व्यापार
ईवी क्रांति अब स्वास्थ्य क्षेत्र में, PM E-DRIVE योजना को मिला ऑटो इंडस्ट्री का समर्थन
15 Apr, 2025 11:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चार प्रमुख मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) कंपनियां – फोर्स मोटर्स, टाटा मोटर्स, मारुति सुजूकी इंडिया और ईकेए मोबिलिटी ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के तहत इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस (ई-एम्बुलेंस) के विनिर्माण में दिलचस्पी दिखाई है। दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
जहां फोर्स मोटर्स और टाटा मोटर्स ने लिखित रूप से प्रतिबद्धता जताई है, वहीं मारुति और ईकेए ने अभी तक अपनी लिखित प्रतिबद्धता नहीं दी है। ये दोनों दिशानिर्देश जारी होने का इंतजार कर रही हैं। ईकेए ऐसी स्टार्टअप कंपनी है, जो इलेक्ट्रिक बसें और छोटे इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन बनाती है।
मारुति के मामले में कंपनी ई-एम्बुलेंस के लिए अपनी हाइब्रिड श्रेणी टटोल रही है। यही इकलौती ऐसी श्रेणी है, जिसमें हाइब्रिड कारें शामिल हैं। हालांकि इनमें से किसी भी ओईएम ने अभी तक वॉल्यूम की अपेक्षाओं का संकेत नहीं दिया है, क्योंकि यह दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस योजना के लिए दिशानिर्देश या पात्रता मानदंड और सब्सिडी की राशि को भारी उद्योग और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘एक बार दिशानिर्देश जारी हो जाएं, फिर ओईएम एक प्रोटोटाइप बनाएंगी, जिसके बाद ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा परीक्षण मानकों की मंजूरी दी जाएगी। तब हमें संख्या पता चलेगी।’
दिशानिर्देशों में मोटे तौर पर इस योजना के तहत आने वाली ई-एम्बुलेंस के प्रकार के बारे में बताए जाने की उम्मीद है, जिससे ओईएम के लिए यह स्पष्ट होगा कि वे भाग ले सकती हैं या नहीं और सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं या नहीं।
ऊपर जिन ओईएम का उल्लेख किया गया है, उन्हें भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला। जहां फोर्स मोटर्स, मारुति सुजूकी और ईकेए ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, वहीं टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि सरकार के साथ बातचीत अभी शुरुआती चरण में है।’
भारी उद्योग मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया। देश में मुख्य रूप से चार प्रकार की एम्बुलेंस होती हैं – मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर, मरीज को ले जाने वाली, बेसिक लाइफ सपोर्ट और एडवांस लाइफ सपोर्ट। दिशानिर्देशों से यह निर्धारित होगा कि कौन-सी ओईएम इस योजना में भाग ले सकती हैं, क्योंकि सभी विनिर्माताओं के पास इन सभी चार श्रेणियों में एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हैं।
Uber-BluSmart गठबंधन से बढ़ेगी ईवी कैब्स की पहुंच, दिल्ली-NCR में शुरुआत
15 Apr, 2025 10:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इलेक्ट्रिक राइड हेलिंग स्टार्टअप ब्लू स्मार्ट अपने परिचालन के लिए हाइब्रिड मॉडल लाने पर विचार कर रही है। इसके तहत इसकी सेवाएं इसके अपने प्लेटफॉर्म के साथ-साथ राइड हेलिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी उबर पर भी मौजूद रहेंगी। सूत्रों के मुताबिक, अब ब्लू स्मार्ट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की कैब उबर ग्रीन श्रेणी के तहत उबर प्लेटफॉर्म पर भी मौजूद रहेगी। उबर ग्रीन श्रेणी के तहत सिर्फ इलेक्ट्रिक विकल्पों की पेशकश करती है।
उबर ग्रीन चार शहरों में मौजूद है और इसकी ग्रीन सेवाएं फ्लीट पार्टनर्स के साथ साझेदारी में शुरू की गई है। फिलहाल, उबर ने लीथियम अर्बन टेक्नॉलजीज, एवरेस्ट फ्लीट, मूव और रीफेक्स ग्रीन मोबिलिटी के साथ साझेदारी की है। यह साल 2040 तक वैश्विक स्तर पर शून्य उत्सर्जन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म बनने की उबर की वैश्विक पहल के अनुरूप है।
सूत्रों ने संकेत दिया कि ब्लूस्मार्ट को व्यापक रेंज प्रदान करने और उनके वाहनों के परिचालन में सुधार करने के लिए इस मॉडल को अपनाया जा रहा है। फिलहाल भारत में ब्लूस्मार्ट के बेड़े में 8,500 कार हैं और दिल्ली-एनसीआर में सबसे बड़ा है।
FPI पर सख्ती: भारत ने मॉरीशस आधारित निवेशकों को भेजे नोटिस
15 Apr, 2025 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आयकर विभाग ने भारत-मॉरीशस संधि के तहत कर लाभ का दावा करने वाले मॉरीशस के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की जांच-पड़ताल तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार पिछले दो हफ्ते के दौरान मॉरीशस के आधा दर्जन से अधिक एफपीआई को उनके कर निवास प्रमाण पत्र (टीआरसी) के संबंध में आयकर विभाग से नोटिस मिले हैं।
घटनाक्रम के जानकार एक सूत्र ने कहा, ‘कर विभाग ने टीआरसी आवेदन की प्रतियां देने का अनुरोध किया है। कुछ एफपीआई प्रशासकों ने मॉरीशस में स्थायी व्यवसाय स्थान घोषित नहीं किया है, ऐसे में उन्हें कर लाभ देने से मना किया जा सकता है। 5 से 7 एफपीआई को डेरिवेटिव आय पर कर वसूली का नोटिस मिला है।’
पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय ने टीआरसी पर दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें विदेशी निवेशकों के लिए कम कर दरों का समर्थन किया गया था। ब्लैकस्टोन कैपिटल पार्टनर्स से जुड़े इस मामले में अंतिम सुनवाई लंबित है।
कानून के जानकारों का कहना है कि दोहरा कराधान निषेध संधि (डीटीएए) और आयकर अधिनियम के अनुसार टीआरसी संधि साझेदार देश में करदाता के निवास की पुष्टि करता है मगर इसे संधि लाभों के लिए व्यापक अधिकार के रूप में नहीं माना जा सकता है। सिंघानिया ऐंड कंपनी में पार्टनर कुणाल शर्मा ने कहा, ‘टीआरसी के साथ-साथ, इसे संधि की अन्य शर्तों को भी पूरा करना चाहिए जैसे कि लाभ की सीमा (एलओबी) या मुख्य उद्देश्य परीक्षण (पीपीटी) प्रावधान जिनका उद्देश्य संधि के दुरुपयोग को रोकना है। कर अधिकारी इस बात के सबूत मांग रहे हैं कि संधि लाभों का दावा करने वाली इकाई वास्तविक व्यवसाय संचालित करती है और वह माध्यम नहीं है।’
कई कर विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय न्यायालयों ने टीआरसी को करदाता की आवास स्थिति के निर्णायक सबूत के रूप में मान्यता दी है और इस प्रकार वे लाभ का दावा करने के लिए पात्र हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म सीएनके के पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग ने कहा, ‘कभी-कभी व्यावहारिक कठिनाइयां हो सकती हैं, जिसमें कर विभाग द्वारा विभिन्न प्रारूपों और/या पूरे विवरण की कमी के कारण आपत्ति उठाई जा सकती हैं। हालांकि ये संधि लाभ से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है।’
ध्रुव एडवाइजर्स में पार्टनर पुनीत शाह ने कहा, ‘कर अधिकारी विनियामक फाइलिंग, लाभकारी स्वामित्व घोषणा और बोर्ड गतिविधियों सहित एफपीआई की पृष्ठभूमि की बारीकी से जांच कर रहे हैं, खास तौर पर मॉरीशस और सिंगापुर के एफपीआई की।’
विशेषज्ञों ने आगाह किया कि जांच से मुकदमेबाजी के मामले बढ़ सकते हैं। नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार 3.57 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ मॉरीशस एफपीआई निवेश के मामले में पांचवें स्थान पर है।
आज जिसने बाजार को पकड़ा, उसने कमाया तगड़ा पैसा! सेंसेक्स-निफ्टी में आग
15 Apr, 2025 10:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार (15 अप्रैल) को लगातार दूसरे दिन जोरदार तेजो के साथ ओपन हुए। अमेरिकी प्रशासन की तरफ से 75 से ज्यादा देशों पर टैरिफ पॉज के बाद अमेरिकी बाजारों में तेजी आई तेजी है। इसका असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। वहीं, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के अवसर पर सोमवार (4 अप्रैल) को भारतीय शेयर बाजार बंद रहे। जबकि शुक्रवार को बाजार 2% के आस-पास चढ़कर बंद हुए थे।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 15 अप्रैल को 1600 अंक से ज्यादा उछलकर 76,852.06 पर ओपन हुआ। जबकि शुक्रवार को यह 75,157 पर बंद हुआ था। सुबह 9:20 बजे सेंसेक्स 1515.44 अंक या 2.02% की तेजी के साथ 76,672.70 पर था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी बंपर तेजी के साथ 23,368.35 पर ओपन हुआ। सुबह 9:20 यह 539.80 अंक या 2.36% की जोरदार तेजी के साथ 23,368 पर था।
निवेशकों ने 10 सेकंड में कमाएं ₹5 लाख करोड़
बाजार में तेजी के साथ निवेशकों की वेल्थ में भी जोरदार इजाफा हुआ है। बाजार की खुलते ही निवेशकों की संपत्ति 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप बाजार खुलते ही 407,99,635 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुक्रवार को यह 402,34,966 करोड़ रुपये था। इस तरह निवेशकों की वेल्थ 10 सेकंड में 564,669 करोड़ रुपये बढ़ गई।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?
वॉल स्ट्रीट पर सोमवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.78 प्रतिशत बढ़कर 40,524.79 पर बंद हुआ। नैस्डैक कंपोजिट 0.64 प्रतिशत चढ़कर 16,831.48 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 0.79 प्रतिशत बढ़कर 5,405.97 पर बंद हुआ। हालांकि, वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स कम कारोबार कर रहा था। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज वायदा 0.2 प्रतिशत गिरा। एसएंडपी 500 वायदा और नैस्डैक 100 फ्यूचर्स क्रमशः 0.2 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत नीचे थे।
इस बीच, एशियाई बाजारों में मंगलवार को वॉल स्ट्रीट पर बढ़त के बाद तेजी देखी गई। जापान का बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 1.18 प्रतिशत ऊपर था। साउथ कोरिया का कोस्पी 0.51 प्रतिशत चढ़कर कारोबार कर रहा था। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 0.38 प्रतिशत ऊपर था।
निवेशकों की महंगाई के आंकड़ों पर भी नजर
इस बीच, निवेशक भारत के मार्च महीने के खुदरा और थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ-साथ IREDA और MRP एग्रो जैसी कंपनियों की चौथी तिमाही की नतीजों का भी इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा भारत का इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा (ईएमएस) क्षेत्र मौजूदा टैरिफ युद्ध से तुलनात्मक रूप से लाभान्वित हो सकता है। जकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए 23,000 करोड़ रुपये की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना मार्जिन को और बढ़ा सकती है और व्यापक उत्पाद मिश्रण को सक्षम कर सकती है।
शुक्रवार को कैसी थी बाजार की चाल?
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) शुक्रवार को 1310.11 अंक या 1.77% की तेजी लेकर 75,157.26 पर बंद हुआ। निफ्टी 429.40 अंक या 1.92% के उछाल के साथ 22,828.55 पर क्लोज हुआ।
ट्रंप के टैरिफ पर 90 दिन की रोक से राहत
ट्रंप एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अमेरिका, ज्यादातर देशों से होने वाले आयात पर अगले तीन महीनों तक नया टैरिफ नहीं लगाएगा। इस घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में उम्मीद का माहौल बना है। इससे भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण को जल्द अंतिम रूप देने का रास्ता साफ हो सकता है।
हालांकि, ट्रंप सरकार ने चीन से होने वाले आयात पर कुल शुल्क को बढ़ाकर 145% कर दिया है। इसके बावजूद कुछ खास श्रेणियों जैसे—कॉपर, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर्स और ऊर्जा उत्पादों को इस बढ़े हुए शुल्क से छूट दी गई है। इससे ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता बनी हुई है और एशिया-पैसिफिक के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है।
Lamborghini India की बागडोर अब निधि कैस्था के हाथ, कंपनी को भारत में विस्तार की उम्मीद
14 Apr, 2025 05:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इटली की सुपर लग्जरी कार निर्माता कंपनी ऑटोमोबिली लैम्बोर्गिनी ने निधि कैस्था को लैम्बोर्गिनी इंडिया का नया प्रमुख नियुक्त किया है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में बताया कि इस नई भूमिका में निधि भारत में बिक्री, मार्केटिंग और बिक्री के बाद की सेवाओं की जिम्मेदारी संभालेंगी। भारत, लैम्बोर्गिनी के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र का छठा सबसे बड़ा बाजार है। निधि के पास हॉस्पिटैलिटी, विमानन और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 25 साल से ज्यादा का अनुभव है, जो उनकी नई जिम्मेदारी में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
25 साल का अनुभव और पोर्श में शानदार प्रदर्शन
लैम्बोर्गिनी ने अपने बयान में कहा कि निधि कैस्था ने हाल ही में पोर्श इंडिया में रीजनल सेल्स और प्री-ओन्ड कार्स मैनेजर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्होंने बिक्री और ग्राहक संतुष्टि के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी उपलब्धियों ने व्यवसाय की सफलता को और मजबूत किया। कंपनी का मानना है कि निधि का अनुभव और नेतृत्व भारत में लैम्बोर्गिनी की बढ़ोतरी को नई दिशा देगा। एशिया प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक फ्रांसेस्को स्कार्डोनी ने कहा, “निधि के पास ऑटोमोबाइल उद्योग का गहरा अनुभव है। हमें विश्वास है कि उनकी रणनीतिक सोच भारत में कंपनी की प्रगति को और बढ़ाएगी।”
लैम्बोर्गिनी ने कहा कि निधि कैस्था के नेतृत्व में भारत में कंपनी की लोकप्रियता और बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। उनकी नियुक्ति से ब्रांड की छवि और मजबूत होगी।
भारत में लैम्बोर्गिनी की योजनाएं
लैम्बोर्गिनी वर्तमान में भारत में मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में तीन डीलरशिप के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रही है। कंपनी का कहना है कि भारत में लग्जरी कारों के प्रति उत्साह बढ़ रहा है और ग्राहकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। लैम्बोर्गिनी भारत में अपने कारोबार को और विस्तार देने की योजना बना रही है। स्कार्डोनी ने कहा, “भारत में लैम्बोर्गिनी के लिए अपार संभावनाएं हैं। हम देश में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना चाहते हैं और ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” कंपनी नए अवसरों की तलाश में है ताकि ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं दी जा सकें।
सांची और NDDB के बीच हुआ एमओयू, दुग्ध उत्पादन में सहयोग बढ़ेगा
14 Apr, 2025 11:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेरी महासंघ (ब्रांड नाम सांची) ने रविवार को राजधानी भोपाल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के बाद प्रदेश में सहकारी दुग्ध समितियों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 9,000 करने की योजना है। ऐसा करने से बड़ी संख्या में खुले बाजार में दूध बेचने वाले पशुपालक समितियों को दूध बेचकर सही मूल्य पा सकेंगे।
सरकार की योजना प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को वर्तमान 5.50 करोड़ लीटर रोजाना से बढ़ाकर 5 साल में दोगुना करने की है। मध्य प्रदेश इस समय उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद देश में तीसरा सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक प्रदेश है।
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के साथ अनेक अधिकारी मौजूद रहे। मध्य प्रदेश दुग्ध संघ और एनडीडीबी के बीच एमओयू तहत एनडीडीबी प्रदेश के छह दुग्ध संघों का अधिग्रहण कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में प्रयास करेगा। ये दुग्ध संघ हैं- भोपाल सहकारी दुग्ध संघ, इंदौर सहकारी दुग्ध संघ, उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ, ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ, जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ और बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ।
बरकरार रहेगा सांची ब्रांड
प्रदेश के पशुपालन और डेरी राज्य मंत्री लखन पटेल ने बताया कि सांची और एनडीडीबी के बीच अनुबंध के बावजूद न तो सांची का ब्रांड नेम परिवर्तित होगा और न ही लोगो में बदलाव किया जाएगा। परंतु प्रदेश के सहकारी दूध संघों के संचालन का काम अब एनडीडीबी संभालेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में सहकारी समितियां जल्दी ही पेट्रोल पंपों के संचालन और रसोई गैस के वितरण का काम भी संभालेंगी। शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश के सहकारिता क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता राज्य का विषय है और भारत सरकार राज्य सूची में कोई परिवर्तन नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय द्वारा बनाए गए मॉडल बायलॉज को सभी राज्यों ने अपनाया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संवाददाताओं से कहा था, ‘राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन में मध्य प्रदेश का योगदान करीब 9 प्रतिशत है। हमारी सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की दिशा में काम करने का फैसला किया है। हम 14 अप्रैल को डॉ. बी.आर. आंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनके नाम पर एक नई योजना शुरू कर रहे हैं। इसका उद्देश्य गायों का संरक्षण, दूध का उत्पादन क्षमता बढ़ाना और किसानों की आय बढ़ाना है।‘
घोटाले के 6 साल बाद गिरफ्त में आया मेहुल चोकसी, बेल्जियम से जल्द हो सकती है भारत डिपोर्टेशन
14 Apr, 2025 11:25 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
PNB घोटाले का आरोपी भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में पकड़ लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए बेल्जियम पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। चोकसी कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम आया था, लेकिन जांच एजेंसियों को शक था कि वह वहां से स्विट्ज़रलैंड भागने की कोशिश कर रहा है।
ED और CBI की लगातार निगरानी में था चोकसी
जैसे ही भारतीय एजेंसियों को चोकसी की बेल्जियम में मौजूदगी की सूचना मिली, वे तुरंत सक्रिय हो गईं। बेल्जियम प्रशासन ने भारत को अलर्ट कर दिया और CBI और ED को उससे जुड़ी जानकारियां भेजीं। दोनों एजेंसियों ने जरूरी दस्तावेज, ओपन अरेस्ट वॉरंट और बाकी कागजात बेल्जियम की एजेंसियों को भेजे, जिससे गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी हो सके।
बेल्जियम प्रशासन की मदद से हुई गिरफ्तारी
बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई करते हुए चोकसी को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि भारत पहले ही उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध कर चुका था, जिस पर अब तेजी से काम हो रहा है। चोकसी को भारत लाने की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।
2018 में एंटीगुआ भागा था मेहुल चौकसी, बेल्जियम में छिपाई भारत की नागरिकता
साल 2018 में देश छोड़कर फरार हुआ चौकसी ने बेल्जियम में गिरफ्तारी के समय अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता छिपाने की कोशिश की थी।
चौकसी ने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी और अगले ही साल यानी 2018 में अपने परिवार के साथ भारत से फरार हो गया था। तब से ही भारतीय एजेंसियां उसे ढूंढ रही थीं। इससे पहले वह डोमिनिका में भी पकड़ा जा चुका है, लेकिन वहां 51 दिन जेल में रहने के बाद उसे ब्रिटेन की क्वीन की प्रिवी काउंसिल से राहत मिल गई थी।
PNB घोटाले में शामिल है मेहुल चौकसी
मेहुल चौकसी की कंपनी ‘गीतांजलि जेम्स लिमिटेड’ को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब 2018 की शुरुआत में वह अचानक देश छोड़कर भाग गया। चौकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से करीब ₹13,500 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है।
आरोप है कि 2014 से 2017 के बीच मेहुल चौकसी ने PNB के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए ₹6,098 करोड़ का नुकसान बैंक को पहुंचाया।
अब जबकि उसे बेल्जियम में पकड़ा गया है, भारतीय एजेंसियों को उम्मीद है कि उसे भारत लाने की प्रक्रिया फिर से आगे बढ़ेगी।
महंगाई और छोटे घरों से जूझते लोग: सेकंड होम की ओर बढ़ रहा रुझान, 20% की डिमांड बढ़ी
14 Apr, 2025 07:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महानगरों में घरों का आकार छोटा होने के कारण, दूसरे घर (सेकंड होम) की मांग बढ़ रही है। ये घर मुख्य रूप से शहरों के बाहरी इलाकों में मनोरंजन के लिए इस्तेमाल होते हैं और अब इसमें दोहरे मकसद से निवेश किया जा रहा है। प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को मिलने वाले कर लाभ और घरेलू खरीदारों के लिए आकर्षक विकल्प के कारण इन प्रॉपर्टी को दो वजहों, जीवनशैली को बेहतर बनाने और रणनीतिक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में अहम माना जा रहा है।
देश के रियल एस्टेट डेवलपर के राष्ट्रीय संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अध्यक्ष बमन ईरानी कहते हैं, ‘पिछले दो वर्षों में उभरते हुए सेकंड होम सेगमेंट में प्लॉट और हॉलिडे होम की बिक्री लगभग 15-20 प्रतिशत बढ़ी है। प्रमुख महानगरों से 100-150 किलोमीटर की दूरी वाली जगहों में खरीदारों की दिलचस्पी में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है जिसका कारण बेहतर बुनियादी ढांचा और बेहतर कनेक्टिविटी है।’
भारतीय शहरों में ऐसे सेकंड होम की मांग बढ़ रही है जहां विस्तार किए जाने लायक हरियाली वाले स्थान हों। उदाहरण के तौर पर बेंगलूरु में, नंदी हिल्स और बन्नेरघट्टा नैशनल पार्क के पास जिगनी उभरती हुई जगहों में शामिल है। वहीं चेन्नई में, ईसीआर पर महाबलीपुरम और कोवलम मुख्य सड़क पर समुद्र तट के किनारे वाले घरों के कारण खरीदार आकर्षित होते हैं।
मुंबई में अलीबाग और कर्जत में अच्छी-खासी मांग देखी जा रही है जबकि पुणे के लोगों की दिलचस्पी लोनावाला में है। वहीं दिल्ली में छतरपुर और महरौली-गुड़गांव रोड (सुल्तानपुर) में मौजूद फार्महाउस काफी लोकप्रिय हैं।
सेकंड होम की कीमत आमतौर पर 1 करोड़ से 3.5 करोड़ रुपये के दायरे में है और प्रॉपर्टी का आकार 1,000 से 3,000 वर्गफुट तक है। केंद्रीय बजट 2025 में किराये में स्रोत पर कर कटौती को सरल बनाया गया जिसके कारण घर के मालिकों को दो प्रॉपर्टी को कर मुक्त बताने का दावा करने का मौका मिला।
एनारॉक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी कहते हैं, ‘नॉमिनल किराये की आय पर कराधान हटाने से घर खरीदने के रुझान को बढ़ावा मिलता है और इससे रियल एस्टेट निवेश विशेषतौर पर सेकंड होम के बाजार में वृद्धि होती है।’ एटमॉस्फेयर लिविंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संदीप आहूजा ने कहा, ‘2025 के बजट में सेकंड होम में आयकर राहत जैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन ने उन्हें जीवनशैली को बेहतर बनाने और ठोस निवेश दोनों ही रूप में अधिक आकर्षक बना दिया है।’
बाजार के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि अति धनाढ्य व्यक्ति (एचएनआई) अपनी पसंदीदा पर्यटन स्थलों वाली जगहों पर छुट्टियां बिताने वाली जगह के लिए या सेकंड होम के लिए निवेश करते हैं और कई पेशेवर अपना करियर खत्म होने के बाद भविष्य में रहने के लिए रिटायरमेंट होम में निवेश करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई अमीर भारतीय अपनी सुविधा के लिए और अपने कारोबार और परिवारों के करीब रहने के लिए कई शहरों में दूसरे घर रखते हैं। ये कारक रियल एस्टेट कंपनियों को इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने और भीड़ से अलग दिखने के लिए कुछ अनूठी बिक्री सेवाओं के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कुशमैन ऐंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक (आवासीय सेवाएं) शालिन रैना ने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी जैसे कि एक्सप्रेसवे आदि और प्रमुख सेकंड होम वाले लोकेशन के लिए सीधी उड़ानें, इस मांग को और बढ़ाएंगी।
रैना ने आगे कहा, ‘इन स्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर बनाना भी महत्वपूर्ण होगा, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए। आखिर में सतत विकास का समर्थन करने वाली और उभरते सेकंड होम बाजारों में रियल एस्टेट निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां इस श्रेणी के दीर्घकालिक विकास में योगदान देंगी।’
सत्व समूह में बिक्री, मार्केटिंग और सीआरएम की उपाध्यक्ष करिश्मा सिंह ने सरकारी प्रोत्साहनों से प्रेरित होकर आवासीय बाजार में प्रवेश करने वाली महिलाओं की बढ़ती तादाद पर जोर दिया।
मुंबई के इरा लाइफस्पेस के संस्थापक विकास सुतारिया वेलनेस आधारित सुविधाओं और हरियाली वाली लक्जरी विला परियोजनाओं की मांग में बढ़ोतरी देख रहे हैं जिसके कारण यह सेकंड होम निवेशकों के लिए तेजी से लोकप्रिय विकल्प बन रहा है। सुतारिया कहते हैं, ‘हम लोनावाला और अलीबाग जैसी जगहों में प्रीमियम सेकंड होम का बेहतर अनुभव देकर इस बढ़ती मांग का रणनीतिक रूप से फायदा कर रहे हैं। हमारा ध्यान बेहतरीन सुविधाओं के साथ लक्जरी विला वाला समुदाय तैयार करने पर है। इसके अतिरिक्त, हम अपनी पेशकश को एचएनआई, एनआरआई और शहरी पेशेवरों की आकांक्षाओं के साथ जोड़ रहे हैं जो एक सेकंड होम की तलाश में हैं और यह बेहतरीन जीवन शैली का अनुभव देने के साथ ही एक ठोस निवेश भी साबित हो।’
शहरीकरण और रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों के चलते महानगरों में घर का आकार छोटा हो रहा है और इसके कारण ही घरों के खरीदार शहर के बाहरी इलाकों में दूसरे घरों में निवेश करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं जहां काफी बड़े घर का विकल्प मिल सकता है।
वाधवा समूह के सीईओ (टाउनशिप) संदीप संथालिया कहते हैं, ‘इसके अलावा इन क्षेत्रों में बंगले और प्लॉट पर विकास करने की प्राथमिकता बढ़ रही है क्योंकि घर खरीदने वाले रहने की बड़ी जगह की तलाश करते हैं जो बेहतर और व्यापक जीवन शैली वाली उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’ समूह ने प्रमुख स्थानों में प्लॉट का विकास करने, बंगले और एकीकृत टाउनशिप पर अपना ध्यान देना शुरू किया है। साथ ही यह सेकंड होम खरीदारों और बड़े तथा आधुनिक घरों की तलाश करने वालों को लक्षित कर रहा है। भारत में रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र रहा है जिस संपत्ति वर्ग की कीमत लगातार बढ़ती रही है। ऐसे में सेकंड होम एक बेहतर निवेश है। सत्व की करिश्मा सिंह कहती हैं, ‘ये आपको निवेश को अलग-अलग जगहों पर लगाने, संपत्ति को सुरक्षित रखने और महंगाई से सुरक्षा देने के लिए अहम हैं क्योंकि ये असल संपत्ति के रूप में मौजूद होते हैं। साथ ही रिटायर होने के बाद अच्छी जगहों पर रहने के लिहाज से भी ये बेहतर साबित हो रहे हैं।’
भारत-अमेरिका में बढ़ेगी व्यापारिक नजदीकी! इस हफ्ते से शुरू होंगी अहम बातचीत
14 Apr, 2025 07:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका की नजर ‘90 दिनों में 90 व्यापार करार’ करने पर है। ऐसे में भारत और अमेरिका प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर वर्चुअल तरीके से क्षेत्र-विशिष्ट से संबंधित चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं। इसका उद्देश्य मई के अंत तक उन क्षेत्रों को अंतिम रूप देना है जहां बातचीत सुगमता से पूरी हो सकती है। दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत क्षेत्र विशेष को लेकर बातचीत इस सप्ताह वर्चुअल रूप से शुरू होगी जो आगे आमने-सामने की औपचारिक वाता के लिए आधार तैयार करेगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘बातचीत में कुछ पहलुओं पर समय लगता है। हमारी टीमें वर्चुअल बातचीत में जुटी हुई हैं। उम्मीद है कि अगले 6 हफ्तों में हमें यह पता चल जाएगा कि किन क्षेत्रों पर चर्चा करने में ज्यादा वक्त लगेगा और कहां बातचीत तेजी से निपटाई जा सकती है।’
उक्त अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ हफ्ते में दोनों देशों में शुल्क और व्यापक आर्थिक नीतियों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ऐसे लक्ष्यों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसे सही मायने में प्राप्त किया जा सकता है।
यह घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा पिछले सप्ताह अधिकांश देशों पर लगाए गए उच्च जवाबी शुल्क को वापस लेने के निर्णय की पृष्ठभूमि में हुआ है। अमेरिकी प्रशासन ने मंदी और मुद्रास्फीति के डर के बीच चीन को छोड़कर देश-विशिष्ट पर लगाए गए जवाबी शुल्कों को 90 दिनों के लिए रोक दिया है। वर्तमान में अमेरिका अपने यहां आयात होने वाले सामान पर सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र शुल्क के अलावा 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क वसूल रहा है। ट्रंप ने कहा था कि जवाबी शुल्क पर अस्थायी रोक से देशों को अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने की सहूलियत मिलेगी।
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि भारत को पहले कदम उठाने का फायदा होगा क्योंकि दोनों देशों ने जवाबी शुल्क की घोषणा से पहले ही व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू कर दी थी। फरवरी में भारत और अमेरिका ने साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का इरादा किया था।
भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं मगर 9 जुलाई तक अंतरिम व्यापार करार करने का भी प्रयास कर रहे हैं, बशर्ते बातचीत सही दिशा में आगे बढ़े और दोनों देशों के हित में हो।
अधिकारी ने कहा, ‘द्विपक्षीय व्यापार करार का पहला चरण साल के अंत तक पूरा हो सकता है। हालांकि हम एक ऐसे व्यापक करार की संभावना
तलाश कर रहे हैं जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो। हम सौदे के अगले चरण पर चर्चा जारी रख सकते हैं। छह महीने में सब कुछ नहीं हो सकता।’
काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के प्रतिष्ठित प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा कि 90 दिनों में किसी समझौते पर हस्ताक्षर करना मुश्किल है। बाजार पहुंच के लिए द्विपक्षीय बातचीत की जा सकती है। अगर अमेरिका भारत पर कुछ कानूनों या नियमों में बदलाव करने का दबाव डालता है तो इसे सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र के आधार पर (सभी देशों के लिए) किया जाना चाहिए।’
20 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ जियो-हॉटस्टार बना भारत का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म
14 Apr, 2025 07:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जियोहॉटस्टार के उपभोक्ताओं की संख्या शुक्रवार को 20 करोड़ के पार पहुंच गई। इस ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म की कामयाबी में मौजूदा आईपीएल का अहम योगदान रहा है। एक सूत्र के अनुसार जियोहॉटस्टार दुनिया के सबसे बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म में शुमार हो गई।
सूत्र के अनुसार जब 14 फरवरी को जियोहॉटस्टार के रूप में इस ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत हुई थी तब उसके 5 करोड़ उपभोक्ता थे और 22 मार्च को आईपीएल शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर इसके उपभोक्ताओं की संख्या 10 करोड़ पार कर गई।
कंपनी ने अपने ओटीटी उपभोक्ताओं की संख्या पर तो कुछ नहीं कहा मगर जियोस्टार के मुख्य कार्याधिकारी (खेल) संजोग गुप्ता ने बताया, ‘20 लाख से अधिक घरों में परंपरागत टेलीविजन पर हमारा ओटीटी देखा जा रहा है। आईपीएल के कारण पिछले तीन हफ्तों के दौरान पे टीवी खंड में भी हम 20 लाख से अधिक घरों में पहुंच चुके हैं। ‘
सूत्र ने कहा कि आईपीएल के पहले 24 मैचों में जियोहॉटस्टार को डिजिटल (मोबाइल और कनेक्टेड टीवी) प्लेटफॉर्म पर 800 करोड़ से अधिक व्यू मिले। यह आंकड़ा आईपीएल 2024 के जीवंत डिजिटल व्यू और मैच देखने पर बिताए गए समय की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। गुप्ता ने कहा कि आईपीएल में अंतरराष्ट्रीय विज्ञापनदाता भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पहले ये अंतरराष्ट्रीय विज्ञापनदाता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के लिए जियोस्टार नेटवर्क से जुड़े रहे थे।
गुप्ता ने कहा, ‘दुनिया में क्रिकेट के एक प्रमुख टूर्नामेंट के रूप में आईपीएल की पहचान बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी काफी बढ़ी है। ये अंतरराष्ट्रीय विज्ञापनदाता भी आईपीएल की लोकप्रियता को देखते हुए क्रिकेट के इस भव्य आयोजन से जुड़ना चाहते हैं। आईपीएल ने विज्ञापन राजस्व और सबस्क्रिप्शन दोनों जुटाने के मामले में अहम योगदान दिया है।‘
बाजार में 10 से 20 लाख रुपये कीमत की कारों ने बनाई जगह
13 Apr, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय कार बाजार में अब 10 से 20 लाख रुपये की रेंज में आने वाली कारों ने अपनी खास जगह बना ली है। इन कारों में न केवल दमदार फीचर्स हैं, बल्कि साइज, परफॉर्मेंस और किफ़ायत के लिहाज़ से भी ये खरीदारों को खूब लुभा रही हैं। खास बात यह है कि इस मूल्य वर्ग में कॉम्पैक्ट एसयूवी से लेकर एमपीवी तक कई सेगमेंट के मॉडल मिलते हैं। कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में हाल ही में लॉन्च हुई किआ सिरोस ने बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इसकी कीमत 9 लाख रुपये से शुरू होकर 17.80 लाख रुपये तक जाती है। इसमें ट्रिनिटी पैनोरमिक डिस्प्ले, डुअल सनरूफ और लेवल-2 अडास जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
सिरोस पेट्रोल और डीजल दोनों विकल्पों में उपलब्ध है, जिसमें मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन शामिल हैं। मिड-साइज़ एसयूवी की बात करें तो हुंडई क्रेटा इस सेगमेंट में लंबे समय से बादशाह बनी हुई है। 11.11 लाख से शुरू होकर 20.50 लाख रुपये तक की कीमत वाली इस एसयूवी में तीन इंजन विकल्प मिलते हैं और यह पेट्रोल व डीजल दोनों में उपलब्ध है। वहीं, सेडान पसंद करने वालों के लिए वोक्सवैगन वर्टस एक शानदार विकल्प है। इसकी कीमत 11.56 लाख से लेकर 19.40 लाख रुपये तक है। इसमें 40 से अधिक सेफ्टी फीचर्स के साथ-साथ शानदार इंटीरियर और टर्बो पेट्रोल इंजन के दो विकल्प मौजूद हैं। अगर किसी को 7-सीटर एमपीवी चाहिए तो मारुति सुजुकी एर्टिगा सबसे भरोसेमंद नाम है।
इसकी कीमत 8.84 लाख से 13.13 लाख रुपये तक है। पेट्रोल और सीएनजी दोनों विकल्पों में उपलब्ध एर्टिगा का माइलेज शानदार है और यह देश की सबसे अधिक बिकने वाली एमपीवी बन चुकी है। इन चारों सेगमेंट में इन कारों की लोकप्रियता यह दिखाती है कि 10 से 20 लाख की रेंज अब भारत में नई कार खरीदारों की पहली पसंद बनती जा रही है। बता दें कि भारतीय यात्री वाहन क्षेत्र में आज खरीदारों के पास हर कीमत और सेगमेंट में भरपूर विकल्प मौजूद हैं। एक समय था जब 10 लाख रुपये से कम की कारों की मांग सबसे अधिक थी।
रिजर्व बैंक खरीदेगा 40,000 करोड़ के सरकारी बॉन्ड
13 Apr, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि वह 17 अप्रैल को 40,000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) के जरिए खरीदेगा। इसका मुख्य उद्देश्य है वित्तीय अर्थव्यवस्था में बढ़ती हुई लिक्विडिटी को संभालना। रिजर्व बैंक द्वारा खरीदे जाने वाले बॉन्ड मल्टीपुल विपरीतों के बीच से 2028 और 2039 में मैच्योर किए गए हैं। यह कदम आरबीआई के सिस्टम में शामिल होने वाले हाल ही के कदमों का एक और उदाहरण है जो लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं। इसके अलावा, 3 अप्रैल को आयोजित ओएमओ नीलामी में वित्तीय संस्थानों से 2029 और 2039 के बीच मैच्योर किए गए बॉन्ड पर 80,820 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी। इसके अतिरिक्त, 8 अप्रैल की नीलामी में 2032 और 2039 के बीच मैच्योर होने वाले बॉन्ड पर 70,144 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी। आगामी 3, 8, 22 और 29 अप्रैल को भी 20,000 करोड़ रुपए की चार बराबर किस्तों में आयोजित की जाएगी। इसके अलावा आरबीआई ने मार्च में भी 50,000 करोड़ रुपए की दो किस्तों में 1 लाख करोड़ रुपए की सरकारी सिक्योरिटीज की ओएमओ खरीद की थी। वहीं केंद्रीय बैंक ने 36 महीनों के लिए 10 बिलियन डॉलर की डॉलर-रुपया खरीद/बिक्री स्वैप नीलामी भी आयोजित की थी।
लोकप्रिय ईको वैन को अहम अपडेट्स के साथ पेश
13 Apr, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अपनी लोकप्रिय ईको वैन को मारुति सुजुकी ने 2025 के लिए अहम अपडेट्स के साथ पेश किया है। कंपनी ने वाहन की सुरक्षा और नियामक मानकों पर जोर देते हुए ईको में छह एयरबैग स्टैंडर्ड तौर पर दिए हैं, जो पहले की तुलना में बड़ा सुधार है, क्योंकि पहले इसमें केवल दो फ्रंट एयरबैग होते थे।
यह नया अपडेट इसे मारुति की उन गाड़ियों की सूची में शामिल करता है जो सुरक्षा के मामले में नए मानकों को पूरा कर रही हैं, जैसे ऑल्टो के10, डिजायर और सेलेरियो। सुरक्षा के अन्य पहलुओं में ईको को अब तीन-बिंदु सीटबेल्ट, ईएससी, ईबीडी के साथ एबीएस, रियर पार्किंग सेंसर और सीटबेल्ट रिमाइंडर जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है। वाणिज्यिक और पारिवारिक दोनों तरह के ग्राहकों के लिए यह अब एक सुरक्षित विकल्प बन गया है। कंपनी ने पहले के 7-सीटर वेरिएंट को बंद कर दिया है और अब केवल 6-सीट कॉन्फ़िगरेशन (सभी सीटें आगे की ओर) और 5-सीटर वर्जन ही उपलब्ध हैं। 5-सीटर वर्जन में अब लगेज रिटेंशन हुक जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं।
इंजन पहले जैसा 1.2-लीटर पेट्रोल ही है, लेकिन अब यह ई20 फ्यूल (20 प्रतिशत एथनॉल मिक्स) के अनुरूप है। सीएनजी वर्जन भी जारी है, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूक ग्राहक भी संतुष्ट होंगे। डिज़ाइन में हालांकि ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन अब इसमें नया फैब्रिक अपहोल्स्ट्री, रिक्लाइनिंग फ्रंट सीटें और एयरबैग फिट करने के लिए संशोधित रूफ लाइनर व पिलर ट्रिम्स शामिल हैं।
तहव्वुर राणा ने रखी तीन मांगें, एनआईए ने सभी मानीं, पढ़ंने के लिए दिया कुरआन
13 Apr, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मुंबई हमलों का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा से एनआईए लगातार पूछताछ कर रही है। उससे रविवार को भी पूछताछ की जा रही है। अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाए गए राणा को एनआईए हेडक्वार्टर में हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। इस बीच रिपोर्ट सामने आई है कि उसने कुछ मांगे रखीं, जिन्हें स्वीकार कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राणा ने अब तक एनआईए कस्टडी में तीन मांगें रखी हैं, जिन्हें आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन सभी मांगे बिना किसी विशेष रियायत के दी गई हैं। तहव्वुर राणा ने पढ़ने के लिए कुरआन की मांग की, जिसे तुरंत मान लिया गया। अधिकारियों के मुताबिक वह दिन में पांच बार नमाज अदा करता है। उसने लिखने के लिए पेन और पेपर भी मांगे, जो उसे दे दिए गए हैं। हालांकि इस बात की निगरानी हो रही है कि वह पेन का इस्तेमाल खुद को नुकसान पहुंचाने या किसी अनुचित कार्य के लिए न कर सके। कोर्ट के निर्देश पर राणा को दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी द्वारा नियुक्त वकील से हर वैकल्पिक दिन मिलने की अनुमति दी गई है।
अधिकारियों के मुताबिक राणा को कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है। उसके साथ सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार हो रहा है। राणा की हर 48 घंटे में मेडिकल जांच की जा रही है ताकि उसकी सेहत पर नजर रखी जा सके।
बाइक सीबी300आर की कुछ यूनिट्स को वापस मंगवाने का फैसला
13 Apr, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अपनी प्रीमियम बाइक सीबी300आर की कुछ यूनिट्स को होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने हेडलाइट से जुड़ी तकनीकी खामी के कारण वापस मंगवाने का फैसला किया है। यह रिकॉल 2018 से 2020 के बीच निर्मित यूनिट्स के लिए लागू होगा। कंपनी ने यह कदम वैश्विक स्तर पर उठाए गए ऐसे ही सुधारात्मक एक्शन के अनुरूप उठाया है। कंपनी का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह एहतियातन है और इसके तहत प्रभावित यूनिट्स के खराब हिस्सों को बदला जाएगा। कंपनी ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे ‘होंडा बिगविंग’ वेबसाइट पर जाकर अपनी बाइक की विशिष्ट वाहन पहचान संख्या (वीआईएन) दर्ज करें, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उनकी बाइक इस रिकॉल अभियान के तहत आती है या नहीं। यदि वीआईएन नंबर प्रभावित बैच से मेल खाता है, तो ग्राहक नजदीकी सर्विस सेंटर पर जाकर फ्री में मरम्मत करा सकते हैं।
होंडा सीबी300आर एक प्रीमियम कैटेगरी की बाइक है जिसकी दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत करीब 2.40 लाख रुपये है और ऑन रोड कीमत लगभग 2.73 लाख रुपये तक जाती है। मार्च 2022 में लॉन्च हुई अपडेटेड सीबी300आर में नया बीएस-6 इंजन दिया गया है, हालांकि बाइक के बाकी फीचर्स और स्पेसिफिकेशन लगभग पहले जैसे ही हैं। इस तरह की तकनीकी समस्याओं से ब्रांड की साख पर असर पड़ सकता है, लेकिन कंपनी की ओर से समय रहते उठाया गया।