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EPS पेंशन: क्या जॉब के साथ मिलती है पेंशन? जानें EPFO के नियम
20 Oct, 2024 01:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रिटायरमेंट के बाद फंड और पेंशन का लाभ कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में मिलता है। इस स्कीम का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जाता है। ईपीएस स्कीम में कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी का फिक्सड अमाउंट निवेश करते हैं। कर्मचारी के साथ कंपनी द्वारा भी योगदान किया जाता है।
यह स्कीम रिटायरमेंट के बाद मैच्योर हो जाता है। जब स्कीम मैच्योर होती है तो फंड का एक हिस्सा एकमुश्त मिलता है बाकी पेंशन के तौर पर मासिक दिया जाता है। वैसे तो कई लोगों को ईपीएस के पेंशन का लाभ रिटायरमेंट के बाद ही मिलता है। लेकिन, कई कर्मचारी इस बात से अनजान है कि ईपीएस स्कीम में जॉब के साथ-साथ भी पेंशन का लाभ मिलता है। हम आपको इसी के बारे में बताएंगे।
हर महीने कितने करना होता है योगदान
कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफओ में देता है। इस 12 फीसदी में से 8.3 फीसदी पीएफ अकाउंट (PF Account) में जमा होता है और बाकी 3.67 फीसदी ईपीएस स्कीम में जमा होता है। ईपीएस में जमा राशि ही मैच्योर होने के बाद पेंशन के तौर पर दी जाती है।
जॉब के साथ कब मिलती है पेंशन
ईपीएफओ के नियम (EPFO Rule) के अनुसार ईपीएस पेंशन का लाभ कर्मचारी को तब मिलता है जब वह लगातार 10 साल तक निवेश करते हैं। इसके अलावा जब कर्मचारी की आयु 50 साल से ज्यादा हो जाती है तो वह पेंशन के लिए क्लेम कर सकता है। अगर कर्मचारी ने 10 साल तक ईपीएस स्कीम में योगदान दिया पर उसकी आयु 50 साल से कम है तो वह पेंशन के लिए क्लेम नहीं कर सकता है।
अर्ली पेंशन में कम मिलती है पेंशन
अगर कर्मचारी की आयु 50 से 58 साल के बीच की है और वह रिटायरमेंट से पहले पेंशन क्लेम करता है तो उसे पेंशन की राशि कम मिलेगी। दरअसल, ईपीएफओ के नियम के अनुसार अर्ली पेंशन में हर साल 4 फीसदी की कटौती होती है।
इसे ऐसे समझिए कि अगर किसी व्यक्ति की आयु 52 है और वह अर्ली पेंशन के लिए क्लेम करता है तो उसे अभी पेंशन अमाउंट में से केवल 76 फीसदी ही मिलेगा। इसकी वजह है कि पेंशन प्राप्त करने की आयु 58 साल है और वह 6 साल पहले ही पेंशन के लिए क्लेम कर रहा है। ऐसे में 4 फीसदी सालाना दर के हिसाब से 6 साल में पेंशन अमाउंट में 24 फीसदी की कटौती होगी।
Diwali Muhurat Trading 2024: इस साल कब होगा मुहूर्त ट्रेडिंग?
19 Oct, 2024 04:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Muhurat Trading: हर साल दिवाली पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में मुहूर्त ट्रेडिंग की जाती है. ग्रहों की स्थिति के आधार पर किसी शुभ कार्य के लिए चुने गए समय को मुहूर्त कहते हैं. बीएसई और एनएसई हिंदू पंचांग के हिसाब से दिवाली से नए वित्त वर्ष की शुरुआत के लिए एक घंटे का स्पेशल ट्रेडिंग सेशन का आयोजन करते हैं. इसे ही मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे अच्छा भाग्य साथ आ जाता है. इस साल स्टॉक मार्केट में सालाना मुहूर्त ट्रेडिंग की तैयारी शुरू हो चुकी है.
मुहूर्त ट्रेडिंग 1 नवंबर को, संवत 2081 की शुरुआत करेंगे निवेशक
मुहूर्त ट्रेडिंग पर लक्ष्मी पूजन (Laxmi Pujan) भी किया जाता है ताकि उनकी समृद्धि और संपदा बनी रहे. इस दौरान ट्रेडिंग के जरिए निवेशक संवत 2081 की शुरुआत भी करेंगे. अभी तक इस बारे में बीएसई और एनएसई की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, मुहूर्त ट्रेडिंग इस साल 1 नवंबर को की जाने वाली है. इस बारे में बीएसई और एनएसई अलग-अलग जानकारी बाद में देंगे. बीएसई की वेबसाइट के अनुसार, इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग 1 नवंबर को होने वाली है. इसकी टाइमिंग की जानकारी अभी नहीं दी गई है. इंट्रा डे ट्रेडिंग करने वालों को ध्यान देना होगा कि सेशन खत्म होने से 15 मिनट पहले ही सभी पोजीशन तय हो जाएंगी. उन्हें इसी हिसाब से सावधानी से अपनी ट्रेडिंग की प्लानिंग करनी पड़ेगी.
मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन स्टॉक खरीदने से आती है समृद्धि और तरक्की
भारत के स्टॉक ब्रोकर्स दिवाली को नए वित्त वर्ष की शुरुआत मानते हैं. कई निवेशक मानते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन स्टॉक खरीदने से आने वाले साल में समृद्धि और तरक्की होती रहती है. इस दौरान वह अपने पोर्टफोलियो का मैनेजमेंट और नए अकाउंट सेटलमेंट भी करते हैं. भले ही मुहूर्त ट्रेडिंग का सांकेतिक महत्त्व हो लेकिन, इसमें स्टॉक ब्रोकर्स बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. हालांकि, छोटे निवेशक को यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि स्टॉक मार्केट में इस दौरान तेजी से उठापटक होती है.
Tech Mahindra के तिमाही नतीजे: मुनाफा हुआ 2 गुना बढ़ा
19 Oct, 2024 04:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महिंद्रा की आईटी कंपनी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने जुलाई से सितंबर तिमाही के नतीजों का एलान कर दिया है। कंपनी ने इन नतीजों में अपने फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की जानकारी दी है। तिमाही नतीजों का असर सोमवार पर शेयर में भी देखने को मिलेगा। आइए, जानते हैं कि इस चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी रही।
कैसा है कंपनी की वित्तीय स्थिति
आईटी सर्विस देने वाली टेक महिंद्र ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी कि सितंबर तिमाही में उनका नेट प्रॉफिट दो गुना से ज्यादा बढ़कर 1,250 करोड़ रुपये हो गया है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 493.9 करोड़ रुपये था।
इस तिमाही कंपनी का रेवेन्यू भी 3.49 फीसदी बढ़कर 13,313.2 करोड़ रुपये हो गया। जबकि, पिछले साल की समान तिमाही में यह 12,863.9 करोड़ रुपये था।
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी जानकारी के अनुसार कंपनी के अन्य इनकम में 4,502 मिलियन रुपये का लाभ शामिल है। यह लाभ एसेट की बिक्री से हुआ है। कंपनी ने फ्रीहोल्ड भूमि और उससे संबंधित इमारतों के साथ-साथ फर्नीचर और फिक्स्चर को बेचकर 5,350 मिलियन रुपये जुटाए हैं।
प्रोजेक्ट फोर्टियस का हो गया अनावरण
टेक महिंद्रा के सीईओ मोहित जोशी ने इस साल अप्रैल में प्रोजेक्ट फोर्टियस का अनावरण किया। इस प्रोजेक्ट के जरिये कंपनी आने वाले तीन साल में 15 प्रतिशत ऑपरेटिंग मार्जिन हासिल करने की प्लानिंग कर रहा है।
कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि
टेक महिंद्रा का मुख्यालय पुणे में स्थित है। कंपनी ने बताया कि उसनें समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 6,653 कर्मचारियों तो जोड़ा है। इसके बाद कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 1,54,273 हो गई।
टेक महिंद्रा के शेयरों का हाल
पिछले कारोबारी सत्र में टेक महिंद्रा के शेयर बीएसई पर 0.68 फीसदी गिरकर 1,688 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। अगर कंपनी के शेयर की परफॉर्मेंस की बात करें तो पिछले एक साल में शेयर ने 43.77 फीसदी का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। इस साल अप्रैल से लेकर अभी तक कंपनी के शेयर 41.18 फीसदी चढ़े हैं।
Byju's की वैल्यू जीरो: फाउंडर रवींद्रन ने निवेशकों को ठहराया जिम्मेदार
19 Oct, 2024 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Byju’s Update: एजुकेशन और टेक्नॉलजी कंपनी यानी एडटेक सेक्टर में एक समय बायजू (Byju’s ) का जलवा रहा है। यह इस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक रह चुकी है, पर अब इसकी स्थिति एकदम उलट हो गई है। जी हां, कुछ समय से बायजू वित्तीय संकट से घिरी हुई है।
निवेशक हैं जिम्मेदार
कंपनी के वित्तीय संकट को लेकर बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने कहा की अब इसकी वैल्यू जीरो हो गई है। कंपनी की इस हालात के लिए उन्होंने निवेशकों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जब मैं कंपनी को एक्सपेंड और टेकओवर करने की कोशिश कर रहा था तब निवेशकों ने मेरा साथ दिया। लेकिन जैसे ही कंपनी पर संकट के बादल छाए वैसे ही सभी निवेशक पीछे हट खड़े हुए।
हालांकि, कंपनी के फाउंडर ने भरोसा जताया है कि कंपनी जल्द ही संकट की स्थिति से बाहर आने में कामयाब होगी। बता दें कि जब से बायजू संकट में आया है तब से यह पहली बार है जब कंपनी के फाउंडर सामने आए। जी हां, बायजू रवींद्रन दुबई के घर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह सभी बयान दिये हैं।
मैनेजमेंट बदलने की हो रही थी मांग
बायजू रवींद्रन ने कहा कि निवेशक बिना कोई प्लान के मैनेजमेंट बदलने की मांग कर रहे थे। ऐसे में उन्होंने कहा कि दिसंबर 2021 के बाद से कंपनी में केवल हम लोगों ने ही निवेश किया है। इसके आदगे उन्होंने यह भी बताया कि Prosus समेत कई निवेशकों ने पिछले 4 से 5 सालों में कोई निवेश नहीं किया है।
Prosus जैसे निवेशकों ने एक समय के बाद कंपनी में अपने निवेश को राइट ऑफ कर दिया। बता दें कि संकट से पहले बायजू देश की सबसे बड़ी वैल्यू कमांड करने वाली स्टार्टअप कंपनी थी। कंपनी पर जैसे ही संकट के बादल मंडराए उसके तुरंत बाद कंपनी के तीन डायरेक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के बाद कंपनी को फंड जुटाने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
19 Oct, 2024 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 अक्टूबर 2024 के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिये हैं। तेल के दामों को अपडेट करने की जिम्मेदारी देश की मुख्य तेल कंपनियों को होती है। देश की मुख्य तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) है।
नए अपडेट के अनुसार, आज भी इनकी कीमतों में कोई बदालव नहीं हुआ है। सभी शहरों में इनके दाम जस के तस बने हुए हैं। क्योंकि, देश के सभी शहरों में फ्यूल प्राइस अलग हैं ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट अपडेट करने के बाद ही टंकी फुल करवानी चाहिए।
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
गाड़ीचालक आसानी से तेल कंपनियों के वेबसाइट और ऐप्स पर से लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा वह मोबाइल से मैसेज के जरिये भी लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल नंबर से RSP स्पेस पेट्रोल पंप का डीलर कोड टाइप कर 92249 92249 पर मैसेज भेजना है। अगर आपको अपने शहर के पेट्रोल पंप के डीलर का कोड नहीं पता है तो आप इंडियन ऑयल की वेबसाइट से चेक कर सकते हैं।
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 19 October 2024)
मेट्रोसिटी में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
नोएडा समेत अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
UPI ने बदल दी पेमेंट की तस्वीर: क्या डेबिट कार्ड की जरूरत खत्म होगी?
19 Oct, 2024 12:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के समय में पेमेंट करना काफी आसान आ गया है। हम बड़े आसानी से यूपीआई (Unified Payments Interface) के जरिये पेमेंट कर देते हैं। यूपीआई ने जहां एक तरफ डिजिटल पेमेंट में क्रांति लाई है तो वहीं दूसरी तरफ अब लोग कैश रखना कम रखने लगते हैं। अब 5 रुपये के लिए खुले पैसे ढूंढने की जरूरत नहीं है। ऐसे में अब सवाल आता है कि क्या यूपीआई के आ जाने से डेबिट कार्ड (Debit Card) खत्म हो जाएगा?
डेबिट कार्ड के लिए यूपीआई बना चुनौती
यूपीआई अपनी सर्विस को और सुलब और सुचारू बनाने के लिए आए दिन नए फीचर्स लाता है। यह फीचर यूजर को पेमेंट करने में और आसानी देते हैं। हाल ही में यूपीआई ने यूपीआई सर्किल (UPI Circle) फीचर शुरू किया था। यूपीआई की नए फीचर यूजर और आसानी से ऑनलाइन पेमेंट हो जाने की वजह से अब लोग डेबिट कार्ड की जगह यूपीआई से ट्रांजैक्शन करना पसंद करते हैं। यह सभी फीचर होने के बावजूद अभी कुछ सालों तक डेबिट कार्ड के खत्म होने की उम्मीद नहीं है।
हालांकि, यूपीआई के एटीएम कैश विड्रॉल फीचर (UPI ATM Cash Withdrawl) और यूपीआई सर्किल ने एक बड़े डेबिट कार्ड मार्केट के हिस्से को कैप्चर कर लिया है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट का भी कहना है कि यूपीआई के एटीएम विड्रॉल फीचर और यूपीआई सर्किल जैसे फीचर डेबिट कार्ड के लिए चुनौती बना हुआ है।
अब लोग यूपीआई के जरिये भी कैश विड्रॉल कर सकते हैं उन्हें फिजिकल कार्ड यानी डेबिट कार्ड की आवश्यकता नहीं होती है। यूपीआई ने यूजर के समय को काफी बचाया है साथ ही अब उन्हें अलग-अलग कार्ड लेकर ट्रैवल करने की जरूरत नहीं है। उनके सभी कार्ड एक स्मार्टफोन में शामिल हो गए हैं।
क्या खत्म हो जाएगा डेबिट कार्ड
डेबिट कार्ड पूर्ण रूप से खत्म नहीं होगा। आज भी बड़े ट्रांजैक्शन, ऑफलाइन पेमेंट और विदेशी यात्रा के समय डेबिट कार्ड अहम रोल निभाता है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि यूपीआई डेबिट कार्ड का स्थान ले लेगा। भले ही यूपीआई हर छोटी पेमेंट के लिए इस्तेमाल होता है पर फिर भी कई जगह पर यूपीआई की पहुंच नहीं है। ऐसे में इन ट्रांजैक्शन के लिए डेबिट कार्ड का ही इस्तेमाल होता है।
बैंकों के सामने डेबिट कार्ड और यूपीआई को लेकर एक चुनौती खड़ी है। दरअसल, बैंकों को इन दोनों सिस्टम के बीच बैलेंस बनाने की आवश्यकता है ताकि दोनों की महत्वपूर्णता पर कोई आंच न आए। वित्तीय संस्थानों को भी आवश्यकता है कि वह दोनों पेमेंट सिस्टम में बैलेंस बनाए रखें।
कम हो गया डेबिट कार्ड का इस्तेमाल
सरकारी डेटा के अनुसार यूपीआई के आ जाने के बाद से डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में कमी देखी गई है। जहां पहले रिटेल मार्केट में डेबिट कार्ड का इस्तेमाल होता था वहीं अब इसकी जगह यूपीआई ने ले लिया है। यूपीआई को डिजाइन ही इस तरह किया गया है कि सभी रिटेल डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होता है। ऐसे में वाजिब है यूपीआई ने डेबिट कार्ड मार्केट को काफी हद तक प्रभावित किया है।
नोएल टाटा: हफ्ते के साढ़े 6 दिन काम करने वाले बिजनेस टाइकून की कहानी
19 Oct, 2024 12:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन के बाद टाटा ट्रस्ट (Tata Trust) की जिम्मेदारी नोएल टाटा (Noel Tata ) को दे दी। इस जिम्मेदारी के साथ ही नोएल टाटा को लेकर काफी चर्चा होने लगी। कई लोगों के मन में सवाल आने लगे कि आखिर नोएल टाटा कौन है और इनका संबंध रतन टाटा से कैसे हैं। हम आपको इस आर्टिकल में नोएल टाटा से संबंधित सभी जानरकारी देंगे।
कौन है नोएल टाटा
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतले भाई है। वह नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। रतन टाटा के निधन से पहले नोएल टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रेसिडेंट और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। पिछले चार दशकों से यह टाटा ग्रुप में कई अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। वह टाटा ग्रुप की कई सहायक कंपनियों के बोर्ड मेंबर भी हैं। इसके अलावा वह ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के प्रेसिडेंट हैं। नोएल टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड में वाइस-प्रेसिडेंट हैं।
नोएल टाटा का जीवन परिचय
वर्ष 1957 में मुंबई में नोएल टाटा का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा भारत में ही की। मैनेजमेंट टेनी से उन्होंने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन तक पढ़ाई की। इसके बाद वह बिजनेस स्किल सीखने के लिए फ्रांस के INSEAD बिजनेस स्कूल के इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा इंटरनेशनल से मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर की। धीरे-धीरे उन्होंने अपने करियर में कई उपलब्धि हासिल की। वह वर्ष 1999 में टाटा ग्रुप की रिटेल शाखा ट्रेंट के एमडी बन गए। इसके बाद साल 2003 में वह टाइटन और वोल्टास के डायरेक्टर बनें।
नोएल टाटा को कई भाषाओं का ज्ञान है। वह अंग्रेजी और हिंदी के साथ फ्रेंच भी बोल सकते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोएल के मल्टीलिंग्वल स्किल ने उनके बिजनेस के विस्तार में काफी मदद किया है।
नोएल ने पालोनजी मिस्त्री की बेटी आलू मिस्त्री से शादी की। अभी भी नोएल टाटा के पास आयरलैंड यानी आयरिश की नागरिकता है। माना जाता है कि पालोनजी मिस्त्री आयरलैंड के सबसे अमीर परिवार में से एक है।
टाटा ग्रुप में नोएल का अहम योगदान
नोएल टाटा ने टाटा ग्रुप में अहम योगदान दिया। वह पिछले 40 साल से ग्रुप से जुड़े हैं। इन 40 सालों में नोएल ने कई जिम्मेदारियां संभाली हैं। वह ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन केअध्यक्ष और टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट हैं।
तीखी आलोचना करते हैं नोएल टाटा
नोएल टाटा की चर्चा साल 2016 में भी हुई थी। इस साल साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। दरअसल, यह फैसला विवादों के बीच लिया गया था। बोर्ड के इस फैसले पर नोएल ने काफी तीखी आलोचना की थी। बता दें कि नोएल साइरस मिस्त्री की बहन के पति हैं।
ऐसा माना जाता है कि नोएल टाटा ग्रुप के सिद्धांतों को गंभीरता से पालन करते हैं। इसके अलावा वह चकाचौंध से भी दूर रहते हैं। नोएल टाटा ने खुद बताया कि चकाचौंध से दूर रहना उनका स्वभाव ही है।
हफ्ते में साढ़े छह दिन करते हैं काम
नोएल टाटा ने एक साक्षात्कार में बताया कि वह नासिक या पुणे के किसी स्टोर को देखने के लिए रविवार का दिन चुनते हैं। इसके अलावा वह पूरे हफ्ते में केवल आधे दिन ही अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं। ऐसा माना जाता है कि नोएल सड़क पर चलते हुए ही आइडिया डेवलप कर लेते हैं। वह जब हॉलिडे के समय रोड पर घूमते हैं और दुकानों को देखते हैं तो उनके पास इस तरह के आउटलेट खोलने का आइडिया आता है।
सुपरफास्ट कार के हैं शौकीन
नोएल टाटा को सुपरफास्ट कार का शौक है। कई बार उन्हें मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार कार चलाते हुए देखा गया है। उनके कार कलेक्शन की भी काफी चर्चा की जाती है। उनके पास कई महंगी और लग्जरी कार का कलेक्शन हैं।
वाहनों की बिक्री में तेजी, दिवाली तक बिकेंगी 45 लाख गाड़ियां, कंपनियां दे रहीं ऑफर
18 Oct, 2024 05:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नवरात्र से शुरू त्योहारी सीजन में ट्रैक्टर को छोड़कर कारों और दोपहिया समेत सभी प्रकार की गाड़ियों की जबरदस्त मांग दिख रही है। डीलरों के पास गाड़ियों को लेकर पूछताछ तीन गुना बढ़ गई है। ग्राहकों को आकर्षित करने और अपने स्टॉक को खत्म करने के लिए वाहन कंपनियां भी भारी छूट दे रही हैं।
फाडा के उपाध्यक्ष ने दी जानकारी
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के उपाध्यक्ष साईं गिरधर ने बताया, इस त्योहारी सीजन में दिवाली तक देशभर में 45 लाख से अधिक गाड़ियां बिकेंगी। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं। यह आंकड़ा 2023 के त्योहारी सीजन में बिके कुल 37.93 लाख वाहनों की तुलना में 7.07 लाख अधिक है। 2022 में कुल 32 लाख गाड़ियां बिकी थीं।
गिरधर ने आगे बताया कि पिछले त्योहारी सीजन की तुलना में इस बार रिकॉर्ड गाड़ियां बिकने की कई वजहे हैं। डीलरों के पास ग्राहकों के पसंदीदा कलर में लगभग सभी मॉडल उपलब्ध हैं। कुछ मॉडल को छोड़ दें तो वेटिंग पीरियड नहीं है यानी ग्राहकों को अपनी नई कार घर ले जाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। इस बार गाड़ियों पर मिलने वाली छूट चरम पर है। फाइनेंसर भी कर्ज देने के लिए तैयार बैठे हैं। इसके उलट, 2023 के त्योहारी सीजन में वेटिंग पीरियड अधिक था। डीलरों के पास स्टॉक और ग्राहकों के पसंदीदा मॉडल उपलब्ध नहीं थे।
नवरात्र के पहले 10 दिन में दहाई अंक में बढ़ोतरी
नवरात्र के पहले 10 दिनों में ट्रैक्टर को छोड़कर सभी गाड़ियों में दहाई अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। दोपहिया वाहनों में 12 फीसदी की तेजी रही। पूरे त्योहारी सीजन में गाड़ियों की कुल बिक्री में नवरात्र का हिस्सा 20 फीसदी होता है।
ग्रामीण इलाकों में सुधार का दिखेगा असर
ग्रामीण बिक्री में तेज सुधार देखने को मिल रहा है। खासतौर पर दोपहिया वाहनों में। इसके अलावा, छुपी हुई मांग (पेंटअप डिमांड) का भी बिक्री के आंकड़ों पर असर पड़ेगा। गिरधर ने बताया, मई-जून में अधिक गर्मी, उसके बाद अत्यधिक बारिश व फिर श्राद्ध के कारण लोगों ने खरीदी टाल दी। अब छुपी मांग बाहर आ रही है और इन्क्वायरी बढ़ी है।
कंपनी टाटा टियागो और टिगोर के कुछ वेरिएंट पर 20,000 रुपये का एक्सचेंज बोनस दे रही है।
टाटा अल्ट्रोज पर 25,000 रुपये तक की छूट के साथ 20,000 रुपये एक्सचेंज बोनस व 5,000 रुपये का अतिरिक्त कॉरपोरेट डिस्काउंट मौजूद है।
टाटा पंच पर 20,000 रुपये तक की छूट के साथ 3,000 रुपये तक कॉरपोरेट डिस्काउंट।
टाटा नेक्सॉन पर 25,000 रुपये तक छूट और 20,000 रुपये का एक्सचेंज बोनस।
होंडा : तीन साल तक फ्री मेंटेनेंस पैकेज
होंडा कार्स इंडिया के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग एंड सेल्स) कुणाल बहल ने बताया, त्योहारों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए होंडा सिटी, अमेज और एलेवेट जैसे चुनिंदा मॉडल पर छूट एवं अन्य ऑफर उपलब्ध है। इनमें नकद छूट, एक्सचेंज और कॉरपोरेट बोनस के साथ तीन साल तक निशुल्क मेटेंनेंस पैकेज शामिल है।
ह्यूंडई : 80,629 रुपये तक ऑफर
कंपनी वेन्यू कार पर 80,629 रुपये, एक्सटर पर 42,972 रुपये, आई-20 पर 55,000 रुपये और ग्रांड आई-10 पर 58,000 रुपये तक छूट दे रही है।
लग्जरी कारों पर भी इस बार छूट
सितंबर में बिक्री में बड़ी गिरावट के बाद स्टॉक कम करने के लिए ऑडी, बीएमडब्ल्यू व मर्सिडीज जैसे लग्जरी ब्रांड भी कई प्रकार की छूट दे रहे हैं।
हरे निशान पर बंद हुआ शेयर बाजार; सेंसेक्स 218 अंक चढ़ा, निफ्टी 24850 के पार
18 Oct, 2024 05:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बैंकिंग शेयरों में भारी खरीदारी और मजबूत वैश्विक बाजार रुझानों के चलते बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में तीन दिन की गिरावट के बाद शुक्रवार को तेजी लौटी। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती निचले स्तरों से उबरते हुए 218.14 अंक या 0.27 प्रतिशत चढ़कर 81,224.75 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 384.54 अंक या 0.47 प्रतिशत चढ़कर 81,391.15 पर पहुंचा।
एनएसई निफ्टी 104.20 अंक या 0.42 प्रतिशत बढ़कर 24,854.05 पर बंद हुआ। इसके अलावा घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से भी बाजार में सुधार को समर्थन मिला। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से एक्सिस बैंक का शेयर करीब 6 प्रतिशत उछला, क्योंकि सितंबर तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ 19.29 प्रतिशत बढ़कर 7,401.26 करोड़ रुपये हो गया।
आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारतीय स्टेट बैंक और अदाणी पोर्ट्स अन्य बड़े लाभ वाले शेयर रहे। ब्लू-चिप कंपनियों में इंफोसिस के शेयरों में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, क्योंकि इसकी दूसरी तिमाही की आय निवेशकों को खुश करने में विफल रही।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा निर्यातक कंपनी ने गुरुवार को दूसरी तिमाही के शुद्ध लाभ में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि की सूचना दी। एशियन पेंट्स, नेस्ले, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी अन्य बड़ी गिरावट वाले शेयर रहे।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 7,421.40 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, डीआईआई ने 4,979.83 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एशियाई बाजारों में, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में तेजी रही, जबकि सियोल में गिरावट रही।
यूरोपीय बाजार सकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को अमेरिकी बाजार अधिकतर बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.07 प्रतिशत गिरकर 74.40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
गुरुवार को बीएसई का सेंसेक्स 494.75 अंक या 0.61 प्रतिशत गिरकर 81,006.61 अंक पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान यह 595.72 अंक या 0.73 प्रतिशत गिरकर 80,905.64 अंक पर आ गया था। एनएसई निफ्टी 221.45 अंक या 0.89 प्रतिशत गिरकर 24,749.85 पर आ गया था।
रिटायरमेंट की चिंता छोड़िए, इस आसान फॉर्मूले से बनाएं मजबूत फंड
18 Oct, 2024 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महंगाई और वित्तीय अनिश्चितता दिन-ब-दिन बढ़ जा रही है। उम्र के साथ ये जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं। बुजुर्ग अवस्था में सेहत से जुड़ी परेशानियां भी रोज की बात हो जाती हैं। ऐसे में अगर आपने रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग नहीं की है, तो आपको काफी मुश्किल हो सकती है।
हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिसके आधार पर आप अपने रिटायरमेंट को काफी बेहतर बना सकते हैं। फिर आपको बुढ़ापे में किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।
रिटायरमेंट प्लानिंग के वक्त आपका गोल एकदम निश्चित होना चाहिए। आप अपना रिटायरमेंट खुद निश्चित कर सकते हैं या फिर रिटायमेंट के बचे हुए साल के हिसाब से प्लानिंग कर सकते हैं। आपके रिटायमेंट में जितना कम समय होगा, आपको उतनी ही अधिक बचत करनी होगी, ताकि जल्द से जल्द रिटायरमेंट के लिए जरूरी फंड तैयार हो पाए। साथ ही, गैर-जरूरी खर्चों पर लगाम भी कसनी होगी।
कैसे तैयार करें रिटायरमेंट फंड
रिटायरमेंट के प्लान पर अमल से पहले आपको अपने सभी खर्चों का हिसाब लगाना होगा। अगर कोई कर्ज है, तो उसे भी जल्दी खत्म करने की कोशिश करें। फिर जरूरी खर्चों के बाद बचत का प्लान करें। आपको एकमुश्त पैसे नहीं बचाने हैं। आप छोटी-छोटी सेविंग के माध्यम से भी रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए वित्तीय तौर पर अनुशासित होकर लगातार निवेश करते रहना होगा।
किस स्कीम में करें निवेश
रिटायरमेंट के लिए आप अलग-अलग स्कीमों में निवेश कर सकते हैं। लेकिन, आपको रिस्क मैनेजमेंट का ख्याल रखना होगा। इसका मतलब कि अपनी सारी बचत किसी एक स्कीम में न लगाएं। आप कुछ शेयर मार्केट में लगा सकते हैं। कुछ एसआईपी या डेट फंड में भी निवेश कर सकते हैं। गोल्ड बॉन्ड भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके लिए आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह भी ले सकते हैं।
ये योजनाएं हो सकती हैं बेस्ट
आप म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से लंबी अवधि में बड़ा फंड बना सकते हैं। आप अपनी सहूलियत से फंड हाउस और स्कीम चुन सकते हैं। वहीं, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) भारत सरकार की स्कीम है। इसमें निवेश भी अच्छा विकल्प है। इस स्कीम में पैसा 60 साल में मैच्योर होता है। आप अटल पेंशन योजना की तरफ भी जा सकते हैं। लेकिन, आपकी कमाई इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आनी चाहिए। इसमें निवेश की आयु सीमा 18 से लेकर 40 साल तक है।
दिसंबर से बैंकों का नया शेड्यूल, अब नए समय पर खुलेंगे और बंद होंगे बैंक
18 Oct, 2024 12:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बैंक कर्मचारी लंबे समय से 5 वर्किंग डे की मांग कर रहे थे। अभी तक सरकार ने कर्मचारियों के इस मांग को मंजूर नहीं किया है, पर उम्मीद है कि इस साल के अंत तक सरकार इस मांग को पूरी कर सकती है। दरअसल, हाल ही में भारतीय बैंक संघ और कर्मचारी यूनियनों के बीच समझौता हुआ है। अब केवल सरकार की तरफ से मुहर लगने का इंतजार है।
अगर सरकार की तरफ से मंजूरी मिल जाती है तो फिर बैंक सप्ताह में केवल पांच दिन खुलेंगे। इसका मतलब है कि शनिवार और रविवार को बैंक बंद रहेंगे। बता दें कि अभी हर महीने के दूसरे-चौथे शनिवार और हर रविवार को बैंक बंद रहते हैं। इसके अलावा फेस्टिवल की वजह से कई शहरों के बैंक में छुट्टी रहती है।
सरकार के साथ RBI की अहम भूमिका
बैंक के 5 वर्किंग डे की मंजूरी में सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक () की अहम भूमिका है। दरअसल, बैंक का यह प्रस्ताव आरबीआई के पास जाएगा क्योंकि बैंक से जुड़े सभी कामकाज आरबीआई ही कंट्रोल करता है। आरबीआई से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ही सरकार द्वारा मंजूरी मिलेगी।
बैंक के वर्किंग टाइम में भी होगा बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगर बैंक के 5 वर्किंग डे पर मंजूरी मिलती है तो फिर बैंक के कामकाज टाइम में भी बदलाव होगा। माना जा रहा है कि दैनिक कामकाज घंटों में 40 मिनट की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका मतलब है कि बैंक सुबब 9.45 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुला रहेगा।
कब तक आएगा नोटिफिकेशन
उम्मीद की जा रही है कि साल के अंत या फिर 2025 के शुरुआत तक में सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। अगर सरकार की तरफ से मंजूरी मिल जाती है तो Negotiable Instruments Act के तहत शनिवार को छुट्टी के रूप में मान्यता मिल सकती है।
गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 550 अंक फिसला, निफ्टी 25650 से नीचे आया
18 Oct, 2024 12:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेशी फंडों की लगातार निकासी और इंफोसिस के शेयरों में बिकवाली के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 570.45 अंक गिरकर 80,436.16 पर आ गया। वहीं एनएसई निफ्टी 178.3 अंक गिरकर 24,571.55 पर आ गया।इससे पहले उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी इंडेक्स 0.34 प्रतिशत या 84 अंक की गिरावट के साथ 24,664.95 अंक पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स 257 अंक या 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,749.26 पर खुला।
इंफोसिस के शेयरों में दिखी कमजोरी
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में टाइटन, इंफोसिस, मारुति, नेस्ले, आईटीसी, अदाणी पोर्ट्स, एचडीएफसी बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे ज्यादा पिछड़े। भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा निर्यातक कंपनी इंफोसिस लिमिटेड ने गुरुवार को दूसरी तिमाही के अपने शुद्ध लाभ में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि की सूचना दी। निवेशकों को यह परिणाम रास नहीं आया, जिससे कंपनी के शेयर कमजोर पड़ गए। ब्लू-चिप कंपनियों में एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स और भारती एयरटेल के शेयर हरे निशान पर कारोबार करते दिखे।
एफआईआई की बिकवाली से बाजार पर बन रहा दबाव
विशेषज्ञों ने कहा कि एफआईआई लगातार भारतीय शेयरों पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन आने वाले हफ्तों में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है और तेज रिकवरी की उम्मीद है।बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने कहा, "हम आशावादी बने हुए हैं क्योंकि एफआईआई की बिकवाली पहले ही आधे रास्ते को पार कर चुकी है और जैसे-जैसे यह कम होगी, घरेलू प्रवाह रिकवरी में मदद करेगा। जब रिकवरी होगी तो यह तेज और केंद्रित होगी, जिससे लंबी अवधि के निवेशकों को रोलर कोस्टर बाजार की भयावह अस्थिरता के दौरान बने रहने की प्रेरणा मिलेगी।"
एनएसई पर व्यापक बाजार सूचकांकों में, निफ्टी नेक्स्ट 50, निफ्टी 100 सहित सभी सूचकांक निवेशकों के बिकवाली दबाव का सामना करते हुए लाल निशान में खुले। सेक्टोरल इंडेक्स में, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स को छोड़कर, अन्य सभी सूचकांक लाल निशान पर खुले। सभी प्रमुख सेक्टरों पर बिकवाली का दबाव दिखा। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी आईटी में देखी गई, जिसमें शुरुआती सत्र में इंडेक्स 1.21 फीसदी से ज्यादा नीचे आया। निफ्टी 50 लिस्ट में 29 शेयरों में गिरावट आई, जबकि 12 बढ़त के साथ खुले और 9 अपरिवर्तित रहे।
इंफोसिस ने दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 5% बढ़ने की सूचना दी
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा निर्यातक कंपनी इंफोसिस लिमिटेड ने गुरुवार को दूसरी तिमाही के अपने शुद्ध लाभ में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि की सूचना दी। ब्लू-चिप कंपनियों में एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स और भारती एयरटेल को लाभ हुआ। एक्सिस बैंक का समेकित शुद्ध लाभ सितम्बर तिमाही में 19.29 प्रतिशत बढ़कर 7,401.26 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन बैंक ने असुरक्षित ऋण खंड में कठिनाई की सूचना दी। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 7,421.40 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "भारत में उच्च मूल्यांकन के कारण एफआईआई की ओर से निरंतर बिकवाली बाजार में गिरावट का मुख्य कारण रहा।"
एशियाई और अमेरिकी बाजारों में दिखा मिला-जुला रुख
एशियाई बाजारों में सियोल में गिरावट दर्ज की गई जबकि टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में बढ़त दर्ज की गई। गुरुवार को अमेरिकी बाजार अधिकतर बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.20 प्रतिशत बढ़कर 74.60 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। गुरुवार को बीएसई का सेंसेक्स 494.75 अंक या 0.61 प्रतिशत गिरकर 81,006.61 अंक पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान यह 595.72 अंक या 0.73 प्रतिशत गिरकर 80,905.64 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 221.45 अंक या 0.89 प्रतिशत गिरकर 24,749.85 पर आ गया था।
आज जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, हिंदुस्तान जिंक, टाटा कंज्यूमर, आईसीआईसीआई इंश्योरेंस और एलएंडटी फाइनेंस जैसी कुछ प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने हैं। जापान का निक्केई सूचकांक भी शुक्रवार को 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। अमेरिकी बाजारों में, गुरुवार को दोनों सूचकांक सपाट बंद हुए, जिसमें एसएंडपी 500 मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ और नैस्डैक सूचकांक मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
18 Oct, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में किस शहर में पेट्रोल-डीजल कितने रुपये लीटर मिलेगा यह देश की मुख्य तेल कंपनियां तय करती है। तेल के दामों को हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट किया जाता है। हर दिन की तरह आज भी इनकी कीमत अपडेट हो गई हैं।
नए अपडेट के अनुसार, आज भी इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका मतलब कि देश के सभी शहरों में तेल के दाम जस के तस बने हुए हैं। कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि आखिर सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग क्यों होते हैं? इसका जवाब है कि तेल के दाम में जीएसटी शामिल नहीं होता है। इस पर राज्य सरकार द्वारा वैट लगाया जाता है। वैट की दरें हर शहर में अलग होती है। इस वजह से ही सभी शहरों में इनके दाम अलग होते हैं।
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
- दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
- मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
- कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
- चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
- नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
- गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
- बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
- चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
- हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
- जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
- पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
रिलायंस ने किया बोनस शेयर इश्यू की रिकॉर्ड डेट का एलान, शेयरों में दिखी तेजी
17 Oct, 2024 05:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने बोनस इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट का एलान कर दिया। इसका रिलायंस के शेयरधारक लंबे वक्त से इंतजार कर रहे थे। रिलायंस ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर देने का एलान पिछले महीने ही कर दिया था। लेकिन, कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते रिकॉर्ड डेट की घोषणा करने में देरी हो रही थी।
बोनस इश्यू की रिकॉर्ड डेट कब?
रिलायंस ने बोनस इश्यू के लिए 28 अक्टूबर 2024 को रिकॉर्ड डेट के रूप में तय किया है। मुकेश अंबानी ने 5 सितंबर को बोनस शेयर का तोहफा देने का एलान किया था। बोनस शेयर 1:1 के अनुपात में मिलेगा। इसका मतलब है कि 28 अक्टूबर 2024 तक जिन शेयरहोल्डर्स के डीमैट अकाउंट में रिलायंस का शेयर रहेगा, उन्हें एक शेयर पर एक बोनस के तौर पर मिलेगा।
छठी बार बोनस शेयर इश्यू होगा
रिलायंस छठी बार बोनस शेयर देने वाली है। इससे पहले ऑयल से लेकर टेलिकॉम सेक्टर में बिजनेस करने वाली कंपनी ने 1980, 1983, 1997, 2009 और 2017 में भी बोनस शेयर दिया था। रिलायंस ने आखिरी बार 2017 में भी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर दिया था।
क्या होता है बोनस शेयर
बोनस शेयर कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को फ्री में देती है। इससे उनके कुल निवेश की वैल्यू नहीं बढ़ती, लेकिन शेयरों की संख्या जरूर बढ़ जाती है। अब जैसे कि अगर किसी के पास रिलायंस के 15 हजार रुपये के 5 शेयर हैं, तो बोनस इश्यू के बाद निवेश की वैल्यू 15 हजार रुपये ही रहेगी, लेकिन शेयर बढ़कर 10 हो जाएंगे।
कंपनियां आमतौर पर प्रति शेयर आय बढ़ाने, कैपिटल बेस बढ़ाने और फ्री रिजर्व को कम करने के लिए बोनस शेयर देते हैं। इससे कंपनी और शेयरहोल्डर, दोनों को फायदा होता है। जैसे कि रिलायंस का शेयर अभी 2,700 रुपये के आसपास है। कई लोग महंगा होने की वजह से इसे नहीं खरीदते होंगे, खासकर छोटे निवेशक। बोनस इश्यू के बाद इसका दाम आधा हो जाएगा, तो ज्यादा लोग इसे खरीद पाएंगे। वहीं, शेयरहोल्डर के स्टॉक की संख्या बढ़ जाएगा। इससे उन्हें डिविडेंड अधिक मिलेगा।
रिलायंस के शेयरों का हाल
रिलायंस के शेयरों में पिछले कुछ समय से सुस्ती देखी जा रही है। खासकर, पश्चिमी एशिया में तनाव के चलते, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आ रहा है। पिछले एक महीने में निवेशकों 7 फीसदी से अधिक का नेगेटिव रिटर्न मिला है। वहीं, पिछले 6 महीने में भी रिलायंस से निवेशकों को करीब 7 फीसदी नुकसान हुआ है। हालांकि, एक साल में कंपनी ने 15 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया।
बोनस इश्यू की रिकॉर्ड डेट कन्फर्म होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी दिखी। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रिलायंस के शेयर 0.73 फीसदी के उछाल के साथ 2,727.95 रुपये कारोबार कर रहे थे।
महाराष्ट्र से सस्ता प्याज ला रही 'Kanda Express', कीमतों में आएगी गिरावट
17 Oct, 2024 05:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार ने त्योहारी सीजन के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। वह महाराष्ट्र से दिल्ली तक रेलवे के जरिए 1,600 टन बफर स्टॉक लाएगी। यह पहली दफा है, जब सरकार रसोई के लिए रेलवे ट्रांसपोर्टेशन का इस्तेमाल कर रही है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने गुरुवार को बताया कि 'Kanda Express' नामक विशेष रेक महाराष्ट्र के लासलगांव रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और 20 अक्टूबर को दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी। सरकार को उम्मीद है कि इस उपाय से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी, जहां बफर स्टॉक प्याज फिलहाल 35 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। कई शहरों में प्याज की खुदरा कीमतें 75 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
खरे ने कहा, "यह रेलवे ट्रांसपोर्टेशन एक ऐतिहासिक पहल है। इसी तरह की व्यवस्था लखनऊ, वाराणसी और असम, नागालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी लागू की जाएगी।' सरकार नुकसान को कम करने के लिए सीलबंद कंटेनर परिवहन के लिए कॉनकॉर्ड के साथ भी बातचीत कर रही है।
निधि खरे ने कहा कि रेलवे से प्याज लाना लागत प्रभावी और कुशल उपाय है। उन्होंने कहा कि नासिक से दिल्ली तक एक रेक (56 ट्रकों के बराबर) के परिवहन पर 70.20 लाख रुपये की लागत आती है। वहीं, सड़क मार्ग से 84 लाख रुपये की लागत आती है। इसका मतलब है कि प्रति रेक 13.80 लाख रुपये की बचत होगी।
सरकार 5 सितंबर से मोबाइल वैन, एनसीसीएफ और नैफेड आउटलेट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, मदर डेयरी के सफल आउटलेट और केंद्रीय भंडार सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से रियायती दरों पर बफर स्टॉक प्याज बेच रही है। खुदरा हस्तक्षेप को और मजबूत करने के लिए दिवाली से पहले मोबाइल वैन की संख्या 600 से बढ़ाकर 1,000 की जाएगी।
सचिव ने कहा कि 4.7 लाख टन बफर स्टॉक में से 91,960 टन एनसीसीएफ और नेफेड को आवंटित किया गया है, जबकि 86,000 टन गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों को भेजा गया है। इन उपायों और महाराष्ट्र से अपेक्षित ताजा फसल की आवक के साथ सरकार को उम्मीद है कि प्याज का दाम काबू में आ जाएगा।
बफर स्टॉक प्याज का औसत खरीद मूल्य 28 रुपये प्रति किलोग्राम है। सरकार ने कहा कि प्याज के निर्यात मूल्य स्थिर रहे, लेकिन न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटाने और शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने के बाद मामूली वृद्धि के बावजूद मात्रा नियंत्रण में है।