महाराष्ट्र
एकनाथ शिंदे का बड़ा ऐलान: नगर निगम चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) को हराने की तैयारी, बीजेपी गठबंधन का विकास पर फोकस
19 Feb, 2025 04:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Maharashtra News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को मुंबई में पार्टी के सांसदों, विधायकों और शहर के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान एक सभा को संबोधित किया. इस दौरान एकनाथ शिंदे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आगामी नगर निगम चुनावों में प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) को हराने के लिए तैयार रहें, जिसने पिछले साल विधानसभा चुनावों में उसे करारी शिकस्त दी थी.
सत्तारूढ़ शिवसेना के प्रमुख शिंदे ने बीजेपी नीत महायुति सरकार में कोल्ड वार की अटकलों को खारिज किया और कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन मुंबई और बाकी महाराष्ट्र के विकास पर केंद्रित है. अपनी पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें और कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछले ढाई वर्षों में सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों और कार्यक्रमों का लाभ लोगों तक पहुंचे.
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि हर नगर निगम वार्ड में शिव सैनिक और एक शाखा (पार्टी शाखा) होनी चाहिए. हमने विधानसभा चुनावों में (शिवसेना-यूबीटी को) करारा झटका दिया और अब हमें नगर निगम चुनावों में भी ऐसा ही करना है. शिंदे ने जोर देकर कहा कि शिवसेना को आगे बढ़ना है. बता दें सभी महत्वपूर्ण बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित नागरिक चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अभी बाकी है.
कोई भी मुंबई को राज्य से अलग नहीं कर सकता- शिंदे
इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ने कई शिवसेना (यूबीटी) पदाधिकारियों को अपनी पार्टी में शामिल किया. शिंदे ने कहा कि जब चुनाव करीब होते हैं, तो कुछ पार्टियां मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश की बात करती हैं. कोई भी मुंबई को राज्य से अलग नहीं कर सकता. हमारी सरकार लंबित विकास कार्यों और क्लस्टर विकास में तेजी ला रही है.
ठाकरे गुट पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि हम लोगों के लिए काम करते हैं, न कि पद या सत्ता के लिए. विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) का नेतृत्व करने वाले पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लालच में शिवसेना (जून 2022 में) अलग हो गई. उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के साथ युद्ध में हैं जो विकास विरोधी हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के सपने को पूरा किया है.
मुंबई में 65 इमारतें गिराने का आदेश, 3500 परिवारों का भविष्य संकट में
19 Feb, 2025 03:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई: मुंबई से सटे कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका के अंतर्गत आने वाली 65 इमारतों को तोड़ने के लिए हाई कोर्ट ने आदेश दिया है. इस आदेश के बाद इन 65 इमारतों में रह रहे 6500 लोगों पर पुनर्वासन का संकट आ गया है. ये सभी इमारतें डोंबिवली ईस्ट और डोंबिवली वेस्ट के अलग-अलग भूखंडों में बनाई गई हैं, जिनमें 35 भूखंड तो रिज़र्वेशन प्लाट थे जो गार्डन, मैदान और अस्पताल के लिए रिजर्व थे.
बिल्डरों ने अवैध निर्माण किया, अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
इन रिजर्व प्लॉट्स पर बिल्डरों ने अवैध रूप से इमारतें बना दीं और उन्हें बेच डाला। आरोप है कि कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी परमिशन लेटर और नकली नक्शे पास करवाए गए। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर महारेरा से रेरा नंबर भी हासिल किए गए और होम लोन के लिए ग्राहकों को लोन दिलवाए गए।
3500 परिवार हो जाएंगे बेघर
यह मामला एक व्हिसल ब्लोअर की जनहित याचिका के बाद उजागर हुआ, जिसके चलते हाई कोर्ट ने इन इमारतों को तोड़ने का आदेश दिया है। अब 3500 परिवारों के लिए घर छोड़ने का समय आ गया है। इन परिवारों ने अपनी मेहनत की कमाई से इन फ्लैट्स को खरीदा था, लेकिन अब इनकी संपत्तियां जबरदस्ती तोड़ी जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढ़ा संकट
हाई कोर्ट ने इस मामले में 13 फरवरी को आदेश जारी किया था, जिसके बाद अब यह परिवार बेघर होने के लिए मजबूर हो गए हैं। इन फ्लैट्स में छोटे बच्चे, दुकान मालिक और अन्य लोग भी शामिल हैं।
साल 2020 से जारी था केस
यह मामला 2020 में सामने आया था जब मानपाडा पुलिस थाने में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 2022 में दूसरी एफआईआर और फिर जांच के बाद तीसरी एफआईआर दर्ज की गई। इन इमारतों के निर्माण से सरकार को 2400 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ।
फर्जी दस्तावेजों पर लोन मिला
जिन लोगों ने इन फ्लैट्स को खरीदा था, उन्होंने बैंकों से होम लोन लिया था और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी भी मिली थी। लेकिन अब पता चल रहा है कि इन इमारतों के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज फर्जी थे।
राजनीतिक विरोध और जनता का गुस्सा
इस मामले में शिवसेना यूबीटी आक्रामक हो गई है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इन परिवारों को बचाने की अपील कर रही है। यूबीटी के कल्याण डोंबिवली जिला प्रमुख ने चेतावनी दी है कि अगर इन इमारतों को तोड़ा गया, तो वे सभी प्रभावित परिवारों के साथ महानगर पालिका के दफ्तर में घुस जाएंगे।
दुकानदारों का भी नुकसान
इन इमारतों में रहने वाले फ्लैट ओनर्स के साथ-साथ कुछ दुकान मालिक भी प्रभावित हैं। गुप्ता भाई बहन, जो आलू-प्याज का होलसेल बिजनेस करते हैं, अपनी दुकान को तोड़े जाने से चिंतित हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी दुकान 36 लाख रुपये में खरीदी थी, जिसके लिए उन्होंने एसबीआई से 30 लाख रुपये का लोन लिया था। अब उनका कहना है कि अगर दुकान टूटेगी तो उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा।
न्यायिक प्रक्रिया और सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता
यह पूरा मामला सरकार, न्यायपालिका और स्थानीय प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है, जिसमें अवैध निर्माण की जांच और प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
महाराष्ट्र के जलगांव में तीन साल के बच्चे को हुई ‘GBS’ बीमारी, इलाज जारी
18 Feb, 2025 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के जलगांव में तीन साल के बच्चे को GBS बीमारी होने की पुष्टि हुई है. बच्चे का सरकारी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के आईसीयू में इलाज जारी है. इस बच्चे को पिछले कुछ दिनों से पैर दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद ब्लड टेस्ट कराने पर GBS बीमारी होने की बात सामने आई है. अब तक जिले में GBS के तीन मरीज मिले हैं, इनमें से एक महिला मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि एक युवक और बच्चे का इलाज जारी है.
महाराष्ट्र में तेजी से फैल रही है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम GBS पुणे में 208 मामले
पिछले कुछ समय से राज्य में ये खतरनाक बीमारी तेजी से पांव पसार रही है. गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) मुंबई, पुणे, ठाणे और कोल्हापुर सहित कई जगहों पर फैल रहा है. पुणे में इस बीमरी की चपेट में 208 मरीज आ चुके हैं. इनमें से 42 मरीज पुणे नगर निगम के पास के हैं. इसके अलावा 124 मरीजों को अस्पतला से डिस्चार्ज किया गया है. इस बीमारी की वजह से राज्य के लोगों में काफी डर का माहौल पैदा है.
क्या बोले डॉक्टर अविनाश?
इस बीमारी के बारे में डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा कि लोगों को ये बीमारी कीटाणु, बैक्टीरिया की वजह से नहीं होती है. कुछ वायरस खाने के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं. उसी समय इस रोग के होने की संभावना ज्यादा होती है. जीबीएस फैलने की सबसे बड़ी वजह है ये है कि बीमारी से ग्रसित शख्स ने किसी भी तरीके से दूषित जल, भोजन या मांस का सेवन किया होता है. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि जीबीएस केवल नॉन वेज फूड खाने की वजह से होता है. काफी हद तक ये बात सही जरूर है.
डॉक्टर ने इस बीमारी से बचने का तरीका बताया है. उन्होंने कहा कि दूषित मांस या खुला भोजन खाने से सभी को बचना चाहिए. जीबीएस की चपेट में आने से बचने के लिए केवल पका हुआ नॉनवेज ही खाएं. डॉक्टर ने बताया कि कोई भी शख्स इससे तभी संक्रमित हो सकता है जब इसका वायरस मुर्गियों में मौजूद हो. चिकन खाने वाले हर शक्स को जरूरी नहीं है कि संक्रमण होगा.
पुणे के फ्लैट में छपा 300 से ज्यादा बिल्लियों का रहस्यमयी मामला, पुलिस के होश उड़ गए
18 Feb, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के पुणे से ऐसी खबर सामने आई है, जिस पर यकीन कर पाना भी मुश्किल है. यहां एक सोसाइटी के फ्लैट से कई दिन से बदबू आ रही थी. पड़ोसियों ने इसकी शिकायत सोसाइटी मैनेजमेंट से की. कोई हल नहीं निकला तो उन्होंने पुलिस से मदद मांगी. पुलिस जैसे ही उस फ्लैट में छापा मारने पहुंची तो अंदर का नजारा देख उनके होश उड़ गए. फ्लैट के अंदर 300 से भी ज्यादा बिल्लियां थीं.
पुलिस ने तुरंत फ्लैट मालकिन को बिल्लियों को उपयुक्त स्थान पर शिफ्ट करने का नोटिस दिया है. मामला हडपसर इलाके की है. यहां मार्वल बाउंटी हाउसिंग सोसायटी है. कई दिन से यहां बिल्लियों का शोर सुनाई दे रहा था. उस फ्लैट से बदबू भी आ रही थी. लोगों ने फ्लैट की मालकिन से इस बारे में बात की. लेकिन फिर भी यह सिलसिला जारी रहा. इसके बाद उन्होंने सोसाइटी की मैनेजमेंट से भी शिकायत की. लेकिन कोई हल नहीं निकला. उधर सोसाइटी वाले बिल्लियों के शोर और बदबू से परेशान हो रहे थे. उन्होंने फिर जिला पशु चिकित्सा अधिकारी और पुलिस से मदद मांगी.
300 से भी ज्यादा बिल्लियां
शिकायत के आधार पर जिला पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में पशुपालन विभाग की टीम और पुलिस ने फ्लैट का दौरा किया. टीम ने जब फ्लैट का निरीक्षण किया तो वहां 300 से भी ज्यादा बिल्लियां पाई गईं. अधिकारियों ने बताया कि अंदर का माहौल बेहद गंदा था और वहां असहनीय दुर्गंध फैली हुई थी.
फ्लैट मालिक को नोटिस जारी
पुलिस ने बताया कि फ्लैट की मालकिन को बिल्लियों को उपयुक्त स्थान पर शिफ्ट करने का नोटिस दिया गया है. आगे की कार्रवाई पशुपालन विभाग की निगरानी में की जाएगी. सोसाइटी के लोगों ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है. इस घटना को सामने आने के बाद हर कोई हैरान है. सोसाइटी वालों का कहना है कि हमें ये नहीं मालूम था कि फ्लैट में 300 से भी ज्यादा बिल्लियां हैं.
ऑपरेशन टाइगर के तहत उद्धव ठाकरे की पार्टी में टूट, शिंदे शिवसेना की ओर नेताओं का पलायन
17 Feb, 2025 12:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उद्धव ठाकरे : महाराष्ट्र में हमेशा कुछ न कुछ सियासी हलचल बनी ही रहती है. इस समय राज्य में ऑपरेशन टाइगर की जोरदार चर्चा है. ऑपरेशन टाइगर के तहत एक के बाद एक उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता और पदाधिकारी उनका साथ छोड़ रहे हैं और एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामते जा रहे हैं. शिवसेना ठाकरे पार्टी में जारी इस लीकेज और टूट पर रोक लगाने के लिए अब खुद उद्धव ठाकरे भी मैदान में उतरने जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में ठाकरे गुट के सांसदों की बैठक 20 फरवरी और इसके बाद विधायकों की बैठक 25 फरवरी को बुलाई गई है. माना जा रहा है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे इस दौरान सांसदों और विधायकों का मार्गदर्शन भी करेंगे.
बजट सत्र के दौरान दिल्ली में हुई थी बैठक
उद्धव ठाकरे की ओर से यह बैठक तब बुलाई गई है जब पार्टी के पूर्व विधायक और कई पदाधिकारी लगातार ठाकरे का साथ छोड़ते जा रहे हैं. इससे पहले दिल्ली में जब संसद का बजट सत्र चल रहा था तब उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राष्ट्रीय राजधानी में सांसदों की बैठक ली थी. बजट सत्र के दौरान ऐसी कयासबाजी की जा रही थी कि कुछ सांसद उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ देंगे और इसके लिए ऑपरेशन टाइगर जैसी चर्चा भी चल रही थी.
पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तब बड़ा झटका लगा जब कोंकण क्षेत्र के कद्दावर नेता और तीन बार के विधायक रहे राजन साल्वी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल हो गए. वह 2024 में रतापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
महाराष्ट्र में बजट सत्र के दौरान बैठक
मुंबई में अब पार्टी के सांसदों की बैठक के बाद 25 फरवरी को ठाकरे गुट के विधायकों की बैठक होगी. विधानसभा के आगामी बजट सत्र के मद्देनजर विधायकों की यह बैठक अहम मानी जा रही है. हालांकि माना जा रहा है कि आगामी बजट सत्र के दौरान इस बैठक में विपक्षी दल के नेता के नाम पर चर्चा होगी. सूत्रों ने बताया कि शिवसेना भवन में सांसदों को 20 और विधायकों को 25 फरवरी को बैठक में शामिल होने का आदेश दिया गया है.
अंधेरी रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा टला, सहायक उप निरीक्षक की सूझबूझ से बची एक जान
17 Feb, 2025 12:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के अंधेरी रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हादसा होने से बच गया. इस हादसे को होने से रोकने में रेलवे के एक सहायक उप निरीक्षक ने बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने अपनी सूझबूझ से एक व्यक्ति की जान बचाई, जो चलती ट्रेन में चढ़ रहा था. इसी बीच वह ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच गिर गया. तभी प्लेटफॉर्म पर मौजूद सहायक उप निरीक्षक ने दौड़कर उसका हाथ खींचकर उसे बचा लिया. ये मामला रविवार का है, जहां अंधेरी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर ये हादसा हुआ. यहां लोक शक्ति एक्सप्रेस ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच एक यात्री गिर गया, जिसे बचाने के लिए मुंबई रेलवे के सहायक उप निरीक्षक पहुप सिंह ने अहम भूमिका निभाई. वह अंधेरी रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात थे. तभी लोक शक्ति गाड़ी प्लेटफॉर्म नंबर 08 से जैसे ही रवाना हुई एक यात्री ने दौड़कर चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की और गाड़ी और प्लेटफॉर्म के बीच में आ गया.
चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश
उसे देख कुछ ही दूरी पर खड़े सहायक उप निरीक्षक पहुप सिंह ने तत्परता दिखाते हुए यात्री को खींचकर बाहर निकाल लिया. इस तरह शख्स की जान बच पाई और कोई बड़ी घटना होने से बच गई, जो व्यक्ति चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहा था. उसने अपना नाम राजेंद्र मांगीलाल बताया. वह अंधेरी सात बंगला बेस्ट में रहता है. उसने दोनों कंधों पर बैग टांगे हुए थे और ट्रेन में चढ़ते हुए वह बैलेंस नहीं बना पाया, जिस वजह से गिर गया.
ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच गिरा
राजेंद्र ने कहा कि मुझे अहमदाबाद जाना था और जब मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंचा तो गाड़ी चलने लगी थी. मेरा इस गाड़ी का टिकट था. इस वजह से मैंने चलती गाड़ी में चढ़ने की कोशिश की और बैलेंस बिगड़ने से मैं गिर गया. उसने आगे कहा कि मुझे मौके पर मौजूद RPF कर्मियों ने ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच से खींचकर बचाया. हादसे के बाद राजेंद्र को अरावली गाड़ी से अहमदाबाद भेज दिया गया.
महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से 9 मौतें, 180 मामलों में हुई पुष्टि
15 Feb, 2025 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीमारी से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 207 हो गई है. 14 फरवरी को दो संदिग्ध मरीज और मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कुल मरीजों में से 180 में जीबीएस की पुष्टि हुई है, जबकि बाकी मरीज में बीमारी के लक्षण हैं और उनका इलाज करने की बात स्वास्थ्य विभाग ने कही है. वहीं, इस बीमारी के चलते अब तक कुल 9 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 4 की मौत GBS के चलते और अन्य की GBS के संदिग्ध मरीज के तौर पर हुई है. 13 फरवरी को 9वी मौत कोल्हापुर शहर में हुई. गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानी GBS एक रेयर ऑटोइम्यून विकार है. इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही तंत्रिकाओं पर हमला करती है.
अधिकतर मामले पुणे और पिंपरी चिंचवड़ से
यह तंत्रिकाओं के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है. यह तंत्रिकाओं के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है और मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी और पक्षाघात का कारण बनती है. इसके अधिकतर मामले पुणे और पिंपरी चिंचवड़ से हैं. आमतौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं.
महाराष्ट्र में GBS के मामलों में वृद्धि, दूषित पानी से फैलने वाला बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी की भूमिका
इस बीमारी से शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं. राज्य में ज्यादातर मामले पुणे और आस-पास के इलाकों से हैं. नए मामले सहित, संक्रमण के सभी मामले संभवत: दूषित जल स्रोतों से जुड़े हैं. माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी इस प्रकोप का कारण है.
न्यू इंडिया बैंक पर बैन, आरबीआई के फैसले से मुंबई में मची हलचल
15 Feb, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई ने बैन कर दिया है. इसी के बाद जहां लोगों में अचानक बैंक के बैन होने से सनसनी मच गई, लोग परेशान हो गए. वहीं, अब इस बैंक पर बैन लगाने की वजह सामने आ गई है. दरअसल, बैंक के रक्षक ही भक्षक बन गए हैं. इसी के चलते ही मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा न्यू इंडिया बैंक घोटाले की जांच कर रही है. आरबीआई ने बैंक पर बैन लगाने का फैसला इसीलिए लिया है क्योंकि 122 करोड़ रुपये के घोटाले और गबन सामने आया है. इसी के चलते आरबीआई ने 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. इस बैंक में करोड़ों के घोटाले के चलते न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक के सीओओ ने दादर पुलिस थाने में FIR दर्ज करवाई थी.
क्यों किया गया बैन?
मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर के खिलाफ बैंक के ट्रेसरी से 122 करोड़ रुपये की कथित चोरी और गबन के मामले में मामला दर्ज किया गया है. यह मामला बैंक के मुख्य लेखा अधिकारी सीओओ के दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. आगे की जांच आर्थिक अपराध शाखा ने करना शुरू कर दी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को इस बैंक पर कई प्रतिबंध लगाने के बाद ये एफआईआर दर्ज करवाई है. इन प्रतिबंधों में बैंक में लोगों का जो पैसा जमा है उसे अब निकाला भी नहीं जा सकता है. शिकायत के अनुसार, पूर्व जनरल मैनेजर हितेश प्रवीनचंद मेहता पर दादर और गोरेगांव शाखाओं से बैंक के कोष से 122 करोड़ रुपये निकालने का आरोप है. वह अपने कार्यकाल के दौरान इन शाखाओं के प्रभारी थे. आरोपों के अनुसार, यह धोखाधड़ी 2020 से 2025 के बीच हुई. दादर पुलिस ने इस मामले में बीएनएस अधिनियम की धारा 316(5) और 61(2) के तहत FIR दर्ज की है.
RBI ने क्या कहा?
आरबीआई ने इस मामले पर कहा कि बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए बैन लगाने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ जरूरी चीजों पर खर्च करने की इजाजत बैंक को दी गई है. आरबीआई ने साफ किया है कि 13 फरवरी, 2025 को बैंक के कारोबार बंद होने के बाद से बैंक बिना उसकी इजाजत के ना तो कोई लोन या एडवांस रकम देगा या उसका रिन्यूएल करेगा. साथ ही ना किसी बैंक को निवेश की इजाजत होगी और ना डिपॉजिट स्वीकार करने सहित कोई भी देनदारी लेगा. आरबीआई ने साथ ही कहा कि बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से सुपरवाइजरी चिंताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. मुंबई, ठाणे, पालघर में इस बैंक की कुल 26 ब्रांच हैं. सूरत में 2 ब्रांच हैं. बैंक में खाता धारकों की संख्या लाखों में है.
शरद पवार द्वारा शिंदे को पुरस्कार दिए जाने पर संजय राउत का तगड़ा हमला
12 Feb, 2025 12:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संजय राउत: महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है. शरद पवार के बारे में हमेशा अच्छा-अच्छा बोलने वाले संजय राउत अब उनसे बेहद नाराज दिख रहे हैं. एनसीपी-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को 'महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव' पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसको लेकर अब उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने बड़ा हमला बोला है. यूबीटी सांसद ने कहा कि उन्हें शरद पवार से यह उम्मीद नहीं थी. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शरद पवार द्वारा महादजी शिंदे पुरस्कार से सम्मानित करने पर बवाल मच गया है. शिवसेना उद्धव गुट ने शरद पवार ने निशाना साधा है. संजय राउत ने कहा, गूगली डालने वाले शरद पवार आज खुद हिट विकेट हो गए हैं. उन्हें एकनाथ शिंदे को अपनी बातों से सम्मानित नहीं करना चाहिए था और उस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं होना चाहिए था.
गद्दार का सम्मान क्यों- संजय राउत
संजय राउत ने कहा, एकनाथ शिंदे वह व्यक्ति हैं जिन्होंने अमित शाह की मदद से बालासाहेब की शिवसेना को तोड़ दिया. उन्होंने बेईमानी की और महाराष्ट्र सरकार गिरा दी. ऐसे गद्दार का आप सम्मान कैसे कर सकते हैं? हम महाराष्ट्र की जनता के सामने किस मुंह से आएंगे? उनके साथ खुलेआम बैठकर उन्हें अपने हाथों से इस तरह का सम्मान देना ठीक बात नहीं है.
शरद पवार का सम्मान करते हैं- संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि शरद पवार द्वारा एकनाथ शिंदे का सम्मान करना महाराष्ट्र की अस्मिता और स्वाभिमान पर आघात है. उन्होंने कहा कि हो सकता है शरद पवार की भावनाएं अलग हों, वह वरिष्ठ नेता हैं, हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन हम उन लोगों के खिलाफ हैं जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ा और महाराष्ट्र को कमजोर किया.
शिवसेना नेताओं ने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की, बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर चर्चा
12 Feb, 2025 12:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवसेना : महाराष्ट्र में बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर चर्चा करने के लिए सोमवार को शिवसेना नेता सुभाष देसाई, अंबादास दानवे और मिलिंद नार्वेकर ने एक प्रतिनिधिमंडल के तौर पर मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की, जिसके बाद इस दौरे की खूब चर्चा हुई. सियासी गलियारों से लेकर न्यूज चैनलों में सनसनी फैली कि पर्दे के पीछे जरूर कुछ पक रहा है. ऐसे में अब शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में इन अटकलों पर जमकर हमला बोला गया है. सामना में शिवसेना ने लिखा कि बालासाहेब ठाकरे का स्मारक सरकार द्वारा बनाया जा रहा है इसलिए सरकारी मुलाकातें भी होंगी. विपक्षी नेताओं को मुख्यमंत्री से मिलने पर रोक नहीं है. उसी दिन मुख्यमंत्री फडणवीस खुद राज ठाकरे से मिलने शिवाजी पार्क गए. उस मुलाकात के बारे में भी तर्क-वितर्क किया गया. बता दें फडणवीस-राज की यह कोई पहली मुलाकात नहीं थी. बीजेपी के अन्य नेता भी नियमित रूप से राज के घर चाय-पान के लिए आते-जाते रहते हैं. मनसे प्रमुख का आवास अब एक राजनीतिक 'कैफे' बन गया है.
उद्धव गुट का BJP नेताओं पर तंज
मुखपत्र में किया गया कि बीजेपी के शेलार, लाड आदि जैसे वरिष्ठ नेताओं ने उस कैफे में सीटें आरक्षित कर रखी हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री जाकर कहते हैं कि वह नाश्ते के लिए गए थे तो कैफे का महत्व बढ़ जाता है. असल में इसमें आश्चर्य क्या है कि मुख्यमंत्री चले गए? बीजेपी और राज की मनसे पार्टी का 'तन-मन-धन' गठबंधन है इसलिए मुख्यमंत्री वहां गठबंधन के दलों से संवाद करने गए होंगे. जब शिवसेना-बीपेपी का गठबंधन था, तब भी मुख्यमंत्री चाय-पान के लिए 'मातोश्री' आते थे, लेकिन अब जब राजनीति गुस्से और ईर्ष्या से जल रही है इसलिए कौन किसके पास जाता है और चाय-पानी करता है, इस पर मीडिया के कैमरे को रोक रखा है. सामना में लिखा गया कि पिछले दिनों शरद पवार ने बड़े आकार के अनार वाले किसानों के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन वालों को भी साथ ले लिया. यानी अनारवालों के निमित्त साहित्य सम्मेलन के लोगों का भी उद्धार हो गया फिर भी शरद पवार ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और दोनों के बीच क्या पक रहा है, इसकी चर्चा ही छिड़ गई. हालांकि, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है कि कौन किससे मिल सकता है, लेकिन केंद्र में मोदी-शाह और महाराष्ट्र में फडणवीस-शिंदे सरकार आने के बाद से राजनीति में खुलापन खत्म हो गया है.
नेताओं की मुलाकातें खुलेआम होनी चाहिए
मुखपत्र में कहा गया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष का व्यवहार ऐसा होने लगा मानो वे एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हों, जो लोकतंत्र की पहचान नहीं है. पंडित नेहरू के मंत्रिमंडल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जैसे नेता थे और वे कांग्रेसी नहीं थे, लेकिन वे देश की आवश्यकता के रूप में नेहरू के मंत्रिमंडल में शामिल हुए. नेताओं की मुलाकातें खुलेआम होनी चाहिए. आज के डिजिटल युग में कोई भी बात छुप नहीं सकती. संतों ने कहा है कि "उजाले में पुण्य है, अंधेरे में पाप है." महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार को गिराने के लिए रात 12 बजे के बाद चेहरे पर मेकअप लगाकर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे लैंप पोस्ट के नीचे मीटिंग कर रहे थे. सामना में दावा किया गया कि इस बात का खुलासा खुद अमृता फडणवीस ने किया. शिवसेना को तोड़ने के लिए उस दौरान शिंदे रात-बेरात दिल्ली आकर अमित शाह से मिलते थे. राजनीति में ऐसी मुलाकातों का कोई अंत नहीं है, वे होती रहती हैं. तो अब भी इस बात पर चर्चा क्यों करें कि कौन किससे मिलता है और क्यों? महाराष्ट्र को अब सभी स्तरों पर संकुचित नेतृत्व मिला है इसलिए उनके विचार भी संकुचित ही होंगे. यशवंतराव चव्हाण, एसएम जोशी, नानासाहेब गोरे, वसंतराव नाईक, वसंतदादा पाटील और बालासाहेब ठाकरे के बीच मतभेद थे, फिर भी उनका मिलना-जुलना और संवाद बंद नहीं हुआ.
पिछले 10 सालों में बदली महाराष्ट्र की राजनीति
यह दिलदारी विलासराव देशमुख, शरद पवार, मनोहर जोशी के समय भी दिखती रही. मातोश्री में शिवसेना प्रमुख का दरबार सभी दलों और जातियों और धर्मों के लिए खुला था, लेकिन आज महाराष्ट्र में तस्वीर क्या है? नफरत, ईर्ष्या और तोड़-फोड़ की राजनीति सुलग चुकी है और एक-दूसरे को राजनीति से हमेशा के लिए खत्म करने की हद तक पहुंच चुकी है. यह बदलाव पिछले 10 वर्षों में ज्यादा बढ़ा है. ऐसा क्यों हुआ? महाराष्ट्र में ये जहर किसने बोया? हमें एक साथ बैठकर इस पर चिंतन करने की जरूरत है. सामना में लिखा गया कि महाराष्ट्र की राजनीति में दो पुराने सहयोगी दल शिवसेना और बीजेपी अलग हो गए और उसी दरम्यान कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना जैसी तीन अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आर्इं. यही हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है. बीजेपी ने सत्ता खोने के द्वेष के चलते जहरीला डंक मारा. एकनाथ शिंदे को जेल का डर दिखाकर तोड़ा और अजित पवार को चक्की पीसने के लिए जेल भेजने की गर्जना देवेंद्र फडणवीस ने ही की थी. आज ये तीनों एक साथ हैं. भले ही फडणवीस-शिंदे के चेहरे अलग-अलग दिशाओं में हैं, लेकिन मजबूरी में वे एकत्र हैं.
राजनीति में कौन किसके साथ है ये समझना मुश्किल हो गया
राजनीति में कौन किसके साथ है ये समझना मुश्किल हो गया है और महाराष्ट्र में माहौल पहले जैसा साफ-सुथरा नहीं रह गया है. एक-दूसरे से मिलना तो दूर, बात करना यहां तक कि एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराना भी मुश्किल होता जा रहा है. यह भारत को मोदी-शाहकृत बीजेपी का उपहार है. एक तरह से देश अव्यवस्थित हो गया है इसलिए मनसे प्रमुख और फडणवीस की कैफे में मुलाकात की चर्चा होती है. मित्रपक्ष से खुलेआम मिलना भी चोरी है.
मुंबई के ओशिवारा में भीषण आग, फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां मौके पर मौजूद
11 Feb, 2025 02:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के मुंबई के अंधेरी इलाके में स्थित ओशिवारा में भीषण आग लगने की घटना सामने आई है. आग फर्नीचर के गोडाउन में लगी है. आग की सूचना मिलने के बाद मौके पर फायर ब्रिगेड के 8 गाड़ियां उस पर काबू पाने में जुटी हैं. आग की यह घटना कुछ देर पहले की है. इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. आग को बुझाने के काम में 8 फायर की गाड़ियां और 8 वाटर टैंकर्स के दमकलकर्मी जुटे हैं.
गोदाम के ग्राउंड फ्लोर में लगी आग
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के ओशिवारा फर्नीचर गोदाम के ग्रांउड फ्लोर में सबसे पहले आग लगी, जो कुछ ही देर में पूरे गोदाम में फैल गई. यह गोदाम ए1 दरबर रेस्तरां, स्वामी विवेकानंद मार्ग पर स्थित है. आग की लपटों को धुआं को काफी दूर से भी देखा जा सकता है. गोदाम आग लगते ही मौके पर अफरातफरी मच गई. लोग इधर उधर भागने लगे.
दमकलकर्मियों ने ओशिवारा में लगी आग पर काबू पाया
आग को लेकर सामने आए वीडियो में दमकलकर्मियों को उस पर काबू पाते हुए देखा जा सकता है. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने लोगों को घटनास्थल से दूर रहने को कहा है. आग लगने की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
तानाजी सावंत के बेटे के अपहरण की झूठी खबर ने मचाई सियासी हलचल, संजय राउत का तंज
11 Feb, 2025 01:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मंत्री और शिंदे गुट के विधायक तानाजी सावंत के बेटे के अपहरण की झूठी खबर ने सोमवार को राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दिया था. आज मंगलवार को भी इस हलचल की धमक मंत्रालय से लेकर विरोधी पार्टियों के खेमे में दिखाई दे रही है. आज संजय राउत ने तंज कसा की अमीरों के लड़के जब भागते हैं तो वो बैंकॉक जाते हैं और गरीबों के लड़के मुफलिसी में जीते हैं. हालांकि, हकीकत में तानाजी सावंत के बेटे का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि वह अपने दोस्तों के साथ बैंकॉक गए थे. तानाजी सावंत के बेटे ऋषिराज सावंत सोमवार शाम करीब 4:30 बजे स्विफ्ट कार में बैठकर पुणे के लोहगांव हवाई अड्डे पहुंचे थे. वहां से ऋषिराज अपने दोस्तों के साथ चार्टर्ड विमान से बैंकॉक के लिए रवाना हुए थे. सूत्रों के अनुसार, ऋषिराज सावंत ने इस बैंकॉक यात्रा पर करीब 68 लाख रुपये खर्च किए थे.
चार्टर्ड प्लेन को चेन्नई में उतरवाया
उनका विमान अंडमान-निकोबार तक पहुंच चुका था, लेकिन पुणे में मचे हड़कंप के बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल ATC से संपर्क कर इस चार्टर्ड प्लेन को चेन्नई में उतारने के लिए मजबूर किया गया. इसके बाद विमान से बाकी यात्री बाहर निकले और यह विमान रात 9 बजे पुणे के लोहगांव हवाई अड्डे पर वापस पहुंचा. इस पूरे ड्रामे पर पूर्व मंत्री तानाजी सावंत का बयान सामने आया है. इस पूरे घटनाक्रम पर तानाजी सावंत ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, ‘ऋषिराज और मेरे बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं था. हमने रात को साथ बैठकर बातें कीं. प्रदोष होने के कारण उसने सुबह रुद्राभिषेक किया. इसके बाद हम दोनों अपने-अपने काम में लग गए. आठ दिन पहले ही वह दुबई गया था, इसलिए मुझे समझ नहीं आया कि वह अचानक फिर से बैंकॉक कैसे चला गया. दिनभर कई बार हमारी फोन पर बात होती थी, लेकिन वह अचानक एयरपोर्ट क्यों गया, यह मेरी समझ से परे था इसीलिए हमें चिंता हुई. उसके साथ उसके दोस्त थे, लेकिन क्या वह इस डर से कि पापा नाराज होंगे, मुझसे कुछ नहीं बोला? यह अब उसी से सुनने के बाद ही साफ होगा.
तानाजी सावंत की ताकत का लगा अंदाजा
अब इस पूरे मामले से जुड़ी और क्या जानकारी सामने आएगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. वहीं, इस हाइप्रोफाइल मामले और तानाजी सावंत की ताकत का अंदाजा न सिर्फ पुणे बल्कि पूरे महारष्ट्र को लग गया. कैसे उन्होंने महज 3 घंटे में अपने गुमशुदा बेटे को न सिर्फ पता लगवा लिया बल्कि सकुशल बैंकॉक के रास्ते यूटर्न मरवा कर पुणे बुला लिया.
देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की पहली मुलाकात, सत्तारूढ़ गठबंधन पर चर्चा
10 Feb, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की है. सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस की राज ठाकरे से यह पहली मुलाकात है. स्थानीय चुनाव में राज ठाकरे और बीजेपी के एकसाथ आने की संभावना है. इसके पहले भी सीएम बनने के बाद फडणवीस ने राज ठाकरे से मुलाकात की थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज ठाकरे ने भी ईवीएम पर सवाल उठाया था, जिसको लेकर सामना में तंज भी लिखा गया था. वहीं राज ठाकरे ने पिछले महीने सत्तारूढ़ बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. राज ठाकरे ने कहा था कि बीजेपी ने एक बार कहा था कि करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा, लेकिन इसके बजाय उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया.
मनसे ने अकेले लड़ा था विधानसभा चुनाव
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया था, लेकिन इसके बाद ठाकरे की पार्टी ने पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा था. मनसे विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले बीएमसी के चुनाव को लेकर दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है. दरअसल, महाराष्ट्र के 27 नगर पालिकाओं में चुनाव कराए जाने हैं, जिनमें बीएमसी भी शामिल है. इसके अतिरिक्त हाल में बनाए गए दो नए नगर पालिका में भी पहला चुनाव होना है. स्थानीय निकाय चुनाव न कराए जाने के कारण सभी नगर पालिका में प्रशासन का काम सरकार द्वारा नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर करते हैं.
दिल्ली चुनाव में आप की हार, शिवसेना ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
10 Feb, 2025 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार की हार के बाद शिवसेना के मुखपत्र सामना में कांग्रेस पर जमकर हमला बोल गया है. संपादकीय में लिखा कि कांग्रेस हमेशा की तरह दिल्ली में कद्दू भी नहीं फोड़ पाई. दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा को जीत मिली है. केजरीवाल समेत पूरी आप की कैबिनेट चुनाव हार गई है. इनमें केवल मुख्यमंत्री आतिशी और गोपाल राय चुनाव जीत पाए हैं. केजरीवाल वहीं लौट आए हैं, जहां से उन्होंने राजनीति शुरू की थी. संपादकीय मेंAAP की हार का जिम्मेदार कांग्रेस को बताया गया है.
कांग्रेस में छिपी ताकतें राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाना चाहती हैं
कांग्रेस से पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी में कोई छिपी हुई ताकतें हैं, जो हमेशा राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं? अगर कांग्रेस नेता यह कह रहे हैं कि AAP को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है तो यह गलती है और एक तरह का अहंकार है तो क्या मोदी-शाह की तानाशाही को जिताने की जिम्मेदारी आपस में लड़ने वालों की है? दिल्ली में AAP और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ी. इससे मोदी-शाह के लिए जगह बनी. दिल्ली के नतीजे का असर लोकतंत्र पर पड़ेगा.
अब्दुल्ला के बयान को बताया सही
उमर अब्दुल्ला की तरफ से व्यक्त किया गया गुस्सा व्यावहारिक है. वह ठीक ही कहते हैं कि आपस में जी भर के लड़ो और एक-दूसरे को खत्म करो. कांग्रेस को AAP की हार का कारण बताते हुए कहा गया है कि दिल्ली 14 सीटों पर AAP की हार में कांग्रेस का हाथ रहा है. हरियाणा में भी यही हुआ था. सामना में पू्छा गया कि AAP से लड़ने के बाद आखिर कांग्रेस के हाथ क्या लगा?
अन्ना हजारे को दिल्ली केजरीवाल-सिसोदिया ने दिखाई थी- सामना
सामना में लिखा गया कि अन्ना हजारे को महात्मा अन्ना बनाने में केजरीवाल और उनके लोगों की बड़ी भूमिका रही है. अन्ना को देश ने जाना, वो केजरीवाल की तरफ से किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन की वजह से है. हजारे को दिल्ली केजरीवाल-सिसोदिया ने दिखाई थी और बाद में केजरीवाल ने उसी दिल्ली पर राजनीतिक कब्जा कर लिया. केजरीवाल ने दिल्ली की धरती पर कम से कम दस साल तक प्रधानमंत्री मोदी से लड़ाई की और शाह-मोदी की राजनीति को मात दी. अब मोदी-शाह कई गड़बड़ियां कर जीत हासिल करने में कामयाब रहे. केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की हार की खुशी अन्ना हजारे के चेहरे पर साफ झलक रही है. अन्ना कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल के विचार और चरित्र शुद्ध नहीं हैं. उनका जीवन बेदाग नहीं था. मतदाताओं को विश्वास नहीं था कि वह हमारे लिए कुछ करेंगे. मैंने उनसे बार-बार कहा, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. मोदी का अमृतकाल धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की बैसाखियों पर टिका हुआ है और हजारे सिर्फ केजरीवाल के नाम पर टोपी पर हाथ फिरा रहे हैं. मोदी-शाह महाराष्ट्र और देशभर के सभी दस नंबरी भ्रष्टाचारियों को एक साथ लाकर अपना राज चला रहे हैं.
अन्ना हजारे का आरोप- केजरीवाल की नीतियों से ही उनका नाम हुआ बदनाम
8 Feb, 2025 03:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अन्ना हजारे: दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. रुझानों में इस समय बीजेपी 44 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं आम आदमी पार्टी ने 26 सीटों पर बढ़त बना रखी है. इस बीच राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने लगी है. महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को बार-बार बताता था, लेकिन उनके दिमाग में कभी नहीं आया. अन्ना हजारे ने आगे कहा, "शराब की दुकानों को लेकर उन्होंने मुद्दा उठाया. शराब की बात क्यों आई, क्योंकि उन्हें धन और दौलत चाहिए था. इसी शराब के कारण वो बदनाम हो गए. इसी कारण लोगों को भी मौका मिला.
अन्ना हजारे की आलोचना- केजरीवाल शराब और पैसे में उलझ गए
उन्होंने कहा, "मैं लंबे समय से कहता रहा हूं कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार का चरित्र अच्छा होना चाहिए, विचार अच्छे होने चाहिए और छवि पर कोई दाग नहीं होना चाहिए. लेकिन, उन्हें यह समझ में नहीं आया. वे शराब और पैसे में उलझ गए. इससे उनकी अरविंद केजरीवाल छवि खराब हुई और इसलिए उन्हें चुनाव में कम वोट मिल रहे हैं.
अन्ना हजारे क्यों नहीं बने आम आदमी पार्टी का हिस्सा
हजारे ने कहा कि लोगों ने देखा कि वे (अरविंद केजरीवाल) चरित्र की बात करते हैं लेकिन शराब में लिप्त रहते हैं. राजनीति में आरोप लगते रहते हैं. किसी को यह साबित करना पड़ता है कि वह दोषी नहीं है. सच सच ही रहेगा. जब बैठक हुई, तो मैंने तय किया कि मैं पार्टी का हिस्सा नहीं रहूंगा और मैं उस दिन से पार्टी से दूर हूं.