महाराष्ट्र
मुर्तिजापुर: दूल्हे का CIBIL स्कोर कम होने पर शादी टूटी
8 Feb, 2025 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुर्तिजापुर : महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर में एक शादी सिर्फ इसलिए टूट गई, क्योंकि दूल्हे का CIBIL स्कोर यानि क्रेडिट कार्ड का स्कोर कम था. दरअसल, मुर्तिजापुर के दो परिवारों के बीच शादी की चर्चा लंबे समय से चल रही थी. लड़का-लड़की एक-दूसरे को पसंद कर चुके थे और दोनों परिवार शादी की बाकी औपचारिकताओं को लेकर भी सहमत थे. जैसे ही शादी पक्की होने वाली थी, लड़की के मामा ने अचानक लड़के का सिबिल स्कोर देखने की मांग रख दी.
मुर्तिजापुर में शादी टूटने की वजह बनी दूल्हे की कर्ज से भरी रिपोर्ट
जब दूल्हे का सिबिल स्कोर चेक किया गया, तो सभी हैरान रह गए. रिपोर्ट में सामने आया कि लड़के ने कई बैंकों से कर्ज लिया था और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी. यह देखते ही लड़की के मामा और परिवार ने शादी से इनकार कर दिया. लड़की के मामा का कहना था, अगर लड़का पहले से ही कर्ज में डूबा है, तो हमारी बेटी का भविष्य कैसे असुरक्षित रहेगा.
वित्तीय स्थिरता अब रिश्तों में भी बनी प्राथमिकता
पहले शादी के लिए गोत्र, कुंडली, नौकरी और सामाजिक स्थिति जैसी चीजें महत्वपूर्ण मानी जाती थीं, लेकिन अब वित्तीय स्थिरता और सिबिल स्कोर भी एक महत्वपूर्ण कारक बन गए हैं. यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आज के समय में सिर्फ नौकरी या कमाई ही नहीं, बल्कि व्यक्ति की आर्थिक प्रबंधन क्षमता भी रिश्तों में मायने रखने लगी है. इस घटना से समाज को यह संदेश मिलता है कि वित्तीय जिम्मेदारी न केवल बैंकिंग के लिए, बल्कि सामाजिक जीवन में भी बेहद महत्वपूर्ण हो गई है.
राउत के बयान से महाराष्ट्र में हलचल, वर्षा बंगले पर टोटका करने का आरोप
6 Feb, 2025 01:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र : संजय राउत अपने बड़बोलेपन के लिए विख्यात हैं. वे कब क्या बोल दें, क्या कर दें, कुछ पता नहीं. अक्सर वे उसी डाल को काटने लगते हैं, जिस पर वे बैठे हैं. अब वे दो गज जमीन के नीचे की एक कहानी लेकर आए हैं. संजय पहले पत्रकार भी रहे हैं, इसलिए उनकी कल्पनाशीलता गजब की है. उनको यदि बॉलीवुड में कहानी लिखने का काम मिल जाए तो वे राम गोपाल वर्मा की हॉरर फिल्मों में चार चांद लगा देंगे. यूं तो रामसे ब्रदर्स तो हिंदी में हॉरर फिल्मों के जनक रहे हैं, पर उनकी नई पीढ़ी फिल्मों में सक्रिय नहीं है. साल 1970 में हॉरर फिल्मों का एक नया दौर शुरू हुआ था. उन सब में दो गज जमीन के नीचे की कहानियां होतीं. संजय राउत का ताजा बयान यह है कि महाराष्ट्र में मुंबई स्थित मुख्यमंत्री के बंगले वर्षा पर टोटका किया गया है. उनके अनुसार ये टोटका पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया है. इसीलिए मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वर्षा में नहीं रह रहे हैं.
कामख्या में भैंसों की बलि
इक्कीसवीं सदी में कोई राजनेता इस तरह के बयान दे तो उसकी बुद्धि पर तरस ही आएगा. ऊपर से वे यह भी कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में अंध विश्वास और टोने-टोटके माने जाने की परंपरा नहीं रही है. उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जब इस बंगले में रहते थे तब वे गुवाहाटी के कामख्या देवी मंदिर गए थे. वहां उन्होंने भैंसों की बलि दी थी. बाद में उन भैंसों के सींग इसी बंगले के अंदर जमीन में गाड़ दिए थे. अगर बंगले की खुदाई कराई जाए तो ये सींगें मिल जाएंगी. पता नहीं राउत ने यह बयान अपने नेता उद्धव ठाकरे से पूछ कर दिया है या यह उनके मन की उड़ान है. लेकिन इस बयान से संजय राउत की हंसी भी उड़ी है और महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमा गई है. उनके इस आरोप पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पानी उड़ेल दिया है. मुख्यमंत्री ने बताया है, कि उनकी बेटी की दसवीं की परीक्षा है, इसलिए वे परिवार को डिस्टर्ब नहीं करना चाहते. उसकी परीक्षा होते ही वे वर्षा में शिफ्ट हो जाएंगे.
रात को ड्रैकुला न पढ़ने की हिदायत
मगर संजय ने इस तरह का बयान दे कर राजनीति और राजनेताओं के गड़े मुर्दे खूब उखाड़े हैं. खुल्लमखुल्ला भले कोई कुछ न कहे किंतु अंदरखाने इस तरह के अंध विश्वास दुनिया भर की पॉलिटिक्स में फैले हैं. हॉरर उपन्यास लिखने में ब्राम स्टोकर को महारत हासिल रही है. इस अंग्रेज उपन्यासकार ने 1897 में काउंट ड्रैकुला लिखकर तहलका मचा दिया था. यह इतना डरावना उपन्यास था कि उपन्यास के ऊपर ही लिखा रहता था, कृपया इसे रात को न पढ़ें. स्टोकर ने इसे पूर्वी योरोप के पास स्थित ट्रांसिल्वेनिया के सामंत के जीवन से प्रेरणा ली थी. स्टोकर का कहना था कि यह काउंट (सामंत) नर पिशाच था और मनुष्यों का खून पीता था. रोमानिया की पहाड़ियों के पूर्वी तरफ स्थित ट्रांसिल्वेनिया के इस काउंट के दुर्ग को अभी तक मनहूस और भुतहा बताया जाता है और लोग वहां जाने से परहेज करते हैं. व्लाद थर्ड नाम के इस शासक का जन्म 1431 में हुआ था. अपने पिता व्लाद सेकंड के ऑर्डर ऑफ द ड्रैगन में शामिल होने के कारण उसका कुल नाम ड्रैकुला पड़ा था.
ड्रैकुला मनुष्यों का खून पीता था!
ट्रांसिल्वेनिया के एक तरफ ईसाई बहुल पूर्वी योरोप था और दूसरी तरफ मुस्लिम ओटोमन साम्राज्य. ईसाई और मुसलमान फौजें आपस में खूब लड़ती थीं. एक तरह से यह धार्मिक उन्मादियों की लड़ाई थी. व्लाद थर्ड के पिता व्लाद सेकंड को 1442 में सुल्तान मुराद सेकंड ने संधि वार्ता के लिए बुलाया. वह अपने बेटों व्लाद थर्ड को और राडू को लेकर गया, पर संधि वार्ता के बहाने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में व्लाद सेकंड को तो छोड़ दिया गया किंतु जमानत के तौर पर उसके बेटे व्लाद थर्ड को सुल्तान मुराद ने अपने पास रखा. सुल्तान की कैद में व्लाद थर्ड की परवरिश हुई. किंतु ट्रांसिल्वेनिया में उसके पिता की हत्या कर दी गई और बड़े भाई की भी. इसके बाद सुल्तान ने व्लाद थर्ड को रिहा कर दिया. ट्रांसिल्वेनिया में व्लाद थर्ड ने इतने अत्याचार देखे कि वह खुद ही नर पिशाच बन गया.
13 और 3 का फेर
बदले की आग में झुलसते हुए व्लाद थर्ड शत्रुओं का रक्त पीने लगा. इसलिए उसकी हवेली को भुतही कहा गया. स्टोकर ने इसी व्लाद थर्ड से प्रेरणा ली. इसके बाद से योरोप में और भी हॉरर उपन्यास लिखे गए. भारत में भी रक्त पीने वाले भूत-प्रेत की कहानियां अंग्रेज ही ले कर आए. उनके पहले जो यहां भूत प्रेतों की कहानियां प्रचलित थीं उनमें भूत मनुष्यों की मदद करने वाले थे. 13 की संख्या को अपशकुन मानने की कल्पना भी योरोप की है. भारतीय कथाओं में तीन की संख्या को अशुभ बताया गया है परंतु यह सिर्फ मनुष्यों की संख्या के लिए है. जैसे तीन लोग एक साथ प्रस्थान न करें. बाकी तीन मंजिला मकान या तीन की अनदेखी करना कभी नहीं रहा. बल्कि भारतीय परंपरा में तो 1, 3, 5, 7, 9 आदि विषम संख्याओं को शुभ माना गया है.
चंडीगढ़ और नोएडा के अपशकुन
ला कार्बूजिये नाम के फ्रेंच आर्कीटेक्ट ने जब चंडीगढ़ शहर का नक्शा बनाया तब उसने 60 सेक्टर में शहर को बांटा था. मगर उसने संख्या 59 रखी क्योंकि इन 60 में से 13 सेक्टर तो कहीं था ही नहीं. इस अंध विश्वास की देखादेखी नोएडा में भी सेक्टर 13 नहीं बनाया गया. नोएडा के बारे में तो ऐसा अपशकुन फैलाया गया कि कोई भी मुख्यमंत्री नोएडा आने से कतराता था. यहां के बारे में भ्रम था कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आया वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएगा. वीर बहादुर सिंह 1988 में बतौर मुख्यमंत्री नोएडा गए और फिर वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. इसके बाद नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह नोएडा नहीं गए. 2011 में मायावती नोएडा गईं और 2012 में नहीं लौट सकीं. 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे लेकिन वे एक बार भी नोएडा नहीं गए.
योगी ने तोड़ा भरम
अलबत्ता मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार नोएडा गए. पहली बार वे 2018 में नोएडा गए थे और 2022 में उनकी वापसी भी हुई. अब शायद भविष्य में कोई भी मुख्यमंत्री इस अपशकुन पर विचार नहीं करेगा. उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की सीमा पर स्थित मध्यप्रदेश के दतिया कस्बे में स्थित पीतांबरा पीठ पर जा कर मत्था टेकने वालों में कांग्रेस, भाजपा आदि सभी दलों के नेताओं की लाइन लगी रहती है. कुछ नेता वहां प्रतिद्वंदी को ध्वस्त करने के लिए विशेष पूजा भी करवाते हैं. कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर आरोप है कि उन्होंने केरल के राजराजेश्वर मंदिर में अघोरियों से विशेष पूजा करवाई. वे काला जादू कर मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को हटवाना चाहते हैं. वैसे शिवकुमार काफी पूजा पाठ करते हैं. वे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर भी गए और झारखंड के दिउड़ी मंदिर भी.
कौआ का अपशकुन
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारामैया भी कोई कम अंधविश्वासी नहीं हैं. उनकी कार के बोनट पर एक कौआ बैठ गया तो उन्होंने फौरन कार बदलवाने का हुक्म दिया था क्योंकि कार पर कौए का बैठना शुभ नहीं माना जाता. कोई भी और किसी भी पार्टी का राजनेता किसी भी अंध विश्वास को तोड़ने का प्रयास नहीं करता. इसके दो कारण हैं. एक तो नेताओं द्वारा ऐसे टोटके किए जाने से पब्लिक को लगता है कि यह नेता तो बिल्कुल अपना है. दूसरे उनके अंदर का भी अंधविश्वास तो होता है. लोकतंत्र में राजनेता की कुर्सी सर्वाधिक डांवाडोल रहती है इसलिए दुश्मनों को सामने से हटाना उसकी मजबूरी है. इसके लिए कुछ भी करना होगा, वह करेगा. किंतु संजय राउत खुद भी इन सब अंध विश्वासों को मानते हैं लेकिन विरोधी पर हमले का मौका भला वे क्यों चूकें!
महाराष्ट्र: शिकारियों ने अपने ही साथियों को समझा जंगली सूअर, दो की जान गई
6 Feb, 2025 01:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के पालघर में एक गांव से 8 दोस्तों का एक ग्रुप मनोर में बोरशेती वन क्षेत्र में शिकार करने गया था, जहां दो शिकारियों की मौत हो गई. शिकार करने गए साथियों ने ही अपने दो साथियों पर जंगली सुअर समझकर गोली चला दी थी, जिसके बाद एक की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं एक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि ये घटना 28 जनवरी की है, जब शिकार के लिए गए ग्रामीणों के एक ग्रुप ने अपने ही साथियों को जंगली सूअर समझकर गोली मार दी. पालघर के SDPO अभिजीत धाराशिवकर ने कहा कि ग्रामीणों का एक समूह जंगली सूअरों का शिकार करने के लिए पालघर के मनोर में बोरशेती वन क्षेत्र में गया था. वहीं दो लोगों की मौत हो गई, जिन्हें उनके साथी शिकारियों ने गोली मार दी.
जंगली सूअर समझकर चलाई गोली
SDPO ने कहा कि शिकार के दौरान कुछ गांव वाले ग्रुप से अलग हो गए. इसके कुछ देर बाद ही शिकारियों में से एक ने उन्हें जंगली सूअर समझकर गोली चला दी, जिससे दो दोस्त घायल हो गए. दोनों दोस्तों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया. मौत के बाद घबराहट में शिकारियों ने घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी और मृतक शख्स का शव घसीटकर झाड़ियों में ले गए और छिपा दिया.
6 ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया
उन्होंने आगे बताया कि जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच की और मामले में शामिल होने के शक में 6 ग्रामीणों को हिरासत में लिया. बुधवार को पुलिस ने मृतक का शव बरामद किया, जो सड़ चुका था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घायल ग्रामीण ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया और उसके शव का भी ग्रामीणों ने बिना पुलिस को जानकारी दिए अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
महाराष्ट्र सरकार ने लाडली बहिन योजना में नई शर्त जोड़ी, अब कार मालिक महिलाएं नहीं होंगी पात्र
5 Feb, 2025 02:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने लाडकी बहिन योजना को लेकर एक नई शर्त रखी है. लाडली बहना योजना के तहत अब वो महिलाएं पात्र नहीं होंगी, जिनके पास गाड़ी होगी. कार मालिक महिलाओं को अब लाडकी बहिन योजना का लाभ नहीं मिलेगा. लाडकी बहिन योजना को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने अगस्त 2024 में शुरू किया था. इसके तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. चुनाव परिणाम के बाद यह बात कही जा रही थी कि नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति की जीत में इस योजना की अहम भूमिका रही.
लाडकी बहिन योजना की पात्रता क्या है
महाराष्ट्र की महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई 'माझी लाडकी बहिन योजना' के लिए कुछ पात्रता तय की गई हैं. इसमें योजना का लाभ केवल महाराष्ट्र में रहने वाली महिलाओं को ही दिया जाता है. योजना में केवल उन्हीं महिलाओं को लाभ मिलेगा जिनकी उम्र 21 वर्ष लेकर 65 वर्ष के बीच होगी. योजना का लाभ लेने के लिए महिला की पारिवारिक इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर महिला के परिवार में ट्रैक्टर या चार पहिया वाहन है तो महिला को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
कांग्रेस ने महायुति सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया है. कांग्रेस का कहना है कि कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने कोरोना महामारी आने से पहले गाड़ी ली थी, लेकिन महामारी के बीच उनकी नौकरी चली गई. अब वह उस गाड़ी की ईएमआई भर पाने की भी स्थिति में नहीं हैं. ऐसे लोगों के पास कार तो है, लेकिन नौकरी या आय नहीं. ऐसे लोगों को अयोग्य कैसे ठहराया जा सकता है.
महाराष्ट्र सरकार ने 13 आईएएस अधिकारियों का किया ट्रांसफर, प्रवीण दारडे को सहकारिता सचिव बनाया
5 Feb, 2025 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार 4 फरवरी को 13 आईएएस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की है. इसमें प्रवीण दारडे का भी नाम है, जिन्हें सहकारिता, मार्केटिंग और टेक्सटाइल डिपार्टमेंट का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है. इसके अलावा, 2002 बैच के आईएएस अफसर पंकज कुमार को सामान्य प्रशासन विभाग में विशेष जांच अधिकारी (2) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. नितिन पाटील, जो अब तक महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के सचिव थे, अब उन्हें कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता विभाग के कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले आयोग के कमिश्नर पीके डांगे थे.
अब प्रशांत नरनावरे होंगे राज्यपाल के सचिव
इसके अलावा, श्वेता सिंघल, जो अब तक राज्यपाल की सचिव के पद पर तैनात थीं, अब अमरावती क्षेत्रीय आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगी. उनकी जगह प्रशांत नरनावरे को नियुक्त किया गया है. महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी), मुंबई के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल भंडारी को सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है.
एक हफ्ते पहले भी हुए थे तबादले
इससे एक हफ्ते पहले भी महाराष्ट्र में 7 आईएएस अधिकारियों के तबादले हुए थे. बीते सोमवार 7 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी धीरज कुमार भी शामिल रहे. उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है. जिन अधिकारियों का तबादला हुआ है उनमें तीन महिलाएं हैं. आईएएएस शैला ए. को फाइनेंस डिपार्टमेंट का सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था. सरकारी आदेश के मुताबिक, मंगेश अवध को महाराष्ट्र मेडिकल गुड परचेज अथॉरिटी में चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर बना गया है.
संजय गांधी नेशनल पार्क में खुशी का माहौल, 14 साल बाद शेरनी मानसी ने दिया शावक को जन्म
4 Feb, 2025 03:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई के संजय गांधी नेशनल पार्क में एक खुशी की खबर सामने आई है. पार्क में एक नन्हा मेहमान आ गया है. यहां के लायन सफारी में करीब 14 साल बाद एक शेरनी मानसी ने एक नन्हे शावक को जन्म दिया है, जिससे इस पार्क में खुशियां लौट आई हैं. यह शावक 16 जनवरी 2025 को जन्मा, जो पार्क की स्थापना दिवस के दिन हुआ. शेरनी ने अपने बच्चे को शेर सफारी में ही जन्म दिया और अब यह नया शावक सफारी का एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन गया है.शेरनी 'मानसी' और शेर 'मानस' को दिसंबर 2022 में गुजरात से लाया गया था. इन दोनों को यहां प्रजनन के लिए एक साथ रखा गया था. हालांकि, 'मानसी' को कुछ समय पहले बीमारी का सामना करना पड़ा था और वह लगभग 18 दिन तक बीमार रही. लेकिन, पार्क की टीम ने उसका विशेष ध्यान रखा और बाद में अक्टूबर 2024 में मानसी को गर्भवती पाया गया. शेरनी के गर्भधारण के 108 दिनों बाद 16 जनवरी को उसने एक सुंदर और प्यारे से शावक को जन्म दिया.
वन कर्मचारियों ने सीसीटीवी से रखी नजर
अब शावक और शेरनी 'मानसी' की निगरानी वन कर्मचारियों की ओर से की जा रही है, जो सीसीटीवी कैमरों की मदद से उनकी स्थिति पर नजर रख रहे हैं. वहीं शावक का वजन 1 किलो 300 ग्राम तक बताया जा रहा है और उसे शेरनी की सुरक्षा में रखा गया है. यह पार्क के कर्मचारियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक बड़ी खुशी का अवसर है. यहां लायन और बाघ सफारी के साथ-साथ अब यह नया शावक पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करेगा. इस शावक के जन्म से पार्क की लायन सफारी में चार चांद लग गए हैं. यह पार्क की जैविक विविधता को और भी बढ़ाने में मदद करेगा और आने वाले दिनों में पर्यटक इस नन्हे मेहमान को देखने के लिए और भी ज्यादा उत्साहित होंगे.
सांगली में एमडी ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 6 आरोपी गिरफ्तार
4 Feb, 2025 03:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एमडी ड्रग्स: महाराष्ट्र के सांगली जिले में एमडी ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है. इस फैक्ट्री को चलाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. सोमवार (27 जनवरी) देर रात सांगली पुलिस ने वीटा शहर के पास कार्वे एमआईडीसी इलाके में स्थित एक कंपनी पर छापा मारा और एक बड़े ड्रग निर्माण रैकेट का पर्दाफाश किया. पुलिस अधीक्षक संदीप घुगे के मुताबिक इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद मामले की जांच स्थानीय अपराध जांच को सौंपी गई. पकड़े गए तीन आरोपियों से गहन पूछताछ किया गया, फिर तीन और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि इन 6 आरोपियों की मुलाकात मुंबई की आर्थर रोड जेल में हुई थी.
पुलिस ने किया खुलासा
पुलिस ने बताया कि जमानत पर रिहा होने के बाद इन 6 आरोपियों ने एक साथ मिलकर एमडी ड्रग्स फैक्ट्री शुरू करने का प्लान बनाया. पकड़े आरोपियों में मुंबई से दो लोगों के साथ-साथ वलवा तालुका से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों की हुई पहचान
पकड़े गए आरोपियों की पहचान जितेंद्र परमार, अब्दुल रज्जाक शेख और सरदार उत्तम पाटिल के रूप में हुई है. राहुदीप बोरिचा सुलेमान शेख बलराज अमर कटारी से हुई, जो सांगली के वीटा के पास कर्वे में बंद एक फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स बना रहे थे. इन आरोपियों के पास से बनाई गई 29 करोड़ रुपये कीमत की 14 किलो 500 ग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की गई. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और पता लगा रही है कि यह ड्रग्स रैकेट कितना बड़ा है और यह ड्रग्स की सप्लाई कहां-कहां करते थे.
गोधरा नरसंहार के फरार दोषी सलीम जर्दा चोरी के मामले में पुणे में पकड़ाया
3 Feb, 2025 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र : गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले फरार दोषी सलीम जर्दा को महाराष्ट्र के पुणे जिले में चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. सलीम जर्दा 17 सितंबर 2024 को सात दिन की पैरोल पर गुजरात की जेल से बाहर आया था और इसके बाद वह फरार हो गया था. पुलिस ने बताया कि पहले भी आठ बार पैरोल का उल्लंघन कर चुके जर्दा को चोरी के एक मामले में 22 जनवरी को पुणे ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार किया गया. उसे नासिक में दर्ज चोरी के एक मामले में वहां की पुलिस को सौंप दिया गया है. पुलिस ने बताया कि जर्दा गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में दोषी ठहराए गए 31 लोगों में से एक है. आलेफाटा पुलिस थाने के निरीक्षक दिनेश तायडे ने कहा कि हमने 22 जनवरी को सलीम जर्दा और उसके गिरोह के सदस्यों को चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया. वे पुणे के ग्रामीण इलाकों में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे. जांच में पता चला कि वह गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले का दोषी भी है.
2002 में हुआ था गोधरा कांड
बता दें गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में आगजनी की गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई और इसके बाद राज्य में दंगे शुरू हो गए थे. दिनेश तायडे ने बताया कि 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में 31 लोगों को दोषी ठहराया गया था. उनमें से 11 को शुरुआत में मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि 20 को आजीवन कारावास की सजा मिली थी.
सलीम जर्दा को मिली है मौत की सजा
उन्होंने कहा, सलीम जर्दा उन 11 लोगों में शामिल था जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन गुजरात हाई कोर्ट ने बाद में उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था. अधिकारी ने बताया कि जर्दा और उसके गिरोह के सदस्यों को पुणे में सात जनवरी को एक ट्रक से 2.49 लाख रुपये से अधिक कीमत के 40 टायर चोरी करने के आरोप में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था.
14.4 लाख की कीमत का सामान बरामद
पुणे के मंचर और नासिक के सिन्नर इलाके में इसी तरह की चोरियों में भी आरोपियों की संलिप्ता पाई गई है. अधिकारी ने बताया कि एक ट्रक और चोरी का सामान बरामद किया गया है जिनकी कीमत 14.4 लाख रुपये है. दिनेश तायडे ने कहा कि जर्दा और उसके साथी पुणे और आस-पास के जिलों में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे. पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने बताया कि सिन्नर पुलिस थाने में दर्ज चोरी के मामले में आरोपी को नासिक ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि हम मंचर पुलिस थाने में दर्ज चोरी के मामले में फिर से उसकी हिरासत की मांग करेंगे.
सीतारमण द्वारा पेश बजट पर 'सामना' में तीखा संपादकीय, बीजेपी को घेरा
3 Feb, 2025 02:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवसेना- यूबीटी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. 'सामना' के संपादकीय में लिखा गया है कि निर्मला सीतारमण नामक महिला द्वारा पेश किए गए बजट पर भक्तों की तालियां अभी भी बज रही हैं. वह इस कदर खुश हैं कि मानो आम जनता और मध्यम वर्ग के घरों पर सोने के खपरैल चढ़ने वाले हैं. 12 लाख मिलने तक टैक्स में छूट मिलने से बीजेपी भक्त खुशी से उछल रहे हैं. देश में कितने लोग इनकम टैक्स भरते हैं? करीब साढ़े तीन करोड़ लोग. इनमें से दो करोड़ की आय सात लाख से कम है यानी उन्हें पहले ही छूट मिल चुकी है. डेढ़ करोड़ में से अधिकतम 80-85 लाख वेतन भोगी या नौकरी पेशा होंगे. उसमें 50 लाख लोगों की सैलरी करीब 12 लाख है तो फिर बचे कितने 60 लाख के करीब लोग, इसका मतलब है कि नई टैक्स प्रणाली से सिर्फ 60 लाख लोगों को फायदा होगा, लेकिन ढोल ऐसे पीटे जा रहे हैं कि 45 करोड़ लोगों को फायदा होगा.
'चुनाव की वजह से बिहार पर योजनाओं की बारिश'
मुखपत्र में कहा गया कि वहीं जब मोदी की कृपा से पकौड़े तल रहे शिक्षित बेरोजगारों को इससे कोई लाभ नहीं है तो ये ढिढोरा क्यों पीटा जा रहा है? बजट कोई असाधारण वगैरह नहीं है. यह एक साधारण कूवत की महिला द्वारा साधारण बुद्धि की सरकार के लिए तैयार किया गया राजनीतिक बजट है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव है. उनके लिए मोदी-शाह पहले ही मुफ्त की रेवड़ियां बांट चुके हैं. बिहार में भी चुनाव सिर पर है, ऐसे में बिहार पर पैसों और योजनाओं की बारिश हुई है. 'सामना' में आगे कहा गया कि हमेशा की तरह यह बजट भी चुनावी है. यह कोई देश के लिए नहीं है. कहा जा रहा है कि यह बजट मध्यम वर्ग के लिए है. यह सरासर झूठ है. मोदी सरकार ने पहले महिला केंद्रित बजट पेश किया था, लेकिन आज भी देश की अधिकतर महिलाएं मुफ्त राशन के लिए लाइन में खड़ी हैं और यदि गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश जैसे राज्य की 'लाडली बहनों' को हजार-पंद्रह सौ प्रतिमाह का लालच दिखाकर खुश किया जा रहा है तो क्या इसे महिला वर्ग का विकास कहा जाए.
पीएम मोदी पर बोला हमला
मुखपत्र में कहा गया कि मोदी ने किसान-उन्मुख बजट पेश करने का पराक्रम किया था, लेकिन जब से मोदी आए हैं, किसान कृषि उपज के न्यूनतम मूल्य के लिए भूख हड़ताल और आंदोलन पर हैं और आज भी पंजाब-हरियाणा में किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. मोदी रोजगारोन्मुखी बजट लाए. मोदी हर साल दो करोड़ नौकरियां देने वाले थे, लेकिन सच्चाई तो यह है कि मोदी राज में नौकरियों का अकाल पड़ा है. बाजार में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर बेचे जा रहे हैं. राज्यों में बेरोजगार सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मोदी की पुलिस बेरोजगारों पर लाठीचार्ज कर रही है. आगे कहा गया कि मोदी का मंत्र है कि नौकरी नहीं है तो पकौड़े तलो. अब मोदी ने मध्यम वर्ग आदि को दिलासा देने के लिए जलेबी दार बजट पेश किया है इसलिए मध्यम वर्ग को सावधान रहना चाहिए. ये लोग शहद लगी छुरी से गला काटने में माहिर हैं. ऐसा लगता है कि इस बजट में बिहार के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, लेकिन बिहार के नेताओं को यह दावा स्वीकार नहीं है. आज भी बिहार के अधिकतर लोग मजदूरी के लिए बाहरी राज्यों में जाते हैं. बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने प्रचार में सार्वजनिक रूप से कहा कि दिल्ली के बिहारियों को भगा दो. यह बिहार में रोजगार की गंभीर समस्या का नतीजा है.
गुजरात के साथ स्पेशल व्यवहार
'सामना' में कहा गया कि विकास और पैसे के मामले में अन्य राज्यों को वैसा व्यवहार नहीं मिल रहा है जो मौजूदा वक्त में गुजरात को मिल रहा है. जहां तक बिहार की बात है तो मोदी के समर्थन के बाद से बिहार को एक साल में 60 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज मिला, लेकिन विकास पर 60 करोड़ भी खर्च नहीं हुए तो इन 60 हजार करोड़ का क्या हुआ? ये पैसा कहां गया? देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों का मुनाफा 25 फीसद बढ़ा, लेकिन नौकरियां केवल 1.5 फीसद बढ़ीं. यह इस बात का संकेत नहीं है कि कोई अर्थव्यवस्था मजबूत है. जब से ट्रंप अमेरिका की सत्ता में वापस आए हैं, तब से वह भारत को वित्तीय संकट में डालने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रंप प्रशासन अमेरिका से 1.7 लाख भारतीयों को वापस लाने पर अड़ा हुआ है और भारतीय अर्थव्यवस्था में संकट की आशंका है. देश में काला धन और नकली नोट बड़े पैमाने पर है. बजट में उसका कोई समाधान नहीं है, लेकिन 12 लाख की आयकर छूट की घोषणा कर यह सरकार लोकप्रिय होने की कोशिश कर रही है.
शिवसेना-यूबीटी सांसद संजय राउत ने ‘वर्षा’ बंगले को लेकर उठाए सवाल
3 Feb, 2025 01:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संजय राउत:शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा से अंधश्रद्धा के खिलाफ रहा है और हम एक प्रोग्रेसिव स्टेट रहे हैं, लेकिन अचानक राजनीति में अंधविश्वास आ गया है. जब से एकनाथ शिंदे सीएम बने, उसके बाद हमने कई कहानियां सुनीं, कामाख्या मंदिर में जाना, उसको काटना, इसको काटना, लेकिन 'वर्षा' बंगले की तो बात ही अलग है. देवेंद्र फडणवीस जब सीएम बन गए तो उनका औपचारिक निवास स्थान वर्षा है. उसमें रहना लोगों का सपना होता है और उन्हें वहां जाने से डर लग रहा है. संजय राउत ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस बात की जांच करनी चाहिए कि मुख्यमंत्री वर्षा में जाने से क्यों डरते हैं? एक फिल्म आई थी दो गज जमीन के नीचे. दो फीट जमीन के अंदर क्या है, जांच करना चाहिए? राम गोपाल वर्मा को वहां जाकर फिल्म बनानी चाहिए. हम भी सुनते हैं, क्या कर सकते हैं
बजट को लेकर BJP पर साधा निशाना
वहीं वक्फ बिल और जेपीसी मीटिंग को लेकर उन्होंने कहा कि क्या हटाया है और क्या रखा है, थोड़ी देर में पता चल जाएगा. इसके अलावा बजट को लेकर संजय राउत ने कहा कि 12 लाख रुपये का फायदा लेने के लिए उतनी इनकम भी तो होनी चाहिए. कांग्रेस लंबे समय से सरकार में रही है, मैं ऐसे नेताओं के नाम दे सकता हूं, जिन्होंने बेहतरीन बजट दिए. आप ढोल मत बजाएं, कल कुंभ जाएं और दिन भर नहाएं. टीवी पर भी दिखना है.
दिल्ली चुनाव पर क्या बोले संजय राउत
इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी को लगता है कि वह 5 तारीख को कुंभ में डुबकी लगाएंगे और दिल्ली की जनता उस आधार पर वोट देगी. अगर लोग इसी आधार पर वोट देंगे तो देश का लोकतंत्र खतरे में है. मुझे लगता है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने 10 साल अच्छा काम किया है तो उस आधार पर आप को वोट मिलना चाहिए और सत्ता में आना चाहिए. सुरेश गोपी के हिंदी को लेकर दिए बयान पर संजय राउत ने कहा कि मैंने उनका बयान सुना, हम सब चाहते हैं अल्पसंख्यक समुदाय आगे बढ़े, उच्च जाति पर बात नहीं करूंगा, जाति के आधार पर किसी को मंत्रालय देना सही नहीं, कोई भी विकास कर सकता है.
शिवसेना ने किया पलटवार
संजय राउत के बयान पर शिवसेना शिंदे गुट के नेता कृष्णा हेगड़े ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा. "संजय राउत उस राज्य के लिए ऐसी बात कर रहें है, जहां अंधश्रद्धा को लेकर कानून भी है. ऐसे पढ़ें लिखे राज्य में इस तरह की बेतुकी बात सही नहीं है. संजय बड़े नेता हैं वो इस तरह की बातें करके अपना महत्व और खत्म कर रहे है. कहीं ना कहीं अब उन्हें रुकने की जरूरत है.
नागपुर में 14 साल से अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
30 Jan, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र एटीएस लोकल पुलिस की मदद से प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है. साथ ही कानूनी प्रक्रिया भी की जा रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द उनके देश डिपोर्ट किया जा सके. सूत्रों ने बताया कि नागपुर में पिछले 14 साल से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को नागपुर एटीएस और यशोधरानगर पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन कर गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के नाम अब्दुल हामिद खान (33 साल) और मोहम्मद सलीम अब्दुल हामिद, (30 साल) है. पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि दोनों आरोपी भाई हैं और फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार कर यशोधरा नगर थाना क्षेत्र के कांजी हाउस इलाके में रह रहे थे.
बांग्लादेश में है आरोपियों का परिवार
जांच के दौरान आरोपियों ने बताया कि उनके माता-पिता और उनकी एक बहन बांग्लादेश में रहती है और यहां नौकरी कर वह कुछ पैसे बांग्लादेश भी भेजा करते थे. पुलिस ने दोनों भाईयों के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. एक अधिकारी ने बताया कि हम इस मामले में जांच कर रहे हैं कि गिरफ्तार आरोपियों को भारत आने में किसी एजेंट ने मदद की थी.
पुलिस इस एंगल से भी कर रही है जांच
इसके साथ ही आरोपियों के पास से जो भारतीय दस्तावेज मिले हैं, उसे बनवाने में उन्हें किसने मदद की. पुलिस ने बताया कि अगर ये लोग गिरफ्तार आरोपियों के लिए दस्तावेज बना सकते हैं, तो देश में कई और ऐसे बांग्लादेशी हो सकते हैं जिनके लिए इन्होंने आधार कार्ड बनाया होगा या कोई और भारतीय दस्तावेज बनाए होंगे.
इलेन बैरेगु सिंड्रोम: महाराष्ट्र में अब तक 127 मामलों की पुष्टि, दो मौतें
30 Jan, 2025 03:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में ‘गुइलेन बैरे सिंड्रोम’ के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इन मामले के कारण आम लोगों के साथ ही प्रशासन भी परेशान है.बुधवार को एक महिला की मौत ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) से होने का संदेह है. जबकि गुइलेन बैरे सिंड्रोम के 16 नए मामले दर्ज किए गए हैं. इस बीमारी के कारण अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे की 56 वर्षीय महिला की सरकारी ससून जनरल अस्पताल में जीबीएस के कारण मौत हो गई. इसके अलावा उस महिला पहले से कई अन्य बीमारियां भी थीं. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो बीमारी के अब तक कुल 127 मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा एक और मरीज की बीमारी से मौत होने का संदेह है.
20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 72 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है. जिनका इलाज किया जा रहा है, इसके अलावा कई लोग गंभीर बीमार हैं. जिनमें से 20 मरीजों को वेंटिलेटर सर्पोर्ट पर रखा गया है. अब तक मल के 121 नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को भेजे गए हैं, और उन सभी का ‘एंटेरिक वायरस पैनल’के लिए परीक्षण किया गया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि 21 नमूनों में नोरोवायरस की पुष्टि हुई जबकि मल के पांच नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर की पुष्टि हुई. कुल रक्त के 200 नमूने एनआईवी भेजे गए हैं. किसी भी नमूने में जीका, डेंगू, चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है. यह आमतौर पर किसी संक्रमण के बाद होने वाली बीमारी है. यह कैम्पिलोबैक्टर के कारण होने वाले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के बाद होता है. इसमें तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम, सेप्सिस, निमोनिया, समेत कई अन्य तरह की समस्या हो सकती है.इस बीमारी का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है.गुइलेन-बैरी सिंड्रोम एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही नसों पर हमला करती है. इससे कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात हो सकता है. इस स्थिति से पीड़ित अधिकांश लोगों को अस्पताल में इलाज की आवश्यकता होती है.
शिवसेना सांसद संजय राउत का यूपी सरकार पर हमला, कुंभ मेले में भक्तों की सुविधाओं की कमी का आरोप
29 Jan, 2025 02:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर यूपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ कुंभ मेले के मार्केटिंग पर ध्यान दे रही थी, लेकिन भक्तों की सुविधाओं के लिए सही व्यवस्था नहीं की गई. गृह मंत्री और रक्षा मंत्री जब स्नान के लिए गए, तो पूरा इलाका सील कर दिया गया, जिससे आम श्रद्धालुओं को परेशानी हुई. यूपी के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को पार्टी के प्रचार के बजाय भक्तों की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए था. उन्होंने कहा, "10 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत के बाद ही सरकार ने आपात बैठकें बुलाईं, लेकिन इससे कुछ फर्क नहीं पड़ा. सड़क पर सोने के बाद भक्तों को स्नान करना पड़ा, यह कैसा प्रबंधन है? 1954 में पंडित नेहरू ने खुद कुंभ मेले की व्यवस्थाओं की जांच की थी, लेकिन आज के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उस तरह सक्रिय नहीं दिख रहे.
अखिलेश के कार्यकाल का कुंभ मेला सबसे बेहतर था
संजय राउत ने कहा, "अखिलेश यादव के कार्यकाल का कुंभ मेला सबसे बेहतर था, ऐसा श्रद्धालु खुद कहते हैं. अगर दूसरे दलों को भी आयोजन में शामिल किया जाता, तो हालात इतने खराब नहीं होते. सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का बजट रखा, लेकिन यह राशि जमीन पर नजर नहीं आ रही. कोरोना काल में हमारी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वाले अब यह बताएं कि कुंभ के 10,000 करोड़ रुपये कहां गए? उन्होंने कहा, "10 हजार करोड़ रुपये व्यवस्था पर खर्च किए गए थे, आखिर यह पैसे कहां गए? बीजेपी कुंभ की मार्केंटिंग का फायदा उठाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है. अब दोषियों पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. प्रयागराज में हुई मौत यह प्रशासन द्वारा की गई हत्या है. करोड़ों लोगों को कुंभ में लाकर बीजेपी अपना प्रचार कर रही है, लेकिन इतने लोगों के लिए क्या आपके पास व्यवस्था है?
संजय राउत ने अखिलेश यादव के कार्यकाल की याद दिलाई
संजय राउत ने कहा, "लोग सड़क पर बैठे हैं, महिलाओं की हालत देखिए. लोग अभी भी अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान जो व्यवस्था हुई थी उसको याद करते हैं. आज तीन करोड़ आए, आज चार करोड़ आए, आज 15 करोड़ आए, यह आंकड़े आप बताते हैं लेकिन व्यवस्था क्या है? जब रक्षा मंत्री आए तब एक दिन तक घाट बंद था, जब गृह मंत्री आए तब पूरा प्रयागराज बंद था, जब केंद्रीय मंत्री आते हैं तब पूरा घाट बंद रहता है. इन सब से व्यवस्था पर असर पड़ता है, भीड़ बढ़ जाती है तब ऐसी घटनाएं होती हैं.
फडणवीस पर कसा तंज
देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली दौरे पर तंज कसते हुए संजय राउत ने कहा, "फडणवीस महाराष्ट्र छोड़कर हमेशा दौरे पर रहते हैं. उन्हें समझना चाहिए कि महाराष्ट्र की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. वे बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं, लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी की जीत का श्रेय उन्हें दिया जा रहा है. अगर बीजेपी को महाराष्ट्र का फॉर्मूला दूसरे राज्यों में इस्तेमाल करना है, तो प्रचार किए बिना भी पार्टी चुनाव जीत सकती है.
गणेश नाईक को सम्मान मिलना चाहिए
गणेश नाईक और एकनाथ शिंदे की तुलना करते हुए संजय ने कहा, "गणेश नाईक और एकनाथ शिंदे से वरिष्ठ और अधिक अनुभवी नेता हैं. नाईक को मंत्री के रूप में उचित सम्मान मिलना चाहिए. शिंदे को नवी मुंबई जाकर गणेश नाईक से मिलकर चर्चा करनी चाहिए. गणेश नाईक का राजनीतिक सफर बड़ा है, वे शिवसेना में भी थे. भविष्य में जब शिंदे भी 2-3 पार्टियां बदलेंगे, तब उनकी तुलना नाईक से की जाएगी.
धनंजय मुंडे को लेकर क्या कहा
संजय ने आगे कहा कि शिंदे को मंत्री पद से हटाया भी जाए, तब भी वे चिपके रहेंगे क्योंकि उन पर ईडी और सीबीआई की जांच की तलवार लटक रही है. वे कभी नहीं कहेंगे कि वे नाराज हैं. वहीं धनंजय मुंडे के दिल्ली दौरे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मुंडे को अपना पद बचाने के लिए दिल्ली जाना पड़ा. उनके पार्टी अध्यक्ष मुंबई और बारामती में हैं, फिर भी मंत्री को दिल्ली जाकर सफाई देनी पड़ रही है. यह महाराष्ट्र की राजनीति की स्थिति को दर्शाता है.
महाराष्ट्र सरकार ने अटल सेतु पर टोल दर बढ़ाने पर एक साल तक लगाई रोक
29 Jan, 2025 01:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार (28 जनवरी) को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल अटल सेतु पर टोल दर को अगले एक साल तक बढ़ाने पर रोक लगाने की घोषणा की है. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अटल बिहारी वाजपेयी शिवड़ी-न्हावा शेवा अटल सेतु के टोल टैक्स को 250 रुपये की दर पर एक और साल तक जारी रखा जाएगा. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कैबिनेट की बैठक में अटल सेतु की टोल दरों की सालाना समीक्षा करने और 31 दिसंबर 2025 तक समान रियायती टोल दरों को जारी रखने का फैसला लिया गया. इस नए फैसले के कारण कार और एसयूवी जैसे चार पहिया वाहनों के लिए न्यूनतम टोल टैक्स 250 रुपये ही रहेगी.
पिछले साल पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
बता दें कि अटल सेतु की कुल लंबाई 21.8 किलोमीटर है. इसका 16.5 किलोमीटर का भाग समुद्र और 5.5 किलोमीटर का भाग जमीन पर है. 6 लेन वाले इस ब्रिज का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले 12 जनवरी 2024 को उद्घाटन किया था. यह पुल महाराष्ट्र में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना के पूरा होने का प्रतीक है.
21,200 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल
पुल दक्षिण मुंबई के सेवरी से शुरू होता है और एलीफेंटा द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक को पार करता है और न्हावा शेवा के पास चिर्ले गांव में समाप्त होता है. इस पुल को 21,200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, जिसमें से 15,000 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में हैं. गौरतलब है कि हाल ही में अटल सेतु पुल के जरिए मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा करना काफी किफायती हो गया है, क्योंकि नवी मुंबई नगर परिवहन (एनएमएमटी) ने किराए में 50% से ज्यादा की कटौती की है.
अटल सेतु ने दक्षिण मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा समय में सुधार किया
यह पुल क्षेत्र में यात्रा समय को कम करने और कनेक्टिविटी में सुधार लाने में एक अहम भूमिका निभाता है. पिछले साल जनवरी से अगस्त तक लगभग 50 लाख वाहन इस पुल से गुजरे. इनमें बसें, निजी कारें और व्यावसायिक वाहन शामिल हैं. इस पुल ने पूरे क्षेत्र खासकर दक्षिण मुंबई और तेजी से विकसित हो रहे नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को नई कनेक्टीविटी दी है.
बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान ने पुलिस को दिए अपने बयान में एक मुंबई नेता का जिक्र किया है
28 Jan, 2025 05:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Baba Siddiqu: महाराष्ट्र के पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है. जिसमें आरोपी हत्या करने के पीछे की वजह बताई है. वहीं दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने मुंबई पुलिस को दिए अपने बयान में एक डायरी का खुलासा किया है. जिसमें बिल्डर और नेताओं के नाम लिखे होने की बात कही है. जीशान ने अपने बयान में कहीं भी बिश्नोई गैंग का कोई जिक्र तक नहीं किया है. जबकि पुलिस ने इस मामले में 4500 पन्नों की चार्जशीट दायर की है, जिसमें 26 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अनमोल बिश्नोई को वांछित आरोपी बताया गया है.
बाबा सिद्दीकी के साथ डेवलपर्स और नेताओं का संपर्क
जीशान सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि उनके पिता बाबा सिद्दीकी के साथ कई डेवलपर्स और नेताओं का नियमित संपर्क था. इसलिए उनके पिता को अपनी चीजें डायरी में लिखने की आदत थी. हत्या के दिन 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ही एक नेता का नाम अपनी डायरी में लिखा था.
कई डेवलपर्स के संपर्क में थे पिता- जीशान
इसके अलावा, जीशान ने दावा किया कि उनके पिता के साथ कई डेवलपर्स का संपर्क था, जो पुनर्विकास परियोजनाओं से जुड़े हुए थे. जीशान ने बताया कि एसआरए पुनर्विकास परियोजना के संबंध में एक बैठक के दौरान एक बिल्डर ने उनके पिता के बारे में अपशब्द कहे थे. साथ ही मामले में एनसीपी नेता जीशान ने पुलिस से अनुरोध किया कि इन सभी मामलों की पूरी जांच की जाए.
बाबा सिद्दीकी 2 दिन बाद लेने वाले थे शपथ- जीशान
जीशान ने बताया कि मेरे पिता 2 दिन बाद विधान परिषद के विधायक के रूप में शपथ लेने वाले थे. लेकिन इससे पहले 12 अक्टूबर को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई और उनकी हत्या के कुछ दिनों बाद 15 अक्टूबर 2024 विधान परिषद के लिए नामांकित नेताओं को शपथ दिलाई गई थी.
जीशान के बयान कहीं भी बिश्नोई गैंग का नाम नहीं
जीशान सिद्दीकी ने पुलिस के सामने जो बयान दिया है, उसके मुताबिक सिद्दीकी ने बिश्नोई गैंग का जिक्र तक नहीं किया है. जबकि हत्या के बाद सबसे पहले बिश्नोई गैंग ने ही जिम्मेदारी ली थी. वहीं दूसरी ओर पुलिस भी अनमोल बिश्नोई के एंगल से जांच कर रही है. जीशान की तरफ से बिश्नोई गैंग या उसके किसी भी सदस्य का नाम न लेना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. इसके अलावा एक बयान में जीशान ने खुद कहा कि अनमोल या लॉरेंस बिश्नोई से उनकी या उनके परिवार की जब कोई दुश्मनी ही नही थी तो वो उन्हें क्यों टारगेट करेंगे.