व्यापार
सरकार की सख्ती: विमान में बम की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई!
22 Oct, 2024 12:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले एक हफ्ते में करीब 100 फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इनमें से सभी फर्जी थीं और इनके चलते उड़ान में काफी देरी हुई। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। उसका कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन, इस तरह का फर्जी कॉल करके पैनिक क्रिएट करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इसके लिए नियमों में जरूरी बदलाव भी किए जाएंगे।
भले ही ये धमकियां झूठी साबित हुई हों, लेकिन हमारा विभाग और एयरलाइंस सख्त प्रोटोकॉल का पालन करती हैं। इस तरह की धमकियों से मामला काफी संवेदनशील हो जाता है। फिर एक अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है, जिसका हमें पालन करना होता है। ऐसे फोन कॉल करने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालने के लिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है।
राम मोहन नायडू, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री
नायडू ने यह भी बताया कि फोन कॉल आने की शुरुआत के बाद से हितधारकों के साथ कई बैठकें की गई हैं। अब विमान (सुरक्षा) नियमों में संशोधन पर विचार हो रहा है। इसका मकसद इस तरह की धमकियां देने वाले लोगों की पहचान करना और उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डालना है। इस तरह की फर्जी धमकियों की बाढ़ आ गई है। 19 अक्टूबर को तो 24 घंटे के भीतर 11 विमानों में बम होने की धमकी मिली थी।
एक्शन मोड में सरकार
राम मोहन नायडू के मुताबिक, सरकार SUASCA एक्ट में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इसके बारे में दूसरे मंत्रालयों के साथ भी चर्चा हो रही है। सरकार इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना चाहती चाहती है। उन्होंने कहा कि हम यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। हमारा पूरा ध्यान स्थिति का आकलन करने पर क्योंकि यह बहुत ही नाजुक मसला है।
विमानों में बम की हॉक्स कॉल के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह सचिव ने सीआईएसएफ के DG और BCAS के DG से थ्रेट कॉल पर पूरी जानकारी ली। मीटिंग में BCAS DG और CISF ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर थ्रेट कॉल्स विदेशों से आ रही हैं।
एयरलाइंस का क्या कहना है?
विमान कंपनियां बम की धमकी वाले फर्जी फोन कॉल से काफी परेशान हैं। इससे फ्लाइट में काफी डिले होता है और यात्रियों को भी असुविधा होती है। यही वजह है कि एयरलाइंस भी इस तरह के फोन कॉल से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने की वकालत कर रही हैं। उनका यह भी सुझाव है कि फर्जी बम धमकियों के कारण उन्हें होने वाले नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जानी चाहिए।
महंगाई का असर: त्योहारों में कमाई का बड़ा हिस्सा ले गई बढ़ती कीमतें!
22 Oct, 2024 12:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें निम्न आय वर्ग वालों के त्योहार का जायका खराब कर रही है। खाने-पीने की खरीदारी में अधिक खर्च होने से कम आय वाले उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी को टाल रहे हैं और इसका असर फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएससीजी) की खरीदारी पर भी देखने को मिल सकता है।
त्योहार के दौरान आलू, प्याज, टमाटर, घी, तेल जैसी वस्तुओं का अधिक इस्तेमाल होता है और इन सबकी कीमतें पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक चल रही है। सब्जी के दाम तो पिछले साल की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक हो चुके हैं।
पिछले साल और इस साल अक्टूबर के थोक भाव
वस्तु
अक्टूबर 2023 (प्रति क्विंटल)
अक्टूबर 2024 (प्रति क्विंटल)
आलू
3,000 रुपये
3,400 रुपये
प्याज
2,750 रुपये
4,500 रुपये
टमाटर
2,400 रुपये
8,000 रुपये
सरसों तेल
12,800 रुपये
13,374 रुपये
अरहर
9,392 रुपये
10,800 रुपये
घी
61,500 रुपये
70,000 रुपये
स्त्रोत: एजीमार्कनेट (सरकारी पोर्टल)
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर सितंबर में 9.24 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। मतलब पिछले साल सितंबर की तुलना में खाने-पीने की वस्तुएं 9.24 प्रतिशत महंगी हो चुकी है। इस साल अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.66 प्रतिशत थी।
कृषि वस्तुओं की रोजाना की थोक कीमतें दर्शाने वाली सरकारी साइट एजीमार्कनेट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर में प्याज की थोक कीमतों में 2000 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा चल रहा है। आलू के थोक दाम में प्रति प्रति 400 रुपए तो टमाटर में 5600 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी है।
दाल की थोक कीमत भी पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल के अक्टूबर में 10 प्रतिशत का इजाफा है। अक्टूबर में विभिन्न प्रकार के गेहूं की औसत थोक कीमतों में 11-17 प्रतिशत की बढोतरी दिख रही है। त्योहार में सरसों तेल और घी का भी अधिक इस्तेमाल होता है और इन दोनों की कीमतें भी बढ़ी हुई है।
महंगाई से उपभोक्ता परेशान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में वर्ष 2022 अक्टूबर की तुलना में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। इस साल सितंबर में खाद्य तेल की कीमतें 2.5 प्रतिशत बढ़ी हुई है। दाल की कीमतें लगातार बढ़ रही है और पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। दाल के दाम में पिछले साल अक्टूबर में ही 15 प्रतिशत से अधिक की तेजी थी।
जानकारों का कहना है कि देश में 60 प्रतिशत से अधिक लोग प्रतिमाह सिर्फ 10-30 हजार रुपए तक कमाते हैं। ऐसे में त्योहार के दौरान उनकी कमाई का अधिक हिस्सा खाने-पीने पर ही खर्च हो जा रहा है।
आरबीआई बुलेटिन: रेपो रेट बढ़ाने से महंगाई में कमी, निजी निवेश बढ़ा!
22 Oct, 2024 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में निजी निवेश लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह कारोबार को लेकर बढ़ती उम्मीद है। साथ ही, मौजूदा त्योहारी सीजन में कंजम्पशन डिमांड भी बढ़ी है। आरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन के मुताबिक, देश के वृद्धि परिदृश्य को विकास को गति देने वाले घरेलू 'इंजन' से समर्थन मिल रहा है।
आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर लेख में कहा गया है कि 2024-25 की दूसरी तिमाही में अस्थाई नरमी दिखी है। लेकिन, देश में कुल मांग इससे पार पाने को पूरी तरह से तैयार है। इसका कारण त्योहारी मांग में तेजी और उपभोक्ता भरोसे में सुधार है। इसके अलावा, कृषि परिदृश्य में सुधार के साथ ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
लेख में कहा गया है, 'खपत मांग में तेजी के संकेतों और कारोबार को लेकर बढ़ती उम्मीद से निजी निवेश में तेजी आनी चाहिए।' मजबूत बही-खाते के साथ वित्तीय क्षेत्र संसाधनों से लैस होकर निवेश को लेकर तैयार है। इसके साथ सरकार का पूंजीगत व्यय पर लगातार जोर है। इससे कुल मिलाकर निवेश का दृष्टिकोण उज्ज्वल दिखाई देता है।
रेपो रेट बढ़ने से मुद्रास्फीति घटी
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुआई वाली एक टीम के लिखे लेख में कहा गया है, ''वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 की पहली छमाही में मजबूत रही। मुद्रास्फीति में गिरावट से घरेलू खर्च को समर्थन मिला।
आरबीआई के मई, 2022 से प्रमुख नीतिगत दर में 2.5 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति को 1.60 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिली है। लेख के मुताबिक, 'नीतिगत दर में वृद्धि ने मुद्रास्फीति को स्थिर किया और कुल मांग को नियंत्रित किया, जिससे अवस्फीतिकारी प्रतिक्रियाएं हुईं।
लंबे वक्त से रेपो रेट में कटौती नहीं
रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए लंबे वक्त रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है, जबकि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि अभी हमारा पूरा ध्यान महंगाई घटाने पर है। केंद्रीय बैंक आगामी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया था, लेकन सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने से आरबीआई अपने इरादों पर दोबारा विचार कर सकता है।
सितंबर में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 5.49 प्रतिशत तक बढ़ गई। यह इजाफा खाने-पीने के चीजों का दाम लगातार बढ़ने से हुआ। खुदरा महंगाई दर अगस्त में 3.65 फीसदी थी, जो इसका पांच साल का सबसे निचला स्तर था।
Petrol Diesel Price Today: तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
22 Oct, 2024 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियां हर रोज सुबह 6 पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपडेट करती हैं। यह सिलसिला साल 2017 से जारी है। सरकार ने तेल कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों के हिसाब से प्राइस तय करने की छूट दे रखी है। हालांकि, मार्च 2024 के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
तेल कंपनियों ने 22 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) यानी आज के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिए हैं। आज भी इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, देश के सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर होता है। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवानी चाहिए। आइए इंटरनेशल मार्केट में ब्रेंट क्रूड और आपके शहर में एक लीटर पेट्रोल-डीजल का क्या भाव है।
कच्चे तेल का भाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट आई है। यह 0.32 फीसदी घटकर 74.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। वहीं, पिछले पांच दिन में 1.52 फीसदी सस्ता हुआ है। बीते 6 महीने का आंकड़ा देखें, तो क्रूड ऑयल की कीमतों में 15 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, पिछले एक महीने से भूराजनीतिक तनाव के चलते कच्चे तेल के दाम में तेजी का रुख देखने को मिल रहा था।
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 22 October 2024)
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
हर शहर में अलग क्यों है कीमत
पेट्रोल-डीजल अभी जीएसटी (GST) के दायरे में नहीं हैं। इन पर राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाती हैं। वैट की दरें हर शहर में अलग होती है। इसी वजह से सभी शहरों में इनके दाम अलग होते हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि पेट्रोल डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो इन फ्यूल की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सीएनजी कीमतों में वृद्धि: आम जनता की जेब पर पड़ेगा असर
21 Oct, 2024 05:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आम जनता महंगाई की मार से पहले ही जूझ रहा है। ऐसे में अब महंगाई को लेकर एक नया अपडेट सामने आ रहा है। दरअसल, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि देश की मुख्य ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के साथ सरकार सीएनजी की कीमतों में इजाफा (CNG Price Hike) करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, इस पर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई।
कितना महंगा होगा सीएनजी
सरकार ने शहरी रिटेलर के लिए नैचुरल गैस की सप्लाई में 20 फीसदी की कटौती की है। इस कटौती का असर तेल की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि इस कटौती के कारण सीएनजी के दामों में 4 से 6 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार सरकार ने फ्यूल प्राइस पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में भी कटौती की है।
कम हो रही है सप्लाई
सीएनजी की कीमत सरकार तय करती है। पिछले कुछ समय से सीएनजी की सप्लाई कम हो रही है जिसके कारण शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं के पास भी कम सप्लाई आ रहा है। कहा जा रहा है कि प्राकृतिक गैस के सप्लाई में सालाना 5 फीसदी की गिरावट आ रही है। सप्लाई में आ रही गिरावट की वजह से सीएनजी के दामों में कमी आ रही है।
क्यों बढ़ेंगे सीएनजी के दाम
घरों के पाइप से मिलने वाली रसोई गैस के इनपुट में कोई बदलाव नहीं आया है। इनकी कीमतों को लेकर अभी कोई अपडेट नहीं है। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर सीएनजी की कीमतों में क्यों बढ़ोतरी होगी? इसका जवाब है कि सीएनजी की मांग मई 2023 की तुलना में काफी कम हो गई है। जहां मई 2023 में सीएनजी की मांग 90 फीसदी थी वो इस महीने 16 अक्टूबर 2024 को गिरकर 50.75 फीसदी हो गई। वहीं, पिछले महीने सितंबर में सीएनजी की मांग 67.74 फीसदी थी।
ऐसे में मांग और सप्लाई में कमी आने के कारण तेल कंपनियों को नैचुरल गैस इम्पोर्ट करना पड़ रहा है। इस कारण भी सीएनजी 4 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम महंगा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार अभी तक तेल कंपनियों ने सीएनजी की कीमतों में इजाफा करने की मांग नहीं की है। तेल कंपनियां और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय नैचुरल गैस की मांग और सप्लाई में गिरावट के लिए समाधान ढूंढ रहे हैं।
आईजीएल ने एक फाइलिंग में कहा कंपनी को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य (वर्तमान में 6.5 अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) पर सीएनजी बिक्री मात्रा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए घरेलू गैस आवंटन मिलता है। गेल इंडिया लिमिटेड (घरेलू गैस आवंटन के लिए नोडल एजेंसी) से कंपनी द्वारा प्राप्त संचार के आधार पर सूचित किया कि 16 अक्टूबर 2024 से घरेलू गैस आवंटन में बड़ी कटौती की गई है।
एनपीएस स्कीम: निजी सेक्टर में बढ़ता रुझान, 1.54 करोड़ लोग जुड़े
21 Oct, 2024 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजनीतिक वजहों से सरकार वर्ष 2004 से लागू नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने जा रही है, लेकिन रिटर्न दर और बुढ़ापे में पेंशन की सुविधा को देखते हुए निजी सेक्टर को अब एनपीएस पसंद आने लगी है।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में निजी सेक्टर के 9.12 लाख लोग एनपीएस से जुड़े, जो पूर्व के वित्त वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है। अभी सरकारी और निजी सेक्टर को मिलाकर एनपीएस से 1.54 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं जिनमें 94 लाख सरकारी (केंद्र व राज्य मिलाकर) तो 60 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारी शामिल हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2004 में एनपीएस की शुरुआत की गई थी जबकि निजी सेक्टर के लिए पांच साल के बाद वर्ष 2009 में एनपीएस को खोला गया था।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) भी अब निजी सेक्टर के अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है ताकि उन्हें 60 साल के बाद पेंशन के रूप में अच्छी रकम मिलती रहे। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पीएफआरडीए ने 11 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारियों को एनपीएस से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
वर्तमान में देश में 11 प्रतिशत लोग 60 साल से अधिक आयु के हैं और वर्ष 2050 तक उनकी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। एनपीएस इन लोगों को सम्मानित पेंशन सुविधा देने में काफी मददगार हो सकती है।
इक्विटी, बांड और सिक्युरिटीज होता है योगदान
पेंशन को लेकर सजग निजी सेक्टर के कर्मचारी मुख्य रूप से एनपीएस की रिटर्न दर को देख इस ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। पिछले तीन सालों में पेंशन फंड का इक्विटी रिटर्न औसतन हर साल 20 प्रतिशत तो पिछले बीस सालों में एनपीएस का औसतन इक्विटी रिटर्न हर साल 14 प्रतिशत का रहा है।
पिछले तीन सालों में एनपीएस का कारपोरेट बांड रिटर्न सात प्रतिशत तो सरकारी सिक्युरिटीज रिटर्न नौ प्रतिशत से अधिक का रहा है। एनपीएस के तहत कर्मचारियों का योगदान इक्विटी, बांड, सिक्युरिटीज जैसी जगहों पर लगाया जाता है और उस रिटर्न से व्यक्तिगत रूप से कर्मचारियों का फंड तैयार होता है। ऊंचे रिटर्न की वजह से एनपीएस का कुल फंड 13 लाख करोड़ को छूने वाला है जिसमें पिछले एक साल में 28 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
75 साल की उम्र तक जारी रहता है एनपीएस फंड
एनपीएस से जुड़ने वाले कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद अपने कुल फंड के 40 प्रतिशत हिस्से से खुद और अपनी पत्नी के लिए आजीवन पेंशन की खरीदारी कर सकते हैं। बाकी के 60 प्रतिशत राशि को एकमुश्त रूप में वे हासिल कर सकते हैं। कोई चाहे तो वह 75 साल की उम्र तक एनपीएस फंड को जारी रख सकता है। मात्र 1000 रुपये सालाना योगदान से एनपीएस फंड की शुरुआत हो सकती है।
एनपीएस ट्रस्ट के चेयरमैन की नियुक्ति
पीएफआरडीए ने चित्रा जयसिम्हा को एनपीएस ट्रस्ट का चैयरपर्सन नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ती गत 17 अक्टूबर से प्रभावी होगी। पिछले चार सालों से चित्रा एनपीएस ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में अपनी सेवा दे रही थी। उन्हें लगभग दो दशक तक विभिन्न इंश्योरेंस सेक्टर में अपनी सेवा देने का अनुभव रहा है।
हुंडई आईपीओ लिस्टिंग: निवेशकों के लिए कितनी होगी संभावित कमाई?
21 Oct, 2024 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के बहुचर्चित हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ की लिस्टिंग मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 को होगी। पिछले कुछ ही दिनों के भीतर इस आईपीओ ने भारी उतार-चढ़ाव देखा है। इसे लेकर शुरुआत में निवेशक काफी उत्साहित थे, क्योंकि करीब दो दशक बाद कोई ऑटो मेकर आईपीओ लाकर शेयर मार्केट में लिस्ट हो रही थी। आखिरी दफा मारुति सुजुकी आईपीओ लाई थी, वो भी 2003 में।
हुंडई मोटर इंडिया के इश्यू को देश का सबसे बड़ा आईपीओ बताकर जोरशोर से प्रचारित किया गया। लेकिन, आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने पर निवेशकों ने अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी। खासकर, रिटेल इन्वेस्टर्स ने। उनके लिए रिजर्व हिस्सा महज 50 फीसदी ही सब्सक्राइब हुआ। हालांकि, आखिरी दिन तक यह पब्लिक इश्यू ओवरऑल 2.37 गुना भर गया।
Hyundai IPO का लेटेस्ट GMP
हुंडई आईपीओ को ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शुरुआत में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन, फिर वह एकाएक क्रैश हो गया। एक वक्त तो हुंडई आईपीओ का जीएमपी नेगेटिव में चला गया था। हालांकि, अब इसने थोड़ी रफ्तार बढ़ाई है। हुंडई आईपीओ की लेटेस्ट जीएमपी 95 रुपये है, जो 4.85 फीसदी लिस्टिंग गेन का संकेत दे रही है। इसके आईपीओ पर सबसे अधिक 585 रुपये तक जीएमपी गया था।
ग्रे मार्केट एक अन-ऑफिशियल मार्केट है, जहां लिस्टिंग से पहले शेयर का कारोबार होता है। ग्रे मार्केट की स्थिति लगातार बदलती रहती है। इसके आधार पर अंदाजा लगाया जाता है कि किसी कंपनी के शेयर की डिमांड कैसी है। हालांकि, एक्सपर्ट जोर देते हैं कि किसी कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाने से पहले उसके जीएमपी से अधिक फंडामेंटल पर गौर करना चाहिए।
हुंडई IPO को फीका रिस्पॉन्स क्यों
हुंडई के आईपीओ में ज्यादातर निवेशक शुरू से ही दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। इसकी बड़ी वजह थी आईपीओ का पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होना। इसका मतलब कि आईपीओ से मिलने वाले पूरे पैसे प्रमोटर को मिलेंगे और उसे हुंडई मोटर इंडिया के कामकाज को बेहतर करने के लिए निवेश नहीं किया जाएगा।
फिर रही-सही कसर प्राइस बैंड ने पूरी कर दी, जो निवेशकों की नजर में ओवरवैल्यूएड थी और उनके लिए मुनाफे की ज्यादा गुंजाइश नहीं छोड़ती थी। अगर हुंडई ऑफर फॉर सेल के साथ फ्रेश इक्विटी भी जारी करती और प्राइस थोड़ा कम रखती, तो इसे निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिल सकता था। फिर शायद आईपीओ निवेशकों को और भी लिस्टिंग गेन मिलता।
इस सप्ताह के नौ आईपीओ: निवेशकों के लिए नई संभावनाएं
21 Oct, 2024 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हाल के दिनों में भले ही भारतीय इक्विटी बाजार में गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन नई लिस्टिंग और पब्लिक इश्यू के चलते आइपीओ बाजार में जोरदार हलचल देखी जा रही है। इस सप्ताह (21 से 25 अक्टूबर) खुदरा निवेशकों के लिए 10,985 करोड़ रुपये के नौ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) खुलेंगे।
वहीं देश के सबसे बड़े आइपीओ हुंडई मोटर इंडिया की 22 अक्टूबर को लिस्टिंग होगी। इसके अलावा एसएमई सेगमेंट में लक्ष्य पावरटेक और फ्रेशरा एग्रो एक्सपोर्ट्स के शेयरों में क्रमश: 23 और 24 अक्टूबर को कारोबार शुरू होगा।
वारी एनर्जीज आईपीओ
21 अक्टूबर यानी सोमवार को खुलने वाला पहला आइपीओ वारी एनर्जीज का होगा, जिसका प्राइस बैंड 1,427-1,503 रुपये प्रति शेयर है। 4,321 करोड़ रुपये का सार्वजनिक निर्गम, जिसमें 3,600 करोड़ रुपये का ताजा निर्गम और 721.44 करोड़ रुपये के 48 लाख शेयरों का आफर-फार-सेल (ओएफएस) शामिल है। 23 अक्टूबर को यह बंद होगा। आइपीओ से पहले कंपनी ने 18 अक्टूबर को एंकर निवेशकों से 1,277 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह सोलर फोटोवोल्टिक माड्यूल बनाने वाली कंपनी है। इसकी मुख्य प्रतिस्पर्धियों में प्रीमियर एनर्जीज और वेबसोल एनर्जी जैसी सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं।
दीपक बिर्ल्डस एंड इंजीनियर्स इंडिया आईपीओ
दीपक बिर्ल्डस एंड इंजीनियर्स इंडिया का आइपीओ सब्सक्रिप्शन खुदरा निवेशकों के लिए 21 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच खुलेगा। इस आइपीओ का साइज 260 करोड़ रुपये होगा। इसमें 217 करोड़ रुपये के ताजा शेयर और 42.83 करोड़ रुपये का ओएफएस है। आइपीओ से पहले कंपनी ने पांच एंकर निवेशकों से 78 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
गोदावरी बायोरिफाइनरीज आईपीओ
गोदावरी बायोरिफाइनरीज का आइपीओ 23-25 अक्टूबर तक खुलेगा। कंपनी की इस आइपीओ के जरिये 555 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसका प्राइस बैंड 334 रुपये से 352 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। शापूरजी पालोनजी ग्रुप के स्वामित्व वाली एफकान्स इन्फ्रास्ट्रक्चर का आइपीओ भी 25 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। 5,430 करोड़ रुपये के आइपीओ के लिए प्राइस बैंड की घोषणा 21 अक्टूबर को की जाएगी।
एसएमई आईपीओ
मेनबोर्ड के अलावा एसएमई सेगमेंट में प्रीमियम प्लास्ट, डेनिश पावर, यूनाइटेड हीट ट्रांसफर, ओबीएससी परफेक्शन और उषा फाइनेंशियल सर्विसेज अगले हफ्ते रिटेल निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेंगे।
Today Gold Price: सोना-चांदी की कीमत ने छू लिया आसमान! देखिए आपके प्रदेश में क्या है हाल
21 Oct, 2024 12:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आपने सोना नहीं खरीद रखा, तो सही मायने में न आप इतिहास से वाकिफ हैं और न ही अर्थशास्त्र से।' यह कहना है अमेरिकी अरबपति निवेशक और फंड रेमंड थॉमस डेलियो (Raymond Thomas Dalio) का। इससे जाहिर होता है कि परंपरागत तौर पर सोने की इतनी ज्यादा अहमियत क्यों है। आइए समझते हैं कि सोने में निवेश करना क्यों जरूरी है और इसके क्या फायदे हैं।
सोना सदियों से बहुमूल्य
सोने ने सदियों से निवेश के तौर पर अपना मूल्य बरकरार रखा है। जबसे सोने की खोज हुई और इंसानों ने व्यापार सीखा, तभी से सोना इंसानी सभ्यता का सबसे अभिन्न हिस्सा बना हुआ है। इसके लिए अनगिनत लड़ाइयां हुईं, साम्राज्य बने और बिखरे, लेकिन इसकी अहमियत कम नहीं हुई। यह हमेशा प्रतिष्ठा का प्रतीक बना रहा। राजा-महाराजाओं के लिए खजाना भरने का, तो आमजन के लिए जेवरात पहनने का। यही वजह है कि सदियों से पहले भी सोना बहुमूल्य था, आज भी है। भारत जैसे देश में सोने का खास सांस्कृतिक महत्व भी है।
पोर्टफोलियो में विविधता
सोना आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता लाता है। यह अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में आपके पोर्टफोलियो के लिए रिस्क मैनेजमेंट का करता है। किसी भी युद्ध या तनाव की स्थिति में शेयर मार्केट में गिरावट आने लगती है और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ जाती है। ऐसे समय में सोने की अहमियत पता चलती है, क्योंकि इसकी कीमतों में उछाल आता है। इससे शेयर मार्केट के निवेश होने वाले नुकसान की कुछ तक भरपाई इससे हो जाती है।
सोने के बदले कर्ज लेना आसान
कई बार वित्तीय मुश्किल के दौरान कर्ज लेने में मुश्किल आती है। लेकिन, अगर आपके पास गोल्ड है, तो आप आसानी से कर्ज ले सकते हैं। इसे बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) सबसे सुरक्षित लोन भी मानती हैं, क्योंकि इसमें एनपीए बनने की गुंजाइश काफी कम रहती है। वे गोल्ड बेचकर आसानी से वसूली कर सकती हैं और इसमें उन्हें कोई नुकसान भी नहीं होगा। वहीं, उपभोक्ता को भी गोल्ड के बदले कर्ज आसानी से अपेक्षाकृत कम ब्याज दर मिल जाता है।
मुद्रास्फीति के खिलाफ प्रदर्शन
सोना मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर के खिलाफ हमेशा सबसे कारगर हथियार रहा है। यही वजह है कि आरबीआई समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीद बढ़ाई है। बेशक शेयर मार्केट या दूसरे किस्म के निवेश कई बार सोने से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। लेकिन, उनमें बड़ा ठहराव आ सकता है, जो लंबे समय तक बना रह सकता है। वहीं, सोने के साथ ऐसा नहीं है। इसका भाव हमेशा समय के साथ बढ़ता रहता है।
यूनिवर्सल करेंसी की मान्यता
सोने को यूनिवर्सल करेंसी के तौर पर भी मान्यता हासिल है। रूस ने यूक्रेन पर जब हमला किया, तो अमेरिका की अगुआई में पश्चिमी देशों ने उसके विदेशी मुद्रा भंडार को जब्त कर लिया। रूस के पास जो यूरो और डॉलर थे, उनकी वैल्यू जीरो हो गई। लेकिन, अगर रूस विदेशी मुद्रा की जगह सोने का भंडार बनाता, तो उसकी वैल्यू कभी जीरो नहीं होती। भला ही सोने का भाव एकसाथ 30 फीसदी तक कम हो जाता है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
21 Oct, 2024 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
21 अक्टूबर 2024 को दोनों फ्यूल के रेट अपडेट हो चुके हैं। हालांकि, इनमें कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला। क्रूड ऑयल की बात करें, तो इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। आइए जानते हैं अलग-अलग शहरों में क्रूड के साथ पेट्रोल-डीजल के लेटेस्ट रेट।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव
इंटरनेशनल मार्केट में आज बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल 73.30 डॉलर प्रति बैरल है। वहीं, WTI क्रूड 69.47 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है। पिछले पांच दिनों के दौरान ब्रेंट क्रूड के भाव में 6 फीसदी से अधिक की नरमी आई है। भारत में सरकारी तेल कंपनियों ने आज (सोमवार), 21 अक्टूबर, 2024 को सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 20 October 2024)
अन्य प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
महानगरों में पेट्रोल और डीजल की लेटेस्ट प्राइस
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
SMS से ऐसे चेक करें अपने शहर में फ्यूल का रेट
अभी पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं है। इन पर राज्य सरकारें वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स लगाती हैं। इसके चलते अलग-अलग शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों अंतर होता है। आप फोन से SMS भेजकर भी रोज भारत के प्रमुख शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमत जान सकते हैं। इसके लिए इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। आप (https://iocl.com/petrol-diesel-price) पर अपने शहर का RSP कोड जान सकते हैं।
मोदी सरकार का नया मिशन: गांवों में "Ease of Living" के लिए चार कार्यशालाएं आयोजित
20 Oct, 2024 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शहरों में 'Ease of Living' (जीवन की सुगमता) के लिए तो लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार अब ग्रामीण भारत में जीवन की सुगमता बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम करेगी। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाओं को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय पूरे रोडमैप के साथ काम शुरू करने जा रहा है।
इससे संबंधित अनुभव, अवसर और चुनौतियों पर विस्तृत मंथन के लिए देशभर में चार कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। पहली कड़ी में हैदराबाद में 'ईज आफ लिविंग: एनहेंसिंग सर्विस डिलीवरी एट द ग्रासरूट्स' पंचायत सम्मेलन शीर्षक से 22 अक्टूबर को कार्यशाला होने जा रही है, जिसमें सात राज्य शामिल होंगे।
पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायतीराज में आयोजित की जा रही इस कार्यशाला में आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा और तेलंगाना के पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि व संबंधित अधिकारी भाग लेंगे।
यहां कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित 29 सेक्टर की जनता से जुड़ी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जानी है। पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में होने जा रही कार्यशाला में आमंत्रित प्रतिनिधि जनता केंद्रित सेवाओं से जुड़े अपने अनुभव, अवसर और चुनौतियों के बारे में बताएंगे।
इस सम्मेलन का उद्देश्य जन सेवाओं को धरातल पर उतारते हुए गांवों में ईज आफ लिविंग को साकार करने के लिए राज्यों की रणनीति, अच्छे कार्यों और सुझावों को साझा करते हुए समग्रता में रोडमैप तैयार करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार गांवों में नागरिक केंद्रित योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ना है।
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायतीराज भी अपना विस्तृत प्रस्तुतीकरण करेगा। राज्यों से आ रहे प्रतिनिधियों को बताया जाएगा कि सेवा की पहुंच में तकनीक की मदद लें। उदाहरण के तौर पर भाषायी बाधा दूर करने के लिए भाषिणी, संवाद के लिए यूनिसेफ के रैपिडप्रो प्लेटफार्म और आनलाइन डिलीवरी सिस्टम के लिए सर्विस प्लस का इस्तेमाल किया जाना है।
इससे पूर्व ग्रामीण जनता तक आवश्वक नागरिक सेवाओं और सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ही 21 अक्टूबर को एक वेबिनार भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिव, आइटी सचिव, पंचायतीराज विभाग के अधिकारी, आकांक्षी जिलों के जिला कलक्टर भाग लेंगे। विशेषज्ञ के तौर पर आईआईटी और एनआईटी के डायरेक्टर गांवों में नागरिक केंद्रित सेवाओं की पहुंच अंतिम छोर तक पहुंचाने और डिजिटल साक्षरता बढ़ाने जैसे विषयों पर बात करेंगे।
HDFC और कोटक महिंद्रा बैंक के तिमाही नतीजे: नेट प्रॉफिट में 5% की वृद्धि
20 Oct, 2024 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कई आईटी और बैंकों ने चालू कारोबारी साल के दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिये हैं। आज देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) ने जुलाई से सितंबर तिमाही के नतीजे ( Q2 Result) जारी कर दिये हैं। बैंक द्वारा जारी तिमाही नतीजे का असर बैंक के शेयर पर भी देखने को मिलेगा।
एचडीएफसी बैंक तिमाही नतीजा (HDFC Bank Q2 Result)
जुलाई से सितंबर तिमाही में एचडीएफसी बैंक के स्टैंडलोन प्रॉफिट 5 फीसदी बढ़कर 16,821 करोड़ रुपये हुआ। वहीं, एक साल पहले कि इसी तिमाही में बैंक को 15,976 करोड़ रुपये का कुल मुनाफा हुआ था। अगर बैंक की इनकम की बात करें तो यह इस तिमाही 85,500 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 78,406 करोड़ रुपये था।
स्टॉक फाइलिंग के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक को 74,017 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट इनकम हुआ जो एक साल पहले की दूसरी तिमाही में 67,698 करोड़ रुपये था। बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में भी इस तिमाही सुधार हुआ है। सितंबर तिमाही बैंक का NII 30,110 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 27,390 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि बैंक का NII ग्रोथ 10 फीसदी हुआ है।
बैंक ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट की जानकारी दी। सितंबर तिमाही में बैंक का एनपीए 1.36 फीसदी बढ़ा जो कि एक साल पहले की समान तिमाही में 1.34 फीसदी था। यह एनपीए गुड लोन का है। वहीं, बैड लोन का एनपीए 0.41 फीसदी हो गया है। समेकित रूप से बैंक का लॉग्ड ग्रोथ 6 फीसदी बढ़कर 17,826 करोड़ रुपये हुआ।
एचडीएफसी बैंक के शेयर
18 अक्टूबर 2024 को एचडीएफसी बैंक के शेयर हरे निशान पर बंद हुए। बैंक के शेयर 11.65 रुपये या 0.70 फीसदी चढ़कर 1,684.80 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। बैंक के स्टॉक परफॉर्मेंस की बात करें तो पिछले एक साल में स्टॉक ने 11.21 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, अप्रैल से अभी तक बैंक के शेयर 10.02 फीसदी चढ़ा है।
कोटक महिंद्रा बैंक के तिमाही नतीजे (Kotak Mahindra Bank Q2 Result)
जुलाई से सितंबर तिमाही में कोटक महिंद्रा बैंक का नेट प्रॉफिट 5 फीसदी बढ़कर 3,344 करोड़ रुपये रहा, जो कि एक साल पहले 3,191 करोड़ रुपये था। वहीं बैंक का टोटल इनकम 15,900 करोड़ रुपये था जो पिछले साल की समान तिमाही में 13,507 करोड़ रुपये था।
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि सितंबर तिमाही में उसका इंटरेस्ट इनकम 13,216 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 11,193 करोड़ रुपये था। इसके अलावा बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम भी इस तिमाही 7,020 करोड़ रुपये रहा। ग्रॉस लोन में बैंक का एनपीए 1.49 फीसदी रहा और बैड लोन में 0.43 फीसदी रहा।
कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर
शुक्रवार को कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर 0.42 फीसदी चढ़कर 1,871.85 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। पिछले एक साल में बैंक के शेयर ने 7.67 फीसदी और बीते छह महीने में 4.42 फीसदी का रिटर्न दिया है।
AI के आगमन से बदला बिजनेस ईकोसिस्टम, नियुक्ति प्रक्रिया में आया बड़ा बदलाव
20 Oct, 2024 11:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आर्टफिसियल इंटेलीजेंस (Artificail Intelligence-AI) रोजगार के अवसर बढ़ाएगा या नौकरियां खाएगा? लंबे समय से चल रहे इस चिंतन-विमर्श के बीच कारोबार जगत बदलाव की काफी अंगड़ाई ले चुका है। प्रत्यक्ष तौर पर भले ही अभी इसका ज्यादा असर दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन कंपनियों ने अपने मानव संसाधन से जुड़े कामकाज में एआई का प्रयोग बढ़ा दिया है।
मानव संसाधन के क्षेत्र में काम करने वाली वैश्विक संस्था सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) की ताजा रिपोर्ट कहती है कि उसके सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि वह नए कर्मचारियों की नियुक्ति में अब एआई की मदद ले रही हैं। गत दिवस नई दिल्ली में आयोजित एसएचआरएम के वार्षिक सम्मेलन में आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस (एआई) प्लस ह्यूमन इंटेलीजेंस (एचआई) रिपोर्ट जारी की गई।
इस अध्ययन में यही जानने का मुख्यत: प्रयास किया गया है कि कारोबार जगत पर एआई ने कितना प्रभाव डाला है या डाल रहा है। चूंकि इस संस्था से विश्व के हजारों बड़े कारोबारी समूह जुड़े हुए हैं, इसलिए उन कंपनियों से मिले फीडबैक के आधार पर ही संस्था ने यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि सर्वे में भागदारी करने वाली कंपनियों में से 65 प्रतिशत ने बताया कि रोजगार को लेकर प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक है कि एक नौकरी के लिए ही हजारों आवेदन मिलते हैं।
ऐसी स्थिति में एचआर प्रबंधक के सामने बेहतर व्यक्ति को नियुक्ति देने की चुनौती बढ़ जाती है। इसे देखते हुए ही नियुक्ति प्रक्रिया में अब एआई का प्रयोग किया जा रहा है। इससे क्षमता की पहचान में आसानी और गति मिल रही है। इसी तरह 37 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों में एआई की सहायता लेना शुरू कर दिया है।
परफार्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम में एआई का प्रयोग करने वाली कंपनियों की संख्या 28 प्रतिशत हो गई है। कंपनियों का आकलन है कि इससे निगरानी, क्षमता परीक्षण और बेहतर काम करने वाले कर्मियों के प्रोत्साहन की व्यवस्था एचआर विभाग के लिए बेहतर हुई है। एआई के माध्यम से उन्हें डाटा सहित फीडबैक मिल रहा है और खामी वाले क्षेत्र चिन्हित कर उन्हें सुधारने में मदद मिल रही है।
इन बदलावों के पीछे के कारणों को लेकर भी कंपनियों ने फीडबैक दिया है। जैसे कि 87 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि कर्मचारियों की अपस्किलिंग और रीस्किलिंग अब बहुत आवश्यक है। 86 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि कारोबार में एआई की वजह से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।
77 प्रतिशत ने महसूस किया है कि उत्पादकता बढ़ाने का उन पर दबाव है, जबकि 73 प्रतिशत को लगता है कि अब एआई के साथ रचनात्मकता बढ़ाने और बदलाव करने का समय है। हालांकि, 55 प्रतिशत कंपनियों ने नियामक व्यवस्थाओं के जटिल हो जाने और 54 प्रतिशत ने एआई के अधिक उपयोग के चलते साइबर हमलों के बढ़ने को लेकर भी आशंका जताई है।
बहरहाल, तमाम शंकाओं का समाधान करते हुए एसएचआरएम ने कार्यबल प्रबंधन में भी एआई का प्रयोग बढ़ाने और स्पष्ट एआई नीतियां बनाने का भी सुझाव कंपनियों को दिया है।
करवा चौथ पर पेट्रोल-डीजल के दामों में बदलाव, जानें आपके शहर में कीमतें
20 Oct, 2024 11:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने रविवार के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिये हैं। पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस साल मार्च में इनकी कीमतों में कटौती की गई थी। आज भी इनकी कीमत सभी शहरों में स्थिर बनी हुई है। इसका मतलब है कि गाड़ीचालक को पुरानी कीमत पर तेल भरवा सकते हैं।
लेटेस्ट रेट चेक करना क्यों जरूरी
देश के सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग होते हैं। सभी शहरों में इनके दाम अलग होने की वजह वैट (Value Added Tax- VAT) है। दरअसल, पेट्रोल-डीजल के दाम पर जीएसटी (GST) नहीं लगता है। इस पर राज्य सरकार वैट लगाती हैं, जिसकी दरें सब राज्य में अलग होती है। इस कारण सभी शहरों में इनके दाम अलग होते हैं। इसके अलावा साल 2017 से तेल की कीमतों को रोज अपडेट किया जाता है। ऐसे में कई बार इनकी कीमत बदल भी जाती है। ऐसे में गाड़ीचालक को पता होना चाहिए कि उनके शहर में तेल के दाम में बदलाव हुआ है या नहीं।
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
गाड़ीचालक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के वेबसाइट और ऐप्स पर से लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा वह मैसेज करके भी लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। मैसेज के जरिये लेटेस्ट रेट चेक करने के लिए अपने नंबर से 92249 92249 पर पेट्रोल पंप का डीलर कोड लिखकर मैसेज करें। अगर आपको डीलर कोड नहीं पता है तो इंडियन ऑयल की वेबसाइट से चेक कर सकते हैं।
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 20 October 2024)
मेट्रोसिटी में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
GST: पांच लाख तक के हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट का प्रस्ताव, काउंसिल लेगी अंतिम फैसला
20 Oct, 2024 11:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आने वाले दिनों में टर्म या हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने में राहत मिलने जा रही है। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर तय करने के लिए बने मंत्री समूह (जीओएम) की शनिवार को हुई बैठक में पांच लाख रुपये तक के कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले कर को पूरी तरह से खत्म करने पर सहमति बन गई।
अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी
पांच लाख से ज्यादा कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस पर पहले की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों की ओर से दिए जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को भी कर मुक्त किया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। इस समय टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।
वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
एक अधिकारी ने बताया कि जीओएम के सदस्य बीमा प्रीमियम पर दरों में कटौती के लिए व्यापक रूप से सहमत हैं। बैठक के बाद जीओएम के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मंत्रिसमूह का हर सदस्य लोगों को राहत देना चाहता है। वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हम काउंसिल को इस महीने के अंत तक एक रिपोर्ट सौंपेंगे। अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल करेगी।
जीएसटी काउंसिल ने पिछले महीने ही लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर कर के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित किया था। इस मंत्री समूह में सम्राट चौधरी के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले कर से 8,262.94 करोड़ रुपये मिले थे। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक नवंबर में होनी है।
सस्ती होंगी साइकिल और पानी की बोतल
जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने को लेकर गठित मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक भी शनिवार को हुई। इसमें 10 हजार रुपये से कम मूल्य वाली साइकिल, 20 लीटर की पानी की बोतल और अभ्यास नोटबुक पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत करने का सहमति बनी। अभी इस मूल्य से कम वाली साइकिल व अभ्यास नोटबुक पर 12 प्रतिशत और पानी की बोतल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है।
एक अधिकारी ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले जीओएम ने महंगी कलाई घडि़यों और जूतों पर कर बढ़ाने का सुझाव दिया। जीओएम ने 15,000 रुपये से अधिक मूल्य वाले जूतों और 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली कलाई घडि़यों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। जीओएम के इस फैसले से 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। छह सदस्यीय जीओएम में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र ¨सह, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल भी शामिल हैं।