोध अवश्य होगा।
व्रत रखने से मिलता है फल
15 Aug, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में सप्ताह के सारे दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित हैं। जिस तरह से सोमवार का दिन भगवान शिवजी का और मंगलवार का दिन हनुमान जी का है। उसी तरह से बुधवार को भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनके लिए व्रत रखा जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक व्रत रखने से भगवान खुश होते हैं। आज हम आपके लिए लाए हैं बुधवार के व्रत की कथा। व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन यह कथा सुननी होती है।
प्राचीन काल की बात है एक व्यक्ति अपनी पत्नी को लेने के लिए ससुराल गया। कुछ दिन अपने ससुराल में रुकने के बाद व्यक्ति ने अपने सास-ससुर से अपनी पत्नी को विदा करने को कहा लेकिन सास-ससुर ने कहा कि आज बुधवार है और इस दिन हम गमन नहीं करते हैं। लेकिन व्यक्ति ने उनकी बात को मानने से साफ इनकार कर दिया। आखिरकार लड़की के माता-पिता को अपने दामाद की बात माननी पड़ी और अपनी बेटी को साथ भेज दिया। रास्ते में जंगल था, जहां उसकी पत्नी को प्यास लग गई। पति ने अपना रथ रोका और जंगल से पानी लाने के लिए चला गया। थोड़ी देर बाद जब वो वापस अपनी पत्नी के पास लौटा तो देखकर हैरान हो गया कि बिल्कुल उसी के जैसा व्यक्ति उसकी पत्नी के पास रथ में बैठा था।
ये देखकर उसे गुस्सा आ गया और कहा कि कौन है तू और मेरी पत्नी के पास क्यों बैठा है। लेकिन दूसरे व्यक्ति को जवाब सुनकर वो हैरान रह गया। व्यक्ति ने कहा कि मैं अपनी पत्नी के पास बैठा हूं। मैं इसे अभी अपने ससुराल से लेकर आया हूं। अब दोनों व्यक्ति झगड़ा करने लगे। इस झगड़े को देखकर राज्य के सिपाहियों ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
केमद्रुम दोष में जन्म लेने वाला व्यक्ति रहता है परेशान
15 Aug, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यदि जन्म कुंडली में चन्द्रमा किसी भी भाव में अकेला बैठा हो, उससे आगे और पीछे के भाव में भी कोई ग्रह न हो तो केमद्रुम दोष बनता है। केमद्रुम दोष में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से हमेशा परेशान होता है। उसे हमेशा एक अज्ञात भय रहता है। उसके जीवन काल में अनेक उतार-चढ़ाव आते हैं। आर्थिक रूप से ऐसे व्यक्ति कमजोर ही रहते हैं। जीवन में अनेकों बार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति खुद को बहुत समझदार समझते हैं। उन्हें लगता है की उनसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति कोई नहीं है। ऐसे व्यक्ति चिड़चिड़े और शक्की स्वभाव के होते हैं। संतान से कष्ट पाते हैं परन्तु दीर्घायु होते हैं। कुछ परिस्थितियों में केमद्रुम योग भंग या निष्क्रिय भी हो जाता है।
जन्म कुंडली में केमद्रुम दोष हो परन्तु चन्द्रमा के ऊपर सभी ग्रहों की दृष्टि हो तो केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव निष्क्रिय हो जाते हैं।-यदि चन्द्रमा शुभस्थान (केंद्र या त्रिकोण) में हो तथा बुद्ध, गुरु एवं शुक्र किसी अन्य भाव में एक साथ हो तो भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।-यदि दसवें भाव में उच्च राशि का चन्द्रमा केमद्रुम दोष बना कर बैठा हो परन्तु उस पर गुरु की दृष्टि हो तो भी केमद्रुम दोष भंग माना जायेगा।यदि केंद्र में कहीं भी चन्द्रमा केमद्रुम दोष का निर्माण कर रहा हो परन्तु उस पर सप्तम भाव से बली गुरु की दृष्टि पड़ रही हो तो भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।
भगवान राम के आलौकिक ये कार्य
15 Aug, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में भगवान राम को विष्णु का अवतार माना गया है। इनके बारे में कई ग्रंथ लिखे गए. रामचरितमानस में भगवान राम की महिमा को जो वर्णन मिलता है। वह सभी के दिलों को छू लेता है। क्या आप जानते हैं विष्णु जी के सातवें अवतार श्री राम ने मर्यादा की स्थापना और अपनी मां कैकेयी की इच्छापूर्ति के लिए राजगद्दी छोड़ दी थी और वनवास स्वीकार किया था। इसलिए ही श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।
श्री राम के जीवनकाल को महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत महाकाव्य रामयण में वर्णित किया है। राम पर तुलसीदास ने भी रामचरितमानस रचा है। राम के अलौकिक कार्यों को वाल्मीकि ने रामायण महाकाव्य में संस्कृत में वर्णित किया, जिसे तुलसीदासजी ने रामचरितमानस नाम से अवधि में रचा।
कहा जाता है कि भगवान राम का जन्म मनु के 10 पुत्रों में से एक पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में हुआ था।
चैत्र नवमी को भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इसी उपलक्ष्य में चैत्र नवमी को रामनवमी के रूप में भी जाना जाता है।
ऐसा भी कहा जाता है कि माता सीता की रावण से रक्षा करने जाते समय रास्ते में आए समुद्र को पार करने के लिए भगवान राम ने एकादशी का व्रत किया था।
माना जाता है कि भगवान राम ने रावण को युद्ध में परास्त करने के बाद रावण के छोटे भाई विभीषण को लंका का राजा बना दिया था।
पुराणों में कहा गया है कि माता कैकेयी के कहे अनुसार वनवास जाते समय भगवान राम की आयु 27 वर्ष थी.
राम-रावण के युद्ध के समय इंद्र देवता ने श्री राम के लिए दिव्य रथ भेजा था। इसी में बैठकर भगवान राम ने रावण का वध किया था।
राम-रावण का युद्ध खत्म न होने पर अगस्त्य मुनि ने राम से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने को कहा था।
अरण्य नामक राजा ने रावण को श्राप दिया था कि मेरे वंश से उत्पन्न युवक तेरी मृत्यु का कारण बनेगा। इन्ही के वंश में श्री राम ने जन्म लिया था। यह भी कहा जाता है कि गौतम ऋषि ने अपनी पत्नी अहिल्या को पत्थर बनने का श्राप दिया था. इस श्राप से उन्हें भगवान राम ने ही मुक्ति दिलाई थी।
गुरुवार को न करें ये काम
15 Aug, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय सभ्यता में हर दिन का अलग महत्व है। खासतौर से गुरुवार को तो धर्म का दिन मानते हैं। गुरु को लेकर एक भी मान्यता है कि यह दूसरे ग्रहों के मुकाबले ज्यादा भारी होती है। इसलिए इस दिन कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे शरीर या घर में हल्कापन आता हो क्योंकि गुरु के प्रभाव में आने वाले कारक तत्वों का प्रभाव हल्का हो जाता है. वो काम कौन से हैं, जिन्हें गुरुवार को नहीं करना चाहिए, आप भी जानिये।
ना बाल धोएं ना कटाएं
शास्त्रों के अनुसार महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति और संतान का कारक होता है। इसका मतलब यह है कि गुरु ग्रह संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है। ऐसे में गुरुवार को महिलाएं अगर अपना सिर धोती हैं या बाल कटाती हैं तो इससे बृहस्पति कमजोर होता है और पति व संतान की उन्नति रुक जाती है।
गुरु ग्रह को जीव भी कहा जाता है। जीव यानी कि जीवन। जीवन से तात्पर्य है आयु. गुरुवार को नाखून काटने और शेविंग करने से गुरु ग्रह कमजोर होता है, जिससे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उम्र में से दिन कम हो जाता है।
घर में अधिक वजन वाले कपड़ों को धोने, कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है।
गुरुवार को नारायण का दिन होता है, ये बात तो ठीक है. पर नारायण तभी प्रसन्न होंगे जब आप उनके साथ उनकी पत्नी यानी कि लक्ष्मी जी की भी पूजा करेंगे। गुरुवार को लक्ष्मी-नारायण दोनों की एक साथ पूजा करने से जीवन में खुशियां आती हैं और पति-पत्नी के बीच कभी दूरियां नहीं आतीं. साथ ही धन में भी वृद्धि होती है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
15 Aug, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, इष्ट-मित्र सहयोगी होंगे, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
वृष राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, मनोबल बनाये रखें, उत्साहहीनता से हानि अवश्य होगी।
मिथुन राशि :- इष्ट-मित्रों से परेशानी, कष्ट व अशांति, दैनिक कार्यगति अनुकूल अवश्य ही बनेगी।
कर्क राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि, स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास होगा, समृद्धि के साधन जुटायेंगे।
सिंह राशि :- कार्यगति अनुकूल हो, समाज में प्रभुत्व वृद्धि होगी एवं प्रतिष्ठा अवश्य ही बढ़ेगी, ध्यान रखें।
कन्या राशि :- कुटुम्ब की परेशानी, चिन्ता, व्याग्रता तथा विघ्नता से बचिये, कार्य अवरोध होगा।
तुला राशि :- धन हानि, शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी, व्यर्थ भ्रमण, धन का व्यय संभव होगा।
वृश्चिक राशि :- इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे, अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा अवश्य ही होगा, ध्यान दें।
धनु राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, दैनिक समृद्धि के साधन अवश्य ही बनेंगे, समय का ध्यान रखें।
मकर राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार, योजना फलीभूत होगी, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे, ध्यान अवश्य दें।
कुंभ राशि :- विशेष कार्य स्थगित रखें, दैनिक मानसिक विभ्रम किन्तु उद्विघ्नता से अवश्य बचें।
मीन राशि :- कार्य-विफलत्व, सफलता मेहनत पर भी दिखायी न दे, कार्य अवरोध अवश्य होगा।