छत्तीसगढ़
दिव्यांगों को 9 साल से इंतज़ार, नहीं मिला हक, अब 6 माह के अंदर समाधान निकालने के निर्देश
21 Mar, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को दिव्यांग अधिकार अधिनियम के तहत सभी विभागों में पदों के चिन्हांकन का मुद्दा उठा। भाजपा विधायक प्रबोध मिंज ने पदों के चिन्हांकन अब तक नहीं होने पर आपत्ति जताई। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत भी शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष ने भी इस बात पर आश्चर्य जताया कि 9 साल बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने मुख्य सचिव को छह माह में इसका समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। प्रश्नकाल के दौरान विधायक मिंज ने पूछा कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 में अब तक पदों का चिन्हांकन क्यों नहीं किया गया। इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा, नए अधिनियम में 21 तरह के दिव्यांग आ रहे हैं।
सभी विभागों से राय ली जाती है। अभी 24 विभागों से राय आई है और 26 विभागों से आना बाकी है। राय आने के बाद पदों का चिन्हांकन किया जाएगा। विधायक ने कहा, इतने सालों से सिर्फ प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक न तो पद चिन्हांकित हुए और न ही भर्ती हुई। यह संवेदनशील विषय है। यह दिव्यांगों के साथ अन्याय है। क्या आप अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे? इस पर मंत्री ने कहा, 2016 के अधिनियम के तहत भर्ती की जा रही है। सीधी भर्ती में दिव्यांगों को 7 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, 2016 से 2025 आ गया है। पदों के चिन्हांकन जैसी प्रक्रिया में 9 साल लग जाते हैं तो विभाग को संवेदनशील होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि दिव्यांगों के साथ यह व्यवहार अमानवीय है। यह उनके साथ विश्वासघात है।
खाद्य मंत्री वर्ष 2019 के सवाल में उलझी
विधायक भावना बोहरा ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर सवाल उठाए। उन्हें सत्ता पक्ष के अन्य सदस्यों का भी समर्थन मिला। इस दौरान मंत्री सवालों से घिरी नजर आईं। विधायक बोहरा ने पूछा कि वर्ष 2019 में कोविड के समय में भी पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिला। कई शिकायतें भी मिली हैं। क्या इसकी जांच कराई जाएगी? इस पर मंत्री गोलमोल जवाब देती नजर आईं।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में हुआ भ्रष्टाचार: विपक्ष
प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री कन्या विवाह का मुद्दा गूंजा। विपक्ष के विधायक संदीप साहू ने कहा, स्थानीय स्तर पर खरीदे गए सामान घटिया क्वालिटी के हैं। मंत्री राजवाड़े ने कहा, इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है। विधायक ने कहा, मेरी बात को शिकायत मानकर जांच कराई जाए। इस पर मंत्री ने कहा, हमारी सरकार में पारदर्शिता के साथ काम हो रहा है। विधायक साहू और विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा, बालोद में एक ही स्थान पर 16 जोड़ों के विवाह पर 33 लाख रुपए खर्च किए गए। जबकि नियमानुसार एक जोड़े पर 50 हजार रुपए खर्च किए जाने हैं। इन सब चर्चाओं के बीच प्रश्नकाल समाप्त हो गया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से लोक जैवविविधता पंजी तैयार नहीं करने और वेटलैंड स्थलों पर अपेक्षित कार्य नहीं करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। इसे गंभीरता से लेना होगा। लोक जैवविविधता पंजी तैयार करने की जानकारी किसी को नहीं है। इस पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा, सरकार जैव विविधता को लेकर गंभीर है। 12 हजार से अधिक निकायों में जैव विविधता रजिस्टर तैयार किया गया है। ग्राम पंचायतों में काम चल रहा है। इस दिशा में प्रगति कार्य चल रहा है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने सदन में मौजूद मंत्रियों और विधायकों से भी इस बारे में पूछा, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, यह गंभीर मामला है। दिल्ली में जब विशेषज्ञों ने इसके लिए प्रशिक्षण दिया था, तब मैं मुख्यमंत्री के तौर पर उस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले पर अलग से चर्चा करने का अनुरोध किया।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मंत्री केदार कश्यप को जैव विविधता पर विशेषज्ञों के साथ कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने महतारी वंदन योजना को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, बुजुर्ग महिलाओं को 500 रुपए काटकर पैसे दिए जा रहे हैं। इस पर मंत्री राजवाड़े ने कहा, हमारी सरकार ने एक हजार रुपए देने की बात कही थी। जो लोग पेंशन ले रहे हैं, उन्हें अंतर की राशि दी जा रही है। विधायक संगीता सिन्हा ने पूछा कि जिन महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उनके लिए पोर्टल खोलने की क्या कार्ययोजना है।
इस पर मंत्री ने कहा, इसकी चिंता करने के लिए हमारी सरकार है। आने वाले समय में हम इसकी चिंता करेंगे। पालना योजना पर घिरीं मंत्री: पालना योजना में खर्च की गई राशि को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सदन में घिर गईं। विपक्ष के सवालों का वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप कर स्थिति संभालनी पड़ी। दरअसल, कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने पूछा कि फरवरी 2025 तक इस योजना में राशि क्यों नहीं खर्च की जा सकी। इस पर मंत्री ने बताया कि पहले वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिली थी।
अग्निवीर भर्ती परिणाम 22 मार्च को होगा घोषित, इस दिन से शुर होंगी ट्रेनिंग
21 Mar, 2025 04:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ में अग्निवीर भर्ती के परिणाम कल 22 मार्च 2025 को घोषित किए जाएंगे। परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस वर्ष भारतीय सेना में अग्निवीर बनकर देश की सेवा करेंगे। परिणाम देखने के लिए अभ्यर्थी ज्वाइन इंडियन आर्मी की साइट https://www.joinindianarmy.nic.in/ पर जा सकते हैं। परिणाम सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के नोटिस बोर्ड पर भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
इन दिनों शुरू होगी ट्रेनिंग
सभी सफल अभ्यर्थियों को 24 मार्च को सुबह 06:30 बजे सेना भर्ती कार्यालय रायपुर शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, नया रायपुर में प्रारंभिक ब्रीफिंग और डिस्पैच डॉक्यूमेंटेशन के लिए उपस्थित होना आवश्यक है। इन सभी सफल अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण 01 मई 2025 से विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में शुरू होगा। किसी भी अन्य जानकारी और समस्या के समाधान के लिए सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के दूरभाष क्रमांक 0771-2965212, 0771-2965214 पर संपर्क किया जा सकता है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जारी
सेना भर्ती कार्यालय रायपुर द्वारा भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो भारतीय सेना की वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर उपलब्ध है। इस वेबसाइट में भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 12 मार्च से शुरू हो गई है जो 10 अप्रैल तक खुली रहेगी।
मानसिक चिकित्सालय में स्टाफ नियुक्ति में देरी पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब
21 Mar, 2025 03:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ मानसिक चिकित्सालय में डॉक्टरों और स्टाफ की भर्ती में हो रही देरी पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। मुख्य सचिव को जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अस्पताल में सिर्फ दो वार्ड बॉय की मौजूदगी पर भी चिंता जताई है। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल 2025 को होगी।
नियुक्ति को लेकर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि 22 अगस्त 2024 से अब तक चार सुनवाई हो चुकी हैं। लेकिन मानसिक चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। राज्य सरकार ने पहले जानकारी दी थी कि अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाकर 200 की जाएगी। साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी पेश नहीं की गई है।
हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। लेकिन हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करनी होगी। अब कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को इस मामले में हलफनामे के जरिए जवाब देने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल 2025 को होगी।
छग: बारिश के साथ गिरे ओले, तूफान के साथ बरसा पानी, मौसम विभाग का अलर्ट
21 Mar, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है. इतना ही नहीं बलरामपुर जिले में बारिश के साथ ओले भी गिर रहे हैं. इसके साथ ही सूरजपुर, कोरिया समेत संभाग के अन्य जिलों में तेज आंधी के साथ करीब आधे घंटे तक बारिश हुई. बारिश से इलाके में भीषण गर्मी से राहत मिली है. मौसम विभाग के मुताबिक आज और कल प्रदेश के अन्य संभागों में बारिश की संभावना है. वहीं रायपुर, बिलासपुर सरगुजा संभाग समेत बस्तर में बादल छाए रहने की संभावना है. इसके साथ ही आज कई इलाकों में और बारिश होने की संभावना है।
ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
बलरामपुर में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है. इससे लहसुनपाठ इलाका बर्फ की चादर से ढक गया. लहसुनपाठ गांव इलाका कुछ देर के लिए शिमला जैसा नजर आया. इलाके में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हो सकता है. इसका आकलन करने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितना नुकसान हुआ है.
सूरजपुर में आधे घंटे की बारिश
सूरजपुर शहर में आधे घंटे की बारिश हुई। क्षेत्र में हुई तेज बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। वहीं रबी की फसल को नुकसान होने की आशंका है। बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि अभी ऐसी बारिश नहीं हुई है, जिससे किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान हो।
फसलों को नुकसान की आशंका
सरगुजा संभाग के कोरिया जिले में कहीं तेज तो कहीं रुक-रुक कर बारिश हो रही है। वहीं तेज आंधी के साथ क्षेत्र में हुई बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। इस बारिश से रबी की फसलों को नुकसान हो सकता है। जिले में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं। जहां किसानों ने फसलों को नुकसान होने की आशंका भी जताई है। हालांकि अभी फसलों को भारी नुकसान की कोई खबर नहीं है।
बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली
चिरमिरी में मौसम में अचानक बदलाव आया। इसके चलते शहर में तेज बारिश हुई। इसके चलते मौसम का मिजाज गर्म से ठंडा हो गया है। लोगों को कुछ देर के लिए गर्मी से राहत मिली है।
नक्सलियों पर पुलिस फोर्स ने बड़ा सर्च ऑपरेशन, माओवादियों ने खुद बताया अपना सीक्रेट बेस, 30 नक्सलियों ढेर
21 Mar, 2025 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजापुर: छत्तीसगढ़ में पुलिस बल ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस बल ने एक ही दिन में 30 नक्सलियों को मार गिराया है. उनकी पहचान की जा रही है. इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले माओवादियों के बीच रहने वाले एक नक्सली ने जवानों को पूरी जानकारी दी थी. इस नक्सली द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस बल ने योजना तैयार की और इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. माना जा रहा है कि इस ऑपरेशन में उक्त नक्सली की बड़ी भूमिका थी. इस नक्सली ने माओवादियों की गुप्त योजना बताई और उसी योजना के अनुसार यह दूसरा बड़ा ऑपरेशन सफल रहा. मोस्ट वांटेड नक्सली ने बताई थी योजना: इस ऑपरेशन में पुलिस बल ने 30 नक्सलियों को मार गिराया है. इस सफल ऑपरेशन का जिम्मा एक नक्सली का था. जिस पर सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम रखा था. उक्त नक्सली ने सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने के बाद उसने पुलिस बल को पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया. सरेंडर करने वाला नक्सली डीवीसीएम कैडर का था और गंगालूर एरिया कमेटी में सक्रिय था। सरेंडर करने वाला नक्सली 100 से ज्यादा जवानों की हत्या में शामिल रहा है। अब वह पुलिस बल का मददगार बन गया है। एसपी ने बताया कि माओवादी कमांडर दिनेश मोडियाम के सरेंडर के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई है। मोडियाम गंगालूर इलाके में नक्सलियों का लीडर रहा है और उनका नेतृत्व करता था।
मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद
गुरुवार 21 मार्च को हुए नक्सल ऑपरेशन में डीआरजी का एक जवान भी शहीद हो गया। बीजापुर-दंतेवाड़ा की सीमा पर एंड्री के जंगल में हुई मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया। वहीं, कांकेर-नारायणपुर जिले में पुलिस बल ने चार नक्सलियों को मार गिराया। बीजापुर में 26 नक्सली मारे गए। दो जगहों पर चल रहे ऑपरेशन में कुल 30 नक्सली मारे गए।
80 दिनों में 113 नक्सली मारे गए
राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद नक्सल ऑपरेशन तेज हो गया है। इसके चलते बस्तर के नक्सल प्रभावित जिलों में हर दिन मुठभेड़ हो रही है। अगर पिछले तीन महीने के 80 दिनों की बात करें तो 113 नक्सली मारे गए हैं। अगर पिछले एक साल की बात करें तो बस्तर इलाके में एक साल में अब तक 287 नक्सली मारे गए हैं।
20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा: केंद्र की कई नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठन करेंगे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
21 Mar, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोरबा: 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को श्रमिक विरोधी करार देते हुए इसके खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है। श्रमिक संगठनों ने 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह हड़ताल कोरबा जिले के कोयला खदानों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक और निजी संयंत्रों में होगी।
श्रमिकों पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चा
श्रमिक संगठनों का कहना है कि इसमें वित्तीय संस्थाओं को भी शामिल किया गया है। दो दिन पहले नई दिल्ली में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में श्रम कानूनों की समीक्षा की गई और श्रमिकों पर पड़ने वाले असर पर चर्चा की गई। श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार श्रम न्यायालयों का विरोध किया है और इसे वापस लेने की मांग की है।
श्रमिक संगठनों के सामने होगी बड़ी चुनौती
इसके अलावा श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की कई नीतियों को श्रमिक विरोधी करार देते हुए इसके खिलाफ 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस श्रमिक सम्मेलन में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू के अलावा अन्य श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में कोयला खदान क्षेत्रों में श्रमिक संगठनों का सबसे अधिक दबदबा है। समय-समय पर आयोजित हड़तालों का असर भी खदान क्षेत्रों में देखने को मिलता है। उम्मीद है कि इस बार भी मजदूरों की हड़ताल का असर खनन क्षेत्र में ज्यादा देखने को मिलेगा। हालांकि कोयला खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को इस हड़ताल में शामिल करना मजदूर संगठनों के लिए बड़ी चुनौती होगी।
कुड़े से मिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार
20 Mar, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सूरजपुर : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अभिसरण से बने सेग्रीगेशन शेड ने सूरजपुर जिले के जनपद पंचायत भैयाथान के ग्राम तेलगांव जहां पहले कचरे का ढेर हुआ करता था। जिसे वहा के स्वच्छता दीदियों के द्वारा कचरे का निस्तारण कर गांव की सड़कों एवं गलियों और चौंक-चौराहों को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। खुले में शौचमुक्त गांव बनने के वाद अब तेलगांव प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट मुक्त ग्राम पंचायत भी बन गया है। सड़कों एवं गलियों और चौक-चौराहों पर फेंके जाने वाले कचरे को वहां की स्वं सहायता समूह की महिलाओं ने अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाया है। पिछले एक साल समूह के द्वारा कचरे के निस्तारण किया जा रहा है।कचरा संग्रहण तथा उसे अलग-अलग कर निस्तारित करने का काम इन महिलाओं के लिए सहज-सरल नहीं था। शुरुआत में जब वे रिक्शा लेकर कचरा संकलन के लिए घर-घर जाती थीं तो लोग उन्हें ऐसे देखते थे जैसे वह कोई खराब काम कर रही हो कचरा देने से ग्रामीण मना किया करते थे। धीरे-धीरे समूह की महिलाओं का मनोबल स्वच्छ भारत मिशन की टीम द्वारा स्वच्छता दीदी को स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य हेतु प्रोत्साहित किया गया उनके मनोबल को कमजोर होने नहीं दिया।
लोगों की हिकारत भरी नजरों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और ग्राम पंचायत के सहयोग से इस काम को जारी रखा। इनके काम से गांव लगातार साफ-सुथरा होते गये, तब लोगों का नजरिया भी बदलने लगा। अब गांव वाले इन्हें सम्मान के साथ स्वच्छता दीदी कहकर पुकारते हैं।
तेलगांव के कुबेर महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सफाई मित्र के रूप में घर-घर जाकर कचरा संकलित करती हैं। सेग्रीगेशन शेड यानी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र में वे संकलित कचरा में से उनकी प्रकृति के हिसाब से उन्हें अलग-अलग करती हैं। और कचरे को बेचकर आय का साधन बना रही है। कुबेर महिला स्वयं सहायता समूह- जयकुमारी, प्रियंका, चांदनी, बाबी है।
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से वृद्ध बृजेश को मिला नया जीवन
20 Mar, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर बस्तर कांकेर : जीवन के अंतिम पड़ाव में बुढ़ापे के साथ कई तरह के रोग सिर उठाने लगते हैं। ऐसे में लोगों को अपनी जिन्दगी बचाने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उपचार के लिए आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। जिले के नरहरपुर के निवासी 66 वर्षीय वृद्ध बृजेश दुबे को डायलिसिस के लिए अब तक 03 लाख 33 हजार 960 रूपए का लाभ मिल चुका है, जो उनके लिए बड़ा सहायक सिद्ध हुआ है।
नरहरपुर के वार्ड क्रमांक-12 में रहने वाले दुबे ने बताया कि उनकी दोनो किडनी वर्ष 2022 से फेल हो चुकी है, जिसके चलते उन्हें अस्पताल जाकर प्रत्येक सप्ताह दो बार अनिवार्य रूप से डायलिसिस कराना पड़ता है। उन्होंने बताया कि चूंकि हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव के मरीज हैं इसलिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में जाकर डायलिसिस कराना पड़ रहा है। जिसका प्रति सेशन 2170 रूपए खर्च होता है। इस प्रकार हर सप्ताह 4340 रूपए के अलावा रायपुर आने-जाने में काफी खर्च हो जाता है। दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत उन्हें उपचार के लिए अब तक 03 लाख 33 हजार 960 रूपए की स्वीकृति मिल चुकी है। जो उम्र के इस पड़ाव में बहुत बड़ी राहत देने वाला है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस योजना से उनके जैसे अनेक जरूरतमंदों को नया जीवन मिल रहा है, जो किसी पुण्य कर्म से कम नहीं है।
टेड़गा तालाब बना अमृत सरोवर- सिंचाई, मत्स्य पालन और आर्थिक सशक्तीकरण का केंद्र
20 Mar, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोरिया : जल संरक्षण और ग्रामीण विकास का उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है टेड़गा तालाब, जिसे महात्मा गांधी नरेगा के तहत मिशन अमृत सरोवर में पुनर्जीवित किया गया। अब यह सिर्फ जल संग्रहण का स्रोत नहीं, बल्कि सिंचाई, मत्स्य पालन और ग्रामीण आजीविका का मजबूत आधार बन गया है।
तालाब पुनरोद्धार से बहुआयामी लाभ
कोरिया जिले के सोनहत जनपद के ग्राम पुसला में स्थित टेड़गा तालाब, देखरेख के अभाव में सिकुड़ता जा रहा था। गाद जमने के कारण इसकी जलभराव क्षमता घट गई थी, जिससे गर्मियों में पानी का संकट गहरा जाता था, लेकिन 9.71 लाख रुपये की लागत से इसे गहरीकरण कर पुनर्जीवित किया गया। अब तालाब में 10,000 घनमीटर जलभराव क्षमता है, जिससे किसानों को सालभर पानी उपलब्ध हो रहा है। 09 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा बढ़ी, जिससे 22 हेक्टेयर खरीफ और 05 हेक्टेयर रबी फसल को पानी मिल रहा है।महिला स्व-सहायता समूहों ने तालाब को लीज पर लेकर मत्स्य पालन शुरू किया, जिससे उन्हें 08 क्विंटल मछली उत्पादन और 1.60 लाख रुपये की आय हुई।
गांव में खुशहाली का नया स्रोत
ग्राम पंचायत पुसला के किसानों राजाराम, फुलेश्वरी, शंकरलाल और कृष्णा ने बताया कि पहले तालाब सूखने की कगार पर था, लेकिन अब यह गांव की आजीविका और जल स्रोत का आधार बन गया है। महिलाओं ने रोहू, कतला और मृगल मछली उत्पादन से आर्थिक स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ाए हैं। तालाब के किनारों पर पौधारोपण कर इसे और सुंदर बनाया गया है, जिससे यह एक आदर्श जल संरक्षण मॉडल बन गया है। यह सफलता दर्शाती है कि सही योजना और सामुदायिक सहभागिता से जल संसाधनों का बहुद्देशीय उपयोग किया जा सकता है।
अमृत सरोवर-गांव की तरक्की का प्रतीक
टेड़गा तालाब अब सिर्फ जलाशय नहीं, बल्कि एक सशक्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था का उदाहरण बन गया है। यह दिखाता है कि मिशन अमृत सरोवर जैसी योजनाएं जल संरक्षण, कृषि और ग्रामीण जीवन में स्थायी बदलाव ला सकती हैं।
राज्यपाल डेका से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने भेंट की
20 Mar, 2025 09:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने भेंट कर वक्फ बोर्ड के कार्याे के संबंध में राज्यपाल को अवगत कराया।
राज्यपाल डेका से दिगम्बर जैन महासभा के उपाध्यक्ष मोदी ने की सौजन्य भेंट
20 Mar, 2025 09:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के उपाध्यक्ष प्रकाश मोदी ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने जैन धर्म के प्रथम तीर्थं कर भगवान आदिनाथ की जयंती के अवसर पर भाटापारा में आयोजित छत्तीसगढ़ स्तरीय कार्यक्रम के लिए बतौर मुख्य अतिथि डेका को आमंत्रित किया।इस अवसर पर प्रियांश जैन, गौरव जैन और करण कश्यप उपस्थित थे।
राज्यपाल डेका ने विश्व योग प्रतियोगिता के लिए चयनित प्रतिभागियों को 50 हजार रूपए की सहायता राशि दी
20 Mar, 2025 09:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने विश्व योग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों को 50 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की है।
ये प्रतिभागी आगामी अप्रैल माह में मलेशिया में आयोजित होने वाली 16वीं विश्व योग प्रतियोगिता में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे। छत्तीसगढ़ के प्रतिभागी खिलाड़ी सुसाक्षी वर्मा और विभांशु बंजारे और उनके योग प्रशिक्षक नमेश कुमार साहू ने आज राजभवन में राज्यपाल डेका से मुलाकात की। डेका ने प्रत्येक प्रतिभागी के लिए 25-25 हजार रूपये की अनुदान राशि स्वीकृत की और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी।
बस्तर जिले के 5 विकासखण्डों में हुआ ब्लॉक स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन
20 Mar, 2025 09:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : बस्तर जिले के जगदलपुर, बस्तर, तोकापाल, बास्तानार एवं दरभा विकासखण्ड में गुरुवार को ब्लॉक स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं समाज प्रमुखों ने कहा कि यह आयोजन बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मंच प्रदान किया जा रहा है, जिससे स्थानीय संस्कृति को नई पहचान मिल रही है। इस उत्सव में विभिन्न जनजातीय समूह अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जिले के इन सभी ब्लॉक में आयोजित उक्त कार्यक्रम में स्थानीय लोक कलाकारों, जनजातीय समुदायों और संस्कृति प्रेमियों का उत्साह देखते ही बना। बस्तर पंडुम न केवल संस्कृति को सहेजने का प्रयास है बल्कि सामाजिक एकता और पारंपरिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। जिले के इन सभी विकासखंड में बस्तर पंडुम के तहत हजारों प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिले में बस्तर पंडुम का जिला स्तरीय कार्यक्रम 22 एवं 23 मार्च को इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम जगदलपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें ब्लॉक स्तर से चयनित प्रतिभागी शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत अनेक विधाएं शामिल की गई जिसमें जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत- चैतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेषभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन- सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, पेज, कोसरा एवं मड़िया पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण रहे। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहा
बस्तर जिले में विकासखण्ड स्तर पर आयोजित बस्तर पंडुम में सक्रिय सहभागिता निभाने वाले समाज प्रमुखों में बस्तर पंडुम के प्रति खासा उत्साह एवं अलग ही लगाव देखने को मिला। इस दौरान इन समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहनीय पहल निरूपित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया।
इस मौके पर पूर्व विधायक एवं सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजाराम तोड़ेम ने बस्तर पंडुम को राज्य सरकार की जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विविधता को देश-दुनिया में पहुंचाने की अनुपम प्रयास रेखांकित किया। वहीं सर्व आदिवासी समाज के बस्तर जिला अध्यक्ष दशरथ कश्यप ने बस्तर पंडुम को जनजातीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में उल्लेखनीय पहल निरूपित करते हुए इसे हर साल आयोजित करने का सुझाव दिया।
सर्व आदिवासी समाज के महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष चमेली जिराम ने बस्तर पंडुम को जनजातीय समुदाय के भावी पीढ़ी के लिए समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सीखने-समझने का बेहतर मंच बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति,परम्परा, रीति-रिवाजों से दूर हो रही है। बस्तर पंडुम जैसे आयोजन में सक्रिय सहभागी बनकर भावी पीढ़ी अपना जुड़ाव महसूस करेगी। इस बस्तर पंडुम में जनजातीय पेय पदार्थों के विधा में अपना प्रदर्शन करने पहुंचे नगरनार की अन्नपूर्णा नाग एवं भेजापदर की बुधरी बघेल ने कहा बस्तर पंडुम में जनजातीय संस्कृति की अलग छटा दिख रही है। जिसमें परम्परा, रीति-रिवाज, खान-पान सभी शामिल है। यह हमारी पहचान है और इसे संरक्षित करने के लिए सरकार का प्रयास प्रशंसनीय है।
राज्य में ‘आउटपुट-आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क’ के आधार पर होगी योजनाओं की निगरानी
20 Mar, 2025 09:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ में शासन की प्रभावशीलता और योजनाओं की दक्षता को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य नीति आयोग एवं नीति आयोग (भारत सरकार) के डेवलपमेंट मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिस (डीएमईओ) के सहयोग से "मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह दो दिवसीय कार्यशाला 20 और 21 मार्च को आयोजित की जा रही है, जिसमें राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आधुनिक निगरानी और मूल्यांकन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य सरकारी योजनाओं की पारदर्शी, प्रभावी और डेटा-आधारित निगरानी सुनिश्चित करना तथा नीति निर्माण को अधिक परिणामोन्मुखी बनाना है।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से नीति आयोग, भारत सरकार की महानिदेशक श्रीमती निधि छिब्बर, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेंद्र तिवारी, राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, योजना विभाग के सचिव अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया तथा डीएमईओ, नीति आयोग के निदेशक अबिनाश दास और देवी प्रसाद भुक्या उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए, जिनमें सुशासन एवं अभिसरण विभाग, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, खाद्य विभाग, नगरीय प्रशासन और योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने पर फोकस
डीएमईओ की विशेषज्ञ टीम ने सरकारी योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के आधुनिक तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान अधिकारियों को डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने पर प्रशिक्षित किया गया।
डीएमईओ के प्रशिक्षकों ने डेटा गवर्नेंस, गुणवत्ता संकेतक (Quality Indicators), परिणाम-आधारित निगरानी (Output-Outcome Based Monitoring) और मूल्यांकन प्रणाली जैसे विषयों पर सत्र लिए। उन्होंने बताया कि कैसे वैज्ञानिक रूप से योजनाओं की निगरानी कर उनके वास्तविक प्रभाव को मापा जा सकता है, जिससे शासन प्रणाली अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और प्रभावी बन सके।
लॉजिकल फ्रेमवर्क और डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स पर चर्चा
विशेषज्ञों द्वारा "आउटपुट-आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क", "डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स" और "लॉजिकल फ्रेमवर्क" विषयों पर गहन परिचर्चा की गई।
राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से राज्य के अधिकारियों को आधुनिक निगरानी और मूल्यांकन तकनीकों से परिचित कराया जा रहा है, जिससे वे अपनी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बना सकें।
डीएमईओ, नीति आयोग की महानिदेशक श्रीमती निधि छिब्बर ने कहा कि मॉनिटरिंग और इवैल्यूएशन (M&E) किसी भी प्रभावी शासन प्रणाली की आधारशिला है। भारत सरकार ने योजनाओं के प्रभावी मूल्यांकन और निगरानी के लिए डीएमईओ की स्थापना की है। राज्य में भी इसी तरह की संस्था बनाई जानी चाहिए। यह कार्यशाला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नीति-निर्माण में डेटा-आधारित दृष्टिकोण को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यशाला से राज्य के अधिकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को बेहतर तरीके से मापने और विश्लेषण करने में सक्षम होंगे।
योजना विभाग के सचिव अंकित आनंद ने कहा कि इस प्रशिक्षण से सरकारी योजनाओं की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा, जिससे राज्य के विकास कार्यक्रमों को नई दिशा मिलेगी।
राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया ने कहा कि निगरानी और मूल्यांकन सुशासन का प्रमुख आधार है। राज्य नीति आयोग पहले से ही सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लिए विभिन्न संकेतकों की निगरानी कर रहा है। इस कार्यशाला से डेटा संग्रह और निगरानी प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य नीति आयोग और डीएमईओ, नीति आयोग, भारत सरकार के संयुक्त सहयोग से आने वाले समय में इस तरह की और कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में डेटा-संचालित नीति निर्माण और प्रभावी निगरानी प्रणाली को मजबूत करना है।इस कार्यशाला से छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे प्रदेश में विकास और सुशासन को और अधिक गति मिलेगी।
फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का मामला उजागर, 170 से अधिक लोग जांच के दायरे में
20 Mar, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि विभाग में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने के 72 मामले सामने आए हैं। विधानसभा में बालेश्वर साहू द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि जिन कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत मिली है, उनकी जांच के लिए मेडिकल बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं। इन मामलों में सभी कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 21 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले की जांच पूरी होने तक किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। मंत्री ने यह भी माना कि इस मामले में अब तक कोई जांच कमेटी नहीं बनाई गई है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद नौकरी में बहाल
कृषि विभाग में ही तीन अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सही पाई गई। इन तीनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन इनमें से एक को हाईकोर्ट के आदेश के बाद नौकरी में बहाल कर दिया गया है। विधानसभा में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों की जानकारी भी मांगी गई। अनुज शर्मा के सवाल पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के अंतर्गत उच्च स्तरीय जांच समिति ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 98 लोगों को सरकारी नौकरी में पाया है। फिलहाल इन सभी मामलों की जांच चल रही है।
बड़े पैमाने पर चल रहा खेल
सरकार के जवाब के बाद यह साफ हो गया है कि राज्य में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने का खेल चल रहा है। इन मामलों में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जांच प्रक्रिया तो चल रही है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के कारण सरकार कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही है। अगर इस घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई की गई तो 170 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि आगे से भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी हो और इस तरह के फर्जीवाड़े पर सख्ती से रोक लगे।