धर्म एवं ज्योतिष
करवा चौथ के दिन करें यह खास उपाय, पति की दिर्घायु उम्र के साथ तरक्की के भी बनेंगे योग
18 Oct, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण भी करती हैं.
इतना ही नहीं करवा चौथ के दिन अगर आप भी कुछ खास उपाय करते हैं तो जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति भी मिलती है. इस खबर में ज्योतिषी के माध्यम से जानेंगे कि करवा चौथ के दिन किस प्रकार के उपाय करने से जीवन में आ रही आर्थिक संबंधी समस्याएं समेत परिवार में चल रही मनमुटाव से भी निवारण मिल सकता है.
करवा चौथ के दिन इस मंत्र का करें जाप
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने लोकल 18 को बताया कि सनातन धर्म में महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है. यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की कामना के लिए करती हैं. इस दिन महिलाएं चंद्रोदय तक उपवास करती हैं और अपने पति की सलामती और दीर्घायु की कामना के लिए पूजा-आराधना भी करती है. इस दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति भी मिल सकती है. ज्योतिषी ने बताया कि करवा चौथ के दिन ऊं श्री गणधिपतये नम: मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी को पांच हल्दी की गांठें चढ़ाने के बाद पूजा-आराधना करनी चाहिए. कहा जाता है ऐसा करने से आर्थिक समस्या से मुक्ति मिलती है और धन का लाभ होता है.
वैवाहिक जीवन से परेशान लाग करें ये उपाय
अगर कोई वैवाहिक जीवन में कई समस्या से परेशान हैं तो, करवा चौथ के दिन गौरी पुत्र गजानन को दूर्वा के साथ 21 गुड़ की गोली अर्पित करनी चाहिए. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा करवा चौथ के दिन किसी भी शिव मंदिर में जाकर विधि-विधान पूर्वक महादेव की पूजा-आराधना करनी चाहिए, ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है. उन्होंने बताया कि करवा चौथ के दिन अगर पति और पत्नी के बीच में मनमुटाव चल रहा है तो, ऐसी स्थिति में गाय को केला खिलाना चाहिए. वहीं बेसन के लड्डू को गणपति बप्पा को अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच चल रहे झगड़े समाप्त हों जाएंगे.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
18 Oct, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्त्री वर्ग-संतान से क्लेश व अशांति बनेगी, मनोवृत्ति फलप्रद होगी, कार्य अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
वृष राशि :- मानसिक उद्विघ्नता से बचें, स्वास्थ्य नरम रहेगा, विरोधियों से परेशानी होगी सावधानी अवश्य रखें।
मिथुन राशि :- विरोधी परेशान करेंगे, आकस्मिक घटना का शिकार होने से बचें, मानसिक विभ्रम व तनाव अवश्य बनेगा।
कर्क राशि :- अधिकारियों के तनाव से बचिये, दैनिक व्यवसायिक गति उत्तम बनेगी, समय को ध्यान में रखकर आगे बढ़ें।
सिंह राशि :- मानसिक बेचैनी से बचें, इष्ट मित्रों से धोका होगा, अनायास विभ्रम होगा, क्लेशप्रद स्थिति से बचें।
कन्या राशि :- विभ्रम व मानसिक अशांति रहेगी, धन हानि होगी, असमंजस की स्थिति रहेगी, धैर्य रखकर कार्य करें।
तुला राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक होगा, व्यवासयिक प्रयत्न सफल होगा, कार्यगति में निरंतरता बनी रहेगी लाभ अवश्य लें।
वृश्चिक राशि :- अग्नि-चोटादि का भय होगा, सतर्कता से कार्य करने पर लाभ होगा, परिश्रम से कार्य पूर्ण होंगे ध्यान दें।
धनु राशि :- विरोधी तत्व परेशान करेंगे, अनायास बाधा बनेगी, शरीर कष्ट से मानसिक वेदना रहेगी, धैर्य अवश्य रखें।
मकर राशि :- परिश्रम करने पर भी सफलता दिखाई न दे, अनायास विभ्रम से कष्ट होगा, कार्यगति पर ध्यान दें।
कुंभ राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति रहेगी, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होगा, समय स्थिति से लाभांवित होने का प्रयास करें।
मीन राशि :- सतर्कता से कार्य करें, अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा, कार्यगति अनुकूल होगी, आलस्य से हानि होगी।
कार्तिक मास में ऐसे मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा
17 Oct, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कार्तिक मास भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए मां लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है। इस महीने में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों को अपार धन देती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ही इस महीने धन त्रयोदशी, दीपावली और गोपाष्टमी मनाई जाती है। इस महीने विशेष पूजा और प्रयोग करके आप आने वाले समय के लिए अपार धन पा सकते हैं और कर्ज तथा घाटे से मुक्त हो सकते हैं।
वैसे तो कार्तिक मास में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए दीपावली जैसा बड़ा पर्व मनाया जाता है। फिर भी कार्तिक मास में हर दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय किए जाने चाहिए। कार्तिक मास में रोज रात्रि को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की संयुक्त पूजा करें। गुलाबी या चमकदार वस्त्र धारण करके उपासना करें। पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के लिए तुलसी की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है और तुलसी के पौधे के रोपण तथा पूजन के लिए सबसे अच्छा महीना कार्तिक का ही होता है।
कार्तिक मास में किसी भी दिन, बेहतर होगा शुरुआत में ही तुलसी का पौधा ले आएं और घर में रोपण करें। अब नित्य सायंकाल इस पौधे के नीचे घी का या तिल के तेल का दीपक जलाएं। सुखद पारिवारिक जीवन और वैवाहिक जीवन के लिए प्रतिदिन प्रार्थना करें।
हाथ में त्रिशूल का निशान होता है बेहद शुभ
17 Oct, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हस्तरेखा ज्योतिष में लोगों की हाथ की लकीरें और निशान देखकर उनके भविष्य के बारें में कई बातों का पता लगाया जा सकता है। हथेली पर कई निशान होते है इन्हीं निशानों में से एक निशान ऐसा होता है जो हजार लोगों में से एक व्यक्ति के हाथ में बना होता है। यह निशान होता है त्रिशूल। तो आइए जानते हैं हथेली पर किस-किस जगह बने त्रिशूल के निशान का क्या मतलब होता है।
यदि ह्रदय रेखा के सिरे पर गुरु पर्वत के समीप त्रिशूल का निशान हो ऐसा व्यक्ति बेहद प्रतिभाशाली होता है।
सूर्य रेखा पर त्रिशूल का निशान होने पर उच्च पद और सरकारी क्षेत्र की प्राप्ति होती है। वहीं त्रिशूल के चिन्ह के साथ अन्य रेखाएं होने पर परिणाम विपरीत होंगे। यदि ये चिन्ह भाग्य रेखा पर हो तो वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है और उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है।वहीं जिसकी हाथ की दस उंगलियों में भगवान विष्णु के प्रतीक चक्र का चिन्ह हो वह चक्रवर्ती होता है। ऐसी रेखाओं से मिलती है हर कदम पर सफलता।
जानें, मंगलसूत्र धारण करने के नियम और इसका महत्व
17 Oct, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में विवाह में मंगलसूत्र का सबसे अहम स्थान है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन का प्रतीक माने जाने वाले मंगलसूत्र को धारण करने के नियम और सावधानियां भी बतायी गयी हैं।
मंगलसूत्र एक काले मोतियों की माला होती है, जिसे महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं। इसके अंदर बहुत सारी चीज़ें जुड़ी होती हैं और हर चीज़ का सम्बन्ध शुभता से होता है। माना जाता है कि मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती है और पति के जीवन के सारे संकट कट जाते हैं जबकि यह महिलाओं के लिए भी रक्षा कवच और सम्पन्नता का काम करता है।
मंगलसूत्र के अंदर क्या-क्या चीज़ें होती हैं?
मंगलसूत्र में पीला धागा होता है
इसी पीले धागे में काली मोतियाँ पिरोई जाती हैं
साथ में एक सोने या पीतल का लॉकेट भी लगा हुआ होता है
यह लॉकेट गोल या चौकोर , दोनों हो सकता है
मंगलसूत्र में सोना या पीतल भले ही न लगा हो पर पीले धागे में काली मोतियाँ जरूर होनी चाहिए
मंगलसूत्र में लगी हुयी चीज़ें कैसे ग्रहों को नियंत्रित करती हैं ?
मंगलसूत्र का पीला धागा और सोना या पीतल बृहस्पति का प्रतीक है
जिससे महिलाओं का बृहस्पति मजबूत होता है
काले मोतियों से महिलाएं और उनका सौभाग्य बुरी नज़र से बचे रहते हैं
यह भी मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा माँ पार्वती है और काले हिस्सा भगवान शिव
शिव जी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है
तथा माँ पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है
मंगलसूत्र धारण करने के नियम और सावधानियां क्या हैं ?
मंगलसूत्र या तो स्वयं खरीदें या अपने पति से लें
किसी अन्य से मंगलसूत्र लेना उत्तम नहीं होता
मंगलसूत्र मंगलवार को न खरीदें
धारण करने के पूर्व इसे माँ पार्वती को अर्पित करें
जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो मंगलसूत्र को न उतारें
मंगलसूत्र में लगा हुआ सोना अगर चौकोर हो तो बहुत उत्तम होगा
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
17 Oct, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, संतोष व सफलता के साधन बनेंगे, समय का ध्यान अवश्य रखें।
वृष राशि :- समय आराम से बीतेगा, व्यवसायिक क्षमता व कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, परिश्रम से कार्य पूर्ण होंगे।
मिथुन राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा, इष्ट मित्रों से परेशानी अशांति का कारण बनेगी, धैर्य रखें।
कर्क राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होगा, कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धैर्य रखकर कार्य अवश्य बना लें।
सिंह राशि :- प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, बड़े लोगों से मेल-मिलाप हर्षप्रद होगा, समय व सुविधा के अनुसार कार्य बना लें।
कन्या राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि होगी, कार्यक्षमता बढ़ेगी, समाज में प्रतिष्ठा के योग बनेंगे, लाभ होगा।
तुला राशि :- मान-प्रतिष्ठा व प्रभुत्व में वृद्धि होगी, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी, समय पर कार्य पूर्ण करने से लाभ होगा।
वृश्चिक राशि :- अधिकारियों से सम्पर्क फलप्रद होगा, समाज में मान-प्रतिष्ठा अवश्य बढ़ेगी, आलस्य से हानि होगी।
धनु राशि :- अचानक कोई शुभ समाचार मिलेगा, कार्यगति में सुधार होगा, चिन्तायें कम होंगी, समय स्थिति का लाभ लें।
मकर राशि :- स्थिति यथावत् रहेगी, सोचे कार्य समय पर पूर्ण होंगे, परिश्रम से कार्य बनेंगे, विशेष कार्यों पर ध्यान दें।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होगा, शरीर कष्ट से चिन्ता होगी, उत्तम जस की स्थिति बनेगी, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मीन राशि :- इष्ट मित्र सहायक होगा, दैनिक कार्यगति में अनुकूलता बनेगी, परिश्रम से कार्यगति में निरंतरता आयेगी ध्यान दें।
शरद पूर्णिमा व्रत का महत्व
16 Oct, 2024 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का बेहद महत्व है और यहां से दीपावली की शुरआत मानी जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा का व्रत आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रखा जाता है। इस तिथि की शुरुआत 16 अक्टूबर को रात्रि 08 बजकर 40 मिनट पर होगी और इसका समापन 17 अक्टूबर को शाम को 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्तूबर 2024 को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को मनाई जा रही है। इस दिन चंद्रोदय का समय 05 बजकर 05 मिनट पर रहेगा। इस समय में चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
अब एक चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें।
फिर मां लक्ष्मी और श्री हरि के समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
अंत में रात के समय चंद्रमा को खीर का भोग लगाएं और अगले दिन सुबह इसका सेवन करें।
घर के पास इस पेड़ के होने से दूर होगी दरिद्रता, शीघ्र विवाह के लिए भी बनेगा योग!
16 Oct, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है. इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है. अ+शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है. दुख दूर करता है, संताप हरता है. कष्टों से मुक्ति देता है. अशोक के वृक्ष के कई लाभ हैं सबसे पहला तो यही कि शोक यानी दुख को सोख लेता है. अगर यह घर में है तो नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं. घर के आंगन, बगीचे, बरामदे या दहलीज पर लगा है तब तो शुभ है ही. अगर ये वृक्ष आपके घर के आसपास लगा है तो भी दुख और दरिद्रता नहीं आएगी. अशोक मानसिक तनाव को दूर करने में भी मदद करता है लेकिन याद रखें अशोक का पौधा घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए. अशोक को बंगला में अस्पाल, मराठी में अशोक, गुजराती में आसोपालव तथा देशी पीला फूलनों, सिंहली में होगाश तथा लैटिन में जोनेशिया अशोका अथवा सराका इंडिका कहते हैं.
मांगलिक कार्य, पूजा-अनुष्ठान, शादी, यज्ञोपवित, ग्रह प्रवेश आदि में अशोक के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. देवी-देवताओं के सामने अशोक के पत्ते पर कामना लिखकर अर्पित करने से शीघ्र पूरी होती है.अशोक का पेड़ या पौधा घर के आसपास उत्तर दिशा में लगाना उचित कहा गया है. अशोक के पेड़ के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
अशोक के पेड़ और उसके पत्तों से बहुत से उपाय किये जाते हैं, मांगलिक कार्यों में भी अशोक के पेड़ का बहुत महत्व है, आइये जानते हैं कि अशोक के पेड़ से क्या लाभ है.
कहा जाता है कि अशोक के 7 पत्ते लाकर घर के मंदिर में रखने से दांपत्य जीवन में बहार आती है. पति और पत्नी के बीच संबंध मधुर होने लगते हैं.
शादी में विलंब हो रहा है तो जानकार लोग अशोक के पत्तों को पानी में मिलाकर स्नान करने की सलाह देते हैं. 42 दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होता है.
अशोक के पेड़ की छाल या पत्तियों का सेवन करने पर पेट से कीड़े निकालने में मदद मिलती है.दर्द और सूजन से राहत मिलती है.
अशोक के पेड़ की छाल में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण भी होते हैं.
अशोक के पत्तों में हाइपोग्लाइसेमिक गुण भी पाए जाते हैं, जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं.
शरीर में इंसुलिन बनने की क्रिया में भी सुधार होने लगता है.
अशोक का पेड़ इको फ्रेंडली है जो अनवरत ऑक्सीजन देता है.
अशोक के पेड़ की छाल में फ्लेवोनॉयड्स, टैनिन और एनाल्जेसिक जैसे औषधीय गुण होते हैं, जो हड्डियों के लिए जरूरी तत्व होते हैं.
कैसा होता है अशोक का पेड़?
अशोक के पेड़ में ज्यादा पानी देने से बचें लेकिन इसकी मिट्टी को नम रखें.ज्यादा पानी से इस पर भूरे रंग के धब्बे हो जाते हैं और पत्ती का नुकसान हो सकता है. अशोक का पेड़ आम के पेड़ की तरह सघन होता है. इसकी पत्तियों की लंबाई और चौड़ाई 8:3 होती है. इसके कोमल पत्तों का रंग तांबे जैसा होता है इसे ताम्र पल्लव के नाम से भी जाना जाता है. अशोक के पौधों की जड़ें काफी मजबूत भी होती हैं. गहरी जड़ों की वजह से अशोक को गमलों में लगाना उचित नहीं है.
वनवास के दौरान भगवान राम और माता सीता ने इस घाट पर किया था आराम, ऋषि वाल्मीकि का आश्रम भी यहीं है
16 Oct, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र में तमसा तट का पौराणिक महत्व है. इस कथा का संबंध श्री राम और सीता के 14 वर्ष के वनवास से है. जब श्री राम वनवास के लिए निकले, तो उन्होंने तमसा नदी के तट पर स्नान और विश्राम किया था. इसी दौरान वे देवांशी ऋषि से मिलने के लिए देवलस भी गए, जो वर्तमान समय में मऊ जनपद का प्रसिद्ध स्थान है. तमसा तट इसलिए विशेष माना जाता है क्योंकि यह भगवान राम की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था, जहां से उन्होंने अपनी वनवास यात्रा की शुरुआत की थी. जिसका महत्व आज भी है. लोग इस तट पर स्नान करके तट के किनारे बने शिव मंदिर पर पूजा-पाठ करते हैं. जहां लोग अपने मन्नतों को भी मानते हैं और उनकी मुरादें यहां पूरी भी होती हैं.
देव दीपावली का उत्सव
प्रत्येक देव दीपावली पर इस तट पर बड़े ही धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है. लोग इस तट पर लगभग 11,000 घी के दीए जलाते हैं, जो पूरे क्षेत्र में एक इतिहास बना हुआ है. देव दीपावली पर यहां कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं, जिसमें पूरे क्षेत्र से लोग यहां इकट्ठा होकर प्रतियोगिता में भाग लेते हैं. यहां तट के किनारे बने शिव मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक लोकल 18 से बात करते हुए प्रिंस गुप्ता बताते हैं कि यह तट काफी पौराणिक है. इसी तट पर राम, सीता और लक्ष्मण वनवास जाते समय पहले इसी तट के किनारे रुककर विश्राम किया था और इसी तट पर स्नान किया था. तब से इस तट का नाम राजघाट पड़ गया है. यहां लोग आकर अपनी मन्नतों को स्नान करने के बाद मांगते हैं और उनकी मुरादें पूरी भी होती हैं.
रामायण की रचना
तमसा नदी, जिसे टोंस नदी भी कहा जाता है, भारतीय पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. यह वही नदी है जहाँ भगवान राम ने अपने वनवास के पहले रात बिताई थी. रामायण के अनुसार, जब राम, सीता और लक्ष्मण ने वनवास प्रारंभ किया, तो उन्होंने तमसा नदी के किनारे रात बिताने का निर्णय लिया था. यह स्थान न केवल राम की यात्रा का हिस्सा था, बल्कि यहाँ ऋषि वाल्मीकि का आश्रम भी स्थित था जहाँ उन्होंने रामायण की रचना की.
करवा चौथ पर बन रहा अद्भुत संयोग, तुलसी पेड़ के नीचे कर दें ये काम, खुश रहेंगे पति!
16 Oct, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर साल करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा का पूजन किया जाता है. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना लिए सुबह से लेकर देर शाम तक निर्जला व्रत रखती हैं. चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं. माना जा रहा है कि इस साल करवा चौथ के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी खास बना रहा है.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को शादी का जोड़ा पहनकर या फिर लाल वस्त्र जिसमें लाल चुनरी अवश्य हो, को पहनकर पूजा करनी चाहिए. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने से शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली आती है. साथ ही, करवा चौथ के दिन तुलसी पेड़ के नीचे दीपक जलाकर करवा चौथ की कथा अवश्य सुननी चाहिए. इस साल का करवा चौथ का व्रत और भी खास है, क्योंकि इस साल बेहद शुभ संयोग बन रहा है.
इन योगों का हो रहा निर्माण
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि करवा चौथ के दिन व्यतिपात योग का निर्माण हो रहा है. इस योग में दान देना बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन वरियान योग और गुरु पुष्य योग का भी निर्माण हो रहा है, जो अत्यंत शुभ है. इस योग में चंद्रमा को अर्घ्य देने से सुहागिन महिलाओं की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी. साथ ही इस दिन चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र भी पड़ने वाला है, जो करवा चौथ के दिन को और भी खास बनाता है.
इस मुहूर्त में दें चंद्रमा को अर्घ्य
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, 20 अक्टूबर रात्रि 7 बजकर 40 मिनट तक पूजा करें. इसके बाद चंद्रोदय होने वाला है, इसलिए रात्रि 07 बजकर 40 मिनट के बाद प्रति महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करेंगी और छलनी में अपने पति का मुख देखकर पति के हाथों से ही व्रत का पारण करेंगी.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
16 Oct, 2024 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन लाभ होगा, योजनायें फलीभूत होंगी, कार्य कुशलता से पूर्ण संतोष होगा, कार्य धैर्य से करें।
वृष राशि :- मनोवृत्ति संवेदनशील रहेगी, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, समय स्थिति का ध्यान अवश्य रखें।
मिथुन राशि :- मनोबल उत्सावर्धक रहेगा, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी, कार्य कुशलता से संतोष होगा, कार्य पर ध्यान दें।
कर्क राशि :- कार्य क्षमता में वृद्धि से संतोष होगा, कार्य कुशलता से सफलता मिलेगी, मनोबल उत्सावर्धक होगा।
सिंह राशि :- धन लाभ होगा, आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, कार्य कुशलता पर ध्यान देंगे, परिश्रम से लाभ होगा।
कन्या राशि :- इष्ट मित्रों से मान-प्रतिष्ठा व प्रभुत्व वृद्धि होगी, सोचे कार्य समय पर पूर्ण होंगे, आलस्य से हानि होगी।
तुला राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में धन व्यय होगा, भ्रमणशील स्थिति रहेगी, कार्यगति पर ध्यान देने से कार्य बनेंगे।
वृश्चिक राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होगी, सफलता के साधन जुटायेंगे, इष्ट मित्र सुखवर्धक होगा, कार्य बनेंगे।
धनु राशि :- परिश्रम से धन लाभ होगा, अधिकारियों से मेल-मिलाप होगा जिससे कार्य बनेंगे, कार्य कुशलता से हर्ष होगा।
मकर राशि :- कार्यवृत्ति में सुधार होगा, स्थिति पर नियंत्रण अवश्य ही रखें, स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास होगा, धैर्य अवश्य रखें।
कुंभ राशि :- विशेष कार्य स्थगित रखें, मानसिक विविधता बनेगी, कार्य अवरोध से मन अशांत रहेगा, सावधानी अवश्य रखें।
मीन राशि :- प्रयास से सफलता मिलेगी, इष्ट मित्र सुखवर्धक होगा, दैनिक कार्यगति में सुधार होगा, उत्तम सफलता मिलेगी।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
15 Oct, 2024 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, इष्ट मित्र सहयोगी होंगे, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
वृष राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, मनोबल बनाये रखें, रुके कार्य सूझ-बूझ से बना लें, कार्य पर ध्यान अवश्य दें।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्रों से परेशानी होगी, कष्ट होगा, मानसिक अशांति से कार्य में बाधा बनेगी, धैर्य अवश्य रखें।
कर्क राशि :- मान-प्रतिष्ठा व प्रभुत्व वृद्धि होगी, स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास व समृद्धि के साधन बनेंगे, सुख मिलेगा।
सिंह राशि :- कार्यगति अनुकूल रहेगी, सामाजिक कार्यों में प्रभुत्व वृद्धि होगी, साधन-सम्पन्नता के योग बनेंगे ध्यान दें।
कन्या राशि :- कुटुम्ब की परेशानी से चिन्ता व व्याग्रता रहेगी, उद्विघ्नता से बचें, कार्य अवरोध संभव है, शांत मन से कार्य करें।
तुला राशि :- धन हानि होगी, मानसिक कष्ट होगा, शारीरिक बेचैनी तथा व्यर्थ भ्रमण में समय व धन नष्ट होगा, अपव्यय से बचें।
वृश्चिक राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, अधिकारी वर्ग से लाभ होगा, समर्थन फलप्रद रहेगा, कार्यगति पर ध्यान अवश्य दें।
धनु राशि :- कार्य कुशलता से संतोष होगा, दैनिक समृद्धि के साधन बनेंगे, समय का ध्यान रखें, कार्यगति का ध्यान रखें।
मकर राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार होगा, योजना फलीभूत होगी, रुके कार्य परिश्रम से बनेंगे, कार्य योजना पर ध्यान दें।
कुंभ राशि :- विशेष कार्य स्थगित रखें, मानसिक विभ्रम रहेगा किन्तु उद्विघ्नता से बचिये, समय को ध्यान में रखकर आगे बढ़ें।
मीन राशि :- कार्य विफलत्व से हानि, प्रयत्न करने पर भी सफलता दिखाई न दे, कार्य अवरोध होगा, सावधानी अवश्य रखें।
कुंडली के 4 ग्रह दे रहे हैं अशुभ प्रभाव? आज से ही शुरू करें कुत्ते को खाना देना, होगा गजब का लाभ!
14 Oct, 2024 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पशु-पक्षियों को खाना या दाना-पानी देना पुण्य का काम माना जाता है. इसलिए आपने कई लोगों को रास्ते में बैठे पशुओं को कुछ ना कुछ खिलाते हुए देखा होगा. वहीं कई लोग पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था करते हैं. मान्यता है कि, इससे आपको कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आने वाली परेशानियां कोसों दूर रहती हैं. भोपाल निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश चौरे के अनुसार, यदि आप कुत्ते को सिर्फ खाना देते हैं तो ऐसा करने मात्र से आप चार ग्रहों को शांत कर सकते हैं. कौन से हैं वे 4 ग्रह, आइए जानते हैं.
1. शनि ग्रह
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यदि आपकी कुंडली में शनि ग्रह मजबूत नहीं है या नाराज है तो आपको कई तरह की परेशानियां उठाना पड़ सकती हैं. शनि देव कर्मफल दाता के रूप में जाने जाते हैं और कुत्ते को खाना खिलाने से इस ग्रह को शांत किया जा सकता है.
2. शुक्र ग्रह
इस ग्रह को लग्जीरियस लाइफ के लिए जाना जाता है. आपके जीवन में वैभव, ऐश्वर्य, धन, भौतिक सुख, विलासता और वैवाहिक सुख का कारक इसी ग्रह को माना जाता है. इसलिए इसका शांत रहना बहुत जरूरी है.
3. राहु ग्रह
वैदिक ज्योतिष में राहु को मायावी, पापी और छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है. साथ ही इसे कलयुग का राजा भी कहा गया है. यदि राहु शांत नहीं है तो आपकी जिंदगी में कुछ भी ठीक नहीं हो सकता. इसलिए इसे शांत रखना जरूरी है.
4. केतु ग्रह
जीवन में चल रही उथल-पुथल इस ग्रह के कमजोर होने पर ही होती है. ऐसा माना जाता है कि, यदि आपके जीवन में यदि कुछ खराब हो रहा है या शांति दूर हो रही है तो आपको इस ग्रह को शांत करने के लिए कुत्ते को खाना खिलाना चाहिए.
अंगूठी पहनने का है बहुत शौक, ज्यादा अंगूठियां दे सकती हैं अशुभ परिणाम, किस उम्र से धारण करें रत्न?
14 Oct, 2024 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कई लोग अपने हाथों में एक या दो अंगूठी पहनते हैं. इनमें से कई बार एक सगाई की हो सकती है और दूसरी किसी ग्रह को शांत करने या शुभ परिणाम के लिए किसी विशेष रत्न की हो सकती है. लेकिन, आपने कई ऐसे लोग भी देखे होंगे जिनकी हाथों की उंगलियां अंगूठियों से भरी होती हैं. एक ही हाथ में कई सारे रत्नों से जड़ी अंगूठी साफ तौर पर दिखाई देती हैं और कई लोग विशेष नग या सोना चांदी से बनी अंगूठी भी बहुत सारी पहनने का शौक रखते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि, रत्न शास्त्र में सिर्फ रत्न जड़ित अंगूठियों के बारे में ही जानकारी नहीं दी गई है. बल्कि इस बात का उल्लेख भी मिलता है कि हाथ में कितनी अंगूठी पहनना चाहिए. क्योंकि, अंगूठी की संख्या से भी शुभ-अशुभ परिणाम मिल सकते हैं. आइए जानते हैं इनकी सही संख्या और परिणामों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
कितनी अंगूठियां पहनना चाहिए?
रत्न शास्त्र में अंगूठियों को पहनने संबंधित कई बातों का उल्लेख मिलता है, जिसके अनुसार 14 वर्ष से पहले के किसी भी बच्चे को रत्न धारण करने की मनाही होती है. इसके पीछे का कारण बच्चों द्वारा रत्न की शुद्धता ना बनाए रख पाना है. इसके अलावा किसी बीमार व्यक्ति को भी रत्न धारण करना वर्जित माना गया है.
पुरुषों को पहनना चाहिए सिर्फ इतनी अंगूठी
रत्न शास्त्र के अनुसार, पुरुषों को अपने हाथ में सिर्फ एक या अधिक से अधिक दो अंगूठी ही धारण करना चाहिए. इससे आपके काम हमेशा बनेंगे और आपको भाग्य का साथ भी मिलेगा और तरक्की भी खूब होगी. लेकिन, जब आप दो से अधिक अंगूठी पहनते हैं तो आपके काम बिगड़ने लगेंगे और आपको किसी भी कार्य में असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है.
महिलाओं के एक हाथ में हों इतनी अंगूठियां
वहीं यदि बात करें महिलाओं की तो रत्न शास्त्र में इनके लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिसके अनुसार इनके द्वारा तीन अंगूठी पहनना शुभ माना गया है. हालांकि, ध्यान रहे कभी भी आप अपने एक ही हाथ में तीन अंगूठियों को ना पहनें क्योंकि ऐसा करना भी आपके लिए अशुभ फल दे सकता है. इसलिए एक हाथ में दो या एक और अन्य दूसरे हाथ में अंगूठी पहनना चाहिए. इससे आपको कभी भी रत्न दोष या ग्रह दोष का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सोमवार के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये खास चीज, शत्रुओं का होगा नाश, कर्ज से मिल सकती मुक्ति!
14 Oct, 2024 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म की मान्याताओं के अनुसार हर एक तिथि और वार का विशेष महत्व होता है. हिंदू धर्म में हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता का जरूर समर्पित होता है. वार के अनुसार ही उस दिन विशेष पूजा-आराधना की जाती है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समपर्ति होता है. सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष रूप से पूजा करने का महत्व होता है. ऐसी मान्यता है सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने पर व्यक्ति को सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिल जाती है. भगवान भोलेनाथ की पूजा में जल चढ़ाना और फूल अर्पित करना खास माना जाता है. इस कारण से सोमवार के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजन किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है. सोमवार के दिन उत्तर दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग की पूजा करना बेहद ही शुभ माना जाता है.
शिवलिंग पर चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र,पुष्प धतूरा, दूध और गंगाजल चढ़ाने से भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए मात्र एक लोटा जल ही काफी माना जाता है. इससे भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होकर अपने भक्तों का सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं समस्या के हिसाब से भोलेनाथ को क्या क्या अर्पित करना चाहिए.
मनोकामना पूर्ति के लिए चढ़ाएं ये चीज: अपनी सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिवलिंग पर मूंग की दाल चढ़ानी चाहिए. वहीं, सोमवार के दिन शिवलिंग पर काली दाल चढ़ाने से जातक की कुंडली में चल रही शनि की बाधा खत्म होती है.
इसे चढ़ाने से बदलेगा भाग्य: यदि कड़ी मेहनत के बाद भी आपके हाथ सफलता नहीं लग रही तो आपको सोमवार के दिन चने की दाल चढ़ानी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे जातक के भाग्य में वृद्धि होती है.
शत्रुओं के साथ कर्ज से मिलेगा छुटकारा: यदि आपको शत्रु परेशान कर रहे हैं तो इसके लिए आपको शिवलिंग पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए. इससे आपके शत्रुओं का नाश होगा.शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर सरसों का तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. वहीं, कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आप शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल चढ़ा सकते हैं.शिवलिंग पर सरसों के तेल से अभिषेक करते समय, भगवान शिव के ‘प्रलयंकर’ स्वरूप का मानसिक ध्यान करना चाहिए.
सुख-समृद्धि के लिए चढ़ाएं ये चीजें: ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से व्यक्ति को धन-धान्य और भौतिक सुख प्राप्त होते हैं. वहीं, शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं. साथ ही शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है.