व्यापार
ट्रंप के बयान के बाद वैश्विक बाजार में तेज़ी, निक्केई इंडेक्स ने 8% तक की छलांग
10 Apr, 2025 01:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Global Markets: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 75 से ज्यादा देशों पर लगने वाले टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है। ट्रंप के इस फैसले के बाद वैश्विक बाजारों ने सिर्फ राहत की सांस ली बल्कि ये खुशी से झूम भी उठें। ट्रंप के इस एलान के बाद जापान का निक्केई इंडेक्स 8% से ज्यादा उछल गया। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में भी तेजी और यह 3% चढ़ गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि यह फैसला इन देशों के साथ नए सिरे से व्यापार वार्ता शुरू करने के मद्देनजर लिया गया। हालांकि, इस छूट में चीन को शामिल नहीं किया गया है। ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है, जो पहले 104 फीसदी था। यह कदम चीन द्वारा अमेरिका पर लगाए गए 84 फीसदी जवाबी टैरिफ के बाद उठाया गया है।
एशियाई बाजारों में छाई हरियाली
एशियाई इमर्जिंग बाजारों में इक्विटी ने गुरुवार को दो वर्षों से अधिक समय में अपनी सबसे बड़ी एक दिवसीय तेजी दर्ज की। ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ को अस्थायी रूप से टालने की घोषणा के बाद इन देशों की मुद्राओं में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी आई।
टोक्यो एक्सचेंज में जापान के बेंचमार्क निक्केई इंडेक्स (Nikkei Index) गुरुवार (10 अप्रैल) को खुलते 2,000 से ज्यादा अंक उछल गया। निवेशकों ने ट्रंप के टैरिफ को 90 दिनों तक टालने के फैसले का स्वागत किया। जापान का बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 9.17% उछलकर 34,623.53 पर पहुंच गया। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 में भी तेजी आई और यह 4.66% बढ़कर 7,913.90 पर पहुंच गया। साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 6.03% बढ़कर 2,431 पर पहुंच गया।
अमेरिकी शेयर बाजार भी उछला
वॉल स्ट्रीट पर एसएंडपी 500 में 9.5% की वृद्धि हुई। दिन की शुरुआत में इंडेक्स में ट्रंप के ट्रेड वार के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ने से इसमें गिरावट आई थी। हालांकि, फिर सोशल मीडिया पर वह खबर आई जिसका दुनिया भर के निवेशक इंतजार कर रहे थे और इसकी उन्हें उम्मीद थी। इस खबर के बाद डॉव जोन्स औद्योगिक एवरेज लगभग 8% चढ़ गया। इसके अलावा नैस्डैक कम्पोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) में भी तेजी आई और यह 12.16% उछल गया।
भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख सकता है पॉजिटिव असर
वैश्विक बाजारों में तेजी का भारतीय शेयर बाजारों पर भी पॉजिटिव असर दिख सकता है। एनएसई और बीएसई आज (10 अप्रैल) श्री महावीर जयंती के कारण बंद है। जबकि बुधवार को यह बड़ी गिरावट लेकर बंद हुए थे।
भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर तेजी से आगे बढ़ना चाहता है। यह बात ट्रंप के कई देशों पर भारी भरकम टैरिफ को टालने और चीन पर बढ़ाने के आश्चर्यजनक निर्णय के बाद कही गई है।
अधिकारी ने कहा, ‘भारत उन पहले देशों में से एक है, जिसने अमेरिका के साथ समझौते पर बातचीत शुरू की है और इसे पूरा करने के लिए एक समय-सीमा पर संयुक्त रूप से सहमति व्यक्त की है।”इस खबर का भारतीय शेयर बाजारों पर शुक्रवार को पॉजिटिव असर देखने को मिल सकता है।
2025 में गिरा PE इन्वेस्टमेंट का ग्राफ, लेकिन इन टेक दिग्गजों को मिला निवेशकों का भरोसा
10 Apr, 2025 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में प्राइवेट इक्विटी (PE) निवेश की रफ्तार 2025 की पहली तिमाही में काफी धीमी रही। आंकड़ों के मुताबिक, इस तिमाही कुल $1.98 बिलियन का निवेश हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 53.7% कम है। वहीं, पिछली तिमाही यानी 2024 के अंतिम तीन महीनों से तुलना करें तो भी इसमें 50.5% की गिरावट देखी गई। यह 2018 के बाद किसी भी साल की सबसे कमजोर शुरुआत मानी जा रही है। LSEG डील्स इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अंतरराष्ट्रीय तनाव और ऊंचे वैल्यूएशन इस गिरावट की प्रमुख वजहें हैं। साथ ही डील्स की संख्या में भी 16.7% की कमी आई है।
टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेक्टर में अब भी कायम है निवेशकों का भरोसा
इन चुनौतियों के बीच, टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेक्टर में निवेशकों की रुचि अब भी बनी हुई है। खास तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), फिनटेक, हेल्थटेक और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्रों में निवेश हुआ। इसके अलावा, ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी को लेकर भी निवेशकों का रुझान बढ़ा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि IPO गतिविधियों में आई मंदी और 2025 में ब्याज दरों में संभावित कटौती, आने वाले समय में PE और वेंचर कैपिटल निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना सकती है।
इन कंपनियों को मिला सबसे ज्यादा निवेश
2025 की पहली तिमाही में Meesho Payments को सबसे बड़ी फंडिंग मिली, जिसमें कंपनी ने पांच निवेशकों और पांच फंड्स से कुल $270 मिलियन जुटाए। इसके अलावा, Nexus Select Trust ने फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में $105.4 मिलियन की डील की। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सेक्टर की Naffa Innovations को $78 मिलियन और Hiveloop Technology को $75 मिलियन का निवेश मिला। Oravel Stays (OYO) को भी $64.1 मिलियन की फंडिंग मिली, जिससे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में डिजिटल मॉडल की लोकप्रियता का पता चलता है। इसके अलावा, Leap Finance, Girnar Insurance Brokers, Hella Infra Market, Draftspotting Technologies और Cashfree Payments जैसी कंपनियों ने भी इस तिमाही में उल्लेखनीय निवेश हासिल किया।
इंटरनेट और सॉफ्टवेयर सेक्टर में आई तेजी
2025 की पहली तिमाही में इंटरनेट से जुड़ी कंपनियों में सबसे अधिक निवेश देखने को मिला। इस सेक्टर में 81 डील्स हुईं और कुल $860.9 मिलियन का निवेश हुआ, जो पिछले साल से 42.2% ज़्यादा है। इसी तरह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सेक्टर में भी 23.8% की वृद्धि दर्ज की गई और $450.1 मिलियन का निवेश हुआ। इससे साफ है कि भारत का डिजिटल और टेक इकोसिस्टम अब भी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
फाइनेंशियल और कंज़्यूमर सेक्टर में भारी गिरावट
वहीं दूसरी ओर, फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्टर में निवेश में 52.9% की गिरावट देखी गई। इस सेक्टर में केवल 11 डील्स हुईं और कुल $191.8 मिलियन का निवेश हुआ। इसी तरह कंज़्यूमर से जुड़े सेक्टर्स में भी 45.8% की कमी आई और निवेश घटकर $172 मिलियन रह गया। ट्रांसपोर्टेशन और हेल्थकेयर जैसे पारंपरिक सेक्टर भी निवेश के मामले में पिछड़ते नजर आए।
बिजनेस सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग ने चौंकाया
कुछ सेक्टर ऐसे भी रहे जिन्होंने उम्मीद से ज्यादा प्रदर्शन किया। बिजनेस सर्विसेस सेक्टर में सिर्फ 6 डील्स हुईं लेकिन निवेश में 272.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कुल $39.9 मिलियन का निवेश हुआ। वहीं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने चौंकाते हुए 2958.3% की जबरदस्त ग्रोथ दिखाई, हालांकि यह आंकड़ा $14.7 मिलियन तक ही सीमित रहा।
कई सेक्टरों में निवेश लगभग शून्य
कई सेक्टरों में स्थिति काफी निराशाजनक रही। कम्युनिकेशन सेक्टर में निवेश 99.4% घटकर सिर्फ $13.4 मिलियन रह गया। बायोटेक्नोलॉजी में 78.7% की गिरावट के साथ निवेश केवल $0.6 मिलियन रहा, जबकि यूटिलिटी सेक्टर में तो यह सिर्फ $0.1 मिलियन तक ही सीमित रह गया। सबसे बुरी हालत कृषि, मत्स्य और वानिकी सेक्टर की रही जहां इस तिमाही एक भी निवेश नहीं हुआ।
Aadhaar Facial Recognition: अब आपकी शक्ल बताएगी आपकी पहचान, जानें कैसे
10 Apr, 2025 11:12 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Aadhaar Card New Update: अब आधार कार्ड साथ ले जाने या उसकी फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार ने आधार का एक नया और अपग्रेडेड मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसमें फेस आईडी यानी चेहरे से पहचान की सुविधा दी गई है। इस नई सुविधा से देशभर में डिजिटल पहचान की प्रक्रिया और भी आसान, सुरक्षित और पेपरलेस हो जाएगी।
किसी भी सरकारी सेवा, सिम कार्ड लेने या बैंकिंग से जुड़ी प्रक्रिया में अब केवल चेहरा स्कैन करके पहचान की जा सकेगी। यानी ओटीपी, फिंगरप्रिंट या आंख की स्कैनिंग की जरूरत नहीं होगी।
फेस आईडी से आसान पहचान, जानें अन्य फीचर्स
UIDAI द्वारा जारी इस नए ऐप की सबसे खास बात यह है कि अब सिर्फ स्मार्टफोन के जरिए चेहरा स्कैन करके ही यूजर अपनी पहचान साबित कर सकेगा। यह सुविधा उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगी जिन्हें फिंगरप्रिंट या OTP से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
अब आधार वेरिफिकेशन के लिए न तो कार्ड की हार्ड कॉपी चाहिए, न ही उसकी फोटोकॉपी। ऐप में डिजिटल आधार कार्ड का विकल्प मौजूद है, जिसमें QR कोड के जरिए तुरंत पहचान की जा सकती है। इससे कागजी प्रक्रिया में भी कमी आएगी और डेटा सिक्योरिटी भी बनी रहेगी।
रजिस्ट्रेशन के वक्त ऐप यूज़र का लाइव सेल्फी लेता है, जो मोबाइल के फ्रंट कैमरे से खींची जाती है। इसके बाद इस फोटो को आधार डाटाबेस से मिलाकर पहचान की पुष्टि की जाती है।
यह तकनीक सुरक्षा नियमों के अनुरूप है और पहचान की धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगी। खासतौर पर देश के दक्षिणी हिस्सों में, जहां फिंगरप्रिंट से पहचान में दिक्कत होती है, वहां यह फीचर ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।
इस नए ऐप का इंटरफेस पहले से ज्यादा यूजर फ्रेंडली है और यह कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे देशभर के लोग इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
आईटी मंत्री ने ऐप के बारे में क्या कहा-
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार (8 अप्रैल) को हुए ‘आधार संवाद’ कार्यक्रम में कहा कि जल्द ही एक नया आधार ऑथेंटिकेशन ऐप लॉन्च किया जाएगा, जिससे लोगों को होटल, एयरपोर्ट या अन्य जगहों पर पहचान के लिए आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी लेकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह ऐप बिल्कुल यूपीआई की तरह आसान होगा।
फिलहाल यह ऐप बीटा वर्जन में है और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इसकी टेस्टिंग कर रहा है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे आम लोगों के लिए जारी किया जाएगा।
कार्यक्रम में वैष्णव ने कहा कि आधार से जुड़े कानूनों को अब डेटा सुरक्षा के नए कानून के हिसाब से अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “जब आधार अधिनियम पहली बार लाया गया था, तब देश में कोई समग्र प्राइवेसी कानून नहीं था। अब डेटा प्रोटेक्शन कानून (DPDP Act) आ चुका है और उसके नियम भी अंतिम चरण में हैं। ऐसे में आधार कानून को इसके अनुरूप बनाने की जरूरत है।” वैष्णव ने UIDAI से अपील की कि वह इस दिशा में अगुवाई करे और कानूनों को समय के अनुसार अपडेट करे।
TCS मार्च तिमाही के नतीजे आज होंगे जारी, क्या आएगा ग्रोथ में उछाल या रहेगी सुस्ती?
10 Apr, 2025 11:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
TCS Q4 Results Today: देश की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4 FY25) के नतीजे आज यानी 10 अप्रैल को जारी होंगे। एनालिस्ट्स का मानना है कि इस तिमाही में TCS का प्रदर्शन सीमित रह सकता है। इसकी वजह सुस्ती और कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में धीमापन है।
टीसीएस संभावित राजस्व और मुनाफा
एनालिस्ट्स का अनुमान है कि टीसीएस (TCS) का मार्च तिमाही में रेवेन्यू 1.51% घटकर ₹63,009.75 करोड़ रह सकता है। BSNL प्रोजेक्ट के धीमे पड़ने को प्रमुख कारण माना जा रहा है, हालांकि विकसित बाजारों (Developed Markets) में सुधार से कुछ राहत मिल सकती है। वहीं, नेट प्रॉफिट में 1.31% की तिमाही वृद्धि संभव है, जो ₹12,541.9 करोड़ तक पहुंच सकता है।
पिछली तिमाही की तुलना
टीसीएस का Q3 FY24 में नेट प्रॉफिट ₹12,380 करोड़ था। वही राजस्व ₹63,973 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 5.6% की वृद्धि और तिमाही आधार पर 0.4% की गिरावट थी।
प्रमुख जोखिम
विश्लेषकों की नज़र कुछ अहम बिंदुओं पर रहेगी:
अमेरिकी बाजार की दिशा
विकसित देशों में प्रोजेक्ट्स की प्रगति
संभावित टैरिफ इम्पैक्ट्स
किसी भी प्रोजेक्ट की रद्दीकरण या देरी
TCS Q4 Results पर ब्रोकरेज हाउसेज़ की राय
HSBC
अनुमान: राजस्व ₹61,237 करोड़ (QoQ +2.1%)
शुद्ध लाभ: ₹12,434 करोड़ (QoQ +2%)
मार्जिन में मामूली सुधार की उम्मीद, लेकिन निवेश और प्रमोशंस से कुछ दबाव रह सकता है।
कोटक सिक्योरिटीज
अनुमान: राजस्व ₹64,963.9 करोड़ (QoQ +1.5%)
शुद्ध लाभ ₹12,663.6 करोड़ (QoQ +2.3%, YoY +1.6%)
BSNL से $30 मिलियन का राजस्व नुकसान।
डील वॉल्यूम $11 बिलियन रहने की उम्मीद, जो पिछले साल के $13.2 बिलियन से कम है।
नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज
अनुमान: CC रेवेन्यू में QoQ 0.2% की गिरावट
USD रेवेन्यू में 1% गिरावट संभव
अनुमानित राजस्व ₹61,237 करोड़ (QoQ +0.9%)
मार्जिन स्थिर रहने की उम्मीद
UPI ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव की तैयारी, RBI ने NPCI को दिए आदेश!
9 Apr, 2025 01:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को आर्थिक जरूरतों के आधार पर पर्सन -टू- मर्चेंट को किए जाने वाले यूपीआई पेमेंट्स के लिए ट्रांजैक्शन लिमिट को बदलने की इजाजत दे दी है. बता दें, कि 7 से 9 अप्रैल तक चली रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की जानकारी दी है. 7 से 9 अप्रैल तक चली रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की जानकारी दी.
RBI ने NPCI को दिया अधिकार
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि अब पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट की लिमिट तय करने का अधिकार NPCI को दिया जाएगा. उन्होंने इस पर अधिक जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल ये लिमिट 2 लाख रुपए है, लेकिन आने वाले समय में इसमें बदलाव आना संभव है. इसपर मल्होत्रा ने बताया कि पर्सन टू पर्सन यूपीआई लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए तक ही होगी, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
रेपो रेट में कटौती
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसपर बताया कि MPC ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट 0.25 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया है. इस कटौती के बाद अब पॉलिसी रेट 6.25 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत हो गई है. बता दें, कि इससे पहले भी आरबीआई ने पिछली बैठक में रेपो रेट में कटौती की थी, एक तरह से कहे तो यह कटौती दूसरी बार है. इससे होम लोन समेत कई तरह के लोन की ब्याज दरों में राहत मिल सकती है.
ग्रोथ और महंगाई का अनुमान
संजय मल्होत्रा ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं, खुदरा महंगाई दर CPI 4 प्रतिशत के आस-पास रहने की संभावना जताई जा रही है. इसपर गवर्नर ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी का फोकस ग्रोथ को बनाए रखते हुए महंगाई को कंट्रोल में रखना होगा.
डेलॉयट की रिपोर्ट में भारत में CEO की सैलरी 10 करोड़ , उच्च प्रबंधन की कमाई पर बड़ा खुलासा!
9 Apr, 2025 01:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डेलॉयट इंडिया की हालिया एग्जिक्यूटिव परफॉर्मेंस और रिवार्ड्स सर्वे के मुताबिक 2025 में देश में सीईओ की औसत सैलरी 10 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. पिछले साल के मुकाबले इसमें 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के केवल 40 फीसदी सीईओ की सैलरी तयशुदा है. जबकि बाकी के 60 प्रतिशत सीईओ की तनख्वाह उनके परफॉर्मेंस के आधार पर है.
सीईओ के अलावा चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, चीफ ह्यूमन रिसोर्सेज ऑफिसर, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर औऱ चीफ सेक्यूरिटी ऑफिसर की सैलरी भी 7 से लेकर 11 फीसदी तक बढ़ी है. इन भूमिकाओं में कुल सैलरी का करीब 60 फीसदी हिस्सा तय होता है. जबकि बाकी का 40 फीसदी छोटी और लंबी अवधि में इंसेंटिव के तौर पर कंपनियां देती हैं.
400 कंपनियों ने सर्वे में लिाय हिस्सा
सीईओ के बाद देश में सबसे ज्यादा तनख्वाह वाले एग्जिक्यूटिव पद चीफ ऑपरटिंग ऑफिसर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर के हैं. इनकी कुल तनख्वाह 4 करोड़ के करीब है. डेलॉयट इंडिया एग्जिक्यूटिव परफॉर्मेंस रिवॉर्ड्स सर्वे के इस छठे एडिशन को सिंतबर 2024 में लॉन्च किया गया था. इस सर्वे में 400 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया. ये कंपनियां अलग-अलग सेक्टर के रहें. मगर इनमें किसी सरकारी कंपनी को शामिल नहीं किया गया. यानी कुल मिलाकर ये प्राइवेट कंपनियों के अधिकारियों का लेखा-जोखा है.
स्टॉक आधारित इंसेंटिव का बढ़ा चलन
सर्वे के जरिये ये समझने की कोशिश की गई कि लीडरशिप के स्तर पर कंपनियां किस तरह परफॉर्मेंस का आकलन करती हैं. रिपोर्ट में ये जानकारी भी निकल कर आई कि कंपनियां पिछले बरसों की तुलना में वित्तीय और रणनीतिक लक्ष्य में कमी पर एग्जिक्यूटिव स्तर पर अब काफी कम इंसेटिव दे रही हैं. स्टॉक आधारित इंसेटिव देने का भी एक चलन कंपनियों में बढ़ा है. एक ऐसे समय में जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं और बाजार हिचकोले खा रहे हैं, कंपनियों के लीडरशिप लेवल पर सैलरी में इजाफा अपने आप में बड़ी बात है.
बाजार में RBI के फैसले का असर नहीं, सेंसेक्स में 400 अंक की गिरावट, निफ्टी 22,400 के नीचे!
9 Apr, 2025 10:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार बुधवार (9 अप्रैल) को एक बार फिर गिरावट में खुले। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के व्यापारिक देशों पर टैरिफ लगाने की समयसीमा नजदीक आने के साथ बाजार में अस्थिरता देखने को मिल रही है। साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ने से हैवी वेटेज रखने वाले आईटी स्टॉक्स में दबाव देखा जा रहा है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज यानी बुधवार को 100 अंक से ज्यादा की गिरावट लेकर 74,103.83 पर ओपन हुआ। मंगलवार को यह 74,227.08 पर बंद हुआ था। सुबह 9:25 बजे सेंसेक्स 268.34 अंक या 0.36% की गिरावट लेकर 73,958.74 पर था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी-50 में भी कमजोर रुख देखने को मिल रहा है। यह गिरावट के साथ 22,460.30 अंक पर ओपन हुआ जबकि मंगलवार को यह 22,535.85 पर क्लोज हुआ था। सुबह 9:25 बजे निफ़्टी 107.70 अंक या 0.48% की गिरावट लेकर 22,428.15 पर था।
RBI ने Repo Rate 25 bps घटाकर 6.0% किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार 9 अप्रैल को नीतिगत दर रीपो रेट को 0.25% घटाकर 6.0% करने का ऐलान किया। आरबीआई ने अपनी पिछली बैठक (7 फरवरी) में रेपो रेट (Repo Rate) को 25 आधार अंक घटाकर 6.25% कर दिया था। तब से अमेरिका के सख्त टैरिफ के कारण आर्थिक अनिश्चितता बढ़ गई है। इससे केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई थी।
ट्रंप ने चीन पर लगाया 104% टैरिफ
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव अब और ज्यादा गहरा सकता है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका बुधवार (8 अप्रैल) को पूर्वी समयानुसार रात 12:01 बजे (0401 GMT) से चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू करेगा।यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार विवाद को और बढ़ा सकता है।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन जैसी कुछ देश अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार कर रहे हैं। हाल के हफ्तों में ट्रंप ने कई बार विदेशी देशों पर यह आरोप लगाया कि वे अमेरिकी सामान पर भारी टैक्स लगाते हैं और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
FIIs की बिकवाली जारी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारतीय शेयर बाजारों से बिकवाली लगातार जारी है। विदेशी निवेशकों ने 8 अप्रैल को 4,994.24 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने मंगलवार को 3,097.24 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
मंगलवार को बाजार में आई थी रिकवरी
इससे पहले मंगलवार के ट्रेडिंग सेशन में इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक और एलएंडटी जैसे भारी भरकम स्टॉक्स में जोरदार तेजी से बाजार में शानदार रिकवरी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 1089.18 अंक या 1.49% के जोरदार उछाल के साथ 74,227.08 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 374.25 अंक या 1.69% की मजबूती के साथ 22,535.85 पर क्लोज हुआ।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?
अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स में मंगलवार को गिरावट आई। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज से जुड़े फ्यूचर्स 1.2 प्रतिशत गिर गए। नैस्डैक-100 फ्यूचर्स 1.8 प्रतिशत और एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 1.5 प्रतिशत की कमी आई। पिछले ट्रेडिंग सेशन में वॉल स्ट्रीट बेंचमार्क्स निचे बंद हुए थे। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.84 प्रतिशत गिरकर 37,645.59 पर और एसएंडपी 500 भी 1.57 प्रतिशत घटकर 4,982.77 पर बंद हुआ। इसके अलावा नैस्डैक 2.15 प्रतिशत गिरकर 15,267.91 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स 225….2.72 प्रतिशत गिरा, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.71 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 1.35 प्रतिशत नीचे था।
निफ्टी के लिए 22,320 महत्वपूर्ण स्तर
आसित सी. मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडियेट्स के अस्सिस्टेंस वाइस प्रेजिडेंट (टेक्निकल और डेरिवेटिव्स रिसर्च) हृषिकेश येदवे के अनुसार, डेली चार्ट पर निफ्टी ने एक हरा कैंडल फॉर्म किया और पिछले सेशन में 22,320 की बाधा के ऊपर बना रहा। यह निरंतर खरीदारी की रुचि और ताकत का संकेत देता है। “ऊपर की ओर 22,800 निकटतम प्रतिरोध स्तर है। जबकि 22,320 अब महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में कार्य करेगा। 22,800 के ऊपर एक निर्णायक मोव क़ी संभावना खुल सकती है। निवेशक इन महत्वपूर्ण स्तरों पर निगरानी रखने की सलाह दी जाती है, ताकि संभावित व्यापारिक अवसरों का लाभ लिया जा सके।
चीन पर ट्रंप का 104% टैरिफ, ग्लोबल बाजार में मची खलबली, भारी गिरावट!
9 Apr, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव अब और ज्यादा गहरा सकता है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका बुधवार (8 अप्रैल) को पूर्वी समयानुसार रात 12:01 बजे (0401 GMT) से चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू करेगा। यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार विवाद को और बढ़ा सकता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन जैसी कुछ देश अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार कर रहे हैं। हाल के हफ्तों में ट्रंप ने कई बार विदेशी देशों पर यह आरोप लगाया कि वे अमेरिकी सामान पर भारी टैक्स लगाते हैं और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अमेरिका चीन के बीच व्यापारिक वार्ताएं स्थगित
सोमवार (7 अप्रैल) को राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर चीन ने हाल ही में लगाए गए 34% के जवाबी टैरिफ वापस नहीं लिए, तो अमेरिका और भी ज्यादा टैरिफ लगा सकता है। बीजिंग पर पहले दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर चीन ने आगे कोई और कदम उठाया तो अमेरिका तुरंत और कहीं ज्यादा सख्त टैरिफ लगाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अमेरिका चीन के साथ सभी व्यापारिक वार्ताएं स्थगित कर रहा है और अब वह अन्य देशों के साथ समझौते करने को प्राथमिकता देगा।
व्हाइट हाउस ने AFP को बताया है कि बुधवार से लागू होने वाले पहले से घोषित 34% टैरिफ के साथ अब इस नई टैरिफ बढ़ोतरी को भी जोड़ा जाएगा, जिससे इस साल चीन से आयात पर कुल टैरिफ 104% तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत से होने वाले आयात पर भी 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो उनकी व्यापक व्यापार नीति बदलाव का हिस्सा है।
चीन ने ट्रंप के टैरिफ धमकी करार दिया
इससे पहले चीन ने ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी को “ब्लैकमेल” बताया था और कहा था कि वह “आखिरी दम तक मुकाबला करेगा”। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की अमेरिका की धमकी एक के बाद एक गलती है, जो अमेरिका की ब्लैकमेलिंग की मानसिकता को एक बार फिर उजागर करता है।”
टैरिफ वॉर का ग्लोबल मार्केट पर असर
टैरिफ वॉर के चलते वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। S&P 500 फरवरी में अपने उच्चतम स्तर से अब तक 20% तक गिर चुका है। वहीं, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी अपने शिखर से 17% से ज्यादा टूट चुका है। पिछले हफ्ते नैस्डैक ‘बेयर मार्केट’ ज़ोन में प्रवेश कर गया है।
उधर चीन में, हैंग सेंग टेक इंडेक्स सिर्फ एक महीने में 27% तक गिर गया है। चीनी मुद्रा युआन जनवरी के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, चीनी सरकारी बॉन्ड में जोरदार तेजी देखी गई है।
Trump के टैरीफ्स के चलते iPhone 16 Pro हो सकता है 30% महंगा, Apple यूजर्स की जेब पर पड़ेगा असर!
9 Apr, 2025 10:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिका में Apple iPhone 16 Pro की कीमतों में औसतन 30% तक इजाफा हो सकता है। इसकी वजह चीन पर 54% और भारत पर 26% टैरिफ बढ़ोतरी को माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर अमेरिका चीन द्वारा जवाबी टैरिफ वापस न लेने की स्थिति में अतिरिक्त 50% ड्यूटी और लगाता है, तो कुल शुल्क 104% तक पहुंच सकता है। ऐसे में कीमतों में 50–60% तक बढ़ोतरी संभव है।
iPhone 16 Pro की कीमत $300 बढ़ेगी!
काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा, “कीमतों में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि डिवाइस कहां असेंबल हो रहा है।” उन्होंने बताया, “उदाहरण के तौर पर ब्राजील में टैरिफ सिर्फ 10% है, लेकिन वहां अतिरिक्त उत्पादन संभालने की क्षमता नहीं है। मौजूदा हालात को देखते हुए, 30% कीमत बढ़ना एक वास्तविक अनुमान है। इससे एक $1,000 वाला iPhone 16 Pro करीब $1,300 का हो सकता है।” काउंटरपॉइंट अब भी यह आकलन कर रहा है कि चीन पर लगाए गए भारी टैरिफ का अंतिम कीमतों पर कितना असर पड़ेगा।
iPhone की कीमतों में बदलाव तुरंत नहीं होगा
इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार, अगर ड्यूटी 104% तक पहुंचती है, तो iPhone 16 Pro की कीमत $1,500 से $1,600 तक हो सकती है। हालांकि, पाठक का कहना है कि कीमत तय करना इतना सीधा नहीं होता। Apple लागत बढ़ने का कुछ हिस्सा खुद वहन कर सकता है और कीमतों में बदलाव तुरंत नहीं होगा, क्योंकि कंपनी ने अगले कुछ महीनों के लिए पहले से ही इनवेंट्री स्टॉक में रखी हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि Apple एक समान ग्लोबल बेस प्राइस (स्थानीय टैक्स और टैरिफ को छोड़कर) बनाए रख सकता है और अमेरिका में कीमत बढ़ने का असर बाकी बाजारों में फैलाकर दबाव को कम कर सकता है। कीमतों में तेज उछाल से अमेरिका में मांग प्रभावित हो सकती है, जिसे क्यूपर्टिनो स्थित यह कंपनी टालना चाहेगी।
टैरिफ से भारत को फायदा मिलने की संभावना
हालांकि भारत का iPhone एक्सपोर्ट में हिस्सा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन अब भी ज्यादातर यूनिट्स चीन में ही असेंबल होती हैं। इसकी वजह है वहां पिछले कई दशकों में तैयार हुई मज़बूत सप्लाई चेन।भारत में iPhone की कीमत पहले से ही चीन की तुलना में करीब 20% ज्यादा है, क्योंकि यहां उत्पादन लागत अधिक है। हालांकि प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत मिलने वाले प्रोत्साहनों की वजह से यह अंतर कुछ हद तक कम हुआ है। अगर टैरिफ का अंतर और बढ़ता है तो भारत, चीन के मुकाबले एक अधिक आकर्षक विकल्प बन सकता है—हालांकि यह बदलाव एकदम से नहीं होगा।
1.51 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में जाने की आशंका, बैंकों के लिए वित्त वर्ष 2026 हो सकता है चुनौतीपूर्ण!
9 Apr, 2025 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के वाणिज्यिक बैंकों के इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में 1.51 लाख करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज को बट्टे खाते में डालने के आसार हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुमान के अनुसार बैंक अपने बहीखाते को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठा सकते हैं।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष 26 में बैंकों का ऋण करीब 10.8 से 10.9 फीसदी की दर से बढ़कर 20.2 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। एजेंसी ने पहले ऋण में 9.7 से 10.3 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान जताया था।
अनुमान है कि बैंकों की वृद्धिशील ऋण विस्तार करीब 19 लाख करोड़ रुपये से 20.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जबकि यह वित्त वर्ष 25 में 18 लाख करोड़ रुपये था। नीतिगत रीपो दर में कुल मिलाकर 75 आधार अंक कटौती की उम्मीद जताई जा रही है, जो फरवरी 2025 से शुरू हो चुकी है। हालांकि इक्रा को वित्त वर्ष 2026 में बैंकों का शुद्ध ब्याज मार्जिन 15 से 17 आधार अंक घटने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक नियमों के नियामकीय प्रावधानों में राहत देने से ऋण वृद्धि बढ़ी है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार घरेलू अर्थव्यवस्था में ब्याज में कटौती और शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) दबाव में रहने के कारण लाभप्रदता में कुछ आधार अंक की कटौती आ सकती है लेकिन यह सहज दायरे में रहेगी।
चीन-यूएस ट्रेड वॉर की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट, दिल्ली में तीसरे दिन ₹3000 से ज्यादा टूटे भाव!
8 Apr, 2025 09:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन और अमेरिकी के बीच चल रही ट्रेड वॉर की वजह से फैली मंदी की आशंका की वजह से देश की राजधानी दिल्ली में गोल्ड की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली है. इन तीन दिनों में सोने की कीमत 3000 रुपए से ज्यादा टूट गई है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में चीन दहशत या फिर ट्रंप के खौफ में रह सकता है और गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
वहीं दूसरी ओर देश के वायदा बाजार में सोने के दाम में 1100 रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है. जिसके बाद मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम एक बार फिर से 88,000 रुपए प्रति दस ग्राम के पार पहुंच गए हैं. जबकि चांदी की कीमत में करीब 1800 रुपए की बढ़ोतरी देखी जा रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली से लेकर वायदा बाजार तक में गोल्ड और सिल्वर की कीमत कितनी हो गई है.
दिल्ली में सस्ता हुआ गोल्ड
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार स्थानीय बाजारों में कमजोर मांग के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 200 रुपए की गिरावट के साथ 91,250 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गई. 99.9 प्योरिटी वाला गोल्ड सोमवार को 91,450 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. इसकाा मतलब है कि गोल्ड की कीमतों में लगातार तीन दिनों में 3,100 रुपए सस्ता हो चुका है. 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड 200 रुपए की गिरावट के साथ 90,800 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया. पिछले बाजार बंद में यह 91,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
दिल्ली में चांदी हुई महंगी
अगर बात चांदी की करें तो इसमें अच्छी तेजी देखने को मिली है. आंकड़ों को देखें तो देश की राजधानी दिनों में 5 दिनों की गिरावट के बाद चांदी के दाम में 200 रुपए का इजाफा देखने को मिला है और चांदी के दाम 92,700 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई. जबकि पिछले बंद भाव 92,500 रुपए प्रति किलोग्राम था. इस बीच, विदेशी बाजारों में हाजिर सोना 0.82 प्रतिशत बढ़कर 3,007.60 डॉलर प्रति औंस हो गया. एशियाई कारोबारी घंटों में हाजिर चांदी 0.69 प्रतिशत बढ़कर 30.29 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी.
वायदा बाजार में गोल्ड और चांदी हुई महंगी
वहीं दूसरी ओर देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिट एक्सचेंज पर सोने और चांदी के दाम में इजाफा देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार शाम 7 बजकर 20 मिनट पर गोल्ड 1137 रुपए की तेजी के साथ 88,065 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड की कीमत में 1,516 रुपए का इजाफा देखने को मिला और दाम 88,444 रुपए के साथ दिन के हाई पर पहुंच गए थे. जबकि चांदी की कीमत में शाम 7 बजकर 20 मिनट पर चांदी 1707 रुपए की तेजी के साथ 89,955 रुपए पर कारोबार कर रही है. कारोबारी सत्र के दौरान चांदी 2,069 रुपए की तेजी के साथ 90,317 रुपए प्रति किलोग्राम के हाई पर पहुंच गया था.
क्या कह रहे हैं जानकार
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी एंड करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा कि रुपए की कमजोरी ने तेजी को और बढ़ाया, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आई. डॉलर इंडेक्स के 102 के आसपास रहने से ग्लोबल सेंटीमेंट सतर्क रहे, जिससे बुलियन कीमतों पर कोई खास असर नहीं पड़ा. त्रिवेदी ने कहा कि हालांकि, टैरिफ की टेंशन बनी रही अमेरिकी व्यापार उपायों के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख ने सुरक्षित निवेश की मांग को फिर से बढ़ा दिया.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के अनुसार, बाजार प्रतिभागी इस सप्ताह के व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नवीनतम नीति बैठक का परिणाम भी शामिल है. गांधी ने कहा कि इसके अलावा, गुरुवार को अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और शुक्रवार को उत्पादक मूल्य सूचकांक भी फेड नीति के भविष्य के मार्ग के बारे में संकेत देंगे.
टाइम से पहले होम लोन की EMI चुकाने से मिलती है बड़ी राहत, जानिए कैसे!
8 Apr, 2025 08:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बुधवार को मौद्रिक नीति का ऐलान करने वाला है.उम्मीद की जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है. इससे आपके होम लोन का ब्याज भी कम होगा और आने वाले महीनों में ईएमआई भी घटेगी. ऐसे में होम लोन से जुड़े इस ट्रिक को समझने में फायदा है. होम लोन की ईएमआई टाइम से पहले चुकाने पर आपका बहुत सारा पैसा बच सकता है.
ब्याज का बोझ होगा कम
होम लोन की ईएमआई टाइम से पहले पर चुकाना हमेशा एक स्मार्ट कदम माना जाता है. ये आपके होम लोन का ब्याज कम करने के साथ-साथ ईएमआई का बोझ भी कम करता है. होम लोन के प्री-पेमेंट से आपका प्रिंसिपल अमाउंट कम होता है, जो आपके लोन टेन्योर को भी कम करता है.
सुधरेगा सिबिल स्कोर
होम लोन का प्री-पेमेंट सिर्फ आपकी ईएमआई का बोझ और ब्याज ही कम नहीं करता. बल्कि आपके सिबिल स्कोर को भी बेहतर बनाता है. सिबिल स्कोर असल में आपकी लोन लेने की क्षमता का एक पैमाना है. ये आपकी साख तय करता है और इसी के आधार पर बैंक आपको लोन देने के बारे में फैसला लेते हैं. सिबिल स्कोर का 750 अंक से ऊपर होना हमेशा अच्छा माना जाता है.
कितना है होम लोन का ब्याज
अप्रैल 2025 तक देश के प्रमुख बैंक एसबीआई, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसी बैंक और अन्य बैंकों के होम लोन की ब्याज दरें 8.25 प्रतिशत से 10.25 प्रतिशत के बीच हैं. अब कल आरबीआई के रेपो रेट में बदलाव करने के इनमें बदलाव हो सकता है.
आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के एमडी और सीईओ ऋषि आनंद का कहना है कि होम लोन का प्री-पेमेंट फाइनेंशियल तौर पर अच्छा फैसला हो सकता है. अगर आपका होम लोन फ्लोटिंग ब्याज रेट पर है, तो इस तरह के होम लोन में प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं लगती.
फ्लोटिंग रेट असल में वो ब्याज दर होती है, जो समय के साथ बदलती रहती है. आम तौर पर फ्लोटिंग रेट भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट से कनेक्टेड होता है. ऐसे में अगर रेपो रेट बढ़ता है, तो होम लोन का ब्याज भी बढ़ता है और रेपो रेट घटने पर आपके लोन की ब्यात दर भी नीचे आती है.
वैसे लोन प्री-पेमेंट का मतलब सिर्फ ब्याज दर को कम करना नहीं है. ये आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को भी मजबूती देता है.
बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स 500 अंक ऊपर, निफ्टी 22,350 के पार!
8 Apr, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशियाई बाजारों में स्थिरता के संकेत मिलने के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (8 अप्रैल) को जोरदार तेजी के साथ खुले। हालांकि, वीकली एक्सपायरी के चलते दमदार शुरुआत के बाद बाजार में कुछ नरमी देखी है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज के कारोबार में 900 से ज्यादा अंक चढ़कर 74,013.73 पर ओपन हुआ। शुरुआती कारोबार में यह 74,421.65 अंक तक चला गया था। सुबह 10:50 बजे सेंसेक्स 349.48 अंक या 0.48% की बढ़त लेकर 73,487.38 पर था।
इसी तरह एनएसई (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी आज मजबूती के साथ 22,446.75 अंक पर खुला। खुलते ही यह 22,577.55 अंक तक चला गया था। सुबह 10:50 बजे यह 127.15 अंक या 0.57% चढ़कर 22,288.75 पर था।
सोमवार को कैसी थी बाजार की चाल?
इससे पिछले ट्रेडिंग सेशन में घरेलू शेयर बाजार 4 जून, 2024 के बाद सबसे बड़ी गिरावट लेकर बंद हुआ। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 2226.79 अंक या 2.95% की बड़ी गिरावट लेकर 73,137.90 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी सोमवार को 742.85 अंक या 3.24% गिरकर 22,161.60 पर क्लोज हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने सोमवार को चीन पर दबाव बढ़ाते हुए ड्रैगन देश से रेसिप्रोकल टैरिफ वापस लेने के लिए कहा है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ट्रम्प की रणनीति के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा रहने की योजना बना रहा है।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?
अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स में सोमवार को कुछ उछाल आया। जबकि S&P 500 और डॉव में गिरावट देखने को मिली। S&P 500 से जुड़े फ्यूचर्स में 0.9 प्रतिशत का उछाल आया। Nasdaq-100 फ्यूचर्स में करीब 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई जबकि डॉव फ्यूचर्स में लगभग 1.2 प्रतिशत का उछल गया। इससे पहले डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.91 प्रतिशत गिरकर 37,965.60 पर बंद हुआ था, S&P 500 0.23 प्रतिशत घटकर 5,062.25 पर बंद हुआ था, जबकि नास्डैक कंपोजिट 0.10 प्रतिशत बढ़कर 15,603.26 पर बंद हुआ था।
एशिआई बाजारों में जापान का निक्केई 225 इंडेक्स में 6.31 प्रतिशत की बढ़त थी और टॉपिक्स 6.81 प्रतिशत चढ़ा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.35 प्रतिशत ऊपर था और स्मॉल-कैप कोसडैक 2.15 प्रतिशत बढ़ा। ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 1.3 प्रतिशत बढ़ा। हांगकांग का हैंग सेंग 2 प्रतिशत के लाभ के साथ कारोबार कर रहा था, जबकि चीन का CSI 300 0.35 प्रतिशत ऊपर था।
आरबीआई के ब्याज दरों पर फैसले का इंतजार
वैश्विक बाजारों की चाल के अलावा निवेशक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जो कल निर्धारित है। साथ ही भारतीय कंपनियों के चौथे तिमाही के नतीजे और इस सप्ताह आने वाले मैक्रोइकॉनॉमिक आंकड़ों पर भी निवेशकों का फोकस है।
Gold Silver Price Today: MCX पर सोना ₹87,500 तक पहुंचा, चांदी भी चमकी!
8 Apr, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold silver price today: सोने चांदी के भाव में आज तेजी देखने को मिल रही है। घरेलू बाजार में आज दोनों के वायदा भाव तेजी के साथ खुले।खबर लिखे जाने के समय सोने के वायदा भाव 87,400 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे, जबकि चांदी के भाव 89,000 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे।अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने चांदी के भाव आज तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
सोने के भाव चढ़े
सोने के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट आज 631 रुपये की तेजी के साथ 87,559 रुपये के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 86,928 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 507 रुपये की तेजी के साथ 87,435 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 87,576 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 87,380 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने इस महीने 91,423 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
चांदी चमकी
चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेज रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 650 रुपये की तेजी के साथ 88,898 रुपये पर खुला। पिछला बंद भाव 88,248 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 794 रुपये की तेजी के साथ 89,042 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 89,088 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 88,799 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव ने इस साल 1,01,999 रुपये किलो के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने चांदी के भाव चमके
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। Comex पर सोना 2,997.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 2,973.60 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 37.80 डॉलर की तेजी के साथ 3,011.40 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। पिछले सप्ताह सोने के वायदा भाव ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। Comex पर चांदी के वायदा भाव 30.09 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 29.60 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.42 डॉलर की तेजी के साथ 30.03 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
MCX, Comes पर भाव
MCX
Open
Last Close
LTP
सोना
87559
86,928
87,435
चांदी
88,898
88,248
89,042
Comex
Open
Last Close
LTP
सोना
2,997.40
3,011.40
3046.30
चांदी
30.09
29.69
30.03
(नोट: mcx में सोने के वायदा भाव रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी रुपये प्रति किलो में हैं। कॉमेक्स में दोनों के वायदा भाव डॉलर प्रति ओंस में हैं। last trading price (LTP) खबर लिखे जाने के समय के हैं।)
भारत बना iPhone का नया सप्लाई हब, ₹1.5 लाख करोड़ के रिकॉर्ड शिपमेंट से दुनियाभर में धूम मचाई!
8 Apr, 2025 11:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऐपल ने वित्त वर्ष 2025 में भारत से 1,50,000 करोड़ रुपये मूल्य (एफओबी) के आईफोन का निर्यात किया है। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा न केवल 76 फीसदी अधिक है बल्कि यह उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत कंपनी के तय लक्ष्य का दोगुना भी है। ऐपल के वेंडरों द्वारा सरकार को दिए आंकड़ों से यह पता चला है।
ऐपल ने यह कारनामा ऐसे समय में किया है जब अमेरिका ने भारत सहित दुनिया के तमाम देशों पर ऊंचा शुल्क लगा दिए हैं। इन शुल्कों से भारत से होने वाले निर्यात पर अनिश्चितताओं के बादल छा गए हैं। वित्त वर्ष 2024 में 85,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी ने पीएलआई योजना के तहत 74,900 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन निर्यात का लक्ष्य रखा था।
आईसीईए के अनुमानों के अनुसार भारत से स्मार्टफोन के कुल निर्यात में ऐपल की हिस्सेदारी बढ़कर 75 फीसदी तक पहुंच जाएगी। आईसीईए ने कहा कि भारत से 2,00,000 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन के निर्यात होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष प्रत्येक महीने औसतन 12,500 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 7,083 करोड़ रुपये रहा था। ऐपल के प्रवक्ता से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
आईसीईए के अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में स्मार्टफोन का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2024 (1,30,000 करोड़ रुपये) की तुलना में 53 प्रतिशत से अधिक रहा।
देश से स्मार्टफोन ने कुल निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है। वित्त वर्ष 2024 में स्मार्टफोन के कुल निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी 66 फीसदी रही। अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में इसका हिस्सा बढ़कर 75 फीसदी तक पहुंच सकता है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही में एक और कीर्तिमान बना डाला। कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही में 55,000 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के आईफोन का निर्यात किया। जनवरी में कंपनी ने 18,000 करोड़ और फरवरी में 17,500 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया था।
मगर मध्य फरवरी में अमेरिका की तरफ से शुल्क लगाने की धमकी के बाद से कंपनी अमेरिका के लिए अतिरिक्त भंडार तैयार करने के लिए अपनी क्षमता धीरे-धीरे बढ़ाती रही और मार्च में कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया।
आईसीईए के अनुसार उद्योग के स्तर पर मार्च में कुल 23,634 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। मगर अब अमेरिका द्वारा शुल्कों की घोषणा के बाद भारत सहित दुनिया में खलबली मच गई है। अमेरिका ने भारत पर भी 26 फीसदी शुल्क लगा दिया है जिससे यहां से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं एवं आईफोन का निर्यात प्रभावित हो सकता है।
आईसीईए ने अनुमान जताया है कि भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 10 अरब डॉलर से अधिक हो गया है, जो वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 78 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया था जिसमें आईफोन की बड़ी हिस्सेदारी थी। साल की पहली तिमाही में ऐपल हमेशा कम निर्यात करती है मगर दूसरी तिमाही में अक्सर इसमें तेजी आती दिखी है।
सरकार ने वर्ष 2021 में जब से पीएलआई योजना की शुरुआत की है तब से भारत से स्मार्टफोन के निर्यात में शानदार इजाफा हुआ है। पीएलआई योजना पांचवें साल में पहुंच गई है और इसका आखिरी साल भी है। पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत से स्मार्टफोन का निर्यात लगभग 10 गुना बढ़ चुका है। वित्त वर्ष 2021 में भारत ने 22,686 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया था। भारत से स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2015 में 167वें स्थान पर हुआ करता था मगर दिसंबर 2024 तक यह सुधरकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया। स्मार्टफोन के निर्यात से इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2021 में भारत से निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का स्थान सातवें स्थान पर था मगर वित्त वर्ष 2024 के अंत में यह बढ़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। इससे उत्साहित होकर सरकार ने 28 मार्च को 22,919 करोड़ रुपये मूल्य की इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जा विनिर्माण योजना की घोषणा की है।