व्यापार
24 कैरेट की नहीं होती ज्वैलरी: शुद्ध सोने में निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प
24 Oct, 2024 03:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में गोल्ड की बहुत महत्वपूर्णता है। त्योहार हो या फिर शादी में सोना शुभ माना जाता है। गोल्ड जहां एक तरफ शुभ का प्रतीक है तो दूसरी तरफ यह निवेश के लिए काफी अच्छा ऑप्शन होता है। इस साल सोने की कीमतों में शानदार उछाल देखने को मिला। वहीं, चल रहे त्योहारी सीजन में गोल्ड की डिमांड बढ़ जाने से इनकी कीमतों में भी शानदार तेजी देखने को मिली है।
जब भी हम कोई गोल्ड की ज्वैलरी खरीदने जाते हैं तो सुनार हमसे पूछता है कि हमें कौन-से कैरेट में गोल्ड चाहिए। वैसे तो गोल्ड 6 तरह के कैरेट में बेचा जाता है। हर कैरेट बताता है कि सोना कितनी फीसदी शुद्ध है। सबसे ज्यादा प्योर गोल्ड 24 कैरेट का माना जाता है। जी हां, 24 कैरेट गोल्ड 99.9 फीसदी शुद्ध होता है। अब अगर आप सुनार को बोलेंगे की 24 कैरेट गोल्ड की ज्वैलरी बना दें तो वह मना कर देगा। दरअसल, 24 कैरेट गोल्ड की ज्वैलरी नहीं बनती है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि आखिर 24 कैरेट गोल्ड की ज्वैलरी क्यों नहीं बनती है? इसक अलावा 24 कैरेट गोल्ड का हम क्या खरीद सकते हैं। हम आपको नीचे इन सवालों का जवाब देंगे।
24 कैरेट की क्यों नहीं बनती ज्वैलरी
24 कैरेट गोल्ड को सबसे शुद्ध माना जाता है। वहीं, 22 कैरेट, 18 कैरेट गोल्ड में मिलावट होती है। गोल्ड काफी लचीला होता है। ऐसे में ज्वैलरी बनाने के लिए इसमें दूसरे धातु को मिलाया जाता है। अगर सोने में दूसरी धातु न मिलाई जाए तो यह इतना मुलायम हो जाता है कि इसमें हाथ से ही तोड़ा जा सकता है। इस वजह से अधितकर सुनार ज्वैलरी बनाने के लिए 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल करते हैं।
24 कैरेट गोल्ड का क्या खरीद सकते हैं?
अब ऐसे में सवाल आता है कि अगर किसी व्यक्ति को 24 कैरेट गोल्ड खरीदना है तो वह इसे किस रूप में खरीद सकता है। इसका जवाब है ईंट। जी हां, आप 24 कैरेट के सोने के ईंट खरीदे जा सकते हैं। वहीं, ज्वैलरी खरीदने के लिए आपको 22 कैरेट, 18 कैरेट में से कोई एक सेलेक्ट करना चाहिए।
कठोर ज्वैलरी के लिए कितना कैरेट सोना सही
गोल्ड की ज्वैलरी पसंद करने वाले चाहते हैं कि वह जो गोल्ड ज्वैलरी पहन रहे हैं वह सख्त यानी कठोर है। ऐसे में सवाल आता है कि इसके लिए कितने कैरेट का गोल्ड सही रहेगा? जैसे की हमने ऊपर बताया कि गोल्ड काफी मुलायम धातु है। इसे सख्त करने के लिए इसमें कई धातु मिलाई जाती है। अब गोल्ड में दूसरी धातु की जितनी ज्यादा मिलावट होती उतनी ज्यादा ही यह कठोर होगी।
फेस्टिव सीजन में Air India Express की धमाकेदार ऑफर, सिर्फ 1606 रुपये में टिकट बुक करें
24 Oct, 2024 03:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फेस्टिव सीजन में लोग अपने घर या फिर किसी खास डेस्टीनेशन पर फेस्टिवल को सेलिब्रेट करने की इच्छा रखते हैं। वैसे तो वह पहले से ही इसके लिए फ्लाइट या ट्रेन की टिकट बुक करते हैं पर, लेकिन त्योहारी सीजन में इनकी डिमांड ज्यादा होने के कारण इनके किराए भी महंगे होते हैं।
अगर आप भी इस दीवाली या फिर उसके बाद कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) ने अपने ग्राहकों के लिए सेल ऑफर शुरू किया है। इस ऑफर के तहत अब पैसेंजर मात्र 1606 रुपये में फ्लाइट की टिकट बुक कर सकते हैं। आइए, इस सेल ऑफर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Air India Express ने शुरू किया 'Flash Sale'
एयर इंडिया एक्सप्रेस की 'Flash Sale' लिमिटेड टाइम के लिए है। इस सेल के तहत आप गुवाहाटी-अगरतला, कोच्चि-बेंगलुरु, चेन्नई-बेंगलुरु और विजयवाड़ा-हैदराबाद जैसे कई रूट की यात्रा कर सकते हैं। इस सेल के तहत फ्लाइट बुकिंग 27 अक्टूबर 2024 तक ही होगी। हालांकि, आप इस सेल का लाभ उठाकर 1 नवंबर से 10 दिसंबर 2024 तक की तारीख में से किसी भी दिन की फ्लाइट बुक कर सकते हैं। यह सेल उन यात्रियों ने काफी लाभदायक रहेगी जो इस त्योहारी सीजन में कोई न्यू डेस्टिनेशन जाना चाह रहे हैं।
Xpress Lite की भी ऑफर
फ्लैश सेल के साथ ही एयरलाइन ने Xpress Lite ऑफर का एलान किया है। इस ऑफर में फ्लाइट टिकट की शुरुआती कीमत 1456 रुपये रहेगी। जो पैसेंजर एयरलाइन की वेबसाइट पर लॉग-इन करते हैं उन्हें जीरो कन्वीनियंस फीस का फायदा मिलेगा। इसके अलावा इस ऑफर में एक्सट्रा 3 किलो केबिन बैगेज को फ्री में प्री-बुक किया जा सकता है। यहां तक इसमें चेक-इन बैगेज रेट्स में डिस्काउंट जैसे कई लाभी भी मिलेगा।
Xpress Lite ऑफर में इसमें डोमेस्टिक फ्लाइट्स में 15 किलो के लिए केवल ₹1000 और इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर 20 किलो के लिए 1300 रुपये में डिस्काउंटेड चेक-इन बैगेज की सुविधा मिलेगी।
एयरलाइन के लॉयल्टी मेंबर्स के लिए खास ऑफर
एयर इंडिया एक्सप्रेस इस सेल में लॉयल्टी मेंबर्स को एक्सक्लुसिव बेनिफिट्स दे रही है। अगर कोई लॉयल्टी मेंबर्स बिजनेस सीट में अपग्रेड करवाता है तो उसे 50 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा। इसके अलावा उन्हें फूड और एक्सप्रेस अहेड प्रायोरिटी सर्विसेज पर भी 25 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा। वहीं, स्टूडेंट्स, सीनियर सिटीजन, डॉक्टर और नर्स, और सशस्त्र बलों के मेंबर को टिकट बुकिंग पर स्पेशल डिस्काउंड मिलेगा।
Petrol Diesel Price Today: तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
24 Oct, 2024 01:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल कंपनियों ने 24 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Price) जारी कर दिये हैं। रोजाना सुबह 6 बजे इनके दाम अपडेट होते हैं। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवानी चाहिए।
आज के लेटेस्ट रेट
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 24 October 2024)
मेट्रोसिटी में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
सभी शहरों में अलग होती है कीमत
देश के सभी शहरों में फ्यूल प्राइस अलग होते हैं। दरअसल, पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर जीएसटी (Goods & Service Tax- GST) नहीं लगता है। इस पर राज्य सरकार द्वारा वैट (Value Added Tax-VAT) लगाया जाता है। वैट की दरें हर राज्य में अलग होती है, जिसकी वजह से फ्यूल प्राइस भी अलग होते हैं।
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
गाड़ीचालक मैसेज के जरिये भी लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। इसके लिए गाड़ीचालक को पेट्रोल पंप का डीलर कोड लिखकर 92249 92249 नंबर पर मैसेज करना होगा। इसके बाद रिप्लाई में उन्हें लेटेस्ट रेट पता चल जाएगा। अगर आपको पेट्रोल पंप का डीलर कोड नहीं पता तो आप इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। इसके अलावा आप ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट और ऐप्स पर भी जाकर लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं।
हुंडई की लिस्टिंग के दूसरे दिन शेयरों में तूफानी तेजी, निवेशकों की खुशी का ठिकाना नहीं
23 Oct, 2024 05:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) के आईपीओ की शेयर मार्केट में लिस्टिंग काफी फीकी रही थी। लेकिन, इसमें दूसरे दिन जबरदस्त उछाल देखने को मिला। यह दिन में कारोबार के दौरान एनएसई पर 6 फीसदी बढ़कर 1,928.90 रुपये पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके आईपीओ ने निवेशकों को काफी निराश किया था।
सात फीसदी टूटा था शेयर
दक्षिण कोरियाई ऑटो मेकर हुंडई की भारतीय यूनिट मंगलवार (22 अक्टूबर) को शेयर मार्केट में लिस्ट हुई थी। इसका आईपीओ 1,960 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था, लेकिन यह पहले दिन 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था। इसने एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के इश्यू को पीछे छोड़ा। हालांकि, यह भी ज्यादातर बड़े आईपीओ की तरह निवेशकों को मुनाफा देने में नाकाम रही।
महंगा था हुंडई का प्राइस बैंड?
हुंडई के आईपीओ को निवेशकों की काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली। 27,870 करोड़ रुपये की आरंभिक शेयर बिक्री का मूल्य बैंड 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर था। शेयर बाजार के जानकारों का मानना था कि प्राइस बैंड काफी ज्यादा है और इसमें निवेशकों के लिए निकट अवधि में ज्यादा पैसे बनाने की गुंजाइश नहीं है।
साथ ही, हुंडई के आईपीओ का GMP भी काफी गिर गया था। एक वक्त तो यह नेगेटिव में चला गया था। लेकिन, बाद में रिकवर करके हरे निशान में आया। इससे भी देश के सबसे बड़े आईपीओ को लेकर निवेशकों का उत्साह फीका पड़ गया।
OFS से भी उत्साह हुआ मंदा
हुंडई का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल था। इसका मतलब कि इस आईपीओ से सारा पैसा हुंडई की प्रमोटर कंपनी को मिला और इसे भारत में हुंडई के कारोबार को बढ़ाने पर नहीं खर्च किया जाएगा। इससे भी निवेशकों का उत्साह मंदा हुआ। इसमें आईपीओ में प्रमोटर हुंडई मोटर कंपनी (एचएमसी) ने 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री की, जिसमें कोई नया इश्यू शामिल नहीं था।
लंबे इंतजार के बाद आया IPO
हुंडई दो दशक में आईपीओ लाने वाली पहली कार निर्माता है। इससे पहले जापानी ऑटो मेकर मारुति सुजुकी 2003 में अपना आईपीओ लाई थी। हुंडई ने में भारत में अपना कारोबार शुरू किया। यह फिलहाल अलग-अलग सेगमेंट में में 13 मॉडल बेचती है। यह मारुति सुजुकी के बाद देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी है।
Share Market Close:शेयर मार्केट में गिरावट का सिलसिला: सेंसेक्स 158 अंक लुढ़का
23 Oct, 2024 05:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच आज लगातार तीसरे दिन मार्केट लाल निशान पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के बीच ऑटो, फार्मा और कैपिटल गुड्स के शेयरों में मुनाफावसूली के कारण आज बाजार में गिरावट आई।
उतार-चढ़ाव भरे सत्र में सेंसेक्स 138.74 अंक या 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 80,081.98 अंक पर बंद हुआ।आज इंट्रा-डे में सेंसेक्स 80,000 अंक से नीचे गिरकर 79,891.68 के निचले स्तर पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 36.60 अंक या 0.15 फीसदी गिरकर 24,435.50 अंक पर बंद हुआ।
आज के टॉप गेनर और लूजर स्टॉक
आज सेंसेक्स में महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, अदानी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो, आईसीआईसीआई बैंक और टाइटन के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। बजाज फाइनेंस के शेयर आज के टॉप गेनर रहे। इनके साथ टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और बजाज फिनसर्व के शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
धीमी कमाई और एफआईआई की तीखी प्रतिक्रिया से निवेशकों की मानसिकता निराशाजनक हो गई, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई। हालांकि, हालिया गिरावट के बाद मिड और स्मॉल-कैप सौदेबाजी का अनुभव कर रहे हैं, हालांकि इस गति-संचालित खरीदारी की स्थिरता अनिश्चित बनी हुई है अमेरिका में 10-वर्षीय उपज में वृद्धि हुई है, जो फेड द्वारा दर में कटौती की धीमी गति का संकेत है, जो उभरते बाजारों के प्रति जोखिम-मुक्त भावना के लिए तैयार है।
अनुसंधान प्रमुख, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर
एशियाई बाजारों में, सियोल, शंघाई और हांगकांग ऊंचे स्तर पर बंद हुए जबकि टोक्यो निचले स्तर पर बंद हुआ। यूरोपीय बाजार मिश्रित रुख पर कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजार सपाट बंद हुए। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.97 प्रतिशत गिरकर 75.30 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,978.61 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,869.06 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
सपाट बंद हुआ रुपया
आज के कारोबारी सत्र में रुपया सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय करेंसी ग्रीनबैक के मुकाबले 84.07 पर खुली और पूरे सत्र में एक सीमित दायरे में कारोबार किया। अंततः डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र के समापन स्तर 84.08 (अनंतिम) पर बंद हुई। मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की गिरावट के साथ 84.08 पर बंद हुआ था
जन धन योजना से जन-निवेश: क्या म्यूचुअल फंड उद्योग को चाहिए नई दिशा?
23 Oct, 2024 03:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल 1995 में, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया (भारतीय म्यूचुअल फंड एसोसिएशन) बनाने के लिए कुछ पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर म्यूचुअल फंड्स (एमएफ) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एक साथ आए।
यह एसोसिएशन बनाने के पीछे उद्देश्य उन निवेशकों को आकर्षित करने का था , जिनकी सोच प्रॉपर्टी, गोल्ड या बैंक डिपॉजिट से आगे नहीं बढ़ पाती थी या इससे अलग उन्होंने कुछ नहीं नहीं देखा था। हालांकि, इसके बाद भी कई दशकों तक म्यूचुअल फंड के मजबूत प्रदर्शन के बावजूद, भारतीय निवेशकों ने इसे काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया। साल 2014 तक, म्यूचुअल फंड (एमएफ) भारतीय परिवारों के फाइनेंशियल एसेट्स का 5 फीसदी से भी कम प्रतिनिधित्व करते थे।
लेकिन साल 2024 तक तेजी से आगे बढ़ते हुए स्थिति पूरी तरह बदल गई है। आरबीआई गवर्नर सहित कई लोगों ने हाल ही में म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के बारे में चिंता जताई है, जिनमें भारी संख्या में भारतीय निवेशक पैसा लगा रहे हैं, जिससे बैंकों की डिपॉजिट ग्रोथ सुस्त पड़ गई है। पिछले दशक में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 6 गुना बढ़ गई है और अब यह बैंक डिपॉजिट के 30 फीसदी के बराबर है।
आखिर इस ग्रोथ को किसने संचालित किया है? जबकि पिछली पीढ़ी के निवेशकों ने मुख्य रूप से अपनी जमा पूंजी को पूरी तरह से सुरक्षित रखने पर फोकस किया था और पीपीएफ और बैंक डिपॉजिट जैसे कन्जर्वेटिव कहे जाने वाले निवेश के विकल्पों को चुना था, वहीं आज का युवा अपने निवेश पर अधिक रिटर्न चाहता है। भारत में, निवेशक अब अपनी लाइफ स्टाइल को फाइनेंस करने और अपने जीवन के तमाम लक्ष्य को पूरा करने में मदद के लिए अपनी बचत में 'कुछ ज्यादा' की तलाश कर रहे हैं।
पिछले 2 दशक में, ज्यादातर इक्विटी फंड ने निवेशकों की संपत्ति में 15-20 गुना बढ़ोतरी की है, जो कि बैंक डिपॉजिट जैसे पारंपरिक निवेश के विकल्प में हासिल किए गए रिटर्न की गई तुलना में लगभग 4-5 गुना अधिक है। निवेशकों के लिए जागरूकता अभियान "म्यूचुअल फंड सही है" के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया गया कि अधिक से अधिक निवेशक इस नए एसेट क्लास के बारे में समझें और इसे लेकर जागरूक हो जाएं, जिसे उन्होंने लंबे समय तक नजरअंदाज कर दिया था।
हालांकि, म्यूचुअल फंड अब तक सिर्फ 5 करोड़ निवेशकों तक ही पहुंच पाए हैं, यानी इसकी पहुंच आबादी के करीब 3 फीसदी लोगों तक ही है। अब तक 10 में से एक भी बैंक अकाउंट होल्डर ने म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट में निवेश नहीं किया है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) का दो तिहाई हिस्सा टॉप 15 शहरों से आता है, जो यह संकेत देता है कि अभी म्यूचुअल फंड की पहुंच बहुत कम क्षेत्रों व लोगों तक है। इंडस्ट्री की शुरुआत तो मजबूत हुई है, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
Jan Dhan Yojana से हुआ बैंकिंग सिस्टम को लाभ
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में जन धन अकाउंट के बारे में घोषणा की, तो बैंकिंग इंडस्ट्री ने इसे सरकार द्वारा थोपे गए एक काम के रूप में देखा होगा। 10 साल बाद, बैंकिंग सिस्टम को इससे बहुत ज्यादा लाभ हुआ है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 14 अगस्त, 2024 तक 53.12 करोड़ जनधन खाताधारक थे, और इन अकाउंट में कुल 2.31 ट्रिलियन रुपये (2.31 लाख करोड़ रुपये) जमा हैं।
सरकार के जन धन पहल ने एक ऐसी नई पीढ़ी को बैंकिंग सिस्टम के तहत लाने का काम किया, जो पहले बैंकिंग सिस्टम से दूर थे। वहीं बढ़ रही आय और बचत के साथ, अब ऐसे ग्राहकों की नई पीढ़ी तैयार हो चुकी है, जो एडवांस लोन और डिपॉजिट प्रोडक्ट के लिए ज्यादा खर्च करने को तैयार हैं और वे इस तरह के ज्यादा प्रोडक्ट खरीदने में अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं। जन धन अकाउंट को ज्यादा प्रोत्साहन केवाईसी मानदंडों के सरल होने से मिला है, जिससे बैंकिंग सुविधा से वंचित लाखों भारतीयों को अपने जीवन में पहली बार बैंक अकाउंट खोलने का मौका मिला ।
JAM (जन धन, आधार और मोबाइल) ने देश में पेमेंट इकोसिस्टम में पूरी तरह से क्रांति ला दी है और वित्तीय समावेशन को इतना सशक्त बनाया है, जितना किसी अन्य पहल में नहीं हुआ है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को फाइनेंशियलाइजेशन और वेल्थ क्रिएशन के लाभ से अबतक दूर रही जनता तक पहुंचाने के लिए एक समान जन निवेश मूवमेंट की आवश्यकता है। इसके लिए इंडस्ट्री और रेगुलेटर्स के बीच लगातार और सक्रिय रूप से जुड़ाव की भी जरूरत है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि इस भारी संभावनाओं वाले बाजार में और मजबूत होने के लिए, एक इंडस्ट्री के रूप में हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम निवेशकों को लिक्विड और डेट फंड के बारे में अधिक जागरूक बनाएं और इस कैटेगरी के बारे में उनको सही जानकारी दें। तो क्या अब "लिक्विड/डेट फंड सही है" का समय है?
कोविड-19 महामारी के बाद, भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी देखी गई है, जिसने बड़ी संख्या में रिटेल निवेशकों को इक्विटी म्यूचुअल फंड की ओर आकर्षित किया है। आज इक्विटी और हाइब्रिड फंड इंडस्ट्री एयूएम का 2/3 से अधिक प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि लगभग एक दशक पहले यह सिर्फ 1/3 था। यह एक स्वागत योग्य ट्रेंड है और यह ट्रेंड वेल्थ क्रिएशन में मदद करता है। हालांकि, एयूएम को आकर्षित करने के लिए लगातार बढ़ रहे शेयर बाजार पर पूरी तरह से निर्भर रहना एक बड़ा जोखिम है।
इक्विटी बाजारों में लंबे समय तक गिरावट म्यूचुअल फंड एयूएम ग्रोथ पर उल्टा असर डाल सकती है। इसलिए किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो को बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न देने और सुरक्षा व लिक्विडिटी की समान रूप से महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए अलग अलग एसेट क्लास के मिक्स की आवश्यकता होती है।
इंडिविजुअल निवेशकों के पास इक्विटी फंड एयूएम का 88 फीसदी हिस्सा है, लेकिन डेट फंड एयूएम का 12 फीसदी से भी कम है। इससे साफ होता है कि जहां तक डेट फंड का सवाल है। एमएफ इंडस्ट्री लिक्विड फंड जैसे कुछ बहुत दिलचस्प उत्पाद पेश करता है, जो न केवल हाई सेफ्टी, हाई लिक्विडिटी प्रदान करते हैं, बल्कि बैंक डिपॉजिट के 3 फीसदी सालाना रिटर्न की तुलना में डबल रिटर्न दे रहे हैं। अफसोस की बात है कि म्यूचुअल फंड की इस कैटेगरी पर लगभग विशेष रूप से कॉर्पोरेट निवेशकों का ही वर्चस्व बना हुआ है और रिटेल निवेशक इसके लाभ के बारे में काफी हद तक अनजान हैं।
PM Kisan Yojana: कब आएगी 19वीं किस्त? किसानों को मिलेगी राहत
23 Oct, 2024 03:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस महीने 5 अक्टूबर 2024 को पीएम किसान योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की 18वीं किस्त जारी की थी। इस किस्त के जारी होने के बाद अब किसान 19वीं किस्त की आस लगाए बैठे हैं। अगर आप भी पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त (PM Kisan Yojana 19th Installment) का इंतजार कर रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि यह किस्त कब जारी होने वाली है।
पीएम किसान योजना के बारे में
केंद्र सरकार ने साल 2018 में देश के किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना में किसानों को सालाना 6,000 रुपये दी जाती है। यह राशि किस्त में मिलती है। हर किस्त में किसानों के अकाउंट में 2,000 रुपये की राशि आती है। इस योजना की खासियत है कि इसमें किसानों के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट आती है।
कब आएगी 19वीं किस्त
पीएम किसान योजना की किस्त साल में तीन बार आती है। इसका मतलब है कि हर चार महीने में किस्त की राशि आती है। अक्टूबर में 18वीं किस्त आई है और इसके चार महीने के बाद यानी फरवरी 2025 में 19वीं किस्त आएगी। हालांकि, अभी तक सरकार ने 19वीं किस्त को लेकर कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
ई-केवाईसी है जरूरी
पीएम किसान योजना का लभ पाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी (E-Kyc) करवाना जरूरी है। अगर कोई किसान ई-केवाईसी नहीं करवाते हैं तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। किसान तीन तरीकों से ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
ओटीपी आधारित eKYC
बायोमेट्रिक आधारित eKYC
फेस ऑथेंटिकेशन आधारित eKYC
लाभार्थी लिस्ट में चेक करें नाम
सरकार लाभार्थी किसानों की सूची जारी कर देते हैं। इन सूची में अपना नाम चेक करके किसान जान सकते हैं कि उन्हें योजना का लाभ मिलेगा या नहीं। लाभार्थी लिस्ट में नाम चेक करने का स्टेप-
पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं।
अब यहां पर "Beneficiary Status" के ऑप्शन को सेलेक्ट करें।
इसके बाद अपना आधार नंबर या फिर बैंक अकाउंट नंबर नंबर भरें।
अब "Get Data" को सेलेक्ट करें।
इसके बाद आपको स्क्रीन पर अपनी सभी डिटेल्स शो हो जाएगी। इन डिटेल्स के जरिये आप चेक कर सकते हैं कि आपको योजना का लाभ मिलेगा या नहीं।
Today Gold Price: सोना-चांदी की कीमत ने छू लिया आसमान! देखिए आपके प्रदेश में क्या है हाल
23 Oct, 2024 03:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने में निवेश करने वालों को एक साल में 17 फीसदी का फायदा हुआ है, जबकि बैंक एफडी पर अधिकतम 8.5 फीसदी ब्याज ही मिलता है। फरवरी में आम बजट में सोने और चांदी के आयात शुल्क में कमी आने के बाद इनके दाम में गिरावट आई थी।
सितंबर में भाव में उतार-चढ़ाव देखे गए, लेकिन उसके बाद दोनों ही बहुमूल्य धातुओं के दाम में तेजी बनी हुई है। अब तो सोने-चांदी का भाव नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। हालांकि भाव बढ़ने से मात्रा के लिहाज से कुल कारोबार घटा है।
पहले प्रति दिन अमूमन 35 किलो ठोस सोने और गहनों की बिक्री होती थी। अब यह बिक्री घटकर औसतन 30 किलो प्रतिदिन पर आ गई है। हालांकि चोटी पर भाव होने की वजह से टर्नओवर बढ़ा है।
अब दिवाली पर खपत भी बढ़ने की संभावना है। शहर में मौजूदा टर्नओवर करीब 25 करोड़ रोज का है, जो दिवाली में बढ़कर औसतन 125 करोड़ प्रतिदिन हो जाने का अनुमान है।
उप्र सराफा एसोसिएशन के मंत्री राम किशोर मिश्रा ने बताया कि सोने-चांदी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसमें निवेश पर बहुत अच्छा रिटर्न मिला है। सोने में मिले 17 फीसदी और चांदी में 26 फीसदी रिटर्न बैंक एफडी पर मिलने वाले ब्याज बहुत ज्यादा हैं।
एफडी में वरिष्ठ नागरिकों को अधिकतम रिटर्न मिलता है, जो 8.5 फीसदी है। उन्होंने बताया कि बीते एक महीने में ही चांदी के भाव में प्रति किलो 9100 और सोने के भाव में 4100 रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आ चुकी है।
निवेश के लिए अभी करें इंतजार
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के मुताबिक जिस तरह से सोने-चांदी में तेजी है, उसे देखते हुए यह निवेश के लिए सही समय नहीं है। हालांकि 2025 में चांदी के भाव एक लाख 15 हजार प्रति किलो और सोने के भाव 85 से 86 हजार प्रति 10 ग्राम तक जा सकते हैं।
सोने-चांदी के भाव
तारीख
सोना
चांदी
15 अक्तूबर
78000
92500
16 अक्तूबर
78500
94100
17 अक्तूबर
78700
93700
18 अक्तूबर
79350
94700
19 अक्तूबर
79800
99000
21 अक्तूबर
80300
100000
नोट: 20 अक्तूबर को थोक सराफा बाजार बंद था। सोने के भाव प्रति दस ग्राम और चांदी का भाव प्रति किलो में उप्र सराफा एसोसिएशन के अनुसार।
बीते छह सालों के भाव
वर्ष
सोना
चांदी
2018
32500
39500
2019
36600
46400
2020
53300
65600
2021
49275
67400
2022
51700
56800
2023
62600
73000
Petrol Diesel Price Today: तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
23 Oct, 2024 02:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट होते हैं। तेल की कीमतों को तय करना और अपडेट करने की जिम्मेदारी देश की मुख्य ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की होती है। वर्ष 2017 से तेल की कीमतों को रोज अपडेट किया जाता है।
बता दें कि देश के सभी शहरों में फ्यूल प्राइस के दाम अलग होते हैं। ऐसे में तेल की कीमतों को चेक करके ही टंकी फुल करवानी चाहिए।
क्यों चेक करना चाहिए लेटेस्ट रेट
पेट्रोल-डीजल के दाम जीएसटी के दायरे में नहीं आता है। इस पर राज्य सरकार वैट (Value Added Tax- VAT) लगाते हैं, जिसकी दर अलग-अलग होती है। यही कारण हैं कि सभी शहरों में इनके दाम अलग होते हैं।
नए अपडेट के अनुसार, आज भी सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं। आइए, जानते हैं कि आज आपके शहर में पेट्रोल-डीजल कितने रुपये लीटर मिल रहा है।
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 23 October 2024)
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
आप तेल कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट और ऐप्स से लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा पेट्रोल पंप के डीलर कोड लिखकर 92249 92249 पर मैसेज करके भी ताजा दाम जान सकते हैं।
Hyundai Listing Price: हुंडई का IPO निराशाजनक: डिस्काउंट पर हुई लिस्टिंग!
22 Oct, 2024 06:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के सबसे बड़े आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor Iindia Limited) की आज शेयर मार्केट में एंट्री हो गई। यह 1.33 फीसदी डिस्काउंट के साथ 1934 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ। इसका मतलब कि निवेशकों को लिस्टिंग पर कोई मुनाफा मिलने की जगह नुकसान हुआ। हालांकि, लिस्टिंग के बाद थोड़ी खरीदारी दिखी।
यह आईपीओ अपने साइज, वैल्यूएशन और जीएमपी को लेकर काफी चर्चा में रहा। हालांकि, इसे सब्सक्रिप्शन के लिहाज से अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। खासकर, रिटेल इन्वेस्टर ने इस आईपीओ से दूरी बनाकर रखी।
हुंडई पर बुलिश हैं ग्लोबल एनालिस्ट
हुंडई को लेकर ग्लोबल एनालिस्ट का रुख काफी पॉजिटिव है। दो ग्लोबल एनालिस्ट ने लिस्टिंग से पहले ही हुंडई के कवरेज की शुरुआत कर दी है और उनका रुख काफी बुलिश है। जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने हुंडई पर BUY रेटिंग के साथ कवरेज शुरू किया है। उसने 2,472 रुपए का टारगेट प्राइस दिया है।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई इन्वेस्टमेंट बैंक- मैक्वायरी (Macquarie) ने हुंडई को आउटपरफॉर्म की रेटिंग दी है। उसने टारगेट प्राइस 2,235 रुपये रखा है। यह हुंडई आईपीओ के इश्यू प्राइस के मुकाबले 26 फीसदी से अधिक है।
Hyundai Motor में क्या खास है?
नोमुरा का कहना है कि भारतीय कार इंडस्ट्री में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है। फिलहाल, देश में हर 1000 लोगों में से सिर्फ 36 के पास कार हैं। ऐसे में यह सेक्टर काफी तेजी से बढ़ सकता है। हुंडई इंडिया को FY25-27 के बीच 8 फीसदी वॉल्यूम ग्रोथ की उम्मीद है। इस दौरान हुंडई 7-8 नए मॉडल बाजार में पेश करेगी।
वहीं, मैक्वायरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि Hyundai Motor पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के ग्रोथ पर बड़ा दांव लगा रही है। एनालिस्ट ने कहा कि यह अपने सेक्टर की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले प्रीमियम मल्टीपल पर ट्रेड करने की स्थिति में है। ब्रोकरेज का मानना है कि आने वाले समय में हुंडई को ऑपरेशनल एफिशिएंसी का भी लाभ मिलेगा।
Hyundai Motor IPO की डिटेल
हुंडई का आईपीओ 15 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला और 17 अक्टूबर को बंद हुआ। इस इश्यू का प्राइस 1960 रुपये था। इसे निवेशकों से कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला। यह कुल 2.37 गुना ही सब्सक्रिप्शन हुआ। रिटेल कैटेगरी में इसे 50 फीसदी ही सब्सक्रिप्शन मिला।
दरअसल, हुंडई का यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल था। इसका मतलब कि आईपीओ से मिलने वाला पूरा पैसा प्रमोटर को मिलेगा और उसे कंपनी का कारोबार बढ़ाने के लिए खर्च नहीं किया जाएगा। ऑटो सेक्टर की बिक्री भी डाउन है। हुंडई का जीएमपी भी एक वक्त नेगेटिव में पहुंच गया था। इस सबका असर सब्सक्रिप्शन पर पड़ा था।
पेटीएम ने 928 करोड़ के मुनाफे का किया दावा, फिर भी शेयरों में गिरावट!
22 Oct, 2024 03:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय टीम के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने हैदराबाद में बांग्लादेश के खिला टी20 मैच में तूफानी शतक ठोका था। उनका ये पहला टी20 इंटरनेशनल शतक था। संजू की इस पारी से हर कोई खुश था। टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव से लेकर कोच गौतम गंभीर तक संजू की पारी पर खुशी जाहिर कर रहे थे। लेकिन एक समय ऐसा था जब संजू नए हेड कोच गंभीर से आंखें मिलने से डर रहे थे।
संजू ने बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए तीसरे टी20 मैच में 111 रनों की पारी खेली थी। संजू की इस पारी के दम पर भारत ने 297 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। ये टी20 में टीम इंडिया का सबसे बड़ा स्कोर है। इस मैच में भारत ने 133 रनों से जीत हासिल की थी।
गंभीर से नहीं मिला पा रहे थे नजरें
संजू ने गंभीर की उनका सपोर्ट करने के लिए तारीफ की है और कहा है कि कोच-प्लेयर का रिश्ता अच्छा होना बहुत जरूरी है। उन्होंने फर्स्ट पोस्ट से बात करते हुए कहा, "मैं इस बात को मानता हूं कि कोच और खिलाड़ी की रिलेशनशिप काफी अहम होती है। कोच आपकी काबिलियत में विश्वास करता है और आपको अच्छा प्रदर्शन कर उस पर खरा उतरना पड़ता है। हैदराबाद में मैं गौती भाई को बताना चाहता था कि अगर आपने मुझमें विश्वास किया है तो मैं आफको निराश नहीं करूंगा।"
उन्होंने कहा, "बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज में, मैंने शुरुआती मैचों में बड़ा स्कोर नहीं किया था। मैं गौतम भाई से नजरें तक नहीं मिला पा रहा था। लेकिन मैंने अपने आप से कहा कि अपना टाइम आएगा। इसलिए जब मैंने हैदराबाद में शतक बनाया तो कोच तालियां बजा रहे थे। मैं काफी खुश था।"
अंदर-बाहर होते रहे हैं संजू
संजू लंबे समय से टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं लेकिन अंदर-बाहर होते रहे हैं। उनको लगातार कभी मौके नहीं मिले हैं। इस शतक के बाद संजू को उम्मीद है कि उन्हें लगातार मौके मिलेंगे। संजू उस टीम इंडिया का भी हिस्सा थे जिसने टी20 वर्ल्ड कप 2024 अपने नाम किया था। हालांकि, इस पूरे टूर्नामेंट में उन्हें एक भी मैच खेलने को नहीं मिला था। फाइनल में वह खेलने वाले थे लेकिन टॉस से दस मिनट पहले उनको बाहर कर दिया गया था।
सरकार की सख्ती: विमान में बम की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई!
22 Oct, 2024 12:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले एक हफ्ते में करीब 100 फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इनमें से सभी फर्जी थीं और इनके चलते उड़ान में काफी देरी हुई। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। उसका कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन, इस तरह का फर्जी कॉल करके पैनिक क्रिएट करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इसके लिए नियमों में जरूरी बदलाव भी किए जाएंगे।
भले ही ये धमकियां झूठी साबित हुई हों, लेकिन हमारा विभाग और एयरलाइंस सख्त प्रोटोकॉल का पालन करती हैं। इस तरह की धमकियों से मामला काफी संवेदनशील हो जाता है। फिर एक अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है, जिसका हमें पालन करना होता है। ऐसे फोन कॉल करने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालने के लिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है।
राम मोहन नायडू, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री
नायडू ने यह भी बताया कि फोन कॉल आने की शुरुआत के बाद से हितधारकों के साथ कई बैठकें की गई हैं। अब विमान (सुरक्षा) नियमों में संशोधन पर विचार हो रहा है। इसका मकसद इस तरह की धमकियां देने वाले लोगों की पहचान करना और उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डालना है। इस तरह की फर्जी धमकियों की बाढ़ आ गई है। 19 अक्टूबर को तो 24 घंटे के भीतर 11 विमानों में बम होने की धमकी मिली थी।
एक्शन मोड में सरकार
राम मोहन नायडू के मुताबिक, सरकार SUASCA एक्ट में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इसके बारे में दूसरे मंत्रालयों के साथ भी चर्चा हो रही है। सरकार इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना चाहती चाहती है। उन्होंने कहा कि हम यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। हमारा पूरा ध्यान स्थिति का आकलन करने पर क्योंकि यह बहुत ही नाजुक मसला है।
विमानों में बम की हॉक्स कॉल के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह सचिव ने सीआईएसएफ के DG और BCAS के DG से थ्रेट कॉल पर पूरी जानकारी ली। मीटिंग में BCAS DG और CISF ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर थ्रेट कॉल्स विदेशों से आ रही हैं।
एयरलाइंस का क्या कहना है?
विमान कंपनियां बम की धमकी वाले फर्जी फोन कॉल से काफी परेशान हैं। इससे फ्लाइट में काफी डिले होता है और यात्रियों को भी असुविधा होती है। यही वजह है कि एयरलाइंस भी इस तरह के फोन कॉल से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने की वकालत कर रही हैं। उनका यह भी सुझाव है कि फर्जी बम धमकियों के कारण उन्हें होने वाले नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जानी चाहिए।
महंगाई का असर: त्योहारों में कमाई का बड़ा हिस्सा ले गई बढ़ती कीमतें!
22 Oct, 2024 12:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें निम्न आय वर्ग वालों के त्योहार का जायका खराब कर रही है। खाने-पीने की खरीदारी में अधिक खर्च होने से कम आय वाले उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी को टाल रहे हैं और इसका असर फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएससीजी) की खरीदारी पर भी देखने को मिल सकता है।
त्योहार के दौरान आलू, प्याज, टमाटर, घी, तेल जैसी वस्तुओं का अधिक इस्तेमाल होता है और इन सबकी कीमतें पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक चल रही है। सब्जी के दाम तो पिछले साल की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक हो चुके हैं।
पिछले साल और इस साल अक्टूबर के थोक भाव
वस्तु
अक्टूबर 2023 (प्रति क्विंटल)
अक्टूबर 2024 (प्रति क्विंटल)
आलू
3,000 रुपये
3,400 रुपये
प्याज
2,750 रुपये
4,500 रुपये
टमाटर
2,400 रुपये
8,000 रुपये
सरसों तेल
12,800 रुपये
13,374 रुपये
अरहर
9,392 रुपये
10,800 रुपये
घी
61,500 रुपये
70,000 रुपये
स्त्रोत: एजीमार्कनेट (सरकारी पोर्टल)
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर सितंबर में 9.24 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। मतलब पिछले साल सितंबर की तुलना में खाने-पीने की वस्तुएं 9.24 प्रतिशत महंगी हो चुकी है। इस साल अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.66 प्रतिशत थी।
कृषि वस्तुओं की रोजाना की थोक कीमतें दर्शाने वाली सरकारी साइट एजीमार्कनेट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर में प्याज की थोक कीमतों में 2000 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा चल रहा है। आलू के थोक दाम में प्रति प्रति 400 रुपए तो टमाटर में 5600 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी है।
दाल की थोक कीमत भी पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल के अक्टूबर में 10 प्रतिशत का इजाफा है। अक्टूबर में विभिन्न प्रकार के गेहूं की औसत थोक कीमतों में 11-17 प्रतिशत की बढोतरी दिख रही है। त्योहार में सरसों तेल और घी का भी अधिक इस्तेमाल होता है और इन दोनों की कीमतें भी बढ़ी हुई है।
महंगाई से उपभोक्ता परेशान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में वर्ष 2022 अक्टूबर की तुलना में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। इस साल सितंबर में खाद्य तेल की कीमतें 2.5 प्रतिशत बढ़ी हुई है। दाल की कीमतें लगातार बढ़ रही है और पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। दाल के दाम में पिछले साल अक्टूबर में ही 15 प्रतिशत से अधिक की तेजी थी।
जानकारों का कहना है कि देश में 60 प्रतिशत से अधिक लोग प्रतिमाह सिर्फ 10-30 हजार रुपए तक कमाते हैं। ऐसे में त्योहार के दौरान उनकी कमाई का अधिक हिस्सा खाने-पीने पर ही खर्च हो जा रहा है।
आरबीआई बुलेटिन: रेपो रेट बढ़ाने से महंगाई में कमी, निजी निवेश बढ़ा!
22 Oct, 2024 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में निजी निवेश लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह कारोबार को लेकर बढ़ती उम्मीद है। साथ ही, मौजूदा त्योहारी सीजन में कंजम्पशन डिमांड भी बढ़ी है। आरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन के मुताबिक, देश के वृद्धि परिदृश्य को विकास को गति देने वाले घरेलू 'इंजन' से समर्थन मिल रहा है।
आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर लेख में कहा गया है कि 2024-25 की दूसरी तिमाही में अस्थाई नरमी दिखी है। लेकिन, देश में कुल मांग इससे पार पाने को पूरी तरह से तैयार है। इसका कारण त्योहारी मांग में तेजी और उपभोक्ता भरोसे में सुधार है। इसके अलावा, कृषि परिदृश्य में सुधार के साथ ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
लेख में कहा गया है, 'खपत मांग में तेजी के संकेतों और कारोबार को लेकर बढ़ती उम्मीद से निजी निवेश में तेजी आनी चाहिए।' मजबूत बही-खाते के साथ वित्तीय क्षेत्र संसाधनों से लैस होकर निवेश को लेकर तैयार है। इसके साथ सरकार का पूंजीगत व्यय पर लगातार जोर है। इससे कुल मिलाकर निवेश का दृष्टिकोण उज्ज्वल दिखाई देता है।
रेपो रेट बढ़ने से मुद्रास्फीति घटी
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुआई वाली एक टीम के लिखे लेख में कहा गया है, ''वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 की पहली छमाही में मजबूत रही। मुद्रास्फीति में गिरावट से घरेलू खर्च को समर्थन मिला।
आरबीआई के मई, 2022 से प्रमुख नीतिगत दर में 2.5 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति को 1.60 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिली है। लेख के मुताबिक, 'नीतिगत दर में वृद्धि ने मुद्रास्फीति को स्थिर किया और कुल मांग को नियंत्रित किया, जिससे अवस्फीतिकारी प्रतिक्रियाएं हुईं।
लंबे वक्त से रेपो रेट में कटौती नहीं
रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए लंबे वक्त रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है, जबकि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि अभी हमारा पूरा ध्यान महंगाई घटाने पर है। केंद्रीय बैंक आगामी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया था, लेकन सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने से आरबीआई अपने इरादों पर दोबारा विचार कर सकता है।
सितंबर में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 5.49 प्रतिशत तक बढ़ गई। यह इजाफा खाने-पीने के चीजों का दाम लगातार बढ़ने से हुआ। खुदरा महंगाई दर अगस्त में 3.65 फीसदी थी, जो इसका पांच साल का सबसे निचला स्तर था।
Petrol Diesel Price Today: तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
22 Oct, 2024 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियां हर रोज सुबह 6 पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपडेट करती हैं। यह सिलसिला साल 2017 से जारी है। सरकार ने तेल कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों के हिसाब से प्राइस तय करने की छूट दे रखी है। हालांकि, मार्च 2024 के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
तेल कंपनियों ने 22 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) यानी आज के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिए हैं। आज भी इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, देश के सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर होता है। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवानी चाहिए। आइए इंटरनेशल मार्केट में ब्रेंट क्रूड और आपके शहर में एक लीटर पेट्रोल-डीजल का क्या भाव है।
कच्चे तेल का भाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट आई है। यह 0.32 फीसदी घटकर 74.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। वहीं, पिछले पांच दिन में 1.52 फीसदी सस्ता हुआ है। बीते 6 महीने का आंकड़ा देखें, तो क्रूड ऑयल की कीमतों में 15 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, पिछले एक महीने से भूराजनीतिक तनाव के चलते कच्चे तेल के दाम में तेजी का रुख देखने को मिल रहा था।
इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 22 October 2024)
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
हर शहर में अलग क्यों है कीमत
पेट्रोल-डीजल अभी जीएसटी (GST) के दायरे में नहीं हैं। इन पर राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाती हैं। वैट की दरें हर शहर में अलग होती है। इसी वजह से सभी शहरों में इनके दाम अलग होते हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि पेट्रोल डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो इन फ्यूल की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।