छत्तीसगढ़
जशपुर के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ की ख्याति देश विदेश तक पहुंची ... पंडित प्रदीप मिश्रा
27 Mar, 2025 07:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जशपुरनगर : कुनकुरी मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के पास 21 से 27 मार्च तक आयोजित महाशिवपुराण का भव्य समापन किया गया। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने शिव भक्तों को 7 दिन तक कथा का श्रवण कराया और सभी को भव्य आयोजन के लिए अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा की महाशिवपुराण कथा का श्रवण करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी आए थे। साथ ही पूरे भारत वर्ष के लगभग 272 देशों के लोगों ने विभिन्न सोशल मीडिया, चौनल के माध्यम से कथा को सुना जशपुर में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ की ख्याति भारत देश के साथ देश विदेश तक पहुंच चुकी है।
और इसका पूरा श्रेय जशपुर वासियों को जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल्या साय, राजपरिवार ,कलेक्टर रोहित व्यास एस एस पी शशि मोहन सिंह जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार सहित जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारीयों पत्रकारों, भोजन , पेयजल की व्यस्था नगर पालिका अधिकारी, कर्मचारियों को और आयोजन समिति के साथ प्रत्यक्ष
अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों, जशपुर के शिव भक्तों का हृदय से धन्यवाद दिया की आपके सहयोग से शिवमहापुराण कथा सफल हो सका
प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के सातवें दिन सुबह 8 बजे 11 बजे तक कथा का श्रवण कराया उन्होंने कहा कि भोला ... कहां... मिलेगा... भोले ...एक.. एक.. कण.. कण .. मिलेंगे भक्तों के हृदय में भोले मिल जाएंगे बाबा ने मनुष्यों को अपने कर्म से महान बनने का संदेश दिया इसके लिए भूखे को खाना खिलाने प्यासे को पानी पिलाया पीपल के नीचे चींटियों को आटा खिलाओ, इस भंडारे के समान ही पुण्य मिलता है। आप भंडारे नहीं कर सकते कोई बात नहीं जितनी शक्ति उतनी भक्ती पंडित मिश्रा ने कहा कि अपने छत पर पक्षियों के लिए चारा पानी की व्यवस्था करें मटका में पानी भरकर रखें गौमाता को घास रोटी पानी पिलाएं यह सब कार्य भंडारे से कम नहीं है। जहां जहां अच्छा कार्य वहां भोले जरूर मिलेंगे। शिव भक्तों को भोले बाबा को एक लोटा जल अवश्य चढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जो तुम्हें जल चढ़ाने को मना करते तुम उन्हें छोड़ दो जशपुर के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का यह शिव धाम विधी विधान से कलश यात्रा के साथ सात दिन शिव महापुराण कथा से हर हर महादेव से गुंजने लगा है।
मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या साय ने महाशिवपुराण की कथा के समापन के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा और उनके साथ आए सभी लोगों का धन्यवाद दिया। जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वास्थ्य विभाग, पेयजल विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय निकाय के साथ सभी का सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
भूपेश बघेल के तीन मोबाइल फोन सीबीआई ने जब्त, 14 घंटे लंबी चली छापेमारी खत्म, छापेमारी के बाद बोले पूर्व सीएम 'सब साजिश'
27 Mar, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास और कार्यालय पर सीबीआई ने 14 घंटे तक छापेमारी की। छापेमारी रविवार सुबह शुरू हुई और देर रात खत्म हुई। इस दौरान आवास के बाहर बड़ी संख्या में उनके कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे।
राजनीतिक साजिश का आरोप
छापे के बाद मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, "यह पूरी कार्रवाई एक राजनीतिक साजिश है। असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मुझे निशाना बनाया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले ईडी ने भी उनके आवास पर छापेमारी की थी।महादेव सट्टा ऐप के मामले में भूपेश बघेल ने कहा, "हमने इस ऐप पर सबसे ज्यादा कार्रवाई की है। केंद्र सरकार से लुकआउट सर्कुलर जारी करने की अपील की, लेकिन सौरभ चंद्राकर को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।"
मोदी के दौरे से जुड़े आरोप
घेल ने इस छापेमारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे से जोड़ा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री 30 तारीख को आ रहे हैं। उनके भाषण के लिए कोई मुद्दा चाहिए, इसलिए यह कार्रवाई की गई।"
सीबीआई ने मोबाइल फोन जब्त किए
सीबीआई ने छापेमारी के दौरान बघेल के तीन मोबाइल फोन जब्त किए। उन्होंने कहा, "अगर मेरे आवास में कुछ भी मिलता है, तो इसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं है। यह कार्रवाई सिर्फ मुझे परेशान करने के लिए की जा रही है।"
केंद्र सरकार पर हमला
भूपेश बघेल ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की मजबूती भाजपा को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा, "पंजाब में हालात उनके खिलाफ जा रहे हैं। इसलिए मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है।" छापे के दौरान बघेल के कार्यकर्ता उनके आवास के बाहर खड़े रहे। छापेमारी के बाद बघेल बाहर आए और कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया।
छत्तीसगढ़ राज्य श्रमिकों के लिए बड़ी सौगात: बैंक खातों में DBT के माध्यम से पहुंचेगी 40 करोड़ 48 लाख रुपये की आर्थिक सहायता
27 Mar, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के श्रमिकों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन आज 86,462 श्रमिकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 40 करोड़ 48 लाख रुपए की आर्थिक सहायता जारी करेंगे। श्रम मंत्री देवांगन आज 27 मार्च को दोपहर 12 बजे नवा रायपुर स्थित बीओसी भवन में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की बैठक लेंगे (तीर्थ दर्शन योजना 2025)। बैठक के बाद दोपहर 1 बजे श्रमिकों के खातों में सीधे राशि ट्रांसफर की जाएगी।
किन श्रमिकों को मिलेगा लाभ?
यह आर्थिक सहायता राज्य के पंजीकृत श्रमिकों (तीर्थ दर्शन योजना 2025) को प्रदान की जाएगी। डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) प्रणाली के तहत राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में पहुंचेगी। इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और उनके कल्याण को बढ़ावा देना है।
सरकार की श्रमिक हितैषी योजनाएं
छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों के हित में लगातार कल्याणकारी योजनाएं (तीर्थ दर्शन योजना 2025) क्रियान्वित कर रही है। इससे पहले भी राज्य सरकार ने श्रमिकों को बीमा योजना, शिक्षा सहायता और स्वास्थ्य लाभ जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं।
रायपुर रेलवे स्टेशन से तीर्थयात्री रवाना, सीएम साय ने ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
27 Mar, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी "तीर्थ दर्शन योजना" का आज विधिवत शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में इस योजना का शुभारंभ करते हुए पहली तीर्थ यात्रा ट्रेन (तीर्थ दर्शन योजना 2025) को हरी झंडी दिखाई। इस योजना के तहत राज्य के वरिष्ठ नागरिकों और कम आय वाले परिवारों को प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन का अवसर मिलेगा।
यह है योजना का मुख्य उद्देश्य
राज्य के गरीब और वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों (तीर्थ दर्शन योजना 2025) तक पहुंच प्रदान करना है। सभी वर्गों के लोगों को धार्मिक यात्रा का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ के बाहर के तीर्थ स्थलों के दर्शन करने से राज्य के लोगों को नई जगहों पर जाने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यात्रियों से की बातचीत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर रेलवे स्टेशन (तीर्थ दर्शन योजना 2025) पर आयोजित कार्यक्रम में यात्रियों से बातचीत की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। ट्रेन में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने की व्यवस्था, यात्रा बीमा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। योजना के तहत यात्रा का अधिकांश खर्च सरकार उठाएगी, ताकि गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ न पड़े।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
इच्छुक लाभार्थियों को ऑनलाइन या जिला प्रशासन के माध्यम से आवेदन करना होगा (तीर्थ दर्शन योजना 2025)। आयु सीमा वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को प्राथमिकता दी जाएगी। आर्थिक पृष्ठभूमि में कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। चयन प्रक्रिया में पारदर्शी लॉटरी प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।
हमारी सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा किया
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, यह योजना (तीर्थ दर्शन योजना 2025) हमारी सरकार की लोक कल्याणकारी नीतियों का हिस्सा है। हम चाहते हैं कि राज्य के हर नागरिक को देश के पवित्र तीर्थ स्थलों के दर्शन का अवसर मिले, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। साथ ही उन्होंने कहा कि हम एक और मोदी गारंटी को पूरा कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था, उस समय मोदी की गारंटी में यह भी शामिल था, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार पूरा कर रही है।
वर्धमान नगर कॉलोनी में वाहन पार्किंग की अव्यवस्था, सोसायटी अध्यक्ष ने बताया समस्या का कारण
27 Mar, 2025 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजधानी रायपुर के देवपुरी में वर्धमान नगर के रहवासियों द्वारा अवैध पार्किंग, नशाखोरी, जुआखोरी, कचरा डंपिंग के विरुद्ध किया जा रहा विरोध बढ़ता ही जा रहा है। समस्या से परेशान यहां के रहवासी विरोध कर रहे हैं, शिकायत भी कर रहे हैं। मगर, समाधान करने वाले मामले को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं।
अब तक कार्रवाई पूरी तरीके से बेनतीजा रही है। जिम्मेदार अधिकारी आपस में पत्राचार कर एक दूसरे के ऊपर मामला डालते जा रहे हैं। बता दें कि पांच जनवरी को इसी मामले को लेकर सोसायटी के अध्यक्ष विवेकानंद भट्टाचार्य और अवैध तरीके से गाड़ी पार्क करने वाले योगेश सैनी के बीच बातों ही बातों में मारपीट भी हो गई थी, जिसके बाद मामला थाने भी गया था।
जनवरी में ही रहवासियों के अनुरोध पर क्षेत्रीय विधायक मोतीलाल साहू ने आयुक्त नगर निगम को आदेश जारी कर यह भी कहा था कि यहां के रहवासियों की समस्या का समाधान किया जाए। वहीं, एसडीएम द्वारा भी नगर निगम और संबंधित थाने को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। सब कुछ होने के बाद भी इस मामले पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अतिक्रमण कर मार्ग बाधित करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इस क्षेत्र में भी अवैध पार्किंग व अतिक्रमण को लेकर समय-समय पर कार्रवाई की जाती रही है। इस मामले को भी संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाएगी।
हो रही है अवैध वसूली भी
देवपुरी में गुंडागर्दी के साथ अवैध वसूली भी की जाती है। यहां के रहवासी बताते हैं कि कुछ लड़के अवैध तरीके से पार्किंग के नाम पर वसूली करते हैं। वो सड़कों पर गाड़ी भी खड़ी कराते हैं, जबकि पूरा क्षेत्र नो पार्किंग जोन है।
नगर निगम को भी इसकी जानकारी दी गई है। मगर, निगम के अधिकारी और कर्मचारी मामले को देखने तक नहीं आए। हर माह लाखों की प्रोटेक्शन मनी लेते थे छत्तीसगढ़ के IPS,रूटीन निरीक्षण के दौरान मैंने देवपुरी का भी भ्रमण किया है। मामले को संज्ञान में लेकर लोगों की परेशानी दूर करने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कॉलोनी से निकलना भी मुश्किल
वर्धमान नगर के रहवासियों के लिए कॉलोनी से निकलना तक मुश्किल हो चुका है। सोसायटी के अध्यक्ष विवेकानंद भट्टाचार्य बताते हैं कि कॉलोनी के गेट से लेकर पूरे क्षेत्र में अवैध तरीके से वाहन खड़े किए जाते हैं। विरोध करने पर मारपीट व गाली-गलौज पर उतारू होते हैं।
संबंधित थाने से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को समस्या बता चुके हैं। आश्वासन जरूर मिलता है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। बस नगर निगम पुलिस से पत्राचार करता है, वहीं पुलिस भी नगर निगम के साथ पत्राचार करती है।
महासमुंद: 25 साल से चल रहे 'उड़ीसा लस्सी सेंटर' में 150 लीटर दूध से तैयार होती है लस्सी
27 Mar, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राजधानी से लगा जिला महासमुंद के बसना स्थित पदमपुर रोड चौक पर एक ऐसी जगह है, जहां चिलचिलाती गर्मी में भी लोग ठंडक का आनंद लेने के लिए उमड़ पड़ते हैं. यह जगह है ‘उड़ीसा लस्सी सेंटर’, जिसे संचालित करते हैं कृष्णचंद्र बेहरा, जिन्हें स्थानीय लोग प्यार से ‘पंडा जी’ कहते हैं. उनकी यह लस्सी दुकान केवल एक व्यवसाय नहीं बल्कि 25 साल पुरानी एक परंपरा है, जिसकी नींव उनके दादा जी ने रखी थी.
दो लीटर से 150 लीटर तक का सफर
शुरुआत में यहां पान का व्यापार हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे लस्सी का काम शुरू किया गया. शुरुआत में सिर्फ 2 लीटर दूध से लस्सी बनाई जाती थी, लेकिन सालों की मेहनत और क्वालिटी में सुधार के बाद आज गर्मी के दिनों में 150 लीटर दूध से बनी लस्सी की खपत हो रही है. यह आंकड़ा ही यह बताने के लिए काफी है कि लोग इस लस्सी को कितना पसंद करते हैं. खास बात यह है कि ठंड और बारिश के मौसम में भी यहां हर दिन 50 लीटर दूध से बनी लस्सी की बिक्री हो जाती है.
उड़ीसा लस्सी सेंटर की लस्सी सिर्फ दही और शक्कर से बनी साधारण लस्सी नहीं होती, बल्कि इसे खास बनाने के लिए काजू, किशमिश, ड्राई फ्रूट्स और कच्चे नारियल का इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि इस लस्सी का स्वाद हर किसी को अपनी ओर खींच लाता है. मात्र 25 रुपये में मिलने वाली इस लस्सी की कीमत इतनी किफायती रखी गई है कि हर वर्ग के लोग इसका आनंद ले सकते हैं. चाहे आम आदमी हो, विद्यार्थी हो या कोई यात्री हर किसी के लिए यह गर्मी से राहत देने वाली एक बेहतरीन चॉइस बन चुकी है.
सुबह से शाम तक लस्सी की बहार
यह दुकान हर दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहती है. लोग यहां केवल लस्सी पीने ही नहीं आते बल्कि 10-10 ग्लास लस्सी पार्सल लेकर भी जाते हैं. यहां तक कि शादी, पार्टियों और अन्य आयोजनों के लिए लस्सी बाल्टी में भी तैयार की जाती है. उड़ीसा लस्सी सेंटर न सिर्फ बसना के लोगों के लिए बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों के लोगों के लिए भी पसंदीदा जगह बन चुकी है. रायपुर, रायगढ़, बलांगीर, संबलपुर जैसे दूर-दराज के इलाकों से लोग यहां खासतौर पर इस स्पेशल लस्सी का मजा लेने आते हैं.
जब तापमान ऊपर चला जाता है, तब उड़ीसा लस्सी सेंटर की स्पेशल लस्सी लोगों को ठंडक का अहसास कराती है. गर्मी के दिनों में यह दुकान पूरे शबाब पर होती है और यहां ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रहती हैं. अगर आप भी गर्मी से राहत पाना चाहते हैं और ठंडी, स्वादिष्ट और पौष्टिक लस्सी का मजा लेना चाहते हैं, तो एक बार उड़ीसा लस्सी सेंटर जरूर विजिट कर सकते हैं.
हर साल निजी स्कूलों की फीस में बढ़ोतरी, अभिभावकों पर बढ़ा आर्थिक बोझ
27 Mar, 2025 12:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली को लेकर एक साल पहले ही बाल संरक्षण आयोग ने भी सख्त रूख अपनाया था। निजी स्कूलों की फीस की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा था। यानी स्कूलों के बाहर चार गुना आठ फीट का बोर्ड लगाकर तय की गई फीस की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
साथ ही इसे स्कूल की वेबसाइट पर भी फीस की जानकारी दिखानी होगी। इसके लिए आयोग ने आदेश जारी कर सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा था कि निजी स्कूलों की फीस की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए, लेकिन इस आदेश का कहीं भी पालन नहीं हो रहा है। अफसर भी निजी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं। यही वजह से हर साल निजी स्कूल मनमाने ढंग से अभिभावकों को लूटने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में निजी स्कूल संचालक अपनी मर्जी से हर वर्ष फीस में बढ़ोतरी कर रही है।
तय मानक के अनुसार बढ़ा सकते हैं फीस
आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ अशासकीय फीस विनियमन और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार फीस होगी। तय मानक के अनुसार ही फीस की बढ़ोतरी करनी होगी। आयोग ने सभी जिलों के कलेक्टर और जिला फीस समितियों को आदेश जारी किया था, ताकि फीस बढ़ोतरी की शिकायत पर लगाम कस सकें।
8 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते
स्कूलों के मनमानी फीस बढ़ाने पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार 2020 में फीस विनियमक अधिनियम लेकर आई थी। इस अधिनियम के तहत निजी स्कूल साल में आठ प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर सकते हैं। ज्यादा करने पर जिला स्तर गठित समिति को जानकारी देनी थी, लेकिन प्रदेश में इसका पालन नहीं हो रहा है।
यहां न तो फीस संरचना पारदर्शी हो सकी है न ही कमेटी के पास अनुमति लेने की व्यवस्था काम कर रही है। सिर्फ शासन-प्रशासन व्यवस्था बनाकर भूल गए हैं। इतना ही नहीं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पोर्टल में निजी स्कूलों से विभिन्न मद से ली जा रही फीस संरचना को अपलोड करना था। यह कार्य भी नहीं हो रहा है।
इसलिए बढ़ा रहे हैं मनमानी फीस
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सोनल कुमार गुप्ता ने बताया कि स्कूलों में स्कूल फीस समिति में जागरूक और निष्पक्ष अभिभावकों को शामिल नहीं करने, आय-व्यय से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं करने, जिला फीस समिति की नियमित बैठक नहीं होने की स्थिति में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाई जा रही है।
रायगढ़ में हाई कोर्ट में दायर याचिका, पति ने पत्नी के कौमार्य परीक्षण की मांग की
27 Mar, 2025 11:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में पति द्वारा पत्नी के कौमार्य परीक्षण (वर्जिटिनी टेस्ट) की मांग को असंवैधानिक ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की मांग न केवल महिलाओं की गरिमा के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 के भी विपरीत है।
रायगढ़ के पारिवारिक न्यायालय में जुलाई 2024 को दर्ज मामले में पत्नी ने ₹20,000 प्रतिमाह अंतरिम भरण-पोषण की मांग की थी। दोनों की शादी 30 अप्रैल 2023 को हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी, लेकिन जल्द ही संबंधों में दरार आ गई।
पत्नी ने पति को बताया नपुंसक
पत्नी ने अपने पति पर नपुंसकता का आरोप लगाया, जबकि पति ने प्रत्यारोपण करते हुए पत्नी के अपने बहनोई से अवैध संबंध होने की बात कही और उसके कौमार्य परीक्षण की मांग की। पति की इस याचिका को पारिवारिक न्यायालय ने खारिज कर दिया, जिसके खिलाफ उसने हाई कोर्ट में अपील दायर की। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने क्रिमिनल रिवीजन की सुनवाई के दौरान इस पर गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कौमार्य परीक्षण असंवैधानिक है और महिला की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करता है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है।
कोर्ट ने आगे कहा- अगर पति खुद पर लगे आरोपों को गलत साबित करना चाहता है, तो वह खुद का मेडिकल परीक्षण करा सकता है, लेकिन पत्नी पर ऐसा आरोप थोपना अवैध है।
निचली अदालत काे माना सही
हाई कोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि पत्नी के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना सर्वोपरि है। कोर्ट ने दोहराया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा संविधान द्वारा संरक्षित अधिकार हैं, जिन्हें छीना नहीं जा सकता।
दो फैसलों का दिया हवाला
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के दो फैसलों का हवाला दिया। जिसमें राज्य बनाम शैलेन्द्र कुमार राय (2022) 14 एससीसी 299 शामिल था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने टू फिंगर टेस्ट को अवैध और पीड़िता के अधिकारों के खिलाफ बताया था।
छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ी, मौसम विभाग ने तापमान में वृद्धि का किया अनुमान
27 Mar, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में तेज धूप के साथ गर्मी पड़ने वाली है। एक बार फिर अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है। आज गुरुवार को मौसम शुष्क रहने की संभावना है। प्रदेश में बारिश की गतिविधि थमने पर अधिकतम तापमान 39 डिग्री जा पहुंचा है। आगामी दिनों में दो से चार डिग्री बढ़ोतरी होने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों में प्रदेश में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की क्रमिक वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगी। मौसम एक्सपर्ट ने बताया कि उत्तर-दक्षिणी द्रोणिका का असर खत्म हो गया है।
बुधवार को प्रदेश में सबसे गर्म इलाका बिलासपुर रहा है। यहां अधिकतम तापमान 39 डिग्री दर्ज किया गया है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान अंबिकापुर में 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज गुरुवार को राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है।
मॉर्निंग वॉक पर निकले युवक की ट्रक से मौत, भाटापारा में बढ़ते हादसों पर प्रशासन से कार्रवाई की अपील
27 Mar, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पलारी क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। जिसमें मॉर्निंग वॉक पर निकले 28 वर्षीय युवक की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। यह हादसा किसान राइस मिल के पास हुआ, जहां तेज रफ्तार ट्रक ने युवक को टक्कर मार दी।
घटना की सूचना मिलते ही पलारी पुलिस मौके पर पहुंची। ट्रक को जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क पर लापरवाही से चलने वाले वाहनों की वजह से हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। इस घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है और लोग प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
9 नक्सलियों ने किया सरेंडर, कई नक्सली वारदातों में शामिल इन नक्सलियों पर था 26 लाख का इनाम
26 Mar, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुकमा: सरकार के नक्सल ऑपरेशन को बड़ी सफलता मिली है। कोंटा ब्लॉक में लंबे समय से नक्सल संगठन में सक्रिय वेट्टी कन्नी समेत 26 लाख के इनामी 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण, एएसपी उमेश गुप्ता और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष सरेंडर करने वाले 9 नक्सलियों में 6 महिला नक्सली हैं। ये सभी नक्सली कई बड़ी वारदातों में शामिल रहे हैं।
नक्सल बटालियन में सक्रिय एक नक्सली ने भी सरेंडर किया है। इस दौरान सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि लगातार ऑपरेशन और कैंप खुलने से प्रभावित होकर 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें बटालियन नंबर वन के अलावा जगरमुंडा इलाके में शामिल नक्सली भी शामिल हैं। इन्होंने नक्सलियों की खोखली विचारधारा को त्यागकर सरेंडर किया है। इन्हें सरकार की सरेंडर नीतियों का लाभ दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने किया अस्पताल दुर्ग का निरीक्षण, स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सकीय सेवाओं का किया मूल्यांकन
26 Mar, 2025 05:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जयसवाल ने जिला अस्पताल दुर्ग का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन कियास्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जयसवाल ने जिला अस्पताल दुर्ग का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन कियास्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जयसवाल ने जिला अस्पताल दुर्ग का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज जिला अस्पताल दुर्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ओपीडी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, शिशु वार्ड, प्रसव वार्ड, ऑपरेशन कक्ष सहित सभी वार्डों का विस्तृत निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री श्री जयसवाल ने मरीजों एवं उनके परिजनों से उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं एवं चिकित्सा सेवाओं के अनुभवों पर चर्चा की।
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री जयसवाल ने आईसीयू, ब्लड बैंक, एनआरसी, एसएनसीयू, डीईआईसी एवं प्रसव विभाग का भी निरीक्षण किया तथा चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का निरीक्षण करते हुए इसे मॉडल ओटी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्री जयसवाल ने डायलिसिस यूनिट का निरीक्षण कर उपलब्ध उपकरणों की स्थिति देखी तथा आवश्यक आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए डायलिसिस यूनिट की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के अंत में स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने स्टोर रूम का अवलोकन किया तथा उसे और अधिक व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल की मौजूदा सुविधाओं की सराहना करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए 5 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति के निर्देश दिए। साथ ही प्रसूति विभाग में डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की आवश्यकता की मांग को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा उन्होंने दवा वितरण कक्ष का भी निरीक्षण किया तथा मरीजों को उपलब्ध होने वाली दवाइयों की गुणवत्ता का जायजा लिया। इस अवसर पर वैशालीनगर विधायक राकेश सेन, अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग विधायक ललित चंद्राकर एवं गजेंद्र यादव, महापौर श्रीमती अलका बाघमार, स्वास्थ्य संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, एडीएम अरविंद एक्का, एसडीएम हरवंश सिंह मिरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग डॉ. मनोज दानी, सिविल सर्जन एवं सह अस्पताल अधीक्षक दुर्ग हेमंत साहू, डॉ. ओपी वर्मा सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जशपुर जिले को मिलेगी नई पहचान, तीन प्रमुख पर्यटन सर्किट सहित मयाली नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ
26 Mar, 2025 04:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मयाली नेचर कैंप में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: आदिवासी प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगार मयाली नेचर कैंप में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: आदिवासी प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगार मयाली नेचर कैंप में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: आदिवासी प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगार मयाली नेचर कैंप में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: आदिवासी प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगार मयाली नेचर कैंप में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: आदिवासी प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को नई पहचान दिलाने की ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने कुनकुरी के मयाली नेचर कैंप में एडवेंचर जोन का उद्घाटन किया और जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन सर्किट- आध्यात्मिक और सांस्कृतिक (आध्यात्मिक और विरासत), प्रकृति और वन्य जीवन (प्रकृति और वन्य जीवन) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट का उद्घाटन किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार भी खोलेगा। मुख्यमंत्री साय ने स्वयं पोंटून बोट पर सवार होकर मधेश्वर महादेव का विहंगम दृश्य देखा और कहा कि मायाली एडवेंचर जोन अब रोमांच और रोजगार का केंद्र बनेगा। यहां एक्वा साइकिलिंग, कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बंपर बोट जैसी साहसिक गतिविधियां शुरू की गई हैं। तीन नए पर्यटन सर्किट की झलक: मुख्यमंत्री साय ने जिन तीन प्रमुख पर्यटन सर्किट का उद्घाटन किया, वे जशपुर की विविधता और विशेषता को दर्शाते हैं।
आध्यात्मिक और हेरिटेज सर्किट कोटेबिरा से शुरू होता है, जो तमता, कैलाश गुफा, मधेश्वर पर्वत, शारदा धाम, ग्वालिन सरना जैसे स्थानों से होकर गुजरता है - यह सर्किट भक्ति, विरासत और आदिवासी परंपराओं की अनमोल झलक पेश करता है। प्राकृतिक और वन्य जीव सर्किट प्रकृति की गोद में शांति की तलाश करने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इसमें मकरभंजा जलप्रपात, बादलखोल अभ्यारण्य, रानीदाह और गुल्लू जलप्रपात से लेकर सारूडीह चाय बागान शामिल हैं - प्राकृतिक विरासत से भरपूर यह सर्किट पर्यावरण प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा। साहसिक पर्यटन सर्किट रोमांच प्रेमियों को आकर्षित करेगा। इसमें दानागरी कैंप साइट, बेलवार जलप्रपात, देसदेखा हिल कैंप, सरना इको एथनिक रिसॉर्ट और क्लाइंबिंग सेक्टर जैसे स्थान शामिल हैं, जो ट्रैकिंग, क्लाइंबिंग और नेचर-कैंपिंग जैसी गतिविधियों के लिए आदर्श स्थान बनेंगे।
आदिवासी युवाओं के लिए पर्वतारोहण अभियान: हिमाचल की ऊंचाइयों से लौटेगा जशपुर का आत्मविश्वास
मुख्यमंत्री साय की पहल पर अब जशपुर के आदिवासी युवाओं को हिमाचल प्रदेश की मियाद घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइंबिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षित युवा वापस लौटकर स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षण देंगे, जिससे पर्यटन और युवा शक्ति दोनों को मजबूती मिलेगी। अभियान पर गए बच्चों ने मुख्यमंत्री साय से मुलाकात की और कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें यह अनूठा अवसर मिला है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार युवाओं को विभिन्न साहसिक खेलों के लिए प्रोत्साहित कर रही है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बेटी ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने की इच्छा जताई थी, जिसके लिए तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। उसने किलिमंजारो को फतह किया। इसी तरह आपको भी कड़ी मेहनत करनी है और प्रदेश का नाम रोशन करना है। जिस पर युवा तेजल भगत ने कहा कि अब हमारी बारी है, हम भी प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कहा-पर्यटन ने बदल दी जिंदगी
मयाली नेचर कैंप में कार्यरत लक्ष्मी और तुलसी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि पर्यटन के कारण अब उन्हें नियमित आमदनी हो रही है और बच्चों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं ने मधेश्वर महादेव की लकड़ी की कलाकृति भेंट कर मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री साय की यह पहल पर्यटन को महज भ्रमण नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बना रही है। जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक विरासत और आदिवासी आत्म-विश्वास को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है।
सीएम साय पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कहानी में शामिल हुए, कही ये बात....
26 Mar, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साई आज जशपुर जिले के मयली के मधेश्वर महादेव धाम में आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुरन कथा में भागीदार बने और उन्होंने कहा कि पिछड़ी जनजाति, हिल कोरवा और बिरहोर जनजाति के परिवारों के प्रति अपनी भक्ति बिताई। यह उल्लेखनीय है कि शिव महापुरन कथा को सुनने के लिए इस अवसर पर एक लाख से अधिक भक्त मौजूद थे। मुख्यमंत्री साई ने कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा जी को पुष्पांजलि पहनकर और मधेश्वर महादेव की तस्वीर पेश करते हुए बधाई दी, और खुशी और समृद्धि के लिए राज्य के लोगों की कामना करके अपना आशीर्वाद भी प्राप्त किया। मुख्यमंत्री साई ने उनकी पत्नी श्रीमती कौशाल्या साईं, जिला पंचायत के राष्ट्रपति सालिक साई, उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूडियो, पवन साई, कृष्णा कुमार राय, भरत सिंह और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी - आयुक्त नरेंद्र दुग्गी, इग अकित गार्ग, कलेक्टर रोहित वीवाईएस, अधनदा
मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना 27 मार्च से शुरू होगी
भक्तों को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री साई ने कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत भाग्य की बात है कि पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं भगवान शिव की दिव्य कहानी बताने के लिए मधेश्वर महादेव की भूमि पर आए हैं। शिव भक्ति की धारा के कारण पूरे माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया गया है, जो यहां पांच दिनों से चल रहा है। लोगों को इस पवित्र कहानी से आध्यात्मिक ज्ञान मिल रहा है। मुख्यमंत्री साई ने बताया कि मुख्यमंत्री की तीर्थयात्रा योजना 27 मार्च को फिर से शुरू की जाएगी। इसके तहत, इच्छुक भक्तों को विभिन्न तीर्थयात्रा स्थलों पर जाने के लिए भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी सूचित किया कि अयोध्या धाम रामलला दर्शन योजना के तहत, 22,000 से अधिक भक्तों ने अब तक प्रभु श्री राम को देखा है।
शिव महापुरन कथा की दिव्य धारा ने भी विशेष पिछड़े जनजाति पाहारी कोरवा और बिरहोर जनजाति के ग्रामीणों को लाभान्वित किया। गाँव पांडरसिली (मनोरा), बेरेखर और भिटघरा (गार्डन) के कई भक्त कहानी स्थल पर पहुंच गए। संतोष राम, बाज्रू राम, शंकर राम, दुर्गा राम और बिरहोर ट्राइब बाल राम, गुरुबारू राम, लख राम ने कहा कि शिव कथा ने हमारे आंतरिक प्राणियों को छुआ है। प्रदीप मिश्रा के प्रवचन न केवल भक्ति सिखाते हैं, वे जीवन को नई दिशा भी देते हैं।
मधेश्वर महादेव: आध्यात्मिक विश्वास का केंद्र
मुख्यमंत्री साई ने मधेश्वर महादेव धम को दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में गर्व के प्रतीक के रूप में वर्णित किया और कहा कि यह स्थान पूरे राज्य में धार्मिक विश्वास का केंद्र है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग इस पवित्र अवसर का लाभ उठाते हैं और कहानी के शेष दो दिनों में दिखाई देते हैं और खुद को भक्ति के साथ प्रेरित करते हैं।
रतनपुर के महामाया मंदिर कुंड में मिले 30 मृत कछुए, वन विभाग जांच में जुटा
26 Mar, 2025 02:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर: रतनपुर स्थित महामाया मंदिर कुंड के किनारे 30 कछुए मृत मिले। सभी जाल में फंसे हुए थे। घटना सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कछुओं की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। ट्रस्ट का सहयोग लेकर वन विभाग मामले की जांच में जुटी है।
जाल में फंसे मृत कछुओं को मंगलवार की सुबह देखा गया। एक शख्स ने इसकी जानकारी ट्रस्ट को दी। इसके बाद कछुओं की मौत की यह घटना आग की तरह फैल गई। प्रथम दृष्टया तो यही लगा कि किसी ने कुंड में जाल फेंका होगा। उसमें कछुए फंसने के बाद वह मौके पर उन्हें छोड़कर भाग गया होगा।
आज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया
विभाग ने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अज्ञात के खिलाफ विभाग ने अपराध भी दर्ज कर लिया है। इधर, घटना के बाद से रतनपुर में हड़कंप मचा हुआ है। सूचना मिलते भीड़ मौके पर पहुंच गई।
इसके बाद वन विभाग ने कछुओं को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार भी किया गया। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही शंकर गेट के पास अज्ञात तत्वों द्वारा महामाया मैदान की दुकान में आग लगा दी गई थी। घटना के दौरान इसकी चर्चा भी हुई और यह कहा कि मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ है।
बाहर से लाकर कछुओं को रखने की आशंका
वन विभाग की टीम मृत कछुओं को लेकर पोस्टमार्टम के लिए कानन पेंडारी जू पहुंची। यहां पोस्टमार्टम के दौरान एक बात सामने आई। कछुओं की मौत तीन से चार दिन पहले हो चुकी है।
ऐसे में आशंका यह भी है कि बदमाशों ने बाहर से मृत कछुओं को लाकर कुंड के किनारे रखा है। कैमरों की जांच में कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। पोस्टमार्टम के बाद कानन पेंडारी में मृत कछुओं का अंतिम संस्कार किया गया।
आज जांच के लिए बिसरा भेजेंगे जबलपुर
डीएफओ बिलासपुर वनमंडल के डीएफओ सत्यदेव शर्मा का कहना है कि घटना बड़ी और गंभीर है। पोस्टमार्टम के दौरान तीन से चार दिन पहले कछुओं की मौत होने की जानकारी से घटना और पेचिदा हो गई है।
सुरक्षाकर्मियों के कामकाज को लेकर उठे सवाल
महामाया मंदिर में ट्रस्ट की ओर से निजी सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी इन सुरक्षाकर्मियों को जानकारी नहीं मिली। यह भी समझ से परे है, जबकि उनका दायित्व ही निगरानी और सुरक्षा करना है।